Friday, June 27, 2025
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जीवन में सफलता पाने के लिए चाणक्य की इन बातों का रखें ध्यान

चाणक्य नीति व्यक्ति को सफल बनने के लिए प्रेरित करती है. जीवन में सफलता और लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए आचार्य चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति में कई अहम बातें बताई हैं.

चाणक्य नीति के अनुसार जीवन में सफलता इतनी आसानी से नहीं मिलती है. इसके लिए कठोर परिश्रम करन पड़ता है. अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. चाणक्य की ये बातें बहुत कारगर हो सकती हैं.

असफलताओं से कभी घबराएं नहीं – चाणक्य नीति के अनुसार बहुत लोग असफलताओं के डर से आगे नहीं बढ़ पाते हैं. इस कारण वे सफलता के सुख को भी नहीं भोग पाते हैं. सफलता वहीं प्राप्त करता है जो असफलताओं से सिखता है और आगे बढ़ जाता है.

चुनौतियों का डटकर सामना करें – कुछ लोग चुनौतियों से भयभीत होकर सफलता नहीं प्राप्त कर पाते हैं. जो लोग चुनौतियों को स्वीकार नहीं कर पाते वे सफलता भी नहीं प्राप्त कर पाते हैं. चाणक्य नीति के अनुसार मनुष्य को हमेशा चुनौतियों का सामना डटकर करना चाहिए. इससे आत्मविश्वास में वृद्धि होती है जिसका सफलता में अहम योगदान होता है.

समय प्रबंधन – हर कार्य को समय पर पूरा करना एक श्रेष्ठ गुण माना जाता है. चाणक्य नीति के अनुसार जो लोग अपना काम समय पर करते हैं. वे जीवन में सफलता आसानी से प्राप्त कर लेते हैं. मां लक्ष्मी ऐसे व्यक्ति से हमेशा प्रसन्न रहती हैं. हमेशा अपना आशीर्वाद प्रदान करती हैं. ऐसे लोगों को मान-सम्मान भी मिलता है.

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 राशिफल: जानिए क्या कहती है आपकी राशि, कैसा रहेगा आपका दिन

मेष राशि :- आज का दिन शुभ फलदायी रहेगा। व्यापार-धंधा अच्छा चलेगा और धनलाभ की स्थिति रहेगी। पैतृक संपत्ति से लाभ मिल सकता है। कारोबार विस्तार के लिए नये कार्यों की शुरुआत कर सकते हैं, जिसमें सफलता मिलेगी। नौकरीपेशा लोगों को तरक्की के अवसर मिलेंगे और आय में वृद्धि होगी। परिवार का माहौल अच्छा रहेगा और परिजनों के साथ आनंदपूर्वक समय व्यतीत होगा। सामाजिक कार्यों में भाग लेंगे, जिससे समाज में सम्मान बढ़ेगा। सेहत अच्छी रहेगी।

वृषभ राशि :- आज का दिन मिला-जुला रहेगा। व्यवसाय में लाभ होगा। कार्यक्षेत्र में सहकर्मियों का पूरा सहयोग मिलेगा और कार्यों में सफलता मिलेगी, लेकिन अनावश्यक खर्च अधिक होने से आर्थिक स्थिति कमजोर हो सकती है। परिवार में कलह होने की संभावना रहेगी। क्रोध पर नियंत्रण रखें और सेहत का ध्यान रखें। आध्यात्मिक एवं धार्मिक कार्यों के प्रति रुझान बढ़ेगा और ईश्वर भक्ति से मन को शांति मिलेगी। बौद्धिक तथा लेखन के कार्यों में सक्रिय हो सकते हैं।

मिथुन राशि :- आज का दिन सामान्य रहेगा। व्यापार-धंधे में लाभ और नौकरी में आय में वृद्धि के योग रहेंगे, लेकिन नए कार्यों में शीघ्रता से बचें, वरना नुकसान उठाना पड़ सकता है। अनावश्यक खर्च बढऩे की भी संभावना रहेगी। कारोबार और परिवार में सामंजस्य स्थापित होगा। बाहर जाने की योजना टल सकती है। मनोरंजन पर जरूरत से ज्यादा खर्च करने से बचें। पारिवारिक जीवन में सुख की भावना अनुभव करेंगे। परिवार में कलह की संभावना रहेगी। सेहत का ध्यान रखना होगा।

कर्क राशि :- आज का दिन सामान्य रहेगा। कार्यक्षेत्र में स्थितियां चुनौतीपूर्ण रह सकती हैं। नौकरी-व्यवस्था में उन्नति या वेतन वृद्धि का मामला टल सकता है। काम के प्रति सक्रिय रहें और सावधानी बरतें, क्योंकि अचानक असुविधाजनक स्थिति बन सकती है। परिवार का माहौल आपके अनुकूल रहेगा। दाम्पत्य जीवन भी खुशहाल रहेगा। परिजनों का भरपूर सहयोग मिलेगा। खर्च पर नियंत्रण रखें। प्रॉपर्टी और शेयर बाजार में निवेश फायदेमंद हो सकता है। सेहत अच्छी रहेगी। यात्रा को टालें।

सिंह राशि :- आज का दिन अच्छा रहेगा। कारोबार में आकस्मिक धनलाभ और नौकरी में तरक्की के योग रहेंगे। सभी कार्यों में सफलता मिलेगी और आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। कार्यक्षेत्र में नए योजनाओं पर काम कर सकते हैं, जिससे अधिकारी आपकी प्रशंसा करेंगे। पैसों के लेन-देने में सावधानी बरतें। परिजनों और मित्रों का भरपूर सहयोग मिलेगा। स्टूडेंट्स के लिए समय अच्छा है। वाहन चलाते समय सावधानी रखें। परिवार का माहौल आपके अनुकूल रहेगा। सेहत भी अच्छी रहेगी।

कन्या राशि :- आज का दिन सामान्य रहेगा। कारोबार अच्छा चलेगा। कार्यभार की अधिकता से परिश्रम अधिक करना पड़ेगा और भागदौड़ भी रहेगी, लेकिन कार्यों में सफलता मिलने से मन प्रसन्न रहेगा। नए लोगों से मुलाकात होगी, जो लाभदायक रहेगी। जमीन-जायदाद और कोर्ट-कचहरी के कामों में सावधानी बरतें और लेन-देन से बचें। सामाजिक कार्यों में भाग लेंगे, जिससे समाज में प्रतिष्ठा बढ़ेगी। परिवार और कामकाज के बीज उलझन महसूस करेंगे। परिजनों से कलह हो सकती है। सेहत का ध्यान रखें।

तुला राशि :- आज का दिन मिला-जुला रहेगा। कार्यक्षेत्र में छोटी-छोटी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, काम की अधिकता रहेगी, लेकिन कठिन परिश्रम से कार्यों में सफलता प्राप्त करेंगे। थकान के कारण स्फूर्ति का अभाव रहेगा। क्रोध पर नियंत्रण एवं वाणी पर संयम रखें, अन्यथा बेवजह विवाद हो सकता है। विदेश यात्रा के अवसर मिलेंगे। कार्यों में सफलता से धनलाभ की स्थिति रहेगी। परिवार का माहौल अच्छा रहेगा। सेहत भी अच्छी रहेगी।

वृश्चिक राशि :- आज का दिन मिला-जुला रहेगा। कार्यभार की अधिकता रहेगी और कार्यक्षेत्र में अधिक मेहनत करनी पड़ेगी। कामकाज को लेकर छोटा प्रवास हो सकता है। नये कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी और कार्यों में सफल रहेंगे। धार्मिक और सामाजिक कार्यों के प्रति रुचि बढ़ेगी। परिवार का माहौल आपके अनुकूल रहेगा और परिजनों का सहयोग भी मिलेगा, लेकिन ध्यान रखना होगा कि आपकी बातों से किसी को ठेस न पहुंचे। सेहत अच्छी रहेगी।

धनु राशि :- आज का दिन सामान्य रहेगा। व्यवसाय-धंधा मध्यम रहेगा और कार्यक्षेत्र में बाधाएं आएंगी, लेकिन अपने प्रयासों और कठिन परिश्रम से कार्यों में सफलता मिलेगी। फिर भी आशानुरूप सफलता नहीं मिलने से मन व्यथित रहेगा। क्रोध पर नियंत्रण एवं वाणी पर संयम रखें, अन्यथा किसी विवाद में फंस सकते हैं। नये कार्यों की शुरुआत करने से बचें और पैसों का लेन-देन न करें। परिवार का माहौल अच्छा रहेगा। स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहें।

