Saturday, June 28, 2025
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‘एक देश, एक चुनाव’ प्रस्ताव को केंद्रीय कैबिनेट की मिली मंजूरी

‘एक देश एक चुनाव’ प्रस्ताव को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। सूत्रों के मुताबिक इस बिल को मौजूदा शीतकालीन सत्र के दौरान ही संसद में पेश किया जा सकता है। इस बिल को लेकर सभी राजनीतिक दलों के सुझाव लिए जाएंगे। बाद में इसे संसद से पास कराया जाएगा। इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमिटी ने एक देश एक चुनाव से जुड़ी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी। सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय कैबिनेट में कानून मंत्री ने एक देश एक चुनाव का प्रस्ताव रखा था। इस प्रस्ताव के बारे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विस्तार से जानकारी दी थी।

लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ होंगे

‘एक देश, एक चुनाव’ के तहत लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराए जाएंगे। रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमिटी की रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि पहले कदम में लोकसभा और राज्यसभा चुनाव को एक साथ कराना चाहिए। कमेटी ने सिफारिश की है कि लोकसभा और राज्यसभा के चुनाव एक साथ संपन्न होने के 100 दिन के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव हो जाने चाहिए।

पहले भी एक साथ हो चुके हैं चुनाव

एक देश एक चुनाव भारत के लिए कोई नया कॉन्सेप्ट नहीं है। देश में आजादी के बाद से 1967 तक लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ ही कराए थे। 1952, 1957, 1962 और 1967 में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ हुए थे, लेकिन राज्यों के पुनर्गठन और अन्य कारणों से चुनाव अलग-अलग समय पर होने लगे।

क्या है ‘एक देश, एक चुनाव’ का कॉन्सेप्ट ?

दरअसल पीएम मोदी लंबे समय से ‘एक देश, एक चुनाव’ की वकालत करते आए हैं। उन्होंने कहा था कि चुनाव सिर्फ तीन या चार महीने के लिए होने चाहिए, पूरे 5 साल राजनीति नहीं होनी चाहिए। साथ ही चुनावों में खर्च कम हो और प्रशासनिक मशीनरी पर बोझ न बढ़े। ‘एक देश, एक चुनाव’ का मतलब है कि भारत में लोकसभा और सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाएं।

मोदी सरकार एक देश एक चुनाव क्यों जरूरी मानती है

>> एक देश एक चुनाव से जनता को बार-बार के चुनाव से मुक्ति मिलेगी।

>> हर बार चुनाव कराने पर करोड़ों रुपये खर्च होते हैं, जो कि कम हो सकते हैं।

>> यह कॉन्सेप्ट देश में राजनीतिक स्थिरता लाने में अहम रोल निभा सकता है।

>> इलेक्शन की वजह से बार बार नीतियों में बदलाव की चुनौती कम होगी।

>> सरकारें बार-बार चुनावी मोड में जाने की बजाय विकास कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगी।

>> प्रशासन को भी इसका फायदा मिलेगा, गवर्नेंस पर जोर बढ़ेगा।

>> पॉलिसी पैरालिसिस जैसी स्थिति से छुटकारा मिलेगा। अधिकारियों का समय और एनर्जी बचेगी।

>> सरकारी खजाने पर बोझ कम होगा और आर्थिक विकास में तेजी आएगी।

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सीरिया के हालात पर ईरान ने ये बयान देकर किया बड़ा धमाका

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने कहा है कि सीरिया में बशर अल-असद सरकार का पतन सहित वहां का हालिया घटनाक्रम अमेरिका और इजरायल की संयुक्त योजना का हिस्सा है। यहां के सरकारी टेलीविजन चैनल ने बुधवार को यह खबर दी। चैनल ने खामेनेई के हवाले से कहा, ‘‘इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि सीरिया में जो कुछ हुआ है वह अमेरिकी और यहूदी (इजरायल के संदर्भ में) योजना का परिणाम है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास सबूत हैं, और यह सबूत संदेह की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ता।’’

इस देश ने निभाई बड़ी भूमिका – अयातुल्ला अली खामेनेई 

ईरान के सर्वोच्च नेता ने किसी भी देश का नाम लिए बिना कहा, ‘‘सीरिया के एक पड़ोसी देश ने इस मामले में सक्रिय और स्पष्ट भूमिका निभाई है और वह ऐसा करना जारी रख भी रहा है। अब इसे हर कोई देख सकता है।’’ वैसे देखा जाए तो जिस पड़ोसी देश की तरफ अयातुल्ला अली खामेनेई इशारा कर रहे हैं। वह कोई और नहीं तुर्किये है।

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ईरान के लिए झटका है असद का पतन

वही ईरान को सीरिया की बशर अल-असद की सरकार का बड़ा सहयोगी माना जाता था। ईरान सीरिया को लड़ने के लिए हथियार, सैन्य साजो-सामान और सेना को ट्रेनिंग देकर असद की मदद करता था। लेकिन, जब विद्रोही सीरिया में शहर दर शहर घुसते गए और असद को देश छोड़कर भागना पड़ा तो ईरान भी मदद नहीं कर सका। सीरिया में असद सरकार का पतन ईरान के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है।

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महाराष्ट्र: परभणी में भड़की हिंसा, आगजनी के बाद आंसू गैस के गोले छोड़े गए

महाराष्ट्र के परभणी में संविधान के अपमान को लेकर अचानक हिंसा भड़क गई है। इसके बाद कई इलाकों में आगजनी की गई है। प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि संविधान का अपमान करने वालों को फांसी की सजा होनी चाहिए। पुलिस स्थिति को नियंत्रित करने में लगी है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे गए हैं।

बेकाबू लोगों को कंट्रोल करने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद है। परभणी शहर में कलेक्टर कार्यालय के सामने अंबेडकरी अनुयायी मूर्ति क्षेत्र में एकत्र हुए और सड़क रोको और रेल रोको भी प्रदर्शन किया। एहतियान इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है और इसके साथ ही बीएनएसएस की धारा 163 लागू कर दी गई है।

भारतीय संविधान की धज्जियां उड़ाना शर्मनाक – प्रकाश आंबेडकर

इस बीच वंचित बहुजन आघाड़ी के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर ने भी ममाले में अपनी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि परभणी में जातिवादी मराठा उपद्रवियों द्वारा बाबासाहेब की प्रतिमा पर भारतीय संविधान की धज्जियां उड़ाना बहुत ही शर्मनाक है। उन्होंने कहा है कि यह पहली बार नहीं है जब बाबासाहेब की प्रतिमा या दलित पहचान के प्रतीक पर इस तरह की तोड़फोड़ की गई हो।

वंचित बहुजन आघाड़ी के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर कहा, “वीबीए परभणी जिले के कार्यकर्ता सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंचे और उनके विरोध प्रदर्शन के कारण पुलिस ने एफआईआर दर्ज की और उपद्रवियों में से एक को गिरफ्तार किया। मैं सभी से कानून और व्यवस्था बनाए रखने का अनुरोध करता हूं। अगर अगले 24 घंटों के भीतर सभी उपद्रवियों को गिरफ्तार नहीं किया गया, तो परिणाम भुगतने होंगे।”

महाराष्ट्र में पुलिस ने किया एनाउंसमेंट

महाराष्ट्र में परभणी पुलिस की ओर से अनाउंसमेंट की जा रही है कि एक जगह पर पांच से ज्यादा लोग इकट्ठा न हों नहीं तो कार्रवाई की जाएगी। आईजी रैंक के अधिकारी शाहजी उमाप को रवाना किया गया है और इसके साथ ही पुलिस ने लोगों से अपील की है कि कानून-व्यवस्था अपने हाथ में न लें और शांति बनाए रखने में मदद करें।

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एक बार फिर इंसानियत हुई शर्मसार, रिश्तेदार ने किया दुष्कर्म

(राजेश कुमार सोनी) : अमेठी में इंसानियत को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। पीड़िता ने आरोप लगाया है कि उसके रिश्तेदार ने उसके साथ जबरदस्ती दुष्कर्म किया और फिर शादी का झांसा देकर 4 साल तक दुष्कर्म करता रहा। जब पीड़िता ने शादी का दबाव बनाया, तो उसे अमेठी कोतवाली क्षेत्र की एक फर्नीचर की दुकान पर बुलाया गया। वहां उसके साथ गैंगरेप किया गया और घटना का वीडियो भी बनाया।

पुलिस की बेरुखी, पीड़िता का संघर्ष

रेप पीड़िता ने आरोप लगाया है कि 4 साल पहले वह अमेठी कोतवाली क्षेत्र के मठिया सरैया मोहन रिश्तेदारी गई थी। जहां 12 मार्च 2020 की रात्रि को करीब 11 बजे उसके रिश्तेदार पंकज यादव द्वारा उसके साथ जबरदस्ती दुष्कर्म किया गया। युवती ने विरोध करते हुए जब कानूनी कार्रवाई की बात कही तो आरोपी ने शादी करूंगा और कही भी बताने पर जान से मारने की धमकी देते 4 सालों से दुष्कर्म करता रहा।

