Thursday, June 26, 2025
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कोई सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुचाये तो वीडियो बनाएं – सीएम योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों से सार्वजनिक संपत्ति की देखरेख करने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि यदि कोई व्यक्ति सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाता नजर आता है तो उसे रोकना चाहिए और नहीं मानने पर उसका वीडियो बनाकर वायरल करना चाहिए। इसके बाद आरोपी के पोस्टर लगाने और उससे नुकसान की भरपाई करने का काम सरकार खुद कर लेगी। इस दौरान उन्होंने बेड़-बुजुर्गों सम्मान और समाज के प्रति जिम्मेदारी की अहमियत भी बताई।

योगी आदित्यनाथ ने कहा “राष्ट्र के प्रति हमारी जवाबदेही होनी चाहिए, कोई भी सम्पत्ति राज्य की नहीं, समाज की होती है। जो व्यक्ति समाज की सम्पत्ति नष्ट करता है तो आप मोबाइल फोन में वीडियो बनाकर उसको वायरल कर सकते हैं। बाकी उसके पोस्टर लगाकर उसको सबक सिखाने के लिए और वसूली करने के लिए सरकार है।

दंगाइयों से पैसे वसूल चुकी है योगी सरकार

उत्तर प्रदेश सरकार ने 2019-2020 में नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान हुए नुकसान की वसूली तोड़फोड़ करने वाले लोगों से की थी। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने दंगों और प्रदर्शनों के दौरान सार्वजनिक और निजी संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई के लिए प्रदर्शनकारियों से वसूली करने की नीति लागू की थी। इसके तहत, सरकार ने नोटिस जारी किए और कुछ मामलों में संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया शुरू की थी। हालांकि, बाद में कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी।

राष्ट्र के प्रति अपनी जवाबदेही समझें – सीएम योगी

यूपी के सीएम ने कहा कि सार्वजानिक संपत्तियां किसी एक इंसान या समाज की नहीं होती हैं। यह संपत्तियां सभी के लिए होती हैं। ऐसे में सभी को इनके प्रति अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। हमें सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए। अगर कोई और ऐसा करता दिखाई दे तो उसे रोकना चाहिए। रोकने पर भी नहीं माने तो शिकायत करनी चाहिए। योगी ने कहा “आज सभी के हाथ में स्मार्टफोन आ गए हैं। अगर कोई व्यक्ति सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाता दिखे तो उसका वीडियो बनाकर वायरल कर दीजिए। बाकी इन लोगों के पोस्टर लगाकर उनसे नुकसान की भरपाई करने के लिए हम हैं।

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अहमदाबाद में एयर इंडिया का प्लेन क्रैश, पूर्व सीएम विजय रूपाणी भी थे सवार

अहमदाबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट से लंदन के लिए उड़ी एयर इंडिया की फ्लाइट क्रैश हो गई है। आपको बता दे टेक ऑफ के 5 मिनट के बाद ही प्लेन क्रैश हो गया। जिसकी वीडियो भी सामने आई है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि विमान ने उड़ान भरी और फिर 625 फीट की ऊंचाई तक पहुंचा, लेकिन उसी के कुछ ही लम्हों में विमान नीचे उतरने लगा। देखते ही देखते प्लेन नीचे की तरफ आता चला गया और फिर बड़ा विस्फोट हुआ।

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के अनुसार, एयर इंडिया के B787 ड्रीमलाइनर विमान ने अहमदाबाद से 1 बजकर 38 मिनट पर उड़ान भरी थी। एडीएस-बी डेटा से पता चलता है कि विमान 625 फीट बैरोमीटरिक ऊंचाई तक पहुंच गया था और फिर यह -475 फीट प्रति मिनट की वर्टिकल स्पीड के साथ नीचे उतरना शुरू हो गया। विमान में 2 पायलट और 10 केबिन क्रू सहित 242 लोग सवार थे। विमान की कमान फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर के साथ कैप्टन सुमीत सभरवाल संभाल रहे थे।

एटीसी के कॉल का नहीं दिया जवाब

एटीसी के अनुसार, विमान रनवे 23 से 13:38 बजे अहमदाबाद से रवाना हुआ। इसने एटीसी को मेडे कॉल दिया, लेकिन उसके बाद एटीसी की ओर से की गई कॉल का विमान की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया। विमान रनवे 23 से टेक ऑफ करने के तुरंत बाद, जमीन पर गिर गया।

उड़ान के 5 मिनट बाद रिहायशी इलाके में हुआ क्रैश

डीजीसीए के मुताबिक, एयर इंडिया का B787 ड्रीमलाइनर विमान अहमदाबाद से लंदन के लिए दोपहर 1:38 बजे उड़ान भरते समय एक रिहायशी इलाके मेघानी नगर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह विमान उड़ान भरने के 5 मिनट बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया। उड़ान योग्यता निदेशालय (डीएडब्ल्यू), उड़ान योग्यता के सहायक निदेशक (एडीएडब्ल्यू) और एक उड़ान संचालन निरीक्षक (एफओआई) किसी अन्य कार्य के लिए पहले से ही अहमदाबाद में हैं। वो इस मामले में जानकारी हासिल कर रहे हैं। एनडीआरएफ की तीन टीमों, जिनमें 90 कर्मी शामिल हैं। गांधीनगर से विमान दुर्घटनास्थल पर ले जाया गया है। वडोदरा से कुल तीन और टीमें भेजी जा रही हैं।

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डॉक्टर्स के हॉस्टल में क्रैश हुआ विमान – पुलिस

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “शुरुआती जानकारी के अनुसार लंदन जाने वाला एयर इंडिया का विमान डॉक्टर्स के हॉस्टल में दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। 2-3 मिनट के भीतर ही पुलिस और अन्य एजेंसियां ​​मौके पर पहुंच गईं। लगभग 70-80 फीसदी क्षेत्र को साफ कर दिया गया है। सभी एजेंसियां ​​यहां काम कर रही हैं।

पीएम ने गृहमंत्री अमित शाह से की बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गृह मंत्री अमित शाह और नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू से बात की। उन्होंने दोनों मंत्रियों को अहमदाबाद जाकर यह सुनिश्चित करने को कहा है कि विमान दुर्घटना के बाद प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता दी जाए। अहमदाबाद में एयर इंडिया विमान दुर्घटना स्थल पर राहत और बचाव कार्य जारी है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुजरात के मुख्यमंत्री से बात की है और सभी केंद्रीय सहायता का वादा किया है।

उम्मीद है प्लेन क्रैश की गहन जांच होगी – ओवैसी

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “गुजरात में एयर इंडिया की दुर्घटना से मैं बहुत चिंतित हूं। मेरी प्रार्थनाएं विमान में सवार लोगों और उनके प्रियजनों के साथ हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि इस दुर्घटना की गहन जांच होगी।

राहत और बचाव कार्य जारी

इस हादसे के शिकार लोगों को बचाने के लिए राहत और बचाव कार्य चल रही है। एनडीआरएफ की 90 कर्मियों वाली 3 टीमें गांधीनगर से विमान दुर्घटना स्थल पर भेजी गई हैं। वहीं, वडोदरा से भी कुल 3 और टीमें भेजी जा रही हैं। आर्मी और एयरफोर्स ने भी रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है।

पूरी ताकत से सहायता प्रदान कर रहे – एयर इंडिया

एयर इंडिया के अध्यक्ष एन. चंद्रशेखरन ने कहा, “बहुत दुख के साथ मैं पुष्टि करता हूं कि अहमदाबाद लंदन गैटविक उड़ान भरने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट 171 आज दुर्घटनाग्रस्त हो गई। हमारी संवेदनाएं इस विनाशकारी घटना से प्रभावित सभी लोगों के परिवारों और प्रियजनों के साथ हैं। इस समय हमारा प्राथमिक ध्यान सभी प्रभावित लोगों और उनके परिवारों का साथ देने पर है। हम साइट पर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीमों की सहायता करने और प्रभावित लोगों को सभी आवश्यक सहायता और देखभाल प्रदान करने के लिए पूरी ताकत से सब कुछ कर रहे हैं। एक आपातकालीन केंद्र सक्रिय कर दिया गया है और जानकारी मांगने वाले परिवारों के लिए सहायता टीम स्थापित की गई है।

सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट फिलहाल बंद

सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट के प्रवक्ता ने कहा, “अहमदाबाद से लंदन, गैटविक जाने वाली फ्लाइट AI 171 आज सुबह उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद एयरपोर्ट के बाहर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। जिसके बाद सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट, अहमदाबाद फिलहाल चालू नहीं है। अगली सूचना तक सभी उड़ानों का संचालन अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है। यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे एयरपोर्ट पर जाने से पहले अपनी संबंधित एयरलाइन से लेटेस्ट अपडेट के लिए संपर्क करें।

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तत्काल टिकट बुकिंग हुई आसान, आधार वेरिफिकेशन से मिलेगी प्राथमिकता

देशभर के करोड़ों रेल यात्रियों के लिए अच्छी खबर है। तत्काल बुकिंग में कन्फर्म टिकट नहीं मिलने की समस्या से जल्द उनको राहत मिलने वाली है। दरअसल, रेलवे ने 1 जुलाई से आधार वेरिफिकेशन लागू करने का फैसला किया है। इसके बाद केवल आधार प्रमाणित यूजर्स ही तत्काल ट्रेन टिकट बुक कर पाएंगे। रेल मंत्रालय ने 10 जून, 2025 को सभी रेलवे जोन को एक निर्देश जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि इस नियम को लागू करने का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि तत्काल योजना का लाभ आम लोगों को मिले। जानकारों का कहना है कि इस कदम से कन्फर्म टिकट मिलने में आसानी होगी। वहीं दलाल द्वारा टिकट की ब्लैकमेलिंग पर रोक लगेगी।

