Thursday, June 26, 2025
Home Blog Page 2

सीएम योगी की दखल के बाद कानपुर में डीएम बनाम सीएमओ का विवाद खत्म

कानपुर में डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह और सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी के बीच महीनों से चल रहा तीखा विवाद आखिरकार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हस्तक्षेप के बाद खत्म हो गया। विवादों में घिरे सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी को उनके पद से हटा दिया गया है और उनकी जगह श्रावस्ती में तैनात डॉ उदय नाथ को कानपुर का नया सीएमओ नियुक्त किया गया है। इस प्रशासनिक टकराव ने न केवल ब्यूरोक्रेसी को हिलाया, बल्कि बीजेपी और सपा के दिग्गजों को भी आमने-सामने ला दिया।

                                   कैसे शुरू हुआ था विवाद

विवाद की शुरुआत फरवरी 2025 में हुई। जब डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने सीएमओ कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान सीएमओ सहित कई वरिष्ठ अधिकारी बिना सूचना के अनुपस्थित पाए गए। इसके बाद डीएम ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) का दौरा किया। जहां दस्तावेजों में अनियमितताएं, चिकित्सा सेवाओं में कमी और कर्मचारियों की लापरवाही सामने आई। डीएम ने इन कमियों को गंभीरता से लेते हुए सीएमओ के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की और शासन को उनकी तबादले की मांग वाला पत्र भेजा।

विवाद तब और भड़क गया जब एक ऑडियो क्लिप वायरल हुई। जिसमें कथित तौर पर सीएमओ ने डीएम के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। अभी 14 जून को विवाद ज़्यादा बढ़ गया और सीएमओ को मीटिंग से बाहर कर दिया गया था। जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में रहा।

                            सीएम योगी का फैसला: नए सीएमओ की नियुक्ति

इस मामले की गूंज लखनऊ और दिल्ली तक पहुंचने के बाद सीएम योगी ने कड़ा रुख अपनाया। शासन ने डॉ. हरिदत्त नेमी को तत्काल प्रभाव से हटा दिया और उदय नाथ को कानपुर का नया सीएमओ नियुक्त किया। सूत्रों के अनुसार, सीएम ने इस विवाद को बीजेपी की छवि को नुकसान पहुंचाने वाला माना और इसे जल्द खत्म करने का निर्देश दिया।

                                नए सीएमओ के लिए कैसी है आगे की राह ?

नए सीएमओ डॉ उदय नाथ के सामने कानपुर की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने की बड़ी चुनौती है। डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा हमारा लक्ष्य जनता को बेहतर सुविधाएं देना है। प्रशासन में अनुशासन और पारदर्शिता बरकरार रहेगी। दूसरी ओर इस विवाद ने कानपुर की ब्यूरोक्रेसी में सुधार की जरूरत को एक बार फिर रेखांकित किया है। कानपुर का यह प्रशासनिक ड्रामा भले ही खत्म हो गया हो। लेकिन इसके सियासी और सामाजिक निहितार्थ लंबे समय तक चर्चा में रहने की संभावना है।

                               बीजेपी में दो फाड़, सपा को मिला मुद्दा

इस विवाद ने बीजेपी के स्थानीय नेताओं को दो खेमों में बांट दिया। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, एमएलसी अरुण पाठक और विधायक सुरेंद्र मैथानी ने डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को पत्र लिखकर सीएमओ का समर्थन किया और उनके तबादले का विरोध किया। इसे डिप्टी सीएम के प्रति समर्थन के तौर पर देखा गया। वहीं बीजेपी के बिठूर विधायक अभिजीत सिंह सांगा और विधायक महेश त्रिवेदी ने डीएम का पक्ष लेते हुए सीएमओ पर भ्रष्टाचार और निजी अस्पतालों के साथ सांठगांठ के आरोप लगाए। बीजेपी के बिठूर विधायक अभिजीत सिंह सांगा ने सीएम योगी को पत्र लिखकर सीएमओ के तबादले की मांग की थी।

विपक्षी सपा ने इस विवाद को बीजेपी की अंदरूनी कलह और प्रशासनिक विफलता का सबूत बताते हुए सरकार पर निशाना साधा। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस में तंज कसते हुए कहा पहले इंजन टकरा रहे थे, अब कोच और गार्ड का डिब्बा भी टकरा रहा है। अधिकारियों की इस लड़ाई में जनता लुट रही है। सपा विधायक अमिताभ बाजपेयी ने भी इस मुद्दे को उठाया और उच्चस्तरीय जांच की मांग की।

                            सीएमओ का दावा: षडयंत्र का हुए शिकार

वही डॉ. हरिदत्त नेमी ने अपने बचाव में एक वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने दावा किया कि उन्होंने एक सीबीआई चार्जशीटेड फर्म का 30 लाख रुपये का भुगतान रोका था। जिसके बाद उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहा कि मैंने स्वास्थ्य विभाग में सुधार के लिए काम किया। लेकिन कुछ लोग मेरे खिलाफ झूठे आरोप लगा रहे हैं। हालांकि उनके इस बयान पर डीएम समर्थक नेताओं ने सवाल उठाए।

read more :   ईरान ने इजरायली स्टॉक एक्सचेंज-अस्पताल को उड़ाया, यरूशलम गूंजे धमाके

ईरान ने इजरायली स्टॉक एक्सचेंज-अस्पताल को उड़ाया, यरूशलम गूंजे धमाके

ईरान अब इजरायल पर जबरदस्त काउंटर अटैक कर रहा है। ईरान इजरायल पर जबरदस्त मिसाइल अटैक कर रहा है। तेल अवीव, बीर्शेबा समेत 4 शहर ईरान के निशाने पर हैं। साउथ इजरायल के बीर्शेबा शहर पर ईरान की मिसाइल एक अस्पताल में गिरी है। इसके अलावा ईरान ने रमत गान और होलोन पर भी हमला किया है। तेल अवीव में सबसे ज्यादा तबाही देखने को मिल रही है। हाई राइज इमारतों को ईरान के मिसाइल अटैक में सबसे ज्यादा नुकसान देखने को मिल रही है। बताया जा रहा है कि तेल अवीव के अलग-अलग इलाकों में 7 ईरानी मिसाइल गिरी हैं। खबर ये भी है कि ईरान ने इजरायल के स्टॉक एक्सचेंज को भी निशाना बनाया है और इसे नुकसान पहुंचा है।

                       नेतन्याहू ने ईरान को चेतावनी दी ?

वहीं इजरायल के अस्पताल और अन्य इलाकों में ईरान के ताजा हमले के बाद प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कड़ी चेतावनी दी है। नेतन्याहू ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा-ईरान के आतंकवादी तानाशाह (अयातुल्ला अली खामेनेई) के सैनिकों ने सरोका अस्पताल और नागरिक आबादी पर मिसाइलें दागी हैं। अब उन्हें इसकी पूरी कीमत चुकानी होगी।

                             ईरान के मिसाइल हमले में कितने घायल ?

वही ईरान की एक मिसाइल गुरुवार तड़के दक्षिणी इजराइल के मुख्य अस्पताल पर गिरी जिससे कई लोग घायल हो गए और ‘‘व्यापक पैमाने पर क्षति’’ हुई। इजराइली मीडिया ने मिसाइल हमले के कारण क्षतिग्रस्त हुईं खिड़कियों और इलाके से उठते घने काले धुएं के फुटेज प्रसारित किए। ईरान ने तेल अवीव में एक ऊंची अपार्टमेंट इमारत और मध्य इजराइल में अन्य जगहों पर हमले किए। इजराइल की ‘मैगन डेविड एडम’ बचाव सेवा के अनुसार, इन हमलों में कम से कम 40 लोग घायल हुए हैं।

            ईरान ने इजरायल के मुख्य अस्पताल ‘सोरोका’ पर दागी मिसाइलें

ईरानी मिसाइल ने ‘सोरोका मेडिकल सेंटर’ को निशाना बनाया जो इजराइल के दक्षिण में स्थित मुख्य अस्पताल है। अस्पताल की वेबसाइट के अनुसार, इस अस्पताल में 1,000 से अधिक बिस्तर हैं और यह इजराइल के दक्षिण के लगभग 10 लाख निवासियों को सेवाएं प्रदान करता है। बयान में कहा गया है कि अस्पताल के कई हिस्से क्षतिग्रस्त हो गए हैं और आपातकालीन कक्ष में मामूली रूप से घायल कई लोगों का इलाज किया जा रहा है। अस्पताल को नए मरीजों के लिए बंद कर दिया गया है और केवल उन मरीजों को भर्ती किया जा रहा है जो किसी जानलेवा समस्या से जूझ रहे हैं। यह साफ नहीं हो पाया है कि हमले में कितने लोग घायल हुए हैं।

                                 इजराइल ने ईरान के एटमी रिएक्टर पर हमला

इस बीच इजराइल ने ईरान के अराक भारी जल रिएक्टर पर हमला किया। ईरान के विशाल परमाणु कार्यक्रम पर यह हमला संघर्ष के 7वें दिन किया गया। इजराइल ने सात दिन पहले ईरान के सैन्य स्थलों, वरिष्ठ अधिकारियों और परमाणु वैज्ञानिकों को निशाना बनाकर अचानक हमले किए जिससे यह संघर्ष शुरू हो गया। ईरान ने इजराइल पर सैकड़ों मिसाइल और ड्रोन दागे लेकिन अधिकतर को इजराइल के एयर डिफेंस सिस्टम ने मार गिराया।

                                   इजरायल ने पहले ही दी थी चेतावनी

इजराइल ने गुरुवार की सुबह पहले ही चेतावनी दी थी कि वह रिएक्टर पर हमला करेगा और उसने लोगों से क्षेत्र छोड़कर जाने को कहा था। हमले को लेकर विस्तृत जानकारी नहीं मिल पाई है लेकिन अग्निशमन कर्मियों ने कहा कि ऐसा लगता है कि चिकित्सकीय इमारत और कुछ अपार्टमेंट इमारतों को निशाना बनाया गया है। इस बात की तत्काल जानकारी नहीं मिल सकी कि इन हमलों में कोई हताहत हुआ है या नहीं।

                                      ईरान के सुप्रीम लीडर ने कहा………

अराक रिएक्टर तेहरान से 250 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में है। परमाणु रिएक्टर को ठंडा करने के लिए भारी जल रिएक्टर का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन यह प्लूटोनियम भी बनाता है जिसका संभावित रूप से परमाणु हथियारों में उपयोग किया जा सकता है। ईरान पर इजराइल के हवाई हमले सातवें दिन भी जारी रहे। इससे एक दिन पहले ईरान के सर्वोच्च नेता ने अमेरिका के सरेंडर के आह्वान को खारिज कर दिया था और चेतावनी दी थी कि अमेरिकियों की किसी भी सैन्य भागीदारी से उन्हें ‘‘अपूरणीय क्षति’’ होगी।

read more :  पीएम मोदी ने सख्त रुख अपनाते हुए ट्रंप से कहा,यूएस ट्रेड डील का लालच नहीं

पीएम मोदी ने सख्त रुख अपनाते हुए ट्रंप से कहा,यूएस ट्रेड डील का लालच नहीं

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत और पाकिस्तान में सीजफायर कराने का क्रेडिट लेने की डोनाल्ड ट्रंप की होड़ के बीच पीएम नरेंद्र मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति से पहली बार बात हुई। 35 मिनट की फोन कॉल में पीएम मोदी ने आतंकवाद पर सख्त रुख अपनाते हुए डोनाल्ड ट्रंप को साफ कर दिया कि भारत को अमेरिका के साथ ट्रेड डील का लालच नहीं है और आतंकवाद के खिलाफ किसी भी तरह का समझौता नहीं करेंगे।

विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बताया कि बातचीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र ने डोनाल्ड ट्रंप से कहा कि पाकिस्तान की गोली का जवाब भारत गोले से देगा। ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है। पीएम मोदी ने आतंकवाद की लड़ाई में स्पष्ट रूप से डोनाल्ड ट्रंप से कहा कि भारत किसी भी ट्रेड डील का सहारा नहीं लेगा और भारत की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी।

सीजफायर कराने का दावा करते रहे ट्रंप

22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले के बाद 6 मई की रात को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च कर पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था। इसके बाद 7 मई को बौखलाहट में पाकिस्तान ने भारत के सैन्य ठिकानों पर हमला करने की नाकाम कोशिश की और फिर भारत ने भी जवाबी कार्रवाई की। 3 – 4 दिन चली लड़ाई के बाद पाकिस्तान के आग्रह पर दोनों देशों ने सीजफायर का फैसला किया। हालांकि डोनाल्ड ट्रंप बार-बार ये कहते हुए नजर आए थे कि उन्होंने सीजफायर के लिए भारत और पाकिस्तान की मध्यस्थता करवाई।

