Thursday, October 9, 2025
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योगी की तारीफ,अखिलेश पर हमला, मायावती ने लखनऊ रैली में दिखाई ताकत

बसपा संस्थापक कांशीराम की पुण्य तिथि के अवसर पर पार्टी प्रमुख मायावती ने लखनऊ में बड़ी रैली की। ये रैली लखनऊ के कांशीराम स्मारक में हुई। रैली को संबोधित करते हुए मायावती ने बीजेपी, कांग्रेस और सपा पर जमकर निशाना साधा। रैली में मायावती ने ऐलान किया कि उनकी पार्टी बसपा 2027 में होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी से गठबंधन नहीं करेगी। मायावती ने कहा कि गठबंधन करने से हमेशा ही उनकी पार्टी को नुकसान हुआ है।

बसपा अब किसी से नहीं करेगी गठबंधन

मायावती ने कहा कि यूपी विधानसभा चुनाव अकेले ही लड़ेगी। बसपा किसी से गठबंधन नहीं करेगी। यूपी या देश के दूसरे हिस्से में हमारी पार्टी ने गठबंधन में लड़ा कोई फायदा नहीं हुआ। हमारा वोट तो ट्रान्सफर हो जाता है लेकिन दूसरी पार्टी हमे वोट ट्रांसफर नहीं होता। हमारा वोट प्रतिशत कम होता है। गठबंधन में सरकार बनती है तो ज़्यादा दिन नहीं चल पाती है। एक बार कांग्रेस, एक बार सपा के साथ विधानसभा चुनाव लड़ा 67 ही सीट जीत पाये। अकेले हमने 2007 में बहुमत की सरकार बनाई।

मायावती ने की योगी सरकार की तारीफ

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि जब उत्तर प्रदेश में हमारी सरकार थी और मान्यवर कांशीराम के आदर-सम्मान में यह स्मारक स्थल बनाया गया था तो उसी समय हमारी सरकार ने ये व्यवस्था की थी कि हम लोग यहां आने वालों से टिकट लेंगे। जिसका पैसा लखनऊ में बनाए गए स्मारक और पार्कों के रख-रखाव में इस्तेमाल किया जाएगा लेकिन दुख की बात यह है कि वर्तमान भाजपा की सरकार से पहले यहां सपा की सरकार थी तो सपा सरकार ने उस टिकट के पैसे को दबाकर रखा… हालत बहुत जर्जर हो चुकी थी।

मैंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को लिखित चिट्ठी के जरिए कहा और आग्रह किया कि टिकटों के पैसे को रखरखाव पर लगाया जाए। उत्तर प्रदेश की वर्तमान भाजपा सरकार ने इस मामले को संज्ञान में लेकर हमसे वादा किया कि जो भी पैसा टिकटों के जरिए आता है वह इन स्थलों के रखरखाव के लिए लगाया जाएगा। मायावती ने कहा कि मैं राज्य सरकार की आभारी हूं कि कांशीराम स्मारक की मरम्मत कराई। टिकट के पैसे अपने पास नहीं रखा। टिकट के पैसे से मरम्मत कराई।

अखिलेश यादव पर मायावती ने साधा निशाना

अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए मायावती ने कहा कि भाजपा सरकार के पहले जब सपा सरकार थी तो सपा सरकार ने पैसा दबा कर रखा था। सभी स्मारकों को बुरा हाल था। सब पैसा दबा कर रखा। तब सपा सरकार में मुख्यमंत्री को चिट्ठी भी लिखी थी की टिकट के पैसे से स्मारक के रखरखाव करे लेकिन कुछ नहीं किया। अब सत्ता से बाहर हैं तो काशीराम की पुण्यतिथि पर गोष्ठी करेंगे। जब सरकार में रहते हैं तो पीड़ीए नहीं याद आता।

मायावती ने कहा कि मैं अखिलेश यादव से पूछना चाहती हूं कि जब उनकी सरकार थी तो कांशीराम के नाम पर नगर, यूनिवर्सिटी के नाम क्यों बदले? सत्ता में नहीं रहते हैं तो महापुरुष और पीडीए याद आता है। कांशीराम स्मारक की मरम्मत नहीं होने के वजह से यहां पुष्प नहीं अर्पित नहीं कर पा रहे थे लेकिन अब मरम्मत हो गई। पहले से ज़्यादा भीड़ आई है।

सपा पर गुमराह करने का लगाया आरोप

रैली को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा कि समाजवादी पार्टी अपनी राजनीति के स्वार्थ में पीड़ीए की बात करके लोगों को गुमराह कर रही है। जब सपा सरकार थी तो आरक्षण में पक्षपात किया। सपा सरकार ने माफिया गुंडों को बढ़ावा दिया, कानून व्यवस्था खराब कर दी। वही आज़म ख़ान का नाम लिए बिना मायावती ने कहा कि पिछले महीने से अफवाह फैलाना शुरू कर दिया था कि दूसरे दल से फलाना बसपा में आ रहे हैं और दिल्ली लखनऊ में मायावती से मिले हैं। मैं तो किसी से नहीं मिली मैं छुप कर किसी से नहीं मिलती।

बीजेपी और कांग्रेस पर मायावती ने साधा निशाना

मायावती ने बीजेपी और कांग्रेस पर भी निशाना साधा। उन्होंने कही कि बीजेपी सरकार में भी वही स्थिति है। यूपी में कांग्रेस की सरकारों ने दलितों के लिए कुछ नहीं किया। अब इनके संविधान को हाथ में लेकर नाटक करते रहते है। कांग्रेस ने कभी भी बाबा साहब अंबेडकर और कांशीराम को सम्मान नहीं दिया। मायावती ने कहा कि बीजेपी सरकार भी दलितों के लिए झूठे वादे करती है। इसलिए बसपा को मज़बूत बनाकर केंद्र और प्रदेश में सत्ता में वापस लाइए। दूसरे राज्यों में जहां चुनाव है वहां भी बसपा को मज़बूत कीजिए। यूपी में तो फिर से बसपा की बहुमत की सरकार बनाना बहुत ज़रूरी है।

बसपा को कमजोर करने की हो रही साजिश

बसपा प्रमुख ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में भी बसपा को मज़बूत करें। अब पूरे देश में बसपा को कमजोर करने के लिए नया षड्यंत्र हो रहा है। कुछ लोगों ने दलित समाज से स्वार्थी और बिकाऊ लोगों का इस्तेमाल करके संगठन बना दिए हैं, जिससे बसपा कमजोर हो। आपको ऐसे लोगों को वोट देकर अपना वोट ख़राब नहीं करना है। बसपा को वोट करें जिससे यूपी में बसपा फिर सरकार बना सके।

आकाश आनंद को लेकर कहा…..

बसपा प्रमुख ने मायावती ने अपने भतीजे को लेकर कहा कि आकाश आनंद भी पार्टी से जुड़ गए हैं। ये अच्छी बात है। जैसे पार्टी के लोग मेरे साथ खड़े रहे हैं। वैसे ही आप पार्टी के लोग आकाश आनंद के साथ खड़े रहेंगे। आनंद कुमार ने भी बहुत काम किया है साथ ही मायावती ने कहा कि सभी धर्म का सम्मान करना चाहिए। सदियों से चली आ रही परंपराओं का ध्यान रखना चाहिए लेकिन आई लव कैंपेन भी नहीं होनी चाहिए।

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नवी मुंबई एयरपोर्ट एशिया का सबसे बड़ा कनेक्टिविटी हब बनेगा – पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के सबसे आधुनिक और पर्यावरण अनुकूल हवाई अड्डों में शुमार नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पहले चरण का उद्घाटन किया। यह परियोजना देश के सबसे बड़े ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट्स में से एक है, जो आने वाले वर्षों में भारत की विमानन उद्योग को पूरी तरह बदलकर नया रूप देगी। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि नवी मुंबई एयरपोर्ट एशिया का सबसे बड़ा कनेक्टिविटी हब बनेगा। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज मुंबई का लंबे समय से चला आ रहा इंतजार समाप्त हो गया। अब मुंबई को अपना दूसरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा प्राप्त हो गया है। यह हवाई अड्डा इस क्षेत्र को एशिया का सबसे बड़ा कनेक्टिविटी केंद्र बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

उन्होंने आगे कहा कि आज मुंबई को पूर्णतः भूमिगत मेट्रो सुविधा भी मिल गई है। इससे शहर में यातायात और सुगम होगा तथा लोगों का समय भी बचेगा। यह भूमिगत मेट्रो उभरते भारत का एक जीवंत प्रतीक है। मुंबई जैसे हलचल भरे शहर में, भूमि के नीचे तथा ऐतिहासिक भवनों को सुरक्षित रखते हुए इस शानदार मेट्रो का निर्माण किया गया है। मैं इससे जुड़े सभी श्रमिकों और अभियंताओं को हार्दिक बधाई देता हूं।

देश में एयरपोर्ट की संख्या 160 के पार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि जब सपनों को साकार करने का दृढ़ संकल्प हो तथा देशवासियों तक तेजी से विकास का लाभ पहुंचाने की मजबूत इच्छाशक्ति हो, तो परिणाम अवश्य प्राप्त होते हैं। हमारी विमानन सेवा और इससे संबंधित उद्योग इसका प्रमुख उदाहरण हैं। आपको याद होगा कि वर्ष 2014 में जब देश ने मुझे यह जिम्मेदारी सौंपी, तब मैंने कहा था कि मेरा सपना है कि चप्पल पहनने वाला व्यक्ति भी हवाई यात्रा कर सके। इस सपने को वास्तविकता में बदलने के लिए देश में नए-नए हवाई अड्डों का निर्माण आवश्यक था। हमारी सरकार ने इस लक्ष्य पर तत्परता से कार्य प्रारंभ किया। पिछले 11 वर्षों में देश में एक के बाद एक हवाई अड्डे विकसित होते रहे। वर्ष 2014 में हमारे देश में मात्र 74 हवाई अड्डे थे, जबकि आज भारत में हवाई अड्डों की संख्या 160 से अधिक हो चुकी है।

