Sunday, June 29, 2025
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पटना पहुंचा शारदा सिन्हा का पार्थिव शरीर, नीतीश कुमार ने दी श्रद्धांजलि

बिहार की स्वर कोकिला शारदा सिन्हा अब हमारे बीच नहीं रहीं। 72 साल की उम्र में दिल्ली के एम्स में उन्होंने अंतिम सांस ली। बेटे अंशुमन सिन्हा ने मां की मौत की पुष्टि की थी। सिंगर का अंतिम संस्कार 7 नवंबर को पटना में होगा। मनोज तिवारी ने बताया कि पटना में राजकीय सम्मान के साथ शारदा सिन्हा का अंतिम संस्कार होगा।

पीएम मोदी ने जताया था अफसोस

शारदा सिन्हा के निधन के बाद पीएम मोदी ने X पर दुख जताते हुए लिखा, ‘सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनके गाए मैथिली और भोजपुरी के लोकगीत पिछले कई दशकों से बेहद लोकप्रिय रहे हैं। आस्था के महापर्व छठ से जुड़े उनके सुमधुर गीतों की गूंज भी सदैव बनी रहेगी। उनका जाना संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। ‘ओम शांति!’

नीतीश कुमार ने दी श्रद्धांजलि

शारदा सिन्हा का पार्थिव शरीर पटना पहुंच गया है। नीतीश कुमार ने सिंगर को उनके राजेंद्र नगर स्थित घर पहुंचकर श्रद्धांजलि दी। शारदा के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। परिवार और इंडस्ट्री के लोग आकर सिंगर को आखिरी विदाई देंगे। जबसे सिंगर के निधन की खबर सामने आई है, सोशल मीडिया पर हर कोई नम आंखों से उन्हें श्रद्धांजलि दे रहा है। शारदा के हिट गानों के यूजर्स क्लिप शेयर कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत फिल्म और म्यजिक जगत से जुड़े लोगों ने शारदा के निधन को सबसे बड़ी क्षति बताया है।

वेंटिलेटर सपोर्ट पर थीं शारदा सिन्हा

2018 में शारदा सिन्हा को मल्टिपल मायलोमा होने की खबर सामने आई थी। ये एक किस्म का ब्लड कैंसर है, तबसे उनका इलाज चल रहा था। 26 अक्टूबर को एम्स, दिल्ली में सिंगर को भर्ती करवाया गया था। सोमवार रात को उनकी हालत गंभीर होने की खबर आई थी, वो वेंटिलेटर सपोर्ट पर थीं। अंशुमन (बेटा) फैंस से लगातार अपनी मां के लिए दुआ करने की अपील कर रहे थे। रिपोर्ट्स के अनुसार, शारदा ने जबसे अपने पति ब्रज किशोर को खोया था वो शॉक में थीं। उनकी तबीयत लगातार बिगड़ रही थी। शादी के 54 साल बाद पति ने अंतिम सांस ली थी। 80 साल की उम्र में ब्रेन हैमरेज की वजह से उनका निधन हुआ था।

छठ गानों के लिए फेमस थीं शारदा सिन्हा 

शारदा के अधिकतर गाने मैथिली और भोजपुरी भाषाओं में होते थे लेकिन सिंगर ने बॉलीवुड गाने भी गाए थे। सलमान खान की फिल्म के लिए गाने शारदा के दो गाने आज भी फेमस हैं। 1994 में आई मूवी ‘हम आपके हैं कौन’ का विदाई सॉन्ग ‘बाबुल’ उन्होंने गाया था। दबंग खान की सुपर डुपर हिट मूवी ‘मैंने प्यार किया’ में उन्होंने सॉन्ग ‘कहे तोसे सजना’ गाकर दिल जीता था। ये गाना सलमान-भाग्यश्री पर फिल्माया गया था। उन्हें 1991 में पद्म श्री और 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा ने अपने पूरे करियर में 9 एल्बम में 62 छठ गीत गाए थे। उनके छठ गानों के लिए बिना लोगों का ये त्योहार अधूरा रहता था। फैंस को उनकी कमी हमेशा खलेगी। उनका आखिरी छठ गीत ‘दुखवा मिटाईं छठी मइया’ है।

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प्रधानमंत्री मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप को दी राष्ट्रपति चुनाव जीतने पर दी बधाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव जीतने की बधाई दी है। पीएम ने कहा कि मेरे मित्र डोनाल्ड ट्रंप को चुनाव जीतने पर मैं ह्दय से बधाई देता हूं। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में एक बार फिर डोनाल्ड ट्रंप का जादू चल गया है। उन्होंने इस चुनाव में जीत हासिल की है और कमला हैरिस को हरा दिया है। ऐसे में ये साफ है कि अब अमेरिका की कमान डोनाल्ड ट्रंप के हाथों में होगी।

किसको कितने वोट मिले ?

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के अब तक जो परिणाम सामने आए हैं, उसके मुताबिक, कमला हैरिस को 224 इलेक्टोरल वोट हासिल हुए हैं। दूसरी ओर डोनाल्ड ट्रंप 267 इलेक्टोरल वोट जीत चुके हैं औक कई अन्य राज्यों में कमला से आगे चल रहे हैं। इसलिए ये अब कंफर्म हो गया है कि अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ही होंगे। डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस ने चुनाव के बाद दी जाने वाली अपनी स्पीच को कैंसल कर दिया है। स्पीच कैंसल होने के बाद उनके समर्थक हावर्ड विश्वविद्यालय परिसर से चले गए। बड़ी संख्या में समर्थकों के वापस जाने का वीडियो भी सामने आया है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा …….

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, ‘आपकी ऐतिहासिक चुनावी जीत पर हार्दिक बधाई मेरे दोस्त डोनाल्ड ट्रम्प। आप अपने पिछले कार्यकाल की सफलताओं को आगे बढ़ाने जा रहे हैं। मैं भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक और रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने व हमारे सहयोग को नवीनीकृत करने के लिए उत्सुक हूं। आइए, मिलकर अपने लोगों की भलाई के लिए और वैश्विक शांति, स्थिरता तथा समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए काम करें।’

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मेक अमेरिका ग्रेट अगेन – डोनाल्ड ट्रंप

डोनाल्ड ट्रंप ने चुनावों में जीत के बाद अपने भाषण में कहा कि देखो आज मैं कहां हूं। उन्होंने अपने समर्थकों का धन्यवाद दिया और कहा कि मैंने ऐसा जश्न पहले नहीं देखा। उन्होंने कहा कि वह देश को सुरक्षित करने के लिए सबकुछ करेंगे। इस दौरान उनके समर्थक USA-USA के नारे लगाते रहे। उन्होंने ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ का नारा दोहराते हुए कहा कि मैं अमेरिका के लिए हर पल काम करूंगा। उन्होंने कहा कि ये मेरी जिंदगी का सबसे महत्वपूर्ण पल है और मेरा सबकुछ अमेरिका के लिए समर्पित है। ट्रंप ने कहा कि मैं हर नागरिक, आपके लिए, आपके परिवार के लिए और आपके भविष्य के लिए लड़ूंगा। हर दिन, मैं अपने शरीर की हर सांस के साथ आपके लिए लड़ता रहूंगा।

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यूरिक एसिड के मरीज सुबह खाली पेट खा लें ये चीज………..

लाइफस्टाइल डिजीज में हाई यूरिक एसिड की समस्या लोगों में काफी तेजी से बढ़ रही है। इसका कारण गलत खानपान और खराब जीवनशैली को माना जाता है। दरअसल, यूरिक एसिड एक ऐसा अपशिष्ट पदार्थ होता है, जो सभी के शरीर में मौजूद होता है। यूरिक एसिड प्यूरीन नाम के केमिकल के टूटने से बनता है। वैसे तो किडनी यूरिक एसिड को पेशाब से निकाल देती है। लेकिन जब किडनी फंक्शन में कोई कमी आने लगे या फिर यूरिक एसिड की मात्रा बहुत ज्यादा बनने लगे तो ये जोड़ों में क्रिस्टल के रूप में जमा होने लगता है। जिससे जोड़ों में दर्द, सूजन और चलने-फिरने में परेशानी होती है।

यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए आप डाइट में बदलाव के साथ कुछ घरेलू उपाय अपना सकते हैं। यूरिक एसिड बढ़ने पर रोज सुबह खाली पेट लहसुन की दो कली खाने से काफी राहत मिलेगी। जी हां, लहसुन खाने से बढ़े हुए यूरिक एसिड को कंट्रोल किया जा सकता है। जानिए हाई यूरिक एसिड में लहसुन कितना फायदेमंद है और इसका सेवन कैसे करें?

