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जब बात कश्मीरी पंडित की हो तो लोगों के दिल में तरह तरह के सवाल आते हैं कश्मीरी पंडितो का कुछ ऐसा ही माहौल बना रहा है कश्मीरी पंडित हमेशा सुर्ख़ीयों में रहते है लेकिन आज हम बात करने जा रहे हैं Kashmir Ne Phir Qayam
ऐसी इंसानियत की जिसे सुनकर और देखकर आपका दिल इस बात पर फक्र करेगा आप भी कहोगे की ऐसा है हमारा हिन्दुस्तान जहा एक दूसरे के लिए हम सर्दी , गर्मी , लू बारिश , बर्फबारी , तूफान सभी का सामना कर लेते हैं Kashmir Ne Phir Qayam
हमारे देश में ऐसी बहुत सी इंसानियत की मिसाल देखने और सुनने को मिल जाती लेकिन एक ऐसी मिसाल है जिसे हम और आप जरूर सलाम करेंगे ।
ऐसा क्या हुआ कश्मीर में जिसने फिर इंसानियत की मिसाल क़ायम करी
दरअसल आपको बता दें की कश्मीर में शनिवार को शोपियां के कश्मीरी पंडित भास्कर नाथ का किडनी फ़ेल होने के कारण निधन हो गया था वो श्री नगर के अस्पताल में भारती थे शव को घर ला रही एंबुलेंस भारी बर्फ़बारी के कारण रास्ते में ही फँस गई जिसके बाद परिवारीजनों ने गाँव वालों को सूचना दी गाँव में कुछ मुस्लिमों ने सूचना पा कर वहां पहुंचे उन मुस्लिमो ने शव को अपने कंधो पर रख कर गिरती हुई बर्फ में पैदल ही 10 किमी घर तक लेकर आए उसके हिंदू रीति रिवाज़ के हिसाब से उन्होंने शव का दाह संस्कार भी करवाया।
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देश में 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने की शुरुआत 2009 से की गई। सरकार ने इसके लिए 24 जनवरी का दिन ही चुना क्योंकि इसी दिन 1966 में इंदिरा गांधी ने भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी।
इस is सरकार की और से कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। समाज में बालिकाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरुक बनाने के लिए अनेको आयोजन होते हैं Desh Ne Manaya Balika
भारत एक ऐसा देश जहाँ देवियों की पूजा की जाती है जहाँ नारी को लक्ष्मी माना जाता है उसी देश में wo men’s day, daughter day और girl child day भी मनाया जाता है Desh Ne Manaya Balika
पर ये दिन मनाने की हमे जरूरत क्यों पड़ी. क्या एक दिन celebrate करने से नारी का वर्चस्व आजीवन बरकरार रहेगा में ये नहीं कहती कोई भी डे सेलिब्रेट करना गलत है पर मैं यह जरूर कहूंगी क्या सिर्फ एक ही दिन सेलिब्रेट करना चाहिए क्या पूरे साल हमें नारी बच्ची महिला का सम्मान नहीं करना चाहिए. एक दिन, सेलिब्रेट करने से आप रिस्पांसिबिलिटी छुटकारा पा सकते
आज की बालिका जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ रही है चाहे वो क्षेत्र खेल हो या राजनीति, घर हो या उद्योग। एशियन खेलों के गोल्ड मैडल जीतना हो या राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री के पद पर विराजमान होकर देश सेवा करने का काम हो। इसके बाद भी देश की हजारों लड़कियां कुरीतियों की शिकार हैं। ये कुरीतियां उसके आगे बढ़ने से रोकती हैं।Desh Ne Manaya Balika
पढ़े-लिखे लोग और जागरूक समाज भी इस समस्या से अछूता नहीं है। आज हजारों लड़कियों को जन्म लेने से पहले ही कोख में मार दिया जाता है या जन्म लेते ही कंही लावारिस छोड़ दिया जाता है। आज भी समाज में कई घर ऐसे हैं, जहां बेटियों को बेटों की तरह अच्छा खाना और अच्छी शिक्षा नहीं दी जाती है।
भारत में 20 से 24 साल की शादीशुदा औरतों में से 44.5 प्रतिशत औरतें ऐसी हैं, जिनकी शादियां 18 साल के पहले हुईं हैं। इन 20 से 24 साल की शादीशुदा औरतों में से 22 प्रतिशत औरतें ऐसी हैं, जो 18 साल के पहले मां बनी गयी हैं। इन कम उम्र की लड़कियों से 73 प्रतिशत बच्चे पैदा हुए हैं। और इन बच्चों में 67 प्रतिशत कुपोषण के शिकार हैं Desh Ne Manaya Balika
में सभी से यही निवेदन करूँगी की सभी महिलाओं का सम्मान करे उनसे अपनी तुलना ना करे
सभी लड़कों से यही कहना चाहूँगी की लड़की खूबसूरत है तो इसका ये मतलब नहीं उसे टाडा जाए उसे छेड़ा जाए इंसान है वो जानवार नहीं उसे भी मेहसूस होता तकलीफ होती है तो आप भी इंसान बने जानवार नहीं
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बिहार के मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के स्वास्थ्य को लेकर बोले कि अब हम उनके स्वास्थ्य की जानकारी नहीं लेते हैं, अखबार से ही उनके स्वस्थ्य की सूचना मिल जाती है। नीतीश कुमार ने कहा कि हम चाहते हैं कि लालू प्रसाद यादव बीमारी से लड़ कर जल्द स्वस्थ हों। Ab Nahi Poochta Laalu
क्या बोले नीतीश लालू के बारे में
पटना में रविवार के दिन कर्पूरी ठाकुर की जयंती समारोह में भाग लेने के पश्चात जब पत्रकारों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लालू प्रसाद यादव की बिगड़ी हुई तबीयत को लेकर सवाल पूछा, तो वह बोले की कि मेरी शुभकामना उनके साथ है और मै कामना करता हूँ कि लालू जी जल्द स्वस्थ हो जाएं। Ab Nahi Poochta Laalu
तेजस्वी यादव पर साधा निशाना
इसी दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजद नेता तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए बोले की पहले तो हम फोन करके भी उनका हालचाल ले लेते थे, लेकिन उनका जो ख्याल रखता था, वह क्या क्या बोलने लगा था। नीतीश कुमार का इशारा तेजस्वी यादव की ही ओर था। नीतीश ने कहा कि तब से हमने भी सोच लिया और ये तय कर लिया कि अब हम जानकारी नहीं लेंगे, अब हम उनके बारे में नहीं पूछेंगे ,अखबार से ही जानकारी मिल जाती है और हम चाहते हैं कि लालू यादव जल्द स्वस्थ हों। Ab Nahi Poochta Laalu
दूसरों पर भी साधा निशाना
इससे पहले, नीतीश कुमार ने अपने विरोधियों पर भी निशाना साधा वो अपने विरोधियों पर निशाने साधते हुए बोले की बहुत लोगों की आदत है बिना मतलब कुछ भी बोलने की, खासकर के मेरे खिलाफ। लेकिन मुझे इसके विषय में कुछ भी बोलना है ।
शायद मुझ पर बोलने से ही उनकी पब्लिसिटी हो जाए, यही सोचकर कुछ लोग मुझे बोलै करते हैं । नीतीश कुमार ने कहा कि जब तक हम हैं लोगों की सेवा में हाज़िर रहेंगे । Ab Nahi Poochta Laalu
अपने कर्तव्य के बारे में क्या बोले नीतीश Ab Nahi Poochta Laalu
नीतीश कुमार ने कहा कि हमारा धर्म हमारा कर्तव्य लोगों की सेवा करना है, प्रदेश का विकास करना है, जो हम करते रहेंगे। बाकी लोग क्या बोल रहे हैं, उससे हमें कोई मतलब नहीं है है कोई फर्क नहीं पड़ता है । लेकिन लोगों को वस्तुस्थिति बताना चाहिए। पहले क्या था आज कैसा हाल है, ये किसी से छुपा हुआ है जब काम होगा तो लोगों को रोजगार भी मिलेगा इसका इंतजार कीजिए।
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देश की राजधानी दिल्ली की पुलिस ने गणतंत्र दिवस पर राजधानी में किसानों के प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड को मंज़ूरी दे दी हैं। किसान सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर से परेड निकाल सकते हैं । तीनों जगहों से किसान करीब 100 किलोमीटर तक दिल्ली में ट्रैक्टर परेड कर सकेंगे। विशेष आयुक्त इंटेलिजेंस दीपेंद्र पाठक ने बताया कि किसानों से पांच-छह दौर की मैराथन बैठक के बाद यह फैसला लिया गया है।
दीपेन्द्र पाठक बोले कि किसान परेड में गड़बड़ी फैलाने को लेकर लगातार खुफिया जानकारी मिल रही हैं। इसी के मद्देनज़र परेड के दौरान भी पुलिस की विशेष चौकसी रहेगी। गणतंत्र दिवस समारोह के समाप्त होने के बाद किसान दिये गये रूट पर अपना परेड निकालेंगे। दिल्ली पुलिस किसानों के नुमाइंदों के साथ मिलकर उनके इस एतिहासिक परेड को सुरक्षित और शांतिपूर्ण ढंग से पूरा करवाएगी। Kisan Nikalenge Tractor Pared
किसानों को जो रूट दिया गया है उसमें टीकरी बॉर्डर से वह करीब 62 किलोमीटर के रूट पर ट्रैक्टर परेड निकाल सकते हैं । जबकि सिंघु बॉर्डर से 62 किलोमीटर और गाजीपुर से करीब 46 किलोमीटर का रूट दे दिया गया है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार , ट्रैक्टर परेड का 45 किलोमीटर हिस्सा दिल्ली में ही होगा। Kisan Nikalenge Tractor Pared
किसानों का ट्रैक्टर परेड रूट कौन कौन सा रहेगा
सिंघु बॉर्डर पर ट्रैक्टर परेड का क्या रूट रहेगा
आंदोलनकर्ता किसान सिंघु बॉर्डर से दिल्ली में 10 किलोमीटर भीतर दाखिल होंगे। इसके बाद संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर, बवाना, कंझावाला, कुतुबगढ़ के रस्ते से होते चंडी बॉर्डर पहुंचेंगे, फिर हरियाणा राज्य में दाखिल होंगे और फिर वापस सिंघु बॉर्डर आएंगे।
टीकरी बॉर्डर पर ट्रैक्टर परेड का क्या रूट रहेगा
पुलिस के द्वारा मिली जानकारी के अनुसार, किसान टीकरी बॉर्डर से नांगलोई जाएंगे और फिर वहां से बापरोला गांव से होते हुए नजफगढ़ पहुंचेंगे। इसके बाद किसानों की ट्रैक्टर परेड झरौदा बॉर्डर पहुंचेगी। यहां से किसान ट्रैक्टरों के साथ रोहतक बाईपास (बहादुरगढ़) पहुंचेंगे और उसके बाद असोदा होते हुए वापस टीकरी बॉर्डर आएंगे। Kisan Nikalenge Tractor Pared
गाजीपुर बॉर्डर पर ट्रैक्टर परेड का क्या रूट रहेगा Kisan Nikalenge Tractor Pared
आन्दोलनकर्ता किसान गाजीपुर बॉर्डर से ट्रैक्टर परेड कर के कुल 46 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे। यह अपसरा बॉर्डर जायेंगे। यहां से किसान हापुड रोड होते हुए आईएमस कॉलेज जाएंगे। आईएमस से किसानों के ट्रैक्टर लाल कुआं होते हुए वापस गाजीपुर बॉर्डर आएंगे।
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क्या है पूरा मामला
नए तीनो कृषि कानूनों के खिलाफ 59 दिनों से आंदोलन कर रतहे किसानों ने सिंघु बॉर्डर पर पूरा शहर ही बसा लिया है। वहीं किसान ठण्ड और बारिश से भी काफी बेहाल हैं। कई किसानों की तो ठंग लगने से मौत भी हो चुकी है।
बारिश और ठंड से खुद को बचाने के लिए किसानों ने आसपास के इलाकों में किराये के मकान भी खोज लिए हैं। किसान इन किराए के घरों का तीन से पांच हजार रुपये हर महीने किराया चुका रहे हैं। Thand Aur Barish Se
