Sunday, September 8, 2024
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सरकार का प्रस्ताव किसानों को नामंजूर, केंद्र को कल तक का समय, वरना दिल्ली कूच

एमएसपी की कानूनी गारंटी पर रविवार को चंडीगढ़ में किसानों और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच चौथे दौर की बैठक हुई। इसमें केंद्र सरकार चार और फसलों पर एमएसपी देने को तैयार हो गई है। केंद्र के इस प्रस्ताव पर बैठक में मौजूद किसान नेताओं ने कहा कि वह सभी संगठनों से बात कर आज इस पर अंतिम फैसला बताएंगे। वहीं हरियाणा के बॉर्डर पर किसान डटे हुए हैं। किसानों के आंदोलन का आज सातवां दिन है। केंद्रीय मंत्रियों के साथ किसान नेताओं की पांच घंटे बैठक हुई। इसके बाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने पत्रकारों को बताया कि चौथे दौर की बातचीत बेहद सकारात्मक रही है।

21 को होगा दिल्ली कूच

ग्रामीण किसान मजदूर समिति के मीडिया प्रभारी रणजीत राजू ने बताया कि सरकार के प्रस्ताव पर किसानों की सहमति नहीं बन सकी है। सभी फोरमों में बात करने के बाद अब किसान नेताओं ने फैसला लिया है कि 21 फरवरी को दिल्ली के लिए कूच करेंगे। किसान नेताओं ने कहा कि सरकार लाठियां भांजेगी तो खाएंगे, गोले दागेंगे तो उसका भी सामना करेंगे।

सरकार अपने प्रस्ताव के जरिए सिर्फ हरियाणा पंजाब के किसानों को देख रही है जबकि आंदोलन देशभर के किसानों की विभिन्न फसलों के लिए है। वहीं धान पर सरकार एमएसपी देने के लिए राजी हुई है मगर पैदावार अपने हिसाब से कराना चाहती है। यह किसानों को मंजूर नहीं है। भाकियू शहीद भगत सिहं के किसान नेता जय सिंह जलबेड़ा ने भी इसकी पुष्टि की है। किसानों ने सरकार को 20 फरवरी तक का समय दिया है।

हरियाणा के सीएम को भी शामिल करने की मांग

भाकियू चढ़ूनी के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने मांग की कि आंदोलनरत किसानों के साथ सरकार की वार्ता में हरियाणा के मुख्यमंत्री भी शामिल हों। उनके शामिल न होने पर हरियाणा के किसानों की मांगों की अनदेखी की आशंका हो रही है। चढूनी ने कहा कि जब पंजाब के मुख्यमंत्री वार्ता में शामिल हैं तो हरियाणा के मुख्यमंत्री क्यों नहीं। हरियाणा के किसानों की भी मांगें पंजाब की तर्ज पर पूरी हों, अन्यथा यहां के किसान भी पीछे नहीं रहेंगे।

बुजुर्ग किसानों ने युवाओं को आगे जाने से रोका

शंभू बॉर्डर पर किसान अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं। शुरुआती दो दिनों के मुकाबले अभी माहौल शांतिपूर्ण बना हुआ है। अर्धसैनिक बलों ने रविवार को कोई कार्रवाई नहीं की। प्रदर्शन कर रहे किसान भी आगे बढ़ने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। किसान नेताओं के बार-बार आग्रह के बाद हरियाणा पुलिस की बैरिकेडिंग से 50 मीटर की दूरी पर लगी रस्सी के पीछे ही बैठे रहे। बुजुर्ग किसानों ने युवाओं को आगे जाने से रोकने के लिए कुछ देर के लिए रस्सी के पास जाकर पहरा भी दिया। किसान नेताओं के मंच पर बड़ी तादाद में महिलाएं भी शंभू बॉर्डर पर किसानों का साथ देने पहुंचीं। इस दौरान कुछ युवा लंगर में ड्यूटी निभाते दिखे तो कुछ वहां मौजूद लोगों की सेवा करते दिखाई दिए।

सिरसा में किसानों का धरना जारी

सिरसा डबवाली हाईवे पर गांव पंजुआना नहर पर किसानों का पक्का धरना जारी है। किसान नेता जसबीर सिंह भाटी ने कहा कि 21 फरवरी को लेकर विशेष कार्य योजना बनाई जा रही है। इस दिन आंदोलन को लेकर रूप रेखा फाइनल की जाएगी। धरना निरंतर जारी रहेगा और सरकार से बैठक करने वाले नेताओं से तालमेल स्थापित किया हुआ है।

22 चीजों पर लागू है एमएसपी -केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह

केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह ने कहा कि किसान आंदोलन राष्ट्रीय लोक दल की तरफ से नहीं चल रहा है। किसान आंदोलन पंजाब से चल रहा है। 22 चीजों पर एमएसपी पहले से ही लागू है। सभी चीजों पर एमएसपी लागू करने से पहले सोचना पड़ता है। किसान सम्मान निधि और सब्सिडी मिला ली जाए तो रक्षा बजट से ज्यादा पैसा इसमें दिया जाता है।

हार्ट अटैक से एक और किसान की मौत

किसान आंदोलन के दौरान रविवार को एक और किसान की हार्ट अटैक से मौत हो गई। संगरूर के खनौरी बॉर्डर पर बैठे कांगथला (पटियाला) के किसान मंजीत सिंह को सिविल अस्पताल में ले जाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। इससे पहले गुरदासपुर के बटाला के एक किसान और हरियाण के सुरक्षाकर्मी की भी आंदोलन के दौरान मौत हो गई थी। किसानों ने आरोप लगाया था कि आंसू गैस के धुएं से तबीयत खराब होने के कारण किसान की जान गई।

किसानों के जवाब का इंतजार करेंगे – मुख्यमंत्री भगवंत मान

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बताया कि फसलों का विविधीकरण बेहद जरूरी है, बशर्ते सरकार वैकल्पिक फसलों पर एमएसपी की गारंटी दे। इसके बाद अन्य फसलों को भी इसके अंर्तगत लाया जा सकता है। हम केंद्र के इस प्रस्ताव पर किसान संगठनों के जवाब का इंतजार करेंगे।

केंद्र सरकार चार और फसलों पर देगी एमएसपी

केंद्र सरकार ने किसानों के सामने धान और गेहूं के अलावा मसूर, उड़द, मक्की और कपास की फसल पर भी एमएसपी देने का प्रस्ताव पेश किया है। इसके लिए किसानों को भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नैफेड) और भारतीय कपास निगम (सीसीआई) से पांच साल का करार करना होगा।

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