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न्याय दिलाकर ही रहेंगे
उत्तर प्रदेश के उन्नाव में हुई घटना ने एक बार फिर यूपी सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने #Save_Unnao_Ki_Beti के जरिए ट्वीट कर कहा, ‘केवल दलित समाज को ही नहीं यूपी सरकार महिला सम्मान व मानवाधिकारों को भी कुचलती जा रही है। लेकिन वे याद रखें कि मैं और पूरी कांग्रेस पार्टी पीड़ितों की आवाज़ बनकर खड़े हैं और उन्हें न्याय दिलाकर ही रहेंगे।’ Unnav Kaand Par Rahul
बता दें कि उन्नाव के असोहा थाना क्षेत्र के एक गांव में बुधवार रात तीन नाबालिग दलित लड़कियां बुधवार रात को खेत में दुपट्टे से बंधी पड़ी मिलीं थीं। इनमें दो लड़कियों की मौत हो चुकी थी, जबकि तीसरी लड़की अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही है। घटना के बाद इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया है। Unnav Kaand Par Rahul
कांग्रेस ने लगाए यूपी सरकार पर आरोप
गांव में उन्नाव के 9 थानों की पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि पीड़ित परिवार को नजरबंद किया गया है। वहीं, राहुल गांधी ने यूपी सरकार पर महिला सम्मान और मानवाधिकारों को कुचलने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह पीड़ितों को न्याय दिलाकर ही रहेंगे।
ये है पूरा मामला Unnav Kaand Par Rahul
उन्नाव के असोहा थाना क्षेत्र के एक गांव में तीन किशोरियां खेत में पशुओं के लिए हरा चारा लेने गई थीं। देर शाम तक जब वह वापस नहीं लौटीं तो परिजन खोजने के लिए निकले। इस दौरान उन्हें तीनों लड़कियां खेत में कपड़े से बंधी मरणासन्न हालत में मिलीं। परिजन उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र असोहा ले गए, जहां पर डॉक्टरों ने दो किशोरियों को मृत घोषित कर दिया।
वहीं, तीसरी को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया, जहां उसकी हालत गंभीर देखते हुए डॉक्टरों ने उसे कानपुर के हैलट अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। तीसरी लड़की रिजेंसी अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही है। उसे वेंटीलेटर पर रखा गया है।
क्या बोलीं प्रियंका Unnav Kaand Par Rahul
प्रियंका गांधी वाड्रा ने गुरुवार को फेसबुक के माध्यम से कहा, ‘उन्नाव की घटना दिल दहला देने वाली है। लड़कियों के परिवार की बात सुनना एवं तीसरी बच्ची को तुरंत अच्छा इलाज मिलना जांच-पड़ताल एवं न्याय की प्रक्रिया के लिए बेहद जरूरी है। खबरों के अनुसार पीड़ित परिवार को नजरबंद कर दिया गया है।
यह न्याय के कार्य में बाधा डालने वाला काम है। आखिर परिवार को नजरबंद करके सरकार को क्या हासिल होगा। यूपी सरकार से निवेदन है कि परिवार की पूरी बात सुने एवं त्वरित प्रभाव से तीसरी बच्ची को इलाज के लिए दिल्ली शिफ्ट किया जाए।’ Unnav Kaand Par Rahul
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देश के आजाद होने के बाद पहली बार होगीउ फांसी ,आपको बता दें की आरोपी महिला को मथुरा जेल में फांसी के फंदे पर लटकाने की तैयारी से एक बार फिर अमरोहा के बावनखेड़ी हत्याकांड की खलनायिका शबनम और उसका प्रेमी सलीम सुर्खियों में आ गए हैं।
हत्याकांड से फांसी की सजा तक 100 तारीखों पर 29 गवाहों से 649 सवाल हुए थे। इसके बाद जिला जज एसएए हुसैनी ने 29 सेकेंड में फैसला सुनाते हुए लिखा कि शबनम और सलीम को तब तक फांसी के फंदे पर लटकाया जाए तब तक उनका दम न निकल जाए। Aazad Bharat Me Pehli
किन लोगों की हत्या की थी
अमरोहा के हसनपुर तहसील क्षेत्र के गांव बावनखेड़ी निवासी मास्टर शौकत के हंसते खेलते परिवार को 14/15 अप्रैल 2008 की रात मौत की नींद सुला दिया गया था। Aazad Bharat Me Pehli
इस घटना को अंजाम किसी और ने नहीं बल्कि मास्टर शौकत की शिक्षामित्र बेटी शबनम ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर दिया था। शबनम ने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर अपने पिता मास्टर शौकत, मां हाशमी, भाई अनीस और राशिद, भाभी अंजुम और फुफेरी बहन राबिया का कुल्हाड़ी से वार कर कत्ल कर दिया था। मासूम भतीजे अर्श की गला दबाकर हत्या की गई थी।
इस मामले में अमरोहा कोर्ट में दो साल तीन महीने तक सुनवाई चली थी। इस दौरान 100 तारीखों पर जिरह हुई। 29 गवाहों को 649 सवालों से गुजरना पड़ा। 14 जुलाई 2010 को शबनम और सलीम को इस दिल दहला देने वाले हत्याकांड में दोषी करार दिया गया। दूसरे दिन 15 जुलाई 2010 को जिला जज एसएए हुसैनी ने शबनम और सलीम को फांसी की सजा सुनाई थी। Aazad Bharat Me Pehli
कत्ल से फांसी तक पहुँचने की कुछ खास बातें Aazad Bharat Me Pehli
– 100 तारीखों तक चली जिरह – 29 गवाहों ने शबनम-सलीम के खिलाफ बयान दिए थे – 27 महीने तक चली थी केस की सुनवाई – 14 जुलाई 2010 शबनम और सलीम दोषी करार दिए गए – 15 जुलाई 2010 को दोनों को सुनाई गई फांसी की सजा – 29 सेकेंड में जिला जज एसएए हुसैनी ने सुनाई थी फांसी की सजा – 29 लोगों की हुई गवाही पर सुनाया था फैसला – 649 सवाल किए गए थे गवाहों से – 160 पन्नों में दर्ज है सजा की दास्तान – 03 जिला जजों के कार्यकाल में पूरी हुई सुनवाई
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फोरम को सम्बोधित करते हुए क्या बोले प्रशानमंत्री
प्रधानमंत्री ने नैस्कॉम टेक्नोलॉजी एंड लीडरशिप फोरम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया ।इस वर्ष के आयोजन का विषय शेपिंग द फ्यूचर टू्वार्ड्स नार्मल रहा। इस आयोजन में 30 से ज्यादा देशों के 1600 प्रतिनिधियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया कार्यक्रम में उत्पाद दिखाए गए प्रधानमंत्री लोगों को संबोधित करते हुए कहा तकनीकी और एआई की मदद से कृषि और स्वास्थ्य कल्याणकारी सेक्टर की मदद की जानी चाहिए इसके साथ ही शिक्षा और कौशल विकास के संबंध में जनता से जुड़े समाधान प्रदान करने की बेहद आवश्यकता है। Prdhanmantri Ne Nasscom Technology
विकसित हो रहा है भारत
अटल इनक्यूबेशन सेंटर से लेकर अटल टिंकरिंग लैब तक भारत विकसित हो रहा है आज देश का स्कूल और कॉलेज तकनीक के साथ-साथ संस्कृति का भी निर्माण कर रहा है हमारे इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े प्रोजेक्ट हो या गरीबों के घर हर प्रोजेक्ट्स को जियो टैगिंग की जा रही है ताकि वह समय से पहले पूर्ण हो सके आगे प्रधानमंत्री ने कहा आज गांव के घरों की मैपिंग ड्रोन के जरिए हो रही है टैक्स से जुड़े मामलों में ह्यूमन इंटरफ़ेस को कम किया जा रहा है। Prdhanmantri Ne Nasscom Technology
डिजिटलाईज़ेशन की ओर बढ़ रहा भारत
डिजिटल इंडिया मिशन ने भारत को सशक्त करने में अहम भूमिका निभाई है जो प्रोडक्ट और सलूशन विकसित किए जा रहे हैं वह शासन का हिस्सा बन गए हैं डिजिटल इंडिया मिशन ने आम आदमी को सशक्त बनाया है और सरकार ने उसे प्रत्यक्ष तौर पर जोड़ा है तीन-चार सालों में भारत में डिजिटल ट्रांजेक्शन में भारी बदलाव आया है और यह बदलाव सकारात्मक रहा है।
डिजिटल ट्रांजेक्शन में उछाल के साथ भ्रष्टाचार और कम होता हुआ नजर आया है काला धन सामने आया है जितना ज्यादा डिजिटल ट्रांजेक्शन होगा उतना ही भ्रष्टाचार को कम किया जा सकेगा प्रधानमंत्री ने युवा उद्यमियों के लिए स्वा प्रमाणन को बढ़ावा देने का जिक्र करते हुए कहा हमारे स्टार्टअप्स और युवा उद्यमियों को पूरी आजादी दी जानी चाहिए कि वह विश्व में मिल रहे विभिन्न अवसरों का सकारात्मक उपयोग कर सकें और इन अवसरों को अपने और देश के हित के लिए इस्तेमाल कर सकें सरकार को जनता इस स्टेप और इन्नोवेटर्स पर पूरा विश्वास है और हम इस विश्वास के साथ स्वप्रमाणन को बढ़ावा देते हैं। Prdhanmantri Ne Nasscom Technology
भारत की और उम्मीद से देखते हैं दूसरे देश। Prdhanmantri Ne Nasscom Technology
कोविड-19 का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा एक समय पर महामारी के कारण सभी क्षेत्र प्रभावित है आईटी सेक्टर में 2 फ़ीसदी की वृद्धि की है यह सराहना के काबिल है प्रौद्योगिकी और तकनीकी क्षेत्र में उस समय 4 बिलियन डॉलर का मुनाफा हुआ जब सभी क्षेत्रों में गिरावट का दौर जारी था आगे प्रधानमंत्री ने कहा अब वक्त आ गया है जब विश्व में दूसरे देश भारत की और उम्मीद से देखते हैं ऐसा पहले कभी नहीं हुआ क्योंकि भारत चुनौतियों से कभी पीछे नहीं हटता है।
कोरोना काल में भारत ने खुद को साबित किया है और विश्व में अपनी एक अलग पहचान बनाई है भारत में निर्मित वैक्सीन की विश्व भर में तारीफ हो रही है हमारे विज्ञान और तकनीक ने ना सिर्फ खुद को साबित किया है बल्कि विकसित भी किया है। एक समय था जब हम स्मॉलपॉक्स की वैक्सीन के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहते थे। Prdhanmantri Ne Nasscom Technology
लेकिन अब इस महामारी से लड़ने के लिए हम दूसरे देशों को स्वदेशी वैक्सीन प्रदान कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने आगे कहा यह नया भारत है यहां हर भारतवासी प्रगति की ओर अधीर है हमारी सरकार ने नए भारत के युवाओं की इस भावना को समझा है। 130 करोड़ से अधिक भारतवासियों की आकांक्षाएं हमें तेजी से आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं।
