विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने अबतक भारतीय शेयर बाजारों से 22,194 करोड़ रुपये की निकासी की है। कंपनियों के तिमाही नतीजे कमजोर रहने की संभावना, डॉलर में मजबूती तथा डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन में टैरिफ वॉर तेज होने की आशंका के बीच एफपीआई बिकवाल बने हुए हैं। एफपीआई की इस निकासी से शेयर बाजार में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। इससे पहले दिसंबर माह में एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजार 15,446 करोड़ रुपये का निवेश किया था। वैश्विक और घरेलू मोर्चे पर अड़चनों के बीच विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयरों में अपना निवेश घटा दिया है।
क्यों विदेशी निवेशक कर रहे निकासी ?
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव का कहना है कि भारतीय बाजारों से विदेशी फंड्स की निकासी के लिए कई कारक जिम्मेदार हैं। इनमें कंपनियों के तिमाही नतीजे कमजोर रहने की आशंका, ट्रंप प्रशासन में टैरिफ वॉर की संभावना, सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर में सुस्ती, ऊंची महंगाई तथा भारत में ब्याज दरों में कटौती का दौर शुरू होने को लेकर असमंजस शामिल है। इसके अलावा भारतीय रुपये का रिकॉर्ड निचला स्तर, अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में उछाल और भारतीय शेयर बाजार के ऊंचे वैल्यूएशन की वजह से भी एफपीआई बिकवाली कर रहे हैं।
शेयर बाजार से निकले 22,194 करोड़ रुपये
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने अब तक शेयरों से 22,194 करोड़ रुपये निकाले हैं। दो जनवरी को छोड़कर सभी कारोबारी सत्रों में एफपीआई शुद्ध बिकवाल रहे हैं। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘‘एफपीआई की लगातार बिकवाली का एकमात्र बड़ा कारण डॉलर इंडेक्स में लगातार बढ़ोतरी है, जो अब 109 से ऊपर है। 10 साल के बॉन्ड पर यील्ड 4.6 प्रतिशत से ऊपर है। जिसकी वजह से निवेशक उभरते बाजारों से निकासी कर रहे हैं। बीते साल यानी 2024 में एफपीआई ने भारतीय शेयरों में सिर्फ 427 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है। वहीं 2023 में उन्होंने भारतीय शेयर बाजार में बड़ी राशि यानी 1.71 लाख करोड़ रुपये डाले थे।
अयोध्या : यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ अयोध्या में प्रतिष्ठा द्वादशी कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा, ‘अयोध्या में हर दिन डेढ़ से दो लाख श्रद्धालु अयोध्या में दर्शन के लिए आ रहे हैं। आज अयोध्या जिस रूप में हम सबके सामने है। आपने देखा होगा, ये अवसर हम सबके लिए किस रूप में आया, किसी से सोचा था अयोध्या के बारे में? आज से पांच साल, दस साल पहले इसी अयोध्या में बिजली तक नहीं मिलती थी। हजारों साल पहले लंका पर विजय प्राप्त करने के लिए बाद भगवान श्री राम अयोध्या विराजे थे और आज हजारों सालों बाद भी अयोध्या में कोई एयरपोर्ट नहीं था, जहां फ्लाइट लैंड कर सके, लेकिन आज अयोध्या के पास खुद का एयरपोर्ट है।
देश की पहली सोलर सिटी बनी अयोध्या – सीएम योगी
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज आप अयोध्या में कहीं भी जाएंगे तो अयोध्या में होने का एहसास होता है। आज अयोध्या देश की पहली सोलर सिटी बन चुकी है। सूर्यवंशियों की अयोध्या सूर्य से चल रही है। ये नए भारत का नया उत्तर प्रदेश है। लेकिन ये अचानक नहीं हुआ, इसके लिए एक लंबे संंघर्ष को आगे बढ़ाना पड़ा। दर्जनों पीढ़ीयां चली गईं और उनकी कामना यही थी कि अयोध्या में प्रभु श्री राम को विराजमान देख सकें। संकल्प उनका इतना दृढ़ था कि उसे पूरा करने के लिए हम सौभाग्यशाली हैं कि इन तिथियों को देखने का सौभाग्य हमें प्राप्त है।
अयोध्या में त्रेता युग का आभास होता है – सीएम योगी
सीएम योगी ने कहा कि राम काज के इन सभी कार्यों के लिए त्याग और तपस्या पूज्य संतों और राम भक्तों की थी। उन रामभक्तों, कार्यसेवकों, पूज्य संतों, उन सबके हम ऋणी हैं। जो अपने मार्ग से कभी विचलित नहीं हुए। आज जो भी अयोध्या आता है तो कहता है कि अयोध्या तो त्रेता युग का आभास करा रही है। उन्होंने कहा, ‘इस मौके पर मैं यही आह्वान करूंगा कि प्रतिष्ठा द्वादशी हम सभी को राष्ट्रीय एकत्मता को मजबूती प्रदान करने के लिए आह्वान कर रही है और प्रधानमंत्री मोदी जी ने प्राण प्रतिष्ठा के दिन देशवासियों से यही आह्वान किया था कि राम तो हमारे लिए राष्ट्र के प्रतिक हैं। राम हैं तो राष्ट्र है और राष्ट्र है तो राम हैं। दोनों एक दूसरे के पूरक हैं।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सुसाइड करने का मामला नहीं थम रहा है। गुरुवार को सीआरपीएफ जवान ने रिवाल्वर से गोली मारकर सुसाइड कर लिया था। इस मामले की जांच में पुलिस जुटी ही थी, कि शुक्रवार को एक और सुसाइड का मामला सामने आ गया है। लखनऊ के मौलवीगंज इलाके में समाजवादी पार्टी के प्रमुख नेता और अखिलेश यादव के करीबी माने जाने वाले मुजीबुर्रहमान उर्फ़ बबलू ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। घटना उनके घर पर घटी। उन्होंने अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से यह कदम उठाया गया।
सपा नेता मुजीबुर्रहमान उर्फ़ बबलू समाजवादी पार्टी के पूर्व नगर अध्यक्ष रह चुके थे और अपनी सामाजिक सक्रियता के लिए जाने जाते थे। हाल के वर्षों में वे कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे, जो उनकी आत्महत्या की वजह बनी। उनके निधन से न केवल पार्टी बल्कि पूरे क्षेत्र में गम और सदमे का माहौल है। अखिलेश यादव समेत कई नेताओं ने इस दुखद घटना पर शोक जताया है।
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बीमारी ने तोड़ा हौसला
पिछले कुछ वर्षों से सपा नेता मुजीबुर्रहमान उर्फ़ बबलू कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे। इस कठिन दौर ने न केवल उनके शरीर को कमजोर किया बल्कि उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा असर डाला। बीमारी से उपजी मानसिक और शारीरिक पीड़ा ने उनकी जिंदगी को मुश्किल बना दिया था। परिवार और पार्टी के करीबी सूत्रों के अनुसार, बीमारी के चलते उनका आत्मविश्वास और जीवटता कमजोर हो गई थी।
समाज के लिए समर्पित नेता थे मुजीबुर्रहमान
सपा नेता मुजीबुर्रहमान उर्फ़ बबलू को उनके सामाजिक और राजनीतिक कार्यों के लिए हमेशा याद किया जाएगा। लखनऊ के मौलवीगंज निवासी होने के नाते उन्होंने अपने क्षेत्र के लोगों के लिए कई सराहनीय कार्य किए। सपा नेता मुजीबुर्रहमान समाज के हर वर्ग से जुड़ने और उनकी समस्याओं को सुलझाने में हमेशा तत्पर रहते थे। उनकी सामाजिक सेवा की भावना और सादगी ने उन्हें एक लोकप्रिय नेता बनाया।
मुजीबुर्रहमान की मौत ने फिर खड़ा किया बड़ा सवाल
उनकी आत्महत्या की खबर ने लखनऊ के मौलवीगंज इलाके और समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को स्तब्ध कर दिया। पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि मुजीबुर्रहमान उर्फ़ बबलू का योगदान पार्टी और समाज के लिए अविस्मरणीय है। समाजवादी पार्टी के आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी शोक संदेश साझा किए गए। मुजीबुर्रहमान बबलू की मृत्यु ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा किया है कि गंभीर बीमारियों से जूझ रहे व्यक्तियों को किस प्रकार की मानसिक और सामाजिक सहायता मिलनी चाहिए। उनके परिवार, पार्टी और क्षेत्र के लोग उनकी कमी को हमेशा महसूस करेंगे। उनके द्वारा किए गए कार्य उनकी याद में हमेशा जीवित रहेंगे।
महाकुम्भ नगर: महाकुम्भ मेले के शुरू होने से पहले शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सामुदायिक रसोई ‘मां की रसोई’ का उद्घाटन किया, जिसमें मात्र 9 रुपये में भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बयान में कहा कि सामुदायिक रसोई का संचालन आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए, नंदी सेवा संस्थान द्वारा स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल में किया जाता है।
9 रुपये की थाली में क्या-क्या होगा ?
