Monday, June 30, 2025
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यूपी में रेस्तरां, ढाबा और होटल चलाने वालों के लिए सीएम योगी का नया आदेश.

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने खान-पान की वस्तुओं में मानव अपशिष्ट, गंदी चीजों की मिलावट करने वालों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। देश के विभिन्न क्षेत्रों में घटीं ऐसी घटनाओं का संज्ञान लेते हुए एक उच्च स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री योगी ने प्रदेश के सभी होटलों, ढाबों, रेस्टोरेंट आदि संबंधित प्रतिष्ठानों की गहन जांच, सत्यापन आदि के भी निर्देश दिए हैं और साथ ही आम जन की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए नियमों में आवश्यकतानुसार संशोधन के भी निर्देश दिए।

महत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमंत्री द्वारा दिये गए प्रमुख दिशा-निर्देश में कहा गया है कि हाल के दिनों में देश के विभिन्न क्षेत्रों में जूस, दाल और रोटी जैसी खान-पान की वस्तुओं में मानव अपशिष्ट, अखाद्य, गंदी चीजों की मिलावट की घटनाएं देखने को मिली हैं। ऐसी घटनाएं वीभत्स हैं और आम आदमी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली हैं। ऐसे कुत्सित प्रयास कतई स्वीकार नहीं किया जा सकते है। उत्तर प्रदेश में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए ठोस प्रबंध किए जाने आवश्यक हैं।

सीएम ने कहा है कि ऐसे ढाबों, रेस्टोरेंट आदि खान-पान के प्रतिष्ठानों की जांच की जानी आवश्यक है। प्रदेशव्यापी सघन अभियान चलाकर इन प्रतिष्ठानों के संचालक सहित वहां कार्यरत सभी कर्मचारियों का सत्यापन किया जाए। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, पुलिस व स्थानीय प्रशासन संयुक्त टीम द्वारा यह कार्यवाही शीघ्रता से सम्पन्न कराई जाए।

अधिनियम में आवश्यकतानुसार संशोधन के निर्देश

मुख्यमंत्री योगी ने कहा है कि खान-पान के प्रतिष्ठानों पर संचालक, प्रोपराइटर, मैनेजर आदि के नाम और पता प्रमुखता से डिस्प्ले किये जाने चहिये। इस संबंध में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम में आवश्यकतानुसार संशोधन भी किया जाए। सीएम ने कहा कि ढाबे, होटलों, रेस्टोरेंट आदि खान-पान के प्रतिष्ठानों में सीसीटीवी की व्यवस्था हो, न केवल ग्राहकों के बैठने के स्थान पर बल्कि प्रतिष्ठान के अन्य हिस्सों को भी सीसीटीवी से कवर होना चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाए कि हर प्रतिष्ठान संचालक सीसीटीवी की फीड को सुरक्षित रखेगा और आवश्यकता पड़ने पर पुलिस, स्थानीय प्रशासन को उपलब्ध कराएगा।

रेस्तरां, ढाबा और होटल चलाने रखे ध्यान – सीएम योगी

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि खान पान के केंद्रों पर साफ-सफाई होनी चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाए कि खाद्य पदार्थों को तैयार करने तथा सर्विस के समय संबंधित व्यक्ति मास्क, ग्लव्स का उपयोग जरूर करें, इसमें किसी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आम जन के स्वास्थ्य हितों से किसी भी प्रकार का खिलवाड़ नहीं किया जा सकता है। ऐसा प्रयास करने वालों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाए। खाद्य पदार्थों को बनाने, बेचने अथवा अन्य संबंधित गतिविधियों से जुड़े नियमों को व्यवहारिकता का ध्यान रखते हुए और सख्त किया जाए। नियमों की अवहेलना पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए।

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कुमारी शैलजा ने तोड़ी चुप्पी, कहा मै कांग्रेस की सच्ची सिपाही

हरियाणा की पूरी सियासत कांग्रेस नेता कुमारी सैलजा के इर्द-गिर्द सिमट गई है। विधानसभा चुनाव प्रचार से कुमारी सैलजा की दूरी बनाए रखने के चलते राजनीति गरमा गई है, लेकिन उन्होंने अपनी नाराजगी से लेकर हर सवाल का बेबाकी से जवाब दिया। बसपा से लेकर बीजेपी तक से दिए जा रहे ऑफर को सैलजा ने ठुकरा जरूर दिया है। लेकिन सीएम बनने के लिए इच्छा जाहिर करके कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा की टेंशन जरूर बढ़ा दी है। इस तरह सैलजा चुनाव प्रचार से दूरी बनाकर भी सियासी चर्चा में बनी हुई हैं ?

सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा 12 सितंबर से पूरी तरह साइलेंट मोड में हैं। वो न ही कांग्रेस के चुनाव प्रचार में एक्टिव नजर आ रही हैं और न ही सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं। ऐसे में कांग्रेस की नाराजगी और बीजेपी में शामिल होने सहित के सवाल का जवाब देते हुए कुमारी सैलजा ने एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में कहा, नाराजगी की बात नहीं है, लेकिन कुछ बातें तो हो जाती हैं, ये पार्टी की अंदरुनी बात है, लेकिन मैं मरते दम तक कांग्रेस नहीं छोड़ूंगी। बीजेपी हरियाणा और राष्ट्रीय स्तर पर गिरावट की ओर हैं, वहां जाने का सवाल ही नहीं है।

कांग्रेस से नाराजगी पर क्या बोली सैलजा

कुमारी सैलजा ने कहा कि कांग्रेस से नाराजगी है तो उसका जिक्र मैं यहां नहीं करना चाहूंगी। कांग्रेस पार्टी आगे बढ़ रही है, कांग्रेस के साथ हरियाणा के लोग आगे बढ़ रहे हैं। लोग हमारी तरफ देख रहे हैं। उससे ज्यादा कांग्रेस वर्कर का योगदान ग्राउंड पर ज्यादा होगा। चुनाव प्रचार से दूरी बनाने के सवाल पर सैलजा ने कहा, प्रचार के लिए पहले निकले हैं और आगे भी अब निकलेंगे। शुरू में कैंडिडेट्स भी अपने काम में बिजी होते हैं। नॉमिनेशन के समय में भी मैं पहुंच नहीं सकी। कुछ बातें होती हैं पार्टी में, उसे यहां शेयर करना अच्छा नहीं है क्युकी पार्टी डिसिप्लिन भी होता है।

हरियाणा में बनाएंगे कांग्रेस की सरकार- कुमारी शैलजा

इसी के साथ कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘जब कार्यकर्ताओं को जगह नहीं मिलती है तो वे इसकी तलाश में दूसरी जगहों पर जाते हैं, क्योंकि पार्टी कार्यकर्ताओं ने कुछ चीजें महसूस की हैं। लेकिन मैं कहूंगी कि हम कांग्रेस में हैं। मै कांग्रेस पार्टी की सच्ची सिपाही हु, हम पार्टी के लिए काम करेंगे। सारा देश बोल रहा है कि हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनेगी। तो मैं समझती हूं कि उसमें थोड़ा – बहुत योगदान सैलजा का भी होगा। आपको बता दे कि बता दें कि हरियाणा में 5 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव की वोटिंग होनी है। विधानसभा चुनाव के परिणाम 8 अक्टूबर को आएंगे। हरियाणा में विधानसभा चुनाव का प्रचार जोरों शोरों से चल रहा है।

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तिरुपति विवाद का असर अब इस प्रसिद्ध मंदिर में ‘बाजार का प्रसाद’ हुआ बैन

आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट के बाद उपजे विवाद का असर पूरे देश में देखने को मिल रहा है। मंदिर के प्रसाद यानी लड्डू में जानवर की चर्बी मिलाने का आरोप है। वहीं, अब इस घटना को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित प्रसिद्ध मनकामेश्वर मंदिर भी बाजार से खरीदे गए प्रसाद को लाने पर बैन लगा दिया गया है। आइए जानते हैं इस आदेश से जुड़ी जरूरी बातें।

खुद के द्वारा बनाया गया प्रसाद लाएं

मनकामेश्वर मन्दिर लखनऊ की पीठाधीश्वर महंत देव्यागिरि ने इस बारे में नोटिस जारी किया है। जारी किए गए नोटिस में लिखा गया है- “विशेष सूचना, मन्दिर में भोग हेतु अपने द्वारा बनाया गया प्रसाद/सूखे मेवे ही गर्भगृह में चढ़ाएं। बाजार से लाए गये प्रसाद तिरुपति बालाजी आन्ध्र की घटना के कारण प्रतिबन्धित किया जा रहा है।