यूरिक एसिड में लहसुन के फायदे

हाई यूरिक एसिड के मरीज के लिए लहसुन का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है। लहसुन खाने से शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को कम किया जा सकता है। लहसुन में भरपूर एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करते हैं और यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। लहसुन में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं जिससे सूजन कम होती है और जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है। रोजाना लहसुन खाने से पाचन तंत्र दुरुस्त होता है। लहसुन खाने से बॉडी डिटॉक्स होती है और ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल नॉर्मल रहता है। लहसुन में एलिसिन एक कंपाउंड होता है जो यूरिक एसिड को कम करता है। अर्थराइटिस और गठिया के रोगियों के लिए भी लहसुन फायदेमंद है।

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हाई यूरिक एसिड में कैसे खाएं लहसुन ?

वैसे तो आप लहसुन को किसी भी रूप में अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। लेकिन यूरिक एसिड के मरीज को सुबह खाली पेट कच्चा लहसुन खाने से ज्यादा फायदा मिलता है। आप लहसुन की दो कली छील लें और सुबह गुनगुने पानी के साथ चबाकर खा लें। आप चाहें तो चाय के साथ भी लहसुन खा सकते हैं। आपको नियमित रूप से कुछ दिनों तक लहसुन खाना है। इससे यूरिक एसिड असरदार तरीके से कंट्रोल होने लगेगा और साथ ही लहसुन खाने से आपका ब्लड प्रेशर भी काबू में रहेगा और कोलेस्ट्रॉल भी कम होगा।

(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)

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25,000 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का खुलासा, फर्जी कंपनियों की हुई पहचान

टैक्स अधिकारियों के हाथ एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। अधिकारियों ने गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) के तहत रजिस्टर्ड करीब 18,000 फर्जी कंपनियों का पता लगाया है। अधिकारियों का कहना है कि ये कंपनियां करीब 25,000 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी में शामिल हैं। फर्जी कंपनियों के खिलाफ हाल ही में खत्म हुए दूसरे राष्ट्रव्यापी अभियान में टैक्स अधिकारियों ने कुल 73,000 कंपनियों की पहचान की थी, जिनके बारे में उन्हें शक था कि वे बिना किसी वास्तविक माल की बिक्री के सिर्फ ‘इनपुट टैक्स क्रेडिट’ (आईटीसी) का फायदा उठाने के लिए स्थापित की गई थीं और इस तरह ये कंपनियां सरकारी खजाने को लगातार चूना लगा रही थीं।

73,000 जीएसटीआईएन की हुई पहचान

टैक्स अधिकारियों ने इस पूरे मामले पर बताया, “जीएसटी के तहत फर्जी पंजीकरण के खिलाफ दूसरे राष्ट्रव्यापी अभियान में हमने वैरिफिकेशन के लिए लगभग 73,000 जीएसटीआईएन की पहचान की थी। इनमें से लगभग 18,000 ऐसी कंपनियां पाई गईं, जिनका कोई अस्तित्व ही नहीं है। ये फर्जी कंपनियां लगभग 24,550 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी में शामिल थीं।”डिपार्टमेंट द्वारा चलाए गए एक स्पेशल अभियान के दौरान कंपनियों द्वारा लगभग 70 करोड़ रुपये का स्वैच्छिक जीएसटी भुगतान किया गया।

21,791 फर्जी कंपनियां आईं सामने

बताते चलें कि सरकार फर्जी जीएसटी रजिस्ट्रेशन की जांच के लिए लक्षित कार्रवाई कर रही है और ज्यादा से ज्यादा फिजिकल वैरिफिकेशन हो रहा है। फर्जी रजिस्ट्रेशन के खिलाफ दूसरा राष्ट्रव्यापी अभियान 16 अगस्त से अक्टूबर के अंत तक चलाया गया। फर्जी रजिस्ट्रेशन के खिलाफ पिछले साल 16 मई से 15 जुलाई तक चले पहले राष्ट्रव्यापी अभियान के तहत जीएसटी रजिस्ट्रेशन वाली 21,791 कंपनियों का किसी तरह का कोई अस्तित्व नहीं पाया गया था। अभियान के दौरान 24,010 करोड़ रुपये की संदिग्ध टैक्स चोरी का पता चला था।

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यूपी के मदरसों को बड़ी राहत, पर छिन गया ये अधिकार………

सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा अधिनियम 2004 को मान्यता तो दे दी है और अब यूपी में 16 हजार मदरसे चलते रहेंगे उनमें पढ़ाई होती रहेगी, लेकिन कोर्ट ने एक ऐसा फैसला दे दिया है जिससे पढ़ाने की इजाजत तो मिली है लेकिन मदरसों के ये अधिकार छिन गए हैं क्योंकि कोर्ट ने साथ में यह भी कहा है कि मदरसे बच्चों को उच्च शिक्षा की डिग्री नहीं दे सकेंगे। यानी मदरसों में छात्र बारहवीं तक की तालीम हासिल कर सकेंगे और अंडर ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए फाजिल और कामिल नाम से दी जाने वाली डिग्री नहीं ले सकेंगे क्योंकि यह यूजीसी नियम के खिलाफ है।

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, लेकिन ………

मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की तीन जजों की बेंच ने मदरसा एक्ट को लेकर अपने फैसले में कहा कि मदरसा एक्ट राज्य विधानसभा की विधायी क्षमता के अंतर्गत हैं लेकिन मदरसा एक्ट के प्रावधान जो फाजिल और कामिल जैसी हायर एजुकेशन डिग्री रेगुलेट करना चाहते हैं, वे असंवैधानिक हैं क्योंकि ये यूजीसी एक्ट का उल्लंघन करते हैं। इसलि मदरसे कामिल और फाजिल की डिग्री नहीं दे सकेंगे।

मदरसे दे सकेंगे ये डिग्री

बता दें कि पहले से मदरसा बोर्ड कामिल नाम से अंडर ग्रेजुएशन और फाजिल नाम से पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री देता रहा है और मदरसे से डिप्लोमा भी किया जाता है, जिसे कारी कहते हैं। इसके अलावा मुंशी मौलवी (10वीं क्लास) और आलिम (12वीं) की परीक्षा भी मदरसे करवाता रहे हैं। कोर्ट में सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने भी मदरसा बोर्ड की ग्रेजुएशन और पोस्ट-ग्रेजुएशन की पढ़ाई पर सवाल खड़े किए कहा कि इसके आधार पर युवाओं को राज्य और केंद्र सरकार में नौकरी नहीं मिल पाती है। मदरसों में हायर एजुकेशन के लिए फाजिल और कामिल डिग्री हैं।

राज्य सरकार ने दिया है तर्क

राज्य सरकार ने तर्क दिया कि मदरसों की ओर से दी जाने वाली फाजिल और कामिल की डिग्री न तो यूनिवर्सिटी की डिग्री के बराबर है और न ही बोर्ड की ओर से पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रमों के समकक्ष है तो ऐसे में मदरसा बोर्ड से ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन करने वाले छात्र सिर्फ उन्हीं नौकरियों के लिए योग्य हो सकते हैं, जिनके लिए हाई स्कूल या इंटरमीडिएट की योग्यता की जरूरत होती है।

बता दें कि अंशुमान सिंह राठौड़ नाम के एक शख्स ने मदरसा बोर्ड कानून के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिस पर हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया था। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अंजुमन कादरी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिस पर मंगलवार यानी पांच नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है और मदरसे में पढ़ने वाले छात्रों को राहत दी है।

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पटाखे बैन होने के बावजूद क्यों हुई आतिशबाजी ? सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब

दिवाली के दिन पराली जलाने की घटनाओं में बढ़ोतरी पाई गई। एमिकस क्यूरी ने सुप्रीम कोर्ट को ये जानकारी दी है। दिल्ली में पटाखे पर बैन के बावजूद आतिशबाजी होने पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त नाराजगी जताई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि दिल्ली सरकार तुरंत जवाब दे कि ऐसा क्यों हुआ? हम साथ ही दिल्ली पुलिस कमिश्नर को नोटिस जारी करेंगे कि इसका पालन क्यों नहीं किया गया?

