Friday, October 10, 2025
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दुल्हन के हाथों में सजी रह गई मेंहदी, निकाह से पहले भागा दूल्हा

काशीराम आवास कॉलोनी में एक दुल्हन अपने हाथों में मेंहदी लगाकर अपने दूल्हे का इंतजार करती रह गई, लेकिन निकाह के कुछ समय पहले ही दूल्हे ने शादी से इनकार कर दिया। दूल्हे के परिवार ने दहेज में छह लाख रुपये की मांग रखी, नहीं मानने पर दूल्हे ने निकाह से इनकार कर दिया। यह सुनकर दुल्हन के पिता की आंखों में आंसू आ गये और जिस घर में शहनाइयां बज रही थीं उस घर में वीराना छा गया।

पेशे से मजदूरी करने वाले पिता बेटी की शादी की पूरी तेयारी कर चुके थे बस बारात आनी थी, लेकिन बारात नहीं आई। शादी की तैयारी चल रही थी दुल्हन के हाथों पर मेहंदी सज चुकी थी, हलवाइयों ने बारातियों के लिये तमाम पकवान भी तैयार कर लिये थे लेकिन लड़के वालों द्वारा अचानक निकाह से इनकार कर देने के कारण सारी खुशियां काफूर हो गईं।

शादी की तैयारियां हो चुकी थीं पूरी 

घटना सिविल लाइंस थाना क्षेत्र इलाके का है। यहां काशीराम आवास कालोनी में रहने वाले एक शख्स ने अपनी तीसरी बेटी का निकाह अपने ही निकट रिश्तेदारी में तय कर दिया था। शादी की सारी तैयारियां पूरी हो चुकी थीं। बारात उझानी के पठान टोला से आनी थी, जब शादी तय हुई थी तो वर पक्ष ने 2 लाख नगद की डिमांड की थी इस पर वधू पक्ष ने उनकी यह डिमांड पूरी भी कर दी थी, अन्य कार्यक्रमों के दौरान दहेज का अन्य सामान भी दे दिया था।

भागा दूल्हा और दुल्हन करता रही इंतजार

शहर के लकी मैरिज लॉन में बारात आनी थी, सारे रिश्तेदार आ चुके थे। इस बीच आज सुबह दूल्हे के पिता अंसार ने लड़की के पिता को फोन किया और कहा कि बारात तब आएगी जब आप छह लाख रुपये कैश और एक बुलेट मोटरसाइकिल देंगे। लोगों ने बताया कि बुलेट की डिमांड पूरी नहीं होने पर दूल्हा घर से भाग गया और हाथों में मेंहदी सजाए दुल्हन उसका इंतजार करता रही।

कुछ भी करो बारात अब नहीं आएगी…..

शादी तय करवाने वाले ने कहा कि जब हमने शादी तय करवाई तो लड़के वालों की डिमांड दो लाख रुपये की थी फिर उन लोगों ने बुलेट मोटरसाइकिल और 6 लाख की और डिमांड कर दी। इनकार करने पर लड़के वालों ने बारात लाने से इनकार कर दिया और लड़के को घर से फरार कर दिया। अब कह रहे हैं कि आप चाहे पुलिस ले आओ या कुछ भी करो बारात अब नहीं आएगी।

वहीं लड़की के पिता का कहना है कि मैंने पहले ही दो लाख रुपये दे दिए थे। शादी की पूरी तैयारियां हो चुकी थीं। उनके कहने पर हमने बैंकट हॉल भी लिया। अब लड़के वालों ने बारात लाने से मना कर दिया। कह रहे हैं कि लड़का घर से भाग गया। हम गरीब आदमी हैं हम तो किसी लायक नहीं बचे। हमारी पूरी बिरादरी में बेज्जती हो गई। अब हमने भी तय कर लिया है कि हम अपनी बेटी की शादी उस घर में नहीं करेंगे।

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एच-1बी वीज़ा पर ट्रंप के आदेश के बाद इमिग्रेशन कंपनियों में खलबली

राष्ट्रपति ट्रंप ने एच-1बी वीजा धारकों को बड़ा झटका दिया है। ट्रंप ने एच-1बी से जुड़े एक ऐसे अध्यादेश पर हस्ताक्षर किया है। जिसमें यह वीजा रखने वालों को अमेरिका में तभी प्रवेश मिल सकेगा, जब उन्होंने करीब 1 लाख डॉलर या 88 लाख रुपये इसके लिए अतिरिक्त फीस जमा की हो। ट्रंप के इस आदेश के बाद अमेरिकी कंपनियों में भी खलबली मच गई है। ऐसे में अमेरिका के इमिग्रेशन वकीलों और कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को चेतावनी जारी करते कहा कि जो वीज़ा धारक अमेरिका के बाहर हैं। वे तुरंत वापस लौट आएं, नहीं तो 21 सितंबर से लागू होने वाली राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई घोषणा के चलते वे अमेरिका में फंस सकते हैं या फिर उन्हें दोबारा प्रवेश नहीं मिल पाएगा।

भारत पर भी असर

ट्रंप के इस आदेश का भारत जैसे देशों के उन पेशेवरों पर भी असर पड़ेगा जो एच-1बी वीज़ा पर अमेरिका में काम कर रहे हैं। अब वकीलों और कंपनियों ने चेतावनी दी है कि जो एच-1बी वीज़ा धारक या उनके परिवार के सदस्य अगर काम या छुट्टियों के लिए अभी अमेरिका से बाहर हैं तो वे तुरंत अमेरिका लौट आएं नहीं तो वापसी का रास्ता बंद हो सकता है। खासकर भारत में फंसे एच-1बी धारकों के लिए शायद समय निकल चुका है। क्योंकि कोई भी डायरेक्ट फ्लाइट अब समय पर अमेरिका नहीं पहुंच सकती। लेकिन हो सकता है कि कोई व्यक्ति अभी भी किसी तरह कैलिफोर्निया में 21 सितंबर की मध्यरात्रि से पहले पहुंच जाए।

वकीलों और कंपनियों में खलबली

ट्रंप के आदेश से अमेरिका के इमिग्रेशन वकीलों और कंपनियों में हलचल पैदा कर दी है। प्रसिद्ध इमिग्रेशन वकील साइरस मेहता ने ‘एक्स’ पर कहा कि एच1बी वीज़ा धारक जो अभी अमेरिका से बाहर हैं। चाहे व्यवसायिक दौरे पर या छुट्टी पर, अगर 21 सितंबर की मध्यरात्रि से पहले अमेरिका नहीं लौटे। तो वे फंस सकते हैं। माइक्रोसॉफ्ट ने भी अपने एच-1बी कर्मचारियों को चेतावनी दी है। जिसमें कहा गया है कि वे अमेरिका से बाहर न जाएं और अगर बाहर हैं। तो तुरंत लौट आएं। कंपनी ने यह भी कहा कि कर्मचारी अगले आदेश तक अमेरिका में ही रहें ताकि उन्हें वापसी में दिक्कत न हो।

एच-1बी वीज़ा धारक के परिवारों का क्या होगा ?

एच-1बी वीज़ा धारकों के आश्रितों (एच-4 वीज़ा पर अमेरिका में रहने वाले परिवारजन) को भी सलाह दी जा रही है कि वे देश में ही रहें। भले ही राष्ट्रपति की घोषणा में उनके बारे में कुछ स्पष्ट नहीं कहा गया है। कैटो इंस्टीट्यूटके इमिग्रेशन स्टडीज डायरेक्टर डेविड बीयर ने कहा कि भारतीय एच-1बी वर्कर्स ने अमेरिका में अनगिनत योगदान दिए हैं। इनमें सैकड़ों अरब डॉलर टैक्स में, अरबों डॉलर फीस में, और ट्रिलियनों डॉलर सेवाओं में खर्च किए हैं। ये लोग सबसे शांतिप्रिय, बुद्धिमान और दिलचस्प समुदायों में से हैं, लेकिन बदले में उन्हें क्या मिला ? सिवा बदनामी और भेदभाव के।

21 सितंबर से लागू होगा ट्रंप का यह आदेश

ट्रंप ने शुक्रवार को एक घोषणा-पत्र (proclamation) पर हस्ताक्षर किए हैं। जिसके अनुसार अब “स्पेशलिटी ऑक्युपेशन” में काम कर रहे नॉन-इमिग्रेंट्स को तभी अमेरिका में प्रवेश मिलेगा जब उनकी एच-1बी याचिका के साथ $100,000 की अतिरिक्त फीस जमा की गई हो। यह नया नियम 21 सितंबर 2025 को सुबह 12:01 बजे से लागू हो जाएगा।

भारतीयों ग्रीन कार्ड नहीं देने से डेविड बीयर खफा

कैटो इंस्टीट्यूट के इमिग्रेशन स्टडीज निदेशक डेविड बियर ने कहा कि अमेरिका की कानूनी इमिग्रेशन प्रणाली भारतीयों के खिलाफ हर स्तर पर भेदभाव करती है। दशकों से इन्हें ग्रीन कार्ड नहीं दिया जा रहा, सिर्फ इसलिए कि वे कहां पैदा हुए। इन पर ऐसे नियम लागू होते हैं जो न किसी और पर होते हैं। नियोक्ता को नौकरियों का विज्ञापन दूसरों के लिए देना पड़ता है।

भारी फीस और वकील का खर्च उठाना पड़ता है, नौकरी या लोकेशन बदलना बेहद मुश्किल होता है। उन्होंने कहा कि इनके बच्चे जो छोटे उम्र में अमेरिका आए और अब पूरी तरह अमेरिकी हैं। उन्हें कानून कहता है कि वे 18 साल के बाद देश छोड़ दें या ग्रीन कार्ड की ‘लॉटरी’ जीतें और अगर वे जीत भी गए, तो भी अपने माता-पिता की तरह भेदभाव झेलें।

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आरएसएस नेताओं और शंकराचार्यों से हुई थी यासीन मलिक की मुलाकात

दिल्ली की तिहाड़ जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) प्रमुख और दोषी आतंकवादी यासीन मलिक ने हाल ही में अदालत में दाखिल एक हलफनामे में कई चौंकाने वाले दावे किए हैं। इसमें उसने अपने कथित राजनीतिक, धार्मिक और सुरक्षा एजेंसियों से जुड़ाव का विवरण दिया है। मलिक ने दिल्ली हाई कोर्ट में 25 अगस्त को दाखिल हलफनामे में कहा है कि देश के कई पूर्व प्रधानमंत्रियों, केंद्रीय मंत्रियों, विदेशी राजनयिकों और खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों ने वर्षों तक उनके साथ बातचीत की थी। उसने यहां तक कहा कि दो अलग-अलग मठों के शंकराचार्य कई बार उसके श्रीनगर स्थित घर आए और एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके साथ सार्वजनिक रूप से भी वह दिखाई दिया।

