कहा जाता है कि एक विवाहित महिला का जीवन तभी पूर्ण होता है, जब वो मां बनती है. इसलिए हर कोई अपने जीवन में संतान सुख जरूर प्राप्त करना चाहता है. लेकिन आजकल खराब लाइफस्टाइल के चलते कम उम्र पर ही ऐसी समस्याएं होने लगी हैं जिनके कारण तमाम लोगों को मेडिकल चैलेंजेस का सामना करना पड़ता है. इसके कारण कई बार संतान प्राप्ति में देरी होती है, वहीं कुछ लोग संतान सुख से वंचित रह जाते हैं.
कई बार संतान सुख प्राप्त न होने के पीछे हमारे ग्रह नक्षत्र भी जिम्मेदार होते हैं. अगर आपके साथ भी ऐसा कुछ है और आप इस मामले में काफी परेशान हो चुके हैं तो अब कुछ ज्योतिषीय उपाय आजमाकर देख सकते हैं. हो सकता है कि इनके प्रभाव से आपकी कामना पूरी हो जाए.
आकड़े की जड़
अगर शादी के कई साल बीत चुके हैं और बच्चे नहीं हो पा रहे हैं तो मासिक धर्म के सातवें दिन सफेद आकड़े की जड़ लेकर शिवलिंग के ऊपर से सात बार घुमाएं. इसके बाद इसे लाल कपड़े में लपेटकर कमर पर बांध लें. इससे कुछ ही समय में महिला का गर्भ ठहर जाता है.
चांदी की बांसुरी
अगर बार बार गर्भधारण के बाद किसी कारण से संतान खराब हो जाती है, तो गर्भ धारण के बाद चांदी की एक बांसुरी लेकर पति-पत्नी दोनों मिलकर गुरुवार के दिन राधा-कृष्ण को अर्पित करें. इससे संतान पर आए विघ्न दूर होते हैं और गर्भपात का खतरा नहीं रहता है.
लाल गाय की सेवा
अगर महिला में कोई कमी है जिसके कारण संतान सुख नहीं मिल पा रहा है, तो लाल रंग की गाय और बछड़े की नियमित रूप से सेवा करनी चाहिए. साथ ही भूरे रंग का कुत्ता घर में पालना चाहिए.
काल सर्प योग या पितृ दोष
कई बार काल सर्प योग या पितृ दोष के कारण भी संतान सुख प्राप्त नहीं होता है. ऐसे में काल सर्प दोष दूर करने के लिए पति-पत्नी दोनों को रामेश्वरम् की यात्रा करनी चाहिए और वहां जाकर काल सर्प पूजन करवाना चाहिए. वहीं पितृ दोष होने पर पीपल का पौधा लगाकर उसकी सेवा करनी चाहिए.
गोमती चक्र
बार बार गर्भपात होने की समस्या है तो शुक्रवार के दिन गोमती चक्र लाल वस्त्र में बांधकर गर्भवती महिला की कमर पर बांध दें. इस उपाय को करने से गर्भपात रुक जाता है.
Chanakya Niti : स्त्रियों गुण और अवगुणों को लेकर क्या कहती है चाणक्य नीति, जानिए यहां !आचार्य चाणक्य समाज के निर्माण में स्त्रियों की भूमिका को सबसे ज्यादा खास मानते थे, लेकिन उन्होंने कुछ ऐसे अवगुणों का भी जिक्र किया है, जो अगर किसी स्त्री में उत्पन्न हो जाएं, तो सब कुछ समाप्त हो जाता है.
आचार्य का मानना था समाज के निर्माण में स्त्रियों की भूमिका बहुत खास होती है. शिक्षित और ज्ञान से पूर्ण स्त्रियां एक बेहतर समाज का निर्माण करती हैं. इसलिए स्त्रियों की शिक्षा बहुत जरूरी है.
आचार्य का मानना था कि पुरुष के साथ-साथ एक स्त्री की भी आस्था धर्म-कर्म के प्रति जरूरी है. परिवार के बच्चे सबसे ज्यादा परिवार की स्त्रियों के साथ ही अपना समय गुजारते हैं. ऐसे में अध्यात्मिक स्त्री बच्चों को भी अच्छे संस्कार देगी, जिससे अच्छे समाज का निर्माण होगा. साथ ही ऐसी स्त्रियां कभी धोखा नहीं देती हैं.
आचार्य चाणक्य ने स्त्रियों के लिए अंहकार को बेहद खतरनाक बताया है. आचार्य के अनुसार जब एक स्त्री में अहंकार आता है तो उससे मां सरस्वती और लक्ष्मी दोनों रूठ जाती हैं. ऐसे में उसकी मति भ्रष्ट हो जाती है और परिवार की सुख-समृद्धि धीरे-धीरे नष्ट होने लगती है.
चाणक्य के अनुसार जिन स्त्रियों में लालच की भावना आ जाती है, उनके घर की सुख शांति भंग हो जाती है. ऐसे परिवार के लोगों का जीवन तनावपूर्ण बना रहता है. तनाव व्यक्ति की बुद्धि को प्रभावित करता है और इससे पूरे परिवार की तरक्की बाधित होती है.
स्त्री कभी दूसरे व्यक्ति के आश्रित नहीं छोड़ना चाहिए. ऐसा करने पर उसके चरित्र में दोष आ सकता है. इसलिए स्त्री की रक्षा उसी तरह करनी चाहिए जिस तरह आप अपने घर की तिजोरी की रक्षा करते हैं. स्त्री के मामले में कभी किसी पर यकीन न करें.
2021 के अलविदा कहने में अब बस कुछ घंटे ही बचे हैं. ऐसे में हर किसी को अब बस यही उम्मीद है कि 2022 में जीवन में सब कुछ मंगल ही हो. ऐसे में नए साल 2022 के आगमन का काउंटडाउन जहां शुरू हो चुका है, तो लोगों के बीच नई ऊर्जा और उत्साह का रूप भी खूब देखने को मिल रहा है. ऐसे में अगर आप भी 2022 में सब चीजों को बेहत चाहते हैं तो कुछ वास्तु टिप्स को अपनाना होगा.
वास्तु शास्त्र के अनुसार, आने वाले नए साल के शुरू होने से पहले घर में कुछ ऐसी चीजें ले आएं जो कि बहुत ही शुभ मानी जाती हैं और जिनके कारण से घर में खुशहाली और सुख-समृद्धि की वृद्धि होती है और नकारात्मक की जगह सकारात्मकता आती है.
मोर पंख
भगवान श्रीकृष्ण का पंख बहुत प्रिय है, ऐसे में अगर घर में मोर का पंख रखा जाता है तो वहां मां लक्ष्मी का वास हमेशा होता है. अगर आप अपने नए साल में जीवन में सुख समृद्धि चाहते हैं तो घर में मोर के पंख को रखें.
तुलसी का पौधा
तुलसी का पौधा सनातन धर्म में सबसे ज्यादा पवित्र माना जाता है. हमेशा से माना जाता है कि जिस घर में तुलसी का हरा-भरा पौधा मौजूद होता है वहां कभी भी किसी चीज की कनी नहीं होती है और घर धन धान्य से भरा रहता है. ऐसे में अगर आपके घर में तुलसी नहीं हैं या सूख गई हैं तो इस साल तुलसी के पौधे को घर में लाएं.
ठोस चांदी का हाथी
नया साल शुरू होने से पहले आप घर में चांदी का हाथी लेकर आए. ज्योतिष के अनुसार चांदी के हाथी का चमत्कारिक प्रभाव होता है. इसको रखने से राहु और केतु का बुरा प्रभाव समाप्त होता है और व्यापार तथा नौकरी में उन्नति मिलती है.
धातु का कछुआ
नए साल से पहले आप अपने घर में एक धातु का कछुआ लेकर आएं. अक्सर लोगग मिट्टी या लकड़ी का छोटा सा कछुआ लाकर घर में कहीं भी रख देते हैं जो ठीक नहीं होता है. आप चांदी, पीतल या कांसे की धातु से बना कछुआ घर में रखें ये शुभ होता है. इसे उत्तर दिशा में रखने से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और मां लक्ष्मी की कृपा होती है.
लाफिंग बुद्धा
नए साल के शुभ अवसर पर आप लाफिंग बुद्धा को भी घर में लेकर आप आ सकते हैं. जब लाफिंग बुद्धा को लाएं तो इसे हमेशा उत्तर-पूर्व दिशा की ओर रखें. इससे घर में इसे रखने से धन की कभी कमी नहीं रहती है.
