Monday, June 30, 2025
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यूपी में और महंगी हुई पढ़ाई : पब्लिक स्कूलों की फीस 12% तक बढ़ी, ऐसा क्यों आईये जानें

नए सत्र से पब्लिक स्कूलों में अभिभावकों के जेब पर बोझ डालते हुए, इसमें करीब 12% की बढ़ोतरी कर दी है। स्कूलों की तरफ से सालाना 5% फीस बढ़ोतरी के साथ कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (सीपीआई) अधिक होने के कारण करीब 12% फीस में बढ़ोतरी की गई है। ऐसे में प्रतिमाह के साथ दाखिले के एवज में लिया जाने वाला शुल्क भी मंहगा होगा। इसका सीधा असर आपके जेब पर पड़ना तय है।यूपी सरकार की ओर से हर साल करीब 10% फीस बढ़ाने का नियम तय किया गया है, पर कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स अधिक होने के कारण फीस में बढ़ोतरी नियमित दर से अधिक हुई है।

नये सत्र में दाखिले का वार अभिभावकों की आय पर

पहली अप्रैल से शुरू हुए नये सत्र में दाखिले का वार अभिभावकों की आय पर पड़ने वाला है। बच्चों की किताबें हो स्टेशनरी या फिर ड्रेस इन सभी के मूल्य में मंहगाई तो सरेआम दिख रही है। मंहगाई का एक और असर शुल्क बढ़ोत्तरी के रूप में देखा जा रहा है। अप्रैल माह में शुरू हुए नये शिक्षण सत्र में छात्रों के मासिक शुल्क में 200 से 300 रुपये की बढ़ोतरी हुई है।

सत्र 2024- 25 की नामी-गिरामी विद्यालयों में नर्सरी और यूकेजी कक्षा में प्रवेश लेने वाले बच्चों से लेकर हाईस्कूल व इंटर के छात्रों के शुल्क में अपेक्षाकृत अधिक बढ़ोत्तरी हुई है। यह बात दीगर है कि निजी विद्यालयों में शिक्षा व अन्य व्यवस्थाओं के फीस की दर अलग-अलग है। स्कूल की ओर से बताया कि इस बार दो सौ रुपये प्रतिमाह की फीस बढ़ाई गयी है। पिछले साल जो फीस 2850 थी वह नए सत्र से वहीं 3050 प्रति माह होगी।

नर्सरी में एडमिशन कराने गए अभिभावकों को स्कूल की ओर से जानकारी दी गई कि नर्सरी में एडमिशन की फीस 20 हजार से अधिक है। बता दें कि राजधानी में करीब 150 निजी विद्यालय संचालित है, कुछ विद्यालयों में नर्सरी में प्रवेश का शुल्क 20 हजार है। जबकि कुछ विद्यालयों में 38 हजार से अधिक है। इसी तरह दसवीं कक्षा में प्रवेश शुल्क 20,500 से 65 हजार रुपये तक है।

स्कूलों की फीस में 12% की हुई बढ़ोतरी

वही एक निजी विद्यालय ने नए सत्र का प्रवेश शुल्क की जानकारी वेबसाइट पर दी है। नर्सरी और यूकेजी की प्रवेश फीस 20,200 होगी, पहली और पांचवी कक्षा में प्रवेश की फीस 20,300, छठवी और आठवी की 20,400, नौवीं और दसवी की 20,550 रुपये प्रवेश फीस होगी। इस बारे में एक कालेज के प्रबंधक का कहना है कि प्रत्येक साल नियमत करीब पांच से सात फीसदी की शुल्क बढ़ाया जाता है। ऐसे में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स 5% से ज्यादा होने के कारण फीस में 12% की बढ़ोतरी की गई है। ये बढ़ोतरी सरकार के नियमों के तहत हुआ है। स्कूल में बेहतर शिक्षा का मौहाल हो, इसके लिए विद्याथियों को बेहतर व्यवस्थाए दी जाती है।

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शुरू हो गई इंडिया गठबंधन की बैठक, कई बड़े नेता हुए हैं शामिल

देश में आज आखिरी चरण के तहत मतदान हो रहा है। वहीं आखिरी चरण के मतदान के बीच इंडिया गठबंधन के प्रमुख घटक दलों के नेताओं की एक बैठक हो रही है। ये बैठक दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर बुलाई गई है। बैठक में शामिल होने के लिए विभिन्न दलों के नेता दिल्ली पहुंच भी गए हैं। माना जा रहा है कि बैठक में इस बात पर चर्चा होगी कि चुनाव के बाद इंडिया गठबंधन की क्या रणनीति होनी चाहिए।

कई राज्यों में चल रहा मतदान

वहीं मतदान की बात की जाए तो इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों से जुड़े कई राज्यों में मतदान हो रहा है। सातवें चरण में बिहार में भी मतदान हो रहा है। बिहार से राष्ट्रीय जनता दल (तेजस्वी यादव) इंडिया गठबंधन का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। वहीं पंजाब की सभी लोकसभा सीटों पर मतदान हो रहा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बीते कई दिनों से पंजाब में सघन चुनाव प्रचार कर रहे थे। आम आदमी पार्टी ने पंजाब की सभी सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं। आम आदमी पार्टी भी इंडिया गठबंधन का हिस्सा है।

ममता बनर्जी नहीं होंगी बैठक में शामिल

बैठक के बारे में जानकारी देते हुए कांग्रेस की ओर से कहा गया है कि इसमें गठबंधन के सभी वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। हालांकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस बैठक में नहीं आएंगी। ममता बनर्जी के अलावा तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन भी इंडिया गठबंधन की इस बैठक से अनुपस्थित रह सकते हैं। हालांकि उनके स्थान पर उनकी पार्टी के वरिष्ठ सदस्य बैठक में उनका प्रतिनिधित्व करेंगे। बताया जा रहा है कि शनिवार को सातवें और अंतिम चरण के चुनाव के लिए पश्चिम बंगाल की कई सीटों पर मतदान हो रहा है। यही कारण है कि ममता बनर्जी दिल्ली नहीं आ रही हैं।

ये नेता बैठक में होंगे शामिल

1. मल्लिकार्जुन खड़गे (कांग्रेस)
2. सोनिया गांधी (कांग्रेस)
3. राहुल गांधी (कांग्रेस)
4. के.सी. वेणुगोपाल (कांग्रेस)
5. अखिलेश यादव (सपा)
6. शरद पवार (एन.सी.पी)
7. जीतेन्द्र अव्हाड (एनसीपी)
8. अरविन्द केजरीवाल (आम आदमी पार्टी)
9. भगवंत मान (आम आदमी पार्टी)
10. संजय सिंह (आम आदमी पार्टी)
11. राघव चड्ढा (आम आदमी पार्टी)
12. टी. आर. बालू (डीएमके)
13. तेजस्वी यादव (राजद)
14. संजय यादव, (राजद)
15. चंपई सोरेन (झामुमो)
16. कल्पना सोरेन (झामुमो)
17. फारूक अब्दुल्ला (J&KNC)
18. डी. राजा (सीपीआई)
19. सीताराम येचुरी (सीपीआईएम)
20. अनिल देसाई शिव सेना (यूबीटी)
21. दीपंकर भट्टाचार्य सीपीआई (एमएल)
22. मुकेश सहनी (वीआईपी)

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दोस्तों के साथ मिलकर बेटी का गैंगरेप करता था पिता, दादी ने कराया गर्भपात

जिला फर्रुखाबाद में गैंगरेप का ऐसा मामला सामने आया है, जिसे जानने के बाद खून के रिश्तों पर भी विश्वास करना मुश्किल होगा। दरअसल यहां एक शख्स अपने चार दोस्तों के साथ मिलकर अपनी ही बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म करता था। इतना ही नहीं इनके इस कुर्कम में उस लड़की की दादी ने भी उनका साथ देती थी। बेटी के गर्भवती होने पर उसकी दादी ने उसका गर्भपात करवाया। कोर्ट ने गैंगरेप के सभी दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। वहीं गर्भपात कराने वाली दादी को 8 साल की सजा और जुर्माना लगाया गया है।

मां ने दर्ज करवाया मामला

पूरा मामला फतेहगढ़ कोतवाली क्षेत्र की कर्नलगंज चौकी का है। यहां रहने वाली महिला ने 12 जनवरी 2020 को अपने पति और उसके दोस्तों लालू उर्फ सुरजीत, राहुल उर्फ कुंती, मनोज शाक्य, सोनू तिवारी उर्फ रत्नेश तिवारी, विमल कुमार, विष्णु शरन रस्तोगी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। महिला ने अपनी सास के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराया था। महिला ने आरोप लगाया कि उसका पति उसकी 16 साल की बेटी के साथ लगातार दुष्कर्म कर रहा था। इसकी जानकारी होने पर उसे बेटी को जयपुर हॉस्टल में पढ़ने भेज दिया। इसके बाद भी पति उसे जयपुर से बुलाकर उसके साथ दुष्कर्म करता रहा।