आरएसएस के नेताओं के साथ की बैठक – यासीन मलिक

मलिक का दावा है कि साल 2011 में उसने दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के नेताओं के साथ करीब पांच घंटे लंबी बैठक की थी। यह बैठक सेंटर फॉर डायलॉग एंड रिकॉन्सिलिएशन नामक थिंक टैंक की मदद से हुई थी। उसका कहना है, ”यह सोचने वाली बात है कि इतने गंभीर आरोपों वाले व्यक्ति से दूरी बनाने के बजाय, समाज के प्रभावशाली लोग उससे खुलकर संवाद करते रहे। वाजपेयी सरकार के ‘रमजान युद्धविराम में भूमिका का हलफनामे में मलिक ने यह भी दावा किया है कि वर्ष 2000-01 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा घोषित रमजान सीजफायर में उसकी अहम भूमिका रही।

उसने कहा कि दिल्ली में उसकी मुलाकात अजीत डोभाल से हुई, जिसने उसे उस समय के खुफिया ब्यूरो प्रमुख श्यामल दत्ता और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ब्रजेश मिश्रा से मिलवाया। मलिक का कहना है कि वाजपेयी के करीबी आर.के. मिश्रा ने उसे अपने घर बुलाया और ब्रजेश मिश्रा के साथ नाश्ते पर मुलाकात करवाई। इसके बाद उन्होंने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) नेताओं और यूनाइटेड जिहाद काउंसिल प्रमुख सैयद सलाउद्दीन से संपर्क साधा।

यासीन मलिक ने यह भी कहा कि…….

यासीन मलिक का दावा है कि इसी प्रयास से हुर्रियत नेताओं (अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और अब्दुल गनी लोन) ने युद्धविराम के पक्ष में संयुक्त बयान दिया। यासीन मलिक ने यह भी कहा कि वाजपेयी और तत्कालीन गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी उसके प्रयासों के पक्ष में थे और इसी दौरान उस पहली बार पासपोर्ट मिला। 2001 में जारी हुए इस पासपोर्ट के जरिए वह अमेरिका, ब्रिटेन, सऊदी अरब और पाकिस्तान गया और वहां कश्मीर मुद्दे पर बातचीत के नाम पर अहिंसक लोकतांत्रिक संघर्ष की वकालत की।

मनमोहन सिंह से मुलाकात का दावा – यासीन मलिक

यासीन मलिक ने आगे दावा किया कि फरवरी 2006 में उसे तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने औपचारिक वार्ता के लिए बुलाया। उसके मुताबिक, उस बैठक में मनमोहन सिंह ने कहा था कि भारत कश्मीर मुद्दे के समाधान की गंभीर कोशिश कर रहा है और उन्होंने आश्वासन दिया था कि मैं इस मुद्दे को हल करना चाहता हूं।

यासीन मलिक को फांसी की सजा – एनआईए

गौरतलब है कि 11 अगस्त को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने यासीन मलिक को आतंकी फंडिंग मामले में मृत्युदंड देने की मांग की है। दिल्ली हाईकोर्ट ने यासीन मलिक को चार हफ्तों में जवाब दाखिल करने का समय दिया है। अगली सुनवाई 10 नवंबर को होगी। सरकार का आरोप है कि मलिक अलगाववाद और आतंकवादी गतिविधियों के जरिए भारत की संप्रभुता को चुनौती देता रहा है और पाकिस्तान समर्थित आतंकियों से उसके गहरे संबंध रहे हैं।

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रॉयल एनफील्ड की फ्लिपकार्ट पर एंट्री, अब घर बैठे खरीद सकेंगे बुलेट

देसी टू-व्हीलर कंपनी रॉयल एनफील्ड ने अपने ग्राहकों के लिए फेस्टिव सीजन से पहले गुड न्यूज दी है। दरअसल, अब 22 सितंबर, 2025 से बेंगलुरु, गुरुग्राम, कोलकाता, लखनऊ और मुंबई के ग्राहक अपनी पसंदीदा 350cc बाइकें सीधे फ्लिपकार्ट (Flipkart) से घर बैठे खरीद सकते हैं। इनमें बुलेट 350, क्लासिक 350, हंटर 350, गोअन क्लासिक 350 और नई मेटियोर 350 शामिल हैं। डिलीवरी और आफ्टर-सेल्स सर्विस कंपनी के ऑथोराइज्ड डीलरों के जरिए मैनेज की जाएगी।

क्या कहती है कंपनी

इस ऑनलाइन खरीद में फ्लेक्सिबल पेमेंट ऑप्शंस भी मिलेंगे और पूरे जीएसटी (GST) लाभ का फायदा ग्राहकों को सीधे मिलेगा। डिलीवरी और आफ्टर-सेल्स सर्विस कंपनी के ऑथोराइज्ड डीलरों के जरिए मैनेज की जाएगी। जिससे ग्राहकों को पूरी तरह पर्सनल और भरोसेमंद अनुभव मिलेगा। रॉयल एनफील्ड के एमडी और सीईओ बी. गोवेंद्रन ने कहा कि यह पहल डिजिटल-फर्स्ट ग्राहकों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए की गई है। इससे बाइक खरीदना और भी आसान हो जाएगा।

रॉयल एनफील्ड की पहुंच होगी आसान

रॉयल एनफील्ड की शुरुआत 1901 में हुई थी और 1955 से चेन्नई में मैन्युफैक्चरिंग जारी है। कंपनी की लाइनअप में क्लासिक 650, इंटरसेप्टर 650, हिमालयन 450, स्क्रैम 440 और बुलेट 350 जैसी आइकॉनिक बाइकें शामिल हैं। बता दें कि भारत में कंपनी के 2000 से ज्यादा स्टोर्स हैं और दुनिया भर में 850 से ज्यादा स्टोर्स हैं। अब फ्लिपकार्ट के जरिए यह ब्रांड सीधे ग्राहकों के घर तक पहुंचकर डिजिटल खरीदारी का नया अनुभव दे रहा है।

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चुनाव आयोग का ऐक्शन, 474 राजनीतिक दलों का रजिस्ट्रेशन किया खत्म

चुनाव आयोग ने गैर मान्यता प्राप्त पंजीकृत दलों पर बड़ा ऐक्शन लिया है। चुनाव आयोग ने ऐसी 474 राजनीतिक पार्टियों का रजिस्ट्रेशन समाप्त कर दिया है। इससे पहले अगस्त में भी चुनाव आयोग ने बड़ा ऐक्शन लिया था और 334 दलों का पंजीकरण समाप्त किया गया था। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के मुताबिक किसी भी पंजीकृत दल को चुनावी प्रक्रिया में हिस्सा लेना होता है। यदि वह लगातार 6 साल तक इलेक्शन से दूर रहता है तो उसका पंजीकरण समाप्त हो जाता है। इसी नियम के तहत इलेक्शन कमिशन ने यह कार्रवाई की है। इस तरह अगस्त से लेकर अब तक 808 पार्टियों का पंजीकरण समाप्त किया जा चुका है।

चुनाव आयोग कर रहा कार्रवाई

किसी पंजीकृत राजनीतिक दल को टैक्स छूट समेत कई रियायतें मिलती हैं। लेकिन बीते 6 साल से चुनाव ना लड़ने के बाद भी ऐसी रियायतों का लाभ लेते रहने वाले दलों पर ऐक्शन हुआ है। राजनीतिक दलों के रजिस्ट्रेशन को लेकर जो गाइडलाइंस हैं, उसके मुताबिक यदि कोई दल 6 सालों तक चुनाव नहीं लड़ता है तो फिर उसका पंजीकरण समाप्त किया जा सकता है। 2019 के बाद से ही चुनाव आयोग ऐसे दलों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है, जो चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। इसी के तहत पहले राउंड में 9 अगस्त को ऐक्शन हुआ था और फिर 18 सितंबर को दूसरा ऐक्शन हुआ। इस तरह दो महीने के अंतराल में ही 808 राजनीतिक दलों का पंजीकरण खत्म हुआ है।

चुनाव आयोग के राडार पर और भी राजनीतिक दल

इसके अलावा 359 ऐसे अन्य राजनीतिक दल भी राडार पर हैं, जिन्होंने बीते 6 सालों में चुनाव तो लड़ा है। किंतु बीते तीन सालों से उन्होंने अपनी फाइनेशिंयल ऑडिट की जानकारी नहीं दी है। चुनाव आयोग ने जिन दलों के खिलाफ ऐक्शन लिया है, वे 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के हैं। सबसे ज्यादा 121 दल यूपी से पंजीकृत थे। इसके अलावा बिहार के 15, हरियाणा के 17 और मध्य प्रदेश के 23 दल शामिल हैं, जिनका पंजीकरण खत्म हुआ है। महाराष्ट्र के 44 राजनीतिक दलों का रजिस्ट्रेशन समाप्त हुआ है। पंजाब के 21 दलों का पंजीकरण खत्म हुआ है।

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उदयपुर में मूसलाधार बारिश, हाइवे की सर्विस रोड पर कारें डूबी

स्टेट हेड – सादिक़ अली, राजस्थान। राजस्थान के उदयपुर जिले में एक नए परिसंचरण तंत्र के प्रभाव से बीते 24 घंटे में अति भारी बारिश हुई। मौसम विभाग ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। मौसम विभाग के अनुवार इस नए परिसंचरण तंत्र के कारण बीते 24 घंटे के दौरान राजस्थान के उदयपुर जिले में अतिभारी तथा चित्तौड़गढ़ व प्रतापगढ़ जिलों में भारी बारिश दर्ज की गई।

एमपी में मानसून की सक्रियता का असर

जाते मानूसन में बरसात का यह दौर 12 दिन बाद लौटा है। इससे पहले 6 सितंबर को बरसात हुई थी। मध्य प्रदेश में मानसून की सक्रियता का असर मेवाड़ सहित दक्षिण राजस्थान पर हुआ। सुबह से तीखी धूप और दिन भर आसमान साफ था, लेकिन दोपहर बाद बरसात होने का आभास होने लगा। जिले में शाम होते-होते मौसम पलट गया और कई जगह पर बारिश हुई।

डूबी नजर आई कारें

इसी दौरान राज्य के कुछ अन्य स्थानों पर भी हल्की से मध्यम बारिश हुई। पश्चिमी राजस्थान में मौसम शुष्क रहा। सर्वाधिक 117.0 मिलीमीटर बारिश मावली (उदयपुर) में हुई। शहर के देहलीगेट, बापूबाजार, फतहपुरा, आरके सर्कल, शोभागपुरा, केशवनगर, रूपसागर रोड, आरटीओ रोड आदि क्षेत्रों में तेज बरसात की जानकारी मिली। ट्रांसपोर्ट नगर के पास पेसेफिक यूनिवर्सिटी मेन रोड पर एकाएक भरे पानी से यहां खड़ी कारें डूबी नजर आईं।

