Sunday, June 29, 2025
Home Blog Page 17

पेट की चर्बी पिघला देेंगे मेथी के दाने, बस ऐसे करना होगा सेवन

मोटापा आज के दौर की एक बड़ी समस्या है जिससे भारत में करोड़ों लोग जूझ रहे हैं। मोटापा और बेली फैट ना केवल आपकी पर्सनैलिटी को खराब करता है बल्कि कई बीमारियों का कारण भी है। इसलिए इसे कंट्रोल करना बेहद जरूरी है। आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन लाइफस्टाइल में छोटा सा बदलाव कर भी आपकी फिटनेस जर्नी में काफी मददगार हो सकता है। यहां हम आपको एक ऐसा ही तरीका बता रहे हैं, जो आपके लिए काफी कारगर हो सकता है। मेथी दाना जिसे इंग्लिश में फेनुग्रीक सीड्स कहते हैं। मेथी के दानों का इस्तेमाल से वजन कम करने और बाहर निकलता पेट अंदर करने में काफी मदद मिलती है। मेथी के दाने (Fenugreek Seeds) सॉल्यूबल फाइबर से भरपूर होते हैं। जिसकी वजह से इनके सेवन से पेट लंबे समय तक भरा हुआ महसूस होता है और बार-बार भूख नहीं लगती है। मेथी दाना में फाइबर के अलावा कॉपर, राइबोफ्लेविन, विटामिन ए, बी6, सी, के, कैल्शियम, आयरन और फॉलिक एसिड की भी अच्छी मात्रा होती है, जो शरीर को अंदर से कई फायदे पहुंचाते हैं।

यहां हम आपको बताते हैं कि आप मेथी के दाने का सेवन कैसे कर सकते हैं।

मेथी के दाने का पानी

इस मेथी के दाने का सेवन करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप रात के समय एक गिलास में 1 से 2 चम्मच मेथी के दाने डालें और रातभर भीगने के लिए रख दें। सुबह इन भीगे दानों वाले पानी को अगली सुबह हल्का गर्म करें और छानकर पी लें।

आप चाहे तो मेथी के भीगे दाने भी खा सकते हैं या फिर इन दानों से फेस पैक या हेयर मास्क बनाकर लगा सकते हैं। मेथी के दानों का पानी पीने पर मेटाबॉलिज्म तेज होता है और शरीर का एक्सेस फैट बर्न होने लगता है। इससे बालों की ग्रोथ भी अच्छी होती है और बालों का झड़ना कम होता है। यह पानी स्किन के लिए भी किसी चमत्कार से कम नहीं होता जिसमें काफी एंटी-एजिंग गुण पाए जाते हैं।

मेथी के दाने की चाय

मेथी के दाने के पानी के अलावा इसकी चाय भी बनाई जा सकती है। इसके लिए आपको बस दाने को एक बर्तन में डालकर पानी के साथ अच्छी तरह उबालना है। जब पानी उबल जाए तो कप में छानकर निकालें। इस चाय को पीने पर क्रेंविग्स कंट्रोल होती है और बार-बार कुछ खाने की इच्छा नहीं होती। सुबह या शाम के समय मेथी के दानों की यह चाय पी जा सकती है।

read more : बंटेंगे तो कटेंगे…, महाराष्ट्र में सीएम योगी की फोटो के साथ लगे बैनर

बंटेंगे तो कटेंगे…, महाराष्ट्र में सीएम योगी की फोटो के साथ लगे बैनर

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। यहां 288 विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर को चुनाव होना है। चुनाव से पहले सभी दलों के नेता और कार्यकर्ता प्रचार अभियान में जुट गए हैं। इस बीच मुंबई की सड़कों पर सीएम योगी के बैनर देखें गए हैं। इन बैनर्स पर सीएम योगी की तस्वीर के साथ स्लोगन भी लिखा हुआ है। स्लोगन में लिखा हुआ है, ‘बंटेंगे तो कटेंगे’। वहीं मुंबई में लगे इन बैनर्स को लेकर बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि इसका संबंध आजादी के समय हुए बंटवारे से है।

बीजेपी कार्यकर्ता ने लगवाए सीएम योगी के बैनर

बताया जा रहा है कि मुंबई की सड़कों पर ये बैनर बीजेपी कार्यकर्ता के द्वारा लगवाए गए हैं। बीजेपी के एक कार्यकर्ता विश्वबंधु राय ने ये बैनर्स लगवाए हैं। इसे महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। इस बैनर पर सीएम योगी की तस्वीर भी लगी हुई है। इसके अलावा इसपर स्लोगन लिखा हुआ है, ‘बंटेंगे तो कटेंगे’। बैनर पर आगे लिखा है, ‘योगी संदेश… एक रहेंगे तो नेक रहेंगे, सुरक्षित रहेंगे’। वहीं इस यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की तस्वीर के साथ स्लोगन लिखे ये बैनर सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहे हैं।

मुख्तार अब्बास नकवी ने दी प्रतिक्रिया

मुंबई की सड़कों पर लगे इन बैनर्स के लेकर बीजेपी के नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के ‘बटेंगे तो कटेंगे’ वाले बैनर को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा, ‘जब भारत को आजादी मिली, तो विभाजन हुआ। उसके बाद, लोगों ने विभाजन की भयावहता देखी। यह (‘बटेंगे तो कटेंगे’) के पीछे का निष्कर्ष और मूल भाव यह है कि इसकी पुनरावृत्ति न हो।’

महाराष्ट्र की राजनीति में छिड़ी नै बहस

बता दें कि महाराष्ट्र में इस बार एक ही चरण में वोटिंग होनी है। वोटिंग से पहले चुनाव प्रचार पूरे जोर-शोर से किया जा रहा है। इस बीच कार्यकर्ता भी पूरी ताकत के साथ चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं। वहीं अब सीएम योगी की तस्वीर के साथ स्लोगन लिखे बैनर सामने आने के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में इस पर बहस छिड़ गई है।

read more : रेप और यौन उत्पीड़न मामले में प्रज्वल रेवन्ना की जमानत याचिका हुई खारिज

रेप और यौन उत्पीड़न मामले में प्रज्वल रेवन्ना की जमानत याचिका हुई खारिज

कर्नाटक हाई कोर्ट से निलंबित जनता दल (एस) के नेता प्रज्वल रेवन्ना को झटका लगा है। रेप और यौन उत्पीड़न मामले के आरोपी प्रज्वल रेवन्ना की जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है। इस मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस नागप्रसन्ना की अदालत ने एक महीना पहले इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। जेडीएस के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर यौन उत्पीड़न और रेप के तीन मामले दर्ज हैं।

प्रज्वल रेवन्ना​ के वकील की क्या थी दलील ?

इससे पूर्व न्यायमूर्ति एम. नागप्रसन्ना की पीठ ने पहले मामले में रेवन्ना के आवेदन और इसी तरह की शिकायतों से संबंधित दो अग्रिम जमानत याचिकाओं पर दलीलें सुनीं। सुनवाई के दौरान अदालत ने वकीलों को निर्देश दिया कि वे पीड़ितों के नाम का जिक्र करने से बचें, इसके बजाय वे मामले से जुड़े दस्तावेजों में विशिष्ट विवरण का जिक्र करें।

रेवन्ना की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता प्रभुलिंग के. नवदगी ने घटनाओं के वक्त का जिक्र करते हुए जोर दिया था कि जिस महिला ने इससे पहले रेवन्ना पर अवैध तरीके से उसके घर से निकाले जाने का आरोप लगाया था उसने शुरू में उन पर यौन दुर्व्यवहार का आरोप नहीं लगाया था।

नवदगी ने आगे दलील दी थी कि फोरेंसिक रिपोर्ट में कथित वीडियो से रेवन्ना के संबंध का पता नहीं चलता और पीड़ित एवं उसकी बेटी के बयानों में विरोधाभास को रेखांकित किया। नवदगी ने रेवन्ना के फोन में इस तरह के किसी आपराधिक वीडियो के होने से इनकार किया। उन्होंने यह भी दलील दी कि जिस फोन को लेकर सवाल किया जा रहा है वह रेवन्ना के ड्राइवर कार्तिक का है और फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (FSL) की रिपोर्ट अधूरी थी।

रेवन्ना ने अपना फोन नहीं सौंपा था: विशेष लोक अभियोजक

हाई कोर्ट ने एफएसएल की रिपोर्ट पर सवाल खड़ा किया, जबकि विशेष लोक अभियोजक कुमार ने एक बार फिर याचिकाकर्ता की धमकियों और पीड़ित को चुप कराने के प्रयासों का हवाला देते हुए शिकायत में देरी को सही ठहराया था। कुमार ने यह भी दलील दी थी कि रेवन्ना ने अपना फोन नहीं सौंपा था, जिसमें कई अहम सूचना थी और न्याय से बचने के लिए वह देश छोड़कर चले गए थे।

इन दलीलों के बाद अदालत ने जमानत याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था। रेवन्ना हालिया लोकसभा चुनाव में हासन सीट से हार गए थे। 26 अप्रैल को होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले प्रज्वल रेवन्ना से जुड़े कथित अश्लील वीडियो वाले पेन-ड्राइव कथित तौर पर हासन में प्रसारित होने के बाद यौन शोषण के मामले सामने आए थे।

आरोप रेवन्ना पर सीधे तौर पर नहीं लगाए गए

सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की धारा 66ई के तहत आरोपों पर नवदगी ने कहा था कि ये आरोप रेवन्ना पर सीधे तौर पर नहीं लगाए हैं। उन्होंने शिकायत में देरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए दलील दी थी कि इस मामले में देरी को लेकर कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। राज्य की ओर से पेश हुए विशेष लोक अभियोजक प्रोफेसर रवि वर्मा कुमार ने दलील दी थी कि पीड़ित को रेवन्ना ने धमकाया था और उसने शिकायत में देरी की वजह भी बताई थी।

रवि वर्मा कुमार ने जोर देकर कहा कि पीड़ित के बाद के बयान में धमकी का जिक्र है। उन्होंने यह भी कहा था कि फोरेंसिक साक्ष्य रेवन्ना के खिलाफ विशेषकर पीड़ित की बेटी के संबंध में उसके आरोपों का समर्थन करते हैं।

read more : वैक्सीन मैन अदार पूनावाला बनाएंगे फिल्में, खरीदी करण जौहर की आधी कंपनी

वैक्सीन मैन अदार पूनावाला बनाएंगे फिल्में, खरीदी करण जौहर की आधी कंपनी

बॉलीवुड के मशहूर निर्माता-निर्देशक करण जौहर ने अपनी कंपनी धर्मा प्रोडक्शंस में आधी हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया है और इसके लिए डील भी हो गई है, जो 1000 करोड़ रुपये की है। भारतीय एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री की ये डील अब तक की बड़े सौदों में शामिल होगी। ‘कुछ कुछ होता है’ से लेकर ‘कभी खुशी कभी गम’ और ‘माय नेम इज खान’ जैसी हिट फिल्में देने वाले करण जौहर ने ये सौदा दिग्गज भारतीय बिजनेसमैन अदार पूनावाला के साथ किया है।