कहां से होगी टिकट की बुकिंग

1 जुलाई, 2025 से भारतीय रेलवे की तत्काल बुकिंग के तहत ट्रेन टिकट केवल आईआरसीटीसी की वेबसाइट या इसके मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से बुकिंग हो पाएगी। केवल वे यात्री ही तत्काल टिकट की बुकिंग कर पाएंग जिनका आधार वेरिफिकेशन हुआ होगा। इसके अतिरिक्त, 15 जुलाई, 2025 से टिकट बुकिंग करने के लिए आधार-लिंक्ड ओटीपी सत्यापन प्रक्रिया से गुजरना होगा।

एजेंट का विंडो 30 मिनट बाद खुलेगा

टिकटिंग एजेंटों का विंडो 30 मिनट में बाद खुलेगा। एसी श्रेणियों के लिए सुबह 10.00 बजे से 10.30 बजे तक और गैर-एसी के लिए सुबह 11.00 बजे से 11.30 बजे तक लागू होगा। मंत्रालय ने रेलवे सूचना प्रणाली केन्द्र (सीआरआईएस) और आईआरसीटीसी को निर्देश दिया है कि वे प्रणाली में आवश्यक संशोधन करें तथा इन परिवर्तनों के बारे में सभी जोनल रेलवे को सूचित करें।

आधार वेरिफिकेशन से मिलेगी प्राथमिकता
आधार वेरिफिकेशन से मिलेगी प्राथमिकता

आधार-आधारित ओटीपी होगा लागू

तत्काल बुकिंग के तहत टिकट केवल आधार प्रमाणित यूजर्स ही भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) की वेबसाइट/इसके ऐप के माध्यम से बुक कर सकते हैं। इसके अलावा, मंत्रालय ने निर्धारित किया है कि 15 जुलाई, 2025 से यात्रियों को तत्काल बुकिंग के लिए एक अतिरिक्त आधार-आधारित ओटीपी प्रमाणीकरण चरण पूरा करना होगा।

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सोनम का कबूलनामा- मैंने ही कराया पति राजा रघुवंशी का कत्ल

राजा रघुवंशी मर्डर के केस के पांचों आरोपियों को शिलॉन्ग की कोर्ट में पेश किया जाना है। इससे ठीक पहले मेघालय पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। मेघालय पुलिस ने कहा है कि राजा की पत्नी सोनम ने हत्या की बात को कबूल कर लिया है। सोनम के साथ राज कुशवाहा को भी मुख्य आरोपी बनाया गया है। इनके साथ तीन और आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाएगा।

मेघालय पुलिस की ओर से शिलॉन्ग के एसपी विवेक स्येम ने कहा कि जब एसआईटी बनी थी तो हमने सभी सबूतों की जांच की। हमारे पास बहुत सारा डेटा था। जब हमने सब कुछ चेक किया तो पिक्चर क्लियर हो गई, लेकिन इसको लेकर कई नैरेटिव बन रहे थे। कोई किडनैपिंग कह रहा था और कोई लूटपाट, फैमिली भी इसी तरह से सोच रही थी। हमारे पास कुछ सबूत थे कि वो वारदात की जगह से निकल गई थी।

राजा रघुवंशी की मां से मिला सोनम का भाई

इंदौर में राजा रघुवंशी के घर अभी थोड़ी देर पहले सोनम का भाई गोविंद पहुंचा। उसने राजा की मां से मुलाकात की है। इस दौरान वह राजा की मां से गले मिलकर फूट-फूटकर रोने लग गया। गोविंद ने कहा कि हमारे परिवार को उस रिश्ते के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। वहीं, जो लोग दोषी हैं, उन सभी को फांसी की सजा हो। गोविंद ने कहा कि हम इस परिवार के साथ खड़े हैं। राजा की मां से मिलने के बाद सोनम के भाई ने कहा कि सोनम का किसी के साथ अफेयर नहीं था। जो भी दोषी है उसे फांसी हो। उसने कहा, राज कुशवाहा सिर्फ हमारा कर्मचारी है और सोनम, राज के साथ कर्मचारी के तौर पर बात करती थी। वह राज कुशवाहा को राखी भी बांधती है।

सोनम ने कबूल किया जुर्म

वहीं आपको बता दें कि आरोपी सोनम रघुवंशी ने एसआईटी पूछताछ में अपना जुर्म कबूल कर लिया है। सारे सबूत सामने रख कर सोनम से पूछताछ की जा रही है और पूछताछ में सोनम ने कहा कि, हां, वो अपने पति राजा रघुवंशी की हत्या की साजिश में शामिल थी। मेघालय पुलिस ने जब सोनम रघुवंशी और उसके प्रेमी राज कुशवाहा का आमना-सामना करवाया। तो सोनम टूट गई और उसने अपने पति राजा कुशवाहा की हत्या की साजिश में शामिल होने की बात कबूल ली। पुलिस ने पुख्ता सबूतों के साथ दोनों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की।

राजा की हत्या के बाद इंदौर आई थी सोनम ?

इस बीच, मीडिया की खबरों में यह बात सामने आई है कि मेघालय में 23 मई को राजा रघुवंशी की हत्या के बाद उसकी पत्नी सोनम इंदौर आई थी। मध्य प्रदेश पुलिस के एक अधिकारी ने बताया,‘‘हमें सोनम के मेघालय से इंदौर आकर 25 से 27 मई के बीच शहर के देवास नाका क्षेत्र में किराये के एक फ्लैट में रहने की सूचना मिली है। हालांकि, इस बारे में डिटेल जानकारी मेघालय पुलिस दे सकेगी।

सोनम ने घूमने के लिए चुना था मुश्किल रास्ता

सोनम ने राजा को डबल डेकर ब्रिज घूमने के लिए कहा था। यहां जाने के दो रास्ते हैं। पुलिस ने बताया कि सोनम ने मुश्किल रास्ते को चुना था, जबकि आसान रास्ते को छोड़ दिया। सोनम ने इस बात कबूल कर लिया है कि वह इस वारदात में पूरी तरह से शामिल थी। पुलिस ने बताया कि फिलहाल यह लव एंगल का ही मामला दिख रहा है।

11 मई को शादी, 23 मई को लापता

मेघालय में हनीमून मनाने गए राजा रघुवंशी और उनकी पत्नी सोनम 23 मई को लापता हो गए थे। उन्होंने बताया कि राजा रघुवंशी का शव दो जून को पूर्वी खासी हिल्स जिले के सोहरा क्षेत्र (जिसे चेरापूंजी भी कहा जाता है) में एक झरने के पास गहरी खाई में मिला था। राजा रघुवंशी का परिवार ट्रांसपोर्ट के कारोबार से जुड़ा है। उनकी सोनम से शादी 11 मई को इंदौर में हुई थी और वे 20 मई को हनीमून के वास्ते मेघालय के लिए रवाना हुए थे। मेघालय पुलिस का विशेष जांच दल (एसआईटी) राजा रघुवंशी की हत्या के मामले की विस्तार से तहकीकात कर रहा है।

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हनीमून बना डरावने सपने की हकीकत: एक और जोड़ा गायब, परिवार सदमे में

मध्य प्रदेश के सोनम और राजा के बाद सिक्किम में हनीमून पर गया एक और नवविवाहित जोड़ा लापता हो गया है। 11 दिन से दोनों का कोई सुराग नहीं मिला है। राजा और सोनम मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। राजा का शव पहले ही बरामद हो गया था। अब सोनम भी सही सलामत यूपी के गाजीपुर में मिल गई है। वहीं, यूपी के प्रतापगढ़ जिले के नवविवाहित दंपति कौशलेंद्र प्रताप सिंह और अंकिता सिंह का अब तक कोई पता नहीं चल सका है। परिजनों का कहना है कि “अब तक एक चप्पल तक नहीं मिली।

लालगंज तहसील क्षेत्र के राहाटीकर गांव के रहने वाले कौशलेंद्र और अंकिता हनीमून पर सिक्किम गए थे। दोनों जिस वाहन में सवार थे। वह 29 मई को हादसे का शिकार हो गया था और 1000 फीट गहरी खाई में गिर गया था। इस हादसे को 11 दिन हो चुके हैं, लेकिन दोनों की कोई खबर नहीं मिली है। इस वाहन में सवार दो लोगों का रेस्क्यू किया गया है। इनमें से एक सामान्य वार्ड और दूसरा आईसीयू वार्ड में भर्ती है। इन लोगों ने भी पुष्टि की है कि कौशलेंद्र और अंकिता इनके साथ ट्रैवलर में मौजूद थे।

जब तक उन्हें खोज नहीं लेता, सिक्किम नहीं छोड़ूंगा

सर्च ऑपरेशन में जुटी टीम को ट्रैवलर में सवार लोगों के कई सामान मिले हैं, लेकिन इनमें से कोई भी सामान कौशलेंद्र या अंकिता का नहीं है। कौशलेंद्र के पिता शेर बहादुर सिंह ने सोशल मीडिया के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाई जाए। उनका कहना है। अब तक जितने भी सामान, कपड़े, जूते, घड़ी, चश्मा, बैग निकाले गए हैं, उनमें से कोई भी मेरे बेटे या बहू का नहीं है। जब तक मैं उन्हें खोज नहीं लेता, सिक्किम नहीं छोड़ूंगा। उन्होंने देशवासियों से भी भावनात्मक अपील की कि वे दंपति की सकुशल वापसी के लिए ईश्वर से प्रार्थना करें।