लखनऊ में बाजार से खरीदा गया प्रसाद बैन

यूपी की राजधानी लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर में अब श्रद्धालु बाजार से खरीदा गया प्रसाद नहीं ला सकेंगे। तिरुपति मंदिर लड्डू विवाद के बाद अब मनकामेश्वर मंदिर की महंत दिव्यागिरी ने बाज़ार से लाये प्रसाद पर बैन लगा दिया है। महंत दिव्यागिरी ने लेटर जारी कर भक्तों से कहा है कि वो सूखे मेवे गर्भगृह पर चढ़ाये।

मनकामेश्वर मंदिर में बाजार का प्रसाद बैन।
मनकामेश्वर मंदिर में बाजार का प्रसाद बैन।

कर्नाटक में भी मंदिरों के लिए निर्देश

तिरुपति मंदिर के लड्डू पर हुए विवाद के बाद कर्नाटक सरकार ने भी बीते शुक्रवार को एक परिपत्र जारी किया था। इसमें हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग के तहत आने वाले सभी मंदिरों को निर्देश दिया कि वे वहां तैयार किए जाने वाले प्रसाद की गुणवत्ता बनाए रखें। मंदिरों को केवल ‘कर्नाटक मिल्क फेडरेशन’ के नंदिनी ब्रांड घी का ही इस्तेमाल करने को कहा गया है।

मनकामेश्वर मंदिर में बाजार का प्रसाद बैन।
मनकामेश्वर मंदिर में बाजार का प्रसाद बैन।

टीटीडी ने किया महाशांति होम का आयोजन

टीटीडी (तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम) ने लड्डू प्रसादम विवाद के मद्देनजर एक महा शांतिहोम का आयोजन किया है। तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के कार्यकारी अधिकारी शमाला राव और बोर्ड के अन्य अधिकारियों ने पुजारियों के साथ होम में भाग लिया है।

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अखिलेश यादव को सीएम योगी ने दिया करारा जवाब, जानिए क्या कहा ?

उत्तर प्रदेश उपचुनाव से पहले यूपी की सियासत जाति पर ठहर गई है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव लगातार योगी सरकार पर जाति देखकर कार्रवाई का आरोप लगा रहे हैं। तो वहीं अब सीएम योगी ने उनके आरोपों पर करारा जवाब दिया है। यूपी एसटीएफ ने बीते महीने सुल्तानपुर में ज्वेलर्स की दुकान में हुई डकैती के एक और आरोपी का एनकाउंटर कर दिया है।

एसटीएफ और आरोपियों के बीच उन्नाव जिले में मुठभेड़ हुई जिसके एक आरोपी भाग निकला और दूसरा घायल हो गया जिसके बाद उसकी मौत हो गई। इस एनकाउंटर के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ का एक ट्वीट सामने आया है। सीएम योगी ने कवि रामधारी सिंह दिनकर की कविता की कुछ पंक्तियों का जिक्र करते हुए उन पर हमला किया है। उन्होंने कहा कि ‘पाते हैं सम्मान तपोबल से भूतल पर शूर, ‘जाति-जाति’ का शोर मचाते केवल कायर क्रूर।” सीएम योगी ने ये ट्वीट सुल्तानपुर में एनकाउंटर के बाद किया है।

अखिलेश यादव को सीएम योगी ने दिया करारा जवाब
अखिलेश यादव को सीएम योगी ने दिया करारा जवाब

अब तक क्या-क्या कार्रवाई हुई ?

सुल्तानपुर में 28 अगस्त को भरत ज्वेलर्स के यहां लूट के दो आरोपी यूपी एसटीएफ की मुठभेड़ में मारे जा चुके है। चार मुठभेड़ में घायल होने के बाद पकड़े गए हैं और चार दूसरे आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पूरी लूट का मास्टर माइंड भी जेल में है। मुठभेड़ में मारे गए मंगेश यादव और अनुज प्रताप सिंह सराफा दुकान में अंदर लूट करते सीसीटीवी में कैद हुए थे। पुलिस ने लूट का माल तो बरामद कर लिया है। अब पुलिस का कहना है कि जल्दी ही बाकी के तीन आरोपी भी पकड़े जाएंगे।

मंगेश यादव के एनकाउंटर पर भड़के थे अखिलेश

सुल्तानपुर शहर के ठठेरी बाजार में लूटपाट के एक अन्य आरोपी मंगेश यादव का बीते दिनों एनकाउंटर हो गया था। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस एनकाउंटर को लेकर सवाल खड़ा किया था और इसे फर्जी एनकाउंटर बताया था। अखिलेश यादव ने आरोप लगाया था कि मंगेश की जाति देखकर उसे सटाकर गोली मारी गई थी।

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तिरुपति विवाद पर जगन रेड्डी ने लिखी पीएम मोदी को चिट्ठी, की ये बड़ी मांग

तिरुपति लड्डू विवाद पर पूरे देश में बवाल मचा हुआ है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया है कि लड्‌डू प्रसादम में पशु चर्बी मिलाई गई है। इस मामले को लेकर सीएम चंद्रबाबू नायडू और पूर्व सीएम जगन रेड्‌डी आमने-सामने है। इसी बीच YSRCP चीफ जगन मोहन रेड्डी ने पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में उन्होंने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू पर तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) की पवित्रता को धूमिल करने का प्रयास करने का आरोप लगाया है। इतना ही नहीं जगन ने पीएम से नायडू को फटकार लगाने और सच्चाई को उजागर करने की अपील भी की है।

जानें क्या है पूरा मामला

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया था कि तिरुपति के प्रसाद में प्रयोग होने वाले घी में जानवरों की चर्बी है। इसको लेकर उन्होंने लैब की एक रिपोर्ट भी जारी की थी। जिसके बाद राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया था।

जगन रेड्डी ने सीएम नायडू पर लगाया झूठ बोलने का आरोप

YSRCP चीफ जगन रेड्डी ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे अपने पत्र में कहा कि मैं यह पत्र आंध्र प्रदेश राज्य में घटित हो रही अपमानजनक घटनाओं की ओर आपका ध्यान आकर्षित करने के लिए लिख रहा हूं। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू द्वारा तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम की पवित्रता, अखंडता और प्रतिष्ठा को अपूरणीय क्षति पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। भगवान वेंकटेश्वर के न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में करोड़ों हिंदू भक्त हैं और यदि इस नाजुक स्थिति को सावधानी से नहीं संभाला गया, तो ये झूठ से काफी नुकसान हो सकता है।

YSRCP चीफ ने आगे लिखा कि मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने टीटीडी की कार्यप्रणाली के खिलाफ़ सरासर झूठ फैलाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि तिरुमाला मंदिर में प्रसाद बनाने में इस्तेमाल किया जा रहा घी मिलावटी है और उस घी में जानवरों की चर्बी है। YSRCP चीफ जगन रेड्डी ने आरोप लगाया कि तिरुमाला लड्डू बनाने में घी की जगह जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया गया था, यह प्रसाद करोड़ों हिंदू भक्तों के दिलों में बहुत खास जगह रखता है। यह वास्तव में राजनीतिक उद्देश्यों से फैलाया गया झूठ है। इस झूठे प्रचार से दुनिया भर के हिंदू भक्तों की भावनाओं को ठेस पहुंचेगी।

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रविचंद्रन अश्विन ने किया ऐतिहासिक कारनामा, तोड़ा वीनू मांकड़ का रिकॉर्ड

भारतीय टीम ने बांग्लादेश की टीम को पहले टेस्ट मैच में 280 रनों से हरा दिया और सीरीज में 1 – 0 की बढ़त हासिल कर ली। भारत के लिए रविचंद्रन अश्विन सबसे बड़े हीरो साबित हुए और उन्होंने ऑलराउंड प्रदर्शन से टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई। दमदार प्रदर्शन के लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच अवॉर्ड दिया। रविचंद्रन अश्विन ने बांग्लादेश के खिलाफ ऐसा प्रदर्शन किया, जिससे रिकॉर्ड्स की झड़ी लग गई।

6 विकेट लेकर टीम को दिलाई जीत

आपको बता दे कि पहली पारी में दमदार बल्लेबाजी के बाद रविचंद्रन अश्विन ने गेंदबाजी में भी कमाल दिखाया। दूसरी पारी में वह बांग्लादेशी टीम के लिए सबसे बड़े काल साबित हुए। उनके आगे बांग्लादेश का बल्लेबाजी आक्रामण पूरी तरह से ध्वस्त हो गए। विरोधी टीम के बल्लेबाज रन बनाना तो दूर क्रीज पर टिकने के लिए तरसते रहे। उन्होंने दूसरी पारी में 21 ओवर फेंक कर 88 रन दिए और 6 विकेट हासिल किए। जडेजा ने उनका अच्छे से साथ दिया और तीन विकेट हासिल किए।