जब शादी का दबाव बनाया तो बीते 2 नवंबर 2024 को अमेठी कोतवाली क्षेत्र के एक फर्नीचर की दुकान पर बुलाकर पंकज ने रायदेपुर निवासी अपने दोस्त रविंद्र कुमार पुत्र रामनरेश के साथ मिलकर गैंगरेप कर वीडियो बनाया और कही बताने व पुलिस से शिकायत करने पर गैंगरेप का वीडियो वायरल करने की धमकी दी। इसके बाद वह करीब एक महीने से न्याय के लिए अमेठी कोतवाली व पुलिस अधीक्षक कार्यालय अमेठी की चक्कर लगा रही है। लेकिन आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिससे वह मजबूर होकर अमेठी तहसील में सीओ ऑफिस के बाहर धरना दे रही है।

धरने में पर बैठी दुष्कर्म पीड़िता

धरने पर बैठी दुष्कर्म पीड़िता ने अधिकारियों से आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। अमेठी कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंचकर पीड़िता को कार्रवाई का आश्वासन दिया। लेकिन पीड़िता द्वारा तुरंत एफआईआर दर्ज कर आरोपियों पर कार्यवाही की मांग की जा रही हैं। पीड़िता द्वारा लगाए गए गंभीर आरोप और प्रशासन की निष्क्रियता ने कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना होगा कि धरने के बाद पुलिस क्या कदम उठती हैं।

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महाराष्ट्र के अब इस गांव ने ईवीएम से मतदान को किया बैन

महाराष्ट्र के सतारा जिले में स्थित कोलेवाड़ी ग्राम सभा ने भविष्य में होने वाले चुनावों को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम के बजाय पारंपरिक मतपत्रों के जरिए कराने का प्रस्ताव पारित किया है। यह गांव महाराष्ट्र में ईवीएम के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने वाला दूसरा गांव बन गया है। कोलेवाड़ी गांव कराड (दक्षिण) विधानसभा क्षेत्र के तहत आता है, जिसका प्रतिनिधित्व पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण करते थे। हालांकि उन्हें नवंबर 2024 में हुए चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार अतुल भोसले से 39,355 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था।

महाराष्ट्र का ये दूसरा गांव बना

ग्राम सभा ने यह प्रस्ताव तब पारित किया, जब कोलेवाड़ी के निवासियों ने ईवीएम के जरिए डाले गए वोटों पर संदेह जताया। उनकी मांग है कि चुनावों में पारंपरिक मतपत्रों का इस्तेमाल किया जाए, ताकि चुनाव की प्रक्रिया पर विश्वास दोबारा स्थापित किया जा सके। इससे पहले सोलापुर के मालशिरस निर्वाचन क्षेत्र के मरकडवाड़ी गांव में भी कुछ लोगों ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए थे और मतपत्रों के जरिए पुनर्मतदान कराने की कोशिश की थी। लेकिन प्रशासन और पुलिस ने इसे विफल कर दिया और इस मामले में कार्रवाई की।

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जिला कलेक्टर ने कहा…….

सतारा जिले के कलेक्टर जितेंद्र दूदी ने इस प्रस्ताव को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनके कार्यालय को अभी तक ग्राम पंचायत से कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। उन्होंने कहा जब हमें प्रस्ताव मिलेगा, तो हम इसे लेकर आवश्यक कदम उठाएंगे।

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जाते-जाते नए आरबीआई गवर्नर को क्या नसीहत दे गए शक्तिकांत दास ?

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) में आज मौजूदा गवर्नर शक्तिकांत दास का आखिरी दिन है। कल से नए गवर्नर संजय मल्होत्रा उनकी जगह लेंगे। इस बीच नए गवर्नर संजय मल्होत्रा और मौजूदा गवर्नर शक्तिकांत दास की प्रतिक्रिया आई है। संजय मल्होत्रा ​​ने कहा है कि वह 11 दिसंबर को पदभार संभालने के बाद अर्थव्यवस्था की रफ्तार तेज करने के लिए वो हर संभव कदम उठाएंगे। उनकी प्राथमिकता में GDP की रफ्तार तेज करना होगा। उन्होंने कहा कि वे आरबीआई के कामकाज को झमझेंगे और फिर फैसले लेंगे। उन्होंने कहा कि किसी को भी (इस पद पर काबिज) क्षेत्र, सभी दृष्टिकोणों को समझना होगा और अर्थव्यवस्था के लिए सर्वोत्तम करना होगा।

महंगाई काबू करना सबसे बड़ा काम – शक्तिकांत दास

आरबीआई के मौजूदा गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कहा कि महंगाई को काबू करना केंद्रीय बैंक के समक्ष सबसे महत्वपूर्ण कार्य है। केंद्रीय बैंक प्रमुख के रूप में अपने छह साल के कार्यकाल के अंतिम दिन संवाददाता सम्मेलन में दास ने कहा कि उनके उत्तराधिकारी को बदलती विश्व व्यवस्था को समझना होगा, साइबर खतरों से प्रभावी ढंग से निपटना होगा और नई प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल पर ध्यान केंद्रित करना होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि नए गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​वित्तीय समावेश को बढ़ावा देने के अलावा केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) और यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस (यूएलआई) जैसी आरबीआई की पहलों को आगे बढ़ाएंगे।

एक प्रश्न के उत्तर में दास ने कहा कि हर किसी को अपने विचार रखने का अधिकार है, लेकिन जैसा कि वे देखते हैं वृद्धि केवल रेपो दर से नहीं, बल्कि कई कारकों से प्रभावित होती है। उन्होंने कहा कि आरबीआई का प्रयास मौजूदा आर्थिक स्थितियों और संभावनाओं को देखते हुए मौद्रिक नीति को यथासंभव उपयुक्त बनाने का रहा है।

चुनौतियों से निपटना होगा गवर्नर मल्होत्रा को

केंद्रीय बैंक के समक्ष चुनौतियों के बारे में बताते हुए कहा कि नए गवर्नर मल्होत्रा को महंगाई और वृद्धि के बीच संतुलन बहाल करना होगा। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था लचीली व मजबूत बनी है और इसमें वैश्विक प्रभावों से उचित तरीके से निपटने की क्षमता है। छह साल बाद सेवानिवृत्त हो रहे दास ने कहा कि वित्त मंत्रालय तथा भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के बीच समन्वय पिछले छह वर्षों में सबसे बेहतर रहा है।

उन्होंने साथ ही कहा कि वित्त मंत्रालय तथा आरबीआई का नजरिया कभी-कभी अलग-अलग हो सकता है, लेकिन उनके कार्यकाल के दौरान ऐसे सभी मुद्दों को आंतरिक चर्चा के जरिये सुलझा लिया गया। सवालों का जवाब देते हुए दास ने कहा कि आरबीआई गवर्नर व्यापक अर्थव्यवस्था की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हैं और अंततः प्रत्येक गवर्नर यह निर्णय लेता है।

अकेले केंद्रीय बैंक प्रबंधित नहीं कर सकता – गवर्नर मल्होत्रा

नए गवर्नर संजय मल्होत्रा की छवि सभी के साथ मिलकर काम करने वाली है। वह खुद भी मानते हैं कि कीमतों को अकेले केंद्रीय बैंक प्रबंधित नहीं कर सकता है और इसके लिए सरकारी मदद की भी जरूरत है। वह ऐसे समय केंद्रीय बैंक के 26वें गवर्नर के रूप में कार्यभार संभाल रहे हैं जब आरबीआई पर आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के लिए प्रमुख ब्याज दर रेपो में कटौती का दबाव है।

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क्या सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की हुई अनदेखी ? नूरी मस्जिद पर छिड़ा संग्राम…..

उत्तर प्रदेश स्थित फतेहपुर में नूरी जामा मस्जिद का अतिक्रमण बुलडोज़र से नियमानुसार हटवाया गया। जानकारी के अनुसार जनपद फतेहपुर क्षेत्र के बहराइच – बांदा मार्ग (SH-13) पर मार्ग के चौड़ीकरण को लेकर लोक निर्माण विभाग द्वारा मार्ग के किनारे के अवैध निर्माण को हटाया गया। वही फतेहपुर में नूरी मस्जिद पर 13 दिसंबर से पहले बुलडोजर एक्शन को लेकर संग्राम छिड़ गया है। मस्जिद कमेटी का कहना है कि जिला प्रशासन ने कोर्ट की अवहलेना की है क्योंकि मामला अभी अदालत में है।

वहीं जिला प्रशासन का कहना है कि कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर स्टे या रोक नहीं लगाया था इसलिए कार्रवाई की गई। जिला प्रशासन पर सुप्रीम कोर्ट के उन दिशा-निर्देशों की अनदेखी करने का भी आरोप लग रहा है जिनमें कहा गया था कि बुलडोजर एक्शन से 15 दिन पहले नोटिस देना जरूरी है। आइए, जानते हैं कि दोनों पक्ष अपनी दलील में क्या कह रहे हैं।

जिला प्रशासन की क्या है दलील ?