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पुडुचेरी में मछुआरों से वार्ता की। इस दौरान उन्होंने कृषि कानून को लेकर एक बार फिर से मोदी सरकार पर निशाना साधा । Machhuaron Ke Liye Bhi
राहुल ने मछुआरों को समुद्र का किसान बताते हुए उनके लिए मंत्रालय की जरूरत पर भी जोर दिया कृषि। कानून के विरोध में चल रहे प्रदर्शन पर राहुल गांधी ने केंद्र को घेरते हुए कहा किसान देश की रीढ़ की हड्डी हैं और उन्हीं के विरोध में भारत सरकार ने कृषि कानूनों को पारित किया है।
मछुआरों के लिए भी हो दिल्ली में मंत्रालय
आगे राहुल गांधी ने मछुआरों से कहा आप लोगों को बेशक इस बात की हैरानी हो रही होगी कि मैं किसानों की बात इस समय क्यों कर रहा हूं क्योंकि मैं आप सब लोगों को समुद्र के किसान के तौर पर देखता हूं। Machhuaron Ke Liye Bhi
यदि खेती करने वाले किसानों के लिए दिल्ली में मंत्रालय है तो समुद्र के किसानों के लिए भी दिल्ली में मंत्रालय होना चाहिए। इसके अलावा राहुल गांधी ने मछुआरों के लिए बीमा, पैन वगैरह जैसी सुविधाओं की भी मांग की।
प्रधानमंत्री भी करेंगे पड्डुचेरी का दौरा
बता दे भारत के प्रधानमंत्री भी 25 फरवरी को पुडुचेरी का दौरा करेंगे इस वक्त राजनीतिक अनिश्चितता के कारण नेता पुडुचेरी का दौरा कर रहे हैं केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में कांग्रेस की सरकार अल्पमत में आ गई है। तो
उपराज्यपाल पद से हटाई गई बेदी
वही उपराज्यपाल किरण बेदी को भी उनके पद से हटा दिया गया है। जिसकी मांग कांग्रेस काफी समय से करती रही है।उप राज्यपाल पद से हटाए जाने के बाद किरण बेदी ने एक वीडियो और ट्वीट करके भारत सरकार को धन्यवाद दिया। किरण बेदी ने कहा उपराज्यपाल के तौर पर की सेवा करने का मौका मिलना एक लाइफटाइम अनुभव है। Machhuaron Ke Liye Bhi
उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान जनहित के कार्य को पूरी लगन से किया इसके लिए उन्होंने उन सभी लोगों का धन्यवाद जिन्होंने उनके कार्यों में हाथ बटाया । उनके साथ मिलकर काम किया आगे किरण बेदी बोली मैं संतोष की गहरी समझ के साथ कह सकती हूं कि इस कार्यकाल के दौरान ‘टीम राज निवास’ ने पूरी मेहनत और लगन से बड़े जनहित के कार्य किए हैं।
कांग्रेस को लगातार बढ़ रही मुश्किलें Machhuaron Ke Liye Bhi
राज्य में अप्रैल और मई के महीने में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस को झटका लगने का सिलसिला अभी भी बना हुआ है। जिस कारण कांग्रेस कड़े प्रयासों में जुट गई है 1 महीने में कांग्रेस के 4 विधायकों ने इस्तीफा दिया है। विधायकों के इस्तीफ़े के बाद मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने कैबिनेट की। Machhuaron Ke Liye Bhi
बैठक बुलाई बैठक में कैबिनेट को भंग करने की बजाय बहुमत साबित करने का फैसला लिया गया विधानसभा में विधायकों की संख्या 30 है। जिसमें 2016 में चुनाव के दौरान कांग्रेस ने 15 सीटें जीती थी। मौजूदा 28 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस-द्रमुक गठबंधन के 14 सदस्य रह गए हैं । एक निर्दलीय विधायक भी सरकार का समर्थन कर रहा है इस समय बहुमत का आंकड़ा 15 है। Machhuaron Ke Liye Bhi
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किसान महापंचायत
देश में लगातार चल रहे सबसे बड़े किसान आंदोलन ने अब एक और नया मोड़ ले लिया है। 80 दिनों से लगातार दिल्ली के सिंधु बॉर्डर पर आंदोलन में बैठे किसानो ने अब देश के अलग अलग जगहों पर किसान महापंचायत करने का फैसला लिया । भारतीय किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत का कहना है जब तक केंद्र सरकार तीनो कृषि कानून वापस नहीं ले लेती तब तक हम किसी भी हाल में पीछे नही हटेंगे। Kisan Lagataar Kar Rahe
किसान कब कहाँ करेगा महापंचायत Kisan Lagataar Kar Rahe
अपनी बात मनवाने और कृषि कानून वापस करने के लिए अब किसान महापंचायत कर रहे है । देश के अलग अलग जगहों जैसे उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में 12 फरवरी, हरियाणा के शहर बहादुरगढ़ में 13 फरवरी को , राजस्थान के श्रीगंगानगर (Sri Ganganagar) में 18 फरवरी, राजस्थान के ही हनुमानगढ़ में 19 फरवरी को और सीकर में 23 फरवरी को महापंचायत का आयोजन किया जायेगा। Kisan Lagataar Kar Rahe
आखिर क्यों किसानो ने महापंचायत करने का फैसला लिया ?
किसान महापंचायत करने कि बात तब सामने आयी जब किसानो ने एकबार फिर 18 फरवरी को रेल रोको कि बात कही। किसानो का कहना है सरकार आंदोलन को तोड़ने और ख़तम करने का प्रयास कर रही है। जिसकी वजह से हमें ये महापंचायत का फैसला लेना पड़ा। Kisan Lagataar Kar Rahe
हालाँकि अभी तक जिस भी स्थान पर किसान महापंचायत काआयोजन हुआ वहां भारी संख्या में किसान मौजूद रहे।मुज्जफरनगर में हुई किसान किसान महापंचायत के मंच पर भारतीय किसान यूनियन के नेता नरेश टिकैत मौजूद रहे। महापंचायत में किसानो ने कहा अगर कृषि कानून वापस नहीं लिए गए तो बीजेपी 2022 और 2024 के चुनावों के लिए तैयार रहे। राकेश टिकैत का कहना है सरकार हमारी मांगे मान ले नहीं तो हमें मजबूरी मे ये आन्दोलन जारी रखना पड़ेगा और अलग अलग जगहों पर महापंचायत होती रहेगी जिससे ज्यादा से ज्यादा किसान हमारे साथ जुड़ सके।
किसान महापंचायत का सरकार पर क्या हो रहा है असर ?
सिंधु बॉर्डर पर लगातार चल रहे आंदोलन में अभी तक लाख़ों कि संख्या में किसान जुड़ चुके हैं ,हांलांकि बीते कुछ समय में इनकी संख्या में गिरावट आयी है। बहुत से किसान अपने घर वापस चले गए जहाँ दिल्ली में हज़ारों की संख्या टैंट लगे थे अब वहीँ कुछ गिने चुने बचे है। Kisan Lagataar Kar Rahe
ऐसे में किसानों ने महापंचायत करने का फैसला लिया था जिससे किसान अपने जिले या राज्य सही आंदोलन में जुड़ सके। ऐसे में इस महांपचायत का सरकार पर असर पड़ना तय है क्योंकि किसान साफ़ बोल चुके है कि या तो तीनो कृषि कानून वापस ले या फिर आने वाले चुनाव के लिए तैयार रहे।
इसलिए यह बात सरकार के लिए चिंतादायक है क्योंकि हमारा देश कृषि प्रधान देश है और यहाँ हर जिले हर राज्य में किसान मौजूद है। Kisan Lagataar Kar Rahe
आंदोलन को अन्य राजनितिक पार्टियों का समर्थन
जहाँ एक ओर सत्ता में बैठी सरकार किसानो की दुश्मन बन बैठी है वहीँ दूसरी ओर कई दूसरी राजनीतिक पार्टियां किसान आंदोलन के समर्थन में खड़ी हैं। आरएलडी, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आप जैसी बड़ी राजनीतिक पार्टियां किसानो के साथ खड़ी हैं ,कई प्रतियों के नेता तो किसान महापंचायत में भी शामिल रहे।
वही कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी भी अपना पूरा समर्थन किसान आंदोलन को दे रही हैं उन्होंने बताया किसान हमारे अन्नदाता हैं और मैं इनके साथ खड़ी हूँ। Kisan Lagataar Kar Rahe
अखिलेश यादव ने भी किसानो से वादा किया है की वो इस समय पूरी तरह से किसानो के साथ हैं और उन्होंने बताया सरकार को तीनो कृषि कानून वापस ले लेने चाहिए क्योंकि ये किसानो के हित में नहीं हैं।
ऐसे में हमारा यह कहना मुश्किल है की क्या दूसरी पार्टियां सच मे किसानों के साथ हैं या वो सिर्फ किसान आंदोलन का सहारा लेकर बीजेपी पर निशाना साध रही हैं। हांलांकि राजनीतिक पार्टियों और उनके नेताओं ने किसानो को पूर्ण आश्वाशन दिया है वो पूरी तरह से उनके साथ हैं। और सरकार को तीनो कृषि कानून वापस लेने ही पड़ेगे।
क्या महापंचायतों से होगा किसानो का समाधान ? Kisan Lagataar Kar Rahe
आखिर में सवाल यह रह जाता है कि क्या इन् किसान महापंचायतों से किसानो का समाधान होगा ?अगर हम किसानो के द्वारा बोली गयी बातों पर ध्यान दे तो उससे यही लगता है कि शायद ये महापंचयत उनके आन्दोलन मे सहायक हों।
क्योंकि इससे किसान आंदोलन मे एक नया मोड़ आया है और जो किसान कुछ वजहों सेआंदोलन छोड़कर अपने घर वापस चले गए थे अब वो फिर से महापंचायत के जरिये दोबारा अंदोलन से जुड़ पा रहे हैं।फ़िलहाल यह देखना जरुरी होगा कि आखिर इस किसान महापंचायत से आंदोलन में क्या मोड़ आता है। Kisan Lagataar Kar Rahe
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तीन बार चैंपियन रही चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए आईपीएल का 13वां सीजन काफी निराश करने वाला था। आईपीएल 2020 (IPL 2020) में चेन्नई सुपरकिंग्स न सिर्फ प्लेऑफ में पहुंचने में नाकामयाब रही बल्कि वो अंकतालिका में भी सातवें स्थान पर खिसकी रही। आईपीएल इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था की सीएसके प्लेऑफ में नहीं पहुंच पाई। इस बार की नीलामी से पहले ही चेन्नई ने अपने छह खिलाड़ियों को रिलीज कर दिया। बहरहाल, 18 फरवरी को आईपीएल के 14वें सीजन की नीलामी होनी है। ऐसे में आइए देहते हैं और जानते हैं कि फ्रेंचाइजी आईपीएल 2021 के लिए किन स्टार खिलाड़ियों पर अपनी बोली लगा सकती है?
