Saturday, August 2, 2025
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मोदी सुरक्षा मामला: सोनिया ने चन्नी से कहा- एक्शन लें, स्मृति बोलीं- मोहरा ढूंढकर पल्ला तो नहीं झाड़ लिया

नई दिल्लीः पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले की सुरक्षा में चूक के 24 घंटे बाद कांग्रेस आलाकमान ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से बात की है। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस मामले की विस्तृत जानकारी चन्नी से ली है। उन्होंने चन्नी से कहा कि मोदी पूरे देश के प्रधानमंत्री हैं, इसलिए उनकी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए। सोनिया ने चन्नी से कहा कि इस मामले में जो भी जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। इस दौरे को लेकर सुरक्षा के पूरे बंदोबस्त किए जाने चाहिए थे। सोनिया की इस हिदायत के बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि आखिरकार सोनिया ने यह मान लिया कि सुरक्षा में चूक हुई थी, लेकिन ऐसा लग रहा है कि उन्होंने मोहरे को आदेश देकर अपना पल्ला झाड़ लिया है।

चन्नी का सोनिया को जवाब- जांच करवा रहे हैं
चन्नी ने सोनिया गांधी को बताया कि पंजाब सरकार पूरे मामले की जांच करवा रही है। इसके लिए सेवामुक्त जस्टिस मेहताब सिंह गिल और राज्य के गृह सचिव अनुराग वर्मा की जांच कमेटी बनाई गई है। कमेटी को 3 दिन में रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। उसमें जो भी जिम्मेदार होगा, उसके खिलाफ सरकार कार्रवाई करेगी।

स्मृति बोलीं- देर से जागी ये राजनीतिक आत्मा
स्मृति ईरानी ने कहा, “कहीं चन्नी को मोहरा बनाकर सोनिया इस पूरे मामले से पल्ला तो नहीं झाड़ रहीं? सोनिया ने कबूल कर लिया है कि पीएम की सुरक्षा में चूक हुई थी। उन्होंने स्वीकार कर लिया है कि चन्नी सरकार इस मामले में दोषी है। देर से जागी ये राजनीतिक आत्मा देश का आक्रोश देख रही थी। जनता की प्रार्थना, जनता की चिंता को देखकर सोनिया गांधी का ये कथन सामने आया है। कम से कम सोनिया जी ने इस बात को स्वीकारा की दोषी कांग्रेस की प्रदेश सरकार और प्रशासन है। कहीं ऐसा तो नहीं मोहरे को इस प्रकार का आदेश देकर परिवार ने अपना पल्ला झाड़ लिया है।”

पीएम की सुरक्षा में कमी पर कांग्रेस की दो राय, मनीष तिवारी ने ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया

पीएम की सुरक्षा में कमी पर कांग्रेस की दो राय, मनीष तिवारी ने ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया

डिजिटल डेस्क : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के दौरान सुरक्षा चिंताओं को लेकर देशभर में सियासत गरमा गई है. वहीं, कांग्रेस के अंदरूनी घेरे में तरह-तरह के विचार सामने आ रहे हैं। कांग्रेस के कई नेता सुरक्षा खामियों को लेकर उनकी पार्टी और सरकार पर सवाल उठा रहे हैं. कांग्रेस नेता मनीष तिवारी जैसे कुछ नेताओं ने इसे ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया है, जबकि सीएम चन्नी ने इसे प्रधानमंत्री की चाल बताया है.

इन नेताओं ने उठाया सवाल: कांग्रेस के भीतरी कक्षों में सुरक्षा की कमी पर दो मत हैं. वयोवृद्ध कांग्रेस नेता सुनील जाखड़ ने सुरक्षा उल्लंघनों पर पार्टी पर सवाल उठाया। बाद में, पंजाब सरकार में मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने भी स्वीकार किया कि प्रधानमंत्री में सुरक्षा खामियां थीं। इसी कड़ी में कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद मनीष तिवारी भी सुरक्षा में चूक मानने लगे हैं.

हाल ही में मनीष तिवारी ने एक ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक दुर्भाग्यपूर्ण है। “यह तब हमारे संज्ञान में आया था। उन्होंने ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा पर संसद में एक कानून पारित किया गया है, जिसे एसपीजी एक्ट कहा जाता है। 2019 में इस कानून में संशोधन किया गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के लिए सुरक्षा की कमी एक संवेदनशील मुद्दा है। इसे राजनीतिक फुटबॉल नहीं बनाया जाना चाहिए।

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बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में सेंध लगने के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को पंजाब का दौरा किया. हालांकि जब प्रधानमंत्री का काफिला हुसैनीवाला राष्ट्रीय शहीद स्मारक से करीब 30 किलोमीटर दूर फ्लाईओवर पर पहुंचा तो देखा कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने सड़क जाम कर दिया था. प्रधानमंत्री 15-20 मिनट फ्लाईओवर पर फंसे रहे। यह प्रधानमंत्री की सुरक्षा में एक बड़ी खामी थी। हालांकि, पंजाब सरकार ने घटना की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया है।

दुनिया भर में लोगों की जान लेने वाले ओमाइक्रोन को ‘लाइट’ कहना बहुत बड़ी गलती है: डब्ल्यूएचओ 

जिनेवा: दुनियाभर में कोरोना वायरस ओमाइक्रोन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. हालांकि, ओमाइक्रोन को वैकल्पिक डेल्टा स्ट्रेन की तुलना में कम गंभीर पाया गया है, जिससे दुनिया भर में लाखों लोगों की मौत हुई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोविड -19 के ओमाइक्रोन संस्करण के बारे में चेतावनी दी है। डब्ल्यूएचओ ने गुरुवार को कहा कि ओमाइक्रोन दुनिया भर में लोगों की जान ले रहा है और इसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए।

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनम घेब्रेसस का कहना है कि रिकॉर्ड संख्या में लोग नए संस्करण के शिकार हो रहे हैं – कई देशों में डेल्टा संस्करण की तुलना में तेजी से – जिसका अर्थ है कि अस्पताल तेजी से भर रहे हैं।

टेड्रोस ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “ओमाइक्रोन डेल्टा की तुलना में कम गंभीर लगता है, खासकर उन लोगों के लिए जिन्हें टीका लगाया गया है। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि इसे हल्के संस्करण के रूप में वर्गीकृत किया जाना चाहिए।”

“पहले की तरह, ओमिक्रॉन लोगों को अस्पताल ले जा रहा है और यह लोगों को मार रहा है,” उन्होंने समझाया। उन्होंने कहा, “दरअसल, मामलों की सुनामी इतनी बड़ी और तेज है कि यह पूरी दुनिया में स्वास्थ्य व्यवस्था को प्रभावित कर रही है.

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विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ओर से जारी कोविड-19 के आंकड़ों के मुताबिक 26 दिसंबर से 2 जनवरी तक के सप्ताह में संक्रमण के नए मामलों की संख्या में पिछले सप्ताह की तुलना में 61 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

 देश में एक बार फिर कोविड-19 के मामले 1 लाख के पार, 24 घंटे में 28.8% की बढ़ोतरी

नई दिल्ली: भारत कोविड-19 अपडेट: भारत में एक बार फिर कोरोना वायरस के रोजाना मामलों की संख्या 1 लाख को पार कर गई है. भारत में पिछले 24 घंटों में शुक्रवार, 7 जनवरी, 2022 की सुबह तक कोरोनावायरस के मामलों में 28.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। ओमिक्रॉन वेरिएंट के प्रसार के भीतर, पिछले 24 घंटों में 1,17,100 नए मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में कोरोना से 302 लोगों की मौत हुई है.1,17,100 मामले सामने आने के बाद से भारत में कुल 35,226,386 कोरोनर मामले दर्ज किए गए हैं। देश में सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 3,81,373 हो गई है। पिछले 24 घंटों में 30,836 मरीज ठीक हुए हैं और अब तक 34,371,845 लोग कोविड से ठीक हो चुके हैं। पिछले 24 घंटों में 302 मौतों के बाद देश में अब तक कोविड से मरने वालों की संख्या बढ़कर 4,83,178 हो गई है।

सक्रिय मामले की दर कुल मामलों का 1.05% है। रिकवरी रेट 97.57 फीसदी पर चल रहा है। कोविड के बढ़ते मामलों के बीच दैनिक सकारात्मकता दर 7.74% तक पहुंच गई। वहीं, वीकली पॉजिटिविटी रेट 4.54% है।

पिछले 24 घंटे में देशभर में वैक्सीन की 94,48,056 डोज दी जा चुकी हैं और देश में अब तक कुल 1,49,8,61,156 डोज दी जा चुकी हैं.

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10 दिन में 18 गुना बढ़ चुका है मामला

भारत में तीसरी लहर शुरू हो गई है और मामले इतनी तेजी से बढ़ रहे हैं कि पिछले 10 दिनों में ही कोविड के रोजाना के मामले 18 गुना बढ़ गए हैं. 26 दिसंबर को सिर्फ एक दिन में देश में कोविड के 6,356 मामले सामने आए और 10 दिनों में यह संख्या बढ़कर 116,000 से अधिक हो गई.हम आपको बता दें कि तीसरी लहर पिछले एक हफ्ते में औसतन 485 फीसदी प्रतिदिन की रफ्तार से बढ़ रही है।

क्यों शेषनाग पर लेटे रहते हैं भगवान विष्णु, क्यों उन्हें कहा जाता है हरि !