क्यों पड़ी ज़रूरत किराये पर मकान लेने की
किसान बलजीत सिंह ने कहा, जब से आंदोलन शुरू हुआ है तब से मैं और मेरा परिवार यहीं पर रुके हुए है। हम लोग गांव वालों के साथ उनके जत्थे में आ गए थे। कुछ दिन तक हम लोगो ने बहरा खुले में गुज़ार लिए लेकिन जब ठंड शुरू हुई तो हमारी परेशानी भी बढ़ना शुरू हो गयी।
इसके बाद बॉर्डर के पास वाले गांव में ही एक छोटा सा मकान किराये पर ले लिया। हम सभी किसान दिनभर आंदोलन में शामिल होते हैं। रात को यहीं आकर आराम करते हैं। मकान होने से ठंड और बारिश से भी बचाव हो जाता है। एक छोटे से कमरे का भी हम पांच हजार रुपये किराया दे रहे हैं। Thand Aur Barish Se
कितने समय के लिए ले रहे किराये पर मकान Thand Aur Barish Se
सिंघु बॉर्डर के क्षेत्र में रहने वाले किशन राणा बोले कि ठंड और बारिश शुरू होने के पहले ही कुछ किसान आसपास के इलाकों में किराये पर मकानों लेकर रहने लगे थे। कोई किसान सिर्फ 15 दिन रुक रहा है तो कोई एक से दो महीने तक के लिए भी कमरा किराये पर ले रहा है।
मैंने भी अपनी दुकान को कुछ लोगों को रहने के लिए किराये पर दिया है। वहां करीब पांच से सात लोग रोज़ाना रुकते है। आसपास के कई लोग अपने घर के कमरे सिर्फ एक से दो दिन के लिए भी किराए पर उठा रहे हैं।
क्या है किसानो की मांग
हमें और आपको खबर तो है ही के किसान और सरकार के बीच गतिरोध बरकरार है। सुप्रीम कोर्ट के कमेटी वाले फैसले पर भी किसान संगठन संतुष्ट नहीं हैं। Thand Aur Barish Se
शुक्रवार को हुई बैठक में किसानों ने सरकार के डेढ़ साल तक कानूनों को निलंबित रखने के प्रस्ताव को भी सिरे से नकार दिया है । किसान संगठनों की दो प्रमुख मांग है और वो मांग है कि एमएसपी पर फसलों की खरीद की गारंटी दी जाए और तीनों कृषि कानूनों को रद्द किया जाए।
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क्यूँ रची जा रही है साज़िश
अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के बाद से पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी में बौखलाहट भरी है। इसी बौखलाहट की वजह से सीमा पार से लगातार साजिशें रची जा रही हैं। Surang Ke Zariya Jammu
नियंत्रण रेखा और अंतराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षाबलों की तैनात होने की वजह से उसके नापाक मंसूबे कामयाब नहीं हो पाते हैं। इसके लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की मदद से सुरंग के जरिए आतंकियों को घुसपैठ कराने की कोशिश रची रही है।
लेकिन सीमा सुरक्षा बल की मुस्तैदी के कारन पाकिस्तान की ये साजिश भी कामयाब नहीं हो पा रही है। शनिवार के दिन मिली 150 मीटर लंबी सुरंग से एक बार फिर से पाकिस्तान की साजिश का पर्दाफाश हुआ है। Surang Ke Zariya Jammu
सीमा सुरक्षा बल ने शनिवार के दिन जम्मू-कश्मीर में हीरानगर के पानसर में ज़मीन के नीचे एक सुरंग का पता लगाया है। इसकी लंबाई 150 मीटर है। इसका निर्माण पाकिस्तानी खुफिया विभाग ने आतंकवादियों को भारत में घुसपैठ कराने के लिए किया गया था। सीमा सुरक्षा बल द्वारा 10 दिनों में ये दूसरी बार है जब सुरंग का पता लगाया गया है।
कितनी लम्बी और चौड़ी है सुरंग Surang Ke Zariya Jammu
अधिकारियों का कहना है की कि विशिष्ट खुफिया सूचना पर, बीएसएफ ने एंटी टनलिंग ड्राइव की श्रृंखला में जम्मू के पंसार क्षेत्र में एक और सुरंग का पता लगाया है। बीपी नंबर 14 और 15 के बीच सुरंग का पता चला है। सुरंग लगभग 30 फीट गहरी और 150 मीटर लंबी है। अब तक जम्मू संभाग में ये दसवीं और पिछले छह महीने की बात करे तो ये चौथी सुरंग मिली है।Surang Ke Zariya Jammu
बीएसएफ ने जून 2020 में इसी इलाके में हथियार और गोला-बारूद ले जा रहे एक पाकिस्तानी हेक्साकॉप्टर को मारकर ढेर कर दिया था। सैनिकों ने नवंबर 2019 में इसी क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिश को भी नाकाम कर दिखाया था।
क्यूँ हो रही है सुरंग से घुसपैठ की कोशिश Surang Ke Zariya Jammu
आपको बता दें कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान की सभी नापाक हरकतों पर नज़र रखने के लिए सीमा सुरक्षा बल ने अत्याधुनिक उपकरणाें के साथ सुरक्षा ग्रिड तैयार किया है।
सीआईबीएमएस यानी कॉम्प्रिहेंसिव इंटीग्रेटेड बॉर्डर मैनेजमेंट सिस्टम से आतंकी घुसपैठ के मंसूबे लगातार नाकाम हो रहे हैं। यह सिस्टम किसी भी मौसम में मानव हलचल को पकड़ने में सक्षम है। Surang Ke Zariya Jammu
ऐसा कई बार हो चूका है के आतंकी घुसपैठ की कोशिशों को इसी सिस्टम की मदद से ऐन मौके पर नाकाम कर दिया गया है। यही कारन है कि अब पाकिस्तान सुरंगें खोदकर आतंकियों को इस पार धकेलने की लगातार कोशिशें कर रहा है।
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दुनिया भर के अलग-अलग देशों में मिल रहे कोरोना वायरस के नए-नए स्ट्रेन ने दुनियाभर के वैज्ञानिकों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका में मिले स्ट्रेन को बहुत खतरनाक और संक्रामक बताया जा रहा है।Coronavirus South Africa Strain
इनसे अब तक कई लोग संक्रमित भी हो चुके हैं। अब कोरोना के दक्षिण अफ्रीकी स्ट्रेन को लेकर वैज्ञानिकों ने एक डराने वाली चेतावनी दी है। उनका कहना है कि एक नए शोध से पता चला है कि यह अफ्रीकी स्ट्रेन न सिर्फ एंटीबॉडी को धोखा देने में, बल्कि ये प्रतिरक्षा तंत्र को भी ‘धोखा’ देकर बच निकलने में सक्षम है।
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शोधकर्ताओं के मुताबिक, कोरोना वायरस का दक्षिण अफ्रीकी स्ट्रेन उन आधे से अधिक लोगों को दोबारा संक्रमित करने में सक्षम हो सकता है जो कोविड-19 से पहले ही बीमार होकर ठीक भी हो चुके हैं। दरअसल, वायरस के बाहरी स्पाइक प्रोटीन के एक विशिष्ट भाग पर उत्परिवर्तन (म्यूटेशन), इसे ‘एंटीबॉडी’ से बचने में सक्षम बनाते हैं।Coronavirus South Africa Strain
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नेशनल डेली रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण अफ्रीका के शोधकर्ताओं का कहना है किकोरोना के इस नए स्ट्रेन से संक्रमित हुए 48 फीसदी लोग पहले भी कोरोना से संक्रमित हो चुके थे, लेकिन पुराने कोरोना वायरस के मुकाबले नए स्ट्रेन का असर उनपर ज्यादा देखने को मिला। इसमें हैरान कर देने वाली बात ये थी कि संक्रमण से ठीक हो चुके लोगों के शरीर में बनी एंटीबॉडी भी नए स्ट्रेन के संक्रमण को रोकने में नाकाम रही।
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प्रोफेसर पेनी मूर के मुताबिक, जो लोग पहली बार कोविड-19 की वजह से गंभीर रूप से बीमार हुए थे, उनके इस नए कोरोना वायरस के स्ट्रेन से दोबारा संक्रमित होने की संभावना कम हो सकती है, क्योंकि उनके पास वायरस के खिलाफ पहले से ही एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया मौजूद है। Coronavirus South Africa Strain
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शोधकर्ताओं के मुताबिक, एंटीबॉडी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया होती है जो कोरोना वायरस के टीकों द्वारा विकसित होती है। इसलिए,अगर वायरस लगातार विकसित होता है और एंटीबॉडी के लिए प्रतिरोधी बन जाता है, तो इसका अर्थ यह भी हो सकता है कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए विकसित वर्तमान टीके निरर्थक हो सकते हैं और इसे फिर से डिजाइन करने की आवश्यकता भी पड़ सकती है। हालांकि वैज्ञानिकों का ऐसा मानना है कि कोरोना के मौजूदा टीके नए स्ट्रेन के खिलाफ भी कारगर साबित होंगे।
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बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक हलचल काफी तेज हो गयी हैं। राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) को झटके पर झटके लगते ही जा रहे हैं। शुक्रवार को वन मंत्री राजीव बनर्जी ने भी कैबिनेट मंत्री के रूप में अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने उनके इस्तीफे को स्वीकार भी कर लिया है। वर्तमान परिस्थितियों ो देखते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए अपने गढ़ को बचाए रखना काफी चुनौतीपूर्ण हो गया है।
वन मंत्री राजीव बनर्जी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भेजे गए अपने त्याग पत्र में लिखा, ‘पश्चिम बंगाल के लोगों की सेवा करना बहुत सम्मान और सौभाग्य की बात है। इस अवसर को पाने के लिए मैं दिल से आभार व्यक्त करता हूं और सभी को धन्यवाद देता हूं।’
आपको बता दें की राजीव बनर्जी पिछली कई कैबिनेट बैठक में शामिल भी नहीं हुए थे, जिसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि वे अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। उन्होंने बेशक मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है परन्तु वे अभी भी टीएमसी पार्टी के सदस्य हैं।
कौन कौन से विधायक पहले ही चुके हैं भाजपा में शामिल
पिछले महीने तापसी मंडल, सुदीप मुखर्जी, सैकत पांजा, शीलभद्र दत्ता, श्यांपदा मुखर्जी, अशोक डिंडा, दीपाली बिस्वास, शुक्र मुंडा ,बनश्री मैती और बिस्वजीत कुंडू पहले ही भाजपा में शामिल हो चुके हैं। Mamta Ko Laga Ek
गौतलब है की विधानसभा चुनाव से पहले टीएमसी के नेताओं का उनकी पार्टी और पद से इस्तीफा देने का सिलसिला निरंतर जारी है। सुवेंदु अधिकारी सहित कई बड़े नेता भाजपा में शामिल हो चुके हैं। ऐसे में पार्टी टीएमसी के लिए अपने नेताओं को एकजुट रखना चुनौती बन चुका है। वहीं भाजपा राज्य में सरकार बनाने के लिए जी-तोड़ मेहनत में लगी हुई है। इसी हफ्ते केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बंगाल के दौरे पर जा सकते हैं। ऐसे में अंदाज़ा लगाया जा रहे हैं कि कई और नेता भी भाजपा में शामिल हो सकते हैं। Mamta Ko Laga Ek
