Saturday, October 11, 2025
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भारत की मिसाइलें आतंकवादियों को दफन कर देगी – पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और आर्मी चीफ आसिम मुनीर को सख्त मैसेज दिया है। पीएम मोदी ने बिहार के गया में संबोधित करते हुए कहा कि भारत में हमला करके कोई भी आतंकवादी बच नहीं पाए। प्रधानमंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि बिहार में लिया गया संकल्प कभी खाली नहीं जाता। पीएम ने गया में कई परियाजनाओं का उद्घाटन भी किया।

पीएम मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि जब किसी दुश्मन ने भारत को चुनौती दी है। बिहार देश का ढाल बनाकर खड़ा रहा है। बिहार की धरती पर लिया गया संकल्प कभी खाली नहीं जाता है। जब पहलगाम में आतंकी हमला हुआ, हमारे निर्दोष नागरिकों को धर्म पूछकर मारा गया। मैंने बिहार की इसी धरती से आतंकवादियों को मिट्टी में मिलाने की बात कही थी। आज दुनिया देख रही है, बिहार की धरती से लिया गया वो संकल्प पूरा हो चुका है।

12 हजार करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास

पीएम मोदी ने कहा कि आज ही गया जी की पावन भूमि से एक ही दिन में 12 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है। इसमें ऊर्जा, स्वास्थ्य और शहरी विकास से जुड़े कई बड़े प्रोजेक्ट हैं। इनसे बिहार के उद्योगों को ताकत मिलेगी और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे। इन परियोजनाओं के लिए बिहार के लोगों को बधाई देता हूं।

कोई मिसाइल हमें नहीं पहुंचा पाई नुकसान – प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पाकिस्तान की एक भी मिसाइल हमें नुकसान नहीं पहुंचा पाई। ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की रक्षा नीति की नई लकीर खींच दी है। भारत में आतंकवादी भेजकर हमले कराकर कोई बच नहीं सकेगा। आतंकवादी चाहे पाताल में ही क्यों न छिप जाएं, भारत की मिसाइलें उन्हें दफन करके रहेंगी।

जरूरतमंदों को घर दिलाना मेरा संकल्प – पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि मेरा एक बड़ा संकल्प है। जब तक हर जरूरतमंद को पक्का घर नहीं मिल जाता, मैं चैन से नहीं बैठूंगा। पिछले 11 साल में 4 करोड़ से ज्यादा गरीब लोगों को पक्के घर बनाकर दे दिए गए। बिहार में भी पक्के घर बनाए गए। गया में 2 लाख लोगों को पक्का घर दिया गया।

वही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिजली, सड़क, स्वास्थ्य, शहरी विकास और जल आपूर्ति जैसे विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 13,000 करोड़ रुपये की कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास व उद्घाटन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, प्रदेश के दोनों डिप्टी सीएम और केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी मौजूद रहे।

पीएम मोदी ने विरोधियों को दिया जवाब

एनडीए सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ एक ऐसा कानून लाई है, जिसके दायरे में देश का प्रधानमंत्री भी आता है। इस कानून में मुख्यमंत्री और मंत्री भी शामिल किए गए हैं। इस कानून के बनने के बाद, अगर कोई मुख्यमंत्री, मंत्री या प्रधानमंत्री गिरफ्तार होता है। तो उसे 30 दिन के भीतर जमानत लेनी होगी और अगर जमानत नहीं मिली तो 31वें दिन उसे कुर्सी छोड़नी पड़ेगी। आप सोचिए आज कानून है कि अगर किसी छोटे सरकारी कर्मचारी को 50 घंटे तक हिरासत में रखा जाए तो वह अपने-आप निलंबित हो जाता है।

लेकिन अगर कोई मुख्यमंत्री है, मंत्री है या प्रधानमंत्री है। तो वह जेल में रहकर भी सत्ता का सुख पा सकता है। हमने कुछ समय पहले ही देखा है कि कैसे जेल से ही फाइलों पर साइन किए जा रहे थे। जेल से ही सरकारी आदेश जारी किए जा रहे थे। नेताओं का अगर यही रवैया रहेगा, तो भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई कैसे लड़ी जा सकती है ?

पीएम मोदी ने महागठबंधन पर बोला हमला

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आरजेडी और उसके सहयोगी दल बिहार की जनता को सिर्फ़ अपना वोट बैंक समझते हैं। उन्हें गरीबों के सुख-दुख, मान-सम्मान की कोई चिंता नहीं है। कांग्रेस के एक मुख्यमंत्री ने मंच से कहा था कि वे बिहार के लोगों को अपने राज्य में घुसने नहीं देंगे। बिहार की जनता के साथ कांग्रेस के दुर्व्यवहार को देखने के बाद भी आरजेडी के लोग गहरी नींद सो रहे थे। बिहार की एनडीए (NDA) सरकार कांग्रेस और INDI गठबंधन के इस नफरती अभियान का जवाब दे रही है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लालटेन राज में यहां कैसी दुर्दशा थी। लालटेन राज में ये इलाका लाल आतंक से जकड़ा था। माओवादियों के कारण शाम के बाद कहीं आना-जाना मुश्किल था। लालटेन राज में गयाजी जैसे शहर अंधेरे में डूबे रहते थे। हजारों गांवों तक बिजली के खंभे नहीं पहुंचते थे। बिहार की कितनी पीढ़ियों को इन लोगों ने बिहार से पलायन के लिए मजबूर कर दिया था।

पीएम मोदी ने दिया विरोधियों को जवाब

इतने वर्षों में हमारी सरकार पर भ्रष्टाचार का एक भी दाग नहीं लगा, जबकि आज़ादी के बाद कांग्रेस की सरकारें जो 60–65 साल तक सत्ता में रहीं है। उनके भ्रष्टाचारों की एक लंबी सूची है। आरजेडी का भ्रष्टाचार तो बिहार का बच्चा-बच्चा जानता है। मेरा साफ मानना है कि अगर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाना है। तो कोई भी कार्रवाई से बाहर नहीं होना चाहिए।

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भाजपा के लिए कौन सी चीजें साधेंगे सीपी राधाकृष्णन, आरएसएस को संकेत

सीपी राधाकृष्णन को भाजपा ने उपराष्ट्रपति पद का कैंडिडेट बनाया है, जिस पर एनडीए के सभी दलों ने सहमति जताई है। विपक्षी अलायंस ने भी पूर्व जस्टिस सुदर्शन रेड्डी को चुनाव में उतार दिया है। अब 9 सितंबर का इंतजार है, लेकिन नतीजा पहले से ही तय माना जा रहा है कि सीपी राधाकृष्णन को चुनाव जीतने में ज्यादा कठिनाई नहीं होगी। भाजपा के सूत्र मानते हैं कि यह मसला सिर्फ उपराष्ट्रपति चुनाव में जीत का नहीं है बल्कि समीकरण साधने का भी है। इसीलिए सीपी राधाकृष्णन को भाजपा ने कैंडिडेट बनाया है। उनके आने से एक साथ तीन समीकरण सधेंगे, जो हैं- आरएसएस, दक्षिण और विवादों से मुक्ति।

सत्यपाल मलिक ने पीएम मोदी को किया टारगेट

दरअसल भाजपा ने पहले सत्यपाल मलिक और फिर जगदीप धनखड़ को मौके दिए। समाजवादी बैकग्राउंड से आने वाले दोनों नेता कई मसलों पर मुखर रहे और शुरुआती दिनों में भाजपा के कोर मुद्दों पर आक्रामक होकर बात की। उनके ये तेवर भाजपा समर्थकों को खूब जमे भी, लेकिन यही रवैया बाद के दिनों में उनका सरकार के खिलाफ दिखने लगा। यहीं से परेशानी शुरू होने लगी। सत्यपाल मलिक ने तो सीधे पीएम मोदी को ही टारगेट करना शुरू कर दिया था। इसके अलावा जगदीप धनखड़ ने भी किसान आंदोलन और फिर अदालत को लेकर जैसा रुख अपनाया, उससे सरकार असहज होने लगी। उपराष्ट्रपति पद की गरिमा के भी इसे विपरीत माना गया।

जब सीपी राधाकृष्णन बने आरएसएस के स्वयंसवेक

ऐसे में भाजपा ने बेहद लो-प्रोफाइल रहने वाले सीपी राधाकृष्णन पर दांव लगाया है। उनकी इसी खासियत का इशारों और मजेदार तरीके से पीएम मोदी ने जिक्र किया और कहा कि वह खेल प्रेमी हैं, लेकिन राजनीति में खेल नहीं करते। साफ है कि अब भाजपा हाईकमान ऐसा उपराष्ट्रपति या राज्यपाल नहीं चाहता, जो चर्चाओं में रहे और सरकार को असहज करे। इस लाइन में सीपी राधाकृष्णन फिट बैठते हैं। इसके अलावा वह पुराने संघी हैं। 16 साल की उम्र में आरएसएस के स्वयंसवेक बने थे। उन्हें मौका देकर भाजपा ने अपने मातृ संगठन आरएसएस को भी संकेत दिया है कि उनके विचार और लोगों का स्वागत है और उन्हें तवज्जो दी जा रही है।