मकर राशि :- आज का दिन शुभ फलदायी रहेगा। व्यावसायिक गतिविधियों में प्रगति होगी और धनलाभ की स्थिति रहेगी। कारोबार अच्छा चलेगा और नौकरी में तरक्की के योग रहेंगे। प्रॉपर्टी में निवेश का विचार करेंगे, जो लाभदायक सिद्ध होगा। परिवार के साथ आनंदपूर्व दिन व्यतीत होगा। परिजनों-मित्रों के साथ पिकनिक या किसी धार्मिक यात्रा का आयोजन हो सकता है। अनावश्यक खर्चों पर नियंत्रण रखें। क्रोध करने से बचें और सेहत का ध्यान रखें।

कुम्भ राशि :- आज का दिन मिला-जुला रहेगा। आर्थिक दृष्टि से स्थिति मजबूत होगी, लेकिन पारिवारिक समस्याएं आएंगी। व्यापार-धंधा अच्छा चलेगा और धनलाभ की स्थिति रहेगी, लेकिन कार्यभार की अधिकता से दिन भागदौड़ में बीतेगा। शारीकि रूप से थकान और अस्वस्थता का अनुभव कर सकते हैं। परिवार का माहौल अच्छा रहेगा, लेकिन ध्यान रखें कि परिजनों-संबंधियों के साथ अनबन न हो। क्रोध पर नियंत्रण रखें। पारिवारिक कार्यों के पीछे धन खर्च हो सकता है।

मीन राशि :- आज का दिन अच्छा रहेगा। कारोबार अच्छा चलेगा और धनलाभ की स्थिति रहेगी, लेकिन कारोबार विस्तार की योजनाएं बना रहे हैं, तो नये कार्यों की शुरुआत से बचें, वरना नुकसान उठाना पड़ सकता है। कार्यक्षेत्र में सहयोगियों का सहयोग मिलेगा। परिवार का माहौल अच्छा रहेगा। पुराने मित्रों से मुकालात हो सकती है, जो लाभदायक रहेगी। दोस्तों के साथ किसी यात्रा का आयोजन भी हो सकता है। सेहत को लेकर सतर्क रहें और खान-पान का ध्यान रखें।

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 किस वजह से भगवान शिव ने नटराज का अवतार लिया था

डिजिटल डेस्क : हिंदू धर्म (Hinduism) में हर देवी देवता का अपना महत्व है. जिसके कारण सबका अलग अलग स्थान है. भगवान शिव (Lord Shiva) जिन्हें कालों के काल महाकाल कहा जाता है, का दोनों रूप आपको देखने को मिलेगा. भगवान शिव अत्यंत सौम्य रूप में भी दर्शन देते हैं और उनके रोद्र रूप से भी भक्त अंजान नहीं है. भगवान शिव को भोलेनाथ भी कहा जाता है. भगवान शिव अपने भक्तों की हमेशा रक्षा करते हैं. आज जानेंगे कि भगवान शिव को नटराज अवतार (Natraj incarnation) धारण करने की क्या आवश्यकता पड़ी, भगवान शिव के नटराज अवतार को लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं, जिनके बारे में आज आप इस लेख में पढ़ेंगे.

शिव पुराण के अनुसार
एक बार की बात है मां पार्वती के कठिन तप से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उनसे वर मांगने के लिए कहा. पार्वती जी ने कहा कि देवताओं के कार्य सिद्ध करने के लिए आप मेरा पाणिग्रहण करें. आप मेरे पिता के पास भिक्षु के रूप में जाइए और अपना यश प्रकट कर मुझे उनसे मांग लीजिए. माता पार्वती की बात सुनकर भगवान शिव कहते हैं तथास्तु.

एक दिन राजा हिमालय की पत्नी और पार्वती जी की मां मेना और पार्वती जी आंगन में बैठे हुए थे. राजा हिमालय गंगा स्नान करने गए थे. तभी वहां पर भगवान शिव अपना रूप बदलकर पहुंच गए. पर उन्होंने मनोहर गीत गाते हुए नृत्य की प्रस्तुति दी. जिससे प्रसन्न होकर रानी मेना ने रत्नों से भरा सोने का पात्र रूप बदले शिव जी को दिया. लेकिन भगवान शिव ने उसे लेने से इनकार कर दिया और भिक्षा के रूप में माता पार्वती को मांग लिया. यह सुनकर मेना क्रोधित हुईं और भगवान शिव को महल से बाहर जाने के लिए कहा.

तभी भगवान शिव ने पर्वतराज हिमालय और मेना को अपना प्रभाव दिखाया. उन्हें भगवान शिव कभी विष्णु रूप में दिखते, कभी ब्रह्मा रूप में दिखते और कभी सूर्यरूप में दिखाई देते.

फिर वह परम तेजस्वी रुद्ररूप धारण कर माता पार्वती के साथ मनोहर परिहास करते हुए दिखाई दिए. उन्होंने पर्वतराज हिमालय से भिक्षा में पार्वती को ही मांगा और अंतर्ध्यान हो गए.

राजा हिमालय और मेना यह सब देख अचंभित हो गए और उन्होंने कहा कि भगवान शिव को हमें अपनी कन्या पार्वती दे देना चाहिए. इस तरह माता पार्वती की मनोकामना पूर्ण करने के लिए भगवान शिव ने नटराज अवतार धारण किया.

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दक्षिण भारत में प्रचलित कथा के अनुसार
तारगम नाम के एक निर्जन स्थान पर कुछ साधु निवास करते थे. जिनको अपनी विद्या पर बहुत अभियान था. वहां पर रहने वाले लोगों को तुच्छ समझ कर उन्हें काफी परेशान करते थे. सबसे त्रस्ताकर और ऋषियों का अभिमान चूर करने के लिए वहां के लोगों ने भगवान शिव की आराधना की. प्रसन्न होकर भगवान शिव ऋषियों के समक्ष अपना रूप बदल कर पहुचें लेकिन उन्होंने भगवान शिव को भी तुच्छ समझ कर सम्मान नहीं किया. उल्टा वाराह को उन पर आक्रमण करने के लिए भेज दिया. तब भगवान शिव ने अपनी अक अंगुली से उसकी खाल उधेड़ कर वस्त्र धारण कर लिए. यह देख ऋषियों का गुस्सा सातवें आसमान पर था. उन्होंने एक भयंकर विष वाले सर्प को भगवान शिव के ऊपर फेंका. लेकिन शिव जी ने उसे भी कंठाहार बना लिया. तभी ऋषियों ने अपनी मंत्र शक्ति से एक राक्षस प्रकट किया जो तेज़ गर्जना कर भगवान शिव की तरफ दौड़ा लेकिन भगवान शिव ने उसे भी अपने पैरों तले रौंध दिया और उसके शव पर खड़े होकर नृत्य करने लगे. इस प्रकार भगवान शिव ने नटराज अवतार लिया।

 

 

 

पैसों की तंगी दूर करनी है तो घर में झाड़ू रखने के ये नियम जरूर जान लें

एस्ट्रो डेस्क : हर कोई अपने घर को अपने ढंग से व्यवस्थित करता है और इसमें साफ-सफाई और हर सामना का अपनी जगह पर होना शामिल होता है. देखा जाए तो घर को सही ढंग से मेंटेन करने में ग्रहणी का अहम रोल होता है. वहीं चीजें अपनी जगह पर हो और घर में कोई झगड़े न हो फिर भी समस्याएं कभी-कभी पीछा नहीं छोड़ती. ऐसा माना जाता है इसके पीछे वास्तु दोष हो सकता है. अगर आप वास्तु शास्त्र में विश्वास रखते हैं तो ये जान लें घर में सामान को भी सही तरीके से न रखे जाने पर समस्याएं बनी रहती हैं.

वास्तु की मानें तो घर में झाड़ू को रखने के लिए कई विशेष बातों का ध्यान रखा जाना जरूरी है. ऐसा माना जाता है इससे जुड़े वास्तु दोष शारीरिक ही नहीं आर्थिक तंगी का कारण भी बन जाते हैं. जानें कैसे वास्तु टिप्स की मदद से घर में झाड़ू को सही तरीके से रखा जा सकता है.

पैर के नीचे झाडू़ न आने दें
घर में हमेशा कोशिश करें की झाड़ू को पैर के नीचे कभी न आए. ऐसा माना जाता है इससे माता लक्ष्मी नाराज हो जाती है. इसलिए भूलकर भी घर में ऐसा न होने दें.

झाड़ू को छुपाकर रखना
वास्तु की मानें तो घर में झाड़ू को ऐसी जगह रखना चाहिए कि वो ग्रहणी व अन्य सदस्यों की नजरों के सामने न आए. रखी हुई झाड़ू पर ध्यान जाना भी वास्तु दोष की कैटेगरी में आता है. इस बात का विशेष ध्यान दें कि झाड़ू को बेडरूम में बिल्कुल न रखा जाए.

इस दिशा में न रखें
वास्तु शास्त्र में झाड़ू को सही जगह रखने की दिशा भी निर्देशित की गई है. कभी भी झाड़ू को उत्तर-पूर्व दिशा में नहीं रखना चाहिए. ऐसा माना जाता है इससे घर में धन की कमी के आसार बनते हैं. वास्तु के मुताबिक झाड़ू को पश्चिम या दक्षिण दिशा में ही रखें.