14 नवंबर को होगी मामले की सुनवाई

कोर्ट ने कहा कि दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को भी निर्देश देते हैं कि वह प्रतिबंध को लागू करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में हलफनामा दाखिल करें। दोनों को यह बताना चाहिए कि वे क्या कदम उठाने का प्रस्ताव रखते हैं ताकि अगले साल ऐसी घटना न हो। इसमें सार्वजनिक अभियान के लिए उठाए गए कदम भी शामिल होने चाहिए। पंजाब और हरियाणा राज्य भी पिछले 10 दिनों में पराली जलाने के विवरण के बारे में हलफनामा दाखिल करें। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को एक हफ्ते मे हलफनामा दाखिल करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस दिवाली में प्रदूषण को लेकर क्या किया गया है। इन पहलुओं पर कोर्ट 14 नवंबर को सुनवाई करेगी।

सुप्रीम कोर्ट ने माँगा जवाब

बैन के बावजूद दिल्ली में पटाखों के जलाने पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स में मुताबिक, बैन के आदेश को सख्ती से लागू नहीं किया गया। फायर क्रैकर्स पर बैन प्रदूषण पर काबू के लिए एक महत्वपूर्ण उपाय है। दिल्ली में पटाखे पर रोक के बावजूद आतिशबाजी पर रोक नहीं लगा पाने पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को नोटिस जारी किया है। साथ ही उनसे जवाब भी मांगा है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस बात पर कोई विवाद नहीं है कि पटाखों पर प्रतिबंध का पालन शायद ही किया गया हो। यहां तक कि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दीवाली के दौरान प्रदूषण अपने उच्च स्तर पर था। हम दिल्ली सरकार को निर्देश देते हैं कि वह प्रदूषण से निपटने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में हलफनामा दाखिल करे।

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यूपी, पंजाब और केरल में उपचुनाव की तारीख बदली, जाने लिया गया फैसला

यूपी, पंजाब और केरल में उपचुनावों की तारीख बदल गई है। अब ये चुनाव 20 नवंबर को होंगे। पहले ये चुनाव 13 नवंबर को होने वाले थे। विभिन्न उत्सवों के कारण केरल, पंजाब और उत्तर प्रदेश में विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को पुनर्निर्धारित किया गया है। दरअसल कांग्रेस, भाजपा, बसपा, रालोद और अन्य राष्ट्रीय और राज्य दलों के अनुरोध पर ये फैसला लिया गया है। विभिन्न उत्सवों की वजह से कम मतदान की किसी भी संभावना को खारिज करने के लिए, चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है। ऐसे में ये साफ है कि अब यूपी, पंजाब और केरल में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे।

चुनाव आयोग ने पहले क्या घोषणा की थी ?

चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों का जब ऐलान किया था, उसी दौरान उपचुनावों की तारीखों का भी ऐलान किया था। महाराष्ट्र में 20 नवंबर को चुनाव होंगे और 23 नवंबर को वोटों की गिनती होगी। महाराष्ट्र में एक ही चरण में चुनाव होगा। वहीं झारखंड में 13 और 20 नवंबर को वोटिंग होगी और नतीजे 23 नवंबर को ही आएंगे। झारखंड में 2 चरणों में चुनाव होंगे। केरल, पंजाब और यूपी की सीटों पर 13 नवंबर को उपचुनाव होना था लेकिन अब ये चुनाव 20 नवंबर को होगा।

अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव रुका

हालांकि अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर उप चुनाव रोक दिया गया था। उसका कारण एक चुनाव याचिका बताई गई थी। पूर्व विधायक गोरखनाथ बाबा ने साल 2022 विधानसभा चुनाव में हारने के बाद सपा कैंडिडेट अवधेश प्रसाद के चुनाव जीतने को लेकर याचिका दायर की थी, जिसकी वजह से इस सीट पर उपचुनाव रोक दिया गया था। कुल मिलाकर चुनाव आयोग द्वारा तारीखों में बदलाव इसीलिए किया गया है, जिससे वोटिंग प्रतिशत पर असर ना पड़े और लोग त्यौहारों की वजह से वोट डालने से ना कतराएं।

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टोयोटा का ऐलान ! मारुती eVX पर बेस्ड होगी कंपनी की नई इलेक्ट्रिक कार

मारुती सुजुकी और टोयोटा ने संयुक्त रूप से एक बयान जारी कर बैटरी से चलने वाले इलेक्ट्रिक वाहन (BEV) सेगमेंट में अपने पहले कोलाबरेशन का ऐलान किया है। दोनों कंपनियों ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है, जिसके तहत सुजुकी अपने पहले इलेक्ट्रिक वाहन की सप्लाई टोयोटा को करेगा। हालांकि अभी इस वाहन के नाम का ऐलान नहीं किया गया है, लेकिन ये एक इलेक्ट्रिक एसयूवी होगी। जिसका निर्माण गुजरात के हंसलपुर में सुजुकी मोटर ग्रुप (SMG) के प्लांट में किया जाएगा। दोनों कंपनियों द्वारा जारी साझा विज्ञप्ति में कहा गया है कि, सुजुकी की पहली इलेक्ट्रिक कार में 60kWh की बैटरी दी जाएगी और ये कार फोर-व्हील-ड्राइव (4WD) सिस्टम से लैस होगी। इस इलेक्ट्रिक कार को टोयोटा को सप्लाई किया जाएगा। जिसे टोयोटा भारत सहित दुनिया के कई अन्य देशों में भी बिक्री के लिए उतारेगी।

इस एसयूवी का उत्पादन 2025 के मध्य में शुरू किए जाने की योजना है। बता दें कि, मारुति सुजुकी की अगले साल ऑटो एक्सपो में अपनी पहली इलेक्ट्रिक कार मारुति eVX को पेश करेगी। टोयोटा की नई इलेक्ट्रिक कार इसी पर बेस्ड होगी। जैसा कि पहले भी दोनों कंपनियों के बीच साझेदारी के तहत कई मॉडलों को पेश किया गया है। इस कार को टोयोटा, सुजुकी और दाइहात्सु द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किया जाएगा।

कैसी होगी टोयोटा की इलेक्ट्रिक एसयूवी

जैसा कि हाल ही में स्पाई शॉट्स से पता चला है, मारुति सुजुकी भारत और विदेशों में अपनी आगामी eVX इलेक्ट्रिक एसयूवी का परीक्षण कर रही है। यह एक ग्लोबल एसयूवी होगी और इसे वैश्विक पहलू को ध्यान में रखते हुए डिजाइन, डेवलप और इंजीनियर किया जाएगा। लॉन्च के बाद eVX पर बेस्ड ही टोयोटा भी अपना नया मॉडल पेश करेगा, जिसका नाम इससे भिन्न होगा। दोनों कंपनियों ने यह भी पुष्टि की है कि उक्त वाहन का उत्पादन अगले कैलेंडर वर्ष की दूसरी तिमाही में शुरू होगा।

हालांकि इसके ड्राइवट्रेन की पुष्टी नहीं की गई है, लेकिन यह 4WD सिस्टम से लैस होगी। यह सिंगल मोटर सिस्टम पर बेस्ड है या डुअल मोटर सिस्टम पर, यह जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है। हालांकि बीते दिनों महिंद्रा और टाटा द्वारा पेश की गई इलेक्ट्रिक कारों में फ्रंट-व्हील ड्राइव सिस्टम दिया गया है। ऐसे में मारुति-टोयोटा की ये इलेक्ट्रिक कार खुद को अलग साबित करने में सक्षम होगी।

टोयोटा और सुजुकी के बीच हुआ एग्रीमेंट

बता दें कि, सुजुकी ने 2016 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टोयोटा के साथ गठबंधन किया था। जिसके तहत यह तय किया गया है कि, दोनों जापानी ऑटो दिग्गज एक-दूसरे के साथ कुछ मॉडल साझा करेंगे। इसमें संयुक्त रूप से विकसित कारों के साथ-साथ सुजुकी द्वारा डेवलप री-इंजीनियर्ड मॉडल शामिल हैं। यह साझेदारी दोनों कार निर्माताओं को अपना उत्पादन बढ़ाने में खासकर भारत जैसे विकासशील देशों में पारस्परिक रूप से मदद करेगी।

इस साझेदारी के तहत भारतीय बाजार में कुछ मॉडलों को पेश किया जा चुका है। जिसमें मारुति सुजुकी बलेनो पर बेस्ड टोयोटा ग्लैंजा, टोयोटा इनोवा हाइक्रॉस पर बेस्ड मारुति सुजुकी इनविक्टो और मारुति सुजुकी ग्रैंड विटारा पर बेस्ड टोयोटा अर्बन क्रूजर हाइराइडर शामिल है। यह गठबंधन अब ICE मॉडल से आगे बढ़ेगा, जिसमें दोनों ब्रांडों के भविष्य के इलेक्ट्रिक वाहन शामिल होंगे। टोयोटा और सुजुकी के बीच अब तक ये रणनीतिक साझेदारी फलदायी रही है, क्योंकि दोनों कंपनियों को इंजीनियरिंग, तकनीक और वाहनों को आपस में साझा करने से लाभ हुआ है।

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अयोध्या दीपोत्सव : दीप जलाते रहें और साथ ही अंधकार दूर करते रहें

अयोध्या नगरी 25 लाख से ज़्यादा दीपों के बीच जगमगायी। बुधवार को दीपोत्सव का दिव्य नज़ारा देखने को मिला। अय़ोध्या के 55 घाटों पर एक साथ 25 लाख 12 हजार 585 दीए जलाकर गिनीज़ बुक का विश्व रिकॉर्ड बनाया गया। सरयू के तट पर 1,121 वेदाचार्यों ने एक साथ सरयू की आरती की। ऐसा अयोध्या में पहली बार हुआ है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दीपोत्सव की शुरुआत से पहले ही भगवान राम के मंदिर में पहुंचे, उनका दर्शन किया। इसके बाद उन्होंने नए राम मंदिर के प्रांगण में दीया जलाया। सीएम योगी सरयू घाट पहुंचे जहा राम की पैड़ी पर उन्होंने विधिवत तरीके से मंत्रोच्चार के बीच सरयू मइया की पूजा की।