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न धरना न प्रदर्शन, सब्सिडी हुई खत्म ! -घरेलू गैस की सब्सिडी समाप्ति पर, पिछले दस माह से खाते में पहुंच रहे 34 से 35 रुपये -रणनीति बनाकर पेट्रोलियम कम्पनियों ने खेला खेल
। अब केन्द्र सरकार को देश की जनता से घरेलू गैस की सब्सिडी छोडऩे के लिए निवेदन नहीं करना पड़ेगा। सरकार का काम पेट्रोलियम कम्पनियों ने बहुत ही गुपचुप तरीके से कर दिया है। जनता को कानोंकान खबर तक नहीं हुई और आम उपभोक्ताओं को घरेलू गैस सिलेण्डर पर मिलने वाली सब्सिडी लगभग समाप्ति की ओर है। सबसे बड़ी सोचने वाली बात यह है कि आम जनता से जुड़े इस इस मुद्दे पर किसी भी संस्था या दल ने कोई चीख पुकार नहीं मचायी। देश भर में कहीं पर भी कोई धरना प्रदर्शन नहीं होता दिखायी पड़ा। Gas Subsidy Kyun Nahi
मालूम हो कि अप्रैल 2020 में जब 779 का सिलेण्डर था उस समय उपभोक्ताओं के खाते में 197.67 रुपये सब्सिडी के आये थे। उसके बाद से आज जनवरी 2021 में आम उपभोक्ताओं के खातों में सब्सिडी के नाम पर मात्र 35.17 पैसे आ रहे हैं।
इस क्षेत्र के जानकारों की माने तो यह तो पहले से ही तय था कि धीरे-धीरे सब्सिडी को समाप्त कर दिया जायेगा। पेट्रोलियम कम्पनियों की तरफ से पिछले दस माह से जो सब्सिडी भेजी जा रही है, वह न के बराबर है। उतना पैसा तो सिलेण्डर की डिलीवरी करने आने वाले डिलीवरी मैन को एक से दो फ्लोर पर सिलेण्डर पहुंचाने पर देना पड़ता है। Gas Subsidy Kyun Nahi
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इसी व्यवसाय से जुड़े लोगों की माने तो सारा खेल पेट्रोलियम कम्पनियों का है। इस खेल को पूरी रणनीति बनाकर अंजाम दिया गया है। पहले अचानक से सिलेण्डर के दाम अप्रैल में बढ़ाये गये। उपभोक्ताओं को सब्सिडी भी 197.67 खातों में भेजी गयी। फिर अचानक से मई माह में 198 रुपये सिलेण्डर के दाम घटा दिये गये। Gas Subsidy Kyun Nahi
उस माह उपभोक्ता के खाते में कोई सब्सिडी नहीं आयी। उसके बाद जून में फिर 46 रुपये घरेलू सिलेण्डर पर बढ़ा दिये गये। उस समय उपभोक्ता के खाते में 34.17 रुपये सब्सिडी के रूप में भेजे गये। जुलाई में फिर 4 रुपये की बढ़त हुई। उस समय भी सब्सिडी के नाम पर 34.17 रुपये खाते में भेजे गये। Gas Subsidy Kyun Nahi
अगस्त माह में फिर सिलेण्डर के दाम में 1 रुपये की बढ़त की गयी। अब उपभोक्ताओं को सिलेण्डर जो मई में 581 कर मिल रहा था वह 632 रुपये का मिलने लगा। लेकिन सब्सिडी के नाम पर सिर्फ एक रुपये की बढ़त हुई। अगस्त से दिसम्बर 2020 तक घरेलू गैस सिलेण्डर 632 कर मिला और सब्सिडी 35.17 रुपये आती रही। अचानक से जनवरी 2021 में सिलेण्डर के दामों में सौ रुपये का इजाफा किया गया। वर्तमान में सिलेण्डर 732 रुपये का मिल रहा है पर सब्सिडी के नाम पर मात्र 35.17 रुपये खाते में भेजे जा रहे हैं। Gas Subsidy Kyun Nahi
कोरोना काल का उठाया फायदा
इस क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि कोरोना काल का पेट्रोलियम कम्पनियों बड़े अच्छे तरीके से उपयोग किया है। सारे काम को बहुत ही चालाकी से किया गया। जब व्यक्ति भीड़ में जाने से डर रहा था। बैंक में पासबुक अपडेट कराने नहीं पहुंच पा रहा था। शायद लोगों को अभी तक पता नहीं है कि वह सब्सिडी लेस होने की कगार पर पहुंच गये हैं। Gas Subsidy Kyun Nahi घटते बढ़ते दाम माह कीमत प्रति सिलेण्डर रुपये सब्सिडी अप्रैल20 779 197.67 मई20 581 – जून20 627 34.17 जुलाई20 631 34.17
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मोदी सर्कार द्वारा बनाए गए तीनो कृषि कानूनों पर विचार के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी ने गुरुवार को वर्चुअल बैठक की। इसमें कमेटी ने किसान यूनियनों से आग्रह किया कि वे इन कानूनों के बारे में अपनी राय खुलकर रखें। Supreme Court Committee
कितने राज्यों के संगठन हुए शामिल Supreme Court Committee
यह बैठक दिल्ली स्थित एनएएसी काॅम्प्लेक्स पूसा में आयोजित करी गई थी। इसमें विभिन्न किसान व कृषक संघों के साथ वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा की गई। इसमें कमेटी के सदस्यों के अलावा आठ राज्यों-कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना ,मध्यप्रदेश , तमिलनाडु व उत्तर प्रदेश के 10 विभिन्न किसान संगठनों ने हिस्सा लिया।
चर्चा के दौरान ही कमेटी के सदस्य अनिल घनवट, प्रमोद जोशी व डाॅ. अशोक गुलाटी ने किसान नेताओं से तीनों कृषि कानूनों पर खुले मन से चर्चा करने का आग्रह किया। उनके आग्रह पर किसान नेताओं ने इन कानूनों को लेकर खुलकर अपने पक्ष को रखा। Supreme Court Committee
बैठक को लेकर मिली खबरों में कहा गया कि किसान यूनियनों ने चर्चा में हिस्सा लिया और अपनी राय और सुझाव भी खुलकर कमेटी के सदस्यों के सामने रखे।आपको बता दें की इन कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन को दो महीने हो चुके हैं।
सरकार के साथ दस दौर की बात के बाद भी अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है। सुप्रीम कोर्ट ने जहां कृषि विशेषज्ञों की कमेटी बनाई है और कानून के अमल पर रोक भी लगा दी है, तो वहीं केंद्र सरकार ने किसानों को डेढ़ साल तक इन कानूनों पर रोक का ताजा प्रस्ताव दिया है। सरकार के ताजा प्रस्ताव पर किसानों का मंथन जारी है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के मौके पर मनाए जाने वाले ‘पराक्रम दिवस’ में शामिल होने के लिए जाएंगे कोलकाता । इसके दौरान वे कार्यक्रम को भी संबोधित करेंगे और इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी असम के शिवसागर में जेरंगा पाथर भी जाएंगे। जहां वे 1.06 लाख भूमि पट्टा/ आवंटन प्रमाण पत्र वितरित करेंगे। यह जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय देवरा दी गयी है।PM Modi Kolkata Visit
आपको बता दें कि सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को अब हर साल ‘पराक्रम दिवस’ के नाम पर मनाने का निर्णय लिया है। बोस की 125वीं जयंती 23 जनवरी को मनाई जाएगी। मंगलवार को केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने यह जानकारी साझा की थी। पटेल बोले कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोस की 125वीं जयंती के मौके पर 23 जनवरी को कोलकाता में पहले पराक्रम दिवस कार्यक्रम में भाग लेंगे और नेशनल लाइब्रेरी मैदान में एक प्रदर्शनी का भी उद्घाटन करेंगे। PM Modi Kolkata Visit
उन्होंने कहा था कि पश्चिम बंगाल के 200 पटुआ कलाकार 400 मीटर लंबे कैनवास पर चित्रकारी करेंगे,अपनी कला को दिखाएंगे जिसमें बोस के जीवन को दर्शाया जाएगा। वहीं, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ओडिशा के कटक में आयोजित होने वाले एक कार्यक्रम में भाग भी लेंगे, जहां बोस का जन्म हुआ था।
इसके अलावा, बोस की जंयती के मौके पर गुजरात के सूरत में स्थित हरिपुरा गांव में भी एक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस वर्ष 1938 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए थे। मंत्री बल थे कि प्रधानमंत्री ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती को मनाने के लिए 85 सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है जो साल भर के कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करेगी।
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अमेरिका के नये राष्ट्रपति जो बाइडन सत्ता संभालते ही पूरी तरह से एक्शन में आ गए हैं। बुधवार के दिन राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेने के बाद उन्होंने 15 कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर करके पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसलों को पलट दिया है।
इस बीच बाइडन ने प्रवासियों को राहत देने वाले एक कार्यकारी आदेश पर भी हस्ताक्षर किए हैं। इसका फायदा 1.1 करोड़ प्रवासियों को मिलेगा। जिसमे से लगभग पांच लाख भारतीय हैं। Action Me Biden
जो बाइडन ने राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद सबसे पहले आव्रजन प्रणाली को पूरी तरह से बदलने की शुरुआत करी है । उन्होंने अपने आदेशों के तहत कई ऐसे दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए हैं जो ट्रंप की विवादास्पद आव्रजन नीतियों को बदलने वाले हैं।
उन्होंने अमेरिकी कांग्रेस से अनुरोध किया है कि वे 1.1 करोड़ अवैध प्रवासियों को स्थायी दर्जा दें और उन्हें नागरिकता देने का रास्ता बनाने के लिए कानून बनाएं। एक अनुमान के अनुसार इसमें लगभग भारतीय मूल के पांच लाख लोग हैं जिनके पास वैध कानूनी दस्तावेज नहीं हैं।
बाइडन प्रशासन का आव्रजन विधेयक ट्रंप प्रशासन की कड़ी आव्रजन नीतियों के विपरीत रहेगा । विधेयक के बारे में जानकारी रखने वाले एक अधिकारी बोले कि बाइडन के शपथ ग्रहण के बाद इस विधेयक को पेश किया जा सकता है।
राष्ट्रपति पद के चुनाव में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार के तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपती जो बाइडन ने ट्रंप की आव्रजन नीतियों को अमेरिकी मूल्यों पर ‘कठोर हमला’ करार दिया था जिससे इन इन 1.1 करोड़ अवैध लोगों पर अमेरिका से बाहर जाने का खतरा मंडरा रहा था।
किसने किया 1 . 1 करोड़ प्रवासियों को वैध बनाने का वादा Action Me Biden
सत्ता संभालने से पहले बाइडन ने कहा था कि वह इस ‘नुकसान की भरपाई करेंगे।’ बाइडन के विधेयक के , एक जनवरी 2021 तक अमेरिका में किसी कानूनी दर्जे के बिना रह रहे लोगों की पृष्ठभूमि की जांच की जाएगी और यदि वे टैक्स (कर) जमा करते हैं
और अन्य बुनियादी अनिवार्यताएं पूरी करते हैं, तो उनके लिए पांच साल के अस्थायी कानूनी दर्जे का मार्ग प्रशस्त होगा या उन्हें ग्रीन कार्ड दिया जाएगा। इसके बाद वे नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं।
