नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के पहले चरण के लिए नामांकन जारी है इस बीच, राज्य में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप चरम पर पहुंच गए हैं। चुनावी जंग काव्य बन गई है। बीजेपी के राष्ट्रीय कवि रामधारी सिंह दिनकर की कविताओं से एक तरफ यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी पार्टी राजनीतिक तीर चला रही है तो दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी भी दिनकर जी की कविताओं के जरिए बदला ले रही है.
क्या है पूरा मामला?
पाते हैं सम्मान तपोबल से भूतल पर शूर,
'जाति-जाति' का शोर मचाते केवल कायर क्रूर।– राष्ट्रकवि रामधारी सिंह 'दिनकर'
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) January 17, 2022
दरअसल, हाल ही में स्वामी प्रसाद मौर्य, धर्म सिंह सैनी और दारा सिंह चौहान, जो यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री थे, ने योगी कैबिनेट और भाजपा से इस्तीफा दे दिया और समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। तीनों नेताओं ने योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाले राज्य में भाजपा सरकार की खिंचाई की और उस पर पिछड़े, निम्न वर्ग, दलितों, किसानों और बेरोजगार युवाओं की उपेक्षा करने का आरोप लगाया।
"ऊपर सिर पर कनक-छत्र, भीतर काले-के-काले
शरमाते हैं नहीं जगत् में जाति पूछनेवाले"
~राष्ट्रकवि रामधारी सिंह 'दिनकर'~ https://t.co/V9dUgJFCnW
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) January 17, 2022
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अभी भी आरोपों पर चुप थे, लेकिन मंगलवार को उन्होंने राष्ट्रीय कवि रामधारी सिंह दिनकर की एक कविता के माध्यम से समाजवादी पार्टी पर निशाना साधकर अपनी चुप्पी तोड़ी। योगी आदित्यनाथ ने दिनकर के महाकाव्य ‘रश्मिरथी’ की कुछ पंक्तियों को ट्वीट किया और लिखा, ‘तपोबल के भूतल पर हमें सम्मान मिलता है, कायर क्रूर लोग ‘जाति-जाति’ शब्द का उच्चारण करते हैं।
एसपी ने हां में जवाब दिया
समाजवादी पार्टी ने भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हमले का पलटवार किया है. एसपी ने ‘रश्मिरथी’ की इसी लाइन को ट्वीट करते हुए लिखा, ‘सिर के ऊपर कनक-छाता, अंदर से काला-काला, उन्हें शर्म नहीं आती, जो धरती पर जन्म मांगते हैं।’
यूपी बीजेपी ने भी दागे तीर
सपा के जवाबी हमले के बाद यूपी बीजेपी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने भी दिनकर की ‘रश्मिरथी’ से यही लाइन ट्वीट कर पलटवार किया. यूपी बीजेपी ने लिखा, ‘आश्चर्यजनक सम्मान की तलाश मत करो, दुनिया में अपनी प्रसिद्धि के लिए आपको प्रशंसा मिलती है। निकृष्ट मूल को देखते हुए संसार सही है या गलत, वीर इतिहास में घसीट कर ही जीवित रहते हैं।
एसपी ने फिर किया पलटवार
बीजेपी के ‘राजनीतिक तीर’ पर फिर प्रतिक्रिया देते हुए सपा और रश्मिरथी ने एक ही लाइन ट्वीट करते हुए लिखा, ‘जाट-पत जिसकी राजधानी सिर्फ पाखंड है, मैं जाट के बारे में क्या जानूं? यह नस्ल मेरी कमान है! लोगों की बाधाएं, समय कहां है? वह जहां चाहता है, समय बीत जाता है। हंगामे में महलों की नींव उखड़ जाएगी, राजगद्दी खाली हो जाएगी और लोग आ जाएंगे।
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