Saturday, November 23, 2024
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भाजपा नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी हत्याकांड के आरोपी की गोली मारकर हत्या

यूपी की राजधानी लखनऊ से बड़ी खबर सामने आई है। लखनऊ कचहरी में संजीव जीवा नाम के शख्स की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। संजीव जीवा को माफिया मुख्तार अंसारी का करीबी माना जाता था। संजीव जीवा यूपी के पूर्व ऊर्जा मंत्री और बीजेपी के कद्दावर नेता रहे ब्रह्मदत्त द्विवेदी के हत्याकांड का आरोपी था।

इस गोलीबारी में एक बच्ची और पुलिसकर्मी भी घायल हैं। हमलावर वकील के कपड़ों में आए थे। लखनऊ दीवानी न्यायालय में ये शूटआउट हुआ है। इस घटना में पुलिस ने एक हमलावर को गिरफ्तार कर लिया है। हमलावर वकील की ड्रेस में थे और कोर्ट परिसर के बाहर वारदात को अंजाम दिया है। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है। गैंगस्टर संजीव पूर्वांचल के भाजपा विधायक ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या के मामले में आरोपी था।

कानून व्यवस्था की खुली पोल

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लखनऊ कोर्ट में हुई हत्या पर कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था का बुरा हाल है। प्रदेश में नियमित डीजीपी तक नहीं है। कार्यवाहक डीजीपी से काम चलाया जा रहा है। ऐसा तीसरी बार हुआ जब कार्यवाहक डीजीपी बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि क्या दिल्ली और लखनऊ का इंजन टकरा रहा है। लखनऊ में महिलाएं असुरक्षित हैं। हर जिले में महिलाओं के साथ घटनाएं हो रही हैं।

उन्होंने कहा कि नोएडा में महिला वकील की हत्या हुई है। कन्नौज के सांसद चौकी में घुस कर पुलिस को पीट रहे हैं। कचहरी में हत्याएं हो रही हैं। सवाल यह नहीं है कि कौन मरा है सवाल ये है कि कहां मारा जा रहा है। कोर्ट में हत्या होना कानून व्यवस्था की पोल खोलता है। भाजपा के लोगों ने मंदिर में मांस रखवाया था। जिसकी वजह सं दंगा हुआ था।

कौन है संजीव जीवा, जिसकी हत्या हुई

संजीव जीवा वेस्ट यूपी का एक कुख्यात अपराधी था, जो कभी कंपाउंडर हुआ करता था। उसने एक बार अपने ही मालिक का किडनैप कर लिया था। पश्चिमी यूपी का कुख्यात अपराधी संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा फिलहाल लखनऊ की जेल में बंद था। हाल ही में प्रशासन द्वारा उसकी संपत्ति भी कुर्क की गई थी।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश का पश्चिमी हिस्सा जितना खेती-किसानी के लिए प्रख्यात है, उतना ही गैंगस्टर और अपराधियों के लिए कुख्यात रहा है। भाटी गैंग, बदन सिंह बद्दो, मुकीम काला गैंग और न जाने कितने अपराधियों के बीच संजीव माहेश्वरी का भी नाम जुर्म की दुनिया में पनपा। 90 के दशक में संजीव माहेश्वरी ने अपना खौफ पैदा शुरू किया, फिर धीरे-धीरे वह पुलिस व आम जनता के लिए सिर दर्द बनता चला गया।

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