ट्रंप ने पीएम मोदी को अमेरिका आने का दिया न्यौता

डोनाल्ड ट्रंप ने उस वक्त यह भी बताया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान से कहा है, ‘मैं तुम्हें बहुत ट्रेड दूंगा, युद्ध खत्म कर दो। पीएम मोदी 17 जून को G-7 सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए कनाडा गए थे। यहां उनकी सम्मेलन से इतर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात होनी तय थी। हालांकि डोनाल्ड ट्रंप सम्मेलन पूरा होने से पहले ही वापस लौट आए। जिसकी वजह से यह मुलाकात नहीं हो सकी। इसलिए उन्होंने अब पीएम मोदी को फोन करके अमेरिका आने का न्यौता दिया है। हालांकि प्रधानमंत्री का पहले से ही कनाडा से वापसी में क्रोएशिया का दौरा शेड्यूल है।

35 मिनट ट्रंप से हुई पीएम मोदी की बात

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आग्रह पर आज दोनों नेताओं की फोन पर बात हुई। बातचीत लगभग 35 मिनट चली। विक्रम मिसरी ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप से यह भी साफ कहा 7 – 10 मई के बीच न तो भारत-अमेरिका ट्रेड डील पर बात हुई और न ही भारत और पाकिस्तान की लड़ाई खत्म करवाने के लिए अमेरिका की मध्यस्थता पर किसी भी स्तर पर कोई बात हुई।

read more :   फास्टैग को लेकर 15 अगस्त से बदल जाएंगे नियम, कैसे मिलेगा सालाना पास

फास्टैग को लेकर 15 अगस्त से बदल जाएंगे नियम, कैसे मिलेगा सालाना पास

अगर आप गाड़ी चलाते हैं तो आपके लिए जरूरी खबर है। केंद्र सरकार आगामी 15 अगस्त से फास्टैग के नियम में बदलाव करने जा रही है। सरकार की इस पहल के तहत 15 अगस्त 2025 से ₹3,000 की कीमत वाला फास्टैग आधारित वार्षिक पास शुरू किया जा रहा है। यह पास सक्रिय होने की तिथि से एक साल तक या 200 यात्राओं तक, जो भी पहले हो, वैध रहेगा।

सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस बात की जानकारी शेयर करते हुए कहा है कि यह पास केवल गैर-व्यावसायिक निजी वाहनों (कार, जीप, वैन आदि) के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है और यह देशभर के राष्ट्रीय राजमार्गों पर निर्बाध यात्रा को संभव बनाएगा। चलिए आपको बताते हैं किस तरह आप हासिल कर पाएंगे यह वार्षिक फास्टैग। क्या होगी इसके लिए प्रोसेस।

सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी
सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी

इस तरह मिलेगा वार्षिक फास्टैग

अगर आपके पास वार्षिक फास्टैग नहीं है। तो आप इसे आसानी से हासिल कर सकते हैं। वार्षिक फास्टैग पास के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने जानकारी देते हुए बताया कि इसके एक्टिवेशन और रिन्युअल को बेहद आसान और डिजिटल फ्रेंडली बनाने के लिए सरकार जल्द ही एक समर्पित लिंक लॉन्च करने जा रही है। यह लिंक राजमार्ग यात्रा मोबाइल ऐप के साथ-साथ NHAI और MoRTH की ऑफिशियल वेबसाइट्स पर उपलब्ध होगा।

इससे यूज़र्स बिना किसी मैन्युअल झंझट के अपने फास्टैग वार्षिक पास को कुछ क्लिक्स में एक्टिवेट या रिन्यू कर सकेंगे। इस पूरी प्रोसेस को पेपरलेस, तेज़ और ट्रांसपेरेंट बनाने पर फोकस किया गया है। जिससे करोड़ों निजी वाहन मालिकों को बेहतरीन डिजिटल एक्सपीरियंस मिल सकेगा।

किन हाईवे पर होगा लागू ?

इस फास्टैग के वार्षिक पास को लेकर बहुत से लोगों के मन में कई तरह के सवाल भी आ रहे होंगे। देश के किन किन हाईवे और एक्सप्रेस वे पर यह नया वार्षिक पास लागू होगा। तो आपको बता दें यह देश के सभी नेशनल हाईवे,स्टेट हाईवे और सभी एक्सप्रेसवे पर लागू होगा। इस वार्षिक पास के लागू होने से बार-बार रिचार्ज का झंझट भी खत्म हो जाएगा।

फास्टैग क्या है ?

यह फास्टैग एक ऐसा डिवाइस है जो रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन यानी RFID टेक्नोलॉजी का उपयोग करता है, जिससे टोल का पेमेंट सीधे उससे जुड़े प्रीपेड खाते से किया जा सकता है। यह आपके वाहन की विंडस्क्रीन पर चिपका होता है और आपको नकद लेन-देन के लिए रुके बिना टोल प्लाजा से गुजरने में सक्षम बनाता है। आपको अपनी आवश्यकता के अनुसार टैग को रिचार्ज/टॉप अप करना होता है।

फास्टैग के फायदे

फास्टैग के इस्तेमाल के कई फायदे हैं। इसके इस्तेमाल पर ग्राहक को अपने टैग खाते में किए गए सभी लेन-देन के लिए अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एसएमएस अलर्ट मिलते हैं। ग्राहक को टोल भुगतान के लिए नकदी ले जाने की चिंता करने की ज़रूरत नहीं होती है। ग्राहक डेबिट कार्ड या नेट बैंकिंग के ज़रिए अपने टैग खाते को ऑनलाइन रिचार्ज कर सकते हैं। इसके अलावा, ग्राहक फास्टैग ग्राहक पोर्टल पर लॉग इन करके अपने स्टेटमेंट देख सकते हैं।

कमर्शियल वाहनों पर पास लागू नहीं होगा

और हां आपको ये भी बता दें कि कमर्शियल वाहनों पर यह वार्षिक पास लागू नहीं होगा। यह सिर्फ निजी कार, जीप, वैन और नॉन कमर्शियल वाहनों पर ही लागू होगा। इस पास के लागू होने के बाद 60 किलोमीटर के दायरे में आने वाले टोल प्लाज़ाओं को लेकर लंबे समय से चली आ रहें कन्सर्न्स की समस्या भी खत्म हो जाएगी।

read more :  ईरान के हाइपरसोनिक जवाब के बाद इजरायल के जेट फाइटर्स ने मचाई तबाही

ईरान के हाइपरसोनिक जवाब के बाद इजरायल के जेट फाइटर्स ने मचाई तबाही

ईरान और इजराइल के बीच जारी युद्ध ने अब एक नया मोड़ लिया है। ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई ने बुधवार को जंग का एलान करते हुए ट्विटर (एक्स) पर लिखा, “हैदर के नाम पर जंग शुरू होती है। हम आतंकी यहूदी शासन को कड़ा जवाब देंगे।” उनके इस पोस्ट के बाद ईरान ने इजराइल के विभिन्न शहरों पर 25 मिसाइलें दागीं। जवाबी हमले में इजरायल ने भी ताबड़तोड़ हमले किए। इसके बाद ईरान ने इजरायल की ओर फत्ताह मिसाइलें दागीं हैं। इधर, अमेरिका ने यरूशलेम में तीन दिनों के लिए अपना दूतावास बंद कर दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि, हमें पता है कि खामेनेई कहां छुपा है। अब ट्रंप का अगला कदम क्या होगा, इसपर सबकी निगाहें टिकी हैं।

ट्रंप ने टॉप आर्मी ऑफिशियल्स के साथ की मीटिंग

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजराइल-ईरान युद्ध पर बातचीत के लिए अपने शीर्ष सैन्य सलाहकारों से मुलाकात की। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने दावा किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति तनाव कम करना चाहते हैं। यह बैठक व्हाइट हाउस सिचुएशन रूम में हुई। ट्रम्प प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रम्प और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने फोन पर बातचीत की। यह स्पष्ट नहीं है कि क्या बात हुई।

ऑपरेशन “राइजिंग लॉयन” बनाम ऑपरेशन ऑनेस्ट प्रॉमिस 3

इजरायली सेना के प्रवक्ता ने बुधवार को बताया कि हम अब ऑपरेशन “राइजिंग लॉयन” को अंजाम दे रहे हैं और हमने ईरान की परमाणु, बैलिस्टिक और कमांड क्षमताओं पर गहरी चोट पहुंचाई है। हम सैन्य ठिकानों पर निशाना साध रहे हैं। इधर, ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स ने कहा कि इजरायल पर हुए हालिया हमले के दौरान हाइपरसोनिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया है। हमने ऑपरेशन ऑनेस्ट प्रॉमिस 3 की 11वीं वेव को अंजाम दिया है।

फत्ताह मिसाइलें एक ‘हाइपरसोनिक’ मिसाइल है – ईरान

सीएनएन ने अपनी रिपोर्ट में बताया, ईरान के मुताबिक, उसकी फत्ताह मिसाइलें एक ‘हाइपरसोनिक’ मिसाइल है, जो मैक 5 या ध्वनि की गति से पांच गुना (करीब 3,800 मील प्रति घंटा, 6,100 किलोमीटर प्रति घंटा) की स्पीड से चलती है और निशाना भेदने में सक्षम है।

तेल अवीव के एक हिस्से को खाली करने की चेतावनी जारी

ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स ने तेल अवीव के एक हिस्से को खाली करने की चेतावनी जारी की है। इस चेतावनी में हिब्रू में एक बयान शामिल है, जिसमें निवासियों से उत्तरी तेल अवीव के हिस्से को तुरंत छोड़ने के लिए कहा गया है। यह धमकी तब आई है, जब आईडीएफ ने फ़ारसी में इसी तरह की चेतावनी जारी की थी, जिसमें तेहरान के एक हिस्से से लोगों को निकालने का आग्रह किया गया था। ईरानी चेतावनी में एक नक्शा है, जो इज़राइली चेतावनी में शामिल नक्शे के समान दिखाई देता है।

यरुशलेम में अमेरिका ने बंद किया दूतावास

यरुशलम में अमेरिका ने तीन दिनों के लिए अपना दूतावास बंद कर दिया है। अमेरिकी विदेश विभाग ने मंगलवार को कहा कि, “सुरक्षा स्थिति को देखते हुए और इजरायल होम फ्रंट कमांड के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए, यरुशलेम में अमेरिकी दूतावास बुधवार, 18 जून से शुक्रवार (20 जून) तक बंद रहेगा। इसमें यरुशलम और तेल अवीव में वाणिज्य दूतावास अनुभाग शामिल हैं।

21 मुस्लिम देशों ने किया ईरान का समर्थन

पकिस्तान, सऊदी अरब सहित 21 देशों ने ईरान की समर्थन किया है। सभी देशों ने एक साझा बयान जारी करते हुए कहा कि इजरायल ने ईरान पर हमला कर अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया है।

इजराइली अटैक में ईरान में मारे गए 585 लोग

ईरान में अभी तक कम से कम 585 लोग मारे गए और 1,326 अन्य घायल हुए हैं। वॉशिंगटन स्थित एक मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के समूह ने कहा कि उसने इजरायली हमले में मारे गए 239 लोगों की पहचान की है। वे सभी सामान्य नागरिक हैं। वहीं 126 लोगों की पहचान सुरक्षाकर्मियों के रूप में हुई है।

जी-7 के देशों ने हमारे नागरिकों की हत्या की अनदेखी की – ईरान

जी-7 के देशों ने एक साझा बयान में इजरायल का समर्थन किया, जिस पर ईरान की प्रतिक्रिया सामने आई है। ईरान के विदेश मंत्रालय ने कहा, “जी-7 नेताओं के बयान में ईरान के खिलाफ इजरायल की आक्रामकता और हमारे शांतिपूर्ण परमाणु बुनियादी ढांचे पर गैरकानूनी हमलों के साथ-साथ आवासीय क्षेत्रों को निशाना बनाने और हमारे नागरिकों की हत्या की अनदेखी की गई है।

भारत 110 मेडिकल छात्रों को निकाला गया

तेहरान में फंसे 110 भारतीय मेडिकल छात्रों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। इनके साथ-साथ भारत के कुछ और लोग भी निकाले गए हैं। वे सभी आर्मेनिया के बॉर्डरसे बाहर निकले हैं। ईरानी मीडिया के मुताबिक इजरायल ने पूर्वी तेहरान में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स से जुड़े इमाम हुसैन विश्वविद्यालय को निशाना बनाया है।

बंद हुआ अमेरिकी दूतावास

अमेरिका ने यरुशलम में अपना दूतावास फिलहाल बंद कर दिया है। अमेरिकी विदेश विभाग ने मंगलवार को कहा है कि सुरक्षा स्थिति को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। इजरायल के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए यरुशलम में दूतावास बुधवार से शुक्रवार तक बंद रहेगा।

