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ऑस्ट्रेलिया में मधुमक्खियों को मारने का फैसला, जानिए इसके पीछे की वजह ?

ऑस्ट्रेलिया में पिछले 2 हफ्तों में प्रशासन ने लाखों मधुमक्खियों को मार दिया | दरअसल , ऑस्ट्रेलिया प्रशासन द्वारा ये कदम खतरनाक पैरासिटिक प्लेग को फैलने से रोकने के लिए उठाया गया है | दरअसल , ऑस्ट्रेलिया में पिछले हफ्ते ही सिडनी पोर्ट के पास वाले क्षेत्रों में वेरोआ माइट डिटेक्ट किया गया है | इससे ऑस्ट्रेलिया में करोड़ों रुपये की शहद इंडस्ट्री को नुकसान पहुंचने का डर सता रहा है | इसके सामने आने के बाद मधुमक्खी पालन से जुड़े लोगों को अलर्ट जारी किया गया है | 

वहीं, इस प्रकोप को फैलने से रोकने के लिए मधुमक्खी पालन केंद्रों को लॉकडाउन के तहत रखा गया है. ऑस्ट्रेलियाई शहद इंडस्ट्री काउंसिल ने कहा है कि न्यूकास्टल में मधुमक्खी पालक किसी भी छत्ते या मधुमक्खी पालन से जुड़े उपकरण को क्षेत्र के अंदर या बाहर नहीं ले जाते हैं | ऑस्ट्रेलिया उन कुछ देशों में रहा है , जो वरोआ माइट के प्रसार को रोकने में सफल रहा है | वरोआ माइट को दुनियाभर में मधुमक्खियों के लिए बड़ा खतरा बताया जाता | लेकिन इस बार ऑस्ट्रेलिया में वरोआ माइट पैर पसारने में सफल रहा है |

क्या है वेरोआ माइट?

वेरोआ माइट तिल के आकार का पैरासिटिक कीट है जो मधुमक्खियों के छत्तों पर हमला करता है और मधुमक्खियों को नुकसान पहुंचाता है | यह लाल भूरे रंग का होता है | यह छोटा सा कीट मधुमक्खी पालन को तबाह करने के लिए काफी होता है | यह मधुमक्खियों से ही दूसरी मधुमक्खियों तक पहुंचता है, या मधुमक्खियों के पालन में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों से एक जगह से दूसरी जगह पहुंचता है | 

कैसे मधुमक्खियों को नुकसान पहुंचाता है ये कीट

मधुमक्खियों के छत्ते में जैसे जैसे इनकी संख्या बढ़ती है , ये और घातक सिद्ध होने लगते हैं और मक्खियों को और ज्यादा नुकसान पहुंचाने लगते हैं | इन माइट्स के चलते मधुमक्खियां उड़ने की क्षमता खोने लगती हैं | भोजन के लिए छत्ता छोड़ने के बाद इनके वहां वापस आने की दर भी काफी कम हो जाती है | इस तरह शहद बनना कम हो जाता है |

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