भगवान विष्णु को तस्वीर में काल रूपी शेषनाग पर विश्राम की मुद्रा में लेटे ​दर्शाया गया है. ऐसे में तमाम लोगों के मन में सवाल उठता है कि जिस पर संसार के संचालन की इतनी बड़ी जिम्मेदारी हो, वो कालरूपी नाग पर इतनी शांत मुद्रा में कैसे विश्राम कर सकता है ? यहां जानिए इसके बारे में.

हिंदू धर्म में 33 कोटि देवी देवताओं का जिक्र है. सभी के चित्र अलग अलग तरह से बनाए गए हैं, जिससे लोग पहचान पाते हैं कि ये कौन से देवता है. भगवान विष्णु के चित्र में उन्हें क्षीर सागर में शेष नाग की शैय्या पर लेटा दिखाया जाता है. इस चित्र में श्री विष्णु बिल्कुल शांत मुद्रा में आराम से लेटे हैं. भगवान विष्णु को शास्त्रों में जगत का पालनहार कहा गया है. उन्हें जगत पिता के नाम से भी जाना जाता है.

ऐसे में कई बार जेहन में सवाल आता है ​कि जिस पर इतनी बड़ी जिम्मेदारी का बोझ हो, वो कालरूपी नाग पर इतनी शांत मुद्रा में कैसे विश्राम कर सकता है? वास्तव में सभी देवी देवताओं की तस्वीरें भी लोगों को प्रेरणा देने के लिए हैं, लेकिन लोग अक्सर इस बात को नहीं समझ पाते. यहां जानिए कि भगवान विष्णु को क्यों शेषनाग पर विश्राम करते दिखाया जाता है.

इसलिए शेषनाग पर शयन करते हैं नारायण
दरअसल भगवान विष्णु का ये बेहद शांत स्वरूप लोगों को बुरे वक्त में संयम और धीरज रखने और ​मुश्किलों को नियंत्रित करने की प्रेरणा देता है. भगवान विष्णु जो पूरी सृष्टि के संचालक हैं वो इतनी बड़ी जिम्मेदारी के बावजूद वे क्षीर सागर में कालरूपी नाग पर निश्चिंत होकर विश्राम करते हैं. ऐसे में वे चिंतन करते हुए नजर आते हैं, मानों जगत में उत्पन्न तमाम समस्याओं का समाधान खोज रहे हों. इस तस्वीर में क्षीर सागर को सुख का प्रतीक माना गया है और शेषनाग को काल यानी दुख का प्रतीक माना गया है. ऐसे में नारायण का ये स्वरूप काल, दुख, विपत्तियों और भय से मुक्त होकर हर परिस्थिति में सम भाव की स्थिति में रहने की प्रेरणा देता है.

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जिस तरह नारायण पर संसार को पालने का जिम्मा है, उसी तरह मानव भी प्रत्येक पल कर्तव्य और जिम्मेदारियों से जुड़ा होता है. इनमें पारिवारिक, सामाजिक तथा आर्थिक दायित्व अहम होते हैं. इन दायित्वों का निर्वहन करते हुए उसके जीवन में तमाम समस्याएं और परेशानियां आती हैं. कालरूपी नाग की तरह कई बार ये हालात व्यक्ति को बुरी तरह प्रभावित करते हैं और वो इनके कारण टूट जाता है. ऐसे में उसे नारायण की प्रतिमा को देखकर प्रेरणा लेनी चाहिए कि किस तरह वे विपरीत परिस्थितियों में भी शांत, स्थिर, निर्भय तथा निश्चिंत मन से अपने धर्म का पालन करते हैं. नाग की शैय्या पर शयन करने के बावजूद वो कभी विचलित नहीं होते. इसी तरह व्यक्ति को भी हर परिस्थिति में निश्चिंत रहकर अपना धर्म निभाते रहना चाहिए.

जानिए क्यों नारायण को कहा जाता है हरि
भगवान विष्णु को हरि के नाम से भी जाना जाता है. हरि का अर्थ होता है हरने वाला. जब जब धरती पर संकट आता है, या व्यक्ति किसी बड़ी परेशानी में पड़कर भगवान विष्णु का सच्चे दिल से स्मरण करता है, तो प्रभु उसके सारे दुख, संताप और पाप हर लेते हैं. इस कारण उनके भक्त उन्हें प्रेमपूर्वक श्रीहरि और हरि के नाम से पुकारते हैं.

 

7 जनवरी 2022 का राशिफल: जानिए क्या कहता है आपका भविष्यफल

मेष राशि :- आज का दिन अच्छा रहेगा। कारोबार अच्छा चलेगा और धनलाभ की स्थिति रहेगी। व्यापार विस्तार की योजनाएं बना सकते हैं। नई योजनाएं और विचारधारा की नवीनता से व्यापार प्रगति की दिशा में अग्रसर होने लगेगा। फिर भी कार्य में सफलता मिलने में विलंब हो सकता है। मध्याह्न के बाद व्यापार के अनुकूल वातावरण सृजित होगा। कार्य के लिए कहीं बाहर जाने की संभावनाएं भी रहेगी। नौकरी में पदोन्नति हो सकती है। आपकी कार्यपद्धति से उच्च अधिकारी प्रसन्न रहेंगे।

वृषभ राशि :- आज का दिन सामान्य रहेगा। व्यापार विस्तार को लेकर नई योजनाएं अमल में आएंगी, लेकिन अपेक्षित सफलता नहीं मिलने से मन व्यग्र रहेगा। आकस्मिक प्रवास की संभावना रहेगी। खान-पान पर विशेष ध्यान रखना होगा। नकारात्मक विचारों से मन में हताशा का भाव आ सकता है। अनैतिक कार्यों से बचना होगा। मध्याह्न के बाद अच्छी प्रवृत्तियों के योग हैं। लेखन या साहित्यिक प्रवृत्ति में विशेष रुची रहेगी। अधिकारियों के साथ वाद-विवाद में न पड़ें।

मिथुन राशि :- आज का दिन अच्छा रहेगा। कार्यक्षेत्र में काम की अधिकता रहेगी, लेकिन अपने प्रयासों और सहकर्मियों की मदद से सभी कार्यों में सफलता मिलेगी। कारोबार में धनलाभ की स्थिति रहेगी। परिवार का माहौल अच्छा रहेगा और मित्रों-परिवार के साथ दिन आनंद-प्रमोद तथा मनोरंजन में बीतेगा, जिससे मन प्रफुल्लित रहेगा। मध्याह्न के बाद स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। वाहन चलाते समय सावधानी बरतें और क्रोध पर नियंत्रण रखें। नए कार्य शुरू करने के लिए समय अच्छा नहीं है।

कर्क राशि :- आज का दिन शुभ फलदायी रहेगा। कारोबार विस्तार की नई योजनाएं बनाएंगे और उनमें सफलता भी मिलेगी। व्यावसायिक गतिविधियों में सफलता मिलने से धनलाभ की स्थिति रहेगी और आर्थिक स्थिति मजबूत रहेगी। आकस्मिक धनलाभ के भी प्रबल योग बन रहे हैं। परिवार का माहौल अच्छा रहेगा और मनोरंजक प्रवृत्ति से मन प्रसन्न रहेगा। आय में वृद्धि होने से आर्थिक कष्ट दूर होंगे। बाहरी खान-पान से बचें। छोटे प्रवास या पर्यटन का योग है।

सिंह राशि :- आज का दिन अच्छा रहेगा। व्यावसायिक गतिविधियां सफल होंगी और कार्यक्षेत्र में आनंद का वातावरण छाया रहेगा। कार्यों में सफलता मिलने से धनलाभ की स्थिति रहेगी और आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। परिवार का माहौल अच्छा रहेगा और परिजनों का भरपूर सहयोग मिलेगा। वाहन एवं वस्त्र-आभूषणों की खरीदी कर सकते हैं। घर की सजावट में विशेष ध्यान देंगे। प्रतिस्पर्धियों पर विजय प्राप्त करेंगे। सेहत भी अच्छी रहेगी।

कन्या राशि :- आज का दिन मिला-जुला रहेगा। व्यावसायिक क्षेत्र में छोटी-छोटी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। कार्यभार की भी अधिकता रहेगी और दिन भागदौड़ में बीतेगा। हालांकि, कार्यों में सफलता मिलेगा, जिससे मन प्रसन्न रहेगा, लेकिन शारीरिक रूप से थकान का अनुभव होगा। सेहत का ध्यान रखना होगा। परिवार का माहौल अच्छा रहेगा, लेकिन किसी बात को लेकर परिजनों से तकरार की संभावना रहेगी। विद्यार्थियों के लिए समय अनुकूल है।

तुला राशि :- आज का दिन सामान्य रहेगा। व्यावसायिक क्षेत्र में अनिर्णय की स्थिति रहेगी। जल्दबाजी में फैसले लेने से बचें, अन्यथा बड़ा नुकसान होने की संभावना रहेगी। परिवार का माहौल अच्छा रहेगा और गृहस्थ जीवन में परेशानियों का निराकरण होगा। साथ ही संपत्ति से जुड़े हुए कार्यों का भी रास्ता निकलेगा। कार्यक्षेत्र में प्रतिकूलताओं में वृद्धि होगी, जिससे शारीरिक और मानसिक रूप से व्यग्रता का अनुभव होगा। सेहत को लेकर सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

