डिजिटल डेस्क : 27 दिसंबर को चुनाव आयोग और केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव के बीच बैठक होनी है। यह जानकारी सूत्रों ने दी। बैठक में ओमिकरन के बढ़ते मामलों के मद्देनजर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और गोवा में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को स्थगित करने की संभावना पर चर्चा होगी।इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 23 दिसंबर को ओमाइक्रोन मामलों में वृद्धि के बीच चुनावी राज्यों में राजनीतिक रैलियों को रोकने के लिए केंद्र से आह्वान किया। यदि यह बैठक होती है तो यह बहुत महत्वपूर्ण होगी और इस अनुरोध पर चर्चा की जाएगी।
न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव की खंडपीठ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आगामी विधानसभा चुनाव स्थगित करने और राजनीतिक रैलियों और प्रचार को रोकने पर विचार करने को कहा है। अदालत ने कोविड -19 की तीसरी लहर की संभावना पर ध्यान देते हुए कहा, “अगर जीवन है, तो चुनावी रैलियां और बैठकें हो सकती हैं।” भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21 भी जीवन का अधिकार देता है।
जस्टिस यादव ने कहा, “जन है तो जहान है। हो सके तो चुनाव टालने पर विचार करें, क्योंकि अगर हम सभी जीवित रहे तो बाद में रैलियां और बैठकें हो सकती हैं।” अदालत ने केंद्र सरकार को COVID-19 की दूसरी लहर की भी याद दिलाई, जिसका देश भर में भारतीयों के जीवन पर विनाशकारी प्रभाव पड़ा।यह देखते हुए कि फरवरी 2022 में होने वाले चुनावों को स्थगित किया जा सकता है, अदालत ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव और पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों ने भी कोरोना वायरस के संक्रमण को बढ़ाने में योगदान दिया है।
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अदालत ने देश में कोविड के खिलाफ ‘मुफ्त टीका’ उपलब्ध कराने की उनकी पहल के लिए भी प्रधानमंत्री मोदी की सराहना की। अदालत ने कहा, “वह (प्रधानमंत्री) सराहनीय हैं। अदालत उनकी सराहना करती है और प्रधानमंत्री से इस भयानक महामारी की स्थिति में कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह करती है। रैलियों, बैठकों और आगामी चुनावों को आयोजित करने और स्थगित करने पर विचार करें।”