राष्ट्रनीति ही राजनीति का आधार – पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा-हम उन संस्कारों में पले-बड़े हैं, जहां राष्ट्रनीति ही राजनीति का आधार है। हमारे लिए इंफ्रास्ट्रक्चर पर लगने वाला एक-एक पैसा देशवासियों की सुविधा और सामर्थ्य को बढ़ाने का माध्यम है लेकिन दूसरी तरफ देश में एक ऐसी राजनीतिक धारा भी रही है जो जनता की सुविधा नहीं, सत्ता की सुविधा को ऊपर रखती है। यह वे लोग हैं जो विकास के काम में रुकावट डालते हैं, घोटाले-घपले करके विकास के काम को पटरी से उतार देते हैं। आज जिस मेट्रो लाइन का लोकार्पण हुआ है, यह उन लोगों के कारनामों की याद भी दिलाता है।

मैं इसके भूमिपूजन में शामिल हुआ था। तब मुंबई के लाखों परिवारों में आशा जगी थी कि उनकी कठिनाइयां कम होंगी, लेकिन उसके बाद आई सरकार ने इस परियोजना को ही ठप कर दिया। उन्हें सत्ता प्राप्त हुई, लेकिन देश को हजारों-करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ तथा वर्षों तक असुविधा सहनी पड़ी। अब इस मेट्रो लाइन से 2-2.30 घंटे का सफर मात्र 30-40 मिनट में पूरा हो सकेगा। जहां मुंबई में प्रत्येक मिनट का मूल्यवान महत्व है, वहां 3-4 वर्षों तक इस सुविधा से वंचित रहना किसी पाप से कम नहीं है।

पीएम मोदी ने की जीएसटी पर भी चर्चा की

इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने जीएसटी पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि जीएसटी में हुए अगली पीढ़ी के सुधारों से, जिन वस्तुओं के दाम कम हुए हैं, उसके फलस्वरूप देशवासियों की आर्थिक क्षमता और मजबूत हुई है। आंकड़ों से पता चलता है कि इस वर्ष नवरात्रि के दौरान बिक्री के कई नए रिकॉर्ड बन गए हैं। हमारी सरकार आगे भी ऐसे कदम उठाती रहेगी, जो देशवासियों के जीवन को सुगम बनाएं और राष्ट्र को शक्ति प्रदान करें। लेकिन मैं आपसे एक अनुरोध भी करता हूं कि स्वदेशी का समर्थन करें। उन्होंने कहा कि गर्व से कहो, हम स्वदेशी हैं। यह हर घर और बाजार का मूल मंत्र बन जाना चाहिए।

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शिल्पा शेट्टी को बॉम्बे हाईकोर्ट से झटका, 60 करोड़ जमा करे और जाए विदेश

शिल्पा शेट्टी की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। बॉम्बे हाईकोर्ट ने आज शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा के 60 करोड़ रुपये के कथित फ्रॉड मामले में सुनवाई की है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा से कहा है कि अगर वे लॉस एंजिल्स और अन्य विदेशी देशों की यात्रा करना चाहते हैं तो पहले उन्हें 60 करोड़ रुपये जमा करने होंगे। बता दें यह आदेश उस याचिका के बाद आया है, जिसमें दंपति ने उनके खिलाफ दर्ज 60 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी से जुड़े एफआईआर मामले में जारी लुकआउट सर्कुलर (LOC) को रद्द करने की मांग की थी।

कब होगी अगली सुनवाई ?

इस मामले की अगली सुनवाई 14 अक्टूबर 2025 को होगी। अदालत की यह शर्त ऐसे समय में आई है जब मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) 60 करोड़ रुपये के कथित धोखाधड़ी के मामले में जांच कर रही है। सूत्रों का कहना है कि कपल ने व्यावसायिक और निजी यात्रा के लिए लॉस एंजिल्स जाने की अदालत से अनुमति मांगी थी, लेकिन पीठ ने स्पष्ट कर दिया कि भारी सुरक्षा जमा राशि के बिना यात्रा नहीं की जा सकती।

कोठारी ने लगाया ये आरोप

शुरुआत में यह 12% ब्याज पर एक कर्ज माना जा रहा था। हालांकि, शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा ने कथित तौर पर उन्हें इसे निवेश में बदलने के लिए मना लिया, मासिक रिटर्न और मूल राशि की पूरी अदायगी का वादा किया। कोठारी ने दावा किया कि उन्होंने अप्रैल 2015 में 31.95 करोड़ रुपये और उसी साल सितंबर में 28.53 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए, अब उनका कहना है कि इस पैसे का इस्तेमाल व्यवसाय विस्तार के बजाय निजी खर्चों के लिए किया गया।

शिल्पा शेट्टी और राज के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर

सितंबर में आर्थिक अपराध शाखा ने शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा दोनों के खिलाफ एक लुकआउट सर्कुलर (LOC) जारी किया, जिससे उन्हें बिना पूर्व अनुमति के देश छोड़ने से रोक दिया गया। पिछले हफ्ते आर्थिक अपराध शाखा ने शिल्पा शेट्टी से चार घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ की, हालांकि उनकी संलिप्तता का सटीक विवरण अभी भी स्पष्ट नहीं है।

क्या है पूरा मामला

ये मामला अगस्त में सामने आया था। लोटस कैपिटल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के निदेशक और व्यवसायी दीपक कोठारी ने शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा पर 60 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। कोठारी के बयान के अनुसार ये घटनाएं 2015 से 2023 के बीच हुईं। उन्होंने दावा किया कि दंपति ने अपनी कंपनी, बेस्ट डील टीवी प्राइवेट लिमिटेड के लिए 75 करोड़ रुपये का ऋण मांगने के लिए उनसे संपर्क किया था। यह कंपनी लाइफस्टाइल उत्पादों को बढ़ावा देने और एक ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म चलाने के लिए शुरू की गई थी।

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आजम खान से मिलने रामपुर पहुंचे अखिलेश यादव, सांसद नदवी नहीं रहे साथ

सपा प्रमुख अखिलेश यादव पूर्व मंत्री आजम खान से मिलने उनके घर रामपुर पहुंच गए हैं। इस दौरान रामपुर सपा सांसद मोहिबुल्लाह नदवी नहीं दिखे। आजम खान अखिलेश यादव को रिसीव करने खुद गए। दोनों नेताओं के बीच मुलाकात अभी भी जारी है। गौरतलब है कि आजम खान ने रामपुर सांसद से मिलने से मना कर दिया था। उन्होंने कहा था कि वह सिर्फ पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से ही मिलेंगे। लगभग दो साल जेल में बिताने के बाद 23 सितंबर को सीतापुर जेल से आजम के रिहा होने के बाद दोनों के बीच यह पहली मुलाकात है।

2024 में भी अखिलेश ने की थी आजम से मुलाकात

इससे पहले अखिलेश यादव ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले जेल में आजम खान से मुलाकात की थी। इसके अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने भी जेल में खान से मुलाकात की थी। कुछ दिन पहले सपा नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप ने पार्टी के आग्रह पर रामपुर में आजम खान से मुलाकात की थी।

रामपुर सांसद नदवी से नहीं मिलेंगे आजम खान

रामपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद मोहिबुल्लाह नदवी को लेकर आजम खान ने कहा कि मैं उनको जानता नहीं वह बहुत बड़े आदमी हैं। आलिम हैं, फाजिल हैं.. इतने बड़े आदमी को मैं नहीं जानता। बता दें कि आजम टिकट मिलने के बाद से ही मोहिबुल्लाह नदवी का विरोध करते रहे हैं। जेल से छूटने के बाद रामपुर के सांसद को मिलने का भी आजम ने अब तक समय नहीं दिया। आज अखिलेश यादव के साथ मुहीबुल्ला नदवी भी रामपुर आ रहे हैं। लेकिन पहले आजम खान ने कह दिया है कि मुलाकात सिर्फ अखिलेश यादव से ही करेंगे।

सपा के कद्दावर नेता हैं आजम खान

बता दें कि आजम खान 10 बार विधायक और एक बार लोकसभा और एक बार राज्यसभा सांसद रहे हैं। वह मुलायम सिंह और अखिलेश यादव की सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं। आजम सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के करीबी सहयोगी रहे हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में आज भी उनकी राजनीतिक प्रासंगिकता है।

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एसआईआर पूरी तरह से चुनाव आयोग की जिम्मेदारी – सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम टिप्पणी में कहा कि एसआईआर का मामला पूरी तरह से केंद्रीय चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र में आता है। जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह बात एक याचिका की सुनवाई के दौरान कही। कोर्ट ने यह भी जोड़ा कि देश में कुछ लोग अनधिकृत रूप से रह रहे हो सकते हैं, जो अपनी पहचान उजागर होने के डर से सामने नहीं आना चाहेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और संबंधित पक्षों से कहा कि कम से कम उन लोगों की एक सूची तो उपलब्ध कराई जानी चाहिए, जो वास्तव में एसआईआर से प्रभावित हुए हैं।

चुनाव आयोग के पास अपना तंत्र है, उसे काम करने दे

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि वह मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया में अन्य राज्यों में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एसआईआर पूरी तरह से चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है और यह उसका विशेषाधिकार (प्रोगेटिव) है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने टिप्पणी की, ‘हम हर काम अपने हाथ में क्यों लें ? चुनाव आयोग के पास अपना तंत्र है, उसे काम करने दिया जाए। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से सवाल किया कि वे क्यों चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट सारे काम अपने नियंत्रण में ले ले।

देश में बिना इजाजत रह रहे लोगों पर कोर्ट की बड़ी टिप्पणी

वही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि देश में कुछ लोग बिना अनुमति के रह रहे हैं। वे सामने आने से डरेंगे क्योंकि उनका नाम मतदाता सूची से हटने पर उनकी पहचान उजागर हो सकती है। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया कि वे कम से कम 100 ऐसे लोगों की सूची प्रस्तुत करें। जिनका दावा है कि उनके नाम मतदाता सूची से हटाए गए। लेकिन उन्हें कोई आदेश नहीं मिला। जिसके कारण वे अपील नहीं कर पा रहे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें उन लोगों की एक इलस्ट्रेटिव लिस्ट चाहिए, जिन्हें यह शिकायत है।