ईरान के बैंक पर साइबर हमला

ईरान के बैंक सेपाह के ग्राहकों को साइबर हमले के कारण बैंकिंग सेवाओं में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सीएनएन की रिपोर्टे के मुताबिक ईरान ने इजरायल से जुड़े एक हैकर ग्रुप ने बैंक के सिस्टम में सेंध लगाने का दावा किया है।

5 दिन बादआया शी जिनपिंग का बयान

इजरायल और ईरान के बीच चल रही बीते 5 दिनों से जंग के बाद पहली बार चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने चुप्पी तोड़ी है। चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि बीजिंग इस संघर्ष और टकराव से बहुत चिंतित है। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने मंगलवार को रिपोर्ट में कहा कि चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि उनका देश मध्य पूर्व में अचानक तनाव बढ़ने से बहुत चिंतित है। जो ईरान के खिलाफ इजरायल की सैन्य कार्रवाई के कारण हुआ है।

21 मुस्लिम देशों ने किया ईरान का समर्थन

पकिस्तान, सऊदी अरब सहित 21 देशों ने ईरान की समर्थन किया है। सभी देशों ने एक साझा बयान जारी करते हुए कहा कि इजरायल ने ईरान पर हमला कर अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया है।

ईरान को कमजोर करने के लिए कुछ भी करेंगे – इजरायल

इजरायल के राजदूत रुवेन अजार ने कहा, “हम ईरान के परमाणु कार्यक्रम को कमजोर करने के लिये हमारी क्षमता में जो कुछ भी होगा, उसे करेंगे। अगर हम कूटनीतिक समाधान तक पहुंचने में कामयाब होते हैं तो बेहतर होगा।

बिना किसी शर्त सरेंडर करे ईरान – ट्रंप

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान से दो टूक कहा है कि बिना किसी शर्त के सरेंडर करे। इसके अलावा उन्होंने ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई को भी धमकी देते हुए कहा कि हमें पता है कि आप कहां छिपे हुए हैं, लेकिन आप सुरक्षित हैं। हम आपको नहीं मारेंगे। ट्रंप ने कहा कि ईरान के एयरस्पेस पर अब हमारा कंट्रोल है।

यूक्रेन ने अपने नागरीकों को इजरायल-ईरान छोड़ने के लिए कहा

मिडिल ईस्ट में जारी जंग के बीच यूक्रेन ने अपने नागरीकों को इजरायल और ईरान छोड़ने के लिए कहा है। यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने कहा, “मिडिल ईस्ट में सुरक्षा को लेकर गिरावट आई है। इजरायल और ईरान में रह रहे यूक्रेनी नागरीक जल्द से जल्द उस जगह को छोड़ दें। इससे पहले चीन और दक्षिण कोरिया ने भी अपने नागरिकों को इजराइल और ईरान छोड़ने की सलाह दी थी।

read more :  बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पंहुचा परदेशी बाबा ट्रस्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पंहुचा परदेशी बाबा ट्रस्ट

महाराष्ट्र के थाने की एक दरगाह को हटाए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप किया है। सुप्रीम कोर्ट ने सात दिनों तक यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया। परदेशी बाबा ट्रस्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है, जिसमें दरगाह को हटाए जाने की अनुमति दी गई थी। लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, यह मामला 23 साल से परदेशी बाबा ट्रस्ट और एक प्राइवेट कंपनी के बीच चल रहा है। यह कंपनी जमीन पर मालिकाना हक होने का दावा करती है।

कंपनी का कहना है कि दरगाह के 160 स्कवायर फीट के क्षेत्र को बढ़ाकर 17,160 स्कवायर फीट तक फैला दिया गया और यह जमीन कंपनी की है। इस निर्माण के लिए थाने म्युनिसिपिल कॉर्पोरेशन की भी अनुमति नहीं लगी गई। जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस बी वराले की बेंच मामले पर सुनवाई कर रही थी।

हाईकोर्ट ने परदेशी बाबा ट्रस्ट को लगाई फटकार

बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस निर्माण के खिलाफ दाखिल रिट पेटीशन पर सुनवाई करते हुए अनधिकृत हिस्से को तोड़ने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान इस तरह दरगाह के पास निर्माण करने के लिए परदेशी बाबा ट्रस्ट को फटकार लगाई और थाने म्युनिसिपिल कॉर्पोरेशन पर भी नाराजगी जताई कि उसने मामले से जुड़े हलफनामे में तथ्यों को लेकर स्पष्ट जानकारी नहीं दी।

ट्रस्ट की तरफ से सीनियर एडवोकेट हुफेजा अहमदी ने हाईकोर्ट के फैसले को गलत ठहराते हुए कहा कि कोर्ट ने इस पर ध्यान नहीं दिया कि अप्रैल, 2025 में ही निर्माण को लेकर दाखिल सिविल मुकदमा खारिज कर दिया गया था। उनका यह भी कहना है कि विवाद 3,600 स्कवायर फीट में किए गए निर्माण को लेकर था। लेकिन हाईकोर्ट का फोकस पूरे 17,610 स्कवायर फीट के निर्माण पर था।

ट्रस्ट ने धर्म की आड़ में जमीन पर किया अतिक्रमण

जमीन पर मालिकाना हक बताने वाली कंपनी की तरफ से सीनियर एडवोकेट माधवी दीवान पेश हुईं। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट ने धर्म की आड़ में जमीन पर अतिक्रमण किया। एडवोकेट माधवी ने म्युनिसिपल रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए पूरे धार्मिक निर्माण को गैरकानूनी ठहराया और कहा कि ट्रस्ट ने ध्वस्त किए गए ढांचे के कुछ हिस्से को फिर से बना लिया है और यह दिखाता है कि वह लगातार कोर्ट के आदेश की अवहेलना कर रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता

एडवोकेट माधवी ने याचिकाकर्ता ट्रस्ट से सवाल किया कि उसे किसने 17,000 स्कवायर फीट की पब्लिक लैंड पर निर्माण की इजाजत दी है। उन्होंने सवाल किया कि दरगाह के लिए कितनी जमीन अलॉट की गई थी। यह एक प्राइवेट लैंड है, पब्लिक नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद प्रक्रियागत अनियमितताओं और तथ्यों को लेकर स्पष्टता नहीं होने पर चिंता जताई। इस बात पर भी अस्पष्टता है कि क्या 10 मार्च, 2025 के विध्वंस के आदेश का पूरी तरह से पालन किया गया। जस्टिस मेहता ने कहा कि मुकदमे के खारिज होने की बात का खुलासा न करना निराशाजनक है और अगर हाईकोर्ट को यह बात पता होती तो वह अलग निष्कर्ष पर पहुंच सकता था।

सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट में इस बिंदू को उठाने की ट्रस्ट को अनुमति दी और सात दिनों के लिए विवादित स्थल पर यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि हाईकोर्ट को तथ्य बताएं ताकि वह इस पर विचार करे।

read more :  इंडिया गठबंधन से जिसे जाना है वो निकल जाए – अखिलेश यादव

इंडिया गठबंधन से जिसे जाना है वो निकल जाए – अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। अखिलेश यादव ने कहा, ‘यूपी में बिजली बहुत महंगी होने जा रही है। बिजली इतनी महंगी हो जाएगी कि कई लोग अपना मोबाइल भी चार्ज नहीं कर पाएंगे। पहले आउटगोइंग चीफ मिनिस्टर और डिप्टी सीएम में लड़ाई थी।

पहले इंजन टकरा रहे थे और अब सब डिब्बे यूपी में टकरा रहे हैं।’ वहीं इमरान मसूद के इंडिया गठबंधन वाले बयान पर अखिलेश यादव ने कहा हमें किसी के बयान से कोई लेना देना नहीं है। इंडिया गठबंधन साथ में चुनाव लड़ेगा, जिसको जाना है चला जाए गठबंधन से। पीडीए गठबंधन इमोशनल गठबंधन है, जो पीड़ित हैं वो पीडीए हैं।

अहमदाबाद विमान हादसे पर कही ये बात

अखिलेश यादव ने आगे कहा कि इजरायल में जो लोग नौकरी के लिए गए हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ से अनुरोध है कि वो एयर इंडिया की फ्लाइट में खुद जाएं और सबको वहां से वापस लेकर आएं। अहमदबाद हादसे में कहीं ऐसा तो नहीं कि किसी नाकाबिल आदमी को नौकरी दे दी गई, जिसके कारण ये हादसा हुआ है। बता दें कि इससे पहले सोमवार को अखिलेश यादव ने कहा था कि साल 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ेगी। अखिलेश यादव ने ये बात लखनऊ में आयोजित समाजवादी अल्पसंख्यक सभा की बैठक में कही थी।

जातीय जनगणना पर बोले अखिलेश यादव

जातीय जनगणना को लेकर अखिलेश यादव ने कहा कि जातीय जनगणना बहुत जरूरी है। पंचायत चुनाव में भाजपा AI का इस्तेमाल कर रही है। जिससे इस तरह से बूथ बढ़ाए, ताकि सपा को नुकसान हो। अखिलेश यादव ने आगे कहा कि जहां भी युद्ध हो रहा है। वहां जो छात्र पढ़ाई कर रहे हैं या जो लोग वहां नौकरी कर रहे हैं, उन लोगों को सरकार वापस बुलाए। पीएम तो वहीं आसपास गए हैं अपने साथ उन लोगों को ही लेकर आ जाएं। अहमदाबाद हादसे को लेकर उन्होंने कहा कि इस हादसे की जिम्मेदारी सरकार की बनती है। अब तक इस मामले में कोई भी इस्तीफा नहीं हुआ है।

read more :  अमेरिका में असीम मुनीर की हुई बेइज्जती, पाकिस्तानियों ने किया विरोध प्रदर्शन

अमेरिका में असीम मुनीर की हुई बेइज्जती, पाकिस्तानियों ने किया विरोध प्रदर्शन

अमेरिका के बुलावे पर वाशिंगटन पहुंचे पाकिस्तान के आर्मी चीफ असीम मुनीर को बड़ी बेइज्जती का सामना करना पड़ा है। वाशिंगटन में दर्जनों पाकिस्तानी-अमेरिकियों ने जनरल असीम मुनीर के खिलाफ किया जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। पाकिस्तानियों ने अमेरिकी सेना परेड के दौरान मुनीर का विरोध जताया और जमकर उनके खिलाफ नारेबाजी की। इस विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य अमेरिकी नीति निर्माताओं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान पाकिस्तान में सेना की भूमिका और लोकतंत्र पर उसके प्रभाव की ओर आकर्षित करना था।

शेयर किया विरोध का वीडियो

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान-तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने भी जनरल असीम मुनीर के भारी विरोध होने का एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें दिखाया गया है कि बड़ी संख्या में पाकिस्तानी लोग वाशिंगटन में असीम मुनीर का विरोध कर रहे हैं। वह कह रहे हैं कि पाकिस्तान में हमें लोकतंत्र चाहिए, सेना का शासन नहीं।

असीम मुनीर पाकिस्तान में लोकतंत्र का हत्यारा

यह प्रदर्शन उस समय हुआ जब जनरल मुनीर संयुक्त राज्य अमेरिका की सेना की 250वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित परेड में भाग लेने के लिए अमेरिका के दौरे पर थे। प्रदर्शनकारी ने हाथों में तख्तियां और बैनर लिए हुए थे, जिन पर पाकिस्तान में मानवाधिकारों के हनन, लोकतंत्र के दमन और पत्रकारों पर अत्याचार को लेकर नारे लिखे गए थे। उन्होंने जनरल मुनीर को पाकिस्तान में लोकतंत्र के हत्यारे के रूप में पेश किया। साथ ही मुनीर को राजनीतिक अस्थिरता, चुनावों में हस्तक्षेप और सेना की बढ़ती राजनीतिक भूमिका के लिए जिम्मेदार ठहराया।

पाकिस्तानियों ने दिया ये संदेश

प्रदर्शन स्थल पर मौजूद एक पाकिस्तानी-अमेरिकी नागरिक ने कहा हम अमेरिका की धरती से दुनिया को यह संदेश देना चाहते हैं कि पाकिस्तान के लोग सेना के अत्याचारों के खिलाफ हैं। गौरतलब है कि जनरल मुनीर अमेरिका की यात्रा के दौरान डोनाल्ड ट्रंप द्वारा आयोजित 250वीं यूएस आर्मी परेड में विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित थे। यह परेड अमेरिकी सेना की स्थापना की वर्षगांठ के रूप में आयोजित की गई थी। जिसमें कई देशों के सैन्य प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

read more :   ईरान के खिलाफ जंग में इजरायल-अमेरिका एक साथ: वर्ल्ड वॉर का खतरा बढ़ा