पहली पारी में अश्विन ने खेली 113 रनों की पारी

बांग्लादेश के खिलाफ टॉस हारने के बाद बैटिंग करते हुए टीम इंडिया की शुरुआत बहुत ही खराब रही थी। तब टॉप ऑर्डर में रोहित शर्मा, विराट कोहली और शुभमन गिल बड़ी पारियां नहीं खेल पाए थे। इसके बाद अश्विन ने नंबर-8 पर उतरकर शानदार बैटिंग की। उन्होंने 133 गेंदों में 113 रन बनाए, जिसमें 11 चौके और 2 छक्के शामिल थे। उनके शतक की बदौलत ही टीम इंडिया पहली पारी में 376 रन बना पाई थी।

भारत के लिए 5 विकेट हॉल लेने वाले सबसे उम्रदराज प्लेयर बने अश्विन

भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में रविचंद्रन अश्विन 5 विकेट हॉल लेने वाले सबसे उम्रदराज प्लेयर बन गए हैं। उन्होंने 38 साल 2 दिन की उम्र में टेस्ट में पांच विकेट हॉल लिया है। अश्विन ने वीनू मांकड़ का रिकॉर्ड तोड़ा है। वीनू मांकड़ ने 1955 में पाकिस्तान के खिलाफ पेशावर टेस्ट में 37 साल 306 दिन की उम्र में पांच विकेट हॉल लिया था।

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राजधानी दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज एक बार फिर से जनता की अदालत में पहुंचे। यहां जंतर मंतर पर उन्होंने लोगों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि ‘4 अप्रैल 2011 को जंतर मंतर से अन्ना आंदोलन शुरू हुआ था। दो साल तक अलग-अलग जगहों पर आंदोलन चला। उस समय की सरकार भी अहंकारी थी, हमारी बात नहीं मानते थे और चैलेंज करते थे कि चुनाव लड़ के दिखाओ जीत कर दिखाओ। हमारे पास ना पैसा था, ना आदमी थे, ना गुंडे थे, हम चुनाव कैसे लड़ते, लेकिन हम भी चुनाव लड़ लिए। जनता ने हमें जिता दिया और दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बन गई। हमने देश में साबित कर दिया कि इमानदारी से चुनाव लड़े भी जा सकते हैं और जीते भी जा सकते हैं।

मोदी जी ने रचा षड़यंत्र

अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘उस समय ये लोग कहते थे कि इनकी तो जमानत जब्त हो जाएगी, लेकिन पहली बार में हमारी 49 दिन की सरकार बन गई थी। पिछले 10 साल से हम लोग दिल्ली के अंदर सरकार चला रहे थे। ऐसी-ऐसी सुविधाएं दीं, जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता। दस साल इमानदारी से काम किया, मोदी जी को लगने लगा कि अगर इनसे जीतना है तो इनकी इमानदारी पर चोट करो। फिर मोदी जी ने षड़यंत्र रचा कि इनको बेइमान साबित करो और फिर हमारे सारे नेताओं को एक-एक करके जेल में डाल दो। अब हम जेल से बाहर आ गए और बाहर आने के बाद हमने इस्तीफा दे दिया।

https://x.com/ArvindKejriwal/status/1837746484072112285

अग्रिपरीक्षा है आने वाला चुनाव – केजरीवाल

केजरीवाल ने कहा कि मैं आरएसएस के हर व्यक्ति से कहना चाहता हूं कि देश की खातिर मेरे द्वारा उठाए गए मुद्दों पर चिंतन जरूर करना, आगे आने वाला चुनाव केजरीवाल की अग्रिपरीक्षा है। आपको लगता है कि केजरीवाल इमानदार है तो उसे वोट देना अगर आपको लगता है कि केजरीवाल बेइमान है तो उसे कतई वोट मत देना। ये झाड़ू आस्था का प्रतीक है। इस झाड़ू का बटन तभी दबाना जब आपको लगे कि अरविंद केजरीवाल इमानदार है।

केजरीवाल चोर या ऐसा बोलने वाले चोर

बीजेपी पर निशाना साधते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘मोदी जी ने सबसे कठोर केस हमारे ऊपर लगाया, लेकिन केस फर्जी था। इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने सबको बेल दे दी। मैं दाग के साथ नहीं जी सकता, इसलिए मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि अगर मैं बेइमान होता तो क्या दिल्ली में बिजली फ्री कर सकता था, क्या मैं महिलाओं का किराया फ्री करता, क्या आपके बच्चों के लिए स्कूल बनवाता, क्या आपका इलाज मुफ्त करता? इन लोगों की 22 राज्यों में सरकार है, लेकिन कहीं बिजली फ्री नहीं है, कहीं महिलाओं का किराया फ्री नहीं है, तो चोर कौन है? आप बताइये कि केजरीवाल चोर है या केजरीवाल को चोर बोलने वाले चोर हैं।

आरएसएस चीफ मोहन भागवत से पूछे पांच सवाल

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ये आरएसएस वाले कहते हैं कि हम राष्ट्रवादी है, देशभक्त हैं, लेकिन आज मैं पूरे सम्मान के साथ मोहन भागवत जी से पांच प्रश्न पूछना चाहता हूं और आपका समर्थन चाहता हूं।

पहला सवाल – जिस तरह मोदी जी देश भर में लालच देकर या ईडी-सीबीआई का डर दिखाकर सरकारें गिरा रहे हैं क्या आरएसएस उससे सहमत है ?

दूसरा सवाल – देश भर में सबसे भ्रष्टाचारी नेताओं को मोदी जी ने अपनी पार्टी में शामिल करवा लिया। जिन्हें उन्होंने खुद भ्रष्टाचारी बोला, क्या आरएसएस मोदी जी से सहमत है ?

तीसरा सवाल – कहा जाता है कि बीजेपी आरएसएस की कोख से पैदा हुई थी। ये देखना आरएसएस की जिम्मेदारी है कि बीजेपी पथभ्रष्ट ना हो। मोहन भागवत जी बताएं कि क्या आपने मोदी जी को कभी रोका ?

चौथा सवाल – जेपी नड्डा जी ने लोकसभा चुनाव के दौरान कहा कि बीजेपी को अब आरएसएस की जरूरत नहीं है। आरएसएस बीजेपी की मां समान है, तो क्या बेटा इतना बड़ा हो गया कि मां को आंखें दिखाने लगा। जिस बेटे को पाल-पोस कर बड़ा किया, आज वो बेटा पलटकर अपनी मां को आंखें दिखा रहा है। मै मोहन भागवत जी से पूछना चाहता हूं कि जब नड्डा जी ने ये कहा तो आपके दिल पर क्या गुजरी, क्या आपको दुख नहीं हुआ ?

पांचवा सवाल – मोहन भागवत जी से कहना चाहता हूं कि आप ही लोगों ने कानून बनाया था कि 75 साल का होने पर हमारा कार्यकर्ता रिटायर कर दिया जाएगा। अब अमित शाह जी कह रहे हैं कि ये नियम मोदी जी पर लागू नहीं होगा। मोहन भागवत जी से पूछना चाहता हूं कि जो नियम आडवाणी पर लागू हुआ क्या वो नियम मोदी जी पर लागू नहीं होगा ?

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सूफी खानकाह एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष बने पत्रकार सादिक अली

सूफी खानकाह एसोसिएशन राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष सूफी इरशाद शेख ने एक पत्र जारी किया। जिसमें उन्होंने avp24news के काबिल और होनहार स्टेट हेड/रिपोर्टर सादिक अली के कंधों पर एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी दी है। avp24news के स्टेट हेड सादिक अली को सूफी खानकाह एसोसिएशन राजस्थान में जिला अध्यक्ष बनाया गया है। उल्लेखनीय है कि avp24news के स्टेट हेड सादिक अली सादिक अली को डूंगरपुर जिले की जिम्मेदारी दी गई है।

वही सादिक अली ने जिला अध्यक्ष पद पर अपना कार्यभार संभाला और उन्होंने कहा कि बहुत जल्द कार्यकारिणी बनाकर प्रदेश अध्यक्ष के समक्ष पेश करूंगा और साथ ही कहा कि अपने कार्य का निर्वहन ईमानदारी एवं कर्तव्यनिष्ठा के साथ कर संगठन को मजबूत करने का काम करूंगा। हर कार्यकर्ता कि, हर संभव मदद करने की पूरी कोशिश करूंगा। avp24news के स्टेट हेड सादिक अली सादिक अली ने बताया कि सूफी खानकाह संगठन एक ऐसा संगठन है जिसमें वे मुसलमान शामिल हैं।

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सूफी खानकाह एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष बने पत्रकार सादिक अली
सूफी खानकाह एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष बने पत्रकार सादिक अली

जो राजनीति से दूर हमेशा धर्म और देश के लिए खड़े होने का दावा करते हैं। दरअसल सूफी खानकाह संगठन आतंकी गतिविधियों और ऐसे संगठनों के खिलाफ आवाज उठाता रहा है। इस सूफी संगठन ने आतंकी गतिविधियों में शामिल पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने के लिए आवाज उठाई थी।

