Thursday, June 19, 2025
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उत्तर प्रदेश में मदरसों का सर्वे शुरू,सर्वे टीम पहुंची लखनऊ के नदवा कॉलेज

उत्तर प्रदेश में मदरसों का सर्वे किया जा रहा है। इस कड़ी में सर्वे टीम लखनऊ के नदवा कॉलेज पहुंची और 11 बिंदुओं पर जानकारी ली। सर्वे की रिपोर्ट 25 अक्तूबर को शासन को सौंपी जाएगी। उत्तर प्रदेश में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे जारी है। इसी क्रम में आज सर्वे टीम लखनऊ के नदवा कॉलेज जा पहुंची और जानकारी ली। नदवा कॉलेज देश के बड़े मदरसों में शुमार है। उत्तर प्रदेश के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे फंडिंग समेत 11 बिंदुओं के आधार पर किया जा रहा है। सर्वे कर रही टीमों को 15 अक्तूबर तक अपना सर्वे पूरा करना है।

उत्तर प्रदेश के सभी जिलाधिकारी 25 अक्तूबर तक सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे। दरअसल, कई जगह पर इस सर्वे का विरोध भी हो रहा है।विभिन्न मुस्लिम संगठन इसकी मुखालफत कर रहे हैं। वही लखनऊ के नदवा कॉलेज में सर्वे के दौरान एसडीएम, एबीएसए और डीएमओ मौजूद रहे। लखनऊ के नदवा कॉलेज के वाईस प्रिंसिपल मौलना अब्दुल अज़ीज़ भटकली, मौलाना कमाल अख्तर नदवी, मौलाना इस्माइल भोला, एसडीएम सदर नवीन कुमार, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सोन कुमार और एबीएसए 11 बिंदुओं पर जानकारी ली। उल्लेमाओं ने कहा हम सर्वे का खुले दिल से स्वागत करते हैं। सरकार जो जवाब चाहती है। हम उसका जवाब देने के लिए तैयार हैं। वहीं अमरोहा एसडीएम सदर ने भी जानकारी दी है कि जिले में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे चल रहा। टीमें भेजी गई हैं।

सरकार के आदेश पर हो रहा सर्वेक्षण 

उन्होंने कहा कि सरकार के आदेश के बाद सभी संस्थानों में सर्वे हो रहा है।उधर, प्रयागराज जिले में मदरसों का सर्वे शुरू हो गया है। प्रयागराज में 30 मदरसे ऐसे पाए गए हैं जो बिना मान्यता के गलत तरीके से चल रहे हैं। अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कृष्ण मुरारी ने बताया कि अभी सर्वे का काम किया जा रहा है। सर्वे रिपोर्ट आने के बाद आगे कार्रवाई पर विचार किया जाएगा। दरअसल, उत्तर प्रदेश में मदरसों का सर्वेक्षण शुरू हो चुका है। सर्वेक्षण की घोषणा के बाद से ही सत्ता पक्ष और विपक्ष में इसे लेकर वार-पलटवार चल रहा है। अभी तक राजनीतिक दलों के नेताओं और कुछ मुस्लिम संगठनों की तरफ से इस सर्वे को लेकर बयानबाजी की जा रही है |

मदरसों के सर्वे को लेकर कोई आपत्ति नहीं

जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं दारुल उलूम के प्राचार्य मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि मदरसों के सर्वे को लेकर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन मौजूदा हालात में इस मानसिकता पर सवाल जरूर उठता है। दीनी मदरसे हमेशा से ही कुछ ताकतों को खटकते रहे हैं। मौलाना मदनी ने बयान जारी कर कहा है कि मदरसों में केवल धार्मिक शिक्षा दी जाती है। इसका अधिकार हमें देश के संविधान ने दिया है। संविधान ने हमें अपने शिक्षण संस्थाएं स्थापित करने और उन्हें चलाने का पूरी आजादी भी दी है। मदरसों में कुरआन और हदीस की शिक्षा में आतंकवाद और उग्रवाद के लिए कोई स्थान नहीं है। हमारी आपत्ति वर्तमान स्थिति में मानसिकता को लेकर है, मदरसों का सर्वे कराने के आदेश पर नहीं है।

चेयरमैन बोले – सर्वे को जांच न समझा जाए

गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे को लेकर बन रही भ्रम की स्थिति पर मदरसा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे को किसी भी रूप में जांच न समझा जाए। सर्वे का का मकसद मदरसों सही संख्या का पता लगाना है, जिससे जरूरत पड़ने पर उनको सुविधाएं दी जा सकें। डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने कहा कि प्रदेश में अधिकांश मदरसे चंदे व जकात के पैसे से चल रहे हैं। ये मदरसे गरीब, लाचार और यतीम बच्चों को शिक्षित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मदरसों के बच्चों के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा साफ है। वे चाहते हैं कि इन बच्चों के एक हाथ में कुरान और दूसरे में कंप्यूटर होना चाहिए।

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