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को दिया ये मौखिक सुझाव

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को मौखिक रूप से सुझाव दिया कि वह एक विस्तृत नोट तैयार करे। जिसमें 3.66 लाख हटाए गए नामों और बाद में जोड़े गए 21 लाख नामों का पूरा ब्योरा और उनके कारणों का उल्लेख हो। कोर्ट ने इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए जोर दिया कि एसआईआर चुनाव आयोग का कार्यक्षेत्र है और उसे स्वतंत्र रूप से काम करने की अनुमति दी जानी चाहिए। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 9 अक्टूबर को तय की है। बता दें कि बिहार चुनावों में एसआईआर का मुद्दा जोर-शोर से छाया हुआ है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी बेहद अहम मानी जा रही है।

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दो चरणों में होगा बिहार का चुनाव, 14 नवंबर को आएगा रिजल्ट

बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में आयोजित होंगे। इलेक्शन कमिशन ने बताया कि पहले राउंड में 121 सीटों पर मतदान होगा और फिर दूसरे राउंड में 122 पर वोटिंग होगी। इस चुनाव का नतीजा 14 नवंबर को घोषित होगा। पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को तो दूसरे का 11 नवंबर को होगा। पहले राउंड के मतदान के लिए 10 अक्टूबर को अधिसूचना जारी होगी। नामांकन की आखिरी तारीख 17 अक्टूबर होगी और वापस लेने की लास्ट डेट 20 अक्टूबर रहेगी। इसके अलावा दूसरे चरण के लिए 13 अक्टूबर को अधिसूचना जारी की जाएगी। 20 अक्टूबर को नामांकन की आखिरी तारीख होगी और 23 तारीख तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान इलेक्शन कमिशन की ओर से हो रहा है।

देश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि बिहार में 7.42 करोड़ मतदाता वोट डालेंगे। उन्होंने कहा कि इस बार चुनाव में कई नई चीजें शुरू हो रही हैं और उन्हें देश भर में आगे चलकर लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस बार चुनाव आयोग ने मतदाताओं की सुविधाओं के लिए तय किया है कि एक पोलिंग बूथ पर 1200 से ज्यादा वोटर ना रहें। बिहार में 90 हजार 700 पोलिंग बूथ रहेंगे। इनमें से महिलाओं द्वारा 1044 बूथ संचालित होंगे। इसके अलावा मॉडल पोलिंग बूथ 1000 के करीब रहेंगे।

बिहार के दौरे पर जिलाधिकारियों को दिए सख्त निर्देश

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि हर जगह पोलिंग स्टेशन ग्राउंड फ्लोर पर ही होंगे। इससे बुजुर्गों और दिव्यांगों को सुविधा रहेगी। उन्होंने कहा कि हमने बिहार के दौरे पर जिलाधिकारियों को सख्त निर्देश दिए थे कि किसी भी तरह से उम्मीदवारों और मतदाताओं को धमकी मिलने जैसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम चाहेंगे कि हर कोई मतदान करे और उसके लिए पर्याप्त सुविधा रहे। ज्ञानेश कुमार ने कहा कि अवैध लेनदेन, कैश आदि पर नजर रखी जाएगी। इसके अलावा उम्मीदवारों के खर्चों पर भी नजर रहेगी। उन्होंने कहा कि हम कुल 17 नए कदम उठा रहे हैं, जो बाद में देश के अन्य चुनावों में भी लागू होंगे।

बिहार में पहली बार वोट डालेंगे 14 लाख मतदाता

उन्होंने कहा कि जिन मतदाताओं के नाम सूची में नए जुड़े हैं या फिर जिनके पते आदि बदल गए हैं, उन्हें नए वोटर आईडी कार्ड दिए गए हैं। ज्ञानेश कुमार ने कहा कि 15 दिनों के अंदर हमने इस पर अमल किया है। चुनाव आयुक्त ने कहा कि बिहार चुनाव में 14 लाख मतदाता ऐसे होंगे, जो पहली बार वोट डालेंगे। इन सभी लोगों को वोटर कार्ड दे दिए गए हैं। बिहार चुनाव में मतदाताओं को यह सुविधा रहेगी कि वे पोलिंग बूथ तक मोबाइल ले जा सकेंगे। वे पोलिंग स्टेशन के ठीक बाहर मोबाइल जमा करा सकेगा और बाहर निकलकर उसे ले लेगा।

बिहार में कुल कितने वोटर्स हैं ?

बिहार का चुनाव इस बार कई मायनों में खास है। ऐसा इसलिए क्योंकि 22 साल बाद बिहार में वोटर लिस्ट में रिविजन हुआ है और नई वोटर लिस्ट तैयार हुई है। एसआईआर से पहले बिहार में करीब 7 करोड़ 89 लाख वोटर्स थे। एसआईआर के बाद अब बिहार में 7 करोड़ 42 लाख लोग वोट डालेंगे। वोटर लिस्ट रिवीजन के बाद करीब 65 लाख वोटरों के नाम कटे हैं जबकि करीब 21 लाख नए वोटर जुड़े हैं। इस बार चुनाव में पहले के मुकाबले करीब 47 लाख वोटर्स कम हैं। जो कुल वोटर्स का करीब 6 फीसदी है।

महिला और पुरुष वोटर्स की संख्या ?

चुनाव आयोग की ओर से जारी की गई बिहार में नई वोटर लिस्ट के मुताबिक, राज्य में 3 करोड़ 92 लाख पुरुष वोटर्स हैं। जबकि महिला वोटर्स की संख्या 3 करोड़ 50 लाख के करीब है। 18 से 19 साल के नए वोटर 14 लाख हैं। वहीं 85 साल से ऊपर के वोटर्स की संख्या 4 लाख 3 हजार है।

हर सीट के लिए होगा पर्यवेक्षक, 1950 होगा हेल्पलाइन नंबर

ECINET के माध्यम से बीएलओ से संपर्क किया जा सकेगा। इसके अलावा इलेक्शन कमिशन से बात करने के लिए 1950 डायल कर सकते हैं। इस नंबर को डायल करने से पहले +91 लिखना है और संबंधित एरिया का एसटीडी कोड लिखना है। फिर 1950 डायल करना है। हर सीट पर एक पर्यवेक्षक होगा। यह जिम्मेदारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी जाएगी। जो अलग-अलग राज्यों से आएंगे। इनके नंबर भी ECINET और वेबसाइट पर उपलब्ध होंगे। कुल साढ़े 8 लाख चुनाव कर्मी मतदान संपन्न कराएंगे और रिजल्ट में शामिल होंगे।

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जहरीले कफ सिरप के चलते छिंदवाड़ा में एक और मासूम बच्ची की मौत

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां जहरीले कफ सिरप के चलते एक और बच्ची की मौत हुई है। मध्य प्रदेश में कॉल्ड्रिफ कफ सिरप के चलते होने वाली मौतों की संख्या अब 10 पहुंच गई है। बच्ची नागपुर में बीते सप्ताह से भर्ती थी। उसकी किडनी फेल होने की वजह से उसकी मौत हो गई। बच्ची की पहचान परासिया क्षेत्र के बढ़कुही निवासी योगिता ठाकरे के रूप में हुई है।

अब तक 10 बच्चों की हो चुकी है मौत

इस एक कफ सिरप की वजह से मध्य प्रदेश में अब तक 10 बच्चों की मौत हो चुकी है। छिंदवाड़ा में 4 सितंबर से शुरू हुआ मासूम बच्चों की मौत का सिलसिला 4 अक्टूबर तक नहीं थमा है। इस मामले के सामने आने के बाद मध्य प्रदेश समेत पूरे देश में हड़कंप मच गया है। जिन बच्चों की मौत हुई, उनके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। सबसे बड़ा सवाल है कि इस जहरीले कफ सिरप के बारे में इतनी देरी से क्यों पता लगा। इसने पहले भी ना जाने कितने लोगों को अपना शिकार बनाया होगा।

कफ सिरप की बिक्री पूरे मध्यप्रदेश में बैन

जहरीले कफ सिरप की वजह से हो रही मौतों को ध्यान में रखते हुए मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सीएम ने इस कफ सिरप की बिक्री को पूरे मध्य प्रदेश में बैन कर दिया है। मोहन यादव ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, “छिंदवाड़ा में कॉल्ड्रिफ कफ सिरप के कारण हुई बच्चों की मृत्यु अत्यंत दुखद है। इस कफ सिरप की बिक्री को पूरे मध्यप्रदेश में बैन कर दिया है। सिरप को बनाने वाली कंपनी के अन्य प्रोडक्ट की बिक्री पर भी बैन लगाया जा रहा है।

सिरप बनाने वाली फैक्ट्री कांचीपुरम में है। इसलिए घटना के संज्ञान में आने के बाद राज्य सरकार ने तमिलनाडु सरकार को जांच के लिए कहा था। रिपोर्ट के आधार पर कड़ा एक्शन लिया गया है। बच्चों की दुखद मृत्यु के बाद स्थानीय स्तर पर कार्रवाई चल रही थी। राज्य स्तर पर भी इस मामले में जांच के लिए टीम बनाई गई है। दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

कफ सिरप के सैंपल जांच में क्या मिला

इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पाया कि मध्य प्रदेश में परीक्षण किए गए किसी भी सिरप के नमूने में डायथिलीन ग्लाइकॉल या एथिलीन ग्लाइकॉल नहीं था। इन दोनों तत्वों से किडनी को गंभीर नुकसान हो सकता है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले डीजीएचएस ने परामर्श में कहा कि आमतौर पर 5 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए कफ सिरप की सिफारिश नहीं की जाती है।

इसमें कहा गया कि वृद्ध लोगों के लिए इनका उपयोग सावधानीपूर्वक गहन निगरानी, ​​उचित खुराक का कड़ाई से पालन आदि पर आधारित होना चाहिए। बच्चों में गंभीर खांसी की बीमारियां अधिकतर स्वतः ही ठीक हो जाती हैं और अक्सर दवाइयों के बिना ठीक हो जाती हैं। परामर्श में सभी स्वास्थ्य सेवा केंद्रों को कहा गया कि वे ठीक से तैयार उत्पादों की खरीद और वितरण सुनिश्चित करें।

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तोड़ी जाएगी मस्जिद, बुलडोजर कार्रवाई पर रोक से हाईकोर्ट का इनकार

संभल में सरकारी जमीन बनी मस्जिद पर बुलडोजर एक्शन पर रोक लगाने से इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया है और हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी है। बता दें कि संभल में यह मस्जिद तालाब की जमीन पर बनी थी, जिसे बुलडोजर से गिराने का आदेश जारी किया गया था।