रसोई में न रखें
रसोई में झाड़ू को रखना भी शुभ नहीं माना जाता है. साथ ही बता दें सूर्योदय के साथ ही घर में झाड़ू लगाने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है. ऐसा करने से आर्थिक तंगी आपसे कौसों दूर रह सकती है.

कब बदलें झाड़ू
ऐसा माना जाता है कि झाड़ू को बदलने के लिए भी वास्तुशास्त्र की मदद लेना सही रहता है. अगर आप झाड़ू बदलने जा रहे हैं तो इसके लिए शनिवार का दिन चुनें. ये दिन इसके लिए शुभ माना जाता है.

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नए साल पर मनाई जाएगी मासिक शिवरात्रि, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा-विधि

एस्ट्रो डेस्क : नए साल की शुरूआत होने में अब कुछ ही दिन रह गए हैं. ऐसे में साल के पहले ही दिन भगवान शिव के पूजन का विशेष संयोग बन रहा है. इस दिन मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, शिवरात्रि के इस व्रत को कृष्ण पक्ष के दौरान चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि के रूप में जाना जाता है. शिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलन का महान पर्व है. भारतीय पौराणिक कथाओं के अनुसार, महाशिवरात्रि की मध्यरात्रि में भगवान शिव लिंग के रूप में प्रकट हुए थे. शिव लिंग की सबसे पहले भगवान विष्णु और भगवान ब्रह्मा ने पूजा की थी. ये दिन हर महीने मनाया जाता है जबकि महाशिवरात्रि साल में एक बार आती है. मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

जो भक्त मासिक शिवरात्रि व्रत का पालन करना चाहते हैं, वे इसे महाशिवरात्रि के दिन से शुरू कर सकते हैं और इसे एक वर्ष तक जारी रख सकते हैं. ऐसा माना जाता है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से कठिन कार्यों को पूरा किया जा सकता है. भक्तों को मध्यरात्रि के दौरान शिव पूजा करनी चाहिए. अविवाहित महिलाएं विवाह के लिए ये व्रत रखती हैं और विवाहित महिलाएं अपने वैवाहिक जीवन में शांति बनाए रखने के लिए ये व्रत रखती हैं.

मासिक शिवरात्रि की तिथि
पंचांग के अनुसार चतुर्दशी की तिथि की शुरुआत 1 जनवरी 2022 को प्रात: 7 बजकर 17 मिनट से होगी. 2 जनवरी 2022, रविवार को प्रात: 3 बजकर 41 मिनट पर चतुर्दशी की तिथि का समापन होगा.

मासिक शिवरात्रि का पूजा मुहूर्त
पंचांग के अनुसार 01 जनवरी, शनिवार को पूजा मुहूर्त का समय रात 11 बजकर 58 मिनट से शुरू होगा और देर रात 12 बजकर 52 मिनट तक रहेगा.

मासिक शिवरात्रि व्रत विधि
मासिक शिवरात्रि की पूजा आधी रात को की जाती है जिसे निशिता काल भी कहा जाता है. इसकी शुरुआत भगवान शिव की मूर्ति या शिव लिंग के अभिषेक करने से होती है. भक्त गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद, सिंदूर, हल्दी पाउडर, गुलाब जल और बेल के पत्ते चढ़ाते हैं. इसके बाद शिव आरती या भजन गाए जाते हैं और शंख बजाया जाता है. इसके बाद भक्त प्रसाद ग्रहण करते हैं. शिवरात्रि व्रत पूरे दिन रखा जाता है और अगले दिन पारण किया जाता है.

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मासिक शिवरात्रि मंत्र
व्रत के दौरान ॐ नमः शिवाय का जाप करना काफी शुभ माना जाता है.

मासिक शिवरात्रि का महत्व
मासिक शिवरात्रि का हिंदुओं के लिए धार्मिक महत्व है. ये भगवान शिव की पूजा करने और आंतरिक शांति के लिए आशीर्वाद लेने का सबसे शुभ दिन है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन उपवास करने से व्यक्ति की आत्मा को मोक्ष प्राप्ति होती है.

 

भगवान की पूजा में भूलकर भी न करें इन बर्तनों का इस्तेमाल, वरना होगा उल्टा असर

कोलकाताः भगवान की पूजा में कई प्रकार के धातुओं के बर्तनों का इस्तेमाल किया जाता है। घर हो या मंदिर दोनों जगहों पर पूजा के लिए उन्हीं चीजों का इस्तेमाल किया जाता है कि जो शुभ हो। कई लोग इस बात को नहीं जानते हैं कि पूजा में किस प्रकार की धातुओं बर्तनों का इस्तेमाल करना शुभ होता है। पूजा में इस्तेमाल किए जाने वाले धातु का खास ध्यान रखा जाता है। जानते हैं कि पूजा में किस धातु के बर्तनों का इस्तेमाल करना शुभ है।

तांबे का बर्तन है पूजा के लिए शुभ
तांबे के बर्तनों में भोग लगाने से भगवान इसे स्वीकार करते ह। साथ इससे भगवान सबसे अधिक प्रसन्न होते हैं। यही कारण है कि पूजा में तांबें के बर्तनों का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा ताबें के पात्र से सूर्य देव को भी जल चढ़ाना शुभ होता है। पूजा-पाठ में लोहे के बर्तनों इस्तेमाल से बचना चाहिए। लोहे के बर्तन जंग लगने के कारण खराब हो जाते हैं। धर्म शास्त्र के मुताबिक पूजा-पाठ के बर्तन शुद्ध होना अच्छा होता है।

चांदी के बर्तनों से अभिषेक है निषेध
शास्त्रों में चांदी के बर्तनों का इस्तेमाल दूध से अभिषेक के लिए निषेध है। इसके अलावा मान्यता है कि चांदी की बर्तन पितरों को प्रिय है। ऐसे में देवताओं के काम में इसका इस्तेमाल करना अशुभ है।

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इन धातुओं का न करें पूजा में इस्तेमाल
शास्त्रों के मुताबिक शनिदेव की पूजा में तांबे के बर्तनों के स्थान पर लोहे के बर्तन का ही इस्तेमाल करना चाहिए। वहीं पूजा के दौरान लोहा, स्टील और एल्युमीनियम की धातु के वर्तनों का इस्तेमाल निषेध है।

आज का पंचांग, बताएगा शुभ-अशुभ मुहूर्त,तिथि, वार व नक्षत्र के बारे में…

ज्योतिष शास्त्र में पंचांग का बहुत महत्व है । पंचांग ज्योतिष के पांच अंगों का मेल है। जिसमें तिथि,वार, करण,योग और नक्षत्र का जिक्र होता है। इसकी मदद से हम दिन के हर बेला के शुभ और अशुभ समय का पता लगाते हैं। उसके आधार पर अपने खास कर्मों को इंगित करते हैं। आज 28 दिसंबर मंगलवार का दिन है। पौष की कृष्ण पक्ष नवमी 06:09 PM तक उसके बाद दशमी तक है। सूर्य धनु राशि पर योग-अतिगण्ड, करण -गर और वणिज पौष मास है, आज का दिन बहुत ही शुभ फलदायक है। देखिए आज का पंचांग…

आज 25 दिसंबर का पंचांग हिन्दू मास एवं वर्ष शक सम्वत- 1943 प्लव विक्रम सम्वत- 2078 आज की तिथि तिथि-नवमी 06:09 PM तक उसके बाद दशमी आज का नक्षत्र- चित्रा 04:11 AM, 29 दिसंबर तक आज का करण- गर और वणिज आज का पक्ष- कृष्ण पक्ष आज का योग- अतिगण्ड आज का वार- मंगलवार सूर्योदय-7:11 AM सूर्यास्त-5:46 PM आज चंद्रोदय-चंद्रास्त का समय चन्द्रोदय-1:07 AM चन्द्रास्त-1:15 PM सूर्य -सूर्य धनु राशि पर है चन्द्रमा राशि चन्द्रमा- 04:44 PM तक चन्द्रमा कन्या फिर तुला राशि पर संचार करेगा। दिन -मंगलवार माह- पौष व्रत- नहीं

शुभ समय अभिजीत मुहूर्त-11:38 AM से 12:21 PM अमृत काल- 10:02 PM से 11:35 PM ब्रह्म मुहूर्त -05:34 AM से 06:22 AM शुभ योग सर्वार्थ सिद्धि योग-नहीं है रवि पुष्य योग -नहीं है अमृतसिद्धि योग-नहीं है त्रिपुष्कर योग- नहीं है द्विपुष्कर योग-नहीं है अभिजीत मुहूर्त-11:38 AM से 12:21 PM अशुभ समय राहु काल-03:07 PM से 04:26 PM तक कालवेला / अर्द्धयाम-08:49से 09:31 तक दुष्टमुहूर्त-09:18 AM से 10:00 AM, 11:08 PM से 12:01 AM भद्रा- 05:15 AM, Dec 29 से 06:43 AM, 29 दिसंबर यमगण्ड-9:49 AM से 11:09 AM गुलिक काल-12:28 PM से 1:47 PM गंडमूल-नहीं है