मुख्यमंत्री योगी ने अस्पताल का दौरा कर ‘मां की रसोई’ का उद्घाटन किया और व्यवस्थाओं की समीक्षा की तथा उपस्थित लोगों को भोजन परोसा। सीएम योगी ने कहा कि नंदी सेवा संस्थान ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की सहायता के लिए यह पहल की है। मात्र 9 रुपये में लोगों को भोजन मिल सकेगा। भोजन में दाल, चार रोटियां, सब्जियां, चावल, सलाद और मिठाई मिलेंगी।
सीएम योगी ने किया किचन का निरीक्षण
सीएम योगी औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी के साथ रसोई के किचन में पहुंचे। वहां उन्होंने खाना बनाने की प्रक्रिया और सफाई व्यवस्था का बारीकी से निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने खाने की गुणवत्ता और व्यवस्था की सराहना की। वही उद्घाटन के बाद औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ने मुख्यमंत्री को रसोई में भोजन तैयार करने के संबंध में जानकारी दी।
मुख्यमंत्री को भोजन की गुणवत्ता, स्वच्छता मानकों और अन्य व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी दी गई। नंदी सेवा संस्थान के अनुसार ‘मां की रसोई’ उन लोगों के लिए उपयोगी साबित होगी जो अपने प्रियजनों के इलाज के लिए इस अस्पताल में आते हैं और भोजन के लिए चिंतित होते हैं। औद्योगिक विकास मंत्री के अलावा इस अवसर पर जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद और जगदगुरु महामंडलेश्वर संतोष दास आदि लोग मौजूद रहे।
सुप्रीम कोर्ट ने पब्लिक नोटिस जारी करके लोगों को फर्जी वेबसाइट्स से बचकर रहने के लिए कहा है। कोर्ट ने अपने नोटिस में कहा है कि आधिकारिक वेबसाइट की तरह दिखने वाले इन वेबसाइट के जरिए आपका निजी डेटा चोरी हो सकता है, जिसका इस्तेमाल साइबर अपराधी आपके साथ फिशिंग अटैक के लिए कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट से मिलती-जुलती वेबसाइट लाइव है, जिससे उन्हें बचना चाहिए।
पहले भी कर चुका सुप्रीम कोर्ट आगाह
इससे पहले भी पिछले साल तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने भी लोगों को सुप्रीम कोर्ट के नाम पर चल रहे फर्जी वेबसाइट से बचकर रहने के लिए कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने नोटिस में वादी और प्रतिवादी के साथ-साथ वकीलों को भी इस तरह के फर्जी वेबसाइट से बचने के लिए कहा था। जिस तरह से भारत में ऑनलाइन फ्रॉड की घटनाएं बढ़ रही हैं, लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।
फिर दी सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी
साइबर क्रिमिनल्स वाट्सऐप या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए फर्जी वेबसाइट होस्ट कर रहे हैं। इन फर्जी वेबसाइट्स की URL के जरिए निजी जानकारी समेत कई संवेदनशाली जानकारी हैक की जा सकती है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट द्वारा ऐसे किसी भी लिंक पर क्लिक ना करने के लिए कहा गया है, जो यूजर्स को सुप्रीम कोर्ड के नाम पर रिसीव हुए किसी भी लिंक को ओपन करने के लिए कहता हो।
वही अपनी इडवाजरी में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि SC कभी भी किसी यूजर की निजी जानकारी, वित्तीय जानकारी आदि नहीं मांगता है। ऐसे में लोगों को ऐसे किसी भी वेबसाइट पर क्लिक करने से बचना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट www.sci.gov.in है। ऐसे में किसी अन्य वेबसाइट पर क्लिक नहीं करना चाहिए।
साइबर अपराधी को ठगी करने का देते आमंत्रण
ऐसा देखा गया है कि ज्यादातर फ्रॉड के मामले में लोगों द्वारा की गई खुद की गलती होती है। वो लालच में आकर साइबर अपराधी को ठगी करने का आमंत्रण देते हैं। इसलिए फ्रॉड से बचने का सबसे सही तरीका सावधानी ही है। आप जितने सावधान रहेंगे, उतने ही आप फ्रॉड से बच सकते हैं।
भूलकर भी न करें ऐसी गलती
>> कभी भी किसी अनजान नंबर से आने वाले मैसेज को ओपन न करें।
>> ई-मेल, SMS या वाट्सऐप मैसेज में भेजे लिंक को भूलकर भी न ओपन करें।
>> इसके अलावा किसी भी ऑफर, डिस्काउंट आदि के झांसे में न आएं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने पहले ही अपने उम्मीदवारों के लिस्ट जारी कर दिए हैं और शनिवार को भाजपा ने भी अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। पहली सूची में कुल 29 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया गया है। भाजपा ने चार ऐसे बागियों को टिकट दिया है जो आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी में आए हैं। सबसे सियासी घमासान नई दिल्ली विधानसभा सीट पर देखने को मिलेगा जहां आप, कांग्रेस और भाजपा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है।
दिल्ली की इस सीट पर होगा सियासी युद्ध
सबसे दिलचस्प मुकाबला नई दिल्ली की सीट पर देखने को मिलेगा, जहां से आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल होंगे तो उनके सामने पूर्व सांसद और पूर्व मुख्यमंत्रीा साहिब सिंह वर्मा के पुत्र प्रवेश वर्मा होंगे जिन्हें भाजपा ने चुनावी मैदान में उतारा है। तो वहीं कांग्रेस ने इस सीट से पहले ही पूर्व सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के पुत्र संदीप दीक्षित को टिकट दिया है। इस तरह से इस सीट पर एक पूर्व सीएम और दो पूर्व सीएम के पुत्रों के बीच चुनावी समर होगा।
आप और कांग्रेस के बागियों पर भाजपा को भरोसा
भाजपा ने आम आदमी पार्टी से बगावत कर आए कैलाश गहलोत को बिजवासन सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है, तो वहीं पटेल नगर सीट से पूर्व मंत्री राज कुमार आनंद को टिकट दिया है। बता दें कि राज कुमार आनंद पहले भी इस सीट से विधायक रह चुके हैं, तो वहीं गहलोत पहले से ही नजफगढ़ सीट से विधायक हैं और ‘आप’ सरकार में परिवहन मंत्री रह चुके हैं। उनके बिजवासन से टिकट मिलने से यह स्पष्ट होता है कि भाजपा ने जाट समुदाय के वोटरों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है।
भाजपा ने कांग्रेस छोड़कर पार्टी में शामिल हुए नेता अरविंदर सिंह लवली को गांधीनगर सीट से उम्मीदवार बनाया है, तो वहीं करतार सिंह तंवर को छतरपुर सीट से चुनाव लड़ाने का निर्णय लिया है। तंवर पहले भी इस सीट से विधायक रह चुके हैं और ‘आप’ छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं। गांधीनगर सीट लवली की परंपरागत सीट है और उनके भाजपा में शामिल होने से पार्टी को कांग्रेस के परंपरागत वोट बैंक में सेंध लगाने का मौका मिल सकता है।
उत्तर प्रदेश के कासगंज में 26 जनवरी 2018 को तिरंगा यात्रा के दौरान हुए दंगे में चंदन गुप्ता की हत्या कर दी गई थी। इस चर्चित मामले में लखनऊ की एनआईए कोर्ट ने 28 आरोपियों को दोषी ठहराया है। शुक्रवार को सभी दोषियों को सजा सुनाई जाएगी। दरअसल, 26 जनवरी 2018 को कासगंज में तिरंगा यात्रा के दौरान हिंसा भड़क उठी थी।
विश्व हिंदू परिषद (VHP) और हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ता तिरंगा और भगवा झंडे के साथ करीब 100 मोटरसाइकिलों पर सवार होकर यात्रा निकाल रहे थे, जिसमें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ता चंदन गुप्ता भी शामिल थे। यात्रा के दौरान कुछ मुस्लिम युवकों के साथ झड़प हो गई। इस हिंसक झड़प में चंदन गुप्ता को गोली मारकर हत्या कर दी गई। चंदन की मौत के बाद कासगंज में हालात कई दिनों तक खराब थे। कासगंज में करीब एक हफ्ते तक दंगे हुए थे।
आज फैसले का दिन, कल सजा
तिरंगा यात्रा में हुई इस हत्या मामले में आज फैसले का दिन था। इस हत्याकांड में शामिल 28 आरोपियों को दोषी पाया गया है, जबकि दो आरोपियों को बरी कर दिया गया है। दोषी ठहराए गए आरोपियों की सजा कल 3 जनवरी को तय हो जाएगी। एनआईए कोर्ट ने सभी आरोपियों को तलब किया था। आरोपियों ने हाई कोर्ट में एनआईए कोर्ट की सुनवाई पर रोक की याचिका लगाई थी, लेकिन हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने आरोपियों की अर्जी खारिज कर दी थी।
एनआईए को सौंपी गई जांच
चंदन गुप्ता की हत्या के मामले की जांच शुरू की गई और बाद में इसे एनआईए को सौंप दिया गया। एनआईए ने अपनी जांच में पाया कि हत्या एक साजिश के तहत की गई थी, जिसमें कई आरोपी शामिल थे। इस मामले में कुल 28 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। जिनमें से कई पर हत्या, दंगा, और साम्प्रदायिक उन्माद फैलाने का आरोप था। लखनऊ की एनआईए कोर्ट ने जांच के आधार पर 28 आरोपियों को दोषी ठहराया है।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने क्लर्क भर्ती को लेकर एक नोटसि जारी किया है। एसबीआई ने कट ऑफ तिथियों में बदलाव पर एक महत्वपूर्ण सूचना जारी की है। उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट sbi.co.in पर जाकर इसे चेक कर सकते हैं। भूतपूर्व सैनिकों के लिए कट ऑफ तिथियों में बदलाव किया गया है। आधिकारिक नोटिस में लिखा है, “उपर्युक्त विज्ञापन के संदर्भ में, सक्षम प्राधिकारी द्वारा उन उम्मीदवारों के संबंध में कटऑफ तिथियों में संशोधन करने का निर्णय लिया गया है। जो अभी भी सशस्त्र बलों में सेवारत हैं और भारत सरकार के दिशानिर्देशों के अनुरूप जूनियर एसोसिएट्स के पद के लिए आवेदन करने के इच्छुक हैं।
