Wednesday, November 13, 2024
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गल गए 42 लाख के नोट,पीएनबी बैंक अधिकारियो ने नहीं लगने दी भनक

कानपुर में पंजाब नेशनल बैंक की पांडु नगर शाखा की करेंसी चेस्ट में रखे 42 लाख रुपये सीलन से गल गए | उत्तर प्रदेश में पीएनबी बैंक के एक शाखा की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। पीएनबी बैंक के आला अधिकारियों ने किसी को इस मामले की भनक तक नहीं लगने दी | लेकिन जुलाई के अंत में आरबीआई ने जब करेंसी चेस्ट का ऑडिट किया, तो मामला सामने आ गया। ऑडिट में यह रकम इतनी बड़ी नहीं थी। बाद में गिनती कराई गई तो 42 लाख रुपये की करेंसी नोट के सीलन से गलने का खुलासा हुआ। इस मामले में पीएनबी बैंक के वरिष्ठ प्रबंधक करेंसी चेस्ट देवी शंकर सहित 4 अफसरों को सस्पेंड किया गया है। इनमें से तीन अफसर हाल में तबादला होकर यहां आए थे।

पीएनबी बैंक अफसर इस बाबत कुछ बोलने से बच रहे हैं लेकिन रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट में नोट सड़ने का खुलासा कर दिया गया है। आरबीआई के अफसरों ने 25 जुलाई से 29 जुलाई 2022 तक शाखा की करेंसी चेस्ट का निरीक्षण किया था। इसके बाद उन्होंने 14,74,500 रुपये कम होने तथा अधिकतम और न्यूनतम रकम में 10 लाख का अंतर होने की रिपोर्ट दी थी। सूत्रों के अनुसार, इसके बाद हफ्तों नोटों की गिनती कराई गई। इसमें पता चला कि 42 लाख रुपये के नोट गल गए हैं। मामले में देवी शंकर, वरिष्ठ प्रबंधक करेंसी चेस्ट को सस्पेंड किया गया है। वे तबादला होकर 25 जुलाई को ही आए थे जबकि चेस्ट में रुपये के गलने की घटना इसके पहले की है। इसके अलावा तीन अन्य अफसर भी सस्पेंड किए गए।

पीएनबी बैंक का चार्ज संभाला

इनमें से भी दो ने इसी साल जून और जुलाई में पीएनबी बैंक का चार्ज संभाला था। इनमें छह जून 2022 को रिपोर्ट करने वाले प्रबंधक करेंसी चेस्ट आशा राम और जून 2022 में करेंसी चेस्ट जवाहर नगर, उन्नाव से स्थानांतरित होकर आए वरिष्ठ प्रबंधक भास्कर कुमार शामिल हैं। राकेश कुमार, अधिकारी करेंसी चेस्ट ने ही 16 जुलाई 2020 को यहां आए थे। यह बताना भी जरूरी है कि निलंबन से पहले देवी शंकर का जवाहर नगर उन्नाव, आशा राम को गांधी नगर कानपुर, राकेश कुमार को शाखा पौथिया और भास्कर कुमार भार्गव को उन्नाव स्थानांतरण किया गया था।

आरबीआई की रिपोर्ट हुआ खुलासा

आरबीआई के अफसरों ने 25 जुलाई से 29 जुलाई 2022 तक पीएनबी बैंक शाखा की करेंसी चेस्ट की चेकिंग की थी। इसके बाद उन्होंने 14,74,500 रुपये कम होने और अधिकतम और न्यूनतम रकम में 10 लाख का अंतर होने की रिपोर्ट दी थी। साथ ही 10 रुपये के 79 बंडल और 20 रुपये के 49 बंडल खराब होने की जानकारी दी थी। सूत्रों के अनुसार, हफ्तों बाद नोटों की गिनती कराई गई। इसमें पता चला कि 42 लाख रुपये के नोट गल गए हैं। मामले में देवी शंकर, वरिष्ठ प्रबंधक करेंसी चेस्ट को सस्पेंड किया गया है। वे तबादला होकर 25 जुलाई को ही आए थे जबकि चेस्ट में रुपये के गलने की घटना इसके पहले की है। सूत्रों के मुताबिक, इसके अलावा तीन अन्य अफसर भी सस्पेंड किए गए। इनमें से भी 2 ने इसी साल जून और जुलाई में बैंक में चार्ज संभाला था।

क्षमता से दोगुनी ज्यादा रकम भरी गई

पांडुनगर में पीएनबी बैंक की शाखा में ही मुख्य करेंसी चेस्ट है। बैंक सूत्रों के मुताबिक चेस्ट में क्षमता से दोगुनी ज्यादा रकम भरी है। इस वजह से कैश रखने के निर्धारित मापदंडों का पालन नहीं किया गया। करीब तीन महीने पहले फर्श में रखे बॉक्स में पानी चला गया और सीलन की वजह से नीचे रखे नोट सड़ गए। आरबीआई ने हाल में इस चेस्ट का निरीक्षण किया तो नोट सड़े मिले। तभी से सड़ गए नोटों की वास्तविक संख्या जानने के लिए जांच चल रही थी। शुरुआती गिनती में बैंक को मामला दो-चार लाख का ही लगा लेकिन गिनती खत्म होते-होते यह रकम 42 लाख तक पहुंच गई।

पीएनबी बैंक में इसलिए सड़ गए नोट

करेंसी चेस्ट में नोटों को बक्सों में ही भरकर जगह-जगह रख दिया गया। पीएनबी बैंक में बड़ी तिजोरी में नोट नहीं रखे गए। पांडु नगर चेस्ट करेंसी अंडरग्राउंड है। यहां पर कंक्रीट से दीवार बनी है। सूत्रों ने बताया कि नया कैश आता रहा होगा और पुराने बक्से पीछे खिसकाए जाते रहे। ज्यादा समय हो जाने और जगह-जगह नमी होने की वजह से 42 लाख के नोट गल गए।

क्लीन करेंसी पर उठे सवाल

जानकारों के मुताबिक यदि नोट खराब होते हैं तो आरबीआई के नियमों के मुताबिक उन्हें नष्ट किया जाता है और नई करेंसी जारी की जाती है। इस मामले में हर नियम की अनदेखी की गई। नोटों के बक्सों को जमीन पर रखा गया। क्षमता से ज्यादा नोटों के बक्से रखे गए। नोट सड़ने से यह संकेत मिलते हैं कि चेस्ट में नोटों की नियमित गिनती नहीं होती है।

वरिष्ठ अधिकारी संदेह के घेरे में

करेंसी चेस्ट के निरीक्षण के लिए आरबीआई ने नियम तय किए हैं। पीएनबी बैंक के चेस्ट शाखा चीफ मैनेजर को महीने में एक बार करेंसी चेस्ट का निरीक्षण करना अनिवार्य है। बैंक कर्मी सवाल उठा रहे हैं कि तत्कालीन चीफ मैनेजर सर्वेश सिंह पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई ? इसी तरह पीएनबी बैंक के सर्किल हेड की भी जिम्मेदारी है कि वह चेस्ट का तिमाही या छमाही निरीक्षण करें। उन पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। आरबीआई की करेंसी चेस्ट ऑडिट रिपोर्ट में 18 वें बिंदु पर नोट सड़ने और उनके अगणनीय होने का जिक्र किया गया है।

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