नशीली गोलियां खिलाकर करते थे गैंगरेप

शिकायत में कहा गया कि पति अपने दोस्तों को साथ लेकर होटलों में जाता था। वहां पति और उसके दोस्त बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म करते थे। बेटी ने बताया कि पापा नशीली गोलियां खिलाकर दुष्कर्म करते थे और बाद में उनके दोस्त भी मेरे साथ दुष्कर्म करते थे। इसी बीच बेटी गर्भवती हो गई तो उसकी दादी ने आवास विकास के एक नर्सिंग होम में उसका गर्भपात करा दिया था।

गैंगरेप के दोषियों को उम्रकैद की सजा

इस मुकदमे की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश राकेश कुमार सिंह ने गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर लेखपाल पिता, दोस्त मनोज शाक्य, सोनू तिवारी उर्फ रत्नेश तिवारी, विमल कुमार और विष्णु शरन रस्तोगी को दोषी करार दिया। वहीं नातिन का गर्भपात कराने को लेकर न्यायालय ने दादी को भी दोषी ठहराया है। इनके अलावा साक्ष्यों के अभाव में लालू उर्फ सुरजीत और राहुल उर्फ कुंती को न्यायालय ने दोषमुक्त कर दिया। इसके बाद सभी दोषियों को जिला जेल भेज दिया गया। न्यायाधीश ने दोषी लेखपाल पिता, उसके दोस्त मनोज शाक्य, सोनू तिवारी उर्फ रत्नेश तिवारी, विमल कुमार और विष्णु शरन रस्तोगी को उम्रकैद की सजा सुनाई।

दादी को भी सुनाई सजा

दुष्कर्म के बाद गर्भवती होने पर नाबालिग नातिन का गर्भपात कराने में दोषी पाई गई दादी को न्यायालय ने आठ वर्ष की सजा सुनाई है । सभी दोषियों को 6.03 लाख रुपये जुर्माना जमा करने के आदेश दिए है । जुर्माना नहीं देने पर दोषियों को एक वर्ष का अतिरिक्त कठोर कारावास भुगतने के आदेश दिए है । न्यायालय ने दोषियों की जेल में बिताई गई अवधि को सजा में समायोजित करने के आदेश दिए हैं।

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गुजरात में क्यों हो रहा स्मार्ट मीटर का विरोध ? आईये जानते है आखिर ऐसा क्यों

किसी भी समाज में जब कोई बदलाव होता है तो लोग उसे बहुत ही ज्यादा रेजिस्टेंस के साथ स्वीकार करते हैं, क्योंकि पुराने सिस्टम की आदत कुछ इस कदर लग जाती है की नई व्यवस्था को अपनाने से हम परहेज करने लगते हैं। ऐसा ही कुछ इन दिनों गुजरात में बिजली विभाग द्वारा शुरू किये गए प्रीपेड स्मार्ट मीटर्स के साथ भी होते हुए दिखाई दे रहा है। आइए, समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर जनता स्मार्ट मीटर्स का विरोध क्यों कर रही है।

वडोदरा में हुए किस्से से समझते है आखिर क्या है बात

सारा मामला वडोदरा के एक किस्से से समझते हैं। वडोदरा में एक महिला ये कहते हुए दिख रही है कि उसका बिल डबल से भी ज्यादा हो गया। उसकी हकीकत ये है कि महिला ने रिचार्ज अमाउंट इस्तेमाल करने के बाद 300 रुपये की लिमिट भी क्रॉस कर ली। 5 दिन का ग्रेस भी बीत गया और उसके बाद 3 दिन की छुट्टी आ गई (नियम के अनुसार छुट्टी के दिन भी बिजली नहीं काटी गई) और बाद में जब बिजली कट गई तब उसने सब-डिवीज़न ऑफिस में जा कर रिचार्ज करवाया।

महिला का कनेक्शन शुरू हो गया पर उसके 1500 के रिचार्ज में से 300 रुपये का एक्सेस एमाउंट+8 दिन (जिसमें लिमिट क्रॉस करने के बावजूद बिजली नहीं काटी गई) का एक्सेस यूसेज चार्ज तुरंत कट गया। अब जानकारी के आभाव में उसे लगा उसका बिल ज्यादा आ रहा है पर बाद में जब उसे असली वजह के बारे में बताया गया तो उसका कन्फ्यूज़न दूर हो गया। हालांकि तब तक खबर इतनी वायरल हो गई की दूसरे जिलों से भी लोगों को लगने लगा की उनका मीटर भी तेज चल रहा है।

जनता क्यों कर रही है स्मार्ट मीटर का विरोध ?

अभी तक जो सामने आया है उसके मुताबिक, विरोध का कारण स्मार्ट मीटर का रेग्युलर मीटर की तुलना में तेज चलना बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि इसकी वजह से बिल दोगुना आ रहा है। लोगों की बातें सुनकर ऐसा लगता है जैसे सभी मीटर खराब हैं और इन स्मार्ट मीटर्स के आने से पूरी व्यवस्था चरमरा जाएगी। जिस तरह से लोगों के विरोध की रील्स वायरल हो रही हैं, पहली नजर में ऐसा ही लगता है। स्थानीय न्यूज चैनल्स में भी ज्यादा बिल आने की कहानियां छाई हुई थीं लेकिन इसके पीछे का कारण कोई नहीं दिखा रहा था।

स्मार्ट मीटर तेज चलने की खबर महज अफवाह ?

जब पूरे मामले की पड़ताल की गई और सभी तथ्यों को वेरिफाई किया गया तो जो बातें सामने आईं उनसे पता चला कि स्मार्ट मीटर के तेज चलने के बारे में सारा प्रचार भ्रांतियों से भरा हुआ है। यही वजह है कि तथ्यों को सही से रखना बहुत जरूरी है। यह पता चला कि लोगों के मन में शंका न बढ़े, इसके लिए हर 100 मीटर्स के क्लस्टर में रैंडम बेसिस पर 5 पुराने मीटर्स भी लगे होंगे जो कि नए प्री-पेड मीटर्स के साथ भी जुड़े होंगे ताकि रीडिंग्स को कम्पेयर किया जा सके। तो फिर ये भ्रान्ति पैदा कहां से हुई कि ये मीटर तेज चल रहे ?

लोगों के मन में सवाल उठने की क्या है वजह ?

मीटर्स के तेज चलने की भ्रांति की सबसे बड़ी वजह यह है कि जिन घरों में भी पायलट प्रोजेक्ट के तहत नए मीटर लगाए गए हैं वहां उन घर वालों की सुविधा के लिए पुराने मीटर के यूसेज को उस वक्त सेटल नहीं किया गया। घर वालों की जानकारी में लाने के बाद उस यूसेज चार्ज को 180 दिनों में डिवाइड करके नए मीटर के यूसेज के साथ डेली बेसिस पर जोड़ना शुरू किया गया जिससे लोगों को लगा कि 10 दिन में इतना एक्स्ट्रा पैसा कहां से लग गया।

पहले से ही रिचार्ज करवाना होता है प्रीपेड मीटर

इसके अलावा प्री-पेड मीटर्स में ये व्यवस्था की गई है कि ग्राहक को मोबाइल फोन की ही तरह मीटर पहले से रिचार्ज करवाना होगा और यदि उसका उपयोग प्री-पेड एमाउंट से 300 रुपये ज्यादा होने तक उसकी बिजली नहीं कटेगी, यानी उतना क्रेडिट उसे मिलेगा। हालांकि 300 रुपये का अमाउंट पार करने के बाद बिजली कट जाएगी और रिचार्ज करवाने पर कनेक्शन ऑटोमैटिकली दोबारा शुरू हो जायेगा। दिलचस्प बात यह है कि 300 रुपये माइनस में जाने के बाद भी बिजली विभाग ग्राहक को 5 दिन का ग्रेस पीरियड दे रहा है। अगर इस अवधि में भी रिचार्ज नहीं होता है तब बिजली कटेगी।

सरकार को जागरूकता फैलाने की जरूरत

बिहार, असम और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में स्मार्ट मीटर का सिस्टम सफलतापूर्वक लागू हुआ है। नोएडा की भी बड़ी कॉलोनियों में यह सिस्टम सफलतापूर्वक चल रहा है तो गुजरात में क्यों नहीं? वैसे गुजरात के सूरत में इस सिस्टम को सबसे अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। वहां सबसे पहले ये मीटर GEB की कॉलोनी में लगाए गए और बाद में सूरत के पाल इलाके में जहां लोग जानकारी को जल्दी स्वीकार कर पाए। इस तरह देखा जाए तो स्मार्ट मीटर का विरोध भ्रांतियों पर आधारित है और जागरूकता की कमी से ऐसा हो रहा है।