वृश्चिक राशि :- आज का दिन मिला-जुला रहेगा। कारोबार मध्यम रहेगा और कार्यभार की अधिकता रहेगी। कड़े परिश्रम से कार्यों में सफलता मिलेगी, लेकिन अनावश्यक खर्च बढऩे से आर्थिक स्थिति कमजोर होने की संभावना रहेगी। धार्मिक और आध्यामित गतिविधियों के प्रति रुझान बढ़ेगा। सामाजिक कार्यों में भी बढ़-चढकऱ भाग लेंगे। परिवार का माहौल अच्छा रहेगा, लेकिन ध्यान रहे कि आपके व्यवहार के किसी को ठेस न पहुंचे। वाहन चलाते समय सावधानी बरतें और सेहत का ध्यान रखें।

धनु राशि :- आज का दिन सामान्य रहेगा। व्यावसायिक गतिविधियों में छोटी-छोटी परेशानियां आ सकती हैं, लेकिन कठिन परिश्रम से कार्यों में सफलता मिलेगी। कार्यभार की अधिकता रहेगी और दिन भागदौड़ में बीतेगा। शारीरिक और मानसिक रूप से थकान और अस्वस्थता का अनुभव करेंगे। गृहस्थ जीवन में उग्र वातावरण बना रहेगा। आध्यात्मिकता के प्रति रुझान बढ़ेगा और ईश्वरभक्ति से मन को शांति मिलेगी। नकारात्मक विचारों से बचना होगा। अधिक धन व्यय की संभावना रहेगी।

मकर राशि :- आज का दिन अच्छा रहेगा। कारोबार अच्छा चलेगा और कार्यों में सफलता मिलने से धन लाभ की स्थिति रहेगी। व्यापार से संबंधित किसी यात्रा पर जाने के योग बनेंगे। कोर्ट कचहरी के कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। परिवार का माहौल अच्छा रहेगा और परिजनों का भरपूर सहयोग मिलेगा। धार्मिक और सामाजिक कार्यों में बढ़-चढकऱ भाग लेंगे। धार्मिक यात्रा पर भी जा सकते हैं। धर्म-कर्म के कार्यों में धन-व्यय की अधिकता रहेगी। शारीरिक स्वास्थ्य भी बना रहेगा।

कुम्भ राशि :- आज का दिन शुभ फलदायी रहेगा। व्यावसायिक गतिविधियां सफल होंगी और कारोबार में धनलाभ की स्थिति रहेगी। प्रॉपर्टी और शेयर बाजार में निवेश लाभदायक रहेगा। विवाहोत्सुकों को योग्य साथी मिलने की संभावना है। पारिवारिक जीवन में सुख-शांति छायी रहेगी। किसी मनोहर स्थल पर प्रवेश हो सकता है। मित्रों से मुलाकात होगी, जो कि लाभदायक रहेगी। अनावश्यक खर्च की अधिकता रहेगी, जिस पर कंट्रोल करना पड़ेगा। धार्मिक कार्यों में अधिक धन व्यय होगा।

मीन राशि :- आज का दिन शुभ फलदायी रहेगा। व्यावसायिक क्षेत्र में अपेक्षित सफलता मिलने की संभावना रहेगी और आय की वृद्धि होगी। आनंद-प्रमोद और मनोरंजक प्रवृत्तियां दिनभर चलती रहेंगी। घर की साज-सजावट में आज नयापन लाएंगे। घर को सजाने की व्यवस्था में भी परिवर्तन करेंगे। वाहन-सुख भी मिलेगा। सामाजिक प्रसंग में कहीं बाहर जाने का प्रसंग उपस्थित होगा। रमणीय स्थान पर प्रवास का आनंद ले सकेंगे। स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा।

भगवान विष्णु के पांच प्रसिद्ध मंदिर, जहां दर्शन मात्र से पूरी होती हैं सभी मनोकामनाएं

भारत में हिंदू धर्म से जुड़े कई ऐसे चमत्कारिक और रहस्यमयी मंदिर हैं, जिनके दर्शन मात्र से ही लोगों के दु:ख पलक झपकते दूर होते हैं. जगत के पालनहार माने जाने वाले भगवान विष्णु के कुछ ऐसे ही प्रसिद्ध मंदिर के बारे में जानने के लिए पढ़ें ये लेख.

सनातन परंपरा में पंच देवों में से एक भगवान विष्णु (Lord Vishnu) को जगत का पालनहार माना जाता है. भगवान विष्णु भक्तों पर शीघ्र ही प्रसन्न होकर अपनी कृपा बरसाते हैं. पौराणिक कथाओं में श्री हरि पूजा से कष्टों के दूर होने और उनकी कृपा बरसने के कई प्रसंग मिलते हैं. मान्यता है कि पृथ्वी पर जब-जब पाप बढ़ते हैं उसे दूर करने के लिए भगवान विष्णु पृथ्वी पर अवतार लेते हें. वैष्णव परंपरा को मानने वाले अपने आराध्य देव को अनंत शक्ति का धाम मानते हुए उनके अलग-अलग रूप में पूजते हैं. भगवान विष्णु के अलग-अलग स्वरूप या फिर कहें उनके अवतारों को समर्पित समर्पित अनेकों मंदिर हैं, जहां पर ​दर्शन-पूजन करने पर पुण्यफल की प्राप्ति होती है. आइए भगवान विष्णु के कुछ ऐसे ही प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में जानते हैं.

आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित तिरुपति बाला जी का विश्वप्रसिद्ध मंदिर है. तिरुपति बालाजी का वास्तविक नाम श्री वेंकटेश्वर स्वामी है जो स्वयं भगवान विष्णु हैं. इसे देश के सबसे धनी मंदिरों में गिना जाता है. जिसके दर्शन के लिए प्रतिदिन देश-विदेश से बड़ी संख्या में भक्तगण पहुंचते हैं. मान्यता है कि कलयुग में भगवान विष्णु यहीं पर वास करते हैं. मान्यता है कि भगवान विष्णु के इस मंदिर में कोई भी व्यक्ति कभी भी खाली हाथ नहीं जाता है.

ओडिशा राज्य के पुरी शहर में स्थित है भगवान श्री जगन्नाथ जी का पावन धाम स्थित है. प्राचीन सप्तपुरियों में से एक पुरी का प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण को समर्पित है, जिन्हें यहां लोग भगवान जगन्नाथ के नाम से बुलाते हैं, जिसका अर्थ पूरे जगत का नाथ या फिर कहें स्वामी होता है. भगवान विष्णु का यह मंदिर सनातन परंपरा से जुड़े चार प्रमुख धामों में से एक है. जहां पर हर साल भगवान जगन्नाथ की विशाल रथयात्रा निकलती है. जिसमें भगवान जगन्नाथ अपने बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ नगर यात्रा पर निकलते हैं.

केरल राज्य के तिरुअनन्तपुरम में स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर की गिनती भी देश के अमीर मंदिरों में होती है. इस मंदिर को 16वीं शताब्दी में त्रावणकोर के राजाओं ने बनवाया था. भगवान विष्णु का यह मंदिर अपने रहस्मयी खजाने के लिए देश-दुनिया में मशहूर है. यहां पर भगवान विष्णु की विशाल मूर्ति है, जिसमें वे शेषनाग पर शयन मुद्रा में विराजमान है. पद्मनाभस्वामी मंदिर वैष्णव भक्तों के लिए एक बड़ा पावन धाम है, जहां पर जाकर दर्शन एवं पूजन से प्रत्येक विष्णु भक्त की मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

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चार प्रमुख धाम में से एक भगवान बद्रीनाथ का मंदिर भी भगवान विष्णु को ही समर्पित है. भगवान बद्रीनाथ का यह मंदिर उत्तराखंड राज्य में अलकनंदा नदी के किनारे दो पर्वत नर और नारायण के बीच स्थित है. यहां पर बद्रीनाथ भगवान की मूर्ति शालिग्राम शिला से बनी हुई है, जो कि चतुर्भुज मुद्रा में हैं. इस मंदिर में दक्षिण भारत के पुजारी उनकी पूजा करते हैं.

 

 

07 जनवरी 2022 का पंचांग: शुक्रवार का पंचांग और जानिए शुभ व अशुभ मुहूर्त

आज पौष माह शुक्ल पक्ष की पँचमी है। आज वैभव लक्ष्मी का व्रत है व पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र है। आज भगवान विष्णु जी की उपासना के साथ माता लक्ष्मी जी की पूजा भी करें। आज असत्य मत बोलें। दान पुण्य करें। आज चावल व सफेद वस्त्र के दान का भी बहुत महत्व है। आज विष्णु जी की विधिवत पूजा करें व श्री सूक्त का पाठ करें। धन प्राप्ति के लिए कनकधारास्तोत्र का पाठ करने का अनन्त पुण्य है। आज शुक्रवार
है।

प्रातःकाल पञ्चाङ्ग का दर्शन, अध्ययन व मनन आवश्यक है। शुभ व अशुभ समय का ज्ञान भी इसी से होता है। अभिजीत मुहूर्त का समय सबसे बेहतर होता है। इस शुभ समय में कोई भी कार्य प्रारंभ कर सकते हैं। विजय व गोधुली मुहूर्त भी बहुत ही सुंदर होता है। राहुकाल में कोई भी कार्य या यात्रा आरम्भ नहीं करना चाहिए।