पहली बार पीएम मोदी ने की आरएसएस की तारीफ

सत्यपाल मलिक और जगदीप धनखड़ के रुख पर संघ समर्थकों का यही कहना था कि यह बाहर से लाए गए लोग थे और उसके चलते ही नुकसान हो रहा है। इस तरह संघ को महत्व देते हुए सीपीआर को चुना गया है। बता दें कि यह लगातार दूसरा संकेत आरएसएस को दिया गया है। इससे पहले 15 अगस्त को लाल किले से पहली बार पीएम मोदी ने आरएसएस की तारीफ की थी और उसके 100 साल के सफर को देश और समाज को समर्पित बताया था। अब तीसरे समीकरण की बात करते हैं। अगले साल तमिलनाडु में चुनाव है और सीपीआर को मौका दिया गया है, जो वहीं से आते हैं। वह कोयंबटूर से दो बार सांसद रहे हैं, जो तमिलनाडु में भाजपा का एकमात्र गढ़ कहा जाता है।

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शहरों के नाम बदलने को लेकर सियासत तेज, कई और जिलों की हो नई पहचान

उत्तर प्रदेश में ज़िलों, शहरों और मोहल्लों के नाम बदलने को लेकर सियासत तेज़ है। शाहजहांपुर के जलालाबाद का नाम परशुरामपुरी किए जाने के बाद एक बार फिर कई जिलों का नाम बदलने की मांग और तेज़ हो गई है। मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने अभी तीन दिन पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शाहजंहापुर का नाम बदलने का आग्रह किया था। उमा भारती का कहना है कि शाहजंहापुर नाम गुलामी के दौर का है।

गाजीपुर का नया नाम

उमा भारती के बाद बलिया से बीजेपी की विधायक केतकी सिंह ने गाजीपुर का नाम बदलने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि गाजीपुर का नाम बदलकर महर्षि गौतम के नाम पर करने की मांग कर रही हैं। उनका कहना है कि महर्षि गौतम परशुराम के पिता थे। केतकी सिंह ने आजमगढ़ का नाम महर्षि दुर्वासा के नाम पर करने की मांग की है।

अलीगढ़ का नया नाम

अलीगढ़ का नाम बदल कर हरिगढ़ किये जाने की मांग भी काफी दिनों से की जा रही है। साल 2021 में अलीगढ़ के सांसद और विधायकों ने एक प्रस्ताव पास करके अलीगढ़ का नाम हरिगढ़ करने की मांग की थी। अब ये प्रस्ताव दुबारा सीएम योगी आदित्यनाथ को भेजा गया है। इसी तरह सुल्तानपुर का नाम कुशभवनपुर करने की मांग पिछले कई साल से की जा रही है।

नाम बदलने को लेकर सियासत तेज

एक बार फिर नाम बदलने की मांग राज्यसभा में भी उठी। राज्यसभा सांसद डॉ दिनेश शर्मा ने मांग की कि विदेशी आक्रांताओं के नाम वाली सड़कों, सार्वजनिक स्थानों और भवनों के नाम बदले जाएं। बता दें कि यूपी में योगी सरकार ने फैज़ाबाद जिले का नाम बदलकर अयोध्या और इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किया। मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन कर दिया गया। गोरखपुर में भी करीब एक दर्जन नगरपालिका वार्डों के नाम बदल दिए गए। 2022 में गोरखपुर का मुंडेरा बाज़ार का नाम चौरी चौरा और देवरिया के तेलिया अफगान का नाम तेलिया शुक्ल हो गया। इससे पहले 2022 में गोरखपुर में योगी सरकार ने मियां बाज़ार,मुफ्तीपुर,अलीनगर, तुर्कमानपुर, इस्माइलपुर जैसे मुस्लिम नाम वाले वार्ड का नाम दिया था।

उधर,संस्कृति और पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि फिरोजाबाद का नाम चंद्रनगर किया जाए, इसका प्रस्ताव सीएम को भेजा गया है। उन्होंने कहा कि हम विकास भी कर रहे हैं और सनातन को ज़िंदा रखने का काम भी कर रहे हैं। वहीं सपा प्रवक्ता उदयवीर सिंह ने कहा कि बीजेपी के पास नाम बदलने के अलावा कोई काम नही है, सरकार एक आयोग बना ले।

read more : राहुल गांधी की गाड़ी के ड्राइवर के खिलाफ केस हुआ दर्ज

राहुल गांधी की गाड़ी के ड्राइवर के खिलाफ केस हुआ दर्ज

कांग्रेस नेता राहुल गांधी बिहार के कई जिलों में वोटर अधिकार यात्रा निकाल रहे हैं। हालांकि, बीते दिनों राज्य के नवादा जिले में यात्रा के दौरान राहुल गांधी के वाहन से टक्कर लग जाने के कारण एक पुलिसकर्मी घायल हो गया। भाजपा ने इस घटना को लेकर राहुल गांधी पर निशाना भी साधा था। अब पुलिस ने इस घटना को लेकर राहुल गांधी के वाहन के ड्राइवर के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।

क्या है पूरा मामला ?

दरअसल, नवादा में राहुल गांधी की यात्रा के दौरान पुलिस कांस्टेबल वाहन के सामने गिर गया था। ये घटना तब हुई जब राहुल गांधी की यात्रा भगत सिंह चौक से गुजर रही थी। इस घटना का वीडियो वायरल हो गया था। जानकारी के मुताबिक, कांस्टेबल को पानी पिलाने के बाद राहुल गांधी ने उसे अपने वाहन में बैठाया और वाहन आगे की ओर बढ़ गया।

ड्राइवर पर केस दर्ज

पुलिस ने राहुल गांधी के ड्राइवर के खिलाफ केस दर्ज होने की जानकारी दी है। नवादा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अभिनव धीमान ने कहा – हां ड्राइवर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। विस्तृत जानकारी बाद में दी जायेगी। धीमान ने पहले कहा था कि कांस्टेबल काफिले में एक वाहन के सामने गिर गया जिससे वाहन उनके पैरों से थोड़ा सा टकरा गया और उन्हें चोटें आईं।

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यूपी के शाहजहांपुर के जलालाबाद का नाम बदला, परशुरामपुरी किया गया

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में स्थित जलालाबाद कस्बे का नाम अब परशुरामपुरी कर दिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस नाम को बदलने की मंजूरी दे दी है। इस संबंध में गृह मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को एक पत्र भेजकर जानकारी दी है कि भारत सरकार को शहर का नाम “जलालाबाद” से बदलकर “परशुरामपुरी” करने पर कोई आपत्ति नहीं है।

जितिन प्रसाद ने जताया आभार

शाहजहांपुर जिले के जलालाबाद का नाम बदलकर परशुरामपुरी करने की अनुमति मिलने के बाद केंद्रीय मंत्री और पीलीभीत से सांसद जितिन प्रसाद ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर अपनी खुशी व्यक्त की। उन्होंने इस निर्णय के लिए गृह मंत्री अमित शाह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त किया।

जितिन प्रसाद ने इस फैसले को संपूर्ण सनातनी समाज के लिए गर्व का क्षण बताया। उन्होंने कहा कि इस निर्णय ने भगवान परशुराम के भक्तों के लिए गौरव और खुशी का पल प्रदान किया है। उन्होंने खुद को इस पुनीत कार्य में सिर्फ एक माध्यम बताया और कहा कि यह सब भगवान परशुराम की कृपा से ही संभव हो पाया। साथ ही, उन्होंने भगवान से पूरे जगत पर अपनी कृपा बनाए रखने की प्रार्थना भी की।

शाहजहांपुर के जलालाबाद का नाम बदला
शाहजहांपुर के जलालाबाद का नाम बदला
परशुरामपुरी नाम से जाना जाएगा
परशुरामपुरी नाम से जाना जाएगा

 

शहीदों की नगरी शाहजहांपुर

बता दें कि शाहजहांपुर उत्तर प्रदेश के प्रमुख जिलों में से एक है, जो अपने ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और कृषि महत्व के लिए जाना जाता है। इसे “शहीदों की नगरी” भी कहा जाता है, क्योंकि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में इसका अहम योगदान रहा है। शाहजहांपुर की स्थापना 17वीं सदी में मुगल सम्राट शाहजहां के शासनकाल के दौरान हुई थी। इसका नामकरण उन्हीं के नाम पर किया गया था।

यह जिला भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का एक महत्वपूर्ण केंद्र था। यहां के प्रसिद्ध क्रांतिकारी जैसे राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खान और ठाकुर रोशन सिंह का संबंध इसी जिले से था। इन सभी को काकोरी कांड में उनकी भूमिका के लिए जाना जाता है।

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विधेयक पेश होते ही विपक्षी सांसदों ने कॉपी फाड़कर अमित शाह की ओर फेंका

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने को लोकसभा में तीन बड़े विधेयक पेश किए। इन विधेयकों में प्रावधान है कि चाहे राज्य का मुख्यमंत्री हो या देश का प्रधानमंत्री, अगर उस पर कोई गंभीर आपराधिक आरोप है। वो लगातार 30 दिन तक जेल में रहे तो उन्हें अपने पद से हटना होगा। इस बिल को लेकर लोकसभा में विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया। इतना ही नहीं विपक्षी सांसदों ने बिल को फाड़कर उन्हें अमित शाह की ओर उछाला। यह तीनों विधेयक अलग-अलग इसलिए लाए गए हैं, क्योंकि केंद्र सरकार, राज्य सरकार और केंद्र शासित राज्यों के नेताओं के लिए अलग-अलग प्रावधान हैं।