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कांग्रेस को टुकड़े-टुकड़े गैंग और अर्बन नक्सल के लोग चलातें हैं – पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पार्टी पर कई गंभीर आरोप लगाए। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस के नेता विदेशी धरती पर भारत का अपमान करते हैं। पीएम मोदी ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के हालिया अमेरिकी दौरे के दौरान केंद्र सरकार की आलोचना करने वाले भाषण के लिए अप्रत्यक्ष रूप से उन पर हमला किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पार्टी पर जानबूझकर कमजोर समूहों को आगे नहीं बढ़ने देने का भी आरोप लगाया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एनडीए सरकार ने इस पिछड़ा विरोधी सोच को खत्म कर दिया। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने जानबूझकर एससी, एसटी और ओबीसी लोगों को आगे नहीं बढ़ने दिया। हमने सरकारी सिस्टम से कांग्रेस की इस दलित विरोधी और पिछड़ा विरोधी सोच को खत्म कर दिया है। पिछले साल के आंकड़े बताते हैं कि एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय विश्वकर्मा योजना का लाभ उठा रहे हैं।

कांग्रेस का मतलब झूठ, धोखा और बेइमानी – पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इन्हें गणेश पूजा से भी दिक्कत है। हमने देखा कि कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने कैसे गणेश की मूर्ति को पुलिस वैन में रखा है। पीएम मोदी ने कहा कांग्रेस का मतलब झूठ, धोखा और बेईमानी है। उन्होंने तेलंगाना में किसानों का कर्ज माफ करने का वादा किया था, लेकिन अब किसान अपना कर्ज माफ करवाने के लिए भटक रहे हैं। आज वो पुरानी कांग्रेस नहीं रही। आज अगर देश में सबसे बेईमान और भ्रष्ट पार्टी कोई है, तो वो कांग्रेस पार्टी है। अगर देश में सबसे भ्रष्ट परिवार कोई है, तो वो कांग्रेस का राजपरिवार है।

कांग्रेस में देशभक्ति की भावना मर चुकी- पीएम मोदी

महाराष्ट्र के वर्धा जिले में एक कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने कहा आज की कांग्रेस में देशभक्ति की भावना मर चुकी है। आज की कांग्रेस में नफरत का भूत घुस चुका है। विदेशी धरती पर कांग्रेस के लोगों की भाषा देखिए उनका देश विरोधी एजेंडा, समाज को तोड़ने की बातें, देश की संस्कृति का अपमान, ये वो कांग्रेस है जिसे ‘टुकड़े टुकड़े गैंग’ और ‘अर्बन नक्सल’ के लोग चला रहे हैं।

महा विकास अघाड़ी सरकार ने किसानों को दुर्दशा में धकेला

पीएम मोदी ने कहा अगर पिछली सरकारों ने विश्वकर्मा भाइयों का ध्यान रखा होता, तो इस समाज की कितनी बड़ी सेवा हुई होती। इसके साथ ही पीएम मोदी ने महाराष्ट्र की पिछली महाविकास अघाड़ी सरकार पर भी निशाना साधा। पीएम मोदी ने एमवीए पर कपास किसानों को दुर्दशा में धकेलने का आरोप लगाया। पीएम मोदी ने कहा कि महाराष्ट्र में दशकों तक कांग्रेस और बाद में महा विकास अघाड़ी सरकार ने कपास को महाराष्ट्र के किसानों की ताकत बनाने के बजाय उन्हें दुर्दशा में धकेला, किसानों के नाम पर राजनीति की और भ्रष्टाचार में लिप्त रही है।

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तिरुपति लड्डू विवाद: बाहर हुई सरकारी कंपनी, मिला प्राइवेट कंपनी को आर्डर

तिरुपति बाला जी प्रसादम को लेकर देशभर में रोष देखने को मिल रहा है, इस विवाद ने देश में मंदिरों के प्रसादों की क्वालिटी को लेकर भी भक्तों के मन में सवाल डाल दिए हैं। इसी बीच खबर आ रही कि जुलाई 2023 में सरकारी डेयरी कंपनी को यह ठेका न देकर तत्कालीन सरकार ने एक टेंडर निकाला, जिसके जरिए एक प्राइवेट कंपनी को इसका ठेका दिया गया। हालांकि मंदिर प्रशासन की ओर से बार-बार लड्डू के स्वाद व क्वालिटी को लेकर शिकायत की गई, फिर इस पर चंद्रबाबू नायडू की सरकार ने संज्ञान लिया और इसे लैब टेस्ट के लिए भेजा।

कैसे सामने आया मामला ?

जब सत्ता बदल गई तो इस बात की शिकायत आई कि लड्डू के स्वाद और गुणवत्ता में कमी आई। इसके बाद TTD ने एक एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया कमेटी ने सभी 5 सप्लायर्स के घी को टेस्ट करने के लिए कहा। AR डेयरी एन्ड एग्रो फ़ूड के सैम्पल में इंटरनल तौर पर गड़बड़ी पाई गई। जिसके बाद बचे हुए 4 टैंकर्स को अलग कर दिया गया और इनमें से 2 टैंकर के सैम्पल को 6 जुलाई और बाकी 2 टैंकर के सैम्पल को 12 जुलाई को गुजरात के नेशनल डेयरी डेवेलपमेंट बोर्ड के लैब में टेस्ट के लिए भेजा गया, जहां से जो रिज़ल्ट आया उसने सबको हैरान कर दिया।

सिलसिलेवार तरीके से समझें तिरुपति लड्डू विवाद

लैब टेस्ट की रिपोर्ट में लड्डू में फिश ऑयल, बीफ फैट और एनिमल टैलो के अंश पाए गए। जिसके बाद इस मामले ने देश में एक नई बहस छेड़ दी है। ऐसे में आइए समझते हैं कि कैसे सरकारी डेयरी कंपनी ने घी सप्लाई करने से इनकार कर दिया था। बात 2023 की है जब सरकारी डेयरी कर्नाटक मिल्क फेडरेशन ने 320 रुपये की कीमत पर घी सप्लाई करने से इनकार कर दिया और टेंडर से बाहर हो गई, तो सरकार ने टेंडर निकाला। इसमें कई कंपनियों ने भाग लिया, लेकिन इन टेंडर में 5 निजी कम्पनियों को सप्लाई का ठेका दिया गया। इन पांच कंपनियों में से एक तमिलनाडु की एक कंपनी AR डेयरी एंड एग्रो फूड्स ने 320 रुपये लीटर घी देने का टेंडर दिया उसका टेंडर स्वीकार कर लिया गया।

तिरुपति लड्डू विवाद: बाहर हुई सरकारी कंपनी, मिला प्राइवेट कंपनी को आर्डर
तिरुपति लड्डू विवाद: बाहर हुई सरकारी कंपनी, मिला प्राइवेट कंपनी को आर्डर

फिर 12 मार्च 2024 को टेंडर सबमिट किया गया। इसके बाद 8 मई 2024 को टेंडर होनर कर दिया गया और 15 मई 2024 को सप्लाई आर्डर दे दिया गया। फिर 20 दिन के बाद AR डेयरी एंड एग्रो फूड्स कंपनी ने तिरुपति बाला जी मंदिर में घी सप्लाई शुरू कर दी। इस कंपनी ने कुल 10 घी के टैंकर्स सप्लाई किए हैं, इनमें से 6 का इस्तेमाल किया गया है।

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वन नेशन-वन इलेक्शन बिल को मिली मंजूरी, शीतकालीन सत्र में होगा पेश

वन नेशन-वन इलेक्शन यानी एक देश – एक चुनाव को मोदी कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। केंद्रीय कैबिनेट ने एक देश-एक चुनाव पर पेश की गई रिपोर्ट पर मुहर लगा दी। केंद्रीय कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए मोदी सरकार के मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में वन नेशन-वन इलेक्शन पर बिल पेश किया जाएगा।

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी समिति ने लोकसभा चुनाव 2024 से पहले मार्च के महीने में कैबिनेट के सामने अपनी रिपोर्ट पेश की थी। मोदी 3.0 के 100 दिनों के एजेंडा में वन नेशन-वन इलेक्शन की रिपोर्ट को कैबिनेट के सामने रखना भी शामिल था।

एक साथ होंगे लोकसभा और विधानसभा के चुनाव

कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट में पूरे देश में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने की सिफारिश की गई है। इसके साथ ही लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराए जाने के 100 दिनों के भीतर ही निकाय चुनाव कराए जाने की भी वकालत की गई है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति ने एक देश – एक चुनाव पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए 62 सियासी दलों से राय ली थी।

इन राजनीतिक दलों में से 32 ने समर्थन, 15 ने विरोध और 15 ने इस पर जवाब देने से इनकार कर दिया था। समर्थन करने वाले दलों में बीजेपी, जेडीू, एलजेपी (आर) जैसे दल शामिल हैं। वहीं इसके विरोध में कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी समेत 15 दल शामिल हैं। वहीं मोदी 3.0 में शामिल चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया है।

अमित शाह ने पहले ही वन नेशन-वन इलेक्शन का किया था ऐलान

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 17 सितंबर को ही कहा था कि बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार अपने मौजूदा कार्यकाल में ही वन नेशन-वन इलेक्शन को लागू करेगी। इससे पहले बीते स्वतंंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक देश-एक चुनाव की जोरदार वकालत की थी। पीएम मोदी ने कहा था कि बार-बार चुनाव होने से देश की प्रगति में बाधा उत्पन्न हो रही है। देश को ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के लिए आगे आना होगा। गौरतलब है कि वन नेशन – वन इलेक्शन के मुद्दे को बीजेपी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में भी जगह दी है। बीजेपी के साथ ही एनडीए में शामिल कई घटक दल भी इसके समर्थन में हैं।

केंद्रीय कैबिनेट की ओर से मंजूरी मिलने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस फैसले पर विरोध जताया है। मल्लिकार्जुन खरगे ने वन नेशन – वन इलेक्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये प्रैक्टिकल नहीं है और ये चलने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि ये वर्तमान मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए फैसला किया गया है।

आसान नहीं वन नेशन-वन इलेक्शन की राह !

