डिजिटल डेस्क : यूपी में चुनावी घमासान से पहले बीजेपी ने निषाद वोटरों को आरक्षण देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. योगी सरकार ने केंद्र के महापंजीयक से मल्लाह, बिंद आदि उपजातियों को निषाद समुदाय में अनुसूचित जाति समुदाय में शामिल करने के लिए सुझाव मांगे हैं. इस संबंध में संजय निषाद ने यूपी सरकार से मांग की थी.
यूपी सरकार की ओर से रजिस्ट्रार जनरल को जारी पत्र में कहा गया है कि मांझी, मझवार, केवट, मल्लाह और निषाद समुदाय के जो लोग माछवाड़ा समुदाय के अंतर्गत आते हैं, उन्हें एससी सर्टिफिकेट जारी नहीं किया जाता है. पत्र में कहा गया है कि ऐसा करना संविधान के मसौदे का उल्लंघन है और इस संदर्भ में अपना सुझाव यूपी सरकार को दें.
जोर पकड़ रही है निषाद आरक्षण की मांग- आपको बता दें कि यूपी चुनाव से पहले निषाद आरक्षण की मांग ने जोर पकड़ लिया है. निषाद समुदाय का कहना है कि हमें सरकार में आरक्षण देना चाहिए, नहीं तो हम इस बार वोट नहीं देंगे. वहीं अमित शाह और संजय निषाद की रैली में जमकर बवाल हुआ.
संजय निषाद ने भी खोला मोर्चा- आरक्षण की मांग को लेकर संजय निषाद ने भी मोर्चा खोल दिया है. हालांकि संजय निषाद ने सीधे तौर पर सरकार के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया है. संजय निषाद ने बीते दिनों कहा था कि अगर यूपी में चुनाव से पहले आरक्षण का समाधान नहीं हुआ तो योगी सरकार का नुकसान तय है.
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15 से 20 सीटों पर निषाद समुदाय का सीधा असर बताया जा रहा है कि पूर्वांचल में निषाद समुदाय का काफी प्रभाव है. करीब 15 से 20 सीटों पर समुदाय का सीधा असर है। गोरखपुर, संत कबीर नगर, वाराणसी आदि जिलों में निषाद मतदाताओं की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती है। यूपी के पूर्वांचल में निषाद समुदाय की आबादी करीब 18 फीसदी है।