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Aarakshan Par Kya Aaya Supreme Court Ka Faisla
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार के दिन ( यानि 18 दिसंबर) को जातिगत आरक्षण के मामले में अपना फैसला सुनाया है। इस दौरान सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court ) ने कहा कि कोटा पॉलिसी का मतलब योग्यता को नकारना नहीं है और न ही इसका मकसद मेधावी उम्मीदवारों को नौकरी के अवसरों से वंचित रखना बिलकुल नहीं है, भले ही वे आरक्षित श्रेणी से ताल्लुक रखते हों। Aarakshan Par Kya Aaya Supreme
सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति उदय ललित की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने आरक्षण के फायदे को लेकर दायर याचिका पर अपना फैसला सुना दिया है।
अदालत ने कहा है की पद भरने के लिए आवेदकों की जाति की बजाय उनकी योग्यता पर ध्यान देना चाहिए तथा मेधावी उम्मीदवारों की मदद करनी चाहिए।साथ ही साथ किसी भी प्रतियोगिता में आवेदकों का चयन पूरी तरह से योग्यता के आधार पर ही होना चाहिए।
आरक्षण, ऊर्ध्वाधर और क्षैतिज, इन दोनों ही तरीकों से पब्लिक सर्विसेज में प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने का तरीका है।आरक्षण को सामान्य श्रेणी के योग्य उम्मीदवार के लिए मौके खत्म करने वाले नियम की तरह बिलकुल भी नहीं देखना चाहिए।
यह बात सुप्रीम कोर्ट की अलग पीठ के न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट ने फैसले में टिप्पणी के तौर पर लिखी है।
जस्टिस भट ने लिखा कि अगर ऐसा करते हैं तो ऐसा करने से नतीजा जातिगत आरक्षण के रूप में सामने आएगा, जहां प्रत्येक सामाजिक श्रेणी आरक्षण के अपने दायरे में सीमित हो जाएगी और योग्यता नकार दी जाएगी।
सभी लोगों के लिए ओपन कैटिगरी होनी चाहिए। इसमें सिर्फ एक ही शर्त होनी चाहिए कि आवेदक को अपनी योग्यता दिखाने का मौका मिले, चाहे उसके पास किसी भी तरह के आरक्षण का लाभ उपलब्ध हो।
गौरतलब है कि कई उच्च न्यायालय ( Supreme Court ) ने अपने फैसलों में माना है कि आरक्षित वर्ग से जुड़ा कोई उम्मीदवार अगर योग्य है तो सामान्य वर्ग में भी आवेदन कर सकता है। चाहे वह अनुसूचित वर्ग, अनुसूचित जनजाति या फिर अन्य पिछड़ा वर्ग का हो।
ऐसे में वह आरक्षित सीट को दूसरे उम्मीदवार के लिए छोड़ सकता है। हालांकि, विशेष वर्गों जैसे की स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार, पूर्व सैनिक या एससी/ओबीसी/एसटी उम्मीदवारों के लिए आरक्षित सीटें खाली रहती हैं।
उन पर सामान्य वर्ग के आवेदकों को मौका नहीं दिया जाता है। शासन के इस सिद्धांत और व्याख्या को शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को खारिज कर दिया है।
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत पश्चिम बंगाल के दो दिवसीय दौरे पर गए हैं क्यूंकी चुनाव से पहले भाजपा राज्य में अपनी पकड़ को और मजबूत करना चाहती है। Mohan Bhagwat Paschim Bangal
इसलिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत भी आज से दो दिवसीय दौरे पर पश्चिम बंगाल में हैं। मोहन भागवत अपनी इस यात्रा के दौरान वो राज्य के युवाओं से मिलेंगे।
ये वह युवा होंगे जो विदेश से स्पेस रिसर्च, नासा, मैक्रोबायोलॉजी, मेडिकल साइंस आदि में उपलब्धियां हासिल करके वापस भारत लौटे हैं। Mohan Bhagwat Paschim Bangal
ये सभी युवा वही युवा हैं जो मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसे अभियाों में अपना योगदान दे रहे हैं।
बता दें कि मोहन भागवत की यात्रा शनिवार के दिन से ही शुरू हो चुकी है और उनके अलावा गृह मंत्री अमित शाह भी 19 और 20 दिसंबर को पश्चिम बंगाल जायेंगे और वहां का दौरा करेंगे।
चुनाव से पहले इस यात्रा को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। क्यूंकि भागवत की यात्रा गृह मंत्री की यात्रा से पहले हो रही है, इसलिए पश्चिम बंगाल में मोहन भागवत की इस यात्रा को काफी खास मन जा रहा है। Mohan Bhagwat Paschim Bangal
आपको बता दें कि इससे पहले बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पश्चिम बंगाल के दौरे पर गए थे, तब उनके काफिले पर हमला भी हुआ था।
हालांकि जेपी नड्डा की गाड़ी बुलेटप्रुफ थी, तो उनको कोई चोट नहीं आई और इस घटना को लेकर बीजेपी ने पश्चिम बंगाल की सर्कार तृणमूल कांग्रेस पर आरोप भी लगाया। इस घटना को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कड़ा क़दम उठाते हुए राज्य के डीजीपी व मुख्य सचिव को तलब किया है।
वहीं राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता सरकार को आगाह करते हुए आग से नहीं खेलने की चेतावनी भी दी है मगर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा के आरोपों को खारिज किया है।
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गरवी गुजरात का नूतन ह्रदय: दिल्ली
पारंपरिक और सांस्कृतिक वास्तुकला का अनोखा मिश्रण
नई दिल्ली: वैसे तो देश की राजधानी दिल्ली में भव्य इमारतों की एक विस्तृत श्रृंखला है। लेकिन पर्वतों में सुंदर और विशालता का जो स्थान हिमालय का है, वही स्थान दिल्ली में बने राज्यों के भवनों में गरवी गुजरात भवन का है। दिल्ली आने वाले पर्यटकों के लिए मुख्य रूप से गरवी गुजरात भवन को निहारना भी एक विशेष आकर्षण है। Pradhanmantri Ne Garvi Gujarat Bhavan
भवन की कुछ ख़ास बातें
इस भवन के निर्माण में धौलपुर व आगरा पत्थरों का उपयोग किया गया है। आंतरिक रूप से ग्रेनाइट और संगमरमर के व्यापक उपयोग के साथ लाल कोटा पत्थर से निर्मित ‘गरवी गुजरात’ भवन दिल्ली के सबसे खूबसूरत और प्रतिष्ठित सरकारी इमारतों में से एक है। जिसमें अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ पारंपरिक स्थापत्य शैली का शानदार मिश्रण है। 7066 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैले इस भवन के निर्माण में भावना का भी महत्त्वपूर्ण योगदान है। यहां की एक एक चीज़ चुन चुन कर लायी गयी है और उसकी जगह भी बड़ी सोच समझकर तय की गयी है। Pradhanmantri Ne Garvi Gujarat Bhavan
यहाँ से गुज़रने वाले लोग रुक कर निहारते हैं इसे
लुटियन दिल्ली में अकबर रोड पर बने इस इमारत की सुंदरता और भव्यता को कई बार बाइक रोककर लोगों को निहारते और बखान करते देखा जा सकता है। जैसे जैसे सूरज ढलने लगता है वैसे वैसे गरवी गुजरात की यह इमारत रोशनी से सराबोर होने लगती है। देर शाम रोशनी में नहाया यह भवन और अधिक चमकने लगता है। सिटी टूर ऑपरेटर, अक्सर पर्यटकों को गुजरात राज्य के नए गेस्ट हाउस गरवी गुजरात भवन में लाकर पश्चिमी राज्य की समृद्ध कला और संस्कृति का अनुभव कराते हैं।
गरवी गुजरात भवन के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी कैप्टन प्रशांत सिंह ने बताया कि “इस भवन की सुंदरता और भव्यता देखने आने वाले लोगों की संख्या को सीमित और संतुलित करने के लिए हमें कई लोगों से यहां आने के समय में परिवर्तन करने अनुरोध करना पड़ता है । इस भवन की निगरानी में 134 सीसीटीवी कैमरों के अलावा हर समय सुरक्षा दल मौजूद रहता है। किसी राज्य का दिल्ली में यह पहला भवन है, जो पहला पर्यावरण के सर्वथा अनुकूल है।
आइये जानते हैं इस भवन का कुछ इतिहास
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने सितम्बर 2017 में इस भवन का शिलान्यास किया था। जबकि अक्टूबर 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका उद्धाटन किया। इस अत्याधुनिक भवन में 19 सूट, 59 अन्य रूम, बिजनेस हॉल, कॉन्फ्रेंस हॉल, मल्टीपर्पज हॉल, मीटिंग रूम, चार लाउंज, लाइब्रेरी, योगा सेन्टर, जिम्मेजियम, रेस्टोरेंट, ड़ाइनिंग हॉल सहित अन्य कई सुविधाएं हैं। Pradhanmantri Ne Garvi Gujarat Bhavan
क्या कहना सूचना संयुक्त निदेशक नीलेश शुक्ला का
गुजरात सरकार के सूचना संयुक्त निदेशक नीलेश शुक्ला बताते हैं कि छह मंजिला इमारत में राज्यपाल, मुख्यमंत्री और उनकी परिषद, निर्वाचित प्रतिनिधियों और राज्य के शीर्ष अधिकारियों के लिए पांच सितारा सुविधाओं से लैस एक शानदार गेस्ट हाउस भी है। दिलचस्प बात यह है कि इस भवन में केवल गुजरात के मंत्री, अधिकारी और राजनेता ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों की सार्वजनिक हस्तियां भी छोटी यात्राओं के दौरान रहना पसंद करने लगे हैं। उन्होंने बताया कि “कुछ महीने पहले टाटा ग्रुप के चेयरमैन रतन टाटा ने भी अपने दौरे के दौरान इस भवन के गेस्ट हाउस, सुविधाओं और उनके आतिथ्य की सराहना की थी।”
कैसा है भवन का डिज़ाइन Pradhanmantri Ne Garvi Gujarat Bhavan
भवन के दो अलिंदों को गुजरात की समृद्ध कला और संस्कृति को प्रदर्शित करते हुए डिजाइन किया गया है। अंदरूनी हिस्सों में प्रसिद्ध लिप्पन वर्क, कच्छ और वरली चित्रों से डांग के कारीगरों द्वारा महल की इमारत की दीवारों को चित्रित कराया गया है। साथ ही लकड़ी और पीतल की कलाकृतियों ने इस साज सज्जा में चार चांद लगाने का काम किया है। गुजराती कला को प्रदर्शित करती एक थीम से गरवी गुजरात के प्रत्येक मंजिल को विशेष रूप दिया गया है।
पहली अलिंद की छत पर एक विशाल झूमर और मोढ़ेरा के प्रसिद्ध सूर्य मंदिर की प्रतिकृति राजसी रूप देती है। वहीं ऊपर से देखने पर विशिष्ट कलाकृति फर्श को कालीन के रूप में दिखती है। दूसरी आलिंद के बीच में लकड़ी का एक बड़ा झूला है साथ यहां की विशिष्ट गुजरात कलाकृति इसे हवेली का रूप देती है। छठे तल तक एक बड़ा बगीचा, जिसमें छोटा तालाब मेहमानों को आनंदित करता है।
नीलेश शुक्ला बताते हैं गरवी गुजरात का रेस्तरां पूरी तरह से शाकाहारी है। जिसमें विशिष्ट प्रकार के गुजराती स्नैक्स और पारंपरिक व्यंजन परोसे जाते हैं। “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन के समय कहा था कि गुजराती जब घर होते हैं तो जो खाना चाहते हैं खा सकते हैं, जब वे यात्रा करते हैं तो वे विशिष्ट गुजराती भोजन पसंद करते हैं। यह रेस्तरां उन लोगों की इस प्रकार की जरूरत को पूरा कर रहा है।
