Saturday, June 28, 2025
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कोचिंग सेंटर्स को लेकर राजस्थान कैबिनेट का बड़ा फैसला, नई नीति लागू

राजस्थान मंत्रिमंडल ने समूचे प्रदेश में कोचिंग सेंटर्स को विनियमित करने के लिए एक विधेयक को मंजूरी दे दी है। इसका मुख्य कोचिंग संस्थानों में पढ़ाई कर रहे छात्रों के अधिकारों की सुरक्षा और संरक्षण करना है। अधिकारियों के अनुसार, राजस्थान कोचिंग सेंटर्स (नियंत्रण और विनियमन) विधेयक-2025 केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों, राज्य की विशिष्ट आवश्यकताओं और विभिन्न हितधारकों के साथ चर्चा के बाद तैयार किया गया था। कैबिनेट बैठक के बाद डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि प्रस्तावित कानून के लागू होने के बाद से सभी कोचिंग सेंटर्स को कानूनी रूप से संचालित होने के लिए पंजीकरण कराना होगा। इसके अलावा 50 या उससे अधिक छात्रों वाले कोचिंग सेंटर कानूनी जांच के दायरे में आएंगे।

राज्य लेवल पोर्टल स्थापित किया जाएगा

कोचिंग सेंटरों के प्रबंधन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि एक राज्य स्तरीय पोर्टल स्थापित किया जाएगा, साथ ही 24×7 हेल्पलाइन भी स्थापित की जाएगी। सरकार अनुपालन को विनियमित करने के लिए राजस्थान कोचिंग संस्थान (नियंत्रण और विनियमन) प्राधिकरण भी स्थापित करेगी। मंत्रिमंडल ने राज्य की कौशल विकास नीति को भी मंजूरी दी, जिसका उद्देश्य औद्योगिक क्षेत्रों की मांगों को पूरा करने के लिए युवाओं को विशेष कौशल में प्रशिक्षित करना है। यह नीति राज्य के औद्योगिक विकास का समर्थन करेगी और युवाओं को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करेगी।

कोचिंग सेंटर्स को लेकर क्या हैं मुख्य बिंदु ?

राजस्थान में कोचिंग सेंटर्स का आधुनिकीकरण किया जाएगा और उन्हें उद्योग की नवीनतम आवश्यकताओं के अनुरूप बनाया जाएगा, उद्योग भागीदारों के साथ नए पाठ्यक्रम, मॉड्यूल और ऑन-द-जॉब प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। कौशल प्रशिक्षण के बुनियादी ढांचे को और बेहतर बनाने के लिए सभी संभागीय मुख्यालयों में मॉडल कैरियर केंद्र स्थापित किए जाएंगे। जो कैरियर परामर्श, इंटर्नशिप और रोजगार के अवसरों के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे। ऑटोमेशन, एआई, मशीन लर्निंग, स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग और साइबर सुरक्षा जैसी आधुनिक तकनीकों में प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।

स्थानीय औद्योगिक क्लस्टर प्रशिक्षण केंद्रों की मेजबानी करेंगे और इन उद्योगों की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रशिक्षण तैयार किया जाएगा। कोचिंग सेंटर्स की इस नई नीति में रीस्किलिंग और अपस्किलिंग कार्यक्रमों पर महत्वपूर्ण जोर दिया जाएगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि श्रमिक विकसित औद्योगिक वातावरण के अनुकूल हो सकें।

विकलांग उम्मीदवारों के लिए समान अवसर

मंत्रिमंडल ने विकलांग व्यक्तियों (समान अवसर, अधिकारों का संरक्षण और पूर्ण भागीदारी) अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप विकलांग व्यक्तियों के लिए समान अवसर नीति को भी मंजूरी दी। यह नीति राज्य सरकार के नियंत्रण में सभी सरकारी विभागों, स्वायत्त निकायों और संस्थानों में लागू की जाएगी।

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यूट्यूब ने सख्त एक्शन लेते हुए 48 लाख चैनल किये रिमूव

यूट्यूब ने बड़ा एक्शन लेते हुए 9.5 मिलियन से ज्यादा वीडियो को अपने प्लेटफॉर्म से हटा दिया है। गूगल के वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म ने इन वीडियो को कॉन्टेंट वाइलेशन की वजह से रिमूव कर दिया है। कंपनी द्वारा जारी किए गए रिपोर्ट के मुताबिक, ये वीडियो पिछले साल अक्टूबर से लेकर दिसंबर 2024 के बीच यूट्यूब पर अपलोड किए गए थे। यूट्यूब से डिलीट किए गए वीडियो में से सबसे ज्यादा भारतीय क्रिएटर्स द्वारा अपलोड किए गए थे।

भारत में सबसे ज्यादा 3 मिलियन वीडियो हुए डिलीट

यूट्यूब ने बताया कि ये वीडियो उनके कॉन्टेंट पॉलिसी के खिलाफ थे। डिलीट किए गए सबसे सबसे ज्यादा 3 मिलियन यानी 30 लाख वीडियो भारतीय क्रिएटर्स द्वारा अपलोड किए गए थे। वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म द्वारा हटाए गए ज्यादातर वीडियो हेट स्पीच, अफवाह, उत्पीड़न वाले थे, जो कंपनी के कॉन्टेंट पॉलिसी के खिलाफ थे।

यूट्यूब ने AI बेस्ड डिटेक्शन सिस्टम का किया इस्तेमाल

वही यूट्यूब ने अपने प्लेटफॉर्म को ट्रांसपैरेंट रखने के लिए AI बेस्ड डिटेक्शन सिस्टम का इस्तेमाल किया है, जो प्लेटफॉर्म पर मौजूद इस तरह के वीडियो की पहचान करके उस पर एक्शन लेता है। यूट्यूब पर हटाए गए सबसे ज्यादा 5 मिलियन वीडियो में बच्चों को फीचर किया गया है, जो कंपनी के कॉन्टेंट पॉलिसी के खिलाफ है। इन वीडियो में बच्चों के साथ खतरनाक स्टंट, उत्पीड़न आदि को फीचर किया गया था।

48 लाख चैनल भी हटाए

यूट्यूब ने न सिर्फ वीडियो को अपने प्लेटफॉर्म से हटाया है, बल्कि कंपनी ने 4.8 मिलियन यानी 48 लाख से ज्यादा चैनल को भी हटा दिया है। इन चैनल के माध्यम से स्पैम या फ्रॉड वाले वीडियो अपलोड किए जा रहे थे। यूट्यूब पर अगर कोई चैनल रिमूव किया जाता है तो उस चैनल पर अपलोड सभी वीडियो भी अपने आप डिलीट हो जाते हैं। चैनल पर लिए गए एक्शन की वजह से करीब 5.4 मिलियन यानी 54 लाख वीडियो हट गए।

गूगल दी सफाई

गूगल के प्लेटफॉर्म ने बताया कि यूट्यूब को ट्रांसपैरेंट और यूजर्स के लिए सुरक्षित वीडियो प्लेटफॉर्म बनाए रखने के लिए समय-समय पर यह कार्रवाई की जाती है। AI बेस्ड डिटेक्शन टूल के साथ-साथ यूजर्स द्वारा रिपोर्ट किए जाने के बाद कंपनी उन वीडियो को एनालाइज करती है। इसके बाद उसे प्लेटफॉर्म से हटा दिया जाता है।

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इस राज्य में ₹200 से ज्यादा नहीं होगी फिल्मों के टिकट की कीमत

अब सिनेमाघरों में जाकर फिल्म देखने के शौकीनों के लिए आज एक बहुत अच्छी खबर आ रही है। किसी भी सिनेमाघर में किसी भी फिल्म की टिकट की कीमत 200 रुपये से ज्यादा नहीं होगी। हालांकि, फिल्म के शौकीनों को ये मजा सिर्फ एक ही राज्य में मिलेगा। जी हां, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने घोषणा करते हुए कहा कि मल्टीप्लेक्स समेत राज्य के सभी सिनेमाघरों में फिल्म के टिकट की अधिकतम कीमत 200 रुपये सीमित की जाएगी। मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने अपने 16वें बजट में ये कन्नड़ फिल्मों को लेकर भी एक बड़ा ऐलान किया।