लघु नारियल
लघु नारियलों को आप घर लेकर आएं और इसको कपड़े में लपेटकर तिजोरी में रख दें और फिर इसको दिवाली के दूसरे दिन निकालें और किसी नदी या तालाब में विसर्जित कर दें. अगर आप ऐसा करते हैं तो मां लक्ष्मी लंबे समय तक आपके घर में निवास करती हैं. विसर्जित करने के बाद दूसरा नारियल तिजोरी में रख सकते हैं.
आज का राशिफल 1 जनवरी 2022 का राशिफल | हिंदू धर्म में पंचांग और ग्रह नक्षत्रों को मानने वाले लोग राशिफल के बारे में भी बहुत अधिक उत्सुक रहते हैं। उनको जानना होता है कि आज का राशिफल कैसा होगा। दैनिक राशिफल हर दिन का घटनाओं का फलित होता है। किस राशि को आज के दिन कुछ खास सावधानी बरतनी होगी और किस राशि के लिए आज का दिन बेहद खास होने वाला है। आज का राशिफल (Daily Horoscope) ग्रह गोचर आधारित होता है। इसके आधार पर जातक के स्वास्थ्य, वैवाहिक जीवन व प्रेम, धन-धान्य और समृद्धि, परिवार एवं व्यवसाय तथा नौकरी से जुड़ी जानकारी होती है।
1 जनवरी 2022 राशिफल: मेष- नए साल के पहले दिन आप जो भी काम शुरू करेंगे वो जरूर सफल होगा. आत्मचिंतन से आप खुद को नकारात्मकता से दूर रखने में सफल रहेंगे। परिवार के सदस्यों के साथ विवाद या विवाद होने की संभावना है। समय पर भोजन और चैन की नींद पर ध्यान दें।
वृष राशिफल- आज साल के पहले दिन आपकी राशि में तनाव के संकेत हैं, इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि व्यर्थ में लड़ाई न करें. प्रतियोगिता आपको थोड़ी परेशान कर सकती है। बेवजह अपनी मानसिक शांति भंग न करें। अपने तनाव को कम करने की कोशिश करें और अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें।
मिथुन- आज साल का पहला दिन आपके लिए काफी फायदेमंद है, जीवनसाथी के सहयोग से आप अपने काम पूरे कर पाएंगे. अपने क्रोध पर नियंत्रण रखें। अचानक धन की प्राप्ति हो सकती है या कोई विशेष लाभ मिल सकता है। आपके दिमाग में नए विचार भी आएंगे। आज आप थोड़े प्रैक्टिकल रहेंगे।
कर्क- साल का पहला दिन आपके हाथों में ढेर सारी खुशियां लेकर आएगा. आज आप अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को नए साल की शुभकामनाएं देंगे। आपके करीबी लोग आपकी सफलता में योगदान देंगे। नौकरीपेशा लोगों को मनचाही नौकरी मिलने की संभावना है। अपना समय व्यर्थ न गवाएं, अपना कीमती समय किसी काम में लगाएं।
सिंह (Leo)- साल की शुरुआत में भाग्य आपका साथ देगा। आपके भाग्य में खुशियों और प्यार की बरसात होगी। आज आप अपने घरेलू जीवन से संतुष्ट रहेंगे। लंबे समय से आप अपने गृहस्थ जीवन के बारे में नहीं सोच रहे थे। आपको यह महसूस किए हुए कितना समय हो गया है कि आपका गृहस्थ जीवन कितना महत्वपूर्ण है।
कन्या- नया साल आपके लिए खुशियों का संदेश लेकर आ रहा है. आज साल का पहला दिन कोई नया काम शुरू करने के योग्य है। अपनों की खुशी के लिए आप दिल से कोशिश करेंगे। परिवार के लिए कुछ नया सामान ले जा सकते हैं। आज आपके मन में कई तरह के विचार आ रहे हैं। बुद्धि से आपको हर कार्य में सफलता मिलेगी।
तुला- आज आपको अलग-अलग जिम्मेदारियां निभानी होंगी. यदि आप मदद के लिए दूसरों पर बहुत अधिक निर्भर हैं, तो आप दुखी हो जाएंगे। किसी भी प्रकार की देरी या भ्रम की स्थिति में धैर्य रखें। आपकी सेहत भी थोड़ी नाजुक रह सकती है। धार्मिक आयोजन सुखद रहेंगे। सावधान रहे।
वृश्चिक- नए साल के पहले दिन कोई निवेश न करें. आज के दिन किसी को पैसा न दें, नहीं तो आपका पैसा रुक सकता है। आज आपका किसी नए काम के प्रति झुकाव महसूस होगा। आज आप अपने करियर को लेकर किसी करियर सलाहकार से मिलने की सोचेंगे।
धनु – आज के दिन यदि आपको सफलता और सफलता नहीं मिलती है तो निराश न होने की सलाह दी जाती है. इस दिन आपको अपने क्रोध पर नियंत्रण रखना चाहिए। सेहत पर ध्यान दें। आज आपको पैसे कमाने के कुछ नए और अच्छे मौके भी मिल सकते हैं।
मकर- नए साल की शुरुआत अच्छी रहेगी. क्रोध पर नियंत्रण जरूरी है। धार्मिक कार्यों या यात्रा और यात्रा के माध्यम से भक्ति प्रकट होगी और मन की अशांति को दूर करेगी। अपने विचारों को सकारात्मक रखें, आने वाले समय में आपको निश्चित रूप से इसका लाभ मिलेगा।
कुंभ- साल की शुरुआत में आपके सभी रुके हुए काम पूरे होंगे, पारिवारिक दृष्टि से आज का दिन आपके लिए फायदेमंद रहेगा. इस दिन पिता से धन की प्राप्ति हो सकती है। किसी करीबी रिश्तेदार से आपके संबंध खराब हो सकते हैं। आज अपने रिश्ते को सुधारने की पूरी कोशिश करें।
मीन- आज का दिन आपके लिए अच्छा रहेगा। साल के पहले दिन चिंताओं के बादल हटने से आप मानसिक हल्कापन महसूस करेंगे। मन में उत्साह का संचार होगा, जिससे आप दिन भर प्रसन्न रहेंगे, शाम को दोस्तों के साथ बाहर जाने का प्लान बना सकते हैं।
जिन पौधों की पत्तियां या डालियां तोड़ने से उसमें से दूध निकलता हो, ऐसे पौधों को गलती से भी अपने घर में नहीं लगाना चाहिए. इन्हें घर में लगाने से घर-परिवार की उन्नति में रुकावट आती है और धन का नुकसान होता है.
नागफनी या अन्य कोई भी कांटेदार पौधा घर के अंदर नहीं लगाना चाहिए. माना जाता है कि इससे घर के अंदर नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है. इससे परिवार के लोगों के बीच आपस में मतभेद पैदा होते हैं, जिनके कारण घर में लड़ाई झगड़े शुरू हो जाते हैं.
पीपल के पेड़ को घर में लगाना धार्मिक दृष्टि से शुभ समझा जाता है क्योंकि इस पेड़ को पूज्यनीय माना जाता है. लेकिन वास्तु के अनुसार घर में या घर के आसपास पीपल का पेड़ लगाना शुभ नहीं होता है. इससे घर में काफी आर्थिक नुकसान होता है. अगर व्यवहारिक दृष्टि से देखें तो पीपल के पेड़ की जड़ें काफी दूर तक फैलती हैं, ऐसे में घर के अंदर या आसपास लगाने से घर की दीवारों को नुकसान पहुंचता है. इसलिए इसे घर के अंदर या आसपास लगाने की मनाही है.
इमली का पेड़ भी घर में या घर के आसपास लगाने की मनाही होती है. इससे घर के सदस्यों को कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ता है. वहीं, घर में लोगों के बीच संबन्धों में खटास आती है और मनमुटाव बना रहता है.
नया साल 2022 का हर कोई बेसब्री से इंतजार कर रहा है. हर किसी को उम्मीद है कि ये आने वाला नया साल जीवन में सुख और समृद्धि को लेकर आएगा. नया साल खास हो इसलिए घर में पूजा पाठ आदि भी करवाई जाती है. लोग अक्सर नये साल की शुरूआत मंदिरों में जा कर करते हैं. नए साल के दिन सभी भगवान को याद करते हैं ताकि फिर पूरे साल ही प्रभु की कृपा बनी रहे, भगवान का आशीर्वाद ले कर किसी भी नये कार्य की शुरूआत करना हमेशा शुभ होता है. ऐसे में नया साल भी इसमें से एक है.
इसके साथ ही आज हम आपको कुछ ऐसे खास उपाय बता रहे हैं जिनको नये साल की शुरूआत में करने से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलेगा. साथ ही नये साल में आपके जीवन में सुख-सुविधाओं और धन-संपदा का आगमन होगा.