5 मई को हुई थी शादी, हनीमून पर गए सिक्किम 

परिजनों ने बताया कि कौशलेंद्र और अंकिता की शादी अभी 5 मई को ही हुई थी और दोनों 25 मई को हनीमून पर सिक्किम गए थे। पट्टी के छिवलहा गांव के रहने वाले अंकिता के पिता विजय सिंह डब्बू भी सरकार से उम्मीद की आस लगाए बैठे हैं। विजय सिंह ने बताया कि 29 मई को बेटी से बात हुई थी और वह बहुत खुश थी, लेकिन इसके बाद से ही वह गायब है। जिससे पूरे परिवार में मातम का माहौल है। हालांकि अभी भी उन्हें भगवान पर भरोसा है और अपनी बेटी और दामाद के सकुशल लौटने की उम्मीद जता रहे हैं।

जब संकट आया तो कोई देखने तक नहीं आया – भाजपा नेता

कौशलेंद्र के दादा और भाजपा नेता डॉ. उम्मेद सिंह ‘इन्सान’ ने भी घटना को लेकर सरकार की उदासीनता पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने बताया “मैंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, महामहिम राज्यपाल, गृहमंत्री, प्रधानमंत्री, पीएमओ तक संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कहीं से कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं मिली। पार्टी में हम वर्षों से सेवा कर रहे हैं, लेकिन जब संकट आया तो कोई देखने तक नहीं आया।” उन्होंने बताया कि ओडिशा सरकार, जहां उनकी पार्टी की सरकार है, तुरंत संज्ञान लेकर प्रशासन को एक्टिव किया, जबकि उत्तर प्रदेश और केंद्र से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली।

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हत्या करने वाले या फिर सुपारी देने वाली सोनम, जानें किसे मिलेगी अधिक सजा

अभी लोग मेरठ के सौरभ राजपूत हत्याकांड वाले केस से उबर भी नहीं पाए थे कि एक और महिला अपने पति की हत्यारन निकल आई। शादी के बाद मेघालय में हनीमून मनाने गए राजा रघुवंशी और पत्नी सोनम रघुवंशी कई दिनों से लापता थे। जिसके बाद पुलिस को राजा रघुवंशी का शव एक खाई में मिला। सोनम फिर भी लापता थी और बीते दिन उसको गाजीपुर के ढाबे से गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं तीन और लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है, जिन्होंने राजा रघुवंशी की हत्या की है। लेकिन उसकी हत्या की सुपारी राजा की पत्नी सोनम ने दी थी।

अब यहां समझने वाली बात यह है कि पति की हत्या का षडयंत्र रचने वाली और सुपारी देने वाली सोनम को ज्यादा सजा मिलेगी या फिर कॉन्ट्रैक्ट किलर्स को कड़ी सजा होगी। आइए इसके बारे में बताते हैं।

हत्या करने वाले के लिए सजा

भारत में हत्या करने वाले के लिए तो संविधान में मृत्युदंड या आजीवन कारावास की सजा निर्धारित की गई है। भारतीय न्याय संहिता 2023 के तहत हत्या के सजा मृत्युदंड या आजीवन कारावास तय किया गया है। इसके साथ ही जुर्माना भी हो सकता है। इसके लिए धारा 103 हत्या को एक अपराध बताती है और इसके लिए कठोर सजा का प्रावधान है। इसके अलावा अदालत जुर्माना भी लगा सकती है। वहीं अगर पांच या उससे ज्यादा लोगों के द्वारा हत्या की गई है तो इसके लिए BNS 2023 की धारा 103 में दंड के अलावा भी अतिरिक्त प्रावधान है। अगर हत्या किसी की नस्ल, जाति या फिर लिंग के आधार पर की गई है। तो सजा में बढ़ोतरी हो सकती है।

सुपारी देने वाले के लिए सजा

राजा रघुवंशी हत्याकांड मामले में उसकी पत्नी सोनम रघुवंशी ने अपने पति की हत्या की सुपारी दी थी। ऐसे मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी के तहत सजा होती है। यह धारा आपराधिक षडयंत्र के लिए अपराध से संबंधित है। इससे मतलब है कि अगर दो या दो ज्यादा लोग गैरकानूनी काम को करने के लिए प्लानिंग करते हैं। तो वे आपराधिक षडयंत्र के तहत दोषी करार दिए जाएंगे, भले ही उन्होंने उस कार्य को न किया हो।

ऐसे अपराधी को या तो मृत्युदंड या आजीवन कारावास या दो या उससे अधिक साल के लिए सश्रम कारावास हो सकता है। इसके अलावा इन दोषियों पर हत्या की धारा 103 लग सकती है। अगर षडयंत्र के अनुसार ही हत्या हुई है। तो षडयंत्र रचने वाले को भी कोर्ट हत्या का दोषी मानकर सजा सुना सकती है।

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राजा से हुई थी अरेंज मैरिज, मेरी बेटी बेकसूर है, सोनम के पिता का बड़ा बयान

इंदौर के राजा रघुवंशी मर्डर केस से जुड़ी खबर में बड़ी जानकारी सामने आई है। सोनम और राजा रघुवंशी की अरेंज मैरिज हुई थी। शादी के बाद मेघालय के शिलांग घूमने गए कपल लापता हो गए और फिर राजा का शव बरामद हुआ था। 17 दिनों के बाद सोनम उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के एक ढाबे में मिली थी, उसने सरेंडर किया और फिर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उसके साथ तीन और लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मेघालय पुलिस ने दावा किया है कि इंदौर के राजा रघुवंशी मर्डर केस में आरोपी कोई और नहीं बल्कि राजा रघुवंशी की पत्नी सोनम रघुवंशी है। पुलिस का दावा है कि सोनम ने ही हत्यारों को सुपारी दी और अपने पति की हत्या करवाई।

मां ने कहा-मेरी बेटी को फंसाया गया, वह बेकसूर है

मेघालय पुलिस सोनम पर राजा रघुवंशी की हत्या करवाने का आरोप लगा रही है, लेकिन सोनम के घर वाले इससे इंकार कर रहे हैं। सोनम के माता पिता राजा रघुवंशी हत्याकांड की सीबीआई की जांच की मांग कर रहे हैं। सोनम की मां भी अपनी बेटी को बेकसूर बता रही हैं। सोनम की मां का कहना है कि मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए, उनकी बेटी को शिलॉन्ग पुलिस ने फंसाया है। इसकी जांच होनी चाहिए।

सोनम के पिता का बड़ा बयान

सोनम रघुवंशी के पिता देवी सिंह ने बताया कि राजा और सोनम की अरेंज मैरिज थी। जब उनसे पूछा गया कि क्या उनकी बेटी ने राजा के साथ शादी का विरोध किया था? इस पर सोनम के पिता ने कहा नहीं, मेरे बच्चे ऐसे नहीं हैं। मेरी बेटी कोई 18- 19 साल की नहीं है। सोनम के पिता देवी सिंह रघुवंशी ने मेघालय पुलिस के दावे पर सवाल उठाते हुए कहा है कि सोनम के द्वारा सुपारी देकर हत्या कराने की बात गलत है। मेरी बेटी ऐसा नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि मेरी जब बेटी मिलेगी तो सारा सच सामने आएगा। हमारी किसी से दुश्मनी नहीं है, ऐसा ही है तो पुलिस हत्याकांड का खुलासा करे।

राजा की हत्या सुपारी किलर से करवाई गई – डीजीपी

मेघालय पुलिस ने हनीमून मनाने गए इंदौर के दंपति राजा रघुवंशी और सोनम रघुवंशी के गायब होने की गुत्थी को सुलझा लिया है। राजा रघुवंशी मर्डर केस में पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। मेघालय के डीजीपी के मुताबिक, सोनम ने राजा के मर्डर की सुपारी अपराधियों को दी थी। इस मामले में पुलिस ने पत्नी सोनम समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। सोनम के अलावा अन्य ती सभी आरोपी मध्य प्रदेश के ही रहने वाले हैं। पुलिस को इस मामले में एक आरोपी की अभी भी तलाश है। राजा रघुवंशी और उसकी पत्नी सोनम मध्य प्रदेश से मेघालय हनीमून मनाने गए थे और इसी दौरान राजा की हत्या हो गई थी।

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इंदौर के व्यवसायी राजा रघुवंशी की मई में शादी हुई थी जिसके बाद वो अपनी पत्नी सोनम रघुवंशी के साथ हनीमून मनाने मेघालय के शिलांग गए थे। वहां दोनों लापता हो गए थे और काफी खोजबीन के बाद राजा रघुवंशी का शव बरामद हुआ था और सोनम लापता थी। सोमवार की सुबह अचानक सोनम रघुवंशी यूपी के गाजीपुर स्थित एक ढाबे में मिली, जिसके बाद उसे गिरप्तार कर लिया गया है।

अब पता चला है कि सोनम ने ही पति राजा रघुवंशी के कत्ल की साजिश रची थी और फिर फरार हो गई थी। उसके साथ और तीन युवकों को गिरफ्तार किया गया है। सबसे पूछताछ हो रही है। जहां सोनम रूकी थी उस ढाबा संचालक ने बताया कि उसी के नंबर से ढाबे पर पहुंची उस लड़की ने किसी को फोन किया था। वह खूब रो रही थी, उसके बाद हमने पुलिस को सूचना दी और नंदगंज थाने की पुलिस ढाबे पर पहुंची थी और उसको अपने साथ थाने लेकर गई।