अयोध्या का ये दीपोत्सव विशेष है

इस बार अयोध्या का ये दीपोत्सव इसलिए भी विशेष है क्योंकि 500 साल बाद ये पहली दिवाली है। जब अयोध्या में फिर से भगवान राम का विशाल मंदिर बन चुका है। रामलला अपने अलौकिक मंदिर में विराजमान हैं। अय़ोध्या की सड़कें, गली, चौराहे सब रोशनी से जगमगा रहे थे। पूरे अयोध्या को भव्य तरीके से सजाया गया। अयोध्या में सनातन धर्म की विरासत औऱ त्रेतायुग की दिवाली की झलक दिखाई दी। दीपोत्सव से पहले 1,121 संतों-महंतो ने सरयू घाट पर भव्य आरती की। सीएम योगी ने भगवान राम औऱ सीता के रूप में आए कलाकारों की आरती उतारी। खुद झांकी में भगवान राम का रथ खींचा। राम मंदिर में भगवान राम की पूजा की। इसके साथ ही सीएम योगी ने विरोधियों को कड़ा संदेश भी दिया।

जो भी अयोध्या आता था, निराश होकर जाता था

सीएम योगी ने दीपोत्सव पर राजनीति करने वालों को करारा जवाब दिया। सनातन धर्म का विरोध करने वालों को कड़ी चेतावनी दी। राम मंदिर के निर्माण पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने डंके की चोट पर कहा कि हमने जो कहा वह करके दिखाया। योगी ने कहा कि एक वक्त था जब अयोध्या में न सड़क ठीक थी, न सरयू का घाट कायदे का था, जो भी अयोध्या आता था, निराश होकर जाता था। पहले की सरकारों ने अयोध्या को उसकी बदहाली पर छोड़ दिया था और कुछ लोग तो भगवान राम के अस्तित्व पर ही सवाल उठा रहे थे।

विपक्ष अयोध्या के विकास में बन रहा बाधक – सीएम योगी

सीएम योगी ने कहा कि जिन लोगों ने भगवान राम की उपेक्षा की, उन पर सवाल खड़े किए। आज उन्हें अयोध्या की ये तस्वीरें ज़रूर देखनी चाहिए। समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए सीएम योगी ने कहा कि जिन लोगों ने अयोध्या में रामभक्तों पर गोली चलवाई। उनके खून बहाए, जब राम मंदिर बनना शुरू हुआ, ज़मीनें अधिगृहीत की गईं। तो उन्होंने ये कहना शुरू किया कि किसानों को, व्यापारियों को परेशान किया जा रहा है। अब वो अयोध्या के विकास में बाधक बन रहे हैं।

जो कहा वह करके दिखाया – सीएम योगी

अयोध्या में रिकॉर्ड दीये जलाने के उत्सव में कई संदेश छिपे हैं। एक तो ये कि रामलला के मंदिर में विराजमान होने के बाद ये दीपोत्सव का पहला उत्सव है, जो याद दिलाता है कि नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर के निर्माण का वादा पूरा किया। इसलिए सीएम योगी ने याद दिलाया, जो कहा वह करके दिखाया है। दूसरा, दीपोत्सव के बहाने सीएम योगी ने हिंदू समाज को एक होने का आह्वान किया। सनातन पर हमला करने वालों को चेतावनी दी।

समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने अपनी गलती दोहराई

राम मंदिर को लेकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने अपनी गलती दोहराई। उन्होंने एक बार फिर अयोध्या में दीपोत्सव का विरोध किया। एक ने भेदभाव का नाम लिया तो दूसरे ने दीयों के तेल से फैलने वाली गंदगी को बहाना बनाया। अयोध्या में दिवाली के अवसर पर दीपोत्सव के प्रति लोगों के उत्साह को देखते हुए समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का स्टैंड बचकाना लगता है। ये वही काम है जो उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा के समय किया था।

अयोध्या में राम का मंदिर बना है, रामलला विराजमान हुए हैं, इसके बाद पहली दीपावली है। सबको इसे मिलकर मनाना चाहिए। इसपर विवाद खड़ा करने का क्या फायदा ? लेकिन विवाद सिर्फ अयोध्या के दीपोत्सव को लेकर नहीं हुआ, पटाखों और आतिशबाजी पर भी सवाल उठाए गए।

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गाजियाबाद कोर्ट रूम में बड़ा बवाल, लाठीचार्ज के बाद वकीलों ने लगाई आग

गाजियाबाद जिला एवं सत्र न्यायालय में वकीलों और जज के बीच जिरह को लेकर विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। जानकारी के अनुसार, न्यायिक अधिकारियों और वकीलों में टकराव हो गया। न्यायालय में किसी केस को लेकर सुनवाई हो रही थी। वहां जज और वकील के बीच कहासुनी हो गई। जिसके बाद जज ने फोन करके पुलिस बुला ली।

तो इस वजह से शुरू हुआ विवाद

जानकारी के मुताबिक, एक केस की सुनवाई जिला जज की कोर्ट में चल रही थी। जज इस मामले में आगे की तारीख दे रहे थे। जबकि एक सीनियर वकील चाहते थे कि सुनवाई आज ही हो। वकील ने जज से कहा कि अगर आप आज सुनवाई नहीं कर सकते तो फिर इस केस को किसी दूसरी अदालत में ट्रांसफर कर दीजिए। लेकिन जज अपनी बात पर अड़े हुए थे और उनका कहना था कि वह ना ट्रांसफर करेंगे और न ही इस केस को आज सुनवाई करेंगे। सिर्फ अगली तारीख देंगे। जज के इसी बात पर सीनियर वकील भड़क गए।

बताया जा रहा है कि इसके बाद सीनियर वकील ने गुस्से में आकर गाली दे दी। इसके बाद जज साहब भी गुस्से में आ गए और उनकी तरफ से भी अभद्र भाषा का प्रयोग किया जाने लगा। देखते ही देखते मामला तूल पकड़ने लगा और इसके बाद जज साहब ने फोन करके पुलिस को बुला लिया।

पुलिस ने वकीलों पर किया लाठीचार्ज

कोर्ट रूमें में हंगामा कर रहे वकीलों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। कोर्ट रूम में कुर्सियों भी चलीं। पुलिस ने लाठीचार्ज कर वकीलों को कोर्ट रूम से खदेड़ दिया। इसी के बाद विवाद और बढ़ गया। वकील कोर्ट के बाहर धरने पर बैठ गए। वकीलों का हंगामा अभी भी चल रहा है। वकील जज और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि गुस्साए वकीलों ने कचहरी परिसर में स्थित पुलिस चौकी में आग लगा दी है।

फिलहाल आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। जानकारी के अनुसार, लाठीचार्ज में 8-10 वकील घायल हो गए। नाराज वकीलों ने प्रदर्शन किया और पुलिस चौकी में भी तोड़फोड़ की और आग लगा दी। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए अदालत में अतिरिक्त पुलिस तैनात की गई है।

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हैदराबाद में धारा 144 लागू, एक महीने तक धरना-प्रदर्शन पर लगी रोक

शहर में एक महीने के लिए धारा 144 लागू कर दी गई है। हैदराबाद पुलिस ने 28 नवंबर तक किसी भी प्रकार के जुलूस, धरना और जनसभा के आयोजन पर रोक लगा दी है। इस संबंध में हैदराबाद के पुलिस आयुक्त सी. वी. आनंद की ओर से आदे जारी किया गया है। जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि उन्हें विश्वसनीय सूचना मिली है कि कई संगठन/पार्टियां हैदराबाद शहर में धरना एवं विरोध-प्रदर्शन करके शांति-व्यवस्था को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। जारी आदेश के अनुसार हैदराबाद शहर में सार्वजनिक कानून-व्यवस्था, शांति और सौहार्द बनाए रखने के उद्देश्य से पांच या इससे अधिक लोगों के इकट्ठा होने, जुलूस निकालने, धरना देने, रैलियां या जनसभा आयोजित करने की अनुमति नहीं है।

विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं

इसके अलावा हैदराबाद पुलिस आयुक्त सी. वी. आनंद की ओर से जारी की गई अधिसूचना में कहा गया है कि लोगों के समूहों को कोई भी ऐसा भाषण देने, भाव भंगिमा या चित्र दिखाने, कोई भी चिह्न, तख्तियां, झंडे और इलेक्ट्रॉनिक रूप के किसी भी प्रकार के संदेश आदि प्रदर्शित करने पर प्रतिबंध है।

जिससे हैदराबाद और सिकंदराबाद की सीमाओं में सार्वजनिक शांति और व्यवस्था में गड़बड़ी होने की आशंका हो। आगे कहा गया है कि, शांतिपूर्ण धरना और विरोध-प्रदर्शन केवल इंदिरा पार्क धरना चौक पर ही किए जा सकते हैं। हैदराबाद और सिकंदराबाद में कहीं और किसी भी तरह के धरना या विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं है।

