डिजिटल डेस्क : सीमा पर अड़ियल और आक्रामक रुख अख्तियार करने वाले चीन को भारत ने अपनी ही भाषा में जवाब दिया है। हालाँकि, यह उत्तर कुछ ऐसा है जो आहत करेगा लेकिन ध्वनि नहीं करता है। दरअसल, भारत सोमवार से 152 देशों के लिए ई-वीजा सुविधाओं को पुनर्जीवित कर रहा है, लेकिन इस बार चीन, हांगकांग और मकाऊ को सूची से हटा दिया गया है। वहीं, ताइवान, वियतनाम, सिंगापुर और अमेरिका समेत 152 देशों के नागरिक भारत में ई-वीजा सुविधा का लाभ उठा सकेंगे।
चीन के अलावा, भारत ने आपसी सहयोग की कमी के कारण कनाडा, यूनाइटेड किंगडम, ईरान, मलेशिया, इंडोनेशिया और सऊदी अरब को सूची से बाहर कर दिया है। इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, इससे पहले चीन समेत 161 देशों के लिए ई-वीजा उपलब्ध था। माना जाता है कि चीन को ई-वीजा सुविधा से बाहर रखने का फैसला पूर्वी लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश में चीन के साथ चल रहे तनाव और चीनी सैनिकों द्वारा उत्तराखंड में घुसपैठ करने के निरंतर प्रयासों के कारण हुआ है।
भारत ने चीन को उन 171 देशों की सूची में शामिल किया है जो चीनी पर्यटकों के लिए प्री-रेफरल श्रेणी (पीआरसी) में ढील देते हुए ई-वीजा प्राप्त कर सकते हैं। चीन, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, इराक और सूडान के अलावा, पाकिस्तानी मूल के विदेशियों और अन्य देशों के स्टेटलेस व्यक्तियों को भी पीआरसी के तहत छूट दी गई थी। हालांकि, मार्च 2020 में यात्रा प्रतिबंध की घोषणा के बाद से कोरोना महामारी के कारण सभी प्रकार के ई-वीजा पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
इसके बाद, अगस्त 2020 में, सरकार ने अंतरराष्ट्रीय यात्रा नियमों में ढील दी और एयर बबल योजना के तहत अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस के विदेशी नागरिकों को भारत में प्रवेश करने की अनुमति दी। दो महीने के बाद, इलेक्ट्रॉनिक, पर्यटक और चिकित्सा श्रेणियों को छोड़कर सभी श्रेणियों के लिए वीजा माफ कर दिया गया है।
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गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार 6 अक्टूबर से पहले जारी मौजूदा ई-वीजा और सामान्य पर्यटक वीजा निलंबित रहेंगे। वहीं सिंगल एंट्री के लिए इस्तेमाल होने वाले नए वीजा जारी होने के 120 दिनों के भीतर जारी कर दिए जाएंगे।