भारत बायोटेक की नाक के रास्ते दी जाने वाली कोरोना वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए डीसीजीआई की मंजूरी मिल गई है। कोरोना महामारी के खिलाफ भारत को एक और सफलता मिली है। देश की पहली नेजल वैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिल गई है। माना जा रहा है कि इससे भारत में कोरोना के खिलाफ जंग को एक नई मजबूती मिलेगी। बता दें कि भारत ने अभी तक 100 करोड़ कोरोना टीकाकरण करके एक रिकॉर्ड कायम किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया कि भारत बायोटेक द्वारा कोरोना के लिए बनाई गई देश की पहली नेजल वैक्सीन को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दे दी है।
यह भारत का कोरोना -19 वायरस के लिए पहला नाक से दिया जाने वाला टीका होगा। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने इसे लेकर खुशी जताई है। उन्होंने इसे कोरोना महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई के लिए एक बड़ा कदम बताया। उन्होंने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा कि COVID-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई में बड़ा कदम ! भारत बायोटेक की ChAd36-SARS-CoV-S COVID-19 (चिंपांज़ी एडेनोवायरस वेक्टरेड) नेजल वैक्सीन को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन द्वारा कोरोना महामारी के खिलाफ आपातकालीन स्थिति में प्रतिबंधित उपयोग के लिए 18 साल से ज्यादा के लोगो के लिए प्राथमिक टीकाकरण के लिए मंजूरी दे दी गई है।
कोरोना महामारी से तेज होगी लड़ाई
स्वास्थ्य मंत्री ने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि नाक से दी जाने वाली कोरोना वैक्सीन के आने के बाद भारत कोरोना महामारी से और बेहतर ढंग से मुकाबला कर पाएगा। डॉ. मंडाविया ने लिखा कि भारत ने भारत ने पीएम मोदी के नेतृत्व में कोविड 19 से लड़ाई के खिलाफ विज्ञान, शोध और अपने संसाधनों का बखूबी इस्तेमाल किया। इस वैज्ञानिक अप्रोच और सबके प्रयास से भारत कोरोना को पूरी तरह से हराने में कामयाब होगा।
कैसे काम करती है नेजल वैक्सीन ?
नेजल स्प्रे वैक्सीन को इंजेक्शन की बजाय नाक से दिया जाता है। यह नाक के अंदरुनी हिस्सों में इम्यून तैयार करती है। इसे ज्यादा कारगर इसलिए भी माना जाता है क्योंकि कोरोना समेत हवा से फैलने वाली अधिकांश बीमारियों के संक्रमण का रूट प्रमुख रूप से नाक ही होता है और उसके अंदरूनी हिस्सों में इम्युनिटी तैयार होने से ऐसे बीमारियों को रोकने में ज्यादा असरदार साबित होती है।
नेजल वैक्सीन के फायदे
. इंजेक्शन से छूटकारा
. नाक के अंदरुनी हिस्सों में इम्यून तैयार होने से सांस से संक्रमण होने का खतरा घटेगा
. इंजेक्शन से छुटकारा होने के कारण हेल्थवर्कर्स को ट्रेनिंग की जरूरत नहीं
. बच्चों का टीकाकरण करना आसान होगा
. उत्पादन आसान होने से दुनियाभर में डिमांड के अनुरूप उत्पादन और सप्लाई संभव
read more :बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना अपने चार दिनों के भारत दौरे पर