28 नवंबर की शाम 6 बजे तक धारा 144 लागू

पुलिस की ओर से जारी आदेश के अनसुार जनता को सूचित किया जाता है कि कोई भी व्यक्ति विशेष रूप से सचिवालय और अन्य संवेदनशील स्थानों के आसपास आदेशों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ उचित दंडात्मक प्रावधानों के तहत मुकदमा होगा। बता दें कि हैदराबाद पुलिस की ओर से जारी किया गया आदेश 27 अक्टूबर को शाम 6 बजे से 28 नवंबर को शाम 6 बजे तक लागू रहेगा।

इसके अलावा आदेश में कहा गया है कि ड्यूटी पर तैनात पुलिस अधिकारी और सैन्यकर्मी, अंतिम संस्कार, शिक्षा विभाग के उड़न दस्ते, तथा सक्षम प्राधिकारी द्वारा विधिवत छूट प्राप्त व्यक्ति या समूह को इस आदेश से छूट दी गई है।

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चमकदार त्वचा के लिए घर पर बनाएं ये आयुर्वेदिक फेस पैक

त्योहारों का सीजन चल रहा है तो ऐसे में हर कोई चाहेगा की उसकी स्किन ग्लो करे। लोग इसके लिए महंगे-महंगे ट्रीटमेंट कराते हैं, कॉस्मेटिक्स यूज करते हैं और वहीं कुछ लोग नेचुरल चीजों का उपयोग करते हैं। त्यौहारों के मौसम में अगर आप भी अपनी स्किन को चमकदार बनाना चाहते हैं। तो आप आंवला, चंदन, केसर, तुलसी-मुलेठी और अन्य आयुर्वेदिक सामग्रियों का फेस पैक लगा सकती हैं। इससे आपका चेहरा नेचुरली रूप से ग्लो करेगा, तो आइए अब फेस पैक बनाने के तरीके भी देख लीजिए।

1. चंदन फेस पैक

चंदन एक मशहूर और चमत्कारी आयुर्वेदिक चीज है जो त्वचा को ठंडक पहुंचाने वाले गुणों से भरपूर है। यह असमान त्वचा की रंगत को निखारने, काले धब्बों को कम करने, सूरज की किरणों से होने वाले नुकसान का इलाज करने और मुंहासे पैदा करने वाले बैक्टीरिया से लड़ने में भी मदद करता है। एक चम्मच चंदन पाउडर लें और उसमें चुटकी भर हल्दी मिलाएँ। आप इसमें दो चम्मच कच्चा दूध या गुलाब जल मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बनाएं। इसे साफ चेहरे पर लगाएं और 15 मिनट बाद ठंडे पानी से धो लें।

2. नीम फेस पैक

नीम में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं। जो आपको जिद्दी मुंहासों से छुटकारा दिलाने के साथ-साथ बड़े छिद्रों को कसने में भी मदद करेंगे। दो चम्मच नीम के रस में एक चम्मच बेसन और कुछ बूंदें शहद की मिलाएं। इसे अपने चेहरे और गर्दन पर लगाएं। इसे 5 मिनट क लगा रहने दें। फिर, इसे धो लें और एक ताज़ा रंगत पाएं।

3. गिलोय फेस पैक

गिलोय, जिसे गुडुची के नाम से भी जाना जाता है, एक सदियों पुराना तत्व है जो निश्चित रूप से मुक्त कणों से लड़ता है और त्वचा कोशिकाओं को पुनर्जीवित करने में मदद करता है। एक चम्मच गिलोय पाउडर, एक चम्मच दही, और एक चम्मच नींबू रस मिलाकर पेस्ट बनाएं। इसे चेहरे और गर्दन पर 15 मिनट के लिए लगाएं और फिर ठंडे पानी से धो लें।

4. एलोवेरा फेस पैक

एलोवेरा जेल एक प्राकृतिक मॉइस्चराइज़र है जो आपकी त्वचा को रातों-रात ठीक करने में मदद करेगा। एक चम्मच एलोवेरा जेल को एक चम्मच खीरे के पेस्ट के साथ मिलाएं। इस मिश्रण को अपने साफ किए हुए चेहरे पर लगाएं, इससे जलन से राहत मिलेगी।

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पिता या हैवान: बच्चा रोया तो नींद में पड़ी खलल, काट डाला गला

उत्तर प्रदेश में बांदा से सटे चित्रकूट जिले से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक पिता ने अपने 5 साल के मासूम बच्चे की गला काट कर हत्या कर दी है। जानकारी के मुताबिक, पिता इसलिए भड़क गया था क्योंकि रात को बच्चे के रोने से उसकी नींद में खलल पड़ गई थी। नींद में खलल पड़ने से नाराज पिता ने अपने ही बेटे का गला कुल्हाड़ी से काट दिया। पुलिस ने बताया है कि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।

क्या है पूरा मामला ?

पुलिस ने सोमवार को इस पूरी घटना की जानकारी दी है। पुलिस ने बताया कि रविवार की रात मऊ थाना क्षेत्र के दुवारी गांव में पिता ने अपने बच्चे की हत्या कर दी है। जानकारी के मुताबिक, 35 साल के राजकुमार निषाद ने अपने 5 साल के बेटे की कुल्हाड़ी से गर्दन काटकर हत्या कर दी।

आरोपी पिता ने खुद को भी लगाई आग

जानकारी के मुताबिक, बेटे का गला काटने के बाद आरोपी पिता ने खुद को एक कमरे में बंद कर आग लगा ली। शोर-शराबा सुनकर पड़ोसी ग्रामीणों ने कमरे का दरवाजा खोल और राजकुमार निषाद को बचाया। इसके बाद आरोपी को लोगों ने पुलिस के हवाले कर दिया गया। पुलिस ने बच्चे की हत्या में इस्तेमाल की गयी कुल्हाड़ी भी बरामद कर ली है।

क्या बताया आरोपी पिता ने ?

जब पुलिस ने बच्चे की हत्या के आरोपी राजकुमार निषाद को गिरफ्तार किया तो उसके बाद पूछताछ में आरोपी ने अपना गुनाह कबूल लिया है। आरोपी पिता ने बताया है कि रात में सोते समय उसका बेटा रोने लगा था, जिससे उसकी नींद में खलल पैदा हुई तो तैश में आकर उसने कुल्हाड़ी से बच्चे गर्दन काट दी।

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दाल में घी मिलाकर खाना चाहिए या नहीं, घी से सेहत पर क्या पड़ेगा असर ?

घी में पाए जाने वाले तमाम पौष्टिक तत्व आपकी ओवरऑल हेल्थ को काफी हद तक बूस्ट कर सकते हैं। अब सवाल ये उठता है कि घी को डाइट में शामिल करने का सही तरीका क्या है? कुछ लोग रोटी में घी लगाकर खाते हैं, तो कुछ लोग दाल में घी मिक्स कर खाना पसंद करते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आयुर्वेद के मुताबिक दाल में घी मिलाकर सेवन करना आपकी सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है। दाल में महज एक चम्मच घी मिलाकर खाएं और खुद-ब-खुद पॉजिटिव असर देखें।

घी मिलाने से मिलेंगे फायदे ही फायदे

अगर आप दाल में घी डालकर खाएंगे तो आपकी हेल्थ को काफी हद तक सुधारा जा सकता है। कब्ज और अपच जैसी पेट से जुड़ी बीमारियों को दूर करने के लिए इस तरह से घी का सेवन किया जा सकता है। सही मात्रा में घी कंज्यूम करने से आप अपनी वेट लॉस जर्नी को भी आसान बना सकते हैं। दाल में घी मिक्स कर खाने से आपकी हड्डियों को मजबूती मिलेगी जिससे आप जोड़ों के दर्द की समस्या का शिकार बनने से बच सकते हैं।

घी बनाए मजबूत इम्यून सिस्टम

अगर आपकी इम्यूनिटी कमजोर है तो आपको दाल में घी मिक्स करके जरूर खाना चाहिए। इस तरीके से घी को अपने डाइट प्लान में शामिल करके आप अपने इम्यून सिस्टम को काफी हद तक मजबूत बना सकते हैं। दिल की सेहत के लिए भी घी में पाए जाने वाले तत्व फायदेमंद साबित हो सकते हैं। शरीर की थकान और कमजोरी दूर करने के लिए भी घी को दाल में मिलाकर कंज्यूम किया जा सकता है।

एक और गौर करने वाली बात

घी आपकी ब्रेन हेल्थ को भी इम्प्रूव कर सकता है। हालांकि, बेहतर परिणाम हासिल करने के लिए घी को लिमिटेड मात्रा में ही कंज्यूम करना चाहिए। इसके अलावा आपको घी की शुद्धता की जांच भी कर लेनी चाहिए। मिलावटी घी कंज्यूम करने से आपकी सेहत पर पॉजिटिव की जगह नेगेटिव असर भी पड़ सकता है।

(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)

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कानपुर डीएम आवास परिसर से मिला लापता महिला का शव