आज का पंचांग 07 जनवरी 2022 (Today Panchang)
दिनांक 07 जनवरी 2022
दिवस शुक्रवार
माह पौष, शुक्ल पक्ष
तिथि पंचमी
सूर्योदय 07:15 am
सूर्यास्त 05:40 pm
नक्षत्र पूर्वाभाद्रपद
सूर्य राशि धनु
चन्द्र राशि कुम्भ
करण बालव
योग व्यतीपात

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07 जनवरी 2022 का पंचांग: शुक्रवार का पंचांग और जानिए शुभ व अशुभ मुहूर्त

शुभ मुहूर्त- अभिजीत 11:58 am से12:51 pm तक
विजय मुहूर्त 02:43 pm से 03:39 pm तक
गोधुली मुहूर्त 07:04 pm से 07:29 pm तक
राहुकाल का समय प्रातःकाल 10:30 बजे से 12 बजे तक है। इस दौरान किसी शुभ काम को करने से परहेज करें।

 

कैबिनेट बैठक में उठाया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में सेंध का मुद्दा

डिजिटल डेस्क : पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में सेंध का मामला अब तूल पकड़ चुका है. इस पूरे घटनाक्रम पर जहां राष्ट्रपति रामनाथ कोबिंद ने चिंता जताई है, वहीं कैबिनेट की बैठक में सभी ने पंजाब सरकार के रवैये पर नाराजगी जताई है. पूरे मामले पर केंद्रीय खेल, युवा मामले और प्रसारण मंत्री अनुराग टैगोर ने कहा कि जब ऐसी गलती होती है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत होती है.

केंद्रीय मंत्री अनुराग टैगोर ने कहा है कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में एक बड़ी खामी के बाद पंजाब में सभी ने अपनी राय रखी है. सुप्रीम कोर्ट और गृह मंत्रालय इस पर काम कर रहे हैं। ऐसी त्रुटियों के मामले में संबंधित विभाग द्वारा उचित और सख्त कार्रवाई की जाएगी।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में कमी के मुद्दे को ‘घृणित राजनीति’ करार दिया है। उन्होंने कहा, “कल हमारे प्रधानमंत्री पंजाब गए थे, जहां कांग्रेस की सरकार है।” क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि भारत के प्रधान मंत्री चले गए हैं और उनके पास सुरक्षा की कमी है। हम भी मुख्यमंत्री बने लेकिन जीवन में ऐसी जघन्य राजनीति को स्वीकार नहीं किया। वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि इतनी राजनीतिक दुश्मनी है कि कांग्रेस को प्रधानमंत्री की जान से खिलवाड़ करना चाहिए. मैं सोनिया गांधी और राहुल गांधी से कहना चाहूंगा कि राजनीतिक मतभेद ऐसे नहीं हैं कि आप नफरत की आग में जल जाएं.

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15 से 20 मिनट तक फ्लाईओवर पर फंसा रहा पीएम मोदी का काफिला
हम जानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार सुबह बठिंडा पहुंचे, जहां से उन्हें हेलिकॉप्टर से हुसैनीवाला स्थित राष्ट्रीय शहीद स्मारक जाना था. लेकिन बारिश और खराब दृश्यता के चलते प्रधानमंत्री ने करीब 20 मिनट तक मौसम साफ होने का इंतजार किया. यदि मौसम में सुधार नहीं हुआ तो यह तय है कि वह सड़क मार्ग से राष्ट्रीय शहीद स्मारक जाएंगे, जिसमें दो घंटे से अधिक समय लगेगा। गृह मंत्रालय ने कहा कि पंजाब पुलिस के डीजीपी ने सुरक्षा के जरूरी इंतजाम किए थे। फिर प्रधानमंत्री ने सड़क मार्ग से यात्रा की। हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक से करीब 30 किलोमीटर दूर जब प्रधानमंत्री का काफिला एक फ्लाईओवर पर पहुंचा तो कुछ प्रदर्शनकारी सड़क जाम करते दिखे. इसमें कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी को 15-20 मिनट तक फ्लाईओवर पर रुकना पड़ा। यह प्रधानमंत्री की सुरक्षा में एक बड़ी खामी थी।

ओमाइक्रोन बड़े शहरों में तेजी से फैल रहा है, हालांकि अस्पतालों में मरीजों के भर्ती होने की संभावना कम

नई दिल्ली: देश में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं. दिल्ली, मुंबई और देश के अन्य प्रमुख शहरों में नए ओमाइक्रोन केस के साथ कोरोना के मामले में भारी उछाल आया है। देश के 26 राज्यों में अब तक ओमाइक्रोन के मामले सामने आ चुके हैं। देश में गुरुवार को कोरोना के 90,928 नए मामले दर्ज किए गए, जो 200 दिनों में सबसे ज्यादा हैं।

मामले से जुड़े 10 खास मुद्दे…

देश में पिछले 24 घंटे में 495 लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं. भारत में ओमाइक्रोन वैरिएंट के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 2,630 हो गई है। लेकिन अब तक 995 मरीज ठीक हो चुके हैं।

कोरोना का यह नया रूप 26 राज्यों में फैल चुका है। ओमाइक्रोन के सबसे ज्यादा मामले दिल्ली (465) और महाराष्ट्र (797) में सामने आए।

साल की शुरुआत से लेकर अब तक देश में कोरोना के मामलों की संख्या में हर दिन करीब चार गुना इजाफा हुआ है.देश में गुरुवार को कोरोना के 90,926 नए मामले दर्ज किए गए. एक दिन पहले बुधवार को देश में कोरोना के 58,098 मामले दर्ज किए गए थे.

दिल्ली और मुंबई के अलावा कोलकाता, चेन्नई और बैंगलोर में भी कोरोनावायरस की बढ़ती संख्या भी चिंता का विषय है।

मुंबई में बुधवार को कोरोना के 15,166 मामले सामने आए, जो पिछले साल की सबसे ज्यादा संख्या (11,000) से ज्यादा है। लगभग 90 प्रतिशत नए रोगियों में कोई लक्षण नहीं दिखा जबकि केवल 8 प्रतिशत को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा।

बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोविड मामलों की संख्या पिछले दिन की तुलना में लगभग दोगुनी हो गई. बुधवार को दिल्ली में 10,665 मामले दर्ज किए गए। हालांकि, राहत की बात यह रही कि कम मरीजों को ही अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ी।

कुछ दिन पहले तक पश्चिम बंगाल में कोरोना के आधे नए मामले राजधानी कोलकाता से आ रहे थे, लेकिन अब आसपास के जिलों में भी मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.

पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य सेवा के निदेशक अजय चक्रवर्ती ने कहा, “हम आसपास के जिलों और ग्रामीण इलाकों में स्थिति की निगरानी कर रहे हैं जहां मामलों की संख्या बढ़ रही है। ,

कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए देश के कई बड़े शहरों में रात का कर्फ्यू और वीकेंड लॉकडाउन लागू कर दिया गया है. स्कूल बंद कर दिए गए हैं, हालांकि कई राज्यों में चुनावी रैलियां चल रही हैं, जहां अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.

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देश में सक्रिय मामलों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है क्योंकि ठीक होने वाले मरीजों की संख्या कोरोना के नए मामलों में भारी उछाल से कम है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 2,85,401 मरीजों का कोरोना का इलाज चल रहा है, इसके साथ ही सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 2,85,401 हो गई है।

राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अब तक लोगों को कुल 1,48,67,80,227 खुराक दी जा चुकी हैं। इसमें पिछले 24 घंटों में दी गई 91,25,099 खुराक शामिल हैं। बुधवार को 14,13,030 का परीक्षण किया गया।

इटली से अमृतसर जाने वाली फ्लाइट में कुल 179 यात्रियों के साथ कुल 125 यात्री कोरोना पॉजिटिव 

डिजिटल डेस्क :  देश में कोरोना के मामलों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. हर दिन कोरोना की संख्या दोगुनी हो रही है। इस बीच खबर आई है कि इटली से अमृतसर जा रहे एक विमान के 125 यात्री कोरोना की चपेट में आ गए हैं. फ्लाइट में कुल 179 यात्री सवार थे, जिनमें से 125 के कोरोना से संक्रमित होने की खबर है. कोरोना से प्रभावित सभी यात्रियों को आइसोलेट कर दिया गया है।

गुरु रामदास अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर हंगामा तब शुरू हुआ जब इटली से अंतरराष्ट्रीय चार्टर्ड विमान में सवार यात्रियों ने उतरना शुरू किया। इस फ्लाइट में कुल 179 यात्री सवार थे। एयरपोर्ट पर सभी यात्रियों का RTPCR टेस्ट हुआ, जिसमें 125 यात्री कोविड पॉजिटिव पाए गए। इतनी बड़ी संख्या में यात्रियों के कोरोना पॉजिटिव होने की खबर ने एयरपोर्ट पर मारपीट शुरू कर दी। सभी यात्रियों को आइसोलेट कर दिया गया है।

अमृतसर एयरपोर्ट के डायरेक्टर वीके सेठ ने बताया कि इंटरनेशनल चार्टर्ड फ्लाइट इटली से अमृतसर आई थी। फ्लाइट में 179 यात्री सवार थे, जिनमें से 125 अमृतसर एयरपोर्ट पर कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए।