ऐसे में कहा जा सकता है कि सरकार को इसके बारे में और ज्यादा जागरूकता फैलाने की जरूरत है क्योंकि यह सिस्टम सचमुच में उपयोगी है क्योंकि :

1 >> इससे बिजली के उपयोग की रियल टाइम जानकारी हमें मिलेगी और हम उसे कंट्रोल भी कर पाएंगे।

⁠2 >> सरकार के लेवल पर डिस्ट्रीब्यूशन लॉसेस भी कम होंगे।

3 >> ⁠विभाग के हाथ में पैसा होगा तो सर्विसेज भी और बेहतर होंगी।

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सिस्टम के मुंह पर तमाचा मारने जैसा, केजरीवाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बोली ईडी

दिल्ली के कथित शराब घोटाले मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केजरीवाल के बयान का जिक्र किया। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, केजरीवाल कहते हैं कि अगर आप झाड़ू को वोट देंगे, तो मुझे जेल नहीं जाना पड़ेगा। उन्हें ऐसा नहीं कहना चाहिए था, यह संस्था के मुंह पर तमाचा मारने जैसा है।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, अगर इस याचिका को अदालत स्वीकार करती है तो यह एक परंपरा बन जाएगी। इसलिए याचिका की योग्यता पर पहले पक्ष रखेंगे। जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि याचिकाकर्ता कह रहे हैं कि धारा 19 की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है और इस प्रकार रिमांड आदेश बिल्कुल भी पारित नहीं किया जा सकता है।

प्रचार के लिए जमानत देना कोई अपवाद नहीं

उच्चतम न्यायालय ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए अंतरिम जमानत देना कोई अपवाद नहीं है और इस फैसले के आलोचनात्मक विश्लेषण का स्वागत है। पीठ ने कहा, हमने किसी के लिए अपवाद स्वरूप कुछ नहीं किया है। हमने अपने आदेश में वही कहा, जो हमें न्यायोचित लगा।

किसी के लिए अपवाद नहीं – सुप्रीम कोर्ट

इसके बाद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केजरीवाल के बयान का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि केजरीवाल कहते हैं कि अगर आप झाड़ू को वोट देंगे, तो मुझे जेल नहीं जाना पड़ेगा, उन्हें ऐसा नहीं कहना चाहिए था। इस पर जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि यह केजरीवाल की धारणा है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने यह भी कहा कि अरविंद केजरीवाल ऐसा बयान कैसे दे सकते हैं ? जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि हम इस मसले पर नहीं जाएंगे। हमारा आदेश स्पष्ट है कि केजरीवाल को कब आत्मसमर्पण करना है। यह सुप्रीम कोर्ट में बोली ईडी का आदेश है और कानून का शासन इसी से संचालित होगा। हमने किसी के लिए अपवाद नहीं बनाया।

केजरीवाल ने क्या कहा था ?

केजरीवाल ने दिल्ली में इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार जेपी अग्रवाल और उदित राज के लिए प्रचार कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह आपके हाथ में है कि मैं जेल जाऊं या नहीं, यदि आप कमल चुनते हैं, तो मुझे वापस जेल जाना होगा। यदि आप इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार को चुनते हैं, मुझे जेल नहीं जाना पड़ेगा। केजरीवाल को दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था। उन्हें उच्चतम न्यायालय ने अंतरिम जमानत दी है।

ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में क्या कहा ?

सॉलिसिटर जनरल मेहता ने कहा कि कृपया पीएमएलए की धारा 19 देखें, यह धारा 482 के साथ पढ़े गए अनुच्छेद 227 के तहत एक याचिका है और मेरी कोशिश यह होगी कि हर कोई इस याचिका का सहारा नहीं ले सके और अगर इस पर विचार किया गया और ऐसी कई याचिकाएं दायर होंगी। सॉलिसिटर जनरल मेहता ने कहा कि पीएमएलए के तहत बड़ी संख्या में गिरफ्तारियां होती हैं। हमने विजय मदनलाल फैसले के बाद के आंकड़े दिए हैं, फैसला 2022 में था और तब से कुल गिरफ्तारियां 313 थीं।

यह अधिनियम 2002 में लाया गया था। हम एक स्टैंडअलोन देश नहीं हैं जहां मनी लॉन्ड्रिंग होती है। ऐसे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन हैं जिनमें कहा गया है कि मनी लॉन्ड्रिंग एक वैश्विक अपराध है। हमारा कानून एफएटीएफ के अनुरूप है। हर 5 साल में एक सहकर्मी समीक्षा होती है और यह देखा जाता है कि हमारा विधायी ढांचा क्या है और इसे कैसे लागू किया जाता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उधार के लिए हमारी साख पात्रता भी इसी पर निर्भर करती है।

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वारिस पंजाब दे के चीफ अमृतपाल सिंह का चुनाव लड़ना तय, नामांकन हुआ स्वीकार

‘वारिस पंजाब दे’ प्रमुख अमृतपाल सिंह का नामांकन स्वीकार हो गया है। अमृतपाल पंजाब की खडूर साहिब लोक सभा सीट से बतौर निर्दलीय उम्मीदवार पर्चा दाखिल किया है। अमृतपाल सिंह का नामांकन फॉर्म बुधवार को स्वीकार कर लिया गया है। वह फिलहाल असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं। पंजाब की सभी सीटों पर एक जून को मतदान होगा। वोटों की गिनती चार जून को होगी।

इस सीट पर है संगत का प्रभाव

वही खडूर साहिब सीट से अमृतपाल सिंह की उम्मीदवारी का शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) ने समर्थन किया है और उसने निर्वाचन क्षेत्र से अपना उम्मीदवार वापस ले लिया है। माना जाता है कि खडूर साहिब लोकसभा सीट पर पंथ का प्रभाव है। इसमें नौ विधानसभा क्षेत्र हैं – जंडियाला, तरनतारन, खेम करण, पट्टी, खडूर साहिब, बाबा बकाला, कपूरथला, सुल्तानपुर लोधी और जीरा।

इस सीट पर ये नेता लड़ रहे चुनाव

शिरोमणि अकाली दल ने पूर्व विधायक विरसा सिंह वल्टोहा को मैदान में उतारा है, जबकि आम आदमी पार्टी ने परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट से मंजीत सिंह मन्ना मियांविंड को अपना प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस ने इस सीट से पूर्व विधायक कुलबीर सिंह जीरा को मैदान में उतारा है।

संगत के कहने पर अमृतपाल सिंह दाखिल किया नामांकन

कट्टरपंथी सिख उपदेशक अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह का कहना है कि अमृतपाल चुनाव लड़ने का इच्छुक नहीं था, लेकिन ‘संगत’ के कहने पर उसने अपना मन बदल लिया। अमृतपाल सिंह के अधिवक्ता ने पहले दावा किया था कि वह (सिंह) पंजाब की खडूर साहिब सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर लोकसभा चुनाव लड़ेगा। अमृतपाल सिंह के चुनावी मैदान में उतरने से खडूर साहिब सीट फिर से सुर्खियों में है।

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नकली शिवसेना और नकली एनसीपी का कांग्रेस में विलय होना पक्का – पीएम मोदी

पीएम नरेंद्र मोदी ने आज महाराष्ट्र के डिंडोरी में विशाल जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा, ” पीएम नरेंद्र मोदी वंचितों के अधिकारों का चौकीदार है। वह उन्हें छिनने नहीं देगा। भारत ने जिस तरह से कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ी, उसकी पूरी दुनिया प्रशंसा कर रही है। आगे उन्होंने कहा, आज पीएम नरेंद्र मोदी गरीब को पक्के घर दे रहा है। बिजली कनेक्शन, हर घर जल, उज्ज्वला का गैस कनेक्शन दे रहा है। हमने कभी किसी का धर्म नहीं देखा। सबके लिए योजनाएं बनाईं, सबको योजनाओं का लाभ दिया।

धर्म के आधार पर बजट का बंटवारा चाहती है कांग्रेस – पीएम नरेंद्र मोदी

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, कांग्रेस की सोच है कि देश की सरकारें जितना बजट बनाती हैं, उसका 15 प्रतिशत सिर्फ अल्पसंख्यक पर खर्च हो, यानी धर्म के आधार पर बजट का भी बंटवारा हो। धर्म के आधार पर इन्होंने देश को बांटा और आज भी वो धर्म के आधार पर भांति-भांति के बंटवारे करने में लगे हुए हैं।

अब कांग्रेस में विलय पक्का – पीएम नरेंद्र मोदी

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा यह नकली शिवसेना (उद्धव ठाकरे), नकली राष्ट्रवादी पार्टी (शरद पवार) का कांग्रेस में विलय होना पक्का है। जब इस नकली शिवसेना का कांग्रेस में विलय हो जाएगा तब मुझे सबसे ज्यादा याद बाला साहेब ठाकरे की आएगी। बाला साहेब का मानना ​​था कि जिस दिन शिवसेना कांग्रेस की राह पर चलने लगेगी। उस दिन उनकी शिवसेना का अंत हो जाएगा। आज यह जो विनाश हो रहा है, यह बाला साहेब को सबसे ज्यादा दुखी करता होगा।

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उत्तराखंड के जंगलों में लगी भीषण आग पर सख्त हुआ सुप्रीम कोर्ट

उत्तराखंड के जंगलों में लगी भीषण आग को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को आड़े हाथ लेते हुए पूछा कि वन अग्निशमन कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी पर क्यों तैनात किया गया था। सरकार की पेश से पेश से अदालत ने पूछा कि आपने जंगल के अग्निशमन कर्मचारियों को आग के बीच चुनाव ड्यूटी पर क्यों लगाया है ?