यश जौहर ने की थी स्थापना

दिवंगत यश जौहर द्वारा 1976 में स्थापित धर्मा प्रोडक्शंस करण जौहर के नेतृत्व में बॉलीवुड में एक पावरहाउस बनकर उभरा है और एक से बढ़कर एक हिट फिल्में दी हैं। इसमें ‘कभी खुशी कभी गम’, ‘ये जवानी है दीवानी’, ‘कुछ कुछ होता है’ जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्म शामिल हैं।

इस प्रोडक्शन हाउस के तहत करीब 50 से ज्यादा फिल्मों का निर्माण किया गया है और अपने पोर्टफोलियो में विस्तार करते हुए साल 2018 में करण जौहर की इस कंपनी ने धर्मेटिक एंटरटेनमेंट के साथ डिजिटल कंटेंट में कदम रखा था। नेटफ्लिक्स और अमेजन प्राइम जैसे ग्लोबल स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स के लिए शो का निर्माण भी किया।

कई ग्रुप्स के साथ जारी थी बातचीत

करण जौहर का धर्मा प्रोडक्शंस बीते कुछ समय से अच्छे निवेश की तलाश में था और संजीव गोयनका के नेतृत्व वाले सारेगामा और रिलायंस इंडस्ट्रीज के जियो सिनेमा समेत कई बड़े ग्रुप्स के साथ बातचीत के दौर में था। इस बीच बड़ी खबर ये आई कि वैक्सीन निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने धर्मा प्रोडक्शंस में ये हिस्सेदारी खरीदने पर रजामंदी दे दी है।

अदार पूनावाला के साथ हुई है डील

अदार पूनावाला की सेरेन प्रोडक्शंस करण जौहर की धर्मा प्रोडक्शंस और धर्मेटिक एंटरटेनमेंट में 1,000 करोड़ रुपये में 50 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करेगी। इस सौदे में फिल्म एंड टेलिविजन प्रोडक्शन और डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी धर्मा प्रोडक्शंस की वैल्यूएशन करीब 2000 करोड़ रुपये आंकी गई है। डील पूरी होने के बाद प्रोडक्शन कंपनी में बाकी की आधी हिस्सेदारी धर्मा प्रोडक्शंस के पास ही रहेगी और करण जौहर इसमें एग्जिक्यूटिव चेयरमैन भी बने रहेंगे।

read more : क्या होता है ऑर्थोसोमनिया ? जिसमें उड़ जाती है इंसान की नींद

क्या होता है ऑर्थोसोमनिया ? जिसमें उड़ जाती है इंसान की नींद

अच्छी नींद के चक्कर में अपनी नींद बिगाड़ लेना भी एक तरह की बीमारी है। जिसे ऑर्थोसोमनिया कहते हैं, इसमें लोग नींद को लेकर ओवर कॉन्शियस हो जाते हैं। नींद पूरी करने का उनमें जुनून सा हो जाता है। ऑर्थोसोमनिया (Orthosomnia) दो शब्दों से लेकर मिलकर बना है। ऑर्थो का मतलब सीधा और सोमनिया का मतलब नींद होता है। इस बीमारी की चपेट में ऐसे लोग ज्यादा आते हैं, जो फिटनेस ट्रैकर की मदद से अपनी नींद को घड़ी-घड़ी ट्रैक करने की कोशिश करते रहते हैं।

आइए जानते हैं ऑर्थोसोमनिया कितनी बड़ी समस्या है और इससे कैसे बच सकते हैं।

ऑर्थोसोमनिया बीमारी क्यों होती है ?

2020 में एक रिसर्च में पाया गया कि एक तरफ दुनिया में नींद की बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं, लोग स्मार्टफोन और वर्क प्रेशर जैसे फैक्टर्स के चलते नींद पूरी नहीं कर पा रहे हैं। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अपनी नींद को कंट्रोल करके उसे परफेक्ट बनाने में जुटी हैं। इसके लिए वे हद से ज्यादा कॉन्शियस हो जाते हैं। अच्छी नींद के लिए डाइट से लेकर हर चीज करते हैं। परफेक्ट नींद के लिए नींद पैर्टन चेक करते हैं। इसके लिए स्लीप ट्रैकिंग डिवाइस, फिटनेस ट्रैकर, स्मार्टवॉच, माइक्रोफोन और एक्सेलेरोमीटर जैसे डिवाइस और स्लीप ऐप का सहारा लेते हैं।

ऑर्थोसोमनिया के क्या खतरे हैं ?

नींद को ट्रैक करने के चक्कर में ज्यादातर लोग अच्छी नींद ही नहीं ले पा रहे हैं। ऐसे लोग सोने से लेकर जागने तक का पैटर्न चेक करते हैं। नींद को सही करने के लिए अच्छी नींद भी खराब कर बैठते हैं। जिसकी वजह से उन्हें कई गंभीर बीमारियां होने का खतरा बढ़ रहा है।

ऑर्थोसोमनिया के क्या लक्षण हैं ?

>>  सोने में समस्या होना।

>> जागने के बाद भी नींद में रहना।

>> दिनभर सोने का मन करना।

>> रात को नींद न आना।

>> दिन में ज्यादा नींद आना।

>> चिड़चिड़ापन, बेचैनी।

>> सिरदर्द और एंग्जायटी।

परफेक्ट नींद के लिए क्या करें ?

1. लाइफस्टाइल बेहतर बनाएं।

2. रात को सोने से दो घंटे पहले ही डिनर कर लें।

3. सोने से पहले अपने पैरों को अच्छी तरह पानी से धोएं।

4. रात में शराब या कैफीन वाली चीजें न लें।

5. एक्सरसाइज करें, खुद को एक्टिव रखें।

read more : बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में हुई 10वीं गिरफ्तारी, मुहैया करवाए थे हथियार

बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में हुई 10वीं गिरफ्तारी, मुहैया करवाए थे हथियार

मुंबई में बाबा सिद्दीकी हत्या मामले में मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 10वें आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। मिली जानकारी के मुताबिक, इस हत्याकांड में ये 10वीं गिरफ्तारी है। आरोपी की पहचान भागवत सिंह के रूप में हुई है और वह 32 साल का है। आरोपी की गिरफ्तारी नवी मुंबई के बेलापुर से हुई है।

आरोपी की पहचान भागवत सिंह के रूप में हुई है, जो राजस्थान के उदयपुर का रहने वाला है। सूत्रों के मुताबिक, भागवत सिंह हमले के दिन तक मुंबई के बीकेसी इलाके में रह रहा था। जांच के दौरान यह सामने आया कि भागवत सिंह ने ही शूटरों को हथियार उपलब्ध कराए थे।

शूटरों को हथियार उपलब्ध करवाए थे

भागवत की गिरफ्तारी नवी मुंबई के बेलापुर से हुई है। वह राजस्थान के उदयपुर का रहने वाला है। सूत्रों के मुताबिक, भागवत सिंह हमले के दिन तक मुंबई के बीकेसी इलाके में रह रहा था। जांच के दौरान यह सामने आया कि भागवत सिंह ने ही शूटरों को हथियार उपलब्ध कराए थे। आरोपी को अदालत में पेश किया गया है, जहां उसे 26 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।

कौन थे बाबा सिद्दीकी ?

बाबा सिद्दीकी महाराष्ट्र की सियासत में एक चर्चित चेहरा थे। वह इसी साल कांग्रेस छोड़कर एनसीपी (अजित गुट) में शामिल हुए थे। उन्हें भव्य इफ्तार पार्टियां करने के लिए जाना जाता था, जिसमें सलमान खान, शाहरुख खान जैसे बॉलीवुड के नामचीन सितारे शामिल होते थे। बॉलीवुड के तमाम छोटे-बड़े सितारों से उनकी पार्टियां जगमग रहती थीं। वह 48 सालों तक कांग्रेस में रहे थे और बांद्रा पश्चिम से तीन बार विधायक भी रहे। वह महाराष्ट्र में राज्य मंत्री भी रह चुके थे।

हमलावरों ने गोली मारकर की थी हत्या

शनिवार (12 अक्टूबर) को महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले बहुत बड़ी आपराधिक घटना को अंजाम दिया गया था। शनिवार रात बांद्रा इलाके में एनसीपी अजित पवार गुट के नेता बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना के सामने आने के बाद सियासी गलियारों में हड़कंप मच गया था। महाराष्ट्र की सियासत में बाबा सिद्दीकी एक बड़ा नाम थे। उनके निधन पर देशभर के बड़े नेताओं ने दुख प्रकट किया था।

महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने इस घटना पर गहरा शोक प्रकट किया था। सीएम ने इस मामले में हाई लेवल जांच की बात कही थी। बाबा के निधन पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी दुख प्रकट किया था।

read more : करवा चौथ का चांद दिखने का जाने सही समय, समझे इन शहरो का हाल

करवा चौथ का चांद दिखने का जाने सही समय, समझे इन शहरो का हाल

सुहागिन महिलाओं के लिए सबसे कठिन व्रत में से एक करवा चौथ पर्व रविवार को मनाया जा रहा है। ये व्रत पति के अच्‍छे स्‍वास्‍थ्‍य, लंबी उम्र और बेहतर जीवन के लिए रखा जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं सूरज के उगने के बाद कठिन व्रत शुरू करतीं हैं और रात को चंद्रमा की पूजा के बाद इसका व्रत को खोलती हैं। वे अपने पति की आरती उतारकर उससे आशीर्वाद लेती हैं और पति अपनी पत्‍नी को मिठाई खिलाता है और पानी पिलाता है।

आज के दिन महिलाओं को चांद के दर्शन का इंतजार रहता है। सुहागिन महिलाएं हर साल कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी पर निर्जला व्रत रखती हैं। सूरज निकलने के साथ ही महिलाएं करवा चौथ का व्रत शुरू कर देती हैं। सूर्योदय से पहले ही महिलाएं सरगी का सेवन करती थी। फिर शाम को करवा माता, भगवान गणेश की पूजा होती है और कथा सुनाई जाती है।

जानें क्या है शुभ मुहूर्त

इस व्रत पर सुहागिन महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं, फिर शाम को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए करवा माता, भगवान शिव, माता पार्वती, विध्नहर्ता मंगलमूर्ति भगवान गणेश और चंद्रदेव की पूजा अर्चना करती हैं। माना जा रहा है कि इस बार करवा चौथ पर रोहिणी नक्षत्र का अद्भुत संयोग बना हुआ है। करवा चौथ के दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 46 मिनट लेकर शाम को 6 बजकर 54 मिनट तक रहेगा।

इस बार करवा चौथ पर चतुर्थी तिथि 20 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 46 मिनट से शुरु होकर अगले दिन 21 अक्टूबर को सुबह 4 बजकर 16 मिनट पर खत्म होगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब शिवजी ने गणेश जी का मस्तक काट दिया था तो वह चंद्रलोक में जाकर ​गिरा। फिर गणेश जी को हाथी का मुख लगाया गया, कहा जाता है कि गणेश जी का​ सिर चंद्र लोक में ही है। इस वजह से करवा चौथ पर गणेश जी के साथ चंद्रमा की पूजा करते हैं।