22 सितंबर तक इन जिलों में हो सकती है बारिश

चूरू में अधिकतम तापमान 38.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इस तंत्र के प्रभाव से 22 सितंबर तक भरतपुर, कोटा, उदयपुर और जयपुर संभाग के कुछ भागों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। वहीं, पश्चिमी राजस्थान के बीकानेर और जोधपुर संभाग के अधिकांश भागों में आगामी दिनों में मौसम मुख्यतः शुष्क बने रहने की प्रबल संभावना है।

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राहुल गांधी के खुलासे की वजह से परेशान हुआ युवक, बंद करना पड़ा फोन

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर वोट चोरी का आरोप लगाया था। इस दौरान कुछ मोबाइल नंबर भी शेयर किए थे। इनमें से एक नंबर प्रयागराज के रहने वाले अंजनी मिश्रा का है। अंजनी ने अब राहुल गांधी पर गलत तरीके से उनका नंबर दिखाने का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट को फर्जी बताया है। प्रयागराज में यमुनानगर जोन के मेजा निवासी अंजनी मिश्रा ने दावा करते हुए कहा कि राहुल गांधी प्रेस कॉन्फ़्रेंस के दौरान जो एक नंबर दिखाया था वो उनके मोबाइल का नंबर है। उन्होंने कहा कि नंबर दिखाए जाने के बाद अचानक उनके पास बहुत सारे फोन कॉल आ रहे है।

पुलिस में शिकायत करेंगे अंजनी

अंजनी मिश्रा अब इस मामले में पुलिस की मदद लेने का मन बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि वो इसकी शिकायत कर राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। अंजनी ने कहा कि राहुल गांधी उनका मोबाइल नंबर उन लोगों की लिस्ट में शामिल कर दिखाया। जिन्होंने अपना वोट हटवाने के लिए आवेदन दिया है। लेकिन मैंने ऐसा कोई आवेदन नहीं किया। अंजनी ने इस बार पर भी हैरानी जताई कि राहुल गांधी ने उनका फ़ोन नंबर सार्वजनिक क्यों किया, इसके बाद से उन्हें लगातार अनजान लोगों के फोन कॉल आ रहे हैं। जिससे वो काफी परेशान हो गए हैं।

बता दें कि राहुल गांधी ने गुरुवार 18 सितंबर को दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर वोट चारी के सबूत दिखाते हुए दावा किया कि सॉफ़्टवेयर के ज़रिए विपक्ष के वोटरों को टारगेट कर हटाया जा रहा है। हालांकि चुनाव आयोग ने भी इन तमाम आरोपों से इनकार किया है।

राहुल गांधी के आरोपों को बताया ग़लत

एक कॉल करने वाले ने अंजनी को जानकारी दी कि आपका नंबर फर्जी वोटर मामले में वायरल है। जिसके बाद अब वो इस मामले में पुलिस की मदद लेने का मन बना रहे हैं। अंजीनी ने बताया कि वो सेल्स डिपार्टमेंट में काम करते हैं। वो कभी महाराष्ट्र में नहीं रहे हैं। उन्होंने राहुल गांधी पर उनका नंबर गलत तरीके से दिखाए जाने का आरोप लगाया।

अंजनी मिश्रा ने बताया कि उनका फ़ोन नम्बर वायरल होने के बाद उन्हें बहुत सी दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं। वो इस मोबाइल नंबर को पिछले 15 सालों से इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वो कभी महाराष्ट्र नहीं आते-जाते हैं। उन्होंने आरोप लगाया राहुल गांधी द्वारा वहां का वोटर आईडी दिखाकर फर्जी तरीके से पूरी रिपोर्ट पेश की गई है। उनका वोटर आईडी प्रयागराज का है।

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बॉम्बे हाई कोर्ट को दूसरी बार मिली बम से उड़ाने की धमकी, मची अफरा-तफरी

जी हां इस वक्त की बड़ी खबर मुंबई से सामने आ रही है। यहां बॉम्बे हाई कोर्ट को एक बार फिर से बम से उड़ने की धमकी मिली है। वहीं अब दूसरी बार धमकी भरा मेल आने के बाद हाई कोर्ट की सिक्योरिटी बढ़ा दी गई है। पुलिस की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक अभी तक कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला है। यहां से होकर आने जाने वाली सभी गाड़ियों की जांच की जा रही है।

बढ़ाई गई सुरक्षा

मुंबई पुलिस का कहना है कि बॉम्बे हाई कोर्ट को सुबह-सुबह एक धमकी भरा मेल मिला है। सुबह के समय हाई कोर्ट की जांच की गई और कुछ भी नहीं मिला। न्यायालय सामान्य रूप से, नियमित समय पर शुरू हो गया है। कोर्ट के आस पास सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

कोर्ट में कुछ भी नहीं मिला

वहीं धमका भरा मेल प्राप्त होने के बाद मुंबई पुलिस ने हाई कोर्ट परिसर की तलाशी लेनी शुरू कर दी है। पुलिस को अभी तक यहां कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला है। यह दूसरी बार है जब बॉम्बे हाई कोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। हाल ही में ऐसी ही धमकी एक बार और मिली चुकी है। हालांकि पिछली बार भी पूरे हाई कोर्ट को खाली करा लिया गया था, लेकिन कुछ भी नहीं मिला।

पिछले शुक्रवार भी कोर्ट को मिली थी धमकी

बता दें कि इससे पहले पिछले शुक्रवार को भी बॉम्बे हाई कोर्ट को बम की धमकी वाला एक ई-मेल मिला था। हालांकि तलाशी अभियान में कुछ भी संदिग्ध न मिलने पर इसे अफवाह घोषित कर दिया गया। बम की धमकी मिलने के चलते अदालत की कार्यवाही लगभग दो घंटे तक स्थगित रही। ईमेल मिलने के बाद हाई कोर्ट परिसर को खाली करा लिया गया और तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया। इस संबंध में आजाद मैदान पुलिस थाने में संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ईमेल भेजने वाले के ‘आईपी एड्रेस’ और स्थान का पता लगाने की कोशिश कर रही है।

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अपर्णा यादव की मां के खिलाफ एफआईआर, हुए थे जांच के आदेश

विजिलेंस टीम ने पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव की समधन और छोटी बहू अपर्णा यादव की मां अंबी बिष्ट के खिलाफ भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश के मामले में एफआईआर दर्ज की है। अंबी बिष्ट के अलावा एलडीए के पांच तत्कालीन अधिकारियों पर भी केस दर्ज किया गया है। ये मामला जानकीपुरम ज़मीन घोटाले से जुड़ा है। विजिलेंस टीम ने अंबी बिष्ट के अलावा एलडीए (लखनऊ विकास प्राधिकरण) के तत्कालीन अनुभाग अधिकारी वीरेंद्र सिंह, तत्कालीन उप सचिव देवेंद्र सिंह राठौर, तत्कालीन वरिष्ठ कास्ट अकाउंटेंट सुरेश विष्णु महादाणें और तत्कालीन अवर वर्ग सहायक शैलेंद्र कुमार गुप्ता भी नामजद हैं।

जानें क्या है पूरा मामला ?

इन सभी पर जानकीपुरम की प्रियदर्शिनी भूखंड योजना में अनियमितता बरतने का आरोप है। अंबी बिष्ट तब एलडीए की संपत्ति अधिकारी थीं। इस मामले में उनकी भूमिका के पुख्ता प्रमाण मिलने के बाद शासन के आदेश पर ये कार्रवाई की गई है। एफआईआर दर्ज होने के बाद अब उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इस मामले में 23 नवंबर, 2016 को शासन ने भूखंडों के आवंटन में बदलाव कर पंजीकरण में अनियमितता की खुली जांच का आदेश दिया था। इसके तहत लखनऊ विकास प्राधिकरण के तत्कालीन लिपिक मुक्तेश्वर नाथ ओझा की भूमिका की जांच करना था। जांच के दौरान इस मामले में और नाम भी जुड़ते चले गए।

जांच में हुए कई बड़े खुलासे

जांच के दौरान पता चला कि इस पूरी हेराफेरी में तत्कालीन संपत्ति अधिकारी अंबी बिष्ट के साथ अनुभाग अधिकारी वीरेंद्र सिंह, उपसचिव देवेंद्र सिंह राठौर, वरिष्ठ कास्ट अकाउंटेंट एसवी महादाणे और अवर वर्ग सहायक शैलेंद्र कुमार गुप्ता भी शामिल थे। इन सभी पर आरोप हैं कि उन्होंने आपस में मिलीभगत करके जानकीपुरम की प्रियदर्शनी भूखंड योजना में हेराफेरी कर फर्जी दस्तावेज तैयार किए और योजना के नियमों का उल्लंघन कर सरकारी खजाने के नुक़सान पहुंचाया। ये मामला सामने आने के बाद एलडीए के बड़े प्रोजेक्ट की पारदर्शिता पर सवाल उठने लगे थे।

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टैरिफ के बाद ड्रग्स तस्करी को लेकर एक्शन में ट्रंप, अधिकारियों का वीजा रद्द

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से ड्रग तस्करी को लेकर कई देशों को दी गई चेतावनी के बाद अब एक्शन लिया गया है। नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास ने घोषणा की है कि ट्रंप प्रशासन ने कुछ भारतीय अधिकारियों और कॉर्पोरेट नेतृत्व का वीजा रद्द कर दिया है। यूएस दूतावास की ओर से बताया गया कि उन पर फेंटेनाइल प्रीकर्सर (नशीले पदार्थ) की तस्करी में कथित रूप से शामिल होने का आरोप है।

ड्रग्स तस्करी वाले देशों में भारत को किया शामिल

अमेरिका ने एक दिन पहले ही भारत को उन 23 देशों की लिस्ट में शामिल किया, जहां ड्रग्स के अवैध उत्पादन और तस्करी की जाती है। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अवैध नशीली दवाओं और इनके निर्माण में इस्तेमाल केमिकल्स के उत्पादन और तस्करी के जरिए ये देश अमेरिका और उसके नागरिकों की सुरक्षा के समक्ष खतरा पैदा कर रहे हैं। अमेरिका ने कहा कि वह इस संबंध में सभी देशों पर निगरानी रख रहा है।