1-श्री गणेश की आराधना
हिंदू धर्म में भगवान गणेश की पूजा का विशेष महत्व है, गणपति को प्रथम पूज्य माना जाता है. किसी भी नये कार्य या पूजा की शुरूआत से पहले सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है. ऐसे में नये साल के पहले दिन भगवान गणेश की पूजा करें और उन्हें लाल सिंदूर का टीका लगाकर मोदक और दूर्वा अर्पित करें. कहते हैं कि नए साल पर ऐसा करने से आने वाले साल के सभी विघ्न और बाधाओं का नाश होगा और आपका सौभाग्य जागेगा.
2- यंत्र की पूजा
इस नये साल में मां लक्ष्मी की अगर कृपा चाहते हैं तो इस दिन श्री यंत्र की पूजा जरू करें. इसके बाद इस यंत्र को अपने पूजा घर या तिजोरी में रख दें. माना जाता है कि ऐसा करने सें मां लक्ष्मी प्रसन्न होगी और घर में धन-संपदा का आगमन होता है.
3-दक्षिणाव्रती शंख
दक्षिणाव्रती शंख को बहुत ही शुभ माना जाता है, इसको मां लक्ष्मी का प्रतीक भी माना जाता है. ऐसे में इस नये साल में दक्षिणावर्ती शंख का पूजन अगर आप करते हैं तो मां लक्ष्मी प्रसन्न होगी हैं और मां धन-धान्य का आशीर्वाद प्रदान करती रहेंगी.
4- तुलसी का पौधा
तुलसी का पौधा सनातन धर्म में सबसे ज्यादा पवित्र माना जाता है. हमेशा से माना जाता है कि जिस घर में तुलसी का हरा-भरा पौधा मौजूद होता है वहां कभी भी किसी चीज की कनी नहीं होती है और घर धन धान्य से भरा रहता. इसके साथ ही तुलसी के पेड़ की मिट्टी में सिक्का दबाने से घर में धन-धान्य की कोई कमी नहीं रहती है.
5- कमल का फूल
इस नये साल पर मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए पूजन में माता रानी को पांच कमल के फूल और सुंगधित ईत्र अर्पित करें. ऐसा करने से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद जरूर मिलता है.
नोट- यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.
शनि गोचर 2022: नए साल की शुरुआत में शनि मकर राशि में विराजमान होंगे और 29 अप्रैल 2022 को राशि परिवर्तन करेंगे। शनि की राशि बदलने में करीब ढाई साल का समय लगता है। ज्योतिष की दृष्टि से शनि का राशि परिवर्तन बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। क्योंकि यह सभी राशियों के लोगों को प्रभावित करता है। 5 जून 2022 को शनि वक्री होकर विपरीत क्रिया करते हुए अपनी पूर्व राशि मकर में गोचर करने लगेगा। 17 जनवरी तक शनि इसी राशि में रहेगा। जानिए 2022 में शनि किस राशि में होगा और किस राशि पर शनि सफेद रहेगा।
शनि साढ़े साती 2022: साल की शुरुआत से अप्रैल तक धनु, मकर और कुंभ राशि शनि सती रहेगी। फिर 29 अप्रैल को जब शनि अपनी राशि बदलेगा तो धनु राशि के जातक शनि की साढ़े साती से मुक्त हो जाएंगे, इस महाद्वीप की शुरुआत मीन राशि से होगी। इसके अलावा शनि मकर और कुंभ राशि पर साढ़े तीन रहेगा। उसके बाद 12 जुलाई से 17 जनवरी 2023 तक शनि मकर राशि में गोचर करेगा। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि शनि वक्री है। इस समय मीन राशि के लोगों को शनिदेव सती से मुक्ति मिलेगी। लेकिन धनु राशि में जन्म लेने वाले लोग फिर से शनि चरण में पड़ेंगे।
शनि ढैया 2022: साल की शुरुआत से 29 अप्रैल तक शनि ढैया मिथुन और कपास की जन्म राशि पर रहेगा। फिर 29 अप्रैल को जब शनि कुंभ राशि में प्रवेश करेगा तो कर्क और वृश्चिक राशि का जन्म शुरू हो जाएगा। इस समय मिथुन और तुला राशि के जातक इससे मुक्त रहेंगे। फिर 12 जुलाई 2022 से 17 जनवरी 2023 तक शनि के मकर राशि में लौटने से मिथुन और कपास फिर से शनि के कब्जे में रहेंगे। इस समय कर्क और वृश्चिक राशि में जन्म लेने वालों को शनि से थोड़ी राहत मिलेगी।
कोलकाता : धर्म ग्रंथों के अनुसार, प्रदोष व्रत में भगवान शिव-पार्वती की पूजा करने से सुख-समृद्धि बढ़ती है और मनोकामना भी पूरी होती है। साल के आखिरी दिन बन रहे शुक्र प्रदोष के संयोग से सौभाग्य और मनोकामना पूरी होती है। शुक्र प्रदोष पर शिव-पार्वती की पूजा और व्रत करने से दांपत्य जीवन में खुशहाली बनी रहती है। आगे जानिए इस दिन कैसे करें व्रत व अन्य खास बातें…
प्रदोष व्रत का महत्व
स्कंदपुराण में इस व्रत के बारे में लिखा गया है कि इस व्रत को किसी भी उम्र का व्यक्ति रख सकता है और इस व्रत को दो तरह से रखे जाने का प्रावधान है। कुछ लोग इस व्रत को सूर्योदय के साथ ही शुरू कर के सूर्यास्त तक रखते हैं और शाम को भगवान शिव की पूजा के बाद शाम को अपना व्रत खोल लेते हैं, तो वहीं कुछ लोग इस दिन 24 घंटे व्रत को रखते हैं और रात में जागरण करके भगवान शिव की पूजा करते हैं और अगले दिन व्रत खोलते हैं।
शुक्र प्रदोष महत्व
शिवपुराण के अनुसार प्रदोष व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। वार के अनुसार अलग-अलग दिन त्रयोदशी तिथि का संयोग बनने पर उसके फल का महत्व भी बदल जाता है। शुक्रवार को त्रयोदशी तिथि होने से शुक्र प्रदोष का योग बनता है। इस संयोग में भगवान शिव की पूजा और व्रत करने से हर तरह की परेशानियां दूर हो जाती है। शुक्रवार को प्रदोष व्रत रखने से नौकरी और बिजनेस में सफलता मिलती है। इस दिन व्रत और शिव-पार्वती पूजा से समृद्धि आती है। सौभाग्य और दांपत्य जीवन में भी सुख बढ़ता है।
इस विधि से करें व्रत और पूजा
– शुक्र प्रदोष की सुबह पूजा प्रारम्भ करने से पहले पूजा स्थान पर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके आसन ग्रहण करें। फिर पूजा के लिए भगवान शिव की तस्वीर या प्रतिमा एक चौकी पर स्थापित कर दें।
– अब गंगा जल से भगवान शिव का अभिषेक करें। भांग, धतूरा, सफेद चंदन, फल, फूल, अक्षत (चावल) गाय का दूध, धूप आदि चढ़ाएं। पूजा के दौरान पूजा सामग्री उनको अर्पित करते समय ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करें।
– शाम को फिर से स्नान करके इसी तरह शिवजी की पूजा करें। भगवान शिव को घी और शक्कर मिले जौ के सत्तू का भोग लगाएं। आठ दीपक आठ दिशाओं में जलाएं।
– इसके बाद शिवजी की आरती करें। रात में जागरण करें और शिवजी के मंत्रों का जाप करें। इस तरह व्रत व पूजा करने से व्रती (व्रत करने वाला) की हर इच्छा पूरी हो सकती है।
सुप्रभात 1 जनवरी 2022 का पंचांग तिथि हिंदी: ज्योतिष शास्त्र में पंचांग का बहुत महत्व है । पंचांग ज्योतिष के पांच अंगों का मेल है। जिसमें तिथि,वार, करण,योग और नक्षत्र का जिक्र होता है। इसकी मदद से हम दिन के हर बेला के शुभ और अशुभ समय का पता लगाते हैं। उसके आधार पर अपने खास कर्मों को इंगित करते हैं। साल 2022 की शुरूआत आज से हो रही है। एक नया उत्साह और उमंग लेकर शनिवार से 1 जनवरी 2022 की शुरुआत हो रही है। मतलब आज 1 जनवरी शनिवार (Saturday) का दिन है। पौष (Paush) की कृष्ण पक्ष त्रयोदशी 07:17 AM तक उसके बाद चतुर्दशी 03:41 AM, 2 जनवरी तक है। सूर्य धनु राशि पर योग-गण्ड, करण- विष्टि और शकुनि पौष मास है, आज का दिन बहुत ही शुभ फलदायक है। देखिए आज का पंचांग…