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ब्राजील में बाढ़ के कारण 18 की मौत, लगभग 40 शहर बाढ़ से प्रभावित

डिजिटल डेस्क : ब्राजील में कम से कम 18 स्थानों पर बाढ़ के खतरे के चरम स्तर की घोषणा की गई। देश के पूर्वोत्तर हिस्से में बाढ़ के कारण हुए विभिन्न हादसों में 260 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। स्थानीय अधिकारियों ने जानकारी की पुष्टि की है। सीएनएन से समाचार।

बाहिया राज्य के गवर्नर रुई कोस्टा ने कहा कि लगभग 40 शहर बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि इलियास शहर सबसे कठिन हिट था।”यह एक भयानक स्थिति है,” रुई कोस्टा ने कहा। मुझे नहीं लगता कि मैंने बाहिया के हाल के इतिहास में ऐसी घटना कभी देखी है। यह वाकई डरावना है। कई घर और सड़कें जलमग्न हो गई हैं।बाढ़ ने 35 हजार से ज्यादा लोगों को अपना घर छोड़ने को मजबूर कर दिया है। बाहिया राज्य नागरिक सुरक्षा और सुरक्षा एजेंसी ने जानकारी की पुष्टि की।शनिवार की रात इटाम्बा शहर में भारी बारिश के कारण एक बांध ढह जाने से और बाढ़ आ गई। ब्राजील की मौसम विज्ञान और प्राकृतिक आपदा निगरानी एजेंसी ने बाहिया राज्य में और बाढ़ और भूस्खलन की चेतावनी दी है।

एजेंसी ब्रासील के मुताबिक बारिश कम से कम अगले मंगलवार तक जारी रह सकती है। ब्राजील के राष्ट्रीय मौसम विज्ञान संस्थान ने बाहिया के लिए भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। हालांकि, सोमवार और मंगलवार को स्थिति में सुधार होने की संभावना है।पहले से ही कोरोना महामारी से त्रस्त ब्राजील बाढ़ की स्थिति से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। संयुक्त राज्य अमेरिका में दुनिया में कोरोनावायरस के सबसे अधिक मामले हैं। इस सूची में ब्राजील तीसरे स्थान पर है।

यूएन ने म्यांमार में अंधाधुंध हत्याएं की कड़ी जांच की मांग की

देश में अब तक कोरोना से प्रभावित लोगों की संख्या 2 करोड़ 22 लाख 39 हजार 438 है। इनमें से 6 लाख 17 हजार 474 लोगों की मौत हुई है। वहीं, 2 करोड़ 14 लाख 14 हजार 316 लोग ठीक हो चुके हैं।

यूएन ने म्यांमार में अंधाधुंध हत्याएं की कड़ी जांच की मांग की

 डिजिटल डेस्क : संयुक्त राष्ट्र के एक शीर्ष अधिकारी ने म्यांमार के संघर्षग्रस्त काया राज्य में जुंटा सरकार के सुरक्षा बलों द्वारा महिलाओं और बच्चों सहित 35 लोगों को गोली मारने और जलाने को चिंता का विषय बताया है। उन्होंने घटना की कड़ी जांच की भी मांग की।इससे पहले, ब्रिटेन स्थित अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठन सेव द चिल्ड्रन के दो कर्मचारी म्यांमार में लापता हो गए थे।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार के अवर महासचिव मार्टिन ग्रिफिथ्स ने रविवार को एक बयान में कहा, “मैं इस दुखद घटना और देश भर में नागरिकों पर सभी हमलों की निंदा करता हूं।” यह अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून के तहत प्रतिबंधित है।ग्रिफिथ्स ने घटना की शीघ्र जांच की मांग की है। उन्होंने यह भी कहा कि दोषियों को सजा के दायरे में लाया जाएगा।उन्होंने नागरिकों के लिए सुरक्षा प्रदान करने के लिए देश की सेना से भी आह्वान किया।

म्यांमार में अमेरिकी दूतावास ने रविवार को कहा कि काया प्रांत में एक बर्बर हमले में महिलाओं और बच्चों सहित कम से कम 35 नागरिक मारे गए हैं। वे डरे हुए हैं।समूह ने सोशल मीडिया पर एक बयान में कहा कि वह बर्मा में हिंसा के खिलाफ अपना अभियान जारी रखेगा।

सेव द चिल्ड्रन ने एक बयान में कहा कि म्यांमार के पूर्वी राज्य में हिंसा में महिलाओं और बच्चों सहित कम से कम 35 लोग मारे गए हैं। वहीं, उनके दो कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया। लेकिन अब वे नहीं मिल रहे हैं। वे “आश्वस्त थे कि उनकी निजी कार पर हमला किया गया था और आग लगा दी गई थी”। इस घटना के बाद अलग-अलग इलाकों में उनकी गतिविधियों पर रोक लगा दी गई थी.

सेव द चिल्ड्रन के मुख्य कार्यकारी इंगर एशिंग ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून का उल्लंघन है। उन्होंने कहा, “हम निर्दोष नागरिकों और हमारे कर्मचारियों के खिलाफ हिंसा से स्तब्ध हैं।”

म्यांमार के राज्य मीडिया ने सेना के हवाले से कहा कि सेना ने गांव में विपक्षी सशस्त्र बलों के कई “सशस्त्र आतंकवादियों” को मार गिराया था। इसमें कहा गया है कि बंदूकधारी सात वाहनों में सवार थे और सेना के निर्देश के बावजूद नहीं रुके।

करेनी राष्ट्रीयता रक्षा बल सैन्य जुंटा के विरोध में कई नागरिक मिलिशिया में से एक है। बल का दावा है कि मृतक उनके समूह के सदस्य नहीं थे। बल्कि आम लोग। उनके एक कमांडर ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि वे हत्याओं से “स्तब्ध” हैं। क्योंकि शव बच्चों, महिलाओं और बूढ़ों के हैं।

शनिवार को सोशल मीडिया पर अत्याचार की तस्वीरें फैल गईं। पीपुल्स डिफेंस फोर्स (पीडीएफ) के एक स्थानीय सदस्य ने कहा कि जब उन्होंने शनिवार सुबह इलाके का दौरा किया, तो उन्होंने देखा कि दो ट्रकों में आग लगा दी गई है। वहां चार लोगों के शव मिले। उन्होंने कहा, “हमें 26 लोगों के शव मिले हैं।”

1 फरवरी को म्यांमार की सेना ने तख्तापलट में लोकतांत्रिक सरकार को उखाड़ फेंका। हालांकि, देश के अधिकांश लोगों ने इस मुद्दे को स्वीकार नहीं किया। वे सड़क पर विरोध प्रदर्शन, सरकारी गतिविधियों के बहिष्कार और सशस्त्र विद्रोह के माध्यम से जनता के खिलाफ विरोध कर रहे हैं। स्थानीय निगरानी समूहों का कहना है कि म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद से हिंसा में 1,300 से अधिक लोग मारे गए हैं।

सीतापुर में सीएम योगी ने कहा- नोटबंदी का विरोध करते थे ‘बबुआ’

इस बीच देश की लोकतांत्रिक नेता आंग सान सू की को 11 महीने की जेल हुई है। उन पर भ्रष्टाचार और जालसाजी का आरोप लगाया गया है। इसी सिलसिले में उनके खिलाफ म्यांमार की अदालत में मुकदमा चल रहा है।

सीतापुर में सीएम योगी ने कहा- नोटबंदी का विरोध करते थे ‘बबुआ’

डिजिटल डेस्क : सीतापुर में सीएम योगी आदित्यनाथ: सीएम योगी आदित्यनाथ सोमवार को जिले के लहरपुर विधानसभा क्षेत्र पहुंचे. इस दौरान मुख्यमंत्री ने 116 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली 83 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया. दरअसल बीजेपी पूरे राज्य में जन विश्वास यात्रा कर रही है. इसी कड़ी में सोमवार को यह यात्रा सीतापुर के लिए तय की गई।

मुख्यमंत्री दोपहर करीब ढाई बजे लहारपुर विधानसभा क्षेत्र के अकबरपुर स्थित सूर्यकुंड मंदिर पर बने हेलीपैड पर हेलीकॉप्टर से पहुंचे. यहां से वे कार्यक्रम स्थल पर जाएंगे। इस दौरान विकास योजनाओं के उद्घाटन व शिलान्यास को देखने व सीएम योगी को सुनने के लिए जनसभा में भारी भीड़ उमड़ी.