कैसा होगा असर Pradhanmantri Ne Garvi Gujarat Bhavan
यह कहना गलत नहीं होगा कि दिल्ली आने वाले पर्यटकों की लिस्ट में यह भवन अब मुख्य रूप से जगह लेने लगा है। यहां आपको गुजरात की गौरवशाली, पारंपरिक और सांस्कृतिक झलक देखेने को मिलती है। दिल्ली में अगर गुजरात को देखना है तो गरवी गुजरात में आपका स्वागत है।
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कोरोना वायरस महामारी के चलते सिनेमाघरों के लिए बनी फिल्में ओटीटी पर रिलीज करने से निर्माताओं का तो पैसा बन रहा है परन्तु इससे फिल्मी सुपरस्टार अपना आकर्षण खो रहे हैं। अक्षय कुमार, अमिताभ बच्चन, आयुष्मान खुराना, पहले ही इसको झेल चुके हैं । संजय दत्त और भूमि पेडनेकर को भी इसका नतीजा भुगतना पड़ा । लेकिन, इन सभी सितारों से हटके अभनेता कार्तिक आर्यन ने अपना एक अलग ही रुतबा तैयार किया है। अभिनेता कार्तिक आर्यन ने अपने करार में एक शर्त जोड़ने का फैसला किया है कि उनकी फिल्म पहले थिएटर में ही रिलीज़ करी जाएगी।
मिली जानकारी के मद्देनज़र बॉलीवुड के उभरते सितारे कार्तिक आर्यन ने यह तय किया है कि वह अपनी अगली हर फिल्म को साइन करने से पहले अपने करार में एक नियम जरूर जोड़ेंगे जिसमें यह रहेगा कि उनकी फिल्म सीधे ओटीटी पर रिलीज नहीं होगी बल्कि उनकी हर फिल्म को पहले थिएटर में ही निर्माता करना होगा और उसके बाद ही कार्तिक की कोई फिल्म ओटीटी तक जा पाएगी या ओटीटी पर रिलीज़ होगी। अपनी इस करार की शुरुआत उन्होंने राम माधवानी की फिल्म ‘धमाका’ से की है।
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उतार प्रदेश के गोरखपुर में एक भाई ने अपनी बहन को युवक से बात करने को मना किया तो मनबढ़ ने भाई की हत्या कर दी और हंसिए से उसका गुप्तांग भी काट दिया।
लड़की के भाई की बेरहमी से हत्या करने के बाद आरोपी ने शव को गर्दन तक धंसा दिया। इस मामले की सूचना मिलने पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी और महज 8 घंटे में ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। Gorakhpur:Behen Ko Kiya
कहाँ मिला शव Gorakhpur:Behen Ko Kiya
इस मामले में पुलिस ने बताया है कि रविवार की सुबह को सीकरी गंज थाना क्षेत्र के बरोही नाम के गांव में तालाब के अंदर एक औंधे मुंह लाश पड़ी हुई मिली।
लाश की शिनाख्त होने पर पता चला कि लाश पड़ोस के ही गांव अवरारूप में रहने वाले सुरजीत नमक युवक की है। इसके अलावा पुलिस को लाश के पास से डंडा और हसिया भी बरामद हुआ था ।
कब से लापता था युवक
मिली हुई जानकारी के मद्देनज़र , सुरजीत 5 दिसंबर की शाम को 6 बजे घर से निकला था। उसके बाद से वह वापस नहीं लौटा।
फिर सुरजीत के नाना ने पुलिस थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई। घरवालों के रिपोर्ट लिखाने के तुरंत बाद ही पुलिस ने जांच शुरू कर दी और युवक के मोबाइल की कॉल डिटेल्स निकलवाईऔर फिर इसके बाद सिकरी गंज के बारोही गांव में रहने वाले दीपेंद्र सिंह के ऊपर पुलिस को शक हुआ।
पड़ताल करने पर पता चला कि दीपेंद्र सुरजीत की बहन से 45 दिनों में 364 बार बात कर चुका है। पुलिस ने उसे शक के आधार पर गिरफ्तार किया और इसके बाद जब पुलिस ने उससे सख्ती से पूछताछ करी तो उसने हत्या की बात कबूल की।
कब और कैसे मारा
पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वो मृतक सुरजीत की बहन से बातचीत करता था और जब इसके बारे में सुरजीत को पता चला, तो उसने अपनी बहन को दीपेंद्र से बात करने को मना कर दिया ।
इसी बात को लेकर दीपेंद्र नाराज़ हो गया और उसने सुरजीत को फोन कर घटनास्थल के पास बुलाया और उसे मौत के घाट उतार दिया।
उसने बताया कि सुरजीत पर उसने पहले डंडे से हमला किया था, फिर उसके बाद हंसिए से उसका गुप्तांग काट भी दिया था जिससे सुरजीत की मौत हो गई।
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गूगल पर कभी न करें ये चीज़ें सर्च,वरना हो सकती है जेल
गूगल पर लोग कभी कभी ऐसी चीज़ें सर्च कर लेते है जिसके बाद वो गंभीर समस्या में फँस सकते है ,आइये आज आपको उन्ही कुछ चीज़ों के बारे में बतायेंगे जो आपको गूगल पर कभी भी सर्च नहीं करनी चाहिए।
आज के दौर में लोग किसी भी चीज के बारे में जानने के लिए Google का इस्तेमाल करते हैं। क्योंकि लोगों को भरोसा है और उन्हें लगता है कि गूगल पर उपलब्ध सभी जानकारी 100 प्रतिशत सही है।
लेकिन कई बार ऐसा होता है की लोग जाने-अंजाने में कुछ ऐसी चीज़ों को सर्च कर लेते हैं, जिससे वह किसी बड़ी मुसीबत में फंस सकते हैं या उन्हें जेल भी हो सकती है।
अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि गूगल पर किन चीजों को सर्च नहीं करना चाहिए। तो आपको इसके बारे में आज विस्तार से बतायेंगे।
आज हम इस आर्टिकल में आपको कुछ चीजों के बारे में बताएंगे, जो आपको गूगल पर भूलकर भी सर्च नहीं करनी है। तो आइए जानते हैं वो सभी बातें
बम बनाने का तरीका
आपको गूगल पर कभी भी बम बनाने का तरीका या पप्रोसेस सर्च नहीं करना चाहिए Google पर भूलकर भी बम बनाने का प्रोसेस या इससे जुड़ी किसी भी चीज को सर्च न करें। और अगर आप ऐसा करते हैं तो आपको जेल भी जाना पड़ सकता है।
आपको बता दें कि जैसे ही आप इस तरह की सर्च क्वीरीज़ या चीज़ों को गूगल पर सर्च करेंगे, तो आपके कंप्यूटर या लैपटॉप का आईपी एड्रेस (Internet Protocol Address) सीधा सुरक्षा एजेंसियों तक पहुंच जाएगा। Google Par Kabhi Na Karein
इसके बाद कानूनी तौर पर यह संभव है कि सुरक्षा एजेंसियां आपके खिलाफ कार्रवाई कर सकती हैं। या आपको जेल भी हो सकती है।
दवाइयों को न करें सर्च
अगर आप स्वस्थ महसूस नहीं कर रहे हैं या आपकी तबीयत खराब है और आप गूगल के उपयोग करके लक्षणों के आधार पर यह पता लगाना चाहते हैं कि आप कौन-सी बीमारी से संक्रमित हैं या आपको कौन सी बीमारी है।
और साथ ही अगर गूगल पर उस बीमारी से ठीक होने के लिए दवाइयां सर्च कर रहे हैं या गूगल पर ढूंढ रहे हैं , तो ऐसा बिलकुल भी न करें।
गलत दवाइयों के सेवन से आपकी तबीयत ज्यादा खराब हो सकती है या बुरी तरह दवा का रिएक्शन होने से आपकी जान भी जा सकती है।
इसी लिए जब भी आपकी तबीयत खराब हो या आप स्वस्थ महसूस न कर रहें हों तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं और उनसे सलाह लें या अपना इलाज करवाएं । Google Par Kabhi Na Karein
मोबाइल ऐप या कंप्यूटर सॉफ्टवेयर
हम और आप कभी-कभी गूगल से कुछ ऐसे ऐप या सॉफ्टवेयर को डाउनलोडकर लेते हैं जो फिशिंग या फर्जी ऐप्स होते है ,और वो हमारे डिवाइस को नुकसान पहुंचा सकते हैं तथा हमारी निजी जानकारी को चुरा सकते हैं।
ऐसे में सावधानी से गूगल से ऐप को डाउनलोड करें। किसी ऐप को आप गूगल प्ले स्टोर या फिर ऐप स्टोर से ही डाउनलोड करें।
और अपनी डिवाइस और अपनी निजी जानकारी का धयान रखें की वो अप्प या सॉफ्टवेयर आपको नुकसान नहीं पहुंचाए यही नहीं, कभी-कभी सॉफ्टवेयर को कंपनी के आधिकारिक वेबसाइट से ही डाउनलोड करना चाहिए।Google Par Kabhi Na Karein
कस्टमर केयर का नंबर
हम जब कोई भी प्रोडक्ट इस्तेमाल कर रहे होते हैं और हमें उसमें किसी भी तरह की कोई परेशानी आती है तो हम सीधे ही कस्टमर केयर को कॉल करने की सोचते हैं।
हमें कई बार किसी कंपनी के कस्टमर केयर का नंबर पता नहीं होता है, ऐसे में हम Google का इस्तेमाल करके उसकी मदद लेते हैं ,लेकिन क्या आपको पता है कि Google पर किसी भी कस्टमर केयर का नंबर सर्च करना नुकसानदेह हो सकता है।
आपको बता दें कि साइबर क्राइम को बढ़ावा देने वाले हैकर्स किसी भी कंपनी का फेक या फर्जी हेल्पलाइन नंबर (Helpline Number) Google Search में फ्लोट करते हैं। Google Par Kabhi Na Karein
ऐसे में जब आप उस नंबर पर कॉल करते है तो आपका नंबर हैकर्स के पास चला जाता है, जिसके बाद हैकर्स आपके नंबर पर कॉल करके साइबर क्राइम को अंजाम दे सकते हैं, जिसमें SIM Swap जैसी घटनाएं भी शामिल हैं।
निजी ई-मेल आईडी गूगल पर सर्च न करें Google Par Kabhi Na Karein
गूगल पर अपनी निजी ई-मेल आईडी को सर्च न करें, ऐसा करने से आपका अकाउंट हैक भी हो सकता है और हैकर्स आपकी निजी जानकारी भी चुरा सकते हैं। आप हैकर्स से बचने के लिए समय-समय पर अपना पासवर्ड बदलते रहें इससे आपके अकाउंट की सुरक्षा काफी हद बढ़ जाती है।
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उत्तर प्रदेश के जिला रामपुर में एक नौकरानी ने रात में साथ चलने से इनकार कर दिया तो गुस्साए रिटायर्ड जिला सूचना अधिकारी ने सवेरे नौकरानी के घर जाकर उसकी गोली मारकर हत्या कर दी। इसके दौरान दौरान रिटायर्ड अधिकारी ने मृतका की बेटी को तमंचे की बट से प्रहार कर के घायल कर दिया।
दिव्यांग पति ने ऐसे बचाई परिजनों की जान
महिला के पति जोकि दिव्यांग है उन्हीने ने अपने कमरे के दरवाज़े को बंद कर के अपनी व अन्य परिजनों की जान बचाई। पुलिस ने आरोपी को तमंचे के साथ गिरफ्तार कर लिया है।
स्वार थाना इलाके के छिद्दावाला गांव में जिला सूचना अधिकारी सोमपाल सिंह जिनकी उम्र 64 साल है और वो रिटायर्ड थे। सोमपाल सिंह अपने घर में अकेले रहते हैं। उनकी पत्नी बेटे के साथ अपने मायके में रहती हैं।
सोमपाल सिंह ने खाना बनाने व घरेलू कार्य करने के लिए गांव की निवासी जगरेश सिंह की पत्नी हूरवती जो 40 वर्ष की हैं उनको को काम पर रखा था।
परिजनों का कहना है ,की शुक्रवार रात सोमपाल सिंह हूरवती के घर पहुंचे और उसे अपने साथ ले जाने की जिद करने लगे। इस पर परिजनों ने उन्हें खरी-खोटी सुनाई तो वह वहां से चले गए।
कहाँ पर मारी गोली Retired Adhikari Ne Naukrani
आरोपी पर आरोप है कि शनिवार की सुबह लगभग आठ बजे सोमपाल सिंह फिर से महिला के घर आए और बाहर खड़ी हूरवती से गाली-गलौज कर मारपीट करने लगे थे। Retired Adhikari Ne Naukrani
महिला के विरोध करने पर सोमपाल सिंह कुछ देर के बाद हाथ में तमंचा लेकर पहुंचे और हूरवती के सिर पर गोली मार दी। हूरवती की 14 वर्षीय बेटी को भी तमंचे की बट से प्रहार कर के घायल कर दिया।