पंजाब सरकार ने रात का कर्फ्यू लगा दिया है और स्कूल-कॉलेज भी बंद हैं
राज्य सरकार ने कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पंजाब के सभी जिलों और शहरों में रात्रि कर्फ्यू का आदेश दिया है। पंजाब में रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक रात का कर्फ्यू लागू रहेगा। सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने के सरकार के आदेश के बावजूद मेडिकल और नर्सिंग कॉलेजों को प्रतिबंध से बाहर रखा गया है. इसके अलावा अन्य शिक्षण संस्थानों को भी ऑनलाइन शिक्षण जारी रखने को कहा गया है। नए आदेश के तहत बार, सिनेमा हॉल, मल्टीप्लेक्स, मॉल, रेस्तरां, स्पा, संग्रहालय और चिड़ियाघर को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खोलने की अनुमति है। बशर्ते सभी स्टाफ मेंबर्स के पास कोरोना की दोनों डोज हों।

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नए प्रतिबंध 15 जनवरी तक प्रभावी रहेंगे
नई पाबंदियां 15 जनवरी तक लागू रहेंगी, जिसके बाद कोरोना की स्थिति को देखते हुए फैसला लिया जाएगा। राज्य में खेल परिसर, स्टेडियम, स्विमिंग पूल और जिम भी बंद कर दिए गए हैं। नए आदेश के तहत केवल राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं के लिए प्रशिक्षित खिलाड़ियों को ही प्रवेश की अनुमति होगी। नए आदेश में यह भी कहा गया है कि केवल पूर्ण टीकाकरण वाले कर्मचारियों को ही सरकारी और निजी कार्यालयों में जाने की अनुमति होगी। हालांकि, आवश्यक कार्यों में लगे लोगों को यात्रा, माल परिवहन और बस, ट्रेन और विमान से पहुंचने वाले लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचने की अनुमति होगी। 50 प्रतिशत क्षमता वाली बसें भी सड़क पर दौड़ सकेंगी।

सेना पर हमले की सूचना देने वाले को इनाम देने की घोषणा 

डिजिटल डेस्क : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गुरुवार को प्रतिबंधित पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) और मणिपुर नगा पीपुल्स फ्रंट (एमएनपीएफ) से जुड़े 10 विद्रोहियों के खिलाफ नकद पुरस्कार की घोषणा की। उन पर सेना पर हमले में शामिल होने का आरोप है.एनआईए ने आज पिछले साल नवंबर में असम राइफल्स के एक कर्नल और उसके परिवार को पकड़ने की सूचना देने वाले के लिए 4-8 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की।

13 नवंबर के हमले में वांछित 
विशेष रूप से, आरोप हैं कि प्रतिबंधित पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) और मणिपुर नगा पीपुल्स फ्रंट (एमएनपीएफ) के 10 विद्रोही पिछले साल 13 नवंबर के हमले में शामिल थे। एनआईए के एक प्रवक्ता ने आज कहा कि जो कोई भी संदिग्धों के बारे में “महत्वपूर्ण जानकारी” प्रदान करेगा, उसे उनकी गिरफ्तारी के लिए पुरस्कृत किया जाएगा।

सेना पर हमले में छह लोग मारे गए
13 नवंबर 2021 को मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में सेना के काफिले पर कथित तौर पर पीएलए और एमएनपीएफ विद्रोहियों द्वारा आईईडी से हमला किया गया था। भारत-म्यांमार सीमा के पास हुए घातक हमले में असम राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल बिप्लोब त्रिपाठी, उनकी पत्नी और बेटे और सुरक्षा बलों के चार सदस्यों सहित सात लोग मारे गए। स्वयंभू गॉडमैन लेफ्टिनेंट कर्नल चाओई और लेफ्टिनेंट कर्नल स्गोलसेम इनोचाओ वांछितों में शामिल हैं।

रायगढ़ के पहले सांसद के पोते थे कर्नल बिप्लब
पिछले साल नवंबर में, चरमपंथियों ने मणिपुर के चुराचंदपुर जिले के सिंघाट में असम राइफल्स के एक काफिले पर अचानक हमला किया, जिसमें कर्नल बिप्लब त्रिपाठी, उनके परिवार और चार सैनिकों की मौत हो गई।

हमले में कर्नल बिपुल, उनकी पत्नी अनुजा और 8 साल के बेटे अबीर त्रिपाठी की भी मौत हो गई। कर्नल बिप्लब त्रिपाठी के छोटे भाई भी भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं। उनके माता-पिता छत्तीसगढ़ की राजधानी रायगढ़ में रहते हैं।

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कर्नल बिप्लब छत्तीसगढ़ के रायगढ़ से पहले सांसद किशोर मोहन त्रिपाठी के पोते थे। कर्नल बिप्लब के पिता सुभाष त्रिपाठी रायगढ़ के एक दैनिक समाचार पत्र के संपादक हैं।

बीआरओ दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सड़क के बर्फ के आवरण को हटाना जारी है

डिजिटल डेस्क : लद्दाख में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण केंद्र शासित प्रदेश खारदुंगला के माध्यम से दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची मोटर योग्य सड़क बर्फ की मोटी चादर से ढकी हुई है। इसे दूर करने के लिए सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) काम कर रहा है। भीषण सर्दी और बर्फबारी में भी इसे खुला रखा जा रहा है। भारत के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस सड़क का उपयोग सियाचिन ग्लेशियर तक आपूर्ति परिवहन के लिए किया जाता है। पाकिस्तान और चीन दोनों सीमाओं के लिए रणनीतिक सड़कें इस दर्रे से होकर गुजरती हैं।

दरअसल, ठंड के मौसम में इस सड़क पर गाड़ी चलाना काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है. बर्फ की मोटी चादर के कारण यहां ब्रेक लगाना खतरनाक है। हम आपको सूचित करना चाहेंगे कि भारत-चीन सीमा से सटे लद्दाख क्षेत्र में सड़क रखरखाव के लिए बीआरओ जिम्मेदार है। सीमा सड़क संगठन मित्र पड़ोसी देशों के साथ भारत की सीमा के आसपास के क्षेत्र में एक सड़क नेटवर्क का निर्माण और रखरखाव करता है।

BRO का गठन 7 मई 1960 को भारत की सीमाओं की रक्षा करने और देश के उत्तरी और उत्तरपूर्वी राज्यों के सुदूर क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए किया गया था। वर्तमान में, बीआरओ 21 राज्यों, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के एक केंद्र शासित प्रदेश और भारत के पड़ोसी राज्यों, जैसे अफगानिस्तान, भूटान, श्रीलंका और म्यांमार के आंदोलन की देखरेख करता है।

Raed more : पीएम की सुरक्षा विफलता पर राकेश टिकैत ने कहा- सहानुभूति हासिल करने का सस्ता तरीका ढूंढ रहे हैं

हम आपको बता दें कि बीआरओ के कार्यकारी प्रमुख डीजीबीआर हैं, जो लेफ्टिनेंट जनरल हैं। वहीं सीमा सड़क संगठन सीमा संपर्क और अन्य गतिविधियों को बढ़ाने के लिए पूरी तरह से भारत के गृह मंत्रालय के अधीन है। इससे पहले सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से बीआरओ को अनुदान दिया जाता था।

पीएम की सुरक्षा विफलता पर राकेश टिकैत ने कहा- सहानुभूति हासिल करने का सस्ता तरीका ढूंढ रहे हैं

डिजिटल डेस्क : पीएम की सुरक्षा विफलता पर राकेश टिकैत: पंजाब में पीएम मोदी की सुरक्षा में कमी को लेकर कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने कोई इसे कांग्रेस की साजिश बता रहा है तो कोई इसे थोड़ी सी लापरवाही बता रहा है। इस बीच कृषि कानून की वापसी के लिए आंदोलन कर रहे किसान नेता राकेश टिकत का बयान भी सामने आया है. उन्होंने बुधवार को हुई पूरी घटना को प्रधानमंत्री मोदी का सोचनीय स्टंट बताया. उन्होंने स्पष्ट किया कि कांग्रेस और भाजपा अपनी राजनीति कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों की हमदर्दी जीतने के लिए ऐसा किया है, जबकि कांग्रेस सिर्फ अपना बचाव कर रही है।

भारतीय किसान संघ (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जब प्रधानमंत्री पंजाब आ रहे थे तो उन्होंने सुरक्षा के क्या उपाय किए? उसके भागने की खबर से साफ हो गया कि यह एक स्टंट था। यह लोगों की सहानुभूति हासिल करने का एक सस्ता तरीका खोजने का प्रयास था। आपको बता दें कि अपनी वापसी पर प्रधानमंत्री मोदी ने बठिंडा एयरपोर्ट पर अधिकारियों से कहा, ”मुख्यमंत्री का शुक्रिया कि मैं जिंदा लौट आया हूं.”

राकेश टिकिट ने कहा कि केंद्र सरकार कह रही है कि सुरक्षा में खामी है और पंजाब सरकार कह रही है कि प्रधानमंत्री वहां नहीं गए क्योंकि उनकी विधानसभा की कुर्सियां ​​खाली थीं। दोनों अपना बचाव करने की कोशिश कर रहे हैं। प्रधानमंत्री को वहां नहीं जाना चाहिए था। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री बिना सुरक्षा के वहां कैसे गए।

बता दें कि बुधवार को पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में बड़ी लापरवाही बरती गई. फिरोजपुर होते हुए शहीद स्मारक के रास्ते में प्रधानमंत्री का काफिला 20 मिनट तक फ्लाईओवर पर फंसा रहा. रास्ते में कुछ प्रदर्शनकारी लगातार विरोध कर रहे थे। स्थानीय पुलिस को भी इन पर कार्रवाई न करने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसे में कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है।

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प्रधानमंत्री मोदी कल कोलकाता में चित्तरंजन राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के दूसरे परिसर का उद्घाटन करेंगे 

डिजिटल डेस्क : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को कोलकाता में चित्तरंजन राष्ट्रीय कैंसर संस्थान/सीएनसीआई के दूसरे परिसर का उद्घाटन करेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने गुरुवार को यह जानकारी दी। पीएमओ के मुताबिक, प्रधानमंत्री 8 जनवरी को सुबह 1 बजे वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए चित्तरंजन राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के दूसरे परिसर का उद्घाटन करेंगे. नए परिसर में अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस 460 बिस्तरों वाली कैंसर इकाई होगी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि वह कालीघाट स्थित अपने आवास से वर्चुअल बैठक में शामिल होंगी.