इस मौके पर उन्होंने कहा, ‘आज गरीबों के घर बन रहे हैं. यह पैसा पहले कहां गया? यह गरीबों का पैसा है, जिसे सपा, बसपा और कांग्रेस के नेता लूट कर उनके घर बनाते थे। आज दीवारों से पैसे निकल रहे हैं, कमरे नोटों से भरे पड़े हैं। अब जनता समझ रही होगी कि बबुआ नोटबंदी का विरोध क्यों करते थे?

उन्होंने कहा, “कांग्रेस, सपा और बसपा, जिन्होंने लंबे समय तक शासन किया, उनके पास विकासात्मक सोच नहीं थी। कांग्रेस पार्टी से पूछा जाना चाहिए कि उसने साढ़े पांच दशक तक राज्य और देश पर शासन किया, फिर मेडिकल कॉलेज क्यों नहीं हो सका विकास, सुशासन और राष्ट्रवाद के मुद्दों पर भारतीय जनता पार्टी ही काम कर सकती है और यह काम भारतीय जनता पार्टी ने दिखाया है।

ब्रिटिश महारानी की हत्‍या करने पहुंचा भारतीय सिख, इसके बाद…

लहरपुर विधानसभा विवरण

लहरपुर विधानसभा सीट उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में आती है. साल 2017 में लहरपुर में कुल 34.62 फीसदी वोट पड़े थे. 2017 में, भारतीय जनता पार्टी के सुनील वर्मा ने बहुजन समाज पार्टी के मोहम्मद जसमीर अंसारी को 9118 मतों के अंतर से हराया। लहरपुर विधानसभा सीट सीतापुर के अंतर्गत आती है। इस संसदीय क्षेत्र से सांसद राजेश वर्मा हैं, जो भारतीय जनता पार्टी से हैं। उन्होंने बहुजन समाज पार्टी के नकुल दुबे को 1,00,833 मतों से हराया।

ब्रिटिश महारानी की हत्‍या करने पहुंचा भारतीय सिख, इसके बाद…

लंदनः जलियावाला नरसंहार का बदला लेने के लिए एक शख्‍स ब्रिटेन की महारानी क्‍वीन एलिजाबेथ द्वितीय के महल में तीर कमान लेकर घुस गया। ब्रिटिश महारानी एलिजाबेथ क्रिसमस मनाने के लिए विंडसर कैसल पहुंची थीं। बताया जा रहा है कि यह हमलावर जसवंत सिंह चैल 19 साल का है और साल 1919 में हुए अमृतसर नरसंहार का बदला लेने के लिए महारानी को मारने पहुंचा था। पुलिस ने उसे मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य कानून के तहत हिरासत में ले लिया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक लंदन पुलिस उसके मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य की जांच करवा रही है। जसवंत सिंह को चिकित्‍साकर्मियों की निगरानी में रखा गया है। इस घटना का एक चौंका देने वाला वीडियो आया है जिसमें हमलावर जसवंत सिंह तीर कमान से लैस नजर आ रहा है। जसवंत सिंह ने क्रिसमस के दिन स्‍नैपचैट पर सुबह 8:06 पर एक वीडियो अपलोड किया था। उसे विंडसर कैसल के अंदर से हिरासत में लिया गया है।

ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर लगाया गंभीर आरोप, जानिए क्या है मामला ?

मौसा ने युवती को अगवा कर 11 साल तक लूटी उसकी आबरू

गाजियाबादः गाजियाबाद जिले के मुरादनगर थानाक्षेत्र के एक गांव में सगे मौसा द्वारा कथित तौर पर एक युवती को अगवा करने के बाद बंधक बनाकर 11 साल तक दुष्कर्म करने का मामला सामने आया है। रविवार को थाने पहुंची युवती ने पुलिस को तहरीर देकर आरोपी मौसा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। पुलिस को दी शिकायत के अनुसार, थाना प्रभारी सतीश कुमार को तहरीर देकर युवती ने बताया कि 11 साल पहले जब वह खेत में चारा गई थी तब उसका मौसा उसका अपहरण करके ले गया था। वह बीते 11 साल से बंधक बनाकर उसके साथ लगातार दुष्कर्म करता आ रहा है। विरोध करने पर बेहरमी से पिटाई करता और कई कई दिन तक कमरे में बंद करके भूखा भी रखता था। आरोपी अब उसके साथ जबर्दस्ती शादी करना चाहता है। शादी न करने पर वह चेहरे पर तेजाब डालने की धमकी देकर गंभीर परिणाम भुगतने की बात कहता है। किसी तरह युवती उसके चंगुल से छूटकर दिल्ली चली गई। दिल्ली में युवती को उसका सगा भाई मिल गया। भाई ने अपनी बहन को पहचान लिया। इसके बाद युवती ने परिजनों को आपबीती सुनाई है और इसके बाद ही थाने में तहरीर देने आई है।

भारत के इस दिग्गज खिलाड़ी ने अचानक संन्यास लेकर किया हैरान

 

भारत के इस दिग्गज खिलाड़ी ने अचानक संन्यास लेकर किया हैरान

नई दिल्ली:आईपीएल के एक स्टार क्रिकेटर ने भारतीय क्रिकेट से नाता तोड़ लिया है, क्योंकि उसको टीम इंडिया के लिए खेलने का मौका ही नहीं मिला है। ये स्टार क्रिकेटर 2016 में आईपीएल चैंपियन टीम सनराइजर्स हैदराबाद का हिस्सा रह चुका है। 38 साल का यह ऑलराउंडर पंजाब किंग्स के लिए भी खेल चुका है। भारत के इस क्रिकेटर ने रविवार को भारतीय क्रिकेट से नाता तोड़ लिया है। ये खिलाड़ी और कोई नहीं बल्कि भारतीय घरेलू क्रिकेट में एक बड़ा नाम बिपुल शर्मा है। बिपुल शर्मा अब रिटायरमेंट लेकर यूएसए जाकर बस चुके हैं, जहां उनका मकसद अमेरिकी टीम में अपना करियर बनाना है। पंजाब के अमृतसर में जन्मे इस ऑलराउंडर को कभी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने का मौका नहीं मिल पाया। उन्होंने 59 फर्स्ट क्लास मैच खेले जिनमें 8 शतक, 17 अर्धशतकों की बदौलत कुल 3012 रन बनाए और 126 विकेट भी लिए। बिपुल ने साल 2005 में पंजाब के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट में डेब्यू किया था।

ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर लगाया गंभीर आरोप, जानिए क्या है मामला ?

 

 

ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर लगाया गंभीर आरोप, जानिए क्या है मामला ?

डिजिटल डेस्क : मदर टेरेसा की मिशनरीज ऑफ चैरिटी के सभी बैंक खाते जब्त कर लिए गए हैं। ऐसे में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट कर शोक जताया है. साथ ही केंद्रीय मंत्रालय पर भी आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि वह यह सुनकर स्तब्ध हैं कि केंद्रीय मंत्रालय ने क्रिसमस पर ऐसा फैसला लिया है। इसके 22,000 मरीज और कर्मचारी बिना भोजन और दवा के हैं। हालांकि कानून सर्वोपरि है, मानवीय प्रयासों से समझौता नहीं किया जाना चाहिए।

सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार के निर्देश पर सभी खातों को सीज कर दिया गया है. क्रिसमस के दौरान सभी खातों को बंद करने का निर्देश दिया गया है. इसके जवाब में मिशनरीज ऑफ चैरिटी ने कहा, ”हम सब जानते हैं, हम अभी कुछ कहने वाले नहीं हैं.”

गुजरात के मिशनरीज ऑफ चैरिटी चिल्ड्रन होम में प्राथमिकी
गुजरात के मिशनरीज ऑफ चैरिटी द्वारा चलाए जा रहे एक बाल गृह के खिलाफ वहां रहने वाली लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन कराने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई है. ऐसे आरोप हैं कि हिंदू लड़कियों को सूली पर चढ़ा दिया गया और पाठ के लिए बाइबिल के साथ ईसाई धर्म अपनाने की कोशिश की गई।

प्राथमिकी में कहा गया है कि प्रबंधन ने स्टोररूम की मेज पर एक बाइबिल रखी ताकि लड़कियां धर्म परिवर्तन के प्रयास में इसे पढ़ सकें। साथ ही, अधिकारी के अनुसार, धर्मांतरण (प्रलोभन या धोखे से किसी व्यक्ति को परिवर्तित करने का प्रयास) के साथ-साथ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं से संबंधित गुजरात धर्म स्वतंत्रता अधिनियम की धारा तीन और चार। ) धारा 295 (ए) और 298 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने से संबंधित) के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि कथित घटनाएं इस साल 10 फरवरी से नौ दिसंबर के बीच हुईं। मामले की आगे जांच की जा रही है।