अमेरिका के लोगों को बचाने के लिए लिया एक्शन

अमेरिकी दूतावास ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि अमेरिका के लोगों को खतरनाक सिंथेटिक नशीले पदार्थों के खतरे से बचाने के लिए कुछ भारतीय कंपनी के अधिकारियों का वीजा रद्द किया गया है। इसमें कहा गया कि इस फैसले के बाद बिजनेस से जुड़े कुछ लोग और उनके परिवार के सदस्य संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा के लिए अयोग्य हो जाएंगे।

गंभीर परिणाम भुगतने होंगे – डोनाल्ड ट्रंप

फेंटेनाइल प्रीकर्सर की तस्करी करने वाली कंपनियों के अधिकारियों को भी दूतावास की ओर से अमेरिका के लिए वीजा आवेदन करते समय चिन्हित किया जाएगा। अमेरिकी दूतावास ने इस नशीले पदार्थों की तस्करी से निपटने में सहयोग के लिए भारत सरकार को धन्यवाद भी दिया। अमेरिकी दूतावास की ओर से कहा गया कि संयुक्त राज्य अमेरिका में मादक पदार्थों के अवैध उत्पादन और तस्करी में शामिल व्यक्तियों, संगठनों और उनके परिजनों को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी देते हुए कहा कि जिन देशों से ये दवाएं निकलती हैं और जिन तक ये पहुंचती हैं। उन्हें अपने दायित्वों को पूरा करना होगा और इन दवाओं की आपूर्ति बंद करनी होगी। अगर ऐसा नहीं किया गया तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

चीन सीक्रेट तरीके से कर रहा स्मगलिंग

हाल ही में अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया था कि चीन सीक्रेट तरीके से तीसरे देशों के माध्यम से केमिकल की स्मगलिंग अमेरिका में कर रहा है। एफबीआई ने चीन पर आरोप लगाया कि चीन की ड्रग्स वाली साजिश बेहद खतरनाक है। साजिश के तहत ड्रग्स के जाल में फंसा कर अमेरिका और दूसरे देशों के युवाओं को तबाह करना है।

50 गुना घातक फेंटेनाइल ड्रग्स

चीन ने ड्रग्स का नेटवर्क पूरी धरती पर फैलाना शुरू कर दिया है। इसके लिए चीन ने हेरोइन से 50 गुना ज्यादा घातक ड्रग्स तैयार की है। जिसे फेंटेनाइल या फिर ‘चायना-व्हाइट’ के नाम से जाना जाता है। एफबीआई ने कहा की चीन ने अपने देश में तो ड्रग्स पर कड़े नियम बनाए हैं, लेकिन दूसरे देशों के युवाओं को नशे की लत लगाने के लिए खास रणनीति तैयार की है। क्योंकि, चीन आज दुनिया में नारकोटिक्स ड्रग्स का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर बन गया है।

वही एफबीआई रिपोर्ट में चीन के अवैध फेंटेनाइल साम्राज्य को उजागर किया गया है। जिसका उद्देश्य अन्य देशों, विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका के युवाओं को तबाह करना है। एफबीआई डायरेक्टर काश पटेल ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी पर तीसरे देशों के माध्यम से गुप्त रूप से केमिकल्स भेजने का आरोप लगाया ताकि किसी तरह की कार्रवाई से बचा जा सके और जानबूझकर अमेरिकी समाज को नुकसान पहुंचाया जा सके।

एफबीआई डायरेक्टर ने मांगी भारत से मदद

एफबीआई निदेशक काश पटेल ने चीन समर्थित इस नेटवर्क को खत्म करने के लिए भारत-अमेरिका के बीच गहन सहयोग का आह्वान किया है। एफबीआई निदेशक काश पटेल ने कहा है कि चीन ड्रग माफिया के इस नेटवर्क को खत्म करने में भारत की भूमिका बेहद अहम है। चीन में तैयार होने वाले फेंटेनाइल के लिए जरूरी रासायनिक कच्चा माल अब भारत जैसे देशों से होकर मैक्सिकन कार्टेल्स तक पहुंच रहे हैं। भारत इसका उपभोक्ता नहीं है, लेकिन अब इसे एक ट्रांजिट रूट के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।

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जयपुर-कोटा नगर निगमों का परिसीमन, वार्डों की संख्या भी घटी

स्टेट हेड – सादिक़ अली, राजस्थान। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय जयपुर शहर में दो नगर निगम बनाए गए थे, जिसके बाद अब राज्य सरकार ने जयपुर नगर निगम ग्रेटर और हेरिटेज का परिसीमन कर दिया है। इसी के साथ-साथ पूर्ववर्ती सरकार के समय कोटा में भी दो नगर निगम बनाए गए थे। उन्हें भी मिलाकर एक कर दिया गया। अब जयपुर और कोटा शहर में एक-एक नगर निगम होंगे। पहले जहां जयपुर शहर में ग्रेटर नगर निगम और हेरिटेज नगर निगम अशोक गहलोत सरकार के समय बनाए गए थे। दोनों नगर निगम में पहले 250 वार्ड थे। नए प्रारूप के मुताबिक पूरे शहर में अब 150 वार्ड रहेंगे। जनसंख्या की दृष्टि से शहर का सबसे छोटा वार्ड 31 नंबर रहेगा। जबकि 135 नंबर वार्ड सबसे बड़ा वार्ड होगा।

गजट के लिए भेजा गया नोटिफिकेशन

राज्य सरकार ने 6 माह पहले नोटिफिकेशन जारी करके जयपुर नगर निगम हेरिटेज और ग्रेटर को एक कर दिया था। इसके बाद सरकार ने इसके परिसीमन पर काम करते हुए वार्डों का क्षेत्र निर्धारण करने के लिए आम लोगों से आपत्तियां मांगी थी। आपत्तियों का निपटारा करने के बाद परिसीमन प्रस्ताव को मंजूरी देकर गजट नोटिफिकेशन के लिए भेजा गया है।

आरक्षित वार्डों का जल्द होगा निर्धारण

गजट नोटिफिकेशन के बाद अब जिला निर्वाचन शाखा की ओर से वार्डों का आरक्षण (एससी एसटी वर्ग के लिए) निर्धारित किया जाएगा। यह निर्धारण वार्ड में मौजूद जनसंख्या के आधार पर किया जाएगा जिन वार्डों में इन आरक्षित वर्ग की जनसंख्या ज्यादा होगी। उन्हें आरक्षित श्रेणी में रखा जाएगा। इसके बाद स्वायत शासन विभाग और जिला निर्वाचन शाखा की ओर से इन सभी वार्डों में से ओबीसी वर्ग और महिला वार्ड आरक्षण के लिए लॉटरी की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।

नवंबर माह में पूरा हो जाएगा कार्यकाल

आपको बता दें कि जयपुर नगर निगम हेरिटेज और ग्रेटर नगर निगम का कार्यकाल इस साल नवंबर माह में पूरा हो जाएगा। राज्य सरकार ने वन स्टेट वन इलेक्शन के तहत प्रदेश के सभी निकाय व पंचायत चुनाव करने की योजना तैयार कर रही है। वर्ष 2026 की शुरुआत में चुनाव करवाए जा सकते हैं।

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क्वालिटी बार पर कब्जे के केस में भी आज़म खान को मिली जमानत

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म खान के जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने क्वालिटी बार जमीन मामले में उन्हें राहत दे दी है। इस मामले में रामपुर के सिविल लाइंस थाने में आज़म खान समेत अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज है। आज़म खान ने हाईकोर्ट से जमानत की गुहार लगाई थी, जिसे मंजूर कर लिया गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई के बाद 21 अगस्त को फैसला सुरक्षित कर लिया था। अब जस्टिस समीर जैन की सिंगल बेंच ने जमानत का फैसला सुनाया है।

डूंगरपुर मामले में आज़म खान को मिल चुकी है जमानत

इससे पहले दस सितंबर को डूंगरपुर मामले में हाईकोर्ट ने आज़म खान को जमानत दी थी। दो दिन पहले 16 सितंबर को अदालत की अवमानना के मामले में रामपुर की अदालत ने आजम को बरी किया था। आज़म खान ने रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उनकी ओर से अधिवक्ता इमरानउल्लाह पक्ष रखते हुए कहा कि याची को इस मामले में राजनीतिक रंजिश के कारण फंसाया गया है।

मुकदमा 2019 में दर्ज़ हुआ और आज़म खान को 2024 में अभियुक्त बनाया गया। जमानत का विरोध करते हुए अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कहा कि आज़म खान का लंबा आपराधिक इतिहास है। घटना के वक्त वह तत्कालीन सरकार में नगर विकास मंत्री थे। अपने पद और प्रभाव का दुरुपयोग कर अपराध किया गया है।

जल्दी ही आज़म खान जेल से आएंगे बाहर

यह मामला रामपुर के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में हाईवे पर स्थित सईद नगर हरदोई पट्टी में क्वालिटी बार पर कथित तौर पर अवैध कब्जा करने से जुड़ा है। इस संबंध में 2019 में राजस्व निरीक्षक अनंगराज सिंह ने एफआईआर दर्ज कराई थी। पुलिस ने पहले चेयरमैन सैयद जफर अली जाफरी, आजम खां की पत्नी डॉ. तजीन फातिमा और बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम खान को नामजद किया था। बाद में विवेचना के दौरान सपा नेता आज़म खान को भी आरोपी बनाया गया है।

कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद निर्णय सुरक्षित कर लिया था। बृहस्पतिवार को फैसला सुनाते हुए आज़म खान की जमानत मंजूर कर ली है। अधिवक्ता इमरानउल्लाह ने बताया कि आज़म पर दर्ज सभी मुकदमों में उनकी ज़मानत मंजूर हो चुकी है । जल्दी ही उनके जेल से बाहर आने की उम्मीद है।

क्या था मामला ?

