Homeदेशकांवड़ यात्रा में भाला और त्रिशूल पर प्रतिबंध, देखें गाइडलाइंस

कांवड़ यात्रा में भाला और त्रिशूल पर प्रतिबंध, देखें गाइडलाइंस

इस साल सावन के कांवड़ यात्रा की शुरुआत 4 जुलाई से हो रही है जो 15 जुलाई तक चलेगी। सावन की शिवरात्रि पर हरिद्वार से चलकर उत्तर प्रदेश होते हुए हरियाणा, दिल्ली व राजस्थान तक जाने वाली कांवड़ यात्रियों के लिए खास दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। सावन की कांवड़ यात्रा में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए और उनकी यात्रा सुचारू रूप से चले, इसके लिए सात राज्यों ने खास व्यवस्था की है।

सात राज्‍यों, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और पंजाब के अध‍िकारियों और सुरक्षा एजेंसियों ने कांवड़ यात्रा को लेकर एक बैठक की और बैठक के बाद कुछ दिशा निर्देश जारी किए गए। दिशा निर्देश में कांवड़ियों की भारी तादाद को देखते हुए रूट डायवर्जन की व्‍यवस्‍था भी की गई है।

दिशा निर्देश में कहा गया है कि इस बार कांवड़ यात्रा में 12 फीट से ऊंची कांवड़ नहीं ले जा सकेंगे, उस पर रोक रहेगी। इसके पीछे की वजह बताई गई कि ज्यादा ऊंचाई होने पर कांवड़ बिजली के तारों से स्पर्श कर सकती है और हादसा होने की आशंका रहती है।

कांवड़ यात्रा से पहले जान लें गाइडलाइंस

>>   कांवड़ लेकर जाने के लिए पहचान पत्र जरूरी है।

>>   डीजे पर रोक नहीं होगी, पुलिस नियंत्रण करेगी।

>>   कांवड़ 12 फीट से ऊंची नहीं होगी।

>>   अगर किसी के पास आईडी नहीं है तो अपने जिले के कलेक्ट्रेट ऑफिस में पंजीकरण करा लें।

>>   कांवड़िए अपने साथ भाले या त्रिशूल जैसे नुकीले सामान नहीं लेकर चल सकेंगे।

>>   कांवड़ यात्रा के दौरान डीजे पर रोक तो नहीं होगी लेकिन प्रशासन का नियंत्रण होगा।

>>   डीजे पर अश्‍लील या उकसाने वाले गाने नहीं चलाए जा सकेंगे।

>>   डीजे कितनी तेज आवाज में बजाया जा सकेगा इस पर भी कंट्रोल रहेगा।

>>  कांवड़ यात्रा की दृष्टि से पश्चिम उप्र को पांच परिक्षेत्रों में बांटा गया है। मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर व बागपत पहला  जोन होगा।

>>  गाजियाबाद व गौतमबुद्धनगर दूसरा, सहारनपुर मंडल तीसरा, बरेली चौथा व आगरा पांचवां जोन होगा।

>>  कांवड़ यात्रा पर नजर रखने के लिए हेलीकाप्टर व 81 ड्रोन कैमरों की व्यवस्था की जाएगी।

>>   1,103 स्थानों पर सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था होगी।

>>   कांवड़ यात्रा चार जुलाई से प्रारंभ होगी। ऐसे में चार जुलाई से दिल्ली-देहरादून हाइवे वन-वे हो जाएगा। एक ओर कांवड़ चलेगी तो दूसरी ओर वाहन।

>>  नौ जुलाई से हाईवे पूरी तरह कांवड़ियों के लिए आरक्षित कर दिया जाएगा।

>>  कांवड़ियों की संख्या देखते हुए प्रशासन रूट डायवर्जन व वाहनों के प्रतिबंध के आदेश को संशोधित कर सकता है।

>>   यात्रा के दौरान म्यूजिक सिस्टम पर अशोभनीय गाना न बजने दें।

>>   हर जिले में क्यूआर कोड बनाएं, जिसमें कांवड़ संबंधी जानकारी मिल सके।

>>   कांवड़ यात्रा पूर्ण रूप से प्लास्टिक मुक्त रखी जाएगी।

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