स्टेट हेड – सादिक़ अली, डूंगरपुर।जिला कांग्रेस कमेटी की ओर से भाजपा सरकार के एक साल की विफलताओं को उजागर करने के लिए प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। इस दौरान प्रदेश कांग्रेस नगरीय कमेटी महामंत्री राकेश पारेख, पूर्व विधायक रामलाल मीणा, विधायक गणेश घोगरा, पूर्व सांसद ताराचंद भगोरा और जिला अध्यक्ष वल्लभराम पाटीदार समेत कई पदाधिकारियों ने भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा।
भाजपा सरकार पर आरोपों की बौछार
महामंत्री राकेश पारेख ने कहा कि भाजपा सरकार ने अपने वादों को पूरा करने में पूरी तरह असफल रही है। उन्होंने भाजपा पर पर आरोप लगते हुए कहा कि कि भाजपा 52% वादे पूरे करने का दावा कर रही है, जो पूरी तरह से झूठा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे अहम क्षेत्रों में सरकार की निष्क्रियता स्पष्ट है।
स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षकों की कमी के कारण शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है। उन्होंने ईआरसीपी परियोजना का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार के 10,000 करोड़ रुपये खर्च करने के बाद प्रधानमंत्री ने झूठा उद्घाटन कराया। फूड पैकेट योजना और इंदिरा गांधी शहरी रोजगार योजना को बंद कर दिया गया। मनरेगा में रोजगार के दिन घटाकर 40 कर दिए गए।
भाजपा सरकार में किसानों और युवाओं की अनदेखी
पारेख ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने 41,000 करोड़ रुपये का किसान कर्ज माफ किया था। जबकि भाजपा सरकार ने किसानों के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने नई भर्तियां नहीं कीं और कांग्रेस के शासन में शुरू हुई योजनाओं पर अपना नाम लिखकर फीते काटने का काम किया।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार पेपर लीक माफिया पर शिकंजा कसने में असफल रही है। बड़े माफियाओं को पकड़ने के दावे फुस्स साबित हुए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पेपर लीक के मामले में पकड़े गए आरोपी जमानत पर रिहा हो गए और सरकार ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।
भाजपा कर रही लोकतंत्र को कमजोर – राकेश पारेख
प्रदेश कांग्रेस नगरीय कमेटी महामंत्री राकेश पारेख ने भाजपा पर लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने ईडी, सीबीआई और चुनाव आयोग को कठपुतली बना दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा संविधान की कसम खाकर सत्ता में आई, लेकिन अब वही संविधान के खिलाफ बयानबाजी कर रही है।
कांग्रेस करेगी भाजपा की नाकामी को उजागर – रामलाल मीणा
वही पूर्व विधायक रामलाल मीणा ने कहा कि भाजपा सरकार के एक साल के कार्यकाल में जनता के लिए कोई ठोस काम नहीं हुआ है। कांग्रेस अब जनता के बीच जाकर भाजपा की नाकामी को उजागर करेगी और आगामी चुनाव में जनता के हित में काम करने का वादा करेगी।
स्टेट हेड – सादिक़ अली, डूंगरपुर। डूंगरपुर। इस वक़्त की सबसे बड़ी खबर राजस्थान के डूंगरपुर से है जहा शहर के कब्रिस्तान में शेख समाज की एक मस्जिद है। इस मस्जिद में जनाजा की नमाज पढाई जाती है। इस मस्जिद को अज्ञात बदमाशों द्वारा तोड़फोड़ कर नुकसान पहुंचा दिया गया है। जिसको लेकर शेख समाज व डूंगरपुर शहर के समस्त मुस्लिम समाज में काफी आक्रोश फैला हुआ है।
शेख समाज व डूंगरपुर शहर के समस्त मुस्लिम समाज के द्वारा शहर कोतवाली थाने में रिपोर्ट दी है। रिपोर्ट में बताया कि डूंगरपुर शहर के कब्रिस्तान में शेख समाज की मस्जिद स्थित है। जहां जनाजा की नमाज पढ़ी जाती है। उक्त मस्जिद में शुक्रवार रात्रि को अज्ञात बदमाशों द्वारा मस्जिद के गेट व बाउंड्री में तोड़फोड़ कर नुकसान पहुंचाया गया है। समाजजनों को उक्त जानकारी शनिवार शाम को मिली जिस पर समाजजन मौके पर पहुंचे।
समाजजनों ने पुलिस से मांग की है कि ऐसे असामाजिक तत्वों एवं बदमाशों की तलाश कर उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाए। इन असामाजिक तत्वों द्वारा शहर के आपसी सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है। मस्जिद में तोड़-फोड़ करना धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग मौजूद रहे।
आधार कार्ड आज के समय में बेहद जरूरी डॉक्यूमेंट बन चुका है। छोटे बच्चे से लेकर बड़े बुजुर्ग तक के लिए ये एक अहम दस्तावेज है। सिम कार्ड लेने से लेकर स्कूल में एडमीशन, सरकारी नौकरी, सरकारी योजनाओं का फायदा लेने हर एक जगह पर इसका इस्तेमाल किया जाता है। सीधे शब्दों में कहें तो यह हर उस जगह पर जरूरी होता है। जहां पर वेरिफिकेशन करना हो या फिर आईडी प्रूफ की जरूरत हो। आधार कार्ड हमारे बैंक आकउंट से जुड़ा होत है। इसलिए इसकी सेफ्टी भी जरूरी होती है।
अपने आधार कार्ड को सेफ रखे
हम लोग कई जगहों पर अपने आधार कार्ड को दे देते हैं। हमें बाद में यह भी नहीं पता होता कि हमारे आधार कार्ड की कॉपी का कोई किस तरह से इस्तेमाल करेगा। आधार कार्ड में हमारी पर्सनल और बायोग्राफिकल डिटेल्स होती हैं। इसलिए अगर यह किसी गलत हाथों में पड़ जाए तो इसका मिस यूज हो सकता है।
हालांकि आप कुछ स्टेप्स को फॉलो करके अपने आधार कार्ड को सेफ रख सकते हैं। आपको बता दें कि अगर आपने कई जगहों पर अपना आधार कार्ड दे रखा है और आपको यह जानना है कि कहीं उसा मिसयूज तो नहीं तो आप इसका भी पता लगा सकते हैं। आइए आपको बताते हैं कि कैसे आप इसका पता लगा सकते हैं साथ ही कैसे आधार कार्ड को लॉक कर सकते हैं।
आधार कार्ड को ऐस ऑनलाइन करें लॉक
आपको बता दें कि आधार कार्ड को सेफ रखने के लिए UIDAI कई तरह के सेफ्टी फीचर्स भी मुहैया कराता है। आप अपने आधार कार्ड के बायोमैट्रिक डेटिल्स को ऑनलाइन लॉक कर सकते हैं। इसके लिए आपको MyAadhaar वेबसाइट पर जाना होगा। अब आपको ‘Lock/Unlock Aadhaar’ के ऑप्शन पर जाना होगा। अब आपको नेक्स्ट स्टेप में वर्चुअल ID, पूरा नाम, पिन कोड और कैप्चा को फिल करना होगा। अब आपको Send OTP के बटन पर क्लिक करना होगा।
आपके रजिस्टर्ड नंबर पर ओटीपी सेंड किया जाएगा जिसे फिल करने के बाद आपको आधार कार्ड लॉक करने के लिए सबमिट के बटन पर क्लिक करना होगा। इस पूरे प्रॉसेस के बाद आपका आधार बायोमैट्रिक्स पूरी तरह से ब्लॉक हो जाएगा। अगर आप इसे अनलॉक करना चाहते हैं तो आपको दोबारा यही प्रॉसेस फॉलो करना होगा।
आधार कार्ड के मिसयूज को ऐसे चेक करें
आपके आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल तो नहीं हुआ इसे जानने के लिए आपको MyAadhaar पोर्ट पर विजिट करना होगा। आपको वेबसाइट पर लॉगिन करना होगा। अब आपको अपना आधार नंबर और कैप्चा कोड डालकर Login With OTP के ऑप्शन को सेलेक्ट करना होगा। अब आपके नंबर पर एक ओटीटी सेंड किया जाएगा जिससे आपको वेरिफिकेशन के प्रॉसेस को पूरा करना होगा।
वेरिफिकेशन होने के बाद आपको ‘Authentication History’ के ऑप्शन पर जाना होगा। अब आप अपने आधार कार्ड के इस्तेमाल को जानने के लिए डेट को सेलेक्ट कर सकते हैं। अगर आपको ऐसा लगता है कि किसी डेट पर आपके आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल हुआ है तो आप UIDAI से इसकी शिकायत कर सकते हैं।
कानपुर:मेयर और सीनियर बीजेपी नेता प्रमिला पांडे गुमशुदा मंदिरों की तलाश में पुलिस के साथ रोड पर निकल पड़ी हैं। सिर में हेलमेट लगाए प्रमिला खंडहर पड़े मंदिरों की तलाश कर रही हैं। इस दौरान उनके साथ बड़ी संख्या में पुलिस भी है। वह पुराने और बंद पड़े मंदिरों को चिन्हिंत कर रही हैं ताकि उनका जीर्णोद्धार कराया जा सके।
संवेदनशील इलाकों में हैं मंदिर
कानपुर में यू तो बहुत सारे मंदिर हिन्दू धर्म की आस्था के प्रतीक बने हुए है। वहीं कुछ मंदिर ऐसे भी है जिन पर सालों से बीते समय की धूल की परत इतनी गहरी जमा हो गई जिसे हटाने में कानपुर प्रशासन को पूरे बल के साथ रोड पर आना पड़ रहा है। विडंबना यह है कि उनमें से ज्यादातर मंदिर मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र होने के साथ ही शहर के अतिसंवेदनशील जगहों पर स्थित हैं।
मेयर प्रमिला पांडे ने किया ये दावा