प्रशासन के मुताबिक, इस मस्जिद का नाम गौसुलबरा है और यह संभल जिला मुख्यालय से 30 किमी दूर असमोली क्षेत्र के राया बुजुर्ग गांव में बनी हुई है। दो अक्टूबर को डीएम-एसपी के नेतृत्व में प्रशासन बुलडोजर लेकर इसे तोड़ने के लिए पहुंचा था।

प्रशासन ने मस्जिद के बगल में बना मैरिज हॉल तोड़ दिया था। जब मस्जिद पर बुलडोजर चलाने की बारी आई तो स्थानीय लोगों ने डीएम से खुद तोड़ने के लिए चार दिन की मोहलत मांगी थी। डीएम ने चार दिन का वक्त दिया था। इसके बाद उसी दिन यानी गुरुवार को स्थानीय लोगों ने मस्जिद की बाहरी दीवार को तोड़ना शुरू कर दिया था।

लेकिन अबतक ये काम बहुत धीमी गति से चल रहा है। लोग मस्जिद को तोड़ने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। जिससे आदेश के मुताबिक चार दिन बीत जाने के बाद मस्जिद पर बुलडोजर कार्रवाई हो सकती है और मस्जिद को तोड़ दिया जाएगा।

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कफ सिरप से मध्य प्रदेश में 9, राजस्थान में 2 बच्चों की गई जान

राजस्थान और मध्य प्रदेश में कफ सिरप का कहर कम नहीं हो रहा है। दोनों ही राज्यों में नकली कफ सिरप पीने से 11 बच्चों की जान चली गई है। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में अब तक कुल 9 बच्चों की मौत हो गई है। राजस्थान के भरतपुर में 2 साल के बच्चे की मौत हो गई। सीकर में एक बच्चे की मौत हो गई। इस तरह राजस्थान में 2 बच्चों की मौत हो गई। भरतपुर के पीड़ित परिवार का आरोप है कि नकली कफ सिरप पीने से उसकी जान चली गई। बच्चे को जुकाम की शिकायत होने पर परिजन इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गए।

दवा पीने के बाद नहीं आया होश

जहां डॉक्टर ने बच्चे को देखकर दवाई के साथ सिरप लिखी। घर आके बच्चे को जैसे ही परिजनों ने दवा पिलाई वो सो गया। जब 4 घंटे तक उसे होश नहीं आया तो परिजन उसे सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां डॉक्टर ने उसे प्राथमिक उपचार के बाद भरतपुर रेफर कर दिया।

4 दिन बाद बच्चे की चली गई जान

भरतपुर में भी बच्चे की हालत में किसी तरह का कोई सुधार नहीं हुआ तो उसे जयपुर रेफर कर दिया गया। 4 दिन बाद बच्चे की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई। बच्चे की मौत के बाद परिजनों में गुस्सा है। उनका कहना है कि कफ सिरप के डोज से उनके बच्चे की जान चली गई। अब बच्चे के परिजन इस पूरे मामले में जांच की मांग कर रहे हैं। खांसी की दवा से मौत का ये पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई ऐसे मामले सामने आ चुके है, जिसमें खांसी का कफ सिरप लोगों के लिए जानलेवा साबित हुआ है। सीकर में जहां कफ सिरप से 5 साल के बच्चे की मौत हो गई।

मध्य प्रदेश में 9 बच्चों की गई जान

इधर मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में भी कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत की आशंका से सनसनी मची हुई है। छिंदवाड़ा में अब तक कुल 9 बच्चों की मौत हो गई है। कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत की आशंका है। दावा किया जा रहा है कि कफ सिरफ पीने से बच्चों की किडने फेल हो गई। कलेक्टर ने दो कप सिरप बैन लगा दिया है।

किडनी में हुआ इंफेक्शन

छिंदवाड़ा जिले के परासिया में वायरल फीवर के बाद हालत बिगड़ने पर मरने वाले बच्चों की संख्या अब बढ़कर 9 हो गई है। कल एक और बच्ची की इस मामले में मौत हुई है। परासिया एसडीएम शुभम यादव ने बताया कि छिंदवाड़ा में देर रात तक बात की जाए तो अब तक 9 की मौत हो चुकी है। किडनी में इंफेक्शन की वजह से बच्चों को भर्ती किया गया था।

1420 बच्चे सर्दी और बुखार से हैं पीड़ित

एडीएम परासिया ने बताया कि प्रशासन के पास 1420 बच्चों की लिस्ट है, जो सर्दी-बुखार से ग्रसित रहे हैं। इसमें हमने प्रोटोकॉल बनाया है कि दो दिन से ऊपर कोई भी बच्चा बीमार रहता है तो उसको हम सिविल हॉस्पिटल में 6 घंटे मॉनिटरिंग में रखते है। तबियत बिगड़ने पर जिला अस्पताल रेफर करते हैं और ठीक होने के बाद उनको घर भेज देते हैं।

चेन्नई से मंगाई गईं कफ सिरप

जबलपुर की कटारिया फार्मासिटिकल्स ने चेन्नई की कंपनी से 660 कोल्ड्रिफ कफ सिरप की शीशियां मंगाई थीं। छिंदवाड़ा के तीन स्टॉकिस्ट को जबलपुर से सिरप की 594 शीशियां भेजी गईं थीं। 16 शीशियों का सैंपल लेकर जांच के लिए भोपाल भेजा गया है। जबलपुर के थाना ओमती के कटारिया फार्मासिटिकल्स डिस्ट्रीब्यूटर का मामला दर्ज किया गया है।

प्राइवेट डॉक्टर्स को बरते एहतियात 

एडीएम परासिया ने कहा, ‘इसके अलावा हमने पानी और मच्छर संबंधी जांच करवा ली है, जो कि नॉर्मल आई है। एक सैंपल हमारा नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी गया था वह भी नॉर्मल आया है। पानी के सैंपल जांच के लिए सीएसआईआर (CSIR) टेस्ट भेजे गए है, जिसका इंतजार है। अभी सभी प्राइवेट डॉक्टर्स को एहतियात बरतने कह दिया है कि वायरल वाला पेशेंट आता है तो उसको आप अटेंड नहीं करें, उसे सीधे सिविल अस्पताल भेजें, उसको सिस्टम को हैंडल करने दें।

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आई लव मोहम्मद प्रदर्शन पर योगी सरकार की कार्रवाई से नाराज़ बीजेपी नेता

उत्तर प्रदेश के बरेली और कानपुर जैसे शहरों में ‘आई लव मोहम्मद’ के पोस्टर लेकर सड़कों पर उतरने वाली भीड़ के खिलाफ योगी सरकार की सख्ती पर भाजपा के अंदर ही आवाज उठी है। जम्मू-कश्मीर के भाजपा नेता जहांजैब सिरवाल ने योगी सरकार के ऐक्शन पर ऐतराज जताया है और कहा कि यह सबका साथ और सबका विकास के नारे के विपरीत है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की पुलिस जिस तरह ऐक्शन ले रही है, वह बदले की कार्रवाई करने जैसा है। इससे मुसलमानों का भरोसा भाजपा सरकार पर कम हुआ है। उन्होंने कहा कि यदि इसमें सुधार नहीं किया गया तो मेरे पास इस्तीफा देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा।

कानपुर से बरेली तक सरकार ने लिया है ऐक्शन

बता दें कि यूपी में बरेली से लेकर कानपुर तक आई लव मोहम्मद के पोस्टर लेकर सड़कों पर उतरने वाली भीड़ के खिलाफ ऐक्शन हुआ है। इसके तहत कानपुर में 24 लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। यह वाकया 4 सितंबर का है, जब पैंगबर मोहम्मद के जन्मदिन यानी मिलाद-उन-नबी के मौके पर लोग ऐसे पोस्टर लेकर निकले थे। इसके बाद 26 सितंबर को बरेली में भीड़ ऐसे पोस्टर लेकर निकली थी। इस दौरान पुलिस से झड़प भी हुई थी।

सबका साथ, सबका विकास विजन के खिलाफ – जहांजैब 

जहांजैब सिरवाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश के जो हालात हैं, वह पीएम नरेंद्र मोदी के सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के विजन के खिलाफ है। एक समुदाय के खिलाफ गैर-जरूरी सख्ती, विभाजनकारी धमकियां ठीक नहीं हैं। इससे माहौल खराब होता है। उन्होंने कहा कि सिर्फ एक समुदाय के खिलाफ ही नहीं बल्कि निष्पक्ष ऐक्शन होना चाहिए। कोई भी गलत करे, उसके खिलाफ निष्पक्ष जांच हो और फिर उसके अनुसार ही ऐक्शन लिया जाए। उन्होंने कहा कि यदि भाजपा सरकार की ओर से मुस्लिमों में भरोसा जगाने के लिए कोई ठोस ऐक्शन नहीं लिया जाता तो उनके पास इस्तीफे के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा।

मौलाना भूल गया सरकार किसकी है – सीएम योगी

पुलिस ने इस मामले में 68 लोगों को अरेस्ट किया था। इनमें एक स्थानीय मौलवी भी शामिल हैं। यही नहीं सीएम योगी आदित्यनाथ का कहना था कि वह सख्त ऐक्शन लेंगे और किसी मौलाना को भ्रम में नहीं रहना चाहिए। उन्होंने सख्त लहजे में यहां तक कहा कि मौलाना शायद भूल गया था कि प्रदेश में सरकार किसकी है। उनका इशारा पोस्टर लेकर निकलने के ऐलान करने वाले मौलाना तौकीर रजा की ओर था।

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दिवाली तोहफा : सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारियों का डीए 3% बढ़ा

प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते (डीए) को 3% बढ़ाकर 58% करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। दिवाली से पहले सरकार की तरफ से लिया गया ये एक महत्वपूर्ण कदम है। खबर के मुताबिक, यह बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता 1 जुलाई से प्रभावी होगा। यूं कहें कि सरकार ने दिवाली से पहले लाखों कर्मचारियों को तोहफा दिया है। अमूमन देखा जाता है कि सरकार फेस्टिवल सीजन के आस-पास महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का ऐलान करती है। इस बढ़ोतरी के बाद कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को फायदा मिलेगा।