इसके बाद घर के अंदर जाकर तमंचा भरने लगे। यह देख मृतका हूरवती के पति ने कमरा बंद कर अपनी व अन्य परिजनों की बचाई जान।
गोलियों की आवाज़ सुनकर ग्रामीण दहशत में आ गए। कुछ देर बाद ग्रामीण मौके पर पहुंचे तो देखते हैं कि महिला का शव खून से लथपथ हुआ पड़ा था। Retired Adhikari Ne Naukrani
तमंचे के साथ किया गिरफ्तार Retired Adhikari Ne Naukrani
मौके पर मौजूद रहे परिजनों में चीख पुकार मची हुई थी। ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी। कोतवाल आर.एस बघेल, सीओ धर्म सिंह मार्छाल, मौके पर पहुंचे और मामले की जानकारी कर आरोपी की तलाश करी बाद में पुलिस ने हत्यारोपी सोमपाल सिंह को जंगल से तमंचे के साथ गिरफ्तार कर लिया।
शव को पोस्ट मार्टम के लिए भिजवाया गया है। पुलिस अधीक्षक शगुन गौतम ने मौका मुआयना कर ग्रामीणों से जानकारी लेकर कोतवाली में हत्यारोपी से भी पूछताछ करी है ।
मृतका के पति जगरेश सिंह ने अधिकारी सोमपाल सिंह के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई है।
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अयोध्या विवाद में बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने अपील करी है कि अब सुप्रीम कोर्ट में बाबरी विध्वंस का ख़त्म हो चुका है। मस्जिद और मंदिर दोनों ही का निर्माण हो रहा है, इसीलिये अब लोगों को विकास की ही बात करनी चाहिए।
किसी के बहकावे में न आएं। न तो काला दिवस मनाएँ और न ही विजय दिवस मनाएं। अंसारी बोले कि जरूरी है कि हिंदू-मुस्लिम एकता बनी रहे जिससे कि देश मजबूत होगा।
6 दिसंबर को लेकर रविवार के दिन अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था काफी सख्त कर दी गई है।अयोध्या में प्रवेश करने के मार्ग,उदया चौराहा, टेढ़ी बाजार,नयाघाट बंधा तिराहा रामघाट चौराहा, बूथ नंबर-4, मोहबरा तिराहा समेत अन्य कई स्थानों पर आने जाने वालों की तलाशी ली गई। Ansari Bole Ayodhya Vivad
संदिग्धों की आईडी चेक करी गई और जरूरत पड़ने पर उसकी तस्दीक भी करी गई। धर्मकांटा, कटरा, टेढ़ी बाजार, समेत अन्य मिश्रित आबादी वाले इलाके में अर्धसैनिक बलों को तैनात कर दिया गया है। Ansari Bole Ayodhya Vivad
वहीं, शनिवार देर शाम पुलिस द्वारा अयोध्या व आसपास के स्थित होटल,गेस्ट हाउस,धर्मशालाओं आदि की भी जांच करी गई, इस दौरान वहां ठहरे बाहरी लोगों की आईडी को भी चेक किया गया। श्रीरामजन्मभूमि परिसर को जाने वाले मार्ग पर स्थित बैरियरों पर सुरक्षाकर्मी सतर्क भी रहे।
अयोध्या पुलिस द्वारा पीएसी, आरएएफ व पुलिस बल के साथ क्षेत्र में भ्रमण कर लोगों को उनकी सुरक्षा का एहसास कराया गया।
सभी खुफिया एजेंसियां शहर के हर संदिग्धों पर नजर रखे हुए है , एंटी सेबोटाज टीम, बम व डॉग स्कवॉयड द्वारा परिसर के आसपास क्षेत्रो में सर्च अभियान चलाकर तलाशी भी ली गई है।
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क्या है मामला Gehlol Kya Bole Shah
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार के दिन भाजपा पर साधा निशाना। गहलोल बोले की बीजेपी ने राजस्थान में सरकार गिराने का भरपूर प्रयास किया।
अमित शाह और धर्मेंद्र प्रधान से मिलने के बाद हमारे विधायकों ने मुझे बताया कि उन्हें गृह मंत्री के रूप में अमित शाह को देखकर शर्म आती है। एक वक़्त था जब सरदार पटेल गृह मंत्री थे और अब वो हैं।Gehlol Kya Bole Shah
दिल्ली से आता है पैसा Gehlol Kya Bole Shah
गहलोत बोले कि, भाजपा आश्वासन दे रही थी कि उन्होंने अलग-अलग पांच सरकारों को गिरा दिया है और यह छठी सरकार होगी। भाजपा इस तरह की साजिश कर रही है।
बता दें कि मुख्यमंत्री गहलोत ने आज सिरोही जिले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए पार्टी कार्यालय का उद्घाटन किया। पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए वो बोले कि बीजेपी ने पूरे देश में भवन बनाए हैं, उनके लिए दिल्ली से पैसा आता है।
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भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीन टी-20 मैच की सीरीज़ का दूसरा और निर्णायक मुकाबला रविवार को सिडनी में खेला जाएगा। रवींद्र जडेजा की गैरमौजूदगी के बावजूद भी भारतीय क्रिकेट टीम बेहद संतुलित और मजबूत नज़र आ रही है।
दूसरी ओर ऑस्ट्रेलिया के भी कई खिलाड़ी घायल है, बल्की खुद कप्तान आरोन फिंच के भी खेलने पर संदेह हैं।
भारतीय क्रिकेट टीम पिछली छह टी-20 सीरीज से अजेय है तो आखिरी पांच श्रृंखलाओं में उसे जीत मिली। विश्व कप के तुरंत बाद भारत ने यूएसए जाकर वेस्टइंडीज को 3-0 से हरया था।
सितंबर में भारत दौरे पर आई दक्षिण अफ्रीकी की क्रिकेट टीम ने 1-1 से ड्रॉ खेला था, उसके बाद टीम इंडिया ने बांग्लादेश, वेस्टइंडीज, न्यूजीलैंड और श्रीलंका को क्रिकेट के इस सबसे छोटे फॉर्मेट में बहुत बुरी तरह हराया है।
लगातार 10 टी-20 इंटरनेशनल मैच ( जिसमे से एक रद्द, और दो टाई) से अजेय भारत ने पिछले ऑस्ट्रेलिया दौरे में सिडनी टी-20 में 165 रन का लक्ष्य साधकर सीरीज में बराबरी हासिल करी थी और फिर अंतिम मैच जीतकर 2-1 से श्रृंखला अपने नाम कर ली थी।
कैसी रहेगी भारतीय टीम
केएल राहुल और शिखर धवन के रूप में भारत के पास मजबूत सलामी जोड़ी है। अपने जन्मदिन के अगले ही दिन बड़ा स्कोर खड़ा कर धवन देशवासियों को रिटर्न गिफ्ट देना चाहेंगे।
पहले टी-20 मैच में केएल राहुल ने अर्धशतक जमाया था, मगर रनगति को बढ़ाने के चक्कर में अपना विकेट गंवा बैठे थे। तीसरे क्रम पर भारत के पास विराट कोहली के जैसा धुरन्दर बल्लेबाज है।
पहले टी-20 में मनीष पांडेय को आज़माया गया था। पूरी वन-डे सीरीज से बाहर बैठने वाला यह खिलाड़ी जल्दी ही आउट हो गया था, उनकी जगह पर अगर श्रेयस अय्यर की टीम में वापसी हुई तो हैरानी नहीं होनी चाहिए।
अच्छी लय में चल रहे हार्दिक पांड्या से फिर बेहतरीन पारी की उम्मीद रहेगी। पिछले मैच के हीरो जडेजा हैम्सट्रिंग के कारण से पूरी सीरीज से बाहर हो चुके हैं।
बावजूद इसके वाशिंगटन सुंदर के रूप में स्क्वॉड में स्पिन ऑलराउंड विकल्प मौजूद हैं। सुंदर ने पिछले मैच में काफी ज़बरदस्त गेंदबाजी की थी।
बतौर कनकशन सबस्टीट्यूट टीम को पहला टी-20 मैच दिलाने वाले युजवेंद्र चहल की वापसी भी पक्की है। जडेजा की जगह पर स्क्वॉड में शामिल किए गए शार्दुल ठाकुर गेंद के साथ-साथ उनके बल्ले से भी कमाल देखा जा सकता हैं।
आखिरी वन-डे में उन्होंने सबसे अधिक विकेट लिये थे। ऐसे में पिछले मैच में महंगे साबित हुए शमी को टीम से निकाला भी जा सकता है।
डेब्यू में तीन विकेट लेने वाले टी नटराजन पर सभी की निगाहें होंगी। रविवार के दिन से ही अभ्यास मैच भी खेला जाना है, ऐसे में टेस्ट सीरीज को देखते हुए जसप्रीत बुमराह भारतीय टीम की बजाय इंडिया ‘ए’ का हिस्सा हो सकते हैं।
कैसी होगी ऑस्ट्रलियाई टीम India VS Australia Ka 2nd T20 Match
डेविड वार्नर के टीम में न होने से कमजोर नज़र आ रही ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी क्रम को डार्सी शॉर्ट ने ही पहले टी-20 में संभालने का काम किया था।
दूसरी छोर पर कप्तान आरोन फिंच भी अच्छी ही बल्लेबाजी कर रहे थे, लेकिन वह भी अपने कूल्हे की चोट से परेशान हैं। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की ओर से उनकी मौजूदा हालात पर अभी अपडेट का इंतजार है।
अगर वह टीम से बाहर होते हैं तो एलेक्स कैरी की मध्यक्रम में जगह बन सकती है। वन-डे सीरीज में दो शतक ठोकने वाले स्टीव स्मिथ और अच्छी फॉर्म में चल रहे ग्लेन मैक्सेवल का भी बल्ला सिडनी में चलता है।
मोजेज हेनरिक्स के रूप में ऑस्ट्रेलिया के पास एक अनुभवी ऑलराउंडर है। विकेटकीपर मैथ्यू वेड के ऊपर निचले क्रम में तेजी से रन बनाने की जिम्मेदरी रहेगी। नाथन लियोन को चोटिल एश्टन एगर की जगह पर टी-20 टीम में जगह मिली है।
ऐसे में यह बिलकुल तय माना जा रहा है कि यह अनुभवी स्पिनर एडम जंपा का साथ देंगे और युवा स्पिनर मिचेल स्वैप्सन को हो सकता है बहार बैठना पड़े । जोश हेजलवुड, मिचेल स्टार्क की पेस जोड़ी पिछले मैच में अपना असर नहीं छोड़ पाई थी। अंत में उन्होंने खूब रन भी लुटाए थे।
दोनों टीमें कुछ इस प्रकार है India VS Australia Ka 2nd T20 Match
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India Me Corona Vaccine Par Kahan Aur Kitni Jagah Kaam Chal Rha Hai } कोरोना वायरस के वैश्विक महामारी के दौर में लोगों को एक ही खबर का सबसे ज्यादा इंतजार है। और वो खबर है इस खतरनाक कोरोना महामारी के वैक्सीन की।
हमारे वैज्ञानिक भी यह वैक्सीन विकसित करने में दिन-रात एक किये हुए हैं और यही वजह है की आए दिन हमें किसी न किसी नई वैक्सीन की जानकारी मिलती ही रहती है।
आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि पूरी दुनिया में कोरोना वायरस की कितनी वैक्सीन पर काम चल रहा है और यह काम कहां तक पहुंचा है।
कहाँ तक पहुँचा है वैक्सीन का काम
41 सशक्त वैक्सीन ऐसी हैं जिनका पहले चरण का क्लिनिकल ट्रायल का कार्य चल रहा है। इनका वैक्सीनों का ट्रायल लोगों के छोटे समूहों पर किया जा रहा है।
17 सशक्त वैक्सीन दूसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल में हैं। इन सभी वैक्सीनों का ट्रायल पहले चरण के मुकाबले ज्यादा लोगों को समूहों पर हो रहा है।
13 वैक्सीन अपने ट्रायल के तीसरे चरण में हैं। इन सभी सशक्त वैक्सीनों का ट्रायल पहले और दूसरे चरण के मुकाबले बड़े समूहों पर किया जा रहा है।
7 कोरोना की वैक्सीन ऐसी हैं जो अपने क्लिनिकल ट्रायल के चौथे चरण में भी हैं। इन सभी सशक्त वैक्सीनों को आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति मिल गई है या मिलने वाली है।
कौन कौन सी वैक्सीनों को आपातकाल की मंज़ूरी मिल गयी है India Me Corona Vaccine Par Kahan Aur Kitni Jagah Kaam Chal Rha Hai