ईरान के खिलाफ जंग में इजरायल-अमेरिका एक साथ: वर्ल्ड वॉर का खतरा बढ़ा

ईरान और इजरायल के बीच चल रहा युद्ध का आज पांचवां दिन है। दोनों देशों के बीच युद्ध बढ़ता जा रहा है और दोनों देश एक दूसरे पर ताबड़तोड़ हमले कर रहे हैं। इजरायल के हवाई हमलों में ईरान में कम से कम 224 लोग मारे गए हैं, जिनमें तेहरान के कुछ शीर्ष सैन्य कमांडर, परमाणु वैज्ञानिक और नागरिक शामिल हैं। वहीं इजरायली अधिकारियों ने कहा है कि उनके क्षेत्र में ईरानी हमलों में महिलाओं और बच्चों सहित कम से कम 24 लोग मारे गए हैं। इजरायल की सेना ने मंगलवार को सुबह ही चेतावनी दी थी कि उसने ईरान से लॉन्च की गई नई मिसाइलों का पता लगा लिया है।

ईरान से बातचीत का अब मूड नहीं – डोनाल्ड ट्रंप

अमेरिका ने इजरायल के हेल्प के लिए एक और बड़ा कदम उठाया है, अमेरिका ने अपना विमान वाहक यु्द्धपोत यूएसए निमित्ज को मिडिल ईस्ट भेज दिया है। इस युद्धपोत की खासियत ये है कि ये परमाणु ऊर्जा से चलता है। मि़डिल ईस्ट में निमित्ज़ की मौजदूगी अमेरिका और इजरायल को और ताकतवर बना देगा। इतना ही नहीं, अमेरिका ने इजरायल की मदद के लिए पांच और एयरफ्यूलिंग टैंकर भेजे हैं। जो आसमान में फाइटर जेट्स में एयरफ्यूलिंग करेगा, साथ ही डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष को “वास्तविक अंत” तक पहुंचाने की इच्छा जताते हुए कहा कि वह ईरान के साथ बातचीत करने के मूड में नहीं हैं।

ईरान पर दबाव बनाने की कोशिश

शुक्रवार को इजरायल के बड़े पैमाने पर ईरान पर किए गए हमलों के बाद मिडिल ईस्ट में स्थिति अब बिगड़ती जा रही है। इजरायल के हमलों का मुख्य उद्देश्य ईरान के परमाणु और सैन्य बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाना था। इजरायल के इस तरह से किए गए हमले के बाद ईरान की तरफ से जवाबी कार्रवाई शुरू हो गई। अमेरिका ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर उसपर समझौता करने का दबाव बना रहा है और इसे लेकर तेहरान और वाशिंगटन के बीच बातचीत के दौरान इजरायल और ईरान के बीच भीषण गोलीबारी हुई।

डोनाल्ड ट्रंप की आखिरी कोशिश है कि ईरान को परमाणु समझौते के लिए तैयार किया जाए। इसके लिए अमेरिका के उप राष्‍ट्रपति जेडी वेंस और ईरानी विदेश मंत्री के बीच जल्‍द ही मुलाकात हो सकती है। वहीं अमेरिका के और ज्‍यादा युद्धपोत भी खाड़ी की ओर बढ़ रहे हैं। माना जा रहा है कि यह ईरान पर दबाव बनाने के लिए किया जा रहा है। बता दें कि इजरायल कई दिनों से ईरान के परमाणु ठिकानों पर बम और मिसाइलें गिरा रहा है लेकिन इससे कोई खास नुकसान नहीं पहुंचा है।

ईरान का फोर्डो परमाणु केंद्र पर इजरायल की नजर

इजरायल का कहना है कि ईरान परमाणु बम बनाने से मात्र एक कदम दूर है। इजरायल के सामने सबसे बड़ी मुश्किल ईरान का फोर्डो परमाणु सुविधा केंद्र है जिसे तबाह करने के लिए बंकर बस्‍टर की जरूरत है। यह केंद्र ईरान ने पहाड़ के कई फुट नीचे बनाया है ताकि किसी हमले से उसे बचाया जा सके। इसको नष्‍ट करने की क्षमता केवल अमेरिका के पास है जो अपने परमाणु बॉम्‍बर की मदद से बंकर बस्‍टर बम गिरा सकता है। ईरान इसी का फायदा उठाते हुए चाहता है कि इस लड़ाई से अमेरिका दूर रहे। ईरान और इजरायल के बीच जारी जंग के बीच चीन ने कहा है कि अमेरिका जल रही आग में घी डालने का काम कर रहा है।

ट्रंप का बदलता बयान, सब हैं हैरान

कनाडा से लौट रहे डोनाल्ड ट्रंप ने अपने बयान में बदलाव किया और कहा, ‘ईरान परमाणु हथियार रखने के बहुत करीब है। इससे पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि ईरान को संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करना चाहिए था और निवासियों से ईरानी राजधानी को खाली करने का आग्रह किया। “सीधे शब्दों में कहें तो, ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं हो सकता। मैंने इसे बार-बार कहा है! सभी को तुरंत तेहरान खाली कर देना चाहिए।

डोनाल्ड ट्रंप के बयान से तेहरान में मचा हड़कंप

उधर डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी के बाद ईरान की राजधानी तेहरान में हड़कंप मच गया है। तेहरान में रह रहे लोगों में ज़बरदस्त घबराहट देखने को मिल रही है। बड़ी संख्या में लोग तेहरान छोड़ रहे हैं। तेहरान की सड़कों पर गाड़ियों की लंबी कतार नज़र आ रही हैं। तेहरान में ये पैनिक क्यों है? इसकी वजह डोनाल्ड ट्रंप है, ईरानियों को लग रहा है कि अमेरिका कभी भी तेहरान पर अटैक कर सकता है। आज ट्रंप जी-समिट बीच में छोड़कर लौट रहे हैं, तो ट्रंप राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद से आज रात सिचुएशन रूम में तैयार रहने को कहा है। ट्रंप की तेहरान खाली करने की चेतावनी ये बताती है कि वो बहुत बड़ा फैसला लेने वाले हैं।

आग में घी डाल रहा अमेरिका – चीन

चीन ने ईरान-इजराइल के बीच चल रहे युद्ध को लेकर अमेरिका को चेतावनी दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तेहरान के लोगों से शहर खाली करने के लिए कहा था। इसको लेकर चीन ने सख्त प्रतिक्रिया दी है। उसने अमेरिका को युद्ध का जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि वह आग में घी डालने का काम कर रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने एक प्रेस वार्ता में ट्रम्प की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर कहा आग को हवा देने या उसमें घी डालने से मौजूदा स्थिति में सुधार नहीं आएगा। किसी को धमकी देकर या फिर दबाव बनाकर मामले को शांत नहीं करवा जा सकता है। यह और ज्यादा बढ़ जाएगा।

प्रधानमंत्री नेतन्याहू का बड़ा बयान

ईरान पर जारी अटैक के बीच, इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू का बड़ा बयान सामने आया है। नेतन्याहू ने कहा है कि ये जंग ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई की हत्या से ही खत्म होगी। नेतन्याहू ने कहा- हम वही कर रहे हैं जो हमें करना है। नेतन्याहू ने दावा किया कि खामेनेई को निशाना बनाना संघर्ष को बढ़ाएगा नहीं, बल्कि इसे खत्म करेगा। तो वहीं, ईरान का कहना है कि इजरायल और ईरान की इस लड़ाई में अमेरिका सीधे शामिल नहीं होगा।

read more :   ईरान में फंसे भारतीय छात्रों का छलका दर्द, सरकार को भेजा मैसेज

ईरान में फंसे भारतीय छात्रों का छलका दर्द, सरकार को भेजा मैसेज

ईरान में लगातार बढ़ रहे इजरायली हवाई हमलों के बीच सैकड़ों भारतीय मेडिकल छात्र अपनी जान बचाने के लिए अपार्टमेंट के बेसमेंट में छिपे हुए हैं। गोलियों की आवाजें, बम धमाकों की गूंज और इंटरनेट की धीमी रफ्तार के बीच छात्र दिन-रात घबराए हुए हैं। इस विकट परिस्थिति में भारतीय छात्रों ने केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगाई है। कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के रहने वाले इम्तिसाल मोहिदीन, तेहरान की शाहिद बेहेश्ती यूनिवर्सिटी में तीसरे वर्ष के एमबीबीएस छात्र हैं।

उन्होंने कहा, ‘मैं शुक्रवार को रात 2:30 बजे तेज धमाकों की आवाज से जाग गया। घबराकर बेसमेंट में भागा। तब से लेकर अब तक चैन की नींद नहीं सो पाया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के आसपास धमाके हो रहे हैं और एक विस्फोट तो मात्र 5 किलोमीटर की दूरी पर हुआ। शाहिद बेहेश्ती यूनिवर्सिटी में 350 से अधिक भारतीय छात्र पढ़ते हैं। अब वे सभी खौफ के साए में जीने को मजबूर हैं। यूनिवर्सिटी ने सभी कक्षाएं स्थगित कर दी हैं और छात्रों को बाहर निकलने से मना किया गया है। हम अब पूरे दिन अपार्टमेंट के बेसमेंट में छिपे रहते हैं। रातभर बमबारी की आवाजें आती हैं। हमने तीन दिन से आंख नहीं बंद की।

डॉक्टर बनने आए थे, अब जिंदा लौटने की कर रहे कोशिश

तेहरान से करीब 1,000 किलोमीटर दूर किरमान शहर में पढ़ रहे एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र फैज़ान नबी ने भी ANI से बात की। वे श्रीनगर के रहने वाले हैं और किरमान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज़ में पढ़ाई कर रहे हैं। फैज़ान ने कहा, “हमारे शहर में आज गोलीबारी की आवाजें सुनी गईं। तेहरान में रह रहे मेरे दोस्त बेहद डरे हुए हैं। दहशत इतनी है कि हमें पीने का पानी 3-4 दिनों के लिए स्टोर करने को कहा गया है। हर दिन डर के साए में बीत रहा है। उन्होंने आगे कहा, “मेरे माता-पिता दिन में 10 बार कॉल करते हैं। इंटरनेट इतना कमजोर है कि मैं ठीक से मैसेज तक नहीं भेज पाता। हम यहां डॉक्टर बनने आए थे, लेकिन अब हालत ऐसी हो गई है कि बस जिंदा घर लौटने की उम्मीद कर रहे हैं।

बस भारत लौटने की उम्मीद

जम्मू-कश्मीर के सोपोर की रहने वाली मिधात ईरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज में चौथे वर्ष की छात्रा हैं। उन्होंने बताया कि जब पहला हमला हुआ तो वह रात सबसे डरावनी थी। न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में उन्होंने कहा, “धमाकों की आवाजें इतनी पास से आईं कि लगा जैसे सब कुछ यहीं हो रहा हो। चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई। सब घबराए हुए थे। हम लगातार अपने परिवार से संपर्क में रहने की कोशिश कर रहे हैं और हर एक खबर पर नजर बनाए हुए हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि विश्वविद्यालय की तरफ से ज्यादा सहयोग नहीं मिला है। भारतीय दूतावास व्हाट्सएप के ज़रिए लगातार संपर्क में है, लेकिन हमने यूनिवर्सिटी से मदद की उम्मीद छोड़ दी है। हममें से ज्यादातर छात्र अब केवल अपार्टमेंट में बंद होकर दिन काट रहे हैं। डर इतना है कि बाहर निकलने की हिम्मत नहीं होती। ईरान के सीमित हवाई क्षेत्र और लगातार जारी बमबारी के कारण छात्रों को यह नहीं पता कि हालात कब सामान्य होंगे। वे अब सिर्फ भारत लौटने की उम्मीद लगाए हुए हैं।

घर में रहें, हेल्पलाइन से जुड़े रहें – भारतीय दूतावास

ईरान में बिगड़ती स्थिति के मद्देनजर तेहरान स्थित भारतीय दूतावास ने एक सार्वजनिक सलाह जारी करते हुए सभी भारतीय नागरिकों और भारतवंशियों से घरों के अंदर रहने और दूतावास की ओर से दिए गए टेलीग्राम लिंक से जुड़ने को कहा है। दूतावास ने कहा कि यह लिंक केवल उन्हीं लोगों के लिए है, जो वर्तमान में ईरान में हैं। दूतावास ने एक पोस्ट में कहा हम अनुरोध करते हैं कि सभी भारतीय नागरिक दिए गए टेलीग्राम लिंक से जुड़े ताकि उन्हें स्थिति से संबंधित ताजा अपडेट मिलते रहें। इसके साथ ही, दूतावास ने आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं।