मेयर प्रमिला पांडे ने कहा कि इस जगह को सुनार गली कहते हैं। यहां पर अग्रवाल समुदाय के लोग रहते थे। कहा जाता है कि यहां हर 10 घर के बाद एक मंदिर और कुआं हुआ करता था। जो अब नहीं है। अगर हमारे मंदिर हैं तो मूर्तियां कहां गई। किसी भी धर्म-समुदाय के लोग हों, अगर मंदिर वहां पर है तो उसकी सुरक्षा करना वहां के लोगों का कर्तव्य है। अब यहां पर मंदिर नहीं है। इन लोगों को खाली करना पड़ेगा। यहां पर अब फिर से पूजा पाठ होगा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मेयर मुस्लिम बहुल इलाके में पांच पुराने मंदिरों का दौरा किया। मेयर ने कहा कि यहां रहने वाले सभी धर्मों के लोग हमारे लिए बराबर हैं। यहां पर रहने वालों से हमें कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन जर्जर हो चुके और मंदिरों की मरम्मत कराई जाएगी और दर्शन-पूजन शुरू किया जाएगा।
स्टेट हेड – सादिक़ अली, डूंगरपुर : राजस्थान राज्य शैक्षिक एवं प्रशिक्षण संस्थान उदयपुर के तत्वावधान में रूम टू रीड संस्था के संयोजन में नई शिक्षा नीति में मातृभाषा एवं बाल साहित्य सृजन करने वाले साहित्यकार, चित्रकार और बहुभाषी शिक्षण सामग्री निर्माण करने वाले शिक्षकों का प्रशस्ति पत्र से सम्मान किया गया। स्थानीय भाषा आधारित बाल साहित्य प्रदर्शनी तथा बुनियादी साक्षरता के नवाचारों पर सेमिनार आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शिक्षा मंत्री राजस्थान सरकार मदन दिलावर, अध्यक्ष RSCERT की निदेशक श्वेता फगेडिया विशिष्ट अतिथि राज्य परियोजना निदेशक एवं आयुक्त समग्र शिक्षा अविचल चतुर्वेदी, राष्ट्रीय निदेशक रूम टू रीड शक्तिव्रत सेन द्वारा की गई।
जैंडर पर संवेदनशील नहीं – दिनेश प्रजापति
राष्ट्रीय निदेशक रूम टू रीड शक्तिव्रत सेन ने कहां कि शिक्षण में मातृभाषा का प्रयोग शिक्षार्थी और शिक्षक में भयमुक्त संवाद के आदान-प्रदान को उच्च समझ की ओर ले जाता है। हमारा प्रयास ये रहे कि बालक अपनी स्थानीय बोली से स्कूली भाषा को समझ सके। डूंगरपुर से दिनेश प्रजापति ने बताया कि हम शिक्षित होते हुए भी जाने अंजाने में जैंडर पर संवेदनशील नहीं है। इसका कारण हम पंरपरागत सामाजिक ढांचे में ढले हुए हैं। जिसको तोड़ते हुए लडका लडकी को बचपन से ही समान कार्य समान अवसर है। समान स्वतंत्रता देकर आने वाले समय में हम एक समान स्वस्थ और समतामूलक समाज का निर्माण कर सकें। ताकि लिंग और जैंडर आधारित भेदभाव ना हो।
भाषा और बोलियां संवाद का माध्यम – मंत्री मदन दिलावर
इस आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहां कि भाषा और बोलियां संवाद का माध्यम है। लेकिन जो हमारी संस्कृति है उसको जिंदा रखने का काम स्थानीय बोलियां करती है। जब शिक्षा में स्थानीय बोलियां का प्रयोग किया जाएगा। जिससे बालक स्कूली भाषा सीखने का भय नहीं होगा और वह पठन-पाठन में अपनी सक्रिय सहभागिता करेगा। जिससे बालक समझ के साथ में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करेगा साथ ही वह अपनी संस्कृति को बढ़ावा देगा। यही बात हमारी शिक्षा नीति के उद्देश्य है।
कार्यक्रम में डूंगरपुर जिले के अध्यापक व साहित्यकार दिनेश पंचाल दिनेश प्रजापति, कमलेश जोशी, दीपक पंड्या कांतिलाल यादव को बाल साहित्य लेखन और बहुभाषी शिक्षण सामग्री निर्माण के लिए प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। एनसीईआरटी उदयपुर के निदेशक कैलाश तेली के नेतृत्व में प्रभागाध्यक्ष पियुष जैन एमएलई प्रभारी प्रो. नरेश पंवार के दिशा-निर्देशन निर्मित स्थानीय भाषा आधारित सेमिनार में बहुभाषी शिक्षण सामग्री का शिक्षा मंत्री के द्वारा विमोचन कर प्रदर्शनी लगाई गई।
लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन के सांसदों ने संसद परिसर में बाबासाहेब अंबेडकर प्रतिमा पर विरोध प्रदर्शन किया। वहीं, संसद परिसर में बीजेपी सांसद भी विपक्षी सांसदों के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस बीच बीजेपी ने आरोप लगाया है कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने उसके दो सांसदों प्रताप चंद्र सारंगी और मुकेश राजपूत को धक्का दे दिया जिसकी वजह से वह गिर गए और उन्हें चोट लग गई। सारंगी और मुकेश को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
बीजेपी सांसदों ने मुझे धक्का दिया – मल्लिकार्जुन खरगे
वहीं राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया है कि बीजेपी सांसदों ने उन्हें धक्का दिया। इसकी वजह से उनके घुटने में चोट लग गई है। वहीं राहुल गांधी ने कहा कि उनके साथ और प्रियंका के साथ धक्का-मुक्की की गई है। कांग्रेस ने इस संबंध में लोकसभा स्पीकर से शिकायत भी दर्ज कराई है। प्रियंका गांधी ने कहा कि धक्का-मुक्की कांड पर प्रियंका गांधी ने कहा कि ‘जो भी हुआ, कैमरे के सामने हुआ। कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी सांसद डंडे लगे प्लेकार्ड लेकर खड़े थे। बीजेपी के सांसद सदन के अंदर जाने से रोक रहे थे।
बीजेपी के कई केंद्रीय मंत्रियों ने कांग्रेस को घेरा…
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि हमारे दो सांसदों को गंभीर चोटें लगी हैं। 4-5 सांसदों ने आकर शिकायत दर्ज कराई है। मकर द्वार पर आज बीजेपी-एनडीए सांसदों ने पहली बार प्रदर्शन किया। इनको (विपक्ष) लगा ये उनकी जागीर है, वे भीड़ को चीरते हुए आए। विपक्ष के नेता को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। वहीं केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रताप चंद्र सारंगी को देखकर मन पीढ़ा से भर गया है।
संसद के इतिहास का ये काला दिन है, मर्यादाओं की धज्जियां उड़ा दी गई। राहुल गांधी और कांग्रेस ने जो गुंडागर्दी की है। उसका कोई दूसरा उदाहरण नहीं मिलता। अब वे ऐसी गुंडागर्दी करेंगे। ऐसा आचरण आज तक भारत की संस्कृति इतिहास में देखा नहीं गया। उनके लिए एक पाठशाला में ट्रेनिंग देनी चाहिए कि लोकतंत्र में आचरण कैसा होता है। हम इस गुंडागर्दी की निंदा करते हैं।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजीजू ने लगाया गंभीर आरोप
वहीं संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा कि आज संसद के मुख्य द्वार पर एनडीए सांसदों का प्रदर्शन चल रहा था। राहुल गांधी और उनके सांसदों ने जबरदस्ती घुसकर अपना जो शारीरिक प्रदर्शन किया है, वो बहुत गलत है। संसद कोई शारीरिक ताकत दिखाने का प्लैटफ़ॉर्म नहीं है। राहुल गांधी ने भाजपा के दो सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत को जोर से धक्का दिया। राहुल गांधी ने जो धक्का-मुक्की की है, मैं उसका खंडन करता हूं। मैं राहुल गांधी से सवाल करना चाहता हूं कि अगर सब लोग अपनी ताकत दिखाकर मारपीट करने लग जाएंगे, तो संसद कैसे चलेगा? यह लोकतंत्र का मंदिर है। हमारे दोनों सांसद गंभीर रूप से घायल हुए हैं, उनका इलाज चल रहा है।
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा….
वहीं कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने एक्स हैंडल पर कहा कि आज मैंने देखा कि बीजेपी सांसद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी धमकी दे रहे थे। बीजेपी सांसदों के हाथ में लाठियां थीं। मैंने अपनी आंखों से देखा कि कैसे मल्लिकार्जुन खड़गे को धमकाया जा रहा था, धक्का दिया जा रहा था।
स्टेट हेड – सादिक़ अली डूँगरपुर : 10 जनवरी 1966 को माही व कडाना बांध को लेकर गुजरात व राजस्थान सरकार के मध्य हुए समझौते की शर्तों को पूरा कर बांसवाड़ा व डूंगरपुर जिलों के सूखाग्रस्त क्षेत्र में पेयजल व सिंचाई परियोजना स्वीकृत करने एवं अन्य कई मांगों को लेकर सांसद राजकुमार रोत ने पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। लगभग 20 मिनट तक चली मुलाकात के दौरान सांसद राजकुमार रोत ने राजस्थान के आदिवासी बहुल क्षेत्रों के विकास और जनहित से जुड़ी कई महत्वपूर्ण मांगों पर चर्चा की।
पीएम मोदी से 16 सूत्रीय मांग – राजकुमार रोत
सांसद राजकुमार रोत के द्वारा पीएम मोदी के सामने 16 सूत्रीय मांग पत्र प्रस्तुत किया गया। वही प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के बाद सांसद राजकुमार रोत ने बताया कि यह मुलाकात सकारात्मक रही। प्रधानमंत्री ने सभी मांगों पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया है। सांसद राजकुमार रोत को कहा कि देश के आदिवासी क्षेत्रों को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए हर संभव प्रयास जारी रहेगा।
सांसद राजकुमार रोत द्वारा प्रमुख मांगे…….
