एस्ट्रो डेस्क : हमारे जीवन में ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति का विशेष महत्व है। समय के साथ परिस्थितियाँ बदलती रहती हैं, इसी के अनुसार व्यक्ति के जीवन में भी उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। ज्योतिष में राहु-केतु को छाया ग्रह माना गया है। किसी भी कुंडली में राहु और केतु के कारण काल सर्प दोष बनता है।ऐसा माना जाता है कि यदि राहु-केतु की स्थिति किसी व्यक्ति के पक्ष में न हो तो उसका जीवन नरक बन जाता है। हर काम में रुकावटें आती हैं। जीवन में तनाव इतना बढ़ जाता है कि स्थितियों को सामान्य करना मुश्किल हो जाता है। यही कारण है कि राहु-केतु के नाम से लोग घबराते हैं। अगर आप भी राहु और केतु के अशुभ प्रयासों से परेशान हैं तो यहां कुछ उपाय बताए जा रहे हैं जो आपको इस स्थिति से राहत दिलाने में मदद करेंगे।
राहु की अशुभ स्थिति से बचने के लिए
- यदि आपके जीवन में राहु की अशुभ स्थिति है तो आपको नियमित रूप से शिवलिंग का जलाभिषेक करना चाहिए। साथ ही उनके मंत्र Om नमः शिवाय का जाप करना चाहिए। आप प्रतिदिन शिवलिंग के सामने बैठकर शिव चालीसा का पाठ कर सकते हैं। भगवान शिव की पूजा करने से राहु के प्रभाव में कमी आती है।
- यदि आपकी कुंडली में राहु से संबंधित दोष हैं और इसके कारण आप सभी प्रकार की समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो आपको किसी पंडित की सलाह से गोमेद युक्त राहु यंत्र धारण करना चाहिए। इससे राहु का प्रभाव भी कम होता है।
- राहु की परेशानी से बचने के लिए उड़द, गर्म कपड़े, सरसों, काले फूल, सरसों आदि का दान करें। शनिवार को अपनी क्षमता के अनुसार। इसके अलावा रोजाना सुबह तुलसी के पत्तों को पानी के साथ सेवन करें।
- राहु की शांति के लिए प्रतिदिन एक माला ‘m भ्रां भ्रां भ्रां भ्रां सहः राहे नमः’ मंत्र का जाप करें। इससे काफी राहत भी मिल सकती है।
केतु के अशुभ प्रभाव से बचने के उपाय
- केतु से जुड़े अशुभ प्रभावों से बचने के लिए आपको केतु के बीज मंत्र ‘ओम शं श्रीं संरोंः केतवे नमः’ का जाप करना चाहिए।
- अगर आप घर में चितकबरा कुत्ता या चितकबरे रंग की गाय रख सकते हैं तो यह बहुत अच्छा है। अगर आपके आस-पास चितकबरा कुत्ता या चितकबरे रंग की गाय है तो उसकी सेवा जरूर करें।
- तिल, झंडा, काजल, गर्म वस्त्र, सतंजा, मूली आदि का दान करें। केतु की स्थिति से छुटकारा पाने के लिए भी इसे अच्छा माना जाता है। रविवार के दिन अपनी क्षमता के अनुसार दान करें।
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