पंचांगम एक हिन्दू कैलेंडर (Hindu calender) है. जो खगोलीय घटनाओं पर निर्धारित है. पंचांग में खगोलीय जानकारी को सारणीबद्ध किया जाता है. जिसका उपयोग ज्योतिष या हिन्दू धार्मिक विधान करने के लिए अति महत्वपूर्ण हो जाता है. किसी घटना घटनेपर विशिष्ट नक्षत्र, करण या योग महत्वपूर्ण भूमिका निभाते दिखाई देते है. यह जानकारी ज्योतिष अनुमान द्वारा मिल सकती है. पंचांग का उपयोग कर ज्योतिष गणना द्वारा राशिफल दिया जाता है.
पंचांग (Panchang) शब्द का उपयोग संस्कृत से किया जाता है. पंचांग (Panchang) यानि पांच अंग जो ऊर्जा स्त्रोतोंका प्रतिनिधित्व करते है. यह स्त्रोत दृश्य और अदृश्य दोनों में शामिल है. स्थान या क्षेत्र, समय, तारिक आदि, किसी मुहूर्त के लिए सटीक पंचांग का परिणाम बहुत ही महत्वपूर्ण है. तीथि, योग, वर, नक्षत्र और करण पंचांग की पांच विशेषताएं है. पंचांग की इन पांच विशेषताए जब किसी खास कारन के लिए संतुलन बनाये रखने पर, उसे मुहूर्त कहा जाता है. धार्मिक विधि, विधान करने के लिए, किसी कार्य का प्रयोजन करने के लिए, शुभ मुहूर्त बहोत ही महत्वपूर्ण बन जाता है.
पंचांग की जरुरत ?
पंचांग का उपयोग मुख्यत्वे, काल गणना, तिथि वार, व्रत, शुभ मुहूर्त, देखने के लिए पंचांग का उपयोग किया जाता है. ज्योतिष गाइड के दैनिक पंचांग में नक्षत्र, योग, करन सहित, शुभ – अशुभ समय, मुहूर्त, चंद्र बल, तारा बल पंचांग में आसानीसे उपलब्ध है.
पंचांग (Panchang) का निर्धारण, ब्रम्हांड की गति पर निर्भर है. इसलिए जैसे जैसे पृथ्वी भ्रमण करती है, पंचांग समय क्षेत्र के अनुसार बदलता दिखाई देता है. इसलिए एक ही पंचांग अलग अलग क्षेत्रों के लिए अलग अलग हो सकता है. इसलिए सही पंचांग का समय निर्धारण के लिए, क्षेत्र को चुनना अति महत्वपूर्ण है.
सोमवार 21 फरवरी, 2022 का पंचांग
आज का पंचांग
वार: सोमवार
पक्ष : कृष्ण पक्ष
तिथि :- कृष्ण पंचमी – 19:58:17 तक
तिथि विशेष: पूर्णा तिथि – सारांश : औषधि प्रयोग व सर्जरी करने के लिए शुभ तथा कोई महत्वपूर्ण व्यवसाय, विवाह व उपचार प्रारम्भ करने के लिए शुभ।
नक्षत्र: चित्रा – 16:17:38 तक
नक्षत्र स्वामी: मंगल
नक्षत्र देवता: विश्वकर्मा
नक्षत्र विशेष: –
योग: गंड – 13:6:29 तक
योग विशेषता : यह अशुभ योग है, शुभ कार्यों को करने के लिए अच्छा नहीं है।
योग का अर्थ : (खतरे या बाधाएं) – दोषपूर्ण नैतिकता या नीति, कष्टप्रद व्यक्तित्व।
करण: कौलव – 8:32:1 तक,
करण देवता : चंद्र
करण विशेषता: यह मैत्री के लिए तथा स्थायी व स्थिर प्रकृति के सभी कार्यों के लिए अनुकूल है।
सूर्य, चन्द्र गणना
सूर्योदय: 6:54:13
सूर्यास्त : 18:14:57
वैदिक सूर्योदय: 6:58:10
वैदिक सूर्यास्त : 18:11:1
चंद्रोदय: 22:52:4
चंद्रास्त : 9:41:59
चंद्र राशि : कन्या
सूर्य राशि: कुम्भ
दिशा शूल : पूर्व
नक्षत्र शूल चंद्र निवास : दक्षिण
हिन्दू मास एवं वर्ष
शक संवत : प्लव 1943
मास अमांत: माघ
विक्रम संवत: आनंद 2078
मास पूर्णिमांत: फाल्गुन
ऋतु : शिशिर
अयन : उत्तरायण
अशुभ मुहूर्त
राहु कालं : 08:19:18 से 09:44:24 तक
गुलिकालं : 13:59:40 से 15:24:46 तक
यंमघन्त कालं : 11:09:29 से 12:34:35 तक
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शुभ मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त : 12:12 से 12:56 तक