एसबीआई द्वारा जारी दिशा-निर्देश
ऐसे में एसबीआई के संशोधित दिशा-निर्देशों के मुताबिक जो उम्मीदवार अभी भी सशस्त्र बलों में सेवारत हैं और भूतपूर्व सैनिक श्रेणी के तहत आवेदन करने के इच्छुक हैं। उन्हें सक्षम प्राधिकारी से एक प्रमाण पत्र (प्रोफार्मा ‘बी’) प्रस्तुत करना होगा। जिसमें उनकी विशिष्ट अवधि (एसपीई) पूरी होने की तिथि दर्शाई गई हो और साथ ही घोषणा (प्रोफार्मा ‘सी’) भी प्रस्तुत करनी होगी। ऐसे उम्मीदवार जिनका एसपीई 31.01.2026 को या उससे पहले पूरा हो गया है। वे ही इस भर्ती के तहत आवेदन करने के पात्र हैं। उन्हें बैंक में शामिल होने के समय एक स्व-घोषणा के साथ रिलीज लेटर भी जमा करना होगा कि वे भारत सरकार के नियमों के अनुसार भूतपूर्व सैनिकों को मिलने वाले लाभों के हकदार हैं।
एसबीआई में आवेदक प्रोफ़ॉर्मा ‘डी’ प्रस्तुत करे
इसके अलावा वे उम्मीदवार जिन्होंने अपनी प्रारंभिक अवधि पूरी कर ली है और विस्तारित असाइनमेंट पर हैं। उन्हें प्रोफ़ॉर्मा ‘डी’ के अनुसार प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना आवश्यक है। यदि चयनित होते हैं, तो ऊपर (ii) और (iii) में उल्लिखित ऐसे उम्मीदवारों को 31.03.2026 को या उससे पहले मुक्त होकर बैंक में शामिल होना चाहिए। इन प्रमाणपत्रों को अनिवार्य रूप से शामिल होने के समय प्रस्तुत करना आवश्यक है।
बता दें कि एसबीआई क्लर्क पंजीकरण प्रक्रिया चल रही है। आवेदन करने की अंतिम तिथि 7 जनवरी, 2025 है। इस भर्ती अभियान के तहत संगठन में 13735 पदों को भरा जाएगा। अधिक जानकारी के लिए उम्मीदवार एसबीआई की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
साल 2025 की शुरुआत हो चुकी है। सभी लोग नए साल को लेकर नई उम्मीदें लगाते हैं। हर कोई चाहता है कि, नये साल में उसकी उन्नति हो और वो सफलता के मार्ग पर अग्रसर हो। ज्योतिष शास्त्र की मानें तो नया साल कुछ राशि के लिए बेहद यादगार साबित हो सकता है, इस साल राशिचक्र की 4 राशियों को बेहतरीन परिणाम मिल सकते हैं। जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में ये प्रगति पा सकते हैं। साथ ही धन धान्य से भी इनकी झोली भरेगी। ये राशियां कौन-कौन सी हैं आइए जानते हैं।
कर्क राशि
जैसे साल की आप उम्मीद करते थे कुछ वैसा ही ये साल आपके लिए साबित होगा। कई अच्छे बदलाव इस साल आपमें देखने को मिलेंगे। साथ ही किस्मत भी आपका साथ देगी। आप शनि के ढैय्या से मुक्त होंगे और बीते समय में किए गए कार्यों से आपको इस साल लाभ होगा। नौकरी पेशा लोगों को उन्नति मिलेगी, वहीं बेरोजगारों को इस साल रोजगार मिल सकता है। प्यार की गाड़ी भी इस साल पटरी पर आएगी, लव पार्टनर से विवाह करने के भी योग हैं। माता-पिता के साथ आपके संबंध सुधरेंगे, साथ ही उनके स्वास्थ्य में भी अच्छे बदलाव आ सकते हैं। संतान की कामना करने वाले इस राशि के जातकों की मनोकामना पूरी हो सकती है।
सिंह राशि
साल 2025 आपके कई अटके कार्यों को पूरा करने वाला साबित होगा। अगर लंबे समय से भूमि-भवन खरीदने का विचार बना रहे थे, तो आपकी ख्वाहिश पूरी हो सकती है। इस साल आपके घर परिवार में सुख-समृद्धि आएगी। इसके साथ ही परिवार के लोगों के साथ सामंजस्य भी बेहतर रहेगा। करियर को लेकर जो चिंताएं आपके मन में थीं, वो भी इस साल दूर हो सकती हैं। आप अपने व्यक्तित्व में बेहतर बदलाव लाने के प्रयास भी इस साल कर सकते हैं। धन से जुड़े मामलों में आपको सफलता हासिल होगी। भाग्य इस साल आपका पूरा साथ देगा, लेकिन मेहनत से जी चुराने से बचें।
वृश्चिक राशि
आपको अपने प्रयासों का उचित परिणाम मिलेगा। सामाजिक स्तर पर आपकी ख्याति इस दौरान बढ़ सकती है। इस राशि के जो लोग खेलकूद में हिस्सा लेते हैं उन्हें बड़ी उपलब्धि मिल सकती है। विद्यार्थियों के लिए भी समय बेहद अनुकूल साबित हो सकता है। खासकर साल का मध्य भाग इस राशि के जातकों के जीवन में नई ऊर्जा लेकर आएगा। आर्थिक पक्ष को आप सुधार पाएंगे, सही निवेश से बड़ा धन लाभ भी इस राशि के जातकों को प्राप्त हो सकता है। इसके साथ ही स्वास्थ्य में भी बेहतर बदलाव देखने को मिल सकते हैं। किसी अनजान भय से भी इस साल आपको मुक्ति मिलेगी।
कुंभ राशि
शनि देव की राशि कुंभ वालों के लिए यह साल यादगार साबित हो सकता है। शनि आपकी हर ख्वाहिश को इस दौरान पूरा कर सकते हैं। वैवाहिक जीवन में आपको कई अच्छे बदलाव देखने को मिलेंगे। साथ ही पारिवारिक माहौल भी अच्छा रहेगा। अगर आप पैतृक कारोबार करते हैं तो मुनाफा होने की पूरी संभावना है। समाज में आपके गुणों की चर्चा इस दौरान हो सकती है। अगर आप राजनीति क्षेत्र में हैं तो आपके प्रशंसक बढ़ेंगे। आपकी वाणी में इस साल स्पष्टता और तेज देखने को मिलेगा। जहां तक आर्थिक पक्ष की बात है तो यह साल आपको बड़ा धन लाभ देकर जा सकता है। लंबी दूरी की यात्राएं आपको फायदा पहुंचाएंगी।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। AVP24NEWS एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
ओडिशा के बालासोर जिले में दो आदिवासी महिलाओं को पेड़ से बांधकर पीटे जाने की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। यह घटना गुरुवार को गोवर्धनपुर गांव में हुई। महिलाओं पर आरोप था कि वे कुछ आदिवासी परिवारों का धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश कर रही थीं। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसके बाद पुलिस हरकत में आई।
मामले में पुलिस की कार्रवाई और जांच
पुलिस के अनुसार दो महिलाओं और एक व्यक्ति को ग्रामीणों ने बंधक बना लिया और पीटा। बाद में पुलिस ने उन्हें बचाया। घटना की शुरुआती जांच में पता चला कि यह मामला धर्म परिवर्तन और जातिगत विवाद से जुड़ा है। महिलाओं पर ओडिशा फ्रीडम ऑफ रिलिजन एक्ट 1967 और भारतीय दंड संहिता की अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। वहीं इस घटना में शामिल 3 लोगों पर एससी/एसटी एक्ट और अन्य धाराओं के तहत कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है और 7 लोगों को नोटिस दिया गया है।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इस घटना पर प्रतिक्रिया दी और सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर लिखा ओडिशा में आदिवासी महिलाओं को पेड़ से बांधकर पीटा गया और मध्य प्रदेश में दलित युवक की पुलिस कस्टडी में मौत हुई। यह बीजेपी की मनुवादी सोच का नतीजा है। हम बहुजनों के संवैधानिक अधिकारों और न्याय के लिए लड़ेंगे।
Rahul Gandhi
सांसद प्रताप चंद्र सारंगी का पलटवार
बालासोर के सांसद प्रताप चंद्र सारंगी ने राहुल गांधी के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा मैं इस घटना की कड़ी निंदा करता हूं। राहुल गांधी का यह कहना कि बीजेपी सरकार इस तरह की घटनाओं को शह देती है, बिल्कुल गलत है। अगर ऐसा है तो सिख नरसंहार के लिए कौन जिम्मेदार था ? कांग्रेस शासन में महिलाओं पर हुए अत्याचारों का क्या ? कानून अपना काम कर रहा है और दोषियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
सांसद सारंगी ने बालासोर एसपी से बात कर तुरंत कार्रवाई का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि धर्मांतरण के मुद्दे पर कानून है। लेकिन किसी को पीटना और कानून हाथ में लेना गलत है।
कर्नाटक के कलबुर्गी जिले में एक मंदिर से ऐसा मामला से एक ऐसा मामला सामने आया है जिससे हर कोई हैरानी में है। दरअसल यहां देवी के मंदिर में दान पेटी से एक नोट निकला है जिसमें किसी ने अपनी सास के मर जाने की मन्नत मांगी है। नोट में लिखी ऐसी फरियाद को पढ़कर मंदिर प्रबंधन के होश उड़ गए।
दरअसल मंदिर की दान पेटी में गिनती में 60 लाख रुपये नकद, 1 किलो चांदी और 200 तोला सोने के आभूषण मिले। लेकिन 20 रुपये के नोट पर जो कुछ लिखा गया था सबका ध्यान सिर्फ उसी ओर गया। आम तौर पर लोग देवी देवताओं से अपने परिवार की खुशहाली की कामना करते हैं। लेकिन इस केस में इस अज्ञात महिला ने अपनी सास के मरने की कामना की है। आइए जानते क्या मामला हैं।
क्या है मन्नत ?