आपको बता दें की वैक्सीन की दौड़ में कुछ कंपनियां आगे चल रही हैं, और स्थिति को पर नज़र रखते हुए इन वैक्सीनों में से कुछ को आपात इस्तेमाल की अनुमति भी दे दी गई है।
ब्रिटेन दुनिया का पहला ऐसा देश बन चूका है जिसने कोरोना के खिलाफ किसी वैक्सीन के आपात उपयोग की इजाज़त दे दी है। ब्रिटेन ने फाइजर और बायोएनटेक नमक दवा कंपनी की वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की अनुमति दे दी है।
और आपको बता दें की फाइजर ने अमेरिका में भी वैक्सीन के आपात इसरेमाल के लिए आवेदन किया है। इसके अलावा मॉडर्ना की वैक्सीन और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की ओर से विकसित की जा रही वैक्सीन को भी जल्द ही आपात अनुमति मिल सकती है।
भारत में कितनी और कौन-कौन सी वैक्सीनों पर चल रहा है काम
आपको बता दें की आईसीएमआर के अनुसार भारत में 4 वैक्सीनों पर प्रमुखता के साथ काम चल रहा है। इनमें एक ‘कोवैक्सीन’ जोकि स्वदेशी वैक्सीन है जिसे भारत बायोटेक ने विकसित करी है।
दूसरी वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ है जिसे एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने तैयार किया है। भारत में आईसीएमआर और सीरम इंस्टीट्यूट इसका दूसरे और तीसरे चरण का ट्रायल करवा रहे हैं। India Me Corona Vaccine
अगर बात तीसरी वैक्सीन की करें तो वह ‘जायकोव-डी’ जायडस कैडिला की है, और इसके दूसरे चरण का ट्रायल चल रहा है। और चौथी वैक्सीन रूस द्वारा विकसित वैक्सीन स्पुतनिक वी है।
भारत में इसके दूसरे और तीसरे चरण का ट्रायल डॉ. रेड्डीज लैब के साथ चलाया जा रहा है।
पूरी दुनिया में कोरोना संक्रमण की क्या है स्थिति
अगर अभी तक की बात करें तो दुनियाभर में कोरोना वायरस संक्रमण के 6 करोड़ 56 लाख 21 हजार 627(6,56,21,627) मामले सामने आ चुके हैं। और 15 लाख 13 हजार 798 लोगों की जान जा चुकी है। India Me Corona Vaccine
इसके अलावा चार करोड़, 54 लाख 57 हजार 461 (4,54,57,461) लोग इससे संक्रमित होकर ठीक भी हो चुके हैं। दुनियाभर में अभी भी कोरोना संक्रमण के 1 करोड़ 86 लाख 50 हजार 368 (1,86,50,368) मामले हैं।
कुल 14 करोड़ से अधिक मामलों के साथ अमेरिका इससे सबसे अधिक प्रभावित देश है।
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विदेश मंत्रालय का क्या कहना है
Kisan Andolan Par Canada Ke PM Ke Comment Se Naraz Hai Bharat }कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का किसान आंदोलन पर की गई टिप्पणी को लेकर भारत सख्त हो गया है। शुक्रवार के दिन नई दिल्ली स्थित कनाडाई उच्चायुक्त को विदेश मंत्रालय द्वारा तलब किया गया। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि किसानों के मुद्दों पर कनाडा के नेताओं की टिप्पणी हमारे आंतरिक मामलों में बर्दाश्त नहीं करने के क़ाबिल हस्तक्षेप है। Kisan Andolan Par Canada
मंत्रालय ने उच्चायुक्त से कहा है कि भारतीय किसानों से संबंधित मुद्दों पर कनाडा के प्रधानमंत्री, कुछ कैबिनेट मंत्रियों और संसद सदस्यों की टिप्पणी हमारे आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप है, इसे बिल्कुल भी स्वीकार नहीं किया जाएगा।
विदेश मंत्रालय ने कहा है , की यदि ऐसी टिप्पणी जारी रहती है तो इसका भारत और कनाडा के बीच रिश्तों पर गंभीर रूप से हानिकारक प्रभाव भी पड़ेगा। मंत्रालय ने कहा,की इन टिप्पणियों ने कनाडा में हमारे उच्चायोग और वाणिज्य दूतावासों के समक्ष चरमपंथी गतिविधियों की सभाओं को प्रोत्साहन दिया है जो सुरक्षा के मुद्दे पर सवाल खड़ा करता है। इसने कहा, की हम कनाडा की सरकार से अपेक्षा करते हैं कि वह भारतीय राजनयिक कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
क्यों नाराज़ है भारत Kisan Andolan Par Canada
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आपको बता दें ,की कनाडा के पीoएमo जस्टिन ट्रूडो ने भारत में चल रहे किसानों के प्रदर्शन पर टिप्पणी करी है कनाडाई पीएम ने कहा है , कि शांतिपूर्ण प्रदर्शनों के अधिकारों की रक्षा के लिए कनाडा हमेशा खड़ा रहेगा। उन्होंने अपने बयान में भारतीय किसानों का समर्थन करते हुए कहा कि भारत देश में स्थिति चिंताजनक है।
गुरु नानक देव की 551वीं जयंती के अवसर पर एक ऑनलाइन कार्यक्रम के दौरान, ट्रूडो बोले ,की किसानों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शनों की भारत से खबरें आ रही हैं। स्थिति चिंताजनक है और हम सभी अपने परिवार और दोस्तों को लेकर काफी चिंतित हैं। मुझे पता है कि आप में से कितने लोगों के लिए यह एक वास्तविकता है। मैं आपको याद दिला दूं कि शांतिपूर्ण प्रदर्शनों के अधिकारों की रक्षा के लिए कनाडा हमेशा खड़ा रहेगा। Kisan Andolan Par Canada
पांच लाख किसानो को 100 करोड़ रुपये देगी मध्यप्रदेश सरकार Paanch Laakh Kisano Ko 100 Karod
एक तरफ कृषि कानून के खिलाफ किसान आंदोलन आठवें दिन भी जारी है तो दूसरी तरफ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार के दिन पांच लाख किसानों को नई सौगात देने वाले हैं।
मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के अंतर्गत पांच लाख किसानों के खातों में 100 करोड़ रुपये भेजे जायेंगे। इसकी जानकारी उन्होंने खुद ट्वीट करके दी है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर बतया, ‘मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के अंतर्गत 100 करोड़ रुपये आज प्रदेश के पांच लाख किसानों के खाते में डाले जा रहे हैं।
यह जारी रहेगा और इसका लाभ लगभग 80 लाख किसानो को मिलेगा। किसानों के कल्याण के लिए जो कदम उठाने जाने चाहिए, हमारी सरकार लगातार वो वो क़दम उठा रही हैऔर हम इसमें कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।’
आपको बताते चलें की पिछली बार की असफल बातचीत के बाद आज दोबारा किसानों और सरकार के बीच बात शुरू हो चुकी है। उम्मीद जताई जा रही है कि इससे कोई हल निकल सकता है।
आंदोलन की वजह से गुरुवार को लगातार आठवें दिन दिल्ली एनसीआर का यातायात प्रभावित है। कई बॉर्डर अभी भी बंद हैं और कई सड़कों को किसानों ने जाम कर दिया है।
प्रकाश सिंह बादल ने पद्म विभूषण लौटाया Paanch Laakh Kisano Ko 100 Karod
image credit Twitter.com/badal_parkash
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने भारत सरकार से मिले पद्म विभूषण सम्मान को वापस लौटा दिया है और ऐसा उन्होंने किसान आंदोलन के समर्थन और कृषि कानूनों के विरोध में किया है।
पूर्व मुख्यमंत्री बादल का कहना है कि वे किसानों के साथ किए जा रहे केंद्र सरकार के व्यवहार से आहत हैं। उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र भी लिखा है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि मैं इतना गरीब हूं कि किसानों के लिए कुर्बान करने के लिए मेरे पास कुछ और नहीं है और मैं जो भी हूं किसानों की वजह से हूं।
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भारत सहित दुनियाभर के देशों में प्रसिद्ध मसाला ब्रांड ‘एमडीएच'(MDH) के मालिक ‘महाशय’ धर्मपाल गुलाटी ने गुरुवार की सुबह 98 वर्ष की उम्र में आखिरी सांस ली और हम सभी को अलविदा कह गए। (MDH Masale Ke Malik Dharampal Gulati)
महाशय धर्मपाल गुलाटी को ‘एमडीएच अंकल’, ‘मसालों के राजा’, ‘दादाजी’, और ‘मसाला किंग’ के नाम से प्रसिद्ध थे। वह मसाला ब्रांड ‘एमडीएच’ (MDH) (महाशिया दी हट्टी) के मालिक और सीईओ (CEO) थे।
देश के विभाजन के बाद पाकिस्तान से भारत में आकर बसे गुलाटी ने तांगे से अपनी आजीविका की शुरुआत करी और आज वह 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा के कारोबार वाली कंपनी छोड़कर इस दुनिया से विदा हो गए । (MDH Masale Ke Malik Dharampal Gulati)
MDH वाले अंकल उर्फ़ महाशय धरमपाल गुलाटी का जन्म कहां हुआ था MDH Masale Ke Malik Dharampal Gulati
‘MDH ‘ वाले अंकल के नाम से मशहूर गुलाटी का जन्म 1919 में पाकिस्तान के सियालकोट में हुआ था। इनका पालन-पोषण पाकिस्तान में ही हुआ था।
सियालकोट में इनके पिता ने साल 1919 में ‘महाशिया दी हट्टी’ के नाम से एक मसाले की दुकान खोली। इनके पिता यहां पर मसाले बेचा करते थे।
कब आया परिवार भारत और कहा सु शुरू हुआ सफर MDH Masale Ke Malik Dharampal Gulati
1947 में विभाजन देश के बाद इनका परिवार भारत आ गया था। शुरू में गुलाटी परिवार अमृतसर में शरणार्थी के रूप में रहा था। लेकिन बाद में धर्मपाल गुलाटी दिल्ली शहर शिफ्ट हो गए।
जब गुलाटी अपने बहनोई के साथ दिल्ली पहुंचे, तब उन्होंने अपने पिता द्वारा दिए हुए पैसे से तांगा खरीदा।
कहाँ से शुरू हुआ कारोबार (MDH Masale Ke Malik Dharampal Gulati)
वहीं, जब गुलाटी को लगने लगा कि उनका व्यवसाय अच्छा नहीं चल रहा है, तो उन्होंने एक छोटी सी दुकान खोलने का फैसला किया और करोल बाग (दिल्ली के मध्य में स्थित एक लोकप्रिय बाजार) में मसाले बेचने के अपने परिवार के व्यवसाय को दोबारा शुरू किया। धीरे-धीरे व्यापार चलने लगा और उनको लाभ होना भी शुरू हो गया।
कब रखी MDH की नीव
1953 में, गुलाटी ने दिल्ली के चांदनी चौक में एक दुकान किराए पर ली, जिसका नाम ‘महाशिया दी हट्टी’ (MDH) रखा, और इन्होने वहँ भी मसालें बेचना शुरू किया।1959 में एमडीएच कंपनी की नींव रखी
वहीं, गुलाटी ने आगे चलकर एमडीएच कंपनी की आधिकारिक शुरुआत करी। धर्मपाल गुलाटी ने 1959 में एमडीएच कंपनी की स्थापना की। इसके लिए इन्होने कीर्ति नगर में ज़मीन खरीदी और एक विनिर्माण इकाई स्थापित करी।
कुल कितनी फैक्टरियां हैं देशभर में
MDH का व्यापार केवल भारत में ही नहीं पनपा बल्कि गुलाटी मसालों के एक वितरक और निर्यातक भी बन गए। वर्तमान में एमडीएच मसाले लगभग 50 के करीब विभिन्न प्रकार के मसालों का निर्माण करते हैं।
कंपनी की देशभर में इनकी फैक्ट्रियां हैं और वह दुनियाभर में अपने उत्पाद बेचती हैं। इस दिन तक, एमडीएच मसाले दुनिया के विभिन्न-विभिन्न हिस्सों में निर्यात किए जाते हैं, जिसमें , यूरोप ,यूके, यूएई, कनाडा जैसे देश भी शामिल हैं।