अमेरिका की सत्ता संभालने से पहले बाइडन बोले थे कि वह इस ‘नुकसान की भरपाई करेंगे।’ बाइडन के विधेयक के अनुसार, एक जनवरी 2021 तक अमेरिका में जो भी लोग बिना किसी कानूनी दर्जे के रह रहे है उन लोगों की पृष्ठभूमि की जांच की जाएगी और यदि वे टैक्स (कर) जमा करते हैं और अन्य बुनियादी अनिवार्यताएं पूरी करते हैं, तो उनके लिए पांच साल के अस्थायी कानूनी दर्जे का मार्ग प्रशस्त होगा या उन्हें ग्रीन कार्ड दिया जाएगा। इसके बाद वे नागरिकता के लिए भी आवेदन कर सकते हैं। Action Me Biden
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पूरी दुनिया में अब तक कोरोना वायरस से नौ करोड़ 54 लाख से भी अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं और 20 लाख से अधिक लोगो की जान जा चुकी है । कई देशों में इस वायरस के खिलाफ टीकाकरण अभियान चलाए जा रहे हैं,
जिसमें भारत समेत ब्रिटेन, अमेरिका और इस्रायल जैसे देश शामिल हैं। हालांकि कई जगहों पर वैक्सीन के साइड-इफेक्ट भी देखने को मिल रहे हैं। इस्रायल से तो वैक्सीन के साइड-इफेक्ट का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है।
दरअसल, यहां टीका लेने के बाद 13 लोग फेशियल पैरालिसिस (आधे चेहरे का लकवा) से जूझ रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यहां के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि देश में इसके मामले अधिक भी हो सकते हैं।
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रिपोर्ट के मुताबिक इस्रायल में डॉक्टर अब यह विचार कर रहे हैं कि ऐसे लोगों को वैक्सीन की दूसरी खुराक दी भी जाए या नहीं। हालांकि मंत्रालय ने डॉक्टरों से आग्रह किया है कि अस्थायी पक्षाघात दूर होने पर दूसरी खुराक वाले लोगों को टीका लगाएं।
दरअसल, आपको बता दें की इस्रायल ने पिछले महीने यानी दिसंबर 2020 में अपने यहां टीकाकरण अभियान शुरू किया था और तब से डॉक्टर यहां 60 वर्ष की आयु के लगभग 72 फीसदी लोगों को टीका लगा भी चुके हैं। Corona Vaccine Side Effects
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मीडिया रिपोर्ट्स के मद्देनज़र , इस्रायल में कोरोना का टीका लेने वाले एक व्यक्ति ने बताया है की ‘कम से कम 28 घंटों तक मैं फेशियल पैरालिसिस (चेहरे का पक्षाघात) के साथ ही घूमता रहा। मैं यह नहीं कह सकता कि यह पूरी तरह से बाद में चला गया या ख़तम हो गया , लेकिन इसके अलावा मुझे और कोई दर्द नहीं था, सिवाय एक मामूली दर्द के, जहां इंजेक्शन लगाया गया था।
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कुछ दिन पहले ब्रिटेन में इसी तरह का केस सामने आया था , जिसमें एक व्यक्ति को फाइजर की वैक्सीन दी गई थी और उसके बाद उसे फेशियल पैरालिसिस (आधे चेहरे का लकवा) हो गया था। हालांकि पिछली रिपोर्टों के हिसाब से , कुछ दिनों में उसकी हालत ठीक भी हो गई थी। Corona Vaccine Side Effects
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हाल ही में नॉर्वे देश में भी कोरोना वैक्सीन का गंभीर साइड-इफेक्ट देखने को मिला है। मीडिया रिपोर्ट्स के हिसाब से , यहां टीका लेने के तुरंत ही कुछ समय पक्ष्यांत ही 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के 23 लोगों की मौत हो गई।
नॉर्वे के अधिकारियों का कहना है की कि ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि उनमें एमआरएन वैक्सीन के सामान्य साइड-इफेक्ट विकसित हुए थे।
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किसने बनाई है ये वेबसीरीस
अली अब्बास जफर के निर्देशन की नई वेब सीरीज ‘तांडव’ (15 जनवरी) को रिलीज हुई थी ।यह वेब सीरीज रिलीज के साथ ही विवादों में घिर गई है। इस वेब सीरीज के एक सीन को लेकर सोशल मीडिया पर एक समूह बन गया है जो इसे पसंद नहीं कर रहा है। इस वेब सीरीज में एक दृश्य है जिसमें अभिनेता जीशान अय्युब एक हास्य नाटक के दौरान सोशल मीडिया पर टिप्पणी कर रहे हैं। जिसे लोग नापसंद कर रहे हैं।
यह वेब सीरीज छातत्रों के आंदोलन की बात करती है। किसानों की जमीन छीने जाने की सियासी साजिशों की बात करती है। इसके साथ साथ ये सीरीज वामपंथ और दक्षिणपंथ के तमाम भेद खोलने की कोशिश करती हुई भी दिखती है। सीरीज को पूरा देखने के बाद लोग इसमें सैफ अली खान और डिंपल कपाड़िया के किरदारों की गालियों पर मुंह बना रहे हैं। तो वहीं दूसरी ओर कुछ लोगों को जीशान अय्युब के एक दृश्य पर भी आपत्ति है।
किस वजह से मचा है बवाल Tandav Webseries Vivadon Me
जिस दृश्य पर बवाल मचा हुआ है, उसमें दिखाया गया है कि जवाहर लाल यूनीवर्सिटी जैसी दिखती विवेकानंद यूनीवर्सिटी में वामपंथी छात्रों और दक्षिणपंथी छात्रों के गुटों की राजनीति शुरू हो रही है। तांडव वेबसीरीस के दृश्य में नारद बना कलाकार दक्षिणपंथी नेता को श्रीराम से जोड़ते हुए उसके फॉलोअर्स सोशल मीडिया पर बढ़ने की बात करता है तो जीशान का किरदार कहता हैं, ‘क्या करूं मैं तस्वीर बदल दूं क्या?’ और यह दृश्य पूरा नहीं हो पाता है क्योंकि इसी बीच नाटक के दौरान पीसीआर में बैठे एक मुस्लिम छात्र नेता को पुलिस उठाकर ले जाती है और शिवा उसे बचाने के लिए थाने में छात्रों की पूरी फौज को लेकर पहुंच जाता है।
और आपको बता दें की अब सोशल मीडिया पर यूजर्स सीरीज के इस दृश्य को साझा करते हुए इसे लेकर अपना विरोध जता रहे हैं। एक सोशल मीडिया के यूजर ने से साझा करते हुए लिखा है की तांडव वेबसीरीज के डायरेक्टर ‘अली अब्बास हैं और वो इसमें पूरी तरह से लेफ्ट विंग के एजेंडे को आगे बढ़ाने में जुटे हैं। वह टुकड़े-टुकड़े नमक गैंग को ग्लोरिफाई कर रहे हैं।’ इसके साथ साथ कई यूजर्स इसे भगवान ‘शिव’ का अपमान भी बता रहे हैं। Tandav Webseries Vivadon Me
और वहीं इस वेब सीरीज के एक अन्य सीन को लेकर भी विरोध जताया जा रहा है। इस सीन में डीनो मोरिया संधाय मृदुल से बोलते हैं की ‘जब एक छोटी जाति वाला आदमी एक ऊंची जाति वाली औरत को डेट करता है न तो वह बदला ले रहा होता है, सिर्फ उस एक औरत से।’ इस सीन पर आपत्ति जताते हुए कुछ यूजर्स ने इसे हिंदू विरोधी प्रॉपेगेंडा बताया हैं तो कई लोग इसका बचाव भी करते नज़र आए हैं।
वेबसीरीज़ की कास्टिंग क्या है
बता दें कि अली अब्बास जफर निर्देशित इस वेब सीरीज में सैफ अली खान, डिंपल कपाड़िया, तिग्मांशू धूलिया, जीशान अय्यूब, सुनील ग्रोवर, गौहर खान, कृतिका कामरा समेत कई बड़े सितारे नजर आ रहे हैं। ये वेब सीरीज एक पॉलीटिकल ड्रामा है। इससे पहले अली अब्बास जफर ‘टाइगर जिंदा है’, ‘सुल्तान’ जैसी फिल्मों का निर्देशन कर चुके हैं। Tandav Webseries Vivadon Me
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उत्तर प्रदेश के मथुरा से किसानों ने भाजपा सांसद और अभिनेत्री हेमा मालिनी को न्योता भेजा है। किसानों ने हेमा मालिनी को पंजाब बुलाया है।आपको बता दें कि हाल ही में भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने किसान आंदोलन को लेकर विवादित बयान दिया था। इसी वजह से किसान संगठनों ने हेमा मालिनी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। Kya Bole Kisan Hema Malini
बता दें की पंजाब के एक किसान संगठन ने हेमा मालिनी को न्योता दिया है। इस किसान संगठन ने हेमा मालिनी को पत्र भी भेजा है, इस पत्र में कहा गया है कि वह पंजाब आएं और यहां के किसानों को केंद्रीय कृषि कानूनों के फायदे के बारे में बताये । पंजाब के किसान संगठन कांधी किसान संघर्ष कमेटी की तरफ से भेजे गए पत्र में मथुरा की सांसद हेमा मालिनी को पंजाब आने को कहा गया उन्हें पंजाब आने का न्योता दिया गया है। Kya Bole Kisan Hema Malini
क्या लिखा है पत्र में
किसान संगठन ने पत्र में लिखा है कि पंजाब के किसान आपसे मिलना चाहते हैं। इसके लिए आपको यहां आना होगा और किसानों को केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों के फायदे बताने होंगे। पत्र में लिखा गया है कि हेमा मालिनी के पंजाब आने के टिकट और फाइव स्टार होटल का एक सप्ताह का खर्च भी संगठन वहन करेगा।
क्या बयान दिया था हेमा मालिनी ने किसान आंदोलन पर
भूपिंदर सिंह जो किसान संगठन के अध्यक्ष है और उपाध्यक्ष जरनैली सिंह ने कहा कि पंजाब में हेमा मालिनी को भाभी के समान सम्मान दिया जाता है। भाभी मां के समान होती है। आपको बता दें कि हेमा मालिनी ने किसान आंदोलन के बारे में बोली थी कि किसान यह नहीं जानते कि उन्हें क्या चाहिए, उनके पास कोई एजेंडा नहीं है, वे सिर्फ विपक्ष के बहकावे में आ रहे हैं।
जैसा की आप जानते ही होंगे की हेमा मालिनी के पति अभिनेता धर्मेंद्र लुधियाना के सहनेवाल के रहने वाले हैं। पठानकोट में धर्मेंद्र का फार्म हाउस भी है। अक्सर वे अपने खेतों की वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हैं। वहीं उनके बेटे सनी देओल गुरदासपुर से भाजपा के सांसद भी हैं। Kya Bole Kisan Hema Malini
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अमेरिका में सोमवार के दिन कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों की संख्या 24 मिलियन से ज्यादा हो गई। इसके बाद भी निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश जारी किया है।
आदेश के अनुसार, ब्रिटेन, ब्राजील, आयरलैंड पर लगे यात्रा प्रतिबंध को हटा दिया जाएगा। ये आदेश 26 जनवरी से प्रभावी हो जाएंगे। इन प्रतिबंधों को कोरोना महामारी को देखते हुए लगाया था। हालांकि ट्रंप के आदेश के कुछ देर बाद ही निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने कहा कि यात्रा प्रतिबंधों को नहीं हटाया जाएगा यह प्रतिबन्ध जारी रहेगा। Trump Ne Hataya Yatra Pratibandh
ट्रंप द्वारा जारी किए गए कार्यकारी आदेश के अनुसार, मैं डोनाल्ड ट्रंप संविधान द्वारा प्रदत्त शक्तियों और अमेरिका के कानून के अनुसार, शेनगेन जोन में आने वाले 26 यूरोपिय देशों से यात्रा प्रतिबंध हटाता हूं।