आग बुझाने के लिए केंद्र से नहीं मिले पैसे

उत्तराखंड में जंगल की आग पर याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान वकील परमेश्वर ने आज कहा कि वहां भीषण आग है और 40 फीसदी जंगल आग की चपेट में है। इसे बुझाया नहीं जा सका है। वकील को जवाब देते हुए उत्तराखंड के वकील ने कहा कि कोई नई आग नहीं लगी है। वकील ने आगे तर्क दिया कि राज्य सरकार को जंगल की आग से निपटने के लिए केंद्र से धन नहीं मिला है। इसमें आगे कहा गया, “केंद्र और राज्य की छह सदस्यीय समिति मदद कर सकती है ताकि इन आग पर काबू पाया जा सके। हम आग बुझाने की स्थिति में हैं। 9,000 से अधिक लोग काम कर रहे हैं और 420 मामले दर्ज किए गए हैं। हम बैठक कर रहे हैं।

आप सिर्फ बहाने बना रहे हैं – सुप्रीम कोर्ट

राज्य के एक अधिकारी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि कर्मचारियों की चुनाव की ड्यूटी खत्म हो गई है और मुख्य सचिव ने उन्हें किसी भी अधिकारी को चुनाव ड्यूटी पर नहीं लगाने का निर्देश दिया है। इस पर सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने कहा कि यह एक खेदजनक स्थिति है। आप केवल बहाने बना रहे हैं।

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स्वाति मालीवाल के साथ हुई थी बदसलूकी, केजरीवाल करेंगे कार्यवाही – संजय सिंह

अरविंद केजरीवाल के आवास पर स्वाति मालीवाल के साथ बदसलूकी की घटना को आम आदमी पार्टी ने संज्ञान में लिया है और कहा कि इस मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने स्वाति मालीवाल के साथ हुई बदसलूकी की घटना का जिक्र करते हुए इसकी निंदा की और कहा कि अरविंद केजरीवाल के संज्ञान में यह बात है और वे इस पर कड़ी कार्रवाई करेंगे।

अरविन्द केजरीवाल में कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं – मनजिंदर सिंह सिरसा

वहीं इस मामले पर बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा का बयान भी सामने आया है। सिरसा ने कहा कि संजय सिंह जी ने स्वीकार किया कि अरविंद केजरीवाल के आवास पर स्वाति मालीवाल जी के साथ मारपीट की गई। 30 घंटे बाद भी वैभव कुमार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है क्योंकि वह अरविंद केजरीवाल के विश्वासपात्र हैं और शराब घोटाले की सारी जानकारी उनके पास है। यही कारण है कि केजरीवाल में कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं है।

अरविन्द केजरीवाल भी दोषी – कपिल मिश्रा

उधर, बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने कहा कि आम आदमी पार्टी का ये कहना कि केजरीवाल एक्शन लेंगे ये बात ही फ्रॉड है। उन्होंने कहा-संजय सिंह ने मान लिया कि राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल को सीएम हाउस में पीटा गया, केजरीवाल ने 31 घंटे तक इस मामले को दबाया। AAP का ये कहना कि केजरीवाल एक्शन लेंगे, ये बात ही फ्रॉड है। केजरीवाल कौन होते हैं एक्शन लेने वाले? एक्शन पुलिस लेगी। कपिल मिश्रा ने कहा कि केजरीवाल स्वाति को पिटवाने और अपराध को दबाने के दोषी हैं। 31 घंटे तक पुलिस को नहीं बताने के दोषी हैं।

केजरीवाल करेंगे सख्त कार्रवाई – आप नेता संजय सिंह

संजय सिंह ने कहा- ‘कल एक बेहद निंदनीय घटना घटी। कल सुबह अरविंद केजरीवाल के आवास पर स्वाति मालिवाल मुलाकात करने पहुंची थीं। वह ड्राइंग रूम में इंतज़ार कर रही थी तभी अरविंद केजरीवाल के पीए विभव कुमार वहां आए और उन्होंने स्वाति मालिवाल के साथ बेहद बदतमीज़ी की और अभद्रता की। इस पूरे मामले की जानकारी स्वाति मालिवाल ने पुलिस को दी है। अरविंद केजरीवाल ने पूरी घटना को संज्ञान में लिया है और सख्त कार्रवाई करने को कहा है। वह पार्टी की पुरानी और वरिष्ठ नेता में से एक हैं।हम सब उनके साथ हैं।

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पीएम मोदी ने वाराणसी सीट से दाखिल किया नामांकन, चार लोग बने प्रस्तावक

लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर चार चरणों का मतदान संपन्न हो चुका है। तीन चरणों के चुनाव अब बाकी हैं। इससे पहले पीएम मोदी आज वाराणसी लोकसभा सीट के लिए नामांकन किया। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे। बता दें कि पीएम मोदी नामांकन के एक दिन पहले से ही बनारस पहुंच गए। यहां उन्होंने कल शाम को 5 किलोमीटर लंबा रोड शो किया। रोड शो के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना भी की। इसके बाद काल भैरव मंदिर में आशीर्वाद लेने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने नामांकन किया।

ये चार लोग बने पीएम के प्रस्तावक

प्रधानमंत्री मोदी के नामांकन के दौरान जो चार लोग प्रस्तावक बने उनके भी नाम भी सामने आए हैं। इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल प्रधानमंत्री मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल प्रधानमंत्री मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। प्रधानमंत्री मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

पीएम मोदी के नामंकन में एनडीए का शक्ति प्रदर्शन

बता दें कि आज सुबह प्रधानमंत्री मोदी नामांकन से पहले दशाश्वमेध घाट पहुंचे। यहां उन्होंने मां गंगा की पूजा की। दशाश्वमेध घाट पर पूजा के बाद प्रधानमंत्री मोदी बनारस के कोतवाल कहे जाने वाले बाबा काल भैरव के मंदिर भी पहुंचे। काल भैरव में पूजा के बाद प्रधानमंत्री मोदी अपने नामांकन के लिए कलेक्ट्रेट रवाना हुए और यहां उन्होंने नामांकन किया। बता दें कि पीएम मोदी के नामंकन में एनडीए का शक्ति प्रदर्शन हो रहा है। एनडीए शासित राज्यों के 11 मुख्यमंत्री और मोदी कैबिनेट के 18 मंत्री इस वक्त काशी में मौजूद हैं। सहयोगी दलों में महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे, चिराग पासवान, जयंत चौधरी भी पीएम के नामांकन में शामिल होने के लिए वारणसी पहुंचे हैं।

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माधवी लता ने बुर्का हटवाकर चेक की वोटरों की आईडी, केस हुआ दर्ज

देश के 10 राज्यों की 96 लोकसभा सीटों पर आज चौथे चरण के तहत मतदान हो रहा है। इसी क्रम में आज तेलंगाना में भी मतदान जारी है। इस बीच हैदराबाद लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी माधवी लता को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल, माधवी लता का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह पोलिंग बूथों पर जाकर मुस्लिम महिला मतदाताओं का बुर्का हटाकर उनकी आईडी चेक करती हुई दिख रही हैं। माधवी लता ने मुस्लिम मतदाताओं की वोटर आईडी भी चेक और और उनके बारे में जानकारी भी ली।

माधवी लता के खिलाफ केस दर्ज

माधवी लता ओवैसी की लगातार जीत का आधार इन बोगस वोटों को ही बताती रही हैं। ऐसे में अब माधवी लता को जब भारतीय जनता पार्टी ने हैदराबाद लोकसभा सीट से प्रत्याशी बना दिया है तो वोटिंग के दिन खुद माधवी लता पोलिंग बूथों पर पहुंच गईं। माधवी लता को पोलिंग बूथों पर मुस्लिम महिलाओं का बुर्का हटाकर उनकी आईडी चेक करते हुए देखा गया। वहीं माधवी लता के खिलाफ इस मामले में मुकदमा भी दर्ज कर लिया गया है। माधवी लता के खिलाफ मलकपेट पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया है। उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 171सी, 186, 505(1)(सी) और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 132 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