आज 1 जनवरी का पंचांग हिन्दू मास एवं वर्ष शक सम्वत- 1943 प्लव विक्रम सम्वत- 2078 आज की तिथि तिथि-त्रयोदशी 07:17 AM तक उसके बाद चतुर्दशी 03:41 AM, 02 जनवरी तक आज का नक्षत्र-ज्येष्ठा 07:18 PM तक उसके बाद मूल आज का करण- विष्टि और शकुनि आज का पक्ष- कृष्ण पक्ष आज का योग-गण्ड आज का वार- शनिवार आज सूर्योदय- सूर्यास्त का समय (Sun Time) सूर्योदय-7:12 AM सूर्यास्त-5:48 PM आज चंद्रोदय-चंद्रास्त का समय ( Moon Time) चन्द्रोदय-5:24 AM चन्द्रास्त-4:21 PM सूर्य -सूर्य धनु राशि पर है आज चन्द्रमा की राशि (Moon Sign)
चन्द्रमा- 07:17 PM तक चन्द्रमा वृश्चिक फिर धनु राशि पर संचार करेगा । दिन -शनिवार माह- पौष व्रत- मास शिवरात्रि आज का शुभ मुहूर्त (Today Auspicious Time) अभिजीत मुहूर्त-12:09 PM से 12:51 PM अमृत काल- 11:31 AM से 12:55 PM ब्रह्म मुहूर्त – 05:36 AM से 06:24 AM आज का शुभ योग (Aaj Ka Shubh Yoga) सर्वार्थ सिद्धि योग-नहीं है रवि पुष्य योग -नहीं है अमृतसिद्धि योग- 11:31 AM से 12:56 PM त्रिपुष्कर योग- नहीं है द्विपुष्कर योग-नहीं है अभिजीत मुहूर्त-12:09 PM से 12:51 PM आज का अशुभ समय( Today Bad Time) राहु काल-09:51 AM से 11:10 AM तक कालवेला / अर्द्धयाम-14:29 से 15:11 तक दुष्टमुहूर्त- 08:37 AM से 09:19 AM भद्रा- 10:04 PM से 06:44 AM, 01जनवरी 2022 यमगण्ड-1:49 PM से 3:09 PM गुलिक काल-7:12 AM से 8:31 AM गंडमूल-नहीं है
मेरठ : मेरठ निवासी एक व्यक्ति ने अपनी पांच माह की गर्भवती बेटी का निकाह धोखे से पीपली खेड़ा के एक युवक से कर दिया। निकाह के दो दिन बाद ही युवक को पता चल गया कि उसकी पत्नी गर्भवती है। इस पर उसने ससुराल में विरोध दर्ज कराया, लेकिन ससुराल वाले अब उससे 10 लाख रुपये की मांग कर रहे हैं। पीड़ित ने एसएसपी को शिकायत करते हुए न्याय की गुहार लगाई है। खरखौदा क्षेत्र के गांव पीपली खेड़ा निवासी सलमान ने बताया कि मेरठ निवासी कुछ लोग 20 दिसंबर को उसके पिता इजरायल के पास आए। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी विवाह योग्य है और वह अपनी बेटी का निकाह पीड़ित सलमान के साथ करना चाहते हैं। पिता की सहमति के बाद 25 दिसंबर को दोनों का निकाह हो गया। पीड़ित का आरोप है कि 26 दिसंबर की रात विवाहिता के पेट में दर्द हुआ तो उसकी मां ने नेशनल कैपिटल रीजन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में उसकी जांच कराई। महिला चिकित्सक ने जांच कर उसके गर्भ में दो भ्रूण पलने की पुष्टि की। इसके बाद विवाहिता का अल्ट्रासाउंड करवाया गया, जिसमें विवाहिता 17 सप्ताह की गर्भवती मिली। आरोप है कि पीड़ित पक्ष ने ससुराल पक्ष से शिकायत की तो उन्होंने फैसले के नाम पर 10 लाख रुपये की मांग की। इस मामले में पीड़ित ने एसएसपी से शिकायत करते हुए न्याय की गुहार लगाई है।
धौलपुरः आधुनिकता इतनी हावी हो गई हे कि सभी अब रिश्तों की हदों को भी पार कर रहे हैं। दरअसल, राजस्थान के धौलपुर जिले में रिश्तों को दरकने की कहानी सामने आई हैं। यहां ममेरे भाई-बहन ही एक-दूसरे को दिल दे बैठे। दोनों का प्यार इतना परवान चढ़ा कि लड़की अपने माता-पिता को छोड़कर अपने प्रेमी ममेरे भाई के पास भाग कर आ गई, जब परिजन दोनों को मनाने के लिए आये तो बीच चौराहे इतना बड़ा हंगामा हो गया कि पुलिस को बुलाना पड़ा। दरअसल, अलवर जिले की रहने वाली 16 वर्षीय एक नाबालिग 25 दिसंबर 2021 को प्रेम प्रसंग के चलते परिजनों को बिना बताए अपने प्रेमी ममेरे भाई के पास भाग कर धौलपुर आ गई थी। परिजनों को मामले की खबर लगने पर सभी लोग गुरुवार को धौलपुर पहुंचे। उन्होंने दोनों को शहर के मोदी तिराहे पर पकड़ लिया गया।
समझाइस के दौरान जब परिजन लड़की को ले जाने लगे तो लड़का और लड़की ने जोरदार हंगामा खड़ा कर दिया। शहर के बीचों-बीच हंगामा होते देख लोगों की भीड़ जुट गई। मामले की सूचना स्थानीय लोगों द्वारा पुलिस को दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर लड़का-लड़की को परिजनों सहित निहालगंज पुलिस थाने ले आई। जहां लड़की के परिजनों ने पुलिस को पूरी जानकारी से अवगत कराया। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए लड़के को पाबंद किया और लड़की को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया। बाल कल्याण समिति ने लड़की को चाइल्ड लाइन केयर सेंटर भेज दिया है।
न्यूयॉर्क: एक अमेरिकी महिला के उड़ान के दौरान फ्लाइट में कोरोना पोजिटिव पाए जाने के बाद उसे तीन घंटे के लिए फ्लाइट के बाथरूम में क्वारंटीन कर दिया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, महिला फ्लाइट में सवार होकर शिकागो से आइसलैंड जा रही थीं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, मिशिगन की एक शिक्षिका मारिसा फोटियो ने बताया कि 19 दिसंबर को यात्रा के दौरान उन्हें बीच रास्ते गले में दर्द होने लगा, जिसके बाद उसने फ्लाइट के बाथरूम में जाकर रेपिड कोविड टेस्ट किया, जिसमें वो पॉजिटिव पाई गईं। फोटियो ने बताया कि उसने उड़ान से पहले दो पीसीआर टेस्ट और करीब पांच रैपिड टेस्ट किए थे, जिनकी सबकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी, लेकिन फ्लाइट में करीब डेढ़ घंटे बाद फोटियो को गले में खराश होने लगी।
टेस्ट करने से…
साथ ही फोटियो ने बताया, ‘गले में दर्द होने पर मेरा दिमाग ठनका और मैंने सोचा, ठीक है, मैं बस टेस्ट करने जा रही हूं। इससे मुझे बेहतर महसूस होगा, लेकिन टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई।’ फोटियो ने पूरी तरह से वेक्सीनेटेड हैं, और बूस्टर डोज भी लगवा हुआ है। वह लगातार टेस्ट करती रहती हैं, क्योंकि वह ऐसी आबादी के साथ काम करती हैं जिन्हें वैक्सीन नहीं लगी हुई है। जब प्लेन में उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई तो वह थोड़ा घबराने लगीं।
मैं अपने लिए नर्वस थी…
फोटियो ने कहा, “मैंने सबसे पहले इस बारे में फ्लाइट अटेंडेंट रॉकी को बताया, मैं रो रही थी। मैं अपने परिवार के लिए नर्वस थी, जिसके साथ मैंने हाल ही डिनर किया था। मैं प्लेन में अन्य लोगों के लिए नर्वस थी। मैं अपने लिए नर्वस थी।’ फ्लाइट अटेंडेंट ने उन्हें शांत कराया। जब विमान उतरा, तो फोटियो और उसका परिवार को प्लेन से सबसे आखिरी में उतारा गया। हालांकि, उनके भाई और पिता में कोई लक्षण नहीं थे, इसलिए उन्हें अपनी कनेक्टिंग फ्लाइट से स्विट्जरलैंड जाने के लिए इजाजत दे दी गई। उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट पर फोटियो का फिर से रैपिड और पीसीआर टेस्ट किया गया, उसमें भी वह संक्रमित पाई गईं। फिर उसे एक होटल में भेज दिया गया, जहां उन्हें 10 दिनों के लिए क्वारंटीन किया गया है।