इन खिलाड़ियों पर करोड़ों का दांव खेल सकती है सीएसके
इस बार की नीलामी में चेन्नई सुपरकिंग्स इन खिलाड़ियों पर बड़ी बोली लगा सकती है,जैसे- ग्लेन मैक्सवेल, चेतन सकारिया, कृष्णपा गौतम, शिवम दूबे, मोइन अली, एलेक्स हेल्स, जेसन रॉय, डेविड मलान, आरोन फिंच, लुकमान मेरीवाला, सैम बिलिंग्स का ।
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टूलकिट केस toolkit mamla
इन् दिनों टूलकिट केस के नाम पर सियासी जंग छिड़ी हुई है। दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन को भी इस टूलकिट केस से जोड़कर देखा जा रहा है। ऐसे में हमारे लिए इस केस से जुडी कुछ मुख्य बातों पर ध्यान देना और उनके बारे जानकारी होना आवश्यक हो जाता है। toolkit mamla toolkit kya hai
इसलिए आज हम आपके साथ टूलकिट केस से जुडी कुछ मुख्य और अहम् जानकारियां साझा करेंगे। सबसे पहले हमारे लिए यह जानना जरुरी है की, toolkit kya hai
‘टूलकिट क्या है ?’ toolkit kya hai toolkit mamla tool kit mamla toolkit kya hai
टूलकिट एक ऐसा डिजिटल माध्यम है जिसमें हम अपने कार्यक्रम, आंदोलन से जुडी किसी भी तरह की योजना का एक ऑनलाइन ब्यौरा तैयार करते हैं। जिसमें हम भविष्य में होने वाले अपने कार्यक्रम से जुड़े हर एक पह्लू की पहले से योजना पहले से ही बना लेते हैं। Kya Hai Toolkit Ka toolkit mamla tool kit mamla
जैसे की हमें अपने आंदोलन को किस तरह करना है , उसमें कितने लोग शामिल होंगे , किस दिन हमें आंदोलन का ऑनलाइन कैंपेन करना है, किस दिन धरना प्रदर्शन करना है, साथ ही हमें ऑनलाइन मध्यम में कौनसे हैसटैग इस्तेमाल करने हैं ये भी हम टूलकिट में पहले से ही लिख कर रखते हैं। Kya Hai Toolkit Ka tool kit mamla
यह एक ऐसा माध्यम है जिसे हम ऑनलाइन ही एडिट कर सकते हैं और उसमें किसी भी तरह का बदलाव कर सकते हैं। टूलकिट का इस्तेमाल सिर्फ आंदोलनों में ही नहीं बल्कि इसका इस्तेमाल राजनीतिक पार्टियां और शिक्षण संस्थान भी करते हैं।
हाल ही में टूलकिट केस के सन्दर्भ में 21 वर्षीय दिशा रवि को दिल्ली पुलिस ने 5 दिन की रिमांड पर लिया है। ऐसे में हमारा यह जानना जरुरी है कि …. tool kit maamla
दिशा रवि आखिर हैं कौन ? Kya Hai Toolkit Ka tool kit mamla
दिशा रवि बंगलुरु की रहने वाली 21 वर्षीय एक क्लाइमेट एक्टिविस्ट हैं। दिशा माउंट कार्मेल कॉलेज बेंगलुरु से बीबीए कर चुकी हैं और गुड वेगन मिल्क नाम की संस्था में काम करती हैं ये संस्था प्लांट बेस्ड फूड को सस्ता औ सुलभ बनाने का काम करती हैं इसी के साथ ये संस्था जानवरों पर आधारित कृषि को खत्म कर उन्हें भी जीने का अधिकार दिलाना चाहती है।
दिशा रवि ने भारत में साल 2019 में ‘फ्राइडेज फॉर फ्यूचर इंडिया’ नामक संस्था का गठन किया, जिससे वो जलवायु परिवर्तन को लेकर काम करती हैं। उनकी संस्था से 100 – 150 एक्टिव कार्यकर्ता जुड़े हुए हैं। दिशा ने किसान आंदोलन को भी अपना समर्थन दिया है। toolkit mamla
दिशा को क्लाइमेट एक्टिविस्ट बनने की प्रेरणा उनके दादा दादी से मिली, जो की किसान थे और जलवायु परिवर्तन की समस्या से जूझ रहे थे। Kya Hai Toolkit Ka
आखिर दिशा रवि को टूलकिट केस में गिरफ्तार क्यों किया गया ?
दिल्ली पुलिस के मुताबिक दिशा रवि पर खालिस्तानी ग्रुप को दोबारा खड़ा करने और सरकार के खिलाफ साजिश रचने का एक गंभीर आरोप है। जिसकी वजह से दिशा को 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। दिशा को बंगलुरु से ही गिरफ्तार किया गया था साथ ही दिल्ली पुलिस का कहना है कि दिशा ने टूलकिट को एडिट किया है जिसमें उनके साथ और भी लोग शामिल हैं। toolkit mamla
दिशा के साथ साथ शांतनु और निकिता का नाम भी सामने आया है पर अभी तक इन् दो लोगों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। दिशा ने अपने बयान में यह बात मानी कि उन्होंने टूलकिट कि दो लाइन एडिट कि थी वो भी इसलिए क्योंकि वो किसान आंदोलन से प्रभावित थीं और उनका पूरा समर्थन किसानों को है। Kya Hai Toolkit Ka
दिल्ली पुलिस के अनुसार दिशा ने एक व्हाट्सप्प ग्रुप बनाया था जिसके जरिये ही उन्होंने टूलकिट को एडिट किया था। हांलांकि पुलिस को बरामद हुए दिशा के मोबाइल से कोई भी डाटा नहीं मिला क्योंकि उन्होंने पहले ही सारा डाटा डिलीट कर दिया था ,पर अभी उनके फ़ोन का डाटा रिकवर किया जा रहा है। पुलिस का मानना है कि दिशा तो बस एक छोटी सी कड़ी है अभी इसमें और भी लोग शामिल होंगे। toolkit mamla
यह टूलकिट जिसे माना जा रहा है कि किसान आंदोलन के लिए तैयार किया गया था और सारी रणनीतियां पहले से तय थीं, उसे गलती से स्विट्जरलैंड कि क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थुनबेर्ग ने 3 फरवरी को अपने ट्विटर आकउंट पर शेयर कर दिया था जिसके बाद ही ये सारा मामला सामने आया।
हांलांकि ग्रेटा ने कुछ समय बाद ही उसे डिलीट कर दिया था पर तब तक वह टूलकिट दिल्ली पुलिस कि नजर में आ चुकी थीं और दिल्ली पुलिस ने तुरंत ही FIR दर्ज करा दी थीं। Kya Hai Toolkit Ka
दिल्ली पुलिस के मुताबिक इसमें 800 से ज्यादा ऐसे ट्विटर हैंडल हैं जिनसे किसान आंदोलन के नाम पर सिर्फ सरकार के खिलाफ ट्वीट किये जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार इस टूलकिट को बनाने में खालिस्तानी समर्थक संगठन POETIC JUSTICE FOUNDATION की भी अहम भूमिका हैं। toolkit kya hai
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिशा रवि की गिरफ्तारी पर सवाल उठाये हैं साथ ही बीजेपी की आईटी सेल पर भी निशाना साधा है। कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने भी दिशा रवि को अपना समर्थन दिया है।
किस डर से दिशा ने डिलीट करवाया था ट्वीट Kya Hai Toolkit Ka toolkit kya hai
दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि ग्रेटा थनबर्ग ने दिशा के अनुरोध करने के बाद कथित रूप से ट्वीट को डिलीट भी कर दिया था। बाद में टूलकिट का एक संपादित संस्करण साझा किया। इस बीच पुलिस ने यह भी दावा किया कि टूलकिट का संपादन 22 वर्षीय दिशा ने ही किया था। Kya Hai Toolkit Ka
दिशा ने बोलै हमारे खिलाफ कार्रवाई हो सकती है
पुलिस सूत्रों के मुताबिक दिशा ने व्हाट्सएप पर थनबर्ग को लिखा, “ठीक है क्या ऐसा हो सकता है कि तुम टूलकिट को पूरी तरह ट्वीट न करें। क्या हम थोड़ी समय के लिए रुक सकते हैं। मैं वकीलों से बात करने वाली हूं। मुझे दुख है, लेकिन उस पर हमारे नाम हैं और हमारे खिलाफ यूएपीए के तहत कार्रवाई भी हो सकती है।” दिल्ली पुलिस का दावा है कि दिशा ने कथित रूप से गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज होने के डर से यह अनुरोध किया था। toolkit kya hai
कैसे हुआ खुलासा? Kya Hai Toolkit Ka
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि थनबर्ग और दिशा रवि के बीच व्हाट्सएप चैट की जांच के दौरान ही यह खुलासा हुआ है। चैट से पता चला कि दिशा ने ट्वीट डिलीट करने के लिए ग्रेटा थनबर्ग से कहा था क्योंकि “टूलकिट” के दस्तावेज में उसका भी नाम था। Kya Hai Toolkit Ka
दिल्ली पुलिस मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान टूलकिट दस्तावेज से संबंधित प्रश्नों का जवाब देते हुए पुलिस उपायुक्त (Cyber Cell) अन्येष रॉय बोले , ”यह एक ‘स्टैटिक’ दस्तावेज नहीं है बल्कि यह एक गतिशील दस्तावेज है, जिसमें बड़ी संख्या में हाइपरलिंक भी हैं, जो विभिन्न गूगल ड्राइव, गूगल डॉक्स और कई वेबसाइटों के लिंक हैं।
जिसमें से एक है- आस्कइंडियाह्वाई डॉट कॉम (askindiawhy) है। इस वेबसाइट में बहुत अधिक खालिस्तानी समर्थक सामग्री है। इसलिए यह दस्तावेज अपने आप में ही एक कार्य योजना है।