गुलाटी 2017 में भारत में सबसे अधिक वेतन पाने वाले एफएमसीजी (Fast Moving Consumer Goods) सीईओ बने।
कैसे करते थें प्रचार
एमडीएच कंपनी उत्तर भारत के 80% प्रतिशत बाजार पर कब्जे का दावा करती है। धर्मपाल गुलाटी अपने उत्पादों का प्रचार खुद ही करते थे। अक्सर आपने टीवी पर उन्हें अपने मसालों के बारे में बताते हुए देखा होगा।
उन्हें दुनिया का सबसे उम्रदराज (Aged) एड स्टार माना जाता था। देशभर में लोग उन्हें ‘एमडीएच अंकल’ के नाम से भी जानते हैं।
कितना पढ़े थें धर्मपाल गुलाटी MDH Masale Ke Malik Dharampal Gulati
धर्मपाल गुलाटी ने सिर्फ पांचवीं कक्षा तक ही पढ़ाई करी थी और आगे की शिक्षा के लिए वह स्कूल नहीं गए। धर्मपाल गुलाटी को भले ही किताबी ज्ञान अधिक ना हो, लेकिन अगर बिजनेस की बात करे तो बड़े-बड़े दिग्गज उनको लोहा मानते थे।
कितना फीसदी करते थे दान
धर्मपाल गुलाटी को लेकर कहा जाता है कि वह अपने वेतन का 90% फीसदी हिस्सा दान कर देते थे। एक बार उन्होंने कहा था कि मेरी काम करने की प्रेरणा काम कीमतों पर बेचे जाने वाले उत्पाद की गुणवत्ता में ईमानदारी से है और मेरे वेतन का लगभग 90 फीसदी एक चैरिटी में जाता है। (MDH Masale Ke Malik Dharampal Gulati)
गरीबों के लिए खोले अस्पताल और स्कूल
आपको बता दें की गुलाटी के पिता के नाम पर एक धर्मार्थ ट्रस्ट भी है, जो झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले ग़रीबों के लिए 250 बेड का अस्पताल चलाता है। साथ ही साथ गरीबों के लिए चार स्कूल भी चलाता है।सूत्रों ने बताया कि उन्हें 2018 में 25 करोड़ रुपये इन-हैंड सैलरी भी मिली थी।
कौन करता था कंपनी के फैसले
अपनी उम्र के बावजूद धर्मपाल गुलाटी व्यवसाय के सभी बड़े फैसले खुद ही लेते थे। वो अपनी कंपनी और उत्पाद के लिए तीन पहलुओं को बेहद अहम मानते थे, जिसमें गुणवत्ता वाले उत्पाद, ईमानदारी से काम, और सस्ती कीमतें शामिल हैं।
गुलाटी कंपनी में लगभग 80 प्रतिशत हिस्सेदारी के मालिक थे। वह नियमित रूप से खुद ही अपने कारखाने और बाजार का दौरा करते थे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सभी चीजें ठीक प्रकार से चल रही हैं।(MDH Masale Ke Malik Dharampal Gulati)
कौन से पुरस्कार से सम्मानित हैं धर्मपाल गुलाटी MDH Masale Ke Malik Dharampal Gulati
आपको बताते चलें की 2019 में धर्मपाल गुलाटी उन 112 विशिष्ट लोगों में शामिल थे, जिन्हें पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। व्यापार और उद्योग में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए पिछले साल उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्मभूषण से भी नवाज़ा था।
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ब्रिटेन में आ गई कोरोना की वैक्सीन: भारत में पहुंचना है मुश्किल ,जानें क्यों
कोरोना वायरस की महामारी से बुरी तरह प्रभावित ब्रिटेन ने बुधवार को फाइजर-बायोएनटेक के द्वारा तैयार कोरोना वैक्सीन के प्रयोग की अनुमति दे दी है ।
ऐसे में भारत में भी इसके प्रयोग को लेकर लोगों में चर्चा शुरू हो गई है। लेकिन सुकून प्रदान करने वाली इस खबर के बीच भारत के लिए चिंता की बात यह है कि इस वैक्सीन को स्टोर करने के लिए -70 डिग्री तापमान की आवश्यकता होती है और बिना कोल्ड स्टोरेज की सुविधा के इस वैक्सीन को ट्रांसपोर्ट भी नहीं किया जा सकता है। Britain Me Aa Gayi Corona Ki Vaccine
भारत में वर्तमान समय में इन सुविधाओं का अभाव हैऔर इसके अलावा इस वैक्सीन की कीमत का अधिक होना भी एक कारण है, जो भारत में इसके प्रयोग में बाधा भी बनेगा।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) पहले ही कह चुका है कि इस वैक्सीन के लिए कम विकसित देश तैयार नहीं हैं।
डब्ल्यूएचओ ने यह भी कहा है कि कम विकसित देशों के पास वैक्सीन को स्टोर करने की सुविधा उपलब्ध ही नहीं है, जिसके कारण वहां पर इसका प्रयोग बहुत ही मुश्किल है। (Britain Me Aa Gayi Corona Ki Vaccine)
और उधर ब्रिटेन के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस वैक्सीन के प्रयोग की अनुमति दिए जाने के बाद इसे लेकर एक प्रेस वार्ता भी की। मौजूद ब्रिटेन की दवा नियामक एमएचआरए प्रमुख डॉ.जून रेन बोले
इस वैक्सीन (फाइज़र-बायोएनटेत कोविड-19 वैक्सीन) को केवल इसलिए अनुमति दे दी गई है क्योंकि इसके परीक्षण किए गए हैं और परिणाम भी उसके अनुसार आए हैं। सभी लोग पूरी तरह से आश्वस्त हो सकते हैं कि इसमें किसी भी तरह की कमी नहीं छोड़ी गई है।
वैक्सीन के आपात प्रयोग के लिए अन्य देशों में भी आवेदन
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बायोएनटेक के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ओजलेम टुरेकी बोले हमने न सिर्फ केवल यूरोपीय संघ में, बल्कि कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के जैसे देशों में भी रोलिंग आधार पर नियामक प्रस्तुतियां दी हैं।
हमने अमेरिका में अपने टीका के आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति के लिए यूएसएफडीए में आवेदन किया है। हमें दिसंबर के मध्य तक निर्णय आने की उम्मीद है।(Britain Me Aa Gayi Corona Ki Vaccine)
कितनी है फाइज़र-बायोएनटेक की वैक्सीन की कीमत
यह वैक्सीन एमआरएनए प्रकार की कोरोना वैक्सीन है। क्लिनिकल परीक्षण में ही यह मरीजों पर 95 फीसदी तक प्रभावी रही है।
इस वैक्सीन को रखने के लिए -70 डिग्री तापमान की आवश्यकता होती है। वैक्सीन को रेफ्रिजेरेटर के तापमान में 5 दिनों तक रखा जा सकता है।
कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए इसकी दो खुराक की आवश्यकता होगी और दोनों खुराकों के बीच तीन सप्ताह का अंतर होना चाहिए। वैक्सीन की प्रति खुराक की कीमत 15 डॉलर यानि लगभग 1,126 रुपये के आस पास है।
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Pradhanmantri Modi Pahunche Varansi } कृषि कानून के विरोध में जारी किसान आंदोलन का असर देव दीपावली की चमक पर भी नजर आया है। देव दीपावली के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में पहुंचे।
इसके दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बटन दबाकर वाराणसी-प्रयागराज सिक्स लेन हाईवे का लोकार्पण भी किया। और इसके बाद उनके पूरे भाषण में देव दीपावली की बजाये किसान ही छाए रहे थे। Pradhanmantri Modi Pahunche Varansi
गौर करने वाली बात यह है कि खजूरी में प्रधानमंत्री मोदी ने तककरीबन 40 मिनट तक लोगों को संबोधित किया। इसके दौरान करीब 26 मिनट तक वह किसानों के मुद्दों पर ही बोलते रहे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसे किया अपने भाषण का आगाज Pradhanmantri Modi Pahunche Varansi
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी के खजूरी में जनसभा को संबोधित किया। इसके बाद उनका पूरा ध्यान सिर्फ किसान और किसान आंदोलन पर रहा।
पीएम मोदी ने किसानों को अन्नदाता कहा और काशी की धरती से उन्हें नमस्कार भी किया। और इसके दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बनारस के दशहरी और लंगड़ा आम से किसानों की बात की शुरूआत करी और वह अपनी बात को कृषि कानून तक ले गए। Pradhanmantri Modi Pahunche Varansi
एमएसपी से लेकर कृषि कानून तक बोले पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने इस भाषण में एमएसपी से लेकर कृषि कानून तक पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार मंडियों को और आधुनिक बनाने के लिए करोड़ों रुपये का खर्च कर रही है।
उन्होंने कहा कि कृषि कानून के नए कानून के तहत मंडियां और एमएसपी नहीं हटाए जा रहे हैं। अगर कोई पुराने तरीके से ही लेन-देन को उचित समझता है तो नए कृषि कानून में कोई रोक नहीं लगाई है।इस कृषि कानून में नए कृषि सुधारों से नए विकल्प और नए कानूनी संरक्षण दिए गए हैं।
पीएम मोदी ने कहा की कि सरकार कानून बनाती है तो इसे समर्थन और विरोध दोनों ही मिलता है। पहले सरकार का फैसला किसी को भी पसंद नहीं आता था और विरोध होता था।
और अब प्रचार किया जाता है कि फैसला ठीक है, लेकिन आगे चलकर न पता नही है की क्या होगा।और जो नहीं होगा, उसे लेकर समाज में सिर्फ भ्रम फैलाया जा रहा है।और उनका यही काम है। Pradhanmantri Modi Pahunche Varansi
‘गंगाजल और छल ‘ से विपक्ष पर निशाना साधा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण के दौरान विपक्ष पर जमकर साधा निशाना। वो बोले ‘आपको याद रखना है कि यही लोग पहले पीएम किसान सम्मान निधि को लेकर सवाल उठाया करते थे और ये लोग अफवाह फैलाते थे कि मोदी ने सिर्फ एक बार दो हजार रुपया दिए हैं दोबारा नहीं देंगे ।
और एक राज्य ने तो किसान सम्मान योजना लागू ही नहीं होने दिया था। इसके अलावा कर्जमाफी के नाम पर किसानों को धोखा भी दिया गया। Pradhanmantri Modi Pahunche Varansi
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं काशी की इस पवित्र धरती से कहना चाहता हूं कि अब छल से नहीं बल्कि गंगाजल जैसी नीयत से काम किया जा रहा है। भ्रम फैलाने वाले लोगों की सच्चाई देश के सामने आ रही है।
आज जिन किसानों को कृषि सुधारों पर शंकाएं हैं, वे भी आयने वाले समय में इनका लाभ उठाएंगे। अगर कोई पुराने तरीके से ही लेनदेन को ठीक समझता है तो उस पर भी कहीं कोई रोक नहीं लगी है।
नया कानून किसानों के लिए फायदेमंद है। इसमें किसानों को और आजादी भी दी गई है।
एमएसपी पर आंकड़े को भी बताया
(Pradhanmantri Modi Pahunche Varansi)
मोदी बोले कि 2014 से पहले पांच साल में पूरे देश में सिर्फ 650 करोड़ की दाल खरीदी गई। और हमारे पांच साल में 49 हजार करोड़ रुपयों की दालें MSP पर खरीदी गई, मतलब इसमें 75 गुना की बढ़ोतरी हुई है।
और पहले की सरकार ने MSP पर 2 लाख करोड़ का धान खरीदा था , हमने MSP के ज़रिए 5 लाख करोड़ किसान भाइयों तक पहुंचा दिए। उनकी सरकार ने पांच साल में MSP पर सिर्फ 1.5 लाख करोड़ का गेहूं खरीदा था , और जबकि हमने 3 लाख करोड़ का।
