Tuesday, September 17, 2024
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ओमीक्रोन के खौफ और निराशा के बीच आपके लिये हैं ये तीन गुड न्यूज

नई दिल्लीः चिंता, अनिश्चितता और निराशा भरा मौहाल है। कोरोना की टेंशन कम हो रही थी, लोग वापस अपनी जिंदगी की गाड़ी को पटरी पर ले जाने की कोशिश कर रहे थे कि ओमीक्रोन आ गया। भारत में भले ही ओमीक्रोन के मरीज 200 से कम हों, पर यूके में विकराल स्थिति आने वाले दिनों में खतरे की आहट दे रही है। एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने भी चेतावनी दी है कि हमें अलर्ट रहना होगा। ऐसे माहौल में कुछ अच्छी खबरें भी मिल रही हैं। आइए 3 ऐसी बातें जानते हैं जो ओमीक्रोन के खौफ के बीच नई उम्मीद जगा रही हैं।

वैक्सीन लगवाने पर भी हुए पॉजिटिव तो…कोरोना वैक्‍सीन लगवाने के बाद भी लोग पॉजिट‍िव हो रहे हैं। एक अमेरिकी शोध में बताया गया है कि जिन लोगों ने कोरोना वैक्‍सीन की दोनों डोज लगवा ली है और उसके बाद भी वे संक्रमित हो रहे हैं तो उनके अंदर ‘सुपर इम्‍युनिटी’ आ जा रही है। इन मामलों में एंटीबॉडी का स्‍तर 1000 प्रतिशत से लेकर 2000 प्रतिशत तक बढ़ रहा है। ओरगन हेल्‍थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी में 26 लोगों पर किए गए शोध में यह निकलकर सामने आया है। ये लोग कोरोना वैक्‍सीन लगवाए थे और उन्‍हें कभी भी कोरोना वायरस संक्रमण नहीं हुआ था। इस ग्रुप में एंटीबॉडी का स्‍तर बहुत ज्‍यादा बढ़ गया।

ओमीक्रोन को लेकर दक्षिण अफ्रीका से अच्छी खबर है। डेटा बताते हैं कि लोग इस संक्रमण से ज्यादा गंभीर नहीं हो रहे हैं, कुछ लोगों को ही अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है और बहुत कम संख्या में लोगों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी है। यह ऐसे समय में है जब देश के ज्यादातर लोगों को वैक्सीन अभी पूरी तरह से लगी नहीं है। उद्योगपति हर्ष गोयनका ने इससे संबंधित खबर शेयर करते हुए लिखा कि इसका मतलब यह नहीं है कि हम लापरवाह हो जाएं लेकिन हमें पैनिक नहीं करना है। रिपोर्ट बताती है कि जितनी तेजी से यहां ओमीक्रोन के मामले बढ़े उस अनुपात में अस्पताल में भर्ती होना और मौतें नहीं हुईं, जो राहत की बात है। ओमीक्रोन वैरिएंट दक्षिण अफ्रीका में पहली बार सामने आया था। अब तक दुनिया के 90 देशों में यह वैरिएंट फैल चुका है और भारत में सोमवार सुबह तक इसके 157 मामले सामने आ चुके हैं।

पैनडेमिक से एनडेमिकरिसर्चरों की मानें तो अगर ओमीक्रोन वैरिएंट के मौजूदा प्रसार की तरह ही हालात बने रहते हैं तो आने वाले वर्षों में सार्स-कोव2 वायरस फ्लू और कॉमन कोल्ड की तरह एनडेमिक डिसीज बनकर रह जाएगा। एक्सपर्ट का कहना है कि जब वायरस ज्यादा फैलता है लेकिन गंभीरता कम देखी जाती है तो ऐसा कहा जा सकता है कि यह एपिडेमिक (महामारी) से एनडेमिक स्टेज की तरफ बढ़ रहा है। SARS-CoV-2 के ओमीक्रोन वैरिएंट के केस में स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि यह वायरस पहले के डेल्टा वैरिएंट से ज्यादा संक्रामक है लेकिन इसकी चपेट में आने वालों को ज्यादा खतरा नहीं है।

हालांकि इन राहत भरे संकेतों के बाद भी लोगों को अपने स्तर पर अलर्ट रहने की जरूरत है। इसका मतलब यह कतई नहीं कि हम लापरवाह हो जाएं क्योंकि व्यक्ति के पॉजिटिव होने के बाद की स्थिति कई कारकों पर निर्भर करती है।

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