पूर्व सांसद अशोक सिद्धार्थ ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर लिखा – मैं अशोक सिद्धार्थ बीएसपी पूर्व सांसद निवासी जिला फर्रुखाबाद बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व यूपी की चार बार रहीं मुख्यमंत्री और कई बार लोकसभा व राज्यसभा की सांसद रहीं बहन मायावती का हहृय से सम्मान और चरण-स्पर्श करता हूँ। मुझसे पार्टी का कार्य करने के दौरान जाने व अनजाने में तथा गलत लोगों के बहकावे में आकर जो भी गलतियां हुई हैं। तो उसके लिए मैं आदरणीय बहन जी से हाथ जोड़कर माफी मांगता हूँ। जिन्होंने अनेकों कष्ट झेलकर, अपनी पूरी जिन्दगी, इस देश के करोड़ों दलितों एवं अन्य उपेक्षित वर्गों के हित व कल्याण के लिए समर्पित की है।
हाथ जोड़कर अनुरोध करता हूँ कि वे मुझे माफ कर दें
उन्होंने आगे लिखा – बहन जी से मैं हाथ जोड़कर अनुरोध करता हूँ कि वे मुझे माफ कर दें, आगे मैं कभी भी गलती नहीं करूँगा और पार्टी के अनुशासन में ही रहकर, उनके मार्ग-दर्शन एवं दिशा-निर्देश में ही कार्य करूँगा। इसके साथ ही मैं रिश्तेदारी आदि का भी कोई नाजायज फायदा नहीं उठाऊँगा। यहाँ मैं यह भी स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि खासकर संदीप ताजने बीएसपी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष महाराष्ट्र व हेमन्त प्रताप, निवासी जिला फिरोजाबाद तथा यूपी के अन्य जिन भी गलत लोगों को पार्टी से निकाला गया है।
तो मैं उनको वापिस लेने के लिए कभी भी सिफारिश नहीं करूंगा। यह भी मैं विश्वास दिलाना चाहता हूँ। अन्त में अब मैं पुनः बहन जी से अपनी सभी छोटी-बड़ी गलतियों की माफी माँगते हुए। उनसे पार्टी में वापिस लेने के लिए विशेष आग्रह करता हूँ। बहन जी की अति कृपा होगी।
मायावती के भरोसेमंद नेताओं में गिने जाते थे अशोक सिद्धार्थ
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती ने अशोक सिद्धार्थ को 12 फरवरी 2025 को पार्टी विरोधी गतिविधियों और गुटबाजी के आरोप में बीएसपी से निष्कासित कर दिया था। अशोक सिद्धार्थ मायावती के करीबी और भरोसेमंद नेताओं में गिने जाते थे। वह मायावती के समर्थन से राज्यसभा सांसद भी रहे हैं और इससे पहले विधान परिषद (एमएलसी) के भी रह चुके हैं।
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