Corona Ki Teesri Laher Me Bachche Honge Sankramit , kya corona ki tisri leher bachon ko nuksan pahunchayegi , kya corona teesri laher me bchon par hoga ghatak , corona virus bachon ke liye hoga ghatak
देश अभी तक कोरोना की दूसरी लहर से उबर नहीं पाया है लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि कुछ ही दिनों बाद देश में संक्रमण की तीसरी लहर को देखा जा सकता है जिसकी चपेट में देश की करीब 35 फ़ीसदी जनता आ सकती है साथ ही यह भी माना जा रहा है कि इस लहर में सबसे ज्यादा खतरा बच्चे और किशोर अवस्था के लोगों को है।
तीसरी लहर के खतरे की आशंका के बीच राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने राज्यों से 1 हफ्ते के भीतर बच्चों के लिए हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के आंकड़े जमा करने के आदेश दिए हैं जिसके लिए एनसीपीसीआर की अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने कहा कि हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर कि देश में क्या हालत है यह दूसरे लहर में सामने आ गया है Corona Ki Teesri Laher Me Bachche Honge Sankramit
देश में हेल्थ इंटरेस्ट अक्षर की बड़ी दिक्कत है और जो मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर है वह भी पूरी तरह से चालू हालत में नहीं है और इसकी मुख्य वजह मेडिकल सिस्टम में टेक्नीशियन की भारी किल्लत होना और लापरवाही भरा रवैया है दूसरी लहर के दौरान कई ऐसे मामले देखने को मिले जिनमें कई राज्यों में वेंटिलेटर दूर खाते हुए मिले तो कई मरम्मत के अभाव में बेकार पड़े हुए।
इस वजह से ही राज्यों से हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के आंकड़े मांगे गए हैं ताकि आगे जाकर किसी भी बहाने बाजे की गुंजाइश ना रहे और राज्य पहले से ही अलर्ट हो जाएं और अगर हमें डाटा उपलब्ध हो जाता है तो हम केंद्र सरकार को पहले से ही यह बता सकेंगे कि किस राज्य में कैसी स्थिति है और किसे कितनी मदद की आवश्यकता है।
राज्यों के पास उपलब्ध नहीं आंकड़े, आयोग ने मांगा जवाब
Corona Ki Teesri Laher Me Bachche Honge Sankramit
आयोग ने सभी राज्यों को इंफ्रास्ट्रक्चर का आंकड़ा भरने के लिए एक विस्तृत फॉर्म भेजा है लेकिन इस फॉर्म को भरते वक्त कई राज्यों के पसीने छूट जाएंगे। आयोग द्वारा डीजे गैस फॉर्म में बच्चों के इलाज के लिए कुल अस्पताल नर्सिंग होम प्राथमिक चिकित्सा के डॉक्टर नर्सों के आंकड़े कुछ उठाने में तो शायद राज्य को ज्यादा दिक्कत ना हो लेकिन इसके आगे के आंकड़ों को भरने में राज्यों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि पब्लिक डोमेन में मौजूद रिपोर्ट में चाइल्ड हेल्थ इन फर्स्ट अक्षर के आंकड़े कहीं हद तक गायब नजर आते हैं अब ऐसे में आयोग को इतनी बारीकी से आंकड़े उपलब्ध कराना राज्यों के लिए आसान नहीं होगा।
किन आंकड़ों की आयोग ने राज्यों से की है मांग?