क्या है टूलकिट का पूरा मामला Kya Hai Toolkit Ka
आपको बता दें कि किसान आंदोलन को अपना समर्थन देते हुए थनबर्ग ने एक भारत विरोधी दस्तावेज (Toolkit) साझा किया था। इस दस्तावेज में ‘ट्विटर स्टॉर्म’ बनाने और भारतीय दूतावासों के बाहर विरोध प्रदर्शन करने के साथ-साथ भारत की छवि खराब करने संंबंधी कई योजनाएं भी सूचीबद्ध की गई थीं, जो किसानों के विरोध प्रदर्शन का समर्थन करने के लिए बनाई गई थीं। toolkit mamla kya hai
आइये जानते हैं क्या है यूएपीए (UAPA) कानून? toolkit mamla kya hai
यूएपीए के कानून तहत देश और देश के बाहर गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने के लिए बहुत ही सख्त प्रावधान किए गए हैं। साल 1967 में बने इस कानून में साल 2019 में सरकार ने कुछ संशोधन करके इसे और कड़ा बना दिया था। यह कानून सम्पूर्ण देश में लागू होता है। toolkit mamla kya hai
इस कानून के तहत मामले में आरोपी को अग्रिम जमानत नहीं मिलेगी और किसी भी भारतीय या विदेशी के खिलाफ इस कानून के तहत केस भी चल सकता है। अपराध का स्थान या प्रवृत्ति से कोई भी फर्क नहीं पड़ता। विदेशी धरती पर अपराध किए जाने के मामले में भी इसके तहत मुक़दमे दर्ज हो सकता है। मुख्य तौर पर यह कानून आतंकवाद और नक्सलवाद से निपटने के लिए है। Kya Hai Toolkit Ka toolkit mamla kya hai
ममता ने किया दिशा का समर्थन
ममता बनर्जी एक प्रेस कान्फ्रेंस में बोली सरकारी नीतियों का विरोध करने वाले किसी शख्स की गिरफ्तारी करना क्या उचित है. बीजेपी को तो चाहिए कि वह सबसे पहले अपनी आईटी सेल के खिलाफ शिकंजा कसे जो झूठ फैलाने के काम में जुटी हुई है. आखिर ये दोहरा मानदंड क्यों अपनाया जा रहा है. बंगाल की मुख्यमंत्री बोली कि बीजेपी की आईटी सेल के लोग तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता होने का ढोंग कर रहे हैं और लोगों को फोन कर रहे हैं और उनकी पार्टी की छवि खराब कर रहे हैं. इस पर ममता ने कोलकाता पुलिस से ध्यान देने को कहा है Kya Ha i Toolkit Ka
दिशा ने ग्रेटा को किया सचेत , मगर तब तक देर हो चुकी थी
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दिशा रवि ने व्हाट्सएप संदेश में ग्रेटा से यह भी अनुरोध किया कि कुछ समय के लिए कुछ भी मत करिए, क्योंकि मामला अब जोर पकड़ रहा है और हम पर गैर कानूनी गतिविधि निवारक कानून याानी यूएपीए (UAPA) कानून के तहत कठोर कार्रवाई भी हो सकती है। toolkit mamla kya hai
हालांकि दिशा की यह पहल पूरी तरह से बेकार गई, क्योंकि वह ग्रेटा को रोकती उससे पहले ही टूलकिट मामले को वह सोशल मीडिया में साझा कर चुकी थी। हालांकि गलती समझ में आने पर उसने इसे डिलीट भी कर दिया था, लेकिन तब तक दिल्ली पुलिस तक उसके स्क्रीन शॉट पहुंच गए थे। ग्रेटा ने टूलकिट डिलीट करने के साथ यह भी लिखा था, यह पुराना हो चुका है।
बाद में साझा किया नया और अपडेट टूलकिट
दिशा के सतर्क करने के बाद ग्रेटा ने आनन -फानन में टूलकिट को डिलीट कर दिया था। उसके कुछ समय बाद ग्रेटा ने टूलकिट का संपादित (Edited) वर्जन जारी किया और उसे अपडेटेड टूलकिट बताया। पुलिस का दावा है कि टूलकिट को संपादित करने का काम दिशा ने ही किया।
दिशा कब और क्यों की थी बात
दिल्ली पुलिस के सूत्रों के अनुसार ओरिजनल (असल) टूलकिट दस्तावेज उजागर होने के बाद दिशा ने ग्रेटा से बात की थी। ग्रेटा ने रात 9 बज के 23 मिनट पर ट्वीटर पर ओरिजनल टूलकिट शेयर किया था। इसके बाद दिशा ने उससे बात भी की थी। जब दिशा ने उससे बात की थी तो ग्रेटा ने कहा था कि मामला अब तूल पकड़ रहा है। उसने डर जताया कि उसे कई खतरों का सामना करना पड़ सकता है। Kya Hai Toolkit Ka
व्हाट्सएप्प पर क्या बात हुई दिशा और ग्रेटा की Kya Hai Toolkit Ka
ग्रेटा रात 9:25 बजे : यह तैयार होना अब सच में अच्छा रहेगा। मुझे इसके कारण कई खतरों का सामना करना पड़ेगा। यह सच में जोर पकड़ रहा है। tool kit maamla दिशा :शी.. toolkit kiya hai दिशा 9:25 बजे : यह तुम्हें भेज रही हूं। दिशा 9:35 बजे : ओके, तुम टूलकिट को अभी ट्वीट मत करना, क्या हम अभी कुछ समय कुछ न कहें, ऐसा हो सकता है? मैंने वकीलों से चर्चा की है। मैं क्षमा चाहती हूं, लेकिन इसमें हमारे नाम हैं और हम पर यूएपीए के तहत कार्रवाई हो सकती है। दिशा 9: 39 बजे : तुम राजी हो? tool kit maamla ग्रेटा 9: 40 बजे : मैं कुछ लिखना चाहती हूं Kya H toolkit mamla kya hai ai Toolkit Ka दिशा 9:40 बजे : क्या तुम मुझे पांच मिनट दे सकती हो, मैं वकीलों से बात कर रही हूं। ग्रेटा 9:41 बजे : मैं क्षमा चाहती हूं, हम सब यहां दहशत में हैं, क्योंकि यहां मामला बुरा होता जा रहा है।
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जहाँ एक तरफ हमारे भारतीय खिलाड़ी क्रिकेट के मैदान में शतक लगा रहे हैं, वहीँ दूसरी तरफ पेट्रोल और डीज़ल के दामों में भी शतक लग रहा है। लगातार 16वें दिन तेल के दामों में बढ़ोतरी आयी है। इसके साथ ही रसोई गैस के दाम भी बढ़ गए हैं। जिस तरह से अन्तर्राष्ट्रीय तेल के बाजार में तेजी आयी है उस हिसाब से इन् दामों के गिरने की अभी कोई सम्भावना दिखाई नहीं दे रही है। Lagataar Badh Rahe Petrol आपको बता दें की सोमवार के दिन दिल्ली में पेट्रोल की कीमत में 33 पैसे प्रति लीटर और डीज़ल की कीमत में 58 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई। इंडियन ऑयल की वेबसाइट के मुताबिक देश की राजधानी दिल्ली में सोमवार के दिन पेट्रोल 79.56 रुपए प्रति लीटर की कीमत पर पहुँच गया है। वहीं डीजल की कीमत 78.85 रुपए प्रति लीटर हो गई है।
पेट्रोल डीज़ल और रसोई गैस की बढ़ती कीमतों का सीधा असर आम जनता पर हो रहा है, पेट्रोल डीज़ल तो उनके लिए दुखदायी था ही अब रसोई गैस भी ऐसे में निम्न स्तर के लोगों के लिए खाना बनाना और खाना भी एक तकलीफ बन चुकी है। ऐसे में लोगों का मानना है कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट में कमी होने के कारण और तेल के बढ़ते दामों कि वजह से पैदल चलने का समय आ गया है। Lagataar Badh Rahe Petrol
खाना भी पकाना है अब मुश्किल Lagataar Badh Rahe Petrol
पर रसोई गैस के बढ़ते दामों का क्या उपाय है क्या हम सिर्फ एक वक़्त ही खाना खाये या खाये ही ना? लोगों का मानना है की प्रधानमन्त्री ने उज्जवला योजना से हर घर में गैस सिलेण्डर तो उपलब्ध करा दिया पर अब इन् बढ़ते दामों की वजह से वो सिलेण्डर सिर्फ एक बोझ बन चुका है। क्योंकि उसमें गैस भरना उनके दायरे से बाहर है। Lagataar Badh Rahe Petrol
तेल के बढ़ते दामों के बारे में लोगों का कहना है कि इस वजह से उनके खर्चे में 3000 से 4000 तक रूपए बढ़ गए हैं। साथ ही उनकी कमाई का 35 से 40 प्रतिशत सिर्फ इसी में खर्च हो रहा है। जिसकी वजह से एक आम परिवार के घर का बजट बिगड़ चुका है साथ ही कुछ लोगों का तो कहना है कि उनकी सेविंग्स भी ख़तम हो रही हैं।
इस समय क्या है देश के प्रमुख शहरों में पेट्रोल,डीज़ल की कीमत
राजधानी दिल्ली में – पेट्रोल 88.99 रूपए लीटर और डीज़ल 79.35 रूपए लीटर मुंबई- पेट्रोल 95.46 रूपए लीटर और डीज़ल 86.34 रूपए लीटर कोलकाता- पेट्रोल 90.25 रूपए लीटर और डीज़ल 82.94 रूपए लीटर लखनऊ- पेट्रोल 87.64 रूपए लीटर और डीज़ल 79.72 रूपए लीटर पुणे- पेट्रोल 95.12 रूपए लीटर और डीज़ल 84.7 रूपए लीटर जयपुर- पेट्रोल 95.44 रूपए लीटर और डीज़ल 87.69 रूपए लीटर चेन्नई- पेट्रोल 91.19 रूपए लीटर और डीज़ल 84.44 रूपए लीटर
पेट्रोल और डीज़ल के बढ़ते दामों का आखिर क्या हो रहा है असर ?