मिशनरीज ऑफ चैरिटी क्या हैं?
1950 में मदर टेरेसा ने कलकत्ता (अब कलकत्ता) में मिशनरीज ऑफ चैरिटी की स्थापना की। यह एक रोमन कैथोलिक स्वैच्छिक धार्मिक संगठन है, जो दुनिया भर के 120 से अधिक देशों में विभिन्न मानवीय कारणों में योगदान देता है। इसमें 4500 से अधिक ईसाई मिशनरियों की एक मंडली है। इसमें शामिल होने के लिए 9 साल की सेवा और परीक्षण के बाद, सभी ईसाई धार्मिक मूल्यों को पूरा करने और इस संगठन के विभिन्न कार्यों को पूरा करने के बाद ही इसे शामिल किया जाता है। सदस्यों को 4 प्रस्तावों पर टिके रहना चाहिए। पवित्रता, दरिद्रता, निष्ठा और हृदय से गरीबों की सेवा में रहो। मिशनरी दुनिया भर में गरीब, बीमार, शोषित और वंचित लोगों की सेवा करने और उनकी मदद करने में योगदान करते हैं। उन्हें युद्ध में घायल और एड्स पीड़ितों की सेवा के लिए भी समर्पित होना चाहिए।

18 साल के अफगान बल्लेबाज ने भारत को दी नॉकआउट

 खेल डेस्क : भारतीय क्रिकेट टीम इस समय दक्षिण अफ्रीका में है, जहां वह टेस्ट सीरीज खेल रही है। इस टेस्ट सीरीज पर सभी भारतीय फैंस की निगाहें हैं। वहीं भारत के जूनियर क्रिकेटर्स अंडर-19 वर्ल्ड कप की तैयारी और एक्शन में हैं. तैयारियों के तहत भारतीय अंडर-19 टीम संयुक्त अरब अमीरात में अंडर-19 एशिया कप में खेल रही है. संयुक्त अरब अमीरात के खिलाफ जीत और पाकिस्तान के खिलाफ हार के बाद, भारतीय टीम सोमवार 27 दिसंबर को अफगानिस्तान के खिलाफ मैदान में उतरी। इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए अफगानिस्तान ने 50 ओवर में 4 विकेट खोकर 259 रन बनाए। इस मैच में ज्यादातर समय भारतीय गेंदबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन एक अफगान बल्लेबाज ने भारतीय गेंदबाजों पर छक्कों की बरसात कर दी।

दुबई में आईसीसी अकादमी में खेले जाने वाले इस टूर्नामेंट में सोमवार को भारत और अफगानिस्तान का आमना-सामना होगा। अफगानिस्तान ने पहले बल्लेबाजी की। भारत ने मजबूत शुरुआत की और पहले 19 ओवर में सिर्फ 63 रन देकर 2 विकेट लिए। 29वें ओवर में अफगानिस्तान ने महज 101 रन पर तीन विकेट गंवा दिए। अफगानिस्तान को एक बड़ी पारी की जरूरत थी और कप्तान सुलेमान सफी ने एजाज अहमद अहमदजई के साथ टीम की कमान संभाली और 88 रन जोड़े। सुलेमान 6 गेंदों में 63 रन बनाकर आउट हुए। उन्होंने 6 चौके और 1 छक्का लगाया। उन्हें तेज गेंदबाज राज्यवर्धन हंगरगेकर ने आउट किया।

1 ओवर में 27 रन, एक पारी में 7 छक्के
सुलेमान के विकेट के बाद भारतीय गेंदबाज के लिए कुछ भी अच्छा नहीं हुआ और वह एजाज अहमद के निशाने पर आ गए। 18 साल के दाएं हाथ के बल्लेबाज ने आखिरी ओवर में छक्के लगाकर भारतीय गेंदबाजों को चौका दिया। युवा बल्लेबाज ने विशेष पारी के आखिरी ओवर में हंगरगेकर को चौका लगाया। इस ओवर में एजाज ने 3 छक्के लगाए, उनके साथी खैबर वालियो ने एक चौका लगाया और ओवर से 26 रन लुटाए। एजाज अहमद ने सिर्फ 6 गेंदों में 6 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 6 छक्के और 1 चौका लगाया। एजाज के अलावा खैबर वालियो ने भी 12 गेंदों पर 20 रन बनाए।

मध्य प्रदेश में ओबीसी संरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र का अपील

आखिरी ओवर हंगरगेकर . पर भारी था
आखिरी ओवर में इस हमले के आधार पर अफगानिस्तान की अंडर-19 टीम ने 259 रन बनाए। यह मैच युवा भारतीय तेज गेंदबाज हंगरगेकर के लिए अच्छा नहीं रहा और उन्होंने अपने 10 ओवर में 27 रन देकर 74 रन खर्च कर दिए, जब उनके खाते में केवल 1 सफलता आई। भारत के लिए सबसे प्रभावी गेंदबाज साबित हुए।

मध्य प्रदेश में ओबीसी संरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र का अपील

डिजिटल डेस्क : केंद्र ने मध्य प्रदेश राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) को अपने 17 दिसंबर के आदेश को वापस लेने का निर्देश दिया है जिसमें स्थानीय निकायों को ओबीसी के लिए आरक्षित सीटों पर मतदान प्रक्रिया को बंद करने और सामान्य वर्ग के लिए उन सीटों को फिर से अधिसूचित करने का निर्देश दिया गया है। एक आवेदन प्रस्तुत किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपनी याचिका में कहा है कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों का विकास सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और स्थानीय स्वशासन में सत्ता के विकेंद्रीकरण और ओबीसी के अपर्याप्त प्रतिनिधित्व का लक्ष्य है। जमीनी स्तर और उद्देश्य को हराता है।’

इसने शीर्ष अदालत से स्थानीय निकाय चुनावों को चार महीने के लिए स्थगित करने का निर्देश देने और राज्य सरकार को आयोग की रिपोर्ट लाने का निर्देश देने और राज्य चुनाव आयोग को तदनुसार चुनाव कराने का निर्देश देने को कहा। याचिका में केंद्र ने शीर्ष अदालत से अंतरिम उपाय के तौर पर चुनाव प्रक्रिया को स्थगित करने का अनुरोध किया है।

केंद्र को उस मामले में भी पेश होने को कहा गया है जिसमें शीर्ष अदालत ने 17 दिसंबर को आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने 17 दिसंबर के आदेश में तीन शर्तों का हवाला देते हुए 2010 की संवैधानिक पीठ के फैसले का हवाला दिया। इसमें राज्य के भीतर स्थानीय निकायों के पिछड़ेपन की प्रकृति और प्रभाव की कठोर परीक्षण-आधारित जांच करने के लिए एक समर्पित आयोग का गठन शामिल था। ओबीसी विभाग को ऐसे आरक्षण प्रावधानों का पालन करने की जरूरत है।

‘ओबीसी का प्रतिनिधित्व न करने का दोहरा प्रतिकूल प्रभाव’
बाद में, अदालत ने कहा कि तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने भी इसे दोहराया। केंद्र ने मामले में शामिल होने की मांग करते हुए अपनी याचिका में कहा, “मौजूदा याचिका में उठाए गए मुद्दे अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और देश भर में होने वाले चुनावों में ओबीसी आरक्षण लागू करने के मुद्दे का असर पूरे भारत पर पड़ेगा।” 17 दिसंबर के आदेश को रद्द करने की मांग वाली याचिका में कहा गया है कि अपर्याप्त प्रतिनिधित्व या ओबीसी के कम प्रतिनिधित्व का दोहरा प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

जम्मू-कश्मीर :24 घंटे में सीआरपीएफ जवानों पर दूसरा ग्रेनेड हमला

इसमें कहा गया है, “पहला, ओबीसी को लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के माध्यम से चुने जाने के अवसर से वंचित किया जा रहा है और दूसरा, ओबीसी मतदाताओं के इस तरह के अपर्याप्त प्रतिनिधित्व या कम प्रतिनिधित्व से वंचित किया जा रहा है। उनमें से किसी एक को पद के लिए चुने जाने से वंचित करता है।

जम्मू-कश्मीर :24 घंटे में सीआरपीएफ जवानों पर दूसरा ग्रेनेड हमला

डिजिटल डेस्क : जम्मू-कश्मीर में आतंकी लगातार दहशत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. इसी कड़ी में आतंकियों ने फिर अनंतनाग पर हमला कर दिया. आतंकियों ने यहां सीआरपीएफ के बंकर पर ग्रेनेड फेंके। सूत्रों के मुताबिक हमला अरवानी बिजबेहरा इलाके में हुआ। हमले के बाद से इलाके की घेराबंदी कर दी गई है और आतंकियों की तलाश के लिए तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है। हमले में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।

आतंकियों की यह जघन्य साजिश घाटी में बढ़ती ही जा रही है। पिछले 24 घंटे में यह दूसरा ग्रेनेड हमला है। इससे पहले रविवार शाम को आतंकियों ने पुलवामा में सुरक्षाबलों पर ग्रेनेड से हमला किया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलवामा पोस्ट ऑफिस के पास एक पुलिस पोस्ट पर ग्रेनेड से हमला हुआ. हमले में दो पुलिसकर्मी घायल हो गए। हमले में सिर्फ सीआरपीएफ जवानों को ही निशाना बनाया गया।