कानपुर में करवा चौथ का चंद्रमा इस समय आएगा नजर

कानपुर में करवा चौथ पर्व पर चंद्रमा के दर्शन रविवार शाम 7 बजकर 47 मिनट के बाद होंगे। करवा चौथ पर महिलाएं कठिन व्रत रखती हैं और चंद्रमा के दर्शन, पूजन और अर्घ्‍य देकर अपना व्रत खोलती हैं। चंद्रमा की पूजा और आरती के बाद वे पति के दर्शन करते हुए उससे आशीर्वाद लेतीं हैं और व्रत खोलने के लिए पति भी मीठा खिलाकर पत्‍नी को पानी पिलाता है। उत्‍तर प्रदेश मौसम विभाग ने बताया है कि इस बार चंद्रमा के दर्शन शाम को ही हो रहे हैं। मौसम साफ है, तो ऐसे में शाम को चंद्रमा साफ और चमकता नजर आ जाएगा। उत्‍तर प्रदेश में खासतौर आसमान पूरी तरह खुला हुआ है।

नोएडा में करवा चौथ का चंद्रमा कब नजर आएगा

करवा चौथ पर्व पर नोएडा में चंद्रमा के दर्शन रविवार शाम 7 बजकर 54 मिनट के बाद होंगे। मौसम केंद्र के अनुसार, उत्‍तर प्रदेश में खासतौर मौसम और आसमान पूरी तरह खुला हुआ है और ऐसे में चंद्रमा के दर्शन आसानी से और पूरी तरह होंगे। हालांकि मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि यूपी में 7 बजकर 40 मिनट से चंद्र उदय होकर अलग-अलग शहरों में चंद्र दर्शन होने लगेगा। इस बार चंद्र देव का इंतजार ज्‍यादा नहीं करना होगा, साथ ही आसमान साफ होने से चंद्रमा चमकते हुए अलग नजर आ जाएंगे।

लखनऊ में है करवा चौथ की धूम

उत्‍तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में करवा चौथ पर्व पर चंद्रमा के दर्शन रविवार शाम 7 बजकर 44 मिनट के बाद होंगे। वही मौसम विभाग के अनुसार, राजधानी और आसपास के इलाकों में खासतौर मौसम और आसमान पूरी तरह खुला हुआ है और ऐसे में चंद्रमा के दर्शन आसानी से और पूरी तरह होगा। हालांकि मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि यूपी में 7 बजकर 40 मिनट पर चंद्र उदय हो सकता है, इसके बाद कुछ मिनटों के अंतर पर अलग-अलग शहरों से चंद्रमा के दर्शन होने लगेंगे। करवा चौथ पर महिलाएं कठिन व्रत रखती हैं और चंद्रमा के दर्शन, पूजन और अर्घ्‍य देकर अपना व्रत खोलती हैं।

जाने मेरठ में करवा चौथ का चंद्रमा कब नजर आएगा

करवा चौथ पर्व पर मेरठ में चंद्रमा के दर्शन रविवार शाम 7 बजकर 51 मिनट के बाद होंगे। मौसम विभाग ने बताया है कि इस बार चंद्रमा के दर्शन समय पर हो रहे हैं। मौसम भी साफ है, ऐसे में शाम को चंद्रमा साफ और चमकता नजर आ जाएगा। करवा चौथ पर महिलाएं कठिन व्रत रखती हैं और चंद्रमा के दर्शन, पूजन और अर्घ्‍य देकर अपना व्रत खोलती हैं। चंद्रमा की पूजा और आरती के बाद वे पति के दर्शन करते हुए उससे आशीर्वाद लेतीं हैं और व्रत खोलने के लिए पति भी मीठा खिलाकर पत्‍नी को पानी पिलाता है।

read more : दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को बड़ी राहत, आखिकार मिल गई जमानत

दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को बड़ी राहत, आखिकार मिल गई जमानत

दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 50 हजार के बॉन्ड पर जमानत मिल गई है। मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को राउज एवेन्यू कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है। कोर्ट ने सत्येंद्र जैन को कुछ शर्तों के साथ जमानत दे दिया है। पिछली सुनवाई में राउज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज राकेश स्याल ने दोनों पक्षों की जिरह के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।

ईडी ने सत्येंद्र जैन की ओर से दायर जमानत याचिका का विरोध करते हुए याचिका को खारिज करने की मांग की है। जैन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरिहरन ने कहा है कि उनके खिलाफ ईडी की जांच अधूरी है। ट्रायल कोर्ट ने मनीष सिसोदिया के केस के जजमेंट को फॉलो किया है।

अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा था

सत्येंद्र जैन को प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी (ED) ने 30 मई, 2022 को उनसे कथित तौर पर जुड़ी 4 कंपनियों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था। वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में थे। इससे पहले विशेष न्यायाधीश राकेश स्याल ने आरोपियों और ईडी की ओर से आवेदन पर दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था।

सत्येंद्र जैन के वकील ने अदालत से कहा था कि उन्हें आगे हिरासत में रखने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा। ईडी ने आवेदन का विरोध करते हुए कहा था कि यदि जैन को रिहा किया गया, तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। ईडी का मामला 2017 में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानी सीबीआई द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत जैन के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी से सामने आया है।

कई लोगों के नाम पर चल संपत्तियां खरीदी

ईडी ने 24 अगस्त 2017 को सीबीआई की तरफ से दर्ज की गई एफआईआर को आधार बनाकर सत्येंद्र जैन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच शुरू की थी। सत्येंद्र जैन ने 14 फरवरी 2015 से 31 मई 2017 तक कई लोगों के नाम पर चल संपत्तियां खरीदी थीं, जिसका वे संतोषजनक हिसाब नहीं दे सके थे। उनके साथ पूनम जैन, अजित प्रसाद जैन, सनील कुमार जैन, वैभव जैन और अंकुश जैन के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया था।

पहले भी 6 हफ्ते की मिली थी जमानत

26 मई को सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल कंडीशन के आधार पर जैन को 6 हफ्ते की जमानत दी थी। सत्येंद्र जैन 31 मई 2022 से हिरासत में थे। 6 अप्रैल 2023 को दिल्ली हाई कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद मई 2023 में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, जहां से उन्हें 360 दिन बाद 42 दिन की जमानत मिली थी। मई में एक हफ्ते में 3 बार हॉस्पिटल पहुंचे थे। 25 मई की सुबह आप नेता सत्येंद्र जैन तिहाड़ जेल के वॉशरूम में फिसलकर गिर पड़े थे। उन्हें दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दोपहर में उनकी हालत बिगड़ने के बाद उन्हें लोकनायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल (LNJP) में शिफ्ट कर ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था।

जमानत मिलने पर मनीष सिसोदिया ने जताई खुशी

मनीष सिसोदिया ने कहा कि सत्येंद्र जैन मोहल्ला क्लिनिक क्रांति के जनक हैं। कैसे अस्पताल को शानदार बनाया जाता है उसके जनक है सत्येंद्र जैन। बीजेपी ने साजिश करके सत्येंद्र जैन को गिरफ्तार करवाया क्योंकि बीजेपी को डर था। अस्पतालों के ठीक होने और दिल्ली के लोगों का काम रोकने के लिए बीजेपी ने आप के नेताओं के खिलाफ साजिश रची। अब दिल्ली के सब काम तेजी से होंगे। सत्येंद्र जैन को लेने हम जायेंगे।

<yoastmark class=

अरविंद केजरीवाल ने कहा – भगवान हमारे साथ

वही अरविंद केजरीवाल ने एक्स पर कहा कि सत्येंद्र जैन को भी दो साल से ज़्यादा जेल में रहने के बाद बेल मिल गई। इनका कसूर क्या था ? इनके यहां कई कई बार रेड हुई, एक पैसा भी नहीं मिला। इनका कसूर सिर्फ़ इतना था कि इन्होंने मोहल्ला क्लिनिक बनाये और दिल्ली के सभी लोगों का पूरा इलाज मुफ्त कर दिया। मोहल्ला क्लिनिक बंद करने के लिए और ग़रीबों का फ्री इलाज रोकने के लिए मोदी जी ने इन्हें जेल में डाल दिया। लेकिन भगवान हमारे साथ है, आज ये भी रिहा हो गए।

read more : हेलमेट पहना तो भी कटेगा चालान, ट्रैफिक नियम देखकर ही करें बेस्ट का चयन

हेलमेट पहना तो भी कटेगा चालान, ट्रैफिक नियम देखकर ही करें बेस्ट का चयन

ये बात तो हम सभी जानते हैं कि बिना हेलमेट के बाइक – स्कूटर नाहिंन चलाना चाहिए। यहां बात चालान की नहीं है बल्कि आपकी जान की है। एक अच्छा ओरिजिनल हेलमेट न सिर्फ आपको चलाना से बचाता है बल्कि एक्सीडेंट होने पर आपके सिर को गंभीर चोटों से भी बचाता है। इसलिए एक असली आईएसआई (ISI) मार्के वाला हेलमेट जरूर इस्तेमाल करें।

लेकिन भारत में हर गली-नुक्कड़ और मार्केट में आपको खुलेआम सस्ते और नॉन आईएसआई (ISI) मार्क के हेलमेट खूब बिक रहे हैं। जिनकी कीमत 200-300 रुपये होती है। लोग ऐसे हेलमेट सिर्फ पुलिस से बचने के लिए पहनते थे। लेकिन ऐसे हेलमेट पहनने पर भी चालान हो सकता है। अगर आपने गलत तरीके से हेलमेट पहना या बकल को ठीक से नहीं लगाया तो भी आपका चालान कट सकता है।

अगर पहना हेलमेट तो कटेगा भी चालान

सस्ते के चक्कर में नकली और नॉन आईएसआई (ISI) मार्क हेलमेट के इस्तेमाल पर चालान कट सकता है। इतना ही नहीं आपका हेलमेट ना टाइट हो और ना ही ढीला हो, लेकिन अगर हेलमेट पहनने के बाद स्ट्रैप को ठीक से लगाया नहीं या फिर भूल गये तब भी जुर्माना हो सकता है। इसलिए हेलमेट को ध्यान से और ठीक से पहनें और सबसे बड़ी बात हेलमेट पहनने के बाद उसकी स्ट्रैप को ठीक से बांधना न भूलें। इस बात पर भी ध्यान दें कि अगर हेलमेट की स्ट्रैप टूटी हुई है या उसमें लॉक नहीं है, तो इसे तुरंत ठीक करवा लें वरना ऐसे में जुर्माना हो सकता है।

तो इतने तक का कट सकता है चालान

1998 मोटर वाहन अधिनियम में बदलाव किया गया है, जिसमें टू-व्हीलर चलाने वालों के हेलमेट नहीं पहनने या ठीक से हेलमेट नहीं पहनने पर भी 2,000 रुपये फाइन लगेगा जोकि तत्काल जुर्माना के रूप में होगा। इसके अलावा अगर आपने हेलमेट पहना मगर वह खुला हुआ है यानी स्ट्रैप नहीं लगी है तो भी 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इसलिए हेलमेट को हमेशा ठीक प्रकार से पहनें और जल्दबाजी करने से बचें।

कैसा होना चाहिए आपका हेलमेट ?

