पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार की गई ज्योति मल्होत्रा को आज को हरियाणा के हिसार कोर्ट में किया पुलिस ने पेश किया। कोर्ट से पुलिस को ज्योति मल्होत्रा की पांच दिन की रिमांड और मिली है। इससे पहले पुलिस ने ज्योति का रात 11.30 बजे ही मेडिकल करवा लिया था। गौरतलब है कि हरियाणा के हिसार की रहने वाली यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को कथित तौर पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) के लिए जासूसी करने और संवेदनशील जानकारी शेयर करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। हिसार पुलिस ने 17 मई को उसे गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया था, जहां से उसे पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया था।
कैसे हुई थी ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी?
ज्योति की गिरफ्तारी पंजाब के मलेरकोटला से पकड़ी गई गजाला नामक महिला से पूछताछ के बाद हुई, जिसमें जासूसी नेटवर्क से जुड़े कई अन्य लोगों के नाम सामने आए। ज्योति मल्होत्रा पर जासूसी और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का गंभीर आरोप है। डीएसपी कमलजीत ने बताया था कि हमें मिली सूचना के आधार पर हमने हरीश कुमार की बेटी ज्योति को ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट और बीएनएस की धारा 152 के तहत गिरफ्तार किया। उसका मोबाइल और लैपटॉप बरामद होने के बाद कुछ संदिग्ध चीजें मिलीं।
उन्होंने बताया था कि वह लगातार एक पाकिस्तानी नागरिक के संपर्क में थी। मिली जानकारी के मुताबिक, ज्योति पिछले दो वर्षों में तीन बार पाकिस्तान, एक बार चीन, और यूएई, बांग्लादेश, भूटान और थाईलैंड की यात्रा कर चुकी है। जांच में पता चला कि दो साल पहले वह पाकिस्तानी हाई कमिशन के अधिकारी दानिश के संपर्क में आई थी।
भारत लौटने के बाद क्या कर रही थी ज्योति मल्होत्रा ?
पाकिस्तान यात्रा के दौरान ज्योति ने वहां के खुफिया अधिकारियों और अन्य संदिग्ध व्यक्तियों से मुलाकात की। भारत लौटने के बाद उसने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल कर संवेदनशील जानकारी शेयर की और पाकिस्तान की सकारात्मक छवि बनाने का प्रयास किया।
सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की पूर्व ट्रेनी अधिकारी पूजा खेडकर को अग्रिम जमानत दे दी। पूर्व ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर पर सिविल सेवा परीक्षा में धोखाधड़ी करने और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) तथा दिव्यांगता श्रेणी के तहत आरक्षण का गलत लाभ उठाने का आरोप है। जज बी.वी. नागरत्ना और जज सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने खेडकर को जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया। पीठ ने कहा, “मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए यह एक उपयुक्त मामला है जहां दिल्ली हाईकोर्ट को याचिकाकर्ता को जमानत देनी चाहिए।
पीठ ने कहा, “उन्होंने कौन सा गंभीर अपराध किया है? वह मादक पदार्थ माफिया या आतंकवादी नहीं है। उन्होंने 302 (हत्या) नहीं की है। वह एनडीपीएस (मादक पदार्थ निषेध से संबंधित कानून) अपराधी नहीं है। आपके पास कोई प्रणाली या सॉफ्टवेयर होना चाहिए। आप जांच पूरी करें। उन्होंने सब कुछ खो दिया है और उन्हें कहीं नौकरी नहीं मिलेगी।
दिल्ली पुलिस के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में किया विरोध
दिल्ली पुलिस के वकील ने पूर्व ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर को अग्रिम जमानत दिए जाने का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रही हैं और उनके खिलाफ आरोप गंभीर हैं। पूर्व ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर पर आरक्षण का लाभ प्राप्त करने के लिए 2022 में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) सिविल सेवा परीक्षा के लिए अपने आवेदन में गलत जानकारी देने का आरोप है।
उन्होंने अपने खिलाफ लगे सभी आरोपों का खंडन किया है। यूपीएससी ने पूर्व ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर के खिलाफ कई कार्रवाई कीं, जिसमें फर्जी पहचान के जरिए सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने के लिए आपराधिक मामला दर्ज करना भी शामिल है। दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ विभिन्न अपराधों के लिए एफआईआर भी दर्ज की है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राउज एवेन्यू कोर्ट को बताया कि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कथित तौर पर 142 करोड़ रुपये की आपराधिक आय से लाभ उठाया है। कोर्ट ने इस मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा और अन्य को नोटिस जारी किया है। ईडी के विशेष वकील ने तर्क दिया कि आपराधिक गतिविधि के माध्यम से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्राप्त की गई कोई भी संपत्ति अपराध की आय के रूप में योग्य है। इसमें न केवल अनुसूचित अपराधों से संपत्तियां शामिल हैं, बल्कि उन संपत्तियों से जुड़ी आय भी शामिल है।
ईडी के विशेष वकील ने दावा किया कि आरोपियों द्वारा प्राप्त 142 करोड़ रुपये की किराये की आय को अपराध की आय के रूप में माना जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सोनिया और राहुल गांधी, जिनके पास सामूहिक रूप से यंग इंडियन में 76% हिस्सेदारी है, ब्रीच ऑफ ट्रस्ट में शामिल थे। ईडी के अनुसार, यंग इंडियन ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) से सिर्फ 50 लाख रुपये में 90.25 करोड़ रुपये की संपत्ति हासिल की। ईडी ने कहा कि जब आरोपियों ने अपराध की आय अर्जित की है तो उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग की, लेकिन उस आय को अपने पास रखे रहना भी मनी लॉन्ड्रिंग माना जाता है। यह न केवल प्रत्यक्ष है, बल्कि अप्रत्यक्ष भी है, जो अपराध की आय का अधिग्रहण है।
ईडी ने चार्जशीट में केंद्रीय एजेंसी का लिया सहारा
वही ईडी ने अपनी चार्जशीट में केंद्रीय एजेंसी ने अपने आरोपों को पुख्ता करने के लिए आयकर विभाग के 2017 के मूल्यांकन आदेश का सहारा लिया है। इसमें दावा किया गया है कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के प्रमुख सदस्यों ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) और यंग इंडियन के प्रमुख अधिकारियों के साथ मिलकर एजेएल की संपत्तियों पर नियंत्रण पाने के लिए आपराधिक साजिश रची, जिनकी अनुमानित कीमत करीब 2,000 करोड़ रुपये है। गौरतलब है कि एजेएल एक गैर-सूचीबद्ध सार्वजनिक कंपनी है, जो ऐतिहासिक रूप से नेशनल हेराल्ड अखबार के प्रकाशन से जुड़ी हुई है।
ईडी ने पहले ही दाखिल कर दी थी चार्जशीट
पिछले महीने दाखिल की गई अपनी चार्जशीट में ईडी ने सोनिया, राहुल और कई अन्य लोगों पर 988 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया था। यह चार्जशीट दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) की कई धाराओं के तहत दाखिल की गई थी। चार्जशीट में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को आरोपी नंबर 1 बनाया गया है, जबकि उनके बेटे राहुल गांधी, जो लोकसभा में विपक्ष के नेता भी हैं, उन्हें आरोपी नंबर 2 बनाया गया है। अब इस मामले की सुनवाई हो रही है। ईडी की चार्जशीट दाखिल होने के बाद राउज ऐवन्यू कोर्ट ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा समेत अन्य आरोपियों को नोटिस जारी किया था। कोर्ट ने कहा था कि चार्जशीट पर संज्ञान लेने से पहले आरोपियों के पक्ष को सुनने का अधिकार को छीना नहीं जा सकता है।
ईडी ने यंग इंडिया कंपनी को लेकर कोर्ट में रखी बात
वही ईडी ने कोर्ट से कहा कि यंग इंडिया कंपनी का स्वामित्व हमेशा सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास रहा है। उसने दावा करते हुए कहा कि यंग इंडिया ने कभी कोई बिजनेस एक्टिविटी नहीं थी, उसका काम बस सोनिया गांधी और राहुल गांधी को फायदा पहुंचाना था। हमने 21 जगहों पर रेड की थी, जिसमें 51 लाख के आसपास कैश बरामद हुआ था और कई आपत्तिजनक साक्ष्य भी बरामद हुए।
अभिषेक मनु सिंघवी ने की सुनवाई टालने की मांग
अभिषेक मनु सिंघवी ने मामले की सुनवाई जुलाई तक टालने की मांग की है। उन्होंने कोर्ट से कहा कि उनको हाल ही में चार्जशीट की कॉपी मिली है, जिसको पढ़ने में समय लगेगा। ईडी की तरफ से विशेष वकील ने सुनवाई टालने की मांग का विरोध करते हुए कहा कि पिछली सुनवाई पर ही चार्जशीट की कॉपी दी गई थी और उसके बाद आज सुनवाई के लिए केस लगा था। उस समय किसी भी तरह की आपत्ति नहीं जताया गई थी, लेकिन अब सुनवाई टालने की मांग की जा रही है। हम आज ही सुनवाई के लिए तैयार है।
क्या है नेशनल हेराल्ड केस