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Coolie No 1 2020 Movie Trailer :साल की बहुप्रतीक्षित फिल्म “कुली नंबर 1” का ट्रेलर शनिवार के दिन रिलीज़ कर दिया गया है।
निर्देशक डेविड धवन की यह फिल्म गोविंदा और करिश्मा कपूर अभिनीत 1995 की क्लासिक फैमिली कॉमेडी फिल्म कुली No 1 की रीमेक है।
इस फिल्म में वरुण धवन और सारा अली खान के साथ परेश रावल,जॉनी लीवर, राजपाल यादव और जावेद जाफरी के किरदारों भी ट्रेलर में नज़र आये हैं।
निर्देशक डेविड धवन का क्या है कहना
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फिल्म निर्देशक डेविड धवन इस मौके पर बोले, की “वास्तव में यह भारतीय मनोरंजन के लिए सबसे रोमांचक वक़्त है। मुझे खुशी है कि हमारी प्यार और काफी मेहनत से बनाई गई इस फिल्म को दुनिया भर के दर्शक देखेंगे और अपना प्यार देंगे।
इस फिल्म में सारा अली खान और वरुण ने पहले इसी नाम से बनी सुपरहिट फिल्म के दिग्गज कलाकारों की जगह ली है और उन्होंने काफी शानदार काम भी किया है। मैं अपनी इस फिल्म पर दर्शकों की प्रतिक्रिया को देखने के लिए काफी उत्सुक हूं।”
फिल्म निर्माता वाशु भगनानी का क्या है कहना
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और दूसरी तरफ फिल्म के निर्माता वाशु भगनानी कहते हैं,की “हमारी नंबर 1 फ्रेंचाइज़ी ने कई पीढ़ियों से लोगों का मनोरंजन किया है, जिसके आज 25 साल पूरे हो गए हैं। हमने पूजा एंटरटेनमेंट का सफर फिल्म “कुली नंबर 1” से शुरू किया था।
वरुण धवन और सारा अली खान जैसे युवा कलाकारों के साथ फिल्म का रीमेक बनाकर उन दशकों का जश्न मनाना सच में अद्भुत है।”
फिल्म अभिनेता वरुण धवन का क्या है कहना (Coolie NO 1 2020 Movie)
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फिल्म अभिनेता वरुण धवन बोले ,की “मुझे हमेशा से ओरिजिनल कुली नंबर 1 फिल्म का स्क्रीनप्ले और उसमें कलाकारों की उम्दा परफॉर्मेंस बेहद पसंद रही है।
और यह भी एक कारण है कि इस क्लासिक फिल्म के रीमेक में काम करना मेरे लिए काफी ख़ास है। मुझे इस रोल के लिए तैयारी करने में भी काफी मजा आया था।
बतौर एक्टर इस कॉमेडी फिल्म के रीमेक में काम करना वाकई काफी मौज-मस्ती से भरपूर था। इस फिल्म में सारा अली खान के साथ अलग-अलग जगहों पर शूटिंग कर के हम सभी कलाकारों ने काफी अच्छा समय बिताया है।”
फिल्म अभिनेत्री सारा अली खान का क्या है कहना(Coolie NO 1 2020 Movie)
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‘लव आजकल’ फिल्म के फ्लॉप होने के बाद अभिनेत्री सारा अली खान की सारी उम्मीदें इस फिल्म पर टिकी हैं। वो कहती हैं, की “कुली नंबर 1 में काम करके वाकई मेरा सपना सच हो गया।
हम “मिर्ची लगी” और “हुस्न है सुहाना” जैसे गानों को सुनते-सुनते बड़े हुए हैं। यह मुझे एक सपने के जैसा लगता है कि मैं इन गानों के रीमेक वर्जन में काम कर रही हूं। वरुण धवन के साथ काम करना सच में एक शानदार अहसास था।
वरुण न सिर्फ जबर्दस्त अभिनेता हैं,बल्कि इसके साथ साथ वह दूसरों का ध्यान रखने वाले मददगार और प्रेरणा देने वाले दोस्त भी हैं।”
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Bihar Vidhansabha Me CM Nitesh Kumar Ne Khoya Aapa, Tejasvi Se Bole Dipti CM KISNE Banaya Tha ?
शुक्रवार के दिन बिहार विधानसभा में नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर जमकर हमला बोला। वो बोले कि हम अब तक चुप थे। तेजस्वी हमारे बेटे के जैसे हैं और इनके पिताजी (लालू प्रसाद) हमारी उम्र के ही हैं।
तुमको डिप्टी सीएम किसने बनाया था? आप चार्जशीटेड हो, तुम क्या करते हो,हमे सब पता है ।
और इससे पहले विधानसभा में उस समय जबरदस्त हंगामा होने लगा जब नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी ने राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर व्यक्तिगत टिप्पणी करी।
भारी शोर-शराबे के बीच उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने तेजस्वी के बयान को शर्मनाक करार दिया। वो बोले कि सदन के अंदर इस तरह के बयान शर्मनाक हैं, उन्हें मर्यादा का पालन करना चाहिए। प्रदेश के मुख्यमंत्री पर इस तरह की टिप्पणी नहीं होनी चाहिए। ये गलत परंपरा की शुरुआत है।
चुनाव प्रचार के दौरान दिखाई दी तल्खी को तेजस्वी ने सदन के अंदर भी रखा जारी । उन्होंने सदन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर व्यक्तिगत टिप्पणी की।
उन्होंने कहा, ‘नीतीश जी अपनी चुनावी सभाओं में लालू के नौ बच्चों की बात करते थे। कहते थे की बेटी पर भरोसा नहीं था। बेटे के लिए नौ बच्चे पैदा किए।
क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लड़की पैदा होने का डर था, इसलिए उन्होंने दूसरा बच्चा पैदा ही नहीं किया? मुझे उम्मीद है कि मुख्यमंत्री इस बात को जानते होंगे की मेरे माता-पिता की सबसे छोटी संतान एक लड़की है, जो दो बेटों के बाद पैदा जन्मी थी।’
सत्ताधारी गठबंधन के विरोध के बाद भी तेजस्वी के सदन में दिए गये बयान का राजद ने बचाव किया । राजद नेता सुबोध राय बोले कि व्यक्तिगत हमले नहीं होने चाहिए लेकिन यदि दूसरा व्यक्तिगत हमला करेगा तो हम भी चुप नहीं रहेंगे।
तेजस्वी यादव ने आरोप लगाते हुए कहा कि मैं नौकरियों के बारे में कह रहा था। मैं बिहार के लोगों के सामने झुकता हूं और उनका सम्मान करता हूँ जिन्होंने हमें वोट दिया और हमें सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने में मदद किया। लेकिन अधिकारियों के जोड़-तोड़ के कारण से हमें उन वादों को पूरा करने का मौका ही नहीं मिला।
दूसरी ओर तेजस्वी के बयानों का कड़ा विरोध जताते हुए जदयू नेता गुलाम रसूल बलियावी बपुले कि सदन के अंदर तेजस्वी ने जो बयान दिया वह बेहद शर्मनाक है। बीजेपी के नेता संजय सरावगी ने इसे तेजस्वी यादव की हताशा करार दिया है।
वो बोले कि तेजस्वी नतीजे से पहले ही मुख्यमंत्री बनकर घूम रहे थे। अब करारी हार का सामना करने के कारण फ्रस्टेशन में हैं इसलिए अनाप-शनाप बयान दे रहे हैं।
नीतीश कुमार ने दी सफाई, बोले- मैंने किसी का नाम नहीं लिया तेजस्वी यादव की इस टिप्पणी पर नीतीश कुमार सफाई देते हुए बोले कि मैंने किसी का नाम नहीं लिया था।
वो बोले ,’मैं प्रजनन दर के बारे में बोल रहा था और मैंने यह बात परिहास में कही थी। क्या मैंने किसी के बारे में कुछ बोलै ? लोग इसे खुद से ही अपने ऊपर ले रहे हैं।’
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किसानो का वार, मजबूर हुई सरकार
किसानों की जिद के सामने झुकी सरकार, दिल्ली के बुराड़ी में प्रदर्शन की अनुमति
प्रदर्शन से जुड़ी कुछ खास बातें
सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली कूच कर रहे पंजाब और हरियाणा के किसानों और पुलिस इन दोनों ही लोगों के बीच शुक्रवार सुबह से सिंघु बॉर्डर पर संघर्ष जारी रहा। दोपहर दो बजे आस पास स्थिति ज्यादा बिगड़ गईथी और पुलिस ने करीब 40 राउंड आंसू गैस के गोले दागे थे।
इस बीच किसान संगठन और दिल्ली पुलिस निरंतर ही धरनास्थल को लेकर बात कर रहे थे जिसके बाद यह तय हुआ कि किसानों को दिल्ली के बुराड़ी स्थित निरंकारी समागम में प्रदर्शन करने की अनुमति दी जाएगी।
अब पुलिस किसानों को लेकर दिल्ली पहुंचेगी। वहीं दिल्ली मेट्रो ने एहतियात के तौर पर छह मेट्रो स्टेशनों से आने और जाने की सुविधा बंद कर दी है। (Kisano Ka Dilli Me Virodh Pradarshan )
छात्र नही दे सके शिक्षा
किसान आंदोलन के वजह से बंद किए गए रास्तों के कारण आज कई जगह पर आम लोगों को परेशानि उठानी पड़ी और कॉलेजों के छात्रों की परीक्षाएं भी रद्द कर दी गईं।
किसान बोले हम सिर्फ चाहते हैं शांतिपूर्ण समाधान (Kisano Ka Dilli Me Virodh Pradarshan )
टिकरी बॉर्डर पर जब किसानों को जानकारी मिली कि उन्हें दिल्ली प्रवेश की अनुमति दे दी गयी है तो उन्होंने खुशी जताई। आपको बता दें की एक किसान ने बताया की हमने अपने रास्ते में तकरीबन 10 बाधाएं पार कीं।
हम प्रशासन का शुक्रिया अदा करते हैं कि उन्होंने हमें इजाजत दी ताकि हम प्रदर्शन कर सकें। हम खुश हैं और हम समस्या का सिर्फ शांतिपूर्ण ढंग से समाधान चाहते हैं।
पंजाब किसान संगठन ने कहा की किसानों को दिल्ली जाने की अनुमति मिल गयी है
केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पंजाब के किसानों के संगठनों ने शुक्रवार के दिन को दावा किया कि केन्द्र सरकार ने उन्हें दिल्ली में दाखिल होने और बुराड़ी मैदान में प्रदर्शन करने की मंजरी दे दी है।
क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल बोले , हमें दिल्ली में दाखिल होने की अनुमति मिल गयी है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने किसानो को दिल्ली के बुराड़ी में एक स्थान पर प्रदर्शन करने की अनुमति दे दी है।
बुराड़ी की ओर निकला किसानों का काफिला Kisano Ka Dilli Me Virodh Pradarshan
दिल्ली पुलिस से बुराड़ी के निरंकारी ग्राउंड में प्रदर्शन करने की अनुमति मिलने के बाद अब हरियाणा में जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे किसानों का काफिल बुराड़ी की ओर चल पड़ा है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किया सरकार के फैसले का स्वागत
आपको बता दें की पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों को दिल्ली में प्रवेश देने के लिए केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत किया है।
वो बोले कि किसानों को उनके लोकतांत्रिक अधिकारों के इस्तेमाल करने की इजाजत देने के लिए केंद्र सरकार का धन्यवाद। अब केंद्र सरकार को जल्द से जल्द किसानों से बात कर कृषि बिल से जुड़े उनके सभी मुद्दों को सुलझाने का प्रयास करना चाहिए।
किसानों को मिली दिल्ली आने की अनुमति
दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने अधिकारिक तौर पर यह एलान किया है कि किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति दी जा चुकी है । उन्हें निरंकारी समागम स्थल बुराड़ी तक आने की इजाजत दी गयी है।
उन्हें बुराड़ी में ही प्रदर्शन करना होगा। हालांकि पुलिस ने ये भी बोले है कि किसानों को इसके लिए संयम बरतना होगा तथा शांतिपूर्ण ढंग से पुलिस के साथ चलना होगा।
सिंघु बॉर्डर पर बेकाबूू हुआ किसान
सिंघु बॉर्डर पर अचानक से अफरा-तफरी मच गई थी और किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़नी शुरू कर दी। इसके बाद किसानों को तितर-बितर करने के लिए दिल्ली पुलिस ने आंसू गैस के गोले के साथ साथ पानी की बौछारें भी किसानो पर डाली गयीं , जिससे तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। (Kisano Ka Dilli Me Virodh Pradarshan )
किसानों को हापुड़ रोड पर रोका
दिल्ली कूच कर रहे किसान को पुलिस ने बैरिकेडिंग कर हापुड़ रोड पर सीबीआई अकेडमी के सामने रोका। किसान राष्ट्रीय नेतृत्व के आदेश के इंतजार में हैं।
पंजाब के मुख्यंत्री कैप्टन अमरिंदर ने केंद्र से किया अनुरोध- किसानों से करें बात
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र सर्कार से आग्रह किया है कि वह तुरंत आंदोलन कर रहे किसानों से बात करें और दिल्ली बॉर्डर की तनावपूर्ण स्थिति को सधारें ।
किसानों के प्रदर्शन से दिल्ली में जगह जगह जाम
किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च के मद्देनजर हरियाणा से राष्ट्रीय राजधानी को जोड़ने वाले अधिकतर मार्गों को दिल्ली पुलिस द्वारा बंद कर दिये जाने के बाद शुक्रवार को शहर में अहम रास्तों पर वाहनों का जाम लग गया।
दिल्ली यातायात पुलिस ने बताया है कि इस प्रदर्शन की वजह से ढांसा और झाड़ौदा कलां सीमाएं यातायात के लिए बंद कर दी गयीं हैं तथा यात्रियों को वैकल्पिक मार्ग लेने को कहा गया है।
उसने ट्वीट किया, की ‘टीकरी बार्डर को स्थानीय पुलिस ने यातायात के लिए पूरी तरह बंद कर दिया है। हरियाणा की तथा की और जाने वाला यातायात भी बंद कर दिया गया है।
सभी मोटर वाहनों को किसान संघर्ष समिति के प्रदर्शन की वजह से इस मार्ग से परहेज करने को कहा गया है ।’
हमारी सरकार बनने पर सभी ‘काले कृषि कानूनों’ को रद्द कर दिया जाएगा : कांग्रेस
कांग्रेस पार्टी ने तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली कूच कर रहे किसानों का समर्थन करते हुए शुक्रवार को कहा कि केंद्र में जिस दिन कांग्रेस की सरकार बनेगी उसी दिन इन ‘काले कानूनों’ को निरस्त कर दिया जाएगा।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा है कि उनकी पार्टी किसानों की मांगों को पूरा कराने के लिए उनके साथ है उनके कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।उधर, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा बोलीं कि ‘एक देश, एक चुनाव’ की बात करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसानों के संदर्भ में ‘एक देश, एक व्यवहार’ पर अमल करना चाहिए। (Kisano Ka Dilli Me Virodh Pradarshan )
स्टेडियम नहीं बनेंगे अस्थायी जेल ,दिल्ली सरकार ने पुलिस की मांग को नामंजूर किया
आपको बता दें की दिल्ली सरकार ने पुलिस की मांग ठुकराते हुए राजधानी के नौ स्टेडियम को अस्थायी जेल में बदलने से इनकार कर दिया है। इन अस्थाई जेलों में प्रदर्शनरत किसानों को रखा जाना था।
पंजाब के सिरसा में किसानों ने बैरिकेड लांघा
पंजाब के सिरसा में किसानों को रोकने के लिए जो बेरिकेड लग थीं वो उन लांघकर आगे बढ़ रहे हैं। वो बोलें कि वह अपने हक के लिए दिल्ली जाएंगे। एक प्रदर्शनरत किसान ने कहा कि, हम जो भी करेंगे शांतिपूर्ण तरीके से करेंगे।
हम किसी भी व्यक्ति या संपत्ति को नुकसान नहीं पहुँचाना चाहते हैं और न ही पहुंचाएंगे। अगर हमें एक महीने के लिए भी रुकना पड़ेगा तो हम रुकेंगे। अगर हमें शहीद भी होना पड़ जायेगा तो हम शहीद भी हो जाएंगे।
मथुराः किसानों के एक्सप्रेसवे पर बैठने से लगा लंबा जाम
मथुरा में यमुना एक्सप्रेसवे पर भी किसानों के आंदोलन के कारण लंबा जाम लग गया है। किसान सड़क घेरकर यमुना एक्सप्रेसवे पर बैठे हैं।
संजय सिंह ने केजरीवाल से की दिल्ली पुलिस की मांग ठुकराने की गुजारिश
दिल्ली पुलिस ने केजरीवाल सरकार से नौ स्टेडियम को अस्थायी जेल बनाने की जो मांग की थी उसे लेकर आप के कई नेता विरोध कर रहे हैं।
पहले राघव चड्ढा ने और अब संजय सिंह ने केजरीवाल से गुजारिश की है कि वह दिल्ली पुलिस की यह मांग ठुकरा दें। संजय सिंह ने ट्वीट किया,की ‘वाह मोदी जी क्या देश के अन्नदाता ने आपका पेट भरकर, वोट देकर इसी दिन के लिए देश का प्रधानमंत्री बनाया था कि आप उनके साथ जानवरों के जैसा व्यवहार करें।
मैं मुख्यमंत्री जी से आग्रह करूंगा कि दिल्ली पुलिस की जेल बनाने की मांग ठुकरा दें ,और अन्नदाताओं का स्वागत करें।
किसानों ने लिखी पीएम मोदी को चिट्ठी, और रखी ये तीन मांगें
योगेंद्र यादव ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा के दिल्ली चलो आंदोलन के तहत राजधानी कूच कर रहे किसान ने शुक्रवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। और खत में किसानों ने तीन मांगें करि हैं-
(1) } किसानों को बिना रोके टोक दिल्ली जाने दिया जाए। सभी बैरिकेड को हटाए जाएं, सड़कें खाली करे जाएं और हमें शांतिपूर्ण ढंग से दिल्ली जानें दें
(2) } रामलीला मैदान या अन्य किसी स्थान को खाली कराकर किसानों को दिया जाए ताकि वो वहां पर वह प्रदर्शन कर सकें।
(3) } सरकार सभी किसान प्रतिनिधियों से तत्काल बात करें।
आंसू गैस के गोले के दागने के बाद सिंघु बॉर्डर पर बैठे किसान
आंसू गैस के गोले दागने के बाद पुलिस ने सिंघु बॉर्डर से 500 मीटर का क्षेत्र खाली करा लिया और कुछ समय तो किसान पीछे ही बैठकर प्रदर्शन करते रहे थे लेकिन बाद में किसान आगे आने लगे।
सिंघु बॉर्डर पर आंसू गैस के गोले दाग रही पुलिस, किसान कर रहे डिफ्यूज
सिंघु बॉर्डर पर किसानों के आगे बढ़ने के बाद दिल्ली पुलिस ने उन पर आंसू गैस के गोले दागे थे । ऐसे में पहले से ही पानी की बाल्टियां लेकर तैयार किसानों ने आंसू गैस के गोले उठाकर पानी में डालकर डिफ्यूज करने की कोशिश कर रहे हैं।
सिंघु बॉर्डर पर पुलिस लगातार अपील कर रही है – बैरिकेड से पीछे रहें वरना करनी पड़ेगी कार्रवाई
सिंघु बॉर्डर पर पहुंचे किसानों से पुलिस बार-बार अपील कर रही है कि आप बैरिकेड से पीछे ही रहें और मूवमेंट न करें अगर आप हमारी बात नहीं सुनेंगे या नहीं मानेंगे तो आपके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
टिकरी बॉर्डर पर लगातार जारी है किसानों का संघर्ष
टिकरी बॉर्डर पर बैरिकेडिंग के तौर पर लगाए गए ट्रक को किसान अपने ट्रैक्टर के प्रयोग से हटाने का प्रयास कर रहे हैं। इसे हटाकर वह दिल्ली की ओर कूच करना चाह रहे हैं।
टिकरी बॉर्डर पर सुरक्षाबलों ने किसानों पर छोड़े आंसू गैस के गोले और की पानी की बौछारें
दिल्ली की सीमाओं के साथ साथ नई दिल्ली जिले की सीमाओं को भी पूरी तरह सील कर दिया गया है। दिल्ली पुलिस के साथ-साथ अर्धसैनिक बलों को भी लगाया गया है। नई दिल्ली इलाके में किसी को नहीं जाने दिया जा रहा है।
सिंघु, टिकरी और बहादुरगढ़ बॉर्डर पर ज्यादा दबाव पड़ने की वजह से सीमा सील कर दी गई है। पुलिस ने दिल्ली-बहादुरगढ़ हाईवे के टिकरी बॉर्डर पर इकट्ठा किसानों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछार की हैं और आंसू गैस के गोले छोड़े।
किसान ने फेंका रणदीप सुरजेवाला द्वारा बांटे गए कंबल Kisano Ka Dilli Me Virodh Pradarshan
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला आज सुबह हरियाणा में प्रदर्शन कर्व रहे किसानों से मिलने गए और उन्हें कंबल बांटें, लेकिन किसानों ने नाराज होकर उसे फेंक दिया और उन्हें भी वापस जाने को बोलै।
किसानों ने कहा कि वह किसी भी राजनीतिक दल का समर्थन नहीं लेना चाहते हैं।
छह मेट्रो स्टेशन के निकास और प्रवेश द्वार किये गए बंद
किसानों के दिल्ली चलो आंदोलन को देखते हुए डीएमआरसी ने ग्रीन लाइन पर स्थित एनसीआर के कुछ स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार बंद करने का एलान किया गया है।
डीएमआरसी ने बताया कि ब्रिगेडियर होशियार सिंह,टिकरी बॉर्डर, बहादुरगढ़ सिटी, टिकरी कलां ,पंडित श्री राम शर्मा,और घेवरा मेट्रो स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार रहेंगे बंद। Kisano Ka Dilli Me Virodh Pradarshan
अमृतसर से एक और ट्रैक्टर रैली निकली
जैसा की आप जानते होंगे की हज़ारों की संख्या में जहां किसान पंजाब से दिल्ली बॉर्डर तक पहुंच चुके हैं वहीं पंजाब से किसान मजदूर संघर्ष कमेटी दिल्ली आने की तैयारी कर में लगी है।
कमेटी के लोग अमृतसर से ट्रैक्टर रैली निकालकर दिल्ली की ओर जाएंगे। एक किसान ने बताया है कि हमने एक महीने का खाने का सामान, बर्तन और पकाने के लिए गैस चूल्हा आदि सब अपनी ट्रॉली में रख लिया है और अब हम दिल्ली की ओर जा रहे हैं।
पुलिस ने दिल्ली सरकार से 9 स्टेडियम को अस्थायी जेल बनाने की मांगी अनुमति
किसानों का एक समूह बहादुरगढ़ पहुंचा
पंजाब से आए किसानों का एक समूह बहादुरगढ़ पहुंच गया है और वहां से आगे बढ़ने की लगातार कोशिश कर रहा हैं।
अन्य राज्यों से दिल्ली आ रहे आम लोग भी हैं बेहद परेशान
किसानों के आंदोलन की वजह से जगह-जगह बैरिकेडिंग की गयी है जिसके कारन अन्य राज्यों से दिल्ली आने वाले लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
जम्मू से दिल्ली जा रही शिवांगी का ने बताया है कि मैं जम्मू से आ रही हूं और मुझे कल शाम को दिल्ली पहुंचना था लेकिन अब तक कोई अपडेट नहीं है।
हम दिल्ली जाकर रहेंगे चाहे कुछ भी हो जाए, प्रदर्शनकारी किसान Kisano Ka Dilli Me Virodh Pradarshan
पानीपत से दिल्ली की ओर बढ़ने से पहले सुबह किसानों ने भोजन तैयार किया और सभी ने भोजन किया। एक प्रदर्शनकारी किसान ने कहा, की चाहे कुछ भी हो जाए, हम दिल्ली जाकर ही रहेंगे। हम अपने परिवार और छह महीने के राशन के इंतजाम के साथ यात्रा कर रहे हैं। Kisano Ka Dilli Me Virodh Pradarshan