हालांकि छात्रों का कहना है कि डर का माहौल इतना गहरा है कि केवल सलाह और मैसेज से राहत नहीं मिल रही। इम्तिसाल मोहिदीन ने भावुक होकर कहा हम भारत सरकार से हाथ जोड़कर निवेदन करते हैं कि हमें जल्द से जल्द यहां से सुरक्षित निकाला जाए। इससे पहले कि हालात और बिगड़ें।

read more :  मोहनलालगंज स्थित एसीपी ऑफिस के गेट पर दबंगों ने जमकर की मारपीट

मोहनलालगंज स्थित एसीपी ऑफिस के गेट पर दबंगों ने जमकर की मारपीट

लखनऊ के मोहनलालगंज के कल्ली पूरब गांव में जमीन विवाद को लेकर शुरू हुई मारपीट कोतवाली पहुंचकर जंग में तब्दील हो गई। एसीपी दफ्तर में घुसकर लाठी-डंडे चले साथ ही कोतवाली गेट से लेकर रायबरेली हाईवे तक दबंगों ने तांडव किया। एक दूसरे को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। मिट्टी के बर्तन, घड़े से हमला किया। सड़क किनारे खड़ीं बाइकें गिरा दीं। कस्बे में ड्यूटी कर रहा सिपाही बीच बचाव में अकेले कूद पड़ा लेकिन उसकी कोई सुन नहीं रहा था।

अकेले सिपाही ने संभाला मोर्चा

कोतवाली गेट से शुरू हुए विवाद को रोकने का प्रयास कर रहे सिपाही के साथ भी अभद्रता की गई। उसके कई बार कहने पर भी दोनों पक्ष अलग नहीं हुए। मारपीट करते हुए कोतवाली गेट से आरोपित एसीपी मोहनलालगंज कार्यालय में घुस गए। करीब दस मिनट तक मारपीट होती रही। मात्र एक सिपाही विकास जायसवाल काफी देर तक स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास करता रहा। दबंगों की दहशत से आस पास के दुकानदार भी बीच बचाव करने की हिम्मत नही जुटा सके। राहगीरों ने वीडियो बनाया कोई घड़ा उठा कर दूसरे पर हमला कर रहा था तो कोई प्लास्टिक का पाइप लेकर विपक्षी पर हमला कर रहा था। मोहनलालगंज कोतवाली गेट से एसीपी दफ्तर के बीच हुए संघर्ष को देख राहगीर भी हड़बड़ा गए। कुछ लोगों ने घटना का वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया।

एसीपी ऑफिस के गेट पर हुई मारपीट

आपको बताते चले कि वीआईपी ड्यूटी होने के नाते कोतवाली में फोर्स कम थी। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद अतिरिक्त फोर्स पहुंची तो स्थिति संभली। सिपाही विकास जायसवाल की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कल्ली पूरब के ग्राम प्रधान रामखेलावन के द्वारा लगाए गए गेट पर ताले तथा ज़मीन को लेकर गांव के रहने वाले राम जियावन से विवाद चल रहा है। रविवार को इसी को लेकर दोनों पक्षों में पथराव हुआ।

शिकायत लेकर राम जियावन का पक्ष कोतवाली पहुंच गया। थोड़ी देर बाद ग्राम प्रधान रामखेलावन भी कुछ लोगों के साथ कोतवाली पहुंचे। जहां दोनों पक्षों में फिर मारपीट शुरू हो गई। मारपीट करते हुए दबंग रायबरेली हाईवे पर पांडेय मार्केट तक पहुंच गए जिसे जो मिला उसी से हमला किया। दबंग मारपीट करते हुए एसीपी दफ्तर के भीतर भी घुस गए।

सिपाही की तहरीर पर दर्ज हुआ मुकदमा

इंस्पेक्टर दिलेश कुमार सिंह ने बताया कि सिपाही विकास जायसवाल ने मोहनलालगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है। सिपाही की तहरीर पर पुलिस ने 14 नामजद व 25 अज्ञात के खिलाफ 7 सीएल एक्ट, मारपीट, बलवा व गाली-गलौज करने का केस दर्ज किया है। जिसके आधार पर राम जियावन, राम सिंह, सुमित, राम कुमार, दिनेश, सर्वेश, प्रदीप, अनुज और चन्द्रशेखर को गिरफ्तार किया गया। मारपीट में शामिल नौ लोगों को पकड़ा गया है। वीडियो के आधार पर अन्य लोगों की पहचान की जा रही है। जिन्हें जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। गांव में तनाव को देखते हुए पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। मौके पर शांति व्यवस्था कायम है।

read more : यूपी में पहली बार इसरो ने पेलोड के साथ किया सफल रॉकेट टेस्टिंग

यूपी में पहली बार इसरो ने पेलोड के साथ किया सफल रॉकेट टेस्टिंग

यूपी के कुशीनगर जिले से बड़ी खबर सामने आ रही है। यहां इसरो और इन-स्पेस के सहयोग ने एस्ट्रोनॉटिकल सोसायटी ऑफ इंडिया द्वारा एक रॉकेट लॉन्च की सफल टेस्टिंग की गई। इसमें खास बात यह रही कि इस रॉकेट के साथ एक पेलोड को भी भेजा गया था। यह ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया। यह मॉडल राकेट शनिवार की शाम पांच बजकर 14 मिनट पर लॉन्च किया गया जो 1.1 किलोमीटर तक की ऊंचाई तक पहुंचा। यह कार्यक्रम पूरे क्षेत्र और पूरे देश के बच्चों में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के प्रति रुचि पैदा करने के लिए आयोजित किया जा रहा है।

1.1 किलोमीटर ऊंचाई तक गया रॉकेट

वहीं टेस्टिंग स्थल पर मौजूद इसरो के वैज्ञानिक अभिषेक सिंह ने कहा, ‘‘रॉकेट को शाम पांच बजकर 14 मिनट 33 सेकंड पर प्रक्षेपित किया गया, जो 1.1 किलोमीटर की ऊंचाई तक गया। इसके बाद एक छोटा उपग्रह (पेलोड) बाहर आया। जैसे ही यह पांच मीटर नीचे आया, इसका पैराशूट सक्रिय हो गया और उपग्रह जमीन पर 400 मीटर की दूरी पर उतर गया। पंद्रह किलोग्राम का रॉकेट भी सुरक्षित रूप से नीचे उतरा।

सफलतापूर्वक हुई टेस्टिंग

इसके अलावा इन-स्पेस के संवर्धन निदेशालय के निदेशक विनोद कुमार ने इसे टेस्टिंग की सफलता की पुष्टि की। उन्होंने कहा, ‘‘यह कार्यक्रम पूरे क्षेत्र और पूरे देश के बच्चों में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के प्रति रुचि पैदा करने के लिए आयोजित किया जा रहा है।’’ विनोद कुमार ने कहा कि यह पहली बार था जब उत्तर प्रदेश में रॉकेट द्वारा सीधे उपग्रह प्रक्षेपित किया गया, जो पूरी तरह सफल रहा। इन-स्पेस अंतरिक्ष विभाग (डीओएस) के तहत संचालित एक स्वायत्त निकाय है।

यूपी में पहली बार हुई रॉकेट लॉन्च की टेस्टिंग

दरअसल यूपी के कुशीनगर जिले में एक सफल मॉडल रॉकेट लॉन्च टेस्टिंग की गई। यह पहली बार है जब राज्य से रॉकेट के जरिए कोई पेलोड प्रक्षेपित किया गया। अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी दी। भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन एवं प्राधिकरण केंद्र (इन-स्पेस) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के सहयोग से एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा शनिवार को यह परीक्षण किया गया। इसमें मॉडल रॉकेट शाम पांच बजकर 14 मिनट पर 1.1 किलोमीटर ऊपर तक गया।

read more :  जेसीबी से खुदाई के दौरान भर भराकर गिरे 6 मकान, 3 की मौत

जेसीबी से खुदाई के दौरान भर भराकर गिरे 6 मकान, 3 की मौत

उत्तर प्रदेश के मथुरा में एक साथ 6 मकानों के भरभराकर गिरने का मामला सामने आया है। मलबे के नीचे दबने से 3 लोगों की मौत हो गई है। वहीं अभी भी कई लोग मलबे में दबे हुए बताए जा रहे हैं। जिन्हें निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है। अचानक मकानों के गिरने से इलाके में अफरा-तफरी मच गई थी। स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां बाड़े में (खुली भूमि) में जेसीबी से खुदाई चल रही थी। इस दौरान यह हादसा हो गया। मथुरा के थाना गोविंद नगर क्षेत्र में एक बड़ी घटना सामने आई है। यहां कच्ची सड़क पर बने 6 मकान अचानक भरभराकर गिर गए। यह मकान कच्चे टीले पर बने हुए थे। मकान गिरने की आवाज सुनकर आसपास के लोग अपने घरों से बाहर निकल आए।

अचानक भरभरा कर गिरे 6 मकान

जानकारी के मुताबिक, रविवार दोपहर करीब 12 बजे ये हादसा हुआ। अब तक 3 लोगों की मौत हो चुकी है। 4 लोगों को मलबे से बाहर निकाला गया है। अभी भी 10-12 लोगों के दबे होने की खबर है। मलबे मे दबे हुए लोगों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू जारी है। सूचना मिलने पर पुलिस, नगर निगम, प्रशासन और दमकल की टीम मौके पर पहुंची हैं। रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है। मृतकों की पहचान तोताराम (38), दो सगी बहनें यशोदा (6) और काव्या (3) के तौर पर हुई है।

जेसीबी से चल रही थी खुदाई

सभी 6 मकान जो ढहे हैं, वो मिट्टी के टीले पर बने हुए थे. लोगों ने बताया कि यहां बाड़े (खुली भूमी) में जेसीबी से खुदाई चल रही थी। तभी अचानक मिट्टी धसी और एक के बाद एक सभी मकान मलबे में तब्दील हो गए। लोगों ने बताया कि जब हादसा हुआ तो ऐसा लगा कि भूकंप आ गया हो। लोगों को भागने तक का मौका नहीं मिला। वहीं पुलिस लोगों से पूछताछ कर घटने की जांच में जुट गई है।

read more :  इंद्रायणी नदी पर बना पुल टूटा, 10 से 15 लोगों के बह जाने की आशंका

इंद्रायणी नदी पर बना पुल टूटा, 10 से 15 लोगों के बह जाने की आशंका

महाराष्ट्र के पुणे में आज की शाम बड़ा हादसा हो गया। इंद्रायणी नदी पर बने पुल का आधा हिस्सा टूटकर गिर गया। जब ब्रिज गिरा तब मौके पर कई लोग उसी पुल पर मौजूद थे। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि करीब 10 से 15 लोग नदी में बह गए हैं। दरअसल पुणे के मावल में कुंड मॉल में पुल गिरने से कुछ पर्यटक डूब गए हैं। बताया जा रहा है कि यह घटना दोपहर करीब 3.40 तीन बजे की है। पुल का जो हिस्सा गिरा, वहां पत्थर भी मौजूद थे। जो लोग पत्थर पर गिरे हैं, उन्हें गंभीर चोटें आई हैं। वहीं कई लोग नदी की धारा में बह गए हैं।

छुट्टी होने के कारण थी ज्यादा भीड़

रविवार होने के चलते बड़ी संख्या में पर्यटक वहां मौजूद थे। कुछ लोग पुल पर खड़े थे और तस्वीरें खिंचवा रहे थे। कितने लोग डूबे हैं, यह अभी स्पष्ट नहीं है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार लगभग 20 से 25 लोग डूबे हैं। मौके पर करीब 200 पर्यटक मौजूद थे। हादसे के बाद सभी को मौके से हटाया गया है, ताकि रेस्क्यू ऑपरेशन में कोई दिक्कत न आए।

पहले भी हुई थी इंद्रायणी नदी पर बने पुल की शिकायत

बताया जा रहा है कि पहले भी पुल की स्थिति खराब होने की शिकायतें प्रशासन के पास पहुंची थीं, लेकिन इसपर काम नहीं हुआ। पुल पर काफी जंग लगा हुआ था। सावधानी बरतने के लिए लगातार अनाउंसमेंट किए जा रहे थे। बीते कुछ दिन से पुणे में लगातार बारिश भी हो रही है, जिसकी वजह से इंद्रायणी नदी में बहाव तेज था। पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस आयुक्तालय की तलेगांव दाभाड़े पुलिस मौके पर पहुंच गई है। कुंडमाला को पार करने के लिए एक पुल है, इस पार से उस पार जाने के लिए यही पुल गिर गया है।