नई दिल्ली : दक्षिण अफ्रीका…एक ऐसा देश जहां पर ओमिक्रॉन की सबसे पहले पुष्टि हुई थी। इसके बाद यह संक्रमण दुनियाभर में तेजी से फैला। अब आलम यह है कि ज्यादातर देश संक्रमण से जूझ रहे हैं और नई-नई पाबंदिया लागू कर रहे हैं। ऐसे में दक्षिण अफ्रीका ने महज 50 दिन में ही ओमिक्रॉन पर काबू पा लिया है। गुरुवार को दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने कहा कि उसने ओमिक्रॉन की लहर को पार कर लिया है। इस दौरान मौतों के आंकड़ों में भी कोई बड़ा उछाल देखने को नहीं मिला। इसके साथ ही दक्षिण अफ्रीका ने नाइट कर्फ्यू को भी तत्काल प्रभाव से हटा लिया है और अन्य तरह की पाबंदियों को भी हटाना शुरू कर दिया है। ऐसे में दक्षिण अफ्रीका ने दुनियाभर के देशों को उम्मीद की किरण दिखाई है।
एक दिन में आए थे 23 हजार से ज्यादा संक्रमित
नवंबर के शुरुआती सप्ताह में बोत्सवाना और दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रॉन का पहला मामला सामने आया था। इसके बाद इसका संक्रमण बहुत ही तेजी से फैला। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के मुताबिक, दक्षिण अफ्रीका दिसंबर के मध्य तक एक दिन में औसतन 23 हजार से ज्यादा मामलों ने यहां संक्रमण को चरम पर पहुंचा दिया। यहां पर कोरोना के 95 प्रतिशत नमूनों में ओमिक्रॉन की पुष्टि हो रही थी।
अचानक बढ़े और फिर गिरने लगे मामले
दक्षिण अफ्रीकी चिकित्सा अनुसंधान परिषद के फरीद अब्दुल्ला ने कहा कि ओमिक्रॉन संक्रमण चौंकाने वाला है। क्योंकि, इसका संक्रमण शुरुआती चार सप्ताह में चरम पर रहा और आखिरी दो सप्ताह में इसमें अचानक से गिरावट देखी गई। इसके साथ ही ओमिक्रॉन वैरिंएट से मौतों के आंकड़ों में भी कोई ज्यादा उछाल नहीं देखा गया।
दो सप्ताह से नीचे आई संक्रमण दर
दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रॉन के मामले तेजी से बढ़ने के बाद संक्रमण 30 प्रतिशत तक नीचे गिर गया। इस समय एक दिन में औसतन 11, 500 मामले सामने आ रहे हैं। आंकड़ों से पता चलता है कि एक दो प्रांत छोड़कर सभी प्रांतों में संक्रमण दर घट गई है वहीं अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में भी गिरावट दर्ज की गई है।
कड़े नियमों ने रोका संक्रमण
ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों के बीच दक्षिण अफ्रीका ने कड़ा अनुशासन दिखाया। यहां पर देर रात से सुबह चार बजे तक नाइट कर्फ्यू लगाया गया, वहीं सार्वजनिक सभाओं को भी प्रतिबंध के दायरे में लाया गया। शराब की दुकानों को भी रात 11 बजे के बाद खोलने पर मनाही लगा दी गई थी। इसके साथ ही दक्षिण अफ्रीका ने टीकाकरण पर जोर दिया, जिससे लोगों की प्रतिरक्षा मजबूत हो सके और संक्रमण पर रोक लगाई जा सके।
जलियांवाला बाग से भी भयानक! इतिहास में क्यों हुआ मानगढ़ का उपेक्षित जनसंहार जनवरी में दिखेगा असर
वाशिंगटन विश्वविद्यालय के अली मोकदाद ने कहा कि जनवरी में कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट का असली असर दिखाई देगा। हो सकता है कि जनवरी में मामले तेजी से बढ़ें और फिर तेजी से गिरें, इसके साथ ही यह भी आंशका जताई जा रही है कि संक्रमण का प्रसार बहुत ही ज्यादा हो सकता है। हालांकि, विशेषज्ञों ने उम्मीद जताई है कि पिछले साल कोरोना की तुलना अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या कम रहेगी।
डिजिटल डेस्क : जब हम इतिहास कहते हैं, तो हम आमतौर पर वर्ष-तिथि या राजाओं के उत्थान और पतन की सूखी जानकारी के बारे में सोचते हैं। लेकिन जिसे अंग्रेजी में ‘बीटवीन द लाइन्स’ कहते हैं वह इंसान की जीत की मशाल है। हमारे स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास इस बात का भी गवाह है कि इस देश के अनगिनत आम लोग, जिन्होंने वर्षों तक शक्तिशाली ब्रिटिश सम्राट की बेड़ियों के बाद भी अंत तक संघर्ष किया, कुटिल काटने से भी युद्ध के मैदान से नहीं हटाया जा सका शोषण का। फिर भी वो इतिहास जो हमारी आंखों के सामने पढ़ा जाता है? इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि इतिहास के कई उज्ज्वल अध्यायों के पीछे बहुत सारी गुमनामी छिपी है। क्या आपने मानगढ़ का नाम सुना है? शायद नहीं। जलियांवाला बाग हत्याकांड की भयावहता ने हमें कम उम्र से ही अंग्रेजों के क्रूर शोषक चेहरे पर नजर डाली। लेकिन ‘मानगढ़ नरसंहार’ और भी भयावह है। जो जलियांवाला बाग से छह साल पहले हुआ था। लेकिन यह इतिहास के पारंपरिक तरीके से फिट नहीं हुआ।
यह आश्चर्यजनक विपरीतता क्यों? राजस्थान और गुजरात के बीच अरावली पर्वत के सनुदेश में हुए सबसे क्रूर नरसंहार के बाद इतिहास ने इस अध्याय से मुंह क्यों मोड़ लिया है? वह बाद में आएगा। आइए इस प्रतीत होने वाले काले इतिहास पर करीब से नज़र डालें। जंगल में हुए नरसंहार में अंग्रेज अकेले खलनायक नहीं हैं। देशी राजाओं ने भी उनसे हाथ मिलाया। उनका निशाना प्राचीन भारत की आदिम जनजाति वील समुदाय के लोग थे। उनका ‘अपराध’ यह था कि वे एक होने लगे। और इतिहास उस शासक की हताश तलवार का गवाह है जब उसके खिलाफ चल रहे अत्याचार के खिलाफ आम लोग एकजुट होकर खड़े होते हैं।
लेकिन किसने कभी सोचा था कि घूंघट इतना व्यवस्थित हो सकता है? उनकी नियति जंगल में शिकार करना या चरना है। नहीं तो जमींदारों और समाज के प्रभावशाली लोगों की गुलामी। समाज के उच्च वर्गों की दृष्टि में अधिक आवंटन नहीं था। इस बीच, 1900 के सूखे में, भील लगभग विलुप्त हो गए थे। नतीजतन, जितना अधिक आप खुदाई करते हैं, उतना ही आपको बैठने को मिलता है। विशेष रूप से राजस्थान के दो मूल राज्यों बांसवाड़ा और शांतारामपुर में स्थिति सबसे खराब थी। जान बचाने के लिए चोरी, डकैती और डकैती के रास्ते पर जाते समय स्थानीय शराब में डूब गए।
खाई के किनारे पर झुके हुए लुप्तप्राय पहियों के सामने एक नायक खड़ा था। भारत के दिल से निकले वीर का नाम गोविंदा गिरी है। उनकी किस्मत ने भी उन्हें एक औसत विलेन की तरह जिंदगी दी। लेकिन बंधी हुई गुलामी उसकी नियति नहीं थी। उन्होंने आम मेहनतकश लोगों के मन में क्रांति की आग जलाई। अधिकारों को समझने की तीव्र मांग में वह क्षेत्र के सभी गिद्धों को एकजुट कर रहा था। जमींदार समझ गए कि अगर वे ऐसे ही चलते रहे तो देखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। खेती बंद करने के लिए एकत्र हुए। सत्ताधारी अंग्रेज़ों से हाथ मिला कर षडयंत्र की कहानी धीरे-धीरे रची गई।
इस बीच, नवंबर 1913 सामने आया। अक्टूबर में गोविंदा गिरि और उनके अनुयायी जयपुर से साढ़े पांच सौ किलोमीटर दूर मानगढ़ पहुंचे। वे अरावली के सनुदेश में, बांसवाड़ा और शांतारामपुर के पास घने जंगलों में बस गए। धीरे-धीरे अफवाहें फैल गईं कि गोविंदा गिरि वहां सभी को दो देशी राज्यों के राजा और ब्रिटिश शासकों के खिलाफ एकजुट कर रहे थे। शायद वह एक स्वतंत्र राज्य का निर्माण करेगा। स्वाभाविक रूप से, गलती के कारण, राजा अंग्रेजों के पास पहुंचे। ब्रिटिश राजनीतिक एजेंट श्री हैमिल्टन ने उस कॉल का जवाब दिया।