कानपुर में एक महिला की हत्या कर शव को डीएम बंगले के कंपाउंड में दफना दिया गया था। चार महीने बाद इस हत्याकांड का राज खुला है। हत्या के आरोपी जिम ट्रेनर ने महिला का अपहरण कर उसकी हत्या करके शहर के सबसे बड़े अधिकारी के सरकारी आवास परिसर में दफना दिया था। इस सनसनीखेज घटना का खुलासा तब हुआ जब पुलिस ने आरोपी जिम ट्रेनर विमल सोनी को महिला की हत्या के चार महीने बाद गिरफ्तार किया। पुलिस कस्टडी में जिम ट्रेनर ने कहा कि मैंने उसको मार डाला है। उसने बताया कि महिला की बॉडी को डीएम आवास के कंपाउंड में पांच फिट गहरे गड्ढे में दफना दिया है। आरोपी के बताए गए जगह पर रात में पुलिस ने खुदाई की। देर रात में करीब 12 :30 के बाद बजे गड्ढे से महिला का कंकाल बरामद हुआ।

24 जून से लापता थी एकता

कानपुर के सिविल लाइन में रहने वाले कारोबारी राहुल गुप्ता की पत्नी एकता गुप्ता 24 जून को सुबह जिम करने निकली थी। उसके बाद वह लौटकर घर वापस नहीं आई। वह रोज ग्रीन पार्क स्थित जिम में एक्सरसाइज करने जाती थी। कारोबारी राहुल गुप्ता ने इस संबंध में पुलिस से शिकायत में आरोप लगाया था कि जिम ट्रेनर विमल सोनी ने प्रोटीन के साथ पत्नी को नशीला पदार्थ खिला दिया और उसका अपहरण कर उसकी हत्या कर दी है। कारोबारी के 10 और 12 साल के दो बच्चे हैं। महिला के पति राहुल गुप्ता ने कोतवाली थाने में जिम ट्रेनर विमल सोनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। उसने पुलिस को बताया कि पत्नी एकता के खाते में लाखों रुपए थे। इसके साथ ही घर के पूरे जेवरात भी गायब हैं। इससे आक्रोशित कारोबारी और उसके परिवार के लोगों ने कोतवाली थाने में हंगामा भी किया था।

अपहरण के तुरंत बाद की हत्या

इस घटना के बाद से ही जिम ट्रेनर और कारोबारी की पत्नी एकता का मोबाइल स्विच ऑफ था। पुलिस ने एक कार जिम ट्रेनर और महिला के लापता होने के बाद 25 जून को बरामद कर लिया था। कार में रस्सी, टूटा क्लेचर, टॉवेल, सिम ट्रे समेत अन्य सामान बरामद हुआ था। सिम ट्रे मिलने से यह साफ हो गया कि अपहरण के बाद उसकी तुरंत हत्या कर दी गयी थी। लेकिन आरोपी का कुछ पता नहीं चल रहा था। कारोबारी राहुल गुप्ता और भाई हिमांशु को कोतवाली पुलिस ने शनिवार शाम को जानकारी दी कि जिम ट्रेनर विमल सोनी को उन्होंने गिरफ्तार कर लिया है। कोतवाली थाने पहुंच जाएं। इसके बाद वहां पता चला कि विमल सोनी ने एकता का मर्डर कर दिया है। इसके बाद पुलिस की कई टीमें आरोपी विमल सोनी को लेकर शव की तलाश में जुट गई।

शव को जिलाधिकारी आवास के अंदर दफनाया 

सबसे बड़ी बात यह है कि जहां शव को दफनाया गया था वो जगह कानपुर के जिलाधिकारी आवास के अंदर का हिस्सा है । ऐसे में कई सवाल उठते हैं कि आरोपी ने कैसे पांच फीट का गड्डा खोदा और कैसे वहां पर शव को दफनाया? क्या इसमें डीएम ऑफिस के अंदर का कोई कर्मचारी शामिल है ? पुलिस जब घटना स्थल पर पहुंची और शव को बरामद करने के लिए खुदाई शुरू की तो मीडिया को वीडियो बनाने के लिए मना किया गया। लगभग दो घंटे की खुदाई के बाद पुलिस ने शव को बरामद किया । शव पूरी तरह गल चुका है। खुदाई के दो घंटे बाद कोई भी पुलिस का अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा । यहां तक कि खुद जिलाधिकारी ने भी आवास के बाहर निकलना उचित नहीं समझा।

पूरे मामले में पुलिस की घोर लापरवाही सामने आई है। चार माह तक पुलिस की हीलाहवाली के बाद आज आरोपी को पकड़ा गया। उसने हत्या की बात कबूल कर ली है। वहीं महिला के पति ने कहा जब से पत्नी गायब है तब से उसकी तलाश के लिए अधिकारियों के दरवाजों के चक्कर लगाए। सीएम और पीएमपोर्टल पर शिकायत भी की। कारोबारी का कहना है कि समय रहते अगर पुलिस तलाश कर लेती शायद उसकी पत्नी जिंदा होती।

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गुजरात के राजकोट में 10 होटलों में बम रखने की धमकी मिली, मचा हड़कंप

गुजरात में राजकोट जिले के 10 होटलों को बम से उड़ा देने की धमकी मिली है। ईमेल के जरिए धमकी दी गई है। जिसके बाद पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है। धमकी भरे ईमेल में होटल इंपीरियल पैलेस, ग्रैंड रीजेंसी, होटल सयाजी, होटल सीजन आदि का जिक्र है। पुलिस अलर्ट मोड पर है। सभी होटलों में चेकिंग की जा रही है। राजकोट के प्रतिष्ठित होटलों में बम स्क्वॉड और डॉग स्क्वॉड से जांच की जा रही है। जिन होटलों को धमकी दी गई है, उनमें कावेरी भाभा भी शामिल है। पुलिस को पौने एक बजे धमकी भरे ईमेल की जानकारी मिली। जिसमें इन सभी होटलों को बम से उड़ा देने का जिक्र था।

देश में बम की धमकी के कई मामले

बता दें कि बीते कुछ समय से देश में तमाम इलाकों में बम होने की लगातार खबरें मिल रही हैं। हाल ही में देश की अलग-अलग एयरलाइन कंपनियों की अलग-अलग उड़ानों को बम से लगातार उड़ाने की धमकी दी जा रही है। शुरुआती दिनों में यह धमकी केवल कुछ विमान तक सीमित थीं, लेकिन दिन प्रतिदिन इन धमकियों की संख्या बढ़ती ही जा रही है।

लगातार आए दिनों कुछ नहीं बल्कि कई विमानों में बम की धमकी मिल रही है, जिसे लेकर सुरक्षा एजेंसियां सतर्क है। इन धमकियों की जब जांच की जा रही हैं तो ये धमकियां फर्जी साबित हो रही हैं। हालही में कुल 27 विमानों में बम होने की धमकी मिली थी। बम की धमकियों के कारण यात्रियों को काफी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ रहा है।

जब विमानों में बम होने की धमकी मिली

25 अक्तूबर को कुल 27 विमानों में बम होने की धमकी मिली थी। इस कारण कुछ विमानों की लैंडिंग कराई गई वहीं कुछ विमानों के उड़ान में देरी हुई। जिन 27 विमानों में बम की धमकी मिली, उनमें स्पाइसजेट के 7, इंडिगो के 7, एयर इंडिया के 6 और विस्तारा के 7 विमान शामिल हैं। स्पाइसजेंट की उड़ान संख्या UK106, UK110, UK116, UK121, UK123, UK146, UK158 को बम से उड़ाने की धमकी मिली। वहीं एयर इंडिया की उड़ान संख्या AI105, AI101, AI103, AI116, AI309, AI111 में बम होने की सूचना मिली।

बीते दिनों 85 विमानों में मिल चुकी है बम की धमकी

इससे पहले इंडिगो की उड़ान संख्या 6E11, 6E58, 6E17, 6E87, 6E108, 6E112, 6E133 और विस्तारा की उड़ान संख्या SG55, SG57, SG116, SG126, SG476, SG2448, SG2905 में बम होने की सूचना मिली थी। बता दें कि इससे पहले 22 अक्तूबर को 30 विमानों में 24 अक्तूबर को 85 विमानों को बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी। इन विमानों में एयर इंडिया, विस्तारा, इंडिगों, अकासा समेत कई विमान कंपनियों के विमान शामिल हैं।

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चिप्स-कोल्ड ड्रिंक का बच्चों की सेहत पर साइड इफेक्ट, कमजोर हो रहे दांत

बच्चों की खान-पान की बदलती आदतें उन्हें गंभीर समस्याएं दे रही हैं। खराब खान-पान से बच्चों के दांत भी खराब हो रहे हैं। वैसे तो कोल्ड-ड्रिंक और चिप्स जैसी चीजें किसी के लिए भी फायदेमंद नहीं होती हैं, मगर बच्चों को इन चीजों से दूर रखना थोड़ा मुश्किल होता है। हाल ही में हुई एक रिसर्च में इस बात की पुष्टि हुई है कि इन चीजों के ज्यादा सेवन से बच्चों के दांतों के इनेमल पर असर पड़ता है और वे कमजोर पड़ जाते हैं। इसका प्रमुख कारण इन चीजों में पड़ी हानिकारक चीजें हैं, जैसे- सोडा और एसिड्स। जानिए रिसर्च के बारे में सब कुछ……

कहां हुई है रिसर्च ?

