लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जाने के मुद्दे पर लंबे समय से बहस चल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका समर्थन किया और इसे बढ़ावा दिया। इसके लिए एक कमेटी की गई। जो ‘वन नेशन , वन इलेक्शन’ (One Nation One Election) को लेकर रिसर्च कर रही। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ (One Nation, One Election) को लेकर बनाई गई उच्च स्तरीय कमिटी ने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कौ सौंप दी है। पूर्व राष्ट्रपति की कमेटी ने 18000 पन्नो से अधिक की रिपोर्ट सौंपी है जिसमें लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनाव के लिए एक ही मतदाता सूची बनाने के लिए कहा गया है।
‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ रिपोर्ट में की गई सिफारिश
कमेटी ने 191 दिन की रिसर्च के बाद यह रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक , कोविंद कमेटी की ओर से साल 2029 में देश में एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की गई है। इसके लिए संविधान के अंतिम पांच अनुच्छेदों में संशोधन की सिफारिश की है। जिसमें लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनाव के लिए एक मतदाता सूची रखने की बात भी सामने आई है। वहीं एक चुनाव के लिए संविधान में संशोधन की सिफारिश की भी संभावना है।
रिपोर्ट के अनुसार , पहले चरण में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं। वहीं दूसरे चरण में 100 दिन के अंदर ही स्थानीय निकायों के चुनाव कराए जा सकते हैं। साथ ही यह भी बताया गया है कि ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ पर 47 राजनीतिक दलों ने कमेटी को अपनी राय दी। जिसमें से 32 पक्ष में है , जबकि 15 ने विपक्ष में मत रखा है।
कमेटी में कितने लोग है शामिल
केंद्र सरकार ने 2 सितम्बर , 2023 को ‘वन नेशन , वन इलेक्शन’ कमेटी का गठन किया था। इसमें गृह मंत्री सहित सात सदस्य बनाए गए थे। कमेटी की अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कर रहे हैं। इस कमेटी में गृह मंत्री अमित शाह के अलावा गुलाम नबी आजाद , फाइनेंस कमीशन के पूर्व चेयरमैन एनके सिंह , लोकसभा के पूर्व सेक्रेटरी जनरल सुभाष कश्यप , सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे और पूर्व चीफ विजिलेंस कमिश्नर संजय कोठारी शामिल हैं। वहीं ,
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल कमेटी के स्पेशल मेंबर बनाए गए हैं। आपको बता दें , ‘एक देश, एक चुनाव’ को लेकर 1983 में चुनाव आयोग की ओर से ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ का सुझाव दिया गया था।
क्या होता है ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’
‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ का मतलब है कि लोकसभा चुनाव और सभी राज्यों में विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाए। इस मुद्दे पर लम्बे समय से बेहेस चल रही है और अब फिरसे यह मुद्दा सुर्ख़ियों में है। ‘एक देश, एक चुनाव’ के समर्थन और विरोध में कई तर्क दिए जाते है।
बताते चलें कि ,’एक देश, एक चुनाव’ कोई नया प्रयोग नहीं है। आजादी के बाद देश में पहली बार 1951 ,1952 1957, 1962 और 1967 में लोकसभा चुनाव और सभी राज्यों में विधानसभा चुनाव एक साथ कराए गए थे। लेकिन फिर यह सिलसिला 1968-69 टूटा। जब कुछ राज्यों की विधानसभाएं कई कारणों से समय से पहले भंग कर दी गई थी। वहीं 1971 में लोकसभा चुनाव समय से पहले हुए थे।
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