आदेश में ब्रिटेन, आयरलैंड और ब्राजील जैसे देशों पर लगे प्रतिबंधों को हटाया गया है। इसमें कहा गया है कि इन देशो से यात्रा अब अमेरिका के हितों के लिए हानिकारक नहीं हैं। यह आदेश 26 जनवरी से रात के 12 बजकर एक मिनट से प्रभावी हो जाएगा। हालांकि जो बाइडन की प्रेस सेक्रेटरी ने इसका विरोध किया है।Trump Ne Hataya Yatra Pratibandh
क्या बोले जो बिडेन Trump Ne Hataya Yatra Pratibandh
बाइडन की प्रेस सेक्रेटरी जिनका नाम जेन साकची है उन्होंने ने ट्वीट कर कहा, ‘हमारी मेडिकल टीम की सलाह के अनुसार , प्रशासन इन प्रतिबंधों को 26 जनवरी से हटाने का इरादा नहीं रखता है।
महामारी से हालात बाद से बदतर होते जा रहे हैं और पूरी दुनिया में संक्रमण के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। ऐसे में यह अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर प्रतिबंध हटाने का समय नहीं है बल्की हम कोविड-19 के प्रसार को और कम करने के लिए अंतरराष्ट्रीय यात्रा के आसपास सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को मजबूत करने की योजना बना रहे हैं।’Trump Ne Hataya Yatra Pratibandh
आपको बता दें कि ट्रंप बुधवार को अपना पद छोड़ देंगे। वहीं यह आदेश उनके कार्यकाल समाप्त होने के लगभग एक हफ्ते के बाद प्रभावी होगा। जिसपर बाइडन प्रशासन ने रोक लगाने का एलान कर दिया है।
पिछले हफ्ते, रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के प्रमुख ने सभी हवाई यात्रियों के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका में 26 जनवरी से प्रवेश करने के लिए कोविड-19 की नेगेटिव रिपोर्ट या संक्रमण से रिकवरी का प्रमाण पेश करने की आवश्यकता वाले एक आदेश पर हस्ताक्षर किए थे।
WHO Aur Cheen Ki laparwahi Ne Lee Lakhon Jaanein Roki Ja Sakti Thi Tabahi Jaanein Poori khabar,corona virus update,
चीन के वुहान शहर से निकलकर कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में तबाही मचा ला दी लाखों लोगों की जानें गई तो वही करोड़ों जिंदगियां बर्बाद हो गई। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस को लेकर एक हैरान कर देने वाला खुलासा हुआ है,WHO Aur Cheen
जिसमें चीन और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की लापरवाही के चलते दुनिया भर में फैला कोरोना वायरस।
एक स्वतंत्र पैनल (इंडिपेंडेंट पैनल फॉर पैन्डेमिक प्रिपेयर्डनेस एंड रिस्पॉन्स) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है की अगर चीन चाहता तो कोरोना वायरस को महामारी का रूप लेने से रोक सकता था, लेकिन उसने समय रहते वायरस को काबू नहीं किया। WHO Aur Cheen
इतना ही नहीं बल्कि इसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन को भी जिम्मेदार ठहराया गया है। वैश्विक महामारी की जांच करने वाले इस स्वतंत्र समूह ने निष्कर्ष निकाला है कि जब चीन में कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया था,
तब डब्ल्यूएचओ और बीजिंग तेजी से काम कर सकते थे। परन्तु उन्होंने ऐसा नहीं किया और उन दोनों की लापरवाही के कारन ही दुनियाभर में कोरोना वायरस ने महामारी का रूप ले लिया।
कब आया कोरोना का पहला मामला WHO Aur Cheen
स्वतंत्र पैनल ने महामारी संबंधी तैयारियों और प्रतिक्रिया पर अपनी दूसरी रिपोर्ट क है उसके मुताबिक , महामारी प्रकोप के प्रारंभिक चरण के क्रोनोलॉजी का मूल्यांकन इस बात की ओर इशारा करता है कि कोरोना महामारी के शुरुआती संकेतों के बाद अधिक तेजी से काम करने की आवश्यकता थी।
बता दें कि 2019 के अंत में चीन के वुहान शहर में कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया था। चीन जब तक इस खतरनाक वायरस को अपनी सीमाओं तक सीमित रखता, इससे पहले ही यह वैश्विक महामारी बन गई और इससे करीब 20 लाख से अधिक लोगों की जान चली गई और कई देशो की अर्थव्यवस्थाओं को बहुत नुकसान भी पहुंचा ।
पैनल ने WHO की भी गिनाइ कमियां
पैनल ने कहा कि यह स्पष्ट दिखा है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को जनवरी के महीने में ही चीन में स्थानीय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा अधिक बलपूर्वक लागू किया जा सकता था।
इस पैनल ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की भी आलोचना करि है। पैनल ने आलोचना करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने 22 जनवरी, 2020 तक अपनी आपातकालीन समिति को भी इस कोरोना महामारी संकट की सूचना नहीं दी और न ही कोई बैठक बुलाई।
समिति नोवल कोरोना वायरस को सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल के रूप में भी समय से पहले घोषित करने में असफल रही थी।
पैनल की रिपोर्ट के मुताबिक, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि समिति जनवरी के तीसरे सप्ताह तक क्यों नहीं मिली है और और यह भी स्पष्ट नहीं है कि यह राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा पर सहमत क्यों नहीं हो पाई?
जब से कोरोना वायरस का संकट पूरी दुनिया में छाया है तब से ही इसके जवाबी कार्रवाई में ढीलापन को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन की आलोचना निरन्तर हो रही है। महामारी को आपदा घोषित करने और फेस मास्क को अनिवार्य करने में देरी से उठाए गए कदमों के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की आजतक आलोचना हो रही है। अमेरिकी की ओर से की गई आलोचना के बारे में तो सभी को मालूम है।
किसने लगाए थे चीन और डब्ल्यूएचओ पर आरोप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने कोरोना महामारी को लेकर चीन और विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO ) के प्रति सख्त रुख अपनाया था। डोनाल्ड ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO ) को चीन का कठपुतली तक कह दिया था और डब्ल्यूएचओ को अमेरिका की तरफ से जो आर्थिक मदद दी जाती थी उसे भी बंद कर दिया था।
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चीन से सीमा पर चल रहे तनाव के बीच और राष्ट्रपति जिनपिंग के उकसाने वाले बयान के बाद भारत सरकार ने नौसेना को और मजबूत करने की तैयारी को शुरू कर दी है। इसी क्रम में भारत और अमेरिका के बीच 3800 करोड़ (3800 Crores) का एक समझौता हुआ है जिसके तहत अमेरिका भारतीय नौसेना को तीन बेहद घातक कैलिबर बंदूकें देगा।
कैलिबर बंदूकों के मिलने से भारतीय नौसेना की ताकत पहले के मुक़ाबले और अधिक बढ़ जाएगी। भारत ने 127 एमएम की 11 मीडियम कैलिबर बंदूकों की खरीद के लिए अमेरिकी सरकार को लेटर ऑफ रिक्वेस्ट इश्यू किया है।
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जानकारी के हिसाब से एक बार अमेरिका में नई बंदूकों का उत्पादन शुरू हो जाए फिर वे दूसरों देशों में सप्लाई होने के लिए तैयार हो जाएंगी। भारतीय युद्धतोपों पर अमेरिकी नौसेना की बंदूकों को नए सिरे से बदला जाएगा। मध्यम कैलिबर बंदूकें भारतीय नौसेना में पहली बार उपलब्ध होंगी और पहले की बंदूकों की तुलना में ये बंदूके काफी अपग्रेड भी रहेंगी। America Kya Dene Ja
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आपको बता दें कि पिछले चार सालों में भारतीय नौसेना ने अमेरिकी समकक्ष के साथ अपने नजदीकी संबंध को विकसित किया हैं, क्योंकि सैन्यबलों के लिए अधिकतर नए उपकरण अमेरिका से ही आ रहे हैं।
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राम मंदिर की जमीन के नीचे 200 फीट तक बालू और सरयू का पानी, चार IIT सुझाएंगे उपाय
राम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय बोले , ‘किसी ने कल्पना नहीं की थी कि भगवान का जहां गर्भगृह बना है, वहां जमीन खोखली है, ठोस नहीं है.’ Aakhir Kyun Ruk Gaya
क्या है राम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय का कहना
राम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय का कहना है की किसी ने कल्पना भी नही की थी की भगवान राम का जहाँ का जहाँ गर्भगृह बना है वहां ज़मीन खोखली है ,ठोस है ही नहीं
लखनऊ: Ram mandir:अयोध्या में जिस जगह पर राम मंदिर (Ram mandir in Ayodhya) का निर्माण कार्य चल रहा था ,वहां उसके नीचे 200 फीट तक बालू मिल रहा है और गर्भगृह से थोड़ी सी दूरी पर ज़मीन के नीचे सरयू का प्रवाह भी मिला है,
इसकी वजह से मंदिर की नींव भरने का काम रोक दिया गया है गया है. अब देश के चार IIT सहित सात नामचीन रिसर्च संस्थानों से कहा गया है कि वे यह बताएं कि ऐसी बालू और पानी वाली जमीन में ऐसी नीव कैसे डाली जाये जो 1000 सालों तक चले। Aakhir Kyun Ruk Gaya
उत्तर प्रदेश के अयोध्या (Ayodhya) में मंदिर निर्माण के तहत एक ‘मेकशिफ्ट टेंपल’ बनाया गया है. गर्भगृह जहां था, वहां से मूर्ति को हटा दिया गया है क्योंकि उस जगह से मंदिर निर्माण शुरू होना है। यहां एक खूबसूरत सा पर्दा लगा दिया गया है जिस पर ‘जय श्रीराम’ लिखा हुआ है। Aakhir Kyun Ruk Gaya
क्या है पूरी खबर Aakhir Kyun Ruk Gaya
जहां पहले रामलला की मूर्तियां रखी हुई थीं, अब उस जगह को मंदिर के निर्माण कार्य के लिए समतल कर दिया गया है. यहां मंदिर की नींव डालने के लिए 200 फीट तक मिट्टी की जांच में पता लगा है
कि ज़मीन के नीचे भुरभुरी बालू है और मंदिर के गर्भगृह वाली जगह के पश्चिम में कुछ ही दूरी पर जमीन से नीचे सरयू नदी का प्रवाह है. राम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का कहना है, की ‘किसी ने कल्पना नहीं की थी कि भगवान का जहां गर्भगृह बना है,
वहां जमीन खोखली है, ठोस नहीं है।’ सरयू नदी यूं तो जमीन पर नहीं बहती हुई दूसरी जगह पर नजर आती है, लेकिन उसकी धारा जमीन के नीचे भी वहां आ रही है जिसके पास मंदिर का गर्भगृह बना हुआ है.