वहीं, सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों की अनदेखी के आरोपों पर जिला प्रशासन का कहना है कि बुलडोजर एक्शन से 45 दिन पहले ही मस्जिद को नोटिस जारी किया गया था। प्रशासन ने यह भी कहा कि कोर्ट ने इस मामले पर स्टे नहीं लगाया था इसलिए कार्रवाई कहीं से गलत नहीं है। बता दें कि कुछ हफ्ते पहले ही कुछ बुलडोजर एक्शन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गाइडलाइंस जारी की थी और कहा था कि जो भी उसका उल्लंघन करेगा उस अफसर पर एक्शन होगा। ऐसे में फतेहपुर जिला प्रशासन पर सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के उल्लंघन का आरोप लगाए जा रहे हैं।

मस्जिद कमेटी का दावा

मस्जिद कमेटी का दावा है कि नूरी मस्जिद करीब 180 साल पुरानी है। उसका कहना है कि मस्जिद का निर्माण 1839 में हुआ था। मस्जिद कमेटी का कहना है कि जब मस्जिद बनी थी तब यहां सड़क नहीं थी बल्कि जंगल था, ऐसे में अवैध निर्माण की बात गलत है। वही मस्जिद कमेटी का यह भी कहना है कि जानबूझकर मस्जिद को टारगेट किया गया है, क्योंकि इसे बचाने के लिए बाईपास बनाने की सलाह भी दी गई थी, लेकिन उस पर विचार नहीं किया गया। मस्जिद कमेटी ने कहा कि इस मसले पर 13 दिसंबर को इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई थी, इसलिए मस्जिद पर एक्शन पूरी तरह गलत है।

क्या थी सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस ?

सुप्रीम कोर्ट ने अपनी गाइडलाइंस में साफ-साफ कहा था कि बुलडोजर एक्शन से 15 दिन पहले नोटिस देना जरूरी है। वही लोक निर्माण विभाग का कहना है कि उसने मस्जिद कमेटी को 45 दिन पहले नोटिस दिया था यानी कि कोर्ट के आदेश की अवहेलना नहीं हुई है बल्कि उसका पालन हुआ है। दूसरा, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर सड़क या नालियों पर अतिक्रमण कर कोई स्ट्रक्चर बनाया गया है तो उसपर जिला प्रशासन एक्शन ले सकता है। लोक निर्माण विभाग के एक्शन के मुताबिक, यहां भी सड़क का चौड़ीकरण हो रही है ऐसे में यहां भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया जा रहा है।

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बांग्लादेश ने दूसरी बार जीता U-19 एशिया कप का खिताब

भारत और बांग्लादेश के बीच अंडर-19 एशिया कप का मुकाबला खेला गया। इस मैच को बांग्लादेश की टीम ने अपने नाम कर लिया है। बांग्लादेश ने इस मुकाबले को 59 रन से अपने नाम किया। उनकी टीम ने लगातार दूसरी बार एशिया कप का खिताब अपने नाम कर लिया है। पिछले एशिया कप में उन्होंने यूएई की टीम को फाइनल में हराया था। जो कि साल 2023 में खेला गया था। बांग्लादेश की टीम ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने सेमीफाइनल में पाकिस्तान की टीम को हराया था। बांग्लादेश ने अंडर 19 लेवल पर अपने क्रिकेट को काफी अच्छा कर लिया है।

कैसा रहा मैच का हाल

दोनों टीमों के बीच खेले गए इस मुकाबले के बारे में बात करें तो, इस मैच में भारतीय टीम के कप्तान ने टॉस जीता और उन्होंने पहले गेंदबाजी करने का फैसला लिया। टीम इंडिया के गेंदबाजों ने कप्तान के इस फैसले को सही भी साबित किया और उन्होंने बांग्लादेश की टीम को 49.1 ओवर में 198 के स्कोर पर ऑलआउट कर दिया। बांग्लादेश की ओर से मोहम्मद शिहाब जेम्स और एमडी रिजान हुसैन थोड़ी अच्छी बल्लेबाजी की है। मोहम्मद शिहाब जेम्स ने इस मुकाबले में 40 रन और एमडी रिजान हुसैन ने 47 रनों की पारी खेली। वहीं टीम इंडिया की ओर से युधाजित गुहा, चेतन शर्मा और हार्दिक राज ने 2-2 विकेट झटका। वहीं किरण चोरमले, केपी कार्तिकेय और आयुष म्हात्रे ने एक-एक विकेट झटका है।

फिर शुरू बांग्लादेश के गेंदबाजों का कमाल

टीम इंडिया को इस मुकाबले में जीत के लिए 199 रनों का टारगेट मिला था। टीम इंडिया इस टारगेट को चेज करते हुए 35.2 ओवर में 139 रन के स्कोर पर ऑलआउट हो गई। टीम इंडिया के बल्लेबाजों ने इस मैच में बेहद निराशाजनक प्रदर्शन किया। भारत की ओर से कोई भी बल्लेबाज 30 रन के आंकड़े तक को नहीं पार कर सका। भारत की ओर से कप्तान मोहम्मद अमान ने सर्वाधिक 26 रनों की पारी खेली। उन्होंने इस मैच में सिर्फ 40 की स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं। इससे ही पता चलता है कि बांग्लादेश के गेंदबाजों ने कितनी अच्छी गेंदबाजी की है।

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सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद का विमान हुआ क्रैश ? रडार से था गायब

सीरिया में जारी राजनीतिक संकट के बीच बड़ी खबर सामने आई है। जिसमे दावा किया जा रहा है कि सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद का विमान क्रैश हो गया है। कहा जा रहा है कि उनका विमान आसमान में 500 मीटर ऊपर क्रैश हुआ, जिसका मलबा भी बरामद हो गया। क्रैश होने से पहले विमान रडार से गायब हो गया था।

विद्रोहियों ने विमान को मार गिराया 

सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद सीरिया छोड़ कर भाग गए हैं। उम्मीद जताई जा रही थी कि वह रूस या ईरान में पनाह ले सकते हैं, लेकिन अभी तक उनका कोई पता नहीं है। राष्ट्रपति का विमान भी रडार बाहर है। इन्हीं खबरों के बीच एक सोर्स ने राष्ट्रपति की प्लेन क्रैश में मौत का दावा किया है। सीरिया से भागने बाद उनका प्लेन किसी जगह पर क्रैश हो गया है। फ्लाइट राडार के डेटा के मुताबिक असद के विमान ने अचानक यू-टर्न लिया और गायब हो गया। वही इस तरह के दावे भी किए जा रहे हैं कि विद्रोहियों ने असद के विमान को मार गिराया है।

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सीरिया में लगातार आगे बढ़ रहे हैं विद्रोही

वही सीरिया में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। विद्रोहियों ने सीरिया के तीन बड़े शहरों पर कब्जा कर लिया है, इनमें अलेप्पो, होम्स और दारा शहर शामिल हैं। विद्रोहियों ने होम्स में बनी राष्ट्रपति बशर अल-असद के पिता की प्रतिमा को भी तोड़ दिया। सीरिया की सेना शहरों, कस्बों और गांवों में लोगों को सुरक्षा देने में नाकाम रही है।

पीएम जलाली ने किया बड़ा ऐलान

इस बीच सीरिया के प्रधानमंत्री मोहम्मद गाजी जलाली ने कहा है कि वह शासन शांतिपूर्ण तरीके से विपक्ष को सौंपने को तैयार हैं। जलाली ने कहा, ‘‘मैं अपने आवास पर ही हूं और कहीं नहीं गया हूं और यह इसलिए क्योंकि मुझे अपने देश से प्रेम है।’’ उन्होंने कहा कि वह काम करने के लिए अपने कार्यालय जाएंगे साथ ही उन्होंने सीरियाई नागरिकों से सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान ना पहुंचाने का आग्रह किया है।

कैदियों को किया आजाद

विद्रोहियों ने देश भर की तमाम जेलों से सभी कैदियों की रिहा कर दिया है। विद्रोहियों ने सरेंडर करने वाले सैनिकों के साथ बुरा व्यवहार न करने और सबको साथ लेकर सीरिया में नए सरकार के गठन की बात कही है। वहीं दमिश्क में कब्जे के बाद विद्रोहियों ने ये भी कहा है कि वह अभी कुर्द लड़ाकों से देश के नॉर्थ में लड़ रहे हैं।

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संसद में मिले नोटों की गड्डी, जांच कर लो पर किसी का नाम न लो

संसद में पांच सौ रुपये के नोटों की एक गड्डी सियासत का बड़ा मुद्दा बन गई। नोटों की गड्डी पर राज्यसभा में हंगामा हुआ। कांग्रेस के नेताओं और बीजेपी के नेताओं के बीच तीखी नोंकझोंक हुई। और आखिरकार सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित हो गई। अब इस बात की जांच हो रही है कि आखिर सदन में मिले पांच सौ के नोट असली हैं या नकली, अगर असली हैं, तो नोटों की ये गड्डी किसकी है, अगर ये नोट सदन में गलती से छूटे, तो कोई इसे क्लेम करने क्यों नहीं आया। सभापति जगदीप धनखड़ ने अब इन सारे सवालों के जबाव खोजने के लिए जांच बैठा दी है, लेकिन जब उन्होंने इसकी जानकारी सदन को दी, कांग्रेस के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया।

