Saturday, June 28, 2025
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 जानें कब और किसको नहीं पहनना चाहिए रुद्राक्ष

हिंदू धर्म (Hindu religion) में आध्यात्म का बेहद महत्व है जिसमें कई लोग अलग-अलग तरीके से ईश्वर के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करते हैं. हालांकि आध्यात्म की दुनिया महज ईश्वर की उपासना तक सीमित न होकर कई वैज्ञानिक महत्वों से भी जुड़ी है. उदाहरण के लिए जहां माथे पर चंदन का उपयोग मस्तिष्क (Mind) ठंडा रखने के लिए किया जाता है, तो मंदिर में जलने वाले दिये से आस-पास के किटाणु नष्ट होते हैं. इसी कड़ी में एक नाम रुद्राक्ष का भी शामिल है. आमतौर पर मन शांत रखने के लिए रुद्राक्ष (Rudraksha) कई लोग धारण करते हैं. लेकिन क्या आप इसे धारण करने के सही तरीके से वाकिफ हैं?

पुराणों के अनुसार रुद्राक्ष भगवान शिव का अंश होने के कारण काफी शुद्ध होता है. वहीं विज्ञान मन की शांति और गुस्से पर काबू पाने के लिए रुद्राक्ष धारण करने की सलाह देता है. मगर रुद्राक्ष पहनने के साथ-साथ इसे पवित्र रखना भी बेहद जरूरी होता है. हालांकि जीवन के कुछ कामों में रुद्राक्ष धारण करने से यह अपवित्र हो जाता है और इसके परिणाम भी उल्टे होने लगते हैं. तो आइए जानते हैं, जानिए किसे धारण नहीं करना चाहिए ‘रुद्राक्ष और कब पहनना होता है वर्जित.

धूम्रपान और मांसाहार के समय न पहनें रुद्राक्ष

धूम्रपान खासकर शराब पीने और मांसाहारी चीजों का सेवन करते समय भूलकर भी रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए. वरना ये अपवित्र हो जाता है और इसके परिणाम आपको फायदा पहुंचाने के बजाए नुकसान पहुंचा सकते हैं.

सोते समय न पहनें रुद्राक्ष

धार्मिक मान्यता के अनुसार सोने के बाद शरीर अशुद्ध हो जाता है. जिसका असर रुद्राक्ष की शुद्धता पर भी पड़ता है. इसलिए सोने से पहले रुद्राक्ष उतारना बेहतर रहता है. वहीं सोते समय रुद्राक्ष को तकिए के नीचे रखने से मन शांत रहता है और बुरे सपने भी नहीं आते हैं.

शवयात्रा से दूर रखें रुद्राक्ष

जानकारी के अभाव में कई लोग रुद्राक्ष पहनकर शवयात्रा या शमशान घाट तक चले जाते हैं लेकिन ऐसा करने से आपको बचना चाहिए. इससे आपका रुद्राक्ष अशुद्ध हो जाता है जिसका बुरा असर आपके जीवन पर पड़ने लगता है.

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बच्चे के जन्म पर न पहनें रुद्राक्ष

मान्याताओं के मुताबिक बच्चे के जन्म लेने के बाद कुछ दिनों तक मां और बच्चा अशुद्ध रहते हैं. ऐसे में रुद्राक्ष पहनकर उनके पास न जाएं. ध्यान रहे कि जिस कमरे में जच्चा और बच्चा हैं, वहां रुद्राक्ष उतार कर ही प्रवेश करें. हालांकि बच्चे के नामकरण के बाद आप बेफिक्र होकर रुद्राक्ष पहन सकते हैं.

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