रेस्क्यू ऑपरेशन में लाई गई तेजी

मौके पर रेस्क्यू ऑपरेशन तेजी से शुरू कर दिया गया है। पर्यटकों को बचाने के लिए कई एंबुलेंस मौके पर पहुंच गई हैं। शाम का समय होने की वजह से बचाव कार्य में तेजी लाई जा रही है। क्योंकि अंधेरा होने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधा आ सकती है। जिला मुख्यालय से कई टीमों को बचाव कार्य के लिए रवाना किया गया है। नदी के बहाव की दिशा में आगे के गांवों में भी लोगों को बचाने के लिए काम शुरू हो गया है।

read more : 12048 महिलाओं सहित 60244 पुलिस कांस्टेबलों को मिला नियुक्ति पत्र

12048 महिलाओं सहित 60244 पुलिस कांस्टेबलों को मिला नियुक्ति पत्र

उत्तर प्रदेश सरकार ने रविवार (15 जून) को 60244 पुलिसकर्मियों को नियुक्ति पत्र दिया। इसके लिए राजधानी लखनऊ के डिफेंस एक्सपो में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हुए। नियुक्ति पत्र पाने वाले सभी अभ्यर्थियों ने यूपी पुलिस की सिपाही भर्ती परीक्षा पास की थी। अमित शाह इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रहे और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इसमें शामिल हुए। यूपी के डीजीपी राजीव कृष्ण ने कार्यक्रम से एक दिन पहले बताया था कि कार्यक्रम में शामिल होने वाले सभी कांस्टेबल के लिए पूरी व्यवस्था की गई है। उनके गृह जिले और कार्यक्रम स्थल के बीच एक जिला चुना गया है, जहां कांस्टेबल रात भर विश्राम करेंगे।

इस कार्यक्रम में अमित शाह ने कहा “न खर्ची, न पर्ची। 48 लाख एप्लीकेशन में से आप सभी अपनी योग्यता से आए हैं। मैं मानता हूं कि इससे बड़ी उपलब्धि किसी भी शासन के लिए कोई नहीं हो सकती है। वर्ष 2017 में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी और योगी जी मुख्यमंत्री बने। उत्तर प्रदेश पुलिस बल फिर से नई बुलंदियों को हासिल करने के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है।

लखनऊ पहुंचें गृहमंत्री अमित शाह

गृहमंत्री अमित शाह दोपहर 12:05 बजे लखनऊ पहुंचे और 12:30 बजे कार्यक्रम में शामिल हुए। यहां वह लगभग एक घंटे तक रुके। इस दौरान यूपी सिपाही भर्ती परीक्षा में शीर्ष 50 स्थान हासिल करने वाले अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र भी सौंपे। इसके बाद वह दिल्ली रवाना हो गए। कार्यक्रम में 55 हजार पुलिसकर्मियों को नियुक्ति पत्र मिले। कार्यक्रम में कांस्टेबलों के लिए दोपहर के भोजन की व्यवस्था भी की गई थी।

यूपी पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने निकाली थी भर्ती

यूपी पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने कुल 60 हजार पदों पर भर्ती निकाली थी। इनमें से 12048 पद महिलाओं के लिए थे। इन पदों पर भर्ती के लिए 48 लाख से ज्यादा लोगों ने आवेदन किया था। प्रदेश के 67 जनपदों में 1174 केंद्रों पर परीक्षा हुई थी। 60244 लोगों ने परीक्षा पास की। अब इन्हें नियुक्ति पत्र मिलेगा। इस भर्ती के लिए परीक्षा फरवरी 2024 में आयोजित हुई थी, जिसे रद्द कर दिया गया था और छह महीने के अंदर दूसरी परीक्षा आयोजित करने के लिए कहा गया था। अगस्त 2024 में दोबारा परीक्षा हुई और इसे पास करने वाले लोगों को अब नियुक्त किया जा रहा है।

read more : केदारनाथ के पास फिर हेलीकॉप्टर क्रैश, 7 लोगों की मौत, हादसे की होगी जांच

केदारनाथ के पास फिर हेलीकॉप्टर क्रैश, 7 लोगों की मौत, हादसे की होगी जांच

उत्तराखंड के केदारनाथ में रविवार तड़के एक दुखद घटना हुई। केदारनाथ मार्ग पर एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हेलीकॉप्टर में 7 लोग सवार थे। सभी की मौत हो गई है। खराब मौसम के कारण यह हादसा गौरीकुंड और त्रिजुगीनारायण के बीच हुआ। दुर्घटनाग्रस्त हुआ हेलीकॉप्टर आर्यन कंपनी का था। रुद्रप्रयाग के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने भाषा को बताया कि यह दुर्घटना गौरीकुंड के जंगलों के ऊपर हुई। इस दुर्घटना में मरने वालों में पायलट और एक शिशु भी शामिल है।

उन्होंने बताया कि सुबह लगभग साढ़े पांच बजे हेलीकॉप्टर ने केदारनाथ से गुप्तकाशी के लिए उड़ान भरी और अचानक यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। रजवार ने कहा कि ऐसा अनुमान है कि खराब मौसम के कारण दृश्यता कम होने की वजह से यह हादसा हुआ। उन्होंने बताया कि राहत और बचाव दल भेजे गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया पर एक संदेश में कहा कि हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त होने का अत्यंत दुखद समाचार मिला है और राज्य आपदा प्रतिवादन बल सहित अन्य एजेंसियां राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी हैं।

मरने वालों में ये शामिल

1. राजवीर – पायलट

2. विक्रम रावत (बीकेटीसी निवासी रासी ऊखीमठ)

3. विनोद (उत्तर प्रदेश)

4. तृष्टि सिंह (उत्तर प्रदेश)

5. राजकुमार (महाराष्ट्र)

6. श्रद्धा (महाराष्ट्र)

7. काशी बालिका (महाराष्ट्र)

मृतकों के शवों का हो रहा है पंचनामा

केदारनाथ धाम सहित पुरे क्षेत्र मे तेज बारिश हो रही हैं। वही हैली दुर्घटना मे मारे गए लोगों के शवों का पंचनामा कर शवों को अब गौरीकुंड लाया जा रहा है। जिसके बाद अब उन्हें पीएम के लिए जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग भेजा जायेगा।

हेलिकॉप्टर क्रैश हादसे की होगी जांच

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रुद्रप्रयाग हेलीकॉप्टर दुर्घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए है। चारधाम यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं सोमवार तक पूरी तरह बंद रहेंगी। हिमालय क्षेत्रों में उड़ान अनुभव वाले पायलटों को ही उड़ान की अनुमति दी जाएगी। हेली सेवाओं के लिए सख्त एसओपी (SOP) और मानक संचालन नियम बनाए जाएंगे। देहरादून में “कमांड एंड कोऑर्डिनेशन सेंटर” की स्थापना की जाएगी, जिसमें नागरिक उड्डयन और आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी तैनात होंगे। सीएम ने बेहतर मौसम पूर्वानुमान के लिए आधुनिक उपकरण लगाने और मृतकों के शवों को उनके राज्यों तक पहुंचाने के निर्देश भी दिए हैं।

केदारनाथ यात्रा मार्ग पर गाड़ियां रोकी गईं

रुद्रप्रयाग में तेज बारिश के चलते केदारनाथ यात्रा मार्ग पऱ कुंड से लगभग दो किमी पीछे फिलहाल पुलिस ने सभी वाहनों को रोका है। केदारनाथ धाम के साथ ही गौरीकुंड तक तेज बारिश हो रही है। जंगल चट्टी मे बरसाती नाला उफान पऱ आने से इसको चपेट में एक श्रद्धालू आ गया और उसकी मौत हो गयी। वही दो अन्य घायल हो गए है। इस जगह पर पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की ट्वीम की तैनाती गयी है।

हेलिकॉप्टर क्रैश पर सीएम धामी की मीटिंग

हेलीकॉप्टर क्रैश मामले को गंभीरता से लेते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सख्त निर्देश दिए हैं। सीएम ने हेली सेवाओं के संचालन के लिए सख्त एसओपी बनाने का निर्देश दिया है। तकनीकी विशेषज्ञों की कमेटी बनेगी। हेली संचालन की सुरक्षा पहलुओं की गहन समीक्षा करने का भी निर्देश दिया है। सीएम धामी ने कहा कि आज हुई दुर्घटना के भी सभी पहलुओं की जांच होगी। दोषियों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जायेगा। केदारनाथ यात्रा मे हेलीकॉप्टर क्रैश होने के चलते हेली सेवाएं बंद हो गयी हैं। जिसके बाद जिन यात्रियों ने हैली टिकट बुकिंग किया थे। वो कैंसिल हो चुके है। ऐसे मे यात्री परेशान अब वह वापस लौट रहे हैं।

जून के पहले सप्ताह में हादसा होने से बचा था

बता दें कि जून के पहले सप्ताह में भी हेलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी के कारण उसको इमरजेंसी लैंड कराना पड़ा था। यह हेलीकॉप्टर केदारनाथ धाम यात्रियों को लेकर जा रहा था। हेलीकॉप्‍टर में पांच यात्री, पायलट और सह-पायलट सवार थे। इस दौरान सह-पायलट को मामूली चोटें आई थीं। यह हेलिकॉप्टर बड़ासु हेलीपैड से उड़ान भरने के तुरंत बाद आपातकालीन लैंडिंग करने पर मजबूर हुआ था। हेलीकॉप्टर क्रिस्टल एविएशन कंपनी का था।

read more :  8वां वेतन आयोग जनवरी 2026 में नहीं होगा लागू, क्या बढ़ेगी सिफारिश की डेट

8वां वेतन आयोग जनवरी 2026 में नहीं होगा लागू, क्या बढ़ेगी सिफारिश की डेट

देश भर में केंद्र सरकार के लगभग 1 करोड़ कर्मचारी और पेंशनभोगी इस वक्त बड़ी बेसब्री से 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की घोषणा का इंतज़ार कर रहे हैं। इस आयोग के ज़रिए उनकी सैलरी, पेंशन और भत्तों में बड़ा बदलाव तय होगा। लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या ये आयोग जनवरी 2026 से लागू हो पाएगा ?

जनवरी 2026 की डेडलाइन मिस हो सकती है

एक रिपोर्ट के मुताबिक, 8वें वेतन आयोग की शुरुआत तय समय से टल सकती है। दरअसल, 7वां वेतन आयोग फरवरी 2014 में बना था, लेकिन इसकी सिफारिशें जनवरी 2016 में लागू की गई थीं। अब जून 2025 तक भी अगर नए आयोग के अधिकार और दिशा यानी Terms of Reference (ToR) तय नहीं हुए हैं। तो जनवरी 2026 तक इसके लागू होने की संभावना बेहद कम दिख रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, इसका कार्यान्वयन शायद 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत तक खिसक सकता है।

सैलरी स्ट्रक्चर में क्या बदलाव संभव है ?

अब तक के वेतन आयोगों में सरकार ने वेतन तय करने के कई अलग-अलग तरीकों को अपनाया है। 6वें वेतन आयोग ने पे-बैंड और ग्रेड पे की शुरुआत की थी, जिससे सैलरी सिस्टम थोड़ा आसान बना। 7वें वेतन आयोग ने फिर से खेल बदल दिया। इसमें 24-लेवल का पे मैट्रिक्स पेश किया गया, जिससे हर लेवल की सैलरी एक खास तरीके से तय होती है। इसमें फिटमेंट फैक्टर 2.57 रखा गया था, जो बेसिक सैलरी में बढ़ोतरी का मुख्य आधार होता है।

8वें वेतन आयोग से क्या उम्मीद की जा रही है ?

हालांकि सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है। लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि फिटमेंट फैक्टर 2.5 से 2.8 के बीच हो सकता है। इसका मतलब ये होगा कि मौजूदा बेसिक पे में उसी अनुपात से बढ़ोतरी तय की जाएगी। लेकिन जब तक आयोग का गठन ही नहीं होता, तब तक कुछ भी कहना महज़ अटकलें होंगी।

कर्मचारियों को करना होगा और इंतज़ार ?