वन नेशन-वन इलेक्शन पर केंद्र सरकार को संविधान में संशोधन करने पड़ेंगे। जिसके लिए इसे संसद में बिल के तौर पर पेश करना होगा। इसके बाद केंद्र सरकार को लोकसभा और राज्यसभा से इसे पास कराना होगा। इतना ही नहीं संसद से पास होने के बाद इस बिल को 15 राज्यों की विधानसभा से भी पास कराना होगा। ये सब होने के बाद राष्ट्रपति इस बिल पर मुहर लगाएंगे।

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भारतीय हॉकी टीम ने रचा इतिहास, जीता एशियन चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब

एशियन चैंपियंस ट्रॉफी 2024 में भारतीय हॉकी टीम ने चीन को 1-0 से हरा दिया है। इस मैच की शुरुआत में दोनों टीमों की तरफ से कोई भी गोल नहीं कर पाया था। फिर मैच खत्म होने के कुछ मिनट पहले ही भारत के लिए जुगराज सिंह ने गोल किया। इसी गोल की वजह से भारतीय हॉकी टीम खिताब जीतने में सफल रही। भारत ने कुल पांचवीं बार एशियन चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब अपने नाम किया था। चीन ने पहली बार फाइनल में जगह बनाई थी और उससे पहली ही बार में शिकस्त मिली है।

पहले तीन क्वार्टर तक दोनों टीमों की तरफ से नहीं हुआ था गोल

पहले क्वार्टर में दोनों टीमों की तरफ से प्लेयर्स गोल करने में नाकाम रहे। भारत ने गोल करने के मौके बनाए, लेकिन टीम गोल करने में सफल नहीं हो पाई। भारत को पेनल्टी कॉर्नर भी मिला। पर भारतीय हॉकी टीम उसे भुना नहीं पाई। दूसरे क्वार्टर में भी दोनों टीमों की तरफ से कोई गोल नहीं हुआ। इस क्वार्टर में चीन के डिफेंस ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और भारतीय प्लेयर्स को रोके रखा। तीसरे क्वार्टर में चीन ने गोल करने के लिए कई हमले किए हैं, लेकिन उनकी भारतीय गोलकीपर कृष्णा पाठक के आगे एक ना चली।

जुगराज सिंह ने एशियन चैंपियंस ट्रॉफी किया दमदार गोल

जब दोनों टीमों के बीच तीसरे क्वार्टर तक कोई गोल नहीं हुआ। ऐसे में लग रहा था कि मुकाबला पेनल्टी शूटआउट में चला जाएगा। लेकिन इसके बाद जुगराज सिंह ने बेहतरीन मैदानी गोल करके टीम को मैच में 1-0 की बढ़त दिला दी। इससे भारतीय हॉकी टीम को जीतने की उम्मीदें बढ़ गईं। इसके बाद भारत ने चीन को गोल करने का कोई मौका नहीं दिया। जुगराज का फाइनल में किया गोल टीम को ट्रॉफी जिताने में अहम साबित हुआ।

पांचवीं बार जीता एशियन चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब

एशियन चैंपियंस ट्रॉफी 2024 में भारतीय हॉकी टीम ने कमाल का प्रदर्शन किया है और फाइनल तक एक भी मैच नहीं हारा है। टीम ने सेमीफाइनल में साउथ कोरिया को 4-1 से शिकस्त दी थी। कोरियाई टीम के खिलाफ हरमनप्रीत सिंह, उत्तम सिंह और जरमनप्रीत सिंह ने गोल किए थे। भारतीय हॉकी टीम ने कुल पांचवीं बार एशियन चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता है। इससे पहले भारत ने 2011, 2016, 2018 (पाकिस्तान के साथ संयुक्त विजेता) और 2023 में ट्रॉफी जीती थी। पूरे टूर्नामेंट में दमदार प्रदर्शन के लिए हरमनप्रीत सिंह को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का अवॉर्ड मिला है।

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सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर पूरे देश में रोक लगाई, कुछ मामलों में छूट

सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश देते हुए पूरे देश में बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दी है। उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में बुलडोजर की कार्रवाई के खिलाफ दाखिल जमीयत उलेमा ए हिंद की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई में ये निर्देश दिया गया है। जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन की बेंच ने ये निर्देश दिया है। सुनवाई के दौरान सालिस्टर जनरल (SG) तुषार मेहता ने कहा कि डिमोलिशन की कार्रवाई जहां हुई है, वो क़ानूनी प्रकिया का पालन करके हुई है। एक समुदाय विशेष को टारगेट करने का आरोप ग़लत है। गलत नरेटिव फैलाया जा रहा है।

इस पर जस्टिस विश्वनाथन ने कहा कि कोर्ट के बाहर जो बातें हो रही है, वो हमें प्रभावित नहीं करती। हम इस बहस में नहीं जाएंगे कि किसी खास समुदाय को टारगेट किया जा रहा है या नहीं। अगर गैरकानूनी डिमोलिशन का एक भी मसला है तो वो संविधान की भावना के खिलाफ है।

https://x.com/LiveLawIndia/status/1835970821862432917

हम नैरेटिव से प्रभावित नहीं हो रहे- सुप्रीम कोर्ट

वहीं, सुनवाई में जस्टिस गवई ने कहा कि नैरेटिव से हम प्रभावित नहीं हो रहे। हम ये साफ कर चुके है कि हम अवैध निर्माण को संरक्षण देने के पक्ष में नहीं है। लेकिन एग्जीक्यूटिव जज नहीं बन सकते है। ज़रूरत है कि डिमोलिशन की प्रकिया स्ट्रीमलाइन हो। इसके बाद जस्टिस बीआर गवई ने आदेश में कि अगले आदेश तक देश भर में तोड़फोड़ पर रोक रहेगी। हालांकि, ये आदेश पब्लिक रोड, गली, वाटर बॉडी, फुटपाथ, रेलवे लाइन आदि पर अवैध कब्जों पर लागू नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ⁠देश में बुलडोजर न्याय का महिमामंडन और दिखावे को इजाजत नहीं दी जा सकती।

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आखिर 21 दिनों का ही क्यों था अक्टूबर का महीना ? क्यों बदला कैलेंडर

अगर आप कल सुबह उठे और आपको पता चले कि आपने अपने जीवन का एक हफ्ता खो दिया है, तो आप क्या करेंगे ? और ऐसा बहुत ज़्यादा हैंगओवर या कोमा की वजह से नहीं हुआ। बल्कि इसलिए हुआ क्योंकि अधिकारियों ने तय किया था कि कैलेंडर बदलने वाला है। ये सुनने में भले ही यह अजीब लगे, लेकिन 15 अक्टूबर, 1582 की सुबह कुछ यूरोपीय लोगों ने यही महसूस किया था।

आपको शायद इस बात पर यकीन ना हो, इसलिए हमारा आपसे अनुरोध है कि आप पहले गूगल पर जाकर 1582 का कैलेंडर देखें। आपको देखने को मिलेगा कि उस साल अक्टूबर के महीने में सिर्फ 21 दिन ही है। जबकि वास्तव में अक्टूबर 31 दिनों का महीना होता है। दरअसल, 1582 में अक्टूबर महीने में 5 अक्टूबर से लेकर 14 अक्टूबर तक की तारीख को गायब कर दिया गया था। इसलिए अक्टूबर महीने में 10 दिन कम हो गए थे। हालांकि, अब सवाल आता है कि आखिर 1582 में कैलेंडर से 10 दिन क्यों कम किए गए ? वहीं दिनों को कम करने के लिए कौन सा तरीका अपनाया गया और कैलेंडर से 10 दिन अक्टूबर महीने से ही क्यों घटाए गए ?

आखिर अक्टूबर से ही क्यों कम किए गए 10 दिन ?