इस समय बाजार में आपको 1000 रुपये में ओरिजिनल आईएसआई (ISI) मार्क हेलमेट आसानी से मिल जाएंगे। अगर आपके पास बजट की समस्या नहीं है, तो आप 2000 रुपये या इससे ऊपर के हेलमेट भी खरीद सकते हैं, जो हाई क्वालिटी से लैस होते हैं। Steel bird, Vega, Studds, TVS. MPA, royal Enfield ब्रांड के हेलमेट आप खरीद सकते हैं। एक अच्छा हेलमेट आपके सिर को पूरी सेफ्टी प्रदान करता है। आप फुल फेस या ओपन फेस हेलमेट का चुनाव कर सकते हैं। लेकिन पूरी सेफ्टी आपको फुल फेस हेलमेट से ही मिलेगी।

read more : तो आखिरकार मारा ही गया याह्या सिनवार, सामने आया वीडियो

तो आखिरकार मारा ही गया याह्या सिनवार, सामने आया वीडियो

गाजा में इजरायली हमले में मौत होने से पहले हमास चीफ याह्या सिनवार घायल हो गया था। वह हमले से क्षतिग्रस्त हो चुके एक मकान के सोफे पर घायल अवस्था में बैठा था। इजरायली सेना को इस बात का एहसास भी नहीं था कि उसने याह्या सिनवार को मौत के करीब पहुंचा दिया है। मगर सिनवार के घायल होने की आशंका होने पर इजरायली सेना ने एक मिनी ड्रोन के जरिये उसकी तलाश शुरू कर दी। वह दक्षिणी गाजा खंडहरों में मर रहा था। उसे धूल से सनी एक कुर्सी पर गिरा हुआ देखा गया था, जिसमें उसका लिहाफनुमा एक कपड़ा धूल से सना था और उसके सिर से लेकर आखों और शरीर को पूरी तरह ढंक रखा था। इजरायली सेना ने इसका एक वीडियो भी जारी किया है।

वीडियो में देखा जा रहा है कि जैसे ही इजरायली ड्रोन उसके पास में मंडराता है, वैसे ही अपनी मौत की आखिरी सांसें गिन रहा याह्या सिनवार ड्रोन को एक छड़ी फेंककर मारता है। मगर वह अपनी जिंदगी नहीं बचा पाता। इज़रायली अधिकारियों ने कहा कि एक साल से अधिक समय से याह्या सिनवार को सेना तलाश रही थी। मगर गुरुवार को उसे मारने वाले इज़रायली सैनिक शुरू में इस बात से अनजान थे कि उन्होंने बुधवार को जमीनी जंग के बाद अपने देश के नंबर एक दुश्मन को ढेर कर दिया है।

इजरायल पर हमले का मास्टरमाइंड था सिनवार

इजरायल पर 7 अक्टूबर 2023 को हुए सबसे भयानक नरसंहार का याह्या सिनवार मास्टरमाइंड था। हमले के मुख्य साजिश कर्ता होने के साथ वही इजरायल के साथ इस भीषण युद्ध का जन्मदाता भी था। युद्ध आरंभ होने और अपने पूर्ववर्ती हमास चीफ इस्माइल हानिया के मारे जाने के बाद उसने टेलीफोन और अन्य संचार उपकरणों का इस्तेमाल करना बंद कर दिया था। ऐसे में इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद भी उसका पता नहीं लगा पा रही थी। याह्या सिनवार की हत्या के बाद इजरायली अधिकारियों ने कहा कि उनका मानना ​​​​है कि वह दक्षिणी गाजा में सुरंगों के विशाल नेटवर्क में से किसी एक में छिपा हुआ था, जिसे हमास ने पिछले दो दशकों में गाजा के नीचे खोदा था।

बावजूद इजरायली सैनिकों ने ज्यादातर सुरंगों को खोज निकाला। ऐसे में सुरंगों में छिपकर बचने की कोई गारंटी नहीं रह गई थी। इज़रायली सेना के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल हर्ज़ी हलेवी ने कहा कि पिछले साल इज़रायल द्वारा सिनवार का पीछा करने के कारण वह “एक भगोड़े की तरह व्यवहार करने लगा, जिसके कारण उसे कई बार स्थान बदलना पड़ रहा था। मगर वह आखिरकार मारा गया”।

पहले सोचा कि मारा गया कोई हमास का आम लड़ाका

इजरायली सैन्य प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने कहा, सिनवार की पहचान पहले केवल एक हमास लड़ाके के रूप में की गई थी, लेकिन सैनिकों ने जब खंडहर में प्रवेश किया और उसे एक हथियार, एक फ्लैक जैकेट और 40,000 शेकेल ($ 10,731.63) के साथ पाया और उसका हुलिया सिनवार से मिलता देखा तो उनको शक हुआ। हगारी ने कहा कि घायल होने के बाद सिनवार ने भागने का प्रयास किया था। वह खंडहरों में जा छिपा था, लेकिन हमासी सेना ने उस पर मिसाइल हमला करके मार गिराया। अभी तक हमास ने सिनवार की मौत को लेकर खुद कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन समूह के सूत्रों ने कहा है कि जो संकेत उन्होंने देखे हैं, उससे पता चलता है कि सिनवार को वास्तव में इजरायली सैनिकों ने मार डाला है।

सैनिकों को सबसे पहले नजर आया घायल याह्या सिनवार

अधिकारियों ने कहा कि घायल अवस्था में पड़े याह्या सिनवार को उसकी बिस्लाच ब्रिगेड की पैदल सेना के सैनिकों ने सबसे पहले देखा। यह सैनिक बुधवार को दक्षिणी गाजा के ताल अल सुल्तान क्षेत्र में एक क्षेत्र की तलाशी ले रहे थे। उनका मानना ​​​​था कि यहां हमास के वरिष्ठ सदस्य मौजूद थे। इजरायली सैनिकों ने इन खंडहर इमारतों के बीच 3 संदिग्ध आतंकवादियों को घूमते देखा और उनपर गोलीबारी शुरू कर दी। इसमें सिनवार भी मौजूद था और वह भी एक खंडहर इमारत में भाग गया। इज़रायली मीडिया में छपी ख़बरों के मुताबिक हमास का आतंकी समझकर उसे ड्रोन से ट्रैस करने के बाद इमारत पर टैंक के गोले और मिसाइल से हमला किया गया। इसी दौरान घायल अवस्था में सोफे पर बैठा सिनवार मारा गया।

बिना लक्षित हमले के मारा गया याह्या सिनवार, ऐसे हुई पहचान

खंडहर में मिले हमास आतंकी का हुलिया याह्या सिनवार जैसा देखकर इजरायली सैनिक भी हैरान रह गए। उन्हें भरोसा नहीं हो रहा था कि उन्होंने अपने दुश्मन नंबर 1 को इस तरह से ढेर कर दिया है। मगर बाद में सिनवार के दांतों के रिकॉर्ड, उंगलियों के निशान और डीएनए परीक्षण से मौत की अंतिम पुष्टि कर दी गई। इसके बाद इजरायली सेना ने कहा कि उसकी खुफिया सेवाएं धीरे-धीरे उस क्षेत्र को प्रतिबंधित कर रही हैं, जहां वह काम कर सकता था। इससे पहले 13 जुलाई को हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद डेफ समेत अन्य उग्रवादी नेताओं को इजरायल ने ढूंढकर मार डाला था। मगर इसके विपरीत, जिस ऑपरेशन में अंततः सिनवार की मौत हुई, वह कोई योजनाबद्ध और लक्षित हमला या कमांडो ऑपरेशन नहीं था।

read more : मदरसों में पढ़ाई जाएगी संस्कृत, जल्द लागू होगा नियम………

मदरसों में पढ़ाई जाएगी संस्कृत, जल्द लागू होगा नियम………

देहरादून: उत्तराखंड मदरसा बोर्ड राज्य के मदरसों में संस्कृत की पढ़ाई शुरू करने की योजना बना रहा है। इसके तहत शुरुआती दौर में 400 से अधिक मदरसों को शामिल किया जाएगा। इन मदरसों में संस्कृत को वैकल्पिक तौर रखा जाएगा। उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने इस बात की जानकारी दी है। उन्हों ने कहा, ‘‘हम इस योजना पर पिछले कुछ समय से काम कर रहे हैं। इस बारे में एक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है और अगर इसे राज्य सरकार की तरफ से हरी झंडी मिल गई तो इसे लागू कर दिया जाएगा।

संस्कृत विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक

उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने कहा कि सीएम की मदरसा जाने वाले बच्चों को मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़े जाने की इच्छा के अनुरूप ऐसा किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘प्रदेश के मदरसों में एनसीईआरटी पाठयक्रम लागू करने से इस साल बहुत अच्छे परिणाम मिले हैं। पास होने वाले बच्चों का प्रतिशत भी 96 से अधिक रहा है। यह दिखाता है कि मदरसा जाने वाले बच्चों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। अगर उन्हें मौका मिले तो वे संस्कृत समेत अन्य विषयों में भी अग्रणी साबित हो सकते हैं।’’ कासमी ने कहा कि अरबी और संस्कृत दोनों ही प्राचीन भाषाएं हैं और अगर मदरसों के विद्यार्थियों को अरबी के साथ संस्कृत सीखने का भी विकल्प हो तो यह उनके लिए फायदेमंद होगा।

अच्छा है संस्कृत में शिक्षा का विचार

वहीं उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने भी कहा कि मदरसों में संस्कृत शिक्षा लागू करने का विचार निश्चित रूप से अच्छा है, लेकिन उन्होंने इस बात पर आश्चर्य जताया कि मदरसा बोर्ड को इसे लागू करने से क्या रोक रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर वह वास्तव में ऐसा चाहते हैं, तो इसे आसानी से कर सकते हैं। मैं नहीं समझता कि इस मामले में उन्हें राज्य सरकार से मंजूरी मिलने में कोई अड़चन आएगी।’’ उन्होंने आगे यह भी कहा कि उनकी अध्यक्षता में वक्फ बोर्ड में कुछ समय पहले आधुनिक मदरसों का विचार आया था।

मदरसों को मॉडल संस्थानों में बदलने की प्लानिंग

वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने बताया, “हम हमारे साथ पंजीकृत सभी 117 मदरसों को मॉडल संस्थानों में बदलने की योजना बना रहे हैं। हम छात्रों में राष्ट्रवाद की भावना पैदा करने में मदद के लिए पूर्व सैनिकों तक भी पहुंचे हैं। उत्तराखंड में लगभग 1,000 मदरसे हैं और जैसे ही अधिक लोग हमारे साथ पंजीकृत होंगे, हमारा लक्ष्य उन्हें अपग्रेड करना है।’

मुख्यधारा से जुड़ने में मिलेगी वजह

उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि धार्मिक शिक्षा महत्वपूर्ण है, लेकिन बच्चों को केवल धार्मिक शिक्षा तक सीमित रखना उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ है। इसका मतलब उनकी क्षमता का गला घोंटना और उनके भविष्य के विकास के रास्ते बंद करना है।’’ शम्स ने कहा कि सभी मदरसों में एनसीईआरटी पाठयक्रम लागू की किताबें या उत्तराखंड बोर्ड का पाठयक्रम लागू करने से वहां पढ़ रहे बच्चों को देश की मुख्यधारा की शिक्षा से जुड़ने में मदद मिलेगी।

read more : बहराइच हिंसा : राम गोपाल की हत्या के आरोपी सरफराज का हुआ एनकाउंटर

बहराइच हिंसा : राम गोपाल की हत्या के आरोपी सरफराज का हुआ एनकाउंटर

उत्तर प्रदेश के बहराइच में दुर्गा पूजा के मूर्ति विसर्जन के दौरान पत्थरबाजी और हिंसा हुई थी। इस हिंसा में राम गोपाल मिश्रा नाम के युवक की हत्या भी कर दी गई थी। अब इस घटना में शामिल आरोपी सरफराज का एनकाउंटर हुआ है। वहीं, एक और आरोपी तालिब को भी गोली लगने की खबर सामने आई है। फिलहाल दोनों आरोपी घायल बताए जा रहे हैं।