परिसर का निर्माण 530 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। केंद्र सरकार ने करीब 400 करोड़ रुपये दिए हैं और बाकी पैसा पश्चिम बंगाल सरकार ने खर्च किया है. पीएमओ ने कहा कि संस्थान के दूसरे परिसर का निर्माण देश में स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास के लिए प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप है.

कैंसर रोगियों को मिलेगी राहत

सीएनसीआई कैंसर रोगियों पर भारी बोझ था और इसके विस्तार की आवश्यकता कुछ समय के लिए महसूस की गई थी। नए CNCI परिसर के निर्माण से उस पर दबाव कम होगा। नए परिसर में अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस 460 बिस्तरों वाली कैंसर इकाई होगी। पीएमओ ने कहा कि यह परिसर कैंसर अनुसंधान के लिए एक अत्याधुनिक केंद्र के रूप में भी काम करेगा। चित्तरंजन राष्ट्रीय कैंसर संस्थान भारत में एक कैंसर चिकित्सा अस्पताल है। यह भारत के 25 क्षेत्रीय कैंसर केंद्रों में से एक है। कंपनी कोलकाता में जतिन दास पार्क मेट्रो स्टेशन के पास स्थित है। यह 2 जनवरी, 1950 को महान स्वतंत्रता सेनानी चित्तरंजन दास की स्मृति में स्थापित किया गया था और बाद में इसका नाम बदलकर “चित्तरंजन कैंसर अस्पताल” कर दिया गया।

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प्रधानमंत्री की पहल का भाजपा विधायक ने किया स्वागत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल का स्वागत करते हुए भाजपा विधायक अग्निमित्र पॉल ने कहा, “चितरंजन कैंसर अस्पताल के दूसरे परिसर के लिए धन्यवाद सर। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत अस्पताल में परमाणु सहित अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा होगा। पैसा निवेश करने के लिए। हम आपको बता दें कि यह पूर्वी भारत के सबसे महत्वपूर्ण कैंसर उपचार केंद्रों में से एक है। पूर्वी भारत के मरीजों को यहां काफी राहत और चिकित्सा सुविधाएं मिलती हैं।

राष्ट्रपति रामनाथ कोबिंद से मिले PM मोदी, सुरक्षा खामियों पर राष्ट्रपति ने जताई चिंता

नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोबिंद ने आज राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। साथ ही बुधवार को प्रधानमंत्री (पीएम मोदी) ने सुरक्षा उल्लंघनों पर चिंता व्यक्त की। विशेष रूप से, हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक का दौरा करने के लिए पंजाब के बठिंडा पहुंचे प्रधान मंत्री मोदी को हेलीकॉप्टर द्वारा कार्यक्रम स्थल पर भेजा जाना था, लेकिन बारिश और खराब दृश्यता के कारण, उन्होंने मौसम साफ होने के लिए लगभग 20 मिनट तक इंतजार किया। . कर लिया है। यदि मौसम में सुधार नहीं हुआ तो यह तय है कि वह सड़क मार्ग से राष्ट्रीय शहीद स्मारक जाएंगे, जिसमें दो घंटे से अधिक समय लगेगा।

स्मारक से करीब 30 किमी दूर जब पीएम का काफिला एक फ्लाईओवर पर पहुंचा तो प्रदर्शनकारियों ने सड़क जाम कर दिया. 15-20 मिनट तक पीएम फ्लाईओवर पर फंसे रहे. अंदर रिपोर्ट सौंपेंगे.

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मामले को सुप्रीम कोर्ट ले जाया गया है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर प्रधानमंत्री की सुरक्षा में सेंध लगने की पूरी जांच की मांग की गई थी. सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई के लिए तैयार हो गया है. शुक्रवार को मामले की सुनवाई होगी। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने याचिकाकर्ता से याचिका की एक प्रति केंद्र और पंजाब सरकार को सौंपने को कहा।

नीरज बिश्नोई धमकाने वाले ऐप मामले में गिरफ्तार: दिल्ली पुलिस सूत्र

नई दिल्ली: बुली बाय एप मामले के मुख्य आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक मुख्य आरोपी नीरज विष्णु है। असम से गिरफ्तार पुलिस के मुताबिक, यह वही शख्स है जिसने GITHUB पर Bulibi ऐप बनाया था। वह मुख्य ट्विटर अकाउंट होल्डर भी थे। पुलिस की एक टीम आज दोपहर साढ़े तीन बजे आरोपी को लेकर एयरपोर्ट पहुंचेगी।

मामले में तीन और लोगों को गिरफ्तार किया गया है। साइबर सेल ने इससे पहले 19 वर्षीय श्वेता सिंह और 21 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्र विशाल कुमार झा को इस मामले के मुख्य आरोपी बेंगलुरु से उत्तराखंड से गिरफ्तार किया था। साथ ही 21 वर्षीय मयंक रावल को बुधवार सुबह गिरफ्तार किया गया. आरोपी श्वेता सिंह बुली एप की कंट्रोलर में से एक थी। ऐसे तीन ऐप के अकाउंट्स को श्वेता कंट्रोल कर रही थी। पहले आरोपी बॉट्स के जरिए कंटेंट पोस्ट करते थे, फिर असली अकाउंट से पोस्ट करने लगे।

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मुंबई पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई गई थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि गीथहब द्वारा होस्ट किए गए ‘बुली बाय’ ऐप पर मुस्लिम महिलाओं की सैकड़ों मेडिकल तस्वीरें अपलोड की गई थीं। इसका मकसद उन महिलाओं का अपमान करना और उन्हें धमकाना है.

अफगानिस्तान में अमेरिका के 20 साल, युद्ध में 14 ट्रिलियन खर्च हुए, कई जानें जा चुकी हैं

 डिजिटल डेस्क : संयुक्त राज्य अमेरिका ने पिछले 20 वर्षों में अफगानिस्तान और मध्य पूर्व में अपने इतिहास में सबसे लंबा युद्ध लड़ा है। इन दो दशकों में उन्होंने इस युद्ध के लिए जो कीमत चुकाई है, उसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है। उसने अपने लोगों के लिए कितना जीवन खोया है, इसका आकलन कोई नहीं कर सकता। अफगानिस्तान और इराक में दो दशकों के युद्ध में 3,500 से अधिक अमेरिकी ठेकेदार और 7,000 से अधिक अमेरिकी सैनिक मारे गए हैं। अमेरिका ने 20 साल के युद्ध में 14 14 ट्रिलियन खर्च किए हैं। इस पैसे ने सशस्त्र निर्माताओं, डीलरों और ठेकेदारों को समृद्ध किया। वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट से पता चलता है कि 11 सितंबर, 2001 के बाद से, अमेरिकी सैन्य मुआवजे ने पेंटागन के खर्च में 14 ट्रिलियन की वृद्धि की है। इसका एक तिहाई से आधा हिस्सा ठेकेदारों के पास गया।

रिपोर्ट अमेरिकी करदाताओं के पैसे को उन परियोजनाओं पर बर्बाद किए जाने के कई उदाहरणों का हवाला देती है जिन्होंने कभी काम नहीं किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि पेंटागन ने अफगान कश्मीर में बाजार को बढ़ावा देने के लिए नौ इतालवी बकरियों के आयात की एक परियोजना पर 60 लाख डॉलर खर्च किए हैं। परियोजना अपने पूर्ण आकार तक कभी नहीं पहुंची। पांच रक्षा कंपनियों – लॉकहीड मार्टिन कॉर्पोरेशन, बोइंग कंपनी, जनरल डायनेमिक्स कॉर्पोरेशन, रेथियॉन टेक्नोलॉजीज कॉर्पोरेशन और नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन कॉर्पोरेशन – ने हथियारों, आपूर्ति और अन्य सेवाओं में 2.1 ट्रिलियन डॉलर लिए हैं। डब्ल्यूएसजे की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले दो दशकों में, रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक दोनों प्रशासनों ने सैनिकों की संख्या और सेवा सदस्यों को हताहत होने के लिए ठेकेदारों के उपयोग को एक तरीके के रूप में देखा है। पेपर ब्राउन यूनिवर्सिटी के युद्ध व्यय परियोजना, क्षेत्र के विद्वानों, कानूनी विशेषज्ञों और अमेरिकी युद्ध के छिपे प्रभावों पर काम करने वाले अन्य लोगों से जानकारी एकत्र करता है।