दरअसल, इसका कारण ईसाई त्यौहार हैं। चर्च कैलेंडर से वो 10 दिन कम करना चाहता था, जिनमें कोई ईसाई त्यौहार न आता हो। वहीं, 4 अक्टूबर, 1582 को सेंट फ्रांसिस ऑफ असीसी का पर्व था और इसके बाद अगले 14 अक्टूबर तक कोई त्योहार नहीं था। इसलिए 5 से 14 अक्टूबर तक के दिन को कैलेंडर से हटा गया और 4 अक्टूबर के बाद सीधा 15 अक्टूबर आ गया। हालांकि, अब सवाल आता है कि आखिर 1582 में कैलेंडर से 10 दिन क्यों कम किए गए ? वहीं दिनों को कम करने के लिए कौन सा तरीका अपनाया गया और कैलेंडर से 10 दिन अक्टूबर महीने से ही क्यों घटाए गए ?

10 दिन कम करने के लिए बदला गया कैलेंडर

ईस्टर की तारीख और वास्तविक ईस्टर के बीच दिनों का अंतर बढ़ता देख 1562-63 में कैथोलिक चर्च की परिषद ने पोप से नया संशोधित कैलेंडर जारी कर इस अंतर को ठीक करने के लिए कहा गया। वहीं, इसके लगभग 20 साल बाद फरवरी, 1582 में पोप ग्रेगरी 13वें ने नया कैलेंडर जारी कर दिया, जिसमें से जूलियन कैलेंडर के 10 बढ़े हुए दिन कम कर दिए गए थे और इसको ग्रेगोरियन कैलेंडर (Gregorian Calendar) कहा जाने लगा, जो आज भी दुनियाभर में इस्तेमाल किया जाता है।

क्यों कम किए गए 10 दिन

दरअसल, 1582 से पहले यूरोपीय देशों में जूलियन कैलेंडर (Julian Calendar) चलता था। जिसे 40 ईसा पूर्व के आसपास रोम के शासक जूलियस सीजर द्वारा जारी किया गया था। हालांकि, यह नॉर्मल सोलर ईयर से 11 मिनट 14 सेकंड लंबा था, जिस कारण जूलियन कैलेंडर में हर 314 साल में एक दिन बढ़ जाता था। इसके कारण ईसाई त्योहार ईस्टर की तारीख निर्धारित करने में काफी दिक्कत होने लगी थी। वही दिनों में आए अंतर की वजह से साल 1582 तक 10 दिनों का अंतर हो गया, जिसे अक्टूबर के महीने में दिनों को घटा कर कम किया गया था।

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कुत्ते, सियार और भेड़िए के बाद युवक ने मचाया आतंक, बन गया नरभक्षी….

यूपी में भेड़िया, सियार और कुत्तों के हमले के कई मामले सामने आए हैं। जिसमें कई की मौत भी हुई है और बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए। लेकिन यूपी के मुजफ्फरनगर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक युवक ही नरभक्षी बन गया है और उसने कई लोगों को काट लिया है।

क्या है पूरा मामला ?

मुजफ्फरनगर में एक युवक के आतंक से लोगों के बीच डर का माहौल है। युवक ने महिला सहित एक बच्ची को भी काटा है। पीड़ित महिला और बच्ची को राहगीरों ने बड़ी मुश्किल से युवक के हमले से बचाया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि युवक कुत्तों के पीछे भी दौड़ा था। इसके बाद युवक को रस्सी से बांधकर पुलिस को सौंपा गया है। मामला नगर कोतवाली क्षेत्र के नंबर दो चुंगी का है। गौरतलब है कि बहराइच में जहां भेड़िया ने 3 साल की बच्ची को नोचा, वहीं कुत्तों ने 80 साल के एक बुजुर्ग को नोचकर मार डाला था।

मामला मुज़फ्फरनगर के शहर कोतवाली क्षेत्र राम लीला टिल्ला का है। यहां बुधवार सुबह उस समय हड़कंप मच गया, जब एक युवक जंगली जानवरों की तरह हरकतें करते हुए बाजार में आने जाने वाले लोगों पर बंदरो की तरह झपट्टा मारकर हमला करने लगा। देखते ही देखते युवक ने दर्जनों लोगो पर हमला कर दिया और दांतों से काटकर घायल कर दिया। ये शख्स दौड़-दौड़कर लोगों को पकड़ रहा था और उन्हें दांतों से काटकर भाग रहा था। युवक की अजीबो गरीब हरकत को देखकर बच्चे-बूढ़े और महिलाएं जान बचाकर भागने लगीं। कुछ लोगों ने हिम्मत जुटाते हुए युवक को पकड़ लिया और रस्सी से बांधकर पुलिस को सौंप दिया।

क्यों हुई युवक की नरभक्षी जैसी हालत ?

पुलिस ने युवक को कब्जे में कर जिला हॉस्पिटल भेज दिया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद युवक को मेरठ मेडिकल के लिए रेफर किया गया है। जिला हॉस्पिटल में तैनात डॉक्टर ने जानकारी देते हुए बताया है कि युवक के परिजनों से बात हुई है और उनका कहना है कि युवक शराब और सूखे नशे का आदी है। 24 घंटे नशे में रहने के कारण उसकी पत्नी भी उसे छोड़कर अपने घर चली गई है। युवक का नशा छुड़वाने के लिए उसके परिजनों ने उसे कोई दवाई दी थी, जिसके रिएक्शन की वजह से युवक की ऐसी हालत हो गई है।

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जम्मू-कश्मीर के रामबन में राहुल गांधी की रैली, बताया क्या करेंगे आगे…..

जम्मू-कश्मीर में करीब 10 साल बाद एक बार फिर से विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। सभी राजनीतक दल अपनी तैयारियों में लगे हुए हैं और अपने उम्मीदवारों का ऐलान भी कर रहे हैं। वहीं, विधानसभा चुनाव के लिए पहले फेज की वोटिंग से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी पूरी तरह से एक्टिव हो गए हैं। मंगलवार को राहुल गांधी केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में दो रैलियां करेंगे हैं। सबसे पहले राहुल गांधी ने रामबन में रैली को संबोधित किया है।

पहली बार राज्य का दर्जा छीन लिया गया – राहुल गांधी

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि भारत के इतिहास में पहली बार राज्य का दर्जा छीन लिया गया है। केंद्र शासित प्रदेश को पहले राज्य बनाया गया था। एक राज्य को खत्म कर दिया गया है और राज्य के अधिकार खत्म कर दिए गए हैं। राहुल गांधी ने कहा कि न केवल आपका राज्य छीन लिया गया है। बल्कि आपके अधिकार, आपकी संपत्ति, सब कुछ छीना जा रहा है। राहुल ने कहा कि 1947 में हमने राजाओं को हटाकर लोकतंत्र स्थापित किया था और संविधान दिया था। लेकिन आज जम्मू-कश्मीर में एक राजा है और वो एलजी हैं।

https://x.com/RahulGandhi/status/1831233795220963489

पहला कदम राज्य का दर्जा – राहुल गांधी

लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने रामबन में रैली को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा पहला कदम जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस देना होगा। राहुल ने कहा कि हम चाहते थे कि आपको चुनाव से पहले राज्य का दर्जा मिले और चुनाव जम्मू-कश्मीर के राज्य बनने के बाद हों। लेकिन बीजेपी यह नहीं चाहती है। राहुल गांधी ने कहा कि वे चाहते हैं कि पहले चुनाव हों और फिर राज्य के दर्जे के बारे में बात करें। राहुल ने कहा कि भाजपा चाहे या न चाहे, INDIA गठबंधन उन पर दबाव डालेगा और जम्मू-कश्मीर के लोगों को राज्य का दर्जा मिलेगा।

कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस साथ लड़ेंगी – राहुल 

जम्मू-कश्मीर विधानसभा का आगामी चुनाव कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगी। दोनों पार्टियों के बीच सीटों का बंटवारा हो गया है। कुल 90 विधानसभा सीटों में से नेशनल कॉन्फ्रेंस 51 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस 32 सीटों पर फाइट करेगी, जबकि पांच सीटों पर फ्रेंडली फाइट होगी। इसके अलावा दो सीट सहयोगी दल सीपीआईएम और पैंथर्स के लिए छोड़ी गई है।

कब-कब होना हैं चुनाव ?