यह मामला वर्ष 2008 का है, जब पुलिस द्वारा उनकी कार से हूटर हटाने के बाद आज़म खान ने छजलेट पुलिस स्टेशन के पास कथित तौर पर हंगामा किया था। उन्होंने अपने समर्थकों के साथ मिलकर सड़क जाम कर दी थी जिससे यातायात जाम हो गया था। प्रदर्शन हिंसक हो गया और कुछ बिजली के खंभे क्षतिग्रस्त हो गए, जिसके बाद आज़म खान के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। जिसके बाद में पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया और मामला सुनवाई के लिए गया।

कई अदालती आदेशों के बावजूद, खान अदालत में पेश नहीं हुए और मुकदमा समाप्त होने से पहले कई वर्षों तक आत्मसमर्पण करने से बचते रहे। नकवी ने बताया कि खान अब भी सीतापुर जेल में बंद हैं, लेकिन एमपी-एमएलए अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने और रिकॉर्ड में मौजूद सबूतों की समीक्षा के बाद उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया।

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वोट चोरों की रक्षा कर रहे मुख्य चुनाव आयुक्त – राहुल गांधी

लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर देश के चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा किया है। राहुल गांधी ने वोट चोरी का आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार वोट चोरों की रक्षा कर रहे हैं। राहुल ने कांग्रेस कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया कि उनकी पार्टी के समर्थकों के नाम वोटर लिस्ट से हटाने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि ज्ञानेश कुमार “लोकतंत्र की हत्या करने वालों” और “वोट चोरों” की रक्षा कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ज्ञानेश कुमार को ऐसे लोगों को संरक्षण देना बंद करना चाहिए और एक सप्ताह में निर्वाचन आयोग को कर्नाटक की सीआईडी के साथ पूरी जानकारी साझा करनी चाहिए।

आलंद विधानसभा क्षेत्र के आंकड़ों का दिया हवाला – राहुल

राहुल गांधी के आरोप पर निर्वाचन आयोग की तरफ से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कर्नाटक के कलबुर्गी जिले के आलंद विधानसभा क्षेत्र के आंकड़ों का हवाला देते हुए दावा किया कि कांग्रेस के मतदाताओं के नाम हटाने का प्रयास सुनियोजित तरीके से किया गया। उनके अनुसार, जिनके नाम हटाने के प्रयास हुए और जिनके नाम का इस्तेमाल कर नाम हटाने के आवेदन दिए गए, उन्हें इसकी जानकारी ही नहीं थी।

चुनाव आयोग पर जानकारी नहीं देने का आरोप

राहुल गांधी ने कहा कि इस मामले की जांच कर्नाटक की सीआईडी कर रही है। सीआईडी ने 18 पत्र भेजकर कुछ जानकारियां मांगी लेकिन यह जानकारी नहीं दी गई। क्योंकि इससे वहां तक पहुंचा जा सकेगा, जहां से यह अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के राजौरा विधानसभा क्षेत्र में इसी तरीके का इस्तेमाल करके 6850 नाम जोड़े गए। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह में निर्वाचन आयोग को पूरा विवरण देना चाहिए और यदि ऐसा नहीं है तो फिर स्पष्ट हो जाएगा कि ज्ञानेश कुमार “वोट चोरों” की मदद कर रहे हैं।

यात्रा के दौरान कही थी हाइड्रोजन बम की बात

राहुल गांधी ने बीते एक सितंबर को पटना में ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के समापन के मौके पर ‘वोट चोरी’ से जुड़े अपने पहले के खुलासे का हवाला देते हुए दावा किया था कि ‘‘एटम बम’’ के बाद अब ‘‘हाइड्रोजन बम’’ आने वाला है। जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोगों को अपना ‘‘मुंह नहीं दिखा पाएंगे। उन्होंने बेंगलुरु के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में कथित वोट चोरी का मुद्दा बीते सात अगस्त को संवाददाता सम्मेलन के जरिए उठाया था। इस खुलासे को उन्होंने “एटम बम” कहा था।

यह हाइड्रोजन बम नहीं – राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा कि यह “हाइड्रोजन बम” नहीं है और वह आगे आने वाला है। राहुल गांधी ने कहा कि मैं अपने लोकतंत्र, देश और संविधान से बहुत प्रेम करता हूं और ऐसी कोई बात नहीं करूंगा जो तथ्यों पर आधारित नहीं हो। उनके मुताबिक, आलंद विधानसभा क्षेत्र में 6018 मतदाताओं का नाम हटाने के लिए आवेदन दिए गए। उन्होंने कहा कि ऐसा कांग्रेस मतदाताओं को निशाना बनाकर किया गया। राहुल गांधी ने दावा किया कि मतदाताओं के नाम हटाने के लिए जिन मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल हुआ वे कर्नाटक के बाहर के थे। उन्होंने मंच पर कुछ लोगों को पेश किया। जिनके नाम मतदाता सूची से हटाने का प्रयास हुआ या उनके नाम इस्तेमाल करके ऐसा करने का प्रयास किया गया।

राहुल गांधी की प्रेस वार्ता में सबसे बड़ी बात

36 सेकेंड में एक व्यक्ति ने वोटर लिस्ट से नाम हटाने के दो फॉर्म भरे। सुबह चार बजे के करीब ऐसा हुआ। असल में यह संभव नहीं है। कोई भी व्यक्ति इतने कम समय में दो फॉर्म नहीं भर सकता है और सुबह चार बजे ऐसा क्यों करेगा। राहुल गांधी ने सूर्यकांत नाम के एक व्यक्ति को पेश किया। जिसने कथित तौर पर 14 मिनट में 12 मतदाताओं के वोट हटा दिए। जिनमें बबीता चौधरी का वोट भी शामिल था। हालांकि सूर्यकांत या बबीता में से किसी भी व्यक्ति को इसकी जानकारी नहीं थी।

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बिहार चुनाव से शुरू होगी ईवीएम पर उम्मीदवारों की कलर फोटो

आपको बताते चले कि वोटिंग के दौरान ईवीएम पर अब उम्मीदवारों के नाम और चुनाव चिह्न के साथ उनकी कलर फोटो भी होगी। बिहार विधानसभा चुनाव से इसकी शुरुआत होने जा रही है। चुनाव आयोग ने यह जानकारी दी। आयोग का कहना है कि हमनाम वाले उम्मीदवारों की वजह से अक्सर मतदाताओं को कंफ्यूजन होती है। इसके समाधान के लिए अब ईवीएम पर चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार की रंगीन तस्वीर भी लगाई जाएगी, ताकि मतदाता अपने पसंदीदा कैंडिडेट की सही से पहचान कर उसे वोट कर सकेंगे। बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा अगले महीने (अक्टूबर) में किसी भी समय की जा सकती है।

ईवीएम पर होगी उम्मीदवारों के कलर फोटो

भारत निर्वाचन आयोग ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि ईवीएम बैलेट पेपर पर अब प्रत्याशियों के कलर फोटो छापे जाएंगे। इससे उनकी पहचान और अधिक स्पष्ट हो सकेगी। चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों का चेहरा पोटो स्पेस के तीन-चौथाई हिस्से में होगा, ताकि उनकी शक्ल बेहतर तरीके से दिखाई दे। इसके अलावा सभी कैंडिडेट और नोटा (NOTA) के क्रमांक को भी ईवीएम पर गहरे फॉन्ट में छापा जाएगा। इसका फॉन्ट साइज 30 होगा और साथ ही सभी उम्मीदवारों के नाम और नोटा को एक ही फॉन्ट और फॉन्ट साइज में प्रिंट किया जाएगा। ताकि मतदाताओं को उन्हें पढ़ने में आसानी हो।

ईवीएम बैलेट पेपर के मानक तय

ईवीएम बैलेट पेपर के वजन का मानक भी चुनाव आयोग ने तय किया है। ये पेपर 70 जीएसएम के होंगे। विधानसभा चुनावों के लिए गुलाबी रंग के खास पेपर का इस्तेमाल किया जाएगा। चुनाव आयोग इन सभी बदलावों की शुरुआत आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से करने जा रहा है। इसके बाद सभी चुनावों में यही प्रक्रिया अपनाई जाएगी।

हमनाम उम्मीदवारों में नहीं होगी कंफ्यूजन

दरअसल, चुनावों में अक्सर देखा जाता कि एक ही नाम के एक से ज्यादा उम्मीदवार खड़े हो जाते हैं। इससे मतदाताओं में कंफ्यूजन पैदा हो जाती है। कई बार वोटर गलती से हमनाम वाले किसी दूसरे प्रत्याशी को वोट दे आता है। इस समस्या से निपटने के लिए चुनाव आयोग ने प्रत्याशियों के कलर फोटो ईवीएम पर छापने का फैसला लिया है। ताकि मतदाता अपने प्रत्याशी का नाम और चुनाव चिह्न के साथ ही उसके चेहरे को देखकर सही तरीके से वोट कर सकें।

बिहार में अगले महीने विधानसभा चुनाव की घोषणा संभव है। राज्य की सभी 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव की तैयारियां चल रही हैं। चुनाव आयोग की ओर से वोटर लिस्ट का स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) कराए जाने के बाद फाइनल सूची तैयार की जा रही है। 30 सितंबर को इसका प्रकाशन होने के बाद किसी भी समय चुनाव की तारीखें घोषित हो जाएंगी। बिहार के बाद 2026 में पश्चिम बंगाल, असम, केरल, पुदुचेरी और तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव संभावित हैं।

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अखिलेश यादव का तंज : राहुल गांधी हाइड्रोजन बम फोड़ेंगे, तो हम देखेंगे

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव कई मुद्दों पर बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा। मुरादाबाद में सपा कार्यालय का आवंटन निरस्त करने पर अखिलेश यादव ने कहा कि आज हमारी पार्टी का कार्यालय गिरा रहे हैं। बीजेपी ने जो अपने स्मारक कब्ज़ा करके बनाया है तो जब सरकार आएगी तो वही बुलडोज़र जिससे सपा का कार्यालय गिराया है। वही बुलडोज़र खोज कर बीजेपी के कब्जे वाले स्मारक और क़ब्ज़े की जगह गिराएंगे। इसमें हमें कोई कन्फ्यूजन नहीं है।

हाइड्रोजन बम से जुड़े सवाल पर कहा कि ….

पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने राहुल गांधी से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि राहुल गांधी हाइड्रोजन बम फोड़ेंगे तो हम देखेंगे और क्या कर सकते हैं। दरअसल राहुल गांधी कुछ समय पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि वह हाइड्रोजन बम फोड़ेंगे। इससे सरकार हिल जाएगी। सपा प्रमुख ने कहा कि प्रदेश में बहुत बेरोजगारी है। जिनके पास नौकरी है उन्हें टीईटी (TET) में फंसा रहे हैं। लखनऊ में प्लासियो मॉल हमारी सरकार ने बनाया था। बीजेपी सरकार ने बेच दिया। हमारी सरकार आएगी तो इसकी जांच कराएंगे। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन गैंबलिंग रोकने से क्या होगा? सरकार ऑन ग्राउंड गैंबलिंग रोक नही पा रही है। गोकशी कराने वाले बीजेपी के लोग हैं।

अखिलेश यादव ने बीजेपी पर साधा निशाना

बीजेपी पर निशाना साधते हुए अखिलेश ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के लोग झूठे लोग हैं। देश, समाज और भाईचारा बचाना है तो भाजपा हटाओ।” सपा नेता ने कहा कि गांधी के देश में गांधी के लोगों की कोई सुनवाई नहीं है। गांधी आश्रम के लोगों ने कुछ शिकायतें की हैं। भाजपा के लोग मूल्यवान जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं। अयोध्या और वाराणसी के बाद अब गोरखपुर में जमीन घोटाला चल रहा है। अन्याय और उत्पीड़न का घोटाला भी जारी है। उन्होंने कहा कि देश की बर्बादी का हर वह व्यक्ति जिम्मेदार है जिसे लगता है कि शिक्षा, चिकित्सा, रोजगार से ज्यादा महत्वपूर्ण धार्मिक मुद्दे हैं, आज हम इस कोट के साथ पेरियार जी को याद करते हैं।

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हर दुकान पर बोर्ड लगाइए, पीएम मोदी की बर्थडे पर खास अपील

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज 75वां जन्मदिन हैं। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि त्योहारों से पहले एक बार फिर देशवासियों से स्वदेशी सामान खरीदने की अपील की है। अपने जन्मदिन पर मध्य प्रदेश के धार में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने ग्राहकों और व्यापारियों से स्वदेशी सामान बेचने और खरीदने की अपील करते हुए बताया कि इससे देश को क्या फायदे होते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हर दुकान पर बोर्ड लगाना चाहिए कि- गर्व से कहो, यह स्वदेशी है।

आपको स्वदेशी का मंत्र भी लगातार दोहराना है – पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, ‘यह समय त्योहारों का है। इस समय आपको स्वदेशी का मंत्र भी लगातार दोहराना है, अपने जीवन में उतारना है। मेरी आपसे करबद्ध प्रार्थना है कि आप जो भी खरीदें वह देश में बना होना चाहिए। आप जो भी खरीदें उसमें पसीना किसी ना किसी हिन्दुस्तानी का होना चाहिए। आप जो भी खरीदें उसमें हिन्दुस्तान की मिट्टी की महक होनी चाहिए। मैं व्यापारियों से आग्रह करना चाहता हूं कि आप भी देश के लिए मेरा साथ दें। मैं देश के लिए मदद चाहता हूं क्योंकि मुझे 2027 तक विकसित भारत बनाना है और उसका रास्ता आत्मनिर्भर भारत से जाता है।

महात्मा गांधी ने स्वदेशी को आजादी का माध्यम बनाया

प्रधानमंत्री मोदी ने व्यापारियों से स्वदेशी सामान बेचने की अपील करते हुए कहा कि सभी छोटे मोटे व्यापारी भाई-बहन आप जो भी बेचें वह हमारे देश में ही बना होना चाहिए। महात्मा गांधी ने स्वदेशी को आजादी का माध्यम बनाया था। अब हमें स्वदेशी को विकसित भारत की नींव बनाना है। यह तब होगा जब हम देश में बनी चीज पर गर्व करेंगे। यह तब होगा जब हम छोटी से छोटी चीज खरीदें, बच्चों के लिए खिलौने, दीवाली की मूर्ति, घर को सजाने वाले सामान या टीवी फ्रिज चैसी चीजें हमें सबसे पहले देखना चाहिए कि क्या यह देश में बना है। इसमें देशवासियों के पसीने की सुगंध है या नहीं।

पीएम मोदी ने स्वदेशी खरीद के गिनाए फायदे

पीएम ने स्वदेशी खरीद के फायदे गिनाते हुए कहा, ‘जब हम स्वदेशी खरीदते हैं तो पैसा देश में रहता है, हमारा पैसा विदेश जाने से बचता है। वही पैसा फिर से देश के विकास के काम आता है। उस पैसे से सड़कें बनती हैं, गांव के स्कूल बनते हैं, गरीब कल्याण की योजनाओं के काम आता है। मध्यम वर्ग के जो सपने हैं उन्हें पूरा करने के लिए बहुत धन की जरूरत होती है, यह हम छोटी-छोटी चीजें करके पूरा कर सकते हैं। हमारी जरूरत की चीजें जब देश में बनती हैं तो रोजगार पैदा होता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अब जब 22 सितंबर से नवरात्रि के पहले दिन से जीएसटी की कम दरें भी लागू होने जा रही हैं तो हमें स्वदेशी चीजें ही खरीदना है। हमें एक मंत्र याद रखना है, मैं चाहता हूं कि हर दुकान पर लिखा होना चाहिए, राज्य सरकार से भी कहूंगा कि अभियान चलाइए, हर दुकान पर बोर्ड होना चाहिए- गर्व से कहो यह स्वदेशी है।

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ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों को बड़ी राहत, ई-चालान होंगे माफ

दीवाली से पहले यूपी सरकार ने प्रदेश की जनता को बड़ी राहत दी है। उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने 2017 से 2021 तक के गैर-कर ई-चालानों को समाप्त करने का फैसला लिया है। अब इन चालानों को पोर्टल पर “Disposed – Abated” (यदि मामला कोर्ट में लंबित था) और Closed – Time-Bar (यदि कार्यालय में लंबित था और समय-सीमा निकल चुकी है) की श्रेणी में दिखाया जाएगा। इन चालानों से जुड़े फिटनेस, परमिट, वाहन ट्रांसफर और एचएसआरपी (हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट) जैसे अवरोध भी स्वतः हट जाएंगे। हालांकि, टैक्स से जुड़े चालान इस राहत के दायरे से बाहर रहेंगे।

एक महीने में पूरा होगा काम

परिवार विभाग के अनुसार यह पूरी प्रक्रिया 30 दिनों में पूरी कर दी जाएगी। इसके बाद वाहन स्वामी पोर्टल पर जाकर अपनी चालान स्थिति देख सकेंगे। कोर्ट में लंबित प्रकरण “Disposed – Abated” और ऑफिस लेवल पर समय-सीमा निकल चुके प्रकरण “Closed – Time-Bar (Non-Tax)” के रूप में दर्ज होंगे। विभाग ने साफ किया है कि यह केवल क्लोजर है यानि न तो किसी को रिफंड मिलेगा और न ही पुराने चालान दोबारा खोले जाएंगे।

30 लाख से ज्यादा ई-चालान प्रभावित

आंकड़ों के मुताबिक 2017 से 2021 के बीच 30.52 लाख ई-चालान बने थे। इनमें से 17.59 लाख का निस्तारण पहले ही हो चुका है, जबकि 12.93 लाख चालान लंबित थे। लंबित चालानों में 10.84 लाख कोर्ट में और 1.29 लाख ऑफिस लेवल पर पेंडिंग थे। अब इन सभी का डिजिटल निस्तारण समय-सीमा में पूरा किया जाएगा। फ्रंट-एंड पर सभी अवरोध हटेंगे, जबकि बैक-एंड पर पूरा रिकॉर्ड और ऑडिट ट्रेल सुरक्षित रहेगा।

चालान होंगे माफ

इस फैसले के तहत केवल उन्हीं चालानों को माफ (abated) किया जाएगा जो 31 दिसंबर 2021 तक कोर्ट में लंबित थे। वहीं, जो चालान कभी कोर्ट नहीं भेजे गए और अब समय-सीमा पार कर चुके हैं उन्हें भी प्रशासनिक रूप से बंद किया जाएगा। टैक्स से जुड़े चालान, गंभीर अपराध, दुर्घटना या IPC से जुड़े मामले इस राहत से बाहर रहेंगे। यह निर्णय कानून का पालन सुनिश्चित करने, जनता को अनावश्यक चालानों और ब्लॉकों से राहत देने, सेवाओं को समय पर उपलब्ध कराने और पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए लिया गया है।

30 दिनों के भीतर सभी पेंडिंग चालानों का पोर्टल पर निपटारा दिखेगा। इसके लिए हर हफ्ते एक डैशबोर्ड पर प्रगति रिपोर्ट डाली जाएगी। एनआईसी पोर्टल में जरूरी बदलाव कर रहा है ताकि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और सुरक्षित रहे। टैक्स से जुड़ी देनदारियां, पहले से जमा जुर्माना और कोर्ट आदेश यथावत रहेंगे। परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने कहा कि यह निर्णय कानूनन सही, जन-हितैषी और पारदर्शी प्रशासन की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। हमारा लक्ष्य है कि नागरिकों को सुगमता, सुरक्षा और सम्मानजनक सेवा अनुभव मिले।

वाहन मालिक को क्या करना है ?

>> यदि आपका चालान 2017–2021 का है और पोर्टल पर अभी भी लंबित या कोई ब्लॉक दिखा रहा है तो एक महीने बाद ई-चालान/परिवहन पोर्टल पर जाकर स्थिति जांचें।

>> अगर मामला कोर्ट में पेंडिंग था तो “Disposed – Abated” दिखेगा और सभी अवरोध हट जाएंगे।

>> अगर चालान कोर्ट भेजा ही नहीं गया था और समय-सीमा निकल चुकी है, तो “Closed – Time-Bar (Non-Tax)” दिखेगा और उससे जुड़े ब्लॉक हट जाएंगे।

>> टैक्स वाले मामलों में यह राहत लागू नहीं होगी और वे केवल टैक्स कानून के तहत ही निस्तारित होंगे।
मदद के लिए हेल्पलाइन 149 या नजदीकी RTO/ARTO से संपर्क किया जा सकता है।

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मदर डेयरी का ऐलान, दूध,पनीर, घी समेत इन जरूरी चीजों के भी घटेंगे दाम

आम लोगों के लिए अच्छी खबर है। मदर डेयरी ने कहा है कि वह अपने सभी डेयरी और फूड प्रोडक्ट्स की कीमतें घटा रही है। कंपनी के अनुसार, नई कम कीमतें 22 सितंबर से लागू होंगी। बता दें कि यह कदम सरकार के बड़े जीएसटी 2.0 सुधारों के बाद उठाया गया है। जीएसटी रिफॉर्म के तहत कई आवश्यक वस्तुओं पर कर कम किया गया या पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है।

मदर डेयरी ने कहा कि अब उसका पूरा पोर्टफोलियो या तो जीरो टैक्स कैटेगरी में आता है या सबसे कम 5% स्लैब में। इसी के तहत कंपनी ने रोजमर्रा की चीजों के अलावा UHT दूध (अल्ट्रा-हाई टेम्प्रेचर मिल्क) के दाम को 2 रुपये तक घटाने का ऐलान किया है। बता दें कि कंपनी ने पहले ही स्पष्ट किया है कि वह पाउच दूध की कीमतें नहीं घटाएगा, क्योंकि इस पर कभी भी कोई कर नहीं लगाया गया था।