ये चौंका देने वाली कर्नाटका के कलबुर्गी से सामने आई है। जिले के अफजलपुर तालुका के कातादरगी इलाके में भाग्यवन्ती मंदिर में दान पात्र भर गया। जिसके बाद प्रबंधन ने हुंडी में चढ़ाई धनराशि की गिनती शुरू की। दान पेटी से 20 रुपये का एक नोट निकला। वही मंदिर की दान पेटी में मिले नोट पर फरियाद में लिखा है- ‘माँ, मेरी सास जल्द ही मर जाये। ऐसी मन्नत देख के सबका ध्यान इसी ओर गया।
मंदिर में दान पेटी से निकले ‘नोट’ पर मिली मन्नत
भाग्यवन्ती देवी से मांगी मन्नत
आमतौर पर जब किसी मंदिर की दान पेटी खोली जाती है। तो मंदिर के राजस्व, या इतनी बड़ी राशि के संग्रह की खबर देना एक लोकप्रिय रिवाज है। लेकिन इस मंदिर इकट्ठा हुई रकम की बजाय एक 20 रुपये का नोट चर्चा का विषय बन गया है। जब मंदिर की दान पेटी खोली गई और उसमें से नोटों की गिनती की गई तो एक नोट में जो मन्नत भाग्यवन्ती देवी से मांगी गई थी, उसने सभी को चौंका दिया।
सुबह-सुबह अगर आप चाय की चुस्की लेना पसंद करते हैं तो यह खबर आपके लिए है। आने वाले दिनों में चाय पत्ति के दाम में बढ़ोतरी होने की पूरी संभावना है। दरअसल चाय बागानों से चाय उत्पादन को लेकर बुरी खबर आई है। मौसम की अनियमित और बागानों के समय से पहले बंद होने के कारण इस साल के अंत तक चाय के कुल उत्पादन में 10 करोड़ किलोग्राम से अधिक की गिरावट आने की आशंका है।
चाय उद्योग से जुड़े लोगों ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि 2023 के पहले 10 महीनों में करीब 117.8 करोड़ किलोग्राम उत्पादन की तुलना में देश में चालू कैलेंडर वर्ष की जनवरी-अक्टूबर अवधि में करीब 111.2 करोड़ किलोग्राम चाय का उत्पादन हुआ। हालांकि, निर्यात के 2024 में 24-25 करोड़ किलोग्राम तक पहुंचने की उम्मीद है। जो पिछले वर्ष करीब 23.1 करोड़ किलोग्राम रहा था।
उत्पादन लगात में भी हुई बढ़ोतरी
भारतीय चाय संघ के चेयरमैन हेमंत बांगड़ ने कहा कि 2024 में जनवरी-अक्टूबर की अवधि में उत्पादन में करीब 6.6 करोड़ किलोग्राम की कमी, जबकि नवंबर के बाद चाय के बागान बंद किए जाने से उत्पादन में 4.5 से पांच करोड़ किलोग्राम की और गिरावट आने की आशंका है। भारतीय चाय निर्यातक संघ के चेयरमैन अंशुमान कनोरिया ने कहा कि भू-राजनीतिक चुनौतियों तथा मुद्रा संबंधी मुद्दों के बावजूद भारत का चाय निर्यात अच्छा रहा तथा निर्यात में वृद्धि व्यापारियों की उच्च जोखिम क्षमता के कारण हुई।
साथ ही भारतीय चाय संघ के चेयरमैन हेमंत बांगड़ ने कहा कि इस साल चाय उद्योग का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा। फसल उत्पादन कम रहा जबकि प्रति किलोग्राम उत्पादन लागत बढ़ी है। अधिकतर लागत पहले से तय थी और कीमत में स्थिति के अनुरूप कोई वृद्धि नहीं हुई। उद्योग 2023 में घाटे में था, हालांकि अब स्थिति पिछले साल से बेहतर है लेकिन उद्योग मंदी से बाहर नहीं आया है।
वही बंगाल के चाय उत्पाद घाटे में
उन्होंने आगे कहा कि असम में उत्पादक कुछ मामूली लाभ कमा सकते हैं, लेकिन उत्तरी बंगाल में वे अब भी घाटे में रहेंगे। इस साल पिछले साल की तुलना में उत्पादन में 11-12 करोड़ किलोग्राम की गिरावट होगी। चाय अनुसंधान संघ (टीआरए) ने जलवायु परिवर्तन तथा मौसम की अनियमित स्थिति के फसल उत्पादन को प्रभावित करने का दावा करते हुए कहा कि उद्योग को मृदा की गुणवत्ता को बढ़ाने, वर्षा जल संचयन के जरिये जलाशयों का निर्माण करने आदि की सलाह दी है।
टीआरए सचिव जॉयदीप फूकन ने कहा जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से भारतीय चाय तेजी से प्रतिस्पर्धा से बाहर हो रही है। इस वर्ष कई चाय उत्पादक क्षेत्रों में तापमान 35 से 40 डिग्री सेल्सियस तक रहा और काफी लंबे समय तक वर्षा की कमी रही, जिससे गुणवत्तापूर्ण फसल के महीनों में चाय उत्पादन औसतन 20 प्रतिशत प्रभावित हुआ।
साल 2023 में जहां शाहरुख खान, सलमान खान और रणबीर कपूर समेत कई सुपरस्टार्स की फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर अपनी छाप छोड़ी। वहीं 2024 में लापता लेडीज से लेकर स्त्री 2 तक कई कम बजट की कंटेंट से भरपूर फिल्में रिलीज हुईं, जो बेहद शानदार रहीं। दर्शकों ने इन फिल्मों को खूब प्यार दिया। दीपिका पादुकोण और ऋतिक रोशन की फिल्म ‘फाइटर’ के साथ बॉक्स ऑफिस पर इस साल की शुरुआत बेहद धीमी रही।
लोगों को फिल्म से काफी उम्मीदें थीं लेकिन उन पर पानी फिर गया। लेकिन इसी साल कई ऐसी कम बजट की फिल्में रिलीज हुईं, जिन्होंने बॉक्स ऑफिस पर राज किया। गौरतलब है कि इन फिल्मों का कोई बड़ा प्रमोशन नहीं हुआ और न ही किसी को इनसे ऐसी उम्मीदें थीं। लेकिन फिर भी इन फिल्मों ने मुट्ठीभर बजट से छप्पड़फाड़ कमाई की है।
पहली फिल्म का बजट हनुमान
इस लिस्ट में पहली फिल्म तेजा सज्जा की हनुमान है, जो मूल रूप से तेलुगु भाषा की फिल्म थी। यह फिल्म पूरे भारत में रिलीज हुई थी। 12 जनवरी 2024 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर ऐसा धमाका किया कि दर्शक बस देखते रह गए। 40 करोड़ रुपये के बजट में बनी इस फिल्म ने दुनिया भर में लगभग 301-350 करोड़ रुपये का लाइफटाइम कलेक्शन किया था। फिल्म की कहानी लोगों को खूब पसंद आई।
दूसरी फिल्म का बजटआर्टिकल 370
इस साल की फिल्मों में एक और कम बजट की फिल्म जिसने बॉक्स ऑफिस पर दबदबा बनाए रखा। वह थी आर्टिकल 370, जिसमें यामी गौतम ने एनआईए एजेंट जूनी हक्सर की भूमिका निभाई थी। फिल्म का निर्माण उनके पति आदित्य धर ने किया था। फिल्म का बजट महज 20 करोड़ रुपये के आसपास था। लेकिन इस फिल्म ने लाइफटाइम 110.57 करोड़ रुपये से ज्यादा का बिजनेस किया। यह फिल्म 23 फरवरी 2024 को रिलीज हुई थी।
तीसरी फिल्म का बजट शैतान
इस साल की बड़ी कम बजट की हिट फिल्मों की लिस्ट में एक नाम अजय देवगन की फिल्म ‘शैतान’ का भी है। जो इसी साल 8 मार्च 2024 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। फिल्म में उनके साथ आर माधवन और ज्योतिका नजर आये थे। काले जादू पर आधारित इस फिल्म का बजट लगभग 40 करोड़ रुपये था। फिल्म ने दुनियाभर में करीब 211 करोड़ रुपये की कमाई की।
चौथी फिल्म बनी मुंज्या
स्त्री 2 और मुंज्या जैसी फिल्मों के साथ, निर्माता दिनेश विजान हॉरर कॉमेडी फिल्मों की दुनिया को और भी बड़ा बना रहे हैं। शरवरी वाघ और अभय वर्मा अभिनीत यह फिल्म 7 जून 2024 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। फिल्म की कहानी एक गांव की लोककथा पर आधारित है। मुंज्या का बजट सिर्फ 30 करोड़ रुपये था। लेकिन फिल्म की कमाई लगभग 132.13 करोड़ रुपये थी।
पाँचवी फिल्म बनी स्त्री 2
श्रद्धा कपूर और राजकुमार स्टारर फिल्म ‘स्त्री’ साल 2018 में रिलीज हुई थी और जब मेकर्स ने इसके दूसरे पार्ट की घोषणा की थी। तभी से फैन्स की बेसब्री बढ़ गई थी। इस साल 15 अगस्त 2024 को जब चंदेरी गांव की कहानी दोबारा लोगों के सामने आई तो दर्शक खुद को रोक नहीं पाए और कहानी के बारे में आगे जानने के लिए थिएटर हफ्तों तक खचाखच भरे रहे।
ये फिल्म 50 दिनों से ज्यादा तक बॉक्स ऑफिस पर टिकी रही। स्त्री 2 की चर्चा भले ही बहुत ज्यादा थी लेकिन बजट सिर्फ 60 करोड़ रुपये था। इस कम बजट वाली फिल्म ने अपने जीवनकाल में दुनिया भर में 874.58 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया था।
वर्ष 2024 भारत-अमेरिका के रिश्तों के लिहाज से काफी खास रहा। इस साल अमेरिका में कई नाटकीय घटनाक्रम भी देखने को मिले। साल 2024 में अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव का ऐलान हुआ। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर प्रसारित बहस में खराब प्रदर्शन के बाद राष्ट्रपति पद के लिए अपनी दावेदारी छोड़ दी। इसके साथ ही कड़वाहट और आरोप-प्रत्यारोप से भरे चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप दो बार हुए जानलेवा हमलों में बाल-बाल बच गए।
आखिरकार डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से ट्रंप के मुकाबले उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को उम्मीदवार बनाया गया। मगर 78 वर्षीय डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव में भारतीय मूल की कमला हैरिस को हराकर इतिहास रच दिया। इसके साथ ही 4 साल के अंतराल के बाद व्हाइट हाउस में उनकी दोबारा वापसी ने डेमोक्रेटिक पार्टी और इसके लाखों समर्थकों के सपनों को चकनाचूर कर दिया। जो देश में पहली महिला राष्ट्रपति देखने की उम्मीद कर रहे थे।
132 साल बाद ट्रंप ने दोहराया इतिहास