पहले भी बोगस वोटों के आरोप लगा चुकी हैं माधवी लता

बता दें कि इससे पहले माधवी लता ओवैसी पर बोगस वोटों से जीतने के आरोप भी लगा चुकी हैं। माधवी लता इंडिया टीवी के शो ‘आप की अदालत’ में AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी को पर आरोप लगाते हुए कह चुकी हैं कि ‘उनके पास 6,20,000 बोगस वोट हैं। एक एपिक नंबर टाइप करोगे तो उस EPIC नंबर के दौरान इलेक्शन साइट पर आप दो-दो जगह वोटर ID पाओगे। चारमीनार में ऐसे 1,60,000 वोट हैं उनके पास।’

माधवी लता ने पुलिसकर्मियों पर लगाए आरोप

वहीं माधवी लता का कहना है कि “यहां 90% बूथों पर गड़बड़ी हुई है। पुलिस महिला कांस्टेबलों को मतदाता पहचान पत्र के साथ चेहरे की जांच करने का निर्देश नहीं देना चाहती है। जब मैंने पुलिस अधिकारी से पूछा, तो उन्होंने कहा कि ये उनकी जिम्मेदारी नहीं है।”

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लोकसभा चुनाव में 12 साल की बच्ची डालने पहुंची वोट, देख बूथ कर्मचारी रह गए दंग

लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण की वोटिंग बीते दिन यानी 7 मई को संपन्न हुई। इसी दिन संभल लोकसभा में वोट डाले गए। अब यहां से एक खबर सामने आ रही है कि पोलिंग बूथ पर एक 12 साल की बच्ची भी वोट डालने पहुंची थी। जानकार आपको भी हैरानी होगी कि वोटर लिस्ट में बच्ची का नाम भी शामिल था। अब इस मामले पर डीएम ने सख्ती दिखाई है, उन्होंने कहा कि इस मामले पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

सेक्टर मजिस्ट्रेट ने की पूछताछ

बता दें कि लड़की लाइन में लगी हुई थी कि तभी सेक्टर मजिस्ट्रेट की नजर बच्ची पर गई, फिर जब उससे उसका नाम,उम्र पूछा तो वह चौंक गए। इस मामले को जिलाधिकारी मुरादाबाद ने भी गंभीरता से लेते हुए जांच व कार्यवाही के आदेश दे दिए हैं। गौरतलब है कि किसी भी पोलिंग बूथ पर वोट डालने से पहले मतदाताओं से उनके नाम वगैरह पूछकर मिलान किया जाता है, सही होने पर ही कोई व्यक्ति वोट डाल सकता है।

वोट देने पहुंची 12 साल की बच्ची

दरअसल, मुरादाबाद की कुंदरकी विधानसभा संभल लोकसभा में लगती है इसलिए यहां भी वोटिंग प्रकिया चल रही थी। कुंदरकी के ही एक पोलिंग बूथ पर वोट डालने एक 12 साल की बच्ची भी पहुंची थी। लड़की लाइन में लगी हुई थी कि तभी सेक्टर मजिस्ट्रेट की नजर बच्ची पर गई, फिर जब उससे उसका नाम,उम्र पूछा तो वह चौंक गए। खुद लड़की ने अपनी उम्र 12 साल बताई, साथ ही कहा कि वह कक्षा 8 की छात्रा है। बूथ कर्मियों की पूछताछ में उसने अपना नाम फरहीन बताया।

जिलाधिकारी ने कही कार्रवाई की बात

कुंदरकी विधानसभा के जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह ने बताया कि मामला कुंदरकी विधानसभा के बूथ नंबर 398 का है। वहां एक बच्ची वोट डालने आई, बच्ची पूछताछ में अपनी उम्र 12 साल और खुद को कक्षा 8 की छात्रा बता रही है। बच्ची का नाम निर्वाचन नामावली में है और आधार कार्ड के माध्यम से वो वोट डालने आई थी। अब जांच का बिंदु है कि वो 12 साल की है तो उसका नाम निर्वाचन नामावली कैसे आया ? इस तथ्य की जांच कराई जाएगी और साथ ही इस प्रकरण में कौन-कौन शामिल हैं, इसकी भी जांच होगी।

आधार कार्ड को लेकर भी मिली शिकायतें

जिलाधिकारी ने कहा कि बच्ची नाबालिग है इसलिए उसके पेरेंट्स उसके आसपास के लोग ही इसमें इन्वॉल्व रहे होंगे। इसकी जांच कराएंगे और कड़ी कार्रवाई करेंगे। आधार कार्ड को लेकर भी शिकायतें मिली हैं, अधिकांश वोटर आधार कार्ड ही लेकर आए क्योंकि वो भी विकल्प है। ये भी शिकायत मिली है कि बड़ी संख्या में आधार कार्ड भी बने हैं। हम कुछ जगहों पर जांच भी करवाएंगे कोई अनियमितता पाई जाती है तो आगे की कार्रवाई जाएगी।

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आम तौर पर सांसद एक होता है पर यहां आपको 2-2 मिलेंगे – प्रियंका गांधी

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने रायबरेली में अपने भाई राहुल गांधी के लिए वोट मांगे और उन्होंने कहा, ‘सेवा की राजनीति आप समझते हैं। हमेशा देश के प्रति निष्ठा और जागरुकता दिखाई है। यहां राहुल गांधी को जिताएंगे तो आपको ऐसे ही सांसद मिलेंगे। आपको 2-2 लोग मिल जाएंगे। आम तौर पर एक सांसद होता है लेकिन आपको 2-2 सांसद मिलेंगे। प्रियंका गांधी ने कहा, ‘मैं भी यहां होऊंगी और वो (राहुल) भी होंगे। वो सांसद होंगे आपके और मैं उनके साथ-साथ काम करुंगी। पूरे दिल से सारी समस्याओं को हल करेंगे, जैसे हमारे पूर्वजों ने किया। सियासी गलियारों में प्रियंका गांधी के इस बयान की खूब चर्चा हो रही है क्योंकि वह जनता के सामने खुद को भी सांसद की तरह की रिप्रिजेंट कर रही हैं। जबकि रायबरेली से चुनाव उनके भाई राहुल गांधी लड़ रहे हैं।

झूठ फैलाने में लगी बीजेपी की पूरी मशीनरी – प्रियंका गांधी

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी की पूरी मशीनरी ही राहुल गांधी के खिलाफ झूठ फैलाने में लगी हुई है। बीजेपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी धर्म, जाति और मंदिर-मस्जिद के बारे में बात करती है लेकिन लोगों से जुड़े वास्तविक मुद्दों के बारे में बात नहीं करती। गांधी परिवार का गढ़ समझी जाने वाली रायबरेली लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी अपने भाई राहुल गांधी के लिए प्रचार कर रहीं प्रियंका गांधी ने कहा कि रायबरेली के लोग नेताओं को अच्छी तरह समझते हैं।

रायबरेली के थुलवासा में एक नुक्कड़ सभा में उन्होंने कहा, ‘जब उन्हें इंदिरा जी (इंदिरा गांधी) की कोई नीति पसंद नहीं आई तो उन्होंने उन्हें भी हरा दिया। इंदिरा गुस्सा नहीं हुईं बल्कि आत्ममंथन किया। आपने उन्हें फिर से दोबारा चुना। यह रायबरेली के लोगों की खासियत है कि वे नेताओं को समझते हैं।

देश में राजनीति की दिशा गलत – प्रियंका गांधी

प्रियंका गांधी ने कहा, ‘आपको मालूम होगा कि राहुल गांधी ने कितना संघर्ष किया है। वह हमारे देश में एक ऐसे इंसान हैं जिनके बारे में बीजेपी की पूरी मशीनरी ने हर तरीके से गलत बातें और झूठ फैलाया। कैसे-कैसे आक्रमण किये। उनको संसद से निकाल दिया गया, उनको घर से निकाल दिया गया लेकिन राहुल पीछे नहीं हटे। यह उनका चरित्र है कि जब वह अन्याय होते हुए देखते हैं तो वह न्याय की लड़ाई लड़ते हैं और उससे कदम पीछे नहीं खींचते।

प्रियंका ने कहा, ‘इसीलिए राहुल कन्याकुमारी से कश्मीर तक चार हजार किलोमीटर पैदल चले और फिर उसके बाद मणिपुर से लेकर मुंबई तक उन्होंने यात्रा की। यह आपकी समस्याओं को समझने वाली यात्राएं थीं। यह देश को बताने वाली यात्राएं थीं कि देश में राजनीति की जो दिशा है वह गलत हो रही है तथा हमें ही उसे ठीक करना है।

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भारतीय भगोड़े नीरव मोदी को ब्रिटेन कोर्ट से लगा झटका, जज ने याचिका खारिज की

