खाने का तेल होगा सस्ता , जनता को मिलेगी कुछ राहत

केंद्र सरकार ने खाने के तेल पर बड़ा फैसला लिया है।

केंद्र सरकार ने खाने के तेल पर बड़ा फैसला लिया है। दो साल के लिए सरकार ने कस्टम ड्यूटी हटा दी है। सोयाबीन और सनफ्लावर तेल के आयात पर कस्टम ड्यूटी को खत्म की गई है।कृषि और बुनियादी शुल्क और विकास सेस को भी शून्य कर दिया है। सरकार का यह फैसला 24 मई को आधी रात से प्रभावी हो गया है।वित्त मंत्रालय द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार क्रूड सोयाबीन तेल और क्रूड सूरजमुखी ऑयल के दो वित्तीय वर्ष 2022-23, 2023-24 के लिए प्रति वर्ष 20 लाख मीट्रिक टन का आयात मुफ्त किया गया है। सरकार ने कहा, ‘कस्टम्स ड्यूटी, एग्रीकल्चरल इंफ्रास्ट्रक्चर और डेवलपमेंट सेस को समाप्त किया गया है। इन टैक्सों की अदायगी के बिना कुकिंग ऑयल को आयात करने की अनुमति रहेगी।’

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड ने कहा है कि इस कदम से महंगाई पर अंकुश लगेगा। इससे आम आदमी को राहत मिलेगी। भारत अपनी जरूरत का 60 % खाद्य तेल आयात करता है | महंगाई में खाद्य तेल की प्रमुख भागीदारी है। पिछले तीन महीनों से खाद्य तेल के खुदरा दाम में 15% से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है।

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केंद्र सरकार ने क्या लिया फैसला

वित्त मंत्रालय द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार क्रूड सोयाबीन तेल और क्रूड सूरजमुखी ऑयल के दो वित्तीय वर्ष 2022-23, 2023-24 के लिए प्रति वर्ष 20 लाख मीट्रिक टन का आयात मुफ्त किया गया है। सरकार ने कहा, ‘कस्टम्स ड्यूटी, एग्रीकल्चरल इंफ्रास्ट्रक्चर और डेवलपमेंट सेस को समाप्त किया गया है। इन टैक्सों की अदायगी के बिना कुकिंग ऑयल को आयात करने की अनुमति रहेगी।’केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड ने कहा है कि इस कदम से महंगाई पर अंकुश लगेगा। इससे आम आदमी को राहत मिलेगी। भारत अपनी जरूरत का 60 % खाद्य तेल आयात करता है | महंगाई में खाद्य तेल की प्रमुख भागीदारी है। पिछले तीन महीनों से खाद्य तेल के खुदरा दाम में 15% से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है।