17 नवंबर, 1913। वह दिन कार्तिक पूर्णिमा है। भीलों के कल्याण के लिए घने जंगल में एक विशाल यज्ञ का आयोजन किया गया। और अंग्रेजी सेनापतियों ने नरसंहार का आयोजन किया। भारी मशीनगनों से लेकर तोपों तक, सब कुछ उपलब्ध कराया गया था। तभी थोड़ी ही देर में फायरिंग शुरू हो गई। बिल्कुल एक और जलियांवाला बाग। उसकी आंखों के सामने मासूम आत्माएं गिरने लगीं। सैकड़ों। यह ज्ञात है कि कुल लाखों लोग वहां एकत्र हुए थे। उस दिन गोलाबारी और तोपखाने की आग से डेढ़ हजार लोगों की जान चली गई थी। बहुत से लोग जान बचा कर भागे और पहाड़ से गिर पड़े।
जल्द ही गोविंदा गिरी और उनके कई अनुयायियों को गिरफ्तार कर लिया गया। यह आरोप राज्य के खिलाफ साजिश है। 1914 में, गोविंदा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। हालाँकि, उन्हें अंततः 1919 में रिहा कर दिया गया था। लेकिन वह तब तक अपनी मातृभूमि में एक प्रवासी थे। किसी भी देशी राजा ने उसे अपने राज्य में रहने की अनुमति नहीं दी। 1931 में गुजरात में गोविंदा गिरि की मृत्यु हो गई। पराधीन भारत की गोद में, उत्पीड़ित लोगों की स्वतंत्रता के लिए उन्होंने जो संघर्ष किया, वह दबाव में लग रहा था।
लेकिन लगता है मानगढ़ नरसंहार मौत और खौफ के मामले में जलियांवाला बाग को पीछे छोड़ चुका है. अधिकारी के मुताबिक, जनरल डायर के कहने पर जलियांवाला बाग की घटना में आधिकारिक तौर पर मरने वालों की संख्या 389 थी। हालांकि निजी सूत्रों के मुताबिक यह संख्या 1 हजार से ज्यादा है। जलियांवाला बाग आज भी भारत में अंग्रेजों के शोषण की घिनौनी तस्वीर के रूप में उभर रहा है। लेकिन डेढ़ हजार लोगों के खून से सराबोर जंगलों और पहाड़ों से घिरे मानगढ़ की याद धुंधली सी लगती है.
क्यों? रवींद्रनाथ ने अपने निबंध ‘हिस्ट्री ऑफ इंडिया’ में लिखा है, ‘वास्तविक भारत में बहने वाली जीवन-धारा का विवरण, प्रयास की लहर, जो सामाजिक परिवर्तन हुआ, वह इतिहास में नहीं मिलता है।’ वास्तव में, हमारे इतिहास में एक निश्चित पैटर्न है। कई मामलों में स्वदेशी लोगों के संघर्षों को आश्चर्यजनक रूप से टाला गया है। और इसलिए लगता है कि 108 साल पहले हुआ नरसंहार पहाड़ों की गोद में छिपा हुआ लगता है। जिस तरह 1922 में गुजरात के विजयनगर के पास बरोशो आदिवासियों के नरसंहार की कहानी वर्षों के इतिहास के पीछे छिपी है।
लेकिन रोशनी धीरे-धीरे आ रही है। 1999 में, राजस्थान सरकार ने मानगढ़ में एक शहीद स्मारक बनाया। 2013 में गुजरात प्रशासन ने गोविंद गुरु के पोते मान सिंह को सम्मानित किया। पिछले कुछ वर्षों में, हजारों वील प्रतिनिधि 31 जुलाई को एकत्र हुए हैं। लेकिन इन सभी स्मारकों और स्मारकों के बावजूद, सौ साल पहले की घटनाएं भारत के लोगों के दिमाग में इतनी स्पष्ट नहीं होती हैं। फिर भी कभी-कभी इतिहास के पन्ने फड़फड़ाकर उड़ जाते हैं। मानगढ़ नरसंहार बिजली की तरह वापस आता रहा।
दिवंगत अभिनेता इरफान खान की फिल्म ‘मर्डर एट तिसरी मंजिल 302’ 14 साल बाद जी5 पर रिलीज हुई है। 20 महीने बाद इरफान खान को पर्दे पर देखकर दर्शकों को राहत मिलेगी। इस फिल्म का निर्देशन नवनीत बाज सैनी ने किया है। इस थ्रिलर फिल्म की कहानी एक बिजनेसमैन की है जिसकी पत्नी लापता है। फिल्म में रणबीर शोर ने एक बिजनेसमैन की भूमिका निभाई है। तेजिंदर सिंह (लकी अली) अभिषेक (रणबीर शोर) की पत्नी को खोजने का प्रभारी है।
फिल्म विश्लेषण
इस क्राइम थ्रिलर फिल्म में कई ऐसे ट्विस्ट एंड टर्न्स हैं, जिनसे दर्शक अंदाजा लगाते हैं कि माया का अपहरण कर लिया गया है या उसकी हत्या कर दी गई है या किसी बड़ी साजिश का हिस्सा है। फिल्म में इरफान शेखर उर्फ चांद की भूमिका निभा रहे हैं, जो किसी तरह साजिश में शामिल है। इस फिल्म का स्क्रीनप्ले कमजोर है लेकिन फिर भी दर्शकों को बांधे रखता है। फिल्म परत दर परत खुलती है। स्क्रीनप्ले में किरदार ठीक से नहीं लिखे गए हैं। इनके अलावा, फिल्म में पुलिस द्वारा किए गए चुटकुले अनावश्यक लगते हैं और स्क्रीन पर निराशा व्यक्त करते हैं।
फिल्म में इरफान खान का वन लाइनर आपको पसंद आएगा। उन्होंने अपने किरदार को बखूबी पेश किया है। हालांकि दीपाल का इरफान के साथ रोमांस इतना असरदार नहीं लगता। दीपाल के किरदार को लिखने में कई गलतियां हैं। कभी-कभी उनका अभिनय समाप्त हो जाता है। लकी अली न तो देखने में मजाकिया हैं और न ही पुलिस की तरह।
रॉबी वालिया की सिनेमैटोग्राफी बेहतरीन है, जिसमें थाईलैंड के लोकेशन शामिल हैं। तस्वीर के गाने याद नहीं रहेंगे। यह 126 मिनट की फिल्म है जो बेवजह नहीं खींची गई है। ‘मर्डर एट तिसरी मंजिल 302’ आपको इरफान खान की याद में डुबो देता है लेकिन यह ऐसी फिल्म नहीं है जिसे आप याद रखना चाहते हैं। इसके बजाय आप ‘द लंचबॉक्स’, ‘पीकू’, ‘मकबूल’ जैसी फिल्में देख सकते हैं।
आपको देखना होगा क्यों
अगर आप इरफान खान के फैन हैं तो यह फिल्म देख सकते हैं। फिल्म न देखने के कई कारण हैं। फिल्म देखने के बाद आपको गाने याद नहीं होंगे। इसके अलावा लेखक ने किरदारों को ठीक से नहीं लिखा, जिससे पर्दे पर उनकी एक्टिंग कमजोर नजर आई। फिल्म का क्लाइमेक्स भी सामान्य है, इसमें कुछ भी नया नहीं है जो आपको हैरान कर देगा।
GST Council Meeting: GST काउंसिल की 46वीं अहम बैठक आज दिल्ली में हुई. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैठक में लिए गए फैसले के बारे में मीडिया को बताया। उन्होंने कहा कि आज की बैठक में कपड़े पर जीएसटी को 5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी करने का फैसला वापस ले लिया गया है. ऐसे में नए साल में कपड़ों की कोई कीमत नहीं होगी।
जीएसटी परिषद, माल और सेवा कर (जीएसटी) नीति-निर्माता, ने कई राज्यों की आपत्तियों के बाद कपड़ा उत्पादों पर शुल्क को पांच प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने के निर्णय के कार्यान्वयन को निलंबित कर दिया है। . केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई जीएसटी परिषद की 46वीं बैठक में कपड़ा उत्पादों की दरें बढ़ाने के फैसले पर चर्चा हुई। सितंबर में, इसे पांच प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया था और इसे 1 जनवरी, 2022 से प्रभावी होना था।
कई राज्यों ने इसका विरोध किया
गुजरात सहित कई राज्यों ने इस फैसले का विरोध करते हुए कहा कि इससे आम आदमी और कारीगरों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। जीएसटी काउंसिल में भी इसी मुद्दे पर चर्चा हुई है। बैठक के बाद आंध्र प्रदेश के वित्त मंत्री बुगना राजेंद्रनाथ रेड्डी ने संवाददाताओं से कहा कि कपड़ा उत्पादों पर 12 फीसदी जीएसटी लगाने का फैसला कई राज्यों की आपत्तियों के जवाब में लिया गया है.