फैमिली पेंशनभोगियों पर भी लागू

खबर के मुताबिक, यह बढ़ोतरी 7वें वेतन आयोग के तहत आने वाले सभी केंद्र सरकार के कर्मचारियों के साथ-साथ पेंशनहोल्डर्स और फैमिली पेंशनभोगियों पर भी लागू होगी। जैसे ₹30,000 मूल वेतन वाले कर्मचारी को प्रति माह ₹900 अतिरिक्त मिलेंगे, जबकि ₹40,000 वेतन वाले कर्मचारी को ₹1,200 अतिरिक्त मिलेंगे। तीन महीनों में, बकाया राशि कुल ₹2,700 से ₹3,600 होगी, जो त्योहारों के समय पर राहत प्रदान करेगी।

इससे पहले कब बढ़ा था डीए

सरकार ने अब से पहले 1 जनवरी, 2025 से महंगाई भत्ते (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) में 2% की बढ़ोतरी की थी, जिससे लगभग 1.15 करोड़ केंद्रीय सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी को फायदा मिला था। इस बढ़ोतरी के बाद, महंगाई भत्ता, बेसिक सैलरी के 53% से बढ़कर 55% हो गया था। आपको बता दे महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) साल में दो बार, जनवरी और जुलाई में संशोधित किए जाते हैं। इनका आधार ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स फॉर इंडस्ट्रियल वर्कर्स (CPI-IW) होता है। अक्सर घोषणाएं बाद में होती हैं, लेकिन एरियर्स की भरपाई कर दी जाती है।

ओडिशा सरकार ने किया था डीए में बढ़ोतरी का ऐलान

बताते चलें कि अभी हाल ही में ओडिशा सरकार ने राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के कर्मचारियों को वित्तीय राहत प्रदान करने के उद्देश्य से एक बड़ी घोषणा की थी। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने दीपावली से ठीक पहले पीएसयू के कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते (DA) में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी। इस ताजा बढ़ोतरी से ओडिशा के पीएसयू कर्मचारियों का मिल वाला कुल महंगाई भत्ता 53% से बढ़कर 55% हो जाएगा, जो 1 जनवरी, 2025 से प्रभावी होगा।

8वां वेतन आयोग पर अपडेट

बता दें कि जनवरी 2025 में सरकार ने 8वें वेतन आयोग की घोषणा की थी। अभी आयोग के सदस्यों और टर्म्स ऑफ रेफेरेंस (ToR) पर आधिकारिक अधिसूचना जारी होना बाकी है। आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होंगी। तब डीए (जो फिलहाल 55% है) को शून्य पर रीसेट कर बेसिक वेतन में मिला दिया जाएगा।

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एशिया कप 2025 की ट्रॉफी ले जाने के बाद मोहसिन नकवी ने मांगी माफी

भारतीय क्रिकेट टीम ने टी20 एशिया कप 2025 के फाइनल में पाकिस्तान को 5 विकेट से शिकस्त दी। एशिया कप में पाकिस्तानी टीम भारत के खिलाफ टिक नहीं पाई और उसे तीन मैचों में हार का मुंह देखना पड़ा। एशिया कप 2025 का खिताब जीतकर भारतीय टीम के प्लेयर्स ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चीफ मोहसिन नकवी के हाथ से ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया। इसके बाद वह नकवी काफी देर तक पोडियम पर खड़े। इ

स दौरान स्टेडियम में मौजूद भारतीय क्रिकेट फैंस ने भारत माता की जय के नारे लगाए। बाद मे नकवी गुस्सा होकर स्टेडियम से निकल गए और अपने साथ एशिया कप की ट्रॉफी और भारतीय प्लेयर्स के मेडल भी ले गए। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने इस पर कहा कि अगर भारत को मेडल और ट्रॉफी चाहिए, तो दुबई के एसीसी के ऑफिस से आकर ले जाएं। लेकिन अब उन्होंने यू टर्न लेते हुए इस पर माफी मांग ली है।

एशिया कप 2025 में भारत ने पाकिस्तान से जीते 3 मुकाबले

फाइनल मुकाबले में पाकिस्तानी टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए कुल 146 रन बनाए। इसके बाद भारतीय टीम की शुरुआत बहुत ही खराब रही, जब उसने 20 रनों पर ही तीन विकेट गंवा दिए थे। लेकिन इसके बाद तिलक वर्मा क्रीज के एक छोर पर टिक गए और सधी हुई बल्लेबाजी की। उन्होंने कुल 69 रन बनाए और आखिरी ओवर में में टीम को जीत दिलाई। दमदार खेल के लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच अवॉर्ड मिला। रिंकू सिंह ने विनिंग स्ट्रोक लगाया और चौका जड़ा। फाइनल से पहले भारत ने सुपर-4 और ग्रुप स्टेज में भी पाकिस्तानी टीम को धूल चटाई थी।

पीसीबी चीफ मोहसिन नकवी ने मांगी माफी

ट्रॉफी विवाद के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच दुबई में बैठक हुई है। जिसमें पीसीबी चीफ मोहसिन नकवी ने कहा कि जो हुआ वह नहीं होना चाहिए था। लेकिन उन्होंने भी भी ट्रॉफी और मेडल वापस करने से इनकार कर दिया। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच जमकर बहस भी हुई। नकवी ने मांग की सूर्यकुमार यादव दुबई आकर ट्रॉफी ले जाएं। इस पर बीसीसीआई की तरफ से कहा गया कि जब आप उनके सामने थे, तब उन्होंने ट्रॉफी नहीं ली। आपको क्या लगता है कि वह अब आएंगे ?

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जेल में पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति पर जानलेवा हमला, कैदी ने किया हमला

लखनऊ की जेल में बंद पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति पर जानलेवा हमला किया गया है जिसमें वो बाल बाल बच गए हैं। जेल में ही एक बंदी ने अचानक गायत्री प्रजापति के सिर पर कैंची से कई वार किए। फिलहाल उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। घायल पूर्व मंत्री का जेल अस्पताल में ही इलाज किया गया। मामले में वार करने वाले बंदी पर कार्यवाही की जा रही है। जानकारी के मुताबिक, जेल में अचानक एक बंदी ने गायत्री प्रजापति के सिर पर कैंची से कई वार किए। शोर सुनकर जेल में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने दौड़े आनन-फानन में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया। कहा जा रहा है कि गायत्री प्रजापति के सिर में 10 से अधिक टांके लगे हैं।

वहीं गायत्री प्रसाद प्रजापति पर हमले के बाद समाजवादी पार्टी ने जेल में पूर्व मंत्री की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए हैं। सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने इस हमले को लेकर चिंता व्यक्त की। सपा प्रवक्ता ने अपने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट करके लिखा, “जेल में बंद पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति पर हमले की खबर चिंताजनक है। लखनऊ जेल प्रशासन पूर्व मंत्री को समुचित इलाज उपलब्ध करवाए।

अस्पताल में ड्यूटी पर लगे बंदी से हुई थी कहा सुनी

गायत्री प्रजापति जिला कारागार लखनऊ के जेल अस्पताल में भर्ती थे, उनका इलाज चल रहा था। अस्पताल में ही सफाई ड्यूटी पर लगे एक बंदी के साथ कहा-सुनी होने पर धक्का-मुक्की की स्थिति उत्पन्न हुई। इस दौरान सफाई ड्यूटी पर लगे बंदी ने आक्रोशित होकर उन पर कैंची से हमला कर दिया। जिसमें गायत्री प्रजापति को चोट आ गई, तुरंत उनका इलाज शुरू कर दिया गया। कहा जा रहा है कि फिलहाल वो पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं।

उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति

पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति साल 2017 से लखनऊ जेल में बंद हैं। उन्हें नवंबर 2021 में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। बता दें कि गायत्री प्रजापति को साल 2017 में एक महिला द्वारा लगाए गए गैंगरेप के आरोपों के बाद गिरफ्तार किया गया था। कोर्ट ने उन्हें दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। कई बार गायत्री प्रजापति ने जमानत के लिए अर्जी डाली, लेकिन हर बार याचिका खारिज कर दी गई।

गायत्री की पत्नी महराजी देवी अमेठी से विधायक

गायत्री प्रजापति की पत्नी महराजी देवी अमेठी विधानसभा सीट से विधायक हैं। साल 2022 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार संजय सिंह को हराकर जीत दर्ज की थी। इसी सीट से साल 2012 में गायत्री प्रजापति ने भी चुनाव जीता था, लेकिन 2017 में उन्हें बीजेपी की प्रत्याशी गिरमा सिंह ने शिकस्त दी थी। सपा सरकार में गायत्री प्रजापति की कद्दावर मंत्रियों में गिनती होती थी।

जेल प्रशासन कर रहा हमले की जांच

वहीं पूर्व मंत्री पर लखनऊ जेल के अंदर हमला होने के बाद जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया। घटना के बाद जेल प्रशासन ने जेल में सुरक्षा बढ़ा दी। फिलहाल गायत्री प्रजापति पर हमले की जांच शुरू कर दी गई है। वहीं पुलिस का कहना है कि पूर्व मंत्री पर जेल के अदंर हुए हमले में कौन-कौन शामिल है, किसके इशारे पर हमला हुआ है। इसकी जांच की जा रही है। आरोपी को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।

डीजी जेल ने दी जानकारी

वहीं डीजी जेल ने बताया कि गायत्री प्रजापति जिला कारागार लखनऊ के जेल अस्पताल में भर्ती थे। अस्पताल में सफाई ड्यूटी पर लगे एक बंदी के साथ उनकी कहा-सुनी होने पर धक्का-मुक्की की स्थिति उत्पन्न हुई। इस दौरान सफाई ड्यूटी पर लगे बंदी ने आक्रोशित होकर उन पर कैंची से हमला कर दिया, जिसमें गायत्री प्रजापति को चोट आ गई। उन्हें तुरंत आवश्यक उपचार दिया गया। वो पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं।

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जानें पीपीएफ, केवीपी, एसएसवाई समेत सभी सेविंग्स स्कीम्स की नई ब्याज दरें

केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर 2025) के लिए तमाम सरकारी बचत योजनाओं की ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखने का फैसला किया है। ये लगातार 7वीं तिमाही है जब छोटी बचत योजनाओं के लिए ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। सरकार ने पिछली बार 2023-24 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च 2024) के लिए कुछ योजनाओं की ब्याज दरों में बदलाव किए थे। इन सरकारी बचत योजनाओं में पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), किसान विकास पत्र (KVP), सुकन्या समृद्धि योजना (SSY), सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS), नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC), पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम (POMIS) जैसी तमाम स्कीम्स शामिल हैं।