श्री रामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र की वेबसाइट पर भी इसका जिक्र किया गया है कि गर्भगृह के करीब पश्चिम में सरयू नदी का प्रवाह है. राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास बोले ,
की ‘ये लोग (इंजीनियर) चाहते थे कि ज़मीन के 100 फीट के नीचे से नींव उठाई जाए लेकिन 100 फीट के नीचे बालू और पानी मिला है जिससे यह कहा जा सकता है कि जो प्राचीन सरयू की धारा थी उस धारा का जल वहां मिला है इसलिए उस पर नींव उठाई नहीं जा सकती क्यूंकि अगर नीव उठायी जाएगी तो नीचे धंसने की आशंका है।
राममंदिर की नई डिजाइन के मद्देनज़र ,मंदिर अब पहले से अधिक बड़ा बनेगा, अब मंदिर, तीन मंजिल का होगा और हर मंजिल की उचाई 20 फीट की होगी।
जमीन से 16.5 फीट की उचाई पर फर्श होगा, लंबाई 360 फीट की रहेगी और चौड़ाई 335 फीट होगी। इसी तरह शिखर 161 फीट पर होगा. लाल पत्थरों से बनने वाले तीन मंजिल के इस मंदिर का जमीन पर अधिक भार रहेगा।
ट्रस्ट चाहता है कि यह मंदिर भूकंप के झटकों को झेल सके और 1000 साल तक चले इसलिए अब देश के सात नामी रिसर्च को यह काम सौंपा गया है कि ऐसी जमीन पर ये मंदिर कैसे बने? इसके लिए IIT दिल्ली, IIT मुंबई,IIT चेन्नई, IIT गुवाहाटी, CBRI रुड़की,लार्सन एंड ट्रुबो और टाटा के इंजीनियर भी इस पर रिसर्च कर रहे हैं।
क्या बोले राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास Aakhir Kyun Ruk Gaya
राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास बोले, ‘अच्छी तरह से विचार विमर्श करके जो किया जाता है, वह कभी भी गलत नहीं हो पाता इसलिए पूर्णतया सोच-विचार करके ही इस पर इंजीनियरों की राय ली जा रही है।’ अयोध्या, राम मंदिर का इंतजार कर रही है। इस नई अड़चन से लोग चिंतित तो हैं ही लेकिन उम्मीद है कि इंजीनियर जल्द ही इसका कोई समाधान निकाल लेंगे।
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Xiaomi Mi 11 Smartphone Sirf 5 Minute Me 350000 Sale }} Xiaomi ने अभी हाल ही में अपने नए फ्लैगशिप Xiaomi Mi 11 स्मार्टफोन को लॉन्च किया है। लॉन्चिंग के साथ ही Xiaomi Mi 11 लोकप्रिय हो गया है। यह दावा फोन की बिक्री के आंकड़े बता रहे हैं।
पहली सेल के सिर्फ पांच मिनट के अंदर ही 3,50,000 लोगों ने Xiaomi Mi 11 को खरीद लिया है। बता दें कि xiaomi Mi 11 ही दुनिया का पहला स्मार्टफोन है जिसमें स्नैपड्रैगन 888 प्रोसेसर लगाया गया है।
इसके अलावा फोन की डिस्प्ले E4 लाइट इमिटिंग मैटेरियल से बनी हुई है जिसकी ब्राइटनेस को लेकर 1,500 निट्स का दावा किया जा रहा है। Xiaomi Mi 11 की पहली सेल चीन (China) में एक जनवरी को हुई थी।
MyDrivers की दूसरी रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि महज़ सात घंटे की सेल में ही Xiaomi Mi 11 के 8,54,000 यूनिट्स बेचे गए हैं।
Xiaomi Mi 11 स्मार्टफोन की क्या है स्पेसिफिकेशन (Specification)
Xiaomi Mi 11 स्मार्टफोन फोन में डुअल सिम सपोर्ट के अलावा एंड्रॉयड 10 आधारित MIUI 12.5 है। इस स्मार्टफोन में 6.81 इंच की 2K WQHD डिस्प्ले है जिसका रिजॉल्यूशन (Resolution) 1440×3200 पिक्सल है।
डिस्प्ले की क्वॉलिटी एमोलेड है और डिस्प्ले की ब्राइटनेस 1500 निट्स है। डिस्प्ले के साथ पंचहोल है और इसकी रिफ्रेश रेट 120Hz है। डिस्प्ले के साथ HDR10+ के साथ मोशन एस्टिमेशन, मोशन कॉम्पेनसेशन (MEMC) भी सपोर्ट है। Xiaomi Mi 11 Smartphone
डिस्प्ले पर कॉर्निंग गोरिल्ला ग्लास Victus का सपोर्ट दिया गया है। इसके अलावा फोन में 256 जीबी तक स्टोरेज, 12 जीबी रैम और क्वॉलकॉम स्नैपड्रैगन 888 प्रोसेसर है।
कैसा है Xiaomi Mi 11 का कैमरा Xiaomi Mi 11 Smartphone
अगर कैमरे की बात करें तो Xiaomi Mi 11 में ट्रिपल रियर कैमरा सेटअप दिया गया है जिसमें मेन लेंस 108 मेगापिक्सल का है जिसकी पिक्सल साइज 1.6 माइक्रोन और अपर्चर f/1.85 है। इसके साथ ऑप्टिकल इमेज स्टेबलाइजेशन भी शामिल है।
दावा किया जा रहा है कि मेन लें आईफोन 12 के कैमरे के मुकाबले 3.7 गुणा बड़ा है। कैमरे से आप 8K रेसोल्यूशन की वीडियो रिकॉर्ड कर सकते हैं। दूसरा कैमरा लेंस 13 मेगापिक्सल का है जो कि एक वाइड एंगल लेंस है। तीसरा लेंस 5 मेगापिक्सल का मैक्रो लेंस है। फोन में फ्रंट कैमरा 20 मेगापिक्सल का दिया गया है।
आइये जानते हैं कैसी है Mi 11 की बैटरी
Xiaomi ने अपने इस फोन में कनेक्टिविटी के लिए 5G, 4G LTE, , GPS/A-GPS, NFC,Wi-Fi 6E, ब्लूटूथ v5.2 इंफ्रारेड और यूएसबी टाइप-सी पोर्ट दिए हैं। Xiaomi Mi 11 Smartphone
फोन में Harman Kardon ऑडियो का स्टेरियो स्पीकर भी दिया गया है। इसके अलावा इसमें इन-डिस्प्ले फिंगरप्रिंट सेंसर भी लगा है।
फोन में 4600mAh की बैटरी है जो कि Mi TurboCharge 55W वायर चार्जिंग को और 50W वायरलेस चार्जिंग को सपोर्ट करती है। इसमें 10W का वायरलेस रिवर्स चार्जिंग सपोर्ट भी दिया हुआ है। फोन का वजन सिर्फ 194 ग्राम है। Xiaomi Mi 11 Smartphone
क्या कीमत है Xiaomi Mi 11 स्मार्टफोन की
Xiaomi Mi 11 स्मार्टफोन की कीमत 3,999 चीनी युआन यानी करीब भारतीय 45,000 रुपये है। इस कीमत में 8 जीबी रैम के साथ 128 जीबी की स्टोरेज मिलेगी।
वहीं अगर बात करें 8 जीबी रैम और 256 जीबी स्टोरेज वेरियंट की कीमत 4,299 चीनी युआन यानी करीब 48,300 भारतीय रुपये है। Xiaomi Mi 11 Smartphone
इस फोन के 12 जीबी रैम और 256 जीबी स्टोरेज वाले टॉप वेरियंट की कीमत 4,699 चीनी युआन यानी करीब 52,800 भारतीय रुपये है। फोन के साथ बॉक्स में चार्जर नहीं दिया जायेगा ।
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Vaccine Covishield Ko Manzoori Is Date se Hoga Teekakaran }} नए साल 2021 में पूरे देश में दो जनवरी से कोरोना वायरस वैक्सीन के ड्राय रन से पहले ऑक्सफोर्ड एस्ट्रेजनेका की वैक्सीन कोविशील्ड को आपात इस्तेमाल की मंजूरी की तैयारी कर ली गई है।
आपको बता दें कि सीरम इंस्टीट्यूट की तरफ से कोविशील्ड को लेकर भारत में तमाम परीक्षण किए जा रहे थे। बहरहाल, सूत्रों के हवाले से खबर मिली है Covishield vaccine approved news
कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन के साथ शुक्रवार को हुई सीडीएससीओ की विशेषज्ञ समिति की बैठक में मंजूरी की बात को लेकर विचार-विमर्श के बाद यह सिफारिश की गई है।
इस वैक्सीन की सिफारिश के तहत ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 रोधी टीके ‘कोविशील्ड’ के भारत में आपात इस्तेमाल की मंजूरी देने की तैयारी है। Covishield vaccine news update news in hindi
दरअसल, आपको बता दें की सीडीएससीओ की विशेषज्ञ समिति ने कोविशील्ड को मंजूरी देने का अनुमोदन किया है अब ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) इस अनुमोदन पर विचार कर इसको अंतिम रूप से मंजूरी देने पर काम करेगा।
और अगर ऐसा होता है तो यह देश में आपात इस्तेमाल की मंजूरी पाने वाली पहली वैक्सीन बन जाएगी। साथ ही साथ आपको बता दें कि केंद्र सरकार टीकाकरण के पूर्वाभ्यास के लिए पहले से ही तैयारी में लगी हुई है।
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हालांकि इसी बीच सूत्रों का कहना है कि समिति की बैठक अभी जारी है। भारत बायोटेक का प्रजेंटेशन भी अभी चल रहा है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान के में , डीसीजीआई के समक्ष समिति उचित निर्णय लेकर अपनी सिफारिश करेगी।
इसके बाद डीसीजीआई का फैसला ही अंतिम फैसला रहेगा। आपको बता दें कि पिछले वर्ष देश में कोरोना के मामले बढ़ने के बाद डीसीजीआई ने दवाओं को मंजूरी देने से जुड़े अपने नियमों में बदलाव करके इन्हें और भी सख्त कर दिया था।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के साथ हुई बैठक Vaccine Covishield Ko Manzoori
आपको बता दें कि शुक्रवार के दिन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने तैयारियों का जायजा लेने के लिए बैठक की।
बैठक इसलिए भी ख़ास है क्योंकि इस बैठक में वैक्सीन को आपात मंजूरी देने पर विचार होना था। बैठक में ऑक्सफोर्ड एस्ट्रेजेनेका की कोविशील्ड और कोवैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल देने पर विचार किया गया।
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दिल्ली सरकार के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हो रही बैठक में स्वास्थ्य मंत्री ने बोले कि पहले चरण में वैक्सीन लगाने की तैयारी को पूर्ण कर लिया गया है।
जिन लोगों को पहले वैक्सीन देनी है उनकी सूची भी तैयार है। उन्होंने बताया है कि कोविड वैक्सीन का ड्राय रन दिल्ली के जीटीबी अस्पताल और एक निजी अस्पताल में आयोजित किया जाएगा।
हर्षवर्धन ने दो जनवरी से कोविड-19 वैक्सीन के ड्राय रन को लेकर बताया है ,की ‘स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की सूची बना ली गई है और उसे कोविड प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया जाएगा।
जिस तरीके से हम चुनावों के दौरान तैयारी करते हैं, उसी तरह हमें सभी मेडिकल टीमों के हर एक सदस्य को जिम्मेदारी से प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है।’
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केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा असंगठित क्षेत्रों के सभी श्रमिकों के विकास के लिए कई सारी योजनाओं का आरंभ हो रहा है। आज हम आपको ऐसी ही एक योजना से जुड़ी जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं जो मध्य प्रदेश सरकार ने आरंभ की है। Sambal Yojna
इस योजना का नाम है “मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना” (Mukhyamantri Kalyan Sambal Yojna)। हम आपको इस पोस्ट के ज़रिये इस योजना से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे। ,sambal card,naya savera mp,sambal yojna portal,sambal yojna kya hai
