सामने आए आतंकियों के नाम
1. मुदस्सर खादियन खास उर्फ मुदस्सर उर्फ अबू जुंदाल (लश्कर-ए-तैयबा)
2. खालिद उर्फ अबू अकाशा (लश्कर-ए-तैयबा)
3. हाफिज मुहम्मद जमील (जैश-ए-मोहम्मद)
4. मोहम्मद यूसुफ अजहर उर्फ उस्ताद जी उर्फ मोहम्मद सलीम उर्फ घोसी साहब (जैश-ए-मोहम्मद)
5. मोहम्मद हसन खान (जैश-ए-मोहम्मद)
आईये जानते है किस्से क्या था सम्बन्ध
मुदस्सर खादियन खास उर्फ मुदस्सर उर्फ अबू जुंदाल लश्कर-ए-तैयबा से संबद्ध था। उसकी जनाजे की नमाज एक सरकारी स्कूल में हुई, जिसका नेतृत्व जमात-उद-दावा (एक नामित वैश्विक आतंकवादी) के हाफिज अब्दुल रऊफ ने किया। नमाज समारोह में पाक सेना के एक सेवारत लेफ्टिनेंट जनरल और पंजाब पुलिस के आईजी शामिल हुए।
हाफिज मुहम्मद जमील का जैश-ए-मोहम्मद से संबद्ध था। वह मौलाना मसूद अजहर का सबसे बड़ा साला था।
मोहम्मद यूसुफ अजहर उर्फ उस्ताद जी उर्फ मोहम्मद सलीम उर्फ घोसी साहब का भी जैश-ए-मोहम्मद से संबद्ध था। वह मौलाना मसूद अजहर का साला था। वह आईसी-814 अपहरण मामले में भी वांछित था।
खालिद उर्फ अबू अकाशा का लश्कर-ए-तैयबा से संबद्ध था। वह जम्मू-कश्मीर में कई आतंकवादी हमलों में शामिल था और अफ़गानिस्तान से हथियारों की तस्करी में शामिल था। उसका अंतिम संस्कार फ़ैसलाबाद में हुआ था और उसमें पाकिस्तानी सेना के वरिष्ठ अधिकारी और फ़ैसलाबाद के डिप्टी कमिश्नर शामिल हुए थे।
मोहम्मद हसन खान का भी जैश-ए-मोहम्मद से संबद्ध था। वह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में जैश के ऑपरेशनल कमांडर मुफ़्ती असगर खान कश्मीरी का बेटा था। उसने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों के समन्वय में अहम भूमिका निभाई थी।
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