करीब 132 साल पहले राष्ट्रपति पद छोड़ने के चार साल बाद दोबारा इस पद पर काबिज होने वाले ग्रोवर क्लीवलैंड के बाद ऐसी उपलब्धि हासिल करने वाले ट्रंप अमेरिका के दूसरे राष्ट्रपति बन गए। उन्होंने अपने देश के इतिहास को 132 सालों बाद दोहरा दिया। अब ऐसे समय में जब बाइडेन प्रशासन व्हाइट हाउस छोड़ने की तैयारी कर रहा है, एक अधिकारी ने कहा कि भारत व अमेरिका के संबंध “बेहद मजबूत स्थिति” में हैं और पर्यवेक्षकों को उम्मीद है कि राष्ट्रपति के तौर पर ट्रंप के आगामी कार्यकाल में द्विपक्षीय संबंधों को द्विदलीय समर्थन मिलता रहेगा।
जब भारत-अमेरिका रिश्तों में आईं चुनौतियां
साल 2024 के अंत में दोनों देशों के रिश्तों में कई नई चुनौतियां देखने को मिलीं। मगर फिर भी संबंध स्थिर बने रहे। अमेरिका में एक सिख अलगाववादी की हत्या का प्रयास किए जाने से संबंधित अभियोग जारी होने, भारतीय अरबपति गौतम अदाणी से जुड़े मामले को लेकर और ट्रंप द्वारा भारतीय आयात पर उच्च शुल्क लगाने की धमकी के मद्देनजर गुजर रहा साल का आखिरी वक्त भी चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र (अमेरिका) में चुनाव से पहले दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र (भारत) के मतदाताओं ने ऐतिहासिक तीसरे कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को वोट दिया।
गौतम अदाणी को लेकर भारत-अमेरिका रिश्तों में आईं तल्खी
ये बात नवंबर महीने की है जब अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग ने कारोबारी गौतम अदाणी और उनके भतीजे सागर अदाणी के साथ-साथ एज्यूर पावर ग्लोबल लिमिटेड के कार्यकारी अधिकारी सिरिल कैबनेस पर 25 करोड़ अमेरिकी डॉलर की रिश्वतखोरी से संबंधित आरोप लगाया था। समानांतर कार्रवाई में, न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय ने गौतम और सागर अदाणी तथा अन्य के खिलाफ आपराधिक आरोपों को उजागर किया। आपराधिक अभियोग में विनीत एस.जैन, रंजीत गुप्ता, रूपेश अग्रवाल, सिरिल कैबनेस, सौरभ अग्रवाल और दीपक मल्होत्रा पर भी आरोप लगाए गए। भारत ने कहा कि यह एक कानूनी मामला है, जिसमें निजी कंपनियां और व्यक्ति तथा अमेरिकी न्याय विभाग शामिल हैं। ऐसे मामलों में स्थापित प्रक्रियाएं और कानूनी रास्ते हैं जिनका पालन किया जाएगा।
कैसे रहने वाला हैं भारत-अमेरिका का भविष्य में संबंध
अभियोगों पर एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि अमेरिका-भारत संबंध अधिक जटिल, अधिक विविधतापूर्ण और अधिक गहन होते जा रहे हैं। यह हमेशा ऐसा मामला है कि दोनों पक्षों के सामने चुनौतियां आएंगी। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हम उनसे कैसे निपटते हैं। ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल के लिए व्हाइट हाउस में लौटने की तैयारी कर रहे हैं। हाल में उन्होंने कुछ अमेरिकी उत्पादों के आयात पर नयी दिल्ली द्वारा लगाए गए “उच्च शुल्क” के जवाब में पारस्परिक शुल्क लगाने की बात भी कही। जिसने काफी ध्यान आकर्षित किया है। निवर्तमान बाइडन प्रशासन ने कहा है कि उसे उम्मीद है कि जनवरी में सत्ता हस्तांतरण के बाद भी भारत-अमेरिका संबंध मजबूत बने रहेंगे।
ट्रंप के साथ रिश्तों में और मजबूती की उम्मीद
ट्रंप प्रशासन के दौरान यह मामला कैसे आगे बढ़ता है यह देखने वाली बात होगी। ट्रंप ने अपने प्रशासन में भारतीयों मूल के कई लोगों को शामिल किया है। सरकारी कार्यदक्षता विभाग (डीओजीई) के लिए विवेक रामास्वामी, राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के रूप में तुलसी गब्बार्ड, एफबीआई के निदेशक के रूप में काश पटेल, राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के निदेशक के रूप में जय भट्टाचार्य और कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर वरिष्ठ नीति सलाहकार के रूप में श्रीराम कृष्णन उन भारतीय-अमेरिकियों में शामिल हैं। जिनके ट्रंप 2.0 प्रशासन में प्रमुख भूमिका निभाने की उम्मीद है।
मोदी-ट्रंप की दोस्ती लाएगी रंग
पीएम मोदी ने अपने “मित्र” ट्रंप – जो अमेरिकी इतिहास में राष्ट्रपति चुने जाने वाले सबसे उम्रदराज व्यक्ति हैं – को उनकी “ऐतिहासिक” जीत पर बधाई दी और कहा कि वह भारत-अमेरिका के बीच समग्र वैश्विक एवं रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए तत्पर हैं। मोदी के राष्ट्रपति बाइडेन और ट्रंप दोनों के साथ संबंध मजबूत रहे हैं। जून 2023 और सितंबर 2024 के बीच मोदी और बाइडेन दोनों ने अपने देशों में एक-दूसरे की मेजबानी की।
ये यात्राएं द्विपक्षीय संबंधों की मजबूत प्रगति को रेखांकित करती हैं। जून 2023 में, बाइडेन ने वाशिंगटन में मोदी की राजकीय यात्रा की मेजबानी की और फिर सितंबर में अमेरिकी राष्ट्रपति जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए नई दिल्ली की यात्रा पर पहुंचे। इसके बाद जून 2024 में दोनों नेताओं की मुलाकात इटली में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान हुई।
पीएम मोदी ने शिखर सम्मेलन में लिया हिस्सा
जी-7 के तीन महीने बाद पीएम मोदी डेलावेयर के विलमिंगटन में बाइडेन के घर पर आयोजित क्वाड नेताओं के चौथे शिखर सम्मेलन के लिए अमेरिका पहुंचे। शिखर सम्मेलन के इतर द्विपक्षीय बैठक के बाद बाइडेन ने कहा कि “भारत के साथ अमेरिका की साझेदारी इतिहास में किसी भी समय की तुलना में अधिक मजबूत, घनिष्ठ और अधिक गतिशील है।” रिश्तों में हालांकि उतार-चढ़ाव भी बना रहा।
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद आज उनके जीवन की अंतिम यात्रा भी समाप्त हो गई। उनके पार्थिव शरीर को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। वहीं उनकी आखिरी विदाई से पहले ही उनके लिए स्मारक बनाए जाने को लेकर सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस का आरोप है कि पूर्व प्रधानमंत्री की अंत्येष्टि और स्मारक के लिए सरकार जगह नहीं ढूंढ पा रही है, यह उनका अपमान है। वहीं कांग्रेस के इस बयान पर ने कांग्रेस पर गंदी राजनीति करने का आरोप लगाया है।
सरकार की तरफ से कहा गया है कि मनमोहन सिंह के स्मारक निर्माण के लिए उपयुक्त स्थान ढूंढने की प्रक्रिया चल रही है। इसमें कुछ दिन का समय लगेगा। देश के कई पूर्व पीएम की समाधि दिल्ली में बनी है तो वहीं कुछ पूर्व पीएम को इसके लिए दिल्ली में जगह नहीं मिली थी। समाधि स्थल को लेकर चल रही इस सियासत के बीच सवाल यह उठता है कि आखिर देश में दिवंगत प्रधानमंत्रियों के स्मारक बनाने की प्रक्रिया क्या है और इसे लेकर नियम क्या हैं ?
जानिए क्या है नियम और प्रक्रिया
समाधि स्थल केवल उन नेताओं के लिए बनाए जाते हैं, जिन्होंने राष्ट्रीय और ऐतिहासिक महत्व का योगदान दिया हो। सामान्यतः, केवल उन नेताओं को यह सम्मान मिलता है जिनका योगदान असाधारण और सर्वमान्य हो। राजघाट और उससे जुड़े समाधि स्थलों का प्रशासन राजघाट क्षेत्र समिति के तहत आता है। यह समिति संस्कृति मंत्रालय के जिम्मे है।समाधि स्थल के लिए निर्णय लेने में यह समिति स्थान की उपलब्धता, व्यक्ति के योगदान और मौजूदा नीतियों का मूल्यांकन करती है, फिर उसके बाद संस्कृति मंत्रालय समाधि स्थल निर्माण के प्रस्ताव की समीक्षा करता है और फिर प्रस्ताव भेजता है।
वही 2013 में राजघाट परिसर में समाधि स्थल बनाने की नीति में बदलाव किया गया था। उस समय यह सुनिश्चित किया गया था कि समाधि स्थलों का निर्माण केवल अत्यंत विशिष्ट और राष्ट्रीय योगदान देने वाले नेताओं के लिए ही किया जाए। इसके पीछे की वजह वहां की जमीन का संतुलित उपयोग और पर्यावरण संरक्षण देना बताया गया था।
समाधि स्थल किसका बन सकता है
दिल्ली में समाधि स्थल बनाए जाने के लिए कुछ विशिष्ट नियम और प्रक्रियाएं हैं। जो भारत सरकार द्वारा निर्धारित हैं और इनका पालन सुनिश्चित करता है कि केवल विशिष्ट श्रेणी के महान नेताओं और व्यक्तित्वों के लिए ही राष्ट्रीय महत्व का समाधि स्थल बनाया जाएगा। तो ऐसे में ये सवाल उठता है कि इस श्रेणी में किन लोगों को शामिल किया जाता है जिनकी समाधि बनाई जाती है ? आपको बता दें कि इस श्रेणी में चार लोग आते हैं। जिसमें 1.भारत के राष्ट्रपति, 2. भारत के प्रधानमंत्री, 3. उप-प्रधानमंत्री, 4. अन्य राष्ट्रीय महत्व के व्यक्तित्व।
कौन देता है समाधि स्थल को मंजूरी
दिल्ली के राजघाट परिसर और उसके आसपास इन महत्वपूर्ण व्यक्तियों के समाधि स्थल बनाए जाते हैं, क्योंकि यह राष्ट्रीय स्मारक स्थल के रूप में स्थापित है लेकिन राजघाट में स्थान सीमित है जिसके कारण समाधि स्थल का चयन महत्वपूर्ण व्यक्तियों के लिए ही किया जाता है। इसके निर्माण के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी जरूरी है। केंद्र सरकार ही यह फैसला करती है कि दिवंगत नेता का समाधि स्थल राजघाट परिसर में बनाया जाएगा या नहीं।
कई मंत्रालयों से गुजरने के बाद मिलती है मंजूरी