मेघालय के डीजीपी किया खुलासा

डीजीपी आई नोंग्रांग ने सोमवार की सुबह बताया कि इंदौर के पर्यटक राजा रघुवंशी की हत्या कथित तौर पर मेघालय में हनीमून के दौरान उनकी पत्नी द्वारा किराए पर लिए गए लोगों ने की। पीटीआई से बात करते हुए उन्होंने कहा कि पत्नी सोनम ने उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया, जबकि रात भर की छापेमारी में तीन अन्य हमलावरों को गिरफ्तार किया गया। 23 मई को मेघालय के सोहरा इलाके में छुट्टियां मनाने के दौरान रघुवंशी और उनकी पत्नी लापता हो गए थे। 2 जून को उनका शव एक खड्ड में मिला, जबकि उनकी पत्नी की तलाश जारी थी।

सोनम ने यूपी के नंदगंज पुलिस स्टेशन में आत्मसमर्पण – डीजीपी

डीजीपी ने कहा, “एक व्यक्ति को यूपी से पकड़ा गया और दो अन्य आरोपियों को एसआईटी ने इंदौर से पकड़ा गया है। उन्होंने कहा, “सोनम ने यूपी के नंदगंज पुलिस स्टेशन में आत्मसमर्पण कर दिया और बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया।” नोंग्रांग ने कहा कि गिरफ्तार किए गए लोगों ने खुलासा किया है कि पत्नी ने रघुवंशी की हत्या के लिए उन्हें किराए पर लिया था। उन्होंने कहा, ”इस अपराध में शामिल कुछ और लोगों को पकड़ने के लिए मध्य प्रदेश में अभियान अभी भी जारी है।” मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने पूरे देश को झकझोर देने वाले इस मामले को सुलझाने के लिए राज्य पुलिस को बधाई दी।

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रिंकू सिंह और प्रिया सरोज की हुई सगाई, इमोशनल हुईं सपा सांसद

क्रिकेटर रिंकू सिंह और सपा सांसद प्रिया सरोज की लखनऊ के सेंट्रम होटल में सगाई हो गई है। क्रिकेट और राजनीति की कई प्रमुख हस्तियां इस समारोह में शामिल हुईं। इसमें सपा प्रमुख अखिलेश यादव, डिम्पल यादव, जया बच्चन और प्रवीण कुमार शामिल रहे। अब रिंकू और प्रिया की सगाई के समय की पहली तस्वीर सामने आई है। जिसमें दोनों मुस्कुराते हुए नजर आए हैं।

मेन्यू में शाकाहारी व्यंजन हैं शामिल

रिंकू सिंह और प्रिया सरोज की सगाई का स्पेशल मेन्यू भी सामने आया है। मेन्यू में बंगाली रसगुल्ला, काजू पनीर रोल, पनीर टिक्का और मटर मलाई शामिल है। पूरा मेन्यू शाकाहारी है और मेन्यू में ज्यादातर अवधी खाने को तवज्जो दिया गया है। वेलकम ड्रिंक में ‘कुहाड़ा’ (नारियल बेस्ड) और स्टार्टर में यूरोपियन, चाइनीज, एशियन और इंडियन व्यंजन शामिल हैं। इसके अलावा मेन कोर्स में मलाई कोफ्ता, कढ़ाई पनीर, मिक्स वेज, मंचूरियन, स्प्रिंग रोल और नूडल्स शामिल हैं, जो मेहमानों को परोसे जाएंगे।

मछलीशहर से सांसद हैं प्रिया सरोज

प्रिया सरोज उत्तर प्रदेश के मछलीशहर से सांसद हैं। उन्होंने लोकसभा चुनाव 2024 में मछलीशहर सीट से जीत दर्ज की थी और भारतीय जनता पार्टी के बीपी सरोज को 35850 वोटों से हराया था। उनके पिता तूफानी सरोज भी तीन बार सांसद रह चुके हैं और इस समय वह समाजवादी पार्टी से केराकात से विधायक हैं।

प्रिया सरोज की आंखों से छलके आंसू

रिंकू सिंह और प्रिया सरोज ने सगाई के लिए एक साथ स्टेज पर एंट्री ली। रिंकू उनका हाथ पकड़े हुए नजर आए। इसी बीच प्रिया के पिता तूफानी सरोज व्यवस्थाओं को देख रहे थे और मेहमानों का स्वागत कर रहे थे। तभी रिंकू ने उनके पैर छू लिए। वहीं जब रिंकू ने प्रिया को रिंग पहनाई, तो वह भावुक हो गईं और उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े।

विस्फोटक बल्लेबाजी में माहिर हैं रिंकू सिंह

रिंकू सिंह ने भारतीय टीम के लिए साल 2023 में वनडे में डेब्यू किया था। इसके बाद उन्होंने 2 वनडे मैचों में कुल 55 रन बनाए। इसके अलावा वह 33 टी20 इंटरनेशनल मैचों में 546 रन भी बना चुके हैं। वह विस्फोटक बल्लेबाजी करने लिए जाने जाते हैं और उनके पास वह काबिलियत है कि वो चंद गेंदों में ही मैच का रुख बदल सकें।

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लेखपालों के बाद अब कौन ? एसडीएम – तहसीलदारों पर लटकी तलवार !

आईजीआरएस पोर्टल पर आई शिकायतों के निस्तारण में लेखपालों पर सांकेतिक कार्रवाई के बाद अब खराब प्रदर्शन करने वाले एसडीएम, तहसीलदार व अन्य अफसरों की भी सूची तैयार की जा रही है। इनसे अंतिम चेतावनी जारी कर महीने की प्रगति पूछी जाएगी। इसके बाद कार्रवाई होगी। आईजीआरएस पोर्टल पर आई शिकायतों के निस्तारण में प्रयागराज सूबे में 75वें स्थान पर है।

जबकि प्रदेश सरकार, कमिश्नर और डीएम हर बैठक में इसकी मॉनिटरिंग करने के लिए चेतावनी दी। बावजूद इसके कोई भी सुधार नहीं हुआ। अप्रैल में प्रयागराज 75वें स्थान पर था, मई की रैंकिंग जारी हुई तो स्थान वहीं पर बना रहा। जबकि इस दो महीनों के बीच में हर अधिकारी और कर्मचारी को एक के बाद एक कई नोटिस देकर रैंकिंग सुधारने का निर्देश दिया गया। बावजूद इसके सुधार एक फीसदी भी नहीं दिखा।

समीक्षा बैठक में गायब रहते हैं अफसर

अफसरों ने बताया कि जब आईजीआरएस पोर्टल की शिकायतों के निस्तारण की समीक्षा की जाती है तो कई अफसर गायब हो जाते हैं। निस्तारण करने वाले कई अधिकारी अपने प्रतिनिधि को भेज देते हैं, जबकि काम उन्हें करना है। ऐसे में किसी को जानकारी ही नहीं रहती कि करना क्या है और नतीजा जिला लगातार पिछड़ रहा है।

एडीएम सिटी ने दिया था प्रोफॉर्मा

एडीएम सिटी को आईजीआरएस पोर्टल पर आई शिकायतों निस्तारण का नोडल अधिकारी बनाए गए। लापरवाह अफसरों व कर्मचारियों को नोटिस इनकी ओर से भी दिया गया। इसके साथ ही एडीएम सिटी ने एक प्रोफॉर्मा दिया था, जिससे अलग-अलग कॉलम बनाकर दिए गए थे कि निस्तारण कैसे करना है और जवाब क्या देना है। बावजूद इसके किसी ने प्रोफॉर्मा को भी नहीं भरा।

जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ ने बताया कि आईजीआरएस पोर्टल पर आने वाली शिकायतों का गुणवत्ता पूर्वक निस्तारण करना होगा। इसके लिए जिम्मेदार तय हैं। जिम्मेदारों को अपना काम पूरा करना होगा। लापरवाही करने वाले एसडीएम, तहसीलदारों और अन्य अफसरों की सूची तैयार की जा रही है। सभी अपने काम में सुधार कर तत्काल प्रभाव से निस्तारण करें, नहीं तो कार्रवाई के लिए संस्तुति की जाएगी।

निलंबन से लेखपाल नाराज, प्रदर्शन जारी

संपूर्ण समाधान दिवस, समाधान दिवस, आईजीआरएस निस्तारण, वरासत का सत्यापन, आय-जाति, निवास प्रमाणपत्र, ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र, एक लेखपाल और हजार काम। आखिर सभी काम गुणवत्ता के साथ कैसे हो। नई भर्ती पर कोई बात नहीं, लगातार काम का दबाव बढ़ाया जा रहा है। इन्हीं बातों को लेकर 16 लेखपालों के निलंबन के खिलाफ जिला कार्यकारिणी का प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी रहा। जिलाध्यक्ष राजकुमार सागर और जिलामंत्री अवनीश पांडेय का कहना है कि आठ तहसील में 575 लेखपाल अतिरिक्त काम कर रहे हैं। काम का दबाव रहेगा तो अतिरिक्त काम संभव नहीं है।

read more :   क्या प्रशांत किशोर बनना चाहते थे बिहार के डिप्टी सीएम? जेडीयू पार्षद का दावा