अफगानिस्तान पुनर्निर्माण के लिए अमेरिका के विशेष महानिरीक्षक (SIGAR) ने देश के पुनर्निर्माण पर खर्च किए गए लगभग 150 150 बिलियन की निगरानी के लिए सैकड़ों धोखाधड़ी रिपोर्ट एकत्र की हैं। 2021 की शुरुआत में प्रकाशित एक SIGAR सर्वेक्षण में पाया गया कि केवल 1.2 बिलियन डॉलर, या परियोजनाओं के लिए निर्धारित 7.8 बिलियन डॉलर का 15 प्रतिशत, नई सड़कों, अस्पतालों, पुलों और कारखानों पर खर्च किया गया था। सैन्य विमानों, पुलिस कार्यालयों, कृषि कार्यक्रमों और अन्य विकास परियोजनाओं पर कम से कम 4 2.4 बिलियन खर्च किए गए, जो नष्ट हो गए थे। यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट ने अफगानिस्तान में 1,200 मील की बजरी सड़क बनाने के लिए एक कंपनी को 270 मिलियन डॉलर का भुगतान किया है। कंपनी ने तीन साल के काम में 100 मील सड़क बनाने के बाद यूएसएआईडी परियोजना को रद्द कर दिया।

विधानसभा चुनाव, सुप्रीम कोर्ट की रैलियां और सार्वजनिक रैलियों पर रोक

2008 में, संयुक्त राज्य अमेरिका के पास अफगानिस्तान और इराक में 187,900 सैनिक और 203,660 अनुबंध कर्मचारी थे। जब राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने दूसरे कार्यकाल के अंत में अफगानिस्तान से अधिकांश अमेरिकी सैनिकों की वापसी का आदेश दिया, तो अफगानिस्तान में 9,800 की तुलना में 26,000 से अधिक ठेकेदार थे। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के इस्तीफे के चार साल बाद, अफगानिस्तान में 2,500 सैनिकों सहित 18,000 ठेकेदार हैं। ठेकेदार अक्सर अफ़गानों को अपना काम करने के लिए इस्तेमाल करते थे, लेकिन केवल अमेरिकी या यूरोपीय श्रमिकों को काम पर रखने के लिए भुगतान करते थे। अफगान भाषाविदों की औसत मासिक आय 2012 में लगभग 7 750 से गिरकर 2021 में 500 500 हो गई है। देश के कुछ हिस्सों में, अमेरिकी सैनिकों के साथ काम करने वाले अफगान भाषाविदों को प्रति माह 300 डॉलर का भुगतान किया जाता था। अफगानिस्तान और इराक में दो दशकों के युद्ध में 3,500 से अधिक अमेरिकी ठेकेदार और 7,000 से अधिक अमेरिकी सैनिक मारे गए हैं।

विधानसभा चुनाव 2022: सुप्रीम कोर्ट ने लगाया सार्वजनिक रैलियों पर रोक

डिजिटल डेस्क : एक तरफ देश में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं तो दूसरी तरफ विधानसभा चुनाव को लेकर अलग-अलग राज्यों में जुलूस और रैलियां चल रही हैं और इसमें भारी जनसभा भी हो रही है. ऐसे में अगले चुनाव का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. याचिका में निर्वाचन क्षेत्र में रैलियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है।वकील चंदन कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर निर्वाचन क्षेत्र में राजनीतिक रैलियों और जनसभाओं पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। यह भी मांग की गई है कि चुनाव आयोग कोर्ट में अर्जी देकर सभी रैलियों को आयोजित करने का निर्देश जारी करे.

‘विधानसभा के निर्देशों का नहीं हो रहा पालन’
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में आगे आरोप लगाया गया है कि राजनीतिक रैलियों को लेकर चुनाव आयोग द्वारा दिए गए निर्देशों और निर्देशों का पूरी तरह से पालन नहीं किया जा रहा है. याचिका में कहा गया है कि इतना ही नहीं पिछले कई चुनावों में भी घोर लापरवाही देखने को मिली है और नतीजे सभी ने देखे हैं. इसलिए दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए।

इससे पहले उत्तराखंड में आगामी विधानसभा चुनाव को स्थगित करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बुधवार को चुनाव आयोग से आगामी विधानसभा चुनाव में वर्चुअल असेंबली और ऑनलाइन वोटिंग पर विचार करने को कहा।

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उत्तराखंड में चुनाव को लेकर याचिका दायर की गई है
अधिवक्ता शिव भट्ट द्वारा आगामी विधानसभा चुनाव स्थगित करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट की पीठ ने वर्चुअल असेंबली और ऑनलाइन वोटिंग का सुझाव दिया। अगली सुनवाई 12 जनवरी को निर्धारित की गई है।

उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को कोरोना के लिए जिला निगरानी समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया. याचिका में कोरोना के बढ़ते मामले का हवाला देते हुए विधानसभा चुनाव स्थगित करने की मांग की गई है। याचिका में आगे कहा गया है कि चुनावी सभा में कोरोना नियमों का पालन नहीं हो रहा है. इसलिए नेताओं की चुनावी बैठक ऑनलाइन होनी है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि कोरोना लगातार बढ़ रहा है और सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.

पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक: पंजाब सरकार ने जांच के लिए बनाई हाई लेवल कमेटी

डिजिटल डेस्क : पंजाब सरकार ने गुरुवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की राज्य यात्रा के दौरान सुरक्षा खामियों की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा। बुधवार को पंजाब में प्रधानमंत्री मोदी के दौरे पर आए प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में “गंभीर उल्लंघन” की घटना हुई, जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने उस सड़क को अवरुद्ध कर दिया, जिससे उन्हें गुजरना था। इस व्यवधान के कारण प्रधानमंत्री 20 मिनट तक फ्लाईओवर पर फंसे रहे। इसके बाद प्रधानमंत्री बिना किसी जनसभा में शामिल हुए पंजाब से दिल्ली लौट आए।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार को तुरंत एक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है, जिसमें कहा गया है कि उसने सुरक्षा कर्मियों की आवश्यक तैनाती सुनिश्चित नहीं की है। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान सुरक्षा प्रक्रिया में इस तरह की लापरवाही पूरी तरह से अस्वीकार्य होगी और इसके लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा. पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने हालांकि इस बात से इनकार किया कि इसके पीछे कोई सुरक्षा खामी या कोई राजनीतिक मकसद था। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार जांच के लिए तैयार है।

‘इस साजिश में खुद मुख्यमंत्री शामिल’

पंजाब बीजेपी अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने कहा, ‘हम मामले को देखने के लिए पंजाब सरकार द्वारा बनाई गई कमेटी को खारिज कर रहे हैं। मुख्यमंत्री द्वारा बनाई गई यह कमेटी कभी भी कुछ भी सामने नहीं ला पाएगी क्योंकि वह खुद इस साजिश का मास्टरमाइंड है। ,

कांग्रेस और बीजेपी एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं

दरअसल, सुरक्षा कारणों से प्रधानमंत्री मोदी को बुधवार को फिरोजपुर में अपनी रैली रद्द करनी पड़ी। प्रधानमंत्री की सुरक्षा विफल होने के बाद सभी दलों और नेताओं की ओर से पंजाब सरकार को लेकर सवाल उठ रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा को लेकर खूब राजनीति हो रही है. बीजेपी के तमाम नेता इस घटना के लिए पंजाब की कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. वहीं, कांग्रेस कह रही है कि प्रधानमंत्री मोदी की योजना में अंतिम क्षणों में बदलाव के कारण सुरक्षा खामियां थीं।

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पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में सुरक्षा उल्लंघनों के कारण राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। रैली में हिस्सा लेने के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह भी पंजाब के फिरोजपुर पहुंचे। बुधवार को गृह मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को बठिंडा पहुंचे थे और उनका हुसैनीवाला में शहीद स्मारक जाने का कार्यक्रम था. हेलीकाप्टर द्वारा। हालांकि, भारी बारिश और कम दृश्यता के कारण, प्रधान मंत्री ने सड़क मार्ग से स्मारक तक पहुंचने का फैसला किया। पंजाब पुलिस के डीजीपी से मंजूरी मिलने के बाद प्रधानमंत्री मोदी भी सड़क से उतरे. हालांकि स्मारक से 30 किमी पहले कुछ किसानों ने विरोध में सड़क जाम कर दिया और नतीजा यह हुआ कि प्रधानमंत्री का काफिला 20 मिनट तक फ्लाईओवर पर खड़ा रहा.

गोवा में बीजेपी के सामने संकट, मंत्री माइकल लोबो जल्द ही कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं.

डिजिटल डेस्क : गोवा विधानसभा चुनाव 2022: देश के अन्य राज्यों की तरह गोवा भी दलबदल का खेल खेल रहा है. अब यह अफवाह है कि गोवा के मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक माइकल लोबो जल्द ही पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। बुधवार को लोबो के रिश्तेदारों ने दावा किया कि वह बीजेपी छोड़ रहे हैं.

