Thursday, June 19, 2025
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सपा नेता गौरव जैन ने प्रधानमंत्री मोदी पर नामीबिया से लाये चीतों पर की तल्क टिप्पड़ी

समाजवादी लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय प्रवक्ता व विधानपरिषद के प्रत्याशी रहे सपा नेता गौरव जैन ने प्रधानमंत्री मोदी पर तल्क टिप्पड़ी की है | नामीबिया की राजधानी होसिया से 8 चीते लाए गए है | कूनो के पालपुर राष्ट्रीय उद्यान जो मध्य प्रदेश में 748 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। 8 चीते इसी राष्ट्रीय उद्यान में रखे गए है। इनके खाने के तौर पर चीतल हिरण, चार सींग वाला मृग, सांभर और नीलगाय के बच्चे का इंतजाम किया गया है | समाजवादी लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय प्रवक्ता व विधानपरिषद के प्रत्याशी रहे गौरव जैन ने अपना रोष प्रकट करते हुए प्रधानमंत्री मोदी पर तीखा हमला किया | वही सपा नेता गौरव जैन ने आक्रामक रवैया अपनाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी के नतृत्व वाली भाजपा सरकार ने बिल्ली के जैसे मिलते जुलते कुछ चीते छुड़वायें है |

उन चीतों के लिये मेरे देश के मासूम 180 हिरणों चीतलों को उनका निवाला बनाने हेतु छोड़ा गया है | हम अहिंसावादी जैन लोग इसकी कड़ी निंदा करते हैं क्या ऐसा कृत्य सिर्फ अपनी राजनीति को चमकाने के लिये किया जाना जायज है ?सपा नेता गौरव जैन ने कहा कि शिकार करना एक परंपरा हो सकती है लेकिन जान बूझकर एक जीव को दूसरे जीव का निवाला बना देना हिंसा ही कहलाएगी | आज अहिंसावादीयो के मनो से जो दुःख व चीत्कार निकल रही है वह खाली नही जाएगी |

गोमाता का नाम लेकर….

समाजवादी लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय प्रवक्ता व विधानपरिषद के प्रत्याशी रहे सपा नेता गौरव जैन ने कहा जो भाजपा आज गोमाता का नाम लेकर सरकार बनाये बैठी है | उसने आज बीमारी के समय में एक ओर जहाँ गोमाता से मुँह मोड़ लिया है |वही एक जीव के सामने दूसरा जीव परोसा जा रहा है | जोकि बहुत दुर्भाग्य पूर्ण है व भाजपा सरकार को इसका खामियाजा आने वाले चुनावों में भुगतना पड़ेगा | जब सभी अहिंसावादी लोग एक जुट होकर वोट के सहारे सरकार के इस कुकृत्य के लिए इसे गद्दी से उखाड़ फेंकेंगे वही इन बेजुबानो को सच्ची श्रद्धांजलि होगी |

क्या इसके बाद और भी चीते भारत लाए जाने हैं ?

अभी ये चीते नामीबिया से लाए गए। दक्षिण अफ्रीका से भी चीता लाने के लिए सरकार की बात लगभग पूरी हो चुकी है। जल्द ही यहां से भी चीते लाए जाएंगे। सरकार की योजना अगले पांच साल तक अफ्रीका के अलग-अलग देशों से चीते लाकर हिन्दुस्तान में बसाने की है।

1952 से विलुप्त घोषित हैं भारत में चीते

कुनो नेशनल पार्क में चीते को बसाने के लिए 25 गांवों के ग्रामीणों और 5 तेंदुए को अपना ‘घर’ छोड़ना पड़ा है | इन 25 में से 24 गांव के ग्रामीणों को दूसरी जगह बसाया जा चुका है | भारत में आखिरी चीता साल 1948 में छत्तीसगढ़ के कोरिया स्थित साल के जंगलों में मृत मिला था,लेकिन आधिकारिक तौर पर साल 1952 में चीते को भारत से विलुप्त घोषित किया गया था |

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