कन्नड़ फिल्मों ले लिए बनाया जाएगा ओटीटी प्लेटफॉर्म

मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने घोषणा की कि कर्नाटक कन्नड़ फिल्मों को बढ़ावा देने के लिए एक ओटीटी प्लेटफॉर्म भी बनाएगा। हाल ही में, रक्षित शेट्टी और ऋषभ शेट्टी जैसे प्रमुख कन्नड़ एक्टर्स-प्रोड्यूसर्स ने शिकायत की थी कि कई प्रमुख ओटीटी प्लेटफॉर्म कन्नड़ ‘कंटेंट’ को प्रदर्शित करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। रक्षित शेट्टी के प्रोडक्शन हाउस परमवाह स्टूडियो ने ओटीटी प्लेटफॉर्म नहीं मिलने के कारण जुलाई 2024 में एक कस्टम प्लेटफॉर्म पर अपनी कन्नड़ वेब सीरीज ‘एकम’ की स्ट्रीमिंग शुरू की थी।

सिनेमा सेक्टर को दिया जाएगा इंडस्ट्री का दर्जा

मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने राज्य के सामाजिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक मूल्यों को दिखाने वाली फिल्मों को संरक्षित करने के लिए डिजिटल और नॉन-डिजिटल दोनों प्रारूपों में कन्नड़ फिल्मों का संग्रह बनाने के लिए 3 करोड़ रुपये भी आवंटित किए हैं। मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने स्टेकहोल्डर्स की एक अन्य मांग पर ध्यान देते हुए कहा कि सिनेमा सेक्टर को इंडस्ट्री का दर्जा दिया जाएगा और इसे इंडस्ट्रियल पॉलिसी के तहत दी जाने वाली अन्य सभी सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी।

डेवलप की जाएगी फिल्म सिटी

मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के मुताबिक शहर के नंदिनी लेआउट में कर्नाटक फिल्म अकेडमी के स्वामित्व वाली 2.5 एकड़ जमीन पर सार्वजनिक निजी भागीदारी (PPP) के तहत एक मल्टीप्लेक्स मूवी थियेटर कॉम्प्लेक्स भी डेवलप किया जाएगा। मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने कहा कि मैसुरू में पीपीपी मॉडल के तहत 500 करोड़ रुपये की लागत से इंटरनेशनल लेवल की फिल्म सिटी डेवलप करने के लिए 150 एकड़ जमीन सूचना और जनसंपर्क विभाग को ट्रांसफर कर दी गई है।

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दुबई के मैदान पर टॉस है कितना अहम, आंकड़े दे रहे इसकी गवाही

भारत और न्यूजीलैंड के बीच दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में 9 मार्च को आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का फाइनल मुकाबला खेला जाएगा। टीम इंडिया का जहां अभी तक टूर्नामेंट में अजेय अभियान देखने को मिला है, वहीं न्यूजीलैंड की टीम को ग्रुप स्टेज में भारत के खिलाफ मुकाबले में सिर्फ हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में इस मैच में दोनों टीमों के फॉर्म को देखते हुए फैंस पूरे रोमांच की उम्मीद कर रहे हैं। दुबई के मैदान पर खेले जाने वाले इस अहम मुकाबले की पिच को लेकर भी काफी चर्चा देखने को मिल रही है, जिसमें टॉस जीतना भी काफी अहम माना जा रहा है।

अभी तक यहां पर टूर्नामेंट के चार मुकाबले खेले गए हैं, जिसमें भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए सेमीफाइनल मैच में पिच बल्लेबाजी के लिए काफी बेहतर दिखी जिसमें टीम इंडिया ने 265 रनों का पीछा किया था। हालांकि इसके बावजूद फाइनल मुकाबला किस पिच पर खेला जाएगा इसको लेकर कुछ भी सामने नहीं आया है।

वही कीवी कप्तान ने भी दुबई में टॉस को लेकर दिया बयान

न्यूजीलैंड टीम के कप्तान मिचेल सेंटनर ने भारत के खिलाफ फाइनल मुकाबले से पहले टॉस जीतने को लेकर बयान दिया है। अफ्रीका के खिलाफ सेमीफाइनल मैच जीतने के बाद सेंटनर ने कहा कि ग्रुप स्टेज के जब हमने भारत के खिलाफ मुकाबला खेला था तो उसमें हमारे गेंदबाजों ने काफी बेहतर प्रदर्शन किया था, जिसके बाद हम फाइनल मैच में भी टॉस जीतना चाहेंगे। बता दें कि साल 2000 में भारत और न्यूजीलैंड के बीच चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला खेला गया था, जिसमें कीवी टीम ने 4 विकेट से जीत दर्ज की थी।

दुबई में टारगेट का पीछा करने वाली टीम ने दर्ज की है जीत

आपको बताते चले कि दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में पिछले 10 मैचों का रिजल्ट देखा जाए तो उसमें 7 मुकाबलों में टारगेट का पीछा करने वाली टीम ने मैच को अपने नाम किया है। यहां की पिच भले ही धीमी हो लेकर शाम के समय बल्लेबाजी करना थोड़ा आसान काम जरूर दिखा है। ऐसे में टॉस जीतने वाली टीम के लिए पहले बल्लेबाजी या गेंदबाजी लेने का फैसला थोड़ा मुश्किल भरा जरूर हो सकता है।

भारतीय टीम ने अभी तक चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में इस मैदान पर कुल 4 मैच खेले हैं, जिसमें से तीन में उन्होंने टारगेट का पीछा करते हुए मुकाबले को अपने नाम किया है। पिछले 10 मैचों में इस मैदान पर खेले गए वनडे मैच में पांच बार टॉस जीतने वाली टीम को हार का सामना करना पड़ा है।

read more :  पीएम मोदी ने सिलवासा में ‘नमो अस्पताल’ का किया उद्घाटन

पीएम मोदी ने सिलवासा में ‘नमो अस्पताल’ का किया उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केंद्र शासित प्रदेश दादरा एवं नगर हवेली तथा दमन एवं दीव के सिलवासा में नमो अस्पताल के पहले चरण का उद्घाटन किया। वह दोपहर 2 बजे सूरत पहुंचे और यहां से केंद्र शासित प्रदेश सिलवासा के लिए रवाना हो गए। उन्होंने यहां 450 बिस्तरों वाले नमो अस्पताल का उद्घाटन किया। इसके साथ ही 650 बिस्तरों की क्षमता वाले दूसरे चरण का शिलान्यास भी किया। 450 बिस्तरों वाले इस अस्पताल के निर्माण पर 460 करोड़ रुपये की लागत आई है और इससे केंद्र शासित प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है। सिलवासा में पीएम ने 2587 करोड़ रुपये लागत वाली विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया।

दादर नगर हवेली हमारी विरासत है – पीएम मोदी

सिलवासा में पीएम ने 2587 करोड़ रुपये लागत वाली विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया। इसके बाद उन्होंने एक जनसभा को संबोधित किया। पीएम ने कहा, ”दादर नगर हवेली हमारी विरासत है। यहां के विकास के लिए हम प्रतिबद्ध है। दादर नगर हवेली की पहचान टूरिज्म से हो। इसे आधुनिक सेवाओं के लिए जाना जाए। सिलवासा एक नई पहचान के साथ उभर रहा है।

महिला दिवस पर जाएंगे नवसारी – पीएम मोदी

पीएम मोदी नवसारी में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले विशेष कार्यक्रम में शामिल होंगे। यहां भी वे एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद लिंबायत के नीलगिरी ग्राउंड में जनसभा को संबोधित करेंगे। पीएम सूरत में ही रात्रि विश्राम करेंगे और कल सुबह नवसारी जाएंगे। इसके बाद शाम को दिल्ली के लिए रवाना होंगे। सूरत के कार्यक्रम में एक लाख से अधिक लोग शामिल होने वाले हैं। कार्यक्रम में आने वाले लोगों के लिए बसों और वाहनों का इंतजाम किया गया है।

read more  :    मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, मिली जमानत

मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, मिली जमानत

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी गैंगस्टर एक्ट के तहत एक मामले में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के विधायक और दिवंगत मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को शर्तों के साथ अंतरिम ज़मानत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि अंसारी को लखनऊ में अपने आधिकारिक आवास पर रहना होगा, अपने निर्वाचन क्षेत्र का दौरा करने के लिए जिला प्रशासन और ट्रायल कोर्ट से पूर्व अनुमति लेनी होगी। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि कि अब्बास अंसारी को गैंगस्टर एक्ट से संबंधित मामले को छोड़कर अन्य सभी आपराधिक मामलों में जमानत दी गई थी।

अब्बास अंसारी को किया गया था गिरफ्तार

बता दें कि चित्रकूट जिले के कोतवाली कर्वी पुलिस स्टेशन में 31 अगस्त, 2024 को अंसारी, नवनीत सचान, नियाज अंसारी, फराज खान और शाहबाज आलम खान के खिलाफ यूपी गैंगस्टर्स और असामाजिक गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1986 की धारा 2, 3 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। उन पर जबरन वसूली और मारपीट का आरोप लगाया गया था। मामसा दर्ज होने के बाद 6 सितंबर, 2024 को अब्बास अंसारी को गिरफ्तार किया गया था।

अब्बास अंसारी को इन शर्तों का करना होगा पालन

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि अब्बास अंसारी ट्रायल कोर्ट की अनुमति के बिना उत्तर प्रदेश नहीं छोड़ सकते। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि अंसारी को अदालत के समक्ष चल रहे मामलों के बारे में कोई सार्वजनिक बयान नहीं देना चाहिए। हालांकि, अदालत ने स्पष्ट किया कि इन मामलों में खुद का बचाव करने का अंसारी का अधिकार अप्रभावित रहना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि जब भी आवश्यक हो अब्बास अंसारी को ट्रायल कोर्ट के समक्ष पेश होना चाहिए। शीर्ष अदालत ने मामले को छह सप्ताह बाद सूचीबद्ध किया है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में स्टेटस रिपोर्ट पेश किये जाने का निर्देश दिया है।

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अयोध्या – काशी के बाद अब मथुरा की बारी है – सीएम योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मथुरा के बरसाना में कहा कि अयोध्या सुंदर नगरी बन गई है। प्रयागराज सूर्य किरण की चमक रहा है। अब बारी मथुरा की है। इंतजार कीजिए, सीएम योगी आदित्यनाथ बरसाना के रंगोत्सव कार्यक्रम में शामिल हुए थे। मथुरा के बरसाना में आज से रंगोत्सव का शुभारंभ हो गया है। लट्ठमार होली से पहले यहां आज से फूलों की होली शुरू हुई है। बता दें कि राधा रानी के दरबार में आज लड्डू मार होली का आयोजन किया गया है। शनिवार को यहीं पर लट्ठ मार होली खेली जाएगी। बता दें कि सीएम योगी आज कई अलग-अलग कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए मथुरा पहुंचे।

ब्रज की भूमि अगाध श्रद्धा की भूमि – सीएम योगी 

इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महाकुंभ के भव्य आयोजन के बाद मैं होली की शुभकामनाएं देने और राधा रानी के चरणों में नमन करने बरसाना आया हूं। हमारी ब्रजभूमि भारत के सनातन धर्म की अगाध श्रद्धा की भूमि है और यह हमारा सौभाग्य है। बाबा विश्वनाथ का धाम काशी, मर्यादा पुरुषोत्तम राम की पावन जन्मभूमि अयोध्या और लीलाधारी श्रीकृष्ण की जन्मभूमि और लीलाभूमि मथुरा, वृंदावन और बरसाना उत्तर प्रदेश में हैं।

अयोध्या – काशी के बाद अब मथुरा की बारी –  सीएम योगी 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या-काशी के बाद अब यमुना मैय्या की बारी है। मैं तो कहने आया हूं कि यमुना मैय्या अब तो दिल्ली में भी राम भक्तों की सरकार आ गई है। ये समझिए कि गंगा मैय्या की तर्ज पर मां यमुना भी अब जल्द निर्मल होंगी। यह अब बहुत दूर नहीं रहा, सीएम योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि होली तो दूरियां कम करने का त्यौहार है। कुछ चिंताएं डबल इंजन की सरकार पर छोड़ दीजिए।

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सिर्फ 36 मिनट में केदारनाथ पहुंचेंगे श्रद्धालु, 2 रोपवे प्रोजेक्ट्स को मिली मंजूरी

बाबा केदारनाथ और हेमकुंड साहिब के दर्शन के लिए जाना काफी आसान हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केदारनाथ धाम और हेमकुंड साहिब के लिए दो अलग-अलग रोपवे प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दे दी है, जिनकी कुल लागत 6,800 करोड़ रुपये से ज्यादा है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी जानकारी दी। अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 12.9 किलोमीटर लंबे केदारनाथ रोपवे प्रोजेक्ट पर 4,081 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत आएगी और 12.4 किलोमीटर लंबे हेमकुंड साहिब रोपवे प्रोजेक्ट पर 2,730 करोड़ रुपये की लागत आएगी। ये दोनों प्रोजेक्ट पर्वतमाला परियोजना का हिस्सा होंगे।

3,583 मीटर की ऊंचाई पर स्थित भगवान शिव के 12 पवित्र ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ मंदिर की यात्रा गौरीकुंड से शुरू होती है जो 16 किलोमीटर की चुनौतीपूर्ण चढ़ाई है। फिलहाल, श्रद्धालु केदारनाथ मंदिर जाने के लिए पैदल, टट्टू, पालकी और हेलीकॉप्टर की मदद लेते हैं। ये प्रोजेक्ट मंदिर आने वाले तीर्थयात्रियों को सुविधा प्रदान करने और सोनप्रयाग और केदारनाथ के बीच सभी मौसम की कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए है।

केदारनाथ रोपवे प्रोजेक्ट

केदारनाथ रोपवे प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी देते हुए अश्विनी वैष्णव ने कहा, “मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम- पर्वतमाला प्रोजेक्ट के तहत उत्तराखंड के सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 12.9 किलोमीटर लंबे रोपवे परियोजना के विकास को मंजूरी दे दी है। इस प्रोजेक्ट से यात्रा में लगने वाला समय सिर्फ 36 मिनट रह जाएगा। अभी केदारनाथ पहुंचने में 8 से 9 घंटे का समय लगता है। प्रोजेक्ट की डिटेल देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रत्येक गंडोला की क्षमता 36 लोगों की होगी। प्रोजेक्ट को ऑस्ट्रिया और फ्रांस के एक्सपर्ट्स की मदद से पूरा किया जाएगा।

हेमकुंड साहिब रोपवे प्रोजेक्ट

12.4 किलोमीटर लंबा हेमकुंड साहिब रोपवे प्रोजेक्ट हेमकुंड साहिब को गोविंदघाट से जोड़ेगा। हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा समुद्र तल से 15 हजार फीट की ऊंचाई पर उत्तराखंड के चमोली में है और इसे गुरु गोविंद सिंह और भगवान लक्ष्मी के ध्यान स्थल के रूप में जाना जाता है। पवित्र स्थल पर स्थापित गुरुद्वारा मई से सितंबर के बीच साल में लगभग 5 महीने के लिए खुला रहता है और यहां हर साल लगभग 1.5 से 2 लाख तीर्थयात्री आते हैं।

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अब आरएसएस करेगा बिहार और बंगाल में होने वाले चुनाव की प्लानिंग

आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक बेंगलुरु में 21 से 23 मार्च के बीच होने जा रही है। जिसमें संघ के अखिल भारतीय प्रतिनिधि के हिस्सा लेंगे। इस बैठक में भारत भर से लगभग 1500 से 1600 संघ पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। हर साल यह बैठक मार्च महीने में होती है और इस बैठक में 1 वर्ष का कामकाज तय किया जाता है। यह संघ की स्थापना का 100वां वर्ष है। ऐसे में इस बैठक में मुख्य रूप से संघ के अगले वर्ष के कार्यक्रमों के संबंध मे विचार होगा। विजयादशमी 2025 से विजयदशमी 2026 तक संघ अपना शताब्दी वर्ष मनाएगा। इस दौरान संघ के कार्यक्रमों को किस तरीके से आयोजित करना है इस संबंध में भी यहां पर चर्चा होगी।

भाजपा समेत ये संगठन होंगे शामिल

आरएसएस के अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में संघ के 45 प्रांत के साथ-साथ सभी क्षेत्र के क्षेत्र प्रमुख, प्रांत प्रमुख मौजूद रहते हैं। इसके अतिरिक्त संघ के सभी 32 सहयोगी संगठनों के पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे, जिसमें विश्व हिंदू परिषद, भारतीय मजदूर संघ, भारतीय किसान संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, भारतीय जनता पार्टी, राष्ट्र सेविका समिति, जैसे सभी संगठन के पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। प्रतिवर्ष ये बैठक मार्च में होती है और हर 3 साल बाद यह बैठक चुनावी वर्ष के रूप में मानी जाती है। हर तीसरे वर्ष नागपुर में बैठक संपन्न होती है। पिछले वर्ष यह बैठक नागपुर में हुई थी और इस वर्ष यह बैठक बेंगलुरु में हो रही है।

बिहार-बंगाल चुनाव पर होगी चर्चा

इस बैठक से पहले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का बिहार दौरा काफी अहम माना जा रहा है। आरएसएस के विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस बैठक में बिहार चुनाव के संबंध में भी चर्चा होगी। बिहार चुनाव से संबंधित सभी सहयोगी संगठनों को कार्य करने का दिशा निर्देश भी तय किया जाएगा। बिहार प्रवास से पहले आरएसएस के सरसंचालक मोहन भागवत पूर्वी भारत के प्रवास पर थे। 10 दिन का बंगाल प्रवास, 5 दिन का असम प्रवास, चार दिन का अरुणाचल का प्रवास, अब बिहार का प्रवास। 2026 के मार्च-अप्रैल के महीने में बंगाल का भी चुनाव होने की संभावना है। उस संबंध में भी इस बैठक में चर्चा होने की पूरी संभावना बताई जा रही है।

बैठक में कौन-कौन होंगे शामिल ?

बीजेपी अगर अपने नए अध्यक्ष का चुनाव 20 मार्च तक कर लेती है तो पूरी संभावना है कि इस बैठक में नए अध्यक्ष शामिल होंगे। भारतीय जनता पार्टी आगामी 1 वर्ष के कामकाज की रूपरेखा लेकर वहां पर चर्चा के लिए जा सकती है। इस बैठक में सरसंघचालक डॉक्टर मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले, 6 सह सरकार्यवाह क्रमशः डॉक्टर कृष्ण गोपाल, केसी मुकुंद, अरुण कुमार, राम दत्त चक्रधर, आलोक कुमार और अतुल लिमय सहित शारीरिक प्रमुख, बौद्धिक प्रमुख, व्यवस्था प्रमुख, सेवा प्रमुख, संपर्क प्रमुख, प्रचारक प्रमुख, अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य, अखिल भारतीय आमंत्रित सदस्य मौजूद रहेंगे।

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यूक्रेन का बड़ा आरोप सरेंडर के लिए मजबूर कर रहे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने यूक्रेन को दी जाने वाली सभी सैन्य सहायता रोक दी है, जिससे कीव को बड़ा झटका लगा है। यूक्रेनी अधिकारियों ने इस फैसले की कड़ी निंदा की है। इसे रूस के खिलाफ यूक्रेन की रक्षा को कमजोर करने वाला कदम बताया है। यूक्रेन ने कहा कि यह निर्णय एक सहयोगी की ओर से विश्वासघात मिलने के बराबर है। इससे रूस को और अधिक नागरिकों पर बमबारी करने और उन्हें मारने में मदद मिलेगी।

व्हाइट हाउस का बचाव

व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने बताया, “राष्ट्रपति ट्रंप स्पष्ट कर चुके हैं कि उनका ध्यान शांति पर है। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हमारी सहायता किसी स्थायी समाधान का हिस्सा बने, न कि युद्ध को लंबा करने का कारण बने। हालांकि इस रोक का असर सैकड़ों मिलियन डॉलर मूल्य के सैन्य हथियारों और गोला-बारूद पर पड़ेगा, जो यूक्रेन को भेजे जाने थे।

ट्रंप प्रशासन हमें आत्मसमर्पण के लिए मजबूर कर रहा – यूक्रेन

दूसरी तरफ यूक्रेन ने चेतावनी देते हुए कहा कि यह हमें आत्मसमर्पण के लिए मजबूर कर रहा है। यूक्रेन की संसदीय विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष ने रॉयटर्स को दिए एक बयान में कहा, “सहायता रोकना वास्तव में गंभीर संकट खड़ा कर सकता है। ऐसा लग रहा है कि ट्रंप प्रशासन हमें आत्मसमर्पण के लिए मजबूर कर रहा है।

यूक्रेन ने दिया करारा जवाब

वही यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने इस फैसले पर संयमित प्रतिक्रिया देते हुए कहा,”यूक्रेन युद्ध को जितनी जल्दी हो सके समाप्त करना चाहता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम बिना मजबूत सुरक्षा गारंटी के रूस के सामने झुक जाएंगे। उन्होंने याद दिलाया कि 2014 में सुरक्षा गारंटी की कमी के कारण ही रूस ने क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था।

डेमोक्रेट्स का तीखा हमला

अमेरिकी कांग्रेस में डेमोक्रेट्स ने इस कदम को “गैरकानूनी और खतरनाक” बताया है। हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी के प्रमुख, डेमोक्रेट सांसद ग्रेगरी मीक्स ने कहा, “मेरे रिपब्लिकन सहयोगियों ने पुतिन को ‘युद्ध अपराधी’ कहा है। यूक्रेन को समर्थन देने की कसम खाई थी। अब उन्हें इस विनाशकारी और गैरकानूनी रोक को हटाने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप पर दबाव बनाना चाहिए।”

ट्रंप ने जेलेंस्की को दी चेतावनी 

ट्रंप ने अपने बयान में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की पर भी निशाना साधते हुए कहा, “यूक्रेन को अमेरिका से मिली मदद के लिए अधिक आभारी होना चाहिए। अगर जेलेंस्की ने मॉस्को के साथ कोई समझौता नहीं किया, तो वह ज्यादा लंबे समय तक सत्ता में नहीं रह पाएंगे।”

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महाकुंभ ने आस्था को आर्थिक वृद्धि से जोड़ा – सीएम योगी

उत्तर प्रदेश विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ के सफल आयोजन और विधानसभा में पेश हुए बजट पर अपनी बात रखी है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि महाकुंभ ने आस्था को आर्थिक वृद्धि से जोड़ा है। महाकुंभ से अयोध्या और काशी दोनों को फायदा हुआ है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी विपक्ष के नेताओं पर भी जमकर बरसे। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि विपक्ष ने महाकुंभ को लेकर नकारत्मक खबरें फैलाई हैं। सीएम ने कहा, ‘विपक्ष के लोग वोट बैंक देखते हैं, हम लोग आस्था देखते हैं।’ शिवपाल यादव के महाकुंभ न जाने पर सीएम योगी ने चुटकी ली है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा, ‘शिवपाल जी पुण्य पाने से चूक गए।