यह रिसर्च हार्वर्ड स्कूल ऑफ डेंटल मेडिसिन द्वारा की गई थी, जहां उन्होंने इनेमल को लेकर एक रिसर्च की और पाया कि विटामिन-डी की कमी से दांतों में कमजोरी आ जाती है। शरीर में विटामिन-डी कम होने का प्रमुख कारण कोल्ड-ड्रिंक्स और चिप्स का बढ़ता सेवन है।

कोल्ड ड्रिंक और चिप्स की खपत बढ़ी

दुनिया के कई हिस्सों में, विशेष रूप से शहरी इलाकों में, ठंडे मीठे ड्रिंक्स और प्रोसेस्ड फूड्स की खपत हाल के वर्षों में बढ़ गई है। इन चीजों से बच्चे सीधे आकर्षित होते हैं। असल में इसका कारण रंगीन पैकेजिंग, टेस्ट और किफ़ायती कीमतें हैं। कोल्ड-ड्रिंक, सोडा, एनर्जी ड्रिंक और फ्लेवर्ड वाटर आमतौर पर चीनी और एसिड से भरे होते हैं। इसी तरह, चिप्स – जिसमें स्टार्च और नमक की मात्रा अधिक होती है, जो बच्चों के दांतों को नुकसान पहुंचाती है।

क्या कारण हैं दांतों के खराब होने का ?

रिसर्च में पाया गया है कि दांतों के खराब होने के लिए जीन्स और प्रेग्नेंसी के दौरान पोषण न लेना भी कारण हो सकता है। उनका मानना है कि अगर माता-पिता भी दांतों की परेशानी से जूझ रहे हैं तो बच्चों में ऐसा होना साधारण है। वहीं, गर्भावस्था के दौरान मां को पर्याप्त मात्रा में पोषण न मिलने से भी पेट में पल रहे शिशु के दांत खराब हो सकते हैं। इसके अलावा, डायबिटीज, जो बच्चों में भी एक सामान्य समस्या बन चुकी है, भी दांतों की कमजोरी का एक कारण हो सकता है।

Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। avp24news की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।

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टीम इंडिया को 12 सालों के बाद मिली शर्मनाक हार, न्यूजीलैंड ने रचा इतिहास

भारत और न्यूजीलैंड के बीच टेस्ट सीरीज खेली जा रही है। इस सीरीज के दूसरे मुकाबले में भी टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा है। भारतीय टीम को इस हार के कारण सीरीज से भी हाथ धोना पड़ा है। इससे पहले टीम इंडिया साल 2012 में कोई घरेलू टेस्ट सीरीज हारी थी। यानी कि कुल 12 सालों के बाद भारतीय टीम को ऐसी शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा है। भारतीय टीम को एमएस धोनी की कप्तानी में आखिरी बार इंग्लैंड की टीम के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में हार का सामना करना पड़ा था।

कैसा रहा मैच का हाल

दोनों टीमों के बीच खेले गए इस मुकाबले के बारे में बात करें तो न्यूजीलैंड की टीम ने इस मैच में भारत को 113 रनों से हराया। इस मुकाबले में न्यूजीलैंड के कप्तान टॉम लैथम ने टॉस जीता और उन्होंने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया। न्यूजीलैंड की टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए 79.1 ओवर में 259 रन के स्कोर पर ऑलआउट हो गई। इसके बाद भारतीय टीम बल्लेबाजी करने के लिए उतरी और वह 156 रन पर ऑलआउट हो गए। इसी के साथ कीवी टीम के पास 103 रनों की लीड हासिल हो गई।

ये खिलाड़ी रहा जीत का हीरो

न्यूजीलैंड की जीत में उनके स्पिन गेंदबाजों का रोल काफी ज्यादा अहम रहा। स्पिन गेंदबाजी के दमपर न्यूजीलैंड ने इस मुकाबले को अपने नाम किया। मिचेल सेंटनर ने इस मुकाबले में 13 विकेट झटके। जिसमें उन्होंने पहली पारी में 53 रन देकर 7 विकेट, वहीं दूसरी पारी में उन्होंने 104 रन देकर 6 विकेट झटके। टीम इंडिया के लिए स्पिनरों का दबदबा रहा, लेकिन बल्लेबाजी में भारतीय टीम थोड़ी कमजोर रह गई। जिसके कारण उन्हें दूसरे टेस्ट मैच में हार का सामना करना पड़ा। सीरीज का तीसरा मुकाबला मुंबई में खेला जाएगा। जो 01 से 05 नवंबर तक खेला जाना है।

रन चेज में फेल हुई टीम इंडिया

टेस्ट मैच की तीसरी पारी में 103 रनों की लीड के साथ कीवी बल्लेबाज मैदान पर उतरे और वह 255 रन पर ऑलआउट हो गए। इसी के साथ उन्होंने भारतीय टीम को जीत के लिए 359 रनों का टारगेट दिया। जिसके टीम इंडिया चेज नहीं कर सकी और वह 255 रनों पर ऑलआउट हो गए। इसी के साथ न्यूजीलैंड ने इतिहास रचते हुए भारतीय टीम को हरा दिया। टीम इंडिया की स्थिति इस सीरीज में बेहद खराब नजर आई है। भारतीय टीम के बल्लेबाजों ने इस सीरीज में काफी निराश किया है।

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निवेश बढ़ाने के लिए सीएम योगी का फैसला, मुख्य सचिव ने बताया पूरा प्लान

उत्तर प्रदेश में निवेश को बढ़ावा मिले और साथ ही आर्थिक गतिविधियां भी मजबूत हों, इसके लिए सीएम योगी सरकार ने एक फैसला लिया है। इस फैसले के बाद अब जिलाधिकारी और मंडलायुक्त की जिम्मेदारी बढ़ने वाली है। दरअसल अब डीएम और कमिश्नर को अपने कार्यक्षेत्र में हुए निवेश की प्रगति और साथ ही उसके लिए उनकी तरफ से किए गए प्रयासों की एक रिपोर्ट बनानी होगी। योगी सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया है ताकि राज्य में विकास हो सके।

इसके संबंध में मुख्य सचिव ने पूरी जानकारी दी है। आइए आपको विस्तार से बताते हैं।

डीएम और कमिश्नर बनाएंगे वार्षिक रिपोर्ट

आपको बता दें कि अब हर साल डीएम और कमिश्नर एक वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट बनाएंगे। इस रिपोर्ट में वो अपने कार्यक्षेत्र में हुए निवेश की प्रगति और उसके लिए उनकी तरफ से किए गए प्रयासों की जानकारी देंगे। इसके आधार पर उनके परफॉर्मेंस का मुल्यांकन कर ग्रेडिंग दी जाएगी। दरअसल ऐसा इसलिए किया गया है ताकि प्रदेश में रोजगार और विकास के नए मौके सृजित हों। आपको बता दें कि ऐसा कोई कदम उठाने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य है।

मुख्य सचिव ने दी यह जानकारी

इस फैसले के संबंध में मुख्य सचिव ने कुछ अहम जानकारियां दी हैं। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया, ‘अब डीएम और कमिश्नर को एक रिपोर्ट बनानी होगी जिसमें वो अपने क्षेत्र में निवेश लाने के प्रयासों की जानकारी देनी होगी। इससे निवेशकों की सुरक्षा, सुविधा के लिए किए गए प्रयासों का मुल्यांकन किया जाएगा। इससे ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा।’ उन्होंने आगे बताया कि, उद्यमियों के लिए समयबद्ध तरीके से लैंड अलॉटमेंट, लैंड सब्सिडी, लैंड यूज चेंज, लैंड क्लियरेंस समेत लैंड बैंक को तैयार कर उसकी मॉनीटरिंग और रेगुलर अपडेशन किये जाने का भी मूल्यांकन किया जाएगा।

बेहतर प्रदर्शन पर मिलेगा विशेष सम्मान – मुख्य सचिव

मुख्य सचिव ने यह भी बताया कि, जिन जिलों के डीएम अच्छा प्रदर्शन करके अधिक निवेश लाएंगे उन्हें उच्च ग्रेडिंग और विशेष सम्मान दिया जाएगा। ऐसा करने से अधिकारियों के बीच कम्पटीशन बढ़ेगा और निवेश को बढ़ाने के लिए बेहतर प्रयास होंगे। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने आगे बताया, यह नई व्यवस्था अगले 2-3 सप्ताह में लागू हो जाएगा जिससे अधिकारियों की जवाबदेही बढ़ेगी। इसके बाद प्रदेश में निवेश बढ़ेगा और आर्थिक गतिविधियों में विकास के साथ ही रोजगार के भी अवसर बढ़ेंगे।