डीज़ल और पेट्रोल के बढ़ते दामों की वजह से ट्रांसपोर्टरों ने रविवार को हड़ताल की चेतावनी दी है। उनका कहना है ना सिर्फ पेट्रोल डीज़ल के बढ़ते दाम बल्कि कर की उच्च दरें वा इ – वे बिल भी उनके लिए एक परेशानी का विषय है।
इसके लिए ट्रांसपोर्ट के संगठन ने 14 दिन केलिए सरकार को नोटिस दिया है और यदि सरकार तेल के दामों में कमी नहीं लाती है तो वे पूरे देश में परिवहन संचालन बंद करने को बाध्य होंगे। Lagataar Badh Rahe Petrol
जिसका सीधा सीधा मतलब है की यदि सरकार तेल के दामों में बदलाव नहीं करती है तो लोगों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट से यात्रा करने में भी तकलीफ होगी और बढे हुए दामों की वजह से वे निजी वाहन इस्तेमाल करने में भी असमर्थ हैं।
आपको बता दें ऐसे में भाजपा पार्टी के सांसद रावसाहेब बोले,‘असम सरकार की तरह, महाराष्ट्र सरकार को भी करों में कटौती कर पेट्रोल और डीजल की कीमत घटा देनी चाहिए, जिससे लोगों को राहत मिलेगी।’ Lagataar Badh Rahe Petrol
ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी पर केंद्र सरकार की आलोचना पर जवाब देते हुए दानवे ने कहा कि पेट्रोल और डीजल का मूल्य अंतरराष्ट्रीय बाजार तय करता है और इसका फैसला केंद्रीय बजट से बाहर होता। वो बोले ,‘कर के द्वारा सरकार जो अर्जित करती है, उसका इस्तेमाल लोक कल्याण में किया जाता है।’
लेकिन तेल के बढ़ते दाम आम ज़िन्दगी को बहुत प्रभावित कर रहे हैं ,जिसकी वजह से उन्हें अपनी रोज की ज़िन्दगी और कामों में कई तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है। यानी की अगर पेट्रोल डीज़ल और रसोई गैस के बढ़ते दामों ने सबसे ज्यादा किसी को प्रभावित किया है तो वो है इस देश की आम जनता। Lagataar Badh Rahe Petrol
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सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को वॉट्सऐप कंपनी से कहा कि आपकी नई प्राइवेसी को लेकर भारतीय लोगों में निजता को लेकर काफी आशंकाए हैं। चीफ जस्टिस एसए बोबडे बोले कि आप भले ही खरबों डॉलर की कंपनी होंगे, लेकिन लोगों के लिए निजता पैसों से अधिक मायने रखता है।आपको बता दें की चीफ जस्टिस ने इस प्राइवेसी पॉलिसी को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर वॉट्सऐप, फेसबुक और केंद्र से जवाब मांगा है। Supreme Court Ki Whatsapp Ko
नई पॉलिसी को लेकर भारतीयों में है शंका
अदालत ने वरिष्ठ वकील श्याम दीवान की उस दलील का भी समर्थन किया, जिस दलील में उन्होंने कहा था कि भारत में डेटा प्रोटेक्शन को लेकर कोई कानून ही नहीं है। चीफ जस्टिस बोबडे,जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम और जस्टिस एएस बोपन्ना की बेंच ने एक सुर में कहा कि मिस्टर दीवान की दलील से हम प्रभावित हैं।
ऐसा कानून प्रभाव में ज़रूर लाना चाहिए। वॉट्सऐप अपनी नई प्राइवेसी के तहत भारतीयों का डेटा शेयर करेगा। इस डेटा शेयरिंग को लेकर भारतीयों में आशंकाएं भी हैं। Supreme Court Ki Whatsapp Ko
यूरोपीय नियमों पर कोर्ट के सवाल और वॉट्सऐप के जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने यूरोप की तुलना में भारत में प्राइवेसी स्टैंडर्ड गिराए जाने के आरोपों पर वॉट्सऐप से इसका जवाब मांगा है। वॉट्सऐप कंपनी पर बोले कि यूरोप में प्राइवेसी को लेकर खास कानून हैं। अगर भारत में भी वैसे ही कानून होंगे हम उनका भी पालन ज़रूर करेंगे।
आखिर क्या है वॉट्सऐप की नई पॉलिसी? Supreme Court Ki Whatsapp Ko
वॉट्सऐप यूजर जो कंटेंट अपलोड, स्टोर, सेंड,सबमिट या रिसीव करते हैं, कंपनी उसका इस्तेमाल कहीं पर भी कर सकती है। कंपनी उस डेटा को जहां चाहे वहां शेयर भी कर सकती है। यह पॉलिसी दिनांक 8 फरवरी 2021 से लागू होनी थी, लेकिन विवाद बढ़ने के कारण डेडलाइन को बढ़ाकर 15 मई कर दिया गया है। पहले यह दावा किया गया था कि अगर यूजर इस पॉलिसी को स्वीकार नहीं करता है तो वह अपने अकाउंट का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा। मगर , बाद में कंपनी ने इसे ऑप्शनल बताया था।
सरकार का सोशल मीडिया पर सख्त रुख
अभी हाल में ही सरकार ने सोशल मीडिया पर किसान आंदोलन के बारे में फेक न्यूज, आपत्तिजनक और हिंसा भड़काने वाले कंटेंट को लेकर अपनी नाराज़गी जताई थी। राज्यसभा में IT मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद बोले, ‘हम सोशल मीडिया का सम्मान करते हैं। Supreme Court Ki Whatsapp Ko
सोशल मीडिया ने आम लोगों को ताकत दी है। डिजिटल इंडिया प्रोग्राम में भी सोशल मीडिया की भूमिका बहुत ख़ास है, लेकिन अगर इससे फेक न्यूज और हिंसा को बढ़ावा मिलता है तो हम कार्रवाई अवश्य करेंगे। फिर वो ट्विटर हो या फिर कोई और प्लेटफार्म।’
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किसान नेता राकेश टिकैत इंद्री की किसान महापंचायत में बाबा महेंद्र टिकैत के अंदाज में आए नजर। उन्होंने मंच से युवाओं के सिर पर हाथ रखकर पुचकार व दुलार प्यार दिखाया तो युवाओं में उनके साथ सेल्फी लेने की होड़ सी लगी रही। स्थानीय युवा जहां टिकैत की उत्तरप्रदेश की मीठी बोली के कायल दिखे, वहीं टिकैत ने भी पंजाब की सेवा और हरियाणा की ताकत को आंदोलन से जोड़ दिया।
क्या बोले टिकैत
मंच से टिकैत बोले इस आंदोलन को फिर से खड़ा करने में हरियाणा के युवाओं की ताकत, पंजाब के किसानों की लंगर सेवा भावना,और उत्तरप्रदेश के किसानों का साथ मिला है। आंदोलन पहले भी करते थे, लेकिन ज्यादा लम्बे समय तक नहीं चला पाते थे। Tikait Ne Ki Mahapanchayat
पंजाब व हरियाणा के किसानों ने आंदोलन में काफी लंबे समय तक लंगर चलाया है। आने वाले समय में हरियाणा में युवाओं की महापंचायत होगी, जिसमें 50 साल से ऊपर के लोग शामिल नहीं होंगे। दूसरी और कुछ बुजुर्गों ने बताया कि बाबा महेंद्र टिकैत का भी यही अंदाज था।
इंद्री में महापंचायत करने के बाद करनाल-इंद्री स्टेट हाईवे पर युवाओं ने टिकैत को काफिले में शामिल किया। उन्होंने इंद्री से जनेसरो गांव तक तकरीबन चार किलोमीटर (4 KM ) ट्रैक्टर चलाया। वाहनों का काफिला उनके ट्रैक्टर के पीछे ही चला।
सड़क पर चलते हुए युवाओं ने ट्रैक्टर चला रहे टिकैत के साथ कई सेल्फी ली और फोन से वीडियो भी बनाए। जनेसरो, गढ़ी गुजरान व दरड़ के अड्डे पर किसानों ने टिकैत का स्वागत किया। Tikait Ne Ki Mahapanchayat
करनाल के इंद्री कस्बे की अनाज मंडी में रविवार को आयोजित हुई किसान महापंचायत में न केवल हरियाणा बल्कि पंजाब व उत्तरप्रदेश से भी कई किसान पहुंचे। हजारों की भीड़ उमड़ने से सभास्थल खचाखच भर गया।
26 जनवरी की घटना के बाद दिल्ली में टिकैत के जो आंसू छलके थे, उससे किसान काफी भावुक नजर आए। वहीं दूसरी संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने मंच से ही किसानों को तीनो नए कृषि कानूनों से भविष्य में होने वाले नुकसान और शंकाएं बताईं। Tikait Ne Ki Mahapanchayat
इतिहास में दर्ज होगी किसानो की मौत
महापंचायत में टिकैत ने कहा कि नए कृषि कानूनों से व्यापारी को भी नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि गरीब की रोटी तिजोरी में नहीं जाने देंगे। संयुक्त किसान मोर्चा मजबूत है और पूरे देश का किसान उसके पीछे खड़ा है।
उन्होंने कहा कि आंदोलन में कई किसान शहीद हो गए हैं और जब इतिहास लिखा जाएगा तो ये भी पूछा जाएगा कि किस राजा के राज में ये किसान शहीद हुए थे। किसान अपने आप नहीं मरता, वह सरकार की पॉलिसी से मरता है। Tikait Ne Ki Mahapanchayat
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आपको शायद पता होगा की 15 फरवरी की तारीख हिंदी सिनेमा में अमिताभ बच्चन की बोहनी के तौर पर ही पहचानी जाती है। वैलेंटाइन डे के अगले ही दिन साल 1969 में बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने अपने करियर की पहली फिल्म ‘सात हिंदुस्तानी’ साइन की थी और अब इसी तारीख को 2021 हिंदी सिनेमा में बोहनी हो रही है एक नए अभिनेता आमिर खान के बेटे जुनैद खान की। जुनैद अपने करियर की पहली फिल्म यशराज फिल्म्स के साथ शुरू कर रहे हैं।
कौन हैं इस फिल्म के निर्देशक