किसी ने आपकी बातों पर भरोसा नहीं किया – सीएम योगी

प्रयागराज महाकुंभ को लेकर विपक्ष के बयानों पर निशाना साधते हुए सीएम योगी ने कहा, ‘महाकुंभ ने देश को इतना बड़ा आयोजन करने की राज्य की क्षमता और दुनिया को देश की क्षमता दिखाने में कामयाबी हासिल की है। आपने जो गलत सूचना फैलाने की कोशिश की, वह देश के लोगों की आस्था को प्रभावित नहीं कर सकी। देश में किसी ने आपकी बातों पर भरोसा नहीं किया। जल्द ही जनता आपकी बात सुनना बंद कर देगी। हम संभल में जो कर रहे हैं, वह भी आस्था के कारण ही है।

राज्य में होगा चहुमुंखी विकास – सीएम योगी

विधानसभा में सीएम योगी ने कहा कि इस साल के बजट में किसानों और युवाओं का खासा ध्यान रखा गया है। इस साल के बजट में वंचितों को वरीयता दी गई है। हमने ऐसे लक्ष्य किए हैं, जो पांच साल में पूरे किए जा सकें। मुख्यमंत्री योगी ने कहा, ‘इस साल का जो बजट पेश हुआ है। उसमें राज्य के चहुमुंखी विकास पर जोर रहेगा। इस साल का बजट 8 लाख 8 करोड़ रुपये का है। हम जो कहते हैं, वह करके दिखाते हैं।’ इसके साथ ही सीएम योगी ने बताया कि हमारा लक्ष्य गरीबों की दशा सुधारना है। बजट का लक्ष्य लोककल्याणकारी आर्थिक वृद्धि में तेजी लाना है।

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इस कानूनी प्रक्रिया का गलत इस्तेमाल करते है लोग – सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने एक रिटायर्ड सेना अधिकारी को राहत देते हुए उनके खिलाफ रेप का केस निरस्त कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पाया कि इसी तरह का आरोप लगाते हुए 8 दूसरे लोगों पर भी लगाते हुए एफआईआर दर्ज करवा रखी है। सुप्रीम कोर्ट ने महिला को नोटिस भेज कर अपना पक्ष रखने का मौका दिया था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। सभी बातों पर गौर करने के बाद कहा कि यह न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग है। सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर के खिलाफ दर्ज एफआईआर निरस्त कर दी।

दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि…….

कई किताबें लिख चुके सेना के सेवानिवृत्त कैप्टन राकेश वालिया पर 39 साल की महिला ने 2021 में दिल्ली के महरौली थाने में बलात्कार की शिकायत दर्ज करवाई थी। महिला ने आरोप लगाया था कि उसे नशीली चीज खिला कर उसके साथ रेप किया गया। याचिकाकर्ता ने इसे पैसे की उगाही का हथकंडा बताते हुए दिल्ली हाई कोर्ट से मामला रद्द करने की मांग की थी, लेकिन हाई कोर्ट ने उन्हें राहत नहीं दी थी। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की तरफ से बताया गया कि महिला ने एफआईआर तो दर्ज करवा दी, लेकिन कभी भी जांच में सहयोग नहीं किया।

राहत मिल जानी चाहिए थी – सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान यह तथ्य भी सामने आया कि इस महिला ने अलग-अलग थानों में 8 लोगों के खिलाफ इसी तरह की एफआईआर दर्ज करवा रखी है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सुधांशु धुलिया और जस्टिस के विनोद चंद्रन की बेंच ने सभी बातों पर गौर करने के बाद कहा कि यह न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग है। याचिकाकर्ता को हाई कोर्ट से ही राहत मिल जानी चाहिए थी। इस टिप्पणी के बाद जजों ने रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर के खिलाफ दर्ज एफआईआर निरस्त कर दी।

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यूएई में यूपी की शहजादी खान को दे दी गई फांसी, सरकार ने दी जानकारी……

यूपी की महिला शहजादी खान को यूएई में फांसी की सजा पर मुहर लग गई है। दिल्ली हाईकोर्ट को मामले की सुनवाई के दौरान खुद विदेश मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि की है। विदेश मंत्रालय ने कोर्ट को बताया कि शहजादी खान को विगत 15 फरवरी को फांसी दे दी गई थी। केंद्र सरकार ने कोर्ट में दाखिल अपने जवाब में कहा कि अब यूपी की शहजादी खान का अंतिम संस्कार 5 मार्च को होना है। बता दें कि शहजादी खान अबूधाबी में 4 माह के शिशु की कथित हत्या के मामले में मौत की सजा का सामना कर रही थीं।

पिता ने मांगा था विदेश मंत्रालय से जवाब

बता दे कि 33 वर्षीय शहजादी खान के पिता शब्बीर खान ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपनी बेटी के हालात की जानकारी मांगी थी। उनका कहना था कि उन्हें कोई स्पष्ट सूचना नहीं मिला रही और विदेश मंत्रालय से भी कोई ठोस जवाब नहीं मिल रहा। इसके बाद कोर्ट ने विदेश मंत्रालय को नोटिस जारी कर तलब किया था।

सरकार ने दी जानकारी

विदेश मंत्रालय ने दिल्ली हाईकोर्ट को जवाब देते हुए बताया कि यूएई में भारतीय दूतावास को 28 फरवरी को जानकारी दी गई कि शहजादी की मौत की सजा यूएई के कानूनों और नियमों के मुताबिक को दी गई है। इस पर जस्टिस सचिन दत्ता ने इस घटनाक्रम को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया। कोर्ट में एएसजी जनरल चेतन शर्मा ने बताया कि अब यह मामला खत्म हो चुका है। शहजादी को 15 फरवरी को फांसी दे दी गई थी, उनके सुपुर्द-ए-खाक की प्रक्रिया 5 मार्च को होगी।

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सीएम योगी ने कहा महाकुंभ के सबक भी बहुत, जाने वर्ल्ड मीडिया ने क्या कहा..

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में महाकुंभ मेले का समापन 26 फरवरी को हो गया। महाकुंभ मेले में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई। महाकुंभ मेले ने अपने नाम कई रिकॉर्ड भी दर्ज किए हैं। वहीं, अब सीएम योगी ने कहा कि महाकुंभ के सबक भी बहुत हैं। वही महाकुंभ की कवरेज को लेकर सीएम योगी ने कई मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला दिया। इसमें सीएम योगी ने बताया कि देश की ही नहीं दुनिया की मीडिया भी महाकुंभ की भव्यता देखकर अचंभित रह गई।

सीएम योगी ने बताया गीता का संदेश

सीएम योगी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, ‘श्रीमद्भागवत गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा जो मुझे जिस रूप में देखता है, जिस रूप में भजता है। मैं उसको उसी रूप में दिखाई देता हूं। इसी तरह प्रयागराज महाकुंभ को जिसने जिस रूप में देखा उसे वैसा ही दिखा।

जाने वर्ल्ड मीडिया ने क्या कहा ?