क्या प्रशांत किशोर बनना चाहते थे बिहार के डिप्टी सीएम? जेडीयू पार्षद का दावा

बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections 2025) होने हैं। इस बार बिहार चुनाव कई मायनों में खास है। दरअसल चुनावी रणनीतिकार कहे जाने वाले प्रशांत किशोर ने चुनाव से पहले जनसुराज पार्टी का ऐलान किया था। जनसुराज पार्टी भी बिहार चुनाव में ताल ठोक रही है। जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर खुद बिहार में घूम-घूम कर जनता के बीच जा रहे हैं और जेडीयू, राजद, कांग्रेस तथा बीजेपी पर एक साथ हमला बोल रहे हैं।

बिहार देश मे तेजी से विकास करने वाला राज्य

संजय सिंह ने पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रशांत किशोर पर जमकर प्रहार किया है। उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार को नई पहचान दी। बिहार आज देश मे सबसे अधिक तेजी से विकास करने वाला राज्य है। प्रशांत किशोर जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बने थे। आपको बता दें कि साल 2015 में बिहार में नीतीश कुमार की जीत का श्रेय प्रशांत किशोर को ही दिया जाता है। साल 2018 में प्रशांत किशोर जेडीयू के उपाध्यक्ष बनाए गए थे। हालांकि, साल 2020 में प्रशांत किशोर जेडीयू से अलग हो गए थे। कहा जाता है कि नागरिकता संसोधन अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) पर संसद के अंदर जेडीयू द्वारा नरेंद्र मोदी सरकार का समर्थन किए जाने के बाद प्रशांत किशोर की जेडीयू के प्रति तल्खी बढ़ गई थी।

प्रशांत किशोर को लेकर एक बड़ा दावा

इस बीच जनता दल (यूनाइटेड) के एक पार्षद ने प्रशांत किशोर को घेरा है और एक पीके को लेकर एक बड़ा दावा कर दिया है। जेडीयू पार्षद संजय सिंह ने कहा है कि जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर जदयू में आये थे। तो अपने लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उपमुख्यमंत्री का पद मांगा था। ये सिर्फ कुर्सी के लिए काम करते हैं ना कि जनता के लिए। नीतीश कुमार ने इनको काफी सम्मान दिया पर, वो उन्हीं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करते हैं। ये शुद्ध रूप से व्यापारी हैं। पैसा खपाने के लिए उन्होंने यह पार्टी (जनसुराज पार्टी) बनाया है।

प्रशांत किशोर ने छोड़ा जेडीयू का दामन

प्रशांत किशोर ने सवाल उठाया था कि पार्टी की बैठक में नीतीश कुमार ने सीएए और एनआरसी पर आपत्ति जताई थी लेकिन संसद में पार्टी ने इस मुद्दे पर सरकार का समर्थन कैसे कर दिया था। प्रशांत कई बार यह दावा कर चुके हैं कि सीएए-एनआरसी के मुद्दे पर गतिरोध होने की वजह से ही उन्होंने जेडीयू का दामन छोड़ा था। प्रशांत किशोर की बिहार बदलाव यात्रा जारी है। बहरहाल आपको बता दें कि अभी प्रशांत किशोर जनसुराज पार्टी के लिए ताबड़तोड़ बिहार बदलाव यात्रा कर रहे हैं। इस यात्रा के तहत पीके ने बिहार की हर विधानसभा सीट पर जाकर लोगों से मिलने की बात पहले ही कही थी।

read more :       कोरोना का कहर जारी: 6000 से ज़्यादा लोग संक्रमित, 24 घंटों में 6 की मौत

कोरोना का कहर जारी: 6000 से ज़्यादा लोग संक्रमित, 24 घंटों में 6 की मौत

भारत में एक बार फिर कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। देश में सक्रिय कोरोना के मामलों की संख्या 6,133 हो गई है। पिछले 24 घंटों के अंदर 6 मरीजों की मौत भी हुई है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के के अनुसार, केरल में सबसे ज्यादा कोरोना के मामले सामने आए हैं। दिल्ली में कोरोना के 21 नए मामले सामने आए हैं।

दिल्ली में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या अब 686 हो गई है। महाराष्ट्र में कोरोना के 18 नए मामले दर्ज किए गए हैं। राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के अनुसार कोरोना से संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 595 हो गई है।

केरल में 24 घंटों में 144 कोरोना के नए मामले सामने आए हैं। केरल में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 1,950 हो गई है। यह देश के कुल मामलों का लगभग आधा है। इस बीच, पश्चिम बंगाल में कोरोना के 71 नए मामले सामने आए हैं। बंगाल में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 693 हो गई है।

वही विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मई 2025 में कहा कि सबवेरिएंट LF.7 और NB.1.8.1 लोगों के बीच फैल रहा है। डब्ल्यूएचओ ने इस सबवेरिएंट को अभी तक चिंताजनक नहीं माना है। हालांकि, इन स्ट्रेन के न केवल भारत में बल्कि चीन और एशिया के अन्य देशों में मामले बढ़ रहे हैं।

read more :      दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता को मिली जान से मारने की धमकी

दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता को मिली जान से मारने की धमकी

राजधानी दिल्ली से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आई है। यहां दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता को जान से मारने की धमकी मिली है। आरोपी ने पुलिस कंट्रोल रूम में कॉल करके सीएम को जान से मारने की धमकी दी है। पुलिस ने बताया कि देर रात गाजियाबाद पुलिस को पीसीआर कॉल की गई थी। बताया जा रहा है कि आरोपी ने देर रात 11 बजे आरोपी की कॉल आई थी। जिसके बाद गाजियाबाद पुलिस ने दिल्ली पुलिस को इसकी जानकारी दी। फिलहाल आरोपी की फोन बंद है, वहीं पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।

गाजियाबाद पुलिस ने दिल्ली पुलिस को दी सूचना

आपको बताते चले कि बीती रात गाजियाबाद पुलिस की पीसीआर पर एक शख्स ने कॉल किया। कॉलर ने दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता को जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद देर रात को ही गाजियाबाद पुलिस से इसकी सूचना उत्तर पश्चिम जिला पुलिस को दी। इस घटना के बाद से पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। पुलिस ने कॉलर को दोबारा कॉल करने की कोशिश की, लेकिन जिस नंबर से कॉल किया गया, वह फिलहाल बंद है। वहीं अब इस मामले में कार्रवाई करते हुए फिलहाल गाजियाबाद और दिल्ली की पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है।

लगातार मिल रही धमकियां

बता दें बीते कई महीनों से अलग-अलग मामलों में धमकियां मिलने की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। इससे पहले भारत में कई यात्री उड़ानों को बम से उड़ाने की धमकियां मिली हैं। साल 2024 में सबसे ज्यादा फर्जी धमकियां मिलीं हैं। एक आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में नागरिक उड्डयन क्षेत्र को मिलने वाली फर्जी बम धमकियों में पिछले छह साल में रिकॉर्ड 300 गुना की वृद्धि दर्ज की गई। सबसे ज्यादा फर्जी धमकियां सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ के जरिये भेजी गईं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय उड़ानों को पिछले साल कुल 1,019 फर्जी बम धमकियां मिलीं। जबकि 2018 से 2023 के बीच ऐसी 330 धमकियां प्राप्त हुई थीं।

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चिनाब पुल पर लहराया तिरंगा, पीएम मोदी ने किया राष्ट्र को समर्पित

पहलगाम आतंकी हमले के बाद आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार जम्मू-कश्मीर दौरे पर पहुंचे हैं। पीएम ने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल चिनाब का उद्धाटन किया। उन्होंने चिनाब ब्रिज का जायजा भी लिया और इसको बनाने वाले कामगारों से बातचीत की। इसके बाद उन्होंने इसी ट्रैक पर बने अंजी ब्रिज का भी लोकार्पण किया।

ये देश का पहला ऐसे रेलवे ब्रिज है जो केबल स्टेड तकनीक पर बना है। यह ऐतिहासिक पुल न सिर्फ कश्मीर घाटी को पूरे भारत से जोड़ेगा, बल्कि क्षेत्र में व्यापार, पर्यटन और औद्योगिक विकास को भी नई गति देगा। साथ ही प्रधानमंत्री ने कटरा और श्रीनगर को जोड़ने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस ट्रेन के जरिये जम्मू से श्रीनगर का रास्ता केवल 3 घंटे का रह जाएगा। पीएम मोदी ने आज जम्मू-कश्मीर में 46 हजार करोड़ की परियोजना का उद्घाटन किया।

उमर अब्दुल्ला ने पीएम मोदी की तारीफ की

जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने चिनाब ब्रिज के उद्घाटन के अवसर पर अपने संबोधन में पीएम मोदी की तारीफ की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 46,000 करोड़ रुपए से अधिक लागत की कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन और लोकार्पण के कार्यक्रम में हिस्सा लिया। पीएम मोदी ने कटरा रेलवे स्टेशन से कटरा और श्रीनगर को जोड़ने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। अब लोग कटरा से श्रीनगर तक सीधे ट्रेन से सफर कर पाएंगे। कटरा से 2 ट्रेनें हफ्ते में 6 दिन श्रीनगर के लिए रवाना होंगी। इसका किराया भी 1000 रुपये से कम है। इससे पहले उन्होंने ट्रेन में सवार स्कूली बच्चों से बातचीत की। उन्होंने ट्रेन में मौजूद रेलवे कर्मचारियों से भी बातचीत की।