कपड़ों पर टैक्स को लेकर कोई स्पष्टता नहीं
रेड्डी के मुताबिक, बैठक में कई राज्यों को बताना पड़ा कि गारमेंट्स, अपैरल और टेक्सटाइल उत्पादों पर जीएसटी लागू होने पर कोई स्पष्टता नहीं है। नायलॉन और सूती धागों के अलावा मानव निर्मित और प्राकृतिक धागों पर लागू दरों के बारे में भी स्पष्टता का अभाव है। रेड्डी ने कहा, “ऐसी परिस्थितियों में, आंध्र प्रदेश सहित कई राज्य परिषदों को कपड़ा उत्पादों पर जीएसटी को 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने और इसे 1 जनवरी, 2022 से लागू नहीं करने के अपने फैसले को वापस लेने के लिए कहा गया है।”
बुनाई उद्योग पीड़ित था
वर्तमान में मानव निर्मित फाइबर पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है, जबकि इससे बने धागे पर 12 प्रतिशत और कपड़े पर 5 प्रतिशत कर लगता है। रेड्डी ने कहा कि जीएसटी परिषद को बुनकरों पर प्रभाव के व्यवस्थित अध्ययन के बाद कपड़ों पर जीएसटी बढ़ाने पर निर्णय लेने के लिए कहा गया था।
डिजिटल डेस्क : राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने संसदीय स्थायी समिति की बैठक में उनकी उपस्थिति पर रिपोर्ट मांगी है। मामले से वाकिफ लोगों के मुताबिक राज्यसभा सचिवालय को रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है. कुछ सांसदों ने नायडू से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि इन बैठकों में नियमित रूप से शामिल होने के लिए विशेष भत्ता दिया जाता है. इसके तहत इन सभाओं और रैलियों में आने वाले सांसदों के हवाई टिकट का 25 प्रतिशत वहन किया जाता है।
इसके अलावा, सांसदों को संसदीय समितियों और हाउस पैनल की बैठकों में भाग लेने के लिए 2,000 रुपये का दैनिक भत्ता मिलता है। राज्यसभा के अध्यक्ष ने सचिवालय को बताया कि रिपोर्ट का मकसद बैठक में सांसदों की उपस्थिति बढ़ाना था, न कि इसकी समीक्षा करना. गौरतलब है कि 22 दिसंबर को संसद का शीतकालीन सत्र समाप्त होने के बाद राज्यसभा में मौजूद सांसदों और अध्यक्ष के बीच संसदीय समिति में सांसदों की कम उपस्थिति को लेकर चर्चा हुई थी.
21 दिसंबर को इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी
21 दिसंबर को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और सदन की 16 स्थायी समितियों के अध्यक्षों के बीच हुई बैठक में भी इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी। कुछ नेताओं ने सुझाव दिया कि सभी बैठकों के लिए कोरम या न्यूनतम 10 (एक पैनल का एक तिहाई) सदस्यों की उपस्थिति अनिवार्य नहीं होनी चाहिए। कम से कम तीन अध्यक्षों ने सुझाव दिया कि रिपोर्ट तैयार करने या प्राप्त करने के लिए कोरम की आवश्यकता है।
तीन साल में उपस्थिति में काफी सुधार हुआ : नायडू
बैठक में मौजूद एक विधायक ने तर्क दिया कि कोरम की कमी के कारण गवाहों को अक्सर बिना बयान के वापस लौटने के लिए मजबूर किया जाता है। संबंधित बाधाओं से बचा जा सकता है। नायडू ने नेताओं से कहा कि वह राज्यसभा की आठ समितियों की बैठकों में उपस्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं. उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में उपस्थिति में काफी सुधार हुआ है।
डिजिटल डेस्क : बाइडेन और पुतिन फोन कॉल्स: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गुरुवार को अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन को चेतावनी दी कि अगर रूस आगे सैन्य कार्रवाई करता है तो अमेरिका यूक्रेन पर नए प्रतिबंध लगा सकता है। दोनों देशों के बीच। दोनों नेताओं ने यूक्रेन में बढ़ते रूसी सैन्य हस्तक्षेप के बारे में करीब एक घंटे तक खुलकर बात की।
पुतिन के विदेश मामलों के सलाहकार यूरी शाकोव ने कहा कि अतिरिक्त अमेरिकी प्रतिबंध “गंभीर परिणामों के साथ एक बड़ी गलती होगी।” शाकोव ने मास्को में संवाददाताओं से बिडेन और पुतिन के बीच फोन पर हुई बातचीत के बारे में बताया। प्रदान की गई जानकारी (बिडेन पुतिन फोन कॉल)। उन्होंने कहा कि पुतिन ने बिडेन से कहा था कि अगर अमेरिकी सीमा के पास आक्रामक हथियार तैनात किए गए तो रूस संयुक्त राज्य अमेरिका की तरह काम करेगा।
व्हाइट हाउस ने क्या कहा?
वहीं, व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने फोन कॉल के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। उन्होंने कहा कि नेता इस बात पर सहमत हैं कि ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां दोनों पक्ष सार्थक प्रगति कर सकते हैं, लेकिन ऐसे मतभेद भी हैं जिन्हें सुलझाना असंभव हो सकता है (बिडेन पुतिन का फोन कॉल)। व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जेन सैकी ने कहा कि बिडेन ने “रूस से यूक्रेन के साथ तनाव कम करने का आह्वान किया था” और “यह स्पष्ट कर दिया कि संयुक्त राज्य अमेरिका, उसके सहयोगियों और सहयोगियों का यूक्रेन पर रूस के हमले में अंतिम फैसला होगा।”
दिसंबर में एक वीडियो कॉल थी
वार्ता 9 और 10 जनवरी को जिनेवा में वरिष्ठ अमेरिकी और रूसी अधिकारियों के बीच बातचीत से पहले हो रही है, दोनों नेताओं ने 7 दिसंबर के वीडियो कॉल में भी बात की है। जिनेवा वार्ता के बाद, रूस-नाटो परिषद 12 जनवरी को और सुरक्षा और सहयोग संगठन की 13 जनवरी को वियना में बैठक होगी। वार्ता ऐसे समय में हो रही है जब यूक्रेन में रूसी आक्रमण का खतरा बढ़ रहा है।
डिजिटल डेस्क : भारत में पिछले कुछ दिनों से कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं. इससे सरकार की चिंता बढ़ गई है। वहीं, आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भारत में कोरोना वायरस के ओमाइक्रोन वेरिएंट ने डेल्टा वेरिएंट की जगह लेना शुरू कर दिया है। भारत में कोरोना की दूसरी लहर के पीछे डेल्टा वेरिएंट था। साथ ही दुनिया में डेल्टा वेरियंट की वजह से मामलों की संख्या में इजाफा हुआ है। साथ ही, ओमाइक्रोन संस्करण के तेजी से प्रसार को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं।
वहीं, भारत में ओमाइक्रोन वेरिएंट के 309 नए मामले सामने आए हैं। तब से, ओमिक्रॉन संस्करण से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 1,270 हो गई है। वहीं, पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 6,764 नए मामले सामने आए हैं और 220 मरीजों की मौत हुई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि ओमाइक्रोन के अब तक 1,270 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 374 ठीक हो चुके हैं या देश छोड़ चुके हैं। भारत में ओमिक्रॉन के 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से, महाराष्ट्र में सबसे अधिक 450 मामले हैं। तब से अब तक दिल्ली में 320, केरल में 109 और गुजरात में 97 मामले सामने आ चुके हैं।
64 दिनों के बाद रोजाना कोरोना अटैक का आंकड़ा 16,000 के पार हो गया है
आंकड़ों के मुताबिक करीब 64 दिनों के बाद कोविड-19 के दैनिक मामलों ने 16,000 का आंकड़ा पार कर लिया है, जिससे भारत में कोविड-19 के कुल मामलों की संख्या 3,48,38,804 हो गई है। वहीं, सक्रिय मामलों की संख्या 91,361 हो गई है। भारत में एक ही दिन में 16,794 नए संक्रमण हुए, जिससे मरने वालों की संख्या 420 से बढ़कर 4,81,080 हो गई। 27 अक्टूबर को 24 घंटे में कोरोना वायरस के 16,158 नए मामले सामने आए।