भारतीय बैंकों को हजारों करोड़ रुपये का चूना लगाने वाला भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी को ब्रिटेन की कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने नीरव मोदी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। बता दें कि आरोपी गत पांच साल से लंदन की कारागार में बंद है और मंलगवार को उसने जमानत के लिए अर्जी दी थी, जिसे ब्रिटेन के न्यायधीश ने खारिज कर दिया। जज ने कहा कि जमानत देने पर उसके न्याय की पकड़ से भागने का ‘काफी खतरा’ है। हीरा व्यापारी नीरव भारत में धोखाधड़ी और धनशोधन के आरोपों का सामना कर रहा है और भारत को प्रत्यर्पित करने के खिलाफ अपना मुकदमा वह हार चुका था।

जमानत के खिलाफ पर्याप्त आधार – ब्रिटेन कोर्ट

लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत में उसके द्वारा दाखिल की गई जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान नीरव मोदी उपस्थित नहीं हुआ, लेकिन उसका बेटा और दो बेटियां मौजूद थे। जिला न्यायाधीश जॉन जानी ने नीरव मोदी की कानूनी टीम की इस दलील को स्वीकार कर लिया कि पिछली जमानत अर्जी करीब साढ़े तीन साल पहले दाखिल की गई थी और इतने समय बाद सुनवाई को आगे बढ़ाने की अनुमति देने के लिए परिस्थितियों में बदलाव आया है।

संक्षिप्त सुनवाई के बाद न्यायाधीश जानी ने फैसले में कहा, ‘‘हालांकि, मैं संतुष्ट हूं कि जमानत के खिलाफ पर्याप्त आधार बने हुए हैं। एक वास्तविक और पर्याप्त जोखिम यह है कि आवेदक (नीरव मोदी) अदालत में उपस्थित होने या गवाहों के साथ हस्तक्षेप नहीं करने में विफल रहेगा। उन्होंने कहा, ‘‘इस मामले में किसी भी स्तर पर एक बहुत बड़ा धोखाधड़ी का आरोप शामिल है। ऐसे में जमानत नहीं दी जा सकती है और आवेदन अस्वीकार किया जाता है।

नीरव मोदी को प्रत्यर्पण वारंट पर हुआ था गिरफ्तार

सीपीएस बैरिस्टर निकोलस हर्न ने अदालत को बताया, ‘‘नीरव मोदी ने भारतीय अदालत में आरोपों का सामना न करने के लिए अपना पूरा दृढ़ संकल्प प्रदर्शित किया है और यह कहना कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी कि संबंधित धोखाधड़ी एक अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक है। जिसमें से केवल 40 करोड़ अमेरिकी डॉलर जब्त किए गए हैं। इसलिए उसके पास अभी भी विभिन्न न्यायाक्षेत्रों में महत्वपूर्ण संसाधनों तक पहुंच हो सकती है।

सुनवाई के लिए भारत से केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की एक संयुक्त टीम पहुंची थी और अदालत की कार्यवाही के दौरान उपस्थित रही। उसे 19 मार्च, 2019 को प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तार किया गया था और ब्रिटेन की तत्कालीन गृह मंत्री प्रीति पटेल ने अप्रैल 2021 में उसके प्रत्यर्पण का आदेश दिया था।

read more :  अरविंदर सिंह लवली बीजेपी में शामिल, पहले कहा था कि कहीं नहीं जा रहा

अरविंदर सिंह लवली बीजेपी में शामिल, पहले कहा था कि कहीं नहीं जा रहा

कांग्रेस नेता अरविंदर सिंह लवली बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। उनके साथ कुल पांच नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली। लवली ने इसी सप्ताह रविवार को दिल्ली कांग्रेस प्रमुख के पद से इस्तीफा दिया था। किसी अन्य पार्टी में शामिल होने के सवाल पर उनका कहना था कि उन्होंने सिर्फ कांग्रेस दिल्ली प्रमुख के पद से इस्तीफा दिया है। वह पार्टी नहीं छोड़ रहे हैं और कहीं नहीं जा रहे हैं। हालांकि, एक सप्ताह के अंदर ही उन्होंने अपने बयान के उलट भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया।

बीजेपी में शामिल होने के बाद लवली ने कहा “दिल्ली में सात आठ सालों से जो माहौल बना है, उसे खत्म करने और दिल्ली में बीजेपी का परचम लहराने में योगदान देंगे। हमें बीजेपी के बैनर और प्रधानमंत्री के नेतृत्व में दिल्ली के लोगों के लिए लड़ने का मौका मिला है। मुझे पूरा यकीन है और इसमें कोई संदेह नहीं है कि देश में भारी बहुमत के साथ बीजेपी की सरकार बन रही है और आने वाले समय में दिल्ली में भी बीजेपी का झंडा लहराएगा।

और भी कई नेता बीजेपी में हुए है शामिल

अरविंदर सिंह लवली के प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़ने के बाद कांग्रेस के दो अन्य नेताओं ने इस्तीफा दिया था। पूर्व विधायक नीरज और नसीब सिंह ने दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन पर आपत्ति जताते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। इन दोनों नेताओं के साथ राजकुमार चौहान और अमित मलिक भी बीजेपी में शामिल हो चुके हैं।

अरविंदर सिंह लवली ने क्यों दिया था इस्तीफा ?

इस्तीफा देने के बाद अरविंदर सिंह लवली ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि मैंने अपने लिए नहीं दिया है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए मैंने ये इस्तीफा दी है। उन्होंने कहा कि यदि मेरा इस्तीफा स्वीकार हुआ है तो बावरिया जी का धन्यवाद। किसी दूसरी पार्टी में शामिल होने को लेकर उन्होंने कहा कि मैं किसी दूसरी पार्टी में शामिल होने नहीं जा रहा हूं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओ ने यह नहीं कहा कि मौजूदा केजरीवाल सरकार को हमने क्लीनचिट दे दिया है। उन्होंने कहा कि मैंने अपने मन की पीड़ा दिल्ली के तमाम कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पीड़ा को कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पास भेज दिया है। मेरी पीड़ा उसूलों को लेकर है।

कौन हैं अरविंदर सिंह लवली ?

1998 में 30 साल के लवली दिल्ली के सबसे युवा विधायक बने थे। शीला दीक्षित सरकार में वह राज्य के सबसे युवा मंत्री भी थे। शीला दीक्षित के कार्यकाल में उन्हें शिक्षा, परिवहन और शहरी विकास जैसे अहम मंत्रालय मिले। लवली के मंत्री रहते ही ब्लूलाइन बसों की जगह नई और बेहतर व्यवस्था लाई गई। उन्हीं के मंत्री रहते दिल्ली आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए निजी स्कूलों में 25 फीसदी आरक्षण लागू करने वाला पहला राज्य बना। 2013 में उनकी अगुआई में कांग्रेस को हार झेलनी पड़ी। हालांकि, उन्होंने आम आदमी पार्टी का समर्थन किया। 2015 में कांग्रेस को बुरी तरह हार मिली। 2017 में वह बीजेपी में चले गए। 2018 में फिर कांग्रेस में लौट आए। अब उन्होंने दोबारा कांग्रेस छोड़ बीजेपी का हाथ थामा है।

कांग्रेस की तरफ आई प्रतिक्रिया

अरविंदर सिंह लवली के बीजेपी में शामिल होने पर दिल्ली कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा “कुछ लोगो की फितरत ऐसी होती है कि जब बाप को सबसे ज्यादा जरूरत होती है, तो बेटा सबसे ज्यादा परेशान करता है। कांग्रेस ने अरविंदर सिंह लवली को बेटे की तरह माना। कांग्रेस ने अरविंदर सिंह लवली को सब कुछ दिया। अरविंदर लवली ने अपना किरदार दिखा दिया। कांग्रेस बहुत बड़ा समुद्र है।

read more : राहुल गांधी ने कटक की रैली में पीएम मोदी और नवीन पटनायक पर साधा निशाना

राहुल गांधी ने कटक की रैली में पीएम मोदी और नवीन पटनायक पर साधा निशाना

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कटक की चुनावी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक पर निशाना साधा। उन्होंने रविवार को आरोप लगाया कि एक ओर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दिल्ली के अरबपतियों के लिए सरकार चलाते हैं तो दूसरी ओर ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक एक ऐसी सरकार का नेतृत्व करते हैं जो केवल राज्य के ‘‘चुनिंदा लोगों’’ के लिए काम करती है।

बीजेपी और बीजेडी मिली हुई है – राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कटक के सालेपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए दावा किया कि भले ही बीजू जनता दल (बीजद) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एक-दूसरे के खिलाफ चुनावी लड़ाई लड़ रहे हैं लेकिन वास्तव में वे एक साथ काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, इसे साझेदारी कहें या विवाह, बीजद और भाजपा दोनों एक साथ हैं। राहुल गांधी ने पटनायक पर निशाना साधते हुए कहा कि भले ही पटनायक मुख्यमंत्री हैं, लेकिन राज्य में बीजद सरकार उनके सहयोगी वी के पांडियन चला रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने अरबपतियों की सरकार चलाई – राहुल गांधी