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव का आयोजन कुल तीन फेज में होगा। विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को होंगे। वहीं, चुनाव आयोग की ओर से विधानसभा चुनाव के परिणाम 4 अक्टूबर को जारी किए जाएंगे।

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21 दिन में जांच, सजा-ए-मौत का प्रावधान, पश्चिम बंगाल में एंटी रेप बिल पास

कोलकाता रेप-मर्डर केस में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार पर सवाल उठे। देशभर में इस रेप और मर्डर के आरोपियों के खिलाफ गुस्सा है। राज्यव्यापी प्रदर्शन हो रहे हैं। इस घटना के बाद से ही डॉक्टर हड़ताल पर हैं। इस बीच, ममता सरकार ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा में एंटी रेप बिल पेश किया, जो विपक्ष के पूर्ण समर्थन के साथ पारित हो गया। इस बिल का नाम “अपराजिता वीमेन एंड चाइल्ड (पश्चिम बंगाल क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट) बिल 2024” है।

बिल के कानून बनने के बाद पूरे बंगाल में लागू हो जाएगा। इस बिल के अंदर महिलाओं और बच्चों से अपराध को लेकर कई नियम बनाए गए हैं, जिसका उद्देश्य राज्य में महिलाओं और बच्चों के साथ हो रहे अपराध पर लगाम लगाना है। बिल में दोषी को मौत की सजा देने और मामले की जांच 36 दिन में पूरी करने का प्रावधान है। अपराजिता वीमेन एंड चाइल्ड बिल 2024 को कानून बनाने के लिए राज्यपाल, राष्ट्रपति की मंजूरी की जरूरत होगी। विधानसभा में बिल पारित होने के बाद इसे हस्ताक्षर के लिए राज्यपाल के पास भेजा जाएगा। इसके बाद इसे राष्ट्रपति से मंजूरी मिलना जरूरी है।

पश्चिम बंगाल विधानसभा में पेश एंटी रेप बिल पास
पश्चिम बंगाल विधानसभा में पेश एंटी रेप बिल पास

रेप-मर्डर केस की सीबीआई कर रही जांच

बता दें कि कोलकाता रेप-मर्डर केस की सीबीआई जांच कर रही है। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में 8-9 अगस्त की रात ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप के बाद हत्या कर दी गई थी। आरजी कर अस्पताल के सेमीनार हॉल में 9 अगस्त की सुबह ट्रेनी महिला डॉक्टर का शव अर्धनग्न अवस्था में मिला था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि हत्या से पहले ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप किया गया था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में डॉक्टर की मौत सुबह 3 से 4 बजे के बीच होने की पुष्टि हुई।

बिल में क्या-क्या प्रस्ताव ?

ममता सरकार के नए बिल में भारतीय न्याय संहिता यानी BNS की कुछ उन धाराओं में संशोधन का प्रस्ताव है, जो महिला अपराधों के लिए सजा का प्रावधान करती हैं। इनमें धारा 64, 66, 68, 70, 71, 72, 73 और 124 में संशोधन का प्रस्ताव दिया गया है। इसके अलावा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता यानी BNSS की धारा 193 और 346 में संशोधन का प्रस्ताव है। वहीं, पॉक्सो एक्ट की धारा 4, 6, 8, 10 और 35 में संशोधन का प्रस्ताव रखा गया है।

एंटी रेप बिल में क्या-क्या है ?

1 >>   रेप और हत्या करने वाले आपराधी के लिए फांसी की सजा का प्रावधान।

2 >>   चार्जशीट दायर करने के 36 दिनों के भीतर सजा-ए-मौत का प्रावधान।

3 >>   21 दिन में जांच पूरी करने का प्रस्ताव।

4 >>   अपराधी की मदद करने पर 5 साल की कैद की सजा का प्रावधान।

5 >>   हर जिले में स्पेशल अपराजिता टास्क फोर्स बनाए जाने का प्रावधान।

6 >>   रेप, एसिड, अटैक और छेड़छाड़ जैसे मामलों में ये टास्क फोर्स लेगी एक्शन।

7 >>   रेप के साथ ही एसिड अटैक भी उतना ही गंभीर, इसके लिए आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान।

8 >>   पीड़िता की पहचान उजागर करने वालों के खिलाफ 3-5 साल की सजा का प्रावधान।

9 >>   विधेयक में रेप की जांच और सुनवाई में तेजी लाने के लिए BNSS प्रावधानों में संशोधन शामिल।

10 >>  सभी यौन अपराधों और एसिड अटैक की सुनवाई 30 दिनों में पूरी करने का प्रावधान।

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सर्राफा लूटकांड में तीनों बदमाश की पुलिस से हुई मुठभेड़, सिपाही हुआ घायल

सुलतानपुर। यूपी के सुलतानपुर में बीती रात पुल‍िस ने मुठभेड़ के बाद तीन बदमाशों को दबोच ल‍िया। तीनों बदमाश गोली लगने से घायल हो गए हैं। वहीं एक स‍िपाही भी घायल हो गया है। तीनों बदमाश और घायल स‍िपाही को अस्‍पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस के अनुसार, ये सभी बदमाश संभवता कुछ दिनों पूर्व सर्राफा व्यवसाई के यहां दिनदहाड़े हुई डकैती में शामिल थे।

नगर कोतवाली के गोड़वा चौकी के पास पुल‍िस की बदमाशों से मुठभेड़ हो गई। पुलिस की गोली लगने से तीन बदमाश सचिन सिंह, पुष्पेंद्र सिंह और त्रिभुवन उर्फ लाला घायल हो गए। तीनों बदमाश अमेठी के रहने वाले हैं।पुलिस के अनुसार, ये सभी बदमाश संभवता कुछ दिनों पूर्व सर्राफा व्यवसाई के यहां दिनदहाड़े हुई डकैती में शामिल थे। पुलिस मामले की पड़ताल करने की बात कह रही है।

https://x.com/sultanpurpolice/status/1830908272968163630

तीनों बदमाश और सिपाही हुआ घायल

वहीं एसओजी के सिपाही शैलेश राजभर भी बदमाशों की गोली लगने से घायल हो गए हैं। तीनों बदमाश और सिपाही को अस्पताल में करवाया गया भर्ती। घायल बदमाशों के पास से थोड़े बहुत जेवरात, नगदी और असलहे मिलने की बात कही जा रही है।

एसपी ने बताया क‍ि रात करीब 3:30 बजे तीन ऐसे लोग संदिग्ध मिले, जिसके बारे में मुखबिर द्वारा सूचना मिली थी। पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो उन्होंने फायरिंग की। इसके बाद पुलिस की जवाबी फायरिंग में तीनों बदमाशों को गोली लगी, उन्‍हें ग‍िरफ्तार कर ल‍िया गया है। तीनों का नाम त्रिभुवन, पुष्पेन्द्र और सचिन है।

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वर्ली हिट एंड रन केस में मुख्य आरोपी मिहिर शाह अरेस्ट, मुंबई पुलिस ने कसा शिकंजा

मुंबई पुलिस ने वर्ली हिट एंड रन मामले के मुख्य आरोपी मिहिर शाह को गिरफ्तार कर लिया है। मिहिर शाह घटना के बाद से फरार था। इस मामले में आरोपी के पिता राजेश को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। पीड़ित परिवार और स्थानीय लोग आरोपी को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे थे।

मुंबई पुलिस ने मंगलवार को स्थानीय अदालत को बताया कि मुख्य आरोपी मिहिर शाह (24 वर्ष) घटना के समय कथित तौर पर कार चला रहा था। आरोपी ने महिला को डेढ़ किलोमीटर घसीटने के बाद ड्राइवर को गाड़ी चलाने के लिए दे दिया था। इसके बाद ड्राइवर राजऋषि राजेंद्रसिंह बीदावत ने बीएमडब्ल्यू कार को रिवर्स किया और दूसरी बार महिला को कुचल दिया।

महिला को डेढ़ किलोमीटर घसीटा था

रविवार को मुंबई के वर्ली इलाके में हिट-एंड-रन घटना में कावेरी नखवा की मौत हो गई। उनके पति प्रदीप नखवा के अनुसार यह हादसा सुबह करीब 4 बजे हुआ जब वे मछली खरीदकर घर लौट रहे थे। उन्होंने कहा था कि तेज रफ्तार कार ने उन्हें टक्कर मार दी, जिससे कावेरी सीजे हाउस से सी लिंक रोड तक घसीटती चली गई जिससे उसकी मौत हो गई। नखवा ने आरोप लगाया था कि आरोपी मिहिर शाह को एक राजनीतिक नेता के बेटे के रूप में उनके संबंधों के कारण गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है।

पुलिस ने कोर्ट में पेश किया था सीसीटीवी फुटेज

बता दें कि मिहिर शाह शिव सेना (शिंदे गुट) के पालघर इकाई के नेता राजेश शाह का बेटा है। मुंबई पुलिस ने बताया कि घटना के बाद राजेश ने अपने बेटे को मौके से भागने के लिए कहा था। उन्होंने ड्राइवर को घटना की जिम्मेदारी लेने की हिदायत भी दी थी। पुलिस ने अदालत में एक सीसीटीवी फुटेज भी पेश किया था जिसमें पीड़िता कावेरी को कार से 1.5 किमी तक घसीटते हुए दिखाया गया था। फुटेज में दिख रहा है कि मिहिर और ड्राइवर ने महिला को बोनट से खींचकर सड़क पर गिरा दिया और फिर बीएमडब्ल्यू को रिवर्स करते हुए उसे फिर से कुचल दिया था।