इन चीजों के घटेंगे दाम

रोजमर्रा की पसंदीदा चीजों जैसे पनीर, मक्खन, चीज, घी, मिल्कशेक और आइसक्रीम की कीमतें भी घट रही हैं। उदाहरण के तौर पर, 500 ग्राम का मक्खन अब ₹285 में मिलेगा, जबकि पहले यह ₹305 में बिकता था। वहीं, बटरस्कॉच कोन आइसक्रीम की कीमत ₹35 से घटकर ₹30 हो जाएगी। हालांकि अपने रोजमर्रा के पाउच दूध की कीमत कम होने की उम्मीद नहीं करें। क्योंकि यह हमेशा से GST से छूट में रहा है। दर में यह कटौती सिर्फ UHT दूध पर लागू होगी। उदाहरण के लिए, 1 लीटर का टोंड दूध (Tetra Pack) अब ₹75 में मिलेगा, जबकि पहले इसकी कीमत ₹77 थी। मदर डेयरी ने अपने कई उत्पादों की कीमतों में महत्वपूर्ण कटौती की है। यहां कैटेगरी वाइज डिटेल दिया गया है

दूध

UHT टोंड दूध (1 लीटर टेट्रा पैक): ₹77 → ₹75

UHT डबल टोंड दूध (450 मिली पाउच): ₹33 → ₹32

पनीर

200 ग्राम सामान्य पनीर: ₹95 → ₹92

400 ग्राम सामान्य पनीर: ₹180 → ₹174

200 ग्राम मलाई पनीर: ₹100 → ₹97

मक्खन

500 ग्राम: ₹305 → ₹285

100 ग्राम: ₹62 → ₹58

मिल्कशेक

180 मिली (स्ट्रॉबेरी, चॉकलेट, मैंगो, रबड़ी फ्लेवर): ₹30 → ₹28

चीज

चीज क्यूब्स (180 ग्राम): ₹145 → ₹135

स्लाइस चीज (480 ग्राम): ₹405 → ₹380

वही चीज ब्लॉक (200 ग्राम): ₹150 → ₹140

चीज स्प्रेड (180 ग्राम): ₹120 → ₹110

डाइस्ड मोजरेला (1 किग्रा): ₹610 → ₹575

घी

घी कार्टन पैक (1 लीटर): ₹675 → ₹645

वही चीज ब्लॉक (200 ग्राम): ₹150 → ₹140घी टिन (1 लीटर): ₹750 → ₹720

घी पाउच (1 लीटर): ₹675 → ₹645

गाय का घी जार (500 मिली): ₹380 → ₹365

प्रीमियम गाय का घी – गिर गाय (500 मिली): ₹990 → ₹984

कंपनी ने क्या कहा

मदर डेयरी ने कहा, ‘रोजमर्रा का पॉली पैक दूध (फुल क्रीम दूध, टोंड दूध, गाय का दूध आदि) हमेशा से जीएसटी से छूट में रहा है और अब भी यही स्थिति है। इसका एमआरपी (MRP) इस पर किसी भी तरह से प्रभावित नहीं होगा। मदर डेयरी के प्रबंध निदेशक मनीष बंदलिश ने कहा, “एक कंज्यूमर फोकस्ड संगठन होने के नाते हम अपने ग्राहकों को 100% कर लाभ प्रदान कर रहे हैं।” बता दें कि जीएसटी 2.0 के तहत मदर डेयरी द्वारा पहला बड़ा कदम उठाए जाने के साथ उपभोक्ता यह देखने के लिए उत्सुक हैं कि क्या अन्य प्रमुख एफएमसीजी कंपनियां भी पैकेज्ड उत्पादों की कीमतों में कटौती करेंगी।

UHT मिल्क क्या होता है ?

UHT दूध का मतलब है्अ ल्ट्रा-हाई टेम्परेचर दूध। इसे बहुत उच्च तापमान पर गर्म करके कीटाणु-मुक्त किया जाता है, ताकि यह लंबे समय तक बिना फ्रिज के सुरक्षित रहे। UHT दूध को बिना ठंडा किए महीनों तक स्टोर किया जा सकता है, बस पैक खुलने से पहले। स्वाद में हल्का फर्क आ सकता है, लेकिन पोषण (प्रोटीन, कैल्शियम) लगभग वही रहता है। इसका चाय, कॉफी, बेकिंग या सीधे पीने के लिए उपयोग किया जा सकता है।

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यूपी पंचायत चुनाव में बीजेपी की टेंशन बढ़ाएगी आरएलडी

उत्तर प्रदेश में आगामी पंचायत चुनावों को लेकर राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। मेरठ में आयोजित चुनाव समिति की बैठक में पार्टी ने तय किया कि वे अकेले ही अपने दम पर किसी गठबंधन के बिना पंचायत चुनाव लड़ेगी। मेरठ में आरएलडी ने यूपी पंचायत चुनाव के मद्देनजर एक अहम बैठक की जिसमें बहुत बड़ा ऐलान हुआ। एनडीए का हिस्सा होने के बावजूद अब राष्ट्रीय लोकदल उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव अकेले अपने दम पर लड़ेगी। इसकी घोषणा मेरठ में पंचायत चुनाव समिति के प्रदेश संयोजक डॉ. कुलदीप उज्जवल ने एक बैठक में की।

एनडीए से लोकसभा स्तर पर गठबंधन – आरएलडी

मेरठ में आयोजित चुनाव समिति की बैठक को लेकर डॉ. कुलदीप उज्जवल ने कहा कि पंचायत का चुनाव गांव का चुनाव है, गांव के लोग इसमें वोट डालते हैं। हमारी पार्टी गांव में ग्रास रूट लेवल तक जुड़ी हुई है। उसी पर हम काम करते हैं और उसी के दम पर हम पूरे प्रदेश में चुनाव लड़ने की तैयारी में है। हमारी पूरी तैयारी हो चुकी, मेरठ में हमारी बैठक थी जो हमारी क्षेत्रीय स्तर की बैठक थी। हमारा क्षेत्र ये दो मंडलों का क्षेत्र है, हमारा गठबंधन है। हम एनडीए के पार्ट हैं वो विधानसभा स्तर पर लोकसभा स्तर पर हमारा गठबंधन है। लेकिन यह क्षेत्रीय स्तर का चुनाव है, पंचायत का चुनाव है। इसे हम लोग जो है अपने संगठन के दम पर, अपने कार्यकर्ता के दम पर लड़ने का काम करेंगे।

सक्रिय राजनीति में मिलेगा अवसर – आरएलडी

इस दौरान मेरठ और सहारनपुर मंडल के सभी पदाधिकारी, क्षेत्रीय अध्यक्ष और पंचायत समिति के सदस्य मौजूद रहे। इस बैठक में तय किया गया कि हर जिले में पांच सदस्य समिति का गठन होगा जो प्रत्याशी चयन की जिम्मेदारी निभाएगी। आरएलडी का मानना है कि पंचायत चुनाव से संगठन की ताकत निचले स्तर तक पहुंचेगी और कार्यकर्ताओं को सक्रिय राजनीति में भागीदारी का अवसर मिलेगा। पंचायत चुनाव समिति के प्रदेश संयोजक ने बैठक के बारे में बताया कि पंचायत चुनाव से ही विधानसभा चुनाव की मजबूत नींव तैयार होगी। उज्जवल ने जोर दिया कि पंचायत स्तर की जीत भविष्य की बड़ी राजनीतिक दिशा तय करेगी।

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मणिपुर के नाम में मणि है, जो नॉर्थ ईस्ट की चमक को लाएगा – पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर के चुराचांदपुर पहुंचे और वहां हिंसा से प्रभावित लोगों से मिले। उन्होंने प्रदेश में शांति, विकास और भरोसे का संदेश दिया और साथ ही भारत सरकार की मणिपुर के सामाजिक व आर्थिक विकास के लिए की जा रही कोशिशों को भी उजागर किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि अब मणिपुर का हर नागरिक विकास के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है और यह प्रदेश आशा की नई मिसाल बन रहा है।

चुराचांदपुर में पीएम ने मणिपुर के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसरों पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि मणिपुर का हर नागरिक विकास का लाभ महसूस करे। उन्होंने यह भी कहा कि मणिपुर का नाम ही ‘मणि’ है, जो पूरे नॉर्थ ईस्ट क्षेत्र की चमक को बढ़ाएगा।

पीएम मोदी ने की शांति की अपील

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मणिपुर में हिंसा ने इलाके को प्रभावित किया था, लेकिन अब सभी समुदाय शांति के रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने सभी संगठन और समूहों से अपील की कि वे सामाजिक सद्भाव और आपसी समझ के साथ आगे बढ़ें। कई गुटों के बीच समझौते भी हो चुके हैं। प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया कि भारत सरकार और मणिपुर सरकार विस्थापित लोगों को उचित स्थान पर बसाने के लिए मिलकर काम कर रही है। पीएम मोदी ने मणिपुर के लोगों को 8,500 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की सौगात के तौर पर कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया।

पीएम मोदी ने मणिपुर में पहले मेडिकल कॉलेज, पर्याप्त बिजली, सड़क और रेलवे की कमी जैसी समस्याओं का जिक्र करते हुए बताया कि अब स्थिति पूरी तरह बदल चुकी है। उन्होंने कहा कि मणिपुर तेजी से विकास कर रहा है और प्रदेश के हर कोने में विकास कार्य हो रहे हैं।

मणिपुर कनेक्टिविटी का मुद्दा उठाया

पीएम मोदी ने कहा मणिपुर में हमेशा कनेक्टिविटी की परेशानी रही। मणिपुर की कनेक्टिविटी के लिए सरकार ने 2 स्तरों पर काम किया। रेल और रोड का बजट कई गुना बढ़ाया। मणिपुर में शहरों के अलावा गांवों में भी सड़कें बनाईं। हमारी सरकार में रेल प्रोजेक्ट का विस्तार हुआ। पीएम मोदी ने कहा कि पहले यहां गांवों में पहुंचना कितना मुश्किल था, आप सभी जानते हैं। अब सैकड़ों गांवों में यहां रोड कनेक्टिविटी पहुंचाई गई है। इसका बहुत अधिक लाभ पहाड़ी लोगों को, ट्राइबल गांवों को हुआ है। हमारी सरकार के दौरान ही मणिपुर में रेल कनेक्टिविटी का विस्तार हो रहा है। जीरीबाम-इंफाल रेलवे लाइन बहुत जल्द राजधानी इंफाल को नेशनल रेल नेटवर्क से जोड़ देगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमें संतोष है कि हालही में हिल्स और वैली में अलग-अलग ग्रुप्स के साथ समझौतों के लिए बातचीत हुई है। ये भारत सरकार के उन प्रयासों का हिस्सा है, जिसमें संवाद, सम्मान और आपसी समझ को महत्व देते हुए शांति की स्थापना के लिए काम किया जा रहा है। मैं सभी संगठनों से अपील करूंगा कि शांति के रास्ते पर आगे बढ़कर अपने सपनों को पूरा करें। मैं आपके साथ हूं। भारत सरकार मणिपुर के लोगों के साथ है।

