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फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम : कहां, कब और कितना करें निवेश ?

अगर आप अपने पैसे को सुरक्षित रखना चाहते हैं और थोड़ी सी कमाई भी करना चाहते हैं, तो बैंकों की फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) स्कीम आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकती है। यह एक ऐसी स्कीम है, जिसमें आप बैंक को एक तय समय के लिए अपना पैसा जमा करते हैं और बदले में आपको ब्याज मिलता है। अब सवाल ये है कि यह स्कीम कितनी फायदेमंद है, कहां और कब निवेश करना चाहिए, और कितना निवेश करना सही रहेगा ? आइए, इन सभी सवालों का आसान तरीके से जवाब समझते हैं।

फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) क्या है ?

एफडी यानी फिक्स्ड डिपॉजिट एक ऐसी स्कीम है, जिसमें आप बैंक में अपनी रकम जमा करते हैं और बैंक आपको उस पर एक तय ब्याज देता है। ब्याज की दर पहले से तय रहती है और यह पूरी अवधि के लिए समान रहती है, चाहे बाजार में ब्याज दरें ऊपर-नीचे हों। फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) को आमतौर पर कुछ महीनों से लेकर 5 साल तक के लिए खोला जा सकता है।

फिक्स्ड डिपॉजिट के फायदे

1. सुरक्षा : एफडी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह बहुत ही सुरक्षित है। जब आप अपना पैसा बैंक में जमा करते हैं, तो आपका पैसा सुरक्षित रहता है। इसके अलावा, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियमों के तहत, 5 लाख रुपये तक की जमा राशि को बीमा भी मिलता है, यानी अगर बैंक किसी कारण से दिवालिया हो जाता है तो भी आपका पैसा सुरक्षित रहेगा।

2. निश्चित ब्याज और रिटर्न : एफडी में जो ब्याज मिलता है, वह पहले से तय होता है और यह तय समय तक नहीं बदलता। इस कारण से आपको पहले से पता होता है कि आप किसे रिटर्न की उम्मीद कर सकते हैं। यह खासतौर पर उन लोगों के लिए अच्छा है जो अपनी भविष्य की योजनाओं के लिए एक सुनिश्चित रिटर्न चाहते हैं, जैसे बच्चों की पढ़ाई या शादी के लिए कर सकते है।

3. आसान प्रक्रिया : एफडी में निवेश करना बहुत ही आसान है। आप किसी भी बैंक या पोस्ट ऑफिस में जा सकते हैं, अपनी राशि और समय तय कर सकते हैं और जमा कर सकते हैं। इसके बाद आपको एक प्रमाण पत्र मिलेगा, जो आपके निवेश का सबूत होगा।

4. लिक्विडिटी : हालांकि एफडी को एक तय समय के लिए लॉक किया जाता है, लेकिन अगर आपको अचानक पैसे की जरूरत पड़ जाए। तो आप एफडी को पहले भी तुड़वा सकते हैं। हालांकि, ऐसा करने पर आपको कुछ ब्याज की कटौती हो सकती है। लेकिन फिर भी आपका पैसा वापस मिल जाएगा।

5. कर लाभ : कुछ खास प्रकार की एफडी स्कीम्स जैसे 5 साल की टैक्स सेविंग एफडी, आयकर में छूट दिलाती हैं। इस स्कीम में निवेश करने पर आपको 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट मिल सकती है।

कहां करें निवेश ?

बैंक : एफडी में निवेश करने का सबसे आम तरीका बैंक है। चाहे सरकारी बैंक हो या निजी बैंक, दोनों में एफडी के अच्छे विकल्प होते हैं। सरकारी बैंकों के मुकाबले निजी बैंकों में ब्याज दरें थोड़ी ज्यादा हो सकती हैं।

पोस्ट ऑफिस : भारतीय पोस्ट ऑफिस भी एफडी की सुविधा देता है। यहां एफडी की ब्याज दरें बैंकों से थोड़ी अधिक होती हैं और यह भी एक सुरक्षित विकल्प है।

नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां (NBFCs) : कुछ नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां (NBFCs) भी एफडी की पेशकश करती हैं। लेकिन इनकी सुरक्षा बैंक एफडी जैसी नहीं होती। इसलिए इनका चुनाव करते वक्त थोड़ा ध्यान रखना चाहिए।

कब करें निवेश ?