विधेयक पेश होने पर सदन में शुरू हुआ हंगामा

विधेयक पेश होते ही लोकसभा में जोरदार हंगामा शुरू हो गया। विपक्षी सांसदों ने इसका विरोध किया और कई सांसद लोकसभा की वेल में पहुंचकर नारेबाजी करने लगे। इस दौरान कुछ विपक्षी सांसदों ने विधेयक की कॉपियां फाड़ दीं और उनके टुकड़े गृह मंत्री अमित शाह की ओर उछाले। फिर उसके बाद अमित शाह ने बिल पेश करते समय कहा कि सरकार इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजने का प्रस्ताव रखती है। इसके बावजूद विपक्ष ने जोरदार विरोध किया। लगातार नारेबाजी और हंगामे के बीच सदन का माहौल तनावपूर्ण हो गया।

विपक्षी सांसदों ने किया विरोध

नारेबाजी की शुरुआत तृणमूल कांग्रेस सांसदों ने की। टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने जैसे ही बिल पेश हुआ, नारे लगाने शुरू कर दिए। कांग्रेस सांसद और महासचिव केसी वेणुगोपाल ने अपनी सीट से बिल की कॉपी फाड़कर फेंक दी और बाद में सभी कांग्रेस सांसद वेल में आ गए। इसके बाद समाजवादी पार्टी (सपा) के धर्मेंद्र यादव ने भी कॉपी फाड़ दी और सपा सांसद भी वेल में पहुंचकर हंगामा करने लगे। वही बढ़ते हंगामे के बीच गृह मंत्री बिल पेश करते रहे। इस दौरान सभी विपक्षी सांसद वेल में आकर नारेबाजी करते रहे। स्थिति बिगड़ने पर लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।

अमित शाह ने दिया जवाब

अमित शाह ने विपक्षी सांसद केसी वेणुगोपाल की आलोचना की। उन्होंने कहा कि जब वे झूठे मामले में जेल गए थे, तो उन्होंने नैतिकता के आधार पर पद से इस्तीफा दे दिया था। तब तक कोई संवैधानिक पद नहीं लिया। जब तक अदालत ने उन्हें निर्दोष साबित नहीं किया। उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि हम इतने “बेशर्म” नहीं हैं कि आरोप लगने के बाद भी पद पर बने रहें। अमित शाह ने कहा कि राजनीति में नैतिकता और शुचिता जरूरी है और इस बिल का मकसद यही है।

विपक्ष और सत्ता पक्ष आमने-सामने

संविधान के 130वें संशोधन विधेयक पेश होने के दौरान विपक्षी सांसदों ने सत्ता पक्ष को घेर लिया और गृह मंत्री का माइक मोड़ने की कोशिश की। सत्ता पक्ष के सांसद रवनीत बिट्टू, कमलेश पासवान, किरेन रिजिजू और सतीश गौतम ने गृह मंत्री का बचाव किया और विपक्षी सांसदों को रोकने की कोशिश की। अमित शाह ने बिल को 21 सदस्यीय संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजने का प्रस्ताव रखा। ध्वनिमत से यह प्रस्ताव पारित हो गया।

इसके बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि राजनीति में शुचिता और नैतिकता जरूरी है और कुछ विधेयक इन्हें मजबूत करने के लिए लाए जाते हैं। अब यह बिल जेपीसी के पास चर्चा के लिए भेजा गया है।

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अब्बास अंसारी से जुड़ी बड़ी खबर, 2 साल की सजा पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

संवाददाता – देवेन्द्र शुक्ला, प्रयागराज। मुख्तार अंसारी के बेटे और पूर्व विधायक अब्बास अंसारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने अंसारी की याचिका स्वीकार करते हुए मऊ स्थित एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट द्वारा सुनाई गई दो साल की जेल की सजा पर रोक लगा दी है। इस आदेश के साथ ही अब उनका विधायक का दर्जा बहाल हो जाएगा और मऊ सदर विधानसभा सीट पर उपचुनाव नहीं होगा। हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद 30 जुलाई को फैसला रिजर्व कर लिया था।

क्या है पूरा मामला

2022 विधानसभा चुनाव के दौरान भड़काऊ भाषण के मामले में एमपी एमएलए कोर्ट मऊ ने 31 मई को 2 वर्ष की सजा और 3000 जुर्माना लगाया था। इसी आधार पर 1 जून 2025 को अब्बास अंसारी की विधायकी चली गई थी। जिला जज मऊ की अदालत ने 5 जुलाई को अपील खारिज कर दी थी। अब्बास अंसारी ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर जिला जज मऊ के आदेश को चुनौती दी थी। अब्बास अंसारी की ओर से अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने कोर्ट में पक्ष रखा था। जबकि यूपी सरकार की ओर से महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्रा और अपर महाधिवक्ता एम सी चतुर्वेदी ने दलीलें पेश की थीं। उन्होंने एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट मऊ के फैसले पर रोक लगाने का विरोध किया था।

अब्बास अंसारी की विधायकी अब रहेगी बरकरार

अब्बास अंसारी यूपी विधानसभा चुनाव में ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के टिकट पर विधायक चुने गए थे। हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद अब यह तय हो गया है कि मऊ सदर विधानसभा सीट पर अब चुनाव कराने की जरुरत नहीं पड़ेगी। यानी अब्बास अंसारी की विधायकी अब बरकरार रहेगी।

इन धाराओं में दर्ज हुआ था केस

अब्बास अंसारी पर बाद में भारतीय दंड संहिता की धारा 189 (लोक सेवक को नुकसान पहुंचाने की धमकी), 153-ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास और भाषा के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य बढ़ाना और सौहार्द बिगाड़ना), 171एफ (चुनाव में अनुचित प्रभाव डालना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया।

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हमलावर ने सीएम रेखा गुप्ता को मारा थप्पड़ और बाल खींचने की कोशिश

आपको बता दे कि दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हमला हुआ। दिल्ली में सीएम आवास पर जनसुनवाई के दौरान ये हमला किया गया है। हमलावर ने रेखा गुप्ता को थप्पड़ मारा और उनके बाल खींचने की कोशिश की। हमलावर ने पहले सीएम को कागज दिया और उसके बाद हमला किया। हमलावर को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है और जांच की जा रही है।

टेबल के कोने से टकराया सीएम रेखा गुप्ता का सिर

बताया जा रहा है कि रेखा गुप्ता जब अपने घर पर जनसुनवाई कर रही थीं तो इसी दौरान हमलावर कागज देने के बहाने उनके पास आया और उनपर अटैक कर दिया। जनसुनवाई में मौजूद एक शख्स ने उन्हें थप्पड़ मारा और बाल पकड़कर खींचने की कोशिश की। इस धक्का मुक्की में रेखा गुप्ता का सिर टेबल के कोने से टकराया और उनको मामूली चोट आई। अभी तक की जांच में पता चला है कि रेखा गुप्ता पर अटैक करने वाले राजेश खिमजी सकारिया की उम्र 41 साल है। फिलहाल आरोपी से सिविल लाइंस थाने में पूछताछ चल रही है।

जाने कैसे हुआ सीएम रेखा गुप्ता हमला ?

>>  दिल्ली मुख्यमंत्री के राज निवास मार्ग स्थित कैंप ऑफिस में हर बुधवार जनसुनवाई की जाती है।

>>  सुबह 7 बजे से जनसुनवाई शुरू होती है।

>>  दिल्ली भर से लोग अपनी शिकायतें और फरियाद लेकर पहुंचते हैं

>>  मुख्यमंत्री एक-एक कर सभी फरियादियों के पास पहुंचती हैं।

>>  सुबह करीब 8 बजे फरियादी मुख्यमंत्री के पास पहुंची जिसके बाद आरोपी ने मुख्यमंत्री पर हमला किया।

>>  इसके बाद पुलिस आरोपी को पकड़ती है और सिविल लाइन्स थाने ले जाती है।

>>  वहीं मुख्यमंत्री को मेडिकल चेक अप के लिए ले जाया जाता है।

>>  शुरुआती पूछताछ में आरोपी ने अपना नाम राजेश खिमजी सकारिया बताया है।

>> आरोपी की उम्र 41 वर्ष और आरोपी ने दावा किया कि वो राजकोट का रहने वाला है।

>>  दिल्ली पुलिस राजकोट पुलिस के संपर्क में है।

सीएम रेखा गुप्ता के पास अर्जी लेकर आया था

41 वर्षीय राजेश भाई खिमजी गुजरात के राजकोट का रहने वाला है। सूत्रों के मुताबिक उसका कोई परिजन जेल में है, उसको छुड़वाने के लिए वो अर्जी लेकर आया था। अब दिल्ली पुलिस ने खिमजी के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए गुजरात पुलिस से सम्पर्क किया है। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने बताया कि सीएम रेखा गुप्ता का सिर टेबल से लगा है, उनका इलाज चल रहा है।

कैसी है सीएम रेखा गुप्ता की स्थिति ?

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से मुलाकात के बाद दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता इस घटना से ‘‘घबराई हुई’’ हैं। लेकिन वह ठीक हैं। वहीं स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह ने कहा कि हमलावर ने सीएम को पकड़ लिया था, गिरा दिया था। जिससे उन्हें चोट आई है, मेडिको-लीगल केस हुई है।वही दिल्ली के मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा कि हमलावर सिर्फ हमले के इरादे से ही नहीं बल्कि मारने के इरादे से आया था। उसने सीएम के घर की भी रेकी की थी। हमलावर ने काफी देर तक सीएम को जमीन पर पकड़ कर रखा था।

केजरीवाल ने क्या कहा ?

आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने हमले की निंदा करते हुए कार्रवाई की बात कही है। उन्होंने कहा, ”दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुआ हमला बेहद निंदनीय है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में विचारों का मतभेद और विरोध स्वीकार्य है, लेकिन हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं हो सकता। मुझे विश्वास है कि दिल्ली पुलिस उचित कार्रवाई करेगी। आशा है कि मुख्यमंत्री पूरी तरह सुरक्षित और स्वस्थ हों।

कांग्रेस ने की निंदा..

दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा कि यह बहुत दुखद है। मुख्यमंत्री पूरी दिल्ली का नेतृत्व करती हैं और मुझे लगता है कि ऐसी घटनाओं की जितनी निंदा की जाए, उतनी कम है। अगर दिल्ली की मुख्यमंत्री ही सुरक्षित नहीं हैं, तो आम आदमी या आम महिला कैसे सुरक्षित रह सकती है ?

आरोपी की मां ने कहा…..

दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता पर हमला करने वाले आरोपी राजेश भाई खिमजी भाई सकरिया की मां भानु बेन ने कहा कि मेरा बेटा पशु प्रेमी है और डॉग वाले मुद्दे को लेकर दुखी था। इस वजह से वो दिल्ली गया था। उसका किसी भी राजनीतिक दल से मेरे बेटे का कोई रिश्ता नहीं है।

अब तक की जांच में क्या क्या पता चला ?

सीएम रेखा गुप्ता हर महीने की पहली और तीसरी बुधवार को सुबह आठ बजे से जन सुनवाई करती हैं। आरोपी ने सीएम के सरकारी बंगले और शालीमार बाग स्थित निजी घर की रेकी की थी। दो दिनों से वो दिल्ली में था और एक रात सिविल लाइंस में बिताई। प्राथमिक जांच में पता चला कि उसने जनता सुनवाई की पूरी वीडियो देखी थी।

प्रक्रिया के तहत जनसुनवाई के लिए जब सीएम के पास कोई जाता है तो उसकी तलाशी होती है। रजिस्टर में नाम, पता और मोबाइल नंबर नोट होता है। लेकिन सीएम जनता से मिलने के लिए अपने बीच में कोई भी सुरक्षा नहीं रखती हैं। वह सीधे जनता से बात करती हैं।

read more :  एनकाउंटर के खौफ से इनामी बदमाश ने किया सरेंडर, चल रहा था फरार

एनकाउंटर के खौफ से इनामी बदमाश ने किया सरेंडर, चल रहा था फरार

कौशाम्बी। यूपी के कौशाम्बी जिले के सराय अकिल थाना क्षेत्र के कुंडरावी कोटिया गांव के पास हुए गोलीकांड मामले में फरार चल रहे 50 हजार का इनामी आरोपी मोनू पांडेय आखिरकार पुलिस के दबाव में आ ही गया। एनकाउंटर के खौफ से मोनू पांडेय ने सैकड़ो लोगों के साथ खुद सराय अकिल थाने पहुंचकर सरेंडर कर दिया।

पुलिस ने दी ये जानकारी

पुलिस ने बताया कि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। प्रेस रिलीज में पुलिस ने बताया कि कोटिया मजरा कुण्ठारी में जमीन सम्बन्धी मामले औ राजनीतिक प्रतिद्वन्दिता व वर्षस्य को लेकर दो पक्षों के मध्य मारपीट व एक दूसरे को जान से मारने की धमकी दी जा रही है। सूचना मिलते ही तत्काल थाना सराय अकिल पुलिस द्वारा मौके पर पहुंसकर देखा गया तो बहा कुछ लोगों के मध्य विवाद बल रहा था।

जिसमें राजेश पाल को चोटें आई थी, जिसे उपचार हेतु अस्पताल में भर्ती कराया गया था। घटना के ख्बन्ध में थाना सराय अकिल पर मु०अ०सं० 196/26 धारा 115(2)/352/351(2)191(2)191(3)/109/285 बीएनएस व 7 सीएलए एक्ट पंजीकृत किया गया था। घटना में शामिल 02 अभियुक्तों को पूर्व में गिरफ्तार किया जा चुका है।

50 हजार रुपये का इनामी था आरोपी

बताया जा रहा है कि बीते दिनों हुए जानलेवा हमले के मामले में मोनू पांडेय पर एसपी राजेश कुमार ने 50 हजार का इनाम घोषित किया था। लगातार दबिश और कड़ी घेराबंदी के चलते आरोपी ने थाने में सरेंडर करना ही उचित समझा। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मोनू पांडेय से गहन पूछताछ की जा रही है और घटना से जुड़े अन्य आरोपियों की तलाश तेज कर दी गई है।

आरोपी मोनू पांडेय के भाई सोनू पांडेय ने बताया कि हम खुद अपने भाई को लेकर थाने आए है और सरेंडर किया है। हम चाहते है कि हमारे भाई को सुरक्षित पुलिस न्यायालय ले जाए और उसे सुरक्षित जेल भेज दिया जाए, जिससे जांच के दौरान सच्चाई सामने आ सके।

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उपराष्‍ट्रपति पद के लिए सीपी राधाकृष्‍णन की बी. सुदर्शन रेड्डी से जंग

उपराष्ट्रपति पद के लिए आज विपक्ष ने भी अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। घोषणा के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी सुदर्शन रेड्डी विपक्ष के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होंगे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर हुई बैठक में उनके नाम का ऐलान कर दिया गया। इस तरह से अब एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन के सामने बी सुदर्शन रेड्डी होंगे। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों उम्मीदवारों के बीच उपराष्ट्रपति के पद के लिए मुकाबला दिलचस्प होने वाला है। हालांकि नंबर गेम के मुताबिक एनडीए गठबंधन के उम्मीदवार का पलड़ा भारी है।

मल्लिकार्जुन खरगे ने किया नाम का ऐलान

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इंडिया गठबंधन के सहयोगियों के साथ हो रही बैठक में उपराष्ट्रपति पद के लिए बी सुदर्शन रेड्डी के नाम का ऐलान किया। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “बी. सुदर्शन रेड्डी भारत के सबसे प्रतिष्ठित और प्रगतिशील न्यायविदों में से एक हैं। उनका एक लंबा और प्रतिष्ठित कानूनी करियर रहा है, जिसमें आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में कार्य शामिल है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आगे कहा, रेड्डी सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय के एक निरंतर और साहसी चैंपियन रहे हैं। वह एक गरीब आदमी हैं और यदि आप कई फैसले पढ़ेंगे, तो आपको पता चलेगा कि उन्होंने कैसे गरीब लोगों का पक्ष लिया और संविधान और मौलिक अधिकारों की भी रक्षा की।

बी. सुदर्शन रेड्डी को क्यों चुना गया

जाति जनगणना के बाद तेलंगाना सरकार द्वारा नियुक्त स्वतंत्र विशेषज्ञ कार्य समूह (IEWG) का नेतृत्व सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश बी सुदर्शन रेड्डी ने ही किया था। इस समिति ने राज्य सरकार को अपनी 300 पृष्ठों की रिपोर्ट सौंपी। समूह ने कांग्रेस सरकार द्वारा कराए गए सामाजिक-आर्थिक, शिक्षा, रोजगार, राजनीतिक और जातिगत (SEEEPC) सर्वेक्षण की कार्यप्रणाली को वैज्ञानिक, प्रामाणिक और विश्वसनीय बताते हुए कहा कि यह देश के लिए एक आदर्श बनेगा।

कौन हैं इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी

बी. सुदर्शन रेड्डी का जन्म 8 जुलाई 1946 को आंध्र प्रदेश के रंगा रेड्डी जिले के अकुला मायलारम गांव में हुआ था। वे एक किसान परिवार से आते हैं। बी. सुदर्शन रेड्डी ने शुरुआती पढ़ाई के बाद हैदराबाद का रुख किया और उस्मानिया यूनिवर्सिटी से 1971 में लॉ की पढ़ाई पूरी की। वे इसके बाद कई अहम पदों पर रहे। सुदर्शन रेड्डी पूर्व न्यायाधीश होने के साथ-साथ गोवा के पहले लोकायुक्त भी रह चुके हैं।

बी. सुदर्शन रेड्डी का कैसा रहा करियर

वही बी. सुदर्शन रेड्डी ने करियर की शुरुआत में सिविल और संवैधानिक मामलों की प्रैक्टिस की। उन्होंने 1988-90 के दौरान हाईकोर्ट में सरकारी वकील के रूप में काम किया। बी. सुदर्शन रेड्डी ने 1990 में 6 महीने के लिए केंद्र सरकार के अतिरिक्त स्थायी वकील की भूमिका भी निभाई। उन्हें 1995 में आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया। इसके बाद 2005 में गुवाहाटी हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया। वे 2007 में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने और 2011 में रिटायर हो गए।

बी. सुदर्शन रेड्डी बनाम सीपी राधाकृष्णन

एनडीए ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए सीपी राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार बनाया है। दिलचस्प बात यह है कि इस चुनाव के दोनों ही उम्मीदवार दक्षिण भारत से आते हैं। सीपी राधाकृष्णन का जन्म 20 अक्टूबर 1957 को तमिलनाडु के तिरुप्पुर में हुआ था। वहीं इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी आंध्र प्रदेश से हैं।