नेशनल हेराल्ड अखबार की स्थापना 1938 में भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने की थी। यह अखबार स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कांग्रेस पार्टी का मुखपत्र बन गया। इसे एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड यानी कि एजेएल प्रकाशित करती थी, जिसकी स्थापना 1937 में हुई थी। एजेएल के पास दिल्ली, मुंबई, लखनऊ और अन्य शहरों में कई बेहद महंगी प्रॉपर्टी थीं, जो उन्हें सरकारी रियायतों पर मिली थीं। समय के साथ वित्तीय कठिनाइयों और घाटे की वजह से 2008 में अखबार का प्रकाशन बंद हो गया। उस समय एजेएल पर कांग्रेस पार्टी का 90 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज था।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और वकील सुब्रमण्यम स्वामी ने दिल्ली की एक कोर्ट में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य कांग्रेस नेताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज की। स्वामी ने आरोप लगाया कि गांधी परिवार ने यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (YIL) नाम की कंपनी के जरिए एजेएल की संपत्तियों को धोखे से हासिल किया। उनके अनुसार, यह पूरी प्रक्रिया अवैध थी और इसका मकसद 2000 करोड़ रुपये से ज्यादा की प्रॉपर्टी पर कब्जा करना था।
हरियाणा की अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद पर पाकिस्तान के खिलाफ भारत के ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कमेंट करने पर पुलिस ने बीते रविवार को उनको गिरफ्तार किया था। प्रोफेसर अली खान के खिलाफ दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज कराई गई थी। एक जठेड़ी गांव के सरपंच और भाजपा युवा मोर्चा के सदस्य योगेश जठेड़ी ने दर्ज कराई थी और दूसरी राज्य महिला आयोग ने नोटिस की अवमानना के तहत दर्ज कराई थी।
हालांकि इस मामले में प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम बेल मिल गई है। फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एसोसिएट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद पर कई शर्ते भी लगाई हैं। आइए जानते हैं कि कोर्ट ने सुनवाई के दौरान क्या-कुछ कहा है।
इस केस की होगी जांच
अभी इस केस की जांच की जाएगी और इसके लिए तीन सदस्यों की एसआईटी टीम बनाई गई है। जो कि सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट सौंपेगी। इस टीम में एक महिला अधिकारी भी शामिल है। प्रोफेसर से बेंच ने कहा है कि जांच पूरी होने तक वे पहलगाम या फिर ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सोशल मीडिया में किसी तरह की कोई पोस्ट नहीं करेंगे। अगर उन्होंने ऐसा किया तो बेल की शर्त का उल्लंघन माना जाएगा और अंतरिम जमानत भी खत्म हो जाएगी। उन्हें अपना पासपोर्ट सोनीपत की अदालत में सरेंडर करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने 24 घंटे के भीतर एसआईटी का गठन पूरा करने का निर्देश दिया है और प्रोफेसर अली खान को जांच में शामिल होने और जांच में पूरा सहयोग करने को कहा है।
चलिए जानें कि प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद पर कौन सी धाराएं लगी थीं और इसमें कितने दिन की सजा मिलती है।
कौन कौन सी धाराएं लगीं
प्रोफेसर पर आरोप हैं कि उन्होंने सोशल मीडिया में ऐसी बातें कही हैं जिससे सेना की गरिमा को ठेस पहुंचती है और भारतीय महिला सैन्य अधिकारियों का अपमान है। प्रोफेसर अली खान पर धारा 152 लगी है, जिसमें देश को नुकसान पहुंचाने वाला कार्यों से संबंधित है। जो कि संज्ञेय है और गैर-जमानती है। धारा 196 (1) विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ाना, धारा 197 (1) देश की संप्रभुता को खतरे में डालकर झूठी जानकारी देना और धारा 299 किसी धर्म का अपमान करना।
इसमें कितनी सजा मिलती है
धारा 152 गैर-जमानती है जिसमें सात साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा के साथ-साथ जुर्माने का प्रावधान है। धारा 196 (1) के तहत अपराध करने पर अधिकतम तीन साल की सजा या जुर्माना दोनों हो सकते हैं। अगर अपराध किसी पूजा स्थल पर हुआ है तो सजा पांच साल तक हो सकती है। धारा 197 (1) में तीन साल की जेल या फिर जुर्माना दोनों शामिल हो सकता है। आईपीसी की धारा 299 सदोष हत्या (culpable homicide) से संबंधित है। इसके तहत सजा अपराध की गंभीरता पर निर्भर करती है। इसमें 10 साल की सजा या जुर्माना दोनों हो सकता है। अगर सदोष हत्या का इरादा मृत्यु का हो तो सजा आजीवन जेल या फिर फांसी भी हो सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने प्रोफेसर अली खान पर उठाए सवाल
सुप्रीम कोर्ट में अशोका यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर अली खान की ओर से वकील कपिल सिब्बल पेश हुए थे। अली खान की पोस्ट की भाषा पर सवाल उठते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि “हमें यकीन है कि वह बहुत शिक्षित हैं। आप दूसरों को चोट पहुंचाए बिना बहुत सरल भाषा में अपनी बात कह सकते थे। ऐसे शब्दों का इस्तेमाल कर सकते थे जो सरल और सम्मानजनक हों।
राक्षसों ने हमारे लोगों पर हमला किया – सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस कांत ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि सभी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है। क्या यह सब बात करने का समय है? देश पहले से ही इन सब से गुजर रहा है। राक्षस आए और हमारे लोगों पर हमला किया और इस समय हमें एकजुट होना चाहिए। ऐसे मौकों पर सस्ती लोकप्रियता क्यों हासिल की जाए? अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता वाले समाज के लिए यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि जानबूझकर शब्दों का चयन दूसरे पक्ष को अपमानित करने और असहज करने के लिए किया जाता है।
जस्टिस कांत ने आगे कहा कि एक प्रोफेसर होने के नाते उनके पास इस्तेमाल करने के लिए डिक्सनरी के शब्दों की कमी नहीं होनी चाहिए। वह ऐसी भाषा का इस्तेमाल कर सकते हैं जिससे दूसरों की भावनाओं को ठेस न पहुंचे, एक तटस्थ भाषा का इस्तेमाल किया जा सकता था।
यहां समझें क्या था पूरा मामला
बता दें कि पुलिस ने बीते 18 मई को एसोसिएट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को दिल्ली से गिरफ्तार किया था। उन पर ऑपरेशन सिंदूर को लेकर विवादित टिप्पणी करने का आरोप लगा था। हरियाणा राज्य महिला आयोग ने भी हाल ही में एसोसिएट प्रोफेसर को एक नोटिस जारी किया था।
आपको बताते चले कि कि पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर’ लॉन्च किया था। इस ऑपरेशन में 100 के करीब आतंकी मारे गए थे। इसका बाद पाकिस्तानी सेना के दुस्साहस का जवाब देते हुए भारतीय बलों ने पाकिस्तान के 11 एयरबेस तबाह कर दिए थे। इसके बाद पाकिस्तान को सीजफायर के लिए गिड़गिड़ाना पड़ा था।
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज शुक्रवार को भारत-पाकिस्तान सीमा के पास भुज एयरबेस का दौरा कर रहे हैं। राजनाथ सिंह यहां वायु योद्धाओं से बातचीत कर रहे हैं। बता दें कि भुज एयरबेस भारत के उन केंद्रों में से एक था जिसे पिछले सप्ताह पाकिस्तानी सेना द्वारा निशाना बनाने की कोशिश की गई थी। बता दें कि हाल ही में पाकिस्तानी आतंकियों के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान को घुटनों पर लाने में अहम भूमिका निभाई थी। आज रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने एयरबेस पर वायु योद्धाओं को संबोधित किया है। वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल ए.पी. सिंह भी राजनाथ सिंह के साथ पहुचे हैं।
एयरफोर्स की पहुँच पाकिस्तान के हर कोने तक
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भुज में कहा, ”यह कोई छोटी बात नहीं है कि हमारी एयरफोर्स की पहुँच पाकिस्तान के हर कोने तक है। यह बात पूरी तरह साबित हो चुकी है। आज स्थिति यह है कि भारत के फाइटर प्लेन बिना सरहद पार किए ही, यहीं से उनके हर कोने तक प्रहार करने में सक्षम है। पूरी दुनिया ने देख लिया है कि कैसे आपने पाकिस्तान की धरती पर मौजूद, आतंकवाद के नौ ठिकानों को ध्वस्त कर दिया, बाद में की गई कारवाई में उनके अनेक एयरबेस तबाह कर दिए।
पाकिस्तान को दिन में दिखाए तारे – रक्षामंत्री राजनाथ सिंह
राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ की तारीफ की। उन्होंने कहा, ”ब्रह्मोस मिसाइल की ताकत को तो पाकिस्तान ने खुद स्वीकार किया है। हमारे देश में एक कहावत काफी पुरानी है और वह है – दिन में तारे दिखाना। मगर भारत मे बनी ब्रह्मोस मिसाइल ने पाकिस्तान को रात के अंधेरे में दिन का उजाला दिखा दिया है। भारत के जिस एयर डिफेंस सिस्टम की तारीफ हर तरफ हो रही है, उसमें डीआरडीओ (DRDO) द्वारा बनाये गए ‘आकाश’ और अन्य राडार सिस्टम की जबरदस्त भूमिका रही है।”
ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को पहुंचाया भारी नुकसान
भारत के ऑपरेशन सिंदूर ने पाक के सैन्य ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचाया। इंडियन एयर फोर्स ने इस दौरान अहम भूमिका निभाई। भारत ने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के 5 एयरक्राफ्ट मार गिराए। इसमें 2 फाइटर एयरक्राफ्ट शामिल थे। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान इंडियन एयरफोर्स ने केवल पराक्रम ही नहीं दिखाया है, बल्कि पूरी दुनिया के सामने प्रमाण भी दिया है। प्रमाण इस बात का कि अब भारत की युद्ध नीति और तकनीकी दोनों बदल चुकी है।
आपने नए भारत का संदेश पूरी दुनिया तक पहुंचाया है। राजनाथ सिंह ने कहा कि यह संदेश है कि अब भारत केवल विदेशों से लिए गए हथियारों और प्लेटफॉर्म्स पर निर्भर नहीं है, बल्कि भारत में बने अस्त्र और शस्त्र भी हमारी सैन्य शक्ति का हिस्सा बन चुके हैं। अब भारत में बने और भारतीय हाथों से बने हथियार भी अचूक और अभेद हैं, यह पूरे विश्व ने देख लिया है।
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर बधाई देता हूँ – राजनाथ सिंह
राजनाथ सिंह ने जवानों से कहा कि मैं आप सबको, एक बार फिर, ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर बधाई देता हूँ। मैं बस इतना कहूँगा, कि आपके पराक्रम ने यह दिखा दिया, कि यह वो सिन्दूर है, जो श्रृंगार का नहीं, बल्कि शौर्य का प्रतीक है। यह वो सिन्दूर है, जो सौंदर्य का नहीं, बल्कि संकल्प का प्रतीक है। यह सिन्दूर, खतरे की वह लाल लकीर है, जो भारत ने अब आतंकवाद के माथे पर खींच दी है। राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं इस अवसर पर, आप सभी के साथ-साथ, देश की जनता का भी आभार प्रकट करता हूं। भारत की जनता ने, एकजुटता और समझदारी का परिचय देते हुए, आपका सहयोग किया। इस लड़ाई में न केवल सरकार, आर्म्ड फोर्सेज और सुरक्षाबल एकजुट थे, बल्कि भारत का हर नागरिक, एक सिपाही की तरह इसमें भागीदार बना।
दिल्ली के द्वारका स्थित डीपीएस स्कूल का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। आज फिर सुबह-सुबह जब 32 बच्चे स्कूल गए तो स्कूल परिसर ने उन्हें भगा दिया। बता दें कि दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने आदेश दिया था कि बच्चों को फीस जमा नहीं होने के कारण पढ़ाई से वंचित नहीं किया जाए। इतना ही नहीं डीपीएस द्वारका ने स्कूल गेट पर बाउंसर तैनात कर रखे हैं, जिन्होंने लड़कियों को स्कूल में घुसने पर हाथ से रोक दिया। बता दें कि अब पैरेंट्स ने इस मामले को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट की ओर रूख किया है। पैरेंट्स ने आज कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट का मामला डाला, जिसे पर हाईकोर्ट आज सुनाई करेगा।
डीपीएस ने बाउंसर कर रखे हैं गेट पर तैनात
वहीं, पैरेंट्स ने स्कूल द्वारा तैनात किए गए बाउंसरों पर आरोप लगाया है कि जब कुछ बच्चों ने स्कूल में एंट्री करने की कोशिश की, जिसमें कुछ लड़कियां भी शामिल थी तो उन पुरुष बाउंसरों ने लड़कियों को हाथ लगाकर रोका जिसके बाद अभिभावकों ने कहा कि ये पुरुष बाउंसर लड़कियों का हाथ कैसे लगा सकते हैं। इसके अलावा, डीपीएस द्वारका ने इन बच्चों के अभिभावकों को भी आज होने वाली पीटीएम में शामिल होने की अनुमति नहीं दी।
फिर 32 बच्चों का काटा नाम
जानकारी दे दें कि आज एक बार फिर से फीस ना जमा करने के चलते डीपीएस द्वारका ने 32 बच्चे जिनका नाम काट दिया था और उन्हें स्कूल में प्रवेश नहीं करने दिया। शिक्षा निदेशालय के ताज़ा आदेश के बावजूद स्कूल परिसर में एंट्री नहीं करने दिया गया। स्कूल प्रशासन द्वारा स्कूल के बाहर बाउंसर भी लगाए गए हैं।
पूर्व सीएम आतिशी ने लिखा पत्र
आज सुबह इस मामले में आप नेता अतिशी ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को एक पत्र भी लिखा है, बता दें कि कल भी अभिभावकों ने डीपीएस द्वारका के बाहर प्रदर्शन करा था। 9 मई को डीपीएस द्वारका ने 29 छात्रों को स्कूल ने तत्काल प्रभाव से निकाल दिया था, जिसके बाद अभिभावक लगातार स्कूल के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं।
भारत और पाकिस्तान विवाद के बीच देश ने देख लिया है कौन हमारा दोस्त है और कौन हमारा दुश्मन है। जिस तुर्किए में भूकंप से तबाही मचने पर भारत ने दिल खोलकर मदद की थी, उसी ने पीठ में खंजर घोंपा है। यही वजह है कि देश में तुर्किए और उसके सामानों का बायकॉट किया जा रहा है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्किए पाकिस्तान की मदद करने के बाद बेनकाब हो चुका है। लेकिन अमेरिका भारत के दुश्मन से दोस्ताना व्यवहार निभा रहा है।
अमेरिका तुर्किए को मध्यम दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल बेच रहा है। अमेरिका का विदेश विभाग तुर्किए को 225 मिलियन डॉलर की मिसाइलें बेच रहा है। वहीं अब भारत और अमेरिका के रिश्ते भी कुछ खास ठीक नहीं हैं। ऐसे में अगर भारत या कोई अन्य देश तुर्किए पर हमला करने की सोचता है तो क्या वो हमला अमेरिका पर भी माना जाएगा, चलिए जानते है ऐसा क्यों है।
राष्ट्रपति ट्रंप के रवैये की हो रही आलोचना
दरअसल ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जिस तरीके से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर का क्रेडिट लेने की कोशिश की। उसके बाद से उनके रवैये की जमकर आलोचना की जा रही है। क्योंकि विदेश मंत्रालय ने यह साफ कर दिया है कि भारत और पाकिस्तान में संघर्ष विराम का समझौता सीधे डीजीएमओ (DGMO) के स्तर पर हुआ है और वो भी पाकिस्तान की तरफ से अनुरोध करने पर। इसका कारण यह था कि भारतीय वायुसेना की कार्रवाई बहुत प्रभावी थी, इसीलिए पाकिस्तान को घुटनों पर आना पड़ा।
तुर्किए और अमेरिका का रिश्ता क्या कहलाता है
वहीं तुर्किए और अमेरिका के भले ही सीधे संबंध न हों, लेकिन दोनों देश नाटो के सदस्य हैं। नाटो का मुख्य उद्देश्य राजनीतिक और सैन्य साधनों द्वारा मित्र राष्ट्रों की स्वतंत्रता और सुरक्षा की रक्षा करना है। नाटो ट्रान्साटलांटिक समुदाय का प्रमुख सुरक्षा साधन है और इसके कॉमन लोकतांत्रिक मूल्यों की अभिव्यक्ति है।
नाटो के तीन मुख्य कार्य हैं, पहला है सामूहिक रक्षा करना, दूसरा है संकट निवारण और प्रबंधन, और तीसरा सहकारी सुरक्षा है। ये कार्य उत्तरी अटलांटिक संधि के बाद, गठबंधन द्वारा अपनी नीतियों, सैन्य क्षमताओं और परिचालन कार्रवाई को परिभाषित करने के लिए उपयोग किए जाने वाले प्रमुख दस्तावेज 2022 की रणनीतिक अवधारणा में निहित हैं।
अमेरिका क्यों कर रहा तुर्किए की मदद
ऐसे में अमेरका ने जो तुर्किए को 304 मिलियन डॉलर मिसाइलों की बिक्री को मंजूरी दी है। यह कदम नाटो सहयोगी व्यापार और रक्षा संबंधों को मजबूत करने के लिए उठाया है। एक तरफ ट्रंप भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर में अपनी दखलअंदाजी का झूठ बता रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ तुर्किए को मदद का हाथ बढ़ा रहे हैं। दो दिन पहले तो ट्रंप ने उस आतंकी से भी हाथ मिलाया था, जिस पर कभी अमेरिका ने करोड़ों का इनाम रखा था और जेल भी भेजा था।
लेकिन जिस तरीके से अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ यूटर्न लिया है, ये भारत के लिए खतरा हो सकता है। पूरी दुनिया जानती है कि ट्रंप का रवैया कैसा है, वो क्रेडिट लेने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं। भले ही वो काम उन्होंने किया हो या न किया हो। यही उन्होंने भारत-पाकिस्तान सीजफायर के दौरान भी करने की कोशिश की।
राष्ट्रपति और राज्यपालों को विधानसभाओं द्वारा पारित विधेयकों पर निर्णय लेने के लिए समय-सीमा तय करने के फैसले पर देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सवाल खड़े किए हैं। दरअसल 8 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट द्वारा यह फैसला सुनाया या था। इस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रतिक्रिया देते हुए सुप्रीम कोर्ट से 14 सवाल पूछे हैं।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर प्रतिक्रियाओं का दौर लंबे समय तक जारी रहा है। सत्ताधारी दल हो या विपक्ष दोनों ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस फैसले को संवैधानिक मूल्यों और व्यवस्थाओं के विपरीत होने के साथ-साथ संवैधानिक सीमाओं का भी अतिक्रमण बताया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान के अनुच्छेद 143(1) के तहत सुप्रीम कोर्ट से 14 संवैधानिक प्रश्नों पर उनकी राय मांगी है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने सुप्रीम कोर्ट से पूछे सवाल
1| अनुच्छेद 200 के अंतर्गत विधेयक प्रस्तुत किए जाने पर राज्यपाल के पास क्या संवैधानिक विकल्प उपलब्ध हैं ?