जब सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा……

कांग्रेस को सभापति की बात बुरी लगी। हुआ यूं कि सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि पांच सौ के नोटों का बंडल सीट नंबर 222 पर मिला है और ये सीट कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी के नाम पर आवंटित है। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने इस बयान पर आपत्ति जताई। कहा कि अगर सभापति ने जांच के आदेश दे दिए हैं तो फिर जांच पूरी होने से पहले किसी सदस्य का नाम लेने की क्या जरूरत है। अभिषेक मनु सिंघवी का नाम क्यों लिया। संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजीजू ने कहा कि सभापति ने सिर्फ उस सीट के बारे में बात की है जिस पर नोटों का बंडल मिला है, इसमें गलत क्या है, इस पर इतनी हायतौबा क्यों मचाई जा रही है।

संसद में नोटों की गड्डी मिलना गंभीर मामला – जे पी नड्डा

सदन के नेता जे पी नड्डा ने कहा कि सदन में नोटों की गड्डी मिलना बेहद गंभीर मामला है। इसको हल्के में नहीं लिया जा सकता, इसलिए इसकी जांच तो होनी ही चाहिए लेकिन विपक्ष जिस तरह से सदन में हंगामा कर रहा है, उससे शक पैदा होता है। कांग्रेस के तर्क को केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने पकड़ लिया। पीयूष गोयल ने कहा कि अगर कांग्रेस तैयार हो तो ये नियम बना दिया जाए कि अगर किसी मामले में जांच चल रही है तो उस मामले में किसी का नाम नहीं लिया जा सकता। पीयूष गोयल ने कहा कि कांग्रेस के नेता तो विदेशी अखवारों में छपी खबरों को उठाकर रोज सदन में हंगामा करते हैं,क्या वो सब ठीक है।

नोटों का बंडल उनका नहीं – अभिषेक मनु सिंघवी

केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि अडानी के मामले में भी जांच चल रही है, फिर भी कांग्रेस दिन रात अडानी के नाम की माला जपती है। अगर जांच से पहले सिंघवी का नाम लेना गलत है तो जांच पूरी होने से पहले अडानी का नाम लेना ठीक कैसे हो सकता है। कांग्रेस का सवाल जायज़ है, जबतक जांच नहीं होती, किसी का नाम कैसे लिया जा सकता है। अभिषेक मनु सिंघवी कह रहे हैं कि नोटों का बंडल उनका नहीं है तो फिर उनका नाम क्यों लिया गया। जांच पूरी होने का इंतजार क्यों नहीं किया गया।

संसद में जब जवाब जवाब देना हुआ मुश्किल

जब कांग्रेस नेताओ की ये बात बीजेपी के नेताओं को बहुत पसंद आई। उन्होंने पूछा कि अगर बिना जांच के नाम नहीं लिया जाना चाहिए तो फिर राहुल गांधी रोज रोज अडानी का नाम लेकर हंगामा क्यों करते हैं। दूसरी बात, अडानी भी कहते हैं कि उन पर लगे आरोप फर्जी हैं। तो उनके मामले में कांग्रेस जांच पूरी होने का इंतजार क्यों नहीं करती। कांग्रेस अपने जाल में फंस गई। जब पीयूष गोयल ने सुझाव दिया कि इस बात पर सहमति बनाई जाए।

जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, किसी का नाम नहीं लिया जाए, तो कांग्रेस के नेता इस बात के लिए तैयार नहीं थे। अब सवाल ये है कि क्या कांग्रेस के नेताओं के लिए नियम अलग होने चाहिए। क्या कांग्रेस को बिना जांच के किसी पर भी आरोप लगाने का लाइसेंस है। अब कांग्रेस के नेताओं के लिए इसका जवाब देना मुश्किल हो गया।

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अयोध्या सांसद को लेकर संसद में राहुल गांधी से खफा हुए अखिलेश

शीतकालीन सत्र के दौरान संसद में विपक्ष हंगामा करके भले ही माहौल गर्म करने की कोशिश में लगा है लेकिन विपक्ष के अंदर सब कुछ ठंडा नजर आ रहा है। लोकसभा में सीटिंग अरेंजमेंट को लेकर भी इंडिया ब्लॉक के अंदर खींचतान शुरू हो गई है। 18वीं लोकसभा की नई सिटिंग व्यवस्था के तहत अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद को दूसरी पंक्ति में सीट दी गई है जिससे समाजवादी पार्टी नाराज हो गई है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस ने सीटों में बदलाव को लेकर अखिलेश यादव को कोई जानकारी नहीं दी है जिससे वह काफी और उनती सांसद पत्नी डिंपल यादव काफी नाराज हैं।

कांग्रेस ने अयोध्या सांसद को पीछे क्यों भेजा ?

अखिलेश यादव की नाराजगी इस बात से है कि सिटिंग व्यवस्था में बदलाव करने से पहले उन्हें जरूर विश्वास में लिया जाना चाहिए था। इंडिया ब्लॉक में कांग्रेस प्रमुख विपक्षी दल है और उसे अपने सहयोगी दलों को सीटें आवंटित करनी होती है। कांग्रेस ने पहली पंक्ति में सपा सांसदों के बैठने की संख्या दो को घटा दिया है। कांग्रेस ने अगली पंक्ति में अब एक सीट कर दी है, यानी अखिलेश यादव ही अगली पंक्ति में बैठेंगे। इसी बात को लेकर अखिलेश यादव नाराज हो गए हैं।

डिंपल यादव ने स्पीकर के सामने उठाया मामला

उधर, डिंपल यादव ने इस मामले को स्पीकर के सामने उठाया और उन्होंने स्पीकर से आगे की पंक्ति में एक और सीट देने के लिए अनुरोध किया। डिंपल यादव ने कहा कि हमें पूरा भरोसा है कि वो हमारी बात सुनेंगे। अवधेश अब तक पहली पंक्ति में नेता विपक्ष राहुल गांधी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बगल में बैठते थे। अब वह अखिलेश के पीछे वाली पंक्ति में बैठे दिखाई देते हैं।

पहली में राहुल, अखिलेश वही चौथी कतार में प्रियंका

वहीं, आपको बता दें कि विपक्ष की ओर से प्रियंका गांधी के सदन में आने के बाद उनको चौथी कतार में 517 नंबर की सीट दी गई है। विपक्ष की ओर से पहली कतार में पहली सीट पर विपक्ष के नेता राहुल गांधी बैठेंगे। उनकी सीट का नंबर 498 है। उनके साथ सपा के मुखिया अखिलेश यादव बैठेंगे। उनकी सीट का नंबर 355 है। फैजाबाद-अयोध्या से सपा सांसद अवधेश प्रसाद अब दूसरी कतार में बैठेंगे। वह डिंपल यादव के साथ सीट नंबर 357 पर बैठेंगे।

कांग्रेस का प्रदर्शन, अखिलेश ने बनाई दूरी

6 महीने पहले जो विपक्ष एकजुट दिख रहा था, वो अब बिखरा नजर आ रहा है इसकी बड़ी वजह मुद्दों पर मतभेद भी है। इंडिया ब्लॉक संसद में मुद्दों पर एक नजर नहीं आ रहा है। कांग्रेस जहां अडाणी के मुद्दे पर बहस की मांग कर रहा है वहीं समाजवादी पार्टी संभल मुद्दे पर चर्चा चाहती है। इसकी झलक 5 दिसंबर को संसद भवन के बाहर भी दिखी जहां कांग्रेस के प्रदर्शन में समाजवादी पार्टी के सांसद शामिल नहीं हुए। इससे पहले संभल मुद्दे पर भी दोनों की दूरियां सामने आ चुकी हैं।

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राज कपूर की विरासत का मनाइए जश्न, देखिए उनकी कुछ टाइमलेस क्लासिक्स

लेजेंड्री राज कपूर की 100वीं जयंती मौके पर ‘राज कपूर 100 – सेलिब्रेटिंग द सेंटेनरी ऑफ द ग्रेटेस्ट शोमैन’ नाम से आरके फिल्म्स, फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन, एनएफडीसी, एनएफएआई एंड सिनेमाज साथ मिलकर एक उत्सव का आयोजन करने जा रहे है। यह तीन दिवसीय उत्सव 13 दिसंबर को शुरू होगा और 15 दिसंबर तक जारी रहेगा। इसके अंतर्गत 40 शहरों और 135 सिनेमाघरों में राज कपूर की 10 फिल्में प्रदर्शित की जाएंगी।

स्क्रीनिंग पीवीआर-इनॉक्स और सिनेपोलिस सिनेमाघरों में होगी। ताकि दर्शकों को यह सुनिश्चित हो सके कि देश भर में अत्याधुनिक स्थानों पर इस ट्रिब्यूट का अनुभव कर सकते हैं। खास बात यह है कि हर सिनेमा घर में टिकट की कीमत मात्र ₹100 रखी गई है, ताकि हर कोई इस जादुई सफर का हिस्सा बन सके।