1 >> 1966 में माही-कड़ाना बांध बनाने के वक्त हुए गुजरात-राजस्थान के समझौते की शर्तों को पूरा कर किया जाये।
2 >> गुजरात,राजस्थान, मध्यप्रदेश व महाराष्ट्र के कुछ हिस्से को मिलाकर भील प्रदेश बनाने की माँग।
3 >> बजट सत्र में चौरासी विधान सभा क्षेत्र के लिये 886 करोड़ की स्वीकृत कर पेयजल परियोजना की मांग की ।
4 >> हाल ही जंगली जानवरों से हुई मौतों व आदिवासियों के विस्थापन को देखते हुए ट्राइगर प्रोजेक्ट को रोका जाये।
5 >> बांसवाडा ज़िले में प्रस्तावित परमाणु बिजली घर के दूरगामी दुष्परिणाम को देखते हुये रोक लगे।
6 >> गुजरात में काम करने वाले मजदूरों के बच्चों के लिये शिक्षण व्यवस्था हेतु प्रवासी शिक्षा केंद्र खोलने की मांग।
7 >> संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस का पूरे देश में राजकीय अवकाश घोषित किया जाये।
8 >> गुजरात में काम करने वाले प्रवासी मजदूरों के इलाज के लिये प्रवासी मजदूर चिकित्सा योजना लागू हो।
9 >> डूंगरपुर में एक अतिरिक्त नवीन नवोदय विद्यालय खोला जाये।
10 >> सुप्रीम कोर्ट के आदेश मानते हुए स्थानीय जनजातियों के लिए कॉपरेटिव सोसाइटीज बनाकर उन्हें हक दे।
11 >> बिरसा मुंडा, मामा बालेश्वर , टांट्या मामा भील को मरणोपरांत भारत रत्न दिया जाये।
12 >> संसदीय क्षेत्र बांसवाड़ा में आईआईटी, नीट व आई.आई.एम जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में जाने के लिये उच्च स्तरीय ट्राइबल कोचिंग सेंटर खोलने की माँग।
13 >> संसदीय क्षेत्र बांसवाडा में खेल विश्वविधालय खोला जाये।
14 >> कौशल दक्षता योजना के तहत स्किल डवलपमेंट कॉलेज खोला जाये।
15 >> राजस्थान के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में नवीन एम्स खोलने की माँग।
16 >> बांसवाडा-डूंगरपुर ज़िले से प्रधानमंत्री सहायता निधि के लिये समस्त आवेदनों को स्वीकार करते हुये वित्तीय सहायता दिलवने की माँग की।
हमेशा किस्मत ही खराब नहीं होती, कभी-कभी फैसले भी गलत होते हैं। ये बात रोहित शर्मा पर आज भले ही फिट बैठ रही हो लेकिन जब जून 2024 में टीम इंडिया ने साउथ अफ्रीका को हराकर T20 वर्ल्ड कप का खिताब जीता, तब उनकी किस्मत भी साथ दे रही थी और उनके साहसिक फैसले भी सही साबित हो रहे थे। यही वजह है कि रोहित शर्मा द्वारा फाइनल में हार्दिक पांड्या को आखिरी ओवर देने के फैसले की आज भी मिसाल दी जाती है।
लेकिन किस्मत और भारतीय क्रिकेट फैंस का मूड हमेशा एक जैसे नहीं रहता। टीम इंडिया को वर्ल्ड चैंपियन बनाने वाला कप्तान 6 महीने से भी कम समय में चौतरफा आलोचना झेलने को मजबूर है। जिस कप्तान की तारीफ में कुछ महीने पहले तक कसीदे पढ़े जा रहे थे, उस हिटमैन को ना केवल कप्तानी से हटाए जाने के सुर तेज हो गए हैं बल्कि टीम से बाहर करने की वकालत हो रही है क्योंकि भारतीय कप्तान के ना तो फैसले सही साबित हो रहे हैं और ना ही उनके बल्ले से रन निकल रहे हैं।
मैच में ना रोहित की कप्तानी चली और ना ही बल्ला
ऑस्ट्रेलिया में जब टीम इंडिया ने कदम रखा था तो रोहित शर्मा टीम के साथ नहीं थे। पिता बनने की वजह से वह टीम इंडिया से देर में जुड़े। तब तक टीम इंडिया ने पर्थ टेस्ट बड़े अंतर से अपने नाम कर चुकी थी। इसके बाद लगा कि टीम इंडिया एडिलेड में डे-नाइट टेस्ट मैच में भी पर्थ की सफलता को दोहराने में कामयाब होगी कि लेकिन हुआ उसका उल्टा। ऑस्ट्रेलिया ने दूसरे टेस्ट में शानदार कमबैक करते हुए रोहित की अगुवाई वाली टीम इंडिया को 10 विकेट से मात दे दी। इस मैच में ना रोहित की कप्तानी चली और ना ही बल्ला।
एडिलेड में फ्लॉप होने के बाद गाबा में रोहित से बड़ी पारी की उम्मीद थी लेकिन एक बार फिर बल्ले ने धोखा दे दिया और सिर्फ 10 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। और फिर उठने लगे बड़े सवाल। यही कि आखिर कब तक रोहित की बल्लेबाजी पर पर्दा डाला जाएगा और कब तक उनकी कप्तानी पर भरोसा जताया जाएगा।
लगा रोहित शर्मा का अगला टारगेट वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप
टी20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद सभी को लग रहा था कि टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा का अगला बड़ा टारगेट 2025 में खेले जाने वाले वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप जीतना होगा। लेकिन वक्त ने ऐसी करवट ली कि टीम इंडिया के लिए खिताब जीतना तो दूर की बात, न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में क्लीन स्वीप का सामना करने के बाद वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में पहुंचने के लाले पड़े गए। पिछले साल तक रोहित शर्मा का बल्ल वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में जमकर रन उगल रहा था।
क्रिकेट के जानकार भी उनकी कप्तानी की तारीफ करते नहीं थक रहे थे। साल 2023 में वह विराट कोहली के बाद टेस्ट में दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे। उन्होंने 7 टेस्ट मैचों में लगभग 50 के औसत से 540 रन बनाए थे। इस दौरान उन्होंने 2 शतक और 2 अर्धशतक जड़े। ऐसा नहीं है कि रोहित के लिए मुश्किलें इस साल से ही शुरू हुईं। पिछले साल के आखिर से ही उनका बल्ला शांत होता चला गया और कप्तानी की धार भी कम होती चली गई।
न्यूजीलैंड के खिलाफ खुली कमजोर कप्तानी की कलई
पिछले साल के आखिरी महीने में साउथ अफ्रीका दौरे पर गई टीम इंडिया भले ही 2 मैचों की सीरीज 1-1 से बराबर करने में सफल रही लेकिन कप्तान रोहित का बल्ला एक अर्धशतक के लिए तरस गया। इसके बाद नए साल में रोहित ने इंग्लैंड के खिलाफ 5 मैचों की टेस्ट सीरीज में 2 शतक जड़े लेकिन पूरी तरह से लय में नजर नहीं आए। इस बीच टी20 वर्ल्ड कप की ऐतिहासिक जीत के साथ ही दिग्गज राहुल द्रविड़ की विदाई हो गई और कप्तान को तेजतर्रार गौतम गंभीर का साथ मिला।
गंभीर की कोचिंग में रोहित की कप्तानी आक्रामक तो नजर आई लेकिन इसकी झलक सिर्फ बांग्लादेश जैसी कमजोर टीम के खिलाफ तक ही दिखी। रोहित के लिए इस साल असली दिक्कत तब शुरू हुई जब टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड को अपने घर में हल्के में लेने की बड़ी गलती की। न्यूजीलैंड की टीम पहले ही टेस्ट मैच से टीम इंडिया पर हावी नजर आई जिसका नतीजा ये हुआ कि मेजबान भारत को साल की दूसरी बड़ी हार का सामना करना पड़ा। इससे पहले टीम इंडिया ने इंग्लैंड के खिलाफ हार से साल 2024 की शुरूआत की थी लेकिन फिर कमबैक करते हुए लगातार 4 टेस्ट में जीत के साथ सीरीज पर कब्जा किया।
रोहित की कप्तानी में सबसे बड़ी हार
न्यूजीलैंड से मिली पहली हार को रोहिंत एंड कंपनी अभी सही से पचा भी नहीं पाई थी कि कीवी टीम ने केन विलियमसन जैसे दिग्गज बल्लेबाज के बिना ही भारतीय टीम को दिन में तारे दिखा दिए और पहली बार भारतीय सरजमीं पर टेस्ट सीरीज जीतने का नया इतिहास रच दिया। इस सीरीज के पहले 2 मैचों में लगा ही नहीं कि न्यूजीलैंड के सामने वही टीम इंडिया खेल रही है। जिसको उसी के घर में हराने की हिम्मत किसी टीम में नहीं होती है।
लगातार 2 टेस्ट हारने के बाद भी रोहित ने कोई सबक नहीं लिया जिसका नतीजा ये हुआ कि टीम इंडिया का पहली बार किसी टीम ने 3 या उससे ज्यादा मैचों की सीरीज में सूपड़ा साफ कर दिया। इस करारी शिकस्त से एक बात तो साफ हो गई कि रोहित शर्मा की कप्तानी में शुरुआत से ही एक कमजोर कड़ी थी जिसकी कलई आखिरकार न्यूजीलैंड के सामने खुली। इस हार से सबसे ज्यादा टीम इंडिया के वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में जाने की उम्मीदों को झटका लगा जो इस सीरीज से पहले तक लगभग तय माना जा रहा था।
राजधानी दिल्ली में हुए दंगो में साजिश के आरोप में जेल बंद आरोपी उमर खालिद को कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने उमर खालिद को 7 दिन की अंतरिम जमानत दे दी है। जानकारी के मुताबिक, उमर खालिद ने अपने मौसेरे भाई और बहन की शादी में शामिल होने के लिए 10 दिनों की अंतरिम जमानत मांगी थी। हालांकि, कड़कड़डूमा कोर्ट ने उमर खालिद को 28 दिसंबर से 3 जनवरी तक 7 दिनों के लिए अंतरिम जमानत दी।
कौन है उमर खालिद ?
उमर खालिद दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (jnu) का पूर्व छात्र है। उमर खालिद पर फरवरी 2020 में दिल्ली में हुए दंगों में कथित तौर पर मास्टरमाइंड होने के आरोप हैं। बता दें दिल्ली में 2020 में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के विरोध के दौरान दंगे भड़क गए थे। इन दंगों में 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक घायल हुए थे। दिल्ली पुलिस ने खालिद को सितंबर 2020 में गिरफ्तार किया था।
क्या है उमर खालिद पर आरोप ?
जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद को दिल्ली पुलिस ने दिल्ली दंगों में साजिश के सिलसिले का आरोपी बनाया है। उमर खालिद को अवैध गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) तहत गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद के खिलाफ हत्या, हत्या की कोशिश, दंगा, भीड़ जमा करना, राजद्रोह, आपराधिक साजिश समेत अन्य कई धाराओं में पूरक आरोप पत्र भी दाखिल किया है।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 24 फरवरी 2020 को नागरिकता कानून में संशोधनों के समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसा के बाद सांप्रदायिक झड़पें शुरू हुई थीं। इसके बाद दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा और विशेष शाखा ने भी दंगे के पीछे कथित साजिश के मामले में उमर से पूछताछ की थी। पुलिस ने उसका मोबाइल फोन भी जब्त कर लिया था। उमर खालिद को 11 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। इससे पहले कई बार उमर खालिद की याचिकाएं नामंजूर हो चुकी थी।
हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस का त्यौहार बहुत ही धूमधाम और खुशी के साथ मनाया जाता है। इस खास अवसर पर कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस खास अवसर पर शॉपिंग मोल को सुंदर तरह से सजाया जाता है। कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। कई लोग इस अवसर पर बाहर घूमने जाते हैं, तो वहीं कई अपने घर पर दोस्तों और परिवार के साथ मिलकर इसे सेलिब्रेट करते हैं।
घरों में क्रिसमस ट्री लगाकर सुंदर तरह से इसकी डेकोरेशन करते हैं और पार्टी आयोजित करते हैं। अगर इस बार आप भी क्रिसमस पार्टी अपने घर पर आयोजित कर रहे हैं। तो इस दिन को यादगार बनाने के लिए सही डेकोरेशन, खाने-पीने की व्यवस्था और कुछ खास गतिविधियां जरूर होती हैं। आइए जानते हैं किस घर पर क्रिसमस पार्टी आयोजित करते समय डेकोरेशन से लेकर खान-पान की तैयारियां किस तरह करें।
खाने-पीने की व्यवस्था
डेकोरेशन के साथ ही खान-पान की सही व्यवस्था करना भी बहुत जरूरी है। स्टार्टर में आप हर्ब बटर ब्रेड रोल्स, गार्लिक ब्रेड और सॉस के साथ परोस सकते हैं। सब्जियों और पनीर से भरे मिनी सैंडविच पार्टी के स्टार्टर के रूप में परोसे जा सकते हैं, छोटे पनीर क्यूब्स भी बेस्ट ऑप्शन रहेगा। पिज्जा, बर्गर और बहुत कुछ स्नैक्स के तौर पर आप सर्व कर सकते हैं।
सबसे जरूरी है क्रिसमस पार्टी में एक बड़ा और स्वादिष्ट क्रिसमस केक होना चाहिए। खाने में अपने मेहमानों के मुताबिक खाना बनाएं अगर आपके मेहमान नॉन-वेज खाना पसंद करते हैं, तो आप वो भी बनवा सकते हैं। मीठे में आप कुकीज, कैंडीज, फ्रूट केक और चॉकलेट जैसी चीजें सर्व कर सकते हैं। सर्दी के मौसम में हॉट चॉकलेट एक बेहतरीन ड्रिंक है। ताजे फलों जैसे संतरा, अंगूर, और सेब का जूस तैयार कर सकते हैं।
डेकोरेशन की व्यवस्था
क्रिसमस पार्टी के लिए सबसे जरूरी है घर को डेकोरेट करना है। सही डेकोरेशन से पार्टी में चार चांद लग जाते हैं। इसमें सबसे जरूरी एक सुंदर क्रिसमस ट्री को घर के किसी कोने में रखें और अब इसे डेकोरेट करने के लिए उससे रंग-बिरंगी लाइट्स, छोटे-छोटे गिफ्ट, कागज की रंगीन गेंदों और आस-पास में कॉटन की मदद से स्नो बना सकते हैं। इसके अलावा ट्री के आस-पास गिफ्ट रख सकते हैं।
इसके अलावा घर को रोशन करने के लिए क्रिसमस लाइट्स का इस्तेमाल करें। गहरे रंग जैसे कि लाइट्स पार्टी को और भी खूबसूरत बना सकती हैं। घर के दरवाजों पर क्रिसमस बेल्स, रेज और ग्रीन कलर के रिबन लगा सकते हैं। इसके अलावा क्रिसमस से जुड़े चित्र और स्टिकर लगा सकते हैं। अगर पार्टी में बच्चे भी आ रहे हैं, तो बच्चों को खास महसूस कराने के लिए एक सांता क्लॉज़ की ड्रेस पहनकर गिफ्ट्स देने की व्यवस्था करें।
गेम्स और एक्टिविटी का भी रखे ध्यान
क्रिसमस पार्टी को और मजेदार बनाने के लिए कुछ मजेदार खेल और एक्टिविटी भी होनी चाहिए। इसके लिए पार्टी में आप कुछ यूनिक गेम्स जैसे म्यूजिकल चेयर्स प्लान कर सकते हैं। इसके अलावा म्यूजिक और डांस का आयोजन करना भी पार्टी का मजा दोगुना कर देता है। इस तरह से सब आपकी क्रिसमस पार्टी को एंजॉय कर पाएंगे।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच गाबा में खेला गया तीसरा टेस्ट मैच ड्रॉ हो गया। पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने स्टीव स्मिथ और ट्रेविस हेड के शतक की बदौलत 445 रनों का स्कोर खड़ा किया। इसके जवाब में टीम इंडिया की पहली पारी 260 रनों की सिमट गई। तीसरे टेस्ट का पहला दिन बारिश में धुलने के बाद ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में शानदार बैटिंग की जिसके बाद टीम इंडिया पर फॉलोआन का संकट पैदा हो गया हालांकि रवींद्र जडेजा और आकाश दीप के कारण भारतीय टीम बड़ा खतरा टालने में कामयाब रही।
इसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने 89/7 रन के स्कोर पर अपनी दूसरी पारी घोषित करते हुए भारत को 275 रनों का लक्ष्य दिया। भारत ने 5वें दिन अपनी दूसरी पारी में 2.1 ओवर में बिना किसी नुकसान के आठ रन बना लिये थे जब बारिश के कारण टी ब्रेक जल्दी लेना पड़ा। इसके बाद बारिश तेज हो गई और कोई खेल नहीं हो सका। इस तरह मैच ड्रॉ हो गया।
अश्विन ने किया रिटायरमेंट का ऐलान
इस मैच के बाद रविचंद्रन अश्विन ने अचानक रिटायरमेंट का ऐलान कर सभी को चौंका दिया। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 के पहले टेस्ट मैच में आर अश्विन प्लेइंग-11 का हिस्सा नहीं थे लेकिन एडिलेड में खेले गए डे-नाइट टेस्ट मैच में उन्हें खेलने का मौका मिला। इसके बाद तीसरे मैच की प्लेइंग-11 से उन्हें एक बार फिर बाहर कर दिया। इस तरह एडिलेड टेस्ट अश्विन के टेस्ट करियर का आखिरी टेस्ट मैच साबित हुआ।
कुंबले और अश्विन के बीच गजब संयोग
अश्विन के रिटायरमेंट के साथ ही भारतीय क्रिकेट में एक युग का समापन हो गया। साल 2011 में टेस्ट डेब्यू करने वाले अश्विन ने 106 टेस्ट मैचों में 537 विकेट अपने नाम किए। वह अनिल कुंबले के बाद टेस्ट में 500 से ज्यादा विकेट लेने वाले दूसरे भारतीय गेंदबाज बने।कुंबले के नक्शेकदम पर चलते हुए अश्विन ने भारत के लिए टेस्ट में जमकर विकेट बटोरे। दोनों गेंदबाजों के रिटायरमेंट में भी एक गजब का संयोग देखने को मिला।
दरअसल, साल 2008 में अनिल कुंबले ने भी बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी की तीसरा टेस्ट मैच ड्रॉ होने के बाद ही रिटायरमेंट का ऐलान किया था। कुंबले की तरह अश्विन का रिटायरमेंट भी तीसरे टेस्ट के ड्रॉ होने के बाद आया है। यही नहीं, अनिल कुंबले ने अपना आखिरी शिकार मिचेल जॉनसन के रुप में किया था और अश्विन ने भी अपना आखिरी विकेट मिचेल मार्श का झटका।
उत्तर प्रदेश के लखनऊ में आज कांग्रेस ने विधानसभा का घेराव करने का ऐलान किया है जिसके बाद विधानसभा भवन की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। साथ ही यूपी कांग्रेस के दफ्तर के बाहर बैरिकेडिंग लगा दी गई है ताकि कांग्रेस के कार्यकर्ता विधानसभा तक ना पहुंच पाएं। दरअसल, खाद की कालाबाजारी, महंगाई और बेरोजगारी को लेकर कांग्रेस यूपी में प्रोटेस्ट कर रही है और योगी सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है। लखनऊ में कांग्रेस के प्रोटेस्ट को देखते हुए यूपी विधानसभा की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। प्रदेश अध्यक्ष अजय राय समेत चार दर्जन कांग्रेस नेताओं को नोटिस दिया गया है। लखनऊ में धारा 163 लागू कर दी गई है। यूपी कांग्रेस के नेताओं के घर पर पुलिस फोर्स तैनात है।
कांग्रेस नेताओं को नोटिस
यूपी पुलिस ने घेराव के मद्देनजर सुरक्षा कड़ी कर दी है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, निवर्तमान प्रदेश महासचिव संगठन अनिल यादव, दिनेश सिंह सहित दो दर्जन से ज्यादा वरिष्ठ नेताओं को नोटिस भेजा है। कांग्रेस पार्टी के नेता और कार्यकर्ता विधानसभा के घेराव के लिए सड़कों पर उतरने के लिए तैयार हैं, जिससे यूपी की राजनीतिक हलचल बढ़ने की संभावना है। बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है और संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त सुरक्षा उपाय किए गए हैं। विधानसभा और उसके आसपास के इलाकों में सुरक्षाकर्मी चौकस हैं, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से निपटा जा सके।
कांग्रेस नेताओं को पुलिस ने किया हाउस अरेस्ट