पीएम मोदी ने की रोजगार, विकास की बात

पीएम मोदी ने कहा कि पहले दिल्ली की घोषणाओं को मणिपुर में पहुंचने में दशकों का समय लगता था। अब हर राज्यों की तरह मणिपुर भी आगे बढ़ रहा है। नौजवानों के लिए रोजगार के मौके बन रहे हैं। भारत तेजी से विकसित हो रहा है। भारत जल्द तीसरी बड़ी अर्थव्यस्था बनेगा। पीएम मोदी ने कहा कि हमने देशभर में गरीबों के लिए पक्के घर बनाने की योजना शुरू की। इसका फायदा मणिपुर के भी हजारों परिवारों को मिला। बीते सालों में 15 करोड़ से अधिक देशवासियों को नल से जल की सुविधा मिल चुकी है। मणिपुर में 7-8 साल पहले तक सिर्फ 25-30 हजार घरों में ही पाइप से पानी आता था। आज यहां साढ़े 3 लाख से अधिक घरों में नल से जल की सुविधा मिल रही है।

वही पीएम मोदी ने कहा कि पहले पहाड़ी और आदिवासी इलाकों में अच्छे स्कूल और अस्पताल बस एक सपना ही थे। आज भारत सरकार के प्रयासों से यह स्थिति बदल रही है। चुराचांदपुर में अब एक मेडिकल कॉलेज स्थापित हो गया है। आजादी के दशकों बाद भी, मणिपुर के पहाड़ी इलाकों में एक भी मेडिकल कॉलेज नहीं था।

2.5 लाख से ज्यादा मरीजों को मिला मुफ्त इलाज

हमारी सरकार ने इस जरूरत को पूरा किया है। पीएम मोदी ने कहा कि पीएम-देवाइन योजना के तहत, हमारी सरकार पांच पहाड़ी जिलों में आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं का विकास कर रही है। आयुष्मान भारत योजना के जरिए भारत सरकार गरीबों को ₹5 लाख तक का मुफ्त इलाज मुहैया करा रही है। अकेले मणिपुर में ही इस योजना के जरिए 2.5 लाख से ज्यादा मरीजों को मुफ्त इलाज मिल चुका है।

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लादेन तुम्हारी धरती पर मारा गया था, इसे बदल नहीं सकते – इजरायल

इजरायल ने पाकिस्तान पर बड़ा हमला किया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में पाकिस्तान पर हमला बोलते इज़रायल ने कहा है कि पाकिस्तान इस तथ्य को नहीं बदल सकता कि अल-कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को उसकी धरती पर शरण दी गई और वहीं मारा गया। इज़रायल ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इस्लामाबाद की “दोहरी नीतियों” की कड़ी आलोचना की।

पाकिस्तान ने दी आतंकवादी को शरण

संयुक्त राष्ट्र में इज़रायल के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत डैनी डैनन ने पाकिस्तान के प्रतिनिधि आसीम इफ्तिखार अहमद की ओर इशारा करते हुए कहा कि जब बिन लादेन को पाकिस्तान में मारा गया था। तो सवाल यह नहीं था कि ‘विदेशी जमीन पर एक आतंकवादी को क्यों निशाना बनाया गया? किसी ने वह सवाल नहीं पूछा। सवाल यह था कि ‘एक आतंकवादी को शरण क्यों दी गई ? आज भी वही सवाल पूछा जाना चाहिए।

हमास को भी नहीं मिलनी चाहिए छूट

इजरायल ने कहा कि जब बिन लादेन को कोई छूट नहीं मिली थी तो हमास को भी कोई छूट नहीं मिलनी चाहिए। यह तीखी बहस तब हुई जब सुरक्षा परिषद में कतर की राजधानी दोहा में हमास नेताओं पर इज़रायली हमले पर चर्चा हो रही थी।

पाकिस्तान ने इजरायल को क्या कहा ?

पाकिस्तानी प्रतिनिधि अहमद ने अपने बयान में इज़रायल की आलोचना करते हुए कहा कि कतर पर उसका हमला गैरकानूनी और अकारण आक्रामकता थी। जो क्षेत्रीय शांति को कमजोर करने वाले एक बड़े और निरंतर आक्रामक पैटर्न का हिस्सा है। अहमद ने इज़रायल पर अंतरराष्ट्रीय कानून के बार-बार उल्लंघन का आरोप लगाया, जिसमें गाजा में क्रूर सैन्य कार्रवाई और सीरिया, लेबनान, ईरान और यमन में बार-बार की गई सीमा पार हमले शामिल हैं। यह बैठक 9/11 हमलों की 24वीं वर्षगांठ के दिन हुई। ओसामा बिन लादेन इस हमले का जिम्मेदार था।

इजरायल ने दिया तगड़ा जवाब

इजरायली प्रतिनिधि डैनन ने कहा कि 9/11 का वह त्रासदीपूर्ण दिन इज़रायल के लिए 7 अक्टूबर की तरह ही आग और खून का दिन था। उन्होंने याद दिलाया कि 9/11 के बाद सुरक्षा परिषद ने एक प्रस्ताव पारित किया था। जिसमें कहा गया था कि कोई भी राष्ट्र आतंकवादियों को न शरण दे सकता है। न उन्हें फंड कर सकता है और न उनकी मदद कर सकता है। जो भी सरकार ऐसा करती है, वह इस परिषद की बाध्यकारी जिम्मेदारियों का उल्लंघन करती है। यह सिद्धांत तब भी स्पष्ट था और आज भी बरकरार रहना चाहिए।

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वोट चोरी होती रही तो यहां भी सड़कों पर आएगी जनता – अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारत में नेपाल जैसी स्थिति पैदा होने की बात कही। उन्होंने सरकार और चुनाव आयोग पर वोट चोरी का आरोप लगाया और कहा कि जो पड़ोस में जो जनता करती दिख रही है, हो सकता है कि वह यहां भी करती दिखाई देगी। यही नहीं उनका कहना था कि अयोध्या के विधानसभा उपचुनाव में भाजपा की जीत के पीछे भी धांधली थी। अखिलेश यादव ने कहा कि अयोध्या के चुनाव में 5000 लोग बाहर से लाए गए।

उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की ज़िम्मेदारी है कि वोट चोरी न हो। पूरा देश जानता है कि इन्होंने रिवाल्वर निकाल कर वोट डाला गया था। अखिलेश यादव ने कहा, ‘चुनाव आयोग को ये बात सुनिश्चित करनी चाहिए, ये चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है कि वोट चोरी कहीं नहीं हो, वोट डकैती कहीं नहीं हो। कुंदरकी, रामपुर, मीरापुर विधानसभा उपचुनाव का जिक्र करते हुए सपा अध्यक्ष ने कहा कि जब ये वोट चोरी से नहीं जीत सकते थे, तो रिवॉल्वर निकालकर वोट रोका। उन्होंने कहा कि हम शिकायत करते रह गए।

डकैती हो रही है वोट की, मैं कहना चाहता हूं – अखिलेश

अयोध्या के उपचुनाव की चर्चा करते हुए अखिलेश ने कहा कि वहां 5000 लोग बाहर से आए थे, एक मंत्री का साथी पकड़ा गया था। इसके बाद अखिलेश ने कहा- ‘ये डकैती हो रही है वोट की, जो बात मैं कहना चाहता हूं। जो बात मैं कहना चाहता हूं। इसी तरह की वोट की डकैती होगी तो हो सकता है, जो आस-पास के देशों में सड़कों पर दिखाई दी, हो सकता है कि जनता (यहां) भी सड़कों पर दिखाई दे। उन्होंने कहा कि कुंदरकी के चुनाव में 77 फीसदी मतदान हुआ। अयोध्या के चुनाव में बाहर से लोग लाए गए। यहां वोट की डकैती हो रही है।

नेपाल की तरह ही हो सकता है कि जनता सड़कों पर दिखाई दे। सिख समुदाय के एक डेलिगेशन से मुलाकात के बाद अखिलेश यादव ने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि पंजाब में बाढ़ से बहुत नुकसान हुआ है, हमारी मांग है कि नुकसान की पूरी तरह भरपाई हो। विकास परियोजनाओं के लिए पहले पर्यावरण का ध्यान रखना चाहिए। अखिलेश यादव ने कहा कि पंचायती राज में 60 प्रतिशत कमीशन चल रहा है।

2027 में आ रही है सपा, हमारी सरकार होगी

अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार से कोई उम्मीद नहीं है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार में अंदरूनी लड़ाई चल रही है, भ्रष्टाचार पीक पर है। उन्होंने कहा कि लखनऊ को स्मार्ट सिटी में तीन नंबर पर पहुंचाने वाली एजेंसी पर एफआईआर होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार जाएगी, तभी क्राइम जाएगा। उन्होंने कहा कि इस राज्य में किडनैपिंग बढ़ी है और क्राइम बढ़ा है। अखिलेश यादव ने कहा कि एक बात मैं कहने जा रहा हूं कि 2027 में सपा की सरकार आएगी। हम लोग सरकार बनाएंगे।

हिरासत में मौतों का यूपी में बन रहा रिकॉर्ड

अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी में हिरासत में मौतों का रिकॉर्ड बना रहा है। अब तक दूसरे लोग मारे जा रहे थे, अब उन्हें पता लग रहा होगा कि किसी अपने को खोने का दुख क्या होता है। उन्होंने गाजीपुर के सीताराम उपाध्याय की थाने में हुई पिटाई से मौत के प्रकरण की बात करते हुए कहा कि इसकी खुलकर निंदा होनी चाहिए। अखिलेश यादव ने कहा कि यह पता लगाया जाए कि आखिर इन घटनाओं के पीछे कौन है। उन्होंने कहा कि आज एक और किसी व्यक्ति ने मुख्यमंत्री आवास पर ज़हर खा लिया। यूपी के सीएम हाउस में जहर खाने का रिकॉर्ड बन रहा है।

पंजाबी में लॉन्च हुआ अखिलेश यादव के लिए गाना

इस दौरान अखिलेश यादव ने किसान आंदोलन के दौरान शहीद किसानों के परिजनों को सम्मानित किया। यही नहीं एक पंजाबी गीत भी अखिलेश यादव के लिए लॉन्च किया गया। इस पर अखिलेश यादव ने कहा कि इस गाने को 2027 में चलाना है। उन्होंने कहा कि सपा सरकार बनने पर सिखों के हितों का पूरा ख्याल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नेता जी ने भी सरकार में इस समुदाय से कैबिनेट मंत्री बनाया था।

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