“द ग्रेटेस्ट शोमैन” के नाम से मशहूर राज कपूर

राज कपूर (1924–1988) भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े फिल्म निर्माताओं में से एक माने जाते हैं, जिन्होंने विश्व सिनेमा पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है। “द ग्रेटेस्ट शोमैन” के नाम से मशहूर राज कपूर ने फिल्म निर्माण, अभिनय और निर्देशन में ऐसा अद्भुत काम किया, जो आज भी प्रेरणा देता है। अपने पिता पृथ्वीराज कपूर के कदमों पर चलते हुए राज कपूर ने अपनी अलग पहचान बनाई। उन्होंने इंकलाब (1935) में एक बाल कलाकार के रूप में काम किया। इसके बाद 1948 में उन्होंने आर.के. फिल्म्स स्टूडियो की स्थापना की और कई ऐतिहासिक फिल्में बनाई।

जब राज कपूर को मिला क्रिस्टल ग्लोब

उनकी फिल्मों में आज़ादी के बाद के भारत के आम आदमी के सपने, गांव और शहर के बीच का संघर्ष और भावनात्मक कहानियां जीवंत हो उठती थीं। आवारा (1951), श्री 420 (1955), संगम (1964) और मेरा नाम जोकर (1970) जैसी फिल्में आज भी सिनेमा प्रेमियों के दिलों में बसी हुई हैं। उनका प्रसिद्ध किरदार, चार्ली चैपलिन से प्रेरित एक ‘आवारा’, दुनिया भर में लोकप्रिय हुआ, खासकर सोवियत संघ में बहुत ज्यादा इसको सराहा गया।

राज कपूर को पद्म भूषण (1971), दादासाहेब फाल्के पुरस्कार (1988) और कई फिल्मफेयर पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। आवारा और बूट पॉलिश जैसी उनकी फिल्में कांस फिल्म फेस्टिवल में भी शामिल हुईं, और जागते रहो ने कार्लोवी वैरी इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में क्रिस्टल ग्लोब जीता।

हमारा छोटा सा ट्रिब्यूट – रणधीर कपूर

अभिनेता और फिल्म निर्माता रणधीर कपूर का मानना है कि , “राज कपूर सिर्फ एक फिल्म निर्माता नहीं थे, वे एक दूरदर्शी थे, जिन्होंने भारतीय सिनेमा की भावनात्मक परंपरा को आकार दिया। उनकी कहानियां केवल फिल्में नहीं, बल्कि भावनात्मक यात्राएं हैं जो पीढ़ियों को जोड़ती हैं। यह उत्सव उनकी दृष्टि को हमारा छोटा सा ट्रिब्यूट है।”

टाइमलेस कहानियाँ प्रेरणा देती है – रणबीर कपूर

रणबीर कपूर, अभिनेता , “हमें बहुत गर्व है कि हम राज कपूर परिवार के सदस्य हैं । हमारी पीढ़ी एक ऐसे दिग्गज के कंधों पर खड़ी है, जिनकी फिल्मों ने अपने समय की भावनाओ को दर्शाया और दशकों तक आम आदमी को आवाज दी। उनकी टाइमलेस कहानियाँ प्रेरणा देती रहती हैं, और यह फेस्टिवल उस जादू का सम्मान करने और सभी को बड़े पर्दे पर उनकी विरासत का अनुभव करने के लिए आमंत्रित करने का हमारा एक तरीका है।

इस उत्सव में राज कपूर की सबसे प्रसिद्ध फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा, जिनमें शामिल हैं:

>> आग (1948)

>> बरसात (1949)

>> आवारा (1951)

>> श्री 420 (1955)

>> जागते रहो (1956)

>> जिस देश में गंगा बहती है (1960)

>> संगम (1964)

>> मेरा नाम जोकर (1970)

>> बॉबी (1973)

>> राम तेरी गंगा मैली (1985)

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यूपी पुलिस ने राहुल के काफिले को रोका वही संभल घटना में पाकिस्तान की एंट्री

संभल में हिंसा के बाद से पुलिस प्रशासन स्थिति सामान्य करने में लगा है तो इस पर सियासी पारा भी गर्म होता जा रहा है। आज लोकसभा से विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने संभल के दौरे पर जाने की तैयारी में हैं। राहुल को रोकने के लिए यूपी पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर पर पूरी तैयारी करके रखी है। सुबह से ही बैरिकेडिंग की जा चुकी है। कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता गाजीपुर बॉर्डर पहुंचकर नारेबाजी कर रहे हैं। संभल प्रशासन ने भी उन्हें रोकने के लिए इंतजाम किए हैं। दरअसल, संभल प्रशासन ने 10 दिसंबर तक किसी भी राजनीतिक पार्टी के आने पर पाबंदी लगाई हुई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ऐलान के बाद उन्हें संभल जाने की इजाजत नहीं मिली है क्योंकि जिले में धारा 163 लागू है जिस वजह से राहुल के दौरे पर रोक लगाई गई है।

मस्जिद की जगह पर मंदिर का है दावा

बता दें कि संभल की एक कोर्ट के आदेश पर 24 नवंबर को मुगलकालीन मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क गई थी। इस घटना में 4 लोगों की मौत हो गई थी जबकि कई अन्य घायल हुए थे। कोर्ट में दायर वाद में दावा किया गया है कि मस्जिद की जगह कभी हरिहर मंदिर हुआ करता था। राहुल के संभल दौरे के बारे में पूछे जाने पर जिले के एसपी कृष्ण कुमार ने कहा, ‘संभल में पहले से ही BNSS की धारा 163 लागू है। किसी को भी संभल आने की इजाजत नहीं है। यदि वह आते हैं तो उन्हें नोटिस दिया जाएगा।

सरकार अपनी कमियां छिपाना चाहती है- कांग्रेस

प्रशासन लगातार अपील कर रहा है कि कोई भी राजनीतिक दल यहां न आए। हालांकि कांग्रेस का कहना है कि सरकार अपनी कमियां छिपाना चाहती है इसलिए इजाजत नहीं दी जा रही लेकिन हम संभल जाकर रहेंगे। वहीं, बीजेपी का कहना है कि संभल में प्रशासन ने पूरी तत्परता के साथ काम किया है। वहां की स्थिति सामान्य है लेकिन विपक्षी पार्टियां स्थिति को लगातार बिगाड़ने की कोशिश में लगी हैं।

संभल हिंसा का पाकिस्तान कनेक्शन

एक ओर संभल हिंसा पर जहां सियासत जारी है तो दूसरी ओर संभल हिंसा का पाकिस्तान और अमेरिका कनेक्शन सामने आया है। दरअसल मंगलवार को घटनास्थल पर गई फोरेंसिक टीम को सर्च ऑपरेशन के दौरान नालियों से पाकिस्तानी खोखे मिले। जानकारी के मुताबिक ये खोखे पाकिस्तान ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में बने हैं। इसके अलावा मेड इन USA का भी कारतूस बरामद किया गया है जिसके बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या ये सब प्री प्लान था और इस दंगे के पीछे पाकिस्तान का हाथ है। फिलहाल पुलिस जांच में जुटी हुई है।

DM ने राहुल को संभल ना आने को कहा

इससे पहले राहुल के दौरे को लेकर संभल के DM राजेंद्र पेंसिया ने गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, गाजियाबाद और अमरोहा के पुलिस अधिकारियों को लेटर लिखा जिसमें राहुल गांधी को जिले की सीमाओं में ही रोकने का निर्देश जारी करने की मांग की गई है। पुलिस प्रशासन ने ये साफ किया है कि राहुल गांधी को संभल जाने की परमिशन नहीं दी जा सकती है क्योंकि संभल में जिला मजिस्ट्रेट ने जो प्रतिबंध लगाए हैं, वो अब भी प्रभावी हैं जिसे देखते हुए राहुल गांधी को रोकने के लिए सभी कानूनी उपाय किए जाएंगे।

अखिलेश ने संसद में उठाया संभल का मुद्दा

दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी ने मंगलवार को संसद में संभल का मुद्दा उठाया। अखिलेश यादव ने संभल में हिसा के लिए बीजेपी को जिम्मेदार बताया। अखिलेश ने कहा कि संभल की हिंसा बीजेपी की साज़िश का नतीजा थी जिसपर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि अखिलेश यादव अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।

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आखिर क्यों दिल्ली नहीं आना चाहते नितिन गडकरी ? किया बड़ा खुलासा

दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से प्रदूषण के बढ़ते स्तर से परेशान केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक बड़ा बयान दिया है। बीजेपी के कद्दावर नेता गडकरी ने मंगलवार को माना कि उन्हें दिल्ली आने का मन नहीं करता, क्योंकि यहां उन्हें अक्सर संक्रमण हो जाता है। देश की राजधानी में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नागपुर से सांसद गडकरी ने कहा कि दिल्ली शहर ऐसा है कि ‘मुझे यहां रहना पसंद नहीं है। यहां प्रदूषण के कारण मुझे संक्रमण हो जाता है।