राहुल गांधी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, “जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22-25 अरबपतियों की सरकार वहां (केंद्र) चलाई वैसे ही यहां नवीन पटनायक चुने हुए लोगों की सरकार चलाते हैं। इसका पूरा का पूरा फायदा मुट्ठी भर लोगों का होता है। बाकी जनता देखती रह जाती है। तेलंगाना में भाजपा और बीआरएस की शादी थी। वहां पर हर रोज उनकी बारात निकलती थी। कांग्रेस पार्टी ने तेलंगाना में दिखाया कि भाजपा और बीआरएस एक हैं और अगर विपक्ष का कोई काम कर रहा है तो वो कांग्रेस पार्टी कर रही है।

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सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की ईवीएम की पर्ची से मिलान करने की मांग वाली सारी याचिकाएं

सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम के हर वोट का वीवीपैट पर्ची से मिलान करने की मांग करने वाली सभी याचिकाएं खारिज कर दी हैं। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने ईवीएम और वीवीपैट के 100 फीसदी म‍िलान वाली याच‍िका पर अपना फैसला सुनाया। इस बेंच ने 24 अप्रैल को सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्ष‍ित रख ल‍िया था। लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे फेज की वोट‍िंग जारी है। इसी बीच सुप्रीम कोर्ट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के जरिए डाले गए वोटों के साथ वोटर-वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) पर्चियों का मिलान वाली याच‍िका पर फैसला सुनाते हुए पुरानी व्यवस्था को जारी रखा है।

वही सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से साफ हो गया है कि चार को जून जब लोकसभा चुनाव 2024 के लिए वोटों की ग‍िनती होगी तो उस दौरान ईवीएम के हर वोट का वीवीपैट की पर्च‍ियों से म‍िलान नहीं होगा। आपको बता दें क‍ि कई संगठनों ने यह याच‍िका दाख‍िल करके ईवीएम और वीवीपैट की पर्च‍ियों के म‍िलान की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के समक्ष उठाए गए सवालों के जवाबों का संज्ञान लेने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। याचिकाकर्ताओं की तरफ से मांग की गई थी कि ईवीएम पर मतदाताओं का विश्वास बनाये रखने के लिए वीवीपैट की पर्चियों की 100 फीसदी गिनती करवाई जानी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने पूछे पांच सवाल

चुनाव आयोग ने ईवीएम को पूरी तरह सुरक्षित बताते हुए कहा कि वीवीपैट की पर्चियां बहुत छोटी और महीन होती हैं। कोर्ट ने भी सुनवाई के दौरान टिप्पणी की थी कि हर चीज पर अविश्वास नहीं जता सकते। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी से ईवीएम की कार्य-प्रणाली के संबंध में पांच प्रश्न पूछे थे, जिनमें यह प्रश्न भी शामिल है कि क्या ईवीएम में लगे ‘माइक्रोकंट्रोलर’ को फिर से प्रोग्राम किया जा सकता है या नहीं। कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त नीतेश कुमार व्यास ने इससे पहले ईवीएम की कार्य-प्रणाली के बारे में अदालत में प्रस्तुतिकरण दिया था। पीठ ने उन्हें दोपहर दो बजे प्रश्नों के उत्तर देने के लिए बुलाया था।

कुछ पहलुओं पर स्पष्टीकरण की जरूरत – सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा था कि उसे कुछ पहलुओं पर स्पष्टीकरण की जरूरत है, क्योंकि ईवीएम के बारे में ‘बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्नों’ (एफएक्यू) पर दिए गए उत्तरों को लेकर कुछ भ्रम की स्थिति है। पीठ ने कहा कहा था क‍ि हमें कुछ संशय है और स्पष्टीकरण की जरूरत है और इसलिए हमने मामला निर्देशों के लिए सूचीबद्ध किया है। उसने कहा क‍ि हम अपने निष्कर्षों में तथ्यात्मक रूप से गलत नहीं होना चाहते, बल्कि पूरी तरह सुनिश्चित होना चाहते हैं।

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चुनाव प्रचार के दौरान टीएमसी सांसद ने अपने ही विधायक को गाड़ी उतारा, जाने क्यों

पश्चिम बंगाल की श्रीरामपुर लोकसभा सीट पर पांचवें चरण में 25 मई को वोटिंग होनी है। उससे पहले उम्मीदवार प्रचार अभियान में जुटे हैं। श्रीरामपुर से मौजूदा सांसद कल्याण बनर्जी पर तृणमूल कांग्रेस ने एक बार फिर भरोसा जताया है। श्रीरामपुर से चौथी बार चुनाव जीतने के लिए कल्याण बनर्जी जोर-शोर से प्रचार में जुटे हैं। इस दौरान का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें उन्होंने टीएमसी विधायक कंचन मल्लिक को गाड़ी से उतार दिया है।

दरअसल, कल्याण बनर्जी गुरुवार को कोननगर नवग्राम पंचायत क्षेत्र में प्रचार और जनसंपर्क के लिए निकले थे। प्रचार अभियान कोननगर स्टेशन रोड पर तृणमूल कांग्रेस पार्टी कार्यालय के सामने से शुरू हुआ। वहां कल्याण बनर्जी की गाड़ी में उत्तरपाड़ा के टीएमसी विधायक कंचन मल्लिक भी थे, जो उनके साथ चुनाव प्रचार करना चाहते थे, लेकिन टीएमसी सांसद ने उन्हें गाड़ी से उतरने के लिए कह दिया। इसके बाद कंचन मल्लिक गाड़ी से उतरे और पार्टी कार्यकर्ता की बाइक पर बैठकर निकल गए।

क्या बोले टीएमसी सांसद ?

बाद में जब कल्याण बनर्जी से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ”मुझे नहीं पता कि वह उदास हैं या नहीं। मैंने पहले भी उनके साथ प्रचार किया है। जब वह मेरे साथ प्रचार कर रहे हैं, तो गांव की महिलाएं बहुत निगेटिव प्रतिक्रिया दे रही हैं। मैंने उनसे पहले ही कहा था कि वह गांव न आएं, वह सिर्फ मेरे साथ ही प्रचार क्यों कर रहे हैं? एक विधायक ऐसा क्यों नहीं कर रहा है कि वह खुद प्रचार कर सके। मुझे तो चुनाव लड़ना है। मुझे लोगों के मन को समझना है।” बता दें कि अभिनेता से विधायक बने कंचन मल्लिक ने हाल ही में तीसरी शादी की है, जिसे लेकर महिलाओं के बीच से उनके लिए निगेटिव प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।

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सूरत तो एक झांकी है अभी पूरा देश बाकी है – सांसद संजय सिंह

आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जिंदगी से खिलवाड़ कर रही है। संजय सिंह इंडिया टीवी के मंच पर जनता के बीच सवालों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा, जो लोग देश में तानाशाही की सरकार चलाना चाहते हैं और जोड़-तोड़ कर सरकार बनाना चाहते हैं वहीं लोग अरविंद केजरीवाल के खिलाफ साजिश रच रहे हैं।

उन्होंने सीधे-सीधे केंद्र सरकार पर यह आरोप लगाया है। आप सांसद संजय सिंह ने आगे कहा, ”मोदी सरकार ई डी और सीबीआई को दुरुपयोग करती है। प्रधानमंत्री खुलेआम जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रहे हैं। संजय सिंह ने आरोप लगाया कि जेल में अरविंद केजरीवाल को 24 घंटे सीसीटीवी की निगरानी में रखते हैं। लोकसभा चुनाव में इंडिया अलायंस के प्रदर्शन को लेकर संजय सिंह ने कहा कि इंडिया अलायंस 300 सीटों का आंकड़ा पार करेगा।

इलेक्टोरल बॉन्ड देश का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार

आप सांसद संजय सिंह ने इलेक्टोरल बॉन्ड को देश का सबसे बड़ा घोटाला बताते हुए कहा, ”शराब घोटाले के किंगपिन ने इसके जरिए बीजेपी को 60 करोड़ रुपये दिए हैं। बीजेपी ने भ्रष्टाचारियों को चुन-चुनकर अपनी पार्टी में शामिल किया है। बीजेपी ने फर्जी मुकदमों का ट्रेंड बना दिया है। झूठे केस बनाकर मुख्यमंत्रियों को फंसाया जा रहा है।