2 | क्या राज्यपाल इन विकल्पों का प्रयोग करने में मंत्रिपरिषद की सलाह से बाध्य हैं ?
3| क्या अनुच्छेद 200 के अंतर्गत राज्यपाल के विवेक का प्रयोग न्यायिक समीक्षा के अधीन है ?
4| क्या अनुच्छेद 361, अनुच्छेद 200 के तहत राज्यपाल के कार्यों की न्यायिक जांच पर पूर्ण प्रतिबंध लगाता है?
5| क्या न्यायालय संवैधानिक समयसीमा के अभाव के बावजूद अनुच्छेद 200 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते समय राज्यपालों के लिए समयसीमा निर्धारित कर सकते हैं और प्रक्रियाएं निर्धारित कर सकते हैं ?
6| क्या अनुच्छेद 201 के अंतर्गत राष्ट्रपति का विवेक न्यायिक समीक्षा के अधीन है ?
7|क्या न्यायालय अनुच्छेद 201 के अंतर्गत राष्ट्रपति के विवेकाधिकार के प्रयोग के लिए समयसीमा और प्रक्रियागत आवश्यकताएं निर्धारित कर सकते हैं ?
देश की राष्ट्रपति द्वारा सुप्रीम कोर्ट से पूछे सवाल
8| क्या राज्यपाल द्वारा आरक्षित विधेयकों पर निर्णय लेते समय राष्ट्रपति को अनुच्छेद 143 के अंतर्गत सर्वोच्च न्यायालय की राय लेनी चाहिए ?
9| क्या अनुच्छेद 200 और 201 के तहत राज्यपाल और राष्ट्रपति द्वारा लिए गए निर्णय, किसी कानून के आधिकारिक रूप से लागू होने से पहले न्यायोचित हैं ?
10| क्या न्यायपालिका अनुच्छेद 142 के माध्यम से राष्ट्रपति या राज्यपाल द्वारा प्रयोग की जाने वाली संवैधानिक शक्तियों को संशोधित या रद्द कर सकती है ?
11| क्या अनुच्छेद 200 के अंतर्गत राज्यपाल की स्वीकृति के बिना कोई राज्य कानून लागू हो जाता है ?
12| क्या सर्वोच्च न्यायालय की किसी पीठ को पहले यह निर्धारित करना होगा कि क्या किसी मामले में पर्याप्त संवैधानिक व्याख्या शामिल है और फिर उसे अनुच्छेद 145(3) के तहत पांच न्यायाधीशों की पीठ को भेजना होगा ?
13 | क्या अनुच्छेद 142 के अंतर्गत सर्वोच्च न्यायालय की शक्तियां प्रक्रियात्मक मामलों से आगे बढ़कर ऐसे निर्देश जारी करने तक विस्तारित हैं जो मौजूदा संवैधानिक या वैधानिक प्रावधानों का खंडन करते हैं ?
14 | क्या संविधान सर्वोच्च न्यायालय को अनुच्छेद 131 के अंतर्गत मुकदमे के अलावा किसी अन्य माध्यम से संघ और राज्य सरकारों के बीच विवादों को सुलझाने की अनुमति देता है ?
कर्नल सोफिया कुरैशी पर कैबिनेट मंत्री विजय शाह की विवादित टिप्पणी पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एफआईआर दर्ज कराने का स्वत: संज्ञान लिया था। इस मामले में महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि हाईकोर्ट ने आदेश के पालन में विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी है। एफआईआर की कॉपी देखने के बाद सरकार के जवाब और एफआईआर की ड्राफ्टिंग पर हाईकोर्ट ने ऐतराज जताया है।
हाईकोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि एफआईआर इस तरीके से ड्राफ्ट की गई है। जिसमें अभियुक्त की करतूतों का ज़िक्र ही नहीं किया गया है। एफआईआर में लापरवाही को जाहिर करते हुए कोर्ट ने कहा कि अगर मामले को चुनौती दी गई, तो ये इस एफआईआर के दम पर ये आसानी से रद्द हो सकती है। ऐसे में हाईकोर्ट के कहने के बावजूद भी अदालत के विश्वास पर एफआईआर खरी नहीं उतरती है। हाईकोर्ट ने सरकार को आदेश एफआईआर में फिर से सुधार किया जाए। बिना किसी हस्तक्षेप और दबाव के एफआईआर और जांच आगे बढ़े। वेकेशन के बाद टॉप ऑफ़ द लिस्ट में मामले पर सुनवाई होगी।
राहत के लिए खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा
अब इस मामले में मध्य प्रदेश के मंत्री कुंवर विजय शाह ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर हाईकोर्ट के 14 मई 2025 के आदेश को चुनौती दी है, जिस पर उन्हें सुप्रीम कोर्ट से भी फटकार मिली। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से मना कर दिया है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने विजय शाह को खरी-खरी सुनाते हुए कहा कि उच्च पदों पर बैठे लोगों से इस तरह की बयानबाजी की उम्मीद नहीं की जा सकती है। इस तरह की बयानबाजी का ये बिल्कुल भी समय नहीं है। खासतौर पर जब देश ऐसे समय से गुजर रहा है। अब इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में कल होनी है।
कैबिनेट मंत्री ने एक वीडियो जारी करके आज माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि अगर उसकी वजह से किसी भी समाज की भावना आहत हुई है, तो इसके लिए मैं दिल से न सिर्फ शर्मिंदा हूं बल्कि बेहद दुखी भी हूं और सभी से माफी चाहता हूं। उन्होंने सोफिया कुरैशी को लेकर आगे कहा हमारे देश की वो बहन सोफिया कुरैशी जिन्होंने राष्ट्र धर्म निभाते हुए जाति और समाज से ऊपर उठकर जो काम किया है। उन्हें हमारी सगी बहन से भी ऊपर सम्मानित मानता हूं। उनके इस बयान के बात इस्तीफे की मांग भी बढ़ गई है।
भारत और पाकिस्तान में जारी तनाव के बीच तुर्की ने खुलकर पाकिस्तान का पक्ष लिया और उसे इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ रहा है। भारतीय सैलानियों ने पहले ही तुर्की के लिए अपनी बुकिंग कैंसिल कराके जोरदार झटका दे दिया है और अब सरकार भी सबक सिखाने के मूड में है। तुर्की की कई कंपनियां यूपी, दिल्ली सहित देश के 5 राज्यों में विभिन्न प्रोजेक्ट पर काम कर रही हैं। सूत्रों का कहना है कि सरकार जल्द ही इनके कामकाज की समीक्षा करेगी और इन कंपनियों को प्रोजेक्ट से हटा सकती है।
तुर्की को सिर्फ पर्यटन से ही नहीं व्यापार से भी चोट देने की तैयारी चल रही है। खुदरा व्यापारियों के सबसे बड़े संगठन कैट सहित कई उद्योग संगठनों ने तुर्की से कारोबार बंद करने और उसका बहिष्कार करने की मांग उठाई है। देशभर में तुर्की के खिलाफ बायकाट का अभियान चलाया जा रहा है। ऐसे निगेटिव सेंटिमेंट के दौरान मोदी सरकार भारत में तुर्की के कारोबारी करार प्रोजेक्ट की समीक्षा करने की तैयारी में है। मामले से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि ऐसे सभी प्रोजेक्ट जिसमें तुर्की की कंपनियां शामिल हैं, उनकी समीक्षा की जाएगी।
क्या काम करती हैं तुर्की की कंपनियां
एक अधिकारी के अनुसार, सरकारी और निजी सेक्टर के किसी भी प्रोजेक्ट में शामिल तुर्की कंपनियों का डाटा जुटाया जा रहा है। इसके बाद इनके कामकाज की समीक्षा की जाएगी। तुर्किश कंपनियां आईटी, मेट्रो रेल और टनल सहित कई तरह के प्रोजेक्ट में काम कर रही हैं। इनकी ज्यादातर हिस्सेदारी पांच राज्यों गुजरात, महाराष्ट्र, यूपी, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर में है। दोनों देशों के बीच वित्तवर्ष 2023-24 में 10.4 अरब डॉलर (करीब 92 हजार करोड़ रुपये) का द्विपक्षीय कारोबार रहा है।
एफडीआई भी तुर्की से आता है
वाणिज्य मंत्रालय के ट्रस्ट की ओर से जारी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के मामले में तुर्की 45वें नंबर पर आता है। अप्रैल, 2000 से सितंबर, 2024 तक तुर्की से 24 करोड़ डॉलर का एफडीआई आया है। तुर्की ने भारत में निर्माण, विनिर्माण, एविएशन, मेट्रो रेल इन्फ्रा, एडुकेशन और मीडिया सेक्टर में भी निवेश किया है। कंस्ट्रक्शन और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में तुर्की कई सालों से भारत का पार्टनर रहा है।
किस शहर में चल रहा काम
एक रिपोर्ट के अनुसार, कई तुर्किश कंपनियां लखनऊ, पुणे और मुंबई में भारतीय कंपनियों के साथ मेट्रो रेल प्रोजेक्ट पर काम कर रही हैं। इसके अलावा तुर्की की एक कंपनी ने भारतीय इंडस्ट्री के साथ गुजरात में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगा रही है। इतना ही नहीं तुर्किश कंपनी भारतीय एयरपोर्ट का संचालन भी करती है। इससे पता चलता है कि तुर्किश कंपनियों की भारत में हिस्सेदारी कम नहीं है। यह कंपनियां न सिर्फ इन्फ्रा सेक्टर से जुड़ी हैं, बल्कि सीधे पब्लिक सर्विस से भी जुड़ी हैं।
तुर्की में हर भारतीय खर्च कर रहा 3 लाख