बता दें कि रविवार को बहराइच में दुर्गा पूजा के मौके पर मूर्ति विसर्जन यात्रा के दौरान सांप्रदायिक हिंसा भड़कने पर गोली लगने से 22 वर्षीय युवक राम गोपाल मिश्रा की मौत हो गई थी और पथराव तथा गोलीबारी में करीब छह लोग घायल हो गए थे। बहराइच हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल हामिद के दो बेटों मोहम्मद तालीम और सरफराज को गोली लगी है। सीएससी अधीक्षक डॉक्टर चंद्रभान के अनुसार एक आरोपी के दाहिने पैर में और दूसरे आरोपी के बाएं पैर में गोली लगी है। यहां से प्राथमिक उपचार के बाद आरोपियों को एंबुलेंस से बहराइच के लिए रवाना कर दिया गया है।

नेपाल भागने की फिराक में थे आरोपी

अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, बहराइच में हिंसा और राम गोपाल मिश्रा की हत्या के आरोपी नेपाल भागने की फिराक में लगे हुए थे। इससे पहले बुधवार को यूपी पुलिस ने इस मामले के एक अन्य आरोपी दानिश को भी गिरफ्तार किया था। केस में चौथे नंबर पर नामजद मोहम्मद दानिश उर्फ राजा उर्फ साहिर को बुधवार शाम चार बजे राजी चौराहा से गिरफ्तार किया गया था। वह भी नेपाल भागने की फिराक में था।

सीएम योगी ने दिया था कार्रवाई का भरोसा

पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, 22 वर्षीय राम गोपाल मिश्रा की मौत सदमे और अत्यधिक रक्तस्राव के कारण हुई थी। मिश्रा के शरीर पर 25 से 30 छर्रे लगे थे और उसके शरीर पर चोट के भी निशान थे। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने मृतक राम गोपाल मिश्रा के परिजनों से मुलाकात की थी। सीएम योगी ने हत्या के दोषियों पर कार्रवाई और मृतक के परिवार को मदद देने का भी आश्वासन दिया था।

बहराइच में भड़की थी हिंसा

राम गोपाल मिश्रा की हत्या के बाद बहराइच में हिंसा फैल गई थी। भीड़ द्वारा बड़े स्तर पर तोड़फोड़ और आगजनी की गई। भीड़ ने घरों, दुकानों, शोरूम, अस्पतालों, वाहनों आदि में आग लगा दी जिसके बाद बहराइच पुलिस ने कई अज्ञात और कुछ नामजद लोगों के खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज कीं। पुलिस ने इलाके में छापेमारी कर अब तक 55 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है।

कैसे हुआ एनकाउंटर ?

एसपी बहराइच वृंदा शुक्ला ने कहा, “.जब पुलिस टीम हत्या के हथियार की बरामदगी के लिए नानपारा क्षेत्र में गई थी, तो मोहम्मद सरफराज उर्फ ​​रिंकू और मोहम्मद तालिब उर्फ ​​सबलू ने हत्या के हथियार को लोड करके रखा था। जिसका इस्तेमाल उन्होंने पुलिस पर फायरिंग करने के लिए किया। आत्मरक्षा में, पुलिस ने जवाबी फायरिंग की, जिसमें दोनों घायल हो गए। उनका इलाज चल रहा है, हमने अन्य तीन आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया है। सभी 5 को आधिकारिक तौर पर गिरफ्तार कर लिया गया है। उन सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अन्य आरोपियों की तलाश जारी है, उनका इलाज चल रहा है और वे जीवित हैं।”

एनकाउंटर पर बोले यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार

बहराइच एनकाउंटर पर यूपी डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा है कि महराजगंज में एक युवक की गोली मार कर हत्या करने के केस में आज बहराइच पुलिस द्वारा पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पहले दो की निशानदेही पर मर्डर में प्रयुक्त हुए हथियार की बरामदगी के लिए जब पुलिस टीम लेकर गई तो इनके द्वारा वहां रखे हथियारों से पुलिस पर फायरिंग की गई। जवाबी फायरिंग में दोनों को गोली लगी है। गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिनका उपचार कराया जा रहा है। मर्डर में उपयोग किया हथियार बरामद हो गया है। पांचो गिरफ्तार लोगों के नाम

1. मोहम्मद फ़हीन (नामजद)
2. मोहम्मद तालिब उर्फ सबलू
3. मोहम्मद सरफराज (नामजद)
4. अब्दुल हमीद (नामजद)
5. मोहम्मद अफज़ल

बहराइच एनकाउंटर पर बोले अखिलेश यादव

वही बहराइच एनकाउंटर पर अखिलेश यादव ने कहा कि ये सरकार की नाकामी की वजह से हो रही है। नई परिभाषा में हाफ एनकाउंटर है, ये प्रशासन की फैलियर है। हाफ एनकाउंटर,एनकाउंटर ये डराने के लिए हैं। सरकार ये सब एनकाउंटर करके अपनी नाकामी छिपा रही है। जो घटना हुई है दुखद हुई है, ऐसी घटना नहीं होनी चाहिए ये घटना रोकी जा सकती थी। बांटो और राज करो की निति है, नफ़रत को बढ़ावा दे रहे है। यूपी की पुलिस को इन्होंने ने बिगाड़ दिया है।

बहराइच विधायक सुरेश्वर सिंह ने कहा

बहराइच के विधायक सुरेश्वर सिंह ने कहा कि कल एक आरोपी गिरफ्तार के जेल भेजा गया था। आज पांच लोग भागने की कोशिश में थे तब पकड़े गए। सरफराज और तालिब का इलाज चल रहा है। रामगोपाल मिश्रा के परिवार के लोग आज के एक्शन से राहत की सांस ली है कि मुख्य आरोपी गिरफ्तार हुआ है और उन पर सख्त एक्शन हुआ है। आरोपियों की हालत को लेकर अभी कोई जानकारी नहीं मिली है लेकिन वह खतरे से बाहर है।

कानून व्यवस्था बुरी तरह से ध्वस्त हो चुकी – कांग्रेस

कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था का बुरा हाल है, कानून व्यवस्था बुरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। भाजपा में उत्तर प्रदेश में इतना भीतर घात है, योगी आदित्यनाथ की कुर्सी खतरे में है कि वे केवल उसी को बचाने में लगे हुए हैं। जिस प्रदेश में ADG कानून-व्यवस्था को दंगा होने के 48 घंटे बाद बंदूक लेकर सड़क पर चलना पड़े, वहां की कानून-व्यवस्था क्या होगी आप समझ सकते हैं। उत्तर प्रदेश में हम बार-बार शांति बहाल करने की अपील कर रहे हैं। बहराइच के हालात सामान्य होने चाहिए लेकिन वे बद से बदतर होते जा रहे हैं। यह सच है कि उत्तर प्रदेश की जो पुलिस एक रूट पर व्यवस्था तक नहीं कर सकी वो एनकाउंटर करने में सबसे आगे रहती है।”

read more : ईएमआई और बिल पेमेंट के समय भूल से भी न करें ये गलती………

ईएमआई और बिल पेमेंट के समय भूल से भी न करें ये गलती………

बीते कुछ सालों में इंटरनेट और डिजिटलाइजेशन ने भारतीय परिवेश में तेजी से अपनी जगह बनाई है। इसका असर पेमेंट में भी देखा जा रहा है, क्योंकि लोग पेमेंट के लिए यूपीआई पेमेंट और नेशनल ऑटोमेटेड क्लीयरिंग हाउस (NACH)का उपयोग करते हैं। ऑटो पेमेंट भी इसका एक हिस्सा है, जिसके तहत आप अपने बिल पेमेंट्स और ईएमआई के लिए ऑटोपे कर सकते हैं। मगर क्या आप जानते हैं कि आटो पेमेंट भले ही आपको सुविधाजनक लगे, लेकिन यह कभी-कभी नुकसानदायक हो सकता है। ऐसे में अगर जरूरी न हो तो ऑटो पेमेंट ऑप्शन को ऑन ना करें, यहां हम आपको बताएंगे कि ऑटो पेमेंट कैसे आपके बजट को प्रभावित कर सकता है। बता दें कि इसके लिए खासतौर पर नेशनल ऑटोमेटेड क्लीयरिंग हाउस (NACH) और यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) का इस्तेमाल करते हैं।

आइये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

क्या है ऑटो डेबिट पेमेंट ?

ऑटो पेमेंट के नुकसान को समझने के लिए हमें इसके बारे में जानना होगा। ऑटो पेमेंट एक ऐसा प्रोसेस है, जिसमें आपके हर महीने के बिल्स और ईएमआई का खुद ब खुद भुगतान एक निश्चित समय पर हो जाता है। हालांकि अगर आपके पास बहुत सारे पेमेंट हैं तो ये तरीका काम आ सकता है, जो सही समय पर आपके जरूरी पेमेंट को मैनेज कर देते है और आप पेनल्टी चार्ज से बच जाते हैं।

इसके लिए दो तरीके है- पहला नेशनल ऑटोमेटेड क्लीयरिंग हाउस (NACH) है, जिसे इलेक्ट्रॉनिक नेशनल ऑटोमेटेड क्लियरिंग हाउस कहा जाता है। यह नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) का एक ऑटो पेमेंट सिस्टम है। जिसका इस्तेमाल यूटिलिटी पेमेंट और ईएमआई आदि के पेमेंट के लिए किया जाता है। इसके अलावा यूपीआई भी एक ऑप्शन है, जिसका इस्तेमाल ऑटो पेमेंट के लिए किया जाता है। यूपीआई ऑटो पे या यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म के जरिए किया जाता है। इसमें आप अपने यूपीआई लिंक्ड अकाउंट से ऑटो पेमेंट कर सकते हैं।

ऑटो डेबिट पेमेंट के नुकसान

>> ऑटो पेमेंट का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि आप अपने बजट को मैनेज नहीं कर पाते हैं, क्योंकि ऑटो पेमेंट पैसे कम होने की स्थिति में भी पैसे काट लेते हैं।

>> कभी-कभी ऑटो पेमेंट का इस्तेमाल स्कैमर भी करते है, जिसमें वे किसी ऐसी सर्विस से होने का दावा करते हैं, जिसका आप इस्तेमाल कर रहे हैं और आपको ऑटो पेमेंट के जरिए ठगने का प्रयास करते हैं।

>> अगर आप किसी महीने में अपने बजट को एडजस्ट करना चाहते हैं तो ऑटो पेमेंट आपकी इस योजना को खराब कर सकता है, क्योंकि एक बार ऑटो डेबिट हुई पेमेंट वापस नहीं आ सकती है।

>> ऑटो पेमेंट के लिए आपको एक अकाउंट या डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं। अगर आप अपना कार्ड या अकाउंट चेंज करते हैं तो आपको इसे ऑटो पेमेंट के लिए अपडेट करना होता है।

