उमर खालिद : जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद को दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगा मामले में बड़ा धक्का दिया है. दिल्ली की कड़कड़डूमा अदालत ने हिंसा से जुड़े एक बड़े षड्यंत्र के मामले में आरोपी उमर खालिद की जमानत याचिका आज खारिज कर दी। खालिद ने फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में एक बड़ा तख्तापलट किया। उमर खालिद के खिलाफ दंगा षडयंत्र और यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया है।
यूएपीए के तहत दर्ज हुआ था मामला: इस मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने 3 मार्च को खालिद और अभियोजन पक्ष के वकील की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. सुनवाई के दौरान आरोपी ने अदालत को बताया कि अभियोजन पक्ष के पास उस पर मुकदमा चलाने के लिए सबूत नहीं हैं। फरवरी 2020 के दंगों के सिलसिले में खालिद और कई अन्य के खिलाफ आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया है।
सीएए-एनसीआर में भड़की हिंसा: गौरतलब है कि दंगों में 53 लोगों की मौत हुई थी और 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. फरवरी 2020 में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के विरोध के दौरान हिंसा भड़क उठी।
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खालिद समेत आरोपियों की गिरफ्तारी खालिद के अलावा कार्यकर्ता खालिद सैफी, जेएनयू छात्र नताशा नरवाल और देबंगाना कलिता, जामिया समन्वय समिति सदस्य सफूरा जरगर, आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन समेत कई अन्य को भी गिरफ्तार किया गया. यूएपीए के तहत पंजीकृत।