हिंदी सिनेमा की दो चर्चित फिल्में ‘हिचकी’ और ‘वी आर फैमिली’ निर्देशित कर चुके निर्देशक सिद्धार्थ पी मल्होत्रा ने सोमवार को जब अपनी नई फिल्म के सेट पर लाइट्स ऑन, रोल साउंड, कैमरा और एक्शन बोला, तो तालियों की आवाज़ आते ही हिंदी सिनेमा के इतिहास के पन्नों पर एक नया चेहरा दर्ज हो गया। जिसका नाम – जुनैद खान, पिता का नाम- आमिर खान, दादा का नाम – ताहिर हुसैन और पहली फिल्म ‘महाराजा’ है। Aamir Khan Ke Bete
किस तरह की होगी फिल्म
जुनैद आमतौर पर सुर्खियों से काफी दूर ही रहते हैं और अपनी बहन इरा के बिलकुल विपरीत सोशल मीडिया पर भी ज्यादा सक्रिय नहीं रहते। रंगमंच पर जुनैद का काफी अभ्यास बताया जाता है और अपनी पहली फिल्म महाराजा के लिए जुनैद ने पिछले साल डेढ़ साल काफी मेहनत भी की है। Aamir Khan Ke Bete
‘महाराजा’ कहानी है साल 1862 की, जब जदुनाथजी ब्रजरतनजी महाराज नाम के एक धार्मिक प्रचारक ने पत्रकार करसनदास मुलजी के आलेख के खिलाफ मुकदमा कर दिया था। किसी पत्रकार के खिलाफ उसकी लेखनी को लेकर अदालत तक पहुंचे किसी बाबा का देश का ये पहला मामला बताया जाता है।
कब आएगी यह फिल्म Aamir Khan Ke Bete
यशराज फिल्म्स ने जुनैद की इस पहली फिल्म का अभी तक तो आधिकारिक एलान नहीं किया है लेकिन इसकी शूटिंग मुंबई में शुरू हो चुकी है। फिल्म की कहानी दो सदी पहले की है तो इसके सेट्स भी उसी के हिसाब से लगाए गए हैं।
यहां अंधेरी ईस्ट के मरोल इलाके में फिल्म का एक विशालकाय सेट लगाया गया है और इस सेट पर पिछले कई महीनों से इसके निर्देशक सिद्धार्थ और जुनैद दिन रात मेहनत करते रहे हैं। Aamir Khan Ke Bete
खान परिवार में फिल्म की शुरुआत किसने की Aamir Khan Ke Bete
नासिर हुसैन- ताहिर हुसैन परिवार में अभिनय की ओर रुख करने वाले आमिर खान पहले सदस्य हैं। उनके चचेरे भाई मंसूर खान ने निर्देशन में हाथ आज़माने के बाद फिल्मों से दूरी ही बना ली है। आमिर खान के छोटे भाई फैसल खान ने भी अभिनेता बनने का काफी प्रयास किया लेकिन कामयाब नहीं हुए। अब आमिर खान के बेटे जुनैद खान के रूप में हुसैन परिवार की तीसरी पीढ़ी ने सोमवार को फिल्मों में कदम रखा है। Aamir Khan Ke Bete
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दिल्ली पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर टूलकिट केस में अब तक हुई जांच के बारे में और दिशा रवि की गिरफ्तारी को लेकर जानकारी दे दी है। दिल्ली पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार यह टूलकिट बेहद ही सुनियोजित तरीके से बनाया गया है। इसमें किस तरह से किसान आंदोलन को समर्थन देना है उसकी पूरी जानकारी थी। Disha Ne Hi Greta
दिल्ली पुलिस ने बताया कि दिशा ने टूलकिट को व्हाट्सएप पर ग्रुप बनाकर शेयर किया। सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाई भी गई। टूलकिट को विश्वस्तर पर फैलाने की साजिश थी। टूलकिट में गलत जानकारियां भी दी गईं।
इस टूलकिट का संबंध खालिस्तानी संगठन से है। इस टूलकिट को फरवरी की चार तारीख को बनाया गया था। इस टूलकिट में योग और चाय को नुकसान पहुंचाने से लेकर दूतावासों को भी नुकसान पहुंचाने की बात सामने आयी है। इससे भारत की छवि को छति पहुंचाने की कोशिश की गई।
साइबर सेल के ज्वाइंट सीपी प्रेमनाथ ने जानकारी दी है कि टूलकिट के कई स्क्रीनशॉट खुले प्लेटफॉर्म पर मौजूद हैं और उनकी जांच भी की जा रही है। जब जांच में पर्याप्त सबूत जुटा लिए गए तब टूलकिट की एडिटर निकिता जैकब के खिलाफ कोर्ट से 9 फरवरी को उनके खिलाफ तलाशी का वारंट हासिल किया गया। Disha Ne Hi Greta
पुनीत नामक कनाडा में रहने वाली एक महिला ने इन लोगों को खालिस्तानी गुट पोएटिक जस्टिस फाउडेंशन से मिलवाया था। 11 जनवरी को निकिता और शांतनु ने पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन से जूम मीटिंग की, और सोशल मीडिया पर किस तरह से पूरा अभियान चलाया जाना है इसे लेकर बैठक की।
पुलिस ने ये भी बताया कि दिशा रवि ग्रेटा थनबर्ग को जानती थीं इसी लिए उनसे यह कहा गया कि वो ग्रेटा को टूलकिट भेजें। तब दिशा ने ही ग्रेटा को टेलीग्राम एप के जरिए टूलकिट भेजा। Disha Ne Hi Greta
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कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को असम में विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी के चुनावी अभियान की शुरुआत कर दी है। उन्होंने शिवसागर जिले के शिवनगर बोर्डिंग फील्ड में एक रैली को संबोधित भी किया।
रैली के दौरान उन्होंने असम के पूर्व मुख्यमंत्री और दिवंगत कांग्रेस नेता तरुण गोगोई की काफी तारीफ भी की। राहुल बोले अवैध इमिग्रेशन एक मुद्दा है, लेकिन असम के लोगों में वो क्षमता है कि इस मुद्दे को वे खुद ही सुलझा सकते हैं। राहुल गाँधी समेत कांग्रेस के कई नेता ‘नो सीएए’ (सीएए नहीं) का गमछा पहने नजर आए। Hum Do Hamare Do
क्या बोले राहुल
असम ने लोगों को एकजुट किया है , इससे पहले हिंसा के चलते इस बात की किसी तरह की कोई गारंटी नहीं हुआ करती थी कि कोई व्यक्ति जनसभा से घर वापस लौट पाएगा कि नहीं।’
असम के लोगों से कांग्रेस नेता बोले असम को नुकसान होगा तो देश को नुकसान होगा। चाहे कुछ भी हो जाए सीएए कभी भी लागू नहीं होगा। केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि “हम दो हमारे दो” वाली सरकार सुन लो सीएए कभी लागू नहीं होगा। Hum Do Hamare Do
कांग्रेस सांसद बोले , ‘हम दो, हमारे दो” असम को चला रहे हैं। असम से जाओ, आग लगाओ और जो कुछ भी असम में है उसे लूट लो। दुनिया की कोई भी ताकत असम को तोड़ नहीं सकती।
जो भी असम समझौते को छूने की या यहां नफरत फैलाने की कोशिश करेगा, कांग्रेस पार्टी और असम के लोग उन्हें एक साथ मिलकर सबक सिखाएंगे। मैं और कांग्रेस के सभी कार्यकर्ता असम समझौते के सिद्धांतों की रक्षा करेंगे, हम किसी भी कीमत पर इससे एक इंच भी पीछे नहीं हटेंगे।
भाजपा और आरएसएस मिलकर असम को बांटने की कोशिश कर रहे हैं, नरेंद्र मोदी और अमित शाह इससे प्रभावित नहीं होंगे लेकिन असम और पूरा देश इससे बहुत प्रभावित होगा।’ Hum Do Hamare Do
राहुल बोले , ‘कांग्रेस कमजोर लोगों, छोटे व्यापारियों और मजदूरों की पार्टी है। जब हम सत्ता में आएंगे तो एक चीज ज़रूर खत्म हो जाएगी। आपने जो नफरत फैलाई है वो बिलकुल खत्म हो जाएगी। हम सभी धर्म और जाति के लोगों की रक्षा करेंगे।
2004 से 2014 तक हिंदुस्तान तेज़ी से आर्थिक विकास विकास की ओर बढ़ा। हमने करोड़ों लोगों को गरीबी से निकाला। हम युवाओं की घबराहट को मिटाएंगे। हम असम में बेरोजगारी को भी खत्म करेंगे। Hum Do Hamare Do
राहुल आगे बोले , ‘रिमोट कंट्रोल से टीवी चल सकता है, कोई मुख्यमंत्री नहीं, आपको अपना मुख्यमंत्री चाहिए जो आपकी परेशानियों को सुने, लेकिन असम के मौजूद मुख्यमंत्री केवल नागपुर और दिल्ली की ही सुनते हैं।
इसी कारण हमें इस सरकार को हटाना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 महामारी के दौरान आम लोगों का पैसा लूटा और अपने दो दोस्तों का कर्ज माफ कर दिया।’ Hum Do Hamare Do
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यूपी ,गोरखपुर, जेएनएन। बस्ती के एक बर्खास्त सिपाही ने गोरखपुर में सीरियल मर्डर करने की धमकी देकर सनसनी का माहौल पैदा कर दिया है। मीडिया पर वीडियो वायरल हो जाने के बाद एक्शन में आई कैंट पुलिस ने कुशीनगर जिले के रहने वाले इस सिपाही के खिलाफ धमकी और आईटी एक्ट के मुकदमा दर्ज कर तलाश शुरू कर दी है। Aaj Se Karunga Lagataar
साइबर सेल और सर्विलांस टीम की मदद से सिपाही के बारे में जानकारी भी इकठ्ठा की जा रही है। जानकारी है कि बस्ती पुलिस ने भी बर्खास्त सिपाही के खिलाफ एक और मुकदमा दर्ज किया है।
कहाँ का रहना वाला है आरोपित सिपाही
कुशीनगर जिले का रहने वाला आरोपित सिपाही दिग्विजय बस्ती जिले के कप्तानगंज थाने में तैनात ही था। 3 और 4 दिसंबर 2020 को इसकी ओर से पुलिस लाइन में अमर्यादित व्यवहार भी किया गया। Aaj Se Karunga Lagataar
आपको बता दें की अधिकारियों के बारे में अनर्गल प्रलाप किया, इंटरनेट मीडिया पर वीडियो भी अपलोड किया तथा 10 दिसंबर को वापस आने के बाद आरोपित सिपाही ने पुलिस लाइन में बड़ा हंगामा भी खड़ा कर दिया और कुर्सियां भी तोड़ी।