कांग्रेस के लखनऊ प्रदर्शन में जा रहे कई कांग्रेस नेताओं को नोएडा में पुलिस ने गिरफ्तार किया है। कई नेताओं को हाउस अरेस्ट कर लिया गया है। इसी तरह सुल्तानपुर और वाराणसी से भी लखनऊ आ रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पुलिस ने पकड़ लिया है। इस बीच औरैया जिला कांग्रेस कमेटी का आरोप है कि विधानसभा घेराव के पहले ही कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं को नजरबंद कर लिया गया है। आरोप है कि औरैया के दिबीयापुर थाना क्षेत्र में कांग्रेस के प्रदेश महासचिव अंशु तिवारी को उनके ही घर में नजरबंद कर दिया गया है और घर के बाहर भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई। जबकि अन्य कार्यकर्ताओं को भी नजरबंद किया गया है।
पुलिस बेरिकेड्स पर चढ़ गए कांग्रेस कार्यकर्ता
योगी सरकार की कानून व्यवस्था के विरोध में कांग्रेस नेता धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। भारी पुलिस सुरक्षा के बावजूद कांग्रेसी नेता बेरिकेड्स पर चढ़ गए। कार्यकर्ता अपने हाथ में बैनर और पोस्टर लिए हुए हैं। इनमें सरकार विरोधी स्लोगन लिखे हुए हैं। कांग्रेस दफ्तर के बाहर भारी पुलिस बल मौजूद है। वही कांग्रेस प्रवक्ता मनीष हिंदवी ने कहा कि कांग्रेस नेताओं को डराने-धमकाने तथा उन्हें रोकने के लिए पुलिस बल का इस्तेमाल करने के बावजूद हजारों कार्यकर्ता पार्टी कार्यालय पहुंच चुके हैं। उन्होंने कहा, “इसका नेतृत्व कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय तथा उत्तर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे करेंगे। कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय समेत कई कांग्रेस नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया।
मंथरा का काम न करें- मंत्री एके शर्मा
यूपी विधानसभा सपा विधायक ओम प्रकाश सिंह और बिजली मंत्री एके शर्मा के बीच दिलचस्प जुबानी जंग देखने को मिली, जब सपा विधायक ने उन्हें बिजली और मीटर के मुद्दे पर घेरने की कोशिश की। इसके जवाब में एके शर्मा ने कहा कि वो उनके और सीएम योगी आदित्यनाथ के बीच में मंथरा वाला काम न करें, क्योंकि वो दिल्ली सबसे कम जाने वाले नेता है और जो भी करते हैं मुख्यमंत्री के आशीर्वाद से करते हैं। एके शर्मा जब सपा सदन में ये बयान दे रहे ते उनके आगे बैठे सीएम योगी भी मुस्कुरा रहे थे।
डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने ली चुटकी
यूपी कांग्रेस के विधानसभा घेराव को लेकर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने चुटकी ली है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और सपा में फूट हो चुकी है। संभल मामले में भी दो धाराओं में सपा और कांग्रेस बंटे नजर आ रहे हैं। मौर्य ने बुधवार को विधानसभा सत्र में भाग लेने से पहले पत्रकारों से कहा कि सपा कह रही है कि लोकसभा चुनाव में जीत उनके कारण मिली है। वहीं कांग्रेस का कहना वह उनके कारण जीते हैं। दोनों अपने अपने महत्व को दर्शाना चाहते हैं।
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में भगवान शिव का मंदिर मिलने के बाद एक और मंदिर मिला है, जो कि राधा-कृष्ण का है। राधा-कृष्ण के इस मंदिर में भगवान हनुमान की भी प्रतिमा है। मंदिर के मिलने की जैसे ही खबर मिली, प्रशासन फौरन पहुंच गया और ताला खुलवाया। इसके बाद इस मंदिर की भी साफ-सफाई शुरू कर दी गई है। स्थानीय लोगों ने बताया कि ये मंदिर अहाते में बंद पड़ा हुआ था। वहीं कुछ लोगों ने बताया कि यह मंदिर सैनी समाज का है, क्योंकि इस मंदिर के आसपास सैनी समाज के लोग रहते थे।
शाही मस्जिद को लेकर अलग-अलग दावे
एक तरफ जहां संभल में शाही मस्जिद को लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ एक घर के भीतर शिव मंदिर मिलने के बाद जिले में हड़कंप मचा हुआ है। इस वक्त संभल किसी छावनी से कम नहीं नजर आ रहा है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती की गई है। बाहरी जिलों से आने वाली गाड़ियों तक की जांच हो रही है। बीते सोमवार को जहां मंदिर मिला, वहीं एक पुराना कुआं भी मिला, जिसमें से कई मूर्तियां मिली। लोगों ने दावा किया कि यह मूर्तियां भगवान गणेश, कार्तिकेय और लक्ष्मी जी की हैं। शाही मस्जिद और इस पुराने मंदिर के बीच करीब दो किलोमीटर की दूरी है।
संभल में मंदिर के पास किए गए कब्जे हटेंगे
वही संभल के एडिशनल एसपी श्रीश चंद्र ने कहा, ‘संभल में मंदिर के साथ सटे हुए कुछ लोगों के घर की पैमाइश की गई है और यह देखा गया है कि मंदिर की तरफ उनके घर का कितना हिस्सा आया है। जिसके बाद पुलिस ने उन्हें बताया है और उन्होंने पुलिस को भरोसा दिलाया कि वह खुद बड़े हुए हिस्से को तुड़वाएंगे।
संभल के राधा-कृष्ण मंदिर की हुई सफाई
पुलिस ने मंदिर की चाबी मंगवाकर खुलवाया है। 20 फिट के आसपास ऊंचाई में बने इस मंदिर में हनुमान जी की 4 फिट ऊंची मूर्ति और राधा कृष्ण की मूर्तियां हैं। मंदिर में सफाई करवाई जा रही है, जो सफाई कर रहे हैं उन्होंने बताया कि आज बजरंगबली का दिन है। बजरंगबली के मंदिर में सफाई करके इसमें उनकी पूजा की जाएगी। मंदिर की चाबी खोलने वाले ऋषिपाल ने बताया कि पहले यहां पर चारों तरफ हिंदुओं के ही परिवार थे। लेकिन दंगों के बाद सभी ने डर कर पलायन कर लिया। तकरीबन 200 से ज्यादा परिवार यहां पर रहते थे, जो यहां से चले गए कभी कभार यहां पर आते हैं।
हिंदू महासभा का दंगों पर बड़ा खुलासा
संभल दंगे को लेकर अखिल भारत हिंदू महासभा ने बड़ा खुलासा किया है। 46 साल पहले संभल दंगे के दौरान महा पाप हुआ था। संभल के सांसद शफीक उर रहमान वर्क के इशारे पर हिंदू बाजार में आग लगा दी गई थी। हिंदुओं का नरसंहार किया गया था, करीब 1200 से ज्यादा लोग इस दंगे में मारे गए। जिसके लिए अखिल भारत हिंदू महासभा ने एक रिपोर्ट भी तैयार की थी। 23 पन्नो की इस रिपोर्ट में 35 लोगों को दंगे का दोषी करार दिया गया था लेकिन तत्कालीन सरकार ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की।
सांसद जियाउर्रहमान का बड़ा बयान
वही सम्भल सांसद जियाउर्रहमान का बड़ा बयान सामने आया। मुस्लिम चाहते तो 46 दिन में मंदिर की जगह मस्जिद भी बना सकते थे। वह 46 साल से मंदिर बंद होने की बात करते हैं, मुस्लिम चाहते 46 दिन में मंदिर भी बना सकते थे। मुस्लिमों के आबादी में होने के बावजूद उन्होंने मंदिर की हिफाजत की। संभल में जिस तरह टारगेट करके कार्रवाई हो रही है, उसे पूरा हिंदुस्तान देख रहा है। सम्भल में 1947 से दंगे गिने जा रहे हैं, तो उसमें क्या मुसलमान नहीं मरे। अब गड़े मुर्दे उखाड़े जा रहे हैं। बर्क बोले सीएम योगी कह रहे तुर्क-पठान की लड़ाई हुई। मैं कह रहा हूं दो थानों के बीच झगड़ा चल रहा था। उसकी गोलीबारी में मेरे लोगों की जान गई। सरकार से नहीं न्यायालय से न्याय की उम्मीद है।
संभलेश्वर मंदिर में शाम को हुई भव्य आरती
संभल के मोहल्ला खग्गू सराय में 46 साल से बंद मंदिर को प्रशासन ने खुलवाया तो आज यहां पूजा अर्चना के अद्भुत नजारे देखने को मिल रहे हैं। सोमवार शाम को इस प्राचीन मंदिर में भगवान शिव को महाकाल के रूप में सजाया गया और फिर महाकाल की भव्य आरती हुई। भगवान का महाकाल स्वरूप सभी श्रद्धालुओं को भा रहा था। भारी उत्साह के साथ कई श्रद्धालुओं ने ऊंचे स्वर में भगवान की आरती की तो दूर तक माहौल भक्ति में बन गया। हालांकि इस इलाके में इस मंदिर के सिवाय हिंदुओं का एक भी परिवार नहीं है और यहां पहुंचे सभी श्रद्धालु शहर के दूसरे इलाकों से पूजा अर्चना में शामिल होने के लिए गए थे।
संभल के 4 मस्जिद और 1 मदरसे पर एक्शन
पिछले 2 दिनों में 90 एफआईआर की गई है, जिनमें से 4 मस्जिद और 1 मदरसे से बिजली चोरी पकड़ी गई है। इन 2 दिनों में लगभग 1 करोड़ 75 लाख का जुर्माना लगाया गया है। वही संभल में संभलेश्वर मंदिर के आसपास मौजूद अतिक्रमण को हटाने की तैयारी की जा रही है। पीएएसी की भारी संख्या में तैनाती की गई है। बगल के मकान में किए गए अवैध निर्माण को हटाया जा रहा है। संभल में मंदिर से सटा हुआ छज्जा गिराया जा रहा है।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जा रही टेस्ट सीरीज अभी बराबरी पर है। साथ ही सीरीज के दौरान कुछ ऐसे पल भी आ रहे हैं, जो रोमांच भरते हैं। जहां इस सीरीज में टीम इंडिया के लिए कुछ युवा खिलाड़ी खेल रहे हैं, वहीं अनुभवी प्लेयर्स भी अपनी छाप छोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। पहले ही मैच में भारत के युवा बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल और ऑस्ट्रेलिया के स्टार खिलाड़ी मिचेल स्टार्क आमने सामने आ गए थे। इसे जायसवाल की नादानी ही कहेंगे कि वे स्टार्क जैसे बड़े खिलाड़ी से भिड़ गए। इसके बाद अब तक इसका खामियाजा भुगत रहे हैं। स्टार्क ने जायसवाल को ऐसा जकड़ा कि अभी तक वे इससे निकल ही नहीं पा रहे हैं।