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2163 मुर्दों के खाते में जा रही वृद्धा पेंशन, विभागीय खुलासा से मचा हड़कंप

कानपुर में किदवई नगर की दुर्गावती को कई साल से वृद्धावस्था पेंशन मिल रही थी। एक हजार रुपये महीने उनके खाते में आते थे। मार्च में उनकी मौत हो गई लेकिन पेंशन खाते में आती रही। परिवार के लोगों ने न बैंक को सूचना दी और न विभाग को। बाद में सत्यापन के दौरान पता चला तब पेंशन रोकी गई। अब उनसे रिकवरी की प्रक्रिया चल रही है। इसी तरह गुजैनी की रागिनी देवी की मौत जनवरी में हो गई। परिजनों ने बात छुपा ली। निधन के बाद भी पेंशन आ रहा था। सत्यापन में गुजरने की जानकारी होने के बाद पेंशन बंद किया गया। यह दो मामले तो सिर्फ एक नजीर है।

मुर्दों के खाते में जा रही वृद्धा पेंशन

कानपुर जिले में 2163 बुजुर्गों की मृत्यु के बाद भी खाते में वृद्धावस्था पेंशन लगातार जा रही थी। समाज कल्याण विभाग ने सत्यापन कराया तो अफसरों के होश उड़ गए। छह महीने पहले मरने के बावजूद परिजनों ने पेंशनधारक के निधन की जानकारी विभाग को नहीं दी। ऐसे में मरे लोगों के खाते में पेंशन का पैसा जा रहा था। खुलासा होने के बाद अब ऐसे लोगों की पेंशन बंद की गई है। सरकार अब इनसे वसूली भी करेगी।

होगी रिकवरी, बैंक मैनेजर को भेजा पत्र

समाज कल्याण विभाग ने वृद्धावस्था पेंशन धारकों का सर्वे कराया। इसमें बीडीओ, लेखपाल व जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ ही लेखपालों से डोर टु डोर सर्वे कराया गया। पता लगा कि मौत के छह-छह महीने बाद तक परिवार के लोग सूचना नहीं दे रहे हैं। खातों से पेंशन का पैसा लेते रहे। जबकि नियम के मुताबिक मृत्यु के तत्काल बाद विभाग को सूचना देनी है। फिर भी इन लोगों ने कोई सूचना नहीं दी, इसलिए मरे लोगों के खाते में पैसा जाता रहा।जब 2163 बुजुर्गो के गुजर जाने के बाद भी परिजनों द्वारा गलत तरीके से पेंशन लेने की पुष्टि हुई तो समाज कल्याण विभाग हरकत में आया। बैंक मैनेजरों को पत्र भेजा गया। इसमें रिकवरी का निर्देश दिया गया है। बैंक खाताधारक के परिजनों से गैर-वाजिब पेंशन की वसूली करके विभाग को वापस करेगा।

7635 पेंशन धारक बढ़ गए, बैकलॉग खत्म

एक समय वृद्धावस्था पेंशन में 10 हजार से ऊपर का बैकलॉग चल रहा था। आवेदन करने के बावजूद लोगों को वृद्धावस्था पेंशन नहीं मिल रही थी। ऐसे में समाज कल्याण विभाग ने जल्दी सर्वे कराकर स्थिति को ठीक किया। पिछले साल 86,833 बुजुर्गो को पेंशन मिल रही थी। अब 94,468 बुजुर्गो को वृद्धावस्था पेंशन मिल रही है। 7635 पेंशनधारक बुजुर्ग बढ़ गए हैं। जिला समाज कल्याण अधिकारी शिल्पी सिंह ने बताया कि विभाग के सर्वे में पता चला कि 2163 बुजुर्गों की मौत के बाद भी पेंशन जारी हो रही थी। उनकी पेंशन को बंद करके रिकवरी के लिए बैंक मैनेजर को पत्र लिखा गया है। एक साल में 7635 बुजुर्गो की पेंशन बढ़ी है।

read more :  आधार, पैन और वोटर आईडी रखने से भारत का नागरिक नहीं बनता – हाईकोर्ट

आधार, पैन और वोटर आईडी रखने से भारत का नागरिक नहीं बनता – हाईकोर्ट

किसी व्यक्ति के पास यदि आधार कार्ड, पैन कार्ड, या वोटर आईडी जैसे दस्तावेज हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह भारत का नागरिक हो जाएगा। बांग्लादेश से अवैध घुसपैठ के आरोपी शख्स को बेल देने से इनकार करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह बात कही। शख्स पर फर्जी दस्तावेज बनवाकर भारत में करीब एक साल से रहने का आरोप है। जस्टिस अमित बोरकर की बेंच ने कहा कि सिटिजनशिप ऐक्ट स्पष्ट करता है कि कौन भारत का नागरिक हो सकता है और कौन नहीं। इसी ऐक्ट में बताया गया है कि कैसे नागरिकता हासिल की जा सकती है।

बेंच ने कहा कि आधार कार्ड, पैन कार्ड और वोटर आईडी तो सिर्फ नागरिकों की पहचान के लिए हैं या फिर उन्हें सेवाएं प्रदान करने के लिए हैं। इसके साथ ही अदालत ने बाबू अब्दुल रऊफ सरदार को बेल देने से इनकार कर दिया। बाबू अब्दुल पर आरोप है कि वह बिना किसी वैध पासपोर्ट या वीजा के भारत घुस आया था। उसने यहां आकर तमाम दस्तावेज तैयार करा लिए थे, जिनमें आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी और भारत का पासपोर्ट तक शामिल हैं। जस्टिस बोरकर ने कहा कि संसद ने 1955 में नागरिकता अधिनियम पारित किया था, जिसमें स्पष्ट व्याख्या की गई है कि कौन नागरिक कहलाता है और कौन नहीं है तो बन सकता है।

आधार, पैन जैसे दस्तावेज सिर्फ पहचान के लिए- हाईकोर्ट

उन्होंने कहा, ‘मेरी राय में सिटिजनशिप ऐक्ट, 1955 ही नागरिकता और भारत में राष्ट्रीयता की परिभाषा तय करने वाला कानून है। यह स्पष्ट करता है कि कौन नागरिक है, कैसे नागरिक है और यदि नागरिकता ना रहे तो उसे कैसे हासिल किया जा सकता है। जस्टिस बोरकर ने कहा कि सिर्फ आधार कार्ड, पैन कार्ड या वोटर आईडी होने से ही कोई भारत का नागरिक नहीं बन जाता। ये दस्तावेज तो इसलिए हैं कि नागरिक की पहचान रहे और उसे सेवाएं प्रदान की जा सकें। इन दस्तावेजों के आधार पर नागरिकता कानून खारिज नहीं किया जा सकता, जो राष्ट्रीयता की परिभाषा तय करता है। अदालत का यह अहम निर्णय ऐसे समय में आया है, जब बिहार में वोटर लिस्ट के SIR पर डिबेट चल रही है।

घुसपैठिया और नागरिक के बीच अंतर जरूरी – हाईकोर्ट

बेंच ने कहा कि 1955 का कानून भारत के नागरिकों और घुसपैठियों के बीच का अंतर भी स्पष्ट तौर पर बताता है। उन्होंने कहा कि अवैध तौर पर भारत में घुसने वाले लोग तो किसी भी तरह से भारतीय नागरिकता हासिल करने का अधिकार ही नहीं रखते। उन्होंने कहा कि नागरिक और घुसपैठिया के बीच का अंतर ही महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे ही देश की संप्रभुता की रक्षा होती है। इससे ही तय होता है कि नागरिकों को उनके अधिकार मिलें और कोई अवैध व्यक्ति उन्हें हासिल न करने पाए। बेंच ने आरोपी बांग्लादेशी के खिलाफ जांच जारी रहने का आदेश दिया और कहा कि यदि उसे बाहर किया गया। तो वह भाग निकलेगा।

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टैरिफ बम फोड़ने के बाद ट्रंप दावा, मैंने रुकवाई थी इंडिया-पाक के बीच जंग

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फिर दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन तक चले सैन्य संघर्ष के बाद स्थिति को संभाल लिया था। जो एक परमाणु युद्ध में बदल सकता था। राष्ट्रपति ट्रंप ने व्हाइट हाउस में यह भी दावा किया कि इस संघर्ष के दौरान पांच या छह विमान मार गिराए गए थे।

राष्ट्रपति ट्रंप ने इस दौरान यह क्लीयर नहीं किया कि जो विमान तबाह हुए। वो भारत के थे या फिर पाकिस्तान के या फिर वह दोनों देशों के नुकसान की बात कर रहे थे। भारत यह कहता रहा है कि दोनों देशों (भारत-पाकिस्तान) ने अपनी सैन्य कार्रवाई आपसी बातचीत के जरिए रोकी थी और इसमें अमेरिका की कोई मध्यस्थता नहीं थी।

अजरबैजान-आर्मेनिया के नेताओं की मौजूदगी में दिया बयान

अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह बयान अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव और आर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोल पाशिनयान की मौजूदगी में दिया। ये तीनों नेता एक त्रिपक्षीय हस्ताक्षर समारोह में शामिल हुए। जहां अमेरिका की मध्यस्थता में एक शांति समझौते पर दस्तखत किए गए। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि राष्ट्रपति के तौर पर मेरी सबसे बड़ी आकांक्षा दुनिया में शांति और स्थिरता लाना है। यह समझौता भारत और पाकिस्तान के साथ हमारी सफलता के बाद हुआ है।