इसके बाद फिर फेसबुक पर लाइव आकर एक अमर्यादित पोस्ट भी डाल दी थी। मामले का संज्ञान लेते हुए एसपी हेमराज ने उसे बर्खास्त कर दिया। जिसके बाद दिग्विजय ने कप्तान को जान से मारने की धमकी भी दे डाली। अधिकारियों के आदेश देने पर मुकदमा दर्ज कर कप्तानगंज पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया था।
कहाँ दर्ज कराया धमकी देने व आइटी एक्ट का मुकदमा Aaj Se Karunga Lagataar
आपको बता दें की दो दिन पहले दिग्विजय ने फेसबुक पर लाइव आकर गोरखपुर पुलिस को चैलेंज करते हुए कहा कि शहर में लगातार तीन हत्याएँ करेगा।
गोरखपुर पुलिस के अंदर अगर दम है तो वो रोक ले मुझे। 14 फरवरी को वो मोहद्दीपुर में पहली हत्या करेगा और यह वारदात के बाद ही पता चलेगा की वो हत्या किसकी और क्यों करेगा। Aaj Se Karunga Lagataar
इंटरनेट मीडिया पर वीडियो वायरल होने के तुरंत बाद से हरकत में आयी गोरखपुर पुलिस की ने सिपाही की खोजबीन शुरू कर दी है। डीआइजी/एसएसपी जोगिंदर के आर्डर पर मोहद्दीपुर चौकी प्रभारी अरविंद सिंह ने बर्खास्त सिपाही के खिलाफ धमकी और आईटी एक्ट का कैंट थाने में केस दर्ज कराया है।
सीओ कैंट सुमित शुक्ला ने बताया है कि शहर में हत्या करने की धमकी देने वाले बर्खास्त सिपाही की तलाश चल रही है। जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। Aaj Se Karunga Lagataar
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भारत में तीनो नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में अमेरिका में प्रवासी भारतीयों के संगठनों के एक समूह ने रविवार के दिन वैलेंटाइन दिवस के मौके पर अमेरिका में गुलाब अभियान शुरू किया।
द ग्लोबल इंडियन प्रोग्रेसिव डायस्पोरा (GIPD) ने वैलेंटाइन दिवस के मौके पर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इस अभियान की शुरूआत की है। पूरी दुनिया में 14 फरवरी को वैलेंटाइन दिवस मनाया गया।
भाजपा सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसान दिल्ली की सीमा पर पिछले साल नवंबर से निरंतर प्रदर्शन कर रहे हैं। इनमें से अधिकतर किसान पंजाब एवं हरियाणा राज्य से हैं। ये किसान मांग कर रहे है कि सरकार इन कानूनों को वापस लेते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दे। America Me Valentine Day
भारतीय दूतावास को भेजिए गुलाब
सरकार एवं किसानों के बीच हुई कई दौर की वार्ता के बावजूद गतिरोध समाप्त नहीं हुआ है। जीआईपीडी ने सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट में कहा, प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी से इन कृषि कानूनों को वापस लेने का अग्रह करते हुये उन्हें ट्वीट कीजिए और गुलाब भेजिये अथवा अपने अपने क्षेत्र के भारतीय दूतावास, भारतीय महावाणिज्य दूतावास को किसानों के साथ एकजुटता प्रकट करने के लिये गुलाब भेजिये। America Me Valentine Day
किसानों की मांग का समर्थन America Me Valentine Day
बयान में कहा गया है कि दुनिया भर में फैले हुए एक दर्जन से अधिक प्रवासी भारतीयों का संगठन- प्रगतिशील भारतीयों का अंतरराष्ट्रीय समुदाय किसानों की मांग का भरपूर समर्थन करता है और इन कानूनों को वापस लेने की मांग करता है।
इसमें कहा जा रहा है कि लक्ष्य को हासिल करने के उद्देश्य से, साझेदार संगठनों का एक व्यापक गठबंधन हमारे मीडिया भागीदारों और साथी मानवाधिकार संगठनों को आमंत्रित करता है ताकि वे किसानों की आवाज का पूर्ण समर्थन करने में और भारत में शांति, एकता और सद्भाव के लिए एक सार्वभौमिक आह्वान में सहयोग कर सकें।America Me Valentine Day
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जम्मू शहर में बस स्टैंड पर आईईडी बरामद हुई है। इलाके में जगह-जगह पर सुरक्षाबलों ने नाके भी लगा दिए हैं। यह विस्फोटक शनिवार देर रात बरामद किया गया। पुलवामा हमले की दूसरी बरसी पर आतंकी बड़े हमले की फिराक में थे।
वहीं जम्मू में आतंकी गतिविधियां तेज होने से सुरक्षा एजेंसियां और भी सतर्क हो गई हैं। लश्कर-ए-मुस्तफा के आतंकी मलिक की गिरफ्तारी, सांबा में सुरंग और हथियारों का मिलना ये दर्शाता है कि कश्मीर में खात्मे की कगार पर आतंकी संगठनों ने अब जम्मू संभाग में साजिशों को तेज कर दिया है। Pulwama Hamle Jaisi Dusre
जम्मू के पुलिस महानिरीक्षक मुकेश सिंह ने बताया कि हमारे पास इनपुट थे कि आतंकी समूह पुलवामा हमले की बरसी पर हमले की योजना बना रहे हैं। इसको लेकर हम हाई अलर्ट पर थे। शनिवार रात हमने सोहेल नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। जिसके कब्जे से छह से साढ़े छह किलोग्राम आईईडी बरामद की गई।
क्या बताया आईजी ने
आईजी ने बताया कि पूछताछ के दौरान उसने खुलासा किया है कि वह चंडीगढ़ में पढ़ता है। उसे पाकिस्तान के आतंकी संगठन अल बदर से आईईडी प्लांट करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। और आईईडी प्लांट करने के लिए तीन-चार स्थान बताए गए थे। इस काम में उसकी मदद के लिए आतंकी संगठन के मददगार अतहर शकील खान को लगाया गया था।
उन्होंने बताया कि चंडीगढ़ में काजी वसीम नाम के एक व्यक्ति को भी इस मामले की जानकारी थी। इस मामले में हमने आबिद नबी नाम के एक व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया है। आईजी का कहना है कि इस आईईडी से बहुत बड़ा धमाका हो सकता था, जिसे पुलिस ने रोक लिया है और बड़ी कामयाबी हासिल की है। Pulwama Hamle Jaisi Dusre
बता दें कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जम्मू संभाग का सांबा जिला घुसपैठ और हथियार पहुंचाने का सॉफ्ट टारगेट बनता जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय सीमा के हाईवे के निकट होने का भी आतंकी लाभ उठा रहे हैं। हालांकि, अनुच्छेद 370 हटने के बाद सेना और पुलिस की सतर्कता से आतंकी वारदात करने में सफल नहीं हो पा रहे हैं।
क्या कहते हैं सूत्र Pulwama Hamle Jaisi Dusre
सूत्रों का मानना है कि सांबा जिले में अभी भी कई ओवर ग्राउंड वर्कर काम कर रहे हैं जो पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। यह पहला मौका नहीं है जब पुलिस ने बाड़ी ब्राह्मणा से आतंकी को दबोचा है। Pulwama Hamle Jaisi Dusre
इससे पहले हीरानगर के रसाना में ड्रोन से हथियार गिराए गए थे। हथियार उठाने वालों को पुलिस ने दबोच लिया था। उन्हें रसाना में उस जगह ले जाया गया था, जहां से उन्होंने हथियार उठाए थे। इसके बाद काजीगुंड में दो लोगों को एक ट्रक से पकड़ा था, उनके कब्जे से हथियार बरामद किए थे। Pulwama Hamle Jaisi Dusre
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महाराष्ट्र की लातूर जिला परिषद ने अपने वृद्ध माता-पिता की देखभाल नहीं करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ एक बड़ा फैसला लिया है। दरअसल, जिला परिषद अपने वृद्ध माता-पिता की देखभाल न करने वाले उन सात कर्मियों के वेतन में से 30 फीसदी (30 %) की कटौती करने की कार्रवाई करती हैं। Maata-Pita Ka Dhyan
परिषद के अध्यक्ष राहुल बोंद्रे के अनुसार 12 कर्मियों के खिलाफ माता-पिता की देख रेख न करने की शिकायत मिली थी और उनमें से छह कर्मी अध्यापक हैं। उन्होंने बताया कि कटौती की गई राशि इन कर्मियों के माता-पिता के बैंक खातों में भेज दी गई है। Maata-Pita Ka Dhyan
कब से शुरू हुई वेतन में कटौती Maata-Pita Ka Dhyan
बीते वर्ष नवंबर में लातूर जिला परिषद की महासभा ने अपने माता-पिता की देखभाल नहीं करने वाले कर्मियों के वेतन में 30 फीसदी (30 %) की कटौती करने का एक प्रस्ताव पारित किया था। राहुल बोंद्रे ने बताया कि दोषी कर्मियों के मासिक वेतन से कटौती दिसंबर, 2020 से ही शुरू हो चुकी है। Maata-Pita Ka Dhyan
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तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा बोली कि सिर्फ मेरी ही सुरक्षा करने पर संसाधनों को बर्बाद मत करो, सबकी रक्षा करो। मुझे कुछ भी खास नहीं चाहिए, मैं सुरक्षा नहीं लेती।
और अगर आप मेरी निगरानी कर रहे हैं, तो आप मुझसे पूछिए, मैं बताऊंगी। भारतीय लोकतंत्र वैसे भी खतरे में है। मुझे यह महसूस मत होने दीजिए कि हम रूस के गुलाग में रह रहे हैं। Mahua Moitra Boli Mujhe
बीएसएफ तैनात कर, कर रहे जासूसी Mahua Moitra Boli Mujhe