राज्य के अपशिष्ट प्रबंधन मंत्री माइकल लोबो पिछले कुछ महीनों से तटीय राज्य में भाजपा की गतिविधियों से निराश हैं. हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, घटना से अवगत कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा कि लोबो पिछले कुछ महीनों से पार्टी नेतृत्व के साथ बातचीत कर रहे थे और अगर उनकी पत्नी को सियोलिम निर्वाचन क्षेत्र से आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया गया तो वह पार्टी में शामिल हो जाएंगे। . शामिल हो सकते हैं।

लोबो लंबे समय से बीजेपी से नाराज़ हैं.
अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, माइकल लोबो, जो कलंगुट विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, ने अपने कुछ सहयोगियों से गोवा के बर्देज़ तालुका में अन्य सीटों के लिए पार्टी के टिकट के लिए कहा था, जहां अगले कुछ महीनों में चुनाव होने हैं।

एक नेता ने कहा कि लोबो के शामिल होने की पुष्टि हुई है। एकमात्र सवाल यह है कि वह टीम में कब शामिल होंगे। लोबो ने खुद कई बार यह कहते हुए अपने कार्ड अपने पास रखे हैं कि वह उन्हें “सही समय पर” जारी कर देगा।

लोबो की पत्नी, दलीला, पहले ही पड़ोसी सियोल निर्वाचन क्षेत्र में प्रचार शुरू कर चुकी हैं, बिना यह बताए कि वह किस पार्टी के लिए चुनाव लड़ेंगी। हालांकि कांग्रेस पदाधिकारियों ने दावा किया है कि वह भी अगले कुछ दिनों में पार्टी में शामिल हो जाएंगे.

कई करीबी दोस्त छोड़ चुके हैं भाजपा
लोबो के सहयोगी केदार नाइक, सालिगाओ निर्वाचन क्षेत्र के रीस मागोस गांव के सरपंच, ने “वफादार पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए अवमानना” का हवाला देते हुए भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। आने वाले दिनों में उनके कांग्रेस में शामिल होने की भी संभावना है। तारक अरोलकर सहित लोबो के कई सहयोगी पहले ही कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं।

माइकल लोबो के एक अन्य वफादार सुधीर कंडोलकर, जो 2019 में कांग्रेस में शामिल हुए और उसी वर्ष मापुसा निर्वाचन क्षेत्र का उपचुनाव लड़ा, को पहले ही उसी निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस का उम्मीदवार घोषित किया जा चुका है।

भाजपा अब पुरानी पार्टी नहीं रही : लोबो
पिछले हफ्ते, लोबो ने दावा किया कि गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर द्वारा बनाई गई भाजपा, “अब वह पार्टी नहीं थी” और दिवंगत नेता के कई वफादारों को हटा दिया गया था। उन्होंने कहा, ‘भाजपा को एक अलग पार्टी के रूप में जाना जाता था। लेकिन अब यह दूसरी पार्टियों से अलग नहीं है. अब टीम में पार्टी कार्यकर्ताओं का कोई महत्व नहीं है।

उन्होंने आगे कहा कि मनोहर पर्रिकर की पार्टी चयनित उम्मीदवारों को बाहर कर रही है. पार्टी के भीतर कुछ ऐसे समूह हैं जो मनोहर पर्रिकर के शुभचिंतकों को नहीं चाहते, जो पार्टी के भीतर उनकी विरासत को आगे बढ़ाना चाहते हैं।

इस बीच, सोमवार को यह पूछे जाने पर कि क्या वह भाजपा छोड़ रहे हैं, मंत्री लोबो ने कहा कि वह “बस जमीनी कार्यकर्ताओं की भावनाओं को पार्टी नेतृत्व तक पहुंचा रहे हैं”।

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उन्होंने कहा, “मैंने कभी नहीं कहा कि मैं भाजपा छोड़ दूंगा लेकिन भाजपा के कुछ कार्यकर्ताओं को पार्टी से हटा दिया गया है।” मैंने इस मुद्दे को मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और प्रदेश (भाजपा) अध्यक्ष सदानंद तनवड़े के सामने उठाया है।

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डिजिटल डेस्क :  पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और उनकी कांग्रेस पार्टी के नेताओं के अपने-अपने तर्क हैं, तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोगों के अपने-अपने तर्क हैं। इन सबके बीच एक और जानकारी सामने आई है। इसका जवाब आप खुद ढूंढिए, हम सभी पहलुओं को सामने रखते हैं।

जानिए क्या है मामला

बुधवार 5 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पंजाब के फिरोजपुर में एक कार्यक्रम था. वहां वह करीब 45,000 करोड़ रुपये की विकास परियोजना का उद्घाटन करेंगे. इसमें अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे भी शामिल है।

प्रधानमंत्री फिरोजपुर शहीद स्मारक के हुसैनीवाला में शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे. उसके बाद, उन्हें एक जनसभा को संबोधित करके पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार शुरू करना था।

इन कार्यक्रमों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सुबह साढ़े दस बजे बटिंडा हवाईअड्डे पर पहुंचने का कार्यक्रम है. वहां से आपको हेलीकॉप्टर से हुसैनीवाला जाना है। लेकिन मौसम खराब था। तो, लगभग 20 मिनट प्रतीक्षा करें। फिर भी जब स्थिति में सुधार होता नहीं दिख रहा था तो सड़क मार्ग से हुसैनीवाला जाने का निर्णय लिया गया।

प्रधानमंत्री सुबह 11 बजे से कुछ देर पहले बठिंडा हवाईअड्डे से हुसैनीवाला के लिए रवाना हुए। उन्हें वहां पहुंचने में करीब 2 घंटे लग गए। लेकिन हुसैनीवाला से करीब 15-20 किलोमीटर पहले 400-500 प्रदर्शनकारियों ने उनके काफिले का रास्ता रोक दिया.

सुरक्षा बलों से घिरे प्रधानमंत्री ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए फ्लाईओवर पर करीब 20 मिनट तक इंतजार किया। इस दौरान पंजाब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की। सफल नहीं होने पर प्रधानमंत्री बठिंडा लौट गए। फिर वहां से दिल्ली।

इस मामले में किसने क्या कहा?
प्रदर्शनकारियों द्वारा पीएम के काफिले को रोकना एक बड़ा सुरक्षा उल्लंघन है, इसमें कोई संदेह नहीं है। सबसे पहले प्रधानमंत्री ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बटिंडा हवाईअड्डे पर पंजाब सरकार के अधिकारियों से कहा, “मुझे इसके लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद देना है। मैं हवाईअड्डे पर सुरक्षित वापसी करने में सक्षम हूं।”

दरअसल प्रधानमंत्री ने पंजाब के मुख्यमंत्री का अपमान किया था। जाहिर है, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अन्य नेताओं को इस मामले को और आगे ले जाना पड़ा। इसलिए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इस घटना को कांग्रेस की साजिश करार दिया है और इसका मकसद खूनी है. अन्य भाजपा नेताओं ने भी कहा कि यह साबित करता है कि “कांग्रेस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कितनी नफरत करती है”।

कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी तुरंत जवाब दिया। उन्होंने कहा, “यह घटना नरेंद्र मोदी सरकार के प्रति किसानों के असंतोष का परिणाम है।” इसी असंतोष के चलते प्रधानमंत्री की रैली में उनकी बात सुनने कोई नहीं आया. इस कारण प्रधानमंत्री को कार्यक्रम रद्द कर वापस लौटना पड़ा। इस पर उनकी टीम को आत्ममंथन करना चाहिए।

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री के लिए सुरक्षा की कोई कमी नहीं थी. प्रधानमंत्री सड़क मार्ग से हुसैनीवाला जाएंगे, जो उन्होंने अंतिम समय में लिया है। फिर भी, राज्य सरकार ने रास्ते में पूरी सुरक्षा प्रदान की।

इसके अलावा कुछ जगहों पर तस्वीरें मीडिया और सोशल मीडिया पर फैली हुई हैं। फिरोजपुर में जहां पीएम की जनसभा होने जा रही है वहां खाली कुर्सियों को दिखाया गया है. मुख्यमंत्री चन्नी का एक और बयान भी सुनने को मिला. इसमें वे कहते हैं, ‘सरकार ने 70,000 लोगों को प्रधानमंत्री की बैठक में इकट्ठा होने की इजाजत दी. लेकिन 700 लोग ही जमा हुए।

केंद्रीय गृह मंत्रालय और पंजाब पुलिस की क्या स्थिति थी?
प्रधानमंत्री की सुरक्षा में सेंध का खुलासा होते ही पंजाब में डीजीपी कार्यालय ने फिरोजपुर के एक वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरमनदीप सिंह को बर्खास्त करने का आदेश दिया है.

भारतीय किसान संघ-क्रांतिकारी (बीकेयू-क्रांतिकारी) ने मांग की है कि प्रधानमंत्री का रास्ता रोका जाए। संगठन के महासचिव बलदेव सिंह जीरा ने माना, ”एसएसपी ने हमें बताया कि प्रधानमंत्री सड़क मार्ग से आने वाले हैं.”

फिर भी पंजाब सरकार ने फिरोजपुर के एसएसपी हरमनदीप को घंटों के भीतर बर्खास्त करने के आदेश को खारिज कर दिया।

अब पंजाब पुलिस और सरकार एक स्वर में कह रही है कि उन्हें प्रधानमंत्री के अंतिम समय में सड़क पर आने की खबर मिली है.

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने घटना को गंभीरता से लिया है। इसने पंजाब सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। मंत्रालय जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी कर सकता है।

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कुल जमा क्या है?
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को न केवल देश में बल्कि पूरी दुनिया में सरकार के सबसे कठिन प्रहरी प्रमुखों में से एक माना जाता है। उनकी हरकत का हर सेकेंड पहले से तैयार है।

उनकी सुरक्षा का इंतजाम कुछ दिन पहले किसी भी जगह किया गया था। वे कब गुजरेंगे, कहां रुकेंगे, क्या करेंगे, सब कुछ पहले से तय है।