साजिश के तहत हुआ हैं दिल्ली दंगा, दिल्ली HC ने कहा है कि-सब कुछ पूर्व नियोजित था

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Delhi riots happened under conspiracy: Delhi High Court has said that everything was pre-planned

डिजिटल डेस्क : दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में 2020 में हुए दंगे पूर्व नियोजित थे। घटना के बाद अचानक से हिंसा नहीं भड़की। अदालत ने मामले के एक आरोपी को जमानत देने से इनकार करते हुए यह बात कही।

कोर्ट ने कहा कि कोर्ट में पेश किए गए वीडियो फुटेज में प्रदर्शनकारियों का व्यवहार साफ देखा जा सकता है। सामान्य जनजीवन को अस्त-व्यस्त करने के लिए सरकार के साथ-साथ शहर के लोगों ने भी दंगों का आयोजन किया था। अदालत ने कहा कि सीसीटीवी कैमरों को नष्ट करने से शहर में कानून व्यवस्था को बाधित करने की पूर्व नियोजित साजिश का भी सबूत मिलता है।

जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने आरोपी मोहम्मद इब्राहिम की जमानत याचिका खारिज कर दी, जिसे दिसंबर में गिरफ्तार किया गया था। कोर्ट ने कहा कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता का इस्तेमाल सभ्य समाज के ढांचे को खतरे में डालने के लिए नहीं किया जा सकता है। सीसीटीवी क्लिप में इब्राहिम भीड़ को तलवार से धमकाते नजर आ रहे हैं।

मामला उत्तर-पूर्वी दिल्ली के चांदबाग में दंगों के दौरान पुलिसकर्मियों पर हुए हमले से जुड़ा है। हिंसा के दौरान हेड कांस्टेबल रतन लाल की सिर में चोट लगने से मौत हो गई और एक अन्य अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गया।

दिल्ली की एक अदालत ने इसी महीने दिल्ली दंगों के लिए पुलिस को फटकार लगाई थी। अदालत ने कहा कि विभाजन के बाद से सबसे भीषण दंगों की जांच, जैसा कि दिल्ली पुलिस ने किया है, दुखद है। यह जांच असंवेदनशील और निष्क्रिय साबित हुई है।

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इसके अलावा उत्तर-पूर्वी दिल्ली के चांदबाग, खजूरी खास, बाबरपुर, जाफराबाद, सिलमपुर, प्रधान वजीराबाद रोड, करवल नगर, शिव बिहार और ब्रह्मपुरी में भी हिंसा हुई। दंगों के दौरान अभी भी दोनों समुदायों के बीच दंगे, आगजनी और तोड़फोड़ के संकेत हैं। दंगों के बाद कुछ लोग सरकारी और निजी मदद से पटरी पर लौट आए। लेकिन कुछ लोग अभी भी अपना काम पूरी तरह से शुरू नहीं कर पा रहे हैं।