आपको बता दें की , तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने दिल्ली पुलिस को पत्र लिखा और उसमे मांग की है कि बीएसएफ के जवानों को उनके घर के बाहर से वापस बुला लिया जाए। मोइत्रा बोली कि उन्होंने कभी भी ऐसी सुरक्षा की मांग नहीं की है। उन्होंने यह पत्र ट्वीट किया है। Mahua Moitra Boli Mujhe
इसमें उन्होंने केंद्रीय सुरक्षा बल की तैनाती को लेकर सवाल भी उठाए हैं। मोइत्रा ने आरोप लगाया कि उनके घर के बाहर बीएसएफ की तैनाती कर उनकी जासूसी करवाई जा रही है। उन्होंने मांग की कि ये तैनाती हटाई जाए। Mahua Moitra Boli Mujhe
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यूपी के मुजफ्फरनगर शहर में एक सनसनीखेज वारदात हुई है । शाहपुर थाना क्षेत्र के गांव हुज़ूरनगर में खेत पर गए युवक की गर्दन रेतकर हत्या कर दी गई। हत्या की घटना से ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है। Yuvak Ki Gardan Ret
वहीं, दूसरी तरफ घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस पहुंची और पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू कर दी।
कहाँ की गयी हत्या Yuvak Ki Gardan Ret
शाहपुर क्षेत्र के गांव हुज़ूरनागर निवासी खुशनूद जिसकी उम्र 35 वर्ष है पुत्र मेहरबान गुरुवार शाम को फसलों की सिंचाई करने के लिए खेत पर गया था, लेकिन लौट कर आया ही नही। परिजन रात से ही खुशनूद को तलाश कर रहे थे।
तलाश करने पर शुक्रवार सुबह पास के ही खेत में उसकी लाश पड़ी हुई मिली। उसकी गर्दन रेतकर हत्या की गई है। हत्या की घटना से परिवार में मातम छा गया है। परिजन रो-रो कर बेहाल हैं ।
सीओ बुढ़ाना विनय गौतम ने भी मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का निरीक्षण किया। पुलिस ने शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस घटना की जांच में जुटी हुई है। Yuvak Ki Gardan Ret
सीओ विनय गौतम बोले मामले की जांच की जा रही है और जल्द ही घटना का खुलासा किया जाएगा।
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1999 में मैट्रिक्स (Matrix) नाम की एक हॉलीवुड फिल्म आई थी जिसे आप में से काफी लोगों ने ज़रूर देखी होगी। अब 20 साल बाद इस फिल्म की कहानी हकीकत में तब्दील होने जा रही है। इंसान को बहुत जल्द गैजेट को चार्ज करने के लिए बैटरी या बिजली की जरूरत नहीं होगी। Ab Insaanon Ki Body
इंसान स्वयं अपने शरीर से ही स्मार्टवॉच जैसे वियरेबल गैजेट को चार्ज कर सकेगा। मैट्रिक्स फिल्म में दिखाया गया है की इंसानों ने ही रोबोट को ऊर्जा देने का काम किया। फिल्म में एक डायलॉग बोलै गया है कि इंसानी शरीर 120 वोल्ट से अधिक बायो बिजली उत्पन्न करती है और शरीर की गर्मी 25000 BTUs से अधिक होती है। Ab Insaanon Ki Body
कौन बना रहा है ये गैजेट
अब वैज्ञानिक इस डायलॉग को हकीकत में तब्दील करने के काफी करीब पहुंच गए हैं। कोलोराडो बोल्डर विश्वविद्यालय (UCB) के वैज्ञानिकों ने एक स्मार्ट बैंडेड तैयार किया है इसकी मदद से इंसान अपने शरीर से वियरेबल डिवाइस को चार्ज कर सकेगा। यह बैंडेड रबड़ का बना है जिसे ब्रेसलेट या अंगूठी के तौर पर पहना जा सकेगा। Ab Insaanon Ki Body
दावे के अनुसार शरीर के किसी भी हिस्से के संपर्क में आते ही यह बैंडेड थर्मो इलेक्ट्रिक जेनरेटर की सहायता से शरीर की गर्मी को बिजली में बदल देता है। यह स्मार्ट बैंडेड प्रति स्क्वॉयर फीट एक वोल्ट की बिजली पैदा करता है जो किसी फिटनेस ट्रैकर या स्मार्टवॉच को चार्ज करने के लिए पर्याप्त है। इस खास बैंडेड को पॉलीमाइन से बनाया गया है।
क्या कहना है प्रोफेसर पॉल एम रेडी का Ab Insaanon Ki Body
UCB में मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाह के प्रोफेसर पॉल एम रेडी के ने बताया की भविष्य में बिना बैटरी और बिना बिजली इंसान अपने शरीर से वियरेबल डिवाइस को चार्ज कर सकेगा। रेडी ने यह भी कहा कि थर्मोइलेक्ट्रिक डिवाइस की खास बात है कि इसे आप पहन सकते हैं और जब चाहे किसी डिवाइस को चार्ज कर सकेंगे। आने वाले समय में इस डिवाइस में और थर्मोइलेक्ट्रिक चिप लगाकर इसकी क्षमता को और भी बढ़ाया जा सकेगा। Ab Insaanon Ki Body
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केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों पर विचार विमर्श के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति ने शुक्रवार को अगले दौर की वार्ता की। इस चर्चा में 12 किसान संगठन और पश्चिम बंगाल समेत आठ राज्यों के किसानों ने हिस्सा लिया। आपको बता दें की समिति अब तक सात बैठकें कर चुकी है। Supreme Court Committee Ne
तीन सदस्यीय समिति सभी हितधारकों के साथ ऑनलाइन और आमने-सामने बैठकर चर्चा कर रही है। समिति ने एक बयान में बताया की वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से किसानों, किसान संगठनों से और कृषक उत्पादक संगठनों से वार्ता की।
इन राज्यों के किसान हुए शामिल Supreme Court Committee Ne
इसके मुताबिक, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, बिहार, जम्मू-कश्मीर और पश्चिम बंगाल के किसानों एवं 12 किसान संगठनों ने समिति सदस्यों के साथ कानूनों पर विस्तार से चर्चा की। समिति ने कहा कि बैठक में भाग लेने वाले सभी किसानों, किसान संगठनों और कृषक उत्पादक संगठनों ने तीन कृषि कानूनों के संबंध में अपने विचार एवं सुझाव साझा किए। Supreme Court Committee Ne
सुप्रीम कोर्ट ने 12 जनवरी को तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को लागू करने पर दो महीने के लिए रोक लगा दी थी और समिति से सभी हितधारकों से चर्चा के बाद दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा था। Supreme Court Committee Ne
तीनों नए कृषि कानूनों को नरस्त करने की मांग कर रहे हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर पिछले दो महीने से भी अधिक समय से निरंतर आंदोलन कर रहे हैं। इनमें से अधिकतर किसान पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आए हैं।
Budget Sabhi Varg Ke Liya Sirf Udyogpatiyon Ke Liye Nahi : Vitt Mantri,budget latest news samachar in hindi,niramala sitaraman on budget,finance minister on budget samachar in hindi
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2021-2022 को लेकर राज्यसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि यह बजट आत्मनिर्भर भारत के लिए है। सरकार सभी वर्ग के लिए काम कर रही है। सांठगांठ वाले पूंजीवाद का आरोप लगाना बिलकुल बेबुनियाद है। Budget Sabhi Varg Ke
विपक्ष के आरोप किये खारिज Budget Sabhi Varg Ke
निर्मला सीतारमण पूंजीपतियों के बजट के विपक्ष के आरोप का जिक्र करते हुए बोली कि सरकार हर वर्ग के लोगों के लिए काम कर रही है। चाहे वह गरीब हों या फिर उद्यमी हों। सांठगांठ वाले पूंजीवाद का आरोप लगाना बेबुनियाद है।
गांवों में सड़कों का निर्माण करना, सौभाग्य योजना के तहत हर गांव में बिजली पहुँचाना, छोटे किसानों के खातों में पैसा डालने जैसी योजनाएं गरीबों के लिये है न कि किसी पूंजीपतियों के लिए।
किसान सम्मान निधि का आवंटन घटाया
वित्त मंत्री बोली बजट में तात्कालिक सहायता के साथ-साथ मध्यम और दीर्घ अवधि में सतत आर्थिक वृद्धि बनाये रखने पर ध्यान दिया गया है। Budget Sabhi Varg Ke
पीएम सम्मान निधि के तहत राशि कम किए जाने के विपक्ष के लगाए गए आरोप में उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की तरफ से छोटे एवं सीमांत किसानों की सूची नहीं देने के कारण पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 2021-22 के लिए आवंटन 10,000 करोड़ रुपये कम किया गया है। Budget Sabhi Varg Ke
रक्षा बजट नहीं घटाया
वित्त मंत्री ने बताया कि मनरेगा के तहत आवंटित कोष का उपयोग हमारी सरकार में घटा नहीं बढ़ा है। यह कहना तथ्य आधारित नहीं है कि सरकार ने रक्षा बजट में कमी की है। वित्त मंत्री बोली कि इस बार के बजट 2021-2022 में रक्षा क्षेत्र के पूंजीगत खर्च में 18 प्रतिशत से अधिक का प्रावधान किया गया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि एक रैंक एक पेंशन योजना के बकाया को पूरा करने का प्रावधान करने के लिए पिछले बजट में प्रावधान किया गया था, जिसकी इस बार जरूरत नहीं थी। Budget Sabhi Varg Ke