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भारत से चीनी जासूस एक्टिवेटेड सिम कार्ड और सूचनाएं चीन भेजता था।बता दें कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर पश्चिम बंगाल के मालदा जिले से 10 जून को गिरफ्तार किए गए संदिग्ध चीनी नागरिक हान जुनवेई को UP ATS शुक्रवार को बी-वारंट पर लखनऊ ले आई है।वहीँ हान को लखनऊ सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया है।
आपको बता दें कि हान पर देश की सुरक्षा में सेंध लगाने के लिए चीन के इशारे पर जासूसी करने की आशंका है।हान गुरुग्राम में एक रिजॉर्ट चलता है। इसके गिरोह में दर्जनों महिलाएं हैं, जो अपनी ID पर सिम कार्ड एक्टिवेट करवाती थी। इस एक्टिवेट सिम को हान चीन भेजता था। लखनऊ में भी हान जुनवेई के खिलाफ धोखाधड़ी, साइबर क्राइम, प्री-एक्टिवेट सिम से आर्थिक अपराध करने के मामले दर्ज हैं।
बिजनेस पार्टनर सन जियांग को किया गया था गिरफ्तार
बता दें की यूपी एटीएस हान की लंबे समय से तलाश कर रही थी।गौरतलब है कि ATS ने कुछ महीने पहले उसके बिजनेस पार्टनर सन जियांग को गिरफ्तार किया था।उसके बाद ही पूछताछ में हान और उसकी पत्नी की अवैध गतिविधियों के बारे में ATS को जानकारी मिली थी।
कई बैंकों के कर्मचारियों से भी जुड़ा गिरोह
इस मामले में अब तक 17 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। जिनमे 3 चीनी नागरिक हैं।इसपर अधिकारियों का कहना है कि यह गिरोह देश के आंतरिक मामलों की जासूसी करने के साथ-साथ यहां साइबर क्राइम का बड़ा जाल बिछा रहा है।इस गिरोह के सदस्य एक्टिवेटेड सिम खरीदकर चीन भेजते हैं।वहां से इस सिम के जरिए लोगों के बैंक अकाउंट से रुपए उड़ाए जाते हैं।गिरोह के तार कई बैंकों के कर्मचारियों से भी जुड़े हैं, जो इन्हें खाताधारकों की डिटेल देते हैं।
लग्जरी होटल का मालिक है हान जुनवेई
गौरतलब है कि चीनी नागरिक हान जुनवेई गुरुग्राम में डीएलएफ फेज-तीन इलाके के प्लाट नंबर टी-14/9 में स्टार स्प्रिंग होटल्स एवं रिजार्ट नाम से होटल चलाता है। इसके आलावा वह गिरोह का संचालन भी कर रहा था।गौरतलब है कि जनवरी में जानकारी मिलने के बाद ATS ने छापेमारी की थी तो यहां से गिरोह के कई सदस्य पकड़े गए थे लेकिन हान जुनवेई फरार हो गया था।जिसके बाद 10 जून को वह बांग्लादेश के रास्ते इंडिया में घुसने का प्रयास करते हुए मालदा में पकड़ा गया था।
वकील प्रमोद कुमार तिवारी ने बताया बी-वारंट क्या है ?
बता दें कि हाईकोर्ट के वकील प्रमोद कुमार तिवारी का कहना है कि कोर्ट जिस व्यक्ति को हाजिर करवाना चाहता है, उसके लिए बी-वारंट जारी कर सकता है। फिलहाल, इसका कोई भी सेक्शन सीआरपीसी में नहीं है, इसको जारी करने का अधिकार कोर्ट के पास होता है।
कोर्ट उस व्यक्ति को सम्मन जारी करता है, जिसे सम्मन के जरिए कोर्ट में हाजिर करवाने का प्रयास किया जाता है। लेकिन, अगर व्यक्ति सम्मन से बच रहा है और सम्मन तामील होने के बाद भी कोर्ट के समक्ष हाजिर नहीं होता है और कोर्ट में बाधा बनता है। ऐसी परिस्थिति में कोर्ट को गिरफ्तार करके अपने समक्ष पेश किए जाने का वारंट जारी करता है।
Written By : Preyasi Pandey
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