इसके बाद समाधि निर्माण की प्रक्रिया केंद्र सरकार की कई मंत्रालयों से होकर गुजरती है, जिसमें संस्कृति मंत्रालय समाधि स्थल के निर्माण और संरक्षण का प्रबंधन करता है। वहीं, आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय इसके लिए भूमि आवंटन और निर्माण योजना में सहयोग करता है और फिर गृह मंत्रालय समाधि स्थल निर्माण के लिए सुरक्षा और राजकीय सम्मान की प्रक्रिया सुनिश्चित करता है। इसके बाद समाधि.निर्माण के लिए भूमि का चयन और मंजूरी दिल्ली विकास प्राधिकरण और राजघाट क्षेत्र समिति के माध्यम से होता है। इन सभी प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद किसी की समाधि निर्माण को मंजूरी मिलती है।
साल 2024 भारतीय रेलवे के लिए काफी महत्वपूर्ण रहा है, रेलवे ने इस साल देश की प्रमुख सेमी-हाई-स्पीड सेवा वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के नेटवर्क के विस्तार पर महत्वपूर्ण ध्यान दिया। रेलवे ने ट्रेनों से यात्रा करने वाले यात्रियों को आधुनिक और तेज़, अधिक आरामदायक कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए विभिन्न मार्गों पर कई नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों की शुरुआत की, जो अधिक क्षेत्रों को कवर करती हैं और यात्रा को सुगम बनाती हैं।
शुरू की गईं 30 से अधिक वंदे भारत ट्रेन
भारतीय रेलवे ने इस वर्ष 30 से अधिक नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों की शुरुआत की, जिसके बाद 2024 के अंत तक देश में चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों की कुल संख्या 136 हो गई। स्वदेशी रेल सेवा के सभी प्रमुख शहरों और इलाकों को वंदे भारत ट्रेन से जोड़ने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने में एक मील का पत्थर साबित हुआ है। आईए जानते हैं इस साल शुरू की गईं वंदे भारत से जुड़ी खास बातें…
नई दिल्ली-वाराणसी वंदे भारत एक्सप्रेस
नई दिल्ली-वाराणसी वंदे भारत एक्सप्रेस, जिसमें 20 कोच हैं। यह भारत की पहली 20-कोच वाली सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन, राष्ट्रीय राजधानी को आध्यात्मिक शहर वाराणसी से जोड़ती है। ट्रेन लगभग 8 घंटों में 771 किलोमीटर की दूरी तय करती है, ट्रेन संख्या 22436/22435 और 22415/22416 के तहत चलती है। यह प्रतिदिन नई दिल्ली और वाराणसी जंक्शन आती जाती है। हर बार यह ट्रेन 1,440 यात्रियों को सुगम यात्रा प्रदान करती है।
नागपुर-सिकंदराबाद वंदे भारत एक्सप्रेस
नागपुर-सिकंदराबाद वंदे भारत एक्सप्रेस, इस ट्रेन में भी 20 कोच हैं जो नागपुर को सिकंदराबाद जंक्शन से जोड़ती है। ट्रेन संख्या 20101/20102 के रूप में यह ट्रेन केवल 7 घंटे और 15 मिनट में 575 किलोमीटर की दूरी तय करती है। यह ट्रेन मंगलवार को छोड़कर सप्ताह में छह दिन चलती है और इन दो प्रमुख शहरों के बीच यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए एक तेज़ और सुगम यात्रा का विकल्प प्रदान करती है।
चेन्नई एग्मोर-नागरकोइल वंदे भारत एक्सप्रेस
चेन्नई एग्मोर-नागरकोइल वंदे भारत एक्सप्रेस तमिलनाडु की राजधानी को नागरकोइल से जोड़ती है। 12 जिलों में 726 किलोमीटर की दूरी तय करने वाली यह ट्रेन आरामदायक यात्रा कराते हुए यात्रा के समय को काफी कम कर देती है। यह सप्ताह में छह दिन चलती है और अपनी अत्याधुनिक सुविधाओं के लिए जानी जाती है।
मदुरै-बेंगलुरु वंदे भारत एक्सप्रेस
मदुरै-बेंगलुरु वंदे भारत एक्सप्रेस तिरुचिरापल्ली के जरिए इन शहरों को जोड़ने वाली पहली सीधी ट्रेन है। व्यवसायियों, छात्रों और पेशेवरों यात्रियों को सुगम यात्रा की सेवाएं प्रदान करते हुए, यह तमिलनाडु के सांस्कृतिक केंद्र और कर्नाटक की तकनीकी राजधानी के बीच कनेक्टिविटी को मजबूत करती है। यह ट्रेन रविवार को छोड़कर सप्ताह में छह दिन चलती है।
मेरठ सिटी-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस
मेरठ सिटी-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस का उद्देश्य पर्यटन और औद्योगिक कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना है। प्रमुख तीर्थ स्थलों के लिए ट्रेन से यात्रा करने वाले यात्रियों के धार्मिक यात्रा के लिए यह ट्रेन बेहतर विकल्प है। यह ट्रेन सप्ताह में छह दिन चलती है और मेरठ और लखनऊ के बीच यात्रा के समय को काफी कम कर देती है।
टाटानगर-पटना वंदे भारत एक्सप्रेस
टाटानगर-पटना वंदे भारत एक्सप्रेस लगभग 500 किलोमीटर की दूरी सात घंटे में तय करती है। सप्ताह में छह दिन चलने वाली यह ट्रेन सुबह छह बजे टाटानगर से रवाना होती है और दोपहर एक बजे तक पटना पहुंचती है। यह उसी दिन वापस आती है, दोपहर 3:00 बजे पटना से प्रस्थान करती है और रात 11:00 बजे तक टाटानगर पहुंचती है।
गया-हावड़ा वंदे भारत एक्सप्रेस
गया-हावड़ा वंदे भारत एक्सप्रेस 458 किलोमीटर की दूरी सिर्फ 5 घंटे 40 मिनट में तय करती है। गुरुवार को छोड़कर सप्ताह में छह दिन चलने वाली यह ट्रेन गया और कोलकाता के बीच तेज़ और बेहतर कनेक्शन प्रदान करती है। यह गया से सुबह रवाना होती है और उसी शाम वापस लौट आती है।
राउरकेला-हावड़ा वंदे भारत एक्सप्रेस
राउरकेला-हावड़ा वंदे भारत एक्सप्रेस केवल तीन स्टॉप- चक्रधरपुर, टाटानगर और खड़गपुर पर रुकती है। लगभग 7 घंटे में यह दूरी तय करते हुए, सप्ताह में छह दिन चलती है।
आगरा-वाराणसी वंदे भारत एक्सप्रेस
आगरा-वाराणसी वंदे भारत एक्सप्रेस इन दोनों ऐतिहासिक शहरों को जोड़ती है, जो केवल 7 घंटे में 573 किलोमीटर की दूरी तय करती है। शुक्रवार को छोड़कर सप्ताह में छह दिन चलती है, इसमें चार निर्धारित स्टॉप शामिल हैं।
पुणे-हुबली वंदे भारत एक्सप्रेस
पुणे-हुबली वंदे भारत एक्सप्रेस 8 घंटे और 30 मिनट में 557 किलोमीटर की दूरी तय करती है। बुधवार, शुक्रवार और रविवार को सप्ताह में तीन बार चलने वाली यह ट्रेन हुबली से सुबह 5:00 बजे प्रस्थान करती है और उसी दिन दोपहर 1:30 बजे पुणे पहुंचती है।
कोल्हापुर-पुणे वंदे भारत एक्सप्रेस
कोल्हापुर-पुणे वंदे भारत एक्सप्रेस केवल 5 घंटे और 15 मिनट में 326 किलोमीटर की दूरी तय करती है। यह सप्ताह में तीन दिन चलती है और मिराज, सांगली और सतारा जैसे प्रमुख स्टेशनों पर रुकती है,
दुर्ग-विशाखापत्तनम वंदे भारत एक्सप्रेस
छत्तीसगढ़ के दुर्ग को आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम से जोड़ने वाली यह ट्रेन यात्रा के समय को 11 घंटे से घटाकर सिर्फ 8 घंटे में पूरा कर देती है। यह गुरुवार को छोड़कर सप्ताह में छह दिन चलती है।
भागलपुर-हावड़ा वंदे भारत एक्सप्रेस
भागलपुर-हावड़ा वंदे भारत एक्सप्रेस बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में 439.57 किलोमीटर की दूरी तय करती है। रामपुरहाट जंक्शन और दुमका सहित अन्य स्टेशनों पर रुकने के साथ, यह सप्ताह में छह दिन चलती है।
देवघर-वाराणसी वंदे भारत एक्सप्रेस
देवघर-वाराणसी वंदे भारत एक्सप्रेस लगभग 7 घंटे में 454 किलोमीटर की दूरी तय करती है। मंगलवार को छोड़कर सप्ताह में छह दिन चलने वाली, यह देवघर से अपराह्न 3:15 बजे प्रस्थान करती है और रात अगली सुबह वापसी यात्रा के साथ 10:30 बजे वाराणसी पहुंचती है ।
टाटानगर-ब्रह्मपुर वंदे भारत एक्सप्रेस
वही टाटानगर-ब्रह्मपुर वंदे भारत एक्सप्रेस मंगलवार को छोड़कर सप्ताह में छह दिन चलती है। 609 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए, यह दोपहर 2:50 बजे टाटानगर से प्रस्थान करती है और रात 11:55 बजे ब्रह्मपुर पहुंचती है।
जम्मू तवी-श्रीनगर वंदे भारत एक्सप्रेस
जम्मू तवी को श्रीनगर से जोड़ने वाली यह ट्रेन कश्मीर घाटी की यात्रा का बेहतर विकल्प है। सप्ताह में यह ट्रेन छह दिन चलती है।
चंडीगढ़-अमृतसर वंदे भारत एक्सप्रेस
चंडीगढ़-अमृतसर वंदे भारत एक्सप्रेस पंजाब के भीतर कनेक्टिविटी को मजबूत करती है। 4 घंटे से भी कम समय में मार्ग तय करने वाली यह ट्रेन रविवार को छोड़कर प्रतिदिन चलती है।
जयपुर-उदयपुर वंदे भारत एक्सप्रेस
जयपुर-उदयपुर वंदे भारत एक्सप्रेस राजस्थान की राजधानी को उसके ऐतिहासिक झील शहर से जोड़ती है। सप्ताह में छह दिन संचालित होकर, यह यात्रा 6 घंटे से कम समय में तय करती है।
अहमदाबाद-राजकोट वंदे भारत एक्सप्रेस
अहमदाबाद-राजकोट वंदे भारत एक्सप्रेस केवल 4 घंटे में 221 किलोमीटर की दूरी तय करती है। यह ट्रेन सप्ताह में छह दिन चलती है।
मुंबई-गोवा वंदे भारत एक्सप्रेस
मुंबई-गोवा वंदे भारत एक्सप्रेस वित्तीय राजधानी को लोकप्रिय पर्यटन स्थल से जोड़ती है। सप्ताह में छह दिन चलने वाली यह ट्रेन 8 घंटे से भी कम समय में यह दूरी तय कर लेती है।
मुंबई-शिरडी वंदे भारत एक्सप्रेस
मुंबई-शिरडी वंदे भारत एक्सप्रेस शहर को प्रसिद्ध तीर्थस्थल से जोड़ती है। यह ट्रेन सप्ताह में छह दिन चलती है।
हैदराबाद-तिरुपति वंदे भारत एक्सप्रेस