हमारी सरकार ने चुनौती को चुनौती देने का रास्ता चुना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में तेजी से विकास हो रहा है, आज भारत की एकता-इच्छा शक्ति का विराट उत्सव है। हमारी सरकार ने चुनौती को चुनौती देने का रास्ता चुना। जम्मू-कश्मीर के लाखों लोगों का सपना पूरा हुआ। ये कार्यक्रम भारत की एकता और भारत की इच्छाशक्ति का विराट उत्सव है। माता वैष्णो देवी के आर्शीवाद से आज वादिए कश्मीर भारत के रेल नेटवर्क से जुड़ गई है। हम कहते आए हैं कि कश्मीर से कन्याकुमारी और ये अब रेलवे नेटवर्क के लिए हकीकत बन गया है।

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इस प्रोजेक्‍ट के रास्‍ते में काफी चुनौतियां थीं – पीएम मोदी

कटरा की रैली में पीएम मोदी ने कहा कि ये रेल लाइन प्रोजेक्‍ट सिर्फ नाम नहीं है, जम्‍मू-कश्‍मीर के नए सामर्थ्य की पहचान है। इस प्रोजेक्‍ट के रास्‍ते में काफी चुनौतियां थीं, लेकिन हमने सभी चुनौतियों को पार करते हुए इस काम को पूरा किया। कश्मीर से कन्याकुमारी अब रेलवे के लिए हकीकत बन गया है, जो कभी सपना हुआ करता था। उधमपुर, श्रीनगर, बारामूला, ये रेल लाइन प्रोजेक्ट सिर्फ प्रोजेक्ट का नाम नहीं हैं, ये बल्कि भारत के सामर्थ्य की प्रतीक है।

चिनाब पुल, एफिल टॉवर से भी ऊंचा – पीएम मोदी

चिनाब ब्रिज, दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज है। ये ब्रिज, एफिल टॉवर से भी ऊंचा है। अब लोग चिनाब ब्रिज के जरिए कश्मीर देखने तो जाएंगे ही, साथ ही ये ब्रिज भी अपने आप में एक आकर्षक टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनेगा। चिनाब ब्रिज हो या फिर आंजी ब्रिज ये जम्मू-कश्मीर की समृद्धि का जरिया बनेंगे। इससे टूरिज्म तो बढ़ेगा ही इकोनॉमी के दूसरे सेक्टर्स को भी लाभ होगा। जम्मू कश्मीर की रेल कनेक्टिविटी दोनों क्षेत्रों के कारोबारियों के लिए नए अवसर बनाएगी।

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सीएम अब्दुल्ला का यू-टर्न? पीएम मोदी की तारीफ, वाजपेयी को भी सराहा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर में चिनाब पुल और अंजी पुल का लोकार्पण किया। इस दौरान जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने दिल खोलकर पीएम मोदी की तारीफ की। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भी याद किया और बताया कि उन्हीं के कार्यकाल में इस प्रोजेक्ट की शुरुआत हुई थी और अब जाकर यह पूरा हो पाया है। उन्होंने बताया कि रेल ब्रिज बनने से जम्मू कश्मीर पूरे भारत से जुड़ गया है। अब जम्मू कश्मीर का सामान आसानी से देश के अन्य हिस्सों में पहुंच सकेगा। वहीं, बारिश होने पर अब विमान कंपनियां लूट नहीं मचा पाएंगी, क्योंकि लोगों के पास ट्रेन के जरिए दिल्ली तक जाने का विकल्प होगा।

अंग्रेजों ने सिर्फ सपना देखा, वाजपेयी-मोदी ने पूरा किया

उमर अब्दुल्ला ने बताया कि इस रेल ब्रिज को बनाने का सपना अंग्रेजों ने भी देखा था। चिनाब पुल दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज है। अंग्रेज ऊरी तक ट्रेन लाकर कश्मीर को पूरे भारत से जोड़ना चाहते थे, लेकिन वो ऐसा नहीं कर पाए। इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी इसकी नींव रखी और पीएम मोदी ने इस ब्रिज का उद्घाटन किया। इसका निर्माण बेहद चुनौतीपूर्ण था। इसी वजह से इसके निर्माण में कई दशक लग गए।

सीएम अब्दुल्ला ने बताया कि जब इस प्रोजेक्ट की नींव रखी गई थी, तब वह आठवीं कक्षा में पढ़ते थे। अब वह 55 साल के हो चुके हैं। उनके बच्चे कॉलेज की पढ़ाई पूरी कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि अटल बिहारी वाजपेयी ने इस प्रोजेक्ट को खास अहमियत दी थी और बजट में प्रावधान किया था, लेकिन इसे पूरा होने में इतना समय लग गया।

कश्मीर के लोगों को होगा फायदा – सीएम उमर अब्दुल्ला

सीएम अब्दुल्ला ने कहा कि इस ब्रिज से जम्मू कश्मीर को फायदा होगा। यहां पर्यटन बढ़ेगा। आने-जाने वाले लोगों को फायदा होगा। स्थानीय लोगों को फायदा होगा। यहां बारिश होते ही हाइवे बंद हो जाते हैं तो जहाज वाले लूटना शुरू कर देते हैं। पांच हजार की टिकट 20 हजार की हो जाती है। अब यह बंद होगा। उमर अब्दुल्ला ने उम्मीद जताई कि अब जम्मू कश्मीर के सेब, मेवा और अन्य सामान देश के अन्य बाजारों तक रेल के जरिए पहुंचेंगे। इससे कश्मीरियों के साथ-साथ अन्य राज्यों के लोगों को भी फायदा होगा।

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आपकी पार्टी के कारनामे कैलेंडर में सरेंडर है – सुधांशु त्रिवेदी

लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के सरेंडर वाले बयान पर बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने पलटवार किया है। सुधांशु त्रिवेदी ने हिंदी की एक कहावत का जिक्र करते हुए राहुल गांधी पर देश के आत्मसम्मान और सेना के शौर्य का अपमान करने का आरोप लगाया। वही सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, हिंदी में एक कहावत है- नया मुल्ला ज्यादा प्याज खाता है, लेकिन यहां गैर मुल्ला इस कदर प्याज खाने में लगा है कि उसे एहसास ही नहीं कि वह इस देश के आत्मसम्मान और सेना के शौर्य का कितना बुरा अपमान कर रहा है।

जो पाकिस्तान ने नहीं कहा, वो राहुल बोले

उन्होंने कहा कि अब तक कांग्रेस के नेता पाकिस्तानी मीडिया में सुर्खियां बटोरते थे और उनके बयानों को पाकिस्तानी संसद में कोट किया जाता था, लेकिन राहुल गांधी ने पहली बार ऐसी बात कही है जो पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने भी नहीं कही, न ही किसी पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन ने कही। बीजेपी सांसद ने कहा, “राहुल गांधी आपको सरेंडर करना होगा। पीओके क्यों सरेंडर कर दिया ? आप आपकी पार्टी और आपके खानदान के कारनामे सरेंडर है, कैलेंडर में। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक शेर की तरह हैं, भारत मां के शेर हैं।

पाकिस्तान के नेता बनने की कोशिश – सुधांशु त्रिवेदी

सुधांशु त्रिवेदी ने आगे कहा, यहां तक कि मसूद अज़हर या हाफिज सईद ने भी ऐसी बात नहीं कही। उनमें से किसी ने भी यह नहीं कहा कि भारत ने सरेंडर किया। मैं राहुल गांधी से पूछना चाहता हूं – क्या वह इन लोगों से एक कदम आगे निकलना चाहते हैं ? अब तक वह पाकिस्तान के लोगों, पाकिस्तानी सेना और आतंकवादी संगठनों को कवर फायर दे रहे थे। क्या वह अब उनके नेता बनने की कोशिश कर रहे हैं ?

राहुल ने किया अपमान – सुधांशु त्रिवेदी

उन्होंने कहा उस व्यक्ति की बुद्धिमत्ता और विवेक का स्तर स्पष्ट है जो चुनाव परिणाम में अपने तीसरे प्रयास में तीन अंकों से कम प्राप्त करने को सफलता और तीसरी बार प्रधानमंत्री चुने जाने को हार के रूप में देखता है। मैं कांग्रेस पार्टी से पूछना चाहता हूं, क्या राहुल गांधी ने सरेंडर शब्द का इस्तेमाल करके सेना का अपमान किया है या नहीं ? उन्होंने ऐसा शब्द इस्तेमाल किया है जिसका इस्तेमाल पाकिस्तान की सेना, आतंकवादी संगठनों, या संयुक्त राष्ट्र-नामित आतंकवादियों मसूद अजहर या हाफिज सईद ने भी नहीं किया है।

राहुल गांधी ने कहा कि……..