भारत-पाकिस्तान के बीच हो सकता था परमाणु युद्ध – राष्ट्रपति ट्रंप

अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा कि वे एक-दूसरे के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ रहे थे, हालात काफी गंभीर हो गए थे। लेकिन जैसा कि आप जानते हैं, एक बड़ा टकराव-शायद परमाणु युद्ध हो सकता था। लेकिन ठीक पहले दोनों महान नेता एकसाथ आए और हालात को संभाला। राष्ट्रपति ट्रंप ने फिर दोहराया कि उन्होंने ट्रेड डील के जरिए ही भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष को सुलझाया।

उन्होंने कहा कि मैंने भारत और पाकिस्तान के बीच मामला सुलझाया। मुझे लगता है कि इसका बड़ा कारण व्यापार था, बाकी किसी वजह से नहीं। उन्होंने इस कार्यक्रम में अपने बयान के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष का दो बार उल्लेख किया।

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दिल्ली के जैतपुर इलाके में बड़ा हादसा, दीवार गिरने से सात लोगों की मौत

साउथ ईस्ट दिल्ली के जैतपुर थाना इलाके में एक हादसा हो गया। सुबह 9.30 बजे के करीब समाधि स्थल की लगभग 100 फुट लंबी दीवार अचानक गिर गई जिसकी चपेट में पास की कई झुग्गियां आ गईं। मलबे के नीचे से 8 लोगों को रेस्क्यू कर एम्स ट्रामा सेंटर और सफदरजंग हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान 7 लोगों की मौत हो गई। मौके पर दिल्ली पुलिस, फायर ब्रिगेड, एनडीआरएफ की टीम तैनात हैं। झुग्गियों और दीवार के नीचे सर्च किया जा रहा है कि कोई और तो नहीं दबा हुआ है।

मृतकों की हुई पहचान

मृतकों में तीन पुरुष, दो महिल और दो लड़कियां शामिल हैं। सभी की पहचान कर ली गई है। मृतकों के नाम रुबीना (25 वर्ष), डॉली (25 वर्ष), रुखसाना (6 वर्ष) और हसीना (7 वर्ष) शामिल हैं। वहीं एक घायल हिशबुल है जिसका अस्पताल में इलाज चल रहा है।

हुआ बड़ा हादसा

सुबह करीब 9:30 बजे हरी नगर गांव के पीछे बनी झुग्गियों के ऊपर समाधि की दीवार गिरने से हादसा हो गया। मौके पर पहुंचे डीसीपी साउथ ईस्ट हेमंत तिवारी ने बताया कि जैसे ही मामले की सूचना मिली, 5 से 7 मिनट में लोकल पुलिस मौके पर पहुंच गई। लोगों की मदद से और जेसीबी बुलाकर वहां से लोगों को निकाला गया। दो अलग-अलग हॉस्पिटल में इन्हें भेजा गया। मौके पर और विभागों की टीम भी पहुंची।

समाधि स्थल पर बनी थी दीवार

मौके पर पहुंचे फायर ब्रिगेड की टीम के इंचार्ज सफदरजंग स्टेशन के ऑफिसर मनोज महलावत ने बताया कि लगभग 100 फुट लंबी दीवार है। जो समाधि स्थल पर बनी थी। इसकी चपेट में कई झुग्गियां आई हैं और यहां से लोगों को निकाल करके हॉस्पिटल में भेजा गया है। बड़े हादसे की जानकारी मिलने के बाद डीएम साउथ ईस्ट डॉक्टर सरवन बगड़िया भी टीम के साथ पहुंच गए। मौके पर डीडीएमए की टीम भी पहुंची।

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कैबिनेट मंत्री नंदी ने दिलाई शपथ, बोले – मिलकर करेंगे प्राधिकरण का विकास

रिपोर्ट– देवेन्द्र शुक्ला, प्रयागराज। प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) कर्मचारी संगठन के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों का शपथ ग्रहण समारोह प्राधिकरण परिसर में आयोजित किया गया। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में पीडीए के उपाध्यक्ष डॉ. अमित पाल शर्मा मौजूद थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता अजीत कुमार सिंह ने की।

पीडीए कर्मचारी संगठन का चुनाव 23 जुलाई को संपन्न हुआ था। कैबिनेट मंत्री नंदी ने नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। शपथ लेने वाले पदाधिकारियों में अध्यक्ष आलोक अग्रवाल, महामंत्री विजय शंकर शुक्ला, वरिष्ठ उपाध्यक्ष शिवचरण पाल शामिल थे। इसके अलावा उपाध्यक्ष प्रथम मनीष कुमार, उपाध्यक्ष द्वितीय छवि कुमार शर्मा और लेखा परीक्षक रमेश कुमार यादव ने भी शपथ ली।

संयुक्त मंत्री प्रवेश कुमार शर्मा, संगठन मंत्री धर्मेंद्र मौर्य, कोषाध्यक्ष दिनेश कुमार और प्रचार मंत्री पुरुषोत्तम पाल भी नवनिर्वाचित पदाधिकारियों में शामिल रहे। शपथ ग्रहण समारोह में प्राधिकरण के कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। समारोह का माहौल उत्साह और उमंग से भरा हुआ था।

कर्मचारियों ने नए नेतृत्व के प्रति अपना समर्थन और सहयोग देने का आश्वासन व्यक्त किया। अपने संबोधन में कैबिनेट मंत्री नंदी ने कहा यह हम सभी के लिए खुशी और गर्व का क्षण है। अध्यक्ष आलोक अग्रवाल सहित सभी नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को मैं बधाई देता हूं। मुझे विश्वास है कि सभी पदाधिकारी और कर्मचारी मिलजुलकर प्राधिकरण के विकास के लिए कार्य करेंगे।

कार्यक्रम में वक्ताओं ने संगठन की एकजुटता और कर्मचारी हितों की रक्षा के महत्व पर जोर दिया साथ ही प्राधिकरण की कार्यप्रणाली को और पारदर्शी एवं प्रभावी बनाने की बात कही। समारोह का समापन सभी पदाधिकारियों और कर्मचारियों के सामूहिक फोटो सत्र और बधाई संदेशों के आदान-प्रदान के साथ हुआ।

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बाराबंकी में रोडवेज की चलती बस पर पेड़ गिरा, 4 महिलाओं समेत 5 की मौत

रिपोर्ट–मोहम्मद इबरान, बाराबंकी। यूपी के बाराबंकी में रोडवेज बस पर पेड़ गिर गया। हादसे में 5 लोगों की मौत हो गई। इनमें एक टीचर और दो ब्लॉक की अधिकारी समेत 4 महिलाएं शामिल हैं। एक की हालत गंभीर है। हादसे से जुड़ा एक वीडियो सामने आया है, जिसमें बस में फंसी एक महिला वीडियो बना रहे युवक पर भड़कती नजर आ रही है। महिला ने कहा- हम मर रहे हैं और आप वीडियो बना रहे हैं।

अगर आकर पेड़ की डाल हटवाने में मदद करते, तो हम लोग बाहर निकल आते। 60 लोगों से भरी बस बाराबंकी से हैदरगढ़ जा रही थी। शुक्रवार सुबह 11 बजे हरख चौराहे के पास बस के सामने एक जानवर आ गया। उसे बचाने के चक्कर में बस पहले बिजली के पोल से टकराई, फिर पेड़ से जा भिड़ी। इसके बाद पेड़ बस के ऊपर गिर गया। इसका भी सीसीटीवी (CCTV) सामने आया है। हादसे के बाद चीख-पुकार सुनकर राहगीर और आसपास के लोग जुट गए।

जब बुलडोजर बुलाकर पेड़ हटवाया

सूचना मिलते ही पुलिस पहुंच गई। बुलडोजर बुलाकर पेड़ हटवाया। करीब डेढ़ घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला। बस में सवार यात्रियों को पुलिस ने दूसरी बस से भेजा। पेड़ इतना भारी था कि बस की पूरी छत दब गई हादसे में मृतकों की पहचान बाराबंकी निवासी शिक्षा मल्होत्रा (टीचर), मीना श्रीवास्तव (ADO), जूही सक्सेना (ADO), रकीबुल निशा (55) और बस चालक संतोष सोनी (38) के रूप में हुई है। जूही सक्सेना हरख ब्लॉक में सहायक विकास अधिकारी (सांख्यिकी) थीं, जबकि मीना श्रीवास्तव हरख ब्लॉक में ही सहायक विकास अधिकारी (वेलफेयर) के पद पर तैनात थीं।

ड्राइवर की सीट के पास बैठी थीं महिलाएं

बाराबंकी की रोडवेज बस में सवार शैल वर्मा ने बताया- जिन महिलाओं की मौत हुई, वे ड्राइवर की सीट के पास बैठी थीं। पेड़ केबिन पर ही गिरा। बस का अगला हिस्सा पूरी तरह चकनाचूर हो गया। मैं पीछे बैठी थी, इसलिए बच गई। सीएमओ डॉ अवधेश कुमार यादव ने बताया- हादसे के बाद जिला अस्पताल में 6 लोग लाए गए थे। इनमें से 4 महिलाएं और बस का चालक की मौत हो चुकी थी। एक युवक घायल है। उसका इलाज चल रहा है। वह हालत खतरे से बाहर है बाराबंकी में रोडवेज बस पर पेड़ गिर गया। हादसे में 4 महिलाओं समेत 5 लोगों की मौत हो गई और एक की हालत गंभीर है, जिसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 60 लोगों से भरी बस बाराबंकी से हैदरगढ़ जा रही थी। हादसा सुबह 11 बजे हरख चौराहे के पास हुआ।