आपको बताते चले तुर्की और अजरबैजान के लिए भारत कितना बड़ा बाजार है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि साल 2024 में चीन के बाद तुर्की जाने वाले सबसे ज्यादा पर्यटक भारतीय थे। बीते साल 2.70 लाख भारतीय पर्यटकों ने तुर्की का सफर किया, जबकि अजरबैजान में यह संख्या 2.43 लाख रही है। अजरबैजान जाने वाले हर भारतीय पर्यटक ने 1 से सवा लाख रुपये तक खर्च किए हैं, जबकि तुर्की में खर्च का यह पैसा 3 लाख रुपये से लेकर 3.35 लाख रुपये तक रहा है।
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से सुरक्षाबलों ने फैसला कर लिया है कि जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद को पूरी तरह से साफ कर देना है। सुरक्षाबल लगातार पूरे प्रदेश में आतंकियों की खोज में तलाशी अभियान चला रहे हैं और एनकाउंटर में आतंकियों को ढ़ेर कर रहे हैं। अब जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के त्राल में भी सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई है। इस एनकाउंटर में 3 आतंकियों को मार गिराया गया है।
त्राल इलाके में हुई मुठभेड़
दरअसल सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच ये मुठभेड़ जम्मू कश्मीर के त्राल के नादिर गांव में हुई है। ये इलाका दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के अंतर्गत आता है। सुबह में मिली जानकारी के मुताबिक, सुरक्षाबलों ने इलाके में 02 से 03 आतंकियों के फंसे होने की आशंका जताई थी। आखिरकार सुरक्षाबलों की संयुक्त टीम ने एंटी टेरर ऑपरेशन में तीनों आतंकियों को मार गिराया है।
पुलिस ने जारी किया बयान
त्राल इलाके में त्राल सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच जारी मुठभेड़ को लेकर कश्मीर जोन की पुलिस ने भी बयान जारी किया था। पुलिस ने कहा- “अवंतीपोरा के नादेर, त्राल इलाके में एनकाउंटर शुरू हो गया है। पुलिस और सुरक्षा बल काम पर लगे हुए हैं। आगे की डिटेल्स जारी की जाएगी।”
तीन और हुए आतंकी ढ़ेर
इससे पहले जम्मू कश्मीर के शोपियां में सुरक्षाबलों ने तीन आतंकियों को मार गिराया है। ये तीनों आतंकी लश्कर-तैयबा के थे। भारतीय सेना ने बताया है कि इन आतंकियों को ऑपरेशन केलर के तहत आतंकी संगठन के तीन सदस्यों को मुठभेड़ में मार गिराया गया है। राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट को शोकल केलर, शोपियां के सामान्य क्षेत्र में आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में सूचना मिली थी। इसके बाद मुठभेड़ में तीन कट्टर आतंकवादियों को मार गिराया गया। फिलहाल ऑपरेशन जारी है।
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने मौसम को लेकर अपडेट जारी करते हुए बताया कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून, बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी भाग, अंडमान सागर के दक्षिणी भाग, निकोबार द्वीप समूह और अंडमान सागर के उत्तरी भाग के कुछ क्षेत्रों में आगे बढ़ रहा है। मौसम विभाग ने पिछले दो दिनों में निकोबार द्वीपसमूह में हुई मध्यम से भारी वर्षा का हवाला देते हुए बताया कि इस अवधि में बंगाल की खाड़ी के दक्षिण, निकोबार द्वीप समूह और अंडमान सागर के ऊपर पश्चिमी हवाओं का प्रभाव बढ़ा है। इसके अलावा इस क्षेत्र में ‘आउटगोइंग लांगवेव रेडिएशन’ (ओएलआर) में भी कमी दर्ज की गई है, जो बादल छाए रहने का संकेत देता है। आईएमडी ने स्पष्ट किया कि ये सभी स्थितियां इस क्षेत्र में मॉनसून के आगमन के लिए अनुकूल मानकों को पूरा करती हैं।
मौसम विभाग ने आगे जानकारी दी कि अगले तीन से चार दिनों में दक्षिण अरब सागर, मालदीव और कोमोरिन क्षेत्र के अधिकतर भाग, दक्षिण बंगाल की खाड़ी के अधिकतर क्षेत्रों, संपूर्ण अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, अंडमान सागर के शेष भागों और मध्य बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों में मॉनसून के और आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं।
कब दस्तक देगा मॉनसून?
प्राथमिक वर्षा प्रणाली के सामान्य तिथि 01 जून से पहले, 27 मई को केरल पहुंचने की संभावना जताई गई है। यदि यह पूर्वानुमान सही साबित होता है, तो 2009 के बाद यह पहला मौका होगा जब मॉनसून भारतीय भूमि पर समय से पहले दस्तक देगा। 2009 में मॉनसून 23 मई को केरल में शुरू हुआ था।
आमतौर पर दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 01 जून तक केरल में प्रवेश करता है और लगभग एक महीने बाद 08 जुलाई तक पूरे देश में छा जाता है। यह 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से लौटना शुरू होता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से वापस चला जाता है।
सामान्य से अधिक वर्षा की संभावना – मौसम विभाग
अप्रैल में मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने 2025 के मॉनसून के मौसम में सामान्य से अधिक वर्षा का पूर्वानुमान जारी किया था। साथ ही, मौसम विभाग ने ‘अल नीनो’ की स्थिति की संभावना को भी खारिज कर दिया था, जो आमतौर पर भारतीय उपमहाद्वीप में सामान्य से कम वर्षा का कारण बनती है। ‘अल नीनो’ एक प्राकृतिक जलवायु घटना है, जो तब होती है जब पूर्वी प्रशांत महासागर में भूमध्य रेखा के पास समुद्र का तापमान सामान्य से अधिक गर्म हो जाता है।
मॉनसून भारत के कृषि क्षेत्र के लिए जीवन रेखा की तरह है, जो लगभग 42 प्रतिशत आबादी की आजीविका का आधार है और देश के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 18 प्रतिशत का योगदान देता है। इसके अतिरिक्त, यह देश भर में पीने के पानी और बिजली उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण जलाशयों को फिर से भरने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
यूक्रेन पर हमले के बाद अब रूस की गतिविधियां एक नए मोर्चे की ओर इशारा कर रही हैं। सैटेलाइट इमेज से खुलासा हुआ है कि रूस ने फिनलैंड की सीमा के बेहद करीब चार अहम ठिकानों पर बड़ी सैन्य तैनाती शुरू कर दी है। ऐसे वक्त में जब यूक्रेन और रूस के बीच तुर्किये में संभावित बैठक की चर्चा चल रही है, व्लादिमीर पुतिन की ये चुपचाप तैयारी यूरोप को गहरी चिंता में डाल रही है। स्वीडन के राष्ट्रीय ब्रॉडकास्टर SVT ने Planet Labs की सैटेलाइट तस्वीरें जारी की हैं, जिनमें रूस के चार ठिकानों कामेनका, पेत्रोजावोडस्क, सेवेरोमॉर्स्क-2 और ओलेन्या पर तेज़ी से सैन्य गतिविधियां बढ़ती दिख रही हैं।
कामेनका फिनलैंड बॉर्डर से सिर्फ 35 मील दूर स्थित है। इस इलाके में फरवरी से अब तक 130 से ज्यादा मिलिट्री टेंट लगाए जा चुके हैं। माना जा रहा है कि यहां करीब 2,000 सैनिकों को रखा जा सकता है। वहीं पेत्रोजावोडस्क फिनलैंड सीमा से 109 मील की दूरी पर यहां तीन बड़े स्टोरेज हॉल बनाए गए हैं, जहां 50-50 बख्तरबंद वाहन रखे जा सकते हैं।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये हॉल असली संख्या छिपाने के लिए बनाए गए हैं। तीसरी जगह है सेवेरोमॉर्स्क-2, यहां सेटेलाइट तस्वीरों में कई हेलिकॉप्टर देखे गए हैं। ये बेस रूस के एयर ऑपरेशन्स के लिहाज़ से अहम माना जाता है। चौथा है ओलेन्या, यूक्रेन के मुताबिक इस बेस से कई बार उनकी जमीन पर हमले किए गए हैं। यहां भी नई हलचल देखी गई है।
फिनलैंड-स्वीडन के नाटो में शामिल होने के बाद बढ़ा तनाव
रूस की ये तैयारी ऐसे वक्त में हो रही है जब फिनलैंड और स्वीडन हाल ही में नाटो का हिस्सा बने हैं। यूक्रेन पर 2022 में रूस के हमले के बाद फिनलैंड ने अप्रैल 2023 में नाटो जॉइन किया। इसके बाद मार्च 2024 में स्वीडन भी नाटो का हिस्सा बना। रूस लगातार नाटो पर आक्रामक होने का आरोप लगाता रहा है और कहा है कि वो जरूरी कदम उठाएगा। अब ये तस्वीरें उसी चेतावनी को सच साबित करती दिख रही हैं।
क्या रूस फिर यूक्रेन जैसा कदम उठाएगा ?
