कोलकाताः रविवार का दिन सूर्य देव की पूजा स्तुति को समर्पित है। अगर आपके मन में कई सारी इच्छाएं और मनोकामनाएं है तो आप रविवार का व्रत कर सकते है। सूर्य देव का व्रत सबसे श्रेष्ठ माना जाता है, क्योंकि यह व्रत सुख और शांति देता है। पौराणिक धार्मिक ग्रंथों में भगवान सूर्य के अर्घ्यदान का विशेष महत्व बताया गया है। प्रतिदिन प्रात:काल में तांबे के लोटे में जल लेकर और उसमें लाल फूल, चावल डालकर प्रसन्न मन से सूर्य मंत्र का जाप करते हुए भगवान सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए। इस अर्घ्यदान से भगवान सूर्य प्रसन्न होकर आयु, आरोग्य, धन, धान्य, पुत्र, मित्र, तेज, यश, विद्या, वैभव और सौभाग्य को प्रदान करते हैं।
सूर्य पूजा में करें इन नियमों का पालन
प्रतिदिन सूर्योदय से पहले ही शुद्ध होकर और स्नान से कर लेना चाहिए
नहाने के बाद सूर्यनारायण को तीन बार अर्घ्य देकर प्रणाम करें
संध्या के समय फिर से सूर्य को अर्घ्य देकर प्रणाम करें
सूर्य के मंत्रों का जाप श्रद्धापूर्वक करें
आदित्य हृदय का नियमित पाठ करें
स्वास्थ्य लाभ की कामना, नेत्र रोग से बचने एवं अंधेपन से रक्षा के लिए ‘नेत्रोपनिषद्’ का प्रतिदिन पाठ करना चाहिए
रविवार को तेल, नमक नहीं खाना चाहिए तथा एक समय ही भोजन करना चाहिए
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