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वोटों की चोरी संविधान से धोखा,दो राज्यों की वेबसाइट हुई बंद – राहुल गांधी

कांग्रेस के नेता और सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनाव आयोग को निशाने पर लिया है। राहुल गांधी ने बेंगलुरु में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि महाराष्ट्र के लोकसभा चुनाव में हमारा गठबंधन जीत जाता है, लेकिन 4 महीने बाद बीजेपी विधानसभा चुनाव जीत जाती है। हमने पता लगाया है कि चुनाव में गड़बड़ी हुई है। उन्होंने कर्नाटक और बिहार का भी जिक्र किया। राहुल ने चुनाव आयोग पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया।

दाल में कुछ काला है – राहुल गांधी

राहुल ने महाराष्ट्र और कर्नाटक का जिक्र करते हुए कहा कि हमने पता लगाया तो जानकारी मिली कि 1 करोड़ नए लोगों ने वोट डाला है। उन्होंने कहा, ”जो लोग लोकसभा में वोट डालने नहीं आए थे, वे 1 करोड़ लोग जादू से वोटिंग करने आ गए। इन बढ़े हुए वोट के सहारे इन्होंने चुनाव जीता। हमें पता था कि दाल में कुछ काला है। कर्नाटक में भी हम लोकसभा चुनाव में 16 सीटों पर जीत रहे थे, लेकिन हम केवल 9 सीट जीते। यह भी फर्जी तरीके से हुआ था। हमने पता लगाया है, लेकिन चुनाव आयोग कोई जवाब नहीं दे रहा है।

राहुल ने भाजपा पर लगाया बड़ा आरोप

कांग्रेस नेता राहुल ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी और चुनाव आयोग लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं। हर हिंदुस्तानी नागरिक को हमारा संविधान वोट का अधिकार देता है। हमें इसकी रक्षा करनी है। हमने संविधान की भी रक्षा की थी, पिछले चुनाव में भाजपा ने संविधान पर हमला किया था। बीजेपी सरकार हर संवैधानिक संस्थान को खत्म करना चाहती है।

संविधान पर हमला कर रहे आयोग के अधिकारी – राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इलेक्शन कमीशन को लेकर कहा कि हमारी चुनाव आयोग से मांग है कि हमें वोटिंग की पूरी वीडियोग्राफी दे। हम यह साबित कर देंगे कि इन्होंने वोटों की चोरी की है और केवल कर्नाटक में ही नहीं पूरे देश में यही किया है। चुनाव आयोग बीजेपी का नहीं है, यह देश का संस्थान है। चुनाव आयोग के सभी अफसर संविधान पर हमला कर रहे हैं।

चुनाव आयोग ने बंद की वेबसाइट्स – राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा कि नरेंद्र मोदी केवल 25 सीटों की वजह से प्रधानमंत्री बने हैं और हमें अगर इलेक्ट्रॉनिक डाटा मिल जाए। तो यह साबित कर देंगे को मोदी चोरी करके प्रधानमंत्री बने हैं। 25 सीटें ऐसी हैं जो केवल 35 हजार के मार्जिन से भाजपा ने जीती हैं। मैं अकेला यह सवाल नहीं कर रहा, हिंदुस्तान की सभी विपक्षी पार्टियां यही सवाल कर रही हैं। चुनाव आयोग ने वेबसाइट्स को बंद कर दिया। राजस्थान, बिहार की वेबसाइट बंद कर दी हैं।

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राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ के आरोपों पर बोला कर्नाटक चुनाव आयोग

कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को पत्र लिखकर अपात्र मतदाताओं के जुड़े और पात्र मतदाताओं के नाम हटाने के आरोप पर शपथ पत्र मांगा है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राहुल गांधी और कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल को शुक्रवार 1 से 3 बजे तक मिलने का समय भी दिया है।

राहुल गांधी के दावे पर चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया

दरअसल कर्नाटक चुनाव आयोग ने राहुल गांधी द्वारा वोटर लिस्ट में धांधली के आरोपों पर प्रतिक्रिया दी। कर्नाटक के चुनाव आयुक्त ने राहुल गांधी से अपात्र मतदाताओं के जुड़े और पात्र मतदाताओं के नाम हटाने के आरोप पर शपथ पत्र मांगा है। पत्र में कहा गया है कि कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने 8 अगस्त 2025 को सीईओ से मिलने और एक ज्ञापन सौंपने के लिए समय मांगा था। जिसके लिए दोपहर 1 से 3 बजे का समय निर्धारित किया गया है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने बताया कि मतदाता सूची को पारदर्शी तरीके से जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950, मतदाता पंजीकरण नियम 1960 और चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार तैयार किया गया है। पत्र के अनुसार, नवंबर 2024 में ड्राफ्ट मतदाता सूची और जनवरी 2025 में अंतिम मतदाता सूची कांग्रेस के साथ साझा की गई थी। इसके बाद कांग्रेस की ओर से कोई अपील या शिकायत दर्ज नहीं की गई।

कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी
कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी

राहुल गांधी जमा करें हलफनामा – चुनाव आयोग

मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने राहुल गांधी से अनुरोध किया है कि वे मतदाता सूची में शामिल या हटाए गए व्यक्तियों के नाम, पार्ट नंबर और सीरियल नंबर के साथ एक हलफनामा जमा करें ताकि आवश्यक कार्रवाई शुरू की जा सके। हलफनामे में यह भी घोषणा करनी होगी कि दी गई जानकारी सही है। और गलत जानकारी देने पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है।

पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि चुनाव परिणामों को केवल उच्च न्यायालय में चुनाव याचिका के माध्यम से चुनौती दी जा सकती है। उल्लेखनीय है कि लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी लगातार चुनाव आयोग पर वोट चोरी के आरोप लगा रहे हैं। हालांकि इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया ने राहुल गांधी द्वारा दिए गए बयान को भ्रामक, तथ्यहीन और धमकाने वाला बताया है।

जो कहा, वही हलफनामा है- राहुल गांधी

चुनाव आयोग ने बेंगलुरु सेंट्रल के दावे को लेकर विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए उन्हें अपने दावे के सबूत पेश करने के लिए कहा है। इस पर राहुल गांधी ने कहा कि मैं लोगों से जो कहता हूं, वही मेरा वचन है। इसे हलफनामा के रूप में लीजिए। यह चुनाव आयोग का डेटा है और हम उनका डेटा दिखा रहे हैं।

बेंगलुरु सेंट्रल सीट को लेकर राहुल गांधी ने उठाए सवाल

कांग्रेस सांसद ने कहा कि उनकी टीम ने बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र के डेटा का विश्लेषण किया और फिर गड़बड़ी का पता किया। उन्होंने दावा किया कि बीजेपी बेंगलुरु मध्य लोकसभा सीट के सभी सात विधानसभा क्षेत्रों में छह में पिछड़ गई। लेकिन महादेवपुरा में उसे एकतरफा वोट मिला। उन्होंने कहा कि कहा कि लोकसभा चुनाव में महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में 1,00,250 मतों की चोरी की गई।

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राहुल गांधी ने लगाया भाजपा पर वोट चोरी का आरोप, आयोग पर उठाये सवाल

कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने बिहार चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी पर बड़ा आरोप लगाया। राहुल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान चुनाव को लेकर सवाल कर दिया। उन्होंने बीजेपी पर वोट चोरी का आरोप लगाते हुए कहा कि पहले इलेक्ट्रोनिक मशीनें नहीं थीं। फिर भी एक दिन में पूरे देश में चुनाव हो जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होता है।

लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि लोकतंत्र में हर पार्टी को सत्ता विरोध का सामना करना पड़ता है। लेकिन पता नहीं क्या वजह है कि बीजेपी पर इसका प्रभाव नहीं पड़ता और वह ऐसी इकलौती पार्टी भी है। उन्होंने कहा, ”पहले इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन नहीं थी, फिर भी पूरा देश एक ही दिन वोटिंग करता था। अब महीनों वोटिंग चलती है। क्यों अलग-अलग दिन वोटिंग की जाती है।

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राहुल ने चुनाव आयोग पर उठाया सवाल

उन्होंने चुनाव आयोग पर भी सवाल उठा दिया। राहुल ने कहा, ”एग्जिट पोल, ओपिनियन पोल कुछ और दिखाते हैं, जैसा कि हरियाणा और मध्य प्रदेश के चुनावों में देखा गया और फिर अचानक रिजल्ट कुछ और ही आ जाता है। इसमें बहुत बड़ा अंतर देखने को मिला है। हमारा सर्वे भी काफी मजबूत रहता है, लेकिन उसका नतीजा भी अलग ही दिखता है। सर्वे में जो भी दिखता है, रिजल्ट उसके विपरीत आ जाता है।

महाराष्ट्र चुनाव में भी हुई धांधली – राहुल गांधी

महाराष्ट्र में 5 महीनों में 5 साल से ज्यादा मतदाताओं के जुड़ने से हमारा संदेह बढ़ा और फिर शाम 5 बजे के बाद मतदान में भारी उछाल आया। विधानसभा में हमारा गठबंधन पूरी तरह से साफ हो गया और लोकसभा में हमारा गठबंधन पूरी तरह से साफ हो गया। यह बेहद संदिग्ध है। हमने पाया कि लोकसभा और विधानसभा के बीच एक करोड़ नए मतदाता जुड़ गए।