मंत्रालय के अनुसार, सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 91,361 हो गई है, जो संक्रमण के कुल मामलों का 0.26 प्रतिशत है। कोविड -19 से राष्ट्रीय वसूली दर 98.36 प्रतिशत दर्ज की गई। देश में कोविड-19 के सक्रिय मामलों की संख्या 24 घंटे में बढ़कर 8,959 हो गई है। आंकड़ों के मुताबिक रोजाना संक्रमण की दर 1.34 फीसदी दर्ज की गई, जो 88 दिनों से दो फीसदी से भी कम है. साप्ताहिक संक्रमण दर 0.89 प्रतिशत है, जो 47 दिनों के लिए एक प्रतिशत से भी कम है। बीमारी से ठीक होने वालों की संख्या बढ़कर 3,42,66,363 हो गई और मृत्यु दर 1.38 प्रतिशत हो गई।
डिजिटल डेस्क : देश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ अभद्र भाषा का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। याचिका जमीयत उलमा-ए-हिंद और मौलाना सैयद महमूद असद मदनी ने दायर की थी। याचिका में देश भर में हाल के भड़काऊ भाषणों का हवाला देते हुए मामले की जांच के लिए एक निष्पक्ष समिति के गठन की मांग की गई है।
याचिकाकर्ताओं ने ‘अभद्र भाषा’ की अदालत की निगरानी में जांच की मांग की। इतना ही नहीं, याचिका में पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ किए गए अभद्र भाषा के खिलाफ राज्यों द्वारा उठाए गए कदमों पर केंद्र सरकार को रिपोर्ट देने की भी मांग की गई है। याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका में पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ की गई कई अपमानजनक टिप्पणियों का हवाला दिया।
‘भड़काऊ बोलने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं’
याचिका में कहा गया है कि 2016 के बाद से देश भर में कई लोगों ने मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हिंसा भड़काने की टिप्पणी की है, लेकिन ऐसे लोगों के खिलाफ कभी कोई कार्रवाई नहीं की गई. याचिकाकर्ताओं ने डासना मंदिर के पुजारी स्वामी यति नरसिंहानंद सरस्वती की भड़काऊ टिप्पणी, जंतर मंतर पर भड़काऊ नारे, गुरुग्राम में प्रार्थना पर विवाद और त्रिपुरा में एक रैली में उठाए गए विवादास्पद नारों का हवाला दिया।
याचिका में यति नरसिम्हा सरस्वती के विरोध में उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा 100 मुसलमानों की गिरफ्तारी का भी उल्लेख है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के 6 वकीलों ने भड़काऊ बयान को लेकर भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना को पत्र लिखा था. वकीलों ने चीफ जस्टिस रमना से विवादित टिप्पणी पर संज्ञान लेने को कहा है। दरअसल, सीजेआई को लिखे पत्र में दिल्ली में (हिंदू युवा बल द्वारा) और हरिद्वार (यति नरसिम्हनंद द्वारा) में 17 और 19 दिसंबर को आयोजित दो अलग-अलग कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला गया है, जहां कुछ ‘मुसलमानों’ ने ‘नरसंहार’ का आह्वान किया था। ‘दिया हुआ है।
मुंबई: महाराष्ट्र में इन दिनों फिर से कोरोना वायरस संक्रमण का ग्राफ बढ़ रहा है. मुंबई (Mumbai Covid 19 Rules) के हालात भी चिंताजनक हैं। मुंबई पुलिस ने शुक्रवार को कोरोना वायरस की बढ़ती स्थिति के मद्देनजर जनता के लिए विशेष निर्देश जारी किया। इसके तहत नए साल से पहले मुंबई में धारा 144 को 15 जनवरी तक के लिए बढ़ा दिया गया है. इसके अलावा शाम 5 बजे से सुबह 5 बजे तक समुद्र तटों, खुले मैदानों, तटीय क्षेत्रों, पार्कों, पार्कों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर लोगों की आवाजाही पर रोक रहेगी. यह नियम हर दिन लागू होगा।
मुंबई पुलिस की ओर से जारी नियमों के मुताबिक पुलिस यह सुनिश्चित करेगी कि कोई उल्लंघन न हो. अधिसूचना में कहा गया है कि शादी समारोह में 50 से अधिक लोगों को इकट्ठा होने की अनुमति नहीं होगी। इसके अलावा किसी भी सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक, धार्मिक कार्यक्रम में 50 लोग ही जुट सकते हैं. अधिक लोगों को प्रवेश करने से रोक दिया जाएगा।
वहीं जनाजा या अंतिम संस्कार में सिर्फ 20 लोग ही शामिल हो सकते हैं. बयान में कहा गया, “इसके अलावा अन्य सभी प्रतिबंध यथावत रहेंगे।” साथ ही ये नए नियम 1 दिसंबर को दोपहर 1 बजे से प्रभावी हो गए हैं। यह 15 जनवरी की मध्यरात्रि 12 बजे तक लागू रहेगा।
जब कोरोनोवायरस संक्रमणों की संख्या की बात आती है, तो मुंबई में हर दिन महाराष्ट्र में आने वाले नए मामलों का एक बड़ा हिस्सा होता है। 30 दिसंबर को जारी आंकड़ों के मुताबिक महाराष्ट्र में कोरोना के 5368 नए मामले सामने आए हैं. मुंबई की हिस्सेदारी करीब 6 फीसदी थी।गुरुवार को महाराष्ट्र में ओमाइक्रोन वैरिएंट के 198 नए मामले सामने आए, जिसमें अकेले मुंबई में 190 मामले शामिल हैं, जिससे राज्य में कोरोना वायरस के इस नए संस्करण से संक्रमित लोगों की संख्या 450 हो गई है।
डिजिटल डेस्क : भारत ने चीन और पाकिस्तान को करारा जवाब देने के लिए चुपके से अपनी परमाणु शक्ति संपन्न सुपर डिस्ट्रॉयर पनडुब्बी लॉन्च कर दी है। यह अरिहंत वर्ग की तीसरी परमाणु पनडुब्बी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इसे 23 नवंबर को विशाखापत्तनम के सीक्रेट शिपबिल्डिंग सेंटर से लॉन्च किया गया था.
जेन्स डिफेंस वीकली के मुताबिक, इस पनडुब्बी का वजन करीब 7,000 टन है, जो अब तक बनी अन्य दो पनडुब्बियों से ज्यादा है। अखबार ने 29 दिसंबर को खबर दी थी कि पनडुब्बी को एक जगह से दूसरी जगह ले जाया गया है. यह पनडुब्बी बैलिस्टिक परमाणु पनडुब्बी अरिहंत वर्ग की तीसरी पनडुब्बी है और इसे S4 कहा जाता है। इससे पहले आईएनएस अरिघाट और आईएनएस अरिहंत को लॉन्च किया गया था।डिफेंस अफेयर्स मैगज़ीन के अनुसार, अरिघाट को नवंबर 2014 में लॉन्च किया गया था और वर्तमान में कमीशन की प्रतीक्षा कर रहा है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसमें COVID-19 महामारी के कारण देरी हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक S4 पनडुब्बी पिछली दो पनडुब्बियों से थोड़ी बड़ी है और इसका वजन करीब 6,000 टन है. पत्रिका ने सैटेलाइट इमेजरी के आधार पर भारत की तीसरी परमाणु पनडुब्बी के लॉन्च की घोषणा की है।
इसमें कहा गया है कि S4 पनडुब्बी 8 मिसाइल लॉन्च ट्यूबों से सुसज्जित थी और 8 K-4 पनडुब्बी लॉन्च की गई बैलिस्टिक मिसाइलों को 3500 किमी की सीमा के साथ ले जा सकती थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि पनडुब्बी पर 24 K-15 मिसाइलें भी तैनात की जा सकती हैं। भारत फिलहाल के-4 मिसाइल विकसित कर रहा है और जल्द ही इसका परीक्षण किया जा सकता है।कुछ दिनों पहले भारत ने बालासोर में लंबी दूरी की सुपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया था, जिसे डीआरडीओ और नौसेना ने संयुक्त रूप से विकसित किया था। DRDO की विभिन्न प्रयोगशालाओं ने इस उन्नत मिसाइल प्रणाली के लिए विभिन्न तकनीकों का विकास किया है। यह प्रणाली अगली पीढ़ी की मिसाइल आधारित गतिरोध टारपीडो वितरण प्रणाली है।