>>  कभी – कभार ऑटो पेमेंट को कैंसिल करना मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा पेमेंट पूरी होने पर भी कभी-कभी कंपनियां एक्स्ट्रा पेमेंट काट लेती हैं, जिसे वापस लेना मुश्किल हो सकता है।

read more : उमर अब्दुल्ला के सीएम बनने पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा ‘ये कांटों का ताज’

उमर अब्दुल्ला के सीएम बनने पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा ‘ये कांटों का ताज’

नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है। जम्मू-कश्मीर के केंद्रशासित प्रदेश बनने के बाद वह यहां के पहले मुख्यमंत्री हैं। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में करीब 10 साल बाद हुए विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के गठबंधन को बहुमत हासिल हुआ है। हालांकि, उमर अब्दुल्ला के सीएम पद की शपथ लेने पर उनके पिता फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि यह ‘कांटों का ताज’ है।

राज्य के दर्जे के बाद 370 के लिए संघर्ष – जहीर अब्दुल्ला

दूसरी ओर उमर अब्दुल्ला के बेटे जहीर अब्दुल्ला ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर की नई सरकार की पहली प्राथमिकता प्रदेश को केंद्रशासित प्रदेश से राज्य का दर्जा बहाल करवाना है। जहीर अब्दुल्ला ने ये भी कहा कि राज्य का दर्जा मिलने के बाद, अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए हमारा असली संघर्ष शुरू होगा। अनुच्छेद 370 हमेशा हमारी प्राथमिकता रहेगी।

ये कांटो का ताज- फारूक अब्दुल्ला

जम्मू-कश्मीर के शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में बुधवार को उमर अब्दुल्ला ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। शपथ के बाद उमर के पिता और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि राज्य चुनौतियों से भरा है और मुझे उम्मीद है कि यह सरकार वही करेगी जो उसने चुनाव घोषणापत्र में वादा किया था। यह कांटों का ताज है और अल्लाह उन्हें (उमर को) सफलता दिलाए और वह लोगों की उम्मीदों को पूरा करें। यह मेरा संदेश है।

जम्मू कश्मीर के ये बहुत शुभ दिन – महबूबा मुफ्ती

उमर अब्दुल्ला के शपथ पर पीडीपी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि जम्मू कश्मीर के ये बहुत शुभ दिन है। क्योंकि जनता को कई साल बाद अपनी सरकार मिली है। महबबूा ने कहा कि लोगों ने एक स्थिर सरकार चुनी है। जम्मू-कश्मीर के लोगों ने खास तौर पर 2019 के बाद बहुत कुछ सहा है और हमें उम्मीद है कि यह नई सरकार हमारे जख्मों पर मरहम लगाएगी।

read more : उठ रहे सवालो पर चुनाव आयोग ने दिया हर सवाल का जवाब

उठ रहे सवालो पर चुनाव आयोग ने दिया हर सवाल का जवाब

आम तौर पर चुनाव नतीजे आने के बाद ईवीएम और चुनाव आयोग पर सवाल उठाए जाते हैं, लेकिन चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही ईवीएम पर सवाल उठ गए। उद्धव ठाकरे की शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र में चुनाव की तारीखों का ऐलान भले हो गया हो, उसका स्वागत भी है, लेकिन विरोधी दलों को ईवीएम पर भरोसा नहीं है क्योंकि जो हरियाणा में हुआ, वो महाराष्ट्र में भी हो सकता है। संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र के चुनाव में चुनाव आयोग को अपनी निष्पक्षता साबित करनी पड़ेगी।

भारत जैसी पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया नहीं – चुनाव आयुक्त राजीव कुमार

कांग्रेस के नेता राशिद अल्वी ने भी यही आरोप दोहराया। उन्होंने कहा कि इज़रायल ने हिज़बुल्ला के पेजर हैक करके लेबनान में धमाके कर दिए, इज़रायल हैकिंग में माहिर हैं और मोदी के इज़रायल के साथ अच्छे रिश्ते हैं, इसलिए बीजेपी इज़रायल की मदद से ईवीएम भी हैक कर सकती है। राशिद अल्वी ने कहा कि महाराष्ट्र में सभी विपक्षी दलों को ईवीएम के बजाए बैलेट पेपर से चुनाव की मांग करनी चाहिए।

लेकिन मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने ईवीएम और चुनाव प्रक्रिया पर उठे हर सवाल का विस्तार से जवाब दिया। राजीव कुमार ने कहा कि दुनिया में कहीं भी भारत जैसी पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया नहीं है, इसके बाद भी सवाल उठाने वाले हर बार नए-नए मुद्दे उठा लाते हैं। जो लोग पेजर की हैकिंग को ईवीएम से जोड़ रहे हैं, उन्हें इतना भी नहीं मालूम ईवीएम इंटरनेट या किसी सैटेलाइट से कनेक्ट नहीं होता। ऐसे लोगों को वह क्या जवाब दें ?

किसी शिकायत में कोई ठोस आरोप नहीं – चुनाव आयोग

चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि जहां तक हरियाणा के चुनाव को लेकर की गई शिकायतों का सवाल है तो किसी शिकायत में कोई ठोस आरोप नहीं हैं। चुनाव आयोग हर शिकायत का अलग-अलग जवाब देगा। चूंकि हरियाणा में मतों की गिनती के दौरान ईवीएम की बैटरी को लेकर सवाल उठे थे, इस पर राजीव कुमार ने पूरी प्रक्रिया समझाई। उन्होंने कहा कि जब ईवीएम में बैटरी डाली जाती है, तो उस पर भी उम्मीदवारों या उनके प्रतिनिधियों के दस्तखत होते हैं, हर पोलिंग बूथ में भेजी गई ईवीएम के नंबर्स भी उम्मीदवारों को दिए जाते हैं। ईवीएम की सील जब भी खोली जाती है, उस वक्त भी उम्मीदवार मौजूद होते हैं। इसके बाद किसी तरह की हेराफेरी का सवाल कहां पैदा होता है ?

ईवीएम मशीन एक कैलकुलेटर की तरह – चुनाव आयोग

मेरी राय में, जो लोग चुनाव से पहले ही ईवीएम पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें बहुत सारे सवालों के जवाब देने होंगे – क्या लोकसभा चुनाव में ईवीएम ठीक था और हरियाणा में हैक हो गया? क्या कर्नाटक और हिमाचल में ईवीएम ने ठीक काम किया और मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में गड़बड़ हो गई ? ऐसी बातों पर कौन यकीन करेगा ? आज एक बार फिर बताना पड़ेगा कि ईवीएम मशीन एक कैलकुलेटर की तरह होती है। इसका इंटरनेट से ब्लूटूथ से, या किसी और रिमोट डिवाइस से कोई कनेक्शन नहीं होता। ईवीएम की बैटरी कितनी है, ये मशीन क्लोज़ करते समय फॉर्म में लिखा जाता है, जिसपर उम्मीदवार या उसके एजेंट के दस्तखत होते हैं।

ईवीएम मशीन का सवाल उठाना, बचकानी बात – चुनाव आयुक्त

दूसरी बात, इतने बड़े देश में जहां हजारों ईवीएम का इस्तेमाल होता है, जहां लाखों सरकारी कर्मचारी चुनाव प्रक्रिया से जुड़े होते हैं। कोई किसी मशीन की हैकिंग कैसे कर सकता है और अगर कोई हेराफेरी करे तो ये बात छुपी कैसे रह सकती है ? चुनाव में हार जीत होती रहती है पर अपनी हार के लिए चुनाव आयोग को जिम्मेदार ठहराना या ईवीएम मशीन का सवाल उठाना, बचकानी बात लगती है। चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है। अगर संवैधानिक संस्थाओं पर बिना सबूत के सवाल उठेंगे तो इससे हमारे लोकतंत्र को नुकसान पहुंचेगा।

read more : महाराष्ट्र में 20, झारखंड में 13 और 20 नवंबर को वोटिंग, 23 नवंबर को नतीजे

महाराष्ट्र में 20, झारखंड में 13 और 20 नवंबर को वोटिंग, 23 नवंबर को नतीजे

भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों के लिए एक चरण में 20 नवंबर को चुनाव होंगे, जबकि 23 नवंबर को वोटों की गिनती होगी। वहीं, झारखंड में दो चरणों में चुनाव कराया जाएगा। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया, “झारखंड की 81 विधानसभा सीटों के लिए दो चरणों में मतदान होगा। पहले चरण के लिए 13 नवंबर और दूसरे चरण के लिए 20 नवंबर को वोटिंग होगी, जबकि नतीजे 23 नवंबर को घोषित होंगे।” भारत निर्वाचन आयोग के मुताबिक, महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए एक लाख से अधिक मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि ईसीआई (ECI) दोनों राज्य में समावेशी और सुलभ चुनावों के जरिए सुचारू मतदान अनुभव सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है, जबकि झारखंड विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 5 जनवरी को खत्म होगा। महाराष्ट्र में 288 तो झारखंड में विधानसभा की 81 सीटें हैं। 2019 में महाराष्ट्र में 1 चरण में जबकि झारखंड में 5 चरण में चुनाव हुए थे। हालांकि, 2019 में दोनों ही राज्यों में अलग-अलग चुनाव हुए थे। महाराष्ट्र चुनाव हरियाणा के साथ हुआ था, जबकि झारखंड का चुनाव दिसंबर में हुआ था।

maharshtra election
maharshtra election

महाराष्ट्र और झारखंड में कितने वोटर ?

चीफ इलेक्शन कमिश्नर राजीव कुमार ने बताया कि महाराष्ट्र में 9 करोड़ 63 लाख वोटर होंगे। यहां 5 करोड़ पुरुष वोटर हैं। यहां एक लाख पोलिंग बूथ पर वोट पड़ेंगे। महाराष्ट्र के हर बूथ पर करीब 960 वोटर होंगे। मुंबई में पोलिंग बूथ बढ़ाए गए हैं। राजीव ने बताया कि झारखंड में 2 करोड़ 60 लाख वोटर हैं। यहां एक करोड़ 31 लाख पुरुष वोटर हैं और एक करोड़ 29 लाख महिला वोटर हैं। झारखंड में 29 हजार 562 बूथ पर वोट पड़ेंगे। झारखंड के हर बूथ पर 881 वोटर होंगे।

उपचुनाव की तारीखों का भी ऐलान

चुनाव आयोग ने उपचुनाव की तारीखों का भी ऐलान कर दिया है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि 15 राज्यों की 44 विधानसभा सीटों और 1 संसदीय सीटों पर उपचुनाव होना है। इन पर 13 नवंबर को वोट डाले जाएंगे, इनके नतीजे भी 23 नवंबर को जारी किए जाएंगे।

