नई दिल्ली: ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने फाइजर की ‘पैक्सलोविड’ टैबलेट को मंजूरी दे दी है। कोविड-19 के खिलाफ इस दवा के आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति होगी। देश में कोरोना मामलों के बीच ‘गेमचेंजर’ बताई जा रही यह दवा अगले हफ्ते से उपलब्ध होगी। भारत में हेटेरो लैब्स इस दवा का जेनेरिक वर्जन बनाएगी। फाइजर ने पिछले साल 95 देशों में पैक्सलोविड का जेनेरिक वर्जन बनाने के लिए वॉलंटरी लाइसेंस देने का ऐलान किया था। ‘पैक्सलोविड’ की सिफारिश विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी की है। WHO के अनुसार, फाइजर की गोली कोविड के माइल्ड और मॉडरेट मरीजों को दी जानी चाहिए। अभी यह टैबलेट केवल प्रिस्क्रिप्शन पर उपलब्ध होगी। एक मरीज को 5 दिन में कुल 30 टैबलेट खानी होंगी। हर रोज दो बार तीन-तीन गोलियों की डोज होगी।
कौन ले सकता है ये दवा?
ये दवा अभी सिर्फ उन मरीजों को दी जाएगी जिनकी उम्र 12 साल से ऊपर होगी और जिनका वजन कम से कम 40 किलो होगा| इसका मतलब ये हुआ कि अगर आपकी उम्र 12 साल के ऊपर है, लेकिन वजन 40 किलो से कम है तो ये दवा नहीं दी जाएगी इस दवा को कोरोना के लक्षण दिखने के 5 दिन के भीतर लिया जा सकता है|इस दवा का 5 दिन का कोर्स होगा|
कितनी सुरक्षित है ये दवा?
क्लीनिकल ट्रायल में ये दवा सुरक्षित साबित हुई है| एफडीए के मुताबिक, कंपनी ने क्लीनिकल ट्रायल में 18 साल से ऊपर के 2,100 लोगों को शामिल किया था| इसमें से 1,039 को पैक्सलोविड दवा और 1,046 को प्लासबो दिया गया था| नतीजों के मुताबिक पैक्सलोविड मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने और मौत होने के खतरे को 88% तक कम कर देती है| इसके अलावा जिन लोगों को पैक्सलोविड दी गई थी, उनमें से 0.6% ही थे जिन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ी या मौत हुई| वहीं, प्लासबो कैंडिडेट में ये आंकड़ा 6% का था|
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