बता दें कि राहुल गांधी ने भोपाल में पार्टी की एक सभा में भारत-पाकिस्तान सीजफायर को लेकर दावा किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का एक फोन आया और पीएम नरेंद्र मोदी ने तुरंत सरेंडर कर दिया। उन्होंने कहा कि बीजेपी-आरएसएस का करैक्टर है कि वो हमेशा झुकते हैं।

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बाराबंकी में मौत का तांडव: अर्टिगा और ट्रक की टक्कर में उड़ीं चार जिंदगियां

बाराबंकी रिपोर्टर। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में सगाई की खुशियां पल भर में मिट्टी में मिल गईं। सोमवार की सुबह सगाई से लौट रहे लोगों की कार ट्रक से टकरा गई। ये टक्कर इतनी भयानक थी कि इस हादसे में 4 लोगों की मौत हो गई और परिवार के लोग एक झटके में खत्म हो गए। इस भीषण सड़क हादसे में चार लोगों की दर्दनाक मौत हो गई।

ये हादसा बाराबंकी के रामनगर में हुआ, जहा सुबह करीब साढ़े पांच बजे ट्रक और अर्टिगा कार की आमने-सामने टक्कर में तीन पुरुष और एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों में पति-पत्नी, उनके जीजा और गाड़ी का ड्राइवर शामिल है। जबकि एक महिला और दो बच्चे गंभीर रूप से घायल हुए हैं। यह सभी लोग कानपुर में एक सगाई कार्यक्रम करने के बाद वापस गोंडा जा रहे थे।

भीषण हादसे में अर्टिगा कार के उड़े परखच्चे

हादसे के बाद सभी घायलों को स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामनगर में प्राथमिक उपचार के लेकर जाया गया। इसके बाद उनकी हालत को देखते हुए जिला अस्पताल रेफर किया गया। जानकारी के मुताबिक कानपुर में इस हादसे में जान गंवाने वाले मृतक सुधीर के भाई की सगाई का कार्यक्रम का आयोजन हुआ था। वहीं से यह सभी लोग वापस गोंडा जा रहे थे। तभी रास्ते में यह हादसा हो गया। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि अर्टिगा कार के परखच्चे उड़ गए।

मुख्यमंत्री योगी की त्वरित प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे की जानकारी मिलते ही तत्काल उच्चाधिकारियों से संपर्क कर राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाने का निर्देश दिया। साथ ही शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घायलों के समुचित इलाज के लिए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को त्वरित निर्देश दिए। सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता और घायलों के इलाज का खर्च वहन करने को भी कहा गया है।

हादसे की जांच के आदेश

मुख्यमंत्री द्वारा प्रारंभिक जांच रिपोर्ट की मांग की गई है और दुर्घटना के कारणों की गहराई से जांच करने को कहा गया है। ट्रक चालक के नशे में होने या लापरवाही की आशंका पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है।

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सुरक्षाबलों को मिली बड़ी कामयाबी, 16 नक्सलियों ने किया सरेंडर

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले से एक अच्छी खबर सामने आई है। यहां 16 नक्सलियों ने सुरक्षा बलों के सामने सरेंडर कर दिया है। इन सभी पर कुल मिलाकर 25 लाख रुपये का इनाम घोषित था। इनमें से 9 नक्सली चिंतलनार थाना क्षेत्र के केरलापेंदा गांव के रहने वाले थे। इनके सरेंडर करने के साथ ही अब केरलापेंदा गांव पूरी तरह से नक्सल मुक्त हो गया है। वहीं अब गांव के नक्सलमुक्त होने के बाद राज्य सरकार की नई योजना के तहत इस नक्सल मुक्त ग्राम पंचायत को विकास परियोजनाओं के लिए एक करोड़ रुपये भी प्रदान किए जाएंगे।

25 लाख रुपये का घोषित था इनाम

अधिकारियों के मुताबिक इन सभी नक्सलियों पर कुल 25 लाख रुपये का इनाम घोषित था। इनमें से दो पर आठ-आठ लाख रुपये का इनाम घोषित था। इनमें से एक रीता उर्फ डोडी सुक्की (36) और दूसरा राहुल पुनेम (18) है, जिनपर आठ-आठ लाख का इनाम घोषित था। इसके अलावा लेकम लखमा (28) पर तीन लाख रुपये तथा तीन अन्य नक्सलियों पर दो-दो लाख रुपये का इनाम घोषित था। इनमें से 9 नक्सली केरलापेंदा ग्राम पंचायत के थे। इनके सरेंडर के साथ ही यह ग्राम पंचायत नक्सलमुक्त हो गई है। इस ग्राम पंचायत को सरकार की ओर से एक करोड़ रुपये की राशि प्रदान की जाएगी।

कुल 16 नक्सलियों ने किया सरेंडर

वहीं सुकमा जिले के एसपी किरण चव्हाण ने इसके बारे में जानकारी देते हुए बताया कि एक महिला सहित कुल 16 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। इन्होंने पुलिस और सीआरपीएफ के अधिकारियों के सामने खुद को सरेंडर किया। उन्होंने यह भी बताया कि ये सभी नक्सली राज्य सरकार की ‘नियद नेल्लनार’ (आपका अच्छा गांव) योजना से प्रभावित होकर सरेंडर किया। इस योजना के तहत नक्सल मुक्त गांवों में विकास कार्यों को सुविधानजक बनाना है।

नक्सलमुक्त हुए दो गांव

बता दें कि केरलपेंदा दूसरी ग्राम पंचायत है, जो नक्सलमुक्त हो गई है। इससे पहले अप्रैल महीने में बड़ेसट्टी ग्राम पंचायत को नक्सलमुक्त घोषित किया गया था। वहां भी सभी नक्सलियों ने सुरक्षा बलों के सामने सरेंडर कर दिया था। इसके अलावा सरेंडर करने वाले सभी नक्सलियों को राज्य सरकार की ओर से 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इसके अलावा उनका पुनर्वास कराया जाएगा। बता दें कि अबतक बस्तर इलाके में 792 नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया है। इस इलाके में कुल सात जिले शामिल हैं।

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कैसे यूक्रेन ने रूस को उलझाया अपने जाल में ? मचाई भारी तबाही

यूक्रेन ने रूस पर अबतक का सबसे बड़ा हवाई हमला किया है और ये रूस की वायुसेना पर अब तक का सबसे आक्रामक हमला माना जा रहा है। हालांकि यूक्रेन ने रूसी वायु सेना पर इतने बड़े पैमाने पर इस तरह का हमला कैसे किया, यह ठीक ढंग से बता पाना फिलहाल मुश्किल है। लेकिन कहा जा रहा है कि इन हमलों में सात अरब डॉलर का नुक़सान हुआ है। यूक्रेन ने किस तरह से इसकी प्लानिंग की और कैसे इसे अंजाम दिया ये तो बाद की बात है। लेकिन उसने इसका नाम भी ऐसा यूनिक रखा है जो इस पूरे हमले के लिए तर्कसंगत सा प्रतीत होता है। क्योंकि उसने इसे ‘ऑपरेशन स्पाइडर्स वेब’ का नाम दिया है जो इसके लिए एक शानदार प्रचार अभियान साबित हो सकता है।

क्यों रखा ऐसा यूनिक नाम

यूक्रेन की सैन्य ख़ुफ़िया एजेंसी ने जो जानकारी दी है उसके हिसाब से ऑपरेशन स्पाइडर वेब अब तक की उसकी सबसे बड़ी उपलब्धि है। क्योंकि उसने बताया है कि इस ऑपरेशन के लिए उसने 18 महीनों तक तैयारी की और इसमें कई छोटे छोटे ड्रोन्स को रूस में स्मगलिंग के ज़रिए पहुंचाया गया और ड्रोन्स को मकड़ी की जाल की तरह फैला दिया गया। सभी ड्रोन्स को मालवाहक ट्रकों के ख़ास कम्पार्टमेंट में रखा गया और इसके बाद हज़ारों मीलों दूर अलग-अलग चार जगहों पर ले जाकर उन्हें नज़दीकी सैन्य हवाई अड्डों पर रिमोटली लॉन्च किया गया।

रूस ने कही ये बात

रूसी रक्षा मंत्रालय ने रविवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में देश के पांच प्रांतों में सैन्य हवाई अड्डों को निशाना बनाने की पुष्टि की थी। हालांकि इसके साथ ही मंत्रालय ने दावा किया था कि उसने आइवानवा, रायाज़न और आमिर प्रांतों में सैन्य हवाई अड्डों पर सभी हमलों को नाकाम कर दिया है। मंत्रालय ने ये भी बताया कि मिरमंस्क और इरकुत्स्क प्रांतों में नज़दीकी इलाक़ों से ड्रोन उड़ने के बाद ‘कई विमानों ने आग पकड़ ली थी। इसमें कहा गया कि सभी आग को बुझा दिया गया और कोई नुक़सान नहीं हुआ है। साथ ही ये भी दावा किया गया कि ‘इन आतंकी हमलों में शामिल कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है।

रूस ने कहा-यूक्रेन ने की है आतंकी हरकत

रूस ने अपने पांच प्रांतों में यूक्रेन के किए इन हमलों की पुष्टि की है और इसे एक ‘आतंकी हरकत’ बताया है। रूसी सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए अपुष्ट वीडियो और तस्वीरों में साइबेरिया के इरकुत्स्क क्षेत्र में बेलाया एयर बेस पर रूसी रणनीतिक बमवर्षक विमानों को आग लगाते हुए दिखाया गया है। क्षेत्रीय गवर्नर इगोर कोबज़ेव ने कहा कि बेलाया बेस के पास स्थित सेरडनी गांव के पास एक सैन्य इकाई पर ड्रोन हमला हुआ था, हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि लक्ष्य क्या था। उन्होंने कहा कि ड्रोन को एक ट्रक से लॉन्च किया गया था।