चुनाव आयोग ने ईवीएम पर भी दिया बयान

वही चुनाव आयोग ने ईवीएम पर भी बयान दिया है। चुनाव आयोग ने कहा कि ईवीएम में कोई गड़बड़ी नहीं होती। ईवीएम पूरी तरह सुरक्षित है। ईवीएम की बैटरी पर भी पोलिंग एजेंट के साइन होंगे। ईवीएम 3 लेयर की सिक्योरिटी में रहेगी। ईवीएम में सिंगल यूज बैटरी लगती है। ईवीएम में मोबाइल जैसी बैटरी नहीं होती है।

jharkhand election
jharkhand election

कांग्रेस जेएमएम के साथ मिलकर लड़ेगी चुनाव – केशव महतो

झारखंड में कांग्रेस ने कहा कि वह राज्य में विधानसभा चुनाव झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के साथ गठबंधन में लड़ेगी और सीट बंटवारे पर अंतिम फैसला जल्द लिए जाने की उम्मीद है। झारखंड कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो ने कहा, ‘‘हम राज्य में अपने घटक दलों के साथ चुनाव लड़ेंगे। सीट बंटवारे पर अंतिम फैसला जल्द किया जाएगा। हमें अपने विकास कार्यों के दम पर चुनाव जीतने का भरोसा है।’’ झामुमो ने भी विश्वास जताया कि उसका गठबंधन फिर से सत्ता में आएगा।

झारखंड को लेकर बीजेपी केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक आज

वही दूसरी तरफ झारखंड को लेकर बीजेपी केंद्रीय चुनाव समिति की आज बैठक होगी,जिसमे प्रधानमंत्री शिरकत करेंगे। महाराष्ट्र को लेकर केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक फिर होगी। झारखंड में एक-एक सीट पर तीन-तीन उम्मीदवारों पर कोर ग्रुप की बैठक में विचार हो चुका है। कोर ग्रुप के बनी लिस्ट पर आज केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में विचार होगा।

झारखंड में बीजेपी आजसू को 9, JDU 2 और LJP को एक सीटें दे सकती है, जबकि LJP 4 सीट मांग रही थी। आदिवासी बेल्ट की 28 सीटों पर आदिवासी उम्मीदवारों को उतारेगी। उम्मीदवारों की लिस्ट में चंपई सोरेन और सीता सोरेन की बेटी का नाम भी शामिल है। उम्मीदवारों के जीतने की संभावना पर ही टिकट दिए जाएंगे।

read more : दिवाली से पहले टाटा ग्रुप का बड़ा ऐलान, 5 साल में देंगे 5 लाख नौकरियां

दिवाली से पहले टाटा ग्रुप का बड़ा ऐलान, 5 साल में देंगे 5 लाख नौकरियां

टाटा ग्रुप ने रोजगार को लेकर बड़ा ऐलान किया है। ग्रुप का कहना है कि वह अगले 5 सालों में 5 लाख नौकरियां पैदा करेंगे। इसकी जानकारी चेयरमैन एन चंद्रशेखरन द्वारा दी गई है। चेयरमैन एन चंद्रशेखरन के मुताबिक, आने वाले समय में सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और बैटरी से जुड़े इंडस्ट्रीज जैसे कई सैक्टरों में भर्तियां की जाएंगी। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने सरकारी समर्थन की भी बात कही थी। उन्होंने कहा कि बढ़ते कार्यबल को पूरा करने के लिए भारत में रोज़गार के अवसर देने होंगे।

किन सेक्टर में मिलेंगी नौकरियां ?

टाटा समूह ने अलग-अलग सेक्टर में नौकरियों का ऐलान किया है। चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने बताया कि सेमिकंडक्टर, प्रेसिजन मैन्युफैक्चरिंग, असेंबली, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और बैटरी से संबंधित अगले 5 सालों में लगभग टाटा ग्रुप 5 लाख नौकरियां निकालने वाला है। आपको बता दें कि टाटा ग्रुप असम में एक सेमीकंडक्टर प्लांट और इलेक्ट्रिक व्हीकल और बैटरी से जुड़ी कई यूनिट्स बना रहा है। इसके अंदर छोटी-बड़ी आकार की कई कंपनियां खोली जाएंगी, जिससे नौकरी के अवसर पैदा होंगे।

5 साल में 5 लाख नौकरियों का लक्ष्य

चेयरमैन एन चंद्रशेखरन भारतीय गुणवत्ता प्रबंधन फाउंडेशन के सेमिनार में इसका ऐलान किया है। उन्होंने इस दौरान मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में नौकरियां देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत के विकसित बनने के लक्ष्य में यह सेक्टर महत्वपूर्ण है। अगर हम मैन्युफैक्चरिंग नौकरियों में बढ़ोतरी करेंगे तो ही विकसित भारत के लक्ष्यों को पूरा कर पाएंगे।

read more : बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में बड़ा खुलासा, बेटे जीशान को मिली थी धमकी

बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में बड़ा खुलासा, बेटे जीशान को मिली थी धमकी

मुंबई में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद पुलिस ने कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है। बता दें कि शनिवार की रात मुंबई के खेर वाड़ी के खेर नगर में बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में लॉरेंश बिश्नोई गैंग की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। इस बीच अब मुंबई पुलिस ने इस केस को लेकर बड़ी खुलासा किया है। पुलिस ने बताया है कि बाबा सिद्दीकी की हत्या से पहले उनके बेटे जीशान सिद्दीकी को धमकी मिली थी।

कैसे हुई हत्या ?

दरअसल बाबा सिद्दीकी उस दिन अपने बेटे ज़ीशान के कार्यालय में गए थे, जो उनकी नियमित दिनचर्या का हिस्सा नहीं था। वे गरबा आयोजन में भाग लेने के बाद अपने बेटे के दफ्तर गए थे और ज़ीशान के बारे में पूछताछ की थी। लेकिन उन्हें बताया गया कि ज़ीशान कुछ मिनट पहले काम के सिलसिले में चले गए। जब बाबा सिद्दीकी अपनी कार की ओर बढ़ रहे थे, तो कथित तौर पर हमलावरों ने आंसू गैस जैसा पदार्थ इस्तेमाल किया। इसके बाद फरार चल रहे आरोपी शिवकुमार गौतम ने 9 एमएम पिस्तौल से छह गोलियां चलाईं और भाग गया। सूत्रों के अनुसार, अन्य दो आरोपियों ने गोली नहीं चलाई। लेकिन उनके पास पिस्तौल और 28 जिंदा कारतूस थे।

अंदरूनी लोगों ने दी सिद्दीकी की जानकारी

पुलिस को शक है कि हमलावरों को जीशान और उसके पिता दोनों को निशाना बनाने का निर्देश दिया गया था। लेकिन घटना के दिन जीशान अपने पिता के आने से कुछ मिनट पहले ही ऑफिस से निकल गया था। पुलिस को संदेह है कि कुछ अंदरूनी लोगों ने सिद्दीकी की जानकारी हमलावरों को दी थी। जिससे वे खेरवाडी जंक्शन पर समय पर पहुंच गए। बाबा सिद्दीकी और उनके बेटे जीशान से जुड़े स्थानों की रेकी करने के लिए हमलावर रोज बांद्रा आते थे, ज्यादातर ऑटो रिक्शा का उपयोग करते थे।

आरोपियों के पास पाए गए कुछ इन्फॉर्मेशन की वजह से पुलिस को शक है कि उन्हें बाबा सिद्दीकी और जीशान दोनों की हत्या का काम सौंपा गया था। घटना के दि बाबा सिद्दीकी और उनके बेटे दोनों एक ही स्थान पर थे और आरोपियों को किसी तरह से इसकी जानकारी मिल गई। सूत्रों का यह भी कहना है कि कोई अंदरूनी व्यक्ति बाबा सिद्दीकी और जीशान के बारे में जानकारी दे रहा था।

जीशान और बाबा सिद्दीकी दोनों को मारने की सुपारी

बाबा सिद्दीकी हत्याकांड को लेकर मुंबई पुलिस ने अहम जानकारियां साझा की हैं। पुलिस ने बताया है कि घटना से कुछ दिन पहले बाबा सिद्दीकी के बेटे जीशान सिद्दीकी को धमकी मिली थी। हत्या के आरोपियों ने पूछताछ में बताया है कि जीशान सिद्दीकी और बाबा सिद्दीकी दोनों ही उनके निशाने पर थे। आरोपियों को आदेश दिया गया था कि दोनों में से जो भी मिले उस पर गोली चला दें। पुलिस के मुताबिक, आरोपियों के निशाने पर जीशान सिद्दीकी भी थे। आरोपियों को जीशान और बाबा सिद्दीकी दोनों को मारने की सुपारी दी गई थी।

read more : भारत अपनी पहली विश्व दूरसंचार मानकीकरण सभा की करेगा मेजबानी

भारत अपनी पहली विश्व दूरसंचार मानकीकरण सभा की करेगा मेजबानी

भारत वायरलेस तकनीक की अगली पीढ़ी को आकार देने की दौड़ में आक्रामक रूप से आगे बढ़ रहा है। विभिन्न अध्ययनों के आधार पर, 6G तकनीक से संबंधित पेटेंट दाखिल करने में देश दुनिया भर में चौथे और छठे स्थान पर है, जो 6G मानक-निर्धारण प्रक्रिया पर इसके संभावित प्रभाव का एक आशाजनक संकेतक है।

विश्व दूरसंचार क्षेत्र की अग्रणी कम्पनियां, 190 से अधिक देशों के विशेषज्ञ और शिक्षाविद भारत में आयोजित होने वाले 10 दिवसीय विश्व दूरसंचार मानकीकरण सम्मेलन (डब्ल्यूटीएसए 2024) में भाग लेने के लिए तैयार हैं, क्योंकि देश दूरसंचार से संबंधित प्रौद्योगिकियों में वैश्विक नेता बनने जा रहा है।

विभिन्न अध्ययनों के आधार पर, देश 6G तकनीक से संबंधित पेटेंट दाखिल करने में वैश्विक स्तर पर चौथे और छठे स्थान पर है, जो 6G मानक-निर्धारण प्रक्रिया पर इसके संभावित प्रभाव का एक आशाजनक संकेतक है। इसी कड़ी में जानकारी के लिए बता दें कि 15 से 24 अक्टूबर तक भारत दूरसंचार मानकीकरण सभा की मेजबानी करेगा।

सरकार दिल्ली में विश्व दूरसंचार मानकीकरण सभा की मेजबानी करने जा रही है। जो 190 देशों के प्रतिनिधियों को 6G के साथ कृत्रिम बुद्धिमत्ता और बड़े डेटा जैसी महत्वपूर्ण तकनीकों के लिए भविष्य के मानकों पर चर्चा करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा। यह पहली बार है कि जब ये सभा एशिया में आयोजित की जाएगी।

read more : मूर्ति विसर्जन जुलूस के दौरान युवक की मौत पर जमकर हुआ बवाल

मूर्ति विसर्जन जुलूस के दौरान युवक की मौत पर जमकर हुआ बवाल

उत्तर प्रदेश के बहराइच में मूर्ति विसर्जन जुलूस के दौरान युवक की मौत पर जमकर बवाल हुआ। लगभग पांच हजार लोगों ने चारपाई में शव लेकर तहसील महसी में धरना प्रदर्शन किया। धरने के लिए पहुंचे लोगों के हाथ में लाठी-डंडे भी थे। ऐसे में जमकर आगजनी हुई। 4-5 घरों के अलावा शो रूम, अस्पताल और कई गाड़ियों को आग के हवाले किया गया। हालांकि, विधायक सुरेश्वर सिंह के आश्वासन पर महसी तहसील गेट पर प्रदर्शन कर रहे मृतक के परिजन अंतिम संस्कार करने के लिये राजी हो गए। सीएम योगी के निर्देश पर एसीएस होम एवं एडीजी लॉ एंड ऑर्डर मौके पर पहुंचे। इस मामले में 30 उपद्रवियों को हिरासत में लिया गया है।
योगी आदित्यनाथ ने कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए।
योगी आदित्यनाथ ने कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए।

बहराइच जिले के महाराजगंज बाजार में विसर्जन के दौरान पथराव और आगजनी के बाद गोली कांड में युवक की मौत हो गई थी। राम गांव थाना क्षेत्र के रेहुआ मंसूर गांव की दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस में पथराव और आगजनी हुई थी। इसके बाद योगी सरकार एक्शन में आई और लापरवाही करने वाले पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। इसके साथ ही बहराइच की सीमाएं सील कर दी गई हैं। बॉर्डर पर भारी पुलिस बल तैनात है ताकि यहां आने-जाने वाले वाहनों की जांच की जा सके और किसी अराजक तत्व को जिले में प्रवेश न मिले। मामला शांत होने तक जिले की सीमाओं पर पुलिस तैनात रह सकती है।

क्या है मामला ?