दिल्ली-गुरुग्राम बॉर्डर पर वाहनों की सघन चेकिंग की वजह से लंबा जाम लग गया है। यहां किसानों के आंदोलन के चलते सीआईएसएफ की टीम को भी तैनात कर दिया गया है और एक-एक वाहन की चेकिंग भी हो रही है।
आपको बता दें की रोहतक-झज्जर बॉर्डर पर भी किसान इकट्ठे होकर दिल्ली की ओर कूच करने के लिए लगातार आगे बढ़ रहे हैं।
सिंघु बॉर्डर पर भारी मात्रा में पुलिस बल है तैनात Kisano Ka Dilli Me Virodh Pradarshan
कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन के मद्देनज़र सिंघू बॉर्डर (हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर) पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।
किसानों पर छोड़े गए आंसू गैस के गोले Kisano Ka Dilli Me Virodh Pradarshan
आपको बताते चलें की ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से सभी गाड़ियों को सिंघु बॉर्डर की तरफ आने से रोक दिया गया है। किसानों को रोकने के लिए आज भी सुरक्षा बलों ने आंसू गैसे के गोलेे छोड़े हैं।
किसानों की जिद के सामने मजबूर हुई सरकार, दिल्ली के बुराड़ी में प्रदर्शन की दी अनुमति
पंजाब से चले किसानों ने पानीपत में डेरा डाला और सुबह शुरू किया मार्च देर शाम किसान दिल्ली से 100 किमी पहले पानीपत टोल प्लाजा तक पहुंच गए।
भारतीय किसान यूनियन हरियाणा के नेता गुरनाम सिंह ने बताया,की किसान रात में यहींपर रुके और सुबह होने पर दिल्ली की ओर कूच किया। इससे पहले पूरा दिन किसान और पुलिस आमने-सामने होते रहे।सिरसा, कुरुक्षेत्र, जींद और फतेहाबाद जिले में भी संघर्ष हुआ। Kisano Ka Dilli Me Virodh Pradarshan
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क्या है फिल्म दुर्गामती के पीछे की कहानी
बॉलीवुड की आने वाली फिल्म दुर्गामति (Durgamati ) जल्द ही रिलीज़ होगी। आपको बता दें की हिंदी सिनेमा में क्रिएटिव और मार्केटिंग के दिग्गज इन दिनों ‘हिंदी हार्टलैंड’ कहकर बुलाते हैं,
इसी हिंदी हृदय प्रदेश की एक लेडी आईएएस अफसर ने उत्तर प्रदेश की पिछली सर्कार समाजवादी पार्टी के समय सीधे सरकार से मोर्चा खोल दिया था। अफसर का नाम दुर्गा नागपाल था।(Durgamati Movie Trailer Review)
खबर उड़ी थी कि इसी अफसर की बायोपिक बनने जा रही है और फिल्म का नाम बताया गया, ‘दुर्गावती’ मगर अजब तफ्तीश हुई तो पता चला कि ऐसी एक फिल्म तो बन रही है
और कहानी भी एक आईएएस अफसर की है परन्तु कहानी का दुर्गा नागपाल से कोई लेना देना ही नहीं है और ये हिट तेलुगु की फिल्म ‘भागमती’ की रीमेक है। आपको बता दें की फिल्म के प्रोड्यूसर भूषण कुमार, अक्षय कुमार और विक्रम मल्होत्रा हैं।(Durgamati Movie Trailer Review)
जैसा की आपको शायद जानकारी होगी की अक्षय कुमार फिल्म ‘लक्ष्मी’ के एक तिहाई निर्माता थे और उनका उतना ही हिस्सा इस फिल्म में भी है।
कंचना’ के निर्देशक राघव लॉरेंस ने हिंदी रीमेक ‘लक्ष्मी’ बनाई। यहां मूल ‘भागमती’ के निर्देशक अशोक ही फिल्म ‘दुर्गामती’ भी बना रहे हैं। अनुष्का शेट्टी जैसी दिग्गज कलाकार के लीड रोल के कारन ‘भागमती’ को हिंदुस्तानी की तमाम सिनेप्रेमी जनता पहले ही देख चुकी है।
कुछ लोगों ने अंग्रेजी सब टाइटल्स (Sub Titles) के साथ देखा तो वहीं कुछ लोगों ने थोड़ा इंतजार करके हिंदी डबिंग के साथ देखा।आपको बता दें की फिल्म ‘दुर्गामती’ के ट्रेलर में अरशद वारसी की मौजूदगी सुखद आश्चर्य की तरह है लेकिन, माही गिल, करण कपाड़िया और जीशू सेनगुप्ता के होने से कोई फर्क पड़ता दिख नही रहा।
कैसा हो सकता है फिल्म दुर्गामती का प्रदर्शन (Durgamati Movie Trailer Review)
शायद आपको पता नहीं होगा मगर फिल्म ‘दुर्गामती’ के लिए सबसे बड़ा लिटमस टेस्ट इसका एक सुपरहिट फिल्म का रीमेक होना ही होगा। (Durgamati Movie Trailer Review)
अपनी मूल फिल्म पर ये फिल्म कितना खरा उतर पाएगी या क्या असर दिखाएगी और हिंदी पट्टी के ज्यादातर दर्शक इसे उसी हिसाब से देखेंगे। इसी के साथ फिल्म दुर्गामती में भूमि पेडनेकर का बतौर अभिनेत्री पहला सोलो इम्तिहान भी होने जा रहा है।
उनके सामने अनुष्का शेट्टी जैसी दमदार व दिग्गज अदाकारा की खींची लाइन से आगे निकलने की चुनौती है। ट्रेलर में तो फिलहाल भूमि उस लकीर के आसपास भी पहुंचती नहीं दिख रही हैं ,हो सकता है कि फिल्म में उनकी मेहनत का असर बेहतर नजर आए और उन्हें सफलता प्राप्त हो (Durgamati Film trailer review)
कब होगी रिलीज़ फिल्म दुर्गामती
फिल्म दुर्गामती के बाकी पक्ष अशोक ने वही रखे हैं जो उनकी मूल फिल्म ‘भागमती’ में दिखे थे। जांच अधिकारियों के अनुसार किरदारों में जीशू सेनगुप्ता और माही गिल की कास्टिंग कम से कम ट्रेलर में परफेक्ट नहीं दिख रही।(Durgamati Movie Trailer Review)
फिल्म अभिनेता अरशद वारसी ने भी अपनी मौजूदा इमेज से बाहर निकलने की कोशिश की है, उनका किरदार कितना दर्शकों की भावनाओं को पकड़ पाता है और उन्हें कितनी संतुधति अदा करेगा ,वह तो 11 दिसंबर को ही पता चलजा।
अगर ट्रेलर के लिहाज से देखें तो ‘दुर्गामती’ में वह ऊर्जा, उल्लास और भावनाओं का उन्नयन शायद नहीं दिख रहा है , जिसकी वजह से अपने ट्रेलर के साथ ही ‘भागमती’ ने हिंदी पट्टी में भी फिल्म को लेकर लोगों में उत्सुकता का माहौल बना दिया था।(Durgamati Film trailer review)
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“क्या है पूरी जानकारी”
दुनिया का सबसे अधिक उपयोग किया जाने वाला सर्च इंजन(Search Engine) आपको घर बैठे पैसे कमाने का मौका दे रहा है ,यदि आप अपने व्यस्त दिनचर्या से कुछ समय अगर निकाल पाएं तो आप एक अच्छी राशि कमा सकते हैं,
आप घर बैठे कुछ टास्क पूरा करके पैसे कमा सकते हैं। आपको दें की गूगल Google भारत में Google Tasks Mate एप की टेस्टिंग कर रहा है और इसके तहत आप अपने स्मार्टफोनका उपयोग करके कुछ साधारण से टास्क पूरा करके पैसे कमा सकते हैं।(Google Earning app task mate)
इसमें आपको किसी दुकान की फोटो क्लिक करने और सभी प्रश्नों के उत्तर टास्क के तौर पर देना पड़ सकता है।और सबसे अच्छी बात यह है कि इस गेम में भाग लेने के लिए आपसे किसी तरह का कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा है।
कैसे खेल सकते हैं गेम ?
गूगल एप टास्क मेट के टास्क Sitting या Field जैसी कैटेगरी में होंगे। पहली कैटेगरी यानी सीटिंग टास्क में आपको अपनी स्थानीय भाषा में अनुवाद करने और किसी वाक्य को बोलकर रिकॉर्ड करने जैसे टास्क मिलेंगे वो आपको पूरे करने होंगे।]
वहीं फील्ड टास्क में आपसे दुकान के अगले हिस्से की तस्वीर लेकर मैपिंग के बारे में जानकारी देनी होगी ।
गेम में लेवल भी होंगे (Google Ke Task Mate App)
आपको बता दें की एप में कई लेवल भी होंगे और साथ ही आपको इस बात की भी जानकारी मिलेगी कि आपने कितने टास्क लेवल पूरे कर लिए हैं और आपकी परफॉर्मेंस कैसी रही है।
और इसके अलावा आपको यह भी पता चलेगा कि आपने कितने पैसे कमाए हैं। आप किसी भी समय ,किसी भी जगह से अपनी सुविधा के अनुसार टास्क को पूरा कर सकते हैं।
“ऐसे निकाल सकते हैं पैसे ” (Google Ke Task Mate App)
टास्क जीतने के बाद आपको जो पैसे मिलेंगे, उन्हें आप किसी भी ई-वॉलेट या बैंक अकाउंट में मंगा सकते हैं, हालांकि फिलहाल गूगल टास्क मेट सिर्फ इनवाइट के आधार पर ही मिल रहा है इसका मतलब है की आप एप को गूगल प्ले-स्टोर से डाउनलोड तो कर सकते हैं लेकिन इस्तेमाल नहीं कर सकते। (Google Ke Task Mate App)
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क्या है मामला ? UP Me Shaadi Ke Naye Kanoon
आपको बता दें की देश के अलग-अलग राज्यों में कोरोना से मचे हाहाकार को देखते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश में शादी-समारोहों में लोगों के शामिल होने को लेकर बहुत ही सख्त दिशा-निर्देश जारी किए है।
कितने लोग हो सकेंगे शामिल ?
प्रदेश में अब शादी-समारोहों में अधिक से अधिक् 100 लोग ही शामिल हो सकेंगे। और वहीं, 100 लोगों की क्षमता वाले मैरिज हॉल में एक बार में सिर्फ 50 लोग ही शामिल हो सकते हैं।
और इसी के साथ साथ आपको बता दें की शादी में बैंड व डीजे लगाने पर भी पाबंदी लगा दी गई है और बुजुर्ग व बीमार व्यक्ति भी समारोह में शामिल नहीं हो सकेंगे।(UP Me Shaadi Ke Naye Kanoon) यदि कोई इन नियमों का उल्लंघन करता हैं तो नियमों के उल्लंघन करने पर एफआईआर दर्ज की जाएगी।
आपको बता दें की जारी की गई एडवायजरी में कहा गया है कि समारोह स्थल पर जहाँ भी समारोह हो रहा हो वहां कोरोना प्रोटोकॉल जैसे मास्क पहनना तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी है।
वहीं, थर्मल स्कैनर व सैनिटाइजर की भी उपलब्धता होनी चाहिए।
वेडिंग इंडस्ट्रीज का इस मुद्दे पर क्या है कहना ?
और आपको बता दें कि समारोहों में लोगों के शामिल होने की संख्या पर सरकार में रविवार के दिन से ही विचार-विमर्श चल रहा था। दरअसल,
वेडिंग इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने बताया है कि सहालग दिनांक 25 नवंबर से 11 दिसंबर तक चलेगी और सभी परिवार इस समय आयोजनों की तैयारियों में दिन-रात एक किए हुए हैं।(UP Me Shaadi Ke Naye Kanoon)
वेडिंग प्लानर, होटलों, बैंड-बाजा और कैटरिंग वाले लोगों का कहना है कि छोटी-बड़ी मिलाकर करीब 35 हजार शादियां इन 17 दिनों में होंगी। ऐसे में मेहमानों की संख्या को सीमित करने पर व्यापार पर बहुत असर पड़ेगा जो कि लॉकडाउन के बाद से ही बदहाल है।
शादी के परिवारजनों का क्या कहना है ?
लोग ने कहा की कार्ड देने के बाद कैंसिल करना मुश्किल होगा, शादी वाले परिवार वालों का कहना है कि शादी का निमंत्रण बांटने के बाद लोगों को आने से मना करना संभव नहीं है ,जबकि सरकार ने कोरोना की समस्या को देखते हुए सख्त एडवायजरी जारी कर दी है।
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