ऐसा ख़ुफ़िया ऑपरेशन कभी हुआ ही नहीं

यूक्रेन के रक्षा विश्लेषक सरई कुज़न ने यूक्रेनी टीवी से कहा, “पूरी दुनिया में आज तक ऐसा ख़ुफ़िया ऑपरेशन कभी हुआ ही नहीं है। ये सारे ड्रोन्स लंबी दूरी के हमले करने में सक्षम थे। उन्होंने बताया कि ये सिर्फ़ 120 हैं जिनमें से हमने 40 को निशाना बनाया जो एक अभूतपूर्व आंकड़ा है। इस नुक़सान का आंकलन करना मुश्किल है, लेकिन यूक्रेनी सैन्य ब्लॉगर ओलेक्सांद्र कोवालेंको कहते हैं कि भले ही बॉम्बर्स और कमांड एंड कंट्रोल एयरक्राफ़्ट तबाह न हुए हों लेकिन इनका प्रभाव बहुत बड़ा है। यूक्रेनी सैन्य ब्लॉगर ओलेक्सांद्र कोवालेंको ने अपने टेलीग्राम चैनल पर लिखा, “ये नुक़सान इतना बड़ा है कि रूसी मिलिट्री-इंडस्ट्रियल कॉम्प्लेक्स अभी हालिया स्थिति में भविष्य में इन्हें फिर से बनाकर रख सके, ये मुश्किल नज़र आता है।

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जम्मू-कश्मीर में 5 साल बाद एल जी से मिलीं महबूबा मुफ्ती, चला ये बड़ा दांव

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने पांच साल में पहली बार उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात की। इस खास मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि मैंने कश्मीरी पंडितों की वापसी की मांग की। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उन्होंने एलजी को एक चिट्ठी दी, जो मुख्यमंत्री और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को भी भेजी है। उन्होंने कहा कि 74 हजार से अधिक विस्थापित परिवारों में से बहुत सारे वापस आना चाहते हैं और उनको इसमें मदद देनी चाहिए। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों का मुद्दा सभी दलों के लिए काफी बड़ा रहा है।

उमर अब्दुल्ला पर निशाना

उन्होंने कहा, ”उमर अब्दुल्ला (जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री) सरकार असेंबली में अनुच्छेद 370 पर प्रस्ताव के बदले ट्यूलिप गार्डन में घूम रहे थे। हमने सब को चिठ्ठी लिखी और अगर उमर सरकार इसको हल्के में ले रही है तो हम क्या कर सकते हैं। कश्मीरी पंडितों की वापसी हमारा पॉलिटिकल एजेंडा होगा और सरकार के साथ साथ हम भी उनकी वापसी के लिए काम करेंगे। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हमने अपने एजेंडा को लाने से पहले कश्मीरी पंडितों से बात की और उनकी सजेशन भी इस में शामिल की है। हम कश्मीरी पंडितों को वापस कश्मीरी समाज में शामिल देखना चाहते हैं।

कश्मीरी पंडितों को जमीन दी जाए – महबूबा मुफ्ती

2019 में 370 हटने के बाद पहली बार एलजी से मिलकर महबूबा मुफ्ती ने कहा, ”वापस आने वाले सभी कश्मीरी पंडितों को उनके गृह जिले में आधा कनाल जमीन दी जाए। जम्मू कश्मीर विधानसभा में कश्मीरी पंडितों को दी गई दो नॉमिनेटेड सीट के बदले उनकी सीट आरक्षित की जाए। कश्मीरी पंडितों को सम्मान और शांति के साथ लौटने में मदद मिले। अमरनाथ यात्रा में आम लोगों के साथ भी काम किया जाए।”

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घुसपैठिया करार देकर लोगों को बांग्लादेश डिपोर्ट करने की असम सरकार की नीति के खिलाफ दाखिल याचिका सुनने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि याचिकाकर्ता हाईकोर्ट जाएं। एक याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में व्यक्तिगत पीड़ा रखी और कहा कि शायद बिना उचित प्रक्रिया के अचानक उसकी मां को बांग्लादेश भेज दिया गया है। उसे पता नहीं है कि मां कहां है। हलाकि कोर्ट ने इस याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई की बात कही है।

असम पुलिस ने अवैध रूप से हिरासत में रखा

30 मई को मुख्य न्यायाधीश भूषण रामाकृष्ण गवई, जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह और जस्टिस ए एस चंदुरकर की बेंच के सामने यूनुस अली नाम के शख्स ने याचिका दाखिल कर कहा था कि उसकी मां को असम पुलिस ने अवैध रूप से हिरासत में रखा है। यूनुस अली के वकील शोएब आलम की दलीलों पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए 2 जून की तारीख दी थी। यूनुस अली ने अपनी मां मोनोवारा की जल्द रिहाई के लिए अनुरोध किया था।

याचिकाकर्ता का आरोप है कि 24 मई को उनकी मां को बयान दर्ज करने के बहाने धुबरी पुलिस थाने बुलाया गया और फिर हिरासत में ले लिया। इस दौरान एडवोकेट शोएब आलम ने आपत्ति जताते हुए इस पर भी चिंता जताई कि राज्य में लोगों को हिरासत में लिया जाता है और रातों-रात बांग्लादेश निर्वासित कर दिया जाता है। जबकि उनके कानूनी मामले लंबित हैं।

रातों-रात पकड़कर बांग्लादेश भेज दिया

वकील ने कोर्ट को बताया कि यूनुस अली की मां की ओर से 2017 में एक विशेष अनुमति याचिका (SLP) दायर की गई थी। जिस पर नोटिस जारी किए गए, लेकिन फिर भी लोगों को निर्वासित किया जा रहा है। जबकि इस अदालत में सुनवाई अभी भी जारी है। उन्होंने कहा कि ऐसे कई वीडियो प्रसारित हो रहे हैं, जिनमें दिखाया गया है कि लोगों को रातों-रात पकड़कर सीमा पार भेज दिया गया। मोनोवारा 12 दिसंबर, 2019 से उस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जमानत पर थीं। जिसमें असम के विदेशी हिरासत शिविरों में तीन साल से अधिक समय बिताने वाले बंदियों को सशर्त रिहाई की अनुमति दी गई थी।

मामला अभी भी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है

वही याचिकाकर्ता का कहना है कि जब उसने अगले दिन पुलिस थाने में जाकर अधिकारियों को बताया कि उनका मामला अभी भी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। तो उन्हें उनकी मां से मिलने नहीं दिया गया और उनकी रिहाई से भी इनकार कर दिया गया। याचिका में गुवाहाटी हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है, जिसने मोनोवारा को विदेशी घोषित करने वाले विदेशी न्यायाधिकरण के फैसले को बरकरार रखा था।

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सुराब में बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी का तांडव, बौखलाए पाक पीएम शहबाज

भारत में लगातार आतंकी गतिविधियों का समर्थन करने वाला पाकिस्तान अब अपने ही जाल में फंस चुका है। एक-एक कर उसके सभी प्रांतोंं से विरोध की आवाजें उठने लगी हैं। जिस आतंकवाद और अलगाववाद का वह कभी खुलकर समर्थन करता था। आज वही अलगाववाद उसके लिए सिरदर्द बन गया है। बलोच लिबरेशन आर्मी लगातार पाकिस्तान से बलूचिस्तान को आजाद करने के लिए संघर्ष कर रही है। ताजा घटनाक्रम में उसने बलूचिस्तान के सुराब शहर पर अपना कब्जा जमा लिया है। चलिए, आपको बताते हैं कि यह पाकिस्तान के लिए इतना खतरनाक क्यों है और सुराब शहर की अहमियत क्यों है ?

पाकिस्तान के लिए सुराब शहर की अहमियत

बलूचिस्तान का सुराब शहर बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा से सिर्फ 150 किलोमीटर दूर है। ऐसे में यह पाकिस्तान की सेना के लिए एक बड़ा सिरदर्द बन सकता है। यह एक छोटा सा शहर है, लेकिन रणनीतिक दृष्टि से अहम शहर है। बलोच आर्मी के कब्जे के बाद इसकी अहमियत काफी ज्यादा बढ़ गई है। यह क्वेटा-कराची हाईवे पर है। एक बार इस हाईवे को बंद किया जा चुका है, अब बीएलए ने इस शहर पर दोबारा कब्जा जमा लिया है। ऐसे में फिर से यह हाईवे बंद हो सकता है। जिससे पाकिस्तान सरकार की पकड़ इस इलाके पर कमजोर हो सकती है। सुराब, चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के निकटवर्ती क्षेत्रों से जुड़ा है। ऐसे में इस शहर पर कब्जा होने से यहां से चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) की सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती दी जा सकती है।

बैंकों में लूटपाट के साथ किया कब्जा

वही बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद ने बताया कि हमलावरों ने सरकारी कार्यालयों में तोड़फोड़ की, बैंक से नकदी लूटी और कई सरकारी अधिकारियों के आवासों को भी जला दिया। इस हमले में अतिरिक्त उपायुक्त (राजस्व) हिदायत बुलेदी बलूच की मौत हो गई। वह हमले के दौरान डटे रहे और गंभीर रूप से घायल हो गए थे। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हिदायत बुलेदी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्होंने “चरमपंथियों से मुकाबला करते हुए असाधारण साहस और कर्तव्यनिष्ठा” का परिचय दिया।

बलूचिस्तान और पाकिस्तान का क्या है झगड़ा ?

बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है (क्षेत्रफल के हिसाब से), जो दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। यह अफगानिस्तान, ईरान और अरब सागर की सीमा से लगा हुआ है। बलूचिस्तान प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है। खासकर गैस, तांबा, सोना, कोयला और यूरेनियम का भंडार है। 1947 में भारत-पाकिस्तान विभाजन के समय बलूचिस्तान एक अर्ध-स्वतंत्र राज्य (खान ऑफ कलात) था। बलूच नेताओं के अनुसार पाकिस्तान ने 1948 में जबरन बलूचिस्तान का विलय कर लिया। तभी से बलूचिस्तान में पाकिस्तान के खिलाफ विरोध और विद्रोह की शुरुआत हुई।

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