>>  द वॉल स्ट्रीट जनरल ने लिखा – ‘यह अमेरिका की कुल आबादी से ज्यादा का आयोजन था।’

>>  बीबीसी ने कहा- ‘महाकुंभ मानवता का सबसे बड़ा समागम था।’

>>   एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने लिखा – ‘यह विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक समारोह था।’

>>  द न्यूयॉर्क टाइम्स ने कहा- ‘इस आयोजन में न सिर्फ श्रद्धालु पर्यटक ही नहीं, नेता व हस्तियां भी पहुंचीं।’

>>  द रॉयटर्स ने कहा- ‘यह डिजिटल कुंभ था, जिसमें व्यवस्था बनाने के लिए तकनीकी का बेहतर इस्तेमाल किया गया।’

>>  सीएनएन ने लिखा – ‘दुनिया के सबसे बड़े समागम में 60 करोड़ से ज्यादा लोग शामिल हुए, यह आस्था की अभिव्यक्ति का शानदार नजारा था।’

>> द गर्ज़ियन ने लिखा- ‘यह पर्वों का पर्व था, लोगों की उमंग व उत्साह चरम पर रहा।’

वही यूनेस्को ने भी की तारीफ

महाकुंभ को लेकर यूनेस्को के डायरेक्टर टिम कर्टिस ने कहा, ‘यूनेस्को ने 2019 में कुंभ मेले को मानवता के अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता दी। 2023 से इस आयोजन को लेकर सामाजिक, आर्थिक व पर्यावरणीय प्रभावों की निगरानी की जा रही थी। कुंभ मेला प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहर के रूप में विश्व को एक नई दृष्टि प्रदान करता है।’

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औरंगजेब को अबू आजमी ने बताया ‘महान’, भड़के एकनाथ शिंदे

समाजवादी पार्टी के नेता अबू आसिम आजमी ने मुगल शासक औरगंजेब की तारीफ की है। अबू आजमी ने न सिर्फ उसे महान बताया बल्‍क‍ि यहां तक कह गए क‍ि औरंगजेब ने कई मंद‍िर बनवाए। वह क्रूर शासक नहीं था, महान समाज सेवी था। उनका ये बयान सामने आते ही महाराष्ट्र की सियासत में हंगामा मच गया है। डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे उन पर भड़क उठे हैं।

डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने अबू आजमी के खिलाफ जोरदार हमला करते हुए कहा कि आजमी की हिम्मत कैसे होती है औरंगजेब की तारीफ करने की। उनके खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज होना चाहिए। वही एकनाथ शिंदे ने कहा, अबू आजमी हमेशा ऐसा आपत्तिजनक बयान देते रहते हैं। जिसने हमारे महाराज को तकलीफ दी वो कैसे बड़ा हो सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसा बयान देने वाला कोई भी हो उस पर तुरंत केस दर्ज हो।

औरंगजेब के बारे में क्या बोले अबू आजमी ?

बता दें कि अबू आजमी महाराष्‍ट्र में समाजवादी पार्टी के अध्‍यक्ष हैं। उन्‍होंने कहा, गलत इतिहास दिखाया जा रहा है। औरंगजेब ने कई मंदिर बनवाए। औरंगज़ेब कोई क्रूर शासक नहीं थे। उन्‍होंने यहां तक दावा क‍िया क‍ि बनारस में जब एक पंडित की बच्‍ची के साथ उसके सिपहसालार ने बदतमीजी की करने की कोश‍िश की तो औरंगजेब ने उस सिपहसालार को दो हाथ‍ियों के बीच बंधवाकर मरवा डाला। साथ ही उन पंड‍ितों ने औरगंजेब के ल‍िए मस्‍ज‍िद बनाकर भेंट क‍िया। वो अच्छे प्रशासक थे, जो उन्होंने किया वो सही किया। अगर कोई और राजा होता वो वो भी वही करता।

पहले भी कर चुके हैं औरंगजेब का समर्थन

अबू आजमी पहले भी औरंगजेब का समर्थन कर चुके हैं। साल 2023 में औरंगजेब का समर्थन करने पर उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी गई थी। धमकी के बाद उन्होंने उस समय मुंबई के कोलाबा पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। दरअसल छावा मूवी देखने के बाद लोग संभाजी महाराज पर औरंगजेब ने जो जुल्म किया था, उस पर बात कर रहे हैं और इसको लेकर इतिहास के पन्ने पलट रहे हैं।

वही संभाजी महाराज छत्रपति शिवाजी महाराज के सबसे बड़े बेटे थे। छावा मूवी में विक्की कौशल ने संभाजी महाराज का रोल अदा किया है। संभाजी महाराज मराठा साम्राज्य के दूसरे शासक थे। औरंगजेब छठा मुगल शासक था और उसने 1658 से 1707 तक शासन संभाला। औरंगजेब ने बहुत कठोरता के साथ सख्त शरिया कानून को लागू किया था और 1707 में औरंगजेब की मौत हो गई थी।

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हिमानी का हत्यारा गिरफ्तार, चार्जिंग वायर से गला घोंट कर ली जान

हरियाणा के रोहतक में कांग्रेस नेत्री हिमानी मर्डर केस में जो खुलासा हुआ है। वह बेहद चौंकाने वाला है। हिमानी के मर्डर की वजह ब्लैकमेलिंग बताई गई है। पुलिस ने हिमानी मर्डर केस में आरोपी सचिन को गिरफ्तार कर लिया है। सचिन ने कुबुल किया है उसने ही हिमानी की हत्या की थी। आपको बता दे कि हिमानी नरवाल के हत्या मामले में पुलिस ने कई खुलासे किए हैं। सचिन ने पुलिस को बताया है कि हिमानी और वो एक साल से रिलेशनशिप में थे। हिमानी वीडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल कर रही थी। पैसों की डिमांड कर रही थी। इसके बाद सचिन ने मर्डर की इस वारदात को अंजाम दिया। हालांकि, हिमानी की मां का दावा है उनकी बेटी की हत्या के पीछे सियासी एंगल है।

चार्जिंग वायर से गला घोंट कर की हत्या

घटना वाली रात आरोपी का मृतका हिमानी से झगड़ा हुआ था। मोबाइल की चार्जिंग वायर से गला घोंट कर हत्या की गई थी। 28 फरवरी को हत्या कर गहने लेकर आरोपी झज्जर भाग गया था। रात को वापस आ कर शव को सूटकेस में ले गया। आरोपी सचिन ने सांपला बस के पास शव को फेंका था।

दो बच्चों का पिता है आरोपी सचिन

दोनों के बीच कुछ पैसों के लेन-देन की बात सामने आई है। करीब डेढ़ साल से सचिन हिमानी के संपर्क में था। वह बहुत अच्छे दोस्त थे। उसके घर भी आना-जाना था। पुलिस ने खुलासा किया कि आरोपी सचिन शादी शुदा और दो बच्चों का पिता है।

हिमानी का हत्यारा दिल्ली से गिरफ्तार

हिमानी हत्या केस पर अपर पुलिस महानिदेशक केके राव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। एडीजीपी ने बताया कि पुलिस ने ब्लांड मर्डर में जिस युवती की डेड बॉडी सूटकेस में मिली थी। उस मामले में आरोपी को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है। आरोपी का नाम सचिन है। वह खैरपूर गांव, झज्जर जिले का रहने वाला है।

पुलिस करेगी हैट एंगल से वेरिफिकेशन

वही आरोपी सचिन ने इंटर कास्ट लव मेरिज की थी। पुलिस आरोपी को रिमांड पर लेगी। अभी तक वह अकेला ही हत्या की वारदात में शामिल रहा है। पुलिस ने कहा कि आरोपी सचिन ने जो कहानी बताई है। उसे वेरिफिकेशन किया जा रहा है। पुलिस आरोपी को रिमांड पर लेगी। दोनों के बीच पैसों का लेनदेन था। इसे भी वेरिफिकेशन किया जाएगा।

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महिला सम्मान योजना का हुआ ऐलान, मिलेंगे 2,500 रुपये महीना

दिल्ली की भाजपा सरकार चुनाव के दौरान किये गए अपने वादे को निभाने के लिए कृत संकल्पित है। भाजपा ने चुनाव से पहले महिला सम्मान योजना का ऐलान किया था और कहा था कि महिलाओं को 2,500 रुपये हर महीने देगी। इस वादे को निभाने के लिए महिला सम्मान योजना की रजिस्ट्रेशन की तारीख का आज ऐलान हो चुका है। इस ऐलान के मुताबिक इस योजना के लिए आठ मार्च से रजिस्ट्रेशन शुरू हो जाएगा। भाजपा नेता मनोज तिवारी ने रविवार को ये घोषणा की है।

शुरू होगी महिला सम्मान योजना

दिल्ली में महिला सम्मान योजना की शुरुआत मार्च के पहले सप्ताह से हो सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस स्कीम की शुरुआत महिला दिवस यानी 8 मार्च से हो सकती है और महिलाओं के खाते में 2,500 रुपये इसी दिन से भेजे जाएंगे। ये भी कहा जा रहा है कि इस योजना की शुरुआत दिल्ली सरकार जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में कर सकती है।