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नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई ने महाराष्ट्र से एक और गिरफ्तारी की

नीट पेपर लीक का मामला इन दिनों काफी गरमाया हुआ है। मामले की जांच में एजेंसियां लगी हुई हैं। इस बीच केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी सीबीआई ने नीट पेपर लीक मामले में महाराष्ट्र एक शख्स को अरेस्ट किया है। सीबीआई (CBI) द्वारा व्यक्ति को महाराष्ट्र के लातूर से गिरफ्तार किया गया है। मिली जानकारी के अनुसार दावा किया जा रहा है कि शख्स छात्रों से पैसे लेकर उनके अंक बढ़वा देता था। इस मामले में बिहार, गुजरात और झारखंड से कई गिरफ्तारियां की गई हैं।

बता दें कि बीते कल यानी 8 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में नीट मामले को 30 से ज्यादा याचिकाओं पर सुनवाई हुई। मामले पर अगली सुनवाई की तारीख सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई तय की और साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि फर्जीवाड़ा करने वाले छात्रों की पहचान की जाए। एनटीए (NTA) से सवाल किया गया कि पहली बार पेपर कब लीक हुआ था। गुरुवार को होने वाली सुनवाई में एनटीए (NTA) को इस सवाल का जवाब देना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा है कि एक्सपर्ट की एक टीम बनाई जानी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट में कुल 38 याचिकाओं पर हुई थी सुनवाई

सर्वोच्च न्यायालय (Supreme court) में बीते कल नीट मामले को लेकर कुल 38 याचिकाओं पर सुनवाई हुई। इनमें से पांच याचिकाएं अलग-अलग राज्यों के हाई कोर्ट से ट्रांसफर होकर सुप्रीम कोर्ट में आई हैं। कई याचिकाओं में परीक्षा रद्द करने की मांग की गई है।

पेपर लीक हुआ है- सीजेआई

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा कि पेपर लीक हुआ है, यह तो तय है। अब बस इतना पता लगाना है कि यह बड़े स्तर पर हुआ है या छोटे स्तर पर हुआ। अगर पेपर लीक ऑनलाइन हुआ है तो परीक्षा रद्द करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। वहीं एनटीए ने यह मानने से इंकार किया कि पेपर लीक हुआ है और सरकार की तरफ से कहा गया कि परीक्षा रद्द होने से छात्रों को बड़ा नुकसान होगा।

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कोरोना में भी 50 हजार भीड़ जुटा चुका है हाथरस वाला बाबा, बना रखी है ‘नारायणी सेना’

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में सत्संग के दौरान भगदड़ के हादसे में अब तक 123 लोगों के मारे जाने की खबर आ चुकी है। यह हादसा नारायण सरकार हरि कहलाने वाले सूरजपाल सिंह उर्फ़ हाथरस वाले बाबा नाम के शख्स के सत्संग में हुआ। यह सूरजपाल सिंह उर्फ़ हाथरस वाले बाबा बहुत चर्चित नहीं रहा है, लेकिन इस हादसे ने उसे पूरे देश में कुख्यात कर दिया है। हालांकि अब जो रिकॉर्ड सामने आ रहा है, उसके अनुसार सूरजपाल सिंह उर्फ़ हाथरस वाले बाबा पर पहले भी कई केस दर्ज हो चुके हैं। यही नहीं बिना जरूरी परमिशन के भारी भीड़ जुटाने और कोरोना जैसी आपदा के दौर में भी नियमों को ताक पर रखने का उसका रिकॉर्ड रहा है।

50 लोगो की जगह आये 50 हज़ार

अब तक मीडिया की सुर्खियों से भले ही नारायण सरकार हरि उर्फ़ सूरजपाल सिंह दूर रहा है, लेकिन विवादों से उसका पुराना नाता है। यहां तक कि उसने 2022 में भी यूपी के ही फर्रूखाबाद में एक बड़ा आयोजन किया था। इस कार्यक्रम में 50 हजार से ज्यादा लोग जुटे थे। उसने यह आयोजन तब किया था, जब पूरे देश में कोरोना के डेल्टा वैरिएंट का प्रकोप था। जिला प्रशासन से सूरजपाल सिंह ने परमिशन मांगी थी तो 50 लोगों का एक छोटा कार्यक्रम करने की उसे अनुमति मिल गई थी। उसमें भी शर्तें थीं कि कोविड के प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा। लेकिन कार्यक्रम में 50 हजार लोगों का हुजूम उमड़ा और सारे नियमों को ताक पर रख दिया गया।

हाथरस वाले बाबा ने बना रखी है नारायणी सेना

नारायण सरकार हरि उर्फ़ सूरजपाल सिंह उर्फ़ हाथरस वाले बाबा कभी भी अपने आयोजनों में पुलिस प्रशासन की मदद नहीं लेता था। भारी भीड़ जुटने पर उसके ही लोग सुरक्षा व्यवस्था में जुटते थे, जिन्हें वॉलंटियर कहा जाता था। इस टीम को सूरजपाल सिंह ने नारायणी सेना का नाम दिया था। इस ‘नारायणी सेना’ में महिला और पुरुष दोनों शामिल किए जाते थे।नारायण सरकार हरि उर्फ़ सूरजपाल सिंह उर्फ़ हाथरस वाले बाबा मूलत: एटा जिले के बहादुर नगरी गांव का रहने वाला है। उसका दावा रहा है कि वह पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल था और फिर इंटेलिजेंस यूनिट में भी 18 सालों तक काम किया। हालांकि उसके कुछ समर्थक तो यहां तक दावा करते हैं कि वह इंटेलिजेंस ब्यूरो के लिए भी काम कर चुका है।

भगवा वस्त्र नहीं पहनता हाथरस वाला बाबा, सूट का है शौकीन

खुद को ‘नारायण हरि सरकार’ कहने वाला नारायण सरकार हरि उर्फ़ सूरजपाल सिंह उर्फ़ हाथरस वाले बाबा दावा करता है कि वह गांव में झोपड़ी में ही रहता है। यूपी के तमाम जिलों के अलावा राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी पिछले कुछ सालों में उसने प्रभाव जमा लिया। सूरजपाल सिंह भले ही खुद को धर्मगुरु के तौर पर पेश करता है, लेकिन हमेशा सफेद सूट और टाई में दिखता है। कई बार कुर्ता पायजामा भी पहनता है। वह अपनी पत्नी प्रेमवती को भी हमेशा साथ रखता है।

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जगन मोहन रेड्डी के अवैध निर्माण पर चला बुल्डोजर, हैदराबाद नगर निगम ने की कार्रवाई

आंध्र प्रदेश में नई सरकार का गठन हो चुका है। तेलगू देशम पार्टी के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू राज्य के सीएम बने हैं। इस बीच शपथ लेने के बाद ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम ने पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। दरअसल नई सरकार के आते ही जगन मोहन रेड्डी के अवैध निर्माण पर बुल्डोजर चला दिया गया है। मामला लोटस पॉन्ड इलाके का है। यहां जगन मोहन रेड्डी के आवास के सामने उनकी सुरक्षा के लिए सड़क पर अतिक्रमण बनाया गया था। इस कारण जनता को मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। ऐसे में हैदराबाद नगर निगम ने अतिक्रमण पर कार्रवाई शुरू कर दी।

हैदराबाद नगर निगम का अवैध निर्माण पर बड़ा एक्शन

इस अतिक्रमण के मद्देनजर नगर निगम को काफी शिकायतें मिली थीं, जिसमें जिक्र था कि अतिक्रमण के कारण निर्माण करने व अन्य चीजों की दिक्कतों झेलनी पड़ रही है। इसके बाद हैदराबाद नगर निगम ने यह एक्शन लिया। जगन मोहन रेड्डी के समर्थकों के मुताबिक सड़क किनारे उनका यह कमरा उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखकर बनाया गया था। आंध्र प्रदेश में मिली हार के बाद से जगन मोहन रेड्डी की कोई सुरक्षा व्यवस्था नही थी। अधिकारियों ने कहा कि इसी कारण जगन मोहन रेड्डी के अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया है।

बुल्डोजर ने ढहाया अवैध निर्माण

बता दें कि हैदराबाद के लोटस पॉन्ड इलाके में अवैध रूप से फुटपाथ और सड़क का निर्माण किया गया था। इस कारण गाड़ी चलाने वालों और पैदल चलने वाले लोगों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। बता दें कि इससे पहले तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की सरकार ने कई बार ये चेतावनी दी है कि कहीं भी अवैध निर्माण को नजरअंदाज नहीं किया जाए। बता दें कि जगन मोहन रेड्डी के अवैध निर्माण को गिराने का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें रेड्डी के घर के बाहर खड़े बुल्डोजर को तोड़फोड़ करते हुए देखा जा सकता है।

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