सुरक्षाबलों की गतिविधियों से दहशत में हैं आतंकी

दरअसल, जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों को लगातार आतंकियों की तलाश है. कई जगहों पर तलाशी अभियान जारी है और आतंकियों को ढेर किया जा रहा है. आतंकवादी गुस्से में हैं और इस तरह के हमलों के जरिए अपनी साजिश जारी रखते हैं।

बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने वापस लिया ‘हिंदू धर्म में वापसी’ के बयान

इससे पहले शनिवार को सुरक्षा बलों ने घाटी में तीन अलग-अलग मुठभेड़ों में पांच आतंकवादियों को ढेर कर दिया था। मारे गए पांच आतंकियों में से एक आईईडी स्पेशलिस्ट था। यह जानकारी पुलिस ने दी है। शोपियां जिले में लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादी मारे गए हैं। दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में अंसार गजवत-उल-हिंद के दो आतंकवादी मारे गए हैं। साथ ही अनंतनाग के श्रीगुफवाड़ा इलाके के कलाने में सुरक्षाबलों ने एक आतंकी को ढेर कर दिया.

नए साल में जीएसटी से जुड़े 3 बड़े बदलावों का सीधा असर आम जनता पर पड़ेगा

डिजिटल डेस्क : 1 जनवरी 2022 से GST में बदलाव – सरकार 1 जनवरी 2022 से वस्तु एवं सेवा कर (GST) के व्यापारियों के लिए नियमों में तीन अहम बदलाव करने जा रही है। पारदर्शिता बढ़ाने के लिए यानी जीएसटी चोरी या धोखाधड़ी को रोकने के लिए ये नियम लाए जा रहे हैं। इससे व्यापारियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। हालांकि इस संबंध में विशेषज्ञों की राय मिली-जुली है।

सबसे पहले आइए जानते हैं कि नए साल में कौन से तीन अहम बदलाव हो रहे हैं। पहला महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि जनवरी से जीएसटी अधिकारी बिना किसी पूर्व सूचना के कर वसूली के लिए किसी भी व्यवसाय तक पहुंच सकेंगे। एक नया बदलाव हो रहा है कि रिफंड का दावा करने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य कर दिया गया है। तीसरा बदलाव यह है कि इनपुट टैक्स क्रेडिट के लिए शत-प्रतिशत चालान मिलान अनिवार्य कर दिया गया है।

इसका मतलब है कि विक्रेता और खरीदार का चालान दावा किए जा रहे क्रेडिट की राशि के लिए मेल खाना चाहिए। इनपुट टैक्स क्रेडिट का मतलब है कि एक निर्माता द्वारा कच्चे माल पर चुकाया गया टैक्स रिफंडेबल है।

चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) अंकित गुप्ता का कहना है कि जीएसटी के लिए पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है। जीएसटी अधिकारियों के पास पहले अधिकार हुआ करते थे, लेकिन अब अधिक अधिकार दिए जा रहे हैं। जाहिर है इससे व्यापारियों की परेशानी बढ़ेगी।इनपुट टैक्स क्रेडिट की वापसी पर नियमों को सख्त करने के संबंध में उन्होंने कहा कि छोटे व्यापारियों को बढ़ती मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

इसमें कहा गया है कि यदि कोई विक्रेता अपने मासिक बिक्री रिटर्न में चालान का 100% विवरण प्रदान करने में विफल रहता है, तो खरीदार को उस वस्तु पर भुगतान किया गया इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त नहीं होगा। इसके साथ समस्या यह है कि यदि कोई विक्रेता चूक करता है, तो खरीदार को उसका मुआवजा वहन करना होगा।

चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए) राम अक्षय का कहना है कि कर अधिकारियों को विशेष रूप से अधिक शक्ति देने से व्यापारियों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। कर अधिकारी किसी भी समय तलाशी और जब्ती कर सकते हैं। सबसे खास बात यह है कि व्यापारियों के वाहन जब्त होने पर उन्हें आसानी से राहत मिल सकती है।

अब ऐसा नहीं होने वाला है। अब सब कुछ आईटी आधारित प्रणाली से जोड़ा जा रहा है, इसलिए सभी दस्तावेजों की पुष्टि नहीं होने पर व्यापारियों के लिए मुश्किल होगी। उन्होंने कहा कि इनपुट टैक्स क्रेडिट के मामले में अब क्रेडिट तभी प्राप्त किया जा सकता है जब विक्रेता और खरीदार के चालान 100% तक मेल खाते हों। यदि डीलर कुछ गलत करता है, तो खरीदार को नुकसान उठाना पड़ेगा।

नगर निगम चुनाव में आप का प्रदर्शन, राघव चड्ढा जीत को लेकर बोले- तस्वीर अभी बाकि है

हालांकि कई जानकारों का यह भी कहना है कि इस प्रणाली का फायदा यह है कि धीरे-धीरे पूरा सिस्टम आईटी आधारित हो जाएगा, जिससे जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया आसान हो जाएगी.एक तरह से सही कदम रहा है और है. जनवरी से रिफंड पाने के लिए सिर्फ आधार ओटीपी के जरिए ही क्लेम दर्ज किए जाएंगे। यह सुनिश्चित करेगा कि व्यापारी एक वास्तविक व्यक्ति है जिसे पैसा वापस मिल रहा है।

नगर निगम चुनाव में आप का प्रदर्शन, राघव चड्ढा जीत को लेकर बोले- तस्वीर अभी बाकि है

डिजिटल डेस्क : चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव के नतीजे आ चुके हैं और सभी पार्टियों को हैरान कर दिया है. नगर निगम के पास 35 सीटें हैं और आम आदमी पार्टी (आप) 14 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। इन परिणामों को महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इससे पंजाब चुनाव के समीकरण को समझने में मदद मिलेगी। वहीं एपीओ नतीजों से डगमगाते नजर आ रहे हैं और उनके नेताओं का कहना है कि चंडीगढ़ मखौल है, पंजाब की तस्वीर अभी बाकी है. “लोगों ने ईमानदार राजनीति को चुना है,” उन्होंने कहा।

आप नेता राघव चड्ढा ने दिल्ली में कहा, “मैं आप और अरविंद केजरीवाल की ओर से चंडीगढ़ के लोगों को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने हमारी जैसी छोटी और ईमानदार पार्टी को इतना प्यार और विश्वास दिया, जिसने यहां पहली बार चुनाव लड़ा। ” चंडीगढ़ साइलेंट ड्रामा है, पंजाब में अभी भी एक तस्वीर बाकी है। आज चंडीगढ़ की जनता ने भ्रष्ट राजनीति को खारिज करते हुए आप की ईमानदार राजनीति को चुना है। आप सभी विजयी उम्मीदवारों और सभी कर्मचारियों को बहुत-बहुत बधाई। अब पंजाब बदलाव के लिए तैयार है।

महापौर का पद अटका हुआ है

वहीं चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी भले ही सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी हो, लेकिन उसके लिए आगे की राह मुश्किल है। दरअसल, AAP ने 35 में से 14 सीटें जीती थीं, लेकिन मेयर पद के लिए 18 पार्षदों की जरूरत थी। इस तरह आपके पास चार से कम पार्षद हैं। ऐसे में आप ने कहा है कि कांग्रेस और भाजपा को नैतिक आधार पर मेयर चुनने की छूट दी जानी चाहिए। इस बार उन्हें आपत्ति भी नहीं उठानी चाहिए. आप का कहना है कि वह सबसे बड़ी टीम बनकर उभरी है। इस चुनाव के माध्यम से लोगों ने दिखाया है कि वे भाजपा-कांग्रेस के साथ नहीं हैं।

बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने वापस लिया ‘हिंदू धर्म में वापसी’ के बयान

बता दें कि नगर निगम के चुनाव हर पांच साल में होते हैं। इस चुनाव में भाजपा, कांग्रेस और आप के बीच त्रिपक्षीय प्रतिद्वंद्विता है। पिछले चुनाव में बीजेपी ने 20 और अकाली दल ने एक सीट जीती थी. वहीं, कांग्रेस ने चार सीटों पर जीत हासिल की। भाजपा ने पिछले पांच वर्षों में अपनी उपलब्धियों के आधार पर चुनाव लड़ा, जब कांग्रेस और आप ने विकास कार्य करने में विफल रहने के लिए भाजपा पर निशाना साधा और शहर को एक ‘पारदर्शी सर्वेक्षण’ (स्वच्छता के लिए एक रैंकिंग) से नीचे रखा। जाने की आलोचना की।

बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने वापस लिया ‘हिंदू धर्म में वापसी’ के बयान