ऐसे में जब 8वें वेतन आयोग की रूपरेखा तक तैयार नहीं हुई है, तो जनवरी 2026 से इसका लागू होना मुश्किल लगता है। सरकार की ओर से कोई ठोस अपडेट नहीं आया है, लेकिन चर्चा ये ज़रूर है कि कर्मचारी संगठनों और पेंशनर्स की मांगें लगातार सरकार तक पहुंच रही हैं। अब देखना ये होगा कि सरकार कब इस दिशा में अगला कदम उठाती है।

read more :    ऑरेंज कलर का डिवाइस क्यों कहलाता है ब्लैक बॉक्स, क्या है इसके अंदर

ऑरेंज कलर का डिवाइस क्यों कहलाता है ब्लैक बॉक्स, क्या है इसके अंदर

अहमदाबाद प्लेन हादसे को हुए करीब 45 घंटे का वक्त बीत चुका है। 8 से ज्यादा एजेंसियां जांच में जुटी हैं। ये हादसा कैसे हुआ? क्यों हुआ? टेक्निकल फेल्योर था या कुछ और था। इन सारे सवालों का जवाब ढूंढा जा रहा है। दुनियाभर के एक्सपर्ट हादसे के कारणों की तलाश कर रहे हैं। एयर इंडिया के क्रैश हुए विमान का ब्लैक बॉक्स मिल गया है। उसकी जांच की जा रही है। ऑरेंज कलर के दिखने वाले डिवाइस को ब्लैक बॉक्स क्यों कहा जाता है? इन सभी सवालों के जवाब इस खास रिपोर्ट में मिलेंगे।

8 एजेंसियां जांच में जुटी

भारत, ब्रिटेन और अमेरिका की 8 से ज्यादा एजेंसी प्लेन क्रैश की जांच में जुटी हैं। अब ब्लैक बॉक्स के डेटा का एनालिसिस किया जा रहा है। ताकि अहमदाबाद विमान हादसे का सच दुनिया के सामने आ सके। ब्लैक बॉक्स एयर इंडिया के विमान के टेल में मिला है। टेल का वो हिस्सा डॉक्टर हॉस्टल के मेस में फंसा था। जहां एनएसजी की टीम ने ब्लैक बॉक्स को बरामद किया है, जो पूरे हादसे का राज खोलेगा।

पायलट ने कहा- MAYDAY, MAYDAY, MAYDAY

विमान के पायलट सुमित सभरवाल का एटीसी (ATC) यानि एयर ट्रैफिक कंट्रोलर को भेजा गया आखिरी मैसेज क्या था ? 4-5 सेकेंड के संदेश में सुमित सभरवाल कह रहे हैं, MAYDAY, MAYDAY, MAYDAY… थ्रस्ट नहीं मिल रहा। पावर कम हो रही है, प्लेन उठ नहीं रहा… नहीं बचेंगे। यानि उन्होंने प्लेन को बचाने की पूरी कोशिश की। शायद उन्होंने ज्यादा थ्रस्ट देकर कोशिश की कि विमान रेजिडेंशियल इलाके से थोड़ा आगे निकल जाए ताकि नुकसान कम हो।

क्यों कहा जाता है ब्लैक बॉक्स ?

ब्लैक बॉक्स की जांच के बाद ही ये सच सामने आएगा कि हादसा कैसे हुआ ? लेकिन ये जानना जरुरी है कि ऑरेंज कलर का दिखने वाले इस डिवाइस को ब्लैक बॉक्स क्यों कहा जाता है। आखिर इस डिवाइस के अंदर होता क्या है ?

हादसे का सबसे बड़ा गवाह होता है ब्लैक बॉक्स

ब्लैक बॉक्स, किसी भी विमान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। हादसे का सबसे बड़ा गवाह होता है, जिसमें फ्लाइट का पूरा डेटा रिकॉर्ड किया जाता है। इसलिए क्रैश के बाद इसकी तलाश सबसे पहले होती है। हवाई जहाजों में इस्तेमाल होने वाले ब्लैक बॉक्स को वास्तव में चमकीले नारंगी (ऑरेंज) रंग में बनाया जाता है, लेकिन इसका नाम ‘ब्लैक बॉक्स’ तकनीकी कारणों से पड़ा है। ऐसा भी कहा जाता है कि ब्लैक बॉक्स कंप्यूटिंग के क्षेत्र से लिया गया एक शब्द है।

इसलिए ऑरेंज रंग का होता है ब्लैक बॉक्स

इसकी प्रमुख वजह भी है। ब्लैक बॉक्स को चमकीले ऑरेंज कलर में इसलिए रंगा जाता है ताकि हादसे के बाद आसानी से खोजा जा सके। विमान हादसे के बाद मलबे में ब्लैक बॉक्स को ढूंढना मुश्किल होता है। ऑरेंज कलर की वजह से पानी, जंगल और रेगिस्तान में भी आसानी से दिखाई देता है।

पानी के अंदर से एक माह तक भेज सकता है सिग्नल

ये डिवाइस स्टील या टाइटेनियम जैसे मजबूत धातुओं से बनी होती है। ये आग, पानी और भारी दबाव को सहन कर सकती हैं। ऑरेंज कलर का पेंट विशेष रूप से गर्मी और कठोर परिस्थितियों में टिकने वाला होता है। ब्लैक बॉक्स में एक बीकन होता है, जो पानी में भी 30 दिनों तक सिग्नल भेजता है। डिवाइस का ऑरेंज कलर इसे समुद्र के अंदर ढूंढने में मदद करता है।

ब्लैक बॉक्स का पहला हिस्सा कहलाता है एफडीआर

बता दें कि ब्लैक बॉक्स के दो मुख्य हिस्से होते हैं। पहला फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर है। जिसे एफडीआर के नाम से जाना जाता है। यह उड़ान से संबंधित तकनीकी जानकारी रिकॉर्ड करता है। इसमें विमान की गति, ऊंचाई, दिशा, इंजन का प्रदर्शन, विमान पायलट द्वारा नियंत्रण सतहों की स्थिति का पता लगाया जाता है।

ब्लैक बॉक्स का दूसरा हिस्सा कहलाता है सीवीआर

बता दें कि ब्लैकबॉक्स का दूसरा हिस्सा कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर है। इसे सीवीआर के नाम से जाना जाता है। यह कॉकपिट में होने वाली बातचीत और ध्वनियों को रिकॉर्ड करता है। इसमें पायलटों की आपसी बातचीत रिकॉर्ड होती है।

पायलट केबिन की सभी आवाज को करता है रिकॉर्ड

पायलट और हवाई यातायात नियंत्रण (ATC) के बीच हुई बातचीत रिकॉर्ड होती है। कॉकपिट में मौजूद अन्य ध्वनियां (जैसे अलार्म या इंजन की आवाज) रिकॉर्ड होती है। यह आमतौर पर आखिरी 2 घंटे की रिकॉर्डिंग रखता है। पुरानी रिकॉर्डिंग अपने आप मिटती जाती है।

जानिए कब तक आ सकती है ब्लैक बॉक्स की रिपोर्ट ?

ब्लैक बॉक्स की जांच में अमेरिका और ब्रिटेन की जांच टीम भी जुटी हुई हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि अगर ब्लैक बॉक्स की जांच इंडिया में हुई तो रिपोर्ट 4 से पांच दिनों में आ जाएगी। अगर इस जांच के लिए अमेरिका ले जाया गया, क्योंकि बोइंग और GE का हेडक्वार्टर अमेरिका में है। ऐसे में जांच रिपोर्ट आने में 15 दिन भी लग सकते हैं।

हादसे में गई 297 लोगों की जान

बता दें कि अहमदाबाद प्लेन क्रैश में 297 लोगों की मौत हुई है, जिसमें 241 विमान में सवार लोग थे। 56 अन्य लोग जिनकी जान विमान की चपेट में आने से जान गईं हैं। स्थानीय लोगों को कहना है कि अगर पायलट ने सूझबुझ नहीं दिखाई होती तो ये आंकड़ा और ज्यादा होता है।

read more  :   इजरायल के ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ का जवाब ईरान ने दिया ‘ट्रू प्रॉमिस 3’ से

इजरायल के ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ का जवाब ईरान ने दिया ‘ट्रू प्रॉमिस 3’ से

इजरायल और ईरान के बीच लड़ाई तेज हो गई है। इजरायल के ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ के जवाब में ईरान ने भी ऑपरेशन ‘ट्रू प्रॉमिस 3’ शुरू कर दिया है। इसके तहत उसने तेल अवीव और यरुशलम पर देर रात जबरदस्त मिसाइल अटैक कर दिया। यही नहीं इजरायल पर लेबनान और जॉर्डन की तरफ से भी हमला किया गया है। इसके बाद इजरायल ने दोबारा ईरान पर एयर स्ट्राइक शुरू कर दिया। इजरायली डिफेंस फोर्स ने गुरुवार तड़के ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों को टारगेट किया था, जिसमें ईरान को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। ईरान में 78 लोगों की मौत हो गई है। दोनों देशों के बीच जंग लगातार जारी है।

इजरायल के इन हमलों में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के प्रमुख हुसैन सलामी, ईरानी सेना के चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद बाघेरी, ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई के करीबी अली शामखानी और आईआरजीसी की एयरफोर्स के कमांडर आमिर अली हाजीजादेह जैसे बड़े अधिकारी मारे गए। इजरायल ने अपने इस ऑपरेशन को राइजिंग लॉयन नाम दिया।

ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ का जवाब ‘ट्रू प्रॉमिस 3’ से

इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि यह ऑपरेशन तब तक जारी रहेगा जब तक इजरायल की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं हो जाती। इसके जवाब में ईरान ने भी इजरायल पर ताबड़तोड़ हमले किए और राजधानी तेल अवीव सहित कई शहरों में मिसाइल दागे और तबाही मचाई। ईरान ने इस ऑपरेशन को ट्रू प्रॉमिस थ्री नाम दिया है। ईरान ने‘ट्रू प्रॉमिस 3’ सैन्य ऑपरेशन के तहत इजरायल पर 150 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, जिनमें से 6 मिसाइलें राजधानी तेल अवीव में गिरी। जिसमें एक महिला की मौत हो गई। वहीं 63 लोग घायल हो गए। ईरानी मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि ईरान ने इजराइली रक्षा मंत्रालय को भी निशाना बनाया।

इस्लामी शासन के खिलाफ हमारी लड़ाई – नेतन्याहू

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि हमारी लड़ाई ईरानी लोगों के खिलाफ नहीं बल्कि इस्लामी शासन के खिलाफ है। वहीं, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने इजरायल को बर्बाद करने की कसम खाई है।

ईरान-इजरायल तनाव के बीच जॉर्डन ने फिर खोला एयरस्पेस

वही ईरान इंटरनेशनल के मुताबिक, जॉर्डन की सिविल एविएशन रेगुलेटरी कमीशन ने शनिवार सुबह 7:30 बजे (स्थानीय समय) देश का एयरस्पेस दोबारा खोलने की घोषणा की है। ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए एहतियातन इसे अस्थायी रूप से बंद किया गया था।

ईरान इजरायल पर दाग रहा बैलिस्टिक मिसाइलें – आईडीएफ

इजरायल रक्षा बल (आईडीएफ) ने कहा कि हम एक ही बात को दिन में कई बार ट्वीट नहीं करना चाहेंगे, लेकिन लाखों इजरायली शरण की ओर भाग रहे हैं। क्योंकि ईरान इजरायल पर और अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें दाग रहा है।

इजरायली एयर फोर्स ने लोगों से की खास अपील

वही इजरायली एयर फोर्स ने कहा कि इस समय वायु सेना खतरे को खत्म करने के लिए जहां भी आवश्यक हो, अवरोधन और हमला करने के लिए काम कर रही है। कुछ समय पहले ईरान से इजराइल राज्य के क्षेत्र में प्रक्षेपित मिसाइलों की खोज के बाद इजरायल के कई क्षेत्रों में अलर्ट जारी कर दिया गया था। लोगों से होम फ्रंट कमांड के निर्देशों का पालन करने के लिए कहा जाता है। एयर डिफेंस सिस्टम पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है। इसलिए होम फ्रंट कमांड के निर्देशों का पालन करना जारी रखना चाहिए।

खतरा खत्म होने तक कार्रवाई चलेगी – इजरायली सेना

इजरायली सेना (आईडीएफ) ने बताया है कि वह ईरान में हवाई हमले लगातार कर रही है। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आईडीएफ ने टेलीग्राम पर कहा हमारी वायुसेना ईरान में मौजूद खतरों को खत्म करने के लिए हमले जारी रखे हुए है। इसके साथ एक वीडियो भी शेयर किया गया। जिसमें हवाई हमलों के दृश्य दिख रहे हैं। यह हमला 24 घंटे पहले शुरू हुआ था, जिसमें आईडीएफ के मुताबिक ईरान के तीन सैन्य कमांडरों की मौत हो गई थी। इसके जवाब में ईरान ने शनिवार सुबह तक इजरायल पर मिसाइलें दागीं। हालात अब भी तनावपूर्ण बने हुए हैं।

ईरानी सीमा में दाखिल हुए इजरायली ड्रोन मार गिराए गए

ईरान इंटरनेशनल के मुताबिक, ईरानी सेना ने देश की सीमा के पास सलमास क्षेत्र में घुसे इजरायली ड्रोन को इंटरसेप्ट कर गिरा दिया है। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि ये ड्रोन जासूसी और निगरानी कर रहे थे। लेकिन ईरानी सैन्य इकाइयों ने उन्हें समय रहते पहचान कर नष्ट कर दिया।

मार गिराया इजरायली F-35 फाइटर जेट – ईरान

भारत में ईरान के दूतावास ने एक तस्वीर शेयर करते हुए दावा किया है कि ईरान की एयर डिफेंस सिस्टम ज़ायनिस्ट शासन (इज़रायल) के एक F-35 फाइटर जेट को मार गिराया है। एक्स पोस्ट पर एक तस्वीर भी शेयर की गई है। वहीं तस्नीम न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक गिराए गए विमानों में से एक की महिला पायलट को हिरासत में लिया गया है।