हम चुनाव आयोग गए और यह लेख लिखा और हमारे तर्क का सार यह था कि महाराष्ट्र चुनाव चुराया गया था। समस्या की जड़ क्या है ? मतदाता सूची इस देश की संपत्ति है। चुनाव आयोग हमें मतदाता सूची देने से इनकार कर रहा है और फिर उन्होंने कुछ बहुत ही दिलचस्प किया। उन्होंने कहा कि हम सीसीटीवी फुटेज नष्ट कर देंगे। यह हमारे लिए आश्चर्यजनक था क्योंकि महाराष्ट्र में शाम 5:30 बजे के बाद भारी मतदान के बारे में एक सवाल था ताकि संख्याओं का मिलान किया जा सके।

मशीन रीडबल सूची देने से किया इनकार – राहुल गांधी

राहुल के अनुसार, निर्वाचन आयोग ने ‘मशीन से पढ़ने योग्य’ (मशीन रीडबल) मतदाता सूची देने से इनकार कर दिया। राहुल गांधी ने कहा कि पहले हमारे पास इसका सबूत नहीं था कि भाजपा के साथ मिलकर धांधली की जा रही है। इसके बाद हमने इसका पता लगाने का फैसला किया। राहुल गांधी ने बीते एक अगस्त को दावा किया था कि निर्वाचन आयोग ‘वोट चोरी’ में शामिल है और इस बारे में उनके पास ऐसा पुख्ता सबूत है। जो ‘एटम बम’ की तरह है जिसके फटने पर आयोग को कहीं छिपने की जगह नहीं मिलेगी। निर्वाचन आयोग ने उनके आरोपों को आधारहीन और निंदनीय करार दिया था तथा कहा था कि अब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने आयोग और उसके कर्मचारियों को धमकाना भी शुरू कर दिया है।

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सुरक्षा में सेंध लगाने वालों का सम्मान करती थीं पिछली सरकारें – सीएम योगी

उत्तर प्रदेश के बरेली में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि समाज की सतर्कता और प्रशासन की सक्रियता के कारण कांवड़ यात्रा को बदनाम करने की साजिशें बार-बार नाकाम हुई हैं। मुख्यमंत्री ने बरेली में 2,264 करोड़ रुपये की 545 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के बाद एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘कुछ असामाजिक तत्वों ने कांवड़ यात्रा की छवि खराब करने की कोशिश की लेकिन समाज की जागरुकता व प्रशासन की तत्परता ने ऐसी साजिशों को नाकाम कर दिया है।

इस मौके पर उन्होंने कहा कि तुष्टिकरण की राजनीति करने वाली पिछली सरकारें सुरक्षा में सेंध लगाने वालों का सम्मान करती थीं। कुछ असमाजिक तत्व कांवड़ यात्रा को बदनाम करने की साजिश रचते हैं, लेकिन समाज की जागरूकता और प्रशासन की तत्परता से ऐसे तत्व विफल हो जाते हैं। यह यात्रा अब एकता और भक्ति की प्रतीक है।

सीएम योगी ने गिनाईं अपनी सरकार की उपलब्धियां

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा, ‘डबल इंजन वाली भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) सरकार विरासत को विकास से जोड़ रही है। मुख्यमंत्री ने रोजगार मेले के माध्यम से चयनित छह हजार से अधिक युवाओं को नियुक्तिपत्र भी वितरित किए और विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों को प्रमाणपत्र व टैबलेट प्रदान किये। सीएम आदित्यनाथ ने ‘मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना’ का जिक्र करते हुए कहा कि इस योजना के तहत चयनित युवाओं को पांच लाख रुपये तक का ब्याज-मुक्त और गारंटी-मुक्त ऋण प्रदान किया जाता है। समय पर भुगतान करने पर ऋण को 7.5 लाख और फिर 10 लाख रुपये तक बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘डबल इंजन वाली सरकार लोगों के जीवन में समृद्धि और खुशी सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास कर रही है।

सीएम योगी ने विपक्षी दलों पर साधा निशाना

मुख्यमंत्री योगी ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए उन पर तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘2017 से पहले बरेली हर तीसरे माह सांप्रदायिक दंगों का गवाह बनता था। आज यह नाथ कॉरिडोर और आध्यात्मिक पर्यटन के लिए जाना जाता है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के ‘माफिया मुक्त’ हो जाने का दावा करते हुए कहा कि पहले हर जिले का अपना माफिया डॉन होता था। आज उत्तर प्रदेश एक जिला, एक मेडिकल कॉलेज और एक जिला, एक उत्पाद के लिए जाना जाता है। हम आधुनिक बुनियादी ढांचे का निर्माण करते हुए आध्यात्मिक विरासत का संरक्षण कर रहे हैं।

बिना नाम लिए अखिलेश सरकार पर बरसे सीएम योगी

मुख्यमंत्री ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि 2017 से पहले सरकारी नौकरियां राजनीतिक रिश्तेदारों के लिए खुली छूट थीं। चाचा-भतीजे भर्ती को अपने निजी व्यवसाय की तरह समझते थे। पिछले आठ वर्षों में साढ़े आठ लाख से अधिक युवाओं को पारदर्शी तरीके से नौकरी दी गई है। पुलिस बल में भर्ती का हवाला देते हुए आदित्यनाथ ने कहा कि हमने 60 हजार 244 पुलिसकर्मियों की भर्ती पूरी कर ली है।

इनमें से 12 हजार से अधिक महिलाएं हैं। उन्होंने दावा किया कि अब किसी भी योजना के क्रियान्वयन में जाति, धर्म या क्षेत्र के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होता है। उन्होंने कहा कि यह नया भारत है जो ‘सबका साथ, सबका विकास’ की भावना के साथ आगे बढ़ रहा है।

महिलाओं के लिए निःशुल्क यात्रा की घोषणा – सीएम योगी

डबल इंजन की सरकार लोगों के जीवन में खुशहाली और समृद्धि लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने रक्षाबंधन (8, 9 और 10 अगस्त) पर प्रदेश भर की बसों में महिलाओं के लिए निःशुल्क यात्रा की घोषणा एक बार फिर की और कहा कि यह व्यवस्था नगर परिवहन और परिवहन निगम की बसों में एक सहयात्री के साथ लागू होगी। उन्होंने स्वच्छता को नागरिक जिम्मेदारी बताते हुए स्वतंत्रता दिवस और जन्माष्टमी से पहले विशेष स्वच्छता अभियान चलाने की अपील की।

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ऑपरेशन सिंदूर में तबाह हेडक्वार्टर बनाने फिर ऐक्टिव हुआ जैश सरगना

कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सैन्य बलों ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर के कुल 9 आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक कर उसे जमींदोज कर दिया था। इसमें कुख्यात आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का बहावलपुर स्थित हेडक्वार्टर भी शामिल था। अब खबर है कि इस आतंकी संगठन के मुखिया मसूद अजहर ने उसे हेडक्वार्टर को फिर से खड़ा करने की मुहिम छेड़ी है और इसके लिए ऑनलाइन चंदा जुटा रहा है।

शहीद मस्जिदें फिर से मुस्कुराएंगी – जैश सरगना मसूद

मसूद का दावा मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि जैश सरगना मसूद अजहर ने इस पोस्ट में कहा कि इस कैंपेन से जमीन के कई हिस्से जन्नत बन जाएंगे, शहीद मस्जिदें फिर से मुस्कुराएंगी और रौनक लौट आएगी। पोस्ट में ये भी कहा गया है कि जो दीवाने ‘जेहाद’ की राह में तरस रहे हैं, उनके लिए भी अब नए रास्ते खुलेंगे। मसूद अजहर का भीख मांगने का यह कैम्पेन शुरू हुआ है।

सुभान अल्लाह मस्जिद ही जैश-ए-मोहम्मद का हेडक्वार्टर

एक सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर जमात की ओर से पोस्ट कर यह दावा किया गया है कि पाकिस्तान के बहावलपुर स्थित सुभान अल्लाह मस्जिद का फिर से पुनर्निर्माण किया जा रहा है। सुभान अल्लाह मस्जिद ही जैश-ए-मोहम्मद का हेडक्वार्टर था। पोस्ट में कहा गया कि इसके लिए सब एक होकर काम करें, पैसे जमा करें। पोस्ट में यह भी कहा गया है कि किसने कितना चंदा दिया, इसका किसी को भी पता नहीं चलना चाहिए।

जैश-ए-मोहम्मद का सबसे महत्वपूर्ण आतंकी केंद्र

बता दें कि पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकियों द्वारा 26 पर्यटकों की धर्म पूछकर की गई हत्या के बाद भारतीय सेना ने 6 और 7 मई की रात ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च कर पाकिस्तान और पीओके (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया था। 22 मिनट के इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिद्दीन के ठिकाने बर्बाद कर दिए थे। इसमें सबसे अहम सुभान अल्लाह मस्जिद था। पाकिस्तान पंजाब प्रांत के बहाबलपुर में स्थित यह मस्जिद जैश-ए-मोहम्मद का सबसे महत्वपूर्ण आतंकी केंद्र था, जो 15 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। यह पुलवामा हमले जैसे आतंकी हमलों की योजना और प्रशिक्षण का गढ़ रहा है।

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