नितिन गडकरी ने और क्या कहा

अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए गडकरी ने कहा कि भारत 22 लाख करोड़ रुपये के फॉसिल फ्यूल का आयात करता है, जो अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और पारिस्थितिकी के दृष्टिकोण से चुनौतीपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘हम वैकल्पिक ईंधन को बढ़ावा देकर जीवाश्म ईंधन के आयात को कम कर सकते हैं। वही अपने बेबाक बयानों के लिए मशहूर गडकरी ने कहा कि भारत के सामने सबसे बड़ी समस्या गरीबी, भुखमरी और बेरोजगारी है, इसलिए आने वाले वक्त में सरकार को आर्थिक और सामाजिक समानता हासिल करना सुनिश्चित करना होगा।

दिल्ली में आते हुए ऐसा लगता है कि…

गडकरी ने कहा कि जब भी उन्हें दिल्ली आना होता है वह असमंजस की स्थिति में होते हैं। उन्होंने कहा, ‘हर बार दिल्ली में आते हुए ऐसा लगता है कि जाना चाहिए कि नहीं। इतना भयंकर प्रदूषण है।’ गडकरी ने सुझाव दिया कि प्रदूषण को कम करने का सबसे अच्छा तरीका जीवाश्म ईंधन यानी कि पेट्रोल और डीजल की खपत को कम करना है। मंगलवार को दिल्ली के निवासियों ने हवा की क्वॉलिटी में थोड़ा सुधार देखा लेकिन फिर भी यह काफी प्रदूषित थी। सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी कि AQI 274 पर था, हालांकि यह पिछले कुछ दिनों के मुकाबले बेहतर स्थिति में है।

दिल्ली वालो को मिली थोड़ी राहत

वही दिल्ली वासियों के लिए दिसंबर की शुरुआत नवंबर की तुलना में थोड़ी राहत देने वाली रही है क्योंकि पिछले महीने AQI अक्सर 400 के पार ही नजर आया था। इस तरह देखा जाए तो नवंबर में महीने के ज्यादातर दिनों में हवा में प्रदूषण का स्तर काफी अधिक था। प्रदूषण की वजह से हालात इतने खराब हो गए थे कि स्कूलों तक को बंद करने की नौबत आ गई थी। इसके अलावा सरकार ने दफ्तरों में भी कर्मचारियों की संख्या को सीमित कर दिया था।

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ताजमहल को बम से उड़ाने की मिली धमकी, मच गया हड़कंप

यूपी के आगरा से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है। आगरा के ताजमहल को आज ईमेल के जरिए बम से उड़ाने की धमकी मिली है। एसीपी ताज सुरक्षा सैयद अरीब अहमद का कहना है कि पर्यटन विभाग को ईमेल मिला है। उसके आधार पर ताजगंज थाने में मामला दर्ज किया जा रहा है। आगे की जांच की जा रही है।

गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से स्कूल, ट्रेनों, होटलों और फ्लाइट्स को बम से उड़ाने की धमकी के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। हालांकि इसमें से ज्यादातर धमकियां फर्जी पाई गई हैं। लेकिन ताजमहल विश्व प्रसिद्ध धरोहर है और उसे धमकी देने के मामले को बहुत गंभीरता से लिया जा रहा है।

ताजमहल के भीतर और बाहर हुई सघन जांच

धमकी के बाद ताजमहल के भीतर और बाहर के इलाकों में सघन जांच अभियान चलाया जा रहा है। ताजमहल के भीतर सीआईएसएफ की टीम ने जांच की है और आसपास के इलाकों को खंगाला जा रहा है। हालांकि खबर लिखे जाने तक किसी तरह की संदिग्ध वस्तु बरामद नहीं हुई है। मिली जानकारी के मुताबिक, धमकी वाले ईमेल में बम के फटने का समय भी दिया गया था। इसमें कहा गया था कि ताजमहल में बम लगा है। यह बम सुबह 9 बजे फटेगा। इस ईमेल के मिलते ही सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गई थीं और मामले की जांच में लग गई थीं।

ताजमहल के पास सुरक्षा एजेन्सिया तैनात

मामले की गंभीरता को देखते हुए ताजमहल के पास सुरक्षा एजेंसियों को तैनात किया गया है और मेल करने वाले शख्स की पहचान की जा रही है। बम निरोधक दस्ता सहित अन्य टीमों ने ताजमहल पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। इस मामले के सामने आने के बाद ये सवाल उठने लगा है कि आखिर ये बम की धमकियों का सिलसिला कब खत्म होगा? पर्यटकों में भी इस खबर के बाद से डर का माहौल है।

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इन म्यूचुअल फंड स्कीम्स ने 5 साल में दिया छप्पर फाड़ रिटर्न

एसआईपी को म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने का सबसे अच्छा जरिया माना जाता है। हालांकि, आप एकमुश्त निवेश के जरिए भी म्यूचुअल फंड्स से मोटा पैसा बना सकते हैं। एम्फॆ के आंकड़ों के मुताबिक, कई इक्विटी म्यूचुअल फंड्स ने निवेशकों के पैसों को कुछ सालों में ही कई गुना बढ़ा दिया है। यहां हम 5 ऐसे म्यूचुअल फंड स्कीम्स के बारे में जानेंगे .जिन्होंने पिछले 5 साल में निवेशकों के एकमुश्त निवेश को सीधे 4 गुना बढ़ा दिया है और ये सभी स्मॉल कैप फंड्स हैं। इनमें एक फंड ऐसा भी है, जिसने 5 साल में एकमुश्त निवेश को 6.7 गुना बढ़ा दिया है।

एडलवाइस स्मॉल कैप फंड

एडलवाइस स्मॉल कैप फंड ने पिछले 5 साल में 32.05 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। इस स्कीम में 5 साल पहले निवेश किए गए पैसे 4.19 गुना बढ़ चुके हैं। यदि इस स्कीम में 5 साल में पहले 10 लाख रुपये का एकमुश्त निवेश किया जाता तो आज वो पैसा बढ़कर 41.9 लाख रुपये हो जाता।

केनरा रोबेको स्मॉल कैप फंड

केनरा रोबेको स्मॉल कैप फंड ने पिछले 5 साल में 36.07 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। इस स्कीम में 5 साल पहले निवेश किए गए पैसे 4.35 गुना बढ़ चुके हैं। यदि इस स्कीम में 5 साल में पहले 10 लाख रुपये का एकमुश्त निवेश किया जाता तो आज वो पैसा बढ़कर 43.5 लाख रुपये हो जाता।

निप्पॉन इंडिया स्मॉल कैप फंड

निप्पॉन इंडिया स्मॉल कैप फंड ने पिछले 5 साल में 37.03 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। इस स्कीम में 5 साल पहले निवेश किए गए पैसे 4.66 गुना बढ़ चुके हैं। यदि इस स्कीम में 5 साल में पहले 10 लाख रुपये का एकमुश्त निवेश किया जाता तो आज वो पैसा बढ़कर 46.6 लाख रुपये हो जाता।

बैंक ऑफ इंडिया स्मॉल कैप फंड

बैंक ऑफ इंडिया स्मॉल कैप फंड ने पिछले 5 साल में 39.62 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। इस स्कीम में 5 साल पहले निवेश किए गए पैसे 4.9 गुना बढ़ चुके हैं। यदि इस स्कीम में 5 साल में पहले 10 लाख रुपये का एकमुश्त निवेश किया जाता तो आज वो पैसा बढ़कर 49 लाख रुपये हो जाता।

क्वांट स्मॉल कैप फंड

क्वांट स्मॉल कैप फंड ने पिछले 5 साल में 48.01 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। इस स्कीम में 5 साल पहले निवेश किए गए पैसे 6.7 गुना बढ़ चुके हैं। यदि इस स्कीम में 5 साल में पहले 10 लाख रुपये का एकमुश्त निवेश किया जाता तो आज वो पैसा बढ़कर 67 लाख रुपये हो जाता।

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यू-ट्यूब से सीखा तंत्र-मंत्र और मासूम बच्ची की चढ़ा दी बलि

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में अंधविश्वास की वजह से एक मासूम बच्ची की हत्या का मामला सामने आया है। यहां मां की ममता ने दूसरे मां की कोख सूनी कर दी। हत्या की इस के बाद इलाके में हड़कंप मत गया। पूरा मामला कुछ दिन पहले देवरिया के भटनी थाना क्षेत्र के डेहरा डाबर का बताया जा रहा है कि यहां हाल ही में एक बच्ची का शव बरामद हुआ था, जिसकी हत्या की गई थी। पुलिस ने इस हत्याकांड का खुलासा कर दिया है। हत्या की वजह तंत्र-मंत्र और अंधविश्वास बताया जा रहा है। इतना ही नहीं हत्या की घटना को अंजाम देने वाली महिला मृतक मासूम की रिश्तेदार ही निकली।