मोदी फिर सत्ता में आए तो संविधान खत्म करेंगे – संजय सिंह

बीजेपी पर निशाना साधते हुए सांसद संजय सिंह ने कहा, ”मोदी की सिर्फ झूठ बोलने की गारंटी है। वह फिर सत्ता में आए तो संविधान खत्म करेंगे। भारत का चुनाव खत्म होगा, आरक्षण खत्म होगा। जो बीजेपी के प्रत्याशी हैं वे खुद कहते हैं कि संविधान बदलना है। उन्होंने कहा कि 2024 का चुनाव आखिरी लोकसभा चुनाव है क्योंकि सूरत में जो हुआ उससे साफ-साफ पता चल रहा है। सूरत तो झांकी है, पूरा देश बाकी है।

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रवि किशन पर गंभीर आरोप लगाने वाली महिला के खिलाफ एफआईआर दर्ज

लोकसभा चुनावों से पहले गोरखपुर से बीजेपी के प्रत्याशी रवि किशन विवादों में हैं। दरअसल एक महिला ने उन पर गंभीर आरोप लगाए थे, जिसके बाद रवि किशन की पत्नी ने आरोप लगाने वाली महिला के खिलाफ ब्लैकमेलिंग की शिकायत दर्ज करवाई है। दरअसल महाराष्ट्र निवासी अपर्णा सोनी नाम की महिला ने रवि किशन पर आरोप लगाते हुए उन्हें अपना पति बताया था। महिला ने कहा था कि उसकी और रवि किशन की शादी हुई थी और एक बच्ची भी है। बीते एक साल से रवि उसके संपर्क में नहीं हैं। सोशल मीडिया पर इसका वीडियो भी वायरल हुआ था। महिला ने कहा था कि वो चाहती है कि रवि उसको अपनाएं और बेटी को पिता के रूप में अपना नाम दें।

रवि किशन की पत्नी ने क्या कहा ?

रवि किशन की पत्नी उनके बचाव में उतरी हैं। खबर है कि रवि किशन पर आरोप लगाने की साजिश में सपा नेता का हाथ है। रवि किशन पर आरोप लगाने वाली महिला के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हुई है। रवि किशन की पत्नी ने पुलिस से ब्लैकमेलिंग की शिकायत की है। प्रीति शुक्ला ने कहा कि 1 साल पहले भी इस महिला के खिलाफ ब्लैकमेलिंग की शिकायत मुंबई पुलिस से की थी।

चुनाव के समय महिला से आरोप लगवाकर चुनाव लड़ रहे रवि किशन की छवि खराब करने की साजिश रची जा रही है। इस मामले में कहा जा रहा है कि सपा पदाधिकारी विवेक व एक यूट्यूबर खुर्शीद खान साजिश के मुख्य कर्ताधर्ता हैं। आरोप लगाने वाली महिला अपर्णा सोनी के पति, बेटी और बेटा भी इस मामले में आरोपी हैं। अपर्णा 35 साल से शादीशुदा हैं।

read more : दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल की याचिका खारिज की, जा सकते हैं सुप्रीम कोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल की याचिका खारिज की, जा सकते हैं सुप्रीम कोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को झटका देते हुए कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका मंगलवार को खारिज कर दी। इसका मतलब यह है कि वे अभी तिहाड़ जेल में ही रहेंगे और वहीं से सरकार चलाएंगे। न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक की याचिका पर अपना आदेश सुनाया। एएसजी (ASG) राजू ने कहा कि कोर्ट ने न्याय किया है। केजरीवाल हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। सूत्रों के मुताबिक, कल ही केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकते हैं। आम आदमी पार्टी कल सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर सकती है।

आइये जाने हाईकोर्ट ने क्या कहा ?

दिल्ली शराब घोटाला मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने केजरीवाल को हिरासत से राहत देने से साफ इनकार करते हुए कई सख्त टिप्पणियां की हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने साफ तौर पर कहा है कि जांच और पूछताछ के मामले में कोई व्यक्ति भले ही सीएम क्यों न हो उसे विशेष छूट नहीं दी जा सकती है। हाई कोर्ट ने केजरीवाल को झटका देते हुए और भी कई सख्त टिप्पणियां की हैं।

जज पर सवाल उठा रहे हैं – दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि ये याचिका जमानत के लिए नहीं बल्कि हिरासत को चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ता ने कहा की उसकी गिरफ्तारी गलत है। ईडी के मुताबिक केजरीवाल पार्टी के संयोजक है। ईडी का आरोप है कि पैसे का इस्तेमाल गोवा में प्रचार में किया गया। ईडी ने कहा है की याचिकर्ता इस पूरे मामले में शामिल है। इस मामले में राघव, शरत रेड्डी समेत कई के बयान दर्ज किए गए है। हाई कोर्ट ने कहा कि अप्रूवर का बयान ईडी नही बल्कि कोर्ट लिखता है। अगर आप उस पर सवाल उठाते है तो आप जज पर सवाल उठा रहे हैं।

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मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को मिली Z कैटेगरी की सुरक्षा

देश के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार ने मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को संभावित खतरों के मद्देनजर जेड श्रेणी की वीआईपी सुरक्षा प्रदान की। सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीईसी कुमार की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को लगभग 40 – 45 सशस्त्र कमांडो की एक टुकड़ी तैनात करने की जिम्मेदारी सौंपी है।

जांच एजेंसी ने सुरक्षा बढ़ाने की सिफारिश की थी

राजीव कुमार को जेड कैटगरी की सुरक्षा देने का फैसला आईबी की एक रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है। केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों की तरफ से तैयार की गई रिपोर्ट में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के लिए मजबूत सुरक्षा उपायों की सिफारिश की गई थी। देश भर में यात्रा के दौरान सशस्त्र कमांडो सीईसी कुमार के साथ रहेंगे। यह कदम सात चरणों में होने जा रहे आम चुनाव की तैयारियों के बीच उठाया गया है। आम चुनाव 19 अप्रैल से शुरू होगा।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को मिली सुरक्षा

राजीव कुमार को जो सुरक्षा मिली है वह जेड श्रेणी की सुरक्षा है। केंद्रीय अर्धसैनिक बल सीआरपीएफ जेड श्रेणी की सुरक्षा व्यवस्था मुख्य चुनाव आयुक्त को मुहैया करवाएगी। इसके अलावा वरिष्ठ अधिकारी होने के नाते जो उनका नियमित सुरक्षा मिलती थी और नियम के मुताबिक, वह भी उनके साथ रहेगी। सूत्र के मुताबिक, केंद्रीय मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को जेड श्रेणी की सुरक्षा व्यवस्था मिली है। सीआरपीएफ के कुल 22 जवानों की मिली है। सुरक्षा व्यवस्था सीआरपीएफ मुख्यालय को इस मामले में औपचारिक तौर पर उपलब्ध कराया जा सकता है। सूत्र के मुताबिक, CRPF के कमांडो राजीव कुमार के साथ-साथ घर परिवार की सुरक्षा व्यवस्था में तैनात रहेंगे।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कानून-व्यवस्था की स्थिति का लिया जायजा

पश्चिम बंगाल में अतिरिक्त बलों की तैनाती का आदेश इसलिए भी अहम है क्योंकि वहां चुनावी हिंसा का पुराना इतिहास रहा है। बता दें कि पश्चिम बंगाल में 7 चरणों में चुनाव होना है। 19 अप्रैल को पहले राउंड की वोटिंग होगी और 1 जून को आखिरी चरण का मतदान होगा। इसके अलावा 4 जून को परिणाम आएगा। बता दें कि पश्चिम बंगाल में लोकसभा की कुल 42 सीटें हैं। 2019 के आम चुनाव में टीएमसी ने राज्य की 22 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि भाजपा के 18 उम्मीदवार विजयी हुए थे। इस बार भाजपा का दावा है कि वह पहले नंबर पर आएगी। यही नहीं चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी बंगाल, ओडिशा और तेलंगाना में भाजपा के सबसे ज्यादा सीटें जीतने की भविष्यवाणी की है।

भारत में सुरक्षा श्रेणियां

विशेष सुरक्षा समूह एक विशिष्ट बल है जिसका विवरण वर्गीकृत किया जाता है और केवल भारत के प्रधानमंत्री को प्रदान किया जाता है।

1.   Z+ श्रेणी में 55 कर्मियों की सुरक्षा होती है, जिसमें 10+ NSG कमांडो और पुलिस कर्मी शामिल होते हैं।

2.    Z श्रेणी में 22 कर्मियों की सुरक्षा होती है, जिसमें 4-6 एनएसजी कमांडो और पुलिस कर्मी शामिल होते हैं।

3.    Y+ श्रेणी में 11 कर्मियों की सुरक्षा होती है, जिसमें 2-4 कमांडो और पुलिस कर्मी शामिल होते हैं।

4.    Y श्रेणी में 8 कर्मियों का सुरक्षा विवरण होता है, जिसमें 1 या 2 कमांडो और पुलिस कर्मी शामिल होते हैं।

5.    एक्स श्रेणी 2 कर्मियों का एक सुरक्षा विवरण है, जिसमें कोई कमांडो नहीं बल्कि केवल सशस्त्र पुलिस कर्मी होते हैं।

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