सेटेलाइट तस्वीरों ने 2021 की यादें ताज़ा कर दी हैं, जब यूक्रेन बॉर्डर पर ऐसी ही गतिविधियों के बाद 2022 में रूस ने हमला कर दिया था। फिनलैंड के डिप्टी चीफ ऑफ डिफेंस लेफ्टिनेंट जनरल वेसा विर्टानेन का कहना है कि रूस नाटो की एकता को परख रहा है। स्वीडन के डिफेंस चीफ माइकल क्लेसन ने भी कहा, “हम जब नाटो में शामिल हुए थे, तब रूस ने कहा था कि वो प्रतिक्रिया देगा, अब वो सच साबित हो रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद पीएम मोदी ने सेना के जवानों से मुलाकात की है। आदमपुर एयरबेस पर पीएम मोदी पहुंचे और यहां उन्होंने जवानों से मुलाकात की। इससे पहले पीएम मोदी ने सोमवार की रात आठ बजे देश को संबोधित किया था, जिसमें उन्होंने जवानों के शौर्य और साहस को सलाम किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी सेना ने अपना लक्ष्य हासिल किया है। हमने अपनी सेना को आतंकियों को मिटाने के लिए पूरी छूट दे रखी है।
भारत ने लॉन्च किया ऑपरेशन सिंदूर
बता दें कि भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर 06-07 मई की रात एयरस्ट्राइक की थी। भारत ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकवादियों के 9 ठिकानों पर स्ट्राइक की। इसमें कई आतंकवादी भी मारे गए। भारत ने इस स्ट्राइक को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद का एक्शन बताया। इसके साथ ही भारत ने कहा कि इस हमले में पाकिस्तान के किसी भी सैन्य ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया और न ही किसी आम नागरिक को इससे क्षति पहुंची है। इसे ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया।
बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद देश को संबोधित करते प्रधानमंत्री मोदी का भाषण बिल्कुल स्पष्ट था। पीएम मोदी ने साफ संदेश दिया कि पाकिस्तान अगर अपने यहां आतंकियों को पनाह देना बंद नहीं करता है तो उसे इसका और अधिक खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत का मत एकदम स्पष्ट है, टेरर और टॉक एक साथ नहीं हो सकते, टेरर और ट्रेड, एक साथ नहीं चल सकते और पानी और खून भी एक साथ नहीं बह सकता। पीएम मोदी ने कहा- ‘हमारी घोषित नीति रही है, अगर पाकिस्तान से बात होगी, तो टेरेरिज्म पर ही होगी, अगर पाकिस्तान से बात होगी, तो पाकिस्तान ऑक्यूपाइड कश्मीर (पीओके) पर ही होगी।
भारत – पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है और ऐसे में इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (आईएमएफ) की तरफ से पाकिस्तान को 1 बिलियन डॉलर का नया लोन दिए जाने ने राजनीतिक हलकों में उबाल ला दिया है। एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया दी और पाकिस्तान के साथ आईएमएफ को भी आड़े हाथों लिया।
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “हमारी जमीन पर, हमारे घरों पर, हमारे जवानों पर हमले हो रहे हैं और इनको आईएमएफ से 1 बिलियन डॉलर की मदद दी जा रही है। यह क्या अंतरराष्ट्रीय न्याय है ? उन्होंने पाकिस्तान पर हमला बोलते हुए कहा कि इनको न सरकार चलानी आती है और न अर्थव्यवस्था। ये केवल भारत में अमन बिगाड़ने और हिंदू-मुस्लिम तनाव फैलाने की योजना बना रहे हैं।
आतंकी के जनाजे में पाक सेना और सरकार के लोग मौजूद
असदुद्दीन ओवैसी ने ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए लश्कर और जैश के टॉप आतंकियों का ज़िक्र करते हुए कहा कि जो आतंकी भारत में हमलों के लिए जिम्मेदार थे। उनके जनाजे में पाक सेना के लेफ्टिनेंट जनरल और पंजाब पुलिस के आईजी शामिल होते हैं। यह देश किस नीति पर चल रहा है ? उन्होंने बहावलपुर और मुरीदके में आतंकी समारोहों का उल्लेख करते हुए कहा जिसे अमेरिका ने आतंकी घोषित किया है। वह वहां नमाज-ए-जनाजा पढ़ा रहा है। यह आतंक को आधिकारिक संरक्षण देने जैसा है।
पाकिस्तान ड्रोन से हमला कर रहा है, मासूम मर रहे हैं
असदुद्दीन ओवैसी ने पूंछ, राजौरी और श्रीनगर में हुए हालिया हमलों का जिक्र करते हुए कहा पाकिस्तान अब ड्रोन से हमला कर रहा है। जिसमें आम नागरिक और बच्चे मारे जा रहे हैं। पूंछ में चार मासूम मुसलमान बच्चे भी मारे गए। उन्होंने कहा कि क्या पाकिस्तान ये बताना चाहता है सिर्फ वही जन्नत में जाएंगे ? इस्लाम को आतंकवाद से जोड़ने का अधिकार तुम्हें किसने दिया है ?
जमात-ए-इस्लामी पाकिस्तान का चीन से समझौता और इस्लाम की बातें ?
असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान की दोहरी नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि “जब तुम्हारा जमात-ए-इस्लामी चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से समझौता करता है और फिर इस्लाम की बात करता है, तब तुम्हारी मंशा पर संदेह होता है। जिनजियांग में मुसलमानों पर हो रहे अत्याचारों पर तुम्हारी जुबान नहीं खुलती।
आईएमएफ का नाम अब इंटरनेशनल मिलिटेंट फंड – असदुद्दीन ओवैसी
एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने आईएमएफ को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि “ये अब इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड नहीं, इंटरनेशनल मिलिटेंट फंड बन गया है। जो आतंकियों की सरकार को मदद दे रहा है, जबकि हमारे सैनिक शहीद हो रहे हैं।
भारत को एकजुट रहना होगा – असदुद्दीन ओवैसी
असदुद्दीन ओवैसी ने अपने बयान में कहा कि “कांग्रेस और बीजेपी को आपसी आरोप – प्रत्यारोप छोड़कर एकजुट होकर पाकिस्तान जैसे दुनिया के लिए खतरा बने मुल्क के खिलाफ खड़ा होना चाहिए। पाकिस्तान के न्यूक्लियर बम को बैन किया जाना चाहिए। आप इस्लाम के नाम पर बच्चों को मार रहे हो और कहते हो कि तुम जन्नत में जाओगे ? हमने 1947 में तुम्हारी टू नेशन थ्योरी को खारिज कर दिया था और आज भी खारिज करते हैं।
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ रहा है। इस बीच राजस्थान के जैसलमेर में तो दोनों देशों के सेनाएं आमने तक आ चुकी हैं। इस वक्त युद्ध जैसे हालात तो बन रहे हैं, लेकिन फिर भी स्थिति को नियंत्रण में किया जा सकता है। भारत और पाकिस्तान दोनों के पास परमाणु बम है, इसलिए पूरी दुनिया की नजर इस पर बनी हुई है। तीन दिन के भीतर ही लगता है कि पाकिस्तान ने हथियार डाल दिए हैं। इस बीच पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने एक इंटरव्यू में साफ कर दिया है कि पाकिस्तान परमाणु हथियारों के विकल्प पर विचार नहीं कर रहा है। हालांकि वे अपनी आदत के अनुसार गीदड़ भभकी देने से भी नहीं चूके।
पाकिस्तान के पास विकल्प बहुत कम – रक्षा मंत्री
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि वह दुनिया को बता रहे हैं कि यह केवल इस क्षेत्र विशेष तक सीमित नहीं रहेगा, यह बहुत व्यापक हो सकता है। यह विनाश है। उन्होंने ये भी माना कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए उनके पास विकल्प कम होते जा रहे हैं। आसिफ ने यह भी साफ किया कि राष्ट्रीय कमान प्राधिकरण यानी एनसीए की कोई बैठक नहीं बुलाई गई है। एनसीए पाकिस्तान के परमाणु हथियारों के बारे में परिचालन संबंधी निर्णय लेने के लिए जिम्मेदार है।
मध्यस्था के लिए तैयार हुए रक्षा मंत्री
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि हम अगले लेवल के लिए भी तैयार हैं, लेकिन अगर दुनिया मेडिएट करती है तो इसके लिए भी तैयार हैं। उन्होंने कहा कि वे अपने गार्ड् डाउन नहीं करेंगे। बोले कि दो एटमी दो ताकतों की जंग दुनिया के लिए फिक्र की बात हो सकती है। इसलिए जो देश इस वक्त तामशबीन बने हुए हैं, वे भी इस सूरत ऐ हाल में लपेटे जाएंगे।
परमाणु हथियारों के विकल्प पर विचार नहीं – रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ
भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले तीन दिन से करीब करीब युद्ध जैसे हालात बने हुए हैं। हालांकि पाकिस्तान को भयंकर नुकसान इतने ही वक्त में झेलना पड़ा है। अब पाकिस्तान ये चाहता है कि कोई देश उनके बीच मध्यस्था के लिए आए, ताकि इस हार से उन्हें बचाया जा सके। अब पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि वे परमाणु हथियारों के विकल्प पर विचार नहीं कर रहा है।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने शनिवार को कहा कि परमाणु हथियार का विकल्प अभी उनके सामने नहीं है। आसिफ ने जियो न्यूज से कहा कि फिलहाल परमाणु विकल्प पर विचार नहीं किया जा रहा है। हालांकि, अगर ऐसी स्थिति आती है तो निरीक्षकों पर भी इसका असर पड़ेगा। वे अपनी आदत से मजबूर हैं, उन्हें मालूम है कि वे बैकफुट पर हैं, इसके बाद भी गीदड़ भभकी देने से नहीं चूक रहे हैं।
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। 9 और 10 मई की रात पाकिस्तान की सेना ने भारत में हमले के लिए मिसाइल अटैक किया। इसके अलावा ड्रोन और फाइटर जेट्स का भी इस्तेमाल किया। हालांकि भारतीय सेना ने इन सभी हमलों को निष्क्रिय कर दिया। इसके बाद भारतीय सेना ने मिसाइल और ड्रोन हमले करके पाकिस्तान के 6 एयरबेस और कई सारे रडार सिस्टम को तबाह कर दिया। इस बीच राजस्थान के जैसलमेर में हालात युद्ध जैसे बन चुके हैं और यहां भारत और पाकिस्तान की सेना आमने-सामने आ चुकी है। बता दें कि यहां एक के बाद एक कई धमाके सुनाई दे रहे हैं। इसलिए प्रशासन ने लोगों को घर से बाहर ना निकलने की सलाह दी है।
पीएम मोदी कर रहे हाईलेवल मीटिंग
आपको बताते चले कि जैसलमेर में लगातार पाकिस्तानी सेना द्वारा मिसाइलें गिराई जा रही है। जिला कलेक्टर ने लोगों को अपने घरों के अंदर रहने को कहा है। पूरे शहर में लोगों की एंट्री और एग्जिट को बंद कर दिया गया है। इस बीच पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक हाईलेवल मीटिंग की जा रही है। इस मीटिंग में तीनों सेनाओं के प्रमुख, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और एनएसए प्रमुख अजीत डोवल भी पहुंच चुके हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इस बैठक में कुछ अहम और बड़े निर्णय लिए जा सकते हैं।
हवा में हमले की कोशिश कर रहा पाकिस्तान
बता दें कि पाकिस्तान जैसलमेर पर लगातार अटैक कर रहा है। पाकिस्तान ने जो मिसाइल जैसलमेर पर दागी, उन्हें भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने मार गिराया है। बता दें कि जैसलमेर में एयरफोर्स स्टेशन, आर्मी कैंटोनमेंट दोनों ही है। बता दें कि जैसलमेर में एयर डिफेंस सिस्टम एक्टिवेट हुआ है। जो ड्रोन अटैक किया जा रहा था, उसमें तेज आवाज नहीं था। जो टार्गेट लॉक किया गया है और जैसे धमाके हो रहे हैं। उससे ऐसा लग रहा है कि मिसाइल को भारतीय डिफेंस सिस्टम ने मार गिराया है। बता दें कि पाकिस्तान ने हवा में हमला करने की पूरी कोशिश की, लेकिन भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने उसे हवा में ही बर्बाद कर दिया है।
इस समय भारत-पाक तनाव चरम पर है। इस बीच भारतीय स्ट्राइक में मारे गए आतंकियों के नाम सामने आए हैं। भारत की इस कार्रवाई में लश्कर का आतंकी अबु जुंदाल, खालिद उर्फ अबू अकाशा मारा गया है। वहीं इस कार्रवाई में जैश का आतंकी हाफिज मोहम्मद जमील, मोहम्मद यूसुफ अजहर और मोहम्मद हसन खान भी ढेर कर दिया गया है। ये आतंकी 7 मई को पाकिस्तान में भारतीय हमलों में मारे गए हैं। सूत्रों के हवाले से ये जानकारी सामने आई है।
सामने आए आतंकियों के नाम
1. मुदस्सर खादियन खास उर्फ मुदस्सर उर्फ अबू जुंदाल (लश्कर-ए-तैयबा)
2. खालिद उर्फ अबू अकाशा (लश्कर-ए-तैयबा)
3. हाफिज मुहम्मद जमील (जैश-ए-मोहम्मद)
4. मोहम्मद यूसुफ अजहर उर्फ उस्ताद जी उर्फ मोहम्मद सलीम उर्फ घोसी साहब (जैश-ए-मोहम्मद)
5. मोहम्मद हसन खान (जैश-ए-मोहम्मद)
भारतीय स्ट्राइक में मारे गए आतंकियों की लिस्ट
आईये जानते है किस्से क्या था सम्बन्ध
मुदस्सर खादियन खास उर्फ मुदस्सर उर्फ अबू जुंदाल लश्कर-ए-तैयबा से संबद्ध था। उसकी जनाजे की नमाज एक सरकारी स्कूल में हुई, जिसका नेतृत्व जमात-उद-दावा (एक नामित वैश्विक आतंकवादी) के हाफिज अब्दुल रऊफ ने किया। नमाज समारोह में पाक सेना के एक सेवारत लेफ्टिनेंट जनरल और पंजाब पुलिस के आईजी शामिल हुए।
हाफिज मुहम्मद जमील का जैश-ए-मोहम्मद से संबद्ध था। वह मौलाना मसूद अजहर का सबसे बड़ा साला था।
मोहम्मद यूसुफ अजहर उर्फ उस्ताद जी उर्फ मोहम्मद सलीम उर्फ घोसी साहब का भी जैश-ए-मोहम्मद से संबद्ध था। वह मौलाना मसूद अजहर का साला था। वह आईसी-814 अपहरण मामले में भी वांछित था।
खालिद उर्फ अबू अकाशा का लश्कर-ए-तैयबा से संबद्ध था। वह जम्मू-कश्मीर में कई आतंकवादी हमलों में शामिल था और अफ़गानिस्तान से हथियारों की तस्करी में शामिल था। उसका अंतिम संस्कार फ़ैसलाबाद में हुआ था और उसमें पाकिस्तानी सेना के वरिष्ठ अधिकारी और फ़ैसलाबाद के डिप्टी कमिश्नर शामिल हुए थे।
मोहम्मद हसन खान का भी जैश-ए-मोहम्मद से संबद्ध था। वह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में जैश के ऑपरेशनल कमांडर मुफ़्ती असगर खान कश्मीरी का बेटा था। उसने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों के समन्वय में अहम भूमिका निभाई थी।
भारत और पाकिस्तान के बीच जो तनाव चल रहा है, वो अब और भी आगे बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। तीन दिन से लगातार दोनों देश एक दूसरे पर हमला कर रहे हैं। हालांकि भारत को कोई भी ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन पाकिस्तान बिलबिला रहा है। इस बीच बड़ी खबर ये सामने आई है कि आने वाले दिनों में अगर हालात नहीं सुधरे तो टेरिटोरियल आर्मी को भी तैयार रहने के लिए कहा गया है।