किसे मिलेगा महिला सम्मान योजना का लाभ

>> इस स्कीम का लाभ आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को दिया जाएगा।

>> 2500 रुपये की इस राशि को सीधे महिलाओं के खाते में ट्रांसफर किया जाएगा।

किसे नहीं मिलेगा योजना का लाभ

>> वे महिलाएं जो सरकारी नौकरी करती हैं उन्हें इस स्कीम का लाभ नहीं मिलेगा।

>> वे महिलाएं जो इनकम टैक्स का रिटर्न दाखिल करती हैं। उन्हें भी इस इस स्कीम का लाभ नहीं दिया जाएगा।

>> जो महिलाएं पेंशन का लाभ ले रही हैं वे भी इस स्कीम के लाभ से वंचित रह सकती हैं।

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पूर्व सेबी प्रमुख माधबी बुच और अन्य पांच के खिलाफ जांच के आदेश

स्टॉक मार्केट से जुड़े फ्रॉड के मामले में पूर्व सेबी अध्यक्ष माधबी बुच पर एक्शन की तलवार लटक गई है। मुंबई की एक स्पेशल कोर्ट ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को शेयर बाजार में कथित धोखाधड़ी और विनियामक उल्लंघन के मामले में माधबी बुच सहित पांच अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है। स्पेशल एसीबी कोर्ट के न्यायाधीश शशिकांत एकनाथराव बांगर ने पारित आदेश में कहा कि प्रथम दृष्टया विनियामक चूक और मिलीभगत के सबूत हैं, जिसकी निष्पक्ष और निष्पक्ष जांच की जरूरत है।

30 दिनों के भीतर स्टेटस रिपोर्ट मांगी

खबर के मुताबिक, स्पेशल कोर्ट ने कहा कि वह जांच की निगरानी करेगी और 30 दिनों के भीतर (मामले की) स्थिति रिपोर्ट मांगी है। आदेश में कोर्ट ने यह भी कहा है कि आरोपों में एक संज्ञेय अपराध का खुलासा होता है, जिसकी जांच जरूरी है। कानून प्रवर्तन (एजेंसियों) और भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की निष्क्रियता के कारण सीआरपीसी (आपराधिक प्रक्रिया संहिता) के प्रावधानों के तहत न्यायिक हस्तक्षेप की आवश्यकता है। बता दें शिकायतकर्ता, ने प्रस्तावित आरोपियों द्वारा किए गए कथित अपराधों की जांच की मांग की थी। जिसमें बड़े पैमाने पर वित्तीय धोखाधड़ी, विनियामक उल्लंघन और भ्रष्टाचार शामिल है।

धोखाधड़ी पूर्ण लिस्टिंग से भी जुड़ा है मामला

आरोप नियामक प्राधिकरणों, खासतौर से सेबी की सक्रिय मिलीभगत से स्टॉक एक्सचेंज में एक कंपनी की धोखाधड़ी पूर्ण लिस्टिंग से संबंधित हैं। जिसमें सेबी अधिनियम, 1992 और उसके तहत नियमों और विनियमों का अनुपालन नहीं किया गया। शिकायतकर्ता ने दावा किया कि सेबी के अधिकारी अपने वैधानिक कर्तव्य में विफल रहे। बाजार में हेरफेर की सुविधा प्रदान की, और तय मानदंडों को पूरा नहीं करने वाली कंपनी की लिस्टिंग की अनुमति देकर कॉर्पोरेट धोखाधड़ी को सक्षम बनाया। शिकायतकर्ता का कहना है कि कई मौकों पर पुलिस स्टेशन और संबंधित नियामक निकायों से संपर्क करने के बावजूद उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की है।

पूर्व सेबी प्रमुख माधबी बुच पर ही लग गए आरोप

स्पेशल कोर्ट ने रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री पर विचार करने के बाद एसीबी वर्ली, मुंबई क्षेत्र को आईपीसी, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, सेबी अधिनियम और अन्य लागू कानूनों के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया। भारत की पहली महिला सेबी प्रमुख बुच, जिन पर अमेरिका स्थित शॉर्ट – सेलर हिंडनबर्ग द्वारा हितों के टकराव के आरोप और उसके बाद राजनीतिक गर्मी का सामना करना पड़ा। माधबी बुच बीते शुक्रवार को अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा कर लिया।

read more  :   विदेशी निवेशकों का खजाना हुआ खाली या फिर कुछ बचा ?

विदेशी निवेशकों का खजाना हुआ खाली या फिर कुछ बचा ?

विदेशी निवेशक इस बार कुछ अलग ही मूड में लग रहे हैं। तमाम अटकलों को खारिज करते हुए विदेशी निवेशक लगातार बिकवाली कर रहे हैं। आपको बता दें कि एक बार फिर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने फरवरी में भारतीय शेयर बाजारों से 34,574 करोड़ रुपये निकाले हैं। इस तरह 2025 के पहले दो माह में एफपीआई की कुल निकासी 1.12 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई है।

वैश्विक व्यापार तथा कंपनियों की आय को लेकर चिंता के बीच एफपीआई लगातार बिकवाल बने हुए हैं। विदेशी निवेशकों की ओर से बड़ी बिकवाली से शेयर बाजार औंधे मुंह गिर गया है। पिछले सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 2,112.96 अंक या 2.80 प्रतिशत नीचे आया है। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 671.2 अंक या 2.94 प्रतिशत टूटा है।

चीन के शेयरों में लगा रहे हैं पैसा

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि भारत में ऊंचे मूल्यांकन की वजह से एफपीआई बिकवाली कर रहे हैं। वे अपना पैसा चीन के शेयरों में लगा रहे हैं, जहां मूल्यांकन कम है। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन इस प्रक्रिया में, वे आकर्षक मूल्यांकन वाले सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले क्षेत्रों में बिक्री कर रहे हैं।’’ एफपीआई की बिकवाली में एक महत्वपूर्ण विरोधाभास यह है कि वे वित्तीय सेवाओं में भारी मात्रा में बिकवाली कर रहे हैं, जबकि यह क्षेत्र अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और इसका मूल्यांकन आकर्षक है। इसके अलावा वे ऋण या बॉन्ड बाजार से भी पैसा निकाल रहे हैं। समीक्षाधीन अवधि में उन्होंने बॉन्ड बाजार से सामान्य सीमा के तहत 8,932 करोड़ रुपये और स्वैच्छिक प्रतिधारण मार्ग से 2,666 करोड़ रुपये निकाले हैं।

विदेशी निवेशकों को सता रहा डर

भारतीय शेयरों के ऊंचे मूल्यांकन और कॉरपोरेट आय में वृद्धि को लेकर चिंताओं के कारण एफपीआई लगातार निकासी कर रहे हैं।’’ डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने फरवरी में भारतीय शेयरों से 34,574 करोड़ रुपये निकाले हैं। इससे पहले जनवरी में एफपीआई ने 78,027 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे। इस तरह 2025 के पहले दो माह में एफपीआई 1,12,601 करोड़ रुपये की निकासी कर चुके हैं। बाजार की हालिया बिकवाली की मुख्य वजह अमेरिका में बॉन्ड प्रतिफल में बढ़ोतरी, अमेरिकी डॉलर में मजबूती और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं हैं। इससे निवेशकों का ध्यान अमेरिकी परिसंपत्तियों की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में कंपनियों के नतीजे कमजोर रहे हैं जो अनिश्चितता के माहौल को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि जिंस कीमतों में गिरावट और उपभोक्ता खर्च में कमी से यह समस्या और बढ़ गई है।

एफपीआई का निवेश हुआ काफी कम

एफपीआई का 2024 में भारतीय बाजार में निवेश काफी कम होकर 427 करोड़ रुपये रहा था। इससे पहले 2023 में उन्होंने भारतीय बाजार में 1.71 लाख करोड़ रुपये डाले थे, जबकि 2022 में वैश्विक केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में आक्रामक वृद्धि के बीच 1.21 लाख करोड़ रुपये की निकासी की थी।