वित्त मंत्रालय ने जारी की अधिसूचना

वित्त मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2025-26 की तीसरी तिमाही (1 अक्टूबर, 2025 से 31 दिसंबर, 2025) के लिए अलग-अलग छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही (1 जुलाई, 2025 से 30 सितंबर, 2025) के लिए अधिसूचित दरों पर बनी रहेंगी।’’ बताते चलें कि केंद्र सरकार का वित्त मंत्रालय प्रत्येक 3 महीनों पर सरकारी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में जरूरत के हिसाब से बदलाव करता है। इन बचत योजनाओं की ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखने के साथ-साथ इनमें बढ़ोतरी और कटौती भी की जा सकती है।

किस बचत स्कीम पर कितना मिल रहा है ब्याज

सरकार के इस फैसले का सीधा मतलब ये हुआ कि इन योजनाओं पर आपको पहले की तरह ही ब्याज मिलता रहेगा। सरकार ने लंबे समय से इन सेविंग्स स्कीम में कोई बदलाव नहीं किया है। अभी पोस्ट ऑफिस की मंथली इनकम स्कीम पर 7.4 प्रतिशत, सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम पर 8.2 प्रतिशत, पीपीएफ पर 7.1 प्रतिशत, सुकन्या समृद्धि योजना पर 8.2 प्रतिशत, किसान विकास पत्र पर 7.5 प्रतिशत का ब्याज मिल रहा है। इनके अलावा, पोस्ट ऑफिस के बचत खाते पर 4 प्रतिशत, आरडी खाते पर 6.7 प्रतिशत और बचत खातों पर 6.9 प्रतिशत से लेकर 7.5 प्रतिशत तक का ब्याज मिल रहा है।

Read More :  एसआईआर की फाइनल वोटर लिस्ट जारी, 21 लाख नए वोटर्स जोड़े गए

एसआईआर की फाइनल वोटर लिस्ट जारी, 21 लाख नए वोटर्स जोड़े गए

चुनाव आयोग ने बिहार में हुए विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के बाद फाइनल वोटर लिस्ट जारी कर दिया है। बिहार में पहले 7 करोड़ 89 लाख 69 हजार 844 वोटर्स थे। एसआईआर में 65 लाख लोगों का नाम कटा था, जिसके बाद 7.24 करोड़ रह गए थे। इसे लेकर विपक्ष ने काफी हंगामा किया और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। अब जो फाइनल वोटर लिस्ट जारी हुई है, उसमें 21 लाख नए वोटर जोड़े गए हैं। कोई भी मतदाता इसे ऑनलाइन https://voters.eci.gov.in पर चेक कर सकता है।

ड्राफ्ट वोटर लिस्ट के बाद कितने लोगों ने किया आवेदन ?

चुनाव आयोग की ओर 1 अगस्त 2025 को जारी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में 7 करोड़ 24 लाख 5 हजार 756 वोटर्स का नाम था। यानि कि पहले के मुकाबले 65.63 लाख लोगों का नाम कटा हुआ था। ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी होने के बाद चुनाव आयोग ने 3 लाख लोगों को नोटिस भेजा था। इस दौरान 2.17 लाख लोगों ने नाम कटवाने तो वहीं 16.93 लाख लोगों ने नाम जोड़ने के लिए आवेदन किया। चुनाव आयोग की ओर से जारी अंतिम वोटर लिस्ट में मुजफ्फरपुर जिले में 88,108 मतदाता बढ़े हैं। यानी कुल मतदाताओं की संख्या 32,03,370 से बढ़कर 32,91,478 हो गई है। पटना जिला के 14 विधानसभा में वोटर की संख्या 48,15,294 से बढ़कर 46,51,694 हो गई है।

विपक्ष लगातार करता रहा एसआईआर का विरोध

एसआईआर को लेकर चुनाव आयोग ने कहा था कि इसका उद्देश्य केवल पात्र मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में बने रहना और छूटे हुए मतदाताओं को शामिल करना है। चुनाव से कुछ महीने पहले एसआईआर किए जाने पर सवाल उठाते हुए विपक्ष के नेता राहुल गांधी और आरजेडी नेता तेजस्वी सहित इंडिया गठबंधन के कई नेताओं ने बिहार में वोटर अधिकार यात्रा भी निकाली थी। चुनाव आयोग पर सत्तारूढ़ गठबंधन की मदद करने का आरोप लगाया था।

एसआईआर की प्रक्रिया के बाद ऐसे चेक करें अपना नाम?

आयोग ने बताया कि अब कोई भी मतदाता आधिकारिक पोर्टल https://voters.eci.gov.in/ पर जाकर अपने नाम और विवरण को देख सकता है। एसआईआर की प्रक्रिया के तहत नए मतदाताओं के नाम जोड़े गए हैं। इसके साथ ही मृतक और डुप्लीकेट एंट्री को हटाया गया है। चुनाव आयोग के अनुसार जिन मतदाताओं ने अपना स्थानांतरण कराया था, उनके पते भी अपडेट कर दिए गए हैं।

इसी वोटर लिस्ट के आधार पर होंगे विधानसभा चुनाव

निर्वाचन आयोग द्वारा मंगलवार को प्रकाशित की गई अंतिम मतदाता सूची के आधार पर ही आगामी बिहार विधानसभा चुनाव होंगे। जिन मतदाताओं के नाम इस सूची में हैं, वही आगामी चुनाव में वोट देने के योग्य होंगे। जल्द ही सभी विधानसभाओं में बूथवार बीएलओ के पास मतदाता सूची पहुंच जाएगी। मतदाता बीएलओ के पास जाकर भी अपना नाम फाइनल वोटर लिस्ट में चेक कर सकते हैं।

अगले हफ्ते चुनाव की तारीखों का ऐलान संभव

फाइनल वोटर लिस्ट जारी होने के बाद अब चुनाव आयोग की ओर से अगले हफ्ते चुनाव कार्यक्रम की घोषणा किए जाने की संभावना है। इससे पहले चुनाव आयोग बिहार में चुनावी तैयारियों का जायजा लेने के लिए 4 और 5 अक्टूबर को पटना का दौरा करेगा। सूत्रों की ओर से बताया गया है कि विधानसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा अगले हफ्ते हो सकती है।

वही कयास लगाए जा रहे हैं कि पहले चरण की वोटिंग छठ पर्व के तुरंत बाद अक्टूबर के अंत में होने की संभावना है। चुनाव आयोग बिहार में चुनाव और कुछ राज्यों में उपचुनावों के लिए 470 पर्यवेक्षकों को तैनात करने जा रहा है।

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फिर दहला पाकिस्तान, क्वेटा बम धमाका: 10 की मौत और 30 से ज्यादा घायल

पड़ोसी देश पाकिस्तान बम धमाकों से फिर दहल उठा है। वहां के अशांत बलूचिस्तान प्रांत की राजधानी क्वेटा में भीषण बम विस्फोट हुआ। जिसमें अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 30 लोग घायल हुए हैं। मरने वालों में फ्रंटियर कॉर्प्स के जवान भी शामिल हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक धमाका बहुत जोरदार था। धमाका होते ही धुएं का गुबार आसमान में छा गया और वहां अफरा-तफरी मच गई।

उनके मुताबिक इस धमाके में कई लोग घायल हुए हैं। धमाके की भीषणता को देखते हुए वहां के अस्पतालों में इरजेंसी घोषित कर दी गई है। सभी डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ, नर्सों को ड्यूटी पर मौजूद रहने का निर्देश दिया गया है और सभी की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। यह विस्फोट फ्रंटियर कोर मुख्यालय में हुआ है।

फ्रंटियर कॉर्प्स मुख्यालय के पास हुआ धमाका

अधिकारियों ने बताया कि क्वेटा शहर के पूर्वी हिस्से में फ्रंटियर कॉर्प्स (FC) मुख्यालय के पास ये धमाका हुआ है। अधिकारी के मुताबिक, शक्तिशाली विस्फोट के बाद वहां भारी गोलीबारी भी हुई है। मॉडल टाउन और आसपास के इलाकों में सुनाई देने वाले इस विस्फोट से आस-पास के घरों और व्यावसायिक इमारतों की खिड़कियों के शीशे टूट गए, जिससे इलाके में दहशत फैल गई। इसके तुरंत बाद, इलाके में गोलियों की तड़तड़ाहट गूंजने लगी, जिससे निवासियों में दहशत फैल गई।

क्वेटा के ज़रघून रोड के पास धमाका

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, यह विस्फोट क्वेटा के ज़रघून रोड के पास हुआ। पुलिस के हवाले से इसमें कहा गया है कि शुरुआती जानकारी के मुताबिक विस्फोट में छह लोगों की मौत हो गई है। स्वास्थ्य सचिव मुजीबुर रहमान के हवाले से डॉन अखबार ने बताया कि बलूचिस्तान स्वास्थ्य विभाग ने शहर भर के अस्पतालों में आपातकाल घोषित कर दिया है।

रहमान ने कहा, सभी सलाहकारों, डॉक्टरों, फार्मासिस्टों, स्टाफ नर्सों और पैरामेडिकल कर्मचारियों को अस्पतालों में मौजूद रहने का निर्देश दिया गया है। अखबार ने प्रांतीय स्वास्थ्य विभाग के मीडिया समन्वयक डॉ. वसीम बेग के हवाले से कहा, विस्फोट में घायल लोगों को सिविल अस्पताल के दुर्घटना एवं आपातकालीन विभाग और ट्रॉमा सेंटर लाया गया।

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200 करोड़ की संपत्ति बनाई अब इस्तीफा दें अशोक चौधरी – प्रशांत किशोर

जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर (पीके) ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि अशोक चौधरी की संपत्ति पर जो बात कही गई है हम उस पर कायम हैं। इन्होंने 200 करोड़ की संपत्ति अर्जित की है। प्रशांत किशोर ने कहा कि अशोक चौधरी ने कैमरे पर कहा था कि अगर उनके पास एक कट्ठा भी जमीन हुई तो वह जन सुराज की गुलामी करेंगे। प्रशांत किशोर ने जमीन के कागजात जारी होने का दावा करते हुए कहा कि अगर जमीन है तो वह इस्तीफा दें और बिहार के लोगों की गुलामी के लिए तैयार हों।