27 नवंबर को हुई थी मासूम की हत्या

दरअसल, देवरिया पुलिस ने आज जिस हत्याकांड का खुलासा किया है, ये घटना 27 नवम्बर की बताई जा रही है। भटनी में 27 नवंबर को एक मासूम बच्ची की हत्या की गई थी। बेरहमी से हत्या करने के बाद बच्ची को एक पेड़ के पास फेंक दिया गया था। इस हत्या की गुत्थी इंतनी पेंचीदा थी कि पुलिस को घटना का खुलासा करने में चार दिन लग गए। पुलिस जिस हत्यारे को घर से बाहर खोज रही थी, वह अपराधी मृतका की ही रिश्तेदार निकली। हालांकि जब पुलिस ने शक के आधार पर पूछताछ शुरू की तो हत्या का खुलासा हो सका।

यूट्यूब से सीखा तंत्र-मंत्र

बताया जा रहा है कि आरोपी अवधेश और उसकी पत्नी सविता अपने मामा के यहां शादी में गए थे, जहां उन्होंने घटना को अंजाम दिया। अवधेश की पत्नी सविता के सपने में देवी मां आई थी, जिससे उसे आभास हुआ कि अगर वह किसी कुंवारी बच्ची की बली देती है तो उसका जो विक्षिप्त बालक है, वह ठीक हो जाएगा। सपने में देवी मां को देखने के बाद सविता ने यूट्यूब से तंत्र-मंत्र सिखा और उसके बाद पूरी घटना को अंजाम दिया। उसने मासूम बच्ची की बलि चढ़ा दी और उसके बाद शव को फेंक दिया।

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योगी सरकार ने घोषित किया एक नया जिला, यूपी में अब 75 नहीं होंगे 76 जिले

उत्तर प्रदेश में अब तक आप पढ़ते आ रहे थे कि प्रदेश में कुल 75 जिले हैं, अगर अब आप अपडेट नहीं हुए तो गलत हो जाएंगे क्योंकि योगी सरकार ने प्रदेश में एक नया जिला बना दिया है। यह जिला अब तक प्रयागराज जिले में आता था।उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में एक नया जिला घोषित कर सभी को चौंका दिया है। यह जिला अभी तक प्रयागराज क्षेत्र में आता था, लेकिन अब इसे प्रयागराज से अलग कर एक नया नाम दे दिया गया है। इस जिले का नाम है महाकुंभ मेला। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने एक मीटिंग कर अधिकारियों को आदेश दिए। जिसके बाद प्रयागराज के जिलाधिकारी ने इसके लिए एक नोटिफिकेशन जारी कर लोगों को सूचना दी। हालांकि यह जिला अस्थायी जिला है।

बीते दिन लिया गया फैसला

यह फैसला बीते दिन रविवार को लिया गया है। प्रयागराज डीएम ने इस निर्णय के तहत नए महाकुंभ मेला जिले का गठन किया है। जानकारी दे दें कि यह फैसला आगामी कुंभ मेले के प्रबंधन और प्रशासन को सुव्यवस्थित करने के लिए लिया गया, ताकि जनवरी 2025 में होने वाले भव्य धार्मिक आयोजन के सुचारू संचालन को सुनिश्चित किया जा सके। डीएम के जारी आदेश के मुताबिक, नवगठित जिला महाकुंभ मेला के नाम से जाना जाएगा। कुंभ मेले के विशेष आयोजन को सुचारू रूप से मैनेज करने और प्रशासनिक कार्यों को बेहतर तरीके से संचालित करने के लिए यह कदम उठाया गया है।

जिलाधिकारी ने इसके लिए एक नोटिफिकेशन जारी कर लोगों को सूचना दी
जिलाधिकारी ने इसके लिए एक नोटिफिकेशन जारी कर लोगों को सूचना दी
जिलाधिकारी ने इसके लिए एक नोटिफिकेशन जारी कर लोगों को सूचना दी
जिलाधिकारी ने इसके लिए एक नोटिफिकेशन जारी कर लोगों को सूचना दी

नए ज़िले के लिए आदेश किया गया जारी

सरकारी आदेश में कहा गया, “मैं, रविन्द्र कुमार मांदड़, जिला मजिस्ट्रेट, शासन के पत्र संख्या-3966/9-1-2024-408057 दिनांक 25.11.2024 में दिए गए निर्देशों के अनुक्रम में उत्तर प्रदेश प्रयागराज मेला प्राधिकरण, प्रयागराज अधिनियम, 2017 की धारा 2(ध) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए महाकुंभ 2025 के आयोजन हेतु महाकुंभ मेला जिला घोषित करने हेतु अधिसूचना जारी करता हूं। महाकुंभ मेला जिले की सीमा निम्नानुसार होगी। अनुलग्नक-I में वर्णित राजस्व गांवों और संपूर्ण परेड क्षेत्र का क्षेत्रफल महाकुंभ मेला जिला/मेला क्षेत्र में शामिल होगा।

नया जिला महाकुंभ मेला

आदेश में आगे कहा गया है कि, “महाकुंभ मेला जनपद/मेला क्षेत्र में मेलाधिकारी, कुंभ मेला, प्रयागराज को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा-14(1) एवं अन्य सुसंगत धाराओं के अधीन कार्यपालक मजिस्ट्रेट, जिला मजिस्ट्रेट एवं अपर जिला मजिस्ट्रेट की शक्तियां प्राप्त होंगी तथा उक्त संहिता या वर्तमान में प्रवृत्त किसी अन्य विधि के अधीन जिला मजिस्ट्रेट की समस्त शक्तियां प्राप्त होंगी तथा उक्त जनपद में अपर कलेक्टर की नियुक्ति कर उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता, 2006 (यथा संशोधित उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता (संशोधन) अधिनियम, 2016 (उ.प्र. अधिनियम संख्या 4, 2016)) की धारा-12 एवं अन्य सुसंगत धाराओं के अधीन सभी श्रेणी के मामलों में कलेक्टर की समस्त शक्तियों का प्रयोग करने तथा कलेक्टर के समस्त कार्यों का संपादन करने का अधिकार होगा। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा।

गौरतलब है कि हर 12 साल में एक बार आयोजित होने वाला आगामी महाकुंभ प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी 2025 को समाप्त होगा।

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किसानों की होगी मुख्य सचिव से मीटिंग, नहीं जायेगे दिल्ली

नोएडा से हजारों की संख्या में किसानों का दिल्ली कूच शुरू हो गया है। किसानों के दिल्ली कूच की वजह से नोएडा के कई इलाकों में भारी जाम लगा हुआ है। एक्सप्रेस पर कई किलोमीटर लंबा जाम लगा है। किसानों का मार्च आज दोपहर महामाया फ्लाईओवर के पास से शुरू हुआ है। पैदल और ट्रैक्टरों पर बैठकर किसानों का विशाल समूह आज दिल्ली की ओर बढ़ रहा है। दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर पुलिस ने बैरिकेडिंग की थी ताकि किसानों को दिल्ली जाने रोका जा सके।

वहीं दलित प्रेरणा स्थल पर किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़ दी है। दरअसल, किसानों ने आज संसद भवन के घेराव का ऐलान किया है, इसलिए आज वो टैक्ट्रर से दिल्ली मार्च करना चाहते हैं। किसानों के मार्च को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने बॉर्डर पर बैरियर लगाए हैं और साथ ही कई रूट को डायवर्ट भी किया है।

दिल्ली पुलिस की तैयारियों पर डीसीपी का बयान

किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च से पहले दिल्ली पुलिस की तैयारियों पर पूर्वी दिल्ली डीसीपी अपूर्वा गुप्ता ने कहा, “हमें अग्रिम जानकारी मिली थी कि कुछ किसान संगठनों ने दिल्ली कूच का एलान किया है। अभी सदन भी चल रहा है तो फिलहाल उन्हें नई दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई है। हमने अपनी ओर से पुख्ता इंतजाम किए हैं हमारी कोशिश रहेगी की दिल्ली में कानून व्यवस्था बाधित ना हो, ट्रैफिक की समस्या ना आए और आम जनता को भी किसी प्रकार की परेशानी ना आए। हम लगातार नोएडा पुलिस के संपर्क में हैं और जानकारी साझा कर रहे हैं।

 

किसानों ने अम्बेडकर पार्क के सामने बैरिकेडिंग तोड़ी

प्रदर्शनकारी किसानों ने अम्बेडकर पार्क के सामने पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़ दी है। दिल्ली कूच के लिए आमादा किसान कंटेनर और बैरीकेड की लेयर तोड़कर आगे आ गए हैं और बीच सड़क पर बैठ गए हैं। इससे पहले किसानों ने महामाया पर भी पुलिस की बैरिकेडिंग को तोड़ दिया। किसानों के इस आंदोलन के चलते नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे पूरा तरह से बंद हो गया है। फ्लाईओवर के नीचे पूरा एक्सप्रेस वे बंद हो गया है। जिससे काफी लंबा जाम लग गया है।