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15 साल पुराने वाहनों को अब नहीं मिलेगा ईंधन, तारीख भी तय

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि 31 मार्च के बाद राष्ट्रीय राजधानी के पेट्रोल पंप पर 15 वर्ष से अधिक पुराने वाहनों को पेट्रोल देना बंद कर दिया जाएगा। राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण से निपटने के उपायों पर चर्चा के लिए अधिकारियों के साथ बैठक के बाद, सिरसा ने कहा कि सरकार वाहनों से होने वाले उत्सर्जन और प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए कड़े कदम उठा रही है। बैठक में प्रमुख नीतिगत निर्णयों पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिसमें पुराने वाहनों पर प्रतिबंध, अनिवार्य ‘एंटी-स्मॉग’ उपाय और इलेक्ट्रिक सार्वजनिक परिवहन को अपनाना शामिल हैं।

क्लाउड सीडिंग का लिया जाएगा सहारा

वही ये घोषणाएं वायु प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार के व्यापक प्रयासों के हिस्से के रूप में की गई हैं। उन्होंने कहा कि हमने आज फैसला किया है कि क्लाउड सीडिंग के लिए हमें जो भी अनुमति चाहिए, हम लेंगे और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि जब दिल्ली में गंभीर प्रदूषण हो, तो क्लाउड सीड़िग के जरिए बारिश कराई जा सके और प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके।

https://x.com/ani_digital/status/1895803134666240424

15 साल से पुराने वाहनों की पहचान करेंगे – मनजिंदर सिंह सिरसा

मनजिंदर सिंह सिरसा ने बैठक के बाद कहा, ‘‘हम पेट्रोल पंप पर ऐसे उपकरण लगा रहे हैं, जो 15 साल से पुराने वाहनों की पहचान करेंगे और उन्हें ईंधन नहीं दिया जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार इस निर्णय के बारे में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय को सूचित करेगी। पुराने वाहनों को ईंधन की आपूर्ति प्रतिबंधित करने के अलावा, सिरसा ने घोषणा की कि राष्ट्रीय राजधानी में सभी ऊंची इमारतों, होटलों और वाणिज्यिक परिसरों में वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए ‘एंटी-स्मॉग गन’ लगाना अनिवार्य होगा।

इसके अलावा, उन्होंने कहा कि दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन की लगभग 90 प्रतिशत सीएनजी बसों को दिसंबर 2025 तक हटा दिया जाएगा और उनकी जगह इलेक्ट्रिक बसों का परिचालन किया जाएगा, जो स्वच्छ और टिकाऊ सार्वजनिक परिवहन की दिशा में सरकार के प्रयास का हिस्सा है।

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₹2000 के इतने प्रतिशत नोट अब भी हैं लोगों के पास, क्या आपके पास भी……..

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शनिवार को अपने लेटेस्ट आंकडों में बताया कि अभी भी 2000 रुपये के काफी नोट लोगों के पास मौजूद हैं। केंद्रीय बैंक ने जानकारी देते हुए बताया कि 2000 रुपये के 98. 18 प्रतिशत नोट बैंकिंग सिस्टम में वापस आ गए हैं। सिर्फ 6,471 करोड़ रुपये मूल्य के ऐसे नोट अब भी जनता के पास हैं। पीटीआई की खबर के मुताबिक, आरबीआई ने कहा कि प्रचलन में 2000 रुपये के नोटों का कुल मूल्य, जो 19 मई, 2023 को कारोबार की समाप्ति पर 3. 56 लाख करोड़ रुपये था, 28 फरवरी, 2025 को कारोबार की समाप्ति पर घटकर 6,471 करोड़ रुपये रह गया।

नोट वैध मुद्रा बने रहेंगे

9 अक्टूबर, 2023 से, आरबीआई रीजनल ऑफिस भी व्यक्तियों और संस्थाओं से उनके बैंक खातों में जमा करने के लिए 2000 रुपये के बैंक नोट स्वीकार कर रहे हैं। साथ ही, आम लोग देश के किसी भी पोस्ट ऑफिस से भारतीय डाक के जरिये 2000 रुपये के बैंक नोट आरबीआई के किसी भी रीजनल ऑफिस में अपने बैंक खातों में जमा करने के लिए भेज सकते हैं। 2000 रुपये के बैंक नोट वैध मुद्रा बने रहेंगे। इससे पहले फरवरी की शुरुआत में चलन से हटाए जा चुके 2000 रुपये के 98.15 प्रतिशत नोट बैंकिंग प्रणाली में वापस आ चुके थे और तब सिर्फ 6,577 करोड़ रुपये के ऐसे नोट ही लोगों के पास मौजूद थे। करीब एक महीने में आज इन आंकड़ों में मामूली बदलाव ही देखने को मिले हैं।

₹2000 के नोट कर सकते हैं वापस

आपको बता दें, 19 मई, 2023 को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 2000 रुपये के नोटों को प्रचलन से वापस लेने की घोषणा की। आरबीआई ने एक बयान में कहा कि इस प्रकार, 19 मई, 2023 तक प्रचलन में 2000 रुपये के 98. 18 प्रतिशत नोट वापस आ गए हैं। 2000 रुपये के नोट जमा करने और/या बदलने की सुविधा 7 अक्टूबर, 2023 तक सभी बैंक शाखाओं में उपलब्ध थी। हालांकि, यह सुविधा अभी भी रिजर्व बैंक के 19 निर्गम कार्यालयों (रीजनल ऑफिस) में उपलब्ध है।

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अब भोपाल में आम आदमी पार्टी के ऑफिस में लगा ताला

दिल्ली का चुनाव हारने के बाद भी आम आदमी पार्टी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। एक तरफ जहां पार्टी पर कई आरोप लग रहे हैं और इन सबसे बीच भोपाल से भी बुरी खबर है। दिल्ली चुनाव के बाद मध्य प्रदेश में भी असर दिख रहा है। भोपाल में आम आदमी पार्टी के ऑफिस में ताला लग गया है। इसकी वजह सुनकर आप हैरान जरूर होंगे। जानकारी के मुताबिक, भोपाल आम आदमी पार्टी के सुभाष कार्यालय का किराया नहीं देने पर मकान मालिक ने ऑफिस में ताला लगा दिया है। मकान मालिक का कहना है कि पिछले दो महीने से किराया नहीं मिल रहा था, इसी वजह से उसने ऑफिस में ताला जड़ दिया है।

मकान मालिक ने लगाया आरोप

मकान मालिक ने बताया कि मेरे घर का किराया पिछले 2 महीने का किराया पचास हजार रुपया बकाया था, किराया नहीं दिया जा रहा था इसीलिए अब हमने ताला जड़ दिया है। आप का ऑफिस मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में सुभाष नगर में स्थित है। इसी ऑफिस में कई साल से आप का ऑफिस चल रहा था। मकान मालिक विवेक गंगलानी ने बताया कि पार्टी के कार्यालय में चल रही गतिविधियों से मुझे आपत्ति है। उन्होंने बताया कि ऑफिस में शराब की पेटियां आती थीं। उन लोगों ने किराया और बिजली का बिल जमा नहीं किया। में तो पुलिस में शिकायत करूंगा।

गलतफहमी हो गई – आम आदमी पार्टी 

मध्य प्रदेश में सिंगरौली की महापौर रानी अग्रवाल आम आदमी पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष हैं। रानी अग्रवाल ने निकाय चुनाव में आप के टिकट पर महापौर का चुनाव जीता था। ये सवाल उठने पर उन्होंने मीडिया से बातचीत की और कहा कि ये सब कुछ गलतफहमी के कारण हो रहा है। मैं पांच मार्च को वहां बैठक करूंगी और फिर उसके बाद मीडिया से भी बात करूंगी।

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