राजनीतिक पंडितों की नजर राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बनेंगे या नहीं ?

राहुल गांधी
राहुल गांधी

कांग्रेसियों के अलावा देश भर के राजनीतिक पंडितों की नजर है कि राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बनेंगे या नहीं ? इस बीच राहुल गांधी ने इस सस्पेंस को और बढ़ाते हुए इंतजार करने की बात कही है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी की अध्यक्षता स्वीकार करने को लेकर किए गए सवाल पर पहली बार अपना पक्ष रखा। राहुल गांधी ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि मैंने अपना मन बना लिया है और मैं काफी स्पष्ट हूं। मैं अध्यक्ष बनूंगा या नहीं यह उस दिन सामने आ जाएगा, जब पार्टी के चुनाव होंगे।

कृपया उस दिन तक इंतजार करें। गौरतलब है कि राहुल गांधी फिलहाल भारत जोड़ो यात्रा में हिस्सा ले रहे हैं। यह यात्रा कन्याकुमारी से कश्मीर तक रखी गई है। राहुल गांधी ने कहा है कि वे इस यात्रा का नेतृत्व नहीं कर रहे, बल्कि महज इसका हिस्सा हैं। राहुल गाँधी यहां भारत जोड़ो यात्रा के दौरान पत्रकारों से कहा कि पदयात्रा यह समझने की कोशिश है कि जमीनी स्तर पर क्या हो रहा है और साथ ही यह, भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस द्वारा किए गए नुकसान की भरपाई की कोशिश है।

भारत जोड़ो यात्रा पर निकले राहुल गांधी ने कहा कि मुझे क्या करना है, इसे लेकर मैं पूरी तरह से क्लियर हूं। मेरे दिमाग में कोई कन्फ्यूजन नहीं है।’ यही नहीं राहुल गांधी ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि उसने देश के सभी संस्थानों पर कब्जा जमा लिया है और उन पर दबाव बना रही है। हम सिर्फ एक राजनीतिक दल से नहीं लड़ रहे हैं। यह लड़ाई भारत की पूरी व्यवस्था और विपक्ष के बीच हो गई है।

दो अलग-अलग विचारों की लड़ाई 

राहुल गांधी ने कहा कि दो अलग-अलग विचारों की यह लड़ाई करीब हजार साल से चली आ रही है और जारी रहेगी। भारत को लेकर दो विजन हैं। एक ऐसा विचार है, जो सबको कंट्रोल करने की बात करता है। इसके अलावा दूसरा ऐसा है, जो खुले विचारों वाला है और सबका सम्मान करता है। इन दोनों के बीच लड़ाई तो जारी ही रहेगी।

बीजेपी आरएसएस अपनी राय रखने के लिए स्वतंत्र हैंः राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कांग्रेस को बचाने के लिए यह यात्रा किए जाने के आरोपों पर कहा कि ‘भाजपा व आरएसएस अपनी राय रखने के लिए स्वतंत्र हैं लेकिन हम लोगों से जुड़ने के लिए यह यात्रा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी संस्थान अब भाजपा के नियंत्रण में हैं और उनका विपक्ष पर दबाव बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। राहुल गांधी ने ‘भारत जोड़ो यात्रा‘ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए कोई संदेश देने के सवाल पर कहा कि ‘मेरे पास कोई संदेश नहीं है।

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