कानूनी कार्रवाई की धमकी – प्रशांत किशोर

प्रशांत किशोर घोषणा की कि वे इस मामले को लेकर राज्यपाल और कोर्ट के पास जाएंगे और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे। प्रशांत किशोर ने खुलासा किया कि अशोक चौधरी ने उन्हें 100 करोड़ रुपये की मानहानि का नोटिस भेजा था, लेकिन अब वह कानूनी कार्रवाई से पीछे हट रहे हैं। पीके ने चौधरी को 5 दिन के अंदर लीगल नोटिस वापस लेने की मांग की, ऐसा न करने पर वे 500 करोड़ रुपये की और अवैध संपत्ति का खुलासा करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अगर चौधरी ने 7 दिन के अंदर माफी नहीं मांगी कि उन्होंने झूठा नोटिस दिया था, तो वे 500 करोड़ की और संपत्ति का खुलासा करेंगे।

कॉन्ट्रैक्ट में 5% कमीशन लिया – प्रशांत किशोर

प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया कि चौधरी ने 20,000 रुपये से अधिक के कॉन्ट्रैक्ट में 5% कमीशन लिया है। माफी नहीं मांगने पर कमीशन देने वाले लोगों को सामने लाने की बात कही। पीके ने वैभव विकास ट्रस्ट पर भी सवाल उठाए, जिसके बारे में उन्होंने दावा किया कि अशोक चौधरी की बेटी की सगाई के बाद पिछले 1 साल में न्यास द्वारा 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति खरीदी गई है। उन्होंने ट्रस्ट के सदस्यों, जिनमें जिया लाल आर्य, अनीता कुणाल (किशोर कुणाल की पत्नी) और मुख्य सचिव की सास शामिल हैं, प्रेस के सामने आकर यह बताने को कहा कि 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति खरीदने का पैसा कहां से आया।

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आई लव मोहम्मद, रंगोली पर बवाल: अहिल्यानगर में तनाव, 30 हिरासत में

महाराष्ट्र के अहिल्यानगर से बड़ी खबर सामने आई है। यहां भी ‘आई लव मोहम्मद’ को लेकर बवाल हुआ है। पुलिस के मुताबिक, “कुछ अज्ञात लोगों ने आई लव मोहम्मद की एक रंगोली तैयार की। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने इसे मोहम्मद पैगंबर का अपमान समझा और बड़ी संख्या में पुलिस स्टेशन के बाहर प्रदर्शन करने के लिए जमा हुए। अहिल्यानगर पुलिस ने एक प्रदर्शन के हिंसक होने के बाद 30 लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस को मौके पर स्थिति को काबू करने के लिए थोड़ी लाठीचार्ज भी करनी पड़ी। यह घटना आज सुबह करीब 7 बजे शुरू हुई। नवरात्रि उत्सव के दौरान किसी ने एक रंगोली बनाई थी, जिसमें मुस्लिम समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक तत्व शामिल थे।

2 लोगों के खिलाफ केस दर्ज, एक गिरफ्तार

पुलिस ने बताया, “घटना को संज्ञान में लेते हुए स्थिति को नियंत्रित करने के लिए जिन लोगों ने रंगोली बनाई, उनकी पहचान की गई और 2 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया। एक आरोपी पुलिस की गिरफ्त में है। भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को कुछ जगहों पर हल्के बल का प्रयोग करना पड़ा। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने कई जगहों पर लोगों को समझाया कि इस पूरे प्रकरण में पुलिस ने अपनी तरफ से कार्रवाई कर ली है। लेकिन उसके बावजूद भीड़ में मौजूद कुछ अराजक तत्वों ने हंगामा जारी रखा। पुलिस की मानें तो फिलहाल शहर में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है और किसी भी प्रकार की अफवाह पर भरोसा न करने को कहा गया है।

हिरासत में 30 लोग

पुलिस ने अब तक 30 लोगों को हिरासत में लिया है। भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने हल्के बल का प्रयोग किया है और शहर में पुलिस बंदोबस्त लगाया गया है। पुलिस की मानें तो अब स्थिति को नियंत्रण में कर लिया गया है और पुलिस की टीम अलग-अलग जगह पर तैनात कर दी गई है।

कुछ अज्ञात लोगों ने सड़क पर लिखा आई लव मोहम्मद

प्राथमिक रूप से मिली जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र के अहिल्यानगर में आई लव मोहम्मद का नाम कुछ अज्ञात लोगों ने सड़क पर लिखा था। आरोप है कि ऐसा कर धार्मिक भावनाओं को आहत किया गया, जिससे नाराज सैकड़ों मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शहर की कोतवाली पुलिस स्टेशन के सामने आंदोलन किया। पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड में है।

पुलिस ने किसी प्रकार की अफवाहों पर भरोसा ना करने की अपील की है, एक आरोपी पुलिस हिरासत में है। आगे जांच की जा रही है। बता दें कि देश में इस समय ‘आई लव मोहम्मद’ और ‘आई लव महादेव’ के पोस्टर्स को लेकर एक नई बहस छिड़ी हुई है और तमाम लोग इस मुद्दे को लेकर सड़क पर प्रदर्शन भी कर रहे हैं।

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करूर भगदड़: टीवीके की सीबीआई जांच की मांग, मामला पहुंचा हाईकोर्ट

तमिलनाडु के करूर में अभिनेता-राजनीतिज्ञ विजय की पार्टी तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) की रैली के दौरान मची भगदड़ ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है। इस दर्दनाक हादसे में 10 बच्चों समेत 40 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हो गए। अब यह मामला अदालत के दरवाजे पर पहुंच गया है। आपको बता दे टीवीके प्रमुख विजय की करूर रैली में जहां 10,000 लोगों की क्षमता थी, वहां करीब 27,000 लोग पहुंच गए। डीजीपी के अनुसार, विजय जैसे ही कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे और उनका वाहन अंदर दाखिल हुआ। वह पहले से मौजूद बड़ी संख्या में कार्यकर्ता भी उनके साथ अंदर घुस आए और पहले से मौजूद भीड़ में मिल गए। इससे अचानक भीड़ का दबाव बढ़ गया और हालात बिगड़ गए।

विजय ने किया मुआवजे ऐलान, सीएम स्टालिन पहुंचे अस्पताल

अभिनेता विजय ने अपने संदेश में कहा कि उनका दिल टूट गया है और वह गहरे दुख में हैं। उन्होंने मृतकों के परिवारों को 20-20 लाख रुपये और घायलों को 2-2 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की। विजय ने कहा “यह अपूरणीय क्षति है। आपके परिवार के सदस्य के रूप में मैं इस दुख में आपके साथ हूं। वही दूसरी तरफ तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन भी करूर पहुंचे और अस्पताल में घायलों से मुलाकात की। उन्होंने पीड़ित परिवारों को हरसंभव सरकारी मदद का भरोसा दिलाया और कहा कि सभी जरूरी चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

हाईकोर्ट से स्वतंत्र जांच की मांग – टीवीके

टीवीके ने बताया कि वह इस हादसे की स्वतंत्र जांच के लिए मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच का दरवाजा खटखटाएगी। पार्टी का आरोप है कि यह भगदड़ आकस्मिक नहीं बल्कि ‘साजिश’ का परिणाम थी। टीवीके ने भीड़ में पथराव और कार्यक्रम स्थल पर पुलिस लाठीचार्ज की ओर भी इशारा किया। टीवीके के वकील अरिवाझगन ने एक निजी चैनल को बताया कि पार्टी ने मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है, जिसमें अदालत से विशेष जांच दल (SIT) गठित करने या मामले को केंद्रीय एजेंसी सीबीआई को सौंपने की मांग की गई है।

अरिवाझगन ने राज्य सरकार के इस दावे को खारिज कर दिया कि करूर रैली में सुरक्षा दिशानिर्देशों का उल्लंघन हुआ था। सूत्रों के अनुसार, मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस एन. सेंथिलकुमार सोमवार शाम 4:30 बजे इस मामले में दायर तत्काल याचिका पर सुनवाई करेंगे। याचिका में मांग की गई है कि करूर भगदड़ की जांच पूरी होने तक टीवीके को किसी भी सार्वजनिक सभा आयोजित करने से रोका जाए।

टीवीके प्रमुख के आने से पहले हुई बत्ती गुल

बता दे कि हादसे के गवाहों ने बताया कि विजय के आने से ठीक पहले अचानक बिजली गुल हो गई। संकरी सड़कों और बढ़ती भीड़ ने अफरा-तफरी को और बढ़ा दिया। भगदड़ के बीच कई परिवार बिछड़ गए, महिलाएं और बच्चों का दम घुटने लगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट्स में भी कई मौतों का कारण दम घुटना सामने आया है। घटना स्थल पर बिखरे जूते-चप्पल, फटे कपड़े और टूटी बोतलें हादसे की भयावहता बयान कर रही थीं।

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करोड़पति कानूनगो बस 1 गलती और शिकंजे मे, डिमोशन कर बनाया लेखपाल

कानपुर में भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां कानूनगो आलोक दुबे की एक गलती ने उनके काले कारनामों की पोल खोल दी। जांच में उनके पास 41 संपत्तियों का खुलासा हुआ है। जमीन के अवैध बैनामा (विक्रय विलेख) के मामले में फंसने के बाद जिलाधिकारी (डीएम) के आदेश पर आलोक दुबे को कानूनगो के पद से हटाकर लेखपाल बना दिया गया है। आरोपी कानूनगो के खिलाफ मार्च 2025 में एफआईआर दर्ज की गई थी। इस पर जल्द चार्जशीट दाखिल होने की संभावना है।

41 संपत्तियों का खुलासा और कार्रवाई

मार्च 2025 में थाना कोतवाली में एफआईआर दर्ज होने के बाद आलोक दुबे के खिलाफ विभागीय जांच शुरू हुई, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें निलंबित कर दिया गया। सहायक महानिरीक्षक निबंधन की रिपोर्ट ने चौंकाने वाला खुलासा किया कि दुबे 41 संपत्तियों में संलिप्त थे। जांच में यह भी सामने आया कि उन्होंने विवादित जमीनों के अवैध बैनामे किए, बिना अनुमति संपत्तियों की खरीद-फरोख्त की, और सरकारी आचरण नियमों का उल्लंघन किया।

क्या थी कानूनगो आलोक दुबे की एक गलती ?