अब किसानों का दिल्ली नहीं जाने का ऐलान

किसान नेताओं का कहना है अधिकारियों से बात हुई है। इस हफ्ते मुख्य सचिव से मीटिंग कराएंगे, फिलहाल दिल्ली नहीं जाएंगे। सांकेतिक प्रदर्शन अंबेडकर पार्क के अंदर रहेगा। सड़क खोल रहे हैं। किसान नेताओं को जिला प्रशासन और नोएडा प्राधिकरण और यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि उनकी मांगे यूपी के मुख्य सचिव तक पहुंचाई जा रही हैं। लेकिन तब तक किसान सड़क से हटकर दलित प्रेरणा स्थल पर चले जाएं। किसान नेताओं ने ये बात मान ली हैं और दलित प्रेरणा स्थल के अंदर चले गए हैं। किसान नेता किसानों से भी अपील कर रहें हैं कि वो भी सड़क से हटकर दलित प्रेरणा स्थल के अंदर चले आएं जिससे ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे ट्रैफिक सुचारू रूप से शुरू हो जाए।

चिल्ला बॉर्डर और डीएनडी पर भारी जाम

जो दिल्ली से नोएडा या नोएडा से दिल्ली रोजाना दफ्तर के लिए जाते हैं उन्हें आज परेशानी होगी क्योंकि कालिंदी कुंज से सेक्टर 18 जाने वाले रास्ते पर जाम है। साथ ही नोएडा महामाया फ्लाइओवर से लेकर चिल्ला बॉर्डर और डीएनडी पर भी जाम है ऐसे में लोगों से मेट्रो का इस्तेमाल करने की सलाह दी जा रही है।

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बादशाह का नवीनतम ट्रैक ‘मोरनी’ महान अभिनेत्री श्रीदेवी को ट्रिब्यूट

बादशाह के हाल ही में रिलीज़ हुए ट्रैक मोरनी ने इंटरनेट पर धूम मचा दी है। रिलीज होने के बाद से, इस गाने ने श्रोताओं थिरकने और झूमने पर मजबूर कर दिया है। मोरनी ने श्रीदेवी की क्लासिक फिल्म लम्हे की प्रतिष्ठित धुन मोरनी बागा मा बोले को पिरोया है। मूल ट्रैक में लता मंगेशकर और इला अरुण की प्रसिद्ध आवाज़ें थीं। हाल ही में, बादशाह ने गाने के बारे में जानकारी साझा की और खुलासा किया कि उन्होंने इस विशेष क्लासिक को क्यों चुना, जो तेजी से सीज़न का पार्टी एंथम बन रहा है।

बादशाह की पसंदीदा फिल्मों में से एक

हाल ही में एक इवेंट में, रैपर-गायक ने खुलासा किया कि लम्हे उनकी “अब तक की सबसे पसंदीदा फिल्मों” में से एक है। राजस्थान में पैतृक जड़ों के साथ, बादशाह का लोक संगीत के प्रति प्रेम मोरनी में चमकता है। उन्होंने व्यक्त किया कि लम्हे दर्शकों के दिलों में एक विशेष स्थान रखता है और बताया कि कैसे मोरनी बागा मा बोले गाना सभी के दिलों में गहराई से समा जाता है। उन्होंने ट्रैक को फिल्माने को एक “प्यारा अनुभव” बताया और बताया कि राजस्थान के लोगों ने उनका कितनी गर्मजोशी से स्वागत किया।

बादशाह का नवीनतम ट्रैक 'मोरनी'
बादशाह का नवीनतम ट्रैक ‘मोरनी’

बादशाह का ट्रैक मोर्नी बना सनसनी

सोशल मीडिया पर, मोर्नी एक वायरल सनसनी बन गई है, जो प्रशंसकों को रील और डांस वीडियो बनाने के लिए प्रेरित कर रही है। बादशाह का टिप्पणी अनुभाग उनकी विशिष्ट शैली को कालातीत क्लासिक के साथ मिश्रित करने के लिए सराहना से भरा हुआ है। यह ट्रैक, बादशाह, पॉप गायिका शारवी यादव और निर्माता हितेन के सहयोग से बनाया गया है, जो लोक संगीत और देसी स्वैग का एक आदर्श मिश्रण पेश करता है, जो श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देता है। सारेगामा के तहत निर्मित, मोर्नी को पहले ही 34 मिलियन से अधिक बार देखा जा चुका है और लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है।

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कांग्रेस अकेले लड़ेगी विधानसभा चुनाव, आप के साथ नहीं होगा गठबंधन

दिल्ली में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने शुक्रवार को बड़ा ऐलान किया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने आधिकारिक तौर पर ऐलान किया कि दिल्ली में कांग्रेस सभी 70 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का आम आदमी पार्टी या किसी अन्य दल के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा।

मुख्यमंत्री का फैसला चुनाव बाद होगा

कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (आप) के साथ किसी भी गठबंधन से इनकार करते हुए आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने की घोषणा की। दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने कहा कि पार्टी आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में सभी 70 सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने साफ किया कि चुनाव में किसी भी पार्टी से गठबंधन नहीं होगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे में फैसला चुनाव के बाद कांग्रेस विधायक दल द्वारा किया जाएगा।

लोकसभा में कांग्रेस-आप के बीच था गठबंधन

बता दें कि इस साल हुए लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी दिल्ली में कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ी थी। लेकिन दोनों दल एक भी सीट जीतने में नाकाम रहे। लोकसभा चुनाव के बाद आम आदमी पार्टी के नेता कहने लगे थे कि उनकी पार्टी दिल्ली में अकेले विधानसभा चुनाव लड़ेगी। दिल्ली में कांग्रेस का एक भी विधायक नहीं है। पिछले चुनाव में आम आदमी पार्टी 70 में से 60 से ज्यादा सीटें जीती थी।

इस महीने की शुरुआत में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों की तुलना महाभारत के समान ‘धर्मयुद्ध’ से की थी। पूर्व सीएम ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि दिल्ली विधानसभा चुनाव एक ‘धर्मयुद्ध’ की तरह है। बीजेपी के पास कौरवों की तरह अपार धन और शक्ति है, लेकिन भगवान और लोग पांडवों की तरह हमारे साथ हैं।

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कम नहीं ज्यादा खाने से कम होगा वजन, वजन घटाने वाली महिला ने किया दावा

ये बात हम सभी जानते हैं कि डाइट में कैलोरी घटाने से वजन कम होता है। लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि आप कम खाना शुरू कर दें। आप लो कैलोरी फूड ज्यादा खाकर भी आसानी से वजन कम कर सकते हैं। हाल की में सोशल मीडिया इंस्टाग्राम पर एक महिला ने बताया कि कैसे उसने ज्यादा खाना खाकर भी अपना वजन 25 किलो कम कर लिया है। इसके लिए आपको डाइट में लो कैलोरी फूड्स को शामिल करने की जरूरत होगी। फिर आप इन्हें जितना चाहें उतना खाएं।

क्या अपना वजन कम करना चाहते हैं – ब्रिटनी मैकक्रिस्टल

महिला ने अपना एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है जिसमें वो अपने वजन घटाने के पहले और बाद के फोटो फैंस के साथ शेयर कर रही हैं। ब्रिटनी मैकक्रिस्टल ने वीडियो के साथ कैप्शन लिखा है, “अगर आप अपना वजन कम करना चाहते हैं, तो यह सबसे महत्वपूर्ण सुझावों में से एक है जिसने मुझे 25 किलो वजन कम करने में मदद की – आपको ज़्यादा खाना खाना शुरू करना होगा।

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वजन कभी नहीं बढ़ेगा

लो कैलोरी फूड को आप जितना चाहे उतना खाएं। आपका वजन कभी नहीं बढ़ेगा। लंबे समय में हेल्दी वेट मेंटेन करने के लिए इन फल, सब्जियों और दूसरी चीजों को डाइट में जरूर शामिल करें। इन चीजों का सेवन कर आप खुद को पतला बना सकते हैं। इससे वजन घटाने में आसानी होगी और शरीर को भरपूर पोषण भी मिलता रहेेगा।

खूब खाकर महिला ने घटाया 25 किलो वजन

उनका मानना है कि वजन घटाने के लिए कम खाना नहीं बल्कि कम कैलोरी वाला खाना खाने की जरूरत होती है। फिर आप चाहे जितना भी खाना खाएं। आप इस तरह के भोजन से कभी मोटे नहीं होंगे। इस डाइट से आप खुद को भूखा नहीं रखते और लंबे समय तक इसे बरकरार रखते हुए वजन कम कर सकते हैं।

वजन घटाने के लिए लो कैलोरी फूड

>> लो फैट वाला ग्रीक योगर्ट

>> अंडे का सफेद भाग

>> सब्ज़ियां

>> लीन मीट

>> पालक

>> तरबूज

>> शुगर-फ़्री जेली

>> पॉपकॉर्न

>> कॉटेज चीज़

लो कैलोरी सब्जियां

>> खीरा

>> लौकी

>> करेला

>> मेथी के पत्ते

>> पालक

>> पत्तागोभी

>> ब्रोकली

>> तोरी

>> गाजर

वजन घटाने वाले फल

>> पपीता

>> अमरूद

>> सेब

>> नाशपाती

>> स्ट्रॉबेरी और ब्लूबेरी

वजन घटाने वाले मसाले और जड़ी-बूटियां

>> करी पत्ता

>> धनिया पत्ता

>> अदरक

>> लहसुन

>> हल्दी

>> सब्जियान

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