बेंगलुरू: भारतीय जनता पार्टी के सांसद तेजस्वी सूर्या ने सोमवार को हिंदू धर्म से अन्य धर्मों में हिंदू पुनरुत्थान और “कभी-कभी भारत के इतिहास में” के लिए अपनी टिप्पणी को “बिना शर्त वापस ले लिया”। धर्मांतरितों को हिंदू धर्म में परिवर्तित करने पर चर्चा हुई। तेजस्वी सूर्या का वीडियो वायरल हुआ और विवाद खड़ा हो गया, जिसके बाद उन्होंने आज ट्वीट कर अपने बयान को वापस लेने की घोषणा की। उनका यह बयान ऐसे समय आया है, जब पिछले हफ्ते से अभद्र भाषा के मुद्दे पर तीखी बहस छिड़ी हुई है।

बीजेपी सांसद ने आज अपने ट्वीट में लिखा, “मैंने दो दिन पहले उडुपी के श्रीकृष्ण मठ में आयोजित एक समारोह में ‘हिंद रिवाइवल इन इंडिया’ के बारे में बात की थी. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मेरे भाषण के दौरान की गई कुछ टिप्पणियां विवादास्पद हो गई हैं, इसलिए मैं बिना किसी शर्त के अपना बयान वापस ले रहा हूं।

बता दें कि शनिवार को कर्नाटक भाजपा नेता ने कहा कि जिन्होंने अपने ‘मातृ धर्म’ को त्याग दिया है, उन्हें पहले वापस लाया जाना चाहिए। और इस अराजकता का एकमात्र समाधान संभव है। उन्होंने कहा, ‘हिंदू अपने मातृ धर्म से दूर हो गए हैं। केवल एक ही विकल्प है। भारत के इतिहास में जिन लोगों ने सामाजिक-आर्थिक या राजनीतिक कारणों से अपनी मां का धर्म छोड़ दिया है, उन्हें मां के धर्म हिंदू धर्म में वापस लाया जाना चाहिए।

तेजस्वी सूर्या ने अपने बयान में आगे कहा कि मठों और मंदिरों को एक वार्षिक लक्ष्य दिया जाना चाहिए, जहां हिंदू धर्म छोड़ने वालों को वापस दिया जाए.यह टिप्पणी बेंगलुरु दक्षिण के एक भाजपा सांसद द्वारा की गई थी, जब पिछले सप्ताह कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के उग्र विरोध के बीच धर्मांतरण विरोधी विधेयक पारित किया गया था।

टिकैत ने कहा- “मैं पंजाब के किसान नेताओं के लिए प्रचार नहीं करूंगा

पिछले हफ्ते उत्तराखंड के हरिद्वार स्थित धर्म संसद में भी अभद्र भाषा का मामला उठाया गया था। इसमें हत्या और हमले के लिए उकसाने जैसे बयान शामिल हैं। इस मौके पर बीजेपी सांसद अश्विनी उपाध्याय भी मौजूद थे और पता चला कि इसमें ‘भगवा संविधान’ की कॉपी बांटी गई थी.

टिकैत ने कहा- “मैं पंजाब के किसान नेताओं के लिए प्रचार नहीं करूंगा

 डिजिटल डेस्क : पंजाब विधानसभा चुनाव में किसान नेताओं बलबीर सिंह राजेवाल और हरमीत सिंह कादियान के लड़ने की घोषणा के बाद, भारतीय किसान संघ (बीकेयू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि यह पंजाब के किसान नेताओं का व्यक्तिगत निर्णय था। इसका संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) से कोई लेना-देना नहीं है और यह पंजाब में चुनाव लड़ने वाले किसान नेताओं के लिए प्रचार नहीं करेगा।

शनिवार को पंजाब के 22 किसान संगठनों ने एक राजनीतिक मोर्चा बनाया और घोषणा की कि वे आगामी राज्य विधानसभा चुनाव “राजनीतिक बदलाव” के लिए लड़ेंगे। ये 22 किसान संगठन पंजाब के उन 32 किसान संगठनों में शामिल हैं, जो तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल से अधिक समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे टिकैत

हालांकि कानून के खिलाफ किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रही एसकेएम ने साफ कर दिया है कि वह विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रही है। किसान नेता हरमीत सिंह कादियान ने कहा कि अगले साल की शुरुआत में पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए एक संयुक्त समाज मोर्चा का गठन किया गया था और भारतीय किसान संघ के बलबीर सिंह राजेवाल (राजेवाल) समाज मोर्चा के नेता होंगे।

हालांकि राकेश टिकैत ने बीकेयू के चुनाव लड़ने की संभावना के बारे में विस्तार से नहीं बताया, लेकिन उन्होंने कहा, “वह कोई चुनाव नहीं लड़ेंगे या पार्टी नहीं बनाएंगे।” उन्होंने कहा कि उनके परिवार से कोई भी चुनाव नहीं लड़ेगा। उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों में बीकेयू की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि आचार संहिता लागू होते ही वह भविष्य की रणनीति का खुलासा करेंगे।

अगले चुनाव में बीकेयू अपने उम्मीदवार उतारेगा

गौरतलब है कि बीकेयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने जुलाई में मुजफ्फरनगर के सिसौली में कहा था, ”सभी राजनीतिक दलों को देखिए. जब उनकी सरकार आती है तो वे किसानों की नहीं सुनते। इसलिए बीकेयू अगले विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारेगी। किसान उम्मीदवारों को टिकट दिया जाएगा।

समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हाल ही में एक समाचार चैनल से बातचीत के दौरान राकेश टिकैत को सपा के साथ आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने इनकार कर दिया। . हम आपको बता दें कि राकेश टिकैत का पोस्टर मेरठ अखिलेश यादव और प्रदेश लोक दल अध्यक्ष जयंत चौधरी के साथ चिपका दिया गया था, जिसे बाद में बीकेयू के विरोध के चलते हटा दिया गया था.

राकेश टिकैत ने 2007 के चुनाव में भारतीय किसान दल से खतौली विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था, लेकिन वह अपनी जमानत भी नहीं बचा सके। उन्होंने 2014 में राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के टिकट पर अमरोहा संसदीय सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन फिर हार गए।

कर्नाटक: ‘नेतृत्व परिवर्तन का भाषण झूठा है, राज्य सरकार और भाजपा के बीच अच्छा समन्वय’: सीएम बोमई 

कर्नाटक: ‘नेतृत्व परिवर्तन का भाषण झूठा है, राज्य सरकार और भाजपा के बीच अच्छा समन्वय’: सीएम बोमई 

डिजिटल डेस्क : कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोमई ने सोमवार को कहा कि राज्य सरकार और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच समन्वय है और राज्य के नेतृत्व में “बदलाव” की अटकलों को मीडिया द्वारा बनाया गया मनगढ़ंत करार दिया। मुख्यमंत्री क्रमशः 28 और 29 दिसंबर को हुबली में भाजपा राज्य कोर कमेटी और कार्यकारी बैठक में संभावित चर्चा के बारे में मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे, जहां पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के मौजूद रहने की उम्मीद है। संभावनाएं हैं।

बैठक के दौरान संभावित बदलाव और कैबिनेट फेरबदल के बारे में पूछे जाने पर बोमई ने कहा, ‘मुझे नहीं पता, देखिए…आप (मीडिया) ने ये सभी अटकलें लगाई हैं। आप खुद खबर बनाते हैं और अपने सवाल खुद पूछते हैं। राजनीति क्या है? हम चर्चा कर रहे हैं?” कहने की जरूरत नहीं है, उस मामले में क्या चर्चा करनी है, हम उसी के अनुसार चर्चा करेंगे। यह पार्टी का आंतरिक मामला है।

प्रशासन और टीम के बीच समन्वय

उसने उससे कहा, तुम जो कुछ भी पूछ रहे हो। वे पार्टी आलाकमान को जानते हैं और वे देख रहे हैं। कोई दिक्कत नहीं है। प्रशासन और पार्टी के बीच तालमेल है। हम आने वाले दिनों में बेहतर कार्यक्रम लाना चाहते हैं और हम अपने कार्यों और कार्यक्रमों के बल पर 2023 के चुनाव का जनता के सामने एकजुट होकर सामना करेंगे, जो पार्टी के खारिज करने पर भी कमजोर नहीं हो रहा है।

विधानसभा चुनाव में बेलागवी निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा की हार के बाद रमेश जारकीहोली जैसे पार्टी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने के बारे में एक सवाल के जवाब में, बोमई ने बस इतना कहा, “पार्टी आलाकमान को मामले की जानकारी है।” व्यापार विरोध और सरकार द्वारा लगाए गए नए साल के प्रतिबंधों के बारे में एक सवाल के जवाब में, बोमई ने कहा, “हमें स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से कुछ निर्णय लेने थे। जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था बढ़ती है, हम भी व्यापार करना चाहते हैं।”

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