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान एमएस धोनी भी इस आर्मी का हिस्सा हैं। उन्हें इस आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद उपाधि दी गई है। सचिन तेंदुलकर भी भारतीय वायु सेना में ग्रुप कैप्टन हैं। यानी अब अगर बात आगे बढ़ी तो एमएस धोनी को भी तैयार रहना होगा।
आईपीएल स्थगित होने के बाद खाली हैं एमएस धोनी
भारत को तीन आईसीसी खिताब जीतने वाले कप्तान एमएस धोनी अब इंटरनेशनल क्रिकेट से रिटायरमेंट का ऐलान कर चुके हैं। हालांकि अभी कुछ ही दिन पहले तक वे आईपीएल में अपनी टीम के लिए खेल रहे थे, लेकिन अब आईपीएल भारत बनाम पाकिस्तान की टेंशन को देखते हुए स्थगित कर दिया गया है। ऐसे में सभी खिलाड़ी धीरे धीरे अपने घरों की ओर लौट रहे हैं। अब खबर आई है कि भारत सरकार ने इस पूरे मामले से निपटने के लिए टेरिटोरियल आर्मी को भी तैयार रहने के लिए कहा है। धोनी इसी में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं।
क्या होती है टेरिटोरियल आर्मी
बता दे टेरिटोरियल आर्मी वैसे तो सीधे मोर्चा नहीं लेती है, लेकिन जब युद्ध का वक्त आता है तो उसे भी मैदान में उतारा जाता है। ये भारतीय सेना का ही एक हिस्सा है। टेरिटोरियल आर्मी सेना को अलग अलग तरह की सेवाएं उपलब्ध कराती है। अगर जरूरत पड़ती है तो इस आर्मी को नियमित सेना को यूनिट भी देनी पड़ती है।
टेरिटोरियल आर्मी की सेना की ओर से ट्रेनिंग भी कराई जाती है, ताकि वक्त पर वो काम आ सके। संकट के वक्त में इस आर्मी का काम आंतरिक सुरक्षा देना भी होता है। टेरिटोरियल आर्मी एक स्वैच्छिक संगठन है।टेरिटोरियल आर्मी के मैंबर अपना काम करते रह सकते हैं, साथ ही जरूरत पड़ने पर उन्हें मैदान में उतरना पड़ता है। देखना होगा कि आने वाले दिनों में ये तनाव और क्या रूप लेता है।
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। ऐसे में आईपीएल 2025 को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। इंडियन प्रीमियर लीग के 18वें सीजन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। आईपीएल 2025 का 22 मार्च को आगाज हुआ था। 7 मई तक 57 मुकाबले खेले जा चुके थे। 8 मई को पंजाब और दिल्ली के बीच धर्मशाला में मुकाबला खेला जाना था, लेकिन मैच को बीच में ही रोक दिया गया। इसके बाद मैच रद्द करने की घोषणा कर दी गई। अब आईपीएल के स्थगित होने का ऐलान कर दिया गया है।
आईपीएल टूर्नामेंट रोका गया
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने पीटीआई से कहा कि यह अच्छा नहीं लगता कि जब देश में युद्ध चल रहा है, तब क्रिकेट चल रहा है। उन्होंने लीग के स्थगित होने की पुष्टि की, जिसका समापन 25 मई को कोलकाता में होना था। अब बीसीसीआई के सामने बचे हुए मैचों के लिए नए शेड्यूल बनाने और भारत में मौजूद विदेशी खिलाड़ियों को उनके घर पहुंचाने की बड़ी चुनौती होगी। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर करीबी नजर बनाए हुए है, क्योंकि 20 से ज्यादा ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी और कोच मौजूदा इंडियन प्रीमियर लीग और पाकिस्तान सुपर लीग में खेल रहे हैं।
जम्मू और पठानकोट में हवाई हमले की चेतावनी के बाद धर्मशाला में पंजाब किंग्स और दिल्ली कैपिटल्स के बीच गुरुवार को होने वाले मैच को बीच में ही रद्द कर दिए जाने के बाद से आईपीएल 2025 पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे थे। गुरुवार को हवाई हमले की चेतावनी और जम्मू में विस्फोट जैसी आवाजों की खबरों के बीच पंजाब के पठानकोट, अमृतसर, जालंधर, होशियारपुर, मोहाली और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ सहित कई जिलों में ब्लैकआउट लागू कर दिया गया था।
आईपीएल 2025 में अभी किन टीमों के मैच बचे हुए हैं
59: LSG vs RCB
60: SRH vs KKR
61: PBKS vs MI
62: DC vs GT
63: CSK vs RR
64: RCB vs SRH
65: GT vs LSG
66: MI vs DC
67: RR vs PBKS
68: RCB vs KKR
69: GT vs CSK
70: LSG vs SRH
वही अब यूएई में खेला जाएगा पीएसएल
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने के बाद जहां इंडियन प्रीमियर लीग को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। वहीं एक दिन पहले ही पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) को संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई में स्थानांतरित कर दिया गया। गौरतलब है कि भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के 15 दिन बाद पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। जिसमें 26 लोग मारे गए थे। इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच घमासान जारी है।
नई दिल्ली: 08-09 मई की रात पाकिस्तान की ओर से भारत के सरहदी इलाकों में लगातार हमले किए गए। हालांकि भारत ने इन सभी हमलों को आसमान में ही निष्क्रिय कर दिया। वहीं पीएम मोदी भी पूरी रात पाकिस्तान की ओर से किए गए हमलों की अपडेट लेते रहे। पीएम मोदी ने हर हमले पर पूरी रात नजर रखी। उन्होंने रात में ही विभिन्न राज्यों की लीडरशिप से रिपोर्ट ली। पीएम मोदी लगातार अधिकारियों से इस ऑपरेशन से जुड़ी हर अपडेट लेते रहे।
बीएसएफ ने 7 आतंकियों को किया ढेर
वहीं शुक्रवार की सुबह जम्मू कश्मीर के सांबा में आतंकी घुसपैठ की बड़ी कोशिश नाकाम कर दी गई है। बीएसएफ (BSF) ने 7 पाकिस्तानी आतंकियों को मार गिराया है। मिली जानकारी के मुताबिक, जम्मू फ्रंटियर बीएसएफ के सांबा सेक्टर में 8 और 9 मई 2025 की मध्य रात्रि में आतंकवादियों के एक बड़े समूह द्वारा घुसपैठ की कोशिश की गई, जिसका पता निगरानी ग्रिड द्वारा लगाया गया। इस घुसपैठ की कोशिश को ढांढर पोस्ट पर पाक रेंजर्स की गोलीबारी से समर्थन मिला। बीएसएफ के सतर्क जवानों ने घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करते हुए कम से कम 7 आतंकवादियों को मार गिराया और वही दूसरी तरफ पाक पोस्ट ढांढर को भारी नुकसान पहुंचाया।
पाकिस्तान का हर हमला किया नाकाम
बता दें कि पाकिस्तान की ओर से रात में भारत के कई शहरों को निशाना बनाया गया। इसके बाद विभिन्न शहरों में ब्लैकआउट रखा गया। फिलहाल सीमावर्ती इलाकों को अलर्ट पर रखा गया है। भारत ने पाकिस्तान के तीन लड़ाकू विमानों को भी मार गिराया है, जिनमें दो जेएफ-17 और एक एफ-16 शामिल हैं और उनका एक पायलट भी पकड़ा गया है। बताया जा रहा है कि इस पायलट को राजस्थान के लाठी से पकड़ा गया है। इसी क्रम में गुरुवार रात को पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर, पंजाब, राजस्थान में मिसाइल और ड्रोन से हमला किया। वहीं, गुजरात में भी कुछ ड्रोन देखे गए।
भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर स्ट्राइक की। सेना ने आतंकियों के 9 ठिकानों पर कार्रवाई की है। वहीं इस घटना के बाद से पूरे उत्तर प्रदेश में रेड अलर्ट घोषित कर दिया गया है। यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार ने इस बात की जानकारी दी है। इसके अलावा उन्होंने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यूपी पुलिस सहित अन्य रक्षा इकाइयों को सुरक्षा मजबूत करने का निर्देश दिया है।
भारत ने लॉन्च किया ऑपरेशन सिंदूर
बता दें कि भारतीय सेना ने रात करीब 1.05 बजे से 1.30 बजे तक ऑपरेशन सिंदूर के अंजाम दिया। इसके तहत लाहौर में आतंकवादी हाफिज सईद और बहावलपुर में आतंकी मसूद अजहर के कई ठिकानों को तबाह कर दिया गया। भारतीय सेना ने PoK के मुजफ्फराबाद, धामोल, कोटली और बाघ अड्डे पर भी किया हमला। भारतीय सेना की स्ट्राइक में लश्कर और जैश के करीब 30 आतंकवादी ढेर हो गए।
अजित डोभाल ने दी जानकारी
पाकिस्तान में स्ट्राइक के बाद भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने अमेरिकी NSA से भी बात की। उन्होंने इस स्ट्राइक के बारे में जानकारी दी। अजित डोभाल ने बयान जारी कर बताया कि भारतीय सेना ने सटीक निशाना लगाया और केवल आतंकी ठिकानों को तबाह किया। वहीं भारत के इस एक्शन पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उम्मीद करता हूं कि ये सब जल्द खत्म होगा। भारत ने अमेरिका के अलावा ब्रिटेन, रूस, सऊदी अरब और यूएई (UAE) को भी हमले की जानकारी दी है।
यूपी में रेड अलर्ट घोषित
यूपी में रेड अलर्ट घोषित
वहीं उत्तर प्रदेश के डीजीपी ने एक्स पर एक पोस्ट किया है। डीजीपी की पोस्ट में लिखा है, “आतंकवादी ठिकानों पर भारतीय सेना के लक्षित हमले ऑपरेशन सिंदूर के बाद उत्तर प्रदेश में रेड अलर्ट घोषित कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश पुलिस की सभी क्षेत्रीय इकाइयों को रक्षा इकाइयों के साथ समन्वय करने और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा मजबूत करने का निर्देश दिया गया है।