जब जायसवाल ने किया था पर मिचेल स्टार्क कमेंट
दरअसल जब भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला टेस्ट मैच खेला गया तो पहली पारी में तो जायसवाल शून्य पर आउट हो गए थे। लेकिन दूसरी पारी में जायसवाल का बला चला और खूब चला। उन्होंने मुश्किल हालात में 161 रनों की धमाकेदार पारी खेली। जब बल्लेबाज रन बना रहा होता है तो कभी कभी कुछ ज्यादा ही उत्साह में आ जाता है। ऐसा ही जायसवाल के साथ भी हुआ। इसी जोश में जायसवाल ने स्टार्क की एक बॉल को काफी स्लो बोल दिया था। किसी तेज गेंदबाज से कहा जाए कि गेंद काफी धीमी है, तो ये बात उसके दिल पर जाकर लगती है। ऐसा ही शायद स्टार्क के भी साथ हुआ।
जायसवाल के पीछे ही पड़े हुए हैं मिचेल स्टार्क
मिचेल स्टार्क ने शायद उसी वक्त ठान लिया था कि अब जायसवाल को वे अपनी गेंदबाज दिखाएंगे और हो भी कुछ ऐसा ही रहा है। दूसरे टेस्ट की पहली पारी में स्टार्क ने जायसवाल को आउट कर दिया। ये डे नाइट टेस्ट था और जायसवाल स्टार्क की पहली ही बॉल पर आउट होकर पवेलियन लौट गए थे। इसके बाद भी स्टार्क को चैन नहीं मिला। तीसरे टेस्ट की पहली पारी में फिर से स्टार्क ने ही जायसवाल को आउट किया। इस मैच में दो बॉल पर चार ही रन बना पाए थे। मिचेल स्टार्क की पहली बॉल पर जायसवाल ने चौका लगाकर उन पर दबाव बनाने की कोशिश की, लेकिन अगली ही बॉल पर स्टार्क ने उन्हें चारों खाने चित्त कर दिया।
खामोश है यशस्वी जायसवाल का बल्ला
यशस्वी जायसवाल उस 161 रन की पारी के बाद से लेकर अब तक एक भी बार बड़ी पारी नहीं खेल पाए हैं। उम्मीद की जा रही थी कि यशस्वी जायसवाल अब ऑस्ट्रेलिया की कंडीशन को अच्छी तरह से समझ गए होंगे और आने वाले दिनों में बड़ी पारी खेलने में कामयाब होंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। हालांकि अभी भी काफी सीरीज बची हुई है, उसमें देखना होगा कि जब यशस्वी जायसवाल और मिचेल स्टार्क आमने सामने आएंगे तो क्या कुछ होता है।
सप्ताह के पहले कारोबारी दिवस यानी सोमवार को घरेलू शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 100.05 अंक की गिरावट के साथ 24,668.25 के लेवल पर बंद हुआ। इसी तरह, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी बीएसई का बेंचमार्क बीएसई 384.55 अंक टूटकर 81,748.57 के लेवल पर बंद हुआ। निफ्टी पर आईटीएन कंपनी, टीसीएस, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, अदानी पोर्ट्स और बीपीसीएल सबसे ज्यादा लुढ़कने वाले शेयरों के तौर पर उभरे। डॉ रेड्डीज लैब्स, इंडसइंड बैंक, बजाज फाइनेंस, पावर ग्रिड और एचडीएफसी लाइफ में बढ़त रिकॉर्ड की गई।
आईटी, मेटल, ऑयल एंड गैस में गिरावट
खबर के मुताबिक, बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.5-0.5 प्रतिशत की तेजी देखने को मिली। सेक्टर के आधार पर देखें तो रियल्टी इंडेक्स में 3 प्रतिशत, मीडिया इंडेक्स में 1.5 प्रतिशत और पीएसयू बैंक इंडेक्स में 0.5 प्रतिशत की तेजी आई, जबकि आईटी, मेटल, ऑयल एंड गैस में 0.5-1 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। जानकारों के मुताबिक, इस सप्ताह के आखिर में अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दर पर निर्णय लिए जाने से पहले सतर्कता के बीच कमजोर वैश्विक संकेतों के कारण घरेलू शेयर मार्केट इंडेक्स में गिरावट के साथ बंद हुए।
ब्रेंट क्रूड में नरमी
वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 0.75 प्रतिशत गिरकर 73.91 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। बीएसई बेंचमार्क सेंसेक्स शुक्रवार को 843.16 अंक या 1.04 प्रतिशत उछलकर 82,133.12 पर बंद हुआ। निफ्टी 219.60 अंक या 0.89 प्रतिशत चढ़कर 24,768.30 पर बंद हुआ था।
एशियाई बाजार का हाल
एशियाई बाजारों में सियोल, टोक्यो, शंघाई और हांगकांग में गिरावट दर्ज की गई। यूरोपीय बाजार लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। खबर के मुताबिक, वॉल स्ट्रीट में शुक्रवार को गिरावट दर्ज की गई थी। इस बीच, नवंबर में थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति तीन महीने के निचले स्तर 1.89 प्रतिशत पर आ गई, जो खाद्य वस्तुओं के सस्ते होने से कम है। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार शुक्रवार को 2,335.32 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
पूरे साल लोग गेहूं की रोटियां खाते हैं, लेकिन जिस तरह से सीजनल फल और सब्जियां शरीर को फायदा पहुंचाती हैं ठीक वैसे ही सीजनल अनाज हमें फायदा देते हैं। सर्दियों और गर्मियों में आपको अलग-अलग अनाज की रोटियां अपनी डाइट में शामिल करनी चाहिए। वैसे तो पूरे साल हम सभी गेहूं के आटे से बनी रोटियां ही खाते हैं। लंच से लेकर डिनर तक दिन में 2-3 बार रोटियां खाते हैं। ऐसे में किसी भी बीमारी को कंट्रोल करना है तो रोटी में बदलाव करना जरूरी है। जो लोग हाई कोलेस्ट्रॉल के मरीज हैं उन्हें गेहूं की रोटी की बजाय आटे में दूसरे अनाज मिलाकर खाने चाहिए। सर्दियों में गेहूं के आटे में बाजरा का आटा मिलाकर उसकी रोटी बनाकर खाएं। ये रोटी आपके कोलेस्ट्रॉल को सर्दियों मे कंट्रोल रखेंगी।
कोलेस्ट्रॉल को काफी हद तक कंट्रोल…
शरीर में कोलेस्ट्रॉल एक मोम जैसा चिकना और एक पदार्थ होता है, जो लिवर से उत्पन्न होता है। कोलेस्ट्रॉल दो तरह का होता है जिसमें गुड कोलेस्ट्रॉल और बैड कोलेस्ट्रॉल शामिल है। अगर बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ने लगे तो हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी जानलेवा बीमारियों का कारण बन सकता है। डाइट के जरिए बैड कोलेस्ट्रॉल को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। ठंड के मौसम में कोलेस्ट्रॉल काफी बढ़ जाता है। लेकिन अगर आप गेहूं और बाजरा के आटे की मिक्स रोटियां खाते हैं तो इससे कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है।
कोलेस्ट्रॉल घटाने के लिए कौन सी रोटी खाएं
बाजरा को सर्दियों का राजा कहा जाता है। बाजरा के आटे में गेंहू से कहीं ज्यादा पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसीलिए बाजरा को गुणों का खजाना कहते हैं। बाजरा में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं। बाजरा की रोटी शरीर को गर्म रखती है और इसे खाने के बाद काफी देर तक पेट भरा रहता है। कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने के लिए आप 1 कटोरी गेहूं के आटे में 1 कटोरी बाजरा का आटा मिला लें। इस आटे को गूंथ लें और रोटियां बना लें। इस रोटी को पूरी सर्दियों में अपनी डाइट में शामिल रखें। आपका बैड कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल रहेगा।
बाजरा की रोटी खाने के फायदे
वही बाजरा की रोटी खाने से शरीर को भरपूर फाइबर और हेल्दी फैट मिलता है। जिससे खराब कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल किया जा सकता है। बाजरा की रोटी में चूंकि प्रोटीन और फाइबर होता है तो इससे वजन घटाने में मदद मिलती है। ग्लूटेन फ्री होने का कारण वेट लॉस में हेल्प करता है। बाजरा में एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो हार्ट के लिए फायदेमंद होते हैं। बाजरा की रोटी डायबिटीज में भी फायदेमंद होती है। इससे हड्डियों को मजबूती मिलती है।
(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)
यूपी के संभल में मुस्लिम बहुल इलाके में 46 साल पुराने शिव मंदिर का पता चलने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संभल में ही भगवान विष्णु का दसवां अवतार होगा। सीएम योगी ने विधानसभा में कहा कि संभल में भड़काऊ तकरीरों से माहौल खराब हुआ है। उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश पर संभल में सर्वे हो रहा था। डीएम, एसपी शांति से सर्वे कराने गए थे। उन्होंने संभल हिंसा पर विपक्ष को दो टूक कहा कि पत्थरबाजी में शामिल एक भी आरोपी बच नहीं पाएगा। सबको सजा मिलकर रहेगी।
सच खटाखट सामने आया तो विरोधी सफाचट हो गए
विधानसभा में विपक्ष पर हमला बोलते हुए सीएम योगी ने कहा कि जिस संभल हिंसा को लेकर विपक्ष बवाल काट रहे हैं उनके शासनकाल में यहां नरसंहार हुए थे। 815 साम्प्रदयिक दंगे विपक्ष के शासनकाल में संभल हुई थी। 1947 से ही संभल में दंगों का इतिहास रहा है। 1978 में 184 हिंदुओं को जला दिया गया था। क्या विपक्ष ने मुद्दे को कभी उठाया। क्या दोषियों को सजा मिली? हिंदुओं की हत्याओं पर विरोधी क्यों कुछ नहीं बोलते। सच खटाखट सामने आया तो विरोधी सफाचट हो गए। 2017 से लेकर अबतक 99 फीसदी तक हिंसा की घटना में कमी आई है, ये NCRB का डाटा है।
बाबरनामा में लिखा है कि मंदिर को तोड़कर…..