अब भी वक्त है, ईरान परमाणु डील पर लौटें – अमेरिका

मिडिल ईस्ट इस वक्त गंभीर उथल-पुथल से गुजर रहा है। इजरायल और ईरान के बीच बढ़ती जंग की स्थिति ने पूरे क्षेत्र में तनाव का माहौल बना दिया है। दोनों देश अब युद्ध के कगार पर हैं। इस बीच अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को दोबारा चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अभी भी देर नहीं हुई है, ईरान को परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत की टेबल पर लौट आना चाहिए। ट्रंप ने इजरायल द्वारा ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर किए गए हमलों को “सटीक और सफल” बताया। उन्होंने कहा, “हमें पहले से इस कार्रवाई की जानकारी थी। मैंने ईरान को शर्म और बर्बादी से बचाने की पूरी कोशिश की, क्योंकि मैं उनके साथ एक समझौता करना चाहता था।

अमेरिकी ठिकानों तक पहुंच जाएगा संघर्ष – ईरान

ईरान ने चेतावनी देते हुए कहा है कि ये हमले जारी रहेंगे और संघर्ष अमेरिकी ठिकानों तक फैल जाएगा। ईरान की FARS समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि इज़राइल पर हमले जारी रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा है कि आने वाले दिनों में संघर्ष क्षेत्र में अमेरिकी ठिकानों तक फैल जाएगा। अधिकारी का नाम न बताते हुए रिपोर्ट में कहा गया यह टकराव कल रात की सीमित कार्रवाइयों के साथ समाप्त नहीं होगा और ईरान के हमले जारी रहेंगे।

उत्तरी सीमा पर इजरायल ने बढ़ाई सुरक्षा

टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान के साथ हालात को देखते हुए इजरायली सेना (आईडीएफ) ने उत्तरी सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी है। सेना ने 146वीं रिजर्व डिवीजन और ‘आयरन फिस्ट’ और ‘एत्ज़ियोनी’ ब्रिगेड को तैनात किया है ताकि जरूरत पड़ने पर तुरंत कार्रवाई की जा सके। इसके अलावा कई और रिजर्व बटालियन को लेबनान और सीरिया की सीमाओं पर भेजा गया है। सेना ने कहा कि यह कदम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए उठाया गया है।

इजरायली हमलों में न्यूक्लियर साइट्स को पहुंचा नुकसान

ईरान ने इजरायल के न्यूक्लियर साइट्स पर किए अटैक के दावों की पुष्टि कर दी है। ईरान की न्यूज एजेंसी IRNA के मुताबिक, हमलों में फोर्डो परमाणु संयत्र को ‘सीमित नुकसान’ पहुंचा है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है हमने पहले ही उपकरण और सामग्री का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बाहर निकाल लिया था और कोई व्यापक क्षति नहीं हुई और कोई संदूषण संबंधी चिंता नहीं है।

read more :    इंग्लैंड नहीं जा पाए गौतम गंभीर, तो कौन बनेगा टीम इंडिया का हेड कोच ?

इंग्लैंड नहीं जा पाए गौतम गंभीर, तो कौन बनेगा टीम इंडिया का हेड कोच ?

भारतीय क्रिकेट टीम पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए इंग्लैंड दौरे पर आ गई हुई है। इस टीम की कप्तानी शुभमन गिल को सौंपी गई है। वहीं ऋषभ पंत को भारत की टेस्ट टीम का उपकप्तान बनाया गया है। भारतीय टीम के साथ हेड कोच गौतम गंभीर भी इंग्लैंड दौरे पर साथ गए थे, लेकिन सीरीज शुरू होने से पहले ही वे भारत वापस लौट आए हैं।

टीम इंडिया के हेड कोच और पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर की मां को हार्ट-अटैक आया था। फैमिली इमरजेंसी के चलते गंभीर इंग्लैंड दौरे से वापस आए हैं। जानकारी के मुताबिक अब गौतम गंभीर की मां खतरे से बाहर हैं।

गौतम गंभीर की जगह कौन होगा हेड कोच ?

भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर अपनी मां की तबियत के अचानक बिगड़ने के चलते भारत वापस लौट आए हैं। ऐसे में इंग्लैंड दौरे पर इस वक्त टीम इंडिया के पास कोई हेड कोच नहीं है। अगर गंभीर 20 जून से पहले इंग्लैंड वापस नहीं लौट पाते, तो टीम के लिए एक अंतरिम कोच का चयन किया जाएगा। जो गंभीर के लौटने तक हेड कोच के काम-काज को संभाल सके।

कौन होगा टीम इंडिया का नया हेड कोच ?

भारतीय टीम के हेड कोच अगर इंग्लैंड वापस नहीं जा पाते, तब नेशनल क्रिकेट अकादमी (NCA) के डायरेक्टर वीवीएस लक्ष्मण को हेड कोच की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। हेड कोच बनने की रेस में वीवीएस लक्ष्मण सबसे प्रबल दावेदार हैं। वहीं अगर लक्ष्मण को टीम इंडिया का हेड कोच नहीं बनाया जाता है तब टीम के बैटिंग कोच शितांशु कोटक को अंतरिम कोच बनाया जा सकता है।

भारतीय टीम के हेड कोच के लिए इंडिया के बॉलिंग कोच मॉर्नी मॉर्केल का नाम भी सामने हैं। ये भी अंतरिम कोच बनाए जाने के दावेदार हैं। हालांकि भारतीय टीम के मौजूदा हेड कोच गौतम गंभीर के 17 जून तक इंग्लैंड वापस लौटने की उम्मीद है। लेकिन अगर गंभीर नहीं लौटते हैं। तब टीम को अंतरिम कोच दिया जाएगा।

read more :    इजरायल का हमला और ईरान की प्रतिक्रिया: जानिए क्या क्या हुआ ?

इजरायल का हमला और ईरान की प्रतिक्रिया: जानिए क्या क्या हुआ ?

इजरायल ने ईरान पर अटैक कर दिया है। इजराइल ने शुक्रवार सुबह ईरान की राजधानी तेहरान पर हमला किया और परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया। हमलों के बाद इजरायल और ईरान जंग की कगार पर खड़े नजर आ रहे है। इसे 1980 के दशक में इराक के साथ जंग के बाद ईरान पर सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है। इजरायन ने अपनी सैन्य कार्रवाई को ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ नाम दिया है। इजरायल के हमलों के बाद ईरान ने भी पलटवार किया है।

ईरान ने क्या किया ?

वही इजरायल के मुख्य सैन्य प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी डेफ्रिन ने कहा, ‘‘पिछले कुछ घंटों में ईरान ने इजरायल की ओर 100 से अधिक ड्रोन दागे हैं। एयर डिफेंस सिस्टम हमलों को रोकने के लिए काम कर रहे हैं।’’ डेफ्रिन ने कहा कि लगभग 200 इजरायली लड़ाकू विमान अभियान में शामिल थे और लगभग 100 लक्ष्यों पर हमला किया गया, हमले अब भी जारी हैं।

इजरायल ने क्यों किया हमला

इजरायल का यह हमला ईरान के तेजी से बढ़ते परमाणु कार्यक्रम को लेकर गहराते तनाव के बीच हुआ है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने कहा है कि इजरायल को कड़ी सजा दी जाएगी। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने कहा कि इन हमलों में उसका कोई हाथ नहीं है, साथ ही उसने अमेरिकी हितों या कर्मियों को निशाना बनाकर किसी भी प्रकार की कार्रवाई किए जाने को चेतावनी दी है।

क्या बोले इजरायली रक्षा मंत्री ?

ईरान और इजरायल दोनों ने अपने हवाई क्षेत्र बंद कर दिए हैं। इजरायली रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने कहा कि, ‘‘इजरायल और उसकी नागरिक आबादी पर मिसाइल और ड्रोन हमले हो सकते हैं।’’ फिलहाल अब इस बात की पुष्टि भी हो गई है कि ईरान ने इजरायल पर पलटवार करते हुए ड्रोन से हमले किए हैं।

read more :   अहमदाबाद प्लेन क्रैश में अब एटीएस करेगी जांच, घटनास्थल से मिला डीवीआर

अहमदाबाद प्लेन क्रैश में अब एटीएस करेगी जांच, घटनास्थल से मिला डीवीआर

अहमदाबाद में हुए प्लेन हादसे में अब तक 297 लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है। विमान में सवार 242 लोगों में से 241 लोगों की मौत हो गई है। हादसे में सिर्फ एक यात्री की जान बच पाई है। मृतकों में 229 लोग यात्री थे, जबकि 12 विमान के क्रू मैंबर्स थे। इसके अलावा प्लेन क्रैश करने के बाद जिस मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर गिरा था वहां मौजूद 56 लोगों की भी जान चली गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हादसे वाली जगह पहुंच गए हैं। कल गृह मंत्री अमित शाह ने मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया था। इस बीच विमान हादसे की जांच भी तेज हो गई है। सरकार ने जांच के लिए हाई लेवल कमेटी बनाई है।

https://x.com/narendramodi/status/1933391088129355909?ref_src=twsrc%5Egoogle%7Ctwcamp%5Eserp%7Ctwgr%5Etweet

जानिए प्लेन में कौन-कौन था सवार ?

एयर इंडिया की उड़ान संख्या AI-171 अहमदाबाद एयरपोर्ट से लंदन के गैटविक एयरपोर्ट जा रही थी। इसमें 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और एक कनाडाई नागरिक समेत कुल 230 यात्री सवार थे। बाकी 12 क्रू मेंबर्स थे। विमान में सवार लोगों में 103 पुरुष, 114 महिलाएं, 11 बच्चे और 2 नवजात शामिल थे। एयर इंडिया के विमान दुर्घटना के बाद, एकमात्र जीवित बचे व्यक्ति और घायल एमबीबीएस छात्रों का इलाज अहमदाबाद सिविल अस्पताल में किया जा रहा है। मृतक यात्रियों की पहचान के लिए डीएनए नमूने एकत्रित करने का काम भी किया जा रहा है।

नागरिक उड्डयन मंत्रालय के पूर्व संयुक्त सचिव का बड़ा दावा

अहमदाबाद विमान हादसे को लेकर उड्डयन मंत्रालय के पूर्व संयुक्त सचिव डॉ. सनत कौल ने बड़ी बात कही है। उन्होंने बताया है डीजीसीए ने एयर इंडिया कई बार चिट्ठी लिखी थी। उन्होंने दावा किया बोइंग 100 साल पुरानी कंपनी है, लेकिन पिछले साल से इसमें कई शिकायतें आ रही थीं। अमेरिका ने इंक्वॉयरी भी की थी.

प्लेन क्रैश मामले में एटीएस करेगी जांच

अहमदाबाद एयर इंडिया प्लेन क्रैश मामले में आतंकवाद निरोधी दस्ता (एटीएस) जांच करेगा। इस मामले में क्रैश साइट से डीवीआर मिला है, जिसे एटीएस ने अपने कब्जे में ले लिया है। गुजरात एटीएस की टीम इस मामले में पैरेलल जांच कर रही हैं। वहीं, फॉरेंसिक की टीम ने क्रैश साइट से सैंपल इकट्ठा कर लिए हैं, जो जांच के लिए जाएंगे।

विमान के मलबे से मिला डीवीआर

अहमदाबाद में क्षतिग्रस्त विमान के मलबे से डीवीआर मिल गया है। एटीएस अधिकारी को ये डीवीआर मिला है। विमान हादसे की जांच अब और तेजी से आगे की ओर बढ़ेगी। इस डीवीआर के माध्यम से हादसे की वजह का भी पता लगाया जा सकता है।

हादसे में अकेले बचे शख्स विश्वास कुमार ने बताया कि

अहमदाबाद फ्लाइट क्रैश में बचे इकलौते शख्स विश्वास कुमार का बचना किसी चमत्कार से कम नहीं है। विश्वास कुमार ने बताया, “सबकुछ मेरे सामने ही हुआ है। मुझे यकीन नहीं होता कि मैं कैसे जिंदा बाहर आ गया। कुछ समय के लिए तो मुझे लगा कि मरने ही वाला हूं, लेकिन जब आंख खोल कर देखा तो जिंदा बच गया था। सीट बेल्ट निकाल कर निकलने की कोशिश की और निकल भी गया। मेरे सामने सभी आंटी-अंकल और एयर होस्टेस की लाशें दिख रही थीं।

दिल्ली के लिए रवाना हुए पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अहमदाबाद में प्लेन क्रैश साइट का जायजा लेने, घायलों से मिलने और विजय रूपाणी के परिवार से मिलने के बाद अब दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। इससे पहले पीएम मोदी ने अहमदाबाद एयरपोर्ट पर सीएम, मंत्रिमण्डल और अधिकारियों के साथ बैठक की।

read more :     कोई सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुचाये तो वीडियो बनाएं – सीएम योगी