रेहुआ मसूर गांव के लोग मां दुर्गा की प्रतिमा लेकर विसर्जन के लिए जा रहे थे। इस बीच दूसरे समुदाय के व्यक्ति ने डीजे की तेज आवाज को लेकर शिकायत की और तनाव बढ़ गया। मामला बढ़ने पर पत्थरबाजी होने लगी और आगजनी भी हुई। इस दौरान पुलिसकर्मी हालात काबू में नहीं कर सके और हालात बिगड़ते गए। पत्थरबाजी और आगजनी के बाद गोलीबारी भी हुई, जिसमें 22 साल के राम गोपाल मिश्रा घायल हुए और अस्पताल ले जाते समय उनकी मौत हो गई। राम गोपाल की मौत के बाद मामला और बढ़ गया है। हजारों की संख्या में गांव के लोग शव लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।

पुलिस प्रशासन लाचार

धरना प्रदर्शन के लिए निकले लोगों की तुलना में पुलिसकर्मियों की संख्या बेहद कम है। प्रदर्शनकारियों के हाथ में लाठी-डंडे भी हैं। उन्होंने अस्पताल और शो रूम में आगजनी की है। घरों को भी आग के हवाले किया गया है और कारों में भी आग लगाई गई है। लिहाजा पुलिस हालात को काबू करने की स्थिति में नहीं है। हालांकि, इस मामले में 30 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है और एफआईआर भी हो चुकी है, जिसमें छह नामजद आरोपी हैं। योगी आदित्यनाथ ने हत्या के आरोपियों को गिरफ्तार करने की बात कहते हुए कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए।

read more : बदली रणनीति, ज्यादा तबाही, कितनी अलग इजराइल-हिजबुल्लाह की जंग ?

बदली रणनीति, ज्यादा तबाही, कितनी अलग इजराइल-हिजबुल्लाह की जंग ?

इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच युद्ध जारी है। ये दिन बा दिन खतरनाक होता जा रहा है। 2006 के बाद ये पहला मौका है, जब इजराइल और हिजबुल्लाह आमने सामने आए हैं। 2006 के युद्ध के बाद इजराइल और हिजबुल्लाह ने अपने दृष्टिकोण में बदलाव किए हैं। अमेरिकी थिंक टैंक सेंटर फॉर स्ट्रेटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज (CSIS) की हाल की रिपोर्ट में कहा गया है कि इजराइल अब अपने अंतरराष्ट्रीय सम्मान को कमतर समझता है, खासतौर पर तब जब वह गाजा पर कहर बरसाने के बाद लेबनान में भी इसी तरह की हताहतों की ओर बढ़ रहा है।

हाल में इजराइल सेना ने दक्षिण लेबनान में एक सीमित कार्रवाई शुरू की है, जो 2006 के संघर्ष की याद दिला रही है। लेकिन इजराइल इस बार और ज्यादा आक्रामक नजर आ रहा है और वह अंतरराष्ट्रीय निंदा और युद्ध विराम की अपीलों के बावजूद आगे बढ़ता नजर आ रहा है। वहीं हिजबुल्लाह ने भी 2006 के मुकाबले अपनी सैन्य ताकत को बहुत मजबूत किया है और अपने नेताओं की हत्या के बाद भी वह अपनी कार्रवाइयों को जारी रखने में सक्षम है।

हिजबुल्लाह की रणनीति में सुधार

इस जंग में हिजबुल्लाह रणनीति में भी कई बदलाव देखने मिल रहे हैं। 2006 के अनुभवों से सीख कर हिजबुल्लाह ने अपने अंदर कई सुधार किए हैं और वे इजराइल की खुफिया एजेंसियों की ओर से उसके नेताओं के निशाना बनाए जाने के बाद भी हमले करने में सक्षम है। हिजबुल्लाह ने समूह की अंदरूनी स्ट्रक्चर को ऐसा बना लिया है कि किसी भी कमांडर की हत्या के बाद भी उसके सैन्य अभियान प्रभावित नहीं हो रहे हैं।

हिजबुल्लाह 2006 के बाद इजराइल की तकनीकी ताकत को समझ गया है। जिसका मुकाबला सिर्फ लड़ाकों के बल पर नहीं किया जा सकता है। हिजबुल्लाह ने अपने पास एक लाख से दो लाख रॉकेट और मिसाइलें जमा की हैं, जो 2006 में सिर्फ 15 हजार थी। यह नया जंगी सामान इजराइल की सुरक्षा के लिए चिंता का मुद्दा बना हुआ है। इसके अलावा हिजबुल्लाह ने इजराइल के हवाई हमलों से बचने और गुरिल्ला वार को मजबूत करने के लिए अपने टनल और गुप्त नेटवर्क को भी एडवांस किया है। जो हिजबुल्लाह को इजराइली हमलों का मुकाबला करने में मदद कर रहे हैं।

इजराइल की नई रणनीति और चुनौतियां

इजराइल के अधिकारी भी 2006 में हुई गलतियों से बहुत कुछ सीख चुके हैं। इजराइल अब ज्यादा विनाशकारी हमलों के तरीकों को अपना रहा है। जिससे वे हिजबुल्लाह की कमर तोड़ सके। हालांकि, जानकारों का मानना है कि एक नए जमीनी जंग में इजराइल को कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। इजराइल के पूर्व प्रधानमंत्री एहुड ओल्मर्ट ने चेतावनी दी है कि अगर इजराइल ने हिजबुल्लाह के खिलाफ नए आक्रमण का फैसला किया, तो यह बहुत कठिन और खूनी हो सकता है, जिससे क्षेत्रीय युद्ध की संभावना बढ़ जाएगी। 2006 की जंग के मुकाबले ये जंग सिर्फ हिजबुल्लाह और इजराइल तक सीमित नहीं है। अगर दोनों पक्षों ने अपने रुख में नरमी नहीं लाई तो ये जंग पूरे क्षेत्र में फैल सकती है। जहां इजराइल अपार बल को प्राथमिकता दे रहा है। वहीं हिजबुल्लाह के लिए जीवित रहना और मजबूती से खड़ा होना महत्वपूर्ण है।

हताहतों की बढ़ती संख्या और इजराइल का रुख

इजराइल लेबनान में अपने ऑपरेशनों में हिजबुल्लाह के लक्ष्यों को निशाना बना रहा है, लेकिन उसके हमलों में कई रेसिडेंशियल टावरों को भी निशाना बनाया गया है। इन हमलों में करीब 37 हिजबुल्लाह लड़ाकों की मौत हुई है, जबकि 2 हजार से ज्यादा नागरिकों की जान जा चुकी है। जिनमें महिलाएं और बच्चे शामिल हैं, ये आंकड़ा 2006 की जंग की हताहतों से दो गुना है और जबकि इसे जंग की शुरुआत कहा जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने इन कार्रवाई को युद्ध अपराध माना है, लेकिन इजराइल का रुख लेबनान में भी गाजा जैसा ही है। जानकार मानते हैं कि इजराइल इस जंग के सहारे 2006 की हार का दाग धुलना चाहता है और उसने अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए मानवीय और अंतरराष्ट्रीय संगठनों की अपीलों पर ध्यान देना छोड़ दिया है।

read more : दिल्ली विश्वविद्यालय में करनी है नौकरी, तो न चूकें मौका है इन पदों पर भर्ती

दिल्ली विश्वविद्यालय में करनी है नौकरी, तो न चूकें मौका है इन पदों पर भर्ती

अगर आप टीचिंग लाइन में नौकरी की तलाश में हैं तो ये खबर आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा। दिल्ली विश्वविद्यालय ने प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर पदों पर भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। हालांकि, अभी इन पदों के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। एक बार शुरू होने के बाद उम्मीदवार आधिकरिक वेबसाइट du.ac.in पर जाकर अप्लाई कर सकेंगे। इन पदों के लिए पंजीकरण प्रक्रिया 14 अक्टूबर से शुरू होगी और 24 अक्टूबर या रोजगार समाचार में विज्ञापन प्रकाशित होने की तिथि से दो सप्ताह बाद समाप्त होगी, जो भी बाद में हो। पात्रता, चयन प्रक्रिया और अन्य विवरणों के लिए नीचे पढ़ें।

क्या है आवेदन शुल्क ?

सभी पदों के लिए आवेदन शुल्क अनारक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए 2000 रुपये है। OBC/EWS श्रेणी और महिला आवेदकों के लिए आवेदन शुल्क 1500 रुपये है। SC/ST श्रेणी के लिए 1000 रुपये और PwBD श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए 500 रुपये है। भुगतान केवल ऑनलाइन, क्रेडिट/डेबिट कार्ड/नेट बैंकिंग के माध्यम से किया जाना चाहिए। एक बार भुगतान की गई फीस किसी भी परिस्थिति में वापस नहीं की जाएगी। जो उम्मीदवार एक से अधिक पद/विभाग के लिए आवेदन कर रहे हैं, उन्हें अलग-अलग आवेदन करना होगा और अलग-अलग शुल्क का भुगतान करना होगा। अधिक संबंधित विवरण के लिए उम्मीदवार दिल्ली विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट देख सकते हैं।

नौकरी के क्या है चयन प्रक्रिया ?

साक्षात्कार के लिए बुलाए गए शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों को सभी मूल प्रमाण-पत्रों/प्रमाण-पत्रों के साथ वैध फोटो पहचान-पत्र (आधार/मतदाता पहचान-पत्र/ड्राइविंग लाइसेंस/पासपोर्ट) के साथ रिपोर्ट करना चाहिए। ऑनलाइन आवेदन पत्र में दर्शाए गए योग्यता, अनुभव और श्रेणी के संबंध में प्रमाण-पत्रों/प्रमाण-पत्रों की स्व-सत्यापित फोटोकॉपी का एक सेट, आवेदक द्वारा विधिवत प्रमाणित साक्षात्कार के समय प्रस्तुत किया जाना चाहिए।

नौकरी के लिए रिक्ति विवरण

इस भर्ती अभियान के तहत संगठन में 575 फैकल्टी पदों को भरा जाएगा।
>> सहायक प्रोफेसर : 116 पद
>> प्रोफेसर : 145 पद
>> एसोसिएट प्रोफेसर : 313 पद

READ MORE : रावण की जन्मभूमि: यहां दशानन को जलाते नहीं बल्कि पूजा करते हैं लोग