जैसे कि मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना क्या है? और इसका उद्देश्य क्या है , इससे क्या लाभ है लाभ है, सम्बल योजना की विशेषताएं, Sambal Yojna की पात्रता, Sambal Yojna mp
Sambal Yojna में लगने वाले महत्वपूर्ण दस्तावेज़ तथा इसकी आवेदन प्रक्रिया आदि। तो दोस्तों यदि आप Mukhyamantri Jan Kalyan Sambal Yojana से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं
और इसके बारे में पूरी तरह से समझना चाहते हैं तो आप हमारे इस पोस्ट को ध्यानपूर्वक अंत तक पढ़े। ,sambal card,naya savera mp,sambal yojna portal,sambal yojna kya hai
मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना 2020 में पंजीकरण कैसे करे?,
जय किसान फसल ऋण माफी योजना,
मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना पंजीकरण स्तिथि देखने की प्रक्रिया,
नया सवेरा कार्ड कैसे बनवाएं?,
पोर्टल पर अपना लॉगइन यूजरनेम पता करने की प्रक्रिया,
पोर्टल पर लॉगइन यूजर की जानकारी देखने की प्रक्रिया
मुख्यमंत्री जन कल्याण सम्बल योजना Mukhyamantri Jan Kalyan Sambal Yojana
कई बार ऐसा होता है कि सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ लाभार्थियों तक नहीं पहुंच पाता है। इन्ही समस्याओं को दूर करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना का आरंभ किया गया है। Sambal Yojna
मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना (Sambal Yojna ) का आरंभ असंगठित क्षेत्रों के श्रमिकों को सरकार द्वारा आरंभ की गई योजनाओं का लाभ प्रदान करने के लिए ही किया गया है। Sambal Yojna Card,sambal card,naya savera mp,sambal yojna portal,sambal yojna kya hai
इस योजना को जून 2019 में शुरू किया गया था। MP Naya Savera Scheme 2020 के अंतर्गत उन सभी ग़रीबों को जो गरीबी रेखा के नीचे आते हैं और साथ ही असंगठित क्षेत्रों के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करी जाएगी।
यह सामाजिक सुरक्षा श्रमिकों को इन सरकारी योजनाओं का लाभ प्रदान करके की जाएगी। इस योजना में कई संशोधन भी किए गए हैं और अब इस योजना का नाम मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना से बदलकर एमपी नया सवेरा योजना रख दिया गया है।Sambal Yojna Card,sambal card,naya savera mp,sambal yojna portal,sambal yojna kya hai
मध्य प्रदेश जन कल्याण योजना के तहत असंगठित क्षेत्र के सभी लोगो को सभी सरकारी योजनाओ का लाभ पहुंचने के लिए लोगो को जनकल्याण संबल कार्ड उपलब्ध कराए गये थे ,sambal card,naya savera mp,sambal yojna portal,sambal yojna kya hai
अब प्रदेश के सभी असंगठित श्रमिकों को एक नया सवेरा कार्ड उपलब्ध कराने का निश्चय किया गया है, जोकि उन्हें इससे पहले प्रदान किये गए संबल कार्ड के स्थान पर दिया जायेगा.|
इस नया सेवरा कार्ड को अब Adhaar Card से लिंक भी किया जायेगा और साथ ही साथ लाभार्थी के आधार कार्ड का नंबर भी उसमें दिया रहेगा | naya savera yojna
हालाँकि इस योजना में पुराने कार्ड को बदलने का फैसला इसलिए लिया गया है, क्योंकि इस पुराने वाले कार्ड में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की फोटो लगी हुई है |जिसे इस कार्ड में से अब हटा दिया गया है | naya savera yojna
Madhya Pradesh Naya Savera Yojana 2020 की ज़रूरी बातें
योजना का पूरा व नया नाम }} मध्य प्रदेश नया सवेरा योजना
योजना का पुराना नाम } } मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना
योजना को कब शुरू किया गया }} सन 2018 में
योजना में संशोधन कब किया गया }} जून, 2019 में कांग्रेस सरकार द्वारा
मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री के द्वारा संबल योजना काे फिर से शुरू कर दिया गया है मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मुख्यमंत्री जन कल्याण योजना को शुरू करते हुए कहा कि इस योजना से गरीबों को उनके जन्म के पहले और मृत्यु के बाद तक फायदा फायदा मिलता है। naya savera yojna,sambal card,naya savera mp,sambal yojna portal,sambal yojna kya hai
जैसे की आप सभी लोग जानते है कि हम सभी और बल्कि पूरा विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है , ऐसे में लोगों को सहारा देने वाली संबल योजना गरीब लोगो और श्रमिकों के लिए लाभकारी साबित होगी |
Sambal Yojana Madhya Pradesh
संबल योजना के तहत मध्य प्रदेश सरकार 12वीं कक्षा में अधिकतम अंक लाने वाले 5000 छात्रों को 30 हज़ार रुपये का पुरस्कार के रूप में देगी। ,sambal card,naya savera mp,sambal yojna portal,sambal yojna kya hai
यह योजना इस लिए आरम्भ करि गयी है ताकि कम आय वाले परिवारों को मदद मिल सके |
योजना के तहत यदि राज्य की कोई गरीब महिला किसी शिशु को जन्म देती है तो उस महिला को जन्म देने से पहले 4 हजार रुपये और जन्म देने के बाद 12 हजार रुपए उनके खाते में भेजे जाएंगे। ,sambal card,naya savera mp,sambal yojna portal,sambal yojna kya hai
मध्यप्रेदश से बाहर फंसे 1 लाख 5 हज़ार श्रमिकों के खाते में मध्य प्रदेश सरकार ने मंगलवार को 10 करोड़ 50 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। प्रत्येक मजदूर के खाते में 1 हज़ार रुपए भेजे गए हैं। naya savera yojna
आइये जानते हैं मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना 2020 के क्या क्या लाभ हैं
इस योजना के तहत राज्य के असंगठित क्षेत्रो के श्रमिक , मज़दूर लाभार्थियों को उपलब्ध कराये जाने वाले कार्ड के माध्यम से केंद्रीय और राज्य स्तर पर चलने वाली कुछ योजनाओं के लाभ प्राप्त होते हैं. जिसकी सूची नीचे दी गई है | naya savera yojna
छात्रों को शिक्षा प्रोत्साहन दिया जायेगा ,
गर्भवती महिलाओं को मातृत्व की सुविधा दी जाएगी , दुर्घटनाग्रस्त लोगों को स्वास्थ्य बीमा कवर दिया जाएगा , बेहतर कृषि के उपकरण प्रदान किये जायेंगे ,
बिजली बिल माफ़ किया जाएगा, निःशुल्क स्वास्थ्य देखभाल आदि जैसे लाभ भी शामिल है
अंत्येष्टि सहायता मिलेगी
इस योजना के तहत अब लाभार्थियों को आयुष्मान भारत योजना का भी लाभ मिलेगा | इस योजना में शामिल होकर नए कार्ड के रजिस्ट्रेशन करते समय उस महीने के पहले वाले महीने का बचा हुआ बिजली बिल भी माफ़ कर दिया जायेगा | naya savera yojna
इस योजना का लाभ सिर्फ उन ही लोगो को मिलेगा जो असंगठित क्षेत्रो में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे है | naya savera yojna इस योजना के तहत नया सवेरा कार्ड के लिए योजना के लाभार्थियों को कोई शुल्क नहीं देना होगा |
नयासवेरायोजना 2020 के दस्तावेज़ (पात्रता ) (Eligibility)
लाभार्थी या आवेदक मध्य प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए | आवेदक का निवास प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो, आवेदक का मोबाइल नंबर, ऐसे व्यक्ति जोकि मध्यप्रदेश के हैं और गरीबी रेखा से नीचे अपना जीवन व्यतीत करते हैं और उसके प्रमाण के लिए उनके पास बीपीएल कार्ड भी होना चाहिए,
मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना 2020 में पंजीकरण कैसे करे?Sambal Yojna
सबसे पहले आवेदक को Jan Kalyan की आधिकारिक वेबसाइट (Official Website) पर जाना होगा आधिकारिक वेबसाइट पर जाने के बाद आपके सामने होम पेज खुल जायेगा | naya savera yojna,sambal card,naya savera mp,sambal yojna portal,sambal yojna kya hai
इस होम पेज पर आपको सबसे पहले लॉगिन करना होगा |लॉगिन करने के लिए आपको ऊपर लॉगिन के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा | naya savera yojna,sambal card,naya savera mp,sambal yojna portal,sambal yojna kya hai
इसके बाद आपको यूजर नाम और पासवर्ड डालकर लॉगिन करे |इसके बाद “श्रमिक पंजीयन हेतु आवेदक की पहचान की पुष्टि आधार E KYC से करे” का विकल्प दिखाई देगा |
इस विकल्प पर क्लिक करे | फिर आपके सामने एक फॉर्म खुल जायेगा इस फॉर्म में आपको अपनी समग्र आईडी और कैप्चा कोड आदि को भरना होगा और इसके पश्चात् समग्र से आवेदक का विवरण प्राप्त करे वाले बटन पर क्लिक करे | इस तरह आपका आवेदक पूरा हो जायेगा | naya savera yojna
आईये जानते हैं मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना पंजीकरण स्तिथि देखने की प्रक्रिया
सबसे पहले आपको जन कल्याण योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना पड़ेगा। असधिकारिक वेबसाइट पर जाने के बाद आपके सामने होम पेज खुलकर आएगा। होम पेज पर जाने के बाद आपको पंजीयन की स्थिति जांचने के लिंक पर क्लिक करना होगा। इसके बाद आपके सामने एक नया पेज खुलकर आएगा जिसमें आपको 9 अंकों की समग्र आईडी डालकर सदस्य की जानकारी देखे के लिंक पर क्लिक करना होगा। इस तरह से आप पंजीकरण की स्थिति देख पाएंगे। naya savera yojna
नया सवेरा कार्ड कैसे बनवाएं? या कैसे बनवा सकते हैं नया सवेरा कार्ड Sambal Yojna
यदि राज्य के इच्छुक लाभार्थी इस योजना का लाभ उठाना चाहते है तो इसके लिए उन्हें अपने पुराने सम्बल कार्ड को बदल कर नया कार्ड बनवाना होगा | इसके लिए आपको नीचे दी गयी प्रक्रिया से चलना होगा |
सबसे पहले लाभार्थी को अपने पुराने सम्बल कार्ड को ,आधार कार्ड तथा अन्य सभी दस्तावेज़ों को लेकर राज्य के किसी भी लोक सेवा केंद्र या कियोस्क कॉमन सर्विस सेण्टर या एमपी ऑनलाइन में जाना है | Sambal Yojna
