देश के अलग-अलग हिस्सों में शिक्षा के अधिकार के तहत गरीब छात्रों का निजी स्कूलों में एडमिशन किया जाता है | शिक्षा के अधिकार के तहत स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटें आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए आरक्षित होती है। हालांकि, उत्तर प्रदेश के नोएडा में कुछ नामी स्कूलों की मनमानी सामने आई है, जो गरीब छात्रों को अपने यहां एडमिशन देने में आनाकानी करते हुए दिखाई दे रहे हैं | वहीं, अब इन स्कूलों की मनमानी को देखते हुए शिक्षा विभाग ने मामले की जांच करने की तैयारी कर ली है |
इसके लिए तीन सदस्यों वाली समिति का गठन किया गया है, जो अब मामले की जांच करेगी | आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को शिक्षा के अधिकार के तहत आरक्षित सीटों पर एडमिशन देने में नोएडा के नामी स्कूलों में मनमानी देखने को मिल रही है | यही वजह है कि अब शिक्षा विभाग उप-प्रभागीय न्यायाधीश (एसडीएम) की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित करेगा | गौतम बुद्ध नगर की बेसिक शिक्षा अधिकारी ऐश्वर्या लक्ष्मी ने बताया कि सूची में नाम आने के बाद भी स्कूल दाखिला नहीं दे रहे हैं | इस वजह से यह जानकारी भी नहीं मिल पा रही है कि आरक्षित सीटों पर कितने छात्रों को एडमिशन मिल पाया है |
नाम आने के बाद भी एडमिशन नहीं दे रहे स्कूल
बेसिक शिक्षा अधिकारी ऐश्वर्या लक्ष्मी बताया कि शिक्षा विभाग अब तक 75 से ज्यादा स्कूलों को नोटिस जारी कर चुका है | ऐसा आरोप है कि शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के तहत सूची में नाम आने के बाद भी स्कूल स्टूडेंट्स का एडमिशन नहीं कर रहे हैं | यहां तक कि वे शिक्षा विभाग के नोटिस को भी गंभीरता से नहीं ले रहे हैं | ना ही उन नोटिस का कोई जवाब दे रहे है | आरटीई के तहत स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटें आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए आरक्षित होती है | शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कुछ स्कूलों ने ही दाखिले के संबंध में जानकारी दी है |
बाकी के स्कूल आनाकानी कर रहे हैं | यही वजह है कि अब शिक्षा विभाग सख्त रूप अपनाता हुआ नजर आ रहा है | बेसिक शिक्षा अधिकारी ऐश्वर्या लक्ष्मी ने बताया कि करीब तीन से चार हजार एडमिशन हुए हैं | इसकी जांच के लिए एसडीएम की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित की जाएगी | यही समिति होने वाले एडमिशन पर नजर रखेगी |
read more;स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने किया देश को संबोधित