ब्याज दरें बढ़ने पर : अगर आपको लगता है कि ब्याज दरें बढ़ने वाली हैं। तो आप लंबी अवधि के लिए एफडी में निवेश कर सकते हैं, ताकि ज्यादा ब्याज मिले।

बाजार की अस्थिरता : जब शेयर बाजार या अन्य निवेश विकल्प अस्थिर होते हैं, तो एफडी एक सुरक्षित विकल्प हो सकता है। इसके अलावा अगर आप जोखिम से बचना चाहते हैं तो एफडी एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

संकट के समय : अगर आपको लगता है कि आने वाले समय में आपको पैसों की जरूरत पड़ सकती है, तो एफडी में निवेश करना सुरक्षित रहेगा। यह आपको भविष्य में एक तय रिटर्न देगा।

कितना निवेश करें ?

एफडी में कितना निवेश करना चाहिए, यह आपके वित्तीय लक्ष्य और जरूरतों पर निर्भर करता है।

रिटायरमेंट के लिए निवेश : अगर आप रिटायरमेंट के बाद अपनी आय को सुनिश्चित करना चाहते हैं, तो एफडी में निवेश करना अच्छा हो सकता है। आप अपनी रिटायरमेंट की जरूरतों के हिसाब से एफडी में पैसा जमा कर सकते हैं। हालांकि, लंबी अवधि के लिए भी अन्य विकल्प जैसे म्यूचुअल फंड्स या शेयर बाजार को भी देख सकते हैं।

आपातकालीन निधि : एफडी एक अच्छा आपातकालीन कोष बनाने के लिए भी उपयोगी है। अगर आप किसी आकस्मिक परिस्थिति में फंस जाएं, तो आप एफडी से पैसा निकाल सकते हैं। हालांकि, आपको यह ध्यान रखना होगा कि यदि आप एफडी जल्दी तुड़वाते हैं। तो आपको थोड़ी सी ब्याज की कमी हो सकती है।

निवेश राशि : कितना निवेश करना चाहिए, यह आपकी वित्तीय स्थिति पर निर्भर करता है। आमतौर पर लोग अपनी बचत का 10% से 20% हिस्सा एफडी में निवेश करते हैं। ताकि उन्हें सुरक्षा के साथ कुछ रिटर्न भी मिल सके। इसके अलावा आपको यह भी देखना चाहिए कि आपकी बाकी बचत और निवेश कहां हैं और एफडी में कितना निवेश करना आपको बेहतर लगता है।

फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश से पहले ध्यान रखें ये बातें

ब्याज दर : एफडी में निवेश करने से पहले यह जरूर देखें कि वर्तमान में बैंक की ब्याज दरें क्या हैं। बाजार में उतार-चढ़ाव के हिसाब से ब्याज दरों में बदलाव हो सकता है, इसलिए समय-समय पर इसे चेक करें।

कंपाउंडिंग का फायदा : एफडी में ब्याज कंपाउंड होता है यानी ब्याज पर ब्याज मिलता है। अगर आप चाहें तो ब्याज का भुगतान मासिक, त्रैमासिक या वार्षिक करवा सकते हैं। कंपाउंडिंग से आपके रिटर्न में बढ़ोतरी हो सकती है।

कर की बातें : एफडी पर मिलने वाली ब्याज राशि पर टैक्स लगता है। अगर आपकी ब्याज आय 40,000 रुपये से ज्यादा है। तो आपको टैक्स चुकाना पड़ सकता है।

लॉक-इन अवधि : एफडी की लॉक-इन अवधि तय होती है। इसलिए निवेश करने से पहले यह सुनिश्चित करें कि आपको अपनी रकम को कितने समय तक लॉक करना ठीक लगेगा।

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