और फिर आपको वहां के सम्बंधित अधिकारी को अपना सम्बल कार्ड और आधार कार्ड देना होगा |इसके पश्सचात सम्बंधित अधिकारी द्वारा आधार कार्ड के साथ ही आपके मोबाइल नंबर आदि के माध्यम से आपकी सभी जानकारी की जाँच करी जाएगी | naya savera yojna इसके बाद यह देखा जाएगा कि आपके आधार कार्ड में आपकी जो भी जानकारी दी हुई हैं, वह आपके संबल कार्ड में दी हुई जानकारी से हुबहू वैसी ही मिलती है या नहीं | naya savera yojna
यदि उसमे जानकरी हूबहू नही मिल रही है तो आपको नया सवेरा कार्ड दिया जायेगा या नहीं इसका अधिकार जाँच करने वाले उस सक्षम अधिकारी को ही होगा | naya savera yojna
और यदि सभी जानकारी सही निकलती है तो फिर लाभार्थियों के पुराने कार्ड जमा करके उसके बदले उन्हें उसी दिन नया कार्ड डे दिया जायेगा | Sambal Yojna,sambal card,naya savera mp,sambal yojna portal,sambal yojna kya hai
संबल योजना पोर्टल पर अपना लॉगइन यूजरनेम कैसे पता करें
सबसे पहले आपको जन कल्याण संबल योजना की आधिकारिक वेबसाइट (Official Website) पर जाना होगा। Sambal Yojna इसके बाद आपके सामने होम पेज खुलकर आएगा। होम पेज पर आपको पोर्टल पर अपना “यूजरनेम पता करें” वाले लिंक पर क्लिक करना होगा।
इसके बाद आपके सामने एक नया पेज खुल कर आएगा। Sambal Yojna इस पेज में आपको अपने जिले तथा निकाय का चयन करके “रिपोर्ट देखें” वाले लिंक पर क्लिक करना होगा। Sambal Yojna इस तरह से आप पोर्टल पर अपना यूजरनेम पता कर सकते हैं।
पोर्टल पर लॉगइन यूज़र की जानकारी कैसे देखें
पोर्टल पर लॉगइन यूज़र की जानकारी कैसे देखें
इसके लिए सबसे पहले आपको जन कल्याण योजना की आधिकारिक वेबसाइट(Official Website) पर जाना होगा। अब आपके सामने होम पेज खुलेगा। होम पेज पर आपको पोर्टल पर “लॉगइन यूजर की जानकारी देखे” इस लिंक पर क्लिक करना होगा।
अब आपको अपना नाम डालकर गेट यूजर लिस्ट (Get User List) के लिंक पर क्लिक करना होगा। इस प्रकार आप पोर्टल पर लॉगइन यूजर की जानकारी देख सकते हैं । Sambal Yojna
सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली कूच कर रहे पंजाब और हरियाणा के किसानों और पुलिस इन दोनों ही लोगों के बीच शुक्रवार सुबह से सिंघु बॉर्डर पर संघर्ष जारी रहा। दोपहर दो बजे आस पास स्थिति ज्यादा बिगड़ गईथी और पुलिस ने करीब 40 राउंड आंसू गैस के गोले दागे थे।
इस बीच किसान संगठन और दिल्ली पुलिस निरंतर ही धरनास्थल को लेकर बात कर रहे थे जिसके बाद यह तय हुआ कि किसानों को दिल्ली के बुराड़ी स्थित निरंकारी समागम में प्रदर्शन करने की अनुमति दी जाएगी।
अब पुलिस किसानों को लेकर दिल्ली पहुंचेगी। वहीं दिल्ली मेट्रो ने एहतियात के तौर पर छह मेट्रो स्टेशनों से आने और जाने की सुविधा बंद कर दी है। (Kisano Ka Dilli Me Virodh Pradarshan )
छात्र नही दे सके शिक्षा
किसान आंदोलन के वजह से बंद किए गए रास्तों के कारण आज कई जगह पर आम लोगों को परेशानि उठानी पड़ी और कॉलेजों के छात्रों की परीक्षाएं भी रद्द कर दी गईं।
किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च के मद्देनजर हरियाणा से राष्ट्रीय राजधानी को जोड़ने वाले अधिकतर मार्गों को दिल्ली पुलिस द्वारा बंद कर दिये जाने के बाद शुक्रवार को शहर में अहम रास्तों पर वाहनों का जाम लग गया।
दिल्ली यातायात पुलिस ने बताया है कि इस प्रदर्शन की वजह से ढांसा और झाड़ौदा कलां सीमाएं यातायात के लिए बंद कर दी गयीं हैं तथा यात्रियों को वैकल्पिक मार्ग लेने को कहा गया है।
उसने ट्वीट किया, की ‘टीकरी बार्डर को स्थानीय पुलिस ने यातायात के लिए पूरी तरह बंद कर दिया है। हरियाणा की तथा की और जाने वाला यातायात भी बंद कर दिया गया है।
सभी मोटर वाहनों को किसान संघर्ष समिति के प्रदर्शन की वजह से इस मार्ग से परहेज करने को कहा गया है ।’
हमारी सरकार बनने पर सभी ‘काले कृषि कानूनों’ को रद्द कर दिया जाएगा : कांग्रेस
कांग्रेस पार्टी ने तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली कूच कर रहे किसानों का समर्थन करते हुए शुक्रवार को कहा कि केंद्र में जिस दिन कांग्रेस की सरकार बनेगी उसी दिन इन ‘काले कानूनों’ को निरस्त कर दिया जाएगा।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा है कि उनकी पार्टी किसानों की मांगों को पूरा कराने के लिए उनके साथ है उनके कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।उधर, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा बोलीं कि ‘एक देश, एक चुनाव’ की बात करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसानों के संदर्भ में ‘एक देश, एक व्यवहार’ पर अमल करना चाहिए। (Kisano Ka Dilli Me Virodh Pradarshan )
स्टेडियम नहीं बनेंगे अस्थायी जेल ,दिल्ली सरकार ने पुलिस की मांग को नामंजूर किया
आपको बता दें की दिल्ली सरकार ने पुलिस की मांग ठुकराते हुए राजधानी के नौ स्टेडियम को अस्थायी जेल में बदलने से इनकार कर दिया है। इन अस्थाई जेलों में प्रदर्शनरत किसानों को रखा जाना था।
मथुरा में यमुना एक्सप्रेसवे पर भी किसानों के आंदोलन के कारण लंबा जाम लग गया है। किसान सड़क घेरकर यमुना एक्सप्रेसवे पर बैठे हैं।
संजय सिंह ने केजरीवाल से की दिल्ली पुलिस की मांग ठुकराने की गुजारिश
दिल्ली पुलिस ने केजरीवाल सरकार से नौ स्टेडियम को अस्थायी जेल बनाने की जो मांग की थी उसे लेकर आप के कई नेता विरोध कर रहे हैं।
पहले राघव चड्ढा ने और अब संजय सिंह ने केजरीवाल से गुजारिश की है कि वह दिल्ली पुलिस की यह मांग ठुकरा दें। संजय सिंह ने ट्वीट किया,की ‘वाह मोदी जी क्या देश के अन्नदाता ने आपका पेट भरकर, वोट देकर इसी दिन के लिए देश का प्रधानमंत्री बनाया था कि आप उनके साथ जानवरों के जैसा व्यवहार करें।
मैं मुख्यमंत्री जी से आग्रह करूंगा कि दिल्ली पुलिस की जेल बनाने की मांग ठुकरा दें ,और अन्नदाताओं का स्वागत करें।
किसानों ने लिखी पीएम मोदी को चिट्ठी, और रखी ये तीन मांगें
योगेंद्र यादव ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा के दिल्ली चलो आंदोलन के तहत राजधानी कूच कर रहे किसान ने शुक्रवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। और खत में किसानों ने तीन मांगें करि हैं-
(1) } किसानों को बिना रोके टोक दिल्ली जाने दिया जाए। सभी बैरिकेड को हटाए जाएं, सड़कें खाली करे जाएं और हमें शांतिपूर्ण ढंग से दिल्ली जानें दें
(2) } रामलीला मैदान या अन्य किसी स्थान को खाली कराकर किसानों को दिया जाए ताकि वो वहां पर वह प्रदर्शन कर सकें।
(3) } सरकार सभी किसान प्रतिनिधियों से तत्काल बात करें।
आंसू गैस के गोले दागने के बाद पुलिस ने सिंघु बॉर्डर से 500 मीटर का क्षेत्र खाली करा लिया और कुछ समय तो किसान पीछे ही बैठकर प्रदर्शन करते रहे थे लेकिन बाद में किसान आगे आने लगे।
सिंघु बॉर्डर पर आंसू गैस के गोले दाग रही पुलिस, किसान कर रहे डिफ्यूज
सिंघु बॉर्डर पर किसानों के आगे बढ़ने के बाद दिल्ली पुलिस ने उन पर आंसू गैस के गोले दागे थे । ऐसे में पहले से ही पानी की बाल्टियां लेकर तैयार किसानों ने आंसू गैस के गोले उठाकर पानी में डालकर डिफ्यूज करने की कोशिश कर रहे हैं।
सिंघु बॉर्डर पर पुलिस लगातार अपील कर रही है – बैरिकेड से पीछे रहें वरना करनी पड़ेगी कार्रवाई
सिंघु बॉर्डर पर पहुंचे किसानों से पुलिस बार-बार अपील कर रही है कि आप बैरिकेड से पीछे ही रहें और मूवमेंट न करें अगर आप हमारी बात नहीं सुनेंगे या नहीं मानेंगे तो आपके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
टिकरी बॉर्डर पर लगातार जारी है किसानों का संघर्ष
टिकरी बॉर्डर पर बैरिकेडिंग के तौर पर लगाए गए ट्रक को किसान अपने ट्रैक्टर के प्रयोग से हटाने का प्रयास कर रहे हैं। इसे हटाकर वह दिल्ली की ओर कूच करना चाह रहे हैं।
टिकरी बॉर्डर पर सुरक्षाबलों ने किसानों पर छोड़े आंसू गैस के गोले और की पानी की बौछारें
दिल्ली की सीमाओं के साथ साथ नई दिल्ली जिले की सीमाओं को भी पूरी तरह सील कर दिया गया है। दिल्ली पुलिस के साथ-साथ अर्धसैनिक बलों को भी लगाया गया है। नई दिल्ली इलाके में किसी को नहीं जाने दिया जा रहा है।
सिंघु, टिकरी और बहादुरगढ़ बॉर्डर पर ज्यादा दबाव पड़ने की वजह से सीमा सील कर दी गई है। पुलिस ने दिल्ली-बहादुरगढ़ हाईवे के टिकरी बॉर्डर पर इकट्ठा किसानों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछार की हैं और आंसू गैस के गोले छोड़े।
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला आज सुबह हरियाणा में प्रदर्शन कर्व रहे किसानों से मिलने गए और उन्हें कंबल बांटें, लेकिन किसानों ने नाराज होकर उसे फेंक दिया और उन्हें भी वापस जाने को बोलै।
किसानों ने कहा कि वह किसी भी राजनीतिक दल का समर्थन नहीं लेना चाहते हैं।
छह मेट्रो स्टेशन के निकास और प्रवेश द्वार किये गए बंद
किसानों के दिल्ली चलो आंदोलन को देखते हुए डीएमआरसी ने ग्रीन लाइन पर स्थित एनसीआर के कुछ स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार बंद करने का एलान किया गया है।
डीएमआरसी ने बताया कि ब्रिगेडियर होशियार सिंह,टिकरी बॉर्डर, बहादुरगढ़ सिटी, टिकरी कलां ,पंडित श्री राम शर्मा,और घेवरा मेट्रो स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार रहेंगे बंद। Kisano Ka Dilli Me Virodh Pradarshan
अमृतसर से एक और ट्रैक्टर रैली निकली
जैसा की आप जानते होंगे की हज़ारों की संख्या में जहां किसान पंजाब से दिल्ली बॉर्डर तक पहुंच चुके हैं वहीं पंजाब से किसान मजदूर संघर्ष कमेटी दिल्ली आने की तैयारी कर में लगी है।
कमेटी के लोग अमृतसर से ट्रैक्टर रैली निकालकर दिल्ली की ओर जाएंगे। एक किसान ने बताया है कि हमने एक महीने का खाने का सामान, बर्तन और पकाने के लिए गैस चूल्हा आदि सब अपनी ट्रॉली में रख लिया है और अब हम दिल्ली की ओर जा रहे हैं।
पुलिस ने दिल्ली सरकार से 9 स्टेडियम को अस्थायी जेल बनाने की मांगी अनुमति