Corona Ki Teesri Laher Me Bachche Honge Sankramit
* नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट – 0 से 28 दिन तक के बच्चों के लिए आयोग ने मांगा इंटेंसिव केयर यूनिट
* सिक न्यू बॉर्न केयर यूनिट – 28 दिन के अंदर किसी भी तरह की बीमारी होने पर जानकारी
* पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट – 0 से 18 साल तक के बच्चों के लिए मौजूदा संख्या कितनी है और चालू हालत में कितने हैं और कितनों की सेक्शन हुई है।
* अगर कोई बच्चा गंभीर अवस्था में अस्पताल आए तो कितने बेड चालू हालत में है।
* बच्चों के लिए मौजूदा समय में कितनी एंबुलेंस चालू हालत में है।
* कितने डॉक्टर बच्चों के लिए रेजिडेंशियल है और जरूरत पड़ने पर कितने कॉल करके बुलाया जा सकते हैं।
* मौजूदा समय में राज्य में कितना पैरामेडिकल स्टाफ मौजूद है।
* आयोग ने इन सबके अलावा ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, ऑक्सीमीटर, नेबुलाइजर, रेडिएंट वार्मर, ट्रांसपोर्ट वेंटिलेटर, phototherapy, besinet, सक्शन पंप, ऑक्सीजन सिलेंडर समेत 22 और मेडिकल इक्विपमेंट के बारे में जानकारी मांगी है।
तीसरी लहर से आबादी की बड़ी संख्या खतरे के निशान पर
साल 2011 में की गई जनगणना के आंकड़ों के आधार पर अनुमान लगाया गया है कि देश में जीरो से 4 साल तक के बच्चों की जनसंख्या तकरीबन 11 करोड से ज्यादा है यानी कि यह आबादी का करीब 11 फ़ीसदी है तो वही 12 करोड़ से ज्यादा की आबादी 5 से 9 साल तक के बच्चों की है जो की आबादी का कुल 12.5 फ़ीसदी है 10 से 14 साल तक के बच्चों की आबादी 12 करोड़ से ज्यादा है जो की कुल आबादी का 12 फ़ीसदी है साल 2019 में जारी किए गए सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम के मुताबिक भारत में 5 साल से कम उम्र के लोग करीब 46.9 फ़ीसदी हैं। इसलिए अगर इस रिपोर्ट के अनुसार गौर किया जाए तो कोरोना की तीसरी लहर की चपेट में आने वाली आबादी देश की करीब 35 से 38 फ़ीसदी आबादी होगी।
बच्चों के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के आंकड़े खोजना आसान नहीं
Corona Ki Teesri Laher Me Bachche Honge Sankramit
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष और भारतीय बाल विकास अकादमी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अशोक राय का इस मामले पर कहना है कि देश में बच्चों का हेल्थ सिस्टम बिल्कुल अलग होता है उनके लिए अलग तरह के वेंटिलेटर केयर यूनिट और मेडिकल उपकरणों का प्रयोग किया जाता है इस वजह से ही बच्चों के बोर्ड में काम करने वाले डॉक्टर और नर्स इस भी अलग तरह से प्रशिक्षित होते हैं
जिस पर डॉ अशोक राय ने कहा कि क्या हमारे यहां बच्चों के लिए प्रशिक्षित नर्सेज है डॉक्टर का कहना है कि हमारे पास बाल रोग चिकित्सकों की भारी कमी है हालांकि इसका कोई आंकड़ा तो नहीं है लेकिन अगर गौर किया जाए तो देश में प्रशिक्षित नर्स से बेहद कम संख्या में मिलेंगे। साथ ही डॉ अशोक राय का कहना है कि पब्लिक हेल्थ एंड इंफ्रास्ट्रक्चर के आंकड़ों के बीच में ही बच्चों के लिए आंकड़े मौजूद होंगे और इसकी किसी स्पेसिफिक रिपोर्ट के बारे में फिलहाल मुझे किसी भी तरह की जानकारी नहीं है।
कई सारे मेडिकल एक्सपर्ट और डॉक्टर कोरोना की तीसरी लहर के बारे में सचेत कर चुके हैं और इसका सबसे ज्यादा खतरा बच्चों पर होने वाला है यह भी बता चुके हैं ऐसे में बाल आयोग ने हर राज्य से बच्चों के इंफ्रास्ट्रक्चर की जो रिपोर्ट मांगी है वह किस हद तक उपयोगी साबित होती है इसका अंदाजा लगा पाना अभी मुश्किल है। Corona Ki Teesri Laher Me Bachche Honge Sankramit
Written By : Shruti Dixit
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