एग्रीकल्चर और इंडस्ट्रियल सेक्टर में सुधार के प्रयास

मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने एग्रीकल्चर और इंडस्ट्रियल सेक्टर में विकास के प्रयासों को लेकर भी बात की। उन्होंने बताया कि, ‘राज्य का क्रेडिट डिपॉजिट (CD) रेशियो 2017 में 47 प्रतिशत था जिसने 2023-24 की वित्तिय वर्ष में काफी वृद्धि की और अब यह आँकड़ा 60.32% तक पहुंच गया है। योगी सरकार वर्तमान वित्तीय वर्ष के अंत तक 65 प्रतिशत के क्रेडिट डिपॉजिट (CD) रेशियो के लक्ष्य को तय करके आगे बढ़ रही है। यह विकसित रेशियो यह बताता है कि राज्य में आर्थिक स्थिरता और निवेश के लिए अनुकूल वातावरण है। मुख्य सचिव ने इंडस्ट्रियल सेक्टर में भी सुधार की बात की। उन्होंने कहा, इसके लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। जिससे उद्योगों को प्रदेश में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।

कम क्रेडिट डिपॉजिट रेशियो वाले जिलों पर होगा विशेष ध्यान – मुख्य सचिव

जिन जिलों में क्रेडिट डिपॉजिट (CD) रेशियो कम होगा उन जिलों में सरकार विशेष ध्यान देने वाली है। मुख्य सचिव के मुताबिक संभल, अमरोहा, बदायूं, रामपुर, कासगंज, एटा और मुरादाबाद का सीडी रेशियो सर्वाधिक है और उन्नाव, बलरामपुर, श्रावस्ती जैसे जिलों का क्रेडिट डिपॉजिट (CD) रेशियो कम है। ऐसे जिलों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने और सीडी रेशियो सुधारने के लिए विशेष योजनाएं बनाई जाएंगी। उन्होंने आगे बताया कि डीएम और कमिश्नर को हर साल अप्रैल में उनके जिले का क्रेडिट डिपॉजिट (CD) रेशियो बताया जाएगा, ताकि वे निवेश को बढ़ाने के प्रयासों को और बेहतर तरीके से अंजाम दे सकें।

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याददाश्त बढ़ाने में ही नहीं, सेहत से जुड़ी कई समस्याओं में मददगार ये ड्राई फ्रूट

बादाम में पौष्टिक तत्वों की अच्छी खासी मात्रा पाई जाती है जो आपकी ओवरऑल हेल्थ को बूस्ट करने में कारगर साबित हो सकती है। यही वजह है कि अक्सर हेल्थ एक्सपर्ट्स इस ड्राई फ्रूट को डेली डाइट प्लान में शामिल करने की सलाह देते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि याददाश्त बढ़ाकर अल्जाइमर जैसी बीमारी के खतरे को कम करने के साथ-साथ आपको इस ड्राई फ्रूट से ढेर सारे फायदे मिल सकते हैं। आइए जानते हैं…

हार्ट हेल्थ के लिए फायदेमंद

हर रोज सही मात्रा में बादाम कंज्यूम कर आप अपनी हार्ट हेल्थ को काफी हद तक मजबूत बना सकते हैं। यानी बादाम दिल से जुड़ी गंभीर और जानलेवा बीमारियों के खतरे को भी कम कर सकता है। इसके अलावा बादाम शरीर के अंदर मौजूद बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने और गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में भी कारगर साबित हो सकता है। ये ड्राई फ्रूट डायबिटीज पेशेंट्स की सेहत के लिए भी वरदान साबित हो सकता है।

वेट लॉस में मददगार ये ड्राई फ्रूट

अगर आप अपनी वेट लॉस जर्नी को आसान बनाना चाहते हैं तो हर रोज बादाम खाना शुरू कर दीजिए। बादाम खाकर अपने दिन की शुरुआत करने से आपका पेट लंबे समय तक भरा हुआ महसूस करेगा, जिसकी वजह से आप ओवरईटिंग करने से बच जाएंगे। बादाम को बोन हेल्थ के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। जोड़ों के दर्द की समस्या से बचने के लिए बादाम का सेवन करने की सलाह दी जाती है।

बादाम में पाए जाने वाले तत्व

बादाम में फाइबर, पोटैशियम, मोनोअनसैचुरेटेड फैट्स, प्रोटीन, विटामिन ई, कैल्शियम और कॉपर जैसे तत्वों की अच्छी खासी मात्रा पाई जाती है। आयुर्वेद के मुताबिक सुबह खाली पेट बादाम खाना सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है।

(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें)

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30-35 बच्चो से भरी स्कूल वैन पर हुई फायरिंग, हमलावरों ने ईंट-पत्थर भी मारे

उत्तर प्रदेश के अमरोहा में एक स्कूल वैन पर बदमाशों ने फायरिंग कर दी। हालांकि, इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ, लेकिन वैन पर हुई फायरिंग के चलते बच्चे बेहद डरे हुए हैं। बच्चों के अभिवावकों के लिए भी यह चिंता का विषय है। जानकारी के अनुसार आरोपियों ने स्कूली वैन में दो राउंड फायरिंग की। वह ड्राइवर को निशाना बनाना चाहते थे। आरोपियों ने वैन में ईंट-पत्थर भी फेंके। हालांकि, वह अपने मनसूबों में सफल नहीं हुए और बच्चों के साथ-साथ ड्राइवर भी पूरी तरह सुरक्षित है।

अमरोहा में रोज़ की तरह स्कूली वैन सुबह बच्चों को लेकर स्कूल जा रही थी। इसी दौरान नगला ठाकुरद्वारा रोड पर बाइक सवारों ने बीच रास्ते में ही वैन रोक ली। बदमाशों ने अपना चेहरा ढंका हुआ था। इसके बाद एक किलोमीटर तक बस का पीछा भी किया और दो बार फायर किया। घटना के समय बस में बच्चे 30-35 भी सवार थे, लेकिन सभी लोग सुरक्षित बच गए। यह वैन एसआरएस इंटरनेशनल स्कूल की बताई जा रही है, जिसके संचालक बीजेपी नेता हैं।

स्कूली वैन का ड्राइवर था निशाना

स्कूली वैन का ड्र्राइवर तीन दिन पहले ही एक सड़क हादसे का शिकार हो गया था। इसके बाद उसका विवाद भी हो गया था। आशंका जताई जा रही है कि इन्हीं लोगों ने पीछा कर वैन ड्राइवर पर हमला किया। पुलिस इस मामले में ड्राइवर से पूछताछ कर रही है। आशंका जताई जा रही है कि हमलावर वैन ड्राइवर को ही निशाना बनाना चाहते थे। बस में जो दोनों गोलियां लगी हैं, वह ड्राइवर के पास वाले गेट पर ही लगी हैं। इसके अलावा हमलावरों ने ईंट-पत्थर भी उसी पर मारे थे। हालांकि, बच्चों की वैन पर हुए हमले से अभिवावक भी चिंतित हैं।

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भूख लगी तो खुद को ही निगलने लग गया ये सांप, वीडियो हुआ वायरल

इस दुनिया में कई तरह के सांप पाएं जाते हैं। कई सांप तो बेहद ही खतरनाक शिकार किस्म के होते हैं। जो अपने शिकार को खड़े-खड़े निगल जाते हैं। कई सांप ऐसे भी होते हैं जो बड़े से बड़े जानवरों को भी निगल जाते हैं। कुछ सांपों का ही शिकार करते हैं। उनके सामने कोई सांप आ जाए तो उसे जिंदा निगल जाते हैं।

सोशल मीडिया पर आपने इस तरह के कई वीडियो देखे होंगे। जिसमें एक सांप दूसरे सांप को जिंदा निगल जाता है। लेकिन हाल में जो वीडियो हम आपके दिखाने वाले हैं। वह देखकर आपका दिमाग सन्न रह जाएगा। आप अपनी खुद की आंखों पर यकीन नहीं कर पाएंगे। अगर ऐसा नहीं हुआ तो फिर आप कहना।

खुद को निगल गया सांप

दरअसल, वायरल हो रहे इस वीडियो में सांप खुद को ही निगलते हुए नजर आ रहा है। वीडियो को देख यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह भूखा सांप कई दिनों से शिकार की तलाश में होगा। काफी कोशिश के बाद भी जब सांप को कोई शिकार नहीं मिला तो उसने खुद को ही खाना शुरू कर दिया।

वीडियो के शुरुआत में आप देख सकते हैं कि काफी कोशिश करने के बाद भी जब शिकार नहीं मिला तो सांप परेशान हो गया। जिसके बाद वह तंग आकर खुद को धीरे-धीरे कर निगलने लगा। सांप को कई फीट तक खुद को निगलते हुए देखा जा सकता है। वीडियो में दिख रहा यह नजारा किसी का भी दिमाग घुमा कर रख देगा।

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