कानूनगो आलोक दुबे की मुश्किलें तब शुरू हुईं, जब संदीप सिंह नामक व्यक्ति की शिकायत पर सिंहपुर कठार और रामपुर भीमसेन की विवादित जमीनों की जांच हुई। ये जमीनें न्यायालय में विचाराधीन थीं, और न तो विक्रेता का नाम खतौनी में दर्ज था, न ही इनके बिक्री की कानूनी अनुमति थी। इसके बावजूद, आलोक दुबे ने 11 मार्च 2024 को इन जमीनों पर पहले वरासत (उत्तराधिकार) दर्ज की और उसी दिन बैनामा भी कर दिया। इसके बाद, गाटा संख्या 207 की जमीन 19 अक्टूबर 2024 को आरएन इंफ्रा नामक निजी कंपनी को बेच दी गई। जांच में पाया गया कि दुबे ने अपने पद का दुरुपयोग किया, मिलीभगत की और हितों के टकराव को बढ़ावा दिया। यह गलती उनकी गिरफ्तारी का कारण बनी।

कानूनगो के पद से हटाकर लेखपाल बनाया

जिलाधिकारी ने सख्त रुख अपनाते हुए दुबे को कानूनगो के पद से हटाकर लेखपाल बना दिया। इस मामले में क्षेत्रीय लेखपाल अरुणा द्विवेदी की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है। डीएम ने स्पष्ट किया कि राजस्व अभिलेखों में धोखाधड़ी और साठगांठ जैसे अपराध जनता के विश्वास को तोड़ते हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

आरोपी कानूनगो आलोक दुबे के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई एसडीएम सदर स्तर पर जारी है। पुलिस जल्द ही इस मामले में चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी कर रही है। यह मामला राजस्व प्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

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पीके के बाद तेजस्वी भी जोश में आए, कहा – सबके भ्रष्टाचार का करेंगे खुलासा

बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों पर में भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि है कि राज्य में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। तेजस्वी यादव ने अपने सरकारी आवास पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कोई ऐसा विभाग बचा नहीं है जहां घोटाले नहीं हैं। इस पर मुख्यमंत्री को सामने आकर जवाब देना चाहिए। जन सुराज के प्रशांत किशोर पहले ही सरकार के मंत्री अशोक चौधरी, मंगल पांडे, सम्राट चौधरी, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल और बीजेपी सांसद पर करप्शन के गंभीर आरोप लगा चुके हैं।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जदयू-भाजपा से अधिक बिहार के भ्रष्ट अधिकारी डरे हुए हैं। खासकर डीके गिरोह की छत्र छाया में काम कर रहे। अधिकारी अधिक चिंतित हैं। इन्हीं अधिकारियों ने पिछली बार विपक्ष को सत्ता में आने से रोका था। लेकिन इस बार जनता सतर्क और सचेत है। महागठबंधन सरकार बनने पर ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों की खैर नहीं। तेजस्वी यादव ने कहा कि इंजीनियर के यहां करोड़ों की संपत्ति मिल रही है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। अधिकारी, मंत्री अपने बेटे-बेटी, नाते-रिश्तेदारों के नाम पर देश-दुनिया में निवेश कर रहे हैं। सबकी सूची मेरे पास है जिसका आने वाले दिनों में खुलासा किया जाएगा।

पीएम ने 31 घोटाले गिनाए – तेजस्वी यादव

पीएम ने एक सभा में 31 घोटाले गिनाए थे। ईडी-सीबीआई उनके पास ही है तो क्यों नहीं कार्रवाई हो रही है। लेकिन,भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने पर विपक्ष पर ही कार्रवाई हो रही है। इससे पहले प्रशांत किशोर ने कहा था कि जदयू-बीजेपी के नेताओं और सरकार के मंत्रियों ने पद और प्रभाव का दुरुपयोग करते हुए भ्रष्टाचार को अंजाम दिया। पीके के मुताबिक मंत्री अशोक चौधरी ने अपने प्रभाव से 200 करोड़ से अधिक मूल्य की जमीन खरीदी। सभी जमीनें अशोक चौधरी की बेटी की सगाई के बाद से लेकर विवाह होने तक खरीदी गईं। प्रशांत के आरोपों पर अशोक चौधरी ने उन्हें 100 करोड़ की मानहानि का लीगल नोटिस भेजा। पीके ने इसका जवाब दे दिया है।

अल्पसंख्यक मेडिकल कॉलेज पर किया कब्ज़ा – पीके

पीके ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय पर दिलीप जायसवाल से पैसे लेकर मेडिकल कॉलेज को मान्यता दिलाने में मदद करने और दिल्ली में पत्नी के नाम फ्लैट खरीदने का आरोप लगाया। मंलग पांडे का जवाब आने के बाद कहा कि दिलीप जायसवाल से 25 लाख कर्ज लेने की बात कर रहे हैं जबकि उनकी पत्नी के बैंक खाते में 2.13 करोड़ रुपये थे। यह राशि कहां से आई, इसका भी हिसाब देना चाहिए। उन्होंने दिलीप जायसवाल पर अल्पसंख्यक मेडिकल कॉलेज पर गलत तरीके अपनाकर कब्जा कर लेने और राजेश साह की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया। कहा कि नेताओं और अधिकारियों के संबंधियों को कॉलेज में दाखिला देकर डॉक्टर बनाया। तत्कालीन एसपी और जांच प्रभारी से मिलीभगत कर उन्होंने राजेश साह मर्डर केस को रफा-दफा कराया। राजेश की हत्या मामले में मां और बहन की ओर से उच्च न्यायालय में याचिका दायर कराई गई है।

बिल के भुगतान फर्जी और बढ़ा कर लिया – पीके

प्रशांत ने डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी पर बार-बार नाम बदलने और सातवीं पास होने के बावजूद गलत तरीके से डीलिट की उपाधि लेने का आरोप लगाया। कहा कि कामराज यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट होने की बात करते हैं जो यूनिवर्सिटी है ही नहीं। मैट्रिक पास किया नहीं और यूनिवर्सिटी आफ कैलिफोर्निया से डीलिट की उपाधि ले ली। पीके ने सांसद संजय जायसवाल के बारे में कहा कि पेट्रोल पंप के लिए फोर लेन सड़क का अलाएनमेंट बदलवा दिया।

वही साथ ही फर्जी बिल बनाकर अपने भाई के पंप से नगर निगम के नाम पर इंधन घपला करने का आरोप लगाया। पीके ने बताया कि नगर निगम की सफाई की गाड़ियों के बिल के नाम पर पांच करोड़ 86 लाख का भुगतान पेट्रोल पंप को नगर निगम ने किया। स्थाई समिति की पांच बैठकों में यह पाया गया कि इनमें से ज्यादातर भुगतान फर्जी थे और ज्यादा बढ़ा कर लिया गए थे। 15 अगस्त के बाद से उनके भाई के पंप से इंधन लेने पर रोक लगा दी गयी।

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कब्रिस्तान विवाद को लेकर दो गुटों में फायरिंग, इलाका पुलिस छावनी में तब्दील

बिहार के मुंगेर ज़िले में कब्रिस्तान की ज़मीन को लेकर दो गुटों के बीच ज़बरदस्त विवाद हो गया। यह विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों तरफ से जमकर पथराव और फायरिंग हुई, जिसमें कम से कम दो लोग घायल हो गए हैं। तनाव को देखते हुए पूरे इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है और 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यह घटना सफ़ियासराय थाना क्षेत्र के फरदा गाँव में आज सुबह हुई। बताया जाता है कि कब्रिस्तान की ज़मीन की घेराबंदी को लेकर दो गुटों में बहस शुरू हुई, जिसने देखते ही देखते हिंसक रूप ले लिया।

इस दौरान गोलियाँ भी चलीं और पथराव भी हुआ। गंगा स्नान करके घर लौट रहे एक युवक अंकुश कुमार गोलीबारी की चपेट में आ गया और उसके पैर में गोली लग गई। उसे तुरंत मुंगेर सदर अस्पताल ले जाया गया, जहाँ प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है। एक अन्य घायल व्यक्ति ने बताया कि पेट्रोल पंप पर उसे दूसरे गुट के लोगों ने पीटकर घायल कर दिया।

https://x.com/munger_police/status/1971868211579965533

क्यों हुआ विवाद ?

बताया जाता है कि साफियशराय थाना क्षेत्र के फरदा गांव में आज सुबह कब्रिस्तान की जमीन की घेराबंदी को लेकर दो गुटों के बीच विवाद हो गया। देखते ही देखते यह विवाद इतना बढ़ गया कि गोलियां भी चलने लगीं और पथराव भी होने लगा। इसी बीच गंगा स्नान कर अपने घर को जा रहा युवक अंकुश कुमार गोलीबारी की चपेट में आ गया। उसके पैर में गोली लग गई। उसे इलाज के लिए मुंगेर सदर अस्पताल मे भर्ती कराया गया जहां पर प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर भेज दिया गया।

दोनों पक्षों के लोग गिरफ्तार

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मामले को शांत कराया। इस मामले में दोनों पक्षों के करीब 20 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। इस झड़प का वीडियो भी सामने आया है जिसमें साफ देखा जा सकता है कि लोग एक दूसरे को गाली गलोज करते हुए पथराव करते हुए भी नजर आ रहे हैं,वहीं इस मामले घायल एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि वो पेट्रोल लेने पेट्रोल पंप पर गया था तो दूसरे समुदाय के लोगों ने पेट्रोल पंप मे घुस कर उसकी पिटाई कर दी जिसमें वो बुरी तरह से घायल हो गया।

पूरा इलाका पुलिस छावनी में तब्दील

वहीं इस मामले सूचना मिलते ही पुलिस ने मौका-ए- वारदात पर पहुंच कर हालात को काबू में किया। फिलहाल पुलिस फोर्स घटनास्थल पर कैम्प कर रही है। घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें लोग एक-दूसरे को गाली-गलौज करते हुए पथराव करते नज़र आ रहे हैं। मुंगेर के एसपी सैय्यद इमरान मसूद खुद घटनास्थल पर कैंप कर रहे हैं। पुलिस ने दोनों पक्षों के करीब 20 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए फरदा गाँव को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है और पुलिस बल लगातार कैंप कर रहा है।

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