Thursday, December 26, 2024
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3 Feet Gaddhe Me Dafan Ki Ja Rahin Lashein , Sankraman Ka Badh Sakta Hai Khatra

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उत्तर प्रदेश में कोरोना का संक्रमण लगातार गंभीर होता जा रहा है और तेजी के साथ आंकड़े बढ़ रहे हैं वही सरकार दावा कर रही है कि सारी व्यवस्थाएं ठीक से काम कर रही है लेकिन ग्राउंड से अस्पतालों और कोविड मरीजों की जो तस्वीर सामने आ रही है वह डरावनी है ज्यादातर मौतें हैं ऑक्सीजन ना मिल पाने के कारण हो रहे हैं क्योंकि मरीजों की संख्या इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि सरकार के लिए ऑक्सीजन उपलब्ध कराना कठिन हो गया है 3 Feet Gaddhe Me Dafan

इन दिनों कई बड़े जिलों के शवदाह ग्रहों में जल रही चिताओं की संख्या सरकारी आंकड़ों को झुठला रहे हैं लेकिन कानपुर में तो रिकॉर्ड स्थापित हो रहा है यहां 1 दिन में रिकॉर्ड 476 शवों का अंतिम संस्कार किया गया सामान्य दिनों में इन घाटों पर 90 से 100 शवों का अंतिम संस्कार होता है लेकिन एकाएक 4 गुना तक बड़ी शवों की संख्या से स्थिति नियंत्रण में नहीं दिख रही है महज 3 फीट की गहराई में लोग शव को दफन कर रहे हैं

कानपुर और उन्नाव के शुक्लागंज में गंगा किनारे का हाल काफी डरावना हो गया है यहां हर दूसरे कदम पर एक शव को दफन किया गया है अगर गंगा का जलस्तर थोड़ा भी बढ़ा तो सैकड़ों हजारों शव बहते हुए नदी में मिल जाएंगे कुछ लोगों का कहना है कि यदि शव इसी तरह नदी में मिल जाएंगे तो आम जनता के लिए संक्रमण के फैलने का खतरा बढ़ सकता है क्योंकि करोड़ों लोगों के घरों में गंगा का यही पानी सप्लाई होता है

कई लोगों को मजबूरी में बदलनी पड़ रही है हिंदू परंपरा
3 Feet Gaddhe Me Dafan

कोरोना महामारी के इस काल ने लोगों को हिंदू परंपरा भी बदलने से मजबूर कर दिया है क्योंकि कोरोना महामारी से मौतों का आंकड़ा इतना बढ़ गया है कि शवों को जलाने के लिए लकड़ियां तक नसीब नहीं हो पा रही है ऐसे में लोग शवों को दफना कर वापस अपने घर लौट रहे हैं इससे यह साफ पता चलता है कि कोरोना संक्रमण ने लोगों को अपनी परंपरा बदलने के लिए मजबूर कर दिया है

गंगा किनारे शवों को दफन करने वालों ने बताया कि शवों को चिता पर आग देने की अपेक्षा दफन करना ज्यादा सस्ता पड़ रहा है क्योंकि मौतों की बढ़ती  संख्या देखते हुए चिताओं को जलाने के लिए लकड़ियां भी उतनी ही महंगी हो चुकी हैं की लोगों को चिता पर आग देने की अपेक्षा दफन करना ज्यादा सस्ता पड़ रहा है इसलिए भी बड़ी संख्या में लोग शवों को दफन कर रहे हैं बताया जा रहा है कि इन लाशों को दफन करने के साथ ही कब्र में नमक भी डाल दिया जाता है 3 Feet Gaddhe Me Dafan

लखनऊ नगर निगम के सूत्रों ने बताया कि यहां 10000000 रुपए की लागत से करीब 16500 क्विंटल से ज्यादा की लकड़ी बैकुंठधाम गुलाला घाट और काला पहाड़ जैसे शमशानो पर आ चुकी है इसके अलावा कई जगहों पर पार्षदों ने खुद लकड़ी उपलब्ध कराई है नगर निगमों की रिपोर्ट पर गौर करें तो अकेले लखनऊ और कानपुर में करीब 25000 क्विंटल लकड़ी खरीदी जा चुकी है दोनों शहरों को मिलाकर 5500 से ज्यादा लोगों का अंतिम संस्कार अब तक किया जा चुका है

Written By  : Geeta

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