संभल जामा मस्जिद में मंदिर होने के दावे पर सीएम योगी ने कहा, सूर्य, चांद और सत्य को बहुत देर तक छिपा नहीं सकते। ये तो बाबरनामा में भी लिखा गया है कि हर मंदिर को तोड़कर एक ढांचा खड़ा किया गया है। भारत की एक विरासत है,सरकार भी उसी को लेकर कार्य कर रही है। ये केवल सर्वे की बात थी। जिलाधिकारी का जिले का एडमिनिस्ट्रेशन का हेड, इनका दायित्व है कि न्यायालय के आदेशों का पालन करें। सत्य के लिए कहा जा रहा है कि सर्वे हो। जांच चल रही है। दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा।
हम ना बटेंगे और ना कटेंगे – सीएम योगी आदित्यनाथ
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मोहर्रम का जुलूस हिंदू मोहल्ले से सही तरीके से निकलता है लेकिन हिंदुओं का जुलूस मस्जिद के सामने आते ही तनाव होता है। शोभायात्रा पर ही पथराव क्यों होता है। उन्होंने कहा, हम ना बटेंगे और ना कटेंगे। सपा की बांटने और कटवाने की नीति है।
कांग्रेस का एक बार फिर फिलीस्तीन प्रेम दिखाई दिया है। प्रियंका गांधी की एक तस्वीर सामने आई है जिसमें उनके बैग पर “Palestine” लिखा हुआ है। कांग्रेस सांसद ये बैग लेकर संसद पहुंची थी। अब इस बैग पर सियासी घमासान शुरू हो गया है। बीजेपी ने प्रियंका गांधी पर हमला किया है। केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल ने कहा कि प्रियंका मुस्लिम वोट के तुष्टिकरण के लिए फिलिस्तीन लिखा बैग लेकर आई हैं।
फिलिस्तीन के समर्थन में नजर आईं प्रियंका
इस बैग के जरिए एक बार फिर प्रियंका गांधी वाड्रा फिलिस्तीन के समर्थन में नजर आई हैं। बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं कि प्रियंका गांधी वाड्रा ने फिलिस्तीन का समर्थन किया है। हाल ही में भारत में आए फिलिस्तीन के राजदूत Abed Elrazeg Abu Jazer से उन्होंने मुलाकात की थी। फिलिस्तीनी राजदूत ने प्रियंका को वायनाड लोकसभा चुनाव में जीत की बधाई दी थी।
प्रियंका ने इजराइल पर साधा था निशाना
इस साल अक्टूबर में हमास और इजराइल के बीच शुरू हुई जंग को एक साल पूरे होने पर भी प्रियंका गांधी वाड्रा ने इजराइल पर निशाना साधा था। गाजा में बढ़ती मौतों के बीच प्रियंका ने इजराइल पर हमला बोला था। कांग्रेस सांसद ने कहा था, ”गाजा में 7,000 लोगों की हत्या के बाद भी और हिंसा का सिलसिला नहीं रुका है। इन 7,000 लोगों में से 3,000 मासूम बच्चे थे।” वायनाड में चुनाव लड़ते समय भी लगातार प्रियंका गांधी ने फिलिस्तीन का मुद्दा उठाया है।
यूपी के संभल से एक बड़ी खबर सामने आई है। यहां 46 साल बाद शिव मंदिर के कपाट खुले हैं, जिसके बाद यहां साफ-सफाई का काम पूरा किया गया है और हिंदुओं ने पूजा-अर्चना शुरू कर दी है। इस मौके पर हर-हर महादेव के जयकारों से पूरा आसमान गूंज उठा। बता दें कि ये शिव मंदिर सपा सांसद ज़ियाउर्रहमान बर्क के घर से कुछ ही दूरी पर स्थित है। मामला नखासा थाना इलाके के मोहल्ला ख़ग्गू सराय का है।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल संभल प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए शिव मंदिर के दरवाजे खुलवाए, जोकि 46 साल बाद हो पाया है। यह मंदिर उसी इलाके में है, जहां हिंसा हुई थी और लंबे समय से बंद था। मंदिर के दरवाजे खुलने के बाद पुलिसकर्मियों ने खुदही शिवलिंग और अन्य देवी देवताओं की मूर्तियां साफ कीं। नगर हिन्दू सभा के संरक्षक विष्णु शरण रस्तोगी का दावा है कि 1978 के बाद मंदिर को दोबारा खोला गया है।
संभल में 46 साल बाद ऐतिहासिक क्षण, मिला शिव मंदिर
संभल की एसडीएम का बयान आया सामने
इस मामले में संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा का बयान भी सामने आया था। उन्होंने कहा था कि जब हम बिजली चोरी के खिलाफ अभियान चला रहे थे तो हमें एक मंदिर मिला। इलाके के लोगों ने बताया कि मंदिर 1978 से बंद है। मंदिर को खोल दिया गया है और साफ-सफाई की गई है। मंदिर पर से अतिक्रमण हटाया जाएगा।वहीं, एडिशनल एसपी श्रीश चंद्र ने कहा कि हमें मंदिर के सामने एक प्राचीन कुएं के बारे में जानकारी मिली थी। खुदाई करने पर क्षेत्र में एक कुआं मिला है।
संभल में क्यों हुई थी हिंसा
संभल में हिंदू पक्ष ने अदालत में याचिका दायर कर दावा किया था कि शाही मस्जिद जिस जगह पर बनी है, वह जमीन मंदिर की है। इस आधार पर अदालत ने मस्जिद का सर्वे कराने का आदेश दिया। जब दूसरे दिन सर्वे करने वाली टीम पहुंची तो उग्र भीड़ ने उनका विरोध किया। इस दौरान हुई हिंसा में कई लोग मारे गए।
आज मैं आपको बड़े दुखी मन से 34 साल के एक नौजवान की दर्दनाक आत्महत्या के बारे में बताना चाहता हूं। इस सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने अपनी पत्नी द्वारा दर्ज किए गए झूठे मामलों और 3 करोड़ रुपये की मांग से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। ये केस मिसाल है कि हमारा दहेज विरोधी कानून कितना क्रूर है, कैसे इसका दुरुपयोग हो सकता है और कैसे इस अंधे कानून ने एक नौजवान और उसके पूरे परिवार को बर्बाद कर दिया। वो कोर्ट के चक्कर लगा लगाकर थक गया। पुलिस के आगे हाथ जोड़-जोड़ कर रोता रहा और जब इंसाफ की कोई उम्मीद नहीं बची तो उसने फांसी लगाकर जान दे दी।
अतुल ने लिखा 24 पन्नों का सुसाइड नोट
मौत को गले लगाने से पहले अतुल ने 24 पन्नों का नोट लिखा। फिर डेढ़ घंटे का वीडियो बनाया। अपनी पूरी दास्तां बताई, अपनी आखिरी इच्छा बताई, फिर दीवार पर लिखकर चिपकाया कि Justice Is Due और फांसी लगाकर जान दे दी। अतुल सुभाष ने अपने सुसाइड नोट में जो लिखा, अपने आखिरी वीडियो में जो कहा, वो आपके रोंगटे खड़े कर देगा। अतुल सॉफ्टवेयर इंजीनियर था, बेंगलुरु में अच्छी नौकरी थी, अच्छी सैलरी थी, लेकिन पिछले तीन साल में पत्नी से अनबन के चलते बात कोर्ट तक पहुंची। दहेज विरोधी कानून के तहत मामला दर्ज हुआ। फिर एक के बाद एक 9 केस दर्ज हो गए।
अतुल पेशी के लिए चक्कर काट-काट कर था परेशान
जबकि अतुल कोर्ट में पेशी के लिए बैंगलूरू से जौनपुर के चक्कर काट-काट कर परेशान हो गया, माता-पिता और भाई भी मुकदमों में फंस गए। समझौते के लिए पत्नी ने तीन करोड़ रुपये मांगे। अदालत से इंसाफ के बजाय तारीख पर तारीख मिलती रही। अतुल सिस्टम से इतना परेशान हो गया कि उसने जिंदगी की बजाय मौत को चुना।
अतुल की मौत ने लगाए न्याय व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न
वही अतुल की मौत ने फिर दहेज कानून पर सवाल खड़े कर दिए। हमारी न्याय व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न लगा दिए। ये सच है कि जिंदगी से जरूरी कुछ नहीं, मौत किसी समस्या का निदान नहीं। लेकिन अतुल की मौत ने सबको सोचने के लिए मजबूर कर दिया। आत्महत्या करने से पहले अतुल ने सुसाइड नोट लिखा, अपना वीडियो अपलोड किया, अपने केस से जुड़े ई-मेल अपने जानने वालों को, एक एनजीओ को भेजे। इसके साथ-साथ हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट को भी मेल भेजकर अपनी पूरी दास्तां बताई।
मुसीबतों से निजात का एक ही रास्ता है ख़ुदकुशी – अतुल सुभाष
अतुल ने लिखा कि वह अपनी पत्नी निकिता सिंघानिया और उनके परिवार से तंग आ गए हैं। कोर्ट से भी न्याय के बजाय तारीख पर तारीख मिल रही है। अतुल ने सुसाइड नोट में लिखा कि उनके खिलाफ मुकदमेबाजी में उनके मां-बाप और भाई भी पिस रहे हैं। इन मुसीबतों से निजात का एक ही रास्ता है, ख़ुदकुशी। अतुल की पत्नी दिल्ली में रहती है, सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। पत्नी ने अतुल के खिलाफ IPC दफा 498 के साथ साथ कई दूसरी धाराओं में अलग-अलग 9 केस जौनपुर में फाइल किए।
पूरे परिवार को झूठे केस में फंसा दिया
अतुल ने अपने वीडियो में कहा कि पिछले दो साल में कोर्ट में 120 से भी ज़्यादा तारीखें लग चुकी हैं। उन्हें साल में सिर्फ 23 छुट्टी मिलती है। लेकिन वह कोर्ट में पेशी के लिए बैंगलूरू से जौनपुर के 40 चक्कर लगा चुका है। अतुल ने कहा कि उनकी पत्नी ने उसके पूरे परिवार को झूठे केस में फंसा दिया है। दहेज प्रताड़ना के अलावा मारपीट, धमकी, और तो और अपने पिता की हत्या का केस भी कर रखा है। अतुल ने कहा कि पत्नी चार साल के बेटे से मिलाने के एवज में भी 30 लाख रुपये की मांग कर रही है। वो न माता-पिता और भाई को कोर्ट के चक्कर लगाते हुए देख सकते हैं, न अपने बच्चे से दूर रह सकते हैं और न ही इतना पैसा दे सकते हैं। इसलिए मुक्ति का एक ही रास्ता है कि वो अपनी जान दे दें।
निशा सिंघानिया के बारे में लिखा …….
अपने सुसाइड नोट में अतुल ने अपनी सास निशा सिंघानिया के बारे में लिखा है। अतुल ने लिखा है कि उनकी सास ने पूछा कि तुमने अब तक सुसाइड क्यों नहीं किया ? इसके जवाब में अतुल ने कहा कि अगर वो मर गए, तो आप लोगों की पार्टी कैसे चलेगी ? अतुल ने सुसाइड नोट में लिखा कि इसके बाद उनकी सास ने कहा कि पार्टी तब भी चलेगी, तेरा बाप पैसे देगा, पति के मरने के बाद सब पत्नी का होता है। अपने वीडियो में अतुल ने सास की इसी बात को अपनी आत्महत्या का सबसे बड़ा कारण बताया और कहा कि उनके दिए पैसों से ही सारा खेल चल रहा है।
वीडियो में बताईं अपनी आख़िरी इच्छा
अतुल ने वीडियो में अपनी आख़िरी इच्छा बताईं और अपने परिवार के लोगों को सलाह दी कि वो उसकी पत्नी निकिता सिंघानिया या उनके परिवार के सदस्यों से कभी भी कैमरे के बगैर या दो चार लोगों को साथ लिए बिना न मिलें, वरना वो कोई नया इल्ज़ाम लगा देंगे। अतुल सुभाष ने कहा कि मरने के बाद उनकी पत्नी और उसके परिवार के किसी सदस्य को उनके पार्थिव शरीर के आस-पास भी न आने दिया जाए। अतुल ने अपने वीडियो में निचले स्तर की न्यायपालिका के काम-काज पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने जिन पांच लोगों को अपनी मौत का ज़िम्मेदार ठहराया, उनमें पहला नाम जौनपुर की फैमिली कोर्ट की लेडी जज का भी है।
फैमिली कोर्ट की जज भी करती है परेशान
अतुल सुभाष का इल्ज़ाम है कि फैमिली कोर्ट की जज उनको परेशान करने में पत्नी और उसके परिवार का साथ देती हैं। उन्होंने मामला सेटल करने के बदले में पैसे मांगे थे। कोर्ट के क्लर्क भी पैसे लेकर ऐसी तारीख़ें लगाते थे, जिससे वो परेशान हों। अतुल ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि कम से कम आत्महत्या के बाद उनके परिवार को इंसाफ़ मिलेगा। अतुल ने अपने आखिरी वीडियो में कहा कि अगर उनकी मौत के बाद भी जज और कोर्ट के भ्रष्ट कर्मचारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई न हो, तो उनकी अस्थियों को कोर्ट के बाहर नाली में बहा दिया जाए।
दहेज विरोधी क़ानून के दुरुपयोग पर जताई चिंता
अतुल का ये कथन हमारे सिस्टम पर करारा प्रहार है। ये संयोग है कि मंगलवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने भी दहेज विरोधी क़ानून के दुरुपयोग पर चिंता जताई। जस्टिस बीवी नागरत्ना और एन कोटिश्वर सिंह ने कहा कि महिलाओं को दहेज उत्पीड़न से बचाने के लिए IPC में दफा 498A जोड़ी गई थी, लेकिन अब इस क़ानून का इस्तेमाल पति के साथ-साथ उसके परिवार को फंसाने के लिए ज़्यादा होने लगा है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब घरेलू विवाद बढ़ जाते हैं, तो अक्सर ये देखा जाता है कि पत्नी और उसके परिवार वाले पति के पूरे परिवार के ख़िलाफ़ मुक़दमा कर देते हैं ताकि पति से अपनी मांगें मनवाई जा सकें। सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालतों को सलाह दी कि वो दहेज मामलों में बहुत सावधानी से काम लें, पत्नी अगर अपने पति के पूरे परिवार के ख़िलाफ़ इल्ज़ाम लगाए, तो ऐसे मामलों की बारीक़ी से पड़ताल करें।
महिलाओं ने ‘लीगल टेरर’ मचा रखा
सुलह समझौता कराने के लिए हर जिले में एक परिवार कल्याण कमेटी होनी चाहिए, लेकिन कुछ नहीं हुआ। कोर्ट के दो फैसले ऐसे हैं जिन्हें यहां बताने की जरूरत हैं। कलकत्ता हाई कोर्ट ने कहा था कि धारा 498A का दुरुपयोग करके महिलाओं ने ‘लीगल टेरर’ (कानूनी आतंक) मचा रखा है और इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा था कि ‘शादी विवाह से जुड़े हर मामले’ दहेज से संबंधित उत्पीड़न के आरोपों के साथ बढ़ा-चढ़ा कर पेश किए जा रहे हैं। अगर इसका दुरुपयोग ऐसे ही जारी रहा तो ये विवाह संस्था को ‘बिल्कुल ख़त्म’ कर देगा।
अदालतों की चेतावनी के बावजूद ये कानून जैसा का तैसा
अदालतों की इतनी बड़ी चेतावनी के बावजूद आज भी ये कानून जैसा का तैसा है और हजारों परिवार बर्बाद हो चुके हैं। हजारों बूढ़े मां-बाप जेल में बंद हैं। न्याय की कोई उम्मीद नहीं है। अतुल का केस इसी त्रासदी की तरफ इशारा करता है। उसकी मां हाथ जोड़कर इंसाफ मांग रही है लेकिन ये कानून इतना सख्त है कि कोई भी पत्नी इसका इस्तेमाल करके अपने पति को प्रताड़ित कर सकती है, आत्महत्या करने के लिए मजबूर कर सकती है। इसीलिए अगर अतुल सुभाष की मौत से कोई सबक लेना है तो वो यही होगा कि इस कानून को ऐसा बनाया जाए कि कोई इसका दुरुपयोग न कर सके।
आए दिन रील की वजह से कोई ना कोई घटनाएं होती रहती हैं। रील ने लोगों को अंदर से खोंखला कर दिया है। कई बार तो लोग रील बनाने के जुनून में ऐसी हरकतें कर बैठते हैं, जिसका मलाल उन्हें जीवन भर होता है। ऐसे लोग न केवल अपनी बल्कि दूसरों की जान को भी खतरे में डाल देते हैं। लोग रील के नशे में यह भूल जाते हैं कि उनके साथ कई लोगों की जिंदगियां जुड़ी हुई हैं।
लेकिन उनका मकसद बस इतना होता है कि कैसे भी कर के उनकी रील सोशल मीडिया पर वायरल हो जाए और वे रातों-रात फेमस हो जाएं। ऐसे में कई बार रील बनाने का यह जुनून लोगों के असल जीवन की जिम्मेदारियों से बेखबर कर देता है और वे अपनी रील की दुनिया में ही खोए रह जाते हैं।
खुद की गलती मान दूसरों को सीख लेने की दी सलाह
लापरवाही भरे काम करने वाली महिला ने इस वीडियो को खुद के इंस्टाग्राम हैंडल पर शेयर किया है। महिला के इंस्टाग्राम प्रोफाइल पर नजर दौड़ाने पर पता चला कि उनका नाम कंचन डोगरा नेगी है, तो एक प्रतिषठित न्यूज चैनल में एंकर है। महिला ने वीडियो को शेयर करते हुए वीडियो का टाइटल लिखा है- “छोटी सी गलती से बड़ा सबक लिया है, कभी-कभी बच्चे ज्यादा समझदारी दिखा जाते हैं।
बेपरवाह मां की लापरवाही
हाल ही में एक ऐसी ही घटना देखने को मिली, जहां रील बना रही एक बेपरवाह मां की लापरवाही इतनी भारी पड़ती है कि उसकी बच्ची की जान पर बन आती है। अगर समय रहते रील बनाने में मशगूल महिला का ध्यान उसकी तरफ नहीं जाता तो कुछ भी अनर्थ हो सकता था। वो तो भला हो उसके नन्हे से बच्चे का जो अपनी बहन की जान खतरे में देख अपनी मां को इशारा करता है। नहीं तो जरा सी देर होती और बच्ची की जान पर आफत में पड़ जाती। इस पूरे मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर इन दिनों जमकर वायरल हो रहा है।
मां रील बनाने में मस्त, बेटी की जान पर बन आई आफत
वीडियो में देखा जा सकता है कि एक महिला हाईवे के किनारे जमीन पर कैमरा रखकर डांस करते हुए रील बना रही है। उसके हाथ में एक और कैमरा है, जिससे वह अलग-अलग एंगल से डांस करते हुए खुद को फिल्मा रही है। रील बनाने में मस्त मां अपने बच्चों से इतनी बेखबर हो जाती है कि उसका ध्यान उन पर ही नहीं होता, जो उसके लिए बेशकीमती हैं।
वीडियो में देखा जा सकता है कि महिला के बैकग्राउंड में सफेद जैकेट पहनी एक नन्ही बच्ची सड़क हाईवे की सड़क को पार कर रही है। इस दौरान, काली जैकेट पहना उसका बेटा महिला के पास आता है और उसे इशारे से बताता है कि उसकी बहन हाईवे की सड़क की ओर चली जा रही है। जब महिला का ध्यान उस तरफ जाता है तब उसके होश ही उड़ जाते हैं। महिला तुरंत कैमरा छोड़कर अपनी बच्ची की ओर दौड़ती है और उसे पकड़कर वापस ले आती है।
सुप्रीम कोर्ट में ‘प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट, 1991’ के कुछ प्रावधानों की वैधता को चुनौती देने वाली जनहित याचिकाओं की सुनवाई से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा है कि जब तक इस मामले पर केंद्र सरकार का जवाब दाखिल नहीं हो जाता, तब तक इस पर सुनवाई नहीं होगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अब तक जवाब दाखिल नहीं किया है, जिसके बाद सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि जवाब जल्द दाखिल किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि अगली सुनवाई तक नई याचिका दायर की जा सकती है लेकिन उन्हें रजिस्टर नहीं किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की उस मांग को ठुकरा दिया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि देश की अलग-अलग अदालतों में इससे जुड़े जो मामले चल रहे है। उनकी सुनवाई पर रोक लगाई जाए।
सुप्रीम कोर्ट दायर है कई याचिकाएं
बता दें कि ‘प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट’ कहता है कि 15 अगस्त 1947 को विद्यमान उपासना स्थलों का धार्मिक स्वरूप वैसा ही बना रहेगा, जैसा वह उस दिन था। यह किसी धार्मिक स्थल पर फिर से दावा करने या उसके स्वरूप में बदलाव के लिए वाद दायर करने पर रोक लगाता है।
बता दें कि इस बारें में सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं लंबित हैं। जिनमें से एक याचिका अश्विनी उपाध्याय ने दायर की है। सुप्रीम के वकील अश्विनी उपाध्याय ने उपासना स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 की धाराओं 2, 3 और 4 को रद्द किए जाने का अनुरोध किया है। उन्होंने अपनी याचिका में दिए गए तर्कों में से एक तर्क यह है कि ये प्रावधान किसी व्यक्ति या धार्मिक समूह के पूजा स्थल पर दोबारा दावा करने के न्यायिक समाधान के अधिकार को छीन लेते हैं।
सुप्रीम कोर्ट का केंद्र सरकार को 4 हफ्ते का समय
चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने केंद्र को जवाब दाखिल करने के लिए 4 हफ्ते का समय दिया और कहा कि केंद्र के जवाब दाखिल करने के बाद जिन्हें जवाब दाखिल करना हो वे 4 हफ्ते में जवाब दाखिल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम केंद्र के जवाब के बिना फैसला नहीं कर पाएंगे और हम केंद्र सरकार का इस मामले में पक्ष जानना चाहते हैं।
बता दें कि इस मामले की सुनवाई विभिन्न अदालतों में दायर कई मुकदमों की पृष्ठभूमि में होगी। जिनमें वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद, मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद और संभल में शाही जामा मस्जिद से जुड़े मुकदमे शामिल हैं। चीफ जस्टिस ने यह भी कहा कि विभिन्न कोर्ट जो ऐसे मामलों में सुनवाई कर रही हैं। वे सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई तक कोई भी अंतिम आदेश जारी नहीं करेंगी और न ही सर्वे पर कोई आदेश देंगी।