हैदराबाद-तिरुपति वंदे भारत एक्सप्रेस हैदराबाद के तकनीकी केंद्र को आध्यात्मिक शहर तिरुपति से जोड़ती है। यह सप्ताह में छह दिन चलती है।
भोपाल-इंदौर वंदे भारत एक्सप्रेस
भोपाल को इंदौर से जोड़ने वाली यह ट्रेन 200 किलोमीटर की दूरी सिर्फ 3 घंटे में तय करती है। यह ट्रेन सोमवार को छोड़कर प्रतिदिन चलती है।
भोपाल-जबलपुर वंदे भारत एक्सप्रेस
भोपाल-जबलपुर वंदे भारत एक्सप्रेस 330 किलोमीटर की दूरी 5 घंटे से भी कम समय में तय करती है। यह रविवार को छोड़कर सप्ताह में छह दिन चलती है।
रायपुर-भुवनेश्वर वंदे भारत एक्सप्रेस
रायपुर-भुवनेश्वर वंदे भारत एक्सप्रेस छत्तीसगढ़ की राजधानी को ओडिशा की राजधानी से 6 घंटे में जोड़ती है और यह सप्ताह में छह दिन चलती है।
कोयंबटूर-कोच्चि वंदे भारत एक्सप्रेस
कोयंबटूर-कोच्चि वंदे भारत एक्सप्रेस तमिलनाडु को केरल से जोड़ती है, जो 3 घंटे में 195 किलोमीटर की दूरी तय करती है। रविवार को छोड़कर यह ट्रेन सप्ताह में 6 दिन चलती है।
गुवाहाटी-इंफाल वंदे भारत एक्सप्रेस
गुवाहाटी-इम्फाल वंदे भारत एक्सप्रेस पूर्वोत्तर में कनेक्टिविटी को बढ़ाती है। यह दूरी 7 घंटे में तय करती है और गुरुवार को छोड़कर सप्ताह में छह दिन चलती है।
गुवाहाटी-अगरतला वंदे भारत एक्सप्रेस
गुवाहाटी-अगरतला वंदे भारत एक्सप्रेस केवल 6 घंटे में असम को त्रिपुरा से जोड़ती है। यह सप्ताह में छह दिन चलती है।
कोलकाता-सिलीगुड़ी वंदे भारत एक्सप्रेस
कोलकाता-सिलीगुड़ी वंदे भारत एक्सप्रेस 8 घंटे में 567 किलोमीटर की दूरी तय करती है। बुधवार को छोड़कर प्रतिदिन चलती है।
लखनऊ-गोरखपुर वंदे भारत एक्सप्रेस
लखनऊ-गोरखपुर वंदे भारत एक्सप्रेस 4 घंटे में 270 किलोमीटर की दूरी तय करती है। सप्ताह में छह दिन चलती है।
पटना-दरभंगा वंदे भारत एक्सप्रेस
पटना-दरभंगा वंदे भारत एक्सप्रेस बिहार की राजधानी को दरभंगा से सिर्फ 3 घंटे में जोड़ती है। शुक्रवार को छोड़कर प्रतिदिन चलती है।
चेन्नई-कोयंबटूर वंदे भारत एक्सप्रेस
चेन्नई-कोयंबटूर वंदे भारत एक्सप्रेस 6 घंटे में 500 किलोमीटर की दूरी तय करती है। सप्ताह में छह दिन चलने से यह तमिलनाडु के बीच कनेक्टिविटी को बढ़ाती है।
उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद के ठीक सामने पुलिस चौकी का निर्माण शुरू हो चुका है। इस चौकी का नाम सत्यव्रत होगा। शनिवार (28 दिसंबर) के दिन इस पुलिस चौकी की नींव रखी गई। आचार्य पंडित शोभित शास्त्री ने भूमि पूजन किया। वास्तु यंत्र और वास्तु मंत्र के द्वारा भूमि पूजन किया गया। इस दौरान बारिश होने पर आचार्य पंडित शोभित शास्त्री ने बताया कि वर्षा का होना वास्तु के लिए शुभ संकेत है।
भूमि पूजन के समय संभल के असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस भी मौजूद रहे। भूमि पूजन के समय सुरक्षा को बेहद चाक चौबंद रखा गया। भूमि पूजन कराने वाले आचार्य ने बताया कि इस पुलिस चौकी का नाम सत्यव्रत रखा जाएगा। नींव खुदाई के बाद भूमि पूजन किया गया। पुलिस चौकी की नींव की खुदाई का कार्य जारी है। पुलिस का कहना है कि इस चौकी के बनने से वो इलाके पर नजर रख सकेगी।
महिला संगठन ने किया सहयोग
शाही जामा मस्जिद के निकट बन रही पुलिस चौकी के निर्माण कार्य में महिला संगठन ने सहयोग किया। महिलाओं ने अपने हाथों से फावड़ा चलाया। हर हर महादेव और जय बजरंग बली के नारे भी लगाए। महिलाओं ने बताया कि यहां पहले शिव मंदिर था, जो अब शाही जामा मस्जिद के रूप में स्थित है। पुलिस चौकी निर्माण में सहयोग करके महिलाएं काफी खुश नजर आईं और पुलिस प्रशासन का आभार व्यक्त किया।
जामा मस्जिद पर हिंदू पक्ष ने किया दावा
पिछले कई महीनों संभल विवादों में रहा है। यहां शाही जामा मस्जिद की जमीन पर हिंदू पक्ष ने दावा किया था। कोर्ट में दाखिल याचिका में दावा किया गया था कि एक मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई है। ऐसे में अदालत ने सर्वे का आदेश दिया। सर्वे करने पहुंची टीम की पुलिस के साथ झड़प हो गई। इस घटना में कई लोग घायल हुए और पांच लोगों की मौत हो गई। इसके बाद से संभल छावनी में तब्दील हो गया। यहां के सांसद जियाउर रहमान बर्क के खिलाफ बिजली चोरी का मामला दर्ज हुआ। उनके खिलाफ करोड़ों का जुर्माना लगाया गया है। बिजली चोरी करने वाले अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
भारत के दुश्मन और वॉन्टेड लश्कर आतंकी और मुंबई आतंकी हमलों का गुनहगार साथ ही प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमात-उद-दावा के डिप्टी चीफ हाफिज अब्दुल रहमान मक्की की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि मक्की का निधन दिल का दौरा पड़ने से हुआ है। पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार हाफ़िज़ अब्दुल रहमान मक्की की दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई हो गई है।
साल 2023 में घोषित किया गया था वैश्विक आतंकवादी
पाकिस्तान मुत्तहिदा मुस्लिम लीग (पीएमएमएल) ने एक बयान में कहा कि हाफिज अब्दुल रहमान मक्की पाकिस्तानी विचारधारा का समर्थक था। हाफिज अब्दुल रहमान मक्की को 2023 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित किया गया था, जिसके तहत उसकी संपत्ति जब्त की गई, यात्रा पर प्रतिबंध लगाया गया और हथियार पर प्रतिबंध लगाए गए। हाफिज अब्दुल रहमान मक्की की तलाश भारत के साथ ही कई अन्य देशों को भी थी।
बता दें कि लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने 26 दिसंबर, 2008 को मुंबई में हमला कर दिया था। जिसमें सौ से अधिक लोग मारे गए थे। अप्रैल में सोशल मीडिया पर अफवाहें उड़ी थीं कि मास्टरमाइंड हाफिज सईद को भी बीमारी के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
जेयूडी का डिप्टी चीफ था हाफिज अब्दुल रहमान मक्की
जानकारी के अनुसार, प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमात-उद-दावा () के डिप्टी चीफ हाफिज अब्दुल रहमान मक्की मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का रिश्तेदार था और प्रतिबंधित जमात-उद-दावा का उप प्रमुख था। जमात-उद-दावा के अनुसार अब्दुल रहमान मक्की पिछले कुछ दिनों से बीमार था और लाहौर के एक निजी अस्पताल में उसका इलाज हो रहा था।
जमात-उद-दावा (जेयूडी) के एक अधिकारी ने बताया कि मक्की को आज सुबह दिल का दौरा पड़ा और उसने अस्पताल में अंतिम सांस ली। जमात-उद-दावा (जेयूडी) प्रमुख हाफिज सईद के रिश्तेदार हाफिज अब्दुल रहमान मक्की को आतंकवाद रोधी अदालत ने 2020 में आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में छह महीने की कैद की सजा सुनाई थी। हाफिज अब्दुल रहमान मक्की जेयूडी का उप प्रमुख था और आतंकवाद के मामले में सजा सुनाए जाने के बाद से उसकी अधिक चर्चा नहीं हुई।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कई हिस्सों में शुक्रवार सुबह हल्की बारिश हुई। नोएडा के कई जगहों पर तेज बारिश के साथ ओले भी पड़े। इसके अलावा एनसीआर के अन्य हिस्सों में भी बूंदाबांदी हुई है। बारिश और ओले पड़ने से दिल्ली-एनसीआर में सर्दी बढ़ गई है। मौसम विभाग के अनुसार, शुक्रवार को न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। रात ढाई बजे से सुबह साढ़े पांच बजे के बीच दिल्ली में 1.8 मिलीमीटर (मिमी) बारिश दर्ज की गई और इसके बाद से सुबह साढ़े आठ बजे तक 7.3 मिमी बारिश दर्ज की गई। पालम मौसम केंद्र में 11.3 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जबकि लोधी रोड में 6.8 मिमी और पूसा में 5.5 मिमी बारिश दर्ज की गई।
दिल्ली में बारिश से बढ़ी ठंड
मौसम विभाग ने दिल्ली में शुक्रवार और शनिवार को बारिश के साथ आंधी की भविष्यवाणी की है। स्थानीय निवासी दीपक पांडे ने कहा कि मौसम अच्छा हो गया है और कश्मीर जैसा महसूस हो रहा है। मौसम इतना सुहावना हो गया है और कोई भी इसमें यात्रा कर सकता है। ठंड है, लेकिन बारिश से प्रदूषण का स्तर कम हो गया है।
दिल्ली में आज और कल कैसा रहेगा मौसम
मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली में आज शाम या रात में हल्की से मध्यम बारिश, बिजली चमकने के साथ आंधी और तेज़ हवाओं के साथ-साथ हल्का कोहरा छाने की संभावना है। न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद है जबकि अधिकतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है। मौसम विभाग ने कहा कि कल, 28 दिसंबर को भी राष्ट्रीय राजधानी में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र मेंनिधन हो गया। भारतीय राजनीति और आर्थिक सुधारों में उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा। 1991 में भारतीय अर्थव्यवस्था को उदारीकरण की राह पर ले जाने वाले डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान कभी नहीं भुलाया जा सकता। उन्होंने दो कार्यकाल (2004-2014) तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में सेवा की और देश के विकास में अहम भूमिका निभाई।
कहां से की पढ़ाई, कैसा था प्रारंभिक जीवन
डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत (अब पाकिस्तान में) में हुआ था। 1947 में भारत के विभाजन के बाद, 14 साल की उम्र में उनका परिवार भारत आ गया। शिक्षा के प्रति उनका झुकाव बचपन से ही था। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी की। इसके बाद उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से स्नातक और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की।
कैसा रहा शिक्षण और प्रशासनिक करियर
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने अपने करियर की शुरुआत शिक्षक के रूप में की थी। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स और दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाया। शिक्षण के बाद उन्होंने प्रशासनिक सेवाओं में कदम रखा। 1972 से 1976 तक वे भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे। इसके बाद 1982 से 1985 तक भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में कार्य किया। 1985 से 1987 तक वे योजना आयोग के अध्यक्ष भी रहे।
भारतीय अर्थव्यवस्था के आर्किटेक्ट थे डॉ. मनमोहन सिंह
1991 में जब भारत गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा था, तब डॉ. मनमोहन सिंह ने तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में वित्त मंत्री का पद संभाला। उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण की ओर ले जाने वाले ऐतिहासिक सुधार किए। उनकी नीतियों ने भारत को आर्थिक संकट से बाहर निकाला और वैश्विक मंच पर एक मजबूत अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित किया। उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए उन्हें 1993 और 1994 में ‘फाइनेंस मिनिस्टर ऑफ द ईयर’ का खिताब भी दिया गया था।
प्रधानमंत्री के रूप में डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान
2004 में डॉ. मनमोहन सिंह भारत के 13वें और देश के पहले सिख प्रधानमंत्री थे। उनके नेतृत्व में भारत ने आर्थिक विकास के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी अपनी छवि को मजबूत किया। उनके कार्यकाल में सूचना प्रौद्योगिकी और शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव हुए। 2010 में उन्हें सऊदी अरब के ‘ऑर्डर ऑफ किंग अब्दुल अजीज’ और 2014 में जापान के ‘ग्रैंड कॉर्डन ऑफ द ऑर्डर ऑफ द पॉलोनिया फ्लावर्स’ से सम्मानित किया गया।
मिला सम्मान और उपलब्धियां
1987 में उन्हें भारत सरकार ने ‘पद्म विभूषण’ से सम्मानित किया। उनके नाम पर कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार दर्ज हैं। डॉ. मनमोहन सिंह अपने सादगीपूर्ण जीवन और ईमानदार छवि के लिए हमेशा जाने जाते रहेंगे। उन्होंने हमेशा देश की प्रगति और आम जनता के हित को प्राथमिकता दी। उनका निधन भारत के लिए एक बड़ी क्षति है। वे एक ऐसे नेता थे, जिन्होंने न केवल भारत को आर्थिक संकट से उबारा बल्कि एक समृद्ध और स्थिर देश की नींव भी रखी। उनका जीवन आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगा।
शेयर बाजार में शानदार तेजी, इंफ्रास्ट्रक्चर पर सरकार का फोकस और अच्छी जीडीपी ग्रोथ ने आईपीओ लाने वाली कंपनियों को इस साल मौज ला दी। 2024 में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) के बाजार में काफी तेजी देखने को मिली है। साल के दौरान 90 कंपनियों ने IPO के जरिये रिकॉर्ड 1.6 लाख करोड़ रुपये की राशि जुटाई है। माना जा रहा है कि अगला साल भी IPO के लिए काफी अच्छा रहेगा। IPO के लिए असाधारण रहा यह साल न केवल निर्गम लाने वाली कंपनियों के भरोसे को दर्शाता है, बल्कि इससे निवेशकों के विश्वास का भी पता चलता है। निवेशकों ने लिस्टिंग गेन के अलावा लंबी अवधि के लिए भी कंपनियों की क्षमताओं में भरोसा जताया।
बाजार से जमकर पैसे जुटाए
इस साल के दौरान 238 छोटी और मझोली कंपनियों ने शेयर जारी कर 8,700 करोड़ रुपये जुटाए हैं। 2023 में एसएमई आईपीओ के जरिये 4,686 करोड़ रुपये की राशि जुटाई गई थी। साल के दौरान बड़ी, मझोली और छोटी – कंपनियों ने शेयर जारी कर धन जुटाया। साल 2024 में IPO का औसत आकार बढ़कर 1,700 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। 2023 में यह 867 करोड़ रुपये रहा था। अकेले दिसंबर में कम से कम 15 IPO आए हैं।
इन कंपनियों के IPO का रहा शोर
इस साल हुंदै मोटर इंडिया का 27,870 करोड़ रुपये का IPO आया। यह देश के इतिहास का सबसे बड़ा IPO है। इस साल का सबसे बड़ा आईपीओ हुंदै मोटर इंडिया (27,870 करोड़) का रहा। उसके बाद स्विगी (11,327 करोड़ रुपये), एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी (10,000 करोड़ रुपये), बजाज हाउसिंग फाइनेंस (6,560 करोड़ रुपये) और ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी (6,145 करोड़ रुपये) का स्थान रहा। इसके उलट विभोर स्टील ट्यूब्स के आईपीओ का आकार सबसे छोटा यानी 72 करोड़ रुपये रहा।
नए साल में भी कंपनियां ला सकती हैं IPO
अगले साल जिन कंपनियों के आईपीओ आने हैं उनमें एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज का प्रस्तावित 12,500 करोड़ रुपये का निर्गम शामिल है। इसके अलावा एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया का 15,000 करोड़ रुपये का निर्गम और हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज का 9,950 करोड़ रुपये का IPO भी प्रस्तावित है। एक्सचेंज के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 2024 में 90 आईपीओ आए जिनके जरिये सामूहिक रूप से 1.6 लाख करोड़ रुपये जुटाए गए।
इसमें 23-24 दिसंबर को समाप्त होने वाले आठ IPO शामिल हैं। इसके अलावा, यूनिमेक एयरोस्पेस एंड मैन्युफैक्चरिंग का 500 करोड़ रुपये का आईपीओ 23 दिसंबर को खुलने वाला है। वही साथ ही वोडाफोन आइडिया ने अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) के जरिये 18,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव का समय धीरे-धीरे सामने आने के साथ ही कांग्रेस और आम आदमी पार्टी एक दूसरे पर जमकर हमलावर हो गई है। अब नई दिल्ली सीट से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार संदीप दीक्षित ने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना से मिलकर उन्हें तीन शिकायतें दी हैं। संदीप दीक्षित ने आम आदमी पार्टी द्वारा मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना के तहत हो रहे रजिस्ट्रेशन पर अखबारों में दिल्ली सरकार द्वारा दिए गए विज्ञापन का हवाला देते हुए आम आदमी पार्टी पर महिलाओं के साथ धोखाधड़ी का आरोप लगाया है।
पंजाब पुलिस जासूसी कर रही – संदीप दीक्षित
संदीप दीक्षित द्वारा एलजी को दी गई दूसरी लिखित शिकायत में आरोप लगाया गया है कि पंजाब पुलिस उनकी जासूसी कर रही है। उन्होंने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि उनके घर के बाहर पंजाब पुलिस के जवान देखे गए है और इस बात की पुष्टि पंजाब पुलिस में उनके सूत्रों ने भी की है। हालांकि संदीप ने कहा है वो इस तरह की गतिविधि से डरने वाले नहीं है।
420 के तहत कार्रवाई की मांग
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने दिल्ली पुलिस से मांग की है कि इस पर तुरंत रोक लगाई जाए। इसके साथ ही उन्होंने इस मामले में आम आदमी पार्टी के खिलाफ एक हाई लेवल जांच की मांग की है। उन्होंने इसके साथ ही मांग की है कि अरविंद केजरीवाल और दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ धारा 420 के तहत कार्रवाई की जाए।
अवैध तरीके से पैसा भेजने की शिकायत
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित द्वारा दी गई तीसरी शिकायत में पंजाब सरकार पर पुलिस वाहनों के जरिए दिल्ली में अवैध तरीके से पैसा भेजने का आरोप लगाया गया है। संदीप दीक्षित ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि कुछ अधिकारियों द्वारा उन्हें यह जानकारी मिली जिसकी पुष्टि पंजाब पुलिस में मौजूद उनके सूत्रों ने भी की है।
उन्होंने दिल्ली के उपराज्यपाल से पंजाब और हरियाणा और राजस्थान के डीजीपी को इसकी जानकारी देने का अनुरोध किया है। उन्होंने इन राज्यों से दिल्ली के सीमा में घुस रहे सभी वाहनों की चेकिंग का अनुरोध किया है। वही संदीप दीक्षित ने अनुरोध किया है कि दिल्ली की सीमा में अवैध तरीके से पहुंच रहे इस पैसे को दिल्ली में पहुंचने से रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जाए।