हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को विजया एकादशी होती है. विजया एकादशी के दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है. इस व्रत के पुण्य और भगवान श्रीहरि विष्णु की कृपा से व्यक्ति को कार्यों में विजय प्राप्त होती हैं, शत्रुओं पर जीत हासिल होती है, मृत्यु के बाद मोक्ष भी प्राप्त होता है. विजया एकादशी का अर्थ ही है विजय देने वाली एकादशी. जो व्रत करता है, उसे विजय की प्राप्ति होती है. जो लोग व्रत रखते हैं, वे पूजा के समय विजया एकादशी व्रत कथा का श्रवण अवश्य करते हैं, जिससे उनको व्रत का महत्व पता चलता है और पूर्ण फल भी व्रत का मिलता है. आइए जानते हैं कि विजया एकादशी कब है, पूजा मुहूर्त एवं पारण समय क्या है?
विजया एकादशी 2022 तिथि एवं मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ 26 फरवरी दिन शनिवार को सुबह 10 बजकर 39 मिनट से हो रहा है, जो अगले दिन 27 फरवरी दिन रविवार को प्रात: 08 बजकर 12 मिनट तक है. उदयातिथि के आधार पर 27 फरवरी को विजय एकादशी व्रत रखना चाहिए.
इस साल विजया एकादशी व्रत सर्वार्थ सिद्धि योग एवं त्रिपुष्कर योग में हैं. ये दोनों ही योग 27 फरवरी को प्रात: 08 बजकर 49 मिनट से प्रारंभ हो जाएंगे और अगले दिन 28 फरवरी को सर्वार्थ सिद्धि योग का समापन प्रात: 06 बजकर 48 मिनट पर होगा और त्रिपुष्कर योग का समापन प्रात: 05 बजकर 42 मिनट पर होगा.
विजय एकादशी के दिन शुभ मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से दोपहर 12 बजकर 57 मिनट तक है. इस दिन राहुकाल शाम 04 बजकर 53 मिनट से शाम 06 बजकर 19 मिनट तक है.
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विजया एकादशी 2022 पारण
जो लोग विजया एकादशी का व्रत रहेंगे, उनको व्रत का पारण 28 फरवरी को प्रात: 06 बजकर 48 मिनट से सुबह 09 बजकर 06 मिनट के मध्य कर लेना चाहिए. हालांकि द